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नीट में टॉप कैसे करें? जाने 10 बेस्ट स्टेप्स

NEET Me Top Kaise Kare: देशभर के सभी टॉप लेवल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए सरकार हर वर्ष एग्जाम कंडक्ट करवाती है। उस एग्जाम का नाम होता है नीट जिसे अंग्रेजी में NEET लिखा जाता है। यह एक शोर्ट फॉर्म है जिसकी फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test होती है। यदि किसी स्टूडेंट को देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ना है तो उसे नीट एग्जाम में अच्छा स्कोर करना होता है।

अब बहुत से स्टूडेंट का टॉप करना तो दूर बल्कि नीट में सिलेक्शन लेने में ही पसीने छूट जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम बहुत मुश्किल होता है और इसमें बैठने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बहुत ज्यादा होती (NEET Exam Me Top Kaise Kare) है। ऐसे में नीट में सेलेक्ट होना और साथ ही अच्छा स्कोर करना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना ही बनकर रह जाता है। फिर भी हर वर्ष चुनिंदा स्टूडेंट्स ना केवल इसमें सेलेक्ट होते हैं बल्कि टॉप भी करते हैं।

ऐसे में क्या आप भी नीट में टॉप स्कोर करना चाहते हैं ताकि आपको भी देश के टॉप मेडिकल सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिले!! यदि ऐसा है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको नीट में टॉप करने में बहुत मदद करने वाली है। चलिए शुरू करते हैं।

NEET Me Top Kaise Kare | नीट में टॉप कैसे करें?

नीट में टॉप करना ना तो एक दो महीने का खेल है और ना ही इसके लिए कोई अलग से गुप्त योजना बनानी पड़ती है। बस इसके लिए आपका सही ट्रेक पर होना जरुरी है और आपको लगातार सही गाइडेंस अर्थात मार्गदर्शन मिलता रहे, वह जरुरी होता है। यही कारण है कि हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उचित मार्गदर्शन देने आए हैं।

हमने नीट में टॉप स्कोर करने वाले कई स्टूडेंट्स के साथ बात की, देश के कई टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट (NEET Me Topper Kaise Bane) जाकर जांच पड़ताल की और अनुभवी टीचर्स के साथ बैठकर मीटिंग की। इसके बाद ही हम आपके लिए कुछ चुनिंदा गोल्डन टिप्स लेकर आए हैं जो नीट में टॉप करने में आपकी बहुत मदद करेंगी। आइए इनके बारे में जानते हैं।

#1. नीट के सिलेबस को समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है नीट के सिलेबस और प्रणाली को अच्छे से समझना। नीट एग्जाम में कौन कौन से सब्जेक्ट आते हैं, उन सब्जेक्ट्स में से किस किस टॉपिक से कौन कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं, हर टॉपिक की क्या वैल्यू है, नीट में किस सब्जेक्ट के कितने नंबर हैं, नीट का एग्जाम कुल कितने नंबर का होता है, सही उत्तर देने पर कितने नंबर मिलते हैं, नेगेटिव मार्किंग कितनी होती है, इत्यादि सभी के बारे में जान लें।

किसी भी एग्जाम को क्रैक करना है और साथ के साथ उसमें टॉप करना है तो आपको उस एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसमें आप चाहे दो दिन ले लीजिए लेकिन नीट एग्जाम के बारे में छोटी से लेकर बड़ी जानकारी को ना केवल जान लें बल्कि उसे अच्छी तरह से समझ कर अपने मन में उतार लें। यकीन माने आपका आधा काम यहीं हो जाएगा।

#2. हर एक पल कीमती है

अब जब आपने नीट एग्जाम की कार्य प्रणाली को अच्छे से समझ लिया है तो बारी आती है समय अर्थात टाइम की। अब जब आपको नीट एग्जाम में टॉप करना है तो यह मान कर चलें कि अब से आपका हर एक पल कीमती है। यदि आपने एक पल की भी देरी की तो आपके साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स आपसे उन पलों के लिए आगे निकल जाएंगे। यहाँ हमारा कहने का अर्थ यह भी नहीं है कि आप बिना थके दिन रात पढ़ते रहें लेकिन आप अपना समय व्यर्थ की चीज़ों में ना लगाएं।

नीट में टॉप करने के लिए कम से कम एक साल का कठिन परिश्रम चाहिए होता है। इसलिए इस दौरान आप मौज-मस्ती, मोबाइल कंप्यूटर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में समय व्यर्थ करना, यहाँ वहाँ घूमना, फोन पर घंटों बातें करना या रील्स देखना, मूवी सीरीज को देखना, इत्यादि में समय व्यर्थ ना करें। इसकी बजाए आप अपने खाली समय में योग, ध्यान, नॉवेल या न्यूज़ पेपर पढ़ना, सार्थक बातचीत करना इत्यादि करें।

#3. बेस्ट कोचिंग ही चुने

नीट में टॉप करने वाले अधिकतम स्टूडेंट्स देश की किसी ना किसी टॉप कोचिंग अकैडमी (NEET Me Top Kaise Kare) से ही पढ़े होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वहीं से ही उन्हें उचित मार्गदर्शन और प्रॉपर नोट्स मिलते हैं। ऐसे में आपको भी देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से किसी एक में एडमिशन लेना चाहिए। वर्तमान में सीकर, कोटा और दिल्ली जैसे शहर नीट में अच्छी कोचिंग देते हैं।

ऐसे में यदि हम इन शहरों में बेस्ट कोचिंग की बात करें तो वह सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी, कोटा की एलन अकैडमी और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट होगा। इन सभी इंस्टीट्यूट में आपको नीट की बेस्ट कोचिंग दी जाएगी। इनमें से मैट्रिक्स अकैडमी की एक बात यह अच्छी है कि यहाँ जगह जगह डाउट सेंटर्स बने हुए हैं जहाँ पर स्टूडेंट्स कभी भी जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स बीच में अटकते नहीं हैं और लगातार आगे बढ़ते चले जाते हैं।

#4. नोट्स बनाना ना भूलें 

ऊपर हमने आपको बताया कि देश के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से आपको नोट्स मिलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप नोट्स नहीं बनाएंगे। वह इंस्टीट्यूट तो आपको बेस्ट सिलेबस उपलब्ध करवा देंगे लेकिन आप वहाँ जो प्रतिदिन क्लास अटेंड करेंगे, उसमें से अपने लिए नोट्स बनाना ना भूलें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा जो नोट्स बनाए जाएंगे, वही आगे चलकर आपको नीट में टॉप करने में मदद करेंगे।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब नीट एग्जाम में कुछ महीने बचे होते हैं तब स्टूडेंट्स इन्हीं नोट्स को ही पढ़ते हैं। अपने बनाए नोट्स से स्टूडेंट्स को चीज़ों को जल्दी कैप्चर करने और उन्हें समझने में सहायता मिलती है। इसलिए आप हर दिन अपनी क्लास को ना केवल अटेंड कीजिए बल्कि उसी के साथ ही उसके नोट्स भी बनाते रहें।

#5. प्रीवियस इयर के सभी पेपर देखें

नीट एग्जाम में टॉप करना है तो उसके बारे में सब जानने के साथ साथ उसके पिछले वर्ष के सभी प्रश्न पत्रों का आंकलन करना भी आता है। अब यह पॉइंट हमने अलग से इसलिए हाईलाइट किया है क्योंकि बहुत से स्टूडेंट्स नीट एग्जाम के बारे में तो जानकारी जुटा लेते हैं लेकिन प्रीवियस इयर के पेपर्स को देखना भूल जाते हैं।

