No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi: क्या आप डॉक्टर बनना चाहते हैं? क्या आप इसके लिए देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं? क्या आप इसके लिए नीट की तैयारी शुरू करने का सोच रहे हैं? क्या आपने नीट के विभिन्न कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए रिसर्च शुरू कर दी है? क्या अब आप उन सभी इंस्टीट्यूट को लेकर झंझट की स्थिति में हैं कि कौन सा नीट इंस्टीट्यूट देश का नंबर एक नीट इंस्टीट्यूट है?

किंतु इन सभी के बीच में क्या कभी आपने सोचा है कि आपके लिए इन सभी सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से कौन सा नीट कोचिंग संस्थान बेस्ट रहने वाला है!! दरअसल होता यह है कि बहुत बार टॉप के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की पब्लिसिटी या स्टूडेंट्स का सिलेक्शन बहुत ज्यादा होता है लेकिन वह स्टूडेंट्स के रेश्यो के हिसाब से बहुत कम रहता है।

यही कारण है कि आज के इस आर्टिकल में हम आपको देश का टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं बल्कि नंबर 1 अर्थात आपके लिए नंबर 1 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट कौन सा हो सकता (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है, उसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। साथ ही हम अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ उसकी तुलना भी करेंगे ताकि आप नंबर 1 और टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच के महीन अंतर को समझ सकें।

भारत में नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर कौन सा है?

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि नीट के एग्जाम का लेवल कैसा होता है? तो यदि आप नीट को सरल एग्जाम या थोड़ी बहुत तैयारी करके पास किया जा सकने वाला एग्जाम समझते हैं तो आप बहुत गलतफहमी में हैं। नीट का एग्जाम आईएस, आईपीएस जितना ही कठिन एग्जाम होता है। इसके लिए भी स्टूडेंट्स 2 से 4 वर्ष तक का परिश्रम करते हैं और तब भी बहुत से स्टूडेंट्स इसमें सफल नहीं हो पाते (No 1 NEET Coaching In India In Hindi) हैं।

यहाँ हम आपका मोरल या यूँ कहें कि आत्म-विश्वास कम करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं बल्कि आपके सामने सच्चाई को रख रहे हैं। अब आप सच्चाई को जानेंगे तभी तो हम उसका हल भी आपके सामने रखेंगे। तो नीट का एग्जाम एक बहुत ही मुश्किल एग्जाम अवश्य होता है लेकिन यदि सही नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से सही से पढ़ लिया जाए तो आप उन स्टूडेंट्स में भी हो सकते हैं जो पहली बार में ही नीट का एग्जाम अच्छे स्कोर से पास कर लेते हैं।

इसलिए आपका सचेत व सही दिशा में होना अति आवश्यक हो जाता (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। कई स्टूडेंट्स होते तो होशियार हैं लेकिन उन्हें सही समय पर सही मार्गदर्शन या यूँ कहें कि सही कोचिंग नहीं मिलती जिस कारण वे साल दर साल बस नीट का एग्जाम ही देते रह जाते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो पढ़ने में तो एवरेज होते हैं लेकिन सही कोचिंग से जुड़कर और सही टीचर्स के मार्गदर्शन में वे पहली या दूसरी बार में ही नीट में अच्छा स्कोर कर लेते हैं।

भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट

सबसे पहले तो हम आपको भारत देश के उन नीट इंस्टीट्यूट के नाम बता देते हैं जो आजकल हर किसी को पता होंगे या उनके शहर में इन कोचिंग इंस्टीट्यूट की कोई ना कोई ब्रांच खुल रखी होगी। तो उनमें से कुछ चुनिंदा नाम हैं:

  • एलन
  • आकाश
  • रेजोनेंस
  • नारायण
  • अनअकैडमी
  • वेदान्तु
  • फिजिक्स वल्लाह

ऐसे ही और भी कई नाम हैं जो नीट की कोचिंग देने के लिए पूरे देशभर में प्रसिद्ध हैं। यहाँ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बहुत ज्यादा है और उस हिसाब से सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स की भी। इनमें से अधिकांश इंस्टीट्यूट ऑफलाइन नीट की कोचिंग देने के साथ-साथ ऑनलाइन कोचिंग भी देते हैं। कुछ की शुरुआत ही ऑनलाइन क्लासरूम से हुई थी जो धीरे-धीरे ऑफलाइन में भी परिवर्तित होती चली गई।

अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये सभी भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) हैं जिसमें वर्तमान समय में एलन और आकाश का नाम सबसे पहले लिया जाता है। किंतु इसके अलावा भी एक कोचिंग इंस्टीट्यूट ऐसा है जिसने हाल के ही कुछ वर्षों में नीट की कोचिंग देनी शुरू की है और अब वह इन्हें कड़ी टक्कर दे रहा है। चलिए उसके बारे में भी जान लेते हैं।

भारत का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर

ऊपर तो आपने उन नीट कोचिंग सेंटर्स के नाम जाने जो पूरे देशभर में अपने स्टूडेंट्स की संख्या और पब्लिसिटी के कारण प्रसिद्ध हैं। हालाँकि आपके लिए प्रसिद्धि मायने नहीं रखनी चाहिए क्योंकि नीट इंस्टीट्यूट की प्रसिद्धि आपको एग्जाम में पास नहीं करवाएगी। आपको पास करवाएगा सही कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव और वहाँ पढ़ा रहे टीचर्स का बेस्ट से भी बेस्ट मार्गदर्शन।

ऐसे में अब हम और सस्पेंस ना रखते हुए आपको उस इंस्टीट्यूट का नाम बता ही देते हैं। तो भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट का नाम है सीकर की प्रसिद्ध मैट्रिक्स अकैडमी जिसे मैट्रिक्स जेईई अकैडमी के नाम से भी जाना जाता है। आपमें से कई लोगों ने इस अकैडमी का नाम सुन रखा होगा तो कई ने नहीं। वह इसलिए क्योंकि मैट्रिक्स अकैडमी की ना तो अन्य शहरों में ब्रांच है और ना ही यह ऑनलाइन क्लासरूम के तहत डिजिटल स्टडी करवाता है।

हालाँकि मैट्रिक्स अकैडमी को ही हमने भारत में नीट के नंबर 1 कोचिंग सेंटर के रूप में मान्यता यूँ ही नहीं दे दी (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। इसके लिए हमने डीप रिसर्च की है और सभी तरह के आकंड़ों का विश्लेषण किया है। उसी के आधार पर ही हमने इसे भारत का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर घोषित किया है। आइए इसके पीछे के कारणों को भी जान लेते हैं।

मैट्रिक्स अकैडमी क्यों है देश का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर?

अब आप सोच रहे होंगे कि हमने इतने सारे नीट कोचिंग सेंटर्स में से मैट्रिक्स अकैडमी को ही भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर के रूप में क्यों चुना? आखिरकार इस अकैडमी में ऐसा क्या ख़ास है जो इसे सबसे अलग और हटकर बनाता है? तो चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • एक से बढ़कर एक फैकल्टी

सबसे पहली और मुख्य बात जो मैट्रिक्स अकैडमी को इस सूची में नंबर 1 पर लाकर खड़ा करती है, वह है यहाँ की अनुभवी फैकल्टी जो ना केवल भारत के टॉप इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज से पढ़ी हुई है बल्कि उन्हें स्टूडेंट्स को नीट की कोचिंग देने का भी बहुत अच्छा अनुभव है। अब स्टूडेंट्स को सफल बनाने में गुरु की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह उसका जीवन बिगाड़ भी सकता है तो वहीं बना भी सकता है।

ऐसे में मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ा रहे कई टॉप टीचर्स जैसे कि आईआईटी खड़गपुर से पढ़े कपिल ढाका व नरेंद्र कोक सर, आईआईटी कानपूर से पढ़े अनुपम अग्रवाल सर SIST यूनिवर्सिटी से पढ़े राजेंद्र बुरडक सर प्रसिद्ध है। इनके मार्गदर्शन में आज तक हजारों स्टूडेंट्स ने अपना नीट में सिलेक्शन पक्का करवाया है। इतना ही नहीं, उन्हें भारत के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन तक मिला है।

  • स्टूडेंट टीचर रेश्यो का बैलेंस

किसी भी इंस्टीट्यूट को आगे बढ़ने के लिए अपने यहाँ के क्लासरूम में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का सही से ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए जो फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण है वह है स्टूडेंट टीचर का रेश्यो। अब कई नीट के कोचिंग सेंटर ऐसा करते हैं कि वे एक ही क्लास में 80 से 100 स्टूडेंट्स को ले लेते हैं। ऐसे में टीचर के लिए सभी स्टूडेंट्स के साथ इंटरैक्ट करना या उनके डाउट को सोल्व करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

वहीं मैट्रिक्स अकैडमी को जब हमने विजिट किया तो पाया कि वहाँ सभी बैच में स्टूडेंट टीचर के रेश्यो का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। यदि स्टूडेंट्स ज्यादा हो जाते हैं तो उनके दो बैच कर दिए जाते हैं, फिर चाहे टीचर को एक घंटा ज्यादा ही क्यों ना पढ़ाना पड़े। लेकिन स्टूडेंट्स के करियर के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता है। यह एक ऐसी बात थी जो हमें बहुत ही ज्यादा पसंद आई।

  • जगह-जगह बने डाउट सेंटर्स

अब कई बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स क्लास में अपने डाउट नहीं पूछ पाते हैं या फिर वे जब सेल्फ स्टडी करते हैं तो डाउट आ जाते हैं। ऐसे में वे अपने डाउट किस से और कब पूछें, यह सबसे बड़ा सवाल होता है। मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स की इसी दिक्कत को समझा और तुरंत एक्शन उठाते हुए अपने कोचिंग सेंटर में जगह-जगह डाउट सेंटर की स्थापना कर (No 1 NEET Coaching In India In Hindi) दी।

अब डाउट सेंटर वे सेंटर होते हैं जहाँ पर उस सब्जेक्ट का टीचर बैठा होता है। ऐसे में स्टूडेंट अपनी क्लास के अलावा कभी भी वहाँ जा सकता है और उस टीचर के साथ अपने डाउट पर बात कर सकता है। अब स्टूडेंट्स को क्लासरूम के अलावा यह फैसिलिटी भी अलग से मिलेगी तो क्या ही कहना। समय रहते यदि स्टूडेंट्स के डाउट भी क्लियर हो जाते हैं तो उसे आगे पढ़ने में कोई समस्या नहीं होती है।

  • स्ट्रक्चर्ड कोर्स प्लान और टेस्ट सीरीज

हमने मैट्रिक्स अकैडमी सहित अन्य टॉप अकैडमी का कोर्स प्लान और टेस्ट सीरीज भी मंगवाई। चाहे इस पर हमारा खर्चा अधिक हो गया लेकिन हमें इन्हें भी जांच कर देखना था और आपको बेस्ट इंस्टीट्यूट सजेस्ट करना था। जब हमने सभी का कोर्स प्लान या यूँ कहें कि स्टडी मटेरियल देखा और उसे सही से जांचा परखा तो पाया कि मैट्रिक्स अकादमी में हर एक चीज़ को प्रॉपर स्ट्रक्चर करके बनाया गया है।

यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि वहाँ के स्टडी मटेरियल को बहुत ही ध्यान से और सटीक बनाया गया है। इसे आप इस उदाहरण से समझें। मान लीजिए कि आपको फिजिक्स में 30 चैप्टर पढ़ने हैं। अब मैट्रिक्स अकैडमी ने उन चैप्टर्स का क्रम भी इस तरह से सेट किया हुआ है कि आपका अभी का चैप्टर अगले चैप्टर को समझने में सहायता करेगा। ऐसे ही बहुत से उदाहरण हैं जो हमें मैट्रिक्स अकैडमी के कोर्स प्लान में देखने को मिले।

