JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare: बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो बिना किसी कोचिंग के घर पर बैठकर ही JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं। हालाँकि ऐसा नहीं है कि इनमें से सभी स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जो कभी JEE Mains के लिए कोचिंग नहीं लगे होंगे। इनमें से बहुत ने पहले कभी JEE Mains की कोचिंग ली होगी जो अब पूरी हो गई होगी। इसके बाद उन्हें घर बैठ कर ही JEE Mains की तैयारी करनी होती है।

अब ज्यादातर स्टूडेंट्स जो अच्छे कोचिंग संस्थान से पढ़ चुके (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं, जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा, तो उन्हें तो कोचिंग अकैडमी के द्वारा ही पूरा मार्गदर्शन दे दिया जाता है। हालाँकि इनमें से कुछ कोचिंग संस्थान ऐसे भी होंगे जो घर पर JEE Mains की तैयारी किस तरह से की जा सकती है, इसके बारे में नहीं बताते हैं या आधी अधूरी जानकारी देते हैं।

ऐसे में आज का यह आर्टिकल उन सभी स्टूडेंट्स पर फोकस करके लिखा गया है जो घर बैठकर JEE Mains की तैयारी करने को इच्छुक हैं। आज हम आपको स्टेप बाय स्टेप JEE Mains की घर बैठकर तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं।

घर पर JEE Mains की तैयारी कैसे करें?

बहुत से स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि कोचिंग में तो उनका एक सही और स्ट्रिक्ट टाइमटेबल बना हुआ होता है लेकिन घर पर ऐसा संभव नहीं हो पाता (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हम आपको इससे संबंधित हर टिप्स देंगे।

घर पर रहकर भी JEE Mains की अच्छे से तैयारी की जा सकती है लेकिन उसके लिए आपको हमारी हरेक टिप को फॉलो करना होगा। तभी आप JEE Mains की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और उसमें अच्छे नंबर लाकर टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं, आइए जाने।

#1. डे टू डे का टाइम टेबल बनाएं 

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने लिए प्रतिदिन अर्थात डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना। घर पर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) करनी है तो यह सबसे पहला और जरुरी स्टेप हो जाता है। इसके लिए आप कितने घंटे सोने वाले हैं, कितने घंटे किस टॉपिक को पढ़ने वाले हैं, कितने समय का ब्रेक लेने वाले हैं, इत्यादि सब को कवर करना है।

एक तरह से आपके पूरे दिन का शेड्यूल इसमें होना चाहिए। अब आपको टाइम टेबल बनाकर बस उसे यूँ ही छोड़ नहीं देना है या इसे कुछ दिनों तक ही फॉलो नहीं करना है बल्कि आपको इसे हर दिन स्ट्रिक्ट रूप में फॉलो करना है। इससे ही आपकी निरंतरता बनी रहेगी और आप सही ट्रेक पर रहेंगे।

#2. अपनी कोचिंग से जुड़े रहें

अब जो स्टूडेंट्स पहले किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे, उन्हें उनसे जुड़े रहना चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब आपकी वहाँ से कोचिंग पूरी हो गई है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका वहाँ से अब कोई संपर्क नहीं रहा है। आज के समय में कुछ नए कोचिंग संस्थान खुल गए हैं जो अपने एक्स स्टूडेंट्स को कोई राय नहीं देते हैं या उनकी कोई मदद नहीं करते हैं।

वहीं यदि आप भारत के टॉप लेवल के JEE Mains के कोचिंग स्थान देखेंगे जिनमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम आता है, वे अपने अभी के और पुराने स्टूडेंट्स दोनों पर ही बराबर ध्यान देते हैं। वह इसलिए क्योंकि आप उनसे पहले जुड़ चुके हैं और आपका रिजल्ट उनके लिए बहुत मायने रखता है। वे समय-समय पर आपको उचित परामर्श देते रहते हैं।

#3. टॉप स्कोर करने वालो को फॉलो करें 

जो स्टूडेंट्स JEE Mains के एग्जाम में टॉप स्कोर करते हैं, उनके बारे में ऑनलाइन बहुत कुछ डाला जाता है। कई तरह के सोशल मीडिया चैनल पर उनके इंटरव्यू और टिप्स दी जाती है। ऐसे में यह आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा अगर आप उन्हें फॉलो करेंगे।

आपको कई तरह के टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स के ऑनलाइन प्लेटफार्म मिल जाएंगे जहाँ पर वे समय-समय पर कोई ना कोई टिप या अपना अनुभव शेयर करते हुए दिखाई देंगे। इसलिए आपको उन्हें फॉलो करना है ताकि आप उनकी बताई गई टिप्स को फॉलो करके JEE Mains की अच्छे से तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) कर सकें।

#4. डाउट को क्लियर करते रहें 

जब हम घर बैठ कर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो हमारे कई डाउट इकट्ठे होते चले जाते हैं। अब जो स्टूडेंट्स कोचिंग में जाकर JEE Mains की तैयारी कर रहे हैं, वे तो अपने डाउट अपने टीचर से पूछ लेते हैं और उन्हें सोल्व कर लेते हैं लेकिन घर रहकर इसकी सुविधा नहीं मिलती है।

ऐसे में आप अपने पुराने कोचिंग सेंटर और वहाँ की फैकल्टी के संपर्क में हैं तो आप उनसे अपने डाउट क्लियर करवा सकते हैं। या फिर आपके साथ कोई दोस्त या रिश्तेदार भी JEE Mains की तैयारी कर रहा है तो आप दोनों हर 3 से 4 दिन में 2 घंटे एक साथ बैठकर एक-दूसरे के डाउट सोल्व करने का काम कर सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपको ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह में अपने डाउट क्लियर कर लेने चाहिए।

#5. छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें 

घर बैठकर तैयारी करने वाले कुछ स्टूडेंट्स इस बात को भूल जाते हैं कि उन्हें समय-समय पर ब्रेक लेते रहने की भी जरुरत है। दरअसल कुछ स्टूडेंट्स JEE Mains की तैयारी करने को लेकर इतने सीरियस या यूँ कहें कि नर्वस हो जाते हैं कि वे हर समय दिन-रात पढ़ते ही रहते हैं। ऐसे में वे ना समय पर खाना खाते हैं, ना ही पूरी नींद लेते हैं और ना ही ब्रेक लेते हैं।

यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो जरा ठहरिए और सोचिए कि क्या आप सही तरीके से पढ़ पा रहे हैं या नहीं। वह इसलिए क्योंकि यदि आप बिना ब्रेक के तैयारी करते चले जाएंगे तो इससे आपकी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आप ना केवल सही से पढ़ पाते हैं बल्कि पढ़ी गई चीज़ों को ज्यादा देर तक याद भी नहीं रख पाते हैं। इसलिए कुछ-कुछ समय बाद रचनात्मक ब्रेक लेते रहें।

#6. मोटिवेटेड रहें

जब आप JEE Mains की कोचिंग में जाते हैं तो वहाँ आपका उत्साह बढ़ाने के लिए आपके टीचर होते हैं, साथ के दोस्त होते हैं लेकिन घर बैठकर पढ़ने से अक्सर स्टूडेंट अकेला महसूस करता है। इसी अकेलेपन में वह धीरे-धीरे करके हतोत्साहित हो जाता है जो उसकी मानसिक स्थिति व JEE Mains की तैयारी के लिए (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) बहुत ही गलत है।

ऐसे में आपको अपने आप को समय-समय पर मोटीवेट करते रहना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आप जो भी ब्रेक ले रहे हैं, उसमें कुछ रचनात्मक कार्य करें, सही लोगों के संपर्क में रहें, घर का वातावरण शुद्ध व सकारात्मक हो, योग व ध्यान करें, नींद पूरी लें इत्यादि। यह सब कार्य आपको मोटीवेट करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।

#7. डिस्ट्रैक्शन से बचें

ऊपर हमने आपको बताया कि आपको हर समय पढ़ते नहीं रहना है और समय-समय पर छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहना है लेकिन अब ऐसे भी कुछ स्टूडेंट्स होते हैं जो पढ़ते समय भी किसी दूसरी चीज़ में अपना ध्यान लगा रहे होते हैं। जो स्टूडेंट्स घर रहकर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं उनका सबसे ज्यादा समय व्यर्थ इसी कारण होता है और वे अक्सर कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स से पिछड़ जाते हैं।

ऐसे में आपको पढ़ते समय अपने मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बनाकर रखनी होगी, दोस्तों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने से बचना होगा, घरवालों के साथ भी एक निश्चित समय तक ही बैठना होगा, टीवी पर कोई कार्यक्रम आ रहा है और वह आपका पसंदीदा है तो उसे अपने ब्रेक में देखें, ना कि पढ़ते हुए।

#8. कठिन टॉपिक्स पहले कवर करें

अब कई स्टूडेंट्स यह भी सोचते हैं कि यदि पहले वे सरल टॉपिक को कवर कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। कठिन टॉपिक को हाथ लगाने से वे झिझकते हैं क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा समय लगता है या फिर यूँ कहें कि वे इसे हाथ लगाने से भयभीत होते हैं। अब कोचिंग में तो टॉपिक फैकल्टी के द्वारा पढ़ाया जाता है और वह आपको उसी समय पढ़ना होता है लेकिन घर पर तो यह हमारे ही हाथ में है।

अब यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही हानिकारक होने वाला है। आपको यदि JEE Mains की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए कठिन टॉपिक को पहले हाथ लगाएं। फिर चाहे इसमें लगने वाला समय ज्यादा ही क्यों ना हो। यदि इसमें ज्यादा समय लग रहा है तो आप किसी अन्य की सहायता ले सकते हैं।

#9. डेली रिवीजन करें

यह आप अपने प्रतिदिन का नियम बना लें कि आपको घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करनी है तो उसके लिए हर दिन रिवीजन निश्चित रूप से की जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई ना बरती जाए अन्यथा यह आपके लिए बुरे परिणाम लेकर आ सकता है।

अब जो स्टूडेंट्स रोजाना JEE Mains की तैयारी करने के साथ-साथ रिवीजन भी करते हैं तो वे निश्चित रूप से अन्य स्टूडेंट्स की तुलना में बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहे होते हैं। इससे आपको फिर से वही कॉन्सेप्ट समझने में बहुत कम समय लगेगा और चीजें ज्यादा समय तक याद भी रहेंगी।

#10. हर हफ्ते 1 फुल मॉक टेस्ट दें

JEE Mains के एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए सीधा प्रश्न पत्र ही हल नहीं करना होता है। बल्कि उसके लिए बहुत पहले से ही मॉक टेस्ट देने की आदत अपनानी होती है। इससे होता क्या है कि जब असलियत में JEE Mains का पेपर आपके हाथ में आता है तो आप उसके लिए तैयार होते हैं।

ऐसे में आप हर सप्ताह का नियम बना लें कि आपको कम से कम एक मॉक टेस्ट तो देना ही है। वहीं जब एग्जाम में एक से दो महीने का समय बचा हुआ हो तो आप इसे सप्ताह में कम से कम 3 बार देने की आदत बना लें। इससे आपकी अच्छी प्रैक्टिस हो जाती है और एग्जाम क्लियर करने की संभावना भी बहुत बढ़ जाती है।

#11. गलतियों को एनालिसिस करें और सुधारें

जब कोई स्टूडेंट घर से ही JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) कर रहा होता है तो उससे जाने अनजाने में कई तरह की गलतियाँ होती है। अब कोचिंग के दौरान तो यह गलतियाँ टीचर पकड़ लेते हैं और उसे सुधार भी देते हैं लेकिन घर पर हमें बोलने या रोकने टोकने वाला कोई नहीं होता है।

ऐसे में यदि आप भी गलतियाँ कर रहे हैं तो उसे अनदेखा ना करें। आप अपनी गलती को देखें, उसका एनालिसिस करें, उसे किस तरह से सुधारा जा सकता है इसे देखें और दोबारा उस गलती को करने से भी बचें। निश्चित रूप से यह टिप आपके बहुत काम आने वाली है।

#12. फॉर्मूला चार्ट बनाएं

अब जब हम JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) कर रहे होते हैं तो उसमें आने वाले तीनों सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में अनेक फॉर्मूला होते हैं। अब यदि आप इन फॉर्मूला का एक चार्ट बना लेंगे तो यह बहुत काम आता है। इसके लिए आप एक कॉपी को लेकर उसे तीन भागों में विभाजित कर दीजिए।

अब इस कॉपी में आप अपने तीनों सब्जेक्ट्स के सभी फॉर्मूला को क्रमानुसार लिख लीजिए। JEE Mains का जो एग्जाम होता है, उसमें ज्यादातर प्रश्न इन्हीं फॉर्मूला के बेसिस पर ही सोल्व किए जाते हैं। ऐसे में यदि आप इन्हें एक जगह लिख लेंगे तो यह बहुत ही सहायक होगा।

#13. हर चैप्टर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स के नोट्स बनाएं

आप जब JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो आपको हर चैप्टर के स्पेशल पॉइंट्स को लिखते रहना चाहिए। इससे क्या होता है कि आपकी दिमागी क्षमता बढ़ती है और जो चीज़ लिखी जाती है, वह ज्यादा समय तक याद रहती है। इसी कारण हर कोचिंग संस्थान में नोट्स बनाने को प्राथमिकता दी जाती है।

साथ ही जब JEE Mains एग्जाम का समय पास आ रहा होता है, तब आप अपने बनाए गए नोट्स से बहुत जल्दी रिवीजन कर सकते हैं। एग्जाम सेंटर तक भी स्टूडेंट्स अपने बनाए इन्हीं नोट्स को ही लेकर आते हैं और आखिरी समय तक रिवीजन करते हुए देखे जाते हैं।

#14. टॉप कोचिंग के यूट्यूब चैनल फॉलो करें 

यह भी एक बहुत ही कारगर टिप है जो आपके लिए बहुत काम आएगी। दरअसल आज के समय में हर टॉप कोचिंग संस्थान के अपने यूट्यूब चैनल हैं जिन पर वे समय-समय पर JEE Mains एग्जाम से जुड़ी वीडियोज को डालते रहते हैं। अब इनमें से कुछ वीडियो स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने के लिए होती है तो कुछ के द्वारा JEE Mains की तैयारी करवाई जाती है।

इसलिए आप मैट्रिक्स सीकर के यूट्यूब चैनल को फॉलो कर सकते हैं जहाँ समय-समय पर इस तरह की वीडियोज डाली जाती है। इसके अलावा आप प्रिंस अकैडमी, आकाश इंस्टीट्यूट, एलन अकैडमी इत्यादि के चैनल को भी फॉलो कर सकते हैं।

#15. स्टडी टाइम को 2-3 घंटे के ब्लॉक में बांटें

आप एक साथ लंबा स्टडी टाइम ना बनाएं बल्कि इसे हर दो से तीन घंटे के ब्लॉक में बांटें। अब ब्लॉक का अर्थ हुआ आपको एक बारी में तीन घंटे से ज्यादा समय तक नहीं पढ़ना है। इसलिए आप जो भी सब्जेक्ट या टॉपिक पढ़ रहे हैं, उसके तीन घंटे बाद आपको कुछ और करना (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) है।

अब आप चाहें तो उसके बाद ब्रेक ले सकते हैं, कहीं बाहर जा सकते हैं, कुछ खा सकते हैं या आपके हिसाब से आपको जो भी सही लगता है, वह कर सकते हैं। हालाँकि यह ब्रेक ज्यादा लंबा भी नहीं होना चाहिए। इसे आप अपने टाइमटेबल के अनुसार सेट कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) किस तरह से की जा सकती है। यहाँ पर हमने आपको कुल 15 टिप दी है जो आपके बहुत काम आने वाली है। हालाँकि आप इस बात को कतई ना भूलें कि आपको किसी ना किसी कोचिंग संस्थान से जुड़े रहना होगा क्योंकि वही आपको समय-समय पर सही गाइडेंस दे सकते हैं और आपके डाउट भी वही क्लियर कर सकते हैं।

इसके लिए देश के टॉप JEE Mains कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ा जा सकता है जिनका नाम हमने आपको बता ही दिया है। इसी के साथ ही यदि आपके दिमाग में भी कोई अन्य टिप हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं।

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प्रश्न: बिना कोचिंग के jee mains की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: यदि आप बिना कोचिंग के JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल फॉलो करना होगा। इसके बारे में हमने आपको इस आर्टिकल में बताया है।

प्रश्न: मुझे जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करनी चाहिए?

उत्तर: आपको जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना होगा। इसके साथ ही हमारे द्वारा बताई गई सभी 15 टिप्स को फॉलो करना होगा।

प्रश्न: 1 महीने में jee mains कैसे क्रैक करें?

उत्तर: वैसे तो 1 महीने का समय JEE Mains को क्रैक करने के लिए कम होता है लेकिन इसके लिए आप किसी होशियार स्टूडेंट के नोट्स को फॉलो कर सकते हैं।

प्रश्न: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करें?

उत्तर: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए आपका मोटीवेट रहना और हर दिन रिवीजन करना बहुत जरुरी हो जाता है। इसके बारे में हमने इस लेख में बताया है।

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10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare: स्टूडेंट्स के लिए डॉक्टर बनना किसी सपने से कम नहीं होता है। यह एक ऐसी फील्ड है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाली है। डॉक्टर की जरुरत इतिहास में भी थी, वर्तमान में भी है और भविष्य में भी कभी खत्म नहीं होगी। साथ ही लोगों के लिए तो डॉक्टर उनके भगवान की तरह होता है क्योंकि वही उनकी जीवन रक्षा करने और बीमारी से उपचार करने का काम करता है।

हालाँकि बहुत से स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने का सपना तो देखते हैं लेकिन बन नहीं पाते हैं। वह इसलिए क्योंकि वे देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए होने वाली नीट की परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स के माता-पिता के पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की भारी भरकम फीस देने के लिए पैसा होता है, वे नीट में सलेक्शन ना होने के बावजूद उन कॉलेज की फीस भर देते हैं।

हालाँकि यहाँ हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में केवल मध्यम या गरीब वर्ग के स्टूडेंट्स ही पढ़ते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। बल्कि यहाँ पर एडमिशन लेने का सपना तो हर मेडिकल स्टूडेंट का होता है क्योंकि यह देश के टॉप मेडिकल कॉलेज तो हैं ही और साथ ही सरकारी होने के कारण यहाँ की फीस भी प्राइवेट कॉलेज की तुलना में बहुत कम है।

ऐसे में यदि आप भी अपनी 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने को इच्छुक हैं तो यह बहुत ही उचित और सही समय पर उठाया गया कदम माना (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) जाएगा। ऐसे में आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

10th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें?