इस बात को गाँठ बाँध लें कि यदि किसी एग्जाम को (NEET Exam Me Top Kaise Kare) अच्छे से समझना है तो आप कम से कम उसके पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को अच्छे से देख लें। आप उन्हें बार बार हल करें, उनमें प्रश्नों का पैटर्न समझें और उसके अनुसार ही अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। यह उपाय आपके लिए बहुत ही कारगार सिद्ध होगा। 

#6. होशियार स्टूडेंट्स की संगत

यह बात तो बचपन में आपके माता पिता भी बोलते होंगे कि आप जिस तरह के दोस्त बनाएंगे, आपका व्यवहार भी वैसा ही बनता चला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि दोस्तों के व्यवहार का हमारे व्यवहार पर बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आप अच्छी संगती में रहते हैं तो आप और अच्छे बनते चले जाते हैं और यदि आप बुरी संगती में पड़ जाते हैं तो आप भी उनके जैसे ही बन जाते हैं।

इसलिए यदि आपको नीट में अच्छा स्कोर करना है तो आपको होशियार स्टूडेंट्स के साथ ही दोस्ती यारी करनी चाहिए। आपको इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा। वह इसलिए क्योंकि होशियार स्टूडेंट्स जिस तकनीक को अपनाते हैं, आप भी उसी तकनीक को अपनाने लगेंगे। आपके डाउट भी जल्दी क्लियर होते चले जाएंगे और आप पढ़ाई में पहले से ज्यादा मन लगाने लगेंगे।

#7. माइंड रिलैक्स रखें

अब बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो नीट में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) करने को एक चैलेंज के रूप में तो ले लेते हैं लेकिन इसके कारण वे धीरे धीरे डिप्रेशन अर्थात तनाव में भी आने लगते हैं। वैसे तो हमें यह बात कहनी नहीं चाहिए लेकिन आए दिन हम कोटा जैसे शहरों में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बोझ तले आत्म हत्या करते हुए देखते हैं। खुद का जीवन ले लेना बहुत ही अनुचित कदम होता है और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

यदि किसी कारणवश आपसे नीट एग्जाम क्रैक नहीं हो सकता है तो इसके बारे में अपने माता पिता से बात करें। यदि वे नहीं समझते हैं तो किसी अन्य बड़े से बात करें। वहीं यदि आपको भरोसा है कि आप इसमें अच्छा कर सकते हैं तो आप इसे नेगेटिव रूप में लेने की बजाए पॉजिटिव रूप में लें। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, आप असफल हो जाएंगे लेकिन इसके आगे भी बहुत जीवन है। इसलिए अपने माइंड को हमेशा रिलैक्स अर्थात तरोताजा रखें।

#8. हर दिन MCQs को हल करें

नीट में टॉप करना है तो उसके लिए आपको हर दिन कम से कम 100 MCQS को हल करने का नियम बना लेना चाहिए। नीट में विकल्प वाले प्रश्न ही पूछे जाते हैं जिन्हें हम MCQs कहते हैं। ऐसे में आप जिस दिन से नीट की तैयारी करना शुरू करें, उसी दिन से ही इसे करना शुरू कर दें। शुरुआत में तो आपको यह करना थोड़ा कठिन लग सकता है लेकिन धीरे धीरे आपकी इसमें आदत पड़ने लगेगी।

एक महीने बाद देखिएगा, आपको बिना MCQs किए नींद ही नहीं आएगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको इन्हें सोल्व करने में आनंद आने लगेगा। फिर धीरे धीरे आपके लिए इन्हें हल करना चुटकियों का खेल बन जाएगा। ऐसा निरंतर करने से जब आपके सामने असली में नीट का एग्जाम आएगा तब आप उन्हें भी बड़े मजे से चुटकियों में हल करते हुए चले जाएंगे।

#9. NCERT बुक्स है सबसे जरुरी

नीट का एग्जाम क्रैक करने के लिए बाजार में कई तरह की बुक्स उपलब्ध हैं। इसमें से कई बुक्स आपके बहुत काम की है तो कुछ आपको डिटेल में ले जाकर स्टडी करवाती है। ऐसे में आपके लिए इन्हें पढ़ना बहुत जरुरी हो जाता है लेकिन इन सभी बुक्स को पढ़ने के बीच आप यह कतई ना भूलें कि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में NCERT की जो बुक्स पढ़ी है, वह सबसे ज्यादा जरुरी है।

नीट एग्जाम को क्रैक करने में जो बुक्स सबसे ज्यादा जरुरी होती (NEET Me Topper Kaise Bane) है, वह यही 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स होती है। ऐसे में आप इन बुक्स को तो अच्छे से रट लें या यूँ कहें कि अपने दिलों दिमाग में उतार लें। उसके बाद आप बाकी ऑथर की बुक्स को पढ़ें और उन्हें समझें।

#10. महीने में दो दिन हो रिवीजन

बहुत से स्टूडेंट्स एक और गलती करते हैं और वह यह है कि वे पढ़ते तो चले जाते हैं लेकिन उसकी रिवीजन नहीं करते हैं। ऐसे में उन्होंने पहले जो कुछ पढ़ा है, उसे भूलते हुए चले जाते हैं। फिर उन्हें वापस से उसे पढ़ने या याद करने में उतना ही समय देना पड़ता है। इससे आपका नुकसान ही होता है क्योंकि आप अपना एफर्ट और टाइम दोनों ही वेस्ट कर रहे होते हैं।

इसलिए आप महीने में कम से कम दो दिन रिवीजन के तौर पर रखें। पहला दिन आप महीने के बीच में तो दूसरा दिन आप महीने के अंत में रख सकते हैं। इस दिन आपको पिछले 15 या 20 दिन में पढ़ी गई सभी चीज़ों का फिर से रिवीजन करना है। इससे आपकी लगातार रिवीजन भी होती चली जाएगी और आपको फिर से उसे पढ़ने में उतना समय नहीं देना पड़ेगा।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में आपने जाना कि किन चीज़ों को करके आप भी नीट एग्जाम में टॉप (NEET Me Top Kaise Kare) स्कोर कर सकते हैं। इन सभी चीज़ों में इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्टूडेंट को टॉप करवाने में उसको मिली सही कोचिंग बहुत मायने रखती है। वह इसलिए क्योंकि यदि स्टूडेंट को सही गाइडेंस मिल जाए तो वह बाकियों की तुलना में तेज गति से आगे निकलता है।

ऐसे में आपको सीकर मैट्रिक्स, एलन कोटा, आकाश दिल्ली जैसे टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करनी चाहिए। यहाँ से हर वर्ष हजारों स्टूडेंट्स का नीट एग्जाम में सिलेक्शन होता है और वे टॉप भी करते हैं। ऐसे में आपको भी बहुत मदद मिल जाएगी।

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प्रश्न: नीट में सफलता कैसे प्राप्त करें?

उत्तर: यदि आप नीट में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मैट्रिक्स सीकर, कौटिल्य सीकर जैसे कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेना चाहिए।

प्रश्न: मैं नीट में रैंक कैसे प्राप्त करूं?