  • हर चीज़ ऑनलाइन

अब जरा सोचिए कि जब आप नीट की तैयारी करते हैं तो आपके लिए एक-एक क्लास को अटेंड करना कितना जरुरी होता है। यदि एक भी क्लास मिस हो जाती है तो अगली बार की क्लास में आपको टॉपिक को समझने या उस पर फिर से अपनी पकड़ मजबूत बनाने में टाइम लग जाता है। अब आप कोई रोबोट या भगवान तो हैं नहीं कि आपसे हर क्लास अटेंड हो जाएगी। क्या पता घर पर कोई इमरजेंसी आ गई हो या फिर आप कहीं फंस गए हो या भगवान ना करे आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई समस्या हो गई हो तो ऐसी स्थिति में क्लास मिस होगी ही।

मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स की इन परेशानियों को भी अपने संज्ञान में लिया और इसका भी हल निकाल लिया। दरअसल जो भी स्टूडेंट अपनी क्लास को मिस कर देता (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है, वह अपनी अगली क्लास में बाकी स्टूडेंट्स से पीछे ना रह जाए, उससे बचने के लिए उसे मिस की हुई क्लास की वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवाई जाती है। इससे स्टूडेंट अपने घर बैठे ही क्लास को अटेंड कर लेता है ताकि अगली क्लास में वह भी बाकी स्टूडेंट्स की तरह पूरी तैयारी के साथ आए।

भारत की नंबर 1 नीट अकैडमी बनाम टॉप नीट अकैडमी

अब हम आपको यह भी बता देते हैं कि आखिरकार मैट्रिक्स अकैडमी तुलनात्मक रूप से किस रूप में भारत के अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से अलग और ख़ास है। इसे हम कुछ पॉइंट्स की सहायता से आपको समझाने का प्रयास करेंगे। चलिए जानते (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) हैं।

  • कम भीड़: यदि आप दिल्ली, कोटा जैसे शहरों में जाएंगे तो वहाँ आपको नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स का हुजूम दिखाई देगा। वहीं दूसरी ओर सीकर शहर एकदम शांत है और पढ़ाई के लिए अनुकूल भी और जब बात सीकर शहर में मैट्रिक्स अकैडमी की हो रही है तो वहाँ का माहौल तो और भी ज्यादा अच्छा है क्योंकि वहाँ हर क्लास को स्टूडेंट्स की संख्या और उनकी पसंद को ध्यान में रखकर डिजाईन किया गया है।
  • कम फीस: एक बात और है जो मैट्रिक्स अकैडमी को अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से अलग बनाती है और वह है इनका फीस स्ट्रक्चर। आमतौर पर उन नीट अकैडमी की फीस कम होती है जो ज्यादा अच्छी नहीं होती है या इतनी प्रसिद्ध नहीं होती है। किंतु मैट्रिक्स अकैडमी प्रसिद्ध व टॉप की अकैडमी होने के बाद भी अपने स्टूडेंट्स के लिए फीस मॉडरेट करके रखती है। वहीं यहाँ पर एग्जाम को देकर स्कॉलरशिप भी ली जा सकती है।
  • टॉप गाइडेंस: मैट्रिक्स अकैडमी सहित अन्य सभी अकादमी में स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन किया जाता है लेकिन मैट्रिक्स में इसे लेकर एक अलग से रणनीति बनाई गई है। यहाँ पर टीचर्स के साथ-साथ उन स्टूडेंट्स को भी बुलाया जाता है जो पहले मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ चुके हैं और अब देश के टॉप मेडिकल कॉलेज में स्टडी कर रहे हैं। इसी के साथ ही इसके लिए एक्सपर्ट सेशन भी आयोजित किए जाते हैं।
  • पेरेंट्स मॉनिटरिंग: कोचिंग सेंटर और टीचर अपने स्टूडेंट्स पर उतना ध्यान नहीं रख सकते हैं जितना कि पेरेंट्स। ऐसे में पेरेंट्स का समय-समय पर अपने बच्चे को मॉनिटर करना आवश्यक हो जाता है। मैट्रिक्स अकैडमी ने इसकी भी पूरी व्यवस्था कर रखी है ताकि कोई बच्चा हाथ से निकल ना जाए या फिर वह डिप्रेशन या किसी तरह के मानसिक दबाव में ना आने पाए।
  • सिलेक्शन रेश्यो: यह एक ऐसा फैक्टर है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इसे हम उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए कि एलन में 1000 स्टूडेंट्स नीट की तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 100 स्टूडेंट्स नीट में सेलेक्ट होते हैं तो वहीं मैट्रिक्स में 500 में से 80 सेलेक्ट होते हैं तो अब जरा आप ही सोचिए कि बेहतर रिजल्ट किसने दिया? आशा है कि आप हमारे कहने का तात्पर्य समझ गए होंगे।

निष्कर्ष

आज हमने भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर के बारे में बहुत ही गहन रिसर्च करके उसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपके सम्मुख रखी (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। आशा है कि आपको हमारे द्वारा किया गया यह विश्लेषण पसंद आया होगा। अंत में हम आपको यही एक बात बोलना चाहेंगे कि आपका अभी लिया गया निर्णय ही आपके भविष्य की संभावनाओं की लकीर खींचेगा। इसलिए जो भी निर्णय लें, वह बहुत ही सोच-समझ कर और अपनों से विचार-विमर्श करने के बाद ही लें।

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प्रश्न: नीट के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग में सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम टॉप पर आता है। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की आकाश अकैडमी आती है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग में सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी नंबर एक पर आती है। इसके बाद आप एलन, आकाश, रेजोनेंस अकैडमी को जोड़ सकते हैं।

प्रश्न: नीट के लिए कौन सा संस्थान बेस्ट है?

उत्तर: नीट के लिए सीकर शहर का मैट्रिक्स संस्थान सबसे बेस्ट है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पर स्टूडेंट्स के हिसाब से प्रॉपर स्टडी प्लान स्ट्रक्चर किया गया है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छी स्टडी मटेरियल किस संस्थान में है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छी स्टडी मटेरियल मैट्रिक्स संस्थान सीकर में है। जब हमने वहाँ के स्टडी मटेरियल के बारे में पढ़ा तो वह आश्चर्यजनक रूप से टॉप क्लास का निकला।

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Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai: क्या आपने अपनी स्कूल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है और अब आप आगे JEE Main की परीक्षा देने को इच्छुक हैं!! ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स के मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या JEE Main का पेपर हिंदी में भी होता है या वह केवल अंग्रेजी भाषा में ही लिया जाता है। इसीलिए आज हम आपकी इस शंका का समाधान करते हुए बता दें कि JEE Main का एग्जाम हिंदी में भी आयोजित करवाया जाता है।

हालाँकि आपका केवल यह जान लेना कि JEE Main का एग्जाम हिंदी में भी होता है, पर्याप्त नहीं (JEE Main ka paper Hindi me hota hai ya English) है। आपको इसके अलावा और भी बहुत कुछ जानने की जरुरत है जो हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं। आज का यह लेख JEE Main एग्जाम के पैटर्न और उसकी भाषा के ऊपर ही लिखा गया है। आइए जानते हैं JEE Main पेपर की भाषा और अन्य चीज़ों के बारे में।

क्या JEE Main का पेपर हिंदी में होता है?

सबसे पहले तो हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर दे देते हैं कि क्या JEE Main का पेपर हिंदी में होता है या नहीं। तो इसका उत्तर है हां। भारत में JEE Main का एग्जाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित करवाया जाता है। ऐसे में आप JEE Main की परीक्षा देने को इच्छुक हैं तो उसका फॉर्म भरते समय इस बात का ध्यान रखें।

वह इसलिए क्योंकि जब आप JEE Main का फॉर्म भर रहे होंगे तो आपसे परीक्षा के लिए भाषा का चयन करने को पूछा जाएगा। यदि आपने यहाँ पर हिंदी को नहीं चुना तो फिर आपका पेपर हिंदी में नहीं आएगा। वैसे एक बात और भी जान लें कि JEE Main की परीक्षा केवल हिंदी या अंग्रेजी में ही नहीं अपितु भारतवर्ष की 12 राजकीय भाषाओं और एक विदेशी भाषा उर्दू में आयोजित की जाती है।

इसलिए सबसे पहले हम आपको इन भाषाओं की सूची दे देते (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) हैं, जिसके अंतर्गत आप JEE Main का एग्जाम दे सकते हैं।

  1. हिंदी
  2. अंग्रेजी
  3. तमिल
  4. तेलुगु
  5. मलयालम
  6. कन्नड़
  7. पंजाबी
  8. गुजराती
  9. मराठी
  10. बंगाली
  11. आसामी
  12. ओड़िया
  13. उर्दू

इस तरह से यदि आप JEE Main का एग्जाम देने को इच्छुक हैं तो आप ऊपर दी गई 13 भाषाओं में किसी भी एक भाषा का चयन कर सकते हैं। यहाँ आप यह भी जान लें कि इसमें हिंदी व अंग्रेजी भाषा तो भारत के हर राज्य में उपलब्ध है लेकिन अन्य  भाषाओं के लिए आपको उसके राज्य का ध्यान अवश्य रखना होगा। इसके बारे में हम आपको एक-एक करके नीचे बता देते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai ya English) हैं।

क्या JEE Main का एग्जाम हिंदी में कहीं भी दे सकते हैं?

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह एग्जाम भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवाती है। अब इस एजेंसी के द्वारा भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में JEE Main की परीक्षा को हिंदी व अंग्रेजी दोनों में देने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इसे आप इस तरह से समझें कि आप भारत के किसी भी राज्य में रहते हो या वहाँ के रहवासी हो, और उस राज्य में हिंदी ना भी बोली जाती हो, तो भी आपको वहाँ पर JEE Main का पेपर हिंदी में मिल जाएगा।

इस तरह से आपको JEE Main का एग्जाम हिंदी में देने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह एग्जाम आपको हिंदी में मणिपुर में भी मिलेगा तो वहीं महाराष्ट्र में भी इसकी सुविधा होगी। साथ ही यही सुविधा अंग्रेजी प्रश्न पत्र को लेकर भी दी गई (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) है।

JEE Main का पेपर अन्य भाषाओं में

अब आपने हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 11 अन्य भाषाएँ भी देखी। JEE Main का एग्जाम इन भाषाओं में भी आयोजित करवाया जाता है लेकिन भारत के हरेक राज्य में नहीं। अन्य 11 भाषाएँ जिस भी राज्य की आधिकारिक भाषा है या वहाँ पर यदि बहुतायत में बोली जाती है तो वहाँ उस भाषा में पेपर देने की अनुमति होगी।

उदाहरण के तौर पर यदि आपको JEE Main की परीक्षा मराठी में देनी है तो उसकी सुविधा केवल महाराष्ट्र में ही होगी, ना कि राजस्थान या हरियाणा में। उसी तरह यदि आपको यह पेपर मलयालम में देना है तो उसकी सुविधा केवल केरल या तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में होगी, अन्यत्र नहीं। इसलिए आप जिस भी राज्य से JEE Main का फॉर्म भर रहे हैं, आपको वहाँ की आधिकारिक भाषा, यदि वह इन 11 भाषा में है, तो उसमें देने की अनुमति होगी।

JEE Main का एग्जाम ऑनलाइन है या ऑफलाइन?

