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10th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें? आइए जाने

10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare: स्टूडेंट्स के लिए डॉक्टर बनना किसी सपने से कम नहीं होता है। यह एक ऐसी फील्ड है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाली है। डॉक्टर की जरुरत इतिहास में भी थी, वर्तमान में भी है और भविष्य में भी कभी खत्म नहीं होगी। साथ ही लोगों के लिए तो डॉक्टर उनके भगवान की तरह होता है क्योंकि वही उनकी जीवन रक्षा करने और बीमारी से उपचार करने का काम करता है।

हालाँकि बहुत से स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने का सपना तो देखते हैं लेकिन बन नहीं पाते हैं। वह इसलिए क्योंकि वे देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए होने वाली नीट की परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स के माता-पिता के पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की भारी भरकम फीस देने के लिए पैसा होता है, वे नीट में सलेक्शन ना होने के बावजूद उन कॉलेज की फीस भर देते हैं।

हालाँकि यहाँ हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में केवल मध्यम या गरीब वर्ग के स्टूडेंट्स ही पढ़ते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। बल्कि यहाँ पर एडमिशन लेने का सपना तो हर मेडिकल स्टूडेंट का होता है क्योंकि यह देश के टॉप मेडिकल कॉलेज तो हैं ही और साथ ही सरकारी होने के कारण यहाँ की फीस भी प्राइवेट कॉलेज की तुलना में बहुत कम है।

ऐसे में यदि आप भी अपनी 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने को इच्छुक हैं तो यह बहुत ही उचित और सही समय पर उठाया गया कदम माना (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) जाएगा। ऐसे में आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

10th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें?

एक बात पहले ही समझ लें कि बारहवीं के बाद नीट एग्जाम में सलेक्ट होना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है लेकिन यह सपना पहले ही एटेम्पट में पूरा हो जाए, यह बहुत ही मुश्किल होता है। बहुत से स्टूडेंट्स तो इसके लिए बारहवीं के बाद भी एक से दो वर्ष का ड्रॉप लेते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं ताकि उन्हें अपना मनचाहा मेडिकल कॉलेज मिल सके।

वहीं जो स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से ही नीट एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर देते हैं उनके सफल होने की संभावना उन स्टूडेंट्स से बहुत ज्यादा होती है जो 11 वीं या 12 वीं के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं। तभी हमने आपको पहले ही कहा कि यदि आप 10th के बाद ही नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो इसे बहुत ही अच्छी बात माना जाएगा। तो चलिए जानते हैं इसके लिए आप क्या कुछ कर सकते हैं।

स्टडी का सही टाइम टेबल बनाएं

सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है एक सही टाइमटेबल का बनाया जाना। बहुत से स्टूडेंट्स टाइमटेबल के सही नहीं बना पाने के कारण बाकी स्टूडेंट्स से पीछे रह जाते हैं। ऐसे में हम आपको सुबह पांच बजे से लेकर रात के 9 बजे तक की पूरी दिनचर्या बताएँगे।

इस टाइमटेबल में आपके पढ़ने का समय, खाने और आराम करने का समय, नींद का समय इत्यादि सबकुछ निर्धारित रहेगा। ऐसे में आपको इस टाइमटेबल से बहुत सहायता मिल (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) जाएगी, चलिए जानते हैं।

समय क्या करें
सुबह 4 बजे उठ जाएं, शौच जाएं, ब्रश करें, योग व ध्यान करें, नहा लें
सुबह 5 से 8 बजे बायोलॉजी अर्थात जीव विज्ञान को पढ़ें
सुबह 8 से 9 बजे नाश्ता करें, आराम करें, समाचार पढ़ें, घरवालों से बात करें
सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक फिजिक्स अर्थात भौतिक विज्ञान पढ़ें
दोपहर 12 से 1 बजे दोपहर का भोजन करें, थोड़ा सो लें या अन्य रचनात्मक या पसंद का काम करें
दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक केमिस्ट्री अर्थात रसायन विज्ञान को पढ़ें
शाम 4 से 4:30 बजे चाय पिएं, हल्का भोजन करें व आराम करें
शाम 4:30 से 6:30 बजे तक मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्न पत्रों को हल करें
शाम 6:30 से 8 बजे तक सबसे पहले रात का भोजन करें, बाहर सैर पर जाएं, कुछ खेलें, दोस्तों से बात करें, अपनी पसंद का काम करें, दिमाग को आराम दें
रात 8 से 9 बजे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, उसकी रिवीजन करें
रात 9 से सुबह 4 बजे तक एक स्टूडेंट के लिए 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है। ऐसे में आप 9 से 4 बजे तक की 7 घंटों की नींद अवश्य लें।

तो यह थी नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए एक आदर्श दिनचर्या। अब यदि आप हमारी बताई गई दिनचर्या को फॉलो करेंगे तो अवश्य ही आपको बहुत मदद मिलेगी। हालाँकि हमने इसमें कोचिंग का समय नहीं जोड़ा है लेकिन यदि आपको कोचिंग से जुड़ना है तो हमारे बताए गए टाइमटेबल में थोड़ा बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।

वह इसलिए क्योंकि हर कोचिंग संस्थान का टाइम टेबल अलग-अलग होता है। ऐसे में स्टूडेंट को उसी के अनुसार ही आगे बढ़ना होता है। हमने ऊपर बताए गए टाइमटेबल में 9 घंटे तीन विषयों को पढ़ने के बारे में बताया है। तो आपको कोचिंग में उसी के अनुसार ही पढ़ना (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) होगा और आगे बढ़ना होगा।

नीट की तैयारी में कोचिंग का महत्व

अब बात करते हैं कि नीट एग्जाम की तैयारी करने में कोचिंग का कितना ज्यादा महत्व होता है। तो यहाँ आप यह बात गाँठ बाँध लें कि यदि नीट एग्जाम में 100 स्टूडेंट्स सलेक्ट हो रहे हैं तो उसमें 99 स्टूडेंट्स ने किसी ना किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग अवश्य ली हुई होगी। कोई एक या दो स्टूडेंट ही ऐसे होंगे जिन्होंने किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लिए बिना ही नीट एग्जाम को क्रैक किया होगा।

अब जो 99 स्टूडेंट्स नीट की कोचिंग लेकर उसमें सलेक्ट हुए हैं तो उन्होंने कहाँ से और किस कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है, यह अगला प्रश्न उभर कर सामने आता है। तो आप यह मानकर चलिए कि इन 99 में 60 से 70 स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जिन्होंने देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होगी और बाकी बचे स्टूडेंट्स ने अपने यहाँ के लोकल या कम प्रसिद्ध कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की होगी।

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम क्या (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं!! ऐसे में हमने इस बारे में भी बहुत गहन अध्ययन किया ताकि आप तक सही जानकारी पहुँच सके। ऐसे में हम देश के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट आपके सामने रखने जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है:

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन, सीकर
  2. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  3. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट, सीकर
  4. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  5. प्रिंस अकैडमी, सीकर

ऊपर हमने आपको देशभर के सभी नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम दे दिए हैं। अब हर वर्ष नीट एग्जाम में सलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स इन्हीं कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़े हुए होते हैं। आपको विश्वास नहीं है तो आप पिछले वर्षों के नीट टॉपर्स की लिस्ट देख लीजिए और वे कहाँ से पढ़े हैं, इसके बारे में रिसर्च कर लीजिए।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इन इंस्टीट्यूट में देशभर की सबसे अनुभवी फैकल्टी को ज्वाइन करवाया गया है। एक स्टूडेंट के सलेक्ट होने में उसको पढ़ा रहे टीचर का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि टीचर के कॉन्सेप्ट स्टूडेंट को क्लियर हो जाए और उसे अपने टीचर से सही समय पर सही गाइडेंस मिल जाए तो यह उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है।

अब यही चीज़ मैट्रिक्स या गुरुकृपा जैसी अकैडमी में देखने को मिलती है। आज से लगभग 5 वर्ष पहले इस लिस्ट में एलन इंस्टीट्यूट का एकछत्र राज था लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी ने बहुत ही कम समय में जो काम किया है, वह वाकई में सराहनीय है। मैट्रिक्स अकैडमी के द्वारा लगातार की गई मेहनत का ही परिणाम है कि उसने देश की टॉप नीट अकैडमी को पछाड़ कर टॉप रैंक हासिल कर ली है। वहीं गुरुकृपा भी बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।

ऑफलाइन कोचिंग या ऑनलाइन?

अब बात आती है कोचिंग के प्रकार की। वह इसलिए क्योंकि जब से कोरोना नामक महामारी आई है, तब से ही ऑनलाइन कोचिंग का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। स्कूल की पढ़ाई से लेकर नीट की कोचिंग लेने तक, हर चीज़ ऑनलाइन हो चली है। इसलिए आज के समय में कई कोचिंग संस्थान ऐसे खुल चुके हैं जो या तो पूर्ण रूप से या फिर ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह की कोचिंग देते (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं।

आपने भी हाल के ही कुछ वर्षों में कई तरह के ऑनलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट का नाम सुना होगा। किंतु यहाँ बात हो रही है ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बारे में। तो यहाँ हम आपको बता दें कि तकनीक कितनी ही आगे क्यों ना बढ़ जाए, पढ़ाने के तरीके में कितनी ही आधुनिकता क्यों ना आ जाए लेकिन जो ज्ञान आपको आमने सामने बैठकर मिलेगा, वह ऑनलाइन नहीं मिल सकता है।

ऐसे में यदि आप हमसे सीधे और स्पष्ट शब्दों में पूछेंगे कि ऑनलाइन या ऑफलाइन नीट कोचिंग में से कौन सी कोचिंग आपकी तैयारी को ज्यादा प्रभावी बनाएगी, तो हमारा उत्तर स्पष्ट रूप से ऑफलाइन कोचिंग के पक्ष में होगा। वह इसलिए क्योंकि ऑफलाइन कोचिंग में जाने से आप एक अनुशासन में रहते हैं, आमने सामने से कॉन्सेप्ट समझते हैं, टीचर के संपर्क में बने रहते हैं और अपने साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी रहते हैं।

इसी के साथ ही सबसे बेस्ट बात यह है कि जो भी टॉप लेवल के नीट कोचिंग संस्थान हैं जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी या एलन इंस्टीट्यूट, वे ऑफलाइन कोचिंग देने के साथ साथ अपने स्टूडेंट्स की जरुरत को ध्यान में रखते हुए हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाते हैं। वह इसलिए क्योंकि यदि किसी कारणवश कोई स्टूडेंट वह लेक्चर क्लास में अटेंड नहीं कर पाता है तो बाद में वह उसकी वीडियो देख सके।

कौन सी बुक्स रहेंगी बेस्ट?

अब बात करते हैं 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए आपको कौन-कौन सी बुक्स को ज्यादा महत्व देना चाहिए। अब आप जिस भी कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे होंगे, वहाँ से आपको नोट्स तो मिलेंगे ही लेकिन साथ ही वे आपको कोई स्पेसिफिक बुक भी पढ़ने को कहेंगे। अब हर कोचिंग के पढ़ाने का तरीका अलग-अलग होता है और इसमें कोई गलत बात नहीं है।

फिर भी कुछ कुछ बुक्स ऐसी हैं, जो आपकी नीट की तैयारी को और ज्यादा मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। ऐसे में ऐसी ही कुछ बुक्स की लिस्ट यहाँ हम आपके सामने रख रहे (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं।

बायोलॉजी के लिए

  • NCERT Biology (Class 11 & 12)
  • Trueman’s Biology
  • Objective Biology (Dinesh)

फिजिक्स के लिए

  • NCERT Physics (Class 11 & 12)
  • HC Verma (Concepts of Physics)
  • DC Pandey (Objective Physics)

केमिस्ट्री के लिए

  • NCERT Chemistry (Inorganic + Organic + Physical)
  • OP Tandon (Organic Chemistry)
  • RC Mukherjee (Physical Chemistry)

तो यहां हमने आपको तीनों सब्जेक्ट की तीन-तीन बुक्स की लिस्ट दे दी है। इस लिस्ट में आपने एक बुक कॉमन देखी होगी और वह है 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि आप जब नीट की तैयारी कर रहे होते हैं तो दसवीं के बाद मेडिकल स्ट्रीम को चुनते हैं। इस स्ट्रीम में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी सब्जेक्ट्स को प्रमुख तौर पर पढ़ाया जाता है।

अब यह जो तीन सब्जेक्ट हैं, इन्हीं सब्जेक्ट पर से ही नीट एग्जाम का पूरा पेपर सेट होता है। साथ ही जो भी टॉपिक नीट के एग्जाम में आएंगे, वह भी इसी बुक से ही आते हैं अर्थात जो टॉपिक आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT या सिलेबस में नहीं पढ़ाया जाएगा, वह टॉपिक नीट एग्जाम में भी नहीं आएगा। इसलिए यदि आपको नीट एग्जाम की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए NCERT की बुक सबसे बेस्ट है।

निष्कर्ष

ऊपर हमने आपको 10th के बाद नीट की तैयारी करने के ऊपर हरेक महत्वपूर्ण जानकारी दे दी (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। हमने आपको पूरे दिन की दिनचर्या किस तरह से सेट की जाए और आपको किस समय क्या कुछ करना है, उसके बारे में भी बता दिया है।

इसी के साथ ही नीट की तैयारी के लिए किस संस्थान से कोचिंग लेनी चाहिए, उसकी जानकारी भी आपको मिल गई है। इसमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम टॉप पर लिया जाता है। वहीं आपके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन में से कौन सी कोचिंग अच्छी रहेगी और आपको किन बुक्स से इसकी तैयारी करनी चाहिए, यह भी पता चल गया है।

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प्रश्न: 10वीं के बाद नीट की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: 10वीं के बाद नीट की तैयारी शुरू करनी है तो उसके लिए एक सही टाइमटेबल बनाना होता है। यहाँ हमने पूरा टाइमटेबल आपके लिए बनाया है जिसे आपको देखना चाहिए।

प्रश्न: NEET करने के लिए 10 में कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: NEET करने के लिए 10 में मिले परसेंट मायने नहीं रखते हैं। इसके लिए केवल 12 वीं क्लास में मिले नंबर को ही महत्व दिया जाता है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग कब से शुरू करें?

उत्तर: नीट की कोचिंग आपको अपनी दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम पास करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

प्रश्न: 10वीं में नीट के लिए कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: 10वीं में मिले नंबर या परसेंट नीट के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। ऐसे में आपको केवल अपनी बारहवीं क्लास में मिले परसेंट पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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नीट में टॉप कैसे करें? जाने 10 बेस्ट स्टेप्स

NEET Me Top Kaise Kare: देशभर के सभी टॉप लेवल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए सरकार हर वर्ष एग्जाम कंडक्ट करवाती है। उस एग्जाम का नाम होता है नीट जिसे अंग्रेजी में NEET लिखा जाता है। यह एक शोर्ट फॉर्म है जिसकी फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test होती है। यदि किसी स्टूडेंट को देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ना है तो उसे नीट एग्जाम में अच्छा स्कोर करना होता है।

अब बहुत से स्टूडेंट का टॉप करना तो दूर बल्कि नीट में सिलेक्शन लेने में ही पसीने छूट जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम बहुत मुश्किल होता है और इसमें बैठने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बहुत ज्यादा होती (NEET Exam Me Top Kaise Kare) है। ऐसे में नीट में सेलेक्ट होना और साथ ही अच्छा स्कोर करना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना ही बनकर रह जाता है। फिर भी हर वर्ष चुनिंदा स्टूडेंट्स ना केवल इसमें सेलेक्ट होते हैं बल्कि टॉप भी करते हैं।

ऐसे में क्या आप भी नीट में टॉप स्कोर करना चाहते हैं ताकि आपको भी देश के टॉप मेडिकल सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिले!! यदि ऐसा है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको नीट में टॉप करने में बहुत मदद करने वाली है। चलिए शुरू करते हैं।

NEET Me Top Kaise Kare | नीट में टॉप कैसे करें?

नीट में टॉप करना ना तो एक दो महीने का खेल है और ना ही इसके लिए कोई अलग से गुप्त योजना बनानी पड़ती है। बस इसके लिए आपका सही ट्रेक पर होना जरुरी है और आपको लगातार सही गाइडेंस अर्थात मार्गदर्शन मिलता रहे, वह जरुरी होता है। यही कारण है कि हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उचित मार्गदर्शन देने आए हैं।

हमने नीट में टॉप स्कोर करने वाले कई स्टूडेंट्स के साथ बात की, देश के कई टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट (NEET Me Topper Kaise Bane) जाकर जांच पड़ताल की और अनुभवी टीचर्स के साथ बैठकर मीटिंग की। इसके बाद ही हम आपके लिए कुछ चुनिंदा गोल्डन टिप्स लेकर आए हैं जो नीट में टॉप करने में आपकी बहुत मदद करेंगी। आइए इनके बारे में जानते हैं।

#1. नीट के सिलेबस को समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है नीट के सिलेबस और प्रणाली को अच्छे से समझना। नीट एग्जाम में कौन कौन से सब्जेक्ट आते हैं, उन सब्जेक्ट्स में से किस किस टॉपिक से कौन कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं, हर टॉपिक की क्या वैल्यू है, नीट में किस सब्जेक्ट के कितने नंबर हैं, नीट का एग्जाम कुल कितने नंबर का होता है, सही उत्तर देने पर कितने नंबर मिलते हैं, नेगेटिव मार्किंग कितनी होती है, इत्यादि सभी के बारे में जान लें।

किसी भी एग्जाम को क्रैक करना है और साथ के साथ उसमें टॉप करना है तो आपको उस एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसमें आप चाहे दो दिन ले लीजिए लेकिन नीट एग्जाम के बारे में छोटी से लेकर बड़ी जानकारी को ना केवल जान लें बल्कि उसे अच्छी तरह से समझ कर अपने मन में उतार लें। यकीन माने आपका आधा काम यहीं हो जाएगा।

#2. हर एक पल कीमती है

अब जब आपने नीट एग्जाम की कार्य प्रणाली को अच्छे से समझ लिया है तो बारी आती है समय अर्थात टाइम की। अब जब आपको नीट एग्जाम में टॉप करना है तो यह मान कर चलें कि अब से आपका हर एक पल कीमती है। यदि आपने एक पल की भी देरी की तो आपके साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स आपसे उन पलों के लिए आगे निकल जाएंगे। यहाँ हमारा कहने का अर्थ यह भी नहीं है कि आप बिना थके दिन रात पढ़ते रहें लेकिन आप अपना समय व्यर्थ की चीज़ों में ना लगाएं।

नीट में टॉप करने के लिए कम से कम एक साल का कठिन परिश्रम चाहिए होता है। इसलिए इस दौरान आप मौज-मस्ती, मोबाइल कंप्यूटर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में समय व्यर्थ करना, यहाँ वहाँ घूमना, फोन पर घंटों बातें करना या रील्स देखना, मूवी सीरीज को देखना, इत्यादि में समय व्यर्थ ना करें। इसकी बजाए आप अपने खाली समय में योग, ध्यान, नॉवेल या न्यूज़ पेपर पढ़ना, सार्थक बातचीत करना इत्यादि करें।

#3. बेस्ट कोचिंग ही चुने

नीट में टॉप करने वाले अधिकतम स्टूडेंट्स देश की किसी ना किसी टॉप कोचिंग अकैडमी (NEET Me Top Kaise Kare) से ही पढ़े होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वहीं से ही उन्हें उचित मार्गदर्शन और प्रॉपर नोट्स मिलते हैं। ऐसे में आपको भी देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से किसी एक में एडमिशन लेना चाहिए। वर्तमान में सीकर, कोटा और दिल्ली जैसे शहर नीट में अच्छी कोचिंग देते हैं।