उत्तर: यदि आपको नीट में अच्छी रैंक चाहिए तो उसके लिए माइंड को रिलैक्स रखकर बिना प्रेशर के प्रतिदिन कम से कम 8 से 12 घंटे स्टडी करनी चाहिए।

प्रश्न: नीट टॉपर्स कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

उत्तर: नीट टॉपर्स दिन में 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करते हैं। इसी के साथ ही वे अपना खाली समय सार्थक चीज़ों को करने में लगाते हैं।

प्रश्न: टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: टॉपर्स प्रतिदिन 7 से 8 घंटे सोते हैं और ऐसा जरुरी भी है। यदि आप इतना नहीं सोएंगे तो आपका मानसिक संतुलन बिगड़ता है और इसका प्रभाव आपकी तैयारी पर पड़ता है।

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1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक करें? जाने 10 गोल्डन टिप्स

JEE Mains Kaise Crack Kare: आज हम बात करने वाले हैं जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने के बारे में और वो भी बस एक महीने में। बहुत से स्टूडेंट्स हमें कई दिनों से मैसेज कर रहे थे कि हम उन्हें जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की कुछ टिप्स दें। ऐसे में आज हम आप सभी के लिए एक महीने के अंदर JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक किया जा सकता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

JEE Mains कोई ऐसा वैसा एग्जाम नहीं होता (JEE Mains Kaise Clear Kare) है बल्कि यह देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने का एकमात्र तरीका होता है। इसमें सेलेक्ट होने पर ही आप आगे चलकर NIT जैसे कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं और IIT में जाने के लिए JEE एडवांस्ड का एग्जाम देने को पात्र माने जाते हैं। ऐसे में अगर किसी स्टूडेंट ने JEE Mains एग्जाम को ही क्रैक नहीं किया तो उसकी टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने की संभावना भी समाप्त हो जाती है।

इसलिए आज हम आपको जल्द से जल्द JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) किया जा सकता है और उसके लिए आप अभी से ही क्या कुछ तैयारी कर सकते हैं, इसके बारे में बात करने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं 1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक किया जाए।

1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक करें?

क्या आप जानते हैं कि बहुत से स्टूडेंट्स अपनी दसवीं क्लास से ही या उसे पास करते ही JEE Mains की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। अब जो स्टूडेंट्स इतनी जल्दी ही तैयारी शुरू कर देते हैं, उन्हें आप मात्र एक महीने में कैसे पछाड़ पाएंगे। अब आप यह सुनकर निराश मत हो जाइए क्योंकि यहाँ हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स देने वाले हैं जो JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने में बहुत मदद करेगी।

हमने बहुत रिसर्च की और JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने वाले कई टॉपर से भी बात की। उनसे मिली जानकारी के आधार पर हमने जाना कि किन चीज़ों ने उनकी JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने और उसे टॉप करने में मदद की। अब हम उन्हीं टिप्स को आपके साथ शेयर करने वाले हैं। इन्हें अपना कर आप भी JEE Mains को 1 महीने में क्रैक कर सकते हैं।

#1. टॉपर के नोट्स लें

यदि आपको 1 महीने में JEE Mains को क्रैक करना है तो उसमें आपकी सबसे ज्यादा सहायता किसी टॉपर के नोट्स ही करने वाले हैं। यहाँ पर टॉपर का अर्थ हुआ जो स्टूडेंट बहुत होशियार है और उसने टाइम टू टाइम अपनी हर क्लास को अटेंड किया है और अच्छे नोट्स बनाए हैं। ऐसे में आपको इसके लिए मेहनत जरुर करनी होगी क्योंकि पहले आपको किसी टॉपर को ढूँढना होगा और फिर उसे अपने नोट्स शेयर करने के लिए मनाना होगा।

अब यदि वह नोट्स शेयर करने को मान जाता है तो आपको उसके सभी नोट्स की फोटोकॉपी करवा लेनी चाहिए। अगर आपको एक से ज्यादा टॉपर के नोट्स भी मिलें तो आप उन सभी के नोट्स की कॉपी बनवा लीजिए। अब आप अगले एक महीने इन सभी नोट्स को अच्छे से स्टडी करें और उसके हर पहलु पर ध्यान दें। यह आपकी JEE Mains के एग्जाम में बहुत मदद करने वाले (JEE Mains Kaise Clear Kare) हैं।

#2. टॉप इंस्टीट्यूट से मदद लें

टॉपर के नोट्स के अलावा आपकी टॉप लेवल की अकैडमी भी बहुत मदद कर सकती है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल की अकैडमी में इस स्थिति से निपटने के लिए टॉप लेवल की रणनीति भी बनाई गई होती है। वहाँ आपको अनुभवी फैकल्टी से गाइडेंस मिलेगी और साथ ही सिलेबस के अनुसार नोट्स भी। अब अगर हम टॉप लेवल की अकैडमी की बात करें तो उसमें कई अकैडमी आती है।

इसमें जिस अकादमी का नंबर सबसे पहले आता है वह है सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी जिसे मैट्रिक्स JEE अकैडमी के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और उसके बाद सीकर की ही प्रिंस अकैडमी आती है। ऐसे में आपको इन अकैडमी से JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत मदद मिल जाएगी।

#3. स्ट्रोंग टॉपिक्स को कवर करें 

अब आपको यह देखना है कि JEE Mains के एग्जाम में किन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ टॉपिक्स ऐसे हैं जिनसे हर बार ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं और उनकी वेटऐज भी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि आपको 1 महीने से भी कम समय में JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Kaise Kare) करनी है तो उसके लिए स्ट्रोंग टॉपिक्स की लिस्ट बनाकर उनकी तैयारी करनी चाहिए।

अब अगर हम कुछ स्ट्रोंग टॉपिक्स की बात करें तो उसमें फिजिक्स से केनेमेटिक्स, वर्क-पावर-एनर्जी, इलेक्ट्रोस्टैटिक्स और करंट इलेक्ट्रिसिटी व मॉडर्न फिजिक्स आती है। केमिस्ट्री से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री (GOC, IUPAC, रिएक्शन मैकेनिज्म), इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री (कोऑर्डिनेशन कंपाउंड, P-Block) और फिजिकल केमिस्ट्री (मोल कंसेप्ट, थर्मोडायनामिक्स) आती है। वहीं मैथ्स से कोऑर्डिनेट जियोमेट्री (सर्कल, पैराबोला), कैल्कुलस (डिफरेंशिएशन, इंटीग्रेशन) और एलजेब्रा (मैट्रिसेस, डिटरमिनेंट्स, प्रोग्रेशन) आती है।

#4. कमजोर टॉपिक्स पर ज्यादा टाइम ना लगाएं

आप ऊपर दिए गए कुछ टॉपिक्स या इसके अलावा कुछ टॉपिक्स को समझने में ज्यादा समय लेते होंगे। हालाँकि यह टॉपिक्स जरुरी हो सकते हैं लेकिन यदि आप सारा टाइम इन्हें ही समझने में लगा देंगे तो बाकी विषयों को कब पढ़ पाएंगे। इसलिए यह बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है कि आप अपना समय बचाकर रखें और उसे सभी में बराबर बांटें।

यदि कोई टॉपिक टाइम देने के बाद भी समझ में नहीं आ रहा है या उसमें बहुत ज्यादा समय लग रहा है तो बेहतर यही होगा कि आप उसे वहीं छोड़ दें और उसकी जगह अन्य टॉपिक्स को समझने में अपना ध्यान लगाएं। इससे आपका बहुत समय भी बचेगा और आप ज्यादा से ज्यादा टॉपिक्स को कवर कर पाएंगे।