अब आप यह भी जान लें कि आप जिस भी भाषा में JEE Main का एग्जाम चुने, वह होगा ऑनलाइन ही। कहने का अर्थ यह हुआ कि JEE Main की परीक्षा ऑफलाइन नहीं ली जाती है और यह पूर्ण रूप से ऑनलाइन परीक्षा है। इसलिए आपका पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, तेलुगु में हो या बंगाली में, वह ऑनलाइन ही आयोजित किया (Kya JEE Ka Paper Hindi Me Hota Hai) जाएगा।

यह 3 घंटे की परीक्षा होती है जिसमें तीन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित विषय आते हैं जिन्हें आपको देना होता है। ऐसे में आपको अपनी तैयारी भी वैसी ही रखनी चाहिए ताकि आगे चलकर किसी तरह की परेशानी ना होने पाए।

JEE Main एग्जाम का सेंटर

जब आप JEE Main एग्जाम को देने के लिए फॉर्म को भर रहे होते हैं तो आपसे कई तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें आपसे भाषा का चयन करने को तो कहा ही जाता है लेकिन उसी के साथ ही आपको अपने राज्य या पसंदीदा सेंटर का चयन करना होगा। अब आप जिस भी राज्य से फॉर्म भर रहे हैं या आप अपनी पसंद में जिस भी राज्य को महत्व देते हैं, उसका चुनाव करने को आपको कहा जाएगा।

फिर जब आपका JEE Main एग्जाम का एडमिशन फॉर्म आएगा तो उसमें एग्जाम सेंटर उसी राज्य का दिया गया होगा, जिसे आपने अपने फॉर्म में भरा है। आप एग्जाम सेंटर नहीं चुन सकते हैं लेकिन आप अपना राज्य चुन सकते हैं। फिर एग्जाम सेंटर आपके उसी राज्य के अंतर्गत ही आता है।

क्या JEE Advanced का एग्जाम भी हिंदी में होता है?

अब जो स्टूडेंट्स अपनी JEE Main की परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो उनके लिए आगे के दरवाजे खुल जाते हैं। अब JEE Main को पास करने पर आपको NIT जैसे सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलता है जो देश के दूसरे नंबर के टॉप मोस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। हालाँकि यदि आपको देश के नंबर 1 इंजीनियरिंग कॉलेज अर्थात आईआईटी में प्रवेश लेना है तो उसके लिए आपको JEE Main के बाद दी जाने वाली JEE Advanced की परीक्षा को पास करना होगा।

अब यह JEE Advanced का एग्जाम एक बारी में नहीं बल्कि दो भागों में होता है। यह दो भाग एक ही दिन में आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स के मन में अब यह प्रश्न उठ रहा होगा कि क्या JEE Main की तरह ही JEE Advanced की परीक्षा भी हिंदी में होती होगी या नहीं। तो यहाँ हम आपकी इस शंका का भी समाधान कर देते हैं। JEE Main की तरह ही JEE Advanced के एग्जाम को भी हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित करवाया जाता (Kya JEE Ka Paper Hindi Me Hota Hai) है।

हालाँकि यहाँ आप इस बात का ध्यान रखें कि इसे केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही आयोजित करवाया जाता है, अन्य भारतीय भाषाओं में नहीं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि ऊपर आपने जो 13 भाषाओं की सूची देखी, जिसके अंतर्गत आपको JEE Main की परीक्षा देने की अनुमति थी, वैसी सुविधा आपको JEE Advanced के एग्जाम को लेकर नहीं मिलेगी। JEE Main के अंतर्गत आपको केवल दो ही भाषाएँ चयन के लिए मिलेगी जो हिंदी व अंग्रेजी होगी।

JEE Main पेपर में कितने प्रश्न आएंगे?

अब आपने यह तो जान लिया है कि आप JEE Main की परीक्षा को हिंदी में दे सकते हैं लेकिन आपके लिए यह जानना भी जरुरी हो जाता है कि इसमें आपसे कितने प्रश्न पूछे जाएंगे। तो यहाँ आप जान लें कि JEE Main के एग्जाम में कुल 75 प्रश्न आते हैं। इसमें से प्रत्येक विषय के 25-25 प्रश्न होते हैं जिनमें से 20-20 प्रश्न MCQs होते हैं तो वहीं 5-5 प्रश्न नुमेरिकल होते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai) हैं।

कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित से कुल 60 प्रश्न MCQs मिलेंगे। इसमें आपको 4 से 5 विकल्प दिए जाएंगे जिनमें से कोई एक सही उत्तर होगा। अब आपको इसे ही चुनना होगा। वहीं इन प्रत्येक विषय से कुल 15 प्रश्न संख्यात्मक आएंगे अर्थात आपको रफ वर्क करके उसका सही उत्तर निकाल कर एक संख्या भरनी होगी।

साथ ही हरेक प्रश्न का उत्तर देना अनिवार्य होगा अर्थात आपको उसका कोई विल्कल्प नहीं मिलेगा। पहले के समय में 90 प्रश्न आते थे जिनमें से 75 प्रश्न को हल करना होता था। अब 75 प्रश्न ही आते हैं और सभी का उत्तर देना अनिवार्य होता है। हालाँकि आपको जिसका उत्तर नहीं आता है या जिसमें आपको डाउट है तो आप उसे छोड़ भी सकते हैं।

JEE Main की हिंदी में तैयारी कहाँ से करें?

आज के समय में हर कोचिंग इंस्टीट्यूट JEE Main की तैयारी करवाने के लिए अंग्रेजी भाषा पर ही जोर देता है। आप चाहे अपने शहर के कोचिंग सेंटर ले लीजिए या मेट्रो सिटी के। अब जो कोचिंग सेंटर हिंदी में भी पढ़ा रहे हैं, वहाँ भी उस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।

ऐसे में जब हमने भारत के टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में रिसर्च की तो पाया कि उनमें से केवल मैट्रिक्स अकैडमी ही छात्रों को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में JEE Main की कोचिंग दे रही है। मैट्रिक्स अकैडमी राजस्थान के सीकर शहर में स्थित है और आज के समय में देश की टॉप मोस्ट कोचिंग अकैडमी है।

यहाँ पर स्टूडेंट्स के माध्यम के अनुसार हिंदी व अंग्रेजी के लिए अलग-अलग बैच बनाए जाते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai) हैं ताकि छात्रों को किसी तरह की समस्या ना होने पाए। ऐसे में आपके लिए भी मैट्रिक्स अकैडमी बेस्ट रहेगी क्योंकि यहाँ से आपको अनुभवी फैकल्टी से JEE Main की तैयारी हिंदी में करने की सुविधा मिलेगी।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने यह तो जान ही लिया है कि आप अपनी JEE Main की परीक्षा को हिंदी में दे सकते (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) हैं। इसी के साथ ही आपने JEE Main एग्जाम के बारे में और भी बहुत कुछ जान लिया है। वहीं आप JEE Main की हिंदी में तैयारी कहाँ से कर सकते हैं, उसके बारे में भी हमने बता दिया है।

यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न है या आप हम से कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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प्रश्न: क्या जी एडवांस का पेपर हिंदी में होता है?

उत्तर: जी हां, जी एडवांस का पेपर हिंदी में भी होता है। यह पेपर आप भारत के किसी भी राज्य में हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दे सकते हैं।

प्रश्न: JEE Advanced का पेपर किस भाषा में होता है?

उत्तर: JEE Advanced का पेपर दो भाषाओं में आयोजित करवाया जाता है। यह भाषाएँ हिंदी व अंग्रेजी है।

प्रश्न: क्या जेईई का पेपर हिंदी में होता है?

उत्तर: जी हां, भारत सरकार के द्वारा जेईई का पेपर हिंदी में देने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा यह अंग्रेजी सहित 11 अन्य भषाओं में भी आयोजित करवाया जाता है।

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Matrix Academy Sikar Review In Hindi: JEE और NEET की एक बहुत ही फेमस अकैडमी है जिसका नाम है मैट्रिक्स अकैडमी। यह अकैडमी राजस्थान राज्य के सीकर शहर में स्थित है। पहले के समय में JEE और NEET की तैयारी करने के लिए दो से तीन इंस्टीट्यूट का नाम ही सुनने को मिलता था। जैसे कि एलन या आकाश इत्यादि। हालाँकि आज के समय में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम हर कोई स्टूडेंट जानता है।

आखिरकार इसके पीछे का कारण क्या है!! मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स पर ऐसा क्या जादू किया है कि इसने JEE और NEET में दिग्गज कोचिंग इंस्टीट्यूट को भी पीछे छोड़ दिया (Is Matrix good for IIT) है या उन्हें कड़ी टक्कर दे रही है। इसका जवाब जानने के लिए हमने मैट्रिक्स अकैडमी पर कई दिनों तक रिसर्च की और वहाँ पढ़ रहे कई स्टूडेंट्स से बात की और उनके पेरेंट्स से भी संपर्क साधा।

इसी के साथ ही हमने अन्य टॉप लेवल के JEE और NEET कोचिंग इंस्टीट्यूट और मैट्रिक्स अकैडमी के बीच में तुलना भी की। उसी के आधार पर हम यह आर्टिकल लिख रहे हैं जो मैट्रिक्स अकैडमी की विशेषताओं को आपके सामने रखेगा। चलिए जानते हैं कि आखिरकार सीकर की इस मैट्रिक्स अकैडमी में ऐसा क्या ख़ास है जो इसे बाकी अकैडमी से एकदम अलग लाकर खड़ा कर देता है।

मैट्रिक्स अकैडमी की विशेषताएं

जो स्टूडेंट्स JEE और NEET की तैयारी कर रहे हैं उन्होंने समय-समय पर कई चीज़ों के चलते मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सुन रखा (Is Matrix good for NEET) होगा। अब तो यह अकैडमी इतनी ज्यादा प्रसिद्ध हो चुकी है कि यहाँ एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स दूर-दूर के राज्यों से भी आ रहे हैं। इसका कारण है यहाँ का इंफ्रास्ट्रक्चर, अनुभवी फैकल्टी, डाउट सेंटर्स, और भी बहुत कुछ।

अब कहने को तो बहुत सी चीजें हैं जो इस अकैडमी को बाकियों से अलग करती (Matrix Academy Sikar Review In Hindi) है लेकिन हम आपके सामने कुछ मुख्य पॉइंट्स को रखने जा रहे हैं। इन्हें ही हम मैट्रिक्स अकैडमी की विशेषताएं कह सकते हैं, चलिए जानते हैं।

#1. फाउंडेशन कोर्स

अधिकतर JEE और NEET के जो कोचिंग सेंटर्स हैं, उनके बस कोचिंग सेंटर ही होते हैं। हालाँकि मैट्रिक्स अकैडमी के साथ ऐसा नहीं है। सीकर में मैट्रिक्स अकैडमी के JEE और NEET के कोचिंग सेंटर तो हैं ही लेकिन साथ ही उनके स्कूल भी हैं। अब ऐसे में मैट्रिक्स के द्वारा फाउंडेशन कोर्स की सुविधा दी जाती है जो कि एकदम ही नया कॉन्सेप्ट है। कहने का मतलब यह हुआ कि यदि आप अभी स्कूल में हैं तो आप अलग से कोचिंग लेने की बजाए मैट्रिक्स के स्कूल में ही फाउंडेशन कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।

यह कोर्स क्लास छठी से ही शुरू हो जाता है। तो इस तरह से आप मैट्रिक्स के स्कूल में पढ़ते हुए अपनी क्लास की तैयारी तो करेंगे ही करेंगे बल्कि साथ ही आगे के लिए JEE और NEET की तैयारी भी शुरू कर देंगे। एक तरह से आपकी तैयारी बहुत पहले से ही शुरू हो जाएगी और वो भी धीरे-धीरे। फिर जब आप अपनी बारहवीं क्लास को पास करेंगे तो आपके लिए JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करना बहुत ही सरल हो जाएगा।