एक बात पहले ही समझ लें कि बारहवीं के बाद नीट एग्जाम में सलेक्ट होना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है लेकिन यह सपना पहले ही एटेम्पट में पूरा हो जाए, यह बहुत ही मुश्किल होता है। बहुत से स्टूडेंट्स तो इसके लिए बारहवीं के बाद भी एक से दो वर्ष का ड्रॉप लेते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं ताकि उन्हें अपना मनचाहा मेडिकल कॉलेज मिल सके।

वहीं जो स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से ही नीट एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर देते हैं उनके सफल होने की संभावना उन स्टूडेंट्स से बहुत ज्यादा होती है जो 11 वीं या 12 वीं के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं। तभी हमने आपको पहले ही कहा कि यदि आप 10th के बाद ही नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो इसे बहुत ही अच्छी बात माना जाएगा। तो चलिए जानते हैं इसके लिए आप क्या कुछ कर सकते हैं।

स्टडी का सही टाइम टेबल बनाएं

सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है एक सही टाइमटेबल का बनाया जाना। बहुत से स्टूडेंट्स टाइमटेबल के सही नहीं बना पाने के कारण बाकी स्टूडेंट्स से पीछे रह जाते हैं। ऐसे में हम आपको सुबह पांच बजे से लेकर रात के 9 बजे तक की पूरी दिनचर्या बताएँगे।

इस टाइमटेबल में आपके पढ़ने का समय, खाने और आराम करने का समय, नींद का समय इत्यादि सबकुछ निर्धारित रहेगा। ऐसे में आपको इस टाइमटेबल से बहुत सहायता मिल (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) जाएगी, चलिए जानते हैं।

समय क्या करें
सुबह 4 बजे उठ जाएं, शौच जाएं, ब्रश करें, योग व ध्यान करें, नहा लें
सुबह 5 से 8 बजे बायोलॉजी अर्थात जीव विज्ञान को पढ़ें
सुबह 8 से 9 बजे नाश्ता करें, आराम करें, समाचार पढ़ें, घरवालों से बात करें
सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक फिजिक्स अर्थात भौतिक विज्ञान पढ़ें
दोपहर 12 से 1 बजे दोपहर का भोजन करें, थोड़ा सो लें या अन्य रचनात्मक या पसंद का काम करें
दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक केमिस्ट्री अर्थात रसायन विज्ञान को पढ़ें
शाम 4 से 4:30 बजे चाय पिएं, हल्का भोजन करें व आराम करें
शाम 4:30 से 6:30 बजे तक मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्न पत्रों को हल करें
शाम 6:30 से 8 बजे तक सबसे पहले रात का भोजन करें, बाहर सैर पर जाएं, कुछ खेलें, दोस्तों से बात करें, अपनी पसंद का काम करें, दिमाग को आराम दें
रात 8 से 9 बजे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, उसकी रिवीजन करें
रात 9 से सुबह 4 बजे तक एक स्टूडेंट के लिए 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है। ऐसे में आप 9 से 4 बजे तक की 7 घंटों की नींद अवश्य लें।

तो यह थी नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए एक आदर्श दिनचर्या। अब यदि आप हमारी बताई गई दिनचर्या को फॉलो करेंगे तो अवश्य ही आपको बहुत मदद मिलेगी। हालाँकि हमने इसमें कोचिंग का समय नहीं जोड़ा है लेकिन यदि आपको कोचिंग से जुड़ना है तो हमारे बताए गए टाइमटेबल में थोड़ा बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।

वह इसलिए क्योंकि हर कोचिंग संस्थान का टाइम टेबल अलग-अलग होता है। ऐसे में स्टूडेंट को उसी के अनुसार ही आगे बढ़ना होता है। हमने ऊपर बताए गए टाइमटेबल में 9 घंटे तीन विषयों को पढ़ने के बारे में बताया है। तो आपको कोचिंग में उसी के अनुसार ही पढ़ना (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) होगा और आगे बढ़ना होगा।

नीट की तैयारी में कोचिंग का महत्व

अब बात करते हैं कि नीट एग्जाम की तैयारी करने में कोचिंग का कितना ज्यादा महत्व होता है। तो यहाँ आप यह बात गाँठ बाँध लें कि यदि नीट एग्जाम में 100 स्टूडेंट्स सलेक्ट हो रहे हैं तो उसमें 99 स्टूडेंट्स ने किसी ना किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग अवश्य ली हुई होगी। कोई एक या दो स्टूडेंट ही ऐसे होंगे जिन्होंने किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लिए बिना ही नीट एग्जाम को क्रैक किया होगा।

अब जो 99 स्टूडेंट्स नीट की कोचिंग लेकर उसमें सलेक्ट हुए हैं तो उन्होंने कहाँ से और किस कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है, यह अगला प्रश्न उभर कर सामने आता है। तो आप यह मानकर चलिए कि इन 99 में 60 से 70 स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जिन्होंने देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होगी और बाकी बचे स्टूडेंट्स ने अपने यहाँ के लोकल या कम प्रसिद्ध कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की होगी।

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम क्या (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं!! ऐसे में हमने इस बारे में भी बहुत गहन अध्ययन किया ताकि आप तक सही जानकारी पहुँच सके। ऐसे में हम देश के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट आपके सामने रखने जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है:

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन, सीकर
  2. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  3. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट, सीकर
  4. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  5. प्रिंस अकैडमी, सीकर

ऊपर हमने आपको देशभर के सभी नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम दे दिए हैं। अब हर वर्ष नीट एग्जाम में सलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स इन्हीं कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़े हुए होते हैं। आपको विश्वास नहीं है तो आप पिछले वर्षों के नीट टॉपर्स की लिस्ट देख लीजिए और वे कहाँ से पढ़े हैं, इसके बारे में रिसर्च कर लीजिए।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इन इंस्टीट्यूट में देशभर की सबसे अनुभवी फैकल्टी को ज्वाइन करवाया गया है। एक स्टूडेंट के सलेक्ट होने में उसको पढ़ा रहे टीचर का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि टीचर के कॉन्सेप्ट स्टूडेंट को क्लियर हो जाए और उसे अपने टीचर से सही समय पर सही गाइडेंस मिल जाए तो यह उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है।

अब यही चीज़ मैट्रिक्स या गुरुकृपा जैसी अकैडमी में देखने को मिलती है। आज से लगभग 5 वर्ष पहले इस लिस्ट में एलन इंस्टीट्यूट का एकछत्र राज था लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी ने बहुत ही कम समय में जो काम किया है, वह वाकई में सराहनीय है। मैट्रिक्स अकैडमी के द्वारा लगातार की गई मेहनत का ही परिणाम है कि उसने देश की टॉप नीट अकैडमी को पछाड़ कर टॉप रैंक हासिल कर ली है। वहीं गुरुकृपा भी बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।

ऑफलाइन कोचिंग या ऑनलाइन?

अब बात आती है कोचिंग के प्रकार की। वह इसलिए क्योंकि जब से कोरोना नामक महामारी आई है, तब से ही ऑनलाइन कोचिंग का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। स्कूल की पढ़ाई से लेकर नीट की कोचिंग लेने तक, हर चीज़ ऑनलाइन हो चली है। इसलिए आज के समय में कई कोचिंग संस्थान ऐसे खुल चुके हैं जो या तो पूर्ण रूप से या फिर ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह की कोचिंग देते (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं।

आपने भी हाल के ही कुछ वर्षों में कई तरह के ऑनलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट का नाम सुना होगा। किंतु यहाँ बात हो रही है ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बारे में। तो यहाँ हम आपको बता दें कि तकनीक कितनी ही आगे क्यों ना बढ़ जाए, पढ़ाने के तरीके में कितनी ही आधुनिकता क्यों ना आ जाए लेकिन जो ज्ञान आपको आमने सामने बैठकर मिलेगा, वह ऑनलाइन नहीं मिल सकता है।

ऐसे में यदि आप हमसे सीधे और स्पष्ट शब्दों में पूछेंगे कि ऑनलाइन या ऑफलाइन नीट कोचिंग में से कौन सी कोचिंग आपकी तैयारी को ज्यादा प्रभावी बनाएगी, तो हमारा उत्तर स्पष्ट रूप से ऑफलाइन कोचिंग के पक्ष में होगा। वह इसलिए क्योंकि ऑफलाइन कोचिंग में जाने से आप एक अनुशासन में रहते हैं, आमने सामने से कॉन्सेप्ट समझते हैं, टीचर के संपर्क में बने रहते हैं और अपने साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी रहते हैं।

इसी के साथ ही सबसे बेस्ट बात यह है कि जो भी टॉप लेवल के नीट कोचिंग संस्थान हैं जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी या एलन इंस्टीट्यूट, वे ऑफलाइन कोचिंग देने के साथ साथ अपने स्टूडेंट्स की जरुरत को ध्यान में रखते हुए हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाते हैं। वह इसलिए क्योंकि यदि किसी कारणवश कोई स्टूडेंट वह लेक्चर क्लास में अटेंड नहीं कर पाता है तो बाद में वह उसकी वीडियो देख सके।

कौन सी बुक्स रहेंगी बेस्ट?

अब बात करते हैं 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए आपको कौन-कौन सी बुक्स को ज्यादा महत्व देना चाहिए। अब आप जिस भी कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे होंगे, वहाँ से आपको नोट्स तो मिलेंगे ही लेकिन साथ ही वे आपको कोई स्पेसिफिक बुक भी पढ़ने को कहेंगे। अब हर कोचिंग के पढ़ाने का तरीका अलग-अलग होता है और इसमें कोई गलत बात नहीं है।

फिर भी कुछ कुछ बुक्स ऐसी हैं, जो आपकी नीट की तैयारी को और ज्यादा मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। ऐसे में ऐसी ही कुछ बुक्स की लिस्ट यहाँ हम आपके सामने रख रहे (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं।

बायोलॉजी के लिए

  • NCERT Biology (Class 11 & 12)
  • Trueman’s Biology
  • Objective Biology (Dinesh)

फिजिक्स के लिए

  • NCERT Physics (Class 11 & 12)
  • HC Verma (Concepts of Physics)
  • DC Pandey (Objective Physics)

केमिस्ट्री के लिए

  • NCERT Chemistry (Inorganic + Organic + Physical)
  • OP Tandon (Organic Chemistry)
  • RC Mukherjee (Physical Chemistry)

तो यहां हमने आपको तीनों सब्जेक्ट की तीन-तीन बुक्स की लिस्ट दे दी है। इस लिस्ट में आपने एक बुक कॉमन देखी होगी और वह है 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि आप जब नीट की तैयारी कर रहे होते हैं तो दसवीं के बाद मेडिकल स्ट्रीम को चुनते हैं। इस स्ट्रीम में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी सब्जेक्ट्स को प्रमुख तौर पर पढ़ाया जाता है।

अब यह जो तीन सब्जेक्ट हैं, इन्हीं सब्जेक्ट पर से ही नीट एग्जाम का पूरा पेपर सेट होता है। साथ ही जो भी टॉपिक नीट के एग्जाम में आएंगे, वह भी इसी बुक से ही आते हैं अर्थात जो टॉपिक आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT या सिलेबस में नहीं पढ़ाया जाएगा, वह टॉपिक नीट एग्जाम में भी नहीं आएगा। इसलिए यदि आपको नीट एग्जाम की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए NCERT की बुक सबसे बेस्ट है।

निष्कर्ष

ऊपर हमने आपको 10th के बाद नीट की तैयारी करने के ऊपर हरेक महत्वपूर्ण जानकारी दे दी (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। हमने आपको पूरे दिन की दिनचर्या किस तरह से सेट की जाए और आपको किस समय क्या कुछ करना है, उसके बारे में भी बता दिया है।

इसी के साथ ही नीट की तैयारी के लिए किस संस्थान से कोचिंग लेनी चाहिए, उसकी जानकारी भी आपको मिल गई है। इसमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम टॉप पर लिया जाता है। वहीं आपके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन में से कौन सी कोचिंग अच्छी रहेगी और आपको किन बुक्स से इसकी तैयारी करनी चाहिए, यह भी पता चल गया है।

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प्रश्न: 10वीं के बाद नीट की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: 10वीं के बाद नीट की तैयारी शुरू करनी है तो उसके लिए एक सही टाइमटेबल बनाना होता है। यहाँ हमने पूरा टाइमटेबल आपके लिए बनाया है जिसे आपको देखना चाहिए।

प्रश्न: NEET करने के लिए 10 में कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: NEET करने के लिए 10 में मिले परसेंट मायने नहीं रखते हैं। इसके लिए केवल 12 वीं क्लास में मिले नंबर को ही महत्व दिया जाता है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग कब से शुरू करें?

उत्तर: नीट की कोचिंग आपको अपनी दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम पास करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

प्रश्न: 10वीं में नीट के लिए कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: 10वीं में मिले नंबर या परसेंट नीट के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। ऐसे में आपको केवल अपनी बारहवीं क्लास में मिले परसेंट पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare: अगर आप बारहवीं के बाद JEE जैसे कठिन एग्जाम को एक बारी में ही क्रैक करना चाहते हैं और वो भी अच्छे नंबर के साथ तो उसके लिए आपको अपनी दसवीं कक्षा के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। बहुत से स्टूडेंट्स 11 वीं या फिर बारहवीं के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं लेकिन जरा सोचिए, यदि आप 10 वीं के बाद से ही JEE एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर देंगे तो आप बाकी स्टूडेंट्स से कितना आगे निकल जाएंगे।

आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ इसी टॉपिक पर ही बात करने जा रहे (JEE Ki Taiyari Kab Se Kare) हैं। आज हम आपको बताएँगे कि आखिरकार आपको दसवीं क्लास के बाद JEE की तैयारी किस स्तर पर शुरू करनी चाहिए। साथ ही आपको इस दौरान किस तरह की स्ट्रेटेजी पर वर्क करना चाहिए। चलिए जानते हैं 10th के बाद JEE की तैयारी करने के बारे में।

10th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें?

जिन स्टूडेंट्स को अपने आगे का लक्ष्य पता होता है, वे उसकी तैयारी बहुत पहले से ही शुरू कर देते हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि आज के समय में सभी तरह की चीज़ों के बारे में पहले ही पता चल जाता है। इसी के साथ ही हमारे आसपास सही गाइडेंस देने वाले लोग भी होते हैं। जैसे कि स्कूल के टीचर्स, हमारे सीनियर्स और परिवार और दोस्तों में अनुभवी लोग।

ऐसे में यदि आपका लक्ष्य आगे जाकर इंजीनियरिंग करना है और उसके लिए देश की टॉप यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन पाने का (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके लिए JEE एग्जाम से बेस्ट कुछ और नहीं है। वह इसलिए क्योंकि चाहे आपको IIT में एडमिशन लेना हो या फिर NIT, इसमें आपकी JEE एग्जाम ही मदद करने वाला है।

तो यहाँ हम आपके सामने एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 गोल्डन टिप्स रखने जा रहे (10th Ke Baad JEE Kaise Kare) हैं जो JEE का एग्जाम क्रैक करने में आपकी बहुत सहायता करने वाली है। आइए इनके बारे में एक एक करके जानते हैं।

#1. अपने लक्ष्य को पहचाने

यदि आपको JEE में सच में सफल होना है और उसकी तैयारी शुरू करनी है तो सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है अपने लक्ष्य को पहचानना। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज के समय में बहुत से दसवीं के स्टूडेंट्स केवल अपने दोस्तों की देखा देखी या आसपास के लोगों को देखकर या फिर अपने घरवालों के दबाव में आकर या फिर सोशल मीडिया में चल रहे ट्रेंड को देखकर कदम उठाने लगे हैं।

इसलिए आपको चाहे यह सोचने में दो दिन लगे या दो सप्ताह, आपको किसी चीज़ की जल्दबाजी नहीं करनी है। आपके द्वारा अभी लिया गया एक निर्णय आपके संपूर्ण भविष्य को प्रभावित करने वाला है। इसलिए आप पहले आत्म मंथन करें, अपने परिचितों से बात करें, अपने माता-पिता से परामर्श लें, अपने स्कूल के अध्यापकों से विमर्श करें, अपने बारे में जाने और उसके बाद ही कोई निर्णय लें।

#2. अपनी स्किल सेट करें

अब जब आपने अपना लक्ष्य चुन लिया है और वह आगे चलकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना है तो पहले तो आपको बहुत-बहुत बधाई। वह इसलिए क्योंकि जिन्हें अपना लक्ष्य स्पष्ट हो, वह भी दसवीं क्लास में ही तो वे स्टूडेंट्स सच में बधाई के पात्र हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आप ज्यादा केंद्रित होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ पाएंगे और उसमें सफलता अर्जित करेंगे। अब बारी है अपनी स्किल्स पर ध्यान देने की।

स्किल्स से अर्थ हुआ आपके अंदर का कौशल। अब यदि आपको आगे बढ़ना है और JEE की तैयारी में मजबूत बनना है तो उसके लिए अपने कौशल में निखार लाना अति आवश्यक हो जाता है। यहाँ पर हम यह नहीं कह रहे हैं कि यदि आपके अंदर कौशल नहीं है तो आप आगे नहीं बढ़ सकते (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। यहाँ पर बात हो रही है अपने लक्ष्यों के अनुसार अपने कौशल को नया आयाम देने और उसमें बहुत कुछ सीखने की।

JEE की तैयारी करनी है तो आपको चरणबद्ध तरीके से ना केवल आगे बढ़ना होता है बल्कि उसके लिए धैर्य का भी परिचय देना होता है। इसी के साथ ही आपको कई अन्य मापदंडों पर भी स्वयं को निखारना होगा। तभी आप आगे चलकर सही दिशा में बढ़ सकते हैं।

#3. JEE एग्जाम को अच्छे से समझें

किसी एग्जाम की तैयारी करनी है और यदि उसके लिए उस एग्जाम के पैटर्न को ही सही से ना समझा जाए तो यह बहुत ही गलत बात होती है। इसलिए ऊपर के दो कार्य करने के पश्चात आपको अगला और महत्वपूर्ण कार्य जो करना है वह है अपने JEE एग्जाम के पैटर्न को सही रूप में समझना।