ऐसे में यदि हम इन शहरों में बेस्ट कोचिंग की बात करें तो वह सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी, कोटा की एलन अकैडमी और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट होगा। इन सभी इंस्टीट्यूट में आपको नीट की बेस्ट कोचिंग दी जाएगी। इनमें से मैट्रिक्स अकैडमी की एक बात यह अच्छी है कि यहाँ जगह जगह डाउट सेंटर्स बने हुए हैं जहाँ पर स्टूडेंट्स कभी भी जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स बीच में अटकते नहीं हैं और लगातार आगे बढ़ते चले जाते हैं।

#4. नोट्स बनाना ना भूलें 

ऊपर हमने आपको बताया कि देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से आपको नोट्स मिलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप नोट्स नहीं बनाएंगे। वह इंस्टीट्यूट तो आपको बेस्ट सिलेबस उपलब्ध करवा देंगे लेकिन आप वहाँ जो प्रतिदिन क्लास अटेंड करेंगे, उसमें से अपने लिए नोट्स बनाना ना भूलें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा जो नोट्स बनाए जाएंगे, वही आगे चलकर आपको नीट में टॉप करने में मदद करेंगे।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब नीट एग्जाम में कुछ महीने बचे होते हैं तब स्टूडेंट्स इन्हीं नोट्स को ही पढ़ते हैं। अपने बनाए नोट्स से स्टूडेंट्स को चीज़ों को जल्दी कैप्चर करने और उन्हें समझने में सहायता मिलती है। इसलिए आप हर दिन अपनी क्लास को ना केवल अटेंड कीजिए बल्कि उसी के साथ ही उसके नोट्स भी बनाते रहें।

#5. प्रीवियस इयर के सभी पेपर देखें

नीट एग्जाम में टॉप करना है तो उसके बारे में सब जानने के साथ साथ उसके पिछले वर्ष के सभी प्रश्न पत्रों का आंकलन करना भी आता है। अब यह पॉइंट हमने अलग से इसलिए हाईलाइट किया है क्योंकि बहुत से स्टूडेंट्स नीट एग्जाम के बारे में तो जानकारी जुटा लेते हैं लेकिन प्रीवियस इयर के पेपर्स को देखना भूल जाते हैं।

इस बात को गाँठ बाँध लें कि यदि किसी एग्जाम को (NEET Exam Me Top Kaise Kare) अच्छे से समझना है तो आप कम से कम उसके पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को अच्छे से देख लें। आप उन्हें बार बार हल करें, उनमें प्रश्नों का पैटर्न समझें और उसके अनुसार ही अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। यह उपाय आपके लिए बहुत ही कारगार सिद्ध होगा। 

#6. होशियार स्टूडेंट्स की संगत

यह बात तो बचपन में आपके माता पिता भी बोलते होंगे कि आप जिस तरह के दोस्त बनाएंगे, आपका व्यवहार भी वैसा ही बनता चला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि दोस्तों के व्यवहार का हमारे व्यवहार पर बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आप अच्छी संगती में रहते हैं तो आप और अच्छे बनते चले जाते हैं और यदि आप बुरी संगती में पड़ जाते हैं तो आप भी उनके जैसे ही बन जाते हैं।

इसलिए यदि आपको नीट में अच्छा स्कोर करना है तो आपको होशियार स्टूडेंट्स के साथ ही दोस्ती यारी करनी चाहिए। आपको इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा। वह इसलिए क्योंकि होशियार स्टूडेंट्स जिस तकनीक को अपनाते हैं, आप भी उसी तकनीक को अपनाने लगेंगे। आपके डाउट भी जल्दी क्लियर होते चले जाएंगे और आप पढ़ाई में पहले से ज्यादा मन लगाने लगेंगे।

#7. माइंड रिलैक्स रखें

अब बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो नीट में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) करने को एक चैलेंज के रूप में तो ले लेते हैं लेकिन इसके कारण वे धीरे धीरे डिप्रेशन अर्थात तनाव में भी आने लगते हैं। वैसे तो हमें यह बात कहनी नहीं चाहिए लेकिन आए दिन हम कोटा जैसे शहरों में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बोझ तले आत्म हत्या करते हुए देखते हैं। खुद का जीवन ले लेना बहुत ही अनुचित कदम होता है और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

यदि किसी कारणवश आपसे नीट एग्जाम क्रैक नहीं हो सकता है तो इसके बारे में अपने माता पिता से बात करें। यदि वे नहीं समझते हैं तो किसी अन्य बड़े से बात करें। वहीं यदि आपको भरोसा है कि आप इसमें अच्छा कर सकते हैं तो आप इसे नेगेटिव रूप में लेने की बजाए पॉजिटिव रूप में लें। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, आप असफल हो जाएंगे लेकिन इसके आगे भी बहुत जीवन है। इसलिए अपने माइंड को हमेशा रिलैक्स अर्थात तरोताजा रखें।

#8. हर दिन MCQs को हल करें

नीट में टॉप करना है तो उसके लिए आपको हर दिन कम से कम 100 MCQS को हल करने का नियम बना लेना चाहिए। नीट में विकल्प वाले प्रश्न ही पूछे जाते हैं जिन्हें हम MCQs कहते हैं। ऐसे में आप जिस दिन से नीट की तैयारी करना शुरू करें, उसी दिन से ही इसे करना शुरू कर दें। शुरुआत में तो आपको यह करना थोड़ा कठिन लग सकता है लेकिन धीरे धीरे आपकी इसमें आदत पड़ने लगेगी।

एक महीने बाद देखिएगा, आपको बिना MCQs किए नींद ही नहीं आएगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको इन्हें सोल्व करने में आनंद आने लगेगा। फिर धीरे धीरे आपके लिए इन्हें हल करना चुटकियों का खेल बन जाएगा। ऐसा निरंतर करने से जब आपके सामने असली में नीट का एग्जाम आएगा तब आप उन्हें भी बड़े मजे से चुटकियों में हल करते हुए चले जाएंगे।

#9. NCERT बुक्स है सबसे जरुरी

नीट का एग्जाम क्रैक करने के लिए बाजार में कई तरह की बुक्स उपलब्ध हैं। इसमें से कई बुक्स आपके बहुत काम की है तो कुछ आपको डिटेल में ले जाकर स्टडी करवाती है। ऐसे में आपके लिए इन्हें पढ़ना बहुत जरुरी हो जाता है लेकिन इन सभी बुक्स को पढ़ने के बीच आप यह कतई ना भूलें कि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में NCERT की जो बुक्स पढ़ी है, वह सबसे ज्यादा जरुरी है।

नीट एग्जाम को क्रैक करने में जो बुक्स सबसे ज्यादा जरुरी होती (NEET Me Topper Kaise Bane) है, वह यही 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स होती है। ऐसे में आप इन बुक्स को तो अच्छे से रट लें या यूँ कहें कि अपने दिलों दिमाग में उतार लें। उसके बाद आप बाकी ऑथर की बुक्स को पढ़ें और उन्हें समझें।

#10. महीने में दो दिन हो रिवीजन

बहुत से स्टूडेंट्स एक और गलती करते हैं और वह यह है कि वे पढ़ते तो चले जाते हैं लेकिन उसकी रिवीजन नहीं करते हैं। ऐसे में उन्होंने पहले जो कुछ पढ़ा है, उसे भूलते हुए चले जाते हैं। फिर उन्हें वापस से उसे पढ़ने या याद करने में उतना ही समय देना पड़ता है। इससे आपका नुकसान ही होता है क्योंकि आप अपना एफर्ट और टाइम दोनों ही वेस्ट कर रहे होते हैं।

इसलिए आप महीने में कम से कम दो दिन रिवीजन के तौर पर रखें। पहला दिन आप महीने के बीच में तो दूसरा दिन आप महीने के अंत में रख सकते हैं। इस दिन आपको पिछले 15 या 20 दिन में पढ़ी गई सभी चीज़ों का फिर से रिवीजन करना है। इससे आपकी लगातार रिवीजन भी होती चली जाएगी और आपको फिर से उसे पढ़ने में उतना समय नहीं देना पड़ेगा।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में आपने जाना कि किन चीज़ों को करके आप भी नीट एग्जाम में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) स्कोर कर सकते हैं। इन सभी चीज़ों में इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्टूडेंट को टॉप करवाने में उसको मिली सही कोचिंग बहुत मायने रखती है। वह इसलिए क्योंकि यदि स्टूडेंट को सही गाइडेंस मिल जाए तो वह बाकियों की तुलना में तेज गति से आगे निकलता है।

ऐसे में आपको सीकर मैट्रिक्स, एलन कोटा, आकाश दिल्ली जैसे टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करनी चाहिए। यहाँ से हर वर्ष हजारों स्टूडेंट्स का नीट एग्जाम में सिलेक्शन होता है और वे टॉप भी करते हैं। ऐसे में आपको भी बहुत मदद मिल जाएगी।

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प्रश्न: नीट में सफलता कैसे प्राप्त करें?

उत्तर: यदि आप नीट में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मैट्रिक्स सीकर, कौटिल्य सीकर जैसे कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेना चाहिए।

प्रश्न: मैं नीट में रैंक कैसे प्राप्त करूं?

उत्तर: यदि आपको नीट में अच्छी रैंक चाहिए तो उसके लिए माइंड को रिलैक्स रखकर बिना प्रेशर के प्रतिदिन कम से कम 8 से 12 घंटे स्टडी करनी चाहिए।

प्रश्न: नीट टॉपर्स कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

उत्तर: नीट टॉपर्स दिन में 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करते हैं। इसी के साथ ही वे अपना खाली समय सार्थक चीज़ों को करने में लगाते हैं।

प्रश्न: टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: टॉपर्स प्रतिदिन 7 से 8 घंटे सोते हैं और ऐसा जरुरी भी है। यदि आप इतना नहीं सोएंगे तो आपका मानसिक संतुलन बिगड़ता है और इसका प्रभाव आपकी तैयारी पर पड़ता है।

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ऑफलाइन NEET की तैयारी में कितना खर्च आता है? (कोटा, सीकर, जयपुर, दिल्ली इत्यादि)

NEET Coaching Fees: आज हम नीट की तैयारी में आने वाले खर्चे की बात कर रहे हैं। अब यह चिंता स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पेरेंट्स को भी रहती है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस इतना ज्यादा होती है कि उसमें अपने बच्चे को भेजना किसी मिडिल क्लास फैमिली के लिए बुरे सपने से कम नहीं होता है। अब लोअर मिडिल क्लास और गरीब लोगों को तो भूल ही जाएं। यही कारण है कि पेरेंट्स अपने बच्चे को बेहतर से बेहतर नीट कोचिंग देने का प्रयास करते हैं।

साथ ही बात केवल पैसों की ही नहीं है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की फीस अवश्य ही ज्यादा है लेकिन फिर भी सरकारी मेडिकल कॉलेज डॉक्टर की तैयारी करवाने में टॉप पर आते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में फीस भी कम है और वहाँ पढ़ाई भी टॉप लेवल की होती है। इसलिए हर वह स्टूडेंट जो डॉक्टर बनना चाहते हैं, उनका लक्ष्य सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का होता है।

अब यदि आपको सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है तो उसके लिए नीट की कोचिंग लेने की जरुरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को यह भी जानना होता है कि नीट की तैयारी में उनका कितना तक खर्चा हो सकता (NEET coaching fees per month offline) है। ऐसे में आज हम इस विषय पर विस्तार से आपको जानकारी देने वाले हैं।

ऑफलाइन NEET की तैयारी में कितना खर्च आता है?

यहाँ हमने ऑफलाइन शब्द इसलिए जोड़ा है क्योंकि आज के समय में ऑनलाइन नीट की कोचिंग भी दी जा रही है। अब जो इंस्टीट्यूट केवल ऑनलाइन ही नीट की तैयारी करवाते हैं, उनकी फीस बहुत ही ज्यादा कम होती है लेकिन वहाँ पढ़ने का इतना लाभ देखने को नहीं मिलता है। वह इसलिए क्योंकि जो तैयारी क्लास में जाकर होती है, वह घर बैठे ऑनलाइन लेक्चर से नहीं हो सकती (NEET ki coaching fees kitni hai) है।

घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई तो आप यूट्यूब पर फ्री लेक्चर देखकर भी कर सकते हैं। अब उसमें ना तो क्लास का खर्चा आता है और ना ही एक टीचर को बार-बार पढ़ाना होता है। ऐसे में वे फीस कम लेंगे ही लेकिन उसका रिजल्ट ही ना मिले तो वह सारा का सारा पैसा व्यर्थ ही हुआ ना। इसलिए यहाँ हम ऑफलाइन अर्थात क्लास में जाकर नीट की कोचिंग लेने में कितना तक खर्चा आता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

अब वैसे तो नीट की कोचिंग हर शहर में दी जाती (NEET Coaching Fees) है लेकिन हम भारत के चार प्रमुख शहरों का अध्ययन करेंगे। यह चार शहर हैं कोटा, सीकर, जयपुर और दिल्ली। नीट की कोचिंग देने में अन्य शहरों की तुलना में इन चार शहरों का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को इनमें से किसी शहर में पढ़ने भेजते हैं तो आपको एक साल में कितना पैसा इन्वेस्ट करना होगा, आइए उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

कोटा नीट कोचिंग फीस

अगर हम नीट कोचिंग की बात करते हैं तो उसमें जिस शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह कोटा ही है। कोटा को केवल नीट के लिए ही नहीं बल्कि JEE की कोचिंग देने में भी टॉप लेवल का शहर माना जाता है। यहाँ पर सैकड़ों नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जहाँ पर लाखों स्टूडेंट्स कोचिंग ले रहे हैं। कोटा ने अपना यह नाम आज से नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से बनाया है। इस कारण यह आज के समय में नीट की कोचिंग देने में नंबर एक शहर माना जाता है।

अब अगर हम कोटा में नीट की फीस की बात करें तो वह सालाना 1 से 1.5 लाख तक चली जाती है। अब स्टूडेंट अगर कोटा का ही है तो कोई बात नहीं लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स तो दूसरे शहर या राज्य से नीट की कोचिंग लेने कोटा आते हैं। ऐसे में उन्हें वहाँ पर रहने, खाने पीने और यात्रा इत्यादि के खर्चे भी करने होते हैं।

तो कोटा शहर में रहने का खर्चा 8 से 12 हज़ार प्रति माह का लगता है। वहीं अन्य खर्चे भी 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह तक पहुँच जाते हैं। इस तरह से सभी को जोड़कर देखा जाए तो कोटा शहर में एक वर्ष के लिए नीट का कुल खर्चा 2.5 से 3 लाख के बीच में बैठ जाता (NEET coaching fees per year) है। 

सीकर नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं नीट की कोचिंग देने में भारत की दूसरी सबसे प्रसिद्ध सिटी सीकर की। मजे की बात यह है कि कोटा भी राजस्थान राज्य का एक शहर है तो यह सीकर भी। साथ ही सीकर कोटा से ज्यादा दूर भी नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सीकर के नीट कोचिंग संस्थान ने कुछ ऐसा कमाल किया है कि अब नीट की कोचिंग देने में कोटा के साथ-साथ सीकर शहर का नाम पूरे भारतवर्ष में लिया जाता है।

इसका मुख्य कारण है सीकर शहर के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट। इनमें कुछ चुनिंदा इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा इत्यादि हैं जहाँ नीट की टॉप लेवल की कोचिंग दी जा रही है। वहीं कोटा के प्रसिद्ध एलन इंस्टीट्यूट ने भी सीकर शहर में अपनी ब्रांच खोली हुई है। अब सीकर शहर में नीट कोचिंग फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से 1.2 लाख के बीच में होती है।

वहीं यदि हम स्टूडेंट के लिए होटल या रहने के खर्चे के बारे में बात करें तो वह 6 से 10 हज़ार रुपए प्रति माह बैठ जाता है। वहीं अन्य खर्चे 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह है। इस तरह से सीकर शहर में नीट की कोचिंग लेने पर एक वर्ष में 2 से 2.5 लाख तक का खर्चा हो जाता है।

जयपुर नीट कोचिंग फीस

नीट की कोचिंग देने में राजस्थान राज्य की ही राजधानी जयपुर तीसरे नंबर पर आती है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान राज्य के यह तीन शहर नीट की कोचिंग देने में देशभर में टॉप 3 में आ जाते हैं। हालाँकि इसमें जयपुर से कभी दिल्ली आगे निकल जाता है तो कभी जयपुर आगे हो जाता है।

अब अगर हम जयपुर में नीट की कोचिंग फीस की बात करें तो वह 90 हज़ार से 1.3 लाख के बीच में आती है। वहीं अगर हम वहाँ रहने की बात करें तो उसमें 7 से 11 हज़ार रुपए प्रति माह लगते हैं। वहीं अन्य खर्चे 3 से 4 हज़ार के बीच में बैठते हैं। इस तरह से जयपुर में नीट की कोचिंग लेने में 2.5 से 3 लाख तक का खर्चा एक वर्ष में हो जाता (NEET coaching fees per year) है।

जयपुर में नीट के ऊपर होने वाला खर्चा कोटा के बराबर ही है। हालाँकि कोटा में नीट की कोचिंग फीस ज्यादा है तो वहीं जयपुर शहर में रहने, खाने पीने इत्यादि का खर्चा ज्यादा हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी है और वहाँ कई कंपनियों के ऑफिस भी हैं।

दिल्ली नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं हमारे देश भारत की राजधानी दिल्ली की। दिल्ली में केवल नीट की ही नहीं बल्कि हर मुख्य एग्जाम की कोचिंग दी जाती है। फिर चाहे वह आईएस का एग्जाम हो या बैंक का। सीए की तैयारी करनी हो या नीट की। दिल्ली को एक तरह से सभी तरह के एग्जाम की कोचिंग लेने का हब माना जाता है। तभी तो यह भारत की राजधानी भी है।

अब अगर हम दिल्ली में नीट की कोचिंग फीस, रहने, खाने पीने इत्यादि की बात करें तो वह ऊपर दिए गए तीनों शहरों की तुलना में अधिक होती है। यहाँ नीट की कोचिंग फीस 1.2 से 1.8 लाख के बीच में होती है। वहीं दिल्ली में रहने का खर्चा एक माह का 10 से 15 हज़ार के आसपास बैठ जाता है। अन्य खर्चे 3.5 से 5 हज़ार के बीच में होते हैं।

इस तरह से यदि हम दिल्ली में नीट की कोचिंग लेने में ओवरऑल खर्चे को देखें तो वह 3 से 4 लाख के बीच में हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह ना केवल मेट्रो सिटी है बल्कि देश की राजधानी भी है। ऐसे में वहाँ सभी तरह के संसाधन और सुख-सुविधाएँ होने के कारण खर्चे भी बहुत ज्यादा होते हैं।

चारों का तुलनात्मक अध्ययन

ऊपर आपने ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में प्रति वर्ष कितना तक खर्चा हो जाता है, उसके बारे में भारत के टॉप 4 शहरों के बारे में जान लिया है। हालाँकि केवल इतनी जानकारी लेना ही पर्याप्त नहीं होता है। इसी के साथ ही आपको इन शहरों से नीट की कोचिंग लेने में क्या पॉजिटिव और नेगेटिव इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं, उस पर भी एक नज़र डाल लेनी (NEET ki coaching fees kitni hai) चाहिए। तो आइए उसके बारे में भी हम आपको बता देते हैं।