#2. टॉप क्लास फैसिलिटी

यदि आपने अभी तक मैट्रिक्स अकैडमी को विजिट नहीं किया (Is Matrix good for IIT) है या उनके सेंटर में जाकर नहीं देखा है तो हम एक बार आपको यही सलाह देंगे कि आप कम से कम वहाँ होकर आएं। जब हमने वहाँ विजिट किया तो वहाँ की फैसिलिटी देखकर दंग रह गए। वह इसलिए क्योंकि मैट्रिक्स अकैडमी ने अपने स्टूडेंट्स के लिए विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध करवा रखी है।

वहाँ आपको कैंपस से लेकर क्लास रूम, उनका डिजाईन, पढ़ाने का तरीका, टेक्नोलॉजी, मीटिंग रूम इत्यादि हर कुछ मॉडर्न मिलेगा। इससे स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा मदद मिलती है। साथ ही इस तरह की फैसिलिटी में पढ़ने से स्टूडेंट जल्दी से चीज़ों को कैच कर पाता है। इससे उसके लिए JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

#3. फैकल्टी का एक्सपीरियंस

जब भी कोई स्टूडेंट JEE और NEET की कोचिंग लेने के लिए किसी इंस्टीट्यूट से जुड़ता है तो उसके लिए एक चीज़ सबसे ज्यादा मायने रखती है और वह है वहाँ पढ़ा रही फैकल्टी। यदि स्टूडेंट को अपने लिए एक अच्छी फैकल्टी या टीचर मिल जाता है तो मान लो उसका आधा काम तो यहीं हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि उस स्टूडेंट के लिए सभी तरह के कॉन्सेप्ट को समझाने का काम वही टीचर ही कर रहा होगा।

अब जब हमने मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ा रहे टीचर्स के बारे में जाना तो वह अनुभवी होने के साथ-साथ देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़े हुए (Why Matrix Academy is Famous) मिले। फिर चाहे आप अनुपम अग्रवाल सर को ले लीजिए जो IIT कानपुर से पढ़े हुए हैं तो वहीं कपिल ढाका सर जो IIT खड्गपुर से ग्रेजुएट हैं। ऐसे ही आपको एक से बढ़कर एक फैकल्टी मैट्रिक्स अकैडमी में देखने को मिल जाएगी।

#4. डाउट सेंटर्स

एक बात जो मैट्रिक्स अकैडमी को बाकी सभी JEE और NEET कोचिंग सेंटर से अलग बनाती है वह है यहाँ के कैंपस में जगह-जगह खुले हुए डाउट सेंटर्स। अक्सर हमने स्टूडेंट्स को इस बात के लिए टेंशन लेते हुए देखा है कि उनके डाउट समय पर सोल्व नहीं हो पाते हैं जिस कारण वे अपनी पढ़ाई में बाकियों से पिछड़ जाते हैं। मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स की इस समस्या को समझा और अपने कैंपस में इसके लिए अलग से व्यवस्था की।

दरअसल होता क्या है कि स्टूडेंट क्लास में अपने सभी डाउट पूछ नहीं पाता है और ना ही फैकल्टी के पास हर एक स्टूडेंट के डाउट को सोल्व करने का इतना समय होता है। ऐसे में मैट्रिक्स में आपको जगह-जगह डाउट सेंटर मिलेंगे जहाँ पर फैकल्टी बैठी होती है। आप वहाँ पर कभी भी अपने डाउट लेकर जा सकते हैं और वह फैकल्टी ना केवल आपके डाउट को क्लियर कर देगी बल्कि आपको उस प्रश्न को हल करने के विभिन्न तरीके भी बताएगी।

#5. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों

वैसे तो मैट्रिक्स अकैडमी में ऑफलाइन क्लास ही ली जाती है और वह सही भी (Matrix Academy Sikar Review In Hindi) है। आपको मैट्रिक्स अकैडमी के कैंपस में जाकर क्लास रूम में बैठकर लेक्चर अटेंड करना होगा। हालाँकि इसका अर्थ यह भी नहीं है कि यहाँ आपको ऑनलाइन कुछ नहीं मिलेगा। दरअसल मैट्रिक्स अकैडमी ने अपने यहाँ की फैसिलिटी में एक काम यह भी किया हुआ है कि वह हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाता है।

ऐसे में आप किसी लेक्चर को किसी कारणवश स्किप कर देते हैं या क्लास में समय पर नहीं पहुँच पाते हैं या किसी पारिवारिक कारण से घर जाते हैं तो आपको घर बैठे ही क्लास रूम की वीडियो रिकॉर्डिंग मिलेगी। इससे जब आप वापस लौट कर आएंगे तो आप अपने आप को बाकियों की अपेक्षा पीछे नहीं पाएंगे और आपका सिलेबस भी साथ के साथ चलता रहेगा।

#6. हर दिन ओपन रहना

एक और बात जो हमें मैट्रिक्स अकैडमी की अच्छी लगी, वह है अपने स्टूडेंट्स के लिए वर्ष के हरेक दिन ओपन रहना अर्थात अपने कोचिंग सेंटर के दरवाजे हमेशा खुले रखना। अब कई कोचिंग इंस्टीट्यूट ऐसे हैं जो अपने यहाँ रविवार की या फिर वार त्यौहार की छुट्टी कर देते हैं लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी के साथ ऐसा नहीं है।

अब होली, दिवाली के दिन कोचिंग की छुट्टी भी है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि उस दिन कोचिंग सेंटर भी बंद रहेगा। वह आपके लिए वर्ष के 365 दिन खुला रहेगा। ऐसे में आप वहाँ जाकर पढ़ सकते हैं या अपने डाउट सोल्व करवा सकते हैं। यह मैट्रिक्स अकैडमी की एक ऐसी विशेषता है जो शायद ही किसी अन्य JEE और NEET के कोचिंग सेंटर के पास हो।

#7. काउंसलिंग व मोटिवेशन

अब स्टूडेंट दिन रात पढ़ता तो रहता है लेकिन बीच बीच में उसे मोटीवेट करने की बहुत जरुरत पड़ती है। वह इसलिए क्योंकि उसके आसपास का माहौल बहुत ही तनाव भरा हो सकता है या उस पर परिवार का बहुत ज्यादा दबाव हो या वह एक या दो बार असफल भी हो चुका हो। हर स्टूडेंट की अपनी अलग-अलग समस्या हो सकती है और उस पर हम जाना भी नहीं चाहते (Is Matrix good for NEET) हैं।

हम तो आपको यह बताने जा रहे हैं कि मैट्रिक्स अकैडमी ने इसके लिए भी एक समाधान निकाला हुआ है। दरअसल समय-समय पर यहाँ काउंसलिंग सेशन आयोजित किए जाते हैं जिसमें स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान किया जाता है। इसी के साथ ही यहाँ पर एक्सपर्ट या एक्स स्टूडेंट्स के सेशन भी होते हैं जो स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने का काम करते हैं।

#8. हॉस्टल का माहौल

जो स्टूडेंट्स सीकर शहर के ही हैं, वे तो रोजाना अपने घर से पढ़ने आते होंगे लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी अब पूरे भारत देश में प्रसिद्ध हो चुकी है। ऐसे में यहाँ पर राजस्थान के विभिन्न शहरों और भारत के कई राज्यों से स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं। अब वे सीकर शहर में आएंगे तो अवश्य ही उनके लिए मैट्रिक्स अकैडमी के द्वारा हॉस्टल की सुविधा भी दी गई होगी।

हॉस्टल तो आपको हर बड़े JEE और NEET कोचिंग सेंटर के मिल जाएंगे लेकिन जब हमने मैट्रिक्स अकैडमी के हॉस्टल को विजिट किया तो वहाँ का माहौल देखकर हमारे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। दरअसल ज्यादातर हॉस्टल में स्टूडेंट्स अनुशासन का पालन नहीं करते हैं और हुडदंग मचाते हैं लेकिन यहाँ का माहौल वाकई में आश्चर्यजनक था। यहाँ पर स्टूडेंट्स को हर तरह की फैसिलिटी दी गई थी, पढ़ाई के लिए अलग से भी रूम्स थे और साथ ही फ्री टाइम में खेलने के लिए भी बहुत सारी सुविधाएँ थी।

#9. क्लास का साइज़

अब यदि आप नामी JEE और NEET कोचिंग सेंटर में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि वहाँ के एक बैच का साइज़ बहुत ज्यादा होता है। अब स्टूडेंट्स तो उन कोचिंग सेंटर का नाम सुनकर धड़ल्ले से एडमिशन ले लेते हैं लेकिन कोचिंग इंस्टीट्यूट वाले एक-एक क्लास में 100-100 स्टूडेंट्स को भर लेते हैं। फिर टीचर को भी माइक पकड़ा दिया जाता है ताकि उसकी आवाज क्लास रूम के आखिरी स्टूडेंट तक अच्छे से पहुँच (Why Matrix Academy is Famous) सके।

मैट्रिक्स अकैडमी के साथ ऐसा नहीं है। यदि उनकी क्लास में मैक्सिमम 50 स्टूडेंट्स भी हो जाते हैं तो वे नया बैच बना देते हैं। इससे होता क्या है कि टीचर को अपने यहाँ पढ़ रहे स्टूडेंट्स को अच्छे से समझने और जानने का समय मिलता है। स्टूडेंट भी अपने टीचर के साथ अच्छे से इंटरैक्ट कर पाता है और उसे टॉपिक समझने में इतनी कठिनाई भी नहीं आती है।

#10. फीस और स्कॉलरशिप

हमने कई तरह के JEE और NEET कोचिंग सेंटर के लेवल और उसके हिसाब से उनकी फीस का आंकलन किया। इसे देखकर हमने पाया कि जिन कोचिंग सेंटर का नाम हो चुका है उन्होंने अपनी फीस को आश्चर्यजनक रूप से बहुत ऊँचा कर रखा है। वहीं जो कोचिंग सेंटर अभी नए हैं या ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हैं, वे कम फीस में भी स्टूडेंट्स को पढ़ाने को तैयार हैं। हालाँकि वहाँ उस तरह की सुविधा और प्रॉपर फैकल्टी नहीं मिल पाती है।

वहीं जब हमने मैट्रिक्स अकैडमी के फीस स्ट्रक्चर को देखा तो वह एकदम सही लगा। वहाँ की फीस ना तो बहुत ज्यादा थी और ना ही कम। एक तरह से वे जिस फीस पर अपने स्टूडेंट्स को टॉप क्लास की फैकल्टी और फैसिलिटी दे रहे थे, उसके हिसाब से बाकी इंस्टीट्यूट तो कुछ भी नहीं दे रहे थे। इसी के साथ ही होनहार स्टूडेंट्स के लिए 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप की सुविधा भी यहाँ मिलती है।

निष्कर्ष

इस तरह से हमने कुल 10 पॉइंट्स में मैट्रिक्स अकैडमी की विशेषताओं को आपके सामने रखा (Matrix Academy Sikar Review In Hindi) है। अब यदि हम मैट्रिक्स अकैडमी की और भी विशेषताएं आपके सामने रखने लगेंगे तो यह आंकड़ा 40-50 का हो जाएगा लेकिन हमने मुख्य-मुख्य चीज़ों को ही आपके सामने रखा है।

अब मैट्रिक्स अकैडमी के द्वारा लगातार किया जा रहा काम ही है कि उसके स्टूडेंट्स JEE और NEET के एग्जाम में ना केवल सीकर शहर में टॉप कर रहे हैं बल्कि पूरे भारत वर्ष में अपना परचम लहरा रहे हैं। इसलिए यदि आपको भी JEE और NEET की तैयारी करनी है तो उसके लिए आपको सोचने की जरुरत नहीं है, बस आज ही मैट्रिक्स अकैडमी को विजिट करें या वहाँ पर कॉल करें।

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प्रश्न: क्या मैट्रिक्स आईआईटी के लिए अच्छा है?