#5. स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाएं

जल्द से जल्द JEE Mains को क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल को भी फॉलो करने की जरुरत है। यदि आप अपने दिन का टाइम टेबल सेट नहीं करते हैं तो आपकी सारी की सारी मेहनत धरी की धरी रह जाएगी। एक सही टाइम टेबल के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है और अपनी योजना को धरातल पर उतारा जा सकता है। ऐसे में आप सबसे पहला काम अपना टाइम टेबल स्ट्रिक्ट बनाएं।

टाइम टेबल बनाने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप रात में देर तक पढ़ने की बजाए सुबह जल्दी उठकर पढ़ने पर ध्यान दें। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है। इस समय सूर्य की किरणें बहुत सकारात्मक होती है और इस समय जो पढ़ा जाता है, वह लंबे समय तक याद रहता है। इसलिए आप सुबह जल्दी उठकर अवश्य पढ़ें।

#6. मॉक टेस्ट देते रहें 

ऊपर हमने आपको मैट्रिक्स जैसी टॉप लेवल की अकैडमी से भी जुड़ने का सुझाव दिया था। वह इसलिए क्योंकि इस तरह की अकैडमी स्टूडेंट्स को JEE Mains का एग्जाम क्रैक करवाने में महारत रखती है। इन अकैडमी के द्वारा टॉप लेवल के मॉक टेस्ट भी सेट किए जाते हैं जो स्टूडेंट के लिए JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। इन्हीं मॉक टेस्ट की वजह से ही स्टूडेंट असली एग्जाम में प्रेशर फील नहीं करता है।

वह इसलिए क्योंकि वह कई समय पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देता है। आखिरी के एक महीने में तो इस तरह की अकैडमी हर दिन मॉक टेस्ट लेती है जिससे स्टूडेंट्स को उसकी आदत हो जाए। अब अगर आप भी एक महीने में JEE Mains को क्रैक करना चाहते हैं तो उसके लिए हर दिन मॉक टेस्ट देने का नियम बना लें।

#7. पुराने प्रश्न पत्र देखें

आपको कम से कम पिछले 10 वर्षों के JEE Mains के पेपर्स को स्टडी करना चाहिए। इससे आपको यह समझने में सहायता होगी कि आखिरकार JEE Mains के एग्जाम में किस तरह के टॉपिक्स पर किस तरह के सवाल जवाब पूछे जाते हैं और उनका पैटर्न क्या है। जब भी कभी किसी एग्जाम को जल्द से जल्द क्रैक करने की बात होती है तो हर कोई उसके पुराने प्रश्न पत्रों को देखने की ही सलाह देता है।

तो हमारी चुनी गई गोल्डन टिप्स में से एक टिप यही है कि आप JEE Mains के सभी और कम से कम पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहन अध्ययन करें। इससे आपको एग्जाम को अच्छे से समझने और उसे क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) करने में मदद मिलेगी। यह पेपर आपको किसी भी बुक्स की दूकान पर आसानी से मिल जाएंगे। आप इन्हें रोजाना हल करने का भी नियम बना लेंगे तो यह तो और भी बढ़िया बात होगी।

#8. शॉर्टकट ट्रिक्स सीखें

कम समय में JEE Mains जैसे एग्जाम को क्रैक करने के लिए शॉर्टकट का सहारा लेना ही पड़ता है। ऐसे में आप फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स जैसे सब्जेक्ट्स में हर टॉपिक को डिटेल में पढ़ने की बजाए उनकी ट्रिक्स को याद करें। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि कैसे किस प्रश्न को शॉर्टकट ट्रिक के जरिए जल्दी हल किया जा सकता है, इसके बारे में जाने।

अब मैथ्स में तो इसको लेकर कई तरह की ट्रिक्स होती है क्योंकि वहाँ सारा काम ही फार्मूला का है लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री भी कुछ ऐसी ही है। आपसे JEE Mains में जो भी प्रश्न पूछे जाएंगे उन सभी में शॉर्टकट ट्रिक्स जरुर लगती है। ऐसे में आपको इन ट्रिक्स का इस्तेमाल करना सीखना होगा और उसके अनुसार ही अपना पेपर सोल्व करना होगा।

#9. NCERT बुक को फॉलो करें 

वैसे तो अलग अलग इंस्टीट्यूट या ऑथर अपनी अपनी बुक को JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Kare) करने के लिए बेस्ट बुक बताते हैं लेकिन जो बुक आपके लिए सबसे जरुरी है वह है आपकी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि JEE Mains का जो भी सिलेबस होता है, वह पूरा का पूरा इन्हीं बुक्स पर ही बेस्ड होता है। अब इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी सभी बुक्स बेकार हैं बल्कि वह बुक्स भी अच्छी होती है।

यहाँ हम आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स पढ़ने को इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह आप पहले ही पढ़ चुके होंगे। ऐसे में आपको उनका बस रिवीजन ही करना होगा और उसी के आधार ही आपकी तैयारी हो जाएगी। इसलिए अपनी NCERT की बुक को खोलें और आज से ही उनकी रिविजन शुरू कर दें।

#10. पॉजिटिव बने रहें

जब किसी स्टूडेंट के पास एक महीने से भी कम का समय बचा होता है तो अक्सर यह देखा जाता है कि वह प्रेशर में आ जाता है। अब यही प्रेशर कब तनाव में बदल जाता है और वह नेगेटिव चीज़े सोचने लगता है, पता ही नहीं चलता। अब आप यह सोचिए कि क्या यह नकारात्मकता आपको JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में मदद करेगी या आपको और पीछे धकेलेगी।

इसलिए जितना हो सके, अपने माइंड को फ्रेश रखें, पॉजिटिव बने रहें और हर दिन अच्छे से अपनी स्टडी को करने पर ध्यान लगाएं। आप चाहें तो दिन में एक घंटा अलग से निकाल कर उस समय योग व प्राणायाम भी कर सकते हैं। यह आपको पॉजिटिव बनाए रखने में बहुत मदद करेगा। यदि आप पॉजिटिव रहते हैं तो चीज़े भी अच्छे से समझ में आती है और JEE Mains में सेलेक्ट (JEE Mains Kaise Clear Kare) होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 1 महीने में JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की 10 गोल्डन टिप्स (JEE Mains Kaise Crack Kare) के बारे में बता दिया है। वैसे हमारी बताई गई टिप्स आपकी बहुत मदद करेंगी लेकिन फिर भी यदि आप चूक जाते हैं और इस साल आपका JEE Mains में सिलेक्शन नहीं हो पाता है तो निराश मत होइए। आप एक साल और तैयारी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको बेस्ट अकैडमी की जरुरत पड़ेगी।

ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपका अगले साल के JEE Mains के एग्जाम में जरुर सिलेक्शन हो तो उसके लिए आपको मैट्रिक्स सीकर जैसी अकैडमी या एलन कोटा में एडमिशन लेना चाहिए। जहाँ एक ओर एलन का नाम वर्षों से चलता आ रहा है तो वहीं मैट्रिक्स अकैडमी ने पिछले कुछ वर्षों में टॉप लेवल का रिजल्ट दिया है।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 3 से 6 महीने चाहिए होते हैं। वहीं यदि इसकी अच्छे से तैयारी करनी है तो 6 महीने से 1 वर्ष का समय पर्याप्त होता है।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जी क्लियर कर सकता हूं?

उत्तर: हां, आप 1 महीने में जी क्लियर कर सकते हैं। इसके लिए हमने 10 टिप्स इस आर्टिकल में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकता हूं?