  • कोटा: कोटा अवश्य ही नीट की कोचिंग देने में पहले नंबर पर आता है लेकिन वहाँ का एक नेगेटिव पहलु यह है कि वहाँ स्टूडेंट्स के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर डाला जाता है और वे स्ट्रेस में रहते हैं। यही कारण है कि हम आए दिन कोटा में हो रहे सुसाइड की खबरें सुनते रहते हैं। हालाँकि इस पर काम किया जा रहा है लेकिन आज भी वहाँ का माहौल बहुत ही स्ट्रेस्ड रहता है।
  • सीकर: कोटा के स्ट्रेस वाले माहौल के कारण ही सीकर शहर नीट की कोचिंग देने में बाजी मार रहा है। वह इसलिए क्योंकि जहाँ एक ओर सीकर के मैट्रिक्स, गुरुकृपा जैसे इंस्टीट्यूट कोटा के टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट को कड़ी टक्कर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर, वहाँ के शांत वातावरण में स्टूडेंट और अधिक फोकस से पढ़ाई कर पाता है।
  • जयपुर: जयपुर भी नीट के लिए एक अच्छी पसंद हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ ना तो कोटा के जैसा स्ट्रेस है और इंस्टीट्यूट भी टॉप लेवल के हैं। हालाँकि यह सीकर से इस मामले में पीछे है क्योंकि सीकर ने JEE और नीट की कोचिंग पर मुख्य ध्यान दिया हुआ है जबकि जयपुर दिल्ली की तरह ही हर फील्ड में बराबर ध्यान देता है।
  • दिल्ली: दिल्ली का पहला नेगेटिव पॉइंट तो यही है कि यहाँ पर नीट की कोचिंग लेने में बहुत खर्चा हो जाता है। वहीं जो लोग सोच रहे हैं कि दिल्ली में फीस ज्यादा है तो कोचिंग भी बेहतर होगी तो ऐसा नहीं है। दिल्ली में कोचिंग इसलिए महँगी है क्योंकि वहाँ का लाइफ स्टाइल महंगा है। साथ ही दिल्ली में स्टूडेंट्स का ध्यान भी बहुत जल्दी भटक जाता है क्योंकि जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ हैं, वहाँ बहुत कम लोग ही अपनी नीट की तैयारी पर फोकस्ड रह पाते हैं।

स्कॉलरशिप भी है एक ऑप्शन

अब आप यह भी जान लें कि आपके बच्चे के पास भारत के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्कॉलरशिप पाने के भी मौके हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर तरह के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट अपने यहाँ एग्जाम कंडक्ट करवाते (NEET coaching fees per month offline) हैं। इस एग्जाम में अच्छा स्कोर करने वाले कुछ चुनिंदा होनहार स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती है।

मैट्रिक्स जैसी अकैडमी में तो स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत की भी स्कॉलरशिप दी जाती है। ऐसे में आप उस एग्जाम को दे सकते हैं और अपनी किस्मत को आजमा सकते हैं। यदि आप चुन लिए जाते हैं तो आपको नीट की कोचिंग फीस कुछ हज़ार रुपए ही देनी होगी। बस हर महीने रहने, खाने-पीने इत्यादि का खर्चा वहां करना होगा।

निष्कर्ष

आज हमने आपको बताया कि ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में आपको कितना तक का खर्चा करना पड़ सकता (NEET Coaching Fees) है। इसके अनुसार ही आप अपना बजट बना सकते हैं। यदि आप सीकर से नीट की कोचिंग लेंगे तो दो से ढाई लाख, कोटा और जयपुर से ढाई से तीन लाख और दिल्ली से तीन से चार लाख तक का खर्चा हो सकता है।

आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स की पहली पसंद सीकर शहर इसलिए ही बन रहा है क्योंकि एक तो वहाँ नीट की कोचिंग फीस अन्य की तुलना में कम है और साथ ही माहौल भी बहुत सही है। वहाँ आपको मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा, एलन जैसे टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट भी मिल जाते हैं और पढ़ने के लिए एक सही माहौल भी।

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प्रश्न: नीट की 1 साल की फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि हम सामान्य तौर पर नीट कोचिंग लेने के लिए एक साल की फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक हो सकती है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि आप अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग ले रहे हैं तो यह फीस एक लाख/ सालाना के आसपास बैठती है।

प्रश्न: नीट की तैयारी करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: नीट की तैयारी करने में कोचिंग, हॉस्टल, खाना-पीना इत्यादि सभी खर्चों को जोड़ दिया जाए तो यह सामान्य तौर पर डेढ़ से दो लाख एक साल का बैठता है।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कौन सी क्लास सबसे अच्छी है?

उत्तर: नीट की तैयारी आपको अपनी दसवीं कक्षा से ही शुरू कर देनी चाहिए। तभी आगे चलकर आपका जल्द से जल्द नीट में सलेक्शन हो पाएगा।

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NEET के लिए टाइम मैनेजमेंट कैसे करें? जाने 10 प्रभावी उपाय

NEET Time Management: आज हम बात करेंगे उन स्टूडेंट्स के बारे में जो नीट की कोचिंग ले रहे हैं या उसकी तैयारी करने का सोच रहे हैं। जो स्टूडेंट्स आगे चलकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का सोच रहे हैं और उसके लिए नीट की कोचिंग शुरू करने का सोच रहे हैं तो आज का यह आर्टिकल उनके बहुत काम आने वाला है। वह इसलिए क्योंकि आज हम नीट की कोचिंग में काम आने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण चीज़ टाइम मैनेजमेंट के बारे में बात करने वाले हैं।

जिन स्टूडेंट्स को समय रहते टाइम मैनेजमेंट के बारे में सही जानकारी मिल जाए, वे अभी से ही अपना बहुत सा समय बचा सकते हैं और उसका इस्तेमाल अपनी तैयारी को और बेहतर करने में कर सकते हैं। वहीं जो स्टूडेंट इस तकनीक के बारे में जितना देरी से सोचते हैं, उन्हें उतना ही अधिक नुकसान हो चुका होता है।

ऐसे में आपके लिए टाइम मैनेजमेंट की तकनीक सीखना बहुत ही जरुरी हो जाता (NEET ki taiyari ke liye time table) है अन्यथा आप उन स्टूडेंट्स से पिछड़ जाएंगे जो इस पर पहले से ही काम कर रहे हैं। इसलिए आइए आज हम इस विषय पर विस्तार से बात कर लेते हैं।

नीट की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट

नीट का एग्जाम क्रैक करना बहुत ही मुश्किल माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि पहली बात तो देश में चुनिंदा सरकारी मेडिकल कॉलेज ही टॉप लेवल के हैं और उनमें भी लिमिटेड सीट्स ही (NEET ke liye time table kaise banaye) होती है। ऐसे में अगर आपने नीट का एग्जाम क्रैक कर भी लिया है तो भी यह जरुरी नहीं है कि आपको टॉप लेवल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में अपनी मनपसंद की फील्ड में एडमिशन मिल जाएगा।

इसके लिए आपको टॉप स्कोर करना (NEET Time Management) होगा। वह भी पहले एक या दो साल में ही क्योंकि कुछ स्टूडेंट्स इसमें तीन से चार साल भी लगा देते हैं। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरुरी हो जाता है। तो चलिए नीट की तैयारी करने के दौरान आपको टाइम मैनेजमेंट के लिए कौन-कौन सी तकनीक अपनानी होगी, उसका पता लगा लेते हैं।

#1. तीनों सब्जेक्ट्स पर समान ध्यान दें

नीट के एग्जाम में तीन सब्जेक्ट आते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी होते हैं। अब बहुत से स्टूडेंट्स क्या करते हैं कि वे बायोलॉजी पर तो अधिक ध्यान देते हैं क्योंकि इसका सीधा संबंध मेडिकल से होता है लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री पर उतना फोकस नहीं रखते हैं। ऐसा करके वे जाने अनजाने में बहुत बड़ी गलती कर रहे होते (NEET ki taiyari ke liye time table) हैं।

माना कि आगे चलकर आपको बायोलॉजी पर ही पढ़ाया जाएगा लेकिन वह तभी पढ़ाया जाएगा ना जब आप नीट एग्जाम को क्रैक कर लेंगे और फिर मेडिकल कॉलेज में अपनी सीट को रिज़र्व कर लेंगे। उससे पहले तो आपको नीट एग्जाम देना होगा और उसके लिए तीनों ही सब्जेक्ट्स पढ़ने होंगे। इसलिए आप बायोलॉजी पर अवश्य ही कुछ घंटे ज्यादा दे सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप फिजिक्स और केमिस्ट्री को भूल ही जाएं।

#2. कोचिंग इंस्टीट्यूट सोच-समझ कर चुने

इसमें आपकी एक बढ़िया नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत मदद कर सकता है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़कर आपको बहुत ज्यादा मदद मिल जाती है। वहाँ पर हर चीज़ का एक सिस्टम बनाया गया होता है और स्टूडेंट्स को उसी के अनुसार ही तैयार किया जाता है।

अब अगर हम आपको देशभर के कुछ चुनिंदा नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में बताएं तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी पहले नंबर पर आती है। मैट्रिक्स में पहले JEE की ही तैयारी करवाई जाती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहाँ नीट की भी कोचिंग दी जा रही है।

आज के समय में मैट्रिक्स का रिजल्ट बहुत ही अच्छा जा रहा है क्योंकि वहाँ पर सभी बेस्ट लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की लर्निंग को ध्यान में रखकर सिस्टम तैयार किया गया है। वहीं सीकर का ही गुरुकृपा इंस्टीट्यूट और कोटा का एलन इंस्टीट्यूट इस सूची में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर आते हैं। ऐसे में आप अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव कर सकते हैं।

#3. जरुरी चीज़ों के नोट्स बनाएं

अब अगर आप पढ़ते ही जाएंगे, पढ़ते ही जाएंगे लेकिन जरुरी चीज़ों के नोट्स नहीं बनाएंगे तो बहुत गलत होगा। आप किसी भी टॉप लेवल के स्टूडेंट को देख लीजिए, फिर चाहे वह स्कूल में हो या कॉलेज में या किसी एग्जाम की तैयारी कर रहा हो, उसका मुख्य फोकस नोट्स बनाने में होता है। साथ ही बाकी सभी स्टूडेंट्स भी उस स्टूडेंट के नोट्स लेने को तैयार रहते हैं।

अब नीट की कोचिंग में भी इन नोट्स का बहुत ज्यादा महत्व होता है। वह इसलिए क्योंकि नोट्स आप अपनी समझ के अनुसार लिखते हैं ताकि जरुरत पड़ने पर आप उसे पढ़ें और जल्द से जल्द चीज़ों को कैप्चर कर सकें। इसलिए नोट्स बनाने में किसी भी तरह की ढिलाई ना बरतें। यदि किसी दिन क्लास मिस भी हो जाती है तो आप किसी सहपाठी से नोट्स ले लें।

वहीं मैट्रिक्स, एलन जैसे संस्थान में तो हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है। ऐसे में अगर किसी कारण आप लेक्चर मिस कर देते हैं तो आप उसे ऑनलाइन देखकर समझ सकते हैं और नोट्स बना सकते हैं।

#4. टॉपिक्स को प्रायोरिटी दें

नीट के एग्जाम में तीनों सब्जेक्ट्स में से कई तरह के टॉपिक आते हैं। अब कोई टॉपिक ज्यादा जरुरी होता है तो कोई कम। यदि आप हर टॉपिक को एक समान महत्व देंगे तो यह गलत होगा। आप सोचते होंगे कि हर टॉपिक पर एक जैसा ध्यान देने से तैयारी अधिक मजबूत होती है लेकिन यह एक गलत सोच है।

जो टॉपिक ज्यादा महत्वपूर्ण है, उस पर आपको अधिक ध्यान देने की जरुरत है। वहीं आप उन्हें मुश्किल और सरल के आधार पर भी प्रायोरिटी दे सकते हैं। किसी स्टूडेंट को कोई टॉपिक मुश्किल लगता है तो किसी को वही टॉपिक सरल लगता है। ऐसे में आप मुश्किल और महत्वपूर्ण टॉपिक को सबसे अधिक प्रायोरिटी दें और उसके बाद क्रमानुसार बाकियों को प्रायोरिटी दें।

#5. एक्सपर्ट्स व सीनियर की मदद लें

आपको नीट की तैयारी करने के लिए टाइम मैनेजमेंट करना है तो उसमें आपके सीनियर बहुत मदद कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपने से सीनियर के भी टच में बने रहना चाहिए। उनसे आपको रह-रह कर कुछ ऐसी टिप्स मिल सकती है जो आगे चलकर आपके बहुत काम आ सकती है। वह इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय के साथ-साथ उन चीज़ों का अनुभव किया है।

वहीं आप नीट की कोचिंग देने में एक्सपर्ट लोगों को भी सुने। मैट्रिक्स, आकाश जैसे टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट समय-समय पर अपने यहाँ एक्सपर्ट लोगों को लेक्चर देने के लिए बुलाते हैं। ऐसे में आपको उनका लेक्चर बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए क्योंकि वहाँ से आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। वहीं इन कोचिंग संस्थान में समय-समय पर स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट गाइडेंस दी जाती रहती है।

#6. पहले के एग्जाम सोल्व करें

किसी भी एग्जाम को देने में उसके पहले के प्रश्न पत्र को देखना बहुत ही अच्छी प्रैक्टिस मानी जाती (NEET Exam Time Management) है। खासतौर पर पिछले दस वर्षों के प्रश्न पत्र। यही बात नीट के एग्जाम में भी लागू होती है। यदि आप नीट एग्जाम को लेकर सीरियस हैं तो आप पिछले कम से कम 10 वर्षों के नीट प्रश्न पत्रों को उठा लीजिए और उनकी बारीकी को समझिए।

इसमें आप यह देखें कि उनमें किन विषयों पर कितना फोकस रखा गया है और उसमें भी किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इससे आपको नीट एग्जाम को बेहतर तरीके से समझने में बहुत सहायता मिलेगी। यह आपको अपना टाइम टेबल बनाने और प्रायोरिटी सेट करने में बहुत मदद करेगा। यह नीट एग्जाम की तैयारी के लिए एक अच्छी टाइम मैनेजमेंट तकनीक है।

#7. मॉक टेस्ट देते रहें

आप किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ रहे हो, वहाँ हर महीने समय-समय पर स्टूडेंट्स का मॉक टेस्ट लिया जाता रहता है। टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान में तो मॉक टेस्ट के पेपर भी उसी लेवल के ही बनाए जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि उन्हें बनाने के लिए एक्सपर्ट व एक्सपीरियंस फैकल्टी की जरुरत पड़ती है। वहीं छोटे लेवल के कोचिंग संस्थान उन टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान की नकल करते हुए देखे जा सकते हैं।

ऐसे में यदि आप समय-समय पर अपना टेस्ट लेते रहते (NEET Exam Time Management) हैं और मॉक टेस्ट को रेगुलर देते रहते हैं तो यह आपका बहुत सा समय सेव कर रहा होता है। वह इसलिए क्योंकि यह आपको अपनी तैयारी का बेहतर तरीके से आंकलन करने और उसी तरीके से उसमें सुधार करने के बारे में बताता है।

#8. सही लाइफस्टाइल अपनाएं

एक अच्छा और हेल्दी लाइफ स्टाइल भी नीट की कोचिंग लेने और उसकी जमकर तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहुत से स्टूडेंट्स इसमें चूक जाते हैं क्योंकि उनका फोकस केवल और केवल नीट की तैयारी करने में होता है और वे अपने शरीर पर ध्यान देना ही भूल जाते हैं। इसका प्रभाव यह होता है कि उन्हें चीजें ज्यादा समय तक याद नहीं रहती है या मन ख़राब होने लगता है।

इसलिए आपको हर दिन घर का बना भोजन करना चाहिए। फ़ास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। समय पर भोजन करना चाहिए। जल्दबाजी में भोजन नहीं करना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए। आराम भी करना चाहिए। योग व ध्यान करना चाहिए। ब्रेक लेते रहना चाहिए। नींद पूरी लेनी चाहिए। कुछ ना कुछ मनोरंजन भी करते रहना चाहिए। इस तरह से आप एक अच्छा लाइफ स्टाइल अपना कर नीट की तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं।

#9. स्मार्ट स्टडी करें

नीट की तैयारी में टाइम मैनेजमेंट करना है तो आपका फोकस स्मार्ट स्टडी पर होना चाहिए। स्मार्ट स्टडी का अर्थ हुआ, आप किस तरह से तैयारी कर रहे हैं, उसके लिए किन साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और किसकी सलाह ले रहे हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आज के समय में ऑनलाइन भी बहुत कुछ उपलब्ध है। जिस तरह से आप नीट की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट की तकनीक भी तो हमारे लिखे इस आर्टिकल से पढ़ रहे हैं।

इसी तरह आपको जहाँ से भी जरुरी जानकारी मिले, उसे ले लेना (NEET ke liye time table kaise banaye) चाहिए। चीज़ों को रटने की बजाए, उन्हें कुछ ज्यादा समय लगाकर समझने पर ध्यान देना चाहिए। क्लास में लेक्चर को सुनते समय अपना ध्यान भटकने नहीं देना चाहिए और कोई चीज़ समझ नहीं आती है तो उसे फिर से सुनना चाहिए या उसी समय पूछ लेना चाहिए। इस तरह से की गई स्टडी आपको बहुत आगे तक लेकर जाती है।

#10. छोटे-छोटे टारगेट बनाएं

कई बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स बड़ा लक्ष्य बना लेते हैं और उसे देखकर अक्सर नर्वस हो जाते हैं। ऐसे में आपको यह काम बिलकुल भी नहीं करना है। आप अपने बड़े लक्ष्य या टारगेट को छोटे-छोटे टारगेट में बाँट लें। जैसे कि आपको नीट के टेस्ट पेपर एक निश्चित समय सीमा में सोल्व करने का टारगेट रखना है तो आप उसे पहली बार में ही करने का प्रयास ना करें।

इसकी बजाए आप उसे धीरे-धीरे करके कम समय में लेकर जाएं। इसी तरह आप अपने सभी टारगेट को छोटे-छोटे टारगेट में बाँट सकते हैं और उन्हें पूरा करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यह आपके लक्ष्यों को तेजी से पूरा करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष

आज आपने जाना कि नीट की तैयारी करने के लिए टाइम मैनेजमेंट कितना महत्वपूर्ण होता (NEET Time Management) है और इसके लिए किन-किन तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है। टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी है और जो स्टूडेंट इसको समय रहते समझ जाता है, वह बाकियों की तुलना में तेज गति से आगे निकल जाता है।

इसी के साथ ही सही कोचिंग संस्थान का चुनाव करना भी उतना ही जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि गलत कोचिंग आपका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद कर देती है। ऐसे में आपको भारत के टॉप कोचिंग संस्थान से ही नीट की कोचिंग लेनी चाहिए जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी सीकर या आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली।

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प्रश्न: नीट के लिए कितने घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है?

उत्तर: यदि आप नीट एग्जाम को जल्द से जल्द और अच्छे अंकों के साथ पास करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हर दिन 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करनी होगी।

प्रश्न: घर पर रहकर नीट की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: घर पर रहकर नीट की तैयारी हो तो सकती है लेकिन इसके साथ-साथ यदि आप एक अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से भी जुड़ जाएंगे तो सेलेक्ट होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 12 महीने अर्थात एक वर्ष का समय चाहिए होता है। अब यह आप पर निर्भर करेगा कि आप इसमें कितना समय लेंगे।

प्रश्न: नीट के लिए कितने घंटे पढ़ाई करने की जरूरत है?

उत्तर: नीट के लिए हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करने की जरूरत है। कुछ स्टूडेंट्स तो प्रतिदिन 12 से 13 घंटे की पढ़ाई भी करते हैं।

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नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए?