उत्तर: आज के समय में मैट्रिक्स को आईआईटी के लिए बेस्ट कोचिंग सेंटर माना जाता है। यहाँ के स्टूडेंट्स भी सीकर शहर में टॉप करते हैं।

प्रश्न: क्या मैट्रिक्स सीकर नीट के लिए अच्छा है?

उत्तर: मैट्रिक्स अकैडमी सीकर शहर में ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में नंबर एक नीट कोचिंग सेंटर है। अब तो यह देश के टॉप कोचिंग सेंटर में भी आ चुका है।

प्रश्न: सीकर में नीट कोचिंग की फीस कितनी है?

उत्तर: सीकर में नीट कोचिंग की फीस एक से डेढ़ लाख के बीच में है। यहाँ पर आपको मैट्रिक्स, गुरुकृपा, प्रिंस जैसे कई जाने माने इंस्टीट्यूट मिल जाएंगे।

प्रश्न: क्या मैट्रिक्स सीकर जेईई के लिए अच्छा है?

उत्तर: बिल्कुल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि मैट्रिक्स सीकर जेईई के लिए अच्छा नहीं बल्कि बहुत ही अच्छा है। ऐसा हम नहीं बल्कि यहाँ से जेईई में लगातार टॉप करते स्टूडेंट्स का आंकड़ा कह रहा है।

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Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare: क्या आप बिना कोचिंग के घर पर रहकर नीट की तैयारी करने के लिए इच्छुक हैं? वैसे तो नीट के एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स ने किसी ना किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होती है। इसमें भी लगभग 70 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होती है।

अब यदि हम भारत के कुछ शीर्ष नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात करेंगे तो उसमें मैट्रिक्स सीकर, गुरुकृपा सीकर, आकाश दिल्ली, प्रिंस सीकर और एलन कोटा का नाम आता है। हालाँकि ऐसा नहीं है कि घर पर नीट की तैयारी नहीं की जा सकती है। कई स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जिन्होंने बिना कोचिंग के घर बैठकर नीट की तैयारी की और उसमें सफल भी हुए।

ऐसे में आज हम आपके साथ इसी टॉपिक पर ही बात करने वाले (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। यहाँ हम आपको बताएँगे कि किस तरह से आप बिना कोचिंग के भी नीट एग्जाम में सेलेक्ट हो सकते हैं और मनचाहा मेडिकल कॉलेज पा सकते हैं, चलिए जानते हैं।

बिना कोचिंग के घर पर नीट की तैयारी कैसे करें?

पहली बात तो बिना कोचिंग के नीट एग्जाम में सेलेक्ट होना बहुत चुनौतीभरा काम हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने और अपने लक्ष्य पर अडिग रहने की जरुरत है जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में यदि आप वाकई में खुद पर भरोसा करते हैं और नीट एग्जाम को अच्छे से समझते हैं तभी आप बिना कोचिंग के इसमें सफल हो सकते हैं।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सामान्य छात्र बिना कोचिंग के नीट एग्जाम में सफल नहीं हो सकता (Bina Coaching Ke NEET Kaise Nikale) है या फिर इसके लिए उसे दो से तीन वर्षों का ड्रॉप लेना पड़ता है। वहीं जो स्टूडेंट्स एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी हैं अर्थात दूसरों से पढ़ाई में ज्यादा तेज हैं और कॉन्सेप्ट को जल्दी समझ लेते हैं तो वे अवश्य ही बिना कोचिंग के नीट में सेलेक्ट हो सकते हैं।

तो चलिए अब जान लेते हैं कि इसके लिए आपको किन किन ट्रिक्स को फॉलो करना (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) होगा।

#1. मॉडर्न तकनीक को फॉलो करें

आज के समय में वही स्टूडेंट आगे बढ़ सकता है जो जमाने के साथ खुद को ढाल लेता है। वहीं जो स्टूडेंट्स अभी भी पुराने तरीके या तकनीक से पढ़ रहे होते हैं, वे अक्सर पीछे रह जाते हैं। ऐसे में आप कोचिंग तो ले नहीं रहे हैं लेकिन यदि आप घर रहकर भी नीचे दी गई कुछ मॉडर्न तकनीक को फॉलो कर लेंगे तो बहुत सही (NEET Ki Taiyari Kaise Kare Ghar Par) रहेगा।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स

आपको डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सही तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए। वहाँ आपका ध्यान भटकाने के लिए भी बहुत मटेरियल उपलब्ध है तो वहीं आपको बहुत कुछ सीखाने के लिए भी। ऐसे में आपको बहुत ध्यान लगाकर ऐसी चीजें या प्लेटफार्म ढूंढने होंगे जो नीट की तैयारी में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए आपको उचित समय देना होगा।

  • ऑनलाइन स्टडी मटेरियल

अब आपको घर पर ही नीट एग्जाम की तैयारी करनी है तो उसके लिए स्टडी मटेरियल का होना भी बहुत जरुरी हो जाता है। ऐसे में आपके पास नोट बुक इत्यादि के माध्यम से तो स्टडी मटेरियल होगा ही लेकिन यदि आप घर रहकर पढ़ रहे हैं तो आपको इधर उधर जाना पड़ सकता है। ऐसे में आप अपने फोन में भी स्टडी मटेरियल रखेंगे तो आप वहाँ भी आसानी से पढ़ सकते हैं।

  • ग्राफिक्स, वीडियोज से समझें

ऑनलाइन स्टडी मटेरियल में आप ग्राफिक्स और वीडियोज को प्राथमिकता देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। बहुत सी चीजें शब्दों में धीरे समझ में आती है जबकि चित्रों या वीडियो के माध्यम से उसे जल्दी व प्रभावी तरीके से समझा जा सकता है। तो आप भी इन मॉडर्न तकनीक को आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें।

#2. बेस्ट को करें फॉलो

अब आपको नीट में बिना कोचिंग के सफल होना है या उसमें टॉप भी करना है!! अवश्य ही आपका उत्तर होगा कि आपको उसमें टॉप करना है। तो टॉप करना है तो टॉप वाली चीज़ों के साथ जुड़ना भी तो होगा। तभी तो आपके अंदर टॉपर की भावना जागृत हो पाएगी और आप वैसा सोचना शुरू करेंगे। इसके लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं।

  • टॉप कोचिंग को सब्सक्राइब

भारत के कुछ चुनिंदा और टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, प्रिंस अकैडमी सीकर, गुरुकृपा अकैडमी सीकर, एलन इंस्टीट्यूट कोटा, आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली हैं। इन सभी के यूट्यूब चैनल बने हुए हैं जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार सब्सक्राइब कर सकते हैं। यह चैनल समय-समय पर स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने या कुछ सीखाने के उद्देश्य से वीडियो पोस्ट करते रहते हैं।

  • टॉपर्स को फॉलो करें

आपको पिछले लगभग कम से कम 5 वर्षों के नीट एग्जाम में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को भो फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए। इन स्टूडेंट्स की वीडियोज आपको ऊपर वाले टॉप इंस्टीट्यूटस के चैनल में भी मिल जाएगी क्योंकि यह तो हमने आपको पहले ही बता दिया है कि अधिकतर टॉपर्स टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट से ही पढ़े हुए होते हैं। इन टॉपर्स की टिप्स आपके बहुत काम आने वाली है।

  • लेटेस्ट अपडेट पाएं

आपको नीट एग्जाम के बारे में हर अपडेट के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। अब यह टिप भी आपको इन्हीं कोचिंग इंस्टीट्यूट के चैनल से पता चल जाएगी। इसके अलावा आपको जिस भी अन्य माध्यम से एग्जाम के बारे में अपडेट मिले, वह ले लेनी चाहिए।

#3. टाइम मैनेजमेंट है जरुरी

बिना कोचिंग के घर पर रहकर ही नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें तीसरा फैक्टर है टाइम का मैनेजमेंट सही तरीके से किया जाना। इसे आसान भाषा में समझें तो समय का उचित प्रबंधन। अब यदि आप समय पर पकड़ बना लेंगे तो बहुत कुछ पा लेंगे। ऐसे में आइए जाने, यह काम आप किस तरह से कर सकते (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं।

  • स्टडी का स्ट्रिक्ट टाइमटेबल सेट करें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने हर दिन का स्टडी का परफेक्ट और स्ट्रिक्ट टाइम टेबल सेट करना। आपको नियमित तौर पर हर दिन 10 से 12 घंटे नीट की तैयारी करनी चाहिए। ऐसे में आप उसके अनुसार ही अपने पूरे दिन का टाइमटेबल सेट कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

  • स्टडी एंड ब्रेक का संतुलन

ऊपर हमने आपको पूरे दिन का स्टडी टाइमटेबल बनाने को कहा है लेकिन कई स्टूडेंट्स इसमें भी गलती कर बैठते हैं। दरअसल स्टूडेंट्स करते क्या हैं कि वे एक साथ 10 से 12 घंटे पढ़ लेते हैं या उसके बीच में एक लंबा ब्रेक ले लेते हैं या ऐसी ही अन्य गलतियाँ। तो आपको ऐसा नहीं करना है। आपको हर 1:30 घंटे बाद 10 मिनट और हर 3 घंटे बाद आधे घंटे का ब्रेक लेना चाहिए। वहीं 6 घंटे बाद आप 1 घंटे का ब्रेक ले सकते हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं

आजकल यह चलन चल पड़ा है कि स्टूडेंट्स देर रात तक पढ़ते हैं और फिर देर से उठते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो भेड़चाल में चलने से आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं। सनातन धर्म के अनुसार जो व्यक्ति सुबह 4 बजे अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाता है, उससे ज्यादा सफल कोई और नहीं हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय बहुत ही सकारात्मक व शांत होता है। ऐसे में आप भी सुबह जल्दी उठकर पढ़ना शुरू करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा।

#4. आत्म-विश्वास ना डिगने दें

जब स्टूडेंट कोचिंग जाता है तो वह अपने जैसे अन्य लोगों के संपर्क में बना रहता है। साथ ही इंस्टीट्यूट के टीचर्स भी समय-समय पर उसे मोटीवेट करते रहते (Bina Coaching Ke NEET Kaise Nikale) हैं और अलग से सेशन भी आयोजित करवाते हैं। जबकि घर पर रहकर ऐसा हो पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में आप इन ट्रिक्स को फॉलो कर सकते हैं।

  • स्टडी रूम

जहाँ पर आप पढ़ाई करते हैं अर्थात जो आपका स्टडी रूम है, वह ऐसा ना हो कि वहाँ लोगों की आवाजाही बनी रहती हो। साथ ही वहाँ का माहौल भी सकारात्मक होना चाहिए। इसके लिए आप दीवारों पर स्टडी मटेरियल लगाने के साथ-साथ गीता के उपदेश लिखकर चिपका सकते हैं या ऐसी चीजें लगा सकते हैं जो आपका उत्साह बढ़ाती है।

  • परिवार व दोस्त

आपके परिवार में कोई रिश्तेदार या दोस्तों में कोई ऐसा है जो आपको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हतोत्साहित करता है या आपको कम करके आंकता है तो आपको उससे अभी से ही दूरी बना लेनी चाहिए। आपके आसपास ऐसे लोग होने चाहिए जो बुरी स्थिति में भी आपके उत्साह को बढ़ाने का काम करें और सही मार्गदर्शन दें।

  • खुद पर विश्वास

अब अंत में सबसे ज्यादा जरुरी है आपका खुद पर विश्वास बनाए रखना। यदि आपको अपने आप पर ही विश्वास नहीं होगा तो कोई और क्या ही कुछ कर लेगा। ऐसे में अवश्य ही नीट की तैयारी के दौरान बुरी स्थितियां या समय भी आएगा लेकिन यदि आपका खुद पर अडिग विश्वास है तो आप अवश्य ही उसी निरंतरता के साथ आगे बढ़ते चले जाएंगे।