उत्तर: यदि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास में अच्छे से पढ़ाई की है तो अवश्य ही आप 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाने, पॉजिटिव बने रहने और हर दिन मॉक टेस्ट देने की जरुरत है।

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सीकर में सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है? जाने बस एक क्लिक में

Sikar Best Coaching: आज हम बात करेंगे सीकर शहर में सबसे बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में। वैसे तो सीकर शहर में कई तरह के कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं जहाँ पर JEE और NEET की कोचिंग दी जाती है। हालाँकि उनमें से किस इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेनी सही रहेगी और किस से नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है। ज्यादातर स्टूडेंट्स जो सीकर शहर में JEE और NEET की कोचिंग लेने का सोच रहे हैं, वे भी इसी सवाल का जवाब ढूंढने ही यहाँ आए होंगे।

अब हर कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Center) अपने आप में सबसे बेस्ट होने का दावा करता है और करे भी क्यों नहीं, आखिरकार उसे अपने यहाँ स्टूडेंट्स जो लेने हैं। अब अगर वह बेस्ट होने का दिखावा नहीं करेगा तो कौन उनके यहाँ एडमिशन लेगा। ऐसे में आपके लिए कौन सा कोचिंग इंस्टीट्यूट बेस्ट रहेगा, यह जानना बहुत जरुरी हो जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको उसी के बारे में ही बताने वाले हैं। हम आपको यह तो बताएँगे ही कि सीकर शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट कौन सा है बल्कि इसी के साथ ही आपको JEE और NEET के लिए अलग से भी बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की एक लिस्ट देंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

Sikar Best Coaching | सीकर में सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है?

किसी भी शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात की जाए तो यह एक पेचीदा प्रश्न होता है। वह इसलिए क्योंकि इसका जवाब सीधे तौर पर नहीं दिया जा सकता है। वह इसलिए क्योंकि कोई इंस्टीट्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर में दूसरे इंस्टीट्यूट से बेस्ट होता है तो कोई इंस्टीट्यूट स्टूडेंट टीचर रेश्यो के हिसाब से। किसी इंस्टीट्यूट में फैकल्टी बहुत फेमस होती है तो किसी में स्टूडेंट्स का रिजल्ट बहुत अच्छा आता है।

ऐसे में हमने पांच मेजर फैक्टर के हिसाब से सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Institute) का आंकलन किया है। उसके आधार पर ही हम आपको सीकर के टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट देने जा रहे हैं। आइए पहले उन पांच कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम जान लेते हैं और फिर हम उन पांच फैक्टर पर एक-एक करके बात करेंगे।

  1. मैट्रिक्स अकैडमी
  2. एलन इंस्टीट्यूट
  3. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट
  4. प्रिंस अकैडमी
  5. कौटिल्य अकैडमी

तो यदि हम सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात करें तो उसमें मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। इसके बाद एलन इंस्टीट्यूट का नाम आता है जिसका नाम आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। दरअसल जिस एलन का नाम आपने सुन रखा है वह सीकर का नहीं बल्कि कोटा शहर का है। अपनी प्रसिद्धि के कारण एलन ने भारत के कई शहरों में अपनी ब्रांच खोल रखी है जिसमें से सीकर में भी एक ब्रांच है।

इसके बाद गुरुकृपा का नंबर आता है लेकिन वहाँ केवल नीट की ही कोचिंग दी जाती है, JEE की नहीं। फिर क्रमशः प्रिंस और कौटिल्य का नंबर आता है। तो आइए अब हम बात करते हैं कि हमने किन पांच मेजर फैक्टर पर इन इंस्टीट्यूट को सीकर का बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट बनाया (Sikar Best Coaching) है।

सीकर के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट की खासियत

कोई भी इंस्टीट्यूट यूँ ही टॉप पर नहीं आ जाता है बल्कि उसके लिए उसे कई वर्षों की मेहनत करनी पड़ती है। अब यह मेहनत तभी रंग लाती है जब वहाँ के स्टूडेंट्स का रिजल्ट सामने आता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह रिजल्ट भी ओवरऑल पैमाना नहीं हो सकता है। अब आप कहेंगे कि ऐसा क्यों? यह बात आपको नीचे दिए जा रहे पांच पॉइंट्स में समझ में आ जाएगी।

तो यह पांच पॉइंट या फैक्टर वह हैं जो किसी भी इंस्टीट्यूट को टॉप से बॉटम और बॉटम से टॉप पर लेकर जा सकते (Sikar Best Coaching Center) हैं। इनमें सबसे पहले आता है इंस्टीट्यूट का इंफ्रास्ट्रक्चर, फिर फीस, फैकल्टी, स्टूडेंट टीचर रेश्यो और आखिर में स्टूडेंट का रिजल्ट। आइए जाने यह पांच फैक्टर क्यों जरुरी हैं और इसमें कौन सा इंस्टीट्यूट कहाँ ठहरता है।

#1. इंफ्रास्ट्रक्चर

सबसे पहले बात करते हैं कोचिंग इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर की। अब पहले का जमाना नहीं रहा जब एक छोटे से कमरे में स्टूडेंट्स को पढ़ा लिया जाता था। जमाना बहुत तेजी से बदला है और आज के समय में स्टूडेंट को बाकी से आगे निकलना है तो उसे टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए अन्यथा वह बाकी स्टूडेंट्स से पिछड़ जाएगा।

तो इसमें टॉप लेवल के क्लास रूम्स, डिजिटल तकनीक, ऑनलाइन सिलेबस, पढ़ाई का माहौल, डाउट सेंटर्स इत्यादि कई तरह की चीजें आती है। अब अगर हम सीकर के टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करें तो उसमें मैट्रिक्स और प्रिंस अकैडमी का नाम टॉप पर आता है। पूरे सीकर शहर में यह दोनों अकैडमी ही टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवा रही है।

#2. फीस

अब बात करते हैं फीस की। जहाँ एक ओर कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत भारी भरकम फीस लेते हैं तो कुछ बहुत कम फीस में भी पढ़ाने को तैयार हो जाते हैं। जबकि यह दोनों ही सही नहीं है। आइए जानते हैं कैसे। दरअसल जो इंस्टीट्यूट ज्यादा फीस लेते हैं, वे अपनी ब्रांड वैल्यू के कारण ऐसा करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका नाम सुनकर स्टूडेंट्स तो आएंगे ही तो ऐसे में ज्यादा फीस लेने में क्या बुराई।

वहीं जो इंस्टीट्यूट कम फीस में भी पढ़ाने को तैयार हो जाते हैं, वे स्टूडेंट्स को अपने यहाँ खींचने के लिए ऐसा करते हैं। अब उनके यहाँ फीस तो कम होती है लेकिन वे बाकी फैसिलिटी में कमी कर देते हैं जिसका भुगतान आखिरकार स्टूडेंट को ही करना पड़ता है। ऐसे में अगर फीस की बात की जाए तो इन सभी में एलन और प्रिंस की फीस सबसे ज्यादा है जबकि बाकी की फीस मॉडरेट है।

#3. फैकल्टी

इंफ्रास्ट्रक्चर और फीस के बाद बारी आती है वहाँ पढ़ाने वाली फैकल्टी की। अब आप JEE और NEET की कोचिंग लेने जा रहे हैं तो आपकी नैया पार तो फैकल्टी अर्थात टीचर के द्वारा ही लगेगी ना। अब अगर टीचर ही अच्छा ना मिले तो आपका वहाँ पढ़ने का क्या ही लाभ। वहीं टीचर टॉप लेवल का और स्टूडेंट्स को समझने वाला मिल जाए तो कमजोर स्टूडेंट भी तेजी से आगे निकल जाता है।