यहाँ हम केवल सतही ज्ञान लेने को नहीं कह रहे हैं बल्कि आपको शुरू से अंत तक हरेक बारीकी और महत्वपूर्ण से लेकर कम जरुरी हर चीज़ को देखना (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) होगा।

यदि आप हरेक चीज़ को अच्छे से समझ लेंगे और JEE एग्जाम में कब क्या पूछा जाता है, किस विषय पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, उसका एग्जाम कब होता है, उसमें कितने प्रश्न आते हैं, किस प्रश्न के कितने अंक मिलते हैं और गलत उत्तर देने पर कितने अंक काटे जाते हैं, टॉप रैंक कितने नंबर पर आती है, किस नंबर पर कौनसा कॉलेज व ब्रांच मिल सकती है, इत्यादि को देख लेंगे तो आपका JEE एग्जाम को क्रैक करना सरल हो जाएगा। इसलिए आप JEE एग्जाम के ज्ञान को पूरा निचोड़ लें और उसके बाद ही आगे बढ़ें।

#4. सही गाइडेंस है जरुरी

यहाँ पर हम आपको पूरी जानकारी देने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन समय के साथ-साथ चीज़ें बहुत तेजी के साथ बदलती है। ऐसे में आपको नई चीज़ों के साथ अपडेटेड रहना और उन्हें लगातार सीखते रहना बहुत जरुरी है अन्यथा आप बाकी स्टूडेंट्स से पिछड़ सकते हैं। अब इसमें जो चीज़ आपकी मदद करेगी वह है आपको सही लोगों से मिला मार्गदर्शन।

इसे हम अंग्रेजी भाषा में गाइडेंस भी कह सकते हैं जो आजकल के स्टूडेंट्स के चलन में है। अब यह सही मार्गदर्शन आपको अपने आसपास के अनुभवी लोगों, अपने स्कूल के टीचर्स, अपने सीनियर्स या आपके घर या दोस्तों के किसी बड़े भाई या बहन ने JEE की तैयारी कर रखी हो और अब वह अच्छे कॉलेज में पढ़ रहा हो या पढ़ चुका हो, उनसे मिल सकती है। इसलिए सही गाइडेंस कहीं से भी मिले, उसे ले लेना चाहिए।

#5. कोचिंग हो सबसे बेस्ट

अब हम जो बात आपको बताने जा रहे हैं, वह आपके लिए इन सभी 10 टिप्स में से गोल्डन टिप है। वह इसलिए क्योंकि जिन स्टूडेंट्स ने यह काम सही से कर लिया, उनका मान लीजिए बारहवीं के बाद JEE के एग्जाम में ना केवल सिलेक्शन हो गया बल्कि उन्हें टॉप लेवल का कॉलेज भी मिल गया। वह है अपने लिए एक सही कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव किया जाना।

अब देखा जाए तो देश के हरेक शहर में कई JEE कोचिंग सेंटर खुले हुए (JEE Ki Taiyari Kab Se Kare) हैं और हर कोई अपने आप में बेस्ट होने की बात करता है। अब हर कोई तो बेस्ट हो नहीं सकता है। ऐसे में आपको देश के कुछ चुनिंदा JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में से एक में एडमिशन लेना चाहिए। अब यदि हम देश के टॉप लेवल के JEE इंस्टीट्यूट के बारे में बात करें तो उनमें टॉप 5 के नाम इस प्रकार हैं:

रैंक 1: मैट्रिक्स JEE अकैडमी, सीकर

रैंक 2: एलन इंस्टीट्यूट, कोटा

रैंक 3: आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली

रबक 4: प्रिंस अकैडमी, सीकर

रैंक 5: रेजोनेंस अकैडमी, जयपुर

तो इस सूची में यह पांच इंस्टीट्यूट ऐसे हैं जो हाल में देश में JEE की टॉप लेवल की कोचिंग दे रहे हैं। इसमें भी मैट्रिक्स सीकर व एलन कोटा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में तो मैट्रिक्स अकैडमी ने इतना शानदार प्रदर्शन किया है कि उसने देश की नंबर एक JEE अकैडमी एलन को भी पीछे छोड़ दिया है और खुद नंबर एक पर आ गई है।

#6. स्कूल के सिलेबस पर ध्यान दें 

बहुत से स्टूडेंट्स एक और गलती करते हैं और वह है, उन्हें लगता है कि JEE का सिलेबस अलग है और उसके लिए उन्हें अलग से तैयारी करने की जरुरत होगी। ऐसे में हम आपके इस डाउट को दूर कर देते हैं और इसे सरल भाषा में समझा भी देते (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। दरअसल जो आप अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में सिलेबस पढ़ते हैं, JEE एग्जाम में केवल उसी सिलेबस से ही सब टॉपिक्स आते हैं।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि जो टॉपिक आपकी इन दोनों क्लास में नहीं है, वह आपके JEE एग्जाम में भी नहीं आएगा। बस आपको कोचिंग इंस्टीट्यूट या अन्य बुक्स में JEE एग्जाम के बारे में जो पढ़ाया जाएगा, वह आपको इन्हीं टॉपिक्स को अच्छे से और विस्तार से पढ़ाया जाएगा और प्रश्नों को जल्दी से जल्दी कैसे सोल्व किया जाए, उसके बारे में पढ़ाया जाएगा।

#7. पूरे दिन का टाइमटेबल बनाएं

यदि आपने इस टिप पर काम कर लिया तो यह वाकई में आपकी बहुत सहायता करने वाली (10th Ke Baad JEE Kaise Kare) है। दरअसल होता क्या है कि बहुत से स्टूडेंट्स का लक्ष्य भी स्पष्ट होता है और वे JEE एग्जाम को क्रैक करने के लिए सीरियस भी होते हैं लेकिन एक सही टाइमटेबल ना होने के कारण उनके दिन का आधे से ज्यादा समय व्यर्थ चला जाता है या अव्यवस्था में ही रह जाता है।

ऐसे में यदि आप अपना एक निर्धारित टाइमटेबल या दिनचर्या सेट कर लेंगे और उसी के अनुसार ही चलेंगे तो यकीन मानिए आपकी अधिकतर समस्या का यहीं समाधान हो जाएगा। अब हर स्टूडेंट का टाइमटेबल अलग हो सकता है क्योंकि किसी को सुबह जल्दी उठकर पढ़ने में आनंद आता है तो किसी को दोपहर में तो किसी को देर रात तक जागकर। ऐसे में आपको अपने लिए जो भी दिनचर्या सही लगे, आप उसी का पालन करें और आगे बढ़ें।

#8. अपनी हेल्थ पर बराबर ध्यान दें

अब कई स्टूडेंट्स JEE की तैयारी करने को लेकर इतने ज्यादा गंभीर या सीरियस हो जाते हैं कि वे दिन रात केवल पढ़ते ही रहते हैं। इस दौरान उन्हें ना तो खाने पीने का ध्यान रहता है और ना ही बीच बीच में ब्रेक लेने का। अब धीरे धीरे करके इसका असर उनके स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगता है। उन्हें शुरुआत में तो लगता है कि वे बहुत तेज गति से तैयारी कर रहे हैं जो उन्हें सफल बनाएगा लेकिन होता इसके उलट है।

दरअसल सही खानपान नहीं लेने और ब्रेक नहीं लेने के कारण उनका दिमाग थक जाता है, वे मानसिक रूप से कमजोर बन जाते हैं, सोचने समझने की क्षमता कम होने लगती है और शरीर भी थक जाता है। ऐसे में उन्हें चीज़ें जल्दी से याद नहीं होती है या समझने में समय लगता है। साथ ही वे कॉन्सेप्ट को जल्दी भूलने भी लग जाते हैं। इसलिए पढ़ाई के साथ साथ अपनी हेल्थ का भी उतना ही ध्यान रखें।

#9. खाली टाइम रचनात्मकता में लगाएं

अब हमने आपको ऊपर वाली टिप में बताया कि आपको अपनी JEE की पढ़ाई के साथ-साथ बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) चाहिए। तो अब प्रश्न यह उठता है कि आप इस ब्रेक के दौरान क्या करेंगे। क्या आप इसे सोशल मीडिया पर बिताएंगे या दोस्तों के साथ मौज मस्ती करेंगे या कुछ और करेंगे। अब आप सोचेंगे कि हम आपको कहेंगे कि सोशल मीडिया गन्दी है या दोस्तों के साथ समय बिताना समय की बर्बादी है।

तो ऐसा कुछ नहीं है। आपको जिस चीज़ में आनंद आता है, आप वही करें लेकिन सही तरीके से। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको खाली समय में सोशल मीडिया देखनी है तो आप अपने काम के पेज को फॉलो करें, सही ग्रुप्स से जुड़ें। यदि आपको दोस्तों के साथ समय बिताना है तो दोस्त ऐसे चुने, जो आपको प्रोत्साहित करें और खुद भी वैसे ही हो। इसके अलावा आप चित्रकारी, प्रकृति के साथ समय बिताना, योग करना या कुछ अन्य रचनात्मक कार्य कर सकते हैं।

#10. इलेक्ट्रिक गैजेट्स का सदुपयोग करें

यह टिप भी कहीं ना कहीं ऊपर वाली टिप से जुड़ी हुई है लेकिन हमने इसे अलग से टिप में इसलिए शामिल किया क्योंकि आज के समय में यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। ऐसे में इसके बारे में अलग से बताया जाना और आपको सही मार्गदर्शन देना भी उचित हो जाता है। आपके पास भी कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट होंगे। फिर चाहे वह मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्ले स्टेशन, टीवी इत्यादि कुछ भी हो।

अब आपको करना क्या है कि आपको इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का सही रूप में उपयोग करना सीखना होगा। आप टीवी पर क्या देख रहे हैं, मोबाइल में क्या स्क्रॉल कर रहे हैं, कंप्यूटर में किस चीज़ पर क्लिक कर रहे हैं या लैपटॉप में क्या डाउनलोड करने में लगे हुए हैं, यह सब आपकी आगे की दिशा को तय करता है। वह इसलिए क्योंकि हम जैसा देखते, सुनते और बोलते हैं, वैसे ही बनते चले जाते हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 10वीं के बाद JEE को किस तरह से क्रैक (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) किया जा सकता है, उसके बारे में हरेक जानकारी को विस्तार से देने का भरसक प्रयास किया है। इन सभी टिप्स में उस गोल्डन टिप को कतई ना भूलें कि आपको अपने लिए एक सही कोचिंग का चुनाव करना होगा।

अभी से ही यदि आपने मैट्रिक्स अकैडमी या एलन कोटा जैसे सही कोचिंग संस्थान का चुनाव अपनी JEE की तैयारी करने के लिए कर लिया तो यकीन मानिए बाकी सारा काम तो आपको कोचिंग से मिल रहे दिशा निर्देश और सही गाइडेंस से ही हो जाएगा।

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प्रश्न: क्या हम 10th के बाद jee का एग्जाम दे सकते हैं?

उत्तर: नहीं, आप 10th के बाद JEE का एग्जाम नहीं दे सकते हैं। इसके लिए आपको मान्यता प्राप्त विद्यालय से बारहवीं कक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

प्रश्न: क्या मैं 10th के बाद jee दे सकता हूं?

उत्तर: नहीं, आप किसी भी हालत में अपनी 10th के बाद JEE का एग्जाम नहीं दे सकते हैं। उसके लिए आपका बारहवीं क्लास को पास करना आवश्यक है।

प्रश्न: कक्षा 10 से जेईई की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: कक्षा 10 से जेईई की तैयारी शुरू करने के लिए हमने इस आर्टिकल में एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 गोल्डन टिप दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: 10वीं में jee के लिए कितने प्रतिशत चाहिए?

उत्तर: JEE की परीक्षा देने के लिए दसवीं कक्षा में मिले अंकों का कोई महत्व नहीं है। इसके लिए बारहवीं कक्षा में मिले अंकों को ही मान्य माना जाता है।

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NEET Me Top Kaise Kare: देशभर के सभी टॉप लेवल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए सरकार हर वर्ष एग्जाम कंडक्ट करवाती है। उस एग्जाम का नाम होता है नीट जिसे अंग्रेजी में NEET लिखा जाता है। यह एक शोर्ट फॉर्म है जिसकी फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test होती है। यदि किसी स्टूडेंट को देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ना है तो उसे नीट एग्जाम में अच्छा स्कोर करना होता है।

अब बहुत से स्टूडेंट का टॉप करना तो दूर बल्कि नीट में सिलेक्शन लेने में ही पसीने छूट जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम बहुत मुश्किल होता है और इसमें बैठने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बहुत ज्यादा होती (NEET Exam Me Top Kaise Kare) है। ऐसे में नीट में सेलेक्ट होना और साथ ही अच्छा स्कोर करना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना ही बनकर रह जाता है। फिर भी हर वर्ष चुनिंदा स्टूडेंट्स ना केवल इसमें सेलेक्ट होते हैं बल्कि टॉप भी करते हैं।

ऐसे में क्या आप भी नीट में टॉप स्कोर करना चाहते हैं ताकि आपको भी देश के टॉप मेडिकल सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिले!! यदि ऐसा है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको नीट में टॉप करने में बहुत मदद करने वाली है। चलिए शुरू करते हैं।

NEET Me Top Kaise Kare | नीट में टॉप कैसे करें?

नीट में टॉप करना ना तो एक दो महीने का खेल है और ना ही इसके लिए कोई अलग से गुप्त योजना बनानी पड़ती है। बस इसके लिए आपका सही ट्रेक पर होना जरुरी है और आपको लगातार सही गाइडेंस अर्थात मार्गदर्शन मिलता रहे, वह जरुरी होता है। यही कारण है कि हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उचित मार्गदर्शन देने आए हैं।

हमने नीट में टॉप स्कोर करने वाले कई स्टूडेंट्स के साथ बात की, देश के कई टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट (NEET Me Topper Kaise Bane) जाकर जांच पड़ताल की और अनुभवी टीचर्स के साथ बैठकर मीटिंग की। इसके बाद ही हम आपके लिए कुछ चुनिंदा गोल्डन टिप्स लेकर आए हैं जो नीट में टॉप करने में आपकी बहुत मदद करेंगी। आइए इनके बारे में जानते हैं।

#1. नीट के सिलेबस को समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है नीट के सिलेबस और प्रणाली को अच्छे से समझना। नीट एग्जाम में कौन कौन से सब्जेक्ट आते हैं, उन सब्जेक्ट्स में से किस किस टॉपिक से कौन कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं, हर टॉपिक की क्या वैल्यू है, नीट में किस सब्जेक्ट के कितने नंबर हैं, नीट का एग्जाम कुल कितने नंबर का होता है, सही उत्तर देने पर कितने नंबर मिलते हैं, नेगेटिव मार्किंग कितनी होती है, इत्यादि सभी के बारे में जान लें।

किसी भी एग्जाम को क्रैक करना है और साथ के साथ उसमें टॉप करना है तो आपको उस एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसमें आप चाहे दो दिन ले लीजिए लेकिन नीट एग्जाम के बारे में छोटी से लेकर बड़ी जानकारी को ना केवल जान लें बल्कि उसे अच्छी तरह से समझ कर अपने मन में उतार लें। यकीन माने आपका आधा काम यहीं हो जाएगा।

#2. हर एक पल कीमती है

अब जब आपने नीट एग्जाम की कार्य प्रणाली को अच्छे से समझ लिया है तो बारी आती है समय अर्थात टाइम की। अब जब आपको नीट एग्जाम में टॉप करना है तो यह मान कर चलें कि अब से आपका हर एक पल कीमती है। यदि आपने एक पल की भी देरी की तो आपके साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स आपसे उन पलों के लिए आगे निकल जाएंगे। यहाँ हमारा कहने का अर्थ यह भी नहीं है कि आप बिना थके दिन रात पढ़ते रहें लेकिन आप अपना समय व्यर्थ की चीज़ों में ना लगाएं।

नीट में टॉप करने के लिए कम से कम एक साल का कठिन परिश्रम चाहिए होता है। इसलिए इस दौरान आप मौज-मस्ती, मोबाइल कंप्यूटर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में समय व्यर्थ करना, यहाँ वहाँ घूमना, फोन पर घंटों बातें करना या रील्स देखना, मूवी सीरीज को देखना, इत्यादि में समय व्यर्थ ना करें। इसकी बजाए आप अपने खाली समय में योग, ध्यान, नॉवेल या न्यूज़ पेपर पढ़ना, सार्थक बातचीत करना इत्यादि करें।

#3. बेस्ट कोचिंग ही चुने

नीट में टॉप करने वाले अधिकतम स्टूडेंट्स देश की किसी ना किसी टॉप कोचिंग अकैडमी (NEET Me Top Kaise Kare) से ही पढ़े होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वहीं से ही उन्हें उचित मार्गदर्शन और प्रॉपर नोट्स मिलते हैं। ऐसे में आपको भी देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से किसी एक में एडमिशन लेना चाहिए। वर्तमान में सीकर, कोटा और दिल्ली जैसे शहर नीट में अच्छी कोचिंग देते हैं।

ऐसे में यदि हम इन शहरों में बेस्ट कोचिंग की बात करें तो वह सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी, कोटा की एलन अकैडमी और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट होगा। इन सभी इंस्टीट्यूट में आपको नीट की बेस्ट कोचिंग दी जाएगी। इनमें से मैट्रिक्स अकैडमी की एक बात यह अच्छी है कि यहाँ जगह जगह डाउट सेंटर्स बने हुए हैं जहाँ पर स्टूडेंट्स कभी भी जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स बीच में अटकते नहीं हैं और लगातार आगे बढ़ते चले जाते हैं।

#4. नोट्स बनाना ना भूलें 

ऊपर हमने आपको बताया कि देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से आपको नोट्स मिलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप नोट्स नहीं बनाएंगे। वह इंस्टीट्यूट तो आपको बेस्ट सिलेबस उपलब्ध करवा देंगे लेकिन आप वहाँ जो प्रतिदिन क्लास अटेंड करेंगे, उसमें से अपने लिए नोट्स बनाना ना भूलें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा जो नोट्स बनाए जाएंगे, वही आगे चलकर आपको नीट में टॉप करने में मदद करेंगे।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब नीट एग्जाम में कुछ महीने बचे होते हैं तब स्टूडेंट्स इन्हीं नोट्स को ही पढ़ते हैं। अपने बनाए नोट्स से स्टूडेंट्स को चीज़ों को जल्दी कैप्चर करने और उन्हें समझने में सहायता मिलती है। इसलिए आप हर दिन अपनी क्लास को ना केवल अटेंड कीजिए बल्कि उसी के साथ ही उसके नोट्स भी बनाते रहें।