#5. तन व मन को रखें स्वस्थ

कई स्टूडेंट्स को लगता है कि वे पागलों के जैसे दिन रात पढ़ेंगे और उस दौरान अपने खाने, पीने और मन पर ध्यान नहीं भी देंगे तो चल जाएगा, जबकि होता इसके उलट है। जो स्टूडेंट्स अपने तन व मन पर भी उतना ही ध्यान देते हैं तो उनकी तैयारी ना केवल अच्छे से होती है बल्कि तेज भी होती (NEET Ki Taiyari Kaise Kare Ghar Par) है। ऐसे में आपको भी अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

  • योग व ध्यान

योग एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो आपके मन को संतुलित करने का काम करता है। प्राणायाम व ध्यान दोनों योग के ही अंग हैं। यह आपका ध्यान केंद्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। आप योग का प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने लगेंगे क्योंकि इससे आपको पढ़ाई करते समय ध्यान भटकने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसी के साथ ही आप पहले से ज्यादा प्रभावी ढंग से तैयारी कर पाएंगे।

  • सही आहार

सही और उचित समय पर लिया गया आहार भी आपकी नीट की तैयारी को बहुत मजबूत बना सकता है। कई स्टूडेंट्स अक्सर यह गलती करते हुए देखे जाते हैं कि वे या तो पढ़ाई में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं कि समय पर भोजन ही नहीं करते हैं या बाहर का खाना ही खाते रहते हैं। ऐसे में आपको भोजन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

  • पर्याप्त नींद

यदि आप प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद ले रहे हैं तो यह आपके लिए एकदम सही है। वहीं यदि आप इससे कम या फिर ज्यादा सोते हैं तो यह बिलकुल भी सही नहीं है। 7 से 8 घंटे की नींद को सबसे परफेक्ट नींद माना जाता है। ऐसे में आप भी इतने समय सोने का नियम बना लें और वह भी बिना किसी रूकावट या टुकड़ों में।

निष्कर्ष

यहाँ हमने एक-एक करके आपको वह हर चीज़ बताने की कोशिश की है जो बिना कोचिंग के घर बैठे ही आपकी नीट की तैयारी को मजबूत करने में सहायक होती (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। हालाँकि आपको नीट एग्जाम में सेलेक्ट होने के लिए कोचिंग के महत्व को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि कोचिंग से ही आपको सही मार्गदर्शन और उचित स्टडी मटेरियल मिल पाता है।

वहीं यदि कोचिंग भी टॉप नीट अकैडमी जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या आकाश दिल्ली से ली जाए तो यह आपको तेज गति से आगे बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उस पर अच्छे से सोच विचार कर लेंगे तो यह आपके लिए ही लाभदायक रहेगा।

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प्रश्न: हिंदी मीडियम वाले नीट की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: हिंदी मीडियम वाले स्टूडेंट्स के लिए सीकर की मैट्रिक्स या प्रिंस जैसी अकैडमी में अलग से बैच की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में आप वहाँ से पढ़ सकते हैं।

प्रश्न: बिना पढ़े नीट कैसे पास करें?

उत्तर: बिना पढ़े नीट कैसे ही पास हो सकता है भला। शायद आपका प्रश्न बिना कोचिंग के नीट पास करने का होगा जिसके बारे में हमने इस लेख में बताया है।

प्रश्न: जीरो लेवल से नीट की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: जीरो लेवल से नीट की तैयारी शुरू करनी है तो उसके लिए सबसे बेस्ट है एक अच्छे नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ना। इसमें मैट्रिक्स अकैडमी सीकर का नाम सबसे पहले लिया जाता है।

प्रश्न: NEET की तैयारी कब से शुरू करनी चाहिए?

उत्तर: NEET की तैयारी दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए। यह बहुत ही मुश्किल एग्जाम होता है और ऐसे में आप जितनी देर करेंगे, उतना ही नुकसान में रहेंगे।

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12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare: नीट एक ऐसा एग्जाम होता है जो भविष्य के डॉक्टर तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। इसी एग्जाम को क्रैक करके ही देश के टॉप मेडिकल सरकारी कॉलेज में प्रवेश लिया जाता है। साथ ही देश के टॉप प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी अपने यहाँ एडमिशन देने में नीट के स्कोर को आधार बनाते हैं। ऐसे में नीट का एग्जाम हर उस स्टूडेंट के लिए जरुरी हो जाता है जिसका सपना आगे चलकर एक अच्छा डॉक्टर बनने का है।

अब कुछ स्टूडेंट तो इसके लिए दसवीं क्लास से ही तैयारी करना शुरू कर देते हैं तो कुछ 12th के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं। ऐसे में उन्हें अवश्य ही एक से दो वर्ष का ड्रॉप लेना पड़ता है तो वहीं कुछ स्टूडेंट्स का माइंड इतना शार्प होता है कि वे पहली बार में ही नीट का एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथ क्रैक कर देते हैं। ऐसे में क्या आप भी अपनी बारहवीं क्लास के बाद नीट का एग्जाम क्रैक करने का सोच रहे हैं!!

यदि आप भी इसी केटेगरी में हैं तो आज का यह आर्टिकल हमने उन सभी स्टूडेंट्स को आधार बनाकर लिखा है जो अपनी 12th के बाद नीट एग्जाम को क्रैक करना चाहते (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरेक उस चीज़ की जानकारी देंगे जो नीट का एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथ क्रैक करने में आपकी बहुत मदद करेगी।

12th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें?

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया और आप में से बहुत स्टूडेंट्स को पता भी होगा कि नीट का एग्जाम बहुत मुश्किल एग्जाम माना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा एग्जाम में से एक है जिनका लेवल बहुत हाई होता है। अब एग्जाम का लेवल इतना हाई (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) है तो निश्चित तौर पर उसकी तैयारी भी उसी तरह की ही होनी चाहिए।

इसलिए यहाँ हम आपको 5 या 10 नहीं बल्कि कुल 20 टिप्स देने वाले हैं जो नीट एग्जाम को क्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और वो भी बारहवीं क्लास के होने के बाद। ऐसे में आइए जाने किन तरीकों के माध्यम से आप भी नीट का एग्जाम अच्छे से दे (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) पाएँगे।

#1. महत्वपूर्ण टॉपिक्स की लिस्ट बनाएं

सबसे पहला काम जो आपको करना चाहिए, वह है जरुरी टॉपिक्स की एक सूची तैयार करना। अब नीट के एग्जाम में तो कई तरह के टॉपिक्स आते हैं और लगभग हर टॉपिक का अपना महत्व है। किंतु उनमें से कुछ टॉपिक्स ऐसे भी होंगे जो अन्य टॉपिक्स की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण होंगे। ऐसे में आपको उनकी एक लिस्ट तैयार करने की जरुरत है ताकि आप उन पर अलग से और ज्यादा ध्यान दे सकें।

#2. पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें

नीट एग्जाम को क्रैक करना है तो उसके एग्जाम पैटर्न को समझना बहुत जरुरी हो जाता है। अब इस एग्जाम पैटर्न को समझने के लिए आपको पिछले लगभग 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को अच्छे से स्टडी करना होगा। जब आप इनका एनालिसिस करेंगे तो समझ पाएंगे कि नीट में किस तरह के टॉपिक से किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। ऐसे में आप अपनी तैयारी को एक नया आयाम दे सकते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

#3. टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ें

हमारे देश में नीट के हजारों कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जो कि हर शहर में खुले हुए हैं। हालाँकि क्या आपने सोचा है कि उन कोचिंग इंस्टीट्यूट का रिजल्ट कैसा रहता है या क्या हर कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टूडेंट्स नीट में सेलेक्ट होते हैं या कितने प्रतिशत सेलेक्ट होते हैं!! ऐसे में आपको यदि नीट एग्जाम को जल्द से जल्द क्रैक करना है तो आपका फोकस भारत के बेस्ट नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ने का होना चाहिए।

यदि हम भारत के सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में आपको बताएँगे तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सीकर की मैट्रिक्स नीट डिविजन आती है जिसे शोर्ट में मैट्रिक्स अकैडमी भी बोल देते हैं। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट और सीकर के ही प्रिंस और गुरुकृपा अकैडमी प्रसिद्ध हैं।

#4. नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें

किसी एग्जाम को क्रैक करने में उस एग्जाम की पहले से कितनी तैयारी की गई है, यह बहुत मायने रखती है। यहाँ हम एग्जाम सिलेबस की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके प्रश्न पत्र को हल करने की बात कर रहे हैं। तो यदि नीट को क्रैक करना है तो उसके लिए आपको एक सप्ताह में कम से कम एक मॉक टेस्ट देने का नियम बना लेना चाहिए। वहीं जब नीट एग्जाम की तारीख पास आने लगे तब तो आपको हर दो दिन में मॉक टेस्ट देना चाहिए।

#5. कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान दें

हर स्टूडेंट के लिए टॉपिक्स का कठिन या सरल होना अलग अलग हो सकता (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। अब जो टॉपिक बाकियों को सरल लग रहा हो, वह आपके लिए कठिन हो सकता है या फिर इसका उल्टा भी हो सकता है। ऐसे में जिन टॉपिक्स पर आपकी पकड़ कमजोर है या आपको अच्छे से नहीं समझ आ रहे हैं तो आप उस पर अच्छे से फोकस करें और अच्छे से समझ लें।

#6. कॉन्सेप्ट को क्लियर करें

आपको अपने कॉन्सेप्ट क्लियर करके ही आगे बढ़ना चाहिए अन्यथा बाद में चलकर आपको ही दिक्कत आएगी। बहुत से स्टूडेंट्स कॉन्सेप्ट को आधा अधूरा छोड़कर ही आगे बढ़ जाते हैं और फिर बाद में जाकर पछताते हैं। इसलिए यदि आप पहले से ही कॉन्सेप्ट को एकदम क्लियर करके आगे बढ़ेंगे तो बाद में चलकर किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

#7. नोट्स बनाएं और रिवीजन करें

जब हम कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ते हैं तो वहाँ सबसे पहला काम जो किया जाता है वह है नोट्स को हर दिन बनाना। क्लास में टीचर जो कुछ भी पढ़ा रहा होता है, उसको सुनकर स्टूडेंट्स नोट्स भी बना रहे होते हैं। ऐसे में आप भी हर दिन जो भी पढ़ या समझ रहे हैं, आपको उसके नोट्स बनाते रहना चाहिए। साथ ही आपको हर सप्ताह कम से कम 2 से 3 घंटे रिवीजन भी करनी चाहिए।

#8. NCERT किताबों को प्राथमिकता दें

यह बात गाँठ बाँध लें कि आपके नीट के एग्जाम में जो भी टॉपिक (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) आएंगे या उसका जो भी सिलेबस है वह आपकी 11 वीं और 12 वीं की NCERT बुक्स में ही छिपा हुआ है। इसलिए आप अपनी इन दोनों क्लास की बुक्स को तो अच्छे से निचोड़ लें फिर चाहे वह फिजिक्स की हो या केमिस्ट्री या बायोलॉजी की। इसके बाद आप बाकी बुक्स को पढ़ने पर ध्यान दें।

#9. रूटीन में डिसिप्लिन बनाएं

अक्सर यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स शुरुआत में तो जोर शोर से नीट की तैयारी करना शुरू करते हैं लेकिन धीरे-धीरे उनके अंदर आलस आने लगता है और पहले जैसा रूटीन फॉलो ही नहीं हो पाता है। अब यदि आप सफल स्टूडेंट्स के बारे में देखेंगे और जानेंगे तो उनमें एक बात कॉमन मिलेगी और वह है हर दिन को पहले दिन के जैसे ही जोश से भर देना। बस यही काम आपको करना है।