इस फैक्टर में पूर्ण रूप से मैट्रिक्स अकैडमी बाजी मारती हुई दिखती है। वह इसलिए क्योंकि मैट्रिक्स की कुछ फैकल्टी बहुत टॉप की है। ऐसे में मैट्रिक्स अकैडमी के मदन सर, मान सर, अरिहंत सर, एलन सीकर के प्रमोद सर, सुरेन्द्र सर, गुरुकृपा के प्रदीप सर व योगेन्द्र सर इस लिस्ट में टॉप पर बने हुए हैं।

#4. स्टूडेंट टीचर रेश्यो

यह एक बहुत ही जरुरी फैक्टर है जो बहुत से स्टूडेंट्स और यहाँ तक कि उनके पेरेंट्स भी अनदेखा कर देते हैं। वह इसलिए क्योंकि ना तो कोचिंग इंस्टीट्यूट इसके बारे में बात करना चाहते हैं और ना ही वे चाहते हैं कि आप इसके बारे में जाने या उनसे पूछे। स्टूडेंट टीचर रेश्यो का मतलब हुआ कि एक इंस्टीट्यूट में कितने स्टूडेंट के ऊपर एक टीचर उपलब्ध है।

अब कुछ बड़े व नामी इंस्टीट्यूट अपने यहाँ स्टूडेंट्स तो बहुत ले लेते हैं लेकिन उनके यहाँ उतने टीचर्स नहीं होते हैं। ऐसे में एक ही क्लास में 100 से अधिक स्टूडेंट्स को एक टीचर पढ़ा रहा होता है जिस कारण ना तो स्टूडेंट के डाउट सही से क्लियर हो पाते हैं और ना ही वह उन्हें पूछ पाता है। इस फैक्टर में मैट्रिक्स, गुरुकृपा इंस्टीट्यूट बहुत ही सही हैं क्योंकि वहाँ स्टूडेंट टीचर रेश्यो बाकी इंस्टीट्यूट की तुलना में बहुत संतुलित बना हुआ है।

#5. रिजल्ट

अब बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर के बारे में जो है स्टूडेंट्स का रिजल्ट। जब भी हम किसी इंस्टीट्यूट के बारे में जानना चाहते हैं या फिर इंस्टीट्यूट हमें अपने बारे में बताना चाहता है तो वह इंस्टीट्यूट सबसे पहले अपने यहाँ के टॉप स्टूडेंट्स या कुल सलेक्टेड स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी देता है जो कि सही भी है लेकिन पूर्ण रूप में नहीं।

वह इसलिए क्योंकि अगर आप सीकर में JEE और NEET में सेलेक्ट होने वाले सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स की बात करेंगे तो उसमें एलन टॉप करेगा लेकिन वास्तविकता में उसमें मैट्रिक्स और कौटिल्य जैसी अकैडमी टॉप पर हैं। अब आप समझिए यह कैसे। मान लीजिए कि एलन में एक हज़ार स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं और उसमें से 100 स्टूडेंट्स सेलेक्ट होते हैं तो उसका रिजल्ट मात्र 10 प्रतिशत रहा। वहीं मैट्रिक्स में 200 स्टूडेंट पढ़ रहे हैं और उसमें से 50 स्टूडेंट सेलेक्ट होते हैं तो उसका रिजल्ट 25 प्रतिशत रहा।

अब कहने को तो एलन से 100 स्टूडेंट सेलेक्ट हुए हैं और मैट्रिक्स से उसके आधे लेकिन रिजल्ट मैट्रिक्स का अच्छा रहा। ऐसे में आपको किसी इंस्टीट्यूट के बारे में अच्छे से जानना है तो आपको केवल ऊपर ऊपर की बातों में नहीं आना चाहिए बल्कि उसकी गहराई में जाना चाहिए।

इस तरह से अगर हम ओवरऑल बात करें तो सीकर शहर में बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Sikar Best Coaching Institute) के बारे में बात की जाएगी तो उसमें मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। फिर उसके बाद एलन और बाकी इंस्टीट्यूट का नाम आएगा। चलिए अब आपको JEE और NEET के लिए अलग से बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट का क्रम भी दिखा देते हैं।

सीकर में JEE के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट | Sikar Best Coaching For JEE

सीकर में JEE के लिए बेस्ट कोचिंग की बात हो रही है तो उसमें मैट्रिक्स का स्थान पहले नंबर पर आता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सीकर से JEE में सेलेक्ट होने वाले टॉप 5 स्टूडेंट्स में से 4 स्टूडेंट का मैट्रिक्स अकैडमी से होना बतलाता है। तो चलिए सीकर की टॉप 5 JEE अकैडमी के बारे में जान लीजिए।

  1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी
  2. एलन इंस्टीट्यूट
  3. प्रिंस अकैडमी
  4. कौटिल्य इंस्टीट्यूट
  5. सीएलसी

सीकर में NEET के बेस्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट | Sikar Best Coaching For NEET

अब जब आपने सीकर की टॉप 5 JEE अकैडमी के बारे में जान लिया है तो यह मत मानकर चलिए कि यही अकादमी NEET के लिए उसी क्रम में ही होगी या केवल यही अकैडमी ही इसमें होगी। इनका क्रम और नाम दोनों ही सीकर की टॉप 5 NEET अकैडमी के लिए बदल जाने वाला है। तो आइए जाने सीकर के टॉप 5 NEET इंस्टीट्यूट के बारे में।

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन
  2. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट
  3. एलन इंस्टीट्यूट
  4. सीएलसी
  5. प्रिंस इंस्टीट्यूट

निष्कर्ष

इस तरह से आपने सीकर में टॉप इंस्टीट्यूट के रूप में JEE और NEET कोचिंग अकादमी (Sikar Best Coaching) के बारे में जान लिया है। इस सूची में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम पहले नंबर पर लिया जाता है। इसके लिए वहाँ का टॉप लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर होने के साथ-साथ फैकल्टी का अनुभव और स्टूडेंट्स का लगातार टॉप करना भी शामिल है। फिर एलन का नाम लिया जाता है तो फिर गुरुकृपा और प्रिंस अकैडमी भी कुछ कम नहीं है।

ऐसे में अगर आप JEE और NEET में से किसी एक की कोचिंग लेने का सोच रहे हैं तो आपको सीकर की टॉप मोस्ट अकैडमी से ही पढ़ना चाहिए। इसका लाभ आपको यह मिलेगा कि आपके JEE और NEET के एग्जाम में सिलेक्शन होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के कोचिंग संस्थान से टॉप लेवल की गाइडेंस भी मिलती है।

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प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग सबसे अच्छी है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए जिस कोचिंग का नाम टॉप पर लिया जाता है वह मैट्रिक्स नीट डिविजन है। इसके बाद गुरुकृपा इंस्टीट्यूट का नाम आता है।

प्रश्न: क्या सीकर नीट के लिए अच्छा है?

उत्तर: सीकर नीट के लिए बेस्ट सिटी कही जा सकती है क्योंकि यहाँ मैट्रिक्स, गुरुकृपा, प्रिंस जैसे जाने माने कोचिंग संस्थान हैं।

प्रश्न: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी और कोटा का एलन इंस्टीट्यूट है। आप दोनों में से किसी में भी एडमिशन ले सकते हैं।

प्रश्न: सीकर में नीट के लिए कौन सी कोचिंग रैंक 1 है?