NEET me Kitne Marks Chahiye: बहुत से स्टूडेंट्स यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार उन्हें नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए? अब इसके बारे में यदि आप इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो हर वेबसाइट आपको गोल-गोल जवाब देती है या गलत जानकारी देती है। आप चाहे हिंदी भाषा की कोई वेबसाइट देख लें या फिर अंग्रेजी में, आपको कहीं से भी इसका सही से उत्तर नहीं मिलेगा।

यहाँ तक कि आपको नीट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसके बारे में सही से जानकारी नहीं मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नीट के तहत सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने का प्रोसेस बहुत ही पेचीदा और जटिल है। ऐसे में अधिकतर या यूँ कहें कि जो लोग इस फील्ड से नहीं गुजरे हैं, उन्हें इसके बारे में सही से नहीं पता होता है। हमने भी इंटरनेट पर इसके बारे में बहुत छानबीन की लेकिन ठीक से क्लेअरिटी नहीं मिली।

आखिर में जाकर हमने नीट में सेलेक्ट हो चुके स्टूडेंट्स और टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ रहे स्टूडेंट्स से इस प्रोसेस को जाना। इसके बाद ही हम यह आर्टिकल लिख रहे हैं ताकि आप तक संपूर्ण जानकारी सही रूप में पहुंचे। इस आर्टिकल से हम आपके नीट में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए (NEET me Passing Marks Kitne Chahiye) से लेकर नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए, इत्यादि सभी डाउट क्लियर करने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं।

नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए?

तो जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यह प्रक्रिया बहुत ही पेचीदा है और इसके तहत सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने की प्रक्रिया भी बहुत जटिल है। अब डॉक्टर की पढ़ाई करना और एक अच्छा डॉक्टर बनना कोई सरल काम थोड़ी ना है। ठीक वैसे ही नीट का एग्जाम क्लियर करना और फिर अच्छा सरकारी कॉलेज लेना कोई सरल काम कैसे हो सकता है।

इसके लिए हम आपको शुरू से लेकर अंत तक इस जटिल प्रक्रिया को विभिन्न भागों में समझाने का प्रयास करेंगे। तो इसमें मुख्य रूप से जो संस्थान भूमिका निभाते (NEET me Kitne Marks Chahiye) हैं, उनके नाम हैं:

  1. National Testing Agency (NTA) / राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी
  2. Medical Counselling Committee (MCC) / मेडिकल काउंसलिंग कमेटी
  3. State Medical Counselling Committees / राज्य मेडिकल काउंसलिंग कमेटी
  4. All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) / अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)
  5. अन्य केंद्रीय व राज्य सरकारी मेडिकल कॉलेज

तो यदि आपको नीट के तहत सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेना है तो आपको ऊपर बताई गई इन पांच संस्थाओं का नीट के एग्जाम में क्या कुछ योगदान होता है, उसके बारे में समझना होगा। इसके बाद ही आप यह जान पाएंगे कि नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर (NEET Exam me Kitne Marks Chahiye) चाहिए। तो चलिए जानते हैं।

#1. National Testing Agency (NTA) / राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी

नीट एग्जाम में सबसे पहला और मुख्य रोल आता है NTA का जिसे हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी कहते हैं। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम यही कंडक्ट करवाती है। ऐसे में नीट का एग्जाम बनाना, उसके नंबर देना और स्टूडेंट्स को रैंक देना, इसी संस्थान के द्वारा किया जाता है। तो NTA का काम नीट का एग्जाम कंडक्ट करवाने से लेकर सभी स्टूडेंट्स को नीट के तहत उसके नंबर और रैंक देने तक ही सीमित होता है।

#2. Medical Counselling Committee (MCC) / मेडिकल काउंसलिंग कमेटी

अब सरकारी मेडिकल कॉलेज में दूसरा मुख्य भाग है एमसीसी का जो केंद्रीय स्तर पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी होती है। इसके तहत देशभर के बड़े से बड़े डॉक्टर और चयन करने वाला पैनल बैठता है। इनका काम स्टूडेंट्स को नीट में मिले नंबर और रैंक के आधार पर देशभर के सेंट्रल और स्टेट मेडिकल कॉलेज में उनका एडमिशन करवाने के लिए काउंसलिंग करने का होता है।

#3. State Medical Counselling Committees / राज्य मेडिकल काउंसलिंग कमेटी

अब एमसीसी तो केंद्रीय स्तर पर ही मुख्य भूमिका निभाता है क्योंकि स्टेट या राज्य के मेडिकल कॉलेज में राज्य की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी का ज्यादा वर्चस्व होता है। ऐसे में हर राज्य की अपनी अलग एमसीसी होती है। उदाहरण के तौर पर हरियाणा की अलग एमसीसी होगी तो वहीं उड़ीसा की अलग। यह उसी राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स की नीट के स्कोर के तहत काउंसलिंग करते हैं।

#4. All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) / अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)

यह देश के टॉप लेवल के मेडिकल कॉलेज होते हैं। जिस प्रकार इंजीनियरिंग के लिए देश के टॉप कॉलेज IIT होते हैं तो उसी तरह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए एम्स को टॉप कॉलेज की श्रेणी में रखा गया है। अभी देश में 20 एम्स है तो वहीं जल्द ही कुछ और एम्स को शुरू करने का काम चल रहा है। एम्स में सेंट्रल एमसीसी के जरिए ही एडमिशन लिया जा सकता है।

#5. अन्य केंद्रीय व राज्य सरकारी मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज में केवल एम्स ही नहीं आते हैं बल्कि अन्य केंद्रीय व राज्य स्तरीय कॉलेज भी आते हैं। अब अगर हम एम्स के अलावा अन्य केंद्रीय सरकारी मेडिकल कॉलेज की बात करें तो उसमें कुछ के नाम JIPMER, BHU, AMU इत्यादि हैं। वहीं राज्य स्तर पर कई तरह के मेडिकल कॉलेज होते हैं। केंद्रीय कॉलेज में केंद्रीय एमसीसी तो वहीं राज्य के कॉलेज में केंद्र और राज्य एमसीसी दोनों काउंसलिंग लेते हैं।

तो इस तरह से आपने नीट में सरकारी कॉलेज लेने के लिए प्रमुख संस्थाओं और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जान लिया है। इससे आपको यह तो पता चल गया होगा कि नीट का एग्जाम क्लियर करना और उसके तहत अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज लेना कितना कठिन काम होता है। तो इसके लिए आपको कोचिंग भी टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही लेनी चाहिए।

तो कुछ प्रसिद्ध नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स सीकर, आकाश दिल्ली, एलन कोटा है। यदि आप इन इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग लेते हैं तो अवश्य ही आप जल्द से जल्द नीट का एग्जाम अच्छे स्कोर के साथ क्लियर कर पाएंगे। इसमें भी मैट्रिक्स अकैडमी ने तो पिछले कुछ वर्षों में ही नीट की कोचिंग देनी शुरू की है और देखते ही देखते पहले नंबर पर आ गई है।

अब बात करते हैं, नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए (NEET me Kitne Marks Chahiye), के बारे में। तो अब जब आपने सभी संस्थाओं के बारे में जान लिया है तो आइए इस रहस्य से भी पर्दा उठा लिया जाए। आइए जाने।

नीट में कितने नंबर पर सरकारी कॉलेज मिलेगा?

इसे हम चरण दर चरण समझाने का प्रयास करते हैं। चलिए शुरू करते हैं।

  1. सबसे पहले तो आपको नीट का फॉर्म भरना होगा। उसके तहत NTA आपका नीट एग्जाम कंडक्ट करवाएगा और आपको पूरी तैयारी के साथ वह देना होगा।
  2. अब NTA के द्वारा नीट का रिजल्ट निकाला जाएगा और उसके अनुसार आपको पासिंग मार्क्स, कट ऑफ नंबर व रैंक दी जाएगी।
  3. अब यह पासिंग मार्क्स तो सभी के एक समान होते हैं लेकिन एक स्टूडेंट को रैंक 4 तरह की दी जाती है।
  4. सबसे पहले रैंक उसकी All In India (AIQ) रैंक होती है तो वहीं दूसरी उसकी अपनी जाति के अनुसार AIQ होती है।
  5. तीसरी रैंक उसके राज्य के कुल स्टूडेंट्स के अनुसार रैंक होती है तो चौथी रैंक उसके राज्य में जाति के अनुसार उसकी रैंक होती है।
  6. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सेंट्रल और स्टेट मेडिकल कॉलेज में राज्य और स्टूडेंट्स की जाति के अनुसार सीट्स आरक्षित होती है।
  7. अब जब आपको NTA के द्वारा नंबर और रैंक दे दी जाती है तो शुरू होता है MCC और स्टेट MCC का काम।
  8. MCC की ऑफिसियल वेबसाइट में आप काउंसलिंग के लिए आवेदन करते हैं तो साथ के साथ स्टेट की एमसीसी में भी आवेदन करना होता है।
  9. इसमें आपको अपनी प्रेफेरेंस और रैंक को ध्यान में रखकर सभी कॉलेज को क्रमानुसार भरना होता है। देशभर में लगभग 400 मेडिकल कॉलेज हैं। आप इसमें से सभी को या कुछ चुनिंदा को क्रमानुसार भर सकते हैं।
  10. अब जो सेंट्रल मेडिकल कॉलेज होते हैं, उसमें 100 प्रतिशत सीट्स पर काउंसलिंग सेंट्रल एमसीसी ही करती है और किसी भी राज्य का स्टूडेंट इसमें जा सकता है। हालाँकि सीट्स के लिए स्टूडेंट्स की जाति को अवश्य देखा जाता है।
  11. वहीं जो राज्य स्तर के मेडिकल कॉलेज हैं, उस पर 85 प्रतिशत सीट्स पर काउंसलिंग स्टेट एमसीसी करता है तो बाकी 15 प्रतिशत सीट्स पर सेंट्रल एमसीसी करता है।
  12. कहने का मतलब यह हुआ कि स्टेट के सभी मेडिकल कॉलेज पर उसी राज्य की काउंसलिंग कमेटी 85 परसेंट सीट्स पर स्टूडेंट्स को एडमिशन दिलवाती है तो बाकी 15 परसेंट पर सेंट्रल मेडिकल काउंसलिंग कमेटी।
  13. इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि मध्य प्रदेश के किसी राज्य स्तर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कुल 100 सीट है तो उसमें मध्य प्रदेश राज्य के ही 85 स्टूडेंट्स लिए जाएंगे जो स्टेट एमसीसी चुनेगी तो वहीं 15 स्टूडेंट्स मध्य प्रदेश सहित पूरे देश के किसी भी राज्य से हो सकते हैं जिन्हें सेंट्रल एमसीसी चुनती है।
  14. इसी कारण हर स्टूडेंट की राज्य स्तरीय कट ऑफ भी अलग निकलती है। वह इसलिए क्योंकि हर राज्य में नीट का एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स, उसमें पास होने वाले स्टूडेंट्स, वहाँ के मेडिकल कॉलेज में कुल खाली सीट इत्यादि अलग-अलग होती है।
  15. हर स्टूडेंट को अपनी रैंक और कट ऑफ मार्क्स के हिसाब से सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलता है। ऐसे में सभी स्टूडेंट्स को बहुत ही ध्यान से काउंसलिंग में भाग लेना होता है और कॉलेज के क्रम चुनने होते हैं।

यह प्रक्रिया पेचीदा जरुर है क्योंकि इसमें केंद्र और राज्य स्तर पर मेडिकल कॉलेज का वर्गीकरण किया गया है। बहुत से स्टूडेंट्स इस प्रक्रिया को सही भी नहीं मानते हैं क्योंकि कुछ राज्यों में मेडिकल सीट पर बहुत ज्यादा कम्पटीशन देखने को मिलता (NEET Exam me Kitne Marks Chahiye) है तो कुछ में बहुत कम।

उदाहरण के तौर पर केरल राज्य में कम्पटीशन बहुत कम है तो वहीं राजस्थान में बहुत ज्यादा है। जहाँ कुछ राज्यों में जनरल श्रेणी के लिए नीट की कट ऑफ 640 नंबर से ऊपर चली जाती है तो कुछ राज्यों में यह 580 के आसपास रहती है। हालाँकि यदि आप जनरल श्रेणी में आते हैं तो आपको 600 से ऊपर नंबर और आरक्षित श्रेणी वालों को 550 से ऊपर नंबर स्कोर करने पर ध्यान देना चाहिए।

नीट में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?

अब बात करते हैं नीट में पासिंग मार्क्स के बारे में (NEET me Passing Marks Kitne Chahiye)। अभी तक तो आपने जाना कि नीट में सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए या क्या कट ऑफ रहती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कट ऑफ से कम नंबर पाने वाले स्टूडेंट्स नीट एग्जाम में फेल हो जाते हैं। दरअसल नीट एक फार्मूला के तहत पासिंग मार्क्स भी निकालती है जिसे Minimum Qualifying Percentile कहा जाता है।

अभी तक आपने परसेंटेज के बारे में सुन रखा होगा लेकिन यह परसेंटाइल इससे अलग होती है। इसके लिए एक फार्मूला बनाया गया है, जो कि इस प्रकार है:

नीट में Minimum Qualifying Percentile = (आपके टोटल नंबर * 100) / टॉप करने वाले स्टूडेंट के मार्क्स

अब इसे एक उदाहरण से समझ लेते हैं। मान लीजिए कि नीट का एग्जाम 100 नंबर का होता है और उसमें आपके 45 नंबर आए हैं। इस हिसाब से आपके परसेंट तो 45 प्रतिशत बने लेकिन नीट में प्रतिशत कोई मायने नहीं रखते और इसके लिए परसेंटाइल ही मायने रखती है। तो ऊपर दिए गए फार्मूला के अनुसार हमें टॉप स्टूडेंट के मार्क्स जानने हैं। तो मान लीजिए जिस स्टूडेंट ने टॉप किया है, उसने नीट में 100 में से 90 नंबर लिए हैं। तो फार्मूला लगाकर देखते हैं।

(45 * 100) / 90 = 4500 / 90 = 50

तो इस तरह से आपने देखा कि आपके परसेंट तो 45 थे लेकिन टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट के हिसाब से आपके परसेंटाइल 50 हो गए। अब यदि वह स्टूडेंट 100 में से 100 नंबर लेकर आता है तो आपके परसेंटाइल 45 होते। इसी तरह नीट में मिलने वाले पासिंग मार्क्स अर्थात परसेंटाइल टॉप स्टूडेंट के द्वारा स्कोर किए गए मार्क्स पर निर्भर करते हैं।

अब यह पासिंग मार्क्स भी जातियों के आधार पर होते हैं। जनरल कैटेगरी वाले स्टूडेंट्स को न्यूनतम 50 परसेंटाइल, जनरल विकलांग को 45 परसेंटाइल, अन्य सभी आरक्षित वर्ग व उसके तहत आने वाले विकलांगों को 40 परसेंटाइल लाने होते हैं।

इसलिए यदि आप जल्द से जल्द नीट में अपना सिलेक्शन करवाना चाहते हैं और वह भी अच्छे मार्क्स के साथ तो आपका टॉप लेवल के नीट कोचिंग सेंटर में पढ़ना बहुत जरुरी हो जाता है। मैट्रिक्स सीकर, आकाश दिल्ली, एलन कोटा जैसे इंस्टीट्यूट इस मामले में आपको सही गाइडेंस और स्टडी मटेरियल देते हैं। मैट्रिक्स में तो इसके लिए अलग से डाउट सेंटर भी बनाए गए हैं जहाँ स्टूडेंट्स किसी भी समय जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं।

निष्कर्ष

उक्त लेख के माध्यम से आपने नीट में सरकारी कॉलेज के लिए कितने नंबर चाहिए (NEET me Kitne Marks Chahiye), के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। यह प्रक्रिया पेचीदा अवश्य है लेकिन हमने आपको इस लेख में साफ़ व स्पष्ट शब्दों में समझाने का प्रयास किया है। यदि अभी भी आपको कोई शंका है या कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं।

Related FAQs

प्रश्न: अगर मुझे नीट में 550 अंक मिलते हैं तो क्या मुझे सरकारी कॉलेज मिल सकता है?

उत्तर: यदि आपको नीट में 550 अंक मिलते हैं तो आपको सरकारी कॉलेज मिल सकता है लेकिन यह पूर्ण रूप से उस समय निकाली गई कट ऑफ, आपके राज्य की मेडिकल सीट और आपके द्वारा काउंसलिंग के समय चुने गए कॉलेज की प्रेफेरेंस पर निर्भर करता है।

प्रश्न: Obc के लिए mbbs के लिए नीट में कितने अंक आवश्यक हैं?

उत्तर: Obc के लिए mbbs के लिए नीट में कम से कम 500 से अधिक अंक आवश्यक हैं। हालाँकि यह आंकड़ा हर राज्य के अनुसार बदल भी सकता है।

प्रश्न: नीट में कितने marks आने पर सरकारी कॉलेज मिलता है?

उत्तर: यदि आप सामान्य श्रेणी में आते हैं तो आपका ध्यान नीट में 620 से अधिक अंक लाने पर होना चाहिए, तभी जाकर आपको सरकारी कॉलेज मिलेगा।

प्रश्न: क्या नीट में 600 अंकों वाला सरकारी कॉलेज मिल सकता है?