#5. प्रीवियस इयर के सभी पेपर देखें

नीट एग्जाम में टॉप करना है तो उसके बारे में सब जानने के साथ साथ उसके पिछले वर्ष के सभी प्रश्न पत्रों का आंकलन करना भी आता है। अब यह पॉइंट हमने अलग से इसलिए हाईलाइट किया है क्योंकि बहुत से स्टूडेंट्स नीट एग्जाम के बारे में तो जानकारी जुटा लेते हैं लेकिन प्रीवियस इयर के पेपर्स को देखना भूल जाते हैं।

इस बात को गाँठ बाँध लें कि यदि किसी एग्जाम को (NEET Exam Me Top Kaise Kare) अच्छे से समझना है तो आप कम से कम उसके पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को अच्छे से देख लें। आप उन्हें बार बार हल करें, उनमें प्रश्नों का पैटर्न समझें और उसके अनुसार ही अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। यह उपाय आपके लिए बहुत ही कारगार सिद्ध होगा। 

#6. होशियार स्टूडेंट्स की संगत

यह बात तो बचपन में आपके माता पिता भी बोलते होंगे कि आप जिस तरह के दोस्त बनाएंगे, आपका व्यवहार भी वैसा ही बनता चला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि दोस्तों के व्यवहार का हमारे व्यवहार पर बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आप अच्छी संगती में रहते हैं तो आप और अच्छे बनते चले जाते हैं और यदि आप बुरी संगती में पड़ जाते हैं तो आप भी उनके जैसे ही बन जाते हैं।

इसलिए यदि आपको नीट में अच्छा स्कोर करना है तो आपको होशियार स्टूडेंट्स के साथ ही दोस्ती यारी करनी चाहिए। आपको इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा। वह इसलिए क्योंकि होशियार स्टूडेंट्स जिस तकनीक को अपनाते हैं, आप भी उसी तकनीक को अपनाने लगेंगे। आपके डाउट भी जल्दी क्लियर होते चले जाएंगे और आप पढ़ाई में पहले से ज्यादा मन लगाने लगेंगे।

#7. माइंड रिलैक्स रखें

अब बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो नीट में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) करने को एक चैलेंज के रूप में तो ले लेते हैं लेकिन इसके कारण वे धीरे धीरे डिप्रेशन अर्थात तनाव में भी आने लगते हैं। वैसे तो हमें यह बात कहनी नहीं चाहिए लेकिन आए दिन हम कोटा जैसे शहरों में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बोझ तले आत्म हत्या करते हुए देखते हैं। खुद का जीवन ले लेना बहुत ही अनुचित कदम होता है और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

यदि किसी कारणवश आपसे नीट एग्जाम क्रैक नहीं हो सकता है तो इसके बारे में अपने माता पिता से बात करें। यदि वे नहीं समझते हैं तो किसी अन्य बड़े से बात करें। वहीं यदि आपको भरोसा है कि आप इसमें अच्छा कर सकते हैं तो आप इसे नेगेटिव रूप में लेने की बजाए पॉजिटिव रूप में लें। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, आप असफल हो जाएंगे लेकिन इसके आगे भी बहुत जीवन है। इसलिए अपने माइंड को हमेशा रिलैक्स अर्थात तरोताजा रखें।

#8. हर दिन MCQs को हल करें

नीट में टॉप करना है तो उसके लिए आपको हर दिन कम से कम 100 MCQS को हल करने का नियम बना लेना चाहिए। नीट में विकल्प वाले प्रश्न ही पूछे जाते हैं जिन्हें हम MCQs कहते हैं। ऐसे में आप जिस दिन से नीट की तैयारी करना शुरू करें, उसी दिन से ही इसे करना शुरू कर दें। शुरुआत में तो आपको यह करना थोड़ा कठिन लग सकता है लेकिन धीरे धीरे आपकी इसमें आदत पड़ने लगेगी।

एक महीने बाद देखिएगा, आपको बिना MCQs किए नींद ही नहीं आएगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको इन्हें सोल्व करने में आनंद आने लगेगा। फिर धीरे धीरे आपके लिए इन्हें हल करना चुटकियों का खेल बन जाएगा। ऐसा निरंतर करने से जब आपके सामने असली में नीट का एग्जाम आएगा तब आप उन्हें भी बड़े मजे से चुटकियों में हल करते हुए चले जाएंगे।

#9. NCERT बुक्स है सबसे जरुरी

नीट का एग्जाम क्रैक करने के लिए बाजार में कई तरह की बुक्स उपलब्ध हैं। इसमें से कई बुक्स आपके बहुत काम की है तो कुछ आपको डिटेल में ले जाकर स्टडी करवाती है। ऐसे में आपके लिए इन्हें पढ़ना बहुत जरुरी हो जाता है लेकिन इन सभी बुक्स को पढ़ने के बीच आप यह कतई ना भूलें कि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में NCERT की जो बुक्स पढ़ी है, वह सबसे ज्यादा जरुरी है।

नीट एग्जाम को क्रैक करने में जो बुक्स सबसे ज्यादा जरुरी होती (NEET Me Topper Kaise Bane) है, वह यही 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स होती है। ऐसे में आप इन बुक्स को तो अच्छे से रट लें या यूँ कहें कि अपने दिलों दिमाग में उतार लें। उसके बाद आप बाकी ऑथर की बुक्स को पढ़ें और उन्हें समझें।

#10. महीने में दो दिन हो रिवीजन

बहुत से स्टूडेंट्स एक और गलती करते हैं और वह यह है कि वे पढ़ते तो चले जाते हैं लेकिन उसकी रिवीजन नहीं करते हैं। ऐसे में उन्होंने पहले जो कुछ पढ़ा है, उसे भूलते हुए चले जाते हैं। फिर उन्हें वापस से उसे पढ़ने या याद करने में उतना ही समय देना पड़ता है। इससे आपका नुकसान ही होता है क्योंकि आप अपना एफर्ट और टाइम दोनों ही वेस्ट कर रहे होते हैं।

इसलिए आप महीने में कम से कम दो दिन रिवीजन के तौर पर रखें। पहला दिन आप महीने के बीच में तो दूसरा दिन आप महीने के अंत में रख सकते हैं। इस दिन आपको पिछले 15 या 20 दिन में पढ़ी गई सभी चीज़ों का फिर से रिवीजन करना है। इससे आपकी लगातार रिवीजन भी होती चली जाएगी और आपको फिर से उसे पढ़ने में उतना समय नहीं देना पड़ेगा।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में आपने जाना कि किन चीज़ों को करके आप भी नीट एग्जाम में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) स्कोर कर सकते हैं। इन सभी चीज़ों में इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्टूडेंट को टॉप करवाने में उसको मिली सही कोचिंग बहुत मायने रखती है। वह इसलिए क्योंकि यदि स्टूडेंट को सही गाइडेंस मिल जाए तो वह बाकियों की तुलना में तेज गति से आगे निकलता है।

ऐसे में आपको सीकर मैट्रिक्स, एलन कोटा, आकाश दिल्ली जैसे टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करनी चाहिए। यहाँ से हर वर्ष हजारों स्टूडेंट्स का नीट एग्जाम में सिलेक्शन होता है और वे टॉप भी करते हैं। ऐसे में आपको भी बहुत मदद मिल जाएगी।

Related FAQs

प्रश्न: नीट में सफलता कैसे प्राप्त करें?

उत्तर: यदि आप नीट में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मैट्रिक्स सीकर, कौटिल्य सीकर जैसे कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेना चाहिए।

प्रश्न: मैं नीट में रैंक कैसे प्राप्त करूं?

उत्तर: यदि आपको नीट में अच्छी रैंक चाहिए तो उसके लिए माइंड को रिलैक्स रखकर बिना प्रेशर के प्रतिदिन कम से कम 8 से 12 घंटे स्टडी करनी चाहिए।

प्रश्न: नीट टॉपर्स कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

उत्तर: नीट टॉपर्स दिन में 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करते हैं। इसी के साथ ही वे अपना खाली समय सार्थक चीज़ों को करने में लगाते हैं।

प्रश्न: टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: टॉपर्स प्रतिदिन 7 से 8 घंटे सोते हैं और ऐसा जरुरी भी है। यदि आप इतना नहीं सोएंगे तो आपका मानसिक संतुलन बिगड़ता है और इसका प्रभाव आपकी तैयारी पर पड़ता है।

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JEE Mains Kaise Crack Kare: आज हम बात करने वाले हैं जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने के बारे में और वो भी बस एक महीने में। बहुत से स्टूडेंट्स हमें कई दिनों से मैसेज कर रहे थे कि हम उन्हें जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की कुछ टिप्स दें। ऐसे में आज हम आप सभी के लिए एक महीने के अंदर JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक किया जा सकता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

JEE Mains कोई ऐसा वैसा एग्जाम नहीं होता (JEE Mains Kaise Clear Kare) है बल्कि यह देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने का एकमात्र तरीका होता है। इसमें सेलेक्ट होने पर ही आप आगे चलकर NIT जैसे कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं और IIT में जाने के लिए JEE एडवांस्ड का एग्जाम देने को पात्र माने जाते हैं। ऐसे में अगर किसी स्टूडेंट ने JEE Mains एग्जाम को ही क्रैक नहीं किया तो उसकी टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने की संभावना भी समाप्त हो जाती है।

इसलिए आज हम आपको जल्द से जल्द JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) किया जा सकता है और उसके लिए आप अभी से ही क्या कुछ तैयारी कर सकते हैं, इसके बारे में बात करने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं 1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक किया जाए।

1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक करें?

क्या आप जानते हैं कि बहुत से स्टूडेंट्स अपनी दसवीं क्लास से ही या उसे पास करते ही JEE Mains की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। अब जो स्टूडेंट्स इतनी जल्दी ही तैयारी शुरू कर देते हैं, उन्हें आप मात्र एक महीने में कैसे पछाड़ पाएंगे। अब आप यह सुनकर निराश मत हो जाइए क्योंकि यहाँ हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स देने वाले हैं जो JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने में बहुत मदद करेगी।

हमने बहुत रिसर्च की और JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने वाले कई टॉपर से भी बात की। उनसे मिली जानकारी के आधार पर हमने जाना कि किन चीज़ों ने उनकी JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने और उसे टॉप करने में मदद की। अब हम उन्हीं टिप्स को आपके साथ शेयर करने वाले हैं। इन्हें अपना कर आप भी JEE Mains को 1 महीने में क्रैक कर सकते हैं।

#1. टॉपर के नोट्स लें

यदि आपको 1 महीने में JEE Mains को क्रैक करना है तो उसमें आपकी सबसे ज्यादा सहायता किसी टॉपर के नोट्स ही करने वाले हैं। यहाँ पर टॉपर का अर्थ हुआ जो स्टूडेंट बहुत होशियार है और उसने टाइम टू टाइम अपनी हर क्लास को अटेंड किया है और अच्छे नोट्स बनाए हैं। ऐसे में आपको इसके लिए मेहनत जरुर करनी होगी क्योंकि पहले आपको किसी टॉपर को ढूँढना होगा और फिर उसे अपने नोट्स शेयर करने के लिए मनाना होगा।

अब यदि वह नोट्स शेयर करने को मान जाता है तो आपको उसके सभी नोट्स की फोटोकॉपी करवा लेनी चाहिए। अगर आपको एक से ज्यादा टॉपर के नोट्स भी मिलें तो आप उन सभी के नोट्स की कॉपी बनवा लीजिए। अब आप अगले एक महीने इन सभी नोट्स को अच्छे से स्टडी करें और उसके हर पहलु पर ध्यान दें। यह आपकी JEE Mains के एग्जाम में बहुत मदद करने वाले (JEE Mains Kaise Clear Kare) हैं।

#2. टॉप इंस्टीट्यूट से मदद लें

टॉपर के नोट्स के अलावा आपकी टॉप लेवल की अकैडमी भी बहुत मदद कर सकती है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल की अकैडमी में इस स्थिति से निपटने के लिए टॉप लेवल की रणनीति भी बनाई गई होती है। वहाँ आपको अनुभवी फैकल्टी से गाइडेंस मिलेगी और साथ ही सिलेबस के अनुसार नोट्स भी। अब अगर हम टॉप लेवल की अकैडमी की बात करें तो उसमें कई अकैडमी आती है।

इसमें जिस अकादमी का नंबर सबसे पहले आता है वह है सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी जिसे मैट्रिक्स JEE अकैडमी के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और उसके बाद सीकर की ही प्रिंस अकैडमी आती है। ऐसे में आपको इन अकैडमी से JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत मदद मिल जाएगी।

#3. स्ट्रोंग टॉपिक्स को कवर करें 

अब आपको यह देखना है कि JEE Mains के एग्जाम में किन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ टॉपिक्स ऐसे हैं जिनसे हर बार ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं और उनकी वेटऐज भी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि आपको 1 महीने से भी कम समय में JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Kaise Kare) करनी है तो उसके लिए स्ट्रोंग टॉपिक्स की लिस्ट बनाकर उनकी तैयारी करनी चाहिए।

अब अगर हम कुछ स्ट्रोंग टॉपिक्स की बात करें तो उसमें फिजिक्स से केनेमेटिक्स, वर्क-पावर-एनर्जी, इलेक्ट्रोस्टैटिक्स और करंट इलेक्ट्रिसिटी व मॉडर्न फिजिक्स आती है। केमिस्ट्री से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री (GOC, IUPAC, रिएक्शन मैकेनिज्म), इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री (कोऑर्डिनेशन कंपाउंड, P-Block) और फिजिकल केमिस्ट्री (मोल कंसेप्ट, थर्मोडायनामिक्स) आती है। वहीं मैथ्स से कोऑर्डिनेट जियोमेट्री (सर्कल, पैराबोला), कैल्कुलस (डिफरेंशिएशन, इंटीग्रेशन) और एलजेब्रा (मैट्रिसेस, डिटरमिनेंट्स, प्रोग्रेशन) आती है।

#4. कमजोर टॉपिक्स पर ज्यादा टाइम ना लगाएं

आप ऊपर दिए गए कुछ टॉपिक्स या इसके अलावा कुछ टॉपिक्स को समझने में ज्यादा समय लेते होंगे। हालाँकि यह टॉपिक्स जरुरी हो सकते हैं लेकिन यदि आप सारा टाइम इन्हें ही समझने में लगा देंगे तो बाकी विषयों को कब पढ़ पाएंगे। इसलिए यह बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है कि आप अपना समय बचाकर रखें और उसे सभी में बराबर बांटें।

यदि कोई टॉपिक टाइम देने के बाद भी समझ में नहीं आ रहा है या उसमें बहुत ज्यादा समय लग रहा है तो बेहतर यही होगा कि आप उसे वहीं छोड़ दें और उसकी जगह अन्य टॉपिक्स को समझने में अपना ध्यान लगाएं। इससे आपका बहुत समय भी बचेगा और आप ज्यादा से ज्यादा टॉपिक्स को कवर कर पाएंगे।

#5. स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाएं

जल्द से जल्द JEE Mains को क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल को भी फॉलो करने की जरुरत है। यदि आप अपने दिन का टाइम टेबल सेट नहीं करते हैं तो आपकी सारी की सारी मेहनत धरी की धरी रह जाएगी। एक सही टाइम टेबल के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है और अपनी योजना को धरातल पर उतारा जा सकता है। ऐसे में आप सबसे पहला काम अपना टाइम टेबल स्ट्रिक्ट बनाएं।

टाइम टेबल बनाने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप रात में देर तक पढ़ने की बजाए सुबह जल्दी उठकर पढ़ने पर ध्यान दें। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है। इस समय सूर्य की किरणें बहुत सकारात्मक होती है और इस समय जो पढ़ा जाता है, वह लंबे समय तक याद रहता है। इसलिए आप सुबह जल्दी उठकर अवश्य पढ़ें।

#6. मॉक टेस्ट देते रहें 

ऊपर हमने आपको मैट्रिक्स जैसी टॉप लेवल की अकैडमी से भी जुड़ने का सुझाव दिया था। वह इसलिए क्योंकि इस तरह की अकैडमी स्टूडेंट्स को JEE Mains का एग्जाम क्रैक करवाने में महारत रखती है। इन अकैडमी के द्वारा टॉप लेवल के मॉक टेस्ट भी सेट किए जाते हैं जो स्टूडेंट के लिए JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। इन्हीं मॉक टेस्ट की वजह से ही स्टूडेंट असली एग्जाम में प्रेशर फील नहीं करता है।

वह इसलिए क्योंकि वह कई समय पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देता है। आखिरी के एक महीने में तो इस तरह की अकैडमी हर दिन मॉक टेस्ट लेती है जिससे स्टूडेंट्स को उसकी आदत हो जाए। अब अगर आप भी एक महीने में JEE Mains को क्रैक करना चाहते हैं तो उसके लिए हर दिन मॉक टेस्ट देने का नियम बना लें।

#7. पुराने प्रश्न पत्र देखें

आपको कम से कम पिछले 10 वर्षों के JEE Mains के पेपर्स को स्टडी करना चाहिए। इससे आपको यह समझने में सहायता होगी कि आखिरकार JEE Mains के एग्जाम में किस तरह के टॉपिक्स पर किस तरह के सवाल जवाब पूछे जाते हैं और उनका पैटर्न क्या है। जब भी कभी किसी एग्जाम को जल्द से जल्द क्रैक करने की बात होती है तो हर कोई उसके पुराने प्रश्न पत्रों को देखने की ही सलाह देता है।

तो हमारी चुनी गई गोल्डन टिप्स में से एक टिप यही है कि आप JEE Mains के सभी और कम से कम पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहन अध्ययन करें। इससे आपको एग्जाम को अच्छे से समझने और उसे क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) करने में मदद मिलेगी। यह पेपर आपको किसी भी बुक्स की दूकान पर आसानी से मिल जाएंगे। आप इन्हें रोजाना हल करने का भी नियम बना लेंगे तो यह तो और भी बढ़िया बात होगी।

#8. शॉर्टकट ट्रिक्स सीखें

कम समय में JEE Mains जैसे एग्जाम को क्रैक करने के लिए शॉर्टकट का सहारा लेना ही पड़ता है। ऐसे में आप फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स जैसे सब्जेक्ट्स में हर टॉपिक को डिटेल में पढ़ने की बजाए उनकी ट्रिक्स को याद करें। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि कैसे किस प्रश्न को शॉर्टकट ट्रिक के जरिए जल्दी हल किया जा सकता है, इसके बारे में जाने।