उत्तर: सीकर में नीट के लिए मैट्रिक्स अकादमी की कोचिंग रैंक 1 है और उसके बाद गुरुकृपा का नंबर आता है।

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ऑफलाइन NEET की तैयारी में कितना खर्च आता है? (कोटा, सीकर, जयपुर, दिल्ली इत्यादि)

NEET Coaching Fees: आज हम नीट की तैयारी में आने वाले खर्चे की बात कर रहे हैं। अब यह चिंता स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पेरेंट्स को भी रहती है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस इतना ज्यादा होती है कि उसमें अपने बच्चे को भेजना किसी मिडिल क्लास फैमिली के लिए बुरे सपने से कम नहीं होता है। अब लोअर मिडिल क्लास और गरीब लोगों को तो भूल ही जाएं। यही कारण है कि पेरेंट्स अपने बच्चे को बेहतर से बेहतर नीट कोचिंग देने का प्रयास करते हैं।

साथ ही बात केवल पैसों की ही नहीं है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की फीस अवश्य ही ज्यादा है लेकिन फिर भी सरकारी मेडिकल कॉलेज डॉक्टर की तैयारी करवाने में टॉप पर आते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में फीस भी कम है और वहाँ पढ़ाई भी टॉप लेवल की होती है। इसलिए हर वह स्टूडेंट जो डॉक्टर बनना चाहते हैं, उनका लक्ष्य सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का होता है।

अब यदि आपको सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है तो उसके लिए नीट की कोचिंग लेने की जरुरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को यह भी जानना होता है कि नीट की तैयारी में उनका कितना तक खर्चा हो सकता (NEET coaching fees per month offline) है। ऐसे में आज हम इस विषय पर विस्तार से आपको जानकारी देने वाले हैं।

ऑफलाइन NEET की तैयारी में कितना खर्च आता है?

यहाँ हमने ऑफलाइन शब्द इसलिए जोड़ा है क्योंकि आज के समय में ऑनलाइन नीट की कोचिंग भी दी जा रही है। अब जो इंस्टीट्यूट केवल ऑनलाइन ही नीट की तैयारी करवाते हैं, उनकी फीस बहुत ही ज्यादा कम होती है लेकिन वहाँ पढ़ने का इतना लाभ देखने को नहीं मिलता है। वह इसलिए क्योंकि जो तैयारी क्लास में जाकर होती है, वह घर बैठे ऑनलाइन लेक्चर से नहीं हो सकती (NEET ki coaching fees kitni hai) है।

घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई तो आप यूट्यूब पर फ्री लेक्चर देखकर भी कर सकते हैं। अब उसमें ना तो क्लास का खर्चा आता है और ना ही एक टीचर को बार-बार पढ़ाना होता है। ऐसे में वे फीस कम लेंगे ही लेकिन उसका रिजल्ट ही ना मिले तो वह सारा का सारा पैसा व्यर्थ ही हुआ ना। इसलिए यहाँ हम ऑफलाइन अर्थात क्लास में जाकर नीट की कोचिंग लेने में कितना तक खर्चा आता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

अब वैसे तो नीट की कोचिंग हर शहर में दी जाती (NEET Coaching Fees) है लेकिन हम भारत के चार प्रमुख शहरों का अध्ययन करेंगे। यह चार शहर हैं कोटा, सीकर, जयपुर और दिल्ली। नीट की कोचिंग देने में अन्य शहरों की तुलना में इन चार शहरों का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को इनमें से किसी शहर में पढ़ने भेजते हैं तो आपको एक साल में कितना पैसा इन्वेस्ट करना होगा, आइए उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

कोटा नीट कोचिंग फीस

अगर हम नीट कोचिंग की बात करते हैं तो उसमें जिस शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह कोटा ही है। कोटा को केवल नीट के लिए ही नहीं बल्कि JEE की कोचिंग देने में भी टॉप लेवल का शहर माना जाता है। यहाँ पर सैकड़ों नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जहाँ पर लाखों स्टूडेंट्स कोचिंग ले रहे हैं। कोटा ने अपना यह नाम आज से नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से बनाया है। इस कारण यह आज के समय में नीट की कोचिंग देने में नंबर एक शहर माना जाता है।

अब अगर हम कोटा में नीट की फीस की बात करें तो वह सालाना 1 से 1.5 लाख तक चली जाती है। अब स्टूडेंट अगर कोटा का ही है तो कोई बात नहीं लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स तो दूसरे शहर या राज्य से नीट की कोचिंग लेने कोटा आते हैं। ऐसे में उन्हें वहाँ पर रहने, खाने पीने और यात्रा इत्यादि के खर्चे भी करने होते हैं।

तो कोटा शहर में रहने का खर्चा 8 से 12 हज़ार प्रति माह का लगता है। वहीं अन्य खर्चे भी 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह तक पहुँच जाते हैं। इस तरह से सभी को जोड़कर देखा जाए तो कोटा शहर में एक वर्ष के लिए नीट का कुल खर्चा 2.5 से 3 लाख के बीच में बैठ जाता (NEET coaching fees per year) है। 

सीकर नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं नीट की कोचिंग देने में भारत की दूसरी सबसे प्रसिद्ध सिटी सीकर की। मजे की बात यह है कि कोटा भी राजस्थान राज्य का एक शहर है तो यह सीकर भी। साथ ही सीकर कोटा से ज्यादा दूर भी नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सीकर के नीट कोचिंग संस्थान ने कुछ ऐसा कमाल किया है कि अब नीट की कोचिंग देने में कोटा के साथ-साथ सीकर शहर का नाम पूरे भारतवर्ष में लिया जाता है।

इसका मुख्य कारण है सीकर शहर के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट। इनमें कुछ चुनिंदा इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा इत्यादि हैं जहाँ नीट की टॉप लेवल की कोचिंग दी जा रही है। वहीं कोटा के प्रसिद्ध एलन इंस्टीट्यूट ने भी सीकर शहर में अपनी ब्रांच खोली हुई है। अब सीकर शहर में नीट कोचिंग फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से 1.2 लाख के बीच में होती है।

वहीं यदि हम स्टूडेंट के लिए होटल या रहने के खर्चे के बारे में बात करें तो वह 6 से 10 हज़ार रुपए प्रति माह बैठ जाता है। वहीं अन्य खर्चे 2 से 3 हज़ार रुपए प्रति माह है। इस तरह से सीकर शहर में नीट की कोचिंग लेने पर एक वर्ष में 2 से 2.5 लाख तक का खर्चा हो जाता है।

जयपुर नीट कोचिंग फीस

नीट की कोचिंग देने में राजस्थान राज्य की ही राजधानी जयपुर तीसरे नंबर पर आती है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान राज्य के यह तीन शहर नीट की कोचिंग देने में देशभर में टॉप 3 में आ जाते हैं। हालाँकि इसमें जयपुर से कभी दिल्ली आगे निकल जाता है तो कभी जयपुर आगे हो जाता है।

अब अगर हम जयपुर में नीट की कोचिंग फीस की बात करें तो वह 90 हज़ार से 1.3 लाख के बीच में आती है। वहीं अगर हम वहाँ रहने की बात करें तो उसमें 7 से 11 हज़ार रुपए प्रति माह लगते हैं। वहीं अन्य खर्चे 3 से 4 हज़ार के बीच में बैठते हैं। इस तरह से जयपुर में नीट की कोचिंग लेने में 2.5 से 3 लाख तक का खर्चा एक वर्ष में हो जाता (NEET coaching fees per year) है।