उत्तर: नीट में 600 अंक एक अच्छा स्कोर है लेकिन आज के समय में कम्पटीशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में आपका ध्यान 620 से अधिक अंक लेने पर होना चाहिए लेकिन यदि आप आरक्षित वर्ग से आते हैं तो 600 में काम चल जाएगा।

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Medical Courses List | NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स लिस्ट

Medical Courses List: जब कभी भी मेडिकल फील्ड की बात आती है तो सबसे पहले सभी के दिमाग में एक ही कोर्स आता है और वह है MBBS। अब वे सभी लोग गलत भी नहीं हैं क्योंकि डॉक्टर बनने की पहली सीढी यही MBBS की डिग्री ही होती है। हालाँकि डॉक्टर बनने के लिए यही डिग्री ली जाए, यह जरुरी नहीं है।

वह इसलिए क्योंकि MBBS की डिग्री केवल एलोपैथी डॉक्टर बनने के लिए जरुरी है, वहीं आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या अन्य तरह का डॉक्टर बनने के लिए अलग डिग्री होती है। अब मेडिकल कोर्स लिस्ट में डॉक्टर के अलावा भी कई सारी फील्ड होती है। जैसे कि नर्सिंग, फार्मास्युटिकल, तकनीशियन इत्यादि। डॉक्टर बनने के लिए तो नीट का एग्जाम देना पड़ता है जो बहुत मुश्किल होता है।

वहीं कई स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स (Bina NEET ke Medical Course) के बारे में जानने को इच्छुक होते हैं। ऐसे में आज हम आपको नीट एग्जाम के बिना 12वीं में कौन-कौन से मेडिकल कोर्स होते हैं और नीट के साथ कौन-कौन से कोर्स होते हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं।

मेडिकल कोर्स लिस्ट | Medical Courses List

वैसे तो मेडिकल लाइन में कई तरह के कोर्स होते हैं लेकिन उसमें सबसे पहली फील्ड या यूँ कहें कि सबसे टॉप की फील्ड डॉक्टर की ही होती है। उसमें भी सबसे महत्वपूर्ण कोर्स MBBS का ही माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि आगे जाकर एक बड़ा डॉक्टर या सर्जन बनने के लिए MBBS ही शुरूआती कोर्स होता है। इसे मेडिकल का अंडर ग्रेजुएशन कोर्स भी कहा जाता है। उसके बाद स्टूडेंट्स पोस्ट ग्रेजुएशन करते हैं जो अलग-अलग कैटेगरी में होती है।

हालाँकि इसके अलावा भी कई तरह के कोर्स होते हैं जिन्हें हम मेडिकल लाइन कोर्स लिस्ट (Medical Line Course List) के तहत आपको देने वाले हैं। ऐसे में आइए जाने मेडिकल कोर्स लिस्ट के तहत आने वाले हरेक कोर्स के बारे में।

#1. अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स (Undergraduate Medical Courses)

यहाँ पर हम उन सभी कोर्स के बारे में बताने वाले हैं जो 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स लिस्ट में आते हैं। इनमें से ज्यादातर कोर्स को करने के लिए आपको नीट का एग्जाम पास करना होता है तो वहीं कुछ में नीट के बिना भी एडमिशन लिया जा सकता है। आइए जाने।

  • MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery): यह डॉक्टर बनने का मुख्य कोर्स होता है। इसके लिए नीट यूजी का एग्जाम देना होता है जिसकी फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test – Undergraduate होती है। इसकी पढ़ाई 5.5 वर्ष की होती है जिसमें 4.5 वर्ष के लिए पढ़ाई और एक वर्ष के लिए इंटर्नशिप होती है।

MBBS की पढ़ाई आप सरकारी और प्राइवेट में से किसी में भी कर सकते हैं। जहाँ सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए नीट एग्जाम का पास करना जरुरी होता है तो प्राइवेट में इंटरनल प्रोसेस होता है। नीट एग्जाम को जल्द से जल्द पास करने के लिए आपका टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना जरुरी है।

देश के कुछ टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, कोटा इंस्टीट्यूट कोटा, आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की प्रति वर्ष फीस 10 हज़ार से एक लाख के बीच तो वहीं प्राइवेट में 10 लाख से 25 लाख तक होती है। टॉप मेडिकल कॉलेज में एम्स आते हैं।

  • BDS (Bachelor of Dental Surgery): अब अगर आप डेंटिस्ट बनना चाहते हैं तो उसके लिए BDS का कोर्स करना होता है। इसकी अवधि 5 साल की होती है जिसमें 4 साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप होती है। इसका खर्चा सरकारी में अधिकतम एक लाख और प्राइवेट में 5 लाख प्रति वर्ष का होता है।
  • BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery): अब यदि आप आयुर्वेद में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो उसके लिए यह कोर्स करना होता है। इसके लिए भी नीट एग्जाम पास कर सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया जाता है। यह भी 5.5 साल का कोर्स है। सरकारी कॉलेज में प्रति वर्ष 50 हज़ार तो वहीं प्राइवेट में 3 लाख तक लगते हैं।
  • BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery): यह होम्योपैथी चिकित्सा या यूँ कहें कि होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए किया जाता है।
  • BUMS (Bachelor of Unani Medicine and Surgery): यूनानी मेडिकल फील्ड में डॉक्टर बनने के लिए यह कोर्स किया जाता है।
  • BPT (Bachelor of Physiotherapy): फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए यह कोर्स किया जाता है।
  • B.Sc Nursing: इसके लिए नीट का एग्जाम देने की जरुरत नहीं होती है। हालाँकि नीट एग्जाम के स्कोर की मदद से आपको अच्छा कॉलेज जरुर मिल सकता है।
  • Bachelor of Pharmacy (B. Pharm): फार्मास्युटिकल अर्थात दवाइयों की फील्ड में काम करने के लिए यह कोर्स किया जाता है। इससे आप दवाई बेचने वाली कंपनियों या मेडिकल स्टोर्स में काम करने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
  • Bachelor of Technology (Biomedical Engineering): यह एक सामान्य इंजीनियरिंग कोर्स की तरह ही होता है जिसकी अवधि 4 वर्ष की होती है। इसकी डिग्री लेने के बाद आप दवाई वाली कंपनियों में रिसर्च या इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं।

#2. पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्स (Postgraduate Medical Courses)

अब बात करते हैं मेडिकल कोर्स लिस्ट (Medical Courses List) में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के बारे में। तो इसके बारे में आप यह जान लें कि यह कोर्स आप 12 वीं के बाद नहीं कर सकते हैं बल्कि उससे पहले आपको ऊपर बताए गए कोर्स में से कोई एक कोर्स करना होगा। उसके बाद ही आप यह कोर्स कर सकते हैं। साथ ही इसमें अच्छा कॉलेज लेने के लिए आपको नीट पीजी अर्थात पोस्ट ग्रेजुएशन का एग्जाम देना होता है।

  • MD (Doctor of Medicine): डॉक्टर में ही एक हाई डिग्री जो MBBS के बाद ही की जाती है। यह कोर्स 3 साल का होता है और नीट पीजी का एग्जाम पास करना होता है।
  • MS (Master of Surgery): यह करके आप सर्जन बन जाते हैं। इसके लिए भी सभी क्राइटेरिया MD के समान ही है।
  • MDS (Master of Dental Surgery): यह BDS कोर्स के बाद किया जाता है अर्थात डेंटिस्ट में हायर डिग्री लेना।
  • M.Sc (Master of Science in Medical Fields): यह कोर्स मेडिकल साइंस में रिसर्च करने के लिए किया जाता है। बीएससी नर्सिंग के बाद इसे किया जाता है।
  • Masters in Technology (Biomedical Engineering): इंजीनियरिंग में ही हायर डिग्री जिसे बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद किया जाता है।

#3. सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स (Certificate & Diploma Courses)

अब हम जिन कोर्स की लिस्ट रख रहे हैं, उनमें से किसी को भी करने के लिए नीट एग्जाम नहीं देना पड़ता है। तभी इन्हें डिप्लोमा कोर्स कहा जाता है। अब यह आप 10 वीं, 12 वीं के बाद कर सकते हैं जो कोर्स के आधार पर तय होता है। यह 6 महीने से लेकर 2 साल तक के लिए हो सकते हैं और इनकी फीस भी 20 हज़ार से लेकर 2 लाख तक हो सकती है।

  • Diploma in Medical Lab Technology (DMLT)
  • Diploma in Radiology
  • Diploma in Anesthesia
  • Certificate in Nutrition and Dietetics
  • Certificate in Emergency Medical Technology

#4. पैरामेडिकल कोर्स (Paramedical Courses)

ये उस तरह के कोर्स होते हैं जो अस्पताल में डॉक्टर और नर्स की सहायता करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। इन्हें करके ही लैब तकनीशियन, रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन इत्यादि बना जाता है।

  • X-Ray Technology
  • OT Technician
  • Bachelor of Optometry
  • B.Sc in Medical Laboratory Technology (MLT)

#5. रिसर्च और पीएचडी कोर्स (Research & PhD Courses)

अब हम मेडिकल लाइन कोर्स लिस्ट (Medical Line Course List) में जिन कोर्स को बताने वाले हैं, वह मेडिकल फील्ड में सबसे हायर या टॉप मोस्ट कोर्स हैं। इनके लिए आपके पास ना केवल अंडर ग्रेजुएशन की डिग्री का होना जरुरी है बल्कि पोस्ट ग्रेजुएशन भी होनी जरुरी है। तभी आप इसमें आगे बढ़ सकते हैं।

एक तरह से आपके पास MD, MS, M.Sc इत्यादि की डिग्री होनी चाहिए। यह कोर्स भी 3 से 6 साल तक के हो सकते हैं। इनकी फीस भी 20 हज़ार से 3 लाख प्रति वर्ष होती है जो सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में अलग-अलग होती है।

  • PhD in Biomedical Sciences
  • PhD in Clinical Research
  • PhD in Genetics
  • PhD in Medical Microbiology

तो यह थे मेडिकल कोर्स लिस्ट में आने वाले सभी तरह के मेडिकल कोर्स। अब यह आप पर मिर्भर करता है कि आप किस तरह का कोर्स करना चाहते हैं या आपकी रुचि किसमें है। इसी के साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आपके पास उस तरह के संसाधन है या नहीं।

कहने का मतलब यह हुआ कि किस कोर्स को करने में कितना समय लगता है, उसके लिए कितनी तैयारी करने की जरुरत है, कितना पैसा लगेगा, इत्यादि को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ना चाहिए। ज्यादातर स्टूडेंट्स मेडिकल में नीट एग्जाम की तैयारी करते हैं क्योंकि अगर उनका अच्छा स्कोर आ गया तो उन्हें अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाएगा।

अब प्राइवेट कॉलेज में तो एक साल की ही फीस 10 लाख से ऊपर होती है तो वहीं सरकारी में यह 10 हज़ार से ही शुरू होती है। ऐसे में नीट एग्जाम की अच्छे से तैयारी की जानी बहुत जरुरी होती है। ऐसे में हम आपको इसके बारे में भी थोड़ी जानकारी दे देते हैं।

टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट इन इंडिया

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि अगर आपको जल्द से जल्द नीट एग्जाम पास करना है और वो भी अच्छे स्कोर के साथ तो उसके लिए आपका टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेना भी जरुरी हो जाता है। ऐसे में हम आपको टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट इन इंडिया के बारे में बताने वाले हैं।

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन, सीकर
  2. एलन इंस्टिट्यूट, कोटा
  3. आकाश इंस्टिट्यूट, दिल्ली
  4. गुरुकृपा इंस्टिट्यूट, सीकर
  5. रेजोनेंस अकैडमी, दिल्ली

इस लिस्ट में सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। कुछ साल पहले एलन कोटा नंबर एक इंस्टीट्यूट था लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी ने पिछले कुछ सालों में जो प्रदर्शन किया है, उस कारण वह नंबर एक नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट बन गया है और एलन दूसरे नंबर पर खिसक गया है।

अब जैसा कि हमने आपको पहले ही बोला था कि आज के इस आर्टिकल में हम आपको NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स (Bina NEET ke Medical Course) के बारे में भी बताएंगे तो अब उसका समय भी आ गया है। ऊपर आपने मेडिकल कोर्स लिस्ट की पूरी सूची देख ली है लेकिन किस कोर्स में नीट जरुरी है और किस में नहीं, इसमें अभी भी आपको शंका होगी।

ऐसे में आइए इसके बारे में आपकी हरेक शंका को दूर कर दिया जाए और नीट एग्जाम के बिना कौन-कौन से मेडिकल कोर्स हो सकते हैं, वह भी आपको बता देते हैं।

NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स

यहाँ पर हम कुल 13 नाम या कोर्स लिस्ट में रखने जा रहे हैं जिनमें नीट एग्जाम देने की जरुरत नहीं पड़ती (Bina NEET ke Medical Course) है:

  1. B.Sc. Nursing (Bachelor of Science in Nursing)
  2. Diploma in Pharmacy (D.Pharm)
  3. Bachelor of Pharmacy (B.Pharm)
  4. Diploma in Medical Lab Technology (DMLT)
  5. Diploma in Operation Theatre Technology (OTT)
  6. B.Sc. Radiology and Imaging Technology
  7. BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery)
  8. BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery)
  9. BUMS (Bachelor of Unani Medicine and Surgery)
  10. BNYS (Bachelor of Naturopathy and Yogic Sciences)
  11. Bachelor of Physiotherapy (BPT)
  12. Bachelor of Occupational Therapy (BOT)
  13. Diploma in Public Health Management

तो यह थे वह सभी कोर्स की लिस्ट जिनके लिए आपको नीट की तैयारी नहीं करनी है। हालाँकि इनमें से कुछ कोर्स में अच्छा या यूँ कहें कि टॉप लेवल का कॉलेज लेना है तो वहाँ नीट एग्जाम को कंसीडर किया जाता है लेकिन केवल वही एक पैमाना नहीं होता है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने मेडिकल कोर्स लिस्ट (Medical Courses List) के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। साथ ही आपने यह भी जान लिया है कि किस कोर्स को करने के लिए नीट एग्जाम देना होता है तो उसके बिना भी कौन-कौन से मेडिकल कोर्स किए जा सकते हैं।

इतना ही नहीं, नीट एग्जाम को जल्द से जल्द पास करने के लिए कौन से नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट आपके लिए बेस्ट हैं, उसके बारे में भी हमने आपको बता दिया है। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि फिर भी आपके मन में कोई शंका रह गई तो आप नीचे कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं।

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प्रश्न: मेडिकल फील्ड में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है?

उत्तर: मेडिकल फील्ड में सबसे अच्छा कोर्स डॉक्टर बनने का होता है। इसमें भी सबसे बड़ी डिग्री MBBS की ही मानी जाती है लेकिन भविष्य में आयुर्वेद डॉक्टर की मांग बहुत रहने वाली है।

प्रश्न: 2 साल का कौन सा मेडिकल कोर्स है?

उत्तर: 2 साल का मेडिकल कोर्स डिप्लोमा, पैरामेडिकल या सर्टिफिकेट कोर्स होता है। इसमें आप कई तरह के कोर्स कर सकते हैं जिसके बारे में हमने इस आर्टिकल में भी बताया है।

प्रश्न: किस मेडिकल फील्ड की सबसे ज्यादा डिमांड है?

उत्तर: मेडिकल की हरेक फील्ड में बराबर का काम है क्योंकि मेडिकल की हरेक फील्ड का दूसरी मेडिकल फील्ड से संबंध होता है।

प्रश्न: मेडिकल लाइन में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा होता है?

उत्तर: मेडिकल लाइन में सबसे अच्छा कोर्स जैसी कोई बात नहीं होती है क्योंकि यह व्यक्ति विशेष की रुचि और कौशल पर निर्भर करता है।

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टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2024 | Top Medical Colleges in India 2024

Top Medical Colleges in India: हमारे देश में मेडिकल की पढ़ाई को बहुत महंगा माना जाता है लेकिन सभी कॉलेज में ऐसा नहीं है। दरअसल जो सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं वहाँ फीस बहुत कम लगती है और होनहार स्टूडेंट्स को तो स्कॉलरशिप भी दी जाती है। यह स्कॉलरशिप भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा अलग-अलग मापदंडों के आधार पर दी जाती है।

अब यदि हम देश के टॉप मेडिकल कॉलेज की बात करें तो उसमें एक नाम सबसे पहले आता है और वह है AIIMS जो कि सरकारी मेडिकल कॉलेज है। AIIMS की फुल फॉर्म अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) होती है। भारत देश में AIIMS की कई ब्रांच अलग अलग राज्यों के शहरों में खुली हुई है लेकिन आप यह मत सोच लें कि बस AIIMS ही सरकारी मेडिकल कॉलेज है।

देश में अन्य सरकारी कॉलेज भी है जो टॉप मेडिकल कॉलेज (Top 10 Medical Colleges in India) की श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा कई प्राइवेट कॉलेज भी हैं जो टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया में अच्छी रैंकिंग लिए हुए हैं। ऐसे में आज हम आपके सामने इसी लिस्ट को ही रखने वाले हैं। आइए जानते हैं।

टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2024 | Top Medical Colleges in India 2024

भारत देश में किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी की रैंकिंग निकालने का काम NIRF के द्वारा किया जाता है। यह एक सरकारी संस्थान है जिसकी फुल फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ़्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) होती है।

अब NIRF के द्वारा ही हर वर्ष भारत देश के हर सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग निकाली जाती है और उन्हें अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया जाता है। इनकी वेबसाइट पर सिर्फ मेडिकल कॉलेज की ही नहीं बल्कि इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ इत्यादि सभी क्षेत्र के कॉलेज और यूनिवर्सिटी की रैंकिंग अपलोड की जाती है।

इसी के साथ ही यह संस्था हर कॉलेज को मिले स्कोर को भी अपलोड करती है जिन्हें विभिन्न पैमानों पर आंका जाता है। ऐसे में आज हम आपके सामने NIRF के द्वारा AIIMS सहित भारत के सभी मेडिकल कॉलेज का आंकलन कर निकाली गई टॉप 50 मेडिकल कॉलेज इन इंडिया की सूची (Top Medical Colleges in India) रखने जा रहे हैं।

रैंक नाम शहर राज्य

स्कोर

1 AIIMS दिल्ली नई दिल्ली दिल्ली 94.46
2 पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ चंडीगढ़ 80.83
3 क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर तमिलनाडु 75.11
4 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस बेंगलुरु कर्नाटक 71.92
5 जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुदुचेरी पुदुचेरी 70.74
6 संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लखनऊ उत्तर प्रदेश 70.07
7 बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी उत्तर प्रदेश 69.54
8 अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर तमिलनाडु 68.81
9 कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मणिपाल कर्नाटक 67.42
10 मद्रास मेडिकल कॉलेज एंड गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल चेन्नई तमिलनाडु 64.12
11 डॉ. डी. वाई. पाटिल विद्यापीठ पुणे महाराष्ट्र 64.1
12 सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेस चेन्नई तमिलनाडु 63.72
13 श्री चित्रा तिरुनाल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम केरल 63.68
14 AIIMS ऋषिकेश ऋषिकेश उत्तराखंड 63.16
15 AIIMS भुवनेश्वर खोरधा ओडिशा 62.97
16 AIIMS जोधपुर जोधपुर राजस्थान 62.57
17 वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एंड सफदरजंग हॉस्पिटल नई दिल्ली दिल्ली 62.36
18 एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी चेन्नई तमिलनाडु 62
19 किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ उत्तर प्रदेश 61.95
20 श्री रामचंद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च चेन्नई तमिलनाडु 61.62
21 शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान भुवनेश्वर ओडिशा 61.28
22 इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च कोलकाता पश्चिम बंगाल 60.47
23 दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च वर्धा महाराष्ट्र 60.14
24 मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली दिल्ली 59.63
25 कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर ओडिशा 59.6
26 AIIMS पटना पटना बिहार 58.24
27 अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश 58.07
28 सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु कर्नाटक 58.03
29 लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली दिल्ली 57.8
30 आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे महाराष्ट्र 57.68
31 AIIMS भोपाल भोपाल मध्य प्रदेश 57.66
32 यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली दिल्ली 57.65
33 कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मैंगलोर मंगलुरु कर्नाटक 57.12
34 इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज नई दिल्ली दिल्ली 56.89
35 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल चंडीगढ़ चंडीगढ़ 56.53
35 महार्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी अंबाला हरियाणा 56.53
37 जामिया हमदर्द नई दिल्ली दिल्ली 55.53
38 AIIMS रायपुर रायपुर छत्तीसगढ़ 55.27
39 जेएसएस मेडिकल कॉलेज मैसूर कर्नाटक 55
40 दयानंद मेडिकल कॉलेज लुधियाना पंजाब 54.48
41 पीएसजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च कोयंबटूर तमिलनाडु 53.11
42 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम तिरुवनंतपुरम केरल 52.3
43 सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर राजस्थान 51.91
44 मेडिकल कॉलेज कोलकाता पश्चिम बंगाल 51.87
45 गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट अहमदाबाद गुजरात 51.77
46 एम.एस. रामैया मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु कर्नाटक 51.76
47 महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट पुदुचेरी पुदुचेरी 51.02
48 उस्मानिया मेडिकल कॉलेज हैदराबाद तेलंगाना 50.99
49 क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज लुधियाना पंजाब 50.96
50 पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक हरियाणा 50.71

ऊपर आपने देखा कि भारत देश में कौन-कौन सा मेडिकल कॉलेज किस क्रम में और कितना स्कोर लिए हुए है। अब इसमें आपको कई तरह के AIIMS के नाम भी दिखाई दिए होंगे जो NIRF ने अपनी टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2024 की लिस्ट में डाले हुए हैं।