अब मैथ्स में तो इसको लेकर कई तरह की ट्रिक्स होती है क्योंकि वहाँ सारा काम ही फार्मूला का है लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री भी कुछ ऐसी ही है। आपसे JEE Mains में जो भी प्रश्न पूछे जाएंगे उन सभी में शॉर्टकट ट्रिक्स जरुर लगती है। ऐसे में आपको इन ट्रिक्स का इस्तेमाल करना सीखना होगा और उसके अनुसार ही अपना पेपर सोल्व करना होगा।

#9. NCERT बुक को फॉलो करें 

वैसे तो अलग अलग इंस्टीट्यूट या ऑथर अपनी अपनी बुक को JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Kare) करने के लिए बेस्ट बुक बताते हैं लेकिन जो बुक आपके लिए सबसे जरुरी है वह है आपकी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि JEE Mains का जो भी सिलेबस होता है, वह पूरा का पूरा इन्हीं बुक्स पर ही बेस्ड होता है। अब इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी सभी बुक्स बेकार हैं बल्कि वह बुक्स भी अच्छी होती है।

यहाँ हम आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स पढ़ने को इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह आप पहले ही पढ़ चुके होंगे। ऐसे में आपको उनका बस रिवीजन ही करना होगा और उसी के आधार ही आपकी तैयारी हो जाएगी। इसलिए अपनी NCERT की बुक को खोलें और आज से ही उनकी रिविजन शुरू कर दें।

#10. पॉजिटिव बने रहें

जब किसी स्टूडेंट के पास एक महीने से भी कम का समय बचा होता है तो अक्सर यह देखा जाता है कि वह प्रेशर में आ जाता है। अब यही प्रेशर कब तनाव में बदल जाता है और वह नेगेटिव चीज़े सोचने लगता है, पता ही नहीं चलता। अब आप यह सोचिए कि क्या यह नकारात्मकता आपको JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में मदद करेगी या आपको और पीछे धकेलेगी।

इसलिए जितना हो सके, अपने माइंड को फ्रेश रखें, पॉजिटिव बने रहें और हर दिन अच्छे से अपनी स्टडी को करने पर ध्यान लगाएं। आप चाहें तो दिन में एक घंटा अलग से निकाल कर उस समय योग व प्राणायाम भी कर सकते हैं। यह आपको पॉजिटिव बनाए रखने में बहुत मदद करेगा। यदि आप पॉजिटिव रहते हैं तो चीज़े भी अच्छे से समझ में आती है और JEE Mains में सेलेक्ट (JEE Mains Kaise Clear Kare) होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 1 महीने में JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की 10 गोल्डन टिप्स (JEE Mains Kaise Crack Kare) के बारे में बता दिया है। वैसे हमारी बताई गई टिप्स आपकी बहुत मदद करेंगी लेकिन फिर भी यदि आप चूक जाते हैं और इस साल आपका JEE Mains में सिलेक्शन नहीं हो पाता है तो निराश मत होइए। आप एक साल और तैयारी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको बेस्ट अकैडमी की जरुरत पड़ेगी।

ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपका अगले साल के JEE Mains के एग्जाम में जरुर सिलेक्शन हो तो उसके लिए आपको मैट्रिक्स सीकर जैसी अकैडमी या एलन कोटा में एडमिशन लेना चाहिए। जहाँ एक ओर एलन का नाम वर्षों से चलता आ रहा है तो वहीं मैट्रिक्स अकैडमी ने पिछले कुछ वर्षों में टॉप लेवल का रिजल्ट दिया है।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 3 से 6 महीने चाहिए होते हैं। वहीं यदि इसकी अच्छे से तैयारी करनी है तो 6 महीने से 1 वर्ष का समय पर्याप्त होता है।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जी क्लियर कर सकता हूं?

उत्तर: हां, आप 1 महीने में जी क्लियर कर सकते हैं। इसके लिए हमने 10 टिप्स इस आर्टिकल में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकता हूं?

उत्तर: यदि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास में अच्छे से पढ़ाई की है तो अवश्य ही आप 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाने, पॉजिटिव बने रहने और हर दिन मॉक टेस्ट देने की जरुरत है।

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Sikar Best Coaching: आज हम बात करेंगे सीकर शहर में सबसे बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में। वैसे तो सीकर शहर में कई तरह के कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं जहाँ पर JEE और NEET की कोचिंग दी जाती है। हालाँकि उनमें से किस इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेनी सही रहेगी और किस से नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है। ज्यादातर स्टूडेंट्स जो सीकर शहर में JEE और NEET की कोचिंग लेने का सोच रहे हैं, वे भी इसी सवाल का जवाब ढूंढने ही यहाँ आए होंगे।

अब हर कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Center) अपने आप में सबसे बेस्ट होने का दावा करता है और करे भी क्यों नहीं, आखिरकार उसे अपने यहाँ स्टूडेंट्स जो लेने हैं। अब अगर वह बेस्ट होने का दिखावा नहीं करेगा तो कौन उनके यहाँ एडमिशन लेगा। ऐसे में आपके लिए कौन सा कोचिंग इंस्टीट्यूट बेस्ट रहेगा, यह जानना बहुत जरुरी हो जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको उसी के बारे में ही बताने वाले हैं। हम आपको यह तो बताएँगे ही कि सीकर शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट कौन सा है बल्कि इसी के साथ ही आपको JEE और NEET के लिए अलग से भी बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की एक लिस्ट देंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

Sikar Best Coaching | सीकर में सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है?

किसी भी शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात की जाए तो यह एक पेचीदा प्रश्न होता है। वह इसलिए क्योंकि इसका जवाब सीधे तौर पर नहीं दिया जा सकता है। वह इसलिए क्योंकि कोई इंस्टीट्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर में दूसरे इंस्टीट्यूट से बेस्ट होता है तो कोई इंस्टीट्यूट स्टूडेंट टीचर रेश्यो के हिसाब से। किसी इंस्टीट्यूट में फैकल्टी बहुत फेमस होती है तो किसी में स्टूडेंट्स का रिजल्ट बहुत अच्छा आता है।

ऐसे में हमने पांच मेजर फैक्टर के हिसाब से सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Institute) का आंकलन किया है। उसके आधार पर ही हम आपको सीकर के टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट देने जा रहे हैं। आइए पहले उन पांच कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम जान लेते हैं और फिर हम उन पांच फैक्टर पर एक-एक करके बात करेंगे।

  1. मैट्रिक्स अकैडमी
  2. एलन इंस्टीट्यूट
  3. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट
  4. प्रिंस अकैडमी
  5. कौटिल्य अकैडमी

तो यदि हम सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात करें तो उसमें मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। इसके बाद एलन इंस्टीट्यूट का नाम आता है जिसका नाम आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। दरअसल जिस एलन का नाम आपने सुन रखा है वह सीकर का नहीं बल्कि कोटा शहर का है। अपनी प्रसिद्धि के कारण एलन ने भारत के कई शहरों में अपनी ब्रांच खोल रखी है जिसमें से सीकर में भी एक ब्रांच है।

इसके बाद गुरुकृपा का नंबर आता है लेकिन वहाँ केवल नीट की ही कोचिंग दी जाती है, JEE की नहीं। फिर क्रमशः प्रिंस और कौटिल्य का नंबर आता है। तो आइए अब हम बात करते हैं कि हमने किन पांच मेजर फैक्टर पर इन इंस्टीट्यूट को सीकर का बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट बनाया (Sikar Best Coaching) है।

सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की खासियत

कोई भी इंस्टीट्यूट यूँ ही टॉप पर नहीं आ जाता है बल्कि उसके लिए उसे कई वर्षों की मेहनत करनी पड़ती है। अब यह मेहनत तभी रंग लाती है जब वहाँ के स्टूडेंट्स का रिजल्ट सामने आता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह रिजल्ट भी ओवरऑल पैमाना नहीं हो सकता है। अब आप कहेंगे कि ऐसा क्यों? यह बात आपको नीचे दिए जा रहे पांच पॉइंट्स में समझ में आ जाएगी।

तो यह पांच पॉइंट या फैक्टर वह हैं जो किसी भी इंस्टीट्यूट को टॉप से बॉटम और बॉटम से टॉप पर लेकर जा सकते (Sikar Best Coaching Center) हैं। इनमें सबसे पहले आता है इंस्टीट्यूट का इंफ्रास्ट्रक्चर, फिर फीस, फैकल्टी, स्टूडेंट टीचर रेश्यो और आखिर में स्टूडेंट का रिजल्ट। आइए जाने यह पांच फैक्टर क्यों जरुरी हैं और इसमें कौन सा इंस्टीट्यूट कहाँ ठहरता है।

#1. इंफ्रास्ट्रक्चर

सबसे पहले बात करते हैं कोचिंग इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर की। अब पहले का जमाना नहीं रहा जब एक छोटे से कमरे में स्टूडेंट्स को पढ़ा लिया जाता था। जमाना बहुत तेजी से बदला है और आज के समय में स्टूडेंट को बाकी से आगे निकलना है तो उसे टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए अन्यथा वह बाकी स्टूडेंट्स से पिछड़ जाएगा।

तो इसमें टॉप लेवल के क्लास रूम्स, डिजिटल तकनीक, ऑनलाइन सिलेबस, पढ़ाई का माहौल, डाउट सेंटर्स इत्यादि कई तरह की चीजें आती है। अब अगर हम सीकर के टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करें तो उसमें मैट्रिक्स और प्रिंस अकैडमी का नाम टॉप पर आता है। पूरे सीकर शहर में यह दोनों अकैडमी ही टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवा रही है।

#2. फीस

अब बात करते हैं फीस की। जहाँ एक ओर कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत भारी भरकम फीस लेते हैं तो कुछ बहुत कम फीस में भी पढ़ाने को तैयार हो जाते हैं। जबकि यह दोनों ही सही नहीं है। आइए जानते हैं कैसे। दरअसल जो इंस्टीट्यूट ज्यादा फीस लेते हैं, वे अपनी ब्रांड वैल्यू के कारण ऐसा करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका नाम सुनकर स्टूडेंट्स तो आएंगे ही तो ऐसे में ज्यादा फीस लेने में क्या बुराई।

वहीं जो इंस्टीट्यूट कम फीस में भी पढ़ाने को तैयार हो जाते हैं, वे स्टूडेंट्स को अपने यहाँ खींचने के लिए ऐसा करते हैं। अब उनके यहाँ फीस तो कम होती है लेकिन वे बाकी फैसिलिटी में कमी कर देते हैं जिसका भुगतान आखिरकार स्टूडेंट को ही करना पड़ता है। ऐसे में अगर फीस की बात की जाए तो इन सभी में एलन और प्रिंस की फीस सबसे ज्यादा है जबकि बाकी की फीस मॉडरेट है।

#3. फैकल्टी

इंफ्रास्ट्रक्चर और फीस के बाद बारी आती है वहाँ पढ़ाने वाली फैकल्टी की। अब आप JEE और NEET की कोचिंग लेने जा रहे हैं तो आपकी नैया पार तो फैकल्टी अर्थात टीचर के द्वारा ही लगेगी ना। अब अगर टीचर ही अच्छा ना मिले तो आपका वहाँ पढ़ने का क्या ही लाभ। वहीं टीचर टॉप लेवल का और स्टूडेंट्स को समझने वाला मिल जाए तो कमजोर स्टूडेंट भी तेजी से आगे निकल जाता है।

इस फैक्टर में पूर्ण रूप से मैट्रिक्स अकैडमी बाजी मारती हुई दिखती है। वह इसलिए क्योंकि मैट्रिक्स की कुछ फैकल्टी बहुत टॉप की है। ऐसे में मैट्रिक्स अकैडमी के मदन सर, मान सर, अरिहंत सर, एलन सीकर के प्रमोद सर, सुरेन्द्र सर, गुरुकृपा के प्रदीप सर व योगेन्द्र सर इस लिस्ट में टॉप पर बने हुए हैं।

#4. स्टूडेंट टीचर रेश्यो

यह एक बहुत ही जरुरी फैक्टर है जो बहुत से स्टूडेंट्स और यहाँ तक कि उनके पेरेंट्स भी अनदेखा कर देते हैं। वह इसलिए क्योंकि ना तो कोचिंग इंस्टीट्यूट इसके बारे में बात करना चाहते हैं और ना ही वे चाहते हैं कि आप इसके बारे में जाने या उनसे पूछे। स्टूडेंट टीचर रेश्यो का मतलब हुआ कि एक इंस्टीट्यूट में कितने स्टूडेंट के ऊपर एक टीचर उपलब्ध है।

अब कुछ बड़े व नामी इंस्टीट्यूट अपने यहाँ स्टूडेंट्स तो बहुत ले लेते हैं लेकिन उनके यहाँ उतने टीचर्स नहीं होते हैं। ऐसे में एक ही क्लास में 100 से अधिक स्टूडेंट्स को एक टीचर पढ़ा रहा होता है जिस कारण ना तो स्टूडेंट के डाउट सही से क्लियर हो पाते हैं और ना ही वह उन्हें पूछ पाता है। इस फैक्टर में मैट्रिक्स, गुरुकृपा इंस्टीट्यूट बहुत ही सही हैं क्योंकि वहाँ स्टूडेंट टीचर रेश्यो बाकी इंस्टीट्यूट की तुलना में बहुत संतुलित बना हुआ है।

#5. रिजल्ट

अब बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर के बारे में जो है स्टूडेंट्स का रिजल्ट। जब भी हम किसी इंस्टीट्यूट के बारे में जानना चाहते हैं या फिर इंस्टीट्यूट हमें अपने बारे में बताना चाहता है तो वह इंस्टीट्यूट सबसे पहले अपने यहाँ के टॉप स्टूडेंट्स या कुल सलेक्टेड स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी देता है जो कि सही भी है लेकिन पूर्ण रूप में नहीं।

वह इसलिए क्योंकि अगर आप सीकर में JEE और NEET में सेलेक्ट होने वाले सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स की बात करेंगे तो उसमें एलन टॉप करेगा लेकिन वास्तविकता में उसमें मैट्रिक्स और कौटिल्य जैसी अकैडमी टॉप पर हैं। अब आप समझिए यह कैसे। मान लीजिए कि एलन में एक हज़ार स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं और उसमें से 100 स्टूडेंट्स सेलेक्ट होते हैं तो उसका रिजल्ट मात्र 10 प्रतिशत रहा। वहीं मैट्रिक्स में 200 स्टूडेंट पढ़ रहे हैं और उसमें से 50 स्टूडेंट सेलेक्ट होते हैं तो उसका रिजल्ट 25 प्रतिशत रहा।

अब कहने को तो एलन से 100 स्टूडेंट सेलेक्ट हुए हैं और मैट्रिक्स से उसके आधे लेकिन रिजल्ट मैट्रिक्स का अच्छा रहा। ऐसे में आपको किसी इंस्टीट्यूट के बारे में अच्छे से जानना है तो आपको केवल ऊपर ऊपर की बातों में नहीं आना चाहिए बल्कि उसकी गहराई में जाना चाहिए।

इस तरह से अगर हम ओवरऑल बात करें तो सीकर शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Institute) के बारे में बात की जाएगी तो उसमें मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। फिर उसके बाद एलन और बाकी इंस्टीट्यूट का नाम आएगा। चलिए अब आपको JEE और NEET के लिए अलग से बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट का क्रम भी दिखा देते हैं।

सीकर में JEE के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट | Sikar Best Coaching For JEE

सीकर में JEE के लिए बेस्ट कोचिंग की बात हो रही है तो उसमें मैट्रिक्स का स्थान पहले नंबर पर आता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सीकर से JEE में सेलेक्ट होने वाले टॉप 5 स्टूडेंट्स में से 4 स्टूडेंट का मैट्रिक्स अकैडमी से होना बतलाता है। तो चलिए सीकर की टॉप 5 JEE अकैडमी के बारे में जान लीजिए।

  1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी
  2. एलन इंस्टीट्यूट
  3. प्रिंस अकैडमी
  4. कौटिल्य इंस्टीट्यूट
  5. सीएलसी

सीकर में NEET के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट | Sikar Best Coaching For NEET

अब जब आपने सीकर की टॉप 5 JEE अकैडमी के बारे में जान लिया है तो यह मत मानकर चलिए कि यही अकादमी NEET के लिए उसी क्रम में ही होगी या केवल यही अकैडमी ही इसमें होगी। इनका क्रम और नाम दोनों ही सीकर की टॉप 5 NEET अकैडमी के लिए बदल जाने वाला है। तो आइए जाने सीकर के टॉप 5 NEET इंस्टीट्यूट के बारे में।

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन
  2. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट
  3. एलन इंस्टीट्यूट
  4. सीएलसी
  5. प्रिंस इंस्टीट्यूट

निष्कर्ष

इस तरह से आपने सीकर में टॉप इंस्टीट्यूट के रूप में JEE और NEET कोचिंग अकादमी (Sikar Best Coaching) के बारे में जान लिया है। इस सूची में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम पहले नंबर पर लिया जाता है। इसके लिए वहाँ का टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर होने के साथ-साथ फैकल्टी का अनुभव और स्टूडेंट्स का लगातार टॉप करना भी शामिल है। फिर एलन का नाम लिया जाता है तो फिर गुरुकृपा और प्रिंस अकैडमी भी कुछ कम नहीं है।

ऐसे में अगर आप JEE और NEET में से किसी एक की कोचिंग लेने का सोच रहे हैं तो आपको सीकर की टॉप मोस्ट अकैडमी से ही पढ़ना चाहिए। इसका लाभ आपको यह मिलेगा कि आपके JEE और NEET के एग्जाम में सिलेक्शन होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान से टॉप लेवल की गाइडेंस भी मिलती है।

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प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग सबसे अच्छी है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए जिस कोचिंग का नाम टॉप पर लिया जाता है वह मैट्रिक्स नीट डिविजन है। इसके बाद गुरुकृपा इंस्टीट्यूट का नाम आता है।

प्रश्न: क्या सीकर नीट के लिए अच्छा है?