जयपुर में नीट के ऊपर होने वाला खर्चा कोटा के बराबर ही है। हालाँकि कोटा में नीट की कोचिंग फीस ज्यादा है तो वहीं जयपुर शहर में रहने, खाने पीने इत्यादि का खर्चा ज्यादा हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी है और वहाँ कई कंपनियों के ऑफिस भी हैं।

दिल्ली नीट कोचिंग फीस

अब बात करते हैं हमारे देश भारत की राजधानी दिल्ली की। दिल्ली में केवल नीट की ही नहीं बल्कि हर मुख्य एग्जाम की कोचिंग दी जाती है। फिर चाहे वह आईएस का एग्जाम हो या बैंक का। सीए की तैयारी करनी हो या नीट की। दिल्ली को एक तरह से सभी तरह के एग्जाम की कोचिंग लेने का हब माना जाता है। तभी तो यह भारत की राजधानी भी है।

अब अगर हम दिल्ली में नीट की कोचिंग फीस, रहने, खाने पीने इत्यादि की बात करें तो वह ऊपर दिए गए तीनों शहरों की तुलना में अधिक होती है। यहाँ नीट की कोचिंग फीस 1.2 से 1.8 लाख के बीच में होती है। वहीं दिल्ली में रहने का खर्चा एक माह का 10 से 15 हज़ार के आसपास बैठ जाता है। अन्य खर्चे 3.5 से 5 हज़ार के बीच में होते हैं।

इस तरह से यदि हम दिल्ली में नीट की कोचिंग लेने में ओवरऑल खर्चे को देखें तो वह 3 से 4 लाख के बीच में हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह ना केवल मेट्रो सिटी है बल्कि देश की राजधानी भी है। ऐसे में वहाँ सभी तरह के संसाधन और सुख-सुविधाएँ होने के कारण खर्चे भी बहुत ज्यादा होते हैं।

चारों का तुलनात्मक अध्ययन

ऊपर आपने ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में प्रति वर्ष कितना तक खर्चा हो जाता है, उसके बारे में भारत के टॉप 4 शहरों के बारे में जान लिया है। हालाँकि केवल इतनी जानकारी लेना ही पर्याप्त नहीं होता है। इसी के साथ ही आपको इन शहरों से नीट की कोचिंग लेने में क्या पॉजिटिव और नेगेटिव इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं, उस पर भी एक नज़र डाल लेनी (NEET ki coaching fees kitni hai) चाहिए। तो आइए उसके बारे में भी हम आपको बता देते हैं।

  • कोटा: कोटा अवश्य ही नीट की कोचिंग देने में पहले नंबर पर आता है लेकिन वहाँ का एक नेगेटिव पहलु यह है कि वहाँ स्टूडेंट्स के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर डाला जाता है और वे स्ट्रेस में रहते हैं। यही कारण है कि हम आए दिन कोटा में हो रहे सुसाइड की खबरें सुनते रहते हैं। हालाँकि इस पर काम किया जा रहा है लेकिन आज भी वहाँ का माहौल बहुत ही स्ट्रेस्ड रहता है।
  • सीकर: कोटा के स्ट्रेस वाले माहौल के कारण ही सीकर शहर नीट की कोचिंग देने में बाजी मार रहा है। वह इसलिए क्योंकि जहाँ एक ओर सीकर के मैट्रिक्स, गुरुकृपा जैसे इंस्टीट्यूट कोटा के टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट को कड़ी टक्कर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर, वहाँ के शांत वातावरण में स्टूडेंट और अधिक फोकस से पढ़ाई कर पाता है।
  • जयपुर: जयपुर भी नीट के लिए एक अच्छी पसंद हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ ना तो कोटा के जैसा स्ट्रेस है और इंस्टीट्यूट भी टॉप लेवल के हैं। हालाँकि यह सीकर से इस मामले में पीछे है क्योंकि सीकर ने JEE और नीट की कोचिंग पर मुख्य ध्यान दिया हुआ है जबकि जयपुर दिल्ली की तरह ही हर फील्ड में बराबर ध्यान देता है।
  • दिल्ली: दिल्ली का पहला नेगेटिव पॉइंट तो यही है कि यहाँ पर नीट की कोचिंग लेने में बहुत खर्चा हो जाता है। वहीं जो लोग सोच रहे हैं कि दिल्ली में फीस ज्यादा है तो कोचिंग भी बेहतर होगी तो ऐसा नहीं है। दिल्ली में कोचिंग इसलिए महँगी है क्योंकि वहाँ का लाइफ स्टाइल महंगा है। साथ ही दिल्ली में स्टूडेंट्स का ध्यान भी बहुत जल्दी भटक जाता है क्योंकि जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ हैं, वहाँ बहुत कम लोग ही अपनी नीट की तैयारी पर फोकस्ड रह पाते हैं।

स्कॉलरशिप भी है एक ऑप्शन

अब आप यह भी जान लें कि आपके बच्चे के पास भारत के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्कॉलरशिप पाने के भी मौके हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर तरह के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट अपने यहाँ एग्जाम कंडक्ट करवाते (NEET coaching fees per month offline) हैं। इस एग्जाम में अच्छा स्कोर करने वाले कुछ चुनिंदा होनहार स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती है।

मैट्रिक्स जैसी अकैडमी में तो स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत की भी स्कॉलरशिप दी जाती है। ऐसे में आप उस एग्जाम को दे सकते हैं और अपनी किस्मत को आजमा सकते हैं। यदि आप चुन लिए जाते हैं तो आपको नीट की कोचिंग फीस कुछ हज़ार रुपए ही देनी होगी। बस हर महीने रहने, खाने-पीने इत्यादि का खर्चा वहां करना होगा।

निष्कर्ष

आज हमने आपको बताया कि ऑफलाइन नीट की कोचिंग लेने में आपको कितना तक का खर्चा करना पड़ सकता (NEET Coaching Fees) है। इसके अनुसार ही आप अपना बजट बना सकते हैं। यदि आप सीकर से नीट की कोचिंग लेंगे तो दो से ढाई लाख, कोटा और जयपुर से ढाई से तीन लाख और दिल्ली से तीन से चार लाख तक का खर्चा हो सकता है।

आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स की पहली पसंद सीकर शहर इसलिए ही बन रहा है क्योंकि एक तो वहाँ नीट की कोचिंग फीस अन्य की तुलना में कम है और साथ ही माहौल भी बहुत सही है। वहाँ आपको मैट्रिक्स, प्रिंस, गुरुकृपा, एलन जैसे टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट भी मिल जाते हैं और पढ़ने के लिए एक सही माहौल भी।

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प्रश्न: नीट की 1 साल की फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि हम सामान्य तौर पर नीट कोचिंग लेने के लिए एक साल की फीस की बात करें तो वह 80 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक हो सकती है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग फीस कितनी होती है?

उत्तर: यदि आप अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग ले रहे हैं तो यह फीस एक लाख/ सालाना के आसपास बैठती है।

प्रश्न: नीट की तैयारी करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: नीट की तैयारी करने में कोचिंग, हॉस्टल, खाना-पीना इत्यादि सभी खर्चों को जोड़ दिया जाए तो यह सामान्य तौर पर डेढ़ से दो लाख एक साल का बैठता है।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कौन सी क्लास सबसे अच्छी है?

उत्तर: नीट की तैयारी आपको अपनी दसवीं कक्षा से ही शुरू कर देनी चाहिए। तभी आगे चलकर आपका जल्द से जल्द नीट में सलेक्शन हो पाएगा।

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