अब यह जरुरी नहीं है कि सभी तरह के AIIMS टॉप पर ही आएं क्योंकि उनके अलावा भी कई सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज ऐसे हैं जो इस लिस्ट में ऊपर आते हैं। हालाँकि इसमें AIIMS दिल्ली का नाम शीर्ष पर बना हुआ है जिसे भारत का टॉप मेडिकल कॉलेज माना जाता है।

आपने भी अवश्य ही AIIMS दिल्ली का नाम पहले सुन रखा होगा। यह इसलिए ही सभी ने सुना हुआ है क्योंकि यह आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से देश में टॉप लेवल का मेडिकल कॉलेज बना हुआ है जहाँ एडमिशन लेना सभी मेडिकल स्टूडेंट्स का सपना होता है। अब हम आपके सामने NIRF के द्वारा जारी पिछले कुछ वर्षों के टॉप 10 मेडिकल कॉलेज की लिस्ट भी रख देते हैं।

टॉप 10 मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2023 | Top 10 Medical Colleges in India 2023

रैंक नाम शहर राज्य

स्कोर

1 AIIMS दिल्ली नई दिल्ली दिल्ली 94.32
2 पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ चंडीगढ़ 81.1
3 क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर तमिलनाडु 75.29
4 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस बैंगलोर कर्नाटक 72.46
5 जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुदुचेरी पुदुचेरी 72.1
6 अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर तमिलनाडु 70.84
7 संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लखनऊ उत्तर प्रदेश 69.62
8 बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी उत्तर प्रदेश 68.75
9 कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मणिपाल कर्नाटक 66.19
10 श्री चित्रा तिरुनाल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम केरल 65.24

टॉप 10 मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2022 | Top 10 Medical Colleges in India 2022

रैंक नाम शहर राज्य

स्कोर

1 AIIMS दिल्ली नई दिल्ली दिल्ली 91.6
2 पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ चंडीगढ़ 79
3 क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर तमिलनाडु 72.84
4 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस बैंगलोर कर्नाटक 71.56
5 बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी उत्तर प्रदेश 68.12
6 जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुदुचेरी पुदुचेरी 67.64
7 संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लखनऊ उत्तर प्रदेश 67.18
8 अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर तमिलनाडु 66.49
9 श्री चित्रा तिरुनाल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम केरल 65.17
10 कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मणिपाल कर्नाटक 63.89

टॉप 10 मेडिकल कॉलेज इन इंडिया 2021 | Top 10 Medical Colleges in India 2021

रैंक नाम शहर राज्य

स्कोर

1 AIIMS दिल्ली नई दिल्ली दिल्ली 92.07
2 पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ चंडीगढ़ 82.62
3 क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर तमिलनाडु 75.33
4 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस बैंगलोर कर्नाटक 73.62
5 संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लखनऊ उत्तर प्रदेश 72.45
6 अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर तमिलनाडु 69.25
7 बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी उत्तर प्रदेश 67.62
8 जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुदुचेरी पुदुचेरी 67.42
9 किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ उत्तर प्रदेश 64.67
10 कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मणिपाल कर्नाटक 63.6

इस तरह से आपने पिछले चार वर्षों के टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया की लिस्ट जान ली है जिसे NIRF के द्वारा पब्लिश किया गया है। अब यह लिस्ट NIRF के द्वारा कई पैमानों और मापदंडों को आधार बनाकर तैयार की जाती है, जैसे कि:

  • उस मेडिकल कॉलेज के टीचर्स और फैकल्टी कैसी है, उनका एक्सपीरियंस कितना है, वे किस तरह से स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।
  • उस मेडिकल कॉलेज में किस-किस तरह की फैसिलिटी और अन्य सुविधाएँ दी जाती है, वहाँ उन फैसिलिटी का इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है।
  • वहाँ पर स्टूडेंट्स का लेवल कैसा है अर्थात वहाँ स्टूडेंट्स का स्कोर कितना आता है, वे अलग-अलग एग्जाम में कैसा परफॉर्म करते हैं और उनका ओवरऑल एक्सपीरियंस कैसा है।
  • वहाँ हॉस्टल की सुविधा किस तरह की है, स्टडी एनवायरनमेंट कैसा है और हॉस्टल में अन्य क्या कुछ सुविधाएँ उपलब्ध है।
  • उस मेडिकल कॉलेज से संबंधित हॉस्पिटल में किस तरह के डॉक्टर हैं, वहाँ किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है और उन्हें इंटरनेशनल स्तर पर किस तरह से परखा जाता है।

इसके अलावा भी कई तरह के मापदंड होते हैं जिनके आधार पर NIRF के द्वारा भारत के टॉप मेडिकल कॉलेज की लिस्ट (Top 10 Medical Colleges in India 2024) निकाली जाती है। अब इसमें भी यदि आप एक चीज़ कॉमन देखेंगे तो पाएंगे कि इन सभी में AIIMS दिल्ली पहले नंबर पर बना हुआ है।

ऐसे में यदि हम देश के टॉप मेडिकल कॉलेज की बात करेंगे तो उसमें AIIMS दिल्ली का ही नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता है। तो आइए AIIMS दिल्ली के बारे में और अधिक जान लेते हैं।

AIIMS दिल्ली – देश का टॉप मेडिकल कॉलेज | Number 1 Medical College in India

AIIMS दिल्ली की फुल फॉर्म अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (All India Institute of Medical Sciences Delhi) होती है। यह भारत का टॉप मेडिकल कॉलेज है जो भारत की राजधानी दिल्ली के एम्स मेट्रो के पास में ही स्थित है।

इस कॉलेज की स्थापना आज से लगभग 68 वर्ष पहले सन 1956 में हुई थी। यदि हम इसके आदर्श वाक्य को जाने तो वह संस्कृत में “शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्” और अंग्रेजी में “The body is indeed the primary instrument of dharma” होता है।

यह भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है। हर वर्ष इसके लिए लगभग 4 हज़ार करोड़ का बजट पास किया जाता है। वर्तमान में AIIMS दिल्ली के डीन डॉक्टर कौशल कुमार वर्मा और डायरेक्टर डॉक्टर एम श्रीनिवास (Number 1 Medical College in India) है।

वहीं यदि हम यहाँ के स्टाफ की बात करें तो यहाँ 800 से ज्यादा फैकल्टी और 10 हज़ार से ज्यादा एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ काम करता है। लगभग 3700 से अधिक स्टूडेंट्स मेडिकल की अलग-अलग स्ट्रीम में पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ अंडर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ पोस्ट ग्रेजुएशन।

टॉप मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे लें?

अब यदि आप भी मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं और उसके लिए देश के टॉप मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने को इच्छुक हैं तो उसके लिए आपको नीट का एग्जाम देना होता है। नीट एक शोर्ट फॉर्म है जिसे अंग्रेजी में NEET करके लिखा जाता है। अब यदि आप इसकी फुल फॉर्म जानना चाहते हैं तो NEET की फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test) होती है।

भारत सरकार के द्वारा हर वर्ष नीट का एग्जाम लिया जाता है और इसके माध्यम से देश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाती है। नीट का एग्जाम बहुत ही कठिन होता है और टॉप मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए तो आपको और भी ज्यादा मेहनत करने की जरुरत पड़ती है।

ऐसे में आपका टॉप लेवल के नीट कोचिंग सेंटर से पढ़ना उतना ही जरुरी हो जाता है। ऐसे में यदि हम देश के कुछ चुनिंदा और टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात करें तो उनके नाम इस प्रकार हैं:

रैंक 1. मैट्रिक्स नीट डिवीज़न (Matrix NEET Division)

रैंक 2. गुरुकृपा सीकर या Gurukripa Career Institute (GCI)

रैंक 3: एलन करियर इंस्टिट्यूट, कोटा

रैंक 4: करियर पॉइंट, कोटा

रैंक 5: नारायण अकैडमी, जयपुर

तो यह थे देश के टॉप नीट कोचिंग सेंटर्स जहाँ से आप अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि यदि आपको टॉप मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है तो उसके लिए तैयारी भी टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही करनी होगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने टॉप मेडिकल कॉलेज इन इंडिया की पूरी लिस्ट (Top Medical Colleges in India) जान ली है। साथ ही आपने NIRF के द्वारा जारी की गई पिछले कुछ वर्षों की लिस्ट भी पढ़ ली है। इतना ही नहीं, हमने आपको इन मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए किन कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करनी चाहिए, उसमें भी टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर्स की लिस्ट दे दी है।

NEET का एग्जाम बहुत ही मुश्किल माना जाता है और बहुत से स्टूडेंट्स को तो अच्छा मेडिकल कॉलेज पाने के लिए 2 से 3 वर्ष का ड्रॉप भी लेना पड़ता है लेकिन यदि आप पहले से ही अपना बेस मजबूत रखेंगे और टॉप मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर लेंगे तो अवश्य ही आपका सिलेक्शन कोई नहीं रोक पाएगा।

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नीट 2025 एग्जाम पैटर्न व सिलेबस | NEET Exam Pattern 2025 & Syllabus

NEET Exam Pattern 2025: हर वर्ष देशभर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए NTA के द्वारा नीट का एग्जाम कंडक्ट करवाया जाता है। इसमें लाखों स्टूडेंट्स बैठते हैं लेकिन कुछ प्रतिशत ही चुने जाते हैं। जैसे कि आप वर्ष 2024 का ही example ले लें। 2024 की नीट परीक्षा के लिए 24 लाख स्टूडेंट्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था और उनमें से लगभग 50 हज़ार से एक लाख स्टूडेंट्स का चयन हो पाता है।

अब इनमें से कुछ स्टूडेंट्स को MBBS में एडमिशन मिलता है तो बाकियों को डॉक्टर के अलग-अलग कोर्स में। ऐसे में यदि आपका नीट क्लियर हो भी जाता है तो भी उसके बाद दुविधा खत्म नहीं होती है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपको अपनी मनपसंद डॉक्टर की डिग्री और टॉप लेवल का गवर्नमेंट कॉलेज चाहिए तो नीट में अच्छा स्कोर लिया जाना बहुत जरुरी हो जाता है।

ऐसे में यदि आप वर्ष 2025 के नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो उससे पहले आपको नीट 2025 के एग्जाम पैटर्न और सिलेबस (NEET Syllabus 2025 In Hindi) के बारे में सही से जानकारी ले लेना बहुत जरुरी हो जाता है। यही कारण है कि आज हम आपको साल 2025 के नीट एग्जाम सिलेबस और उसके पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं।

नीट 2025 एग्जाम पैटर्न | NEET Exam Pattern 2025

सबसे पहले हम वर्ष 2025 में होने वाले नीट एग्जाम के पैटर्न को समझ लेते हैं। इस पैटर्न को समझने के बाद ही आप उसके सिलेबस को अच्छे से समझ पाने में सक्षम होंगे। तो नीट की परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा ली जाती है। उसके द्वारा हर वर्ष या कुछ वर्षों में नीट एग्जाम पैटर्न या सिलेबस (NEET Syllabus In Hindi) में परिवर्तन कर दिया जाता है।

ऐसे में हम आपकी सुविधा के लिए लेटेस्ट अपडेट आपके सामने रखने जा रहे हैं। इसके लिए हम एक सूची के माध्यम से आपको नीट 2025 एग्जाम का पूरा पैटर्न समझाने जा रहे हैं ताकि आपको किसी तरह की शंका ना रहने पाए।

विषय

जानकारी

नीट एग्जाम मोड ऑफलाइन मोड (पेन-पेपर के द्वारा OMR शीट पर)
एग्जाम का कुल समय 3 घंटे व 20 मिनट
एग्जाम टाइमिंग दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 20 मिनट तक
एग्जाम सेंटर हर राज्य में सैकड़ों नीट एग्जाम सेंटर है जिसे आपको अपनी पसंद के अनुसार भरना होगा
प्रश्न का प्रकार सभी प्रश्न MCQ होंगे अर्थात हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए 4 विकल्प दिए गए होंगे
कुल प्रश्न 200 प्रश्न होंगे जिसमें से 180 प्रश्न का उत्तर देना होगा
कुल विषय 3 विषय होंगे जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी है, इसमें बायोलॉजी को दो भागों जूलॉजी और बॉटनी में बांटा गया है
किस विषय से कितने प्रश्न होंगे फिजिक्स से 50, केमिस्ट्री से 50 और बायोलॉजी से कुल 100 प्रश्न (बॉटनी से 50 और जूलॉजी से 50 प्रश्न)
पेपर में कितने सेक्शन होंगे हर विषय दो सेक्शन में बंटा होगा (सेक्शन A और सेक्शन B), इस तरह से कुल 8 सेक्शन होंगे।
पेपर के सेक्शन में प्रश्न हर विषय के सेक्शन A में 35 प्रश्न होंगे जो अनिवार्य होंगे जबकि सेक्शन B में 15 प्रश्न होंगे जिनमें से किन्हीं भी 10 का उत्तर देना अनिवार्य होगा
सही उत्तर के नंबर प्रत्येक सही उत्तर के 4 नंबर मिलेंगे
गलत उत्तर के नंबर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 नंबर काट लिया जाएगा
उत्तर नहीं देने पर यदि आप किसी प्रश्न को छोड़ देते हैं तो उसका नंबर ना तो जोड़ा जाएगा और ना काटा जाएगा
मैक्सिमम नंबर +720 (सभी 180 प्रश्नों का सही उत्तर देने पर)
मिनिमम नंबर -180 (सभी 180 प्रश्नों का गलत उत्तर देने पर)
एग्जाम की भाषा नीट एग्जाम कुल 13 भाषाओं में होगा (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली, आसामी, ओड़िया व उर्दू)

इस तरह ऊपर आपने नीट 2025 एग्जाम पैटर्न (NEET Exam Pattern 2025) के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। इसी के साथ ही आपको कुछ और जानकारी भी ले लेनी चाहिए ताकि बाद में चलकर किसी तरह की समस्या ना हो। जैसे कि:

  • नीट एग्जाम 2025 कुल 13 तरह की भाषाओं में लिया जाएगा। इसमें आप हिंदी व अंग्रेजी भाषा में नीट एग्जाम देना चाहते हैं तो यह आप भारत के किसी भी राज्य में दे सकते हैं।
  • हालाँकि यदि आप किसी अन्य भाषा में नीट एग्जाम देना चाहते हैं तो उसके लिए एग्जाम सेंटर भरने से पहले वहाँ नीट एग्जाम उस भाषा में लिया जाता है या नहीं, इसके बारे में अवश्य देख लें।
  • अधिकतर भाषाएँ क्षेत्र व राज्य की सीमाओं से जुड़ी हुई है। ऐसे में उस भाषा का एग्जाम उसी राज्य के एग्जाम सेंटर्स पर ही लिया जाता है।
  • उदाहरण के तौर पर तमिल में नीट एग्जाम केवल तमिलनाडु के एग्जाम सेंटर्स पर तो बंगाली में नीट एग्जाम केवल पश्चिम बंगाल के एग्जाम सेंटर्स पर ही दिया जा सकता है।
  • इसी के साथ ही आप नीट एग्जाम शुरू होने से लगभग 1 से 2 घंटे पहले ही एग्जाम सेंटर पहुँच जाएंगे तो बहुत सही रहेगा।
  • आपको नीट एग्जाम के लिए जो भी एडमिट कार्ड मिलता है, उसके साथ नीट एग्जाम देने की सभी जानकारी लिखी होती है। ऐसे में आप उक्त जानकारी का हरेक पॉइंट ध्यान से पढ़ें और उसका पालन करें।
  • यदि किसी प्रश्न का उत्तर देने में डाउट है या वह नहीं आता है तो उसका उत्तर ना दें। बहुत से स्टूडेंट्स गलत उत्तर देने के कारण मिली नेगेटिव मार्किंग से भी पिछड़ जाते हैं।
  • कुछ स्टूडेंट्स को यह भी गलतफहमी हो जाती है कि वे कुल 200 प्रश्नों में से किन्हीं भी 180 प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं या एक सब्जेक्ट के कुल 50 प्रश्नों में से किन्हीं 45 प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं।
  • ऐसे में वे सेक्शन A के कुछ प्रश्नों को छोड़ देते हैं जबकि सेक्शन B में 10 से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर दे देते हैं। ऐसे में हम आपको बता दें कि चाहे आप सेक्शन B में 10 से ज्यादा सही उत्तर दे दें लेकिन आपके 10 प्रश्न ही गिने जाएंगे। वहीं सेक्शन A में छोड़े गए प्रश्नों का नुकसान होगा वो अलग।

ऐसी ही और भी कई बातें हैं जिनका ध्यान रखना जरुरी है। इसके लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें क्योंकि हम समय-समय पर नीट का एग्जाम देने और उसकी तैयारी करने की तरह-तरह की टिप्स स्टूडेंट्स के साथ शेयर करते रहते हैं।

इसी के साथ ही यदि आपको जल्द से जल्द नीट एग्जाम को क्रैक करना है तो उसके लिए टॉप लेवल के कोचिंग सेंटर से जुड़े रहना बहुत जरुरी होता है। जब हमने इसके बारे में रिसर्च की तो इसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी तो वहीं दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट टॉप पर आया। आप चाहें तो अभी इनसे संपर्क कर सकते हैं और अपनी नीट की तैयारी अभी से शुरू कर सकते हैं।

नीट 2025 एग्जाम सिलेबस | NEET Syllabus 2025 In Hindi

अभी तक आपने नीट एग्जाम के पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। अब बारी है नीट एग्जाम के सिलेबस को जानने की। तो यहाँ हम आपको एक बात पहले ही क्लियर कर दें कि नीट एग्जाम में जिन 3 सब्जेक्ट्स से प्रश्न पूछे जाते हैं, ये वही सब्जेक्ट्स होते हैं जो हर स्टूडेंट को उसकी 11 वीं और 12 वीं की क्लास में पढ़ाए गए होते हैं।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि नीट एग्जाम वही स्टूडेंट्स देते हैं जिन्होंने 11 वीं में मेडिकल को अपनी स्ट्रीम चुना होता है। ऐसे में उन्हें 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट्स को अनिवार्य तौर पर पढ़ाया जाता है। ऐसे में इन्हीं सब्जेक्ट्स में जो विषय पढ़ाए जाते हैं, उसी में से ही नीट 2025 एग्जाम का सिलेबस और उसके प्रश्न तैयार होते हैं।

नीट एग्जाम में मुख्य रूप से 3 सब्जेक्ट्स ही होते हैं जिन्हें हम फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के नाम से जानते हैं। हालाँकि बायोलॉजी को दो भागों में बांटा गया होता है लेकिन सब्जेक्ट्स और उनके प्रश्न एक दूसरे से मिले हुए होते हैं। ऐसे में आज हम आपको नीट 2025 एग्जाम सिलेबस (NEET 2025 Syllabus) के बारे में 3 भागों में बताने जा रहे हैं:

#1. Physics / भौतिक विज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Physical World and Measurement / भौतिक जगत और मापन
  • Kinematics / गति विज्ञान
  • Laws of Motion / गति के नियम
  • Work, Energy, and Power / कार्य, ऊर्जा और शक्ति
  • Motion of System of Particles / कणों की गति
  • Gravitation / गुरुत्वाकर्षण
  • Properties of Bulk Matter / ठोस पदार्थ के गुण
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Oscillations and Waves / दोलन और तरंगें
  • Behavior of Perfect Gas and Kinetic Theory / आदर्श गैस का व्यवहार