उत्तर: सीकर नीट के लिए बेस्ट सिटी कही जा सकती है क्योंकि यहाँ मैट्रिक्स, गुरुकृपा, प्रिंस जैसे जाने माने कोचिंग संस्थान हैं।

प्रश्न: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी और कोटा का एलन इंस्टीट्यूट है। आप दोनों में से किसी में भी एडमिशन ले सकते हैं।

प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग रैंक 1 है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए मैट्रिक्स अकादमी की कोचिंग रैंक 1 है और उसके बाद गुरुकृपा का नंबर आता है।

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NEET Coaching Fees: आज हम नीट की तैयारी में आने वाले खर्चे की बात कर रहे हैं। अब यह चिंता स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पेरेंट्स को भी रहती है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस इतना ज्यादा होती है कि उसमें अपने बच्चे को भेजना किसी मिडिल क्लास फैमिली के लिए बुरे सपने से कम नहीं होता है। अब लोअर मिडिल क्लास और गरीब लोगों को तो भूल ही जाएं। यही कारण है कि पेरेंट्स अपने बच्चे को बेहतर से बेहतर नीट कोचिंग देने का प्रयास करते हैं।

साथ ही बात केवल पैसों की ही नहीं है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की फीस अवश्य ही ज्यादा है लेकिन फिर भी सरकारी मेडिकल कॉलेज डॉक्टर की तैयारी करवाने में टॉप पर आते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में फीस भी कम है और वहाँ पढ़ाई भी टॉप लेवल की होती है। इसलिए हर वह स्टूडेंट जो डॉक्टर बनना चाहते हैं, उनका लक्ष्य सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का होता है।

अब यदि आपको सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है तो उसके लिए नीट की कोचिंग लेने की जरुरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को यह भी जानना होता है कि नीट की तैयारी में उनका कितना तक खर्चा हो सकता (NEET coaching fees per month offline) है। ऐसे में आज हम इस विषय पर विस्तार से आपको जानकारी देने वाले हैं।

ऑफलाइन NEET की तैयारी में कितना खर्च आता है?

यहाँ हमने ऑफलाइन शब्द इसलिए जोड़ा है क्योंकि आज के समय में ऑनलाइन नीट की कोचिंग भी दी जा रही है। अब जो इंस्टीट्यूट केवल ऑनलाइन ही नीट की तैयारी करवाते हैं, उनकी फीस बहुत ही ज्यादा कम होती है लेकिन वहाँ पढ़ने का इतना लाभ देखने को नहीं मिलता है। वह इसलिए क्योंकि जो तैयारी क्लास में जाकर होती है, वह घर बैठे ऑनलाइन लेक्चर से नहीं हो सकती (NEET ki coaching fees kitni hai) है।

घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई तो आप यूट्यूब पर फ्री लेक्चर देखकर भी कर सकते हैं। अब उसमें ना तो क्लास का खर्चा आता है और ना ही एक टीचर को बार-बार पढ़ाना होता है। ऐसे में वे फीस कम लेंगे ही लेकिन उसका रिजल्ट ही ना मिले तो वह सारा का सारा पैसा व्यर्थ ही हुआ ना। इसलिए यहाँ हम ऑफलाइन अर्थात क्लास में जाकर नीट की कोचिंग लेने में कितना तक खर्चा आता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

अब वैसे तो नीट की कोचिंग हर शहर में दी जाती (NEET Coaching Fees) है लेकिन हम भारत के चार प्रमुख शहरों का अध्ययन करेंगे। यह चार शहर हैं कोटा, सीकर, जयपुर और दिल्ली। नीट की कोचिंग देने में अन्य शहरों की तुलना में इन चार शहरों का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को इनमें से किसी शहर में पढ़ने भेजते हैं तो आपको एक साल में कितना पैसा इन्वेस्ट करना होगा, आइए उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

कोटा नीट कोचिंग फीस

अगर हम नीट कोचिंग की बात करते हैं तो उसमें जिस शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह कोटा ही है। कोटा को केवल नीट के लिए ही नहीं बल्कि JEE की कोचिंग देने में भी टॉप लेवल का शहर माना जाता है। यहाँ पर सैकड़ों नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जहाँ पर लाखों स्टूडेंट्स कोचिंग ले रहे हैं। कोटा ने अपना यह नाम आज से नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से बनाया है। इस कारण यह आज के समय में नीट की कोचिंग देने में नंबर एक शहर माना जाता है।

अब अगर हम कोटा में नीट की फीस की बात करें तो वह सालाना 1 से 1.5 लाख तक चली जाती है। अब स्टूडेंट अगर कोटा का ही है तो कोई बात नहीं लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स तो दूसरे शहर या राज्य से नीट की कोचिंग लेने कोटा आते हैं। ऐसे में उन्हें वहाँ पर रहने, खाने पीने और यात्रा इत्यादि के खर्चे भी करने होते हैं।

तो कोटा शहर में रहने का खर्चा 8 से 12 हज़ार प्रति माह का लगता है। वहीं अन्य खर्चे भी 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह तक पहुँच जाते हैं। इस तरह से सभी को जोड़कर देखा जाए तो कोटा शहर में एक वर्ष के लिए नीट का कुल खर्चा 2.5 से 3 लाख के बीच में बैठ जाता (NEET coaching fees per year) है। 

सीकर नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं नीट की कोचिंग देने में भारत की दूसरी सबसे प्रसिद्ध सिटी सीकर की। मजे की बात यह है कि कोटा भी राजस्थान राज्य का एक शहर है तो यह सीकर भी। साथ ही सीकर कोटा से ज्यादा दूर भी नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सीकर के नीट कोचिंग संस्थान ने कुछ ऐसा कमाल किया है कि अब नीट की कोचिंग देने में कोटा के साथ-साथ सीकर शहर का नाम पूरे भारतवर्ष में लिया जाता है।

इसका मुख्य कारण है सीकर शहर के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट। इनमें कुछ चुनिंदा इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा इत्यादि हैं जहाँ नीट की टॉप लेवल की कोचिंग दी जा रही है। वहीं कोटा के प्रसिद्ध एलन इंस्टीट्यूट ने भी सीकर शहर में अपनी ब्रांच खोली हुई है। अब सीकर शहर में नीट कोचिंग फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से 1.2 लाख के बीच में होती है।

वहीं यदि हम स्टूडेंट के लिए होटल या रहने के खर्चे के बारे में बात करें तो वह 6 से 10 हज़ार रुपए प्रति माह बैठ जाता है। वहीं अन्य खर्चे 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह है। इस तरह से सीकर शहर में नीट की कोचिंग लेने पर एक वर्ष में 2 से 2.5 लाख तक का खर्चा हो जाता है।

जयपुर नीट कोचिंग फीस

नीट की कोचिंग देने में राजस्थान राज्य की ही राजधानी जयपुर तीसरे नंबर पर आती है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान राज्य के यह तीन शहर नीट की कोचिंग देने में देशभर में टॉप 3 में आ जाते हैं। हालाँकि इसमें जयपुर से कभी दिल्ली आगे निकल जाता है तो कभी जयपुर आगे हो जाता है।

अब अगर हम जयपुर में नीट की कोचिंग फीस की बात करें तो वह 90 हज़ार से 1.3 लाख के बीच में आती है। वहीं अगर हम वहाँ रहने की बात करें तो उसमें 7 से 11 हज़ार रुपए प्रति माह लगते हैं। वहीं अन्य खर्चे 3 से 4 हज़ार के बीच में बैठते हैं। इस तरह से जयपुर में नीट की कोचिंग लेने में 2.5 से 3 लाख तक का खर्चा एक वर्ष में हो जाता (NEET coaching fees per year) है।

जयपुर में नीट के ऊपर होने वाला खर्चा कोटा के बराबर ही है। हालाँकि कोटा में नीट की कोचिंग फीस ज्यादा है तो वहीं जयपुर शहर में रहने, खाने पीने इत्यादि का खर्चा ज्यादा हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी है और वहाँ कई कंपनियों के ऑफिस भी हैं।

दिल्ली नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं हमारे देश भारत की राजधानी दिल्ली की। दिल्ली में केवल नीट की ही नहीं बल्कि हर मुख्य एग्जाम की कोचिंग दी जाती है। फिर चाहे वह आईएस का एग्जाम हो या बैंक का। सीए की तैयारी करनी हो या नीट की। दिल्ली को एक तरह से सभी तरह के एग्जाम की कोचिंग लेने का हब माना जाता है। तभी तो यह भारत की राजधानी भी है।

अब अगर हम दिल्ली में नीट की कोचिंग फीस, रहने, खाने पीने इत्यादि की बात करें तो वह ऊपर दिए गए तीनों शहरों की तुलना में अधिक होती है। यहाँ नीट की कोचिंग फीस 1.2 से 1.8 लाख के बीच में होती है। वहीं दिल्ली में रहने का खर्चा एक माह का 10 से 15 हज़ार के आसपास बैठ जाता है। अन्य खर्चे 3.5 से 5 हज़ार के बीच में होते हैं।

इस तरह से यदि हम दिल्ली में नीट की कोचिंग लेने में ओवरऑल खर्चे को देखें तो वह 3 से 4 लाख के बीच में हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह ना केवल मेट्रो सिटी है बल्कि देश की राजधानी भी है। ऐसे में वहाँ सभी तरह के संसाधन और सुख-सुविधाएँ होने के कारण खर्चे भी बहुत ज्यादा होते हैं।

चारों का तुलनात्मक अध्ययन

ऊपर आपने ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में प्रति वर्ष कितना तक खर्चा हो जाता है, उसके बारे में भारत के टॉप 4 शहरों के बारे में जान लिया है। हालाँकि केवल इतनी जानकारी लेना ही पर्याप्त नहीं होता है। इसी के साथ ही आपको इन शहरों से नीट की कोचिंग लेने में क्या पॉजिटिव और नेगेटिव इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं, उस पर भी एक नज़र डाल लेनी (NEET ki coaching fees kitni hai) चाहिए। तो आइए उसके बारे में भी हम आपको बता देते हैं।

  • कोटा: कोटा अवश्य ही नीट की कोचिंग देने में पहले नंबर पर आता है लेकिन वहाँ का एक नेगेटिव पहलु यह है कि वहाँ स्टूडेंट्स के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर डाला जाता है और वे स्ट्रेस में रहते हैं। यही कारण है कि हम आए दिन कोटा में हो रहे सुसाइड की खबरें सुनते रहते हैं। हालाँकि इस पर काम किया जा रहा है लेकिन आज भी वहाँ का माहौल बहुत ही स्ट्रेस्ड रहता है।
  • सीकर: कोटा के स्ट्रेस वाले माहौल के कारण ही सीकर शहर नीट की कोचिंग देने में बाजी मार रहा है। वह इसलिए क्योंकि जहाँ एक ओर सीकर के मैट्रिक्स, गुरुकृपा जैसे इंस्टीट्यूट कोटा के टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट को कड़ी टक्कर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर, वहाँ के शांत वातावरण में स्टूडेंट और अधिक फोकस से पढ़ाई कर पाता है।
  • जयपुर: जयपुर भी नीट के लिए एक अच्छी पसंद हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ ना तो कोटा के जैसा स्ट्रेस है और इंस्टीट्यूट भी टॉप लेवल के हैं। हालाँकि यह सीकर से इस मामले में पीछे है क्योंकि सीकर ने JEE और नीट की कोचिंग पर मुख्य ध्यान दिया हुआ है जबकि जयपुर दिल्ली की तरह ही हर फील्ड में बराबर ध्यान देता है।
  • दिल्ली: दिल्ली का पहला नेगेटिव पॉइंट तो यही है कि यहाँ पर नीट की कोचिंग लेने में बहुत खर्चा हो जाता है। वहीं जो लोग सोच रहे हैं कि दिल्ली में फीस ज्यादा है तो कोचिंग भी बेहतर होगी तो ऐसा नहीं है। दिल्ली में कोचिंग इसलिए महँगी है क्योंकि वहाँ का लाइफ स्टाइल महंगा है। साथ ही दिल्ली में स्टूडेंट्स का ध्यान भी बहुत जल्दी भटक जाता है क्योंकि जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ हैं, वहाँ बहुत कम लोग ही अपनी नीट की तैयारी पर फोकस्ड रह पाते हैं।

स्कॉलरशिप भी है एक ऑप्शन

अब आप यह भी जान लें कि आपके बच्चे के पास भारत के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्कॉलरशिप पाने के भी मौके हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर तरह के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट अपने यहाँ एग्जाम कंडक्ट करवाते (NEET coaching fees per month offline) हैं। इस एग्जाम में अच्छा स्कोर करने वाले कुछ चुनिंदा होनहार स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती है।

मैट्रिक्स जैसी अकैडमी में तो स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत की भी स्कॉलरशिप दी जाती है। ऐसे में आप उस एग्जाम को दे सकते हैं और अपनी किस्मत को आजमा सकते हैं। यदि आप चुन लिए जाते हैं तो आपको नीट की कोचिंग फीस कुछ हज़ार रुपए ही देनी होगी। बस हर महीने रहने, खाने-पीने इत्यादि का खर्चा वहां करना होगा।

निष्कर्ष

आज हमने आपको बताया कि ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में आपको कितना तक का खर्चा करना पड़ सकता (NEET Coaching Fees) है। इसके अनुसार ही आप अपना बजट बना सकते हैं। यदि आप सीकर से नीट की कोचिंग लेंगे तो दो से ढाई लाख, कोटा और जयपुर से ढाई से तीन लाख और दिल्ली से तीन से चार लाख तक का खर्चा हो सकता है।

आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स की पहली पसंद सीकर शहर इसलिए ही बन रहा है क्योंकि एक तो वहाँ नीट की कोचिंग फीस अन्य की तुलना में कम है और साथ ही माहौल भी बहुत सही है। वहाँ आपको मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा, एलन जैसे टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट भी मिल जाते हैं और पढ़ने के लिए एक सही माहौल भी।

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प्रश्न: नीट की 1 साल की फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि हम सामान्य तौर पर नीट कोचिंग लेने के लिए एक साल की फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक हो सकती है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि आप अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग ले रहे हैं तो यह फीस एक लाख/ सालाना के आसपास बैठती है।

प्रश्न: नीट की तैयारी करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: नीट की तैयारी करने में कोचिंग, हॉस्टल, खाना-पीना इत्यादि सभी खर्चों को जोड़ दिया जाए तो यह सामान्य तौर पर डेढ़ से दो लाख एक साल का बैठता है।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कौन सी क्लास सबसे अच्छी है?

उत्तर: नीट की तैयारी आपको अपनी दसवीं कक्षा से ही शुरू कर देनी चाहिए। तभी आगे चलकर आपका जल्द से जल्द नीट में सलेक्शन हो पाएगा।

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NEET Time Management: आज हम बात करेंगे उन स्टूडेंट्स के बारे में जो नीट की कोचिंग ले रहे हैं या उसकी तैयारी करने का सोच रहे हैं। जो स्टूडेंट्स आगे चलकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का सोच रहे हैं और उसके लिए नीट की कोचिंग शुरू करने का सोच रहे हैं तो आज का यह आर्टिकल उनके बहुत काम आने वाला है। वह इसलिए क्योंकि आज हम नीट की कोचिंग में काम आने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण चीज़ टाइम मैनेजमेंट के बारे में बात करने वाले हैं।

जिन स्टूडेंट्स को समय रहते टाइम मैनेजमेंट के बारे में सही जानकारी मिल जाए, वे अभी से ही अपना बहुत सा समय बचा सकते हैं और उसका इस्तेमाल अपनी तैयारी को और बेहतर करने में कर सकते हैं। वहीं जो स्टूडेंट इस तकनीक के बारे में जितना देरी से सोचते हैं, उन्हें उतना ही अधिक नुकसान हो चुका होता है।

ऐसे में आपके लिए टाइम मैनेजमेंट की तकनीक सीखना बहुत ही जरुरी हो जाता (NEET ki taiyari ke liye time table) है अन्यथा आप उन स्टूडेंट्स से पिछड़ जाएंगे जो इस पर पहले से ही काम कर रहे हैं। इसलिए आइए आज हम इस विषय पर विस्तार से बात कर लेते हैं।

नीट की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट

नीट का एग्जाम क्रैक करना बहुत ही मुश्किल माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि पहली बात तो देश में चुनिंदा सरकारी मेडिकल कॉलेज ही टॉप लेवल के हैं और उनमें भी लिमिटेड सीट्स ही (NEET ke liye time table kaise banaye) होती है। ऐसे में अगर आपने नीट का एग्जाम क्रैक कर भी लिया है तो भी यह जरुरी नहीं है कि आपको टॉप लेवल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में अपनी मनपसंद की फील्ड में एडमिशन मिल जाएगा।

इसके लिए आपको टॉप स्कोर करना (NEET Time Management) होगा। वह भी पहले एक या दो साल में ही क्योंकि कुछ स्टूडेंट्स इसमें तीन से चार साल भी लगा देते हैं। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरुरी हो जाता है। तो चलिए नीट की तैयारी करने के दौरान आपको टाइम मैनेजमेंट के लिए कौन-कौन सी तकनीक अपनानी होगी, उसका पता लगा लेते हैं।

#1. तीनों सब्जेक्ट्स पर समान ध्यान दें

नीट के एग्जाम में तीन सब्जेक्ट आते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी होते हैं। अब बहुत से स्टूडेंट्स क्या करते हैं कि वे बायोलॉजी पर तो अधिक ध्यान देते हैं क्योंकि इसका सीधा संबंध मेडिकल से होता है लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री पर उतना फोकस नहीं रखते हैं। ऐसा करके वे जाने अनजाने में बहुत बड़ी गलती कर रहे होते (NEET ki taiyari ke liye time table) हैं।

माना कि आगे चलकर आपको बायोलॉजी पर ही पढ़ाया जाएगा लेकिन वह तभी पढ़ाया जाएगा ना जब आप नीट एग्जाम को क्रैक कर लेंगे और फिर मेडिकल कॉलेज में अपनी सीट को रिज़र्व कर लेंगे। उससे पहले तो आपको नीट एग्जाम देना होगा और उसके लिए तीनों ही सब्जेक्ट्स पढ़ने होंगे। इसलिए आप बायोलॉजी पर अवश्य ही कुछ घंटे ज्यादा दे सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप फिजिक्स और केमिस्ट्री को भूल ही जाएं।

#2. कोचिंग इंस्टीट्यूट सोच-समझ कर चुने

इसमें आपकी एक बढ़िया नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत मदद कर सकता है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़कर आपको बहुत ज्यादा मदद मिल जाती है। वहाँ पर हर चीज़ का एक सिस्टम बनाया गया होता है और स्टूडेंट्स को उसी के अनुसार ही तैयार किया जाता है।