#10. हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद लें

यदि आप जरुरत से ज्यादा पढ़ेंगे और पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो इसका प्रभाव आपकी पढ़ाई या स्टडी प्लान पर पड़ेगा। ऐसे में यह बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आप हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें। इसी के साथ ही आप बाहर का जंक फूड, घर का तला हुआ भोजन लेना बंद कर दें। अपनी डाइट में सब्जियां, फल, मेवे इत्यादि को शामिल करेंगे तो यह आपके दिमाग को और तेज करेगा और शरीर में भी ऊर्जा बनाए रखेगा।

#11. ग्रुप स्टडी का सहारा लें

कई बार कोई चीज़ हमें अकेले समझने में दिक्कत आती है लेकिन यदि उसे ग्रुप में पढ़ा जाए तो बहुत जल्दी समझ में आ जाती है। वह इसलिए क्योंकि ग्रुप में एक स्टूडेंट का दिमाग नहीं बल्कि एक साथ कई स्टूडेंट्स का दिमाग चल रहा होता है। ऐसे में कोई स्टूडेंट किसी बात को जल्दी कैच कर लेता है तो कोई दूसरी बात को। इसलिए कभी कभार ग्रुप स्टडी भी करें और अपने कठिन डाउट वहाँ सोल्व करें।

#12. पिछले टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ें

मैट्रिक्स अकैडमी जैसे नीट इंस्टीट्यूट समय-समय पर अपने यहाँ के टॉपर्स के इंटरव्यू पोस्ट करते रहते (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। आप चाहें तो उनके यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं और टॉपर्स की दिनचर्या को फॉलो कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी स्टूडेंट्स को गाइड और मोटीवेट करने के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू पोस्ट करते हैं जो आपके बहुत काम आ सकते हैं।

#13. बायोलॉजी पर अधिक फोकस करें

चूँकि नीट एग्जाम का मुख्य फोकस बायोलॉजी पर होता है तो आपको भी इसी विषय पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अब कहने को तो फिजिक्स और केमिस्ट्री भी नीट एग्जाम में आती है लेकिन दोनों सब्जेक्ट के मार्क्स अकेली बायोलॉजी के बराबर होते हैं। इसलिए आप फिजिक्स और केमिस्ट्री पर मिलाकर जितना ध्यान दे रहे हैं, उतना अकेले ध्यान आपको बायोलॉजी सब्जेक्ट पर देना चाहिए।

#14. गलतियों से सीखें

आपको अपनी गलतियों से सीखने और उसे दोहराने से बचना चाहिए। 12th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी करते समय आपसे कई तरह की गलतियाँ हो सकती है। अब वह गलतियाँ आपसे चाहे अनजाने में या किसी अन्य कारण से ही क्यों ना हुई हो लेकिन आप यह ध्यान रखें कि आपको उससे निराश होने की बजाए, कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए और उसे दोहराने से बचना चाहिए।

#15. अपने स्टडी एनवायरनमेंट को प्रोडक्टिव बनाएं

स्टडी एनवायरनमेंट से मतलब हुआ आपके स्टडी रूम का माहौल। आप जहाँ बैठकर पढ़ते हैं, वह कमरा कहाँ पर है, उसमें किस तरह की चीजें रखी हुई है, वहाँ कौन आता जाता रहता है इत्यादि। ऐसे में आपको अपने अनुसार अपने रूम को इस तरह से सेट करना चाहिए कि वह आपको प्रोत्साहित करने का काम करे और आपमें एक नई ऊर्जा को भर (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) दे।

#16. समय-समय पर सेल्फ-असेसमेंट करें

यहाँ पर सेल्फ असेसमेंट का मतलब हुआ अपनी तैयारी का समय-समय पर आंकलन करते रहना और उसके अनुसार आगे की रणनीति निर्धारित करना। अब आप अपनी तैयारी तो हर दिन कर रहे हैं लेकिन क्या वह आपके लिए लाभदायक है या आप सही दिशा में ही आगे बढ़ रहे हैं या इसमें कोई बदलाव करने की या सुधार लाने की आवश्यकता है। इसलिए हर एक महीने में अपना सेल्फ असेसमेंट कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

#17. ब्रेन एक्सरसाइज करें

नीट का एग्जाम क्रैक करना आपके दिमाग अर्थात ब्रेन पर ही निर्भर करता है। अब हर दिन पढ़ते रहने के कारण दिमाग थकता चला जाता है। ऐसे में उसे एक्टिव रखने के साथ साथ उसको तेज करने की भी जरुरत है। इसके लिए आपको करनी होगी ब्रेन की एक्सरसाइज अर्थात दिमागी कसरत। इसके लिए आप कई तरह के ऐसे गेम खेल सकते हैं जिससे दिमाग को तेज करने में मदद मिलती है।

#18. नेगेटिविटी से दूर रहें

12th के बाद जिन स्टूडेंट्स को नीट की तैयारी करनी होती (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है, वे एग्जाम के प्रेशर में आकर नकारात्मकता से घिर जाते हैं। इतना ही नहीं, रही सही कसर आसपास के लोग या दोस्त मिलकर पूरी कर देते हैं। ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि नीट एग्जाम में सेलेक्ट होना या नहीं होना अलग बात है लेकिन यदि आप पहले ही नकारात्मकता को अपना दोस्त बना लेते हैं तो आप जंग पहले ही हार चुके हैं।

#19. क्वालिटी स्टडी मटेरियल का चुनाव करें

नीट के टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ने का एक और लाभ यह भी मिलता है कि आपको वहाँ का स्टडी मटेरियल भी टॉप क्लास का मिलता है जिसे हम क्वालिटी स्टडी मटेरियल भी कह सकते हैं। इसके जरिए ही स्टूडेंट्स सही से पढ़ पाते हैं और सही ट्रिक्स का उपयोग करना सीख पाते हैं। इसलिए आपको अपना स्टडी मटेरियल टॉप क्लास का रखना चाहिए।

#20. डिजिटल डिस्ट्रैक्शन से बचें

आज के समय में डिजिटल डिस्ट्रैक्शन अर्थात ध्यान भटकाने की ऑनलाइन चीजें एक नहीं बल्कि कई उपलब्ध हैं। इनसे दूर रहना एक चुनौती भरा काम हो सकता है लेकिन यदि आप नीट एग्जाम क्रैक करने को लेकर इतना सीरियस हैं तो आपको इतना त्याग तो करना ही पड़ेगा अन्यथा आप नीट एग्जाम को भूल ही जाएं तो ही अच्छा है। उसे पास नहीं बल्कि टॉप करना है तो या तो इनका इस्तेमाल छोड़ दें या बहुत ही कम इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष

यहाँ हमने एक-एक करके आपको कुल 20 टिप्स दे दी है जो 12th के बाद नीट एग्जाम को क्रैक करने में आपकी बहुत मदद करने वाली (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। यदि आप हमारी दी गई इन टिप्स को सही से फॉलो कर लेते हैं तो भी आपको नीट एग्जाम क्रैक करने से कोई नहीं रोक सकता है। इतना ही नहीं, बल्कि आप उसमें टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स में से भी एक हो सकते हैं।

इसी के साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नीट एग्जाम को क्रैक करवाने में मैट्रिक्स अकैडमी, एलन कोटा, आकाश दिल्ली जैसे टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ से आपको अनुभवी टीचर्स, बेस्ट गाइडेंस और क्वालिटी स्टडी मटेरियल जो मिलता है।

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प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए क्या क्या पढ़ना पड़ता है?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री सब्जेक्ट्स में पढ़ाई करनी पड़ती है। इसमें बायोलॉजी के मार्क्स बाकी दोनों सब्जेक्ट्स के बराबर होते हैं।

प्रश्न: नीट में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

उत्तर: नीट में तीन सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम जीव विज्ञान (बायोलॉजी), भौतिक विज्ञान (फिजिक्स) व रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) होते हैं।

प्रश्न: Neet की तैयारी में कितना खर्च आता है?

उत्तर: Neet की तैयारी में एक से दो लाख प्रति वर्ष का खर्च आता है। हालाँकि यह इंस्टीट्यूट और शहर पर निर्भर करता है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग कब से शुरू करें?

उत्तर: नीट की कोचिंग दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए अन्यथा बारहवीं के बाद आपको एक से दो वर्ष का ड्रॉप भी लेना पड़ सकता है।

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12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare: क्या आप अभी बारहवीं क्लास में पढ़ रहे हैं या वह पूरी होने वाली है और अब आपको इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए JEE की तैयारी करनी शुरू करनी है। यदि आपको लगता है कि अब बहुत देर हो चुकी है तो ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपने अपनी 11वीं और 12 वीं की क्लास में जो पढ़ाई की है और जो सिलेबस आपको पढ़ाया गया है, वही सिलेबस ही JEE का सिलेबस होता है।

बस आपको जो चीज़ अलग करनी है वह है ट्रिक्स को समझना। वह इसलिए क्योंकि JEE के एग्जाम में आपको निश्चित समय में ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के सही उत्तर देने होते हैं। ऐसे में किन फॉर्मूला या ट्रिक्स के जरिए आप उन प्रश्नों के सही और सटीक उत्तर जल्द से जल्द निकाल सकते हैं, वही JEE एग्जाम को क्रैक करने का तरीका होता है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको 12th के बाद JEE का एग्जाम किस तरह से क्रैक किया जा सकता (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है, इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं किन तकनीक के जरिए आप भी JEE का एग्जाम अच्छे स्कोर के साथ क्रैक कर सकते हैं।

12th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें?

बहुत से स्टूडेंट्स अपनी बारहवीं की पढ़ाई के बाद या उसके साथ ही JEE की तैयारी करना शुरू करते हैं। वह इसलिए क्योंकि उनका मुख्य लक्ष्य बारहवीं में उच्चतम स्कोर करने का होता है। इसके बाद वे JEE की तैयारी करने में अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।

ऐसे में यदि आप भी इसी कशमकश में हैं कि आखिरकार किन तकनीक के जरिए आप भी 12th के बाद JEE के एग्जाम में अच्छा स्कोर कर सकते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) हैं तो चलिए उसके बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं। यहाँ हम आपको एक-एक करके उन सभी तकनीक के बारे में बताएँगे जो आपके लिए जरुरी है।

#1. क्रैश कोर्स करें

जो स्टूडेंट्स 12th के बाद JEE का एग्जाम देना चाहते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं और वह भी उसी साल का तो उनके लिए सबसे बेस्ट टिप यही है कि उन्हें किसी अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से क्रैश कोर्स करना चाहिए। यह क्रैश कोर्स 1 से 3 महीने के बीच का होता है जिसे अधिकत्तर JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट करवाते हैं।

ऐसे में आपको अपने शहर में या आसपास के बड़े शहर में ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट बनानी चाहिए जो क्रैश कोर्स की सुविधा देते हैं। आपको वहाँ के रिजल्ट, टाइमिंग और फीस को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए। हालाँकि यदि आप भारत के कुछ टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ने का सोच रहे हैं तो उनमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम आता है।

#2. एक साल का ड्रॉप भी ले सकते हैं

इस मामले में यह जरुरी नहीं है कि पहली बार में ही JEE का एग्जाम क्रैक हो जाए या इतने अच्छे नंबर आ जाए कि आपको अपनी मनपसंद की फील्ड में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल जाए। ऐसे में आप कोशिश जरुर करें लेकिन यदि किसी कारणवश आपका सिलेक्शन नहीं होता है या अच्छे नंबर नहीं आते हैं तो निराश मत होइए और एक वर्ष का ड्रॉप ले लीजिए।