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Electrostatics / स्थिर वैद्युतिकी
  • Current Electricity / धारा वैद्युतिकी
  • Magnetic Effects of Current and Magnetism / धारा के चुंबकीय प्रभाव
  • Electromagnetic Induction / विद्युतचुंबकीय प्रेरण
  • Optics / प्रकाशिकी
  • Dual Nature of Matter and Radiation / पदार्थ और विकिरण की द्वैध प्रकृति
  • Atoms and Nuclei / परमाणु और नाभिक
  • Electronic Devices / इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

#2. Chemistry / रसायन विज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Some Basic Concepts of Chemistry / रसायन विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत
  • Structure of Atom / परमाणु की संरचना
  • Classification of Elements / तत्वों का वर्गीकरण
  • Chemical Bonding and Molecular Structure / रासायनिक बंध और अणु संरचना
  • States of Matter / पदार्थ की अवस्थाएँ
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Equilibrium / साम्य
  • Redox Reactions / रीडॉक्स अभिक्रियाएं
  • Hydrogen / हाइड्रोजन
  • s-Block and p-Block Elements / s-ब्लॉक और p-ब्लॉक तत्व
  • Environmental Chemistry / पर्यावरण रसायन

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Solid State / ठोस अवस्था
  • Solutions / विलयन
  • Electrochemistry / वैद्युत रसायन
  • Chemical Kinetics / रासायनिक गतिकी
  • Surface Chemistry / सतह रसायन
  • General Principles and Processes of Isolation of Elements / तत्वों का पृथक्करण
  • p-Block, d-Block, f-Block Elements / p-ब्लॉक, d-ब्लॉक, f-ब्लॉक तत्व
  • Coordination Compounds / समन्वय यौगिक
  • Organic Compounds Containing Nitrogen / नाइट्रोजन युक्त यौगिक
  • Biomolecules, Polymers, and Chemistry in Everyday Life / जैविक अणु, पॉलिमर, और दैनिक जीवन में रसायन

#3. Biology / जीवविज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Diversity in Living Organisms / सजीवों में विविधता
  • Structural Organisation in Animals and Plants / पौधों और जानवरों में संरचनात्मक संगठन
  • Cell Structure and Function / कोशिका संरचना और कार्य
  • Plant Physiology / पादप शरीरक्रिया विज्ञान
  • Human Physiology / मानव शरीरक्रिया विज्ञान

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Reproduction / प्रजनन
  • Genetics and Evolution / आनुवंशिकी और विकास
  • Biology and Human Welfare / जीवविज्ञान और मानव कल्याण
  • Biotechnology and Its Applications / जैव प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोग
  • Ecology and Environment / पारिस्थितिकी और पर्यावरण

तो यह था नीट 2025 एग्जाम का सिलेबस (NEET Syllabus 2025 In Hindi) जो आपसे पूछा जाएगा। इसमें से प्रत्येक टॉपिक का महत्व और एग्जाम में मार्क्स की वेटेज अलग अलग होती है। इसलिए आपको नीट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इसके बारे में लेटेस्ट जानकारी लेते रहना चाहिए। इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

इसी के साथ ही हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक्स के बारे में भी बता देते हैं जो आपकी नीट एग्जाम को क्रैक करने मदद बहुत मदद करेंगे। ऐसे में उन टॉपिक्स के नाम हैं:

नीट 2025 एग्जाम हॉट टॉपिक्स

अगर आपको जल्द से जल्द नीट एग्जाम क्लियर करना है तो ऊपर बताए गए सभी टॉपिक्स की जमकर तैयारी तो करनी ही है लेकिन स्मार्ट स्टडी उसे कहा जाएगा जब वह कुछ जरुरी टॉपिक्स पर अलग से ध्यान लगाए। वह इसलिए क्योंकि नीट एग्जाम में जिन सब्जेक्ट्स के जिन जिन टॉपिक्स पर खास तौर पर प्रश्न पूछे जाते हैं, उनके नाम हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।

आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं ताकि आपकी तैयारी एकदम पक्की हो (NEET 2025 Syllabus) सके।

#1. Physics / भौतिकी

  • Electrostatics / स्थिर वैद्युतिकी
  • Current Electricity / धारा वैद्युतिकी
  • Optics / प्रकाशिकी
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Modern Physics / आधुनिक भौतिकी

#2. Chemistry / रसायन विज्ञान

  • Organic Chemistry (Hydrocarbons, Carbonyl Compounds) / कार्बनिक रसायन (हाइड्रोकार्बन, कार्बोनिल यौगिक)
  • Chemical Bonding / रासायनिक बंधन
  • Coordination Compounds / समन्वय यौगिक
  • Thermodynamics and Equilibrium / ऊष्मप्रवैगिकी और साम्य
  • p-Block Elements / p-ब्लॉक तत्व

#3. Biology / जीवविज्ञान

  • Human Physiology / मानव शरीरक्रिया विज्ञान
  • Genetics and Evolution / आनुवंशिकी और विकास
  • Reproduction / प्रजनन
  • Ecology / पारिस्थितिकी
  • Cell Structure and Function / कोशिका संरचना और कार्य

इसलिए आपको इन टॉपिक्स (NEET 2025 Syllabus) पर खास ध्यान देने की जरुरत है। नीट एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए कुछ स्टूडेंट्स तो एक से दो साल का गैप भी ले लेते हैं जिन्हें हम ड्रापआउट स्टूडेंट्स भी कह सकते हैं। ऐसे में अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य क्या है और आप उसके तहत किस तरह की तैयारी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आपने यह जाना कि नीट 2025 एग्जाम पैटर्न (NEET Exam Pattern 2025) और उसका सिलेबस क्या है। साथ ही आपको किन-किन टॉपिक्स पर ध्यान देने की जरुरत है। यदि आप नीट एग्जाम के बारे में NTA के माध्यम से और जानकारी लेना चाहते हैं तो उनकी ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक भी हम आपको यहाँ दे रहे हैं।

इसी के साथ ही आखिर में हम आपको यही कहेंगे कि यदि आपको वाकई में नीट एग्जाम 2025 को जल्द से जल्द और अच्छे नंबर के साथ क्लियर करना है तो उसके लिए किसी टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ जुड़ना जरुरी है। इसमें आप जितनी देर करेंगे, उतना ही आपको भी देर होगी।

ऐसे में देश के कुछ टॉप नीट कोचिंग सेंटर्स में सीकर की मैट्रिक्स नीट अकैडमी, कोटा का एलन करियर इंस्टीट्यूट और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट आते हैं। आज के समय में सैकड़ों नीट अकैडमी खुल चुकी है लेकिन टॉप लेवल पर यही 3 इंस्टीट्यूट बने हुए हैं।

Related FAQs

प्रश्न: 2025 में नीट का पेपर कौन बनाएगा?

उत्तर: 2025 में नीट का पेपर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा ही बनाया जाएगा।

प्रश्न: नीट में कितने नंबर का पेपर आता है?

उत्तर: नीट में पेपर के कुल नंबर 720 होते हैं। इसमें कुल 180 प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक सही उत्तर के चार अंक मिलते हैं। इस तरह से नीट एग्जाम के कुल नंबर 720 होते हैं।

प्रश्न: Neet की तैयारी में कितना खर्च आता है?

उत्तर: यदि हम भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसे कि मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा, आकाश दिल्ली की बात करें तो नीट की तैयारी में एक से तीन लाख रुपए तक का खर्च आता है।

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नीट की तैयारी कैसे करें? जाने NEET की तैयारी के लिए टिप्स

क्या आप भविष्य में डॉक्टर बनना चाहते हैं? यदि ऐसा है तो उसके लिए अवश्य ही आपको अभी से ही टेंशन हो रही होगी कि अभी तो बहुत मेहनत करने की जरुरत (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। सबसे पहले तो बारहवीं में अच्छे नंबर लेकर आने हैं, फिर नीट की तैयारी भी करनी है और उसके बाद अच्छे सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेकर वहाँ से MBBS की पढ़ाई करनी है। फिर आगे भी स्पेशल कोर्स करने हैं ताकि आप एक एक्सपर्ट डॉक्टर के रूप में अपना करियर शुरू कर सकें।

ऐसे में आपको सभी चीज़ों के बारे में एक साथ टेंशन लेने की बजाए स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ना चाहिए। इससे आपका मार्ग भी आसान होगा और सफलता भी मिलती चली जाएगी। तो इसमें सबसे पहला स्टेप होता है नीट एग्जाम की तैयारी किया जाना (NEET Exam Ki Taiyari Kaise Kare) और साथ ही बारहवीं में अच्छे नंबर लेकर आना। जी हां, आपको दोनों के बारे में एक साथ सोचना होगा क्योंकि दोनों एक साथ ही चलते हैं।

इसमें भी नीट की तैयारी पर ज्यादा जोर देने की जरुरत है क्योंकि बारहवीं में अच्छे नंबर तो कम पढ़कर भी आ जाएंगे लेकिन नीट में आप चूक गए तो फिर से एक वर्ष मेहनत करनी पड़ेगी। ऐसे में आज हम आपको नीट की तैयारी कैसे करें (NEET Ki Taiyari Kaise Karen), इसके बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने नीट की तैयारी के लिए टिप्स।

नीट की तैयारी कैसे करें?

नीट कोई छोटा मोटा एग्जाम नहीं होता है और ना ही यह वर्ष में दो बार होता है। हर वर्ष लाखों स्टूडेंटस नीट एग्जाम में बैठते हैं और उसमें से बहुत कम ही सेलेक्ट हो पाते हैं। सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सीट्स पर निर्भर करती है। ऐसे में यदि आप नीट एग्जाम में क्लियर हो भी जाते हैं तो भी आपको अच्छा कॉलेज मिलेगा, यह जरुरी नहीं है।

यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि नीट एग्जाम में देशभर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज आते हैं और उसमें से कुछ टॉप लेवल के होते हैं तो कुछ सामान्य स्तर के। ऐसे में यदि आपकी रैंक सही आती है तभी आपको अपनी पसंद का टॉप मेडिकल कॉलेज मिल पाएगा अन्यथा आपको सामान्य मेडिकल कॉलेज से ही काम चलाना पड़ेगा।

ऐसे में आपको अपनी दसवीं कक्षा के बाद से ही नीट की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कुछ स्टूडेंट्स बारहवीं के बाद नीट की तैयारी शुरू करते हैं, ऐसे में उन्हें ज्यादा समय लग जाता है। आइए एक-एक करके नीट की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) करने के ऊपर सभी जरुरी टिप्स को जान लेते हैं।

#1. अपनी स्किल्स को समझें

सबसे पहले तो आपको अपने आप को पहचानने की जरुरत है। हमने सबसे पहले अपने आप को जानने या अपनी स्किल्स का आंकलन करने वाला पॉइंट इसलिए रखा है क्योंकि ऐसा बहुत बार देखने में आता है कि स्टूडेंट्स नीट एग्जाम या डॉक्टर बनने की तैयारी तो करने लग जाते हैं लेकिन बाद में जाकर उन्हें यह अहसास होता है कि यह उनकी क्षमता से बाहर है या उनका इसमें इंटरेस्ट ही नहीं है।

ऐसा अक्सर उन स्टूडेंट्स में ज्यादा देखने को मिलता है जिनके माता, पिता या परिवार में से कोई और भी डॉक्टर होता है या फिर उनके पेरेंट्स के द्वारा उन पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया जाता है। या फिर कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो अपने दोस्तों या जानने वालों की देखा देखी इस राह पर आगे बढ़ जाते हैं और फिर बाद में पछताते फिरते हैं।

ऐसे में हम आपकी स्किल्स को या आपको कम नहीं आंक रहे हैं लेकिन आपको पहले ही सचेत कर रहे हैं कि एक बार आप अकेले में बैठकर आत्म चिंतन अवश्य कीजिए और स्वयं से पूछिए कि क्या आप वाकई में डॉक्टर बनने को इच्छुक हैं और उसके लिए नीट एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं। यदि आपका जवाब हां है तो इस लेख को आगे पढ़ें अन्यथा आप इसे यहीं पर छोड़ सकते हैं।

#2. नीट एग्जाम का सिलेबस जाने

अब जब आपने डॉक्टर बनने का सपना देख ही लिया है तो उसका पहला पड़ाव होता है नीट एग्जाम को क्लियर किया जाना और वह भी अच्छे नंबर के साथ। इसके लिए सबसे पहले जो काम आपको करना है, वह है नीट एग्जाम का सिलेबस, पैटर्न, सिलेक्शन, प्रोसेस इत्यादि के बारे में अच्छे से जानकारी लिया जाना।

उदाहरण के तौर पर नीट एग्जाम वर्ष में किस समय आयोजित होता है, उसके लिए क्या कुछ तैयारी करनी पड़ती है, कौन-कौन से विषय इसमें आते हैं, किस विषय से कौन से टॉपिक लिए जाते हैं और उन टॉपिक पर कितने और कैसे प्रश्न पूछे जाते हैं, नीट में कुल कितनी सीट होती है, किस रैंक पर कौन सा कॉलेज मिलता है, कुल कितने मेडिकल कॉलेज हैं, इत्यादि।

एक तरह से आपको नीट एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक छोटी से बड़ी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। इसमें भी नीट एग्जाम के सिलेबस को अच्छे से समझा जाना आवश्यक है। वह इसलिए क्योंकि आपको इसी सिलेबस की ही तैयारी करनी है जो आपको नीट एग्जाम क्लियर करवाने में सहायता करेगा।

#3. एक टाइमलाइन बनाएं

अब जब आपने नीट एग्जाम के पैटर्न और सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है तो अब बारी आती है अपनी टाइमलाइन बनाए जाने की। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने आप को कितने वर्षों में डॉक्टर बने हुए देखना चाहते हैं और उसके लिए आप कितना समय लेंगे। कुछ स्टूडेंट्स कड़ी मेहनत के दम पर बारहवीं के जस्ट बाद ही नीट क्लियर कर देते हैं तो कुछ एक या दो वर्ष ड्रॉप लेकर उसे क्लियर कर पाते हैं।

ज्यादातर स्टूडेंट्स तो दसवीं के बाद से ही नीट की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Karen) करने में जुट जाते हैं तो कुछ अपनी तैयारी बारहवीं में या उसके बाद भी शुरू करते हैं। ऐसे में यह आप पर निर्भर करता है कि आपकी समय सीमा क्या है और आप इस रास्ते पर किस तेजी के साथ आगे बढ़ने को इच्छुक हैं। इसी पर ही आपकी आगे की कार्य योजना और लक्ष्य निर्भर करेंगे।

#4. अपना लक्ष्य निर्धारित करें

अब जब आपने अपनी टाइमलाइन भी बना ली है तो उसी के साथ-साथ एक काम और करना है और वह है एक स्पष्ट लक्ष्य का होना। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप आगे चलकर अपने आप को किस रूप में देखते हैं। अब डॉक्टर बनना तो आपका सपना है ही लेकिन यह जरुरी नहीं कि नीट की तैयारी केवल MBBS का कोर्स करने के लिए ही की जाती है।

नीट एग्जाम (NEET Exam Ki Taiyari Kaise Kare) के तहत कई और भी कोर्स किए जाते हैं और उसके तहत डॉक्टर भी कई तरह के बनते हैं। उदाहरण के तौर पर आयुर्वेद के डॉक्टर, होम्योपैथिक डॉक्टर या डेंटिस्ट इत्यादि। ऐसे में आपका लक्ष्य क्या है, इस पर ध्यान दें। साथ ही इस लक्ष्य में कुछ सरकारी मेडिकल कॉलेज भी रखें।

अब यदि आप टॉप गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन लेने का लक्ष्य लेकर चलेंगे तभी आगे चलकर आपका सिलेक्शन उसमें हो पाएगा। इससे आपको प्रेरणा भी मिलती रहेगी जो अवश्य ही आपको सफल बनाएगी।

#5. सही कोचिंग का चुनाव करें

यह सबसे महत्वपूर्ण और जरुरी पॉइंट है। यदि आपने यहाँ पर किसी तरह की ढील बरती तो बाकी किसी भी चीज़ का कोई मतलब नहीं रह जाता है। यदि आप सोचते हैं कि आप घर पर पढ़कर ही या सेल्फ स्टडी करके ही नीट जैसे मुश्किल एग्जाम को पास कर लेंगे तो यह आपका भ्रम है। आज तक कुछ चुनिंदा मतलब लाखों में से इक्का दुक्का स्टूडेंट ही अकेले पढ़कर नीट एग्जाम को क्लियर कर पाए हैं।

इसलिए सही कोचिंग का चुनाव किया जाना बहुत जरुरी हो जाता है। अब नीट के कोचिंग सेंटर तो हर शहर में खुले हुए हैं लेकिन उससे फर्क नहीं पड़ेगा। सही शहर के सही कोचिंग सेंटर से पढ़कर आप जल्द से जल्द और अच्छी रैंक के साथ नीट एग्जाम को क्लियर कर पाएंगे। यदि हम देश के कुछ चुनिंदा कोचिंग सेंटर के नाम लें तो उसमें सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी और गुरुकृपा, कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की आकाश अकैडमी बेस्ट है।

हालाँकि दिल्ली में स्टूडेंटस मौज मस्ती में ज्यादा व्यस्त रहते हैं और कोटा में एग्जाम प्रेशर बहुत ज्यादा होता है तो हाल के वर्षों में सीकर शहर इस सूची में टॉप में आ गया है। खासतौर पर वहाँ मैट्रिक्स जैसे कोचिंग सेंटर ने टॉप लेवल का प्रदर्शन किया है जिस कारण वह इस लिस्ट में टॉप पर आ गया है। इसलिए अगर आप सही कोचिंग का चुनाव करते हैं तो आपके नीट एग्जाम क्लियर करने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।

#6. दिन का टाइमटेबल बनाएं

अब जब आपने एक सही कोचिंग का चुनाव कर लिया है तो उसी के साथ-साथ अपने पूरे दिन का सही टाइमटेबल बनाया जाना भी जरुरी हो जाता है। इसके तहत आपको कितने बजे सोना है, कब उठना है, कितनी देर पढ़ना है, कोचिंग का टाइम क्या है, सेल्फ स्टडी कितनी देर और कब से कब तक करनी है, आराम कब करना है, इत्यादि सब आना चाहिए।

अगर आपका टाइमटेबल सेट होगा और आप रोजाना उसी को फॉलो करेंगे तो यकीन मानिए आप अपने साथ के कई स्टूडेंट्स से आगे निकल जाएंगे। यह आपको अनुशासित करेगा और ध्यान भटकने से भी रोकेगा। इसलिए स्ट्रिक्ट टाइमटेबल बनाएं और उसे डेली फॉलो भी करें।

#7. अपने स्टडी डाउट क्लियर करें

अब जब आप नीट एग्जाम की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) कर रहे हैं तो हर दिन आपको कुछ ना कुछ डाउट होते होंगे। यह डाउट किसी टॉपिक को लेकर या किसी प्रश्न को हल करते हुए हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपने सभी तरह के डाउट नियमित रूप से सोल्व करवाने की जरुरत है अन्यथा यह यूँ के यूँ ही पड़े रह जाते हैं।

जो स्टूडेंट्स अपने सभी डाउट समय रहते सोल्व करवा लेते हैं उन्हें चीजें जल्दी क्लियर होती है। मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा में स्पेशल इसी चीज़ को ध्यान में रखकर अलग से डाउट सेंटर बनाए गए हैं। इन डाउट सेंटर में जाकर स्टूडेंट्स किसी भी समय अपने डाउट को क्लियर कर सकते हैं।

#8. टाइम मैनेजमेंट है बहुत जरुरी

टाइमटेबल बनाने के साथ ही टाइम मैनेजमेंट अर्थात समय का प्रबंधन किया जाना भी बहुत जरुरी होता है। यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि कुछ स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो पढ़ते-पढ़ते कहीं और ध्यान दे रहे होते हैं या कुछ और सोच रहे होते हैं और इस कारण उनका सारा टाइम इसी में ही निकल जाता है।