अब अगर हम आपको देशभर के कुछ चुनिंदा नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में बताएं तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी पहले नंबर पर आती है। मैट्रिक्स में पहले JEE की ही तैयारी करवाई जाती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहाँ नीट की भी कोचिंग दी जा रही है।

आज के समय में मैट्रिक्स का रिजल्ट बहुत ही अच्छा जा रहा है क्योंकि वहाँ पर सभी बेस्ट लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की लर्निंग को ध्यान में रखकर सिस्टम तैयार किया गया है। वहीं सीकर का ही गुरुकृपा इंस्टीट्यूट और कोटा का एलन इंस्टीट्यूट इस सूची में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर आते हैं। ऐसे में आप अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव कर सकते हैं।

#3. जरुरी चीज़ों के नोट्स बनाएं

अब अगर आप पढ़ते ही जाएंगे, पढ़ते ही जाएंगे लेकिन जरुरी चीज़ों के नोट्स नहीं बनाएंगे तो बहुत गलत होगा। आप किसी भी टॉप लेवल के स्टूडेंट को देख लीजिए, फिर चाहे वह स्कूल में हो या कॉलेज में या किसी एग्जाम की तैयारी कर रहा हो, उसका मुख्य फोकस नोट्स बनाने में होता है। साथ ही बाकी सभी स्टूडेंट्स भी उस स्टूडेंट के नोट्स लेने को तैयार रहते हैं।

अब नीट की कोचिंग में भी इन नोट्स का बहुत ज्यादा महत्व होता है। वह इसलिए क्योंकि नोट्स आप अपनी समझ के अनुसार लिखते हैं ताकि जरुरत पड़ने पर आप उसे पढ़ें और जल्द से जल्द चीज़ों को कैप्चर कर सकें। इसलिए नोट्स बनाने में किसी भी तरह की ढिलाई ना बरतें। यदि किसी दिन क्लास मिस भी हो जाती है तो आप किसी सहपाठी से नोट्स ले लें।

वहीं मैट्रिक्स, एलन जैसे संस्थान में तो हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है। ऐसे में अगर किसी कारण आप लेक्चर मिस कर देते हैं तो आप उसे ऑनलाइन देखकर समझ सकते हैं और नोट्स बना सकते हैं।

#4. टॉपिक्स को प्रायोरिटी दें

नीट के एग्जाम में तीनों सब्जेक्ट्स में से कई तरह के टॉपिक आते हैं। अब कोई टॉपिक ज्यादा जरुरी होता है तो कोई कम। यदि आप हर टॉपिक को एक समान महत्व देंगे तो यह गलत होगा। आप सोचते होंगे कि हर टॉपिक पर एक जैसा ध्यान देने से तैयारी अधिक मजबूत होती है लेकिन यह एक गलत सोच है।

जो टॉपिक ज्यादा महत्वपूर्ण है, उस पर आपको अधिक ध्यान देने की जरुरत है। वहीं आप उन्हें मुश्किल और सरल के आधार पर भी प्रायोरिटी दे सकते हैं। किसी स्टूडेंट को कोई टॉपिक मुश्किल लगता है तो किसी को वही टॉपिक सरल लगता है। ऐसे में आप मुश्किल और महत्वपूर्ण टॉपिक को सबसे अधिक प्रायोरिटी दें और उसके बाद क्रमानुसार बाकियों को प्रायोरिटी दें।

#5. एक्सपर्ट्स व सीनियर की मदद लें

आपको नीट की तैयारी करने के लिए टाइम मैनेजमेंट करना है तो उसमें आपके सीनियर बहुत मदद कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपने से सीनियर के भी टच में बने रहना चाहिए। उनसे आपको रह-रह कर कुछ ऐसी टिप्स मिल सकती है जो आगे चलकर आपके बहुत काम आ सकती है। वह इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय के साथ-साथ उन चीज़ों का अनुभव किया है।

वहीं आप नीट की कोचिंग देने में एक्सपर्ट लोगों को भी सुने। मैट्रिक्स, आकाश जैसे टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट समय-समय पर अपने यहाँ एक्सपर्ट लोगों को लेक्चर देने के लिए बुलाते हैं। ऐसे में आपको उनका लेक्चर बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए क्योंकि वहाँ से आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। वहीं इन कोचिंग संस्थान में समय-समय पर स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट गाइडेंस दी जाती रहती है।

#6. पहले के एग्जाम सोल्व करें

किसी भी एग्जाम को देने में उसके पहले के प्रश्न पत्र को देखना बहुत ही अच्छी प्रैक्टिस मानी जाती (NEET Exam Time Management) है। खासतौर पर पिछले दस वर्षों के प्रश्न पत्र। यही बात नीट के एग्जाम में भी लागू होती है। यदि आप नीट एग्जाम को लेकर सीरियस हैं तो आप पिछले कम से कम 10 वर्षों के नीट प्रश्न पत्रों को उठा लीजिए और उनकी बारीकी को समझिए।

इसमें आप यह देखें कि उनमें किन विषयों पर कितना फोकस रखा गया है और उसमें भी किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इससे आपको नीट एग्जाम को बेहतर तरीके से समझने में बहुत सहायता मिलेगी। यह आपको अपना टाइम टेबल बनाने और प्रायोरिटी सेट करने में बहुत मदद करेगा। यह नीट एग्जाम की तैयारी के लिए एक अच्छी टाइम मैनेजमेंट तकनीक है।

#7. मॉक टेस्ट देते रहें

आप किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ रहे हो, वहाँ हर महीने समय-समय पर स्टूडेंट्स का मॉक टेस्ट लिया जाता रहता है। टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान में तो मॉक टेस्ट के पेपर भी उसी लेवल के ही बनाए जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि उन्हें बनाने के लिए एक्सपर्ट व एक्सपीरियंस फैकल्टी की जरुरत पड़ती है। वहीं छोटे लेवल के कोचिंग संस्थान उन टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान की नकल करते हुए देखे जा सकते हैं।

ऐसे में यदि आप समय-समय पर अपना टेस्ट लेते रहते (NEET Exam Time Management) हैं और मॉक टेस्ट को रेगुलर देते रहते हैं तो यह आपका बहुत सा समय सेव कर रहा होता है। वह इसलिए क्योंकि यह आपको अपनी तैयारी का बेहतर तरीके से आंकलन करने और उसी तरीके से उसमें सुधार करने के बारे में बताता है।

#8. सही लाइफस्टाइल अपनाएं

एक अच्छा और हेल्दी लाइफ स्टाइल भी नीट की कोचिंग लेने और उसकी जमकर तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहुत से स्टूडेंट्स इसमें चूक जाते हैं क्योंकि उनका फोकस केवल और केवल नीट की तैयारी करने में होता है और वे अपने शरीर पर ध्यान देना ही भूल जाते हैं। इसका प्रभाव यह होता है कि उन्हें चीजें ज्यादा समय तक याद नहीं रहती है या मन ख़राब होने लगता है।

इसलिए आपको हर दिन घर का बना भोजन करना चाहिए। फ़ास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। समय पर भोजन करना चाहिए। जल्दबाजी में भोजन नहीं करना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए। आराम भी करना चाहिए। योग व ध्यान करना चाहिए। ब्रेक लेते रहना चाहिए। नींद पूरी लेनी चाहिए। कुछ ना कुछ मनोरंजन भी करते रहना चाहिए। इस तरह से आप एक अच्छा लाइफ स्टाइल अपना कर नीट की तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं।

#9. स्मार्ट स्टडी करें

नीट की तैयारी में टाइम मैनेजमेंट करना है तो आपका फोकस स्मार्ट स्टडी पर होना चाहिए। स्मार्ट स्टडी का अर्थ हुआ, आप किस तरह से तैयारी कर रहे हैं, उसके लिए किन साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और किसकी सलाह ले रहे हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आज के समय में ऑनलाइन भी बहुत कुछ उपलब्ध है। जिस तरह से आप नीट की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट की तकनीक भी तो हमारे लिखे इस आर्टिकल से पढ़ रहे हैं।

इसी तरह आपको जहाँ से भी जरुरी जानकारी मिले, उसे ले लेना (NEET ke liye time table kaise banaye) चाहिए। चीज़ों को रटने की बजाए, उन्हें कुछ ज्यादा समय लगाकर समझने पर ध्यान देना चाहिए। क्लास में लेक्चर को सुनते समय अपना ध्यान भटकने नहीं देना चाहिए और कोई चीज़ समझ नहीं आती है तो उसे फिर से सुनना चाहिए या उसी समय पूछ लेना चाहिए। इस तरह से की गई स्टडी आपको बहुत आगे तक लेकर जाती है।

#10. छोटे-छोटे टारगेट बनाएं

कई बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स बड़ा लक्ष्य बना लेते हैं और उसे देखकर अक्सर नर्वस हो जाते हैं। ऐसे में आपको यह काम बिलकुल भी नहीं करना है। आप अपने बड़े लक्ष्य या टारगेट को छोटे-छोटे टारगेट में बाँट लें। जैसे कि आपको नीट के टेस्ट पेपर एक निश्चित समय सीमा में सोल्व करने का टारगेट रखना है तो आप उसे पहली बार में ही करने का प्रयास ना करें।

इसकी बजाए आप उसे धीरे-धीरे करके कम समय में लेकर जाएं। इसी तरह आप अपने सभी टारगेट को छोटे-छोटे टारगेट में बाँट सकते हैं और उन्हें पूरा करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यह आपके लक्ष्यों को तेजी से पूरा करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष

आज आपने जाना कि नीट की तैयारी करने के लिए टाइम मैनेजमेंट कितना महत्वपूर्ण होता (NEET Time Management) है और इसके लिए किन-किन तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है। टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी है और जो स्टूडेंट इसको समय रहते समझ जाता है, वह बाकियों की तुलना में तेज गति से आगे निकल जाता है।

इसी के साथ ही सही कोचिंग संस्थान का चुनाव करना भी उतना ही जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि गलत कोचिंग आपका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद कर देती है। ऐसे में आपको भारत के टॉप कोचिंग संस्थान से ही नीट की कोचिंग लेनी चाहिए जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी सीकर या आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली।

Related FAQs

प्रश्न: नीट के लिए कितने घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है?

उत्तर: यदि आप नीट एग्जाम को जल्द से जल्द और अच्छे अंकों के साथ पास करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हर दिन 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करनी होगी।

प्रश्न: घर पर रहकर नीट की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: घर पर रहकर नीट की तैयारी हो तो सकती है लेकिन इसके साथ-साथ यदि आप एक अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से भी जुड़ जाएंगे तो सेलेक्ट होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 12 महीने अर्थात एक वर्ष का समय चाहिए होता है। अब यह आप पर निर्भर करेगा कि आप इसमें कितना समय लेंगे।

प्रश्न: नीट के लिए कितने घंटे पढ़ाई करने की जरूरत है?

उत्तर: नीट के लिए हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करने की जरूरत है। कुछ स्टूडेंट्स तो प्रतिदिन 12 से 13 घंटे की पढ़ाई भी करते हैं।

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JEE Time Management: हम में से बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे आगे चलकर एक अच्छी नौकरी करें। अब अच्छी नौकरी करनी है तो उसके लिए अच्छे कॉलेज से पढ़ना होता है। अच्छे कॉलेज से पढ़ना है तो उसी तरह की तैयारी करनी होती है और उस कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए एग्जाम क्रैक करना होता है। अब एग्जाम क्रैक करना है तो उसके लिए अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेनी होती है।

यह सभी बातें तो हम सभी जानते ही हैं लेकिन अच्छी कोचिंग के साथ-साथ स्टूडेंट के लिए जो एक चीज़ सबसे ज्यादा जरुरी होती है, वह है टाइम मैनेजमेंट अर्थात समय प्रबंधन। अब यदि आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं और उसके लिए JEE की तैयारी कर रहे हैं तो आज हम इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि JEE की तैयारी करने के दौरान आप किन-किन तरीकों से टाइम मैनेजमेंट कर सकते (JEE Mains Time Management) हैं। चलिए शुरू करते हैं।

JEE के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

JEE एग्जाम की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन होती है जिसकी सहायता से आपका देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन होता (JEE Advanced Time Management) है। इसमें सबसे टॉप के कॉलेज IIT होते हैं और उसके बाद NIT आते हैं। ऐसे मे आपको टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में और वो भी अपनी मनपसंद की इंजीनियरिंग फील्ड में एडमिशन लेना है तो टाइम मैनेजमेंट की तकनीक समझना बहुत ही जरुरी हो जाता है।

अब यह तकनीक कोई एक या दो स्टेप में नहीं होती (JEE Time Management) है बल्कि आपकी हर एक्टिविटी पर निर्भर करती है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि किन तरीकों या उपायों के तहत आप भी JEE की तैयारी करने के दौरान टाइम मैनेजमेंट कर सकते हैं।

#1. सिलेबस को गहराई से समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझना। अब सिलेबस का मतलब यह नहीं कि आप उसे पूरा पढ़ने बैठ जाएं। आपको यह देखना है कि JEE के एग्जाम में किस-किस टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं और उसमें किस टॉपिक का कितना महत्व होता है। साथ ही जिस वर्ष जो IIT एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली है, उसका किस टॉपिक पर ज्यादा फोकस रहता है।

जिस स्टूडेंट को सिलेबस अच्छे से समझ में आ जाता है, उसके लिए टाइम मैनेजमेंट करना बहुत ही सरल हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि उसे यह पता होता है कि उसे किस टॉपिक पर कितना टाइम देना है और किस पर कितना। इसलिए आपको यही काम सबसे पहले करना है और अपने सिलेबस को पूरी तरह से समझना है।

#2. सब्जेक्ट्स को टॉपिक्स में बांटें 

अब जब आपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है तो आपको हरेक टॉपिक के बारे में अच्छे से जानकारी हो गई होगी। JEE में तीन तरह के सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स हैं। अब इन तीन सब्जेक्ट्स में भी कई तरह के टॉपिक होते हैं। ऐसे में आपको अब अगला काम यह करना होगा कि आपको हर सब्जेक्ट के मिलते जुलते टॉपिक को केटेगरी अनुसार बाँट देना है।

ऐसा करने से एक तरह से आपका टाइम मैनेजमेंट ही हो रहा होगा। वह इसलिए क्योंकि यदि आप एक ही दिन में दो बिलकुल विपरीत टॉपिक को पढ़ते हैं तो इसमें ज्यादा समय लगता है तो वहीं दो एक जैसे टॉपिक को पढ़ने से आप अपना बहुत टाइम बचा सकते हैं। इसलिए आप हर टॉपिक के अनुसार केटेगरी बना लें और एक जैसे टॉपिक को एक साथ में रखें।

#3. अपना एक टाइमटेबल बनाएं

अब तक आपने सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है और उन्हें उनके टॉपिक के अनुसार कुछ चुनिंदा केटेगरी में भी बाँट दिया है। अब आपको अगला काम करना है, उन सभी के अनुसार अपने हर दिन का एक फिक्स टाइमटेबल तय करना। अब आप यह देखें कि आपका JEE का एग्जाम कितने दिनों में है और उसके अनुसार आपके पास कितना समय शेष बचा है।

ऐसे में बचे हुए दिन के अनुसार आपके सिलेबस और उसमें केटेगरी के अनुसार विषयों का चुनाव करें। इससे आपको उन्हें प्रायोरिटी देने और उसी के अनुसार ही अपना टाइम टेबल सेट करने में बहुत सहायता मिलेगी। 

यह एक तरह से टाइम मैनेजमेंट की बहुत सही तकनीक है जो बहुत ही कम स्टूडेंट्स को पता होती है। वह इसलिए क्योंकि अधिकतर स्टूडेंट इसके बारे में सोचते नहीं हैं और कम महत्वपूर्ण विषयों पर पहले का समय व्यर्थ कर देते हैं और महत्वपूर्ण विषय को कम समय दे पाते हैं।

#4. डाउट वाली चीजें अलग से रखें

अब जब आप पढ़ने बैठेंगे या यूँ कहें कि JEE की तैयारी करने बैठेंगे तो अवश्य ही आपको रह-रह कर कई तरह के डाउट आएंगे। कभी किसी टॉपिक पर डाउट आ गया तो कभी कोई चीज़ ठीक से समझ नहीं आ रही होगी। कभी कोई प्रश्न सोल्व नहीं हो रहा होगा तो कभी कुछ और। ऐसे में स्टूडेंट क्या करते हैं कि वे उस चीज़ पर अटक कर रह जाते हैं या उसमें बहुत सा समय व्यर्थ कर देते हैं।

ऐसे में आपको यह गलती नहीं करनी है। यदि आप कहीं पर अटक जाते हैं तो उस पर कुछ मिनट के लिए ही ध्यान दें। यदि फिर भी वह सोल्व नहीं हो रही है तो उसे मार्क करके या कहीं और नोट डाउन करके रख लें। उसके बाद आप उससे आगे का पढ़ना शुरू कर दें।

इस तरह से दिन के अंत में आपके जो-जो भी डाउट थे, उन्हें फिर से देखें और सोल्व करें। कई बार क्या होता है कि किसी चीज़ में हमें उसी समय उत्तर नहीं मिलता है लेकिन कुछ समय बाद उसका आसानी से उत्तर मिल जाता है। यह भी एक परफेक्ट टाइम मैनेजमेंट तकनीक है।

#5. सही कोचिंग का चुनाव

जो स्टूडेंट्स जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना चाहते हैं और यदि उन्हें लगता है कि वे केवल अपने दम पर ही इसे क्रैक कर लेंगे तो वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि ऐसा करने वाले लाखों में से एक या दो स्टूडेंट ही होते हैं। अब यह आप ही तय कर लें कि क्या आप उन लाखों स्टूडेंट में से एक या दो स्टूडेंट हैं या नहीं।

इसलिए यदि आपको जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना है और वह भी अच्छे नंबर के साथ तो उसके लिए सही JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव किया जाना अत्यंत आवश्यक हो जाता (Top JEE Coaching in India) है। आज के समय में यदि हम देश के टॉप JEE कोचिंग संस्थान की बात करें तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। वह इसलिए क्योंकि वहाँ ना केवल टॉप लेवल की फैकल्टी पढ़ा रही है बल्कि JEE के लिए परफेक्ट स्टडी मटेरियल भी बनाया गया है।

इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट आता है। सीकर की ही प्रिंस अकैडमी और कौटिल्य भी इसमें बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में आपको किसी अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही JEE की कोचिंग लेनी चाहिए ताकि आपकी तैयारी में कोई कमी ना रहे और वहाँ से आप टाइम मैनेजमेंट की और भी बेहतर तकनीक सीख सकें।

#6. रिवीजन भी है जरुरी

अब बहुत से स्टूडेंट JEE की तैयारी करते समय एक और गलती करते हैं और वह है समय के साथ-साथ पढ़े गए टॉपिक की रिवीजन नहीं करना। यदि आप भी उन स्टूडेंट्स में से एक हैं तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती होगी। वह इसलिए क्योंकि आपने जिस टॉपिक को जितना टाइम लगाकर पढ़ा है और आप उसे अगले एक महीने तक फिर से नहीं पढ़ते हैं तो आपको फिर से उतना ही टाइम लगने वाला है।

ऐसे में आपकी पहले वाली सारी मेहनत बेकार चली जाएगी और समय व्यर्थ होगा वो अलग। इसलिए आप यह नियम बना लें कि आपने पूरे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, दिन के आखिर में एक या आधा घंटा उसकी रिवीजन करेंगे। इसी के साथ ही हर सप्ताह एक दिन पूरे सप्ताह का रिवीजन करेंगे। फिर अगले महीने में भी एक दिन पिछले महीने पढ़े गए सभी टॉपिक की एक बार रिवीजन करेंगे।

#7. सुबह जल्दी उठकर पढ़ें

स्टूडेंट्स के बीच आज के समय में यह चलन बना हुआ (JEE Advanced Time Management) है कि वे रात को देर तक पढ़ते हैं और सुबह देर से उठते हैं। अब पढ़ाई तो वे भी उतनी ही करते हैं लेकिन उसका पहले जैसा परिणाम नहीं मिलता है। हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि सुबह के समय जल्दी उठना चाहिए और जल्दी सो जाना चाहिए। ऐसे में आपको सोचना चाहिए कि वे ऐसा क्यों कहते थे या इसके पीछे क्या तर्क होता था।

तो यहाँ हम आपको बता दें कि सुबह के समय वातावरण अधिक सकारात्मक होता है, सूर्य की किरणें शक्तिशाली होती है जो दिमाग को एकाग्र करने और बुद्धि का विकास करने में सहायक होती है। ऐसे में सुबह सूर्य की किरणों के साथ पढ़ने से ना केवल आपको चीज़े लंबे समय तक याद रहेगी बल्कि आपका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।

#8. ब्रेक लेते रहें

अब आप सोचते हैं कि बिना आराम किए या बिना ब्रेक लिए लगातार पढ़ते रहेंगे तो इससे आप उन स्टूडेंट्स से आगे निकल जाएंगे जो आराम भी करते हैं या एंटरटेनमेंट के लिए कुछ समय निकालते हैं। तो यहाँ हम आपको बता दें कि आप बिलकुल भी सही नहीं कर रहे हैं या आपकी सोच गलत है। वह इसलिए क्योंकि लगातार पढ़ते रहने से दिमाग थक जाता है और वह चीज़ों को समझने में ज्यादा समय लगाता है।

इसलिए यदि आप पढ़ने के दौरान बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहेंगे तो इससे आपकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ेगी। यह आपको तेज गति से पढ़ने में भी सहायता करेगी। इसी के साथ ही आपको योग व प्राणायाम करना भी शुरू कर देना चाहिए क्योंकि यह भी आपकी बुद्धि को तीक्ष्ण करने में बहुत सहायक सिद्ध होगा।

#9. मन ना भटकने दें

ऊपर हमने आपको कहा कि आपको JEE की तैयारी के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए या कुछ ना कुछ एंटरटेनमेंट के साधन ढूंढ लेने चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप पूरा समय उसी में ही लगे रहें या अपना ध्यान भटकने दें। इसके लिए आप एक निश्चित समय निर्धारित करें और वह भी ज्यादा नहीं होना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर यदि आप एक दिन में 10 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं तो आप एक घंटा आराम कर सकते हैं या एंटरटेनमेंट कर सकते हैं। साथ ही जिस समय आप JEE की तैयारी कर रहे हो, उस समय आपको अपना ध्यान इधर-उधर नहीं भटकने देना चाहिए। आप जब पढ़ रहे हैं तो पूरी तरह से उस पर ध्यान केंद्रित करें और फिर जब ब्रेक का समय हो, तभी बाकी चीजें देखें।

#10. टेस्ट लेते रहें

बेहतर टाइम मैनेजमेंट के लिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट भी लेते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पर आप अपने पिछले महीने की परफॉरमेंस का आंकलन करें और देखें कि इस महीने आप उसकी तुलना में क्या कर रहे हैं। यदि आपको कोई सुधार नहीं दिखता है या बहुत ही कम परिवर्तन दिखता है तो फिर आपको अपनी स्ट्रेटेजी को बदलने की जरुरत है।

इसलिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट लेते रहना (JEE Mains Time Management) चाहिए। यह आपको अपनी स्ट्रेटेजी को और बेहतर बनाने और आपकी JEE की तैयारी को और अधिक मजबूत करने का ही काम करेगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में आपने JEE की तैयारी करने के लिए उचित समय प्रबंधन या टाइम मैनेजमेंट की तकनीक के बारे में पूरी जानकारी ले ली (JEE Time Management) है। आखिर में एक बात हम आपको फिर से बताना चाहेंगे कि यदि आप JEE का एग्जाम देने को लेकर सीरियस हैं और इसे अच्छे स्कोर के साथ क्रैक करना चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट के साथ-साथ एक अच्छा कोचिंग इंस्टीट्यूट इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है।

इसके लिए सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी बहुत ही सही अकैडमी (Top JEE Coaching in India) है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ स्टूडेंट्स के लिए डाउट सेंटर बनाए गए हैं जहाँ स्टूडेंट्स किसी भी समय जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। अब यदि समय रहते स्टूडेंट्स के डाउट क्लियर हो रहे हैं तो इससे उनका बहुत समय बच जाता है। इसके बाद के कुछ इंस्टीट्यूट के नाम प्रिंस अकैडमी, एलन, आकाश व रेजोनेंस हैं।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 4 से 8 महीने चाहिए। यदि आप मैट्रिक्स सीकर जैसे नंबर एक इंस्टिट्यूट से इसकी कोचिंग लेते हैं तो आपको इतने समय में पूरी तैयारी करवा दी जाएगी।

प्रश्न: क्या जेईई मेन के लिए 75% आवश्यक है?

उत्तर: जेईई मेन के लिए 75% अंक लाना पर्याप्त है। फिर जब आपको जेईई एडवांस देना होगा तो उससे पहले आपको जेईई मेन के एग्जाम को पास करना होगा।

प्रश्न: जेईई की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 6 महीने से लेकर एक वर्ष का समय पर्याप्त होता है। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी चीज़ों को समझ पाते हैं।

प्रश्न: जी टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: जी टॉपर्स सामान्य तौर पर 7 से 8 घंटे सोते हैं। यह आदर्श दिनचर्या और बेहतर स्टडी के लिए आवश्यक भी है।

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Allen Or Gurukripa Sikar: आप सभी ने एलन इंस्टीट्यूट का नाम तो सुन ही रखा होगा। अब जो कोई भी JEE और NEET की तैयारी करने जा रहा है या कर रहा है, उसमें से हर किसी ने एलन इंस्टीट्यूट का नाम सुन रखा होगा। हालाँकि एलन के जिस इंस्टीट्यूट का नाम देशभर में प्रसिद्ध है और जहाँ से यह JEE और NEET की कोचिंग देने का ब्रांड बना है वह कोटा शहर का एलन इंस्टीट्यूट है।

अब एलन कोटा का नाम ऐसा चला कि आज के समय में एलन ने देश के कई राज्यों के सैकड़ों शहरों में अपने नाम के इंस्टीट्यूट खोल रखे हैं जिनमें से उनका एक प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट सीकर शहर का भी (Gurukripa vs Allen) है। सीकर शहर में एलन के अलावा और भी कई ऐसे इंस्टीट्यूट हैं जो बहुत फेमस हैं जिसमें से एक नाम गुरुकृपा का भी है। गुरुकृपा को शोर्ट फॉर्म में GCI भी कहते हैं जिसकी फुल फॉर्म गुरुकृपा करियर इंस्टीट्यूट है।

अब जो छात्र सीकर शहर से JEE और NEET की कोचिंग ले रहे हैं या लेने की सोच रहे हैं वे अक्सर गुरुकृपा और एलन में से कौन सा बेहतर है, इसको लेकर शंका में रहते (Gurukripa Or Allen Sikar) हैं। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ एलन या गुरुकृपा में से कौन अच्छा है, इसी के बारे में ही बात करने जा रहे हैं।

गुरुकृपा और एलन में से कौन सा बेहतर है?

आपने अवश्य ही एलन का नाम सुन रखा होगा और आप यह भी सोचते होंगे कि यदि हम JEE और NEET की कोचिंग ले रहे हैं तो उसमें एलन एक बहुत बड़ा नाम है। किन्तु आप यह मत सोचिए कि इसमें एलन ही सबसे ऊपर है या एलन की टक्कर में कोई और इंस्टीट्यूट ही नहीं है।

वहीं जब बात शहरों के सबसे फेमस कोचिंग सेंटर की आ जाती है तो कई बार यह देखने में आता है कि उस शहर में कई ऐसे कोचिंग सेंटर भी हैं जहाँ पर एलन से बढ़िया कोचिंग दी जा रही (Which is best Allen or Gurukripa) है।

ऐसा ही कुछ सीकर शहर के साथ भी है क्योंकि कोटा के बाद जिस शहर का नाम JEE और NEET की कोचिंग देने में सबसे ज्यादा लिया जाता है, वह राजस्थान का सीकर शहर ही है। अब सीकर शहर में एलन तो है ही लेकिन इसके अलावा गुरुकृपा सहित कई अन्य इंस्टीट्यूट भी हैं जहां पर JEE और NEET की कोचिंग देने का काम किया जाता है।

ऐसे में सीकर शहर में एलन ज्यादा बढ़िया कोचिंग देता है या फिर गुरुकृपा, यह एक बड़ा प्रश्न (Allen Or Gurukripa Sikar) है। इसी के साथ ही क्या यही दोनों इंस्टीट्यूट ही सीकर शहर में JEE और NEET की कोचिंग देने में टॉप पर हैं, यह एक दूसरा प्रश्न है। ऐसे में हम आपके एक एक प्रश्न का जवाब देंगे ताकि आपके मन की हरेक शंका पर पूर्ण विराम लग सके।

एलन और गुरुकृपा सीकर में से JEE की कोचिंग कहाँ है बेहतर?

सबसे पहले हम बात करते हैं JEE के बारे में क्योंकि छात्र इसी की कोचिंग ज्यादा संख्या में लेते हैं। अब यदि सीकर शहर में या किसी अन्य शहर में भी JEE और NEET की तैयारी करने के लिए 100 छात्र आ रहे हैं तो उसमें से 70 से 80 प्रतिशत छात्र JEE की कोचिंग लेने आते हैं तो बाकी के NEET की कोचिंग लेने के लिए। इसलिए हम पहले दोनों ही इंस्टीट्यूट को JEE की कोचिंग देने में compare करेंगे।

ऐसे में सीकर शहर में JEE की कोचिंग देने की बात आती है और उसके लिए एलन और गुरुकृपा के बीच में देखा जाए तो अवश्य ही एलन का नाम गुरुकृपा से बहुत ऊपर आता है। JEE की कोचिंग देने के लिए एलन में जो फैकल्टी और ट्रेड मार्क सेट किया गया है, गुरुकृपा अभी तक उसके आसपास भी नहीं है। वह इसलिए क्योंकि एलन की फैकल्टी का एक्सपीरियंस और उनके पढ़ाने का तरीका गुरुकृपा से बहुत ज्यादा बेहतर है।

इसी के साथ ही यदि हम स्टूडेंट्स के एग्जाम रिजल्ट की बात करें तो उसमें भी एलन में JEE की कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स का रेश्यो गुरुकृपा से बहुत ज्यादा है। साथ ही यह हर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है। हालाँकि यह एक अलग बात है कि एलन के द्वारा JEE में चयनित हुए बच्चों की लिस्ट सीकर शहर की अलग से नहीं बल्कि उनके सभी इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे छात्रों की एक साथ जारी की जाती (Which is best Allen or Gurukripa) है। फिर भी एलन सीकर में पढ़ रहे बच्चों का रिजल्ट गुरुकृपा से बहुत ज्यादा ऊपर है।

JEE कोचिंग में एलन है सीकर के टॉप 5 इंस्टीट्यूट में

अब यदि हम सीकर शहर के टॉप 5 JEE कोचिंग सेंटर की बात करेंगे तो उसमें एलन का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। वहीं गुरुकृपा का नाम टॉप 5 में भी नहीं है। तो आप सोच रहे होंगे कि JEE की कोचिंग देने में गुरुकृपा इंस्टीट्यूट का नाम कौन से स्थान पर है तो वह है छठा स्थान। तो इस तरह से सीकर शहर में गुरुकृपा इंस्टीट्यूट JEE की कोचिंग देने में छठे स्थान पर है तो वहीं एलन का स्थान दूसरे नंबर पर है।

ऐसे में जो इंस्टीट्यूट सीकर शहर में JEE की कोचिंग देने में पहले स्थान पर आता है उसका नाम मैट्रिक्स अकैडमी है। इस तरह से हम मैट्रिक्स इंस्टीट्यूट को सीकर शहर की टॉप लेवल की JEE अकैडमी कह सकते हैं। इसका कारण यह है कि मैट्रिक्स अकैडमी में JEE की तैयारी जिस लेवल की दी जा रही है, वह अद्भुत है।

इसका परिणाम मैट्रिक्स के स्टूडेंट्स का JEE एग्जाम में लगातार सेलेक्ट होना ही नहीं है बल्कि सीकर शहर में टॉप रैंक लाना भी है। इस कारण मैट्रिक्स इस स्थान में पहले नंबर है तो वहीं एलन दूसरे नंबर पर।

एलन और गुरुकृपा सीकर में से NEET की कोचिंग कहाँ है बेहतर?

अब बात करते हैं NEET एग्जाम की। NEET की कोचिंग JEE की तुलना में कम स्टूडेंट्स लेते हैं और इसका एक कारण है NEET एग्जाम का बहुत ज्यादा मुश्किल होना। साथ ही प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस भी बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में अगर स्टूडेंट NEET एग्जाम को अच्छे स्कोर के साथ क्रैक नहीं कर पाता है तो उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं मिल पाता है।

फिर उसे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की भारी भरकम फीस देकर डॉक्टर की पढ़ाई करनी पड़ती है या फिर NEET एग्जाम की फिर से तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में अगर आपको NEET एग्जाम को जल्द से जल्द और अच्छे स्कोर के साथ क्रैक करना है तो उसके लिए आपको टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट से पढ़ना (Gurukripa vs Allen) होगा।

तो अगर हम गुरुकृपा और एलन के बीच NEET की कोचिंग देने की तुलना करेंगे तो पाएंगे कि गुरुकृपा इसमें बाजी मार जाता है। सीकर शहर में गुरुकृपा इंस्टीट्यूट नीट की बेहतर कोचिंग देता है और दूसरे नंबर पर आता है जबकि एलन का नाम तीसरे नंबर पर है।

गुरुकृपा और एलन दोनों ही NEET कोचिंग में हैं पहले 5 इंस्टीट्यूट में

ऐसे में गुरुकृपा और एलन दोनों ही सीकर शहर में नीट की बेहतर कोचिंग दे रहे हैं। कुछ वर्षों पहले तक गुरुकृपा की रैंक नंबर एक थी। एक तरह से सीकर शहर में NEET की कोचिंग देने में गुरुकृपा इंस्टीट्यूट का दबदबा था और उसके बाद एलन का नंबर आता (Gurukripa Or Allen Sikar) था।

हालाँकि जब से मैट्रिक्स अकैडमी ने अपने यहाँ NEET की कोचिंग देनी शुरू की है और उसके बाद वहाँ के स्टूडेंट्स ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है। उसे देखते हुए गुरुकृपा और एलन एक-एक रैंक नीचे खिसक कर क्रमशः दूसरे और तीसरे रैंक पर आ गए हैं और मैट्रिक्स अकैडमी इसमें भी नंबर एक अकैडमी बन गई है। ऐसे में आप अपनी सुविधा अनुसार तीनों में से किसी भी इंस्टीट्यूट से NEET की कोचिंग ले सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आपको यह तो पता चल ही गया होगा कि JEE और NEET की कोचिंग देने में गुरुकृपा और एलन में से कौन सा बेहतर (Allen Or Gurukripa Sikar) है। अब हम ओवरऑल किसी एक को बेहतर नहीं कह सकते हैं क्योंकि JEE की कोचिंग देने में एलन गुरुकृपा से बेहतर है तो वहीं NEET की कोचिंग देने में गुरुकृपा एलन से।

हालाँकि अगर हम ओवरऑल JEE और NEET की कोचिंग देने की बात करें तो उसमें एलन और गुरुकृपा से भी ऊपर नंबर मैट्रिक्स अकैडमी का आता है। मैट्रिक्स अकैडमी पिछले कई वर्षों से नंबर एक पोजीशन पर बनी हुई है। इसका कारण है वहाँ के स्टूडेंट्स का सीकर शहर में टॉप रैंक लाना और स्टूडेंट्स के रेश्यो के हिसाब से भी सबसे बेहतर प्रदर्शन करना।

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प्रश्न: सीकर में सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: सीकर में सबसे अच्छी कोचिंग में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम अहले नंबर पर आता है उसके बाद एलन, गुरुकृपा,प्रिंस, कौटिल्य इत्यादि का नाम लिया जाता है

प्रश्न: क्या सीकर नीट के लिए अच्छा है?

उत्तर: आज के समय में सीकर शहर नीट की कोचिंग लेने के लिए सबसे बेस्ट शहर माना जाता है जिसनें कोटा को भी पीछे छोड़ दिया है

प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग सबसे अच्छी है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए मैट्रिक्स की कोचिंग सबसे अच्छी है इसके बाद एलन इंस्टिट्यूट की कोचिंग अच्छी मानी जाती है

प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग रैंक 1 है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए मैट्रिक्स अकैडमी की कोचिंग रैंक 1 है

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