साथ ही वे एक चीज़ को करने में या समझने में बहुत समय लगा देते हैं जिस कारण टाइमटेबल भी बिगड़ता है और आपकी योजना भी धरी की धरी रह जाती है। यह आपके पूरे काम को बुरे तरीके से प्रभावित करता है। इसलिए टाइम का पूरा ध्यान रखें और अपना ध्यान भटकने से रोकें। दोस्तों के साथ मस्ती करना ठीक है लेकिन एक लिमिट तक अन्यथा उनका तो नुकसान हो ही रहा है, साथ में आपका भी।

#9. मॉक टेस्ट देते रहें

नीट एग्जाम जल्द से जल्द क्लियर करना है तो आपको समय-समय पर मॉक टेस्ट या प्रैक्टिस टेस्ट देते रहना चाहिए। इससे आप एग्जाम के लिए अच्छे से तैयार हो पाते हैं। हर टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट हर महीने और आखिर में तो हर सप्ताह मॉक टेस्ट लेता है ताकि स्टूडेंट्स की तैयारी में किसी तरह की कमी ना रहने पाए।

इसलिए आप जिस भी कोचिंग सेंटर में एडमिशन लेने जा रहे हैं, उसके बारे में अच्छे से रिसर्च अवश्य कर लें। आप वहाँ के ओल्ड स्टूडेंट्स से बात कर सकते हैं, नेट में उनके बारे में पढ़ सकते हैं, उनके रिव्यु देख सकते हैं, वहाँ के पहले के मॉक टेस्ट को पढ़ सकते हैं, अपने जानने वालों से पूछ सकते हैं।

#10. रिवीजन भी है बहुत जरुरी

यह एक ऐसा पॉइंट है या एक ऐसी चीज़ है जो आपकी बहुत मदद करेगी। दरअसल होता यह है कि स्टूडेंट ऊपर के सभी पॉइंट को फॉलो करता हुआ नीट की तैयारी करता रहता है लेकिन वह पुराना पढ़ा हुआ भूलता भी चला जाता है। अब इतना पढ़ने का क्या ही लाभ हुआ जब आप पुरानी पढ़ी हुई चीज़ को भूलते चले जाते हैं। इससे तो आपको आगे वही चीज़ फिर से पढ़नी पढ़ेगी।

तो इस स्थिति से बचने का सबसे सही उपाय है, समय रहते उनकी रिवीजन किया जाना। इसके लिए आप हर सप्ताह में एक दिन या हर दिन एक घंटा निर्धारित करें कि आप पुरानी पढ़ी हुई चीज़ की अच्छे से रिवीजन करेंगे। साथ ही हर महीने में भी एक दिन रिवीजन का जरुर रखें जब आप पूरे महीने की पढ़ाई का रिवीजन करेंगे।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख में आपने नीट एग्जाम की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) करने के ऊपर पूरी जानकारी ले ली है। यहाँ हम एक बार फिर दोहरा दें कि एक सही कोचिंग का चुनाव आपकी नीट की तैयारियों को एक नई उड़ान दे सकता है, वहीं गलत कोचिंग का चुनाव आपको भ्रमित कर सकता है।

इसलिए टॉप लेवल के नीट कोचिंग सेंटर का ही चुनाव करें। इससे आपको तेज गति से तैयारी करने में बहुत मदद मिलेगी। सीकर का मैट्रिक्स नीट डिविजन या फिर कोटा का एलन इंस्टीट्यूट इसमें आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। मैट्रिक्स अकैडमी में तो करियर काउंसलिंग की सुविधा भी दी जाती है जो आपके लिए शुरूआती तौर पर बहुत जरुरी होती है।

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सीकर में NEET कोचिंग फीस: आपके बजट में बेस्ट विकल्प

Sikar NEET Coaching Fees: क्या आप नीट की तैयारी करने को इच्छुक हैं और उसके लिए एक बेस्ट विकल्प की तलाश में हैं। देखने को तो सीकर शहर में नीट के दर्जनों कोचिंग इंस्टीट्यूट खुले हुए हैं लेकिन उनमें से कुछ एक ही बेहतर हैं। अब डॉक्टर बनने के लिए ना सिर्फ बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरुरत होती है बल्कि उसके लिए बहुत सारा पैसा भी बहाना पड़ता है।

इसे हम इस तरह से कहें कि डॉक्टर की पढ़ाई में पैसा पानी की तरह बहता है। यही कारण है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे नीट को जल्दी से जल्दी और अच्छे नंबर से क्रैक कर (NEET Coaching Fees Sikar) लें ताकि उनका गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन हो जाए। पहली बात तो गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की फीस प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की तुलना में बहुत कम होती है और दूसरा वहाँ की पढ़ाई भी टॉप लेवल की होती है।

अब यह तो हो गई बाद की बात। उससे पहले तो आपको नीट की तैयारी करनी होती है और उसके लिए किसी ना किसी कोचिंग सेंटर से जुड़ना होता (Sikar Coaching Fees For NEET) है। अब सीकर में नीट के कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस की बात की जाए तो इसको लेकर कई पेरेंट्स और यहाँ तक कि स्टूडेंट्स के माथे पर भी पसीना आ जाता है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम सीकर के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट और वहाँ के फीस स्ट्रक्चर का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे। इससे आप बेहतर तरीके से अपना निर्णय ले पाएंगे कि आपके लिए सीकर का कौन सा कोचिंग संस्थान बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

Sikar NEET Coaching Fees | सीकर में नीट कोचिंग फीस

यहाँ हम ना केवल सीकर के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच फीस को लेकर तुलनात्मक अध्ययन करेंगे बल्कि साथ ही आपको कई अन्य मापदंडों के आधार पर भी बताएँगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि मान लीजिए कि एक इंस्टीट्यूट कम फीस ले रहा हो और दूसरा ज्यादा लेकिन पहले वाला कम फीस के नाम पर सुविधाएँ भी नामात्र या घटिया क्वालिटी की दे रहा हो जबकि दूसरे वाला वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी तो आप किसे चुनेंगे?

आपका जवाब अवश्य ही दूसरे वाला होगा क्योंकि कम फीस देकर कुछ नहीं सीखने से बेहतर है ज्यादा फीस देकर अच्छा सीखना। वह इसलिए क्योंकि पहले वाले में आपके पैसे अवश्य ही कम लगेंगे लेकिन उसका क्या ही फायदा जब रिजल्ट ही अच्छा ना रहे। इससे आपका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद होंगे।

वहीं यहाँ पर एक बात पर और ध्यान देना जरुरी (Sikar Coaching Fees NEET) है। वह यह है कि एक इंस्टीट्यूट बहुत ज्यादा फीस ले रहा है लेकिन दूसरे वाला कम। अब पहले वाले में कहने के नाम पर अनावश्यक सुविधाएँ हैं जबकि दूसरे वाले में सब जरुरत वाली सुविधाएँ, तो आप अवश्य ही इसमें दूसरे वाला चुनेंगे।

तभी हम आपको टॉप नीट इंस्टीट्यूट के फीस स्ट्रक्चर के साथ-साथ वहाँ मिलने वाली अन्य सुविधाओं के आधार पर तुलना करके बताएँगे। ऐसे में पहले हम आपके सामने एक टेबल रखने जा रहे हैं जिससे आपको मोटे तौर पर सीकर के नीट फीस स्ट्रक्चर (Sikar NEET Coaching Fees) का आईडिया हो सके।

नीट इंस्टीट्यूट का नाम लगभग वार्षिक फीस बैच साइज एडमिशन प्रोसेस फैसिलिटी एक्स्ट्रा फैसिलिटी स्कॉलरशिप
Matrix Academy ₹85,000 – ₹1,20,000 70-90 स्टूडेंट्स का बैच मैरिट पर आधारित छोटे बैच, स्पेशल टेस्ट सीरीज़, डाउट सेंटर्स, 365 दिन खुला, स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन क्लासेज, मेंटरशिप पर्सनल गाइडेंस, टेस्ट रिव्यू, ऑनलाइन टेस्ट, मोबाइल ऐप सपोर्ट, डिजिटल लर्निंग हां, 90% तक
ALLEN Career Institute ₹1,00,000 – ₹1,50,000 100-120 स्टूडेंट्स का बैच टेस्ट पर आधारित स्टडी मटेरियल, टेस्ट सीरीज़, डाउट सेशन ऑनलाइन टेस्ट, मोबाइल ऐप सपोर्ट हां, 50% तक
Aakash Institute ₹90,000 – ₹1,30,000 80-100 स्टूडेंट्स का बैच प्रवेश परीक्षा या डायरेक्ट मॉक टेस्ट, स्टडी मटेरियल, कस्टमाइज्ड लर्निंग डिजिटल ट्यूटोरियल, वीडियो लेक्चर हां, 70% तक
Resonance ₹1,00,000 – ₹1,40,000 120 स्टूडेंट्स का बैच डायरेक्ट एडमिशन वीकली टेस्ट, स्टडी मटेरियल, मेंटरिंग डिजिटल लर्निंग, करियर काउंसलिंग हां, 50% तक
Toppers Academy ₹80,000 – ₹1,20,000 50-70 स्टूडेंट्स का बैच ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन क्लासेज, स्टडी मटेरियल पर्सनल गाइडेंस, लाइव सेशन हां, 30% तक

ऊपर हमने आपको सीकर के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस और वहाँ मिल रही सुविधाओं के बीच में एक तुलनात्मक टेबल उपलब्ध करवा दी है। अब हम एक-एक करके इन कोचिंग सेंटर्स के बारे में आपको बता देते (Sikar Coaching Fees For NEET) हैं।

#1. मैट्रिक्स अकैडमी, सीकर

मैट्रिक्स अकैडमी में नीट के साथ-साथ IIT JEE की भी तैयारी करवाई जाती है। ऐसे में उनकी दोनों ब्रांच को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। मैट्रिक्स अकैडमी में नीट की तैयारी मैट्रिक्स नीट डिविजन (Matrix NEET Division) के तहत करवाई जाती है। अब मैट्रिक्स अकैडमी में जो कुछ सुख-सुविधाएँ हैं, वह इस प्रकार है:

  • मैट्रिक्स में लगभग सभी तरह की फैसिलिटी दी जाती है जो किसी स्टूडेंट को नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए जरुरी होती है।
  • इसमें कस्टमाइज्ड स्टडी मटेरियल के साथ-साथ डिटेल्ड स्टडी मटेरियल की जरुरत सबसे ज्यादा होती है जिसको मैट्रिक्स ने बेहतर रूप से तैयार किया हुआ है।
  • मैट्रिक्स की जो चीज़ इसे बाकियों से अलग बनाती है, वह है यहाँ के डाउट सेंटर्स और साल के हर दिन अपने स्टूडेंट्स के लिए खुला रहना।
  • मैट्रिक्स के डाउट सेंटर्स में स्टूडेंट्स कभी भी अपने डाउट ले जाकर पूछ सकते हैं। अगर स्टूडेंट्स के डाउट टाइम टू टाइम क्लियर होते रहते हैं तो उनकी तैयारी में कोई रूकावट नहीं आती है।
  • वहीं साल के हर दिन खुले रहना भी अपने आप में एक अनोखा प्रयोग है। एक तरह से हर छुट्टी, त्यौहार वाले दिन भी मैट्रिक्स अपने स्टूडेंट्स के लिए कभी बंद नहीं होता है।
  • मैट्रिक्स में स्टूडेंट्स के बैच भी बाकी नीट इंस्टीट्यूट की तुलना में छोटे रखे जाते हैं। इससे टीचर अपने स्टूडेंट्स पर बेहतर तरीके से ध्यान दे पाता है।
  • इसके अलावा मोबाइल ऐप पर हर अपडेट मिलना, डिजिटल लर्निंग, ऑनलाइन टेस्ट एंड सेशन इत्यादि हर जरुरी फैसिलिटी मैट्रिक्स नीट डिविजन के तहत दी जाती है।

अब सबसे मजेदार बात यह है कि लगभग सभी तरह की फैसिलिटी देकर भी मैट्रिक्स की फीस ना तो बहुत ज्यादा है और ना ही एकदम कम। एक तरह से आपके बजट में बेस्ट विकल्प के तौर पर मैट्रिक्स ही सबसे पहले नंबर पर आता (Matrix Sikar NEET Fees) है। यही कारण है कि वह इस लिस्ट में भी टॉप पर बना हुआ है।

#2. एलन सीकर

एलन का नाम तो आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। वह इसलिए क्योंकि एलन अब से नहीं बल्कि कई वर्षों से नीट की कोचिंग दे रहा है। उसका यह नाम एक दिन में नहीं बल्कि कई वर्षों की मेहनत के बाद बना है। शुरुआत एलन कोटा से हुई थी लेकिन देखते ही देखते इसकी ब्रांच अन्य कई शहरों में भी खुलती चली गई। आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • एलन ने कई वर्षों की मेहनत से अपना स्टडी मटेरियल तैयार किया हुआ है जिसका कोई तोड़ नहीं है। एक तरह से इनका स्टडी मटेरियल बहुत अच्छा है।
  • एलन में भी मैट्रिक्स की तरह ही डाउट सेशन रखे जाते हैं जहाँ जाकर स्टूडेंट्स अपने डाउट क्लियर करते हैं।
  • यहाँ पर समय-समय पर टेस्ट लिए जाते रहते हैं। हालाँकि आज के समय में हर टॉप कोचिंग सेंटर टाइम टू टाइम टेस्ट लेता रहता है।
  • एलन की मोबाइल ऐप भी है जहाँ पर स्टूडेंट्स को हर तरह का अपडेट मिलता रहता है।
  • साथ ही यहाँ पर ऑनलाइन टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है।

वैसे तो एलन नीट की कोचिंग देने में एक बहुत बड़ा ब्रांड है लेकिन वहाँ की फीस अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट की तुलना में बहुत ज्यादा है। साथ ही ज्यादा नाम होने के कारण वहाँ स्टूडेंट्स भी बहुत ज्यादा होते हैं और टीचर कम। इस कारण वहाँ के एक-एक बैच में भर-भर कर स्टूडेंट्स को लिया जाता है।

#3. आकाश इंस्टीट्यूट, सीकर

एलन की तरह ही आकाश भी देशभर में अपनी ब्रांच के लिए जाना जाता है। इनकी ब्रांच भी आपको हर बड़े शहर में देखने को मिल जाएगी जहाँ हजारों स्टूडेंट्स तैयारी कर रहे होते हैं। ऐसे में आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • आकाश में अधिकतर स्टूडेंट्स को बिना किसी टेस्ट के डायरेक्ट ले लिया जाता है। एक तरह से यहाँ पर हर तरह का स्टूडेंट एडमिशन ले सकता है।
  • यहाँ की मुख्य सुविधा है सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध होना। कहने का मतलब यह हुआ कि आकाश का पूरा स्टडी मटेरियल, लेक्चर इत्यादि ऑनलाइन मिल जाएंगे।
  • ऐसे में आप एक साथ कई टीचर के लेक्चर और स्टडी मटेरियल ऑनलाइन देख सकते हैं और तैयारी कर सकते हैं।
  • यहाँ पर हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है ताकि अगर कोई स्टूडेंट अपनी क्लास मिस कर देता है तो बाद में उसे देखकर पढ़ सके।
  • यहाँ की स्टडी भी कस्टमाइज्ड तरीके से करवाई जाती है ताकि स्टूडेंट स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ सके।

आकाश की फीस तो मॉडरेट है लेकिन यहाँ भी एलन की तरह एक बैच में कई स्टूडेंट्स होते हैं। साथ ही आकाश इंस्टीट्यूट ऑनलाइन स्टडी पर ज्यादा फोकस करता है जिस कारण स्टूडेंट टीचर का ज्यादा संपर्क नहीं हो पाता है। इस कारण स्टूडेंट्स के डाउट पेंडिंग रह जाते हैं।

#4. रेजोनेंस अकैडमी, सीकर

रेजोनेंस भी एक जाना पहचाना नाम है जिसने हाल ही के वर्षों में अपना बहुत नाम कमाया है। इसका कारण है यहाँ का अच्छा रिजल्ट और स्टूडेंट्स का रेजोनेंस पर भरोसा।

  • रेजोनेंस अकैडमी में ज्यादातर डायरेक्ट एडमिशन ही होता है। इस कारण यहाँ भी कोई भी स्टूडेंट एडमिशन ले सकता है।
  • यहाँ पर स्टूडेंट्स का वीकली अर्थात साप्ताहिक तौर पर टेस्ट लिया जाता है जो उन्हें एग्जाम के लिए तैयार करता है।
  • यहाँ पर स्टूडेंट्स की टाइम टू टाइम मेंटरिंग की जाती है और पर्सनल गाइडेंस दी जाती है।

रेजोनेंस भी एक अच्छी अकैडमी है लेकिन यहाँ पर एक बैच में लगभग 120 या इससे भी ज्यादा स्टूडेंट्स होते हैं। साथ ही यहाँ की फीस भी अपेक्षाकृत थोड़ी ज्यादा है।

#5. टॉपर्स अकैडमी, सीकर

यह भी आकाश की तरह ही ऑनलाइन स्टडी पर ज्यादा ध्यान देती है। हालाँकि आज के समय में इसका नाम भी बहुत प्रचलन में आ गया है, आइए जाने।

  • यहाँ की फीस कुछ ज्यादा नहीं है। जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर होती है, वे अवश्य ही इस अकैडमी को चुनते हैं।
  • इस अकैडमी में स्टूडेंटस के बैच भी छोटे ही रखे जाते हैं जिस कारण टीचर अपने स्टूडेंट्स पर सही से ध्यान दे पाते हैं।
  • हालाँकि यहाँ मिलने वाली फैसिलिटी भी बहुत ही कम है। जहाँ अन्य 4 नीट इंस्टीट्यूट तरह-तरह की फैसिलिटी देते हैं तो वहीं टॉपर्स अकैडमी में इतनी फैसिलिटी नहीं है।

एक तरह से यहाँ आपको स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन सेशन, पर्सनल गाइडेंस इत्यादि दी जाती है जो लगभग हर टॉप नीट इंस्टीट्यूट दे देता है। हालाँकि यह अकैडमी सीकर की बाकी नीट अकैडमी से अच्छी है तभी यह टॉप 5 में आती है।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको सीकर में नीट कोचिंग फीस के स्ट्रक्चर (Sikar NEET Coaching Fees) और टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर्स के बीच में तुलनात्मक अध्ययन करके दे दिया है। अगर आप बजट के अंदर बेस्ट विकल्प ढूंढ रहे हैं तो उसमें मैट्रिक्स सबसे बेस्ट विकल्प रहने वाला है।

वहीं ब्रांड वैल्यू के हिसाब से एलन, सबसे कम पैसों के हिसाब से टॉपर्स, ऑनलाइन स्टडी के हिसाब से आकाश और डायरेक्ट एडमिशन के हिसाब से रेजोनेंस बेटर ऑप्शन है। हालाँकि इस बात का जरुर ध्यान रखें कि जिस इंस्टीट्यूट में बैच साइज़ छोटा होता है, वहाँ पर अक्सर स्टूडेंट्स का सिलेक्शन जल्दी होता है।

वह इसलिए क्योंकि बैच में कम स्टूडेंट्स होने से स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच में ज्यादा कनेक्शन होता (Sikar Coaching Fees For NEET) है। अब अगर स्टूडेंट टीचर के लगातार संपर्क में बना रहता है तो उसे एक्सपर्ट गाइडेंस मिलती है, नई तरह की चीज़ों से वह अपडेटेड रहता है और उसके कोई भी डाउट अधूरे नहीं रहते।

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