इस एक वर्ष के दौरान आपको अपनी तैयारी मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए आप अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लें क्योंकि वहीं से आपको सही गाइडेंस और स्टडी मटेरियल मिल पाएगा। इसमें से कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स, एलन, प्रिंस, कौटिल्य इत्यादि हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपके हिसाब से कौन सा कोचिंग सेंटर आपके लिए बेस्ट रहने वाला है।

#3. 11वीं और 12वीं का सिलेबस है ब्रह्मास्त्र

बहुत से स्टूडेंट्स इस बात से अनजान रहते हैं कि उन्हें JEE के एग्जाम की तैयारी करने के लिए (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) किसी अलग तरह के सिलेबस या बुक्स की जरुरत होती है। यदि आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो आज आप जान लीजिए कि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास में NCERT बुक्स के जरिए जो कुछ पढ़ाई की है, वही आपके JEE एग्जाम का सिलेबस होता है।

ऐसे में आपको अपनी NCERT की बुक्स को ही मुख्य बुक्स मानना चाहिए और उसके अनुसार ही तैयारी करनी चाहिए। इन दोनों क्लास की बुक ही JEE एग्जाम के लगभग हर टॉपिक को कवर कर लेती है। अब यह बुक्स तो आपने पहले ही पढ़ी हुई है तो आपको बस इनकी रिवीजन करने की जरुरत है। बाकी सब काम तो अपने आप होता चला जाएगा।

#4. टॉप JEE इंस्टीट्यूट से जुड़ें 

यह भी एक महत्वपूर्ण टिप है और इसका कारण हम आपको बता देते हैं। दरअसल आज JEE कोचिंग की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लगभग हर शहर में दर्जनों JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट खुल चुके हैं। बहुत से टीचर तो अपने घर पर ही JEE की कोचिंग देने लगे हैं और वो भी एक सब्जेक्ट की। तो यहाँ हम आपको बता दें कि केवल कहने भर से JEE की तैयारी नहीं होती है।

JEE की तैयारी आपको वहाँ से करनी चाहिए जहाँ पर इस फील्ड में स्पेशल टीचर या फैकल्टी को रखा जाता है। वह इसलिए क्योंकि जिन टीचर्स को JEE की तैयारी करवाने का अच्छा खासा अनुभव होता है, उन्हें लगभग सभी तरह की ट्रिक्स अच्छे से पता होती है और समझानी भी अच्छे से आती है। अब यह टीचर्स आपको मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस अकैडमी जैसी अकैडमी में ही देखने को मिलेंगे जो भारत की टॉप JEE अकैडमी है।

#5. JEE एग्जाम के पेपर समझें

आपको JEE एग्जाम के लगभग पिछले 10 वर्षों के पेपर्स और उनके पैटर्न को अच्छे से समझने की जरुरत है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपने JEE पेपर्स के टॉपिक्स को अच्छे से समझ लिया तो इससे आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा। उदाहरण के तौर पर इस पेपर में कौन से टॉपिक से कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, उनका पैटर्न कैसा है, उनकी मार्किंग कितनी है इत्यादि।

पेपर को अच्छे से समझ कर आप अपनी तैयारी भी वैसे ही कर पाते (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। इससे आपका समय भी बचता है और सही दिशा में तैयारी भी होती है। जो स्टूडेंट्स इस टिप को फॉलो करते हैं उन्हें JEE का एग्जाम क्रैक करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती है।

#6. जरुरी टॉपिक्स कवर करें

अब आपको 12th के बाद JEE का एग्जाम क्रैक करना है तो आपके पास समय की कमी होती है। समय कम होने के कारण आप सभी टॉपिक्स को तो कवर नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपको जो टॉपिक जरुरी लगते हैं या जो आपको आसानी से समझ में भी आते हैं, उन्हें सबसे पहले कवर करना जरुरी है।

अब JEE के एग्जाम में कुछ टॉपिक की मार्किंग ज्यादा होती है या उनमें से ज्यादा प्रश्न आने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यह तो आपको आसानी से पता चल जाएगा कि JEE एग्जाम में किन टॉपिक को ज्यादा महत्व दिया जाता है। तो वह टॉपिक आपको जल्दी कवर करने और अच्छे से समझने की जरुरत है। यह भी JEE एग्जाम को क्रैक करने में बहुत लाभदायक होता है।

#7. सारा सिलेबस नहीं है जरुरी

यह पॉइंट भी ऊपर वाले पॉइंट से थोड़ा मिलता जुलता है लेकिन इसे हमने किसी कारणवश अलग पॉइंट बनाया है। वह इसलिए क्योंकि बहुत से स्टूडेंट्स ऊपर वाला पॉइंट पढ़कर यह समझ लेते हैं कि उन्हें हर जरुरी टॉपिक को किसी भी हालत में कवर करने की जरुरत है लेकिन असलियत में हम यह नहीं कहना चाह रहे हैं। इसे एक उदाहरण से समझ लेते हैं।

मान लीजिए कि JEE एग्जाम में कुल 50 टॉपिक हैं और उसमें से 20 जरुरी हैं और 20 औसत स्तर के हैं और 10 कम जरुरी हैं। अब जो 20 जरुरी हैं, उसमें आपके लिए सभी को कवर करना भी जरुरी नहीं है क्योंकि आपके पास उसके लिए समय कम है। तो आप इन 20 में से उन टॉपिक को छोड़ सकते हैं जो आपको बहुत कठिन लगते हैं या उन्हें समझने में ज्यादा समय लगने वाला है या आपने पहले कभी उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है।

इस तरह से आपको एक रणनीति के तहत आगे बढ़ना होगा और अपने समय के अनुसार टॉपिक को कवर करने का एक टाइमटेबल बनाना होगा। तभी आप उसे फॉलो कर पाएंगे और सही तरीके से JEE एग्जाम की तैयारी कर पाएंगे।

#8. मॉक टेस्ट है बहुत जरुरी

जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक JEE एग्जाम की तैयारी करनी शुरू नहीं की (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो अवश्य ही उन्हें इस मॉक टेस्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी। तो यहाँ हम आपको बता दें कि मॉक टेस्ट एक तरह से आपकी तैयारी करवाने के लिए बनाए गए टेस्ट होते हैं। अब यह टेस्ट JEE एग्जाम के पैटर्न पर ही बनाए जाते हैं अर्थात इसमें प्रश्नों की संख्या, मार्किंग, इत्यादि सब JEE एग्जाम जैसा ही होता है।

ऐसे में आपको हर दिन कम से कम एक मॉक टेस्ट देने का नियम बना लेना चाहिए। साथ ही आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आप JEE एग्जाम के टाइमिंग में कितने प्रश्नों का उत्तर दे पाते हैं। अब आपको हर दिन अपने स्कोर को बढ़ाने की जरुरत है ताकि जब आपके हाथ में असली वाला JEE पेपर आए तो आप उसे आसानी से हल कर सकें।

#9. ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल करें

आपको ऑनलाइन मिल रही सुविधाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। आज के समय में हर टॉप JEE इंस्टीट्यूट के द्वारा अपने अपने चैनल पर वीडियोज डाली जाती है। इसमें स्टूडेंट्स को पढ़ाया तो जाता है ही बल्कि साथ ही उन्हें मोटीवेट भी किया जाता है। ऐसे में आप मैट्रिक्स अकैडमी का यूट्यूब चैनल फॉलो कर सकते हैं और अन्य इंस्टीट्यूट्स के चैनल्स को भी फॉलो किया जा सकता है।

इन चैनल्स को फॉलो करने से आपको एक लाभ यह मिलता है कि आपको सभी लेटेस्ट अपडेट मिलती रहती है। साथ ही आज के टाइम के हिसाब से आपको क्या ट्रिक्स फॉलो करनी चाहिए, उसके बारे में भी पता चलता है। इसलिए आपको बिना देर किए आज ही इन चैनल को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।

#10. अपनी स्ट्रेंथ को पहचाने

12th के बाद JEE का एग्जाम देना (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके लिए आपको अपनी स्ट्रेंथ अर्थात काबिलियत अर्थात कौशल या स्किल को पहचानने की भी आवश्यकता है। यदि आप किसी के दबाव में आकर या अपने दोस्तों या आसपास के लोगों की देखा देखी ही JEE की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अंदर से मन नहीं है तो आप गलत कर रहे हैं। कई बार स्टूडेंट्स पारिवारिक दबाव में आकर या पीयर प्रेशर में भी इसकी तैयारी करने लग जाते हैं।

ऐसे में आप शांत मन से अकेले में बैठकर सोचें कि क्या वाकई में आप अपना भविष्य एक इंजीनियर के तौर पर बनाना चाहते हैं, क्या आपका इस फील्ड में इंटरेस्ट है या आप किसी दबाव में आकर ऐसा सोच रहे हैं, क्या आपको इस दिशा में आगे बढ़ने की जरुरत है या और फील्ड को एक्स्प्लोर करना चाहिए इत्यादि। यदि आपका इसमें सच में इंटरेस्ट है और आप आगे बढ़ना चाहते हैं तभी आप आगे बढ़ें।

#11. अपने डाउट्स को क्लियर करें

JEE एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए आपको अपने डाउट को अनसुलझे नहीं रहने देना चाहिए। आपको इन्हें जल्द से जल्द सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि यदि आप डाउट यूँ ही छोड़ते चले जाएंगे तो बाद में जाकर बहुत पछताना पड़ सकता है।

हमने बहुत से स्टूडेंट्स को कुछ नंबर से इसलिए पिछड़ते हुए देखा है क्योंकि उन्होंने समय रहते अपने डाउट नहीं सुलझाए और बाद में बहुत देर हो चुकी थी। इसलिए अपने डाउट सही समय पर या फिर यूँ कहें कि साथ के साथ सुलझा लेना ही बेस्ट रहता है।

निष्कर्ष

यहाँ पर हमने कुल 11 टिप्स के माध्यम से आपको बताया कि किस तरह से आप भी 12th के बाद JEE एग्जाम की तैयारी पक्की कर सकते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) हैं। वैसे तो इसके लिए और भी बहुत तरीके हैं लेकिन हमने आपको 11 बेस्ट टिप्स दी है जो टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स के द्वारा आजमाई गई है।

इसी के साथ ही आप यह भी ध्यान रखें कि इस मामले में भारत के टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट आपकी बहुत सहायता कर सकते हैं। इसमें मैट्रिक्स अकैडमी सीकर और एलन इंस्टीट्यूट कोटा आपके लिए बहुत काम आ सकते हैं। इसलिए आपको बिना देर किए आज ही इनसे संपर्क करना चाहिए।

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प्रश्न: जेईई के लिए क्या पढ़ना चाहिए?

उत्तर: जेईई के लिए आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स को पढ़ना चाहिए। इसी के साथ ही कुछ स्पेशल ऑथर की बुक्स को पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं 12वीं के बाद जेईई कोचिंग ज्वाइन कर सकता हूं?

उत्तर: हां आप अपनी 12वीं के बाद जेईई की कोचिंग को ज्वाइन कर सकते हैं। इसके लिए लगभग सभी JEE इंस्टीट्यूट क्रैश कोर्स की सुविधा देते हैं।

प्रश्न: जेईई के लिए पढ़ाई कैसे शुरू करें?

उत्तर: जेईई के लिए पढ़ाई शुरू करनी है तो इसका सबसे बढ़िया तरीका है किसी अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ना जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा।

प्रश्न: जेईई में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

उत्तर: जेईई में तीन सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम भौतिक विज्ञान (फिजिक्स), रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) व गणित होते हैं।

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NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare: जो स्टूडेंट नीट की तैयारी कर रहा है या शुरू करने को इच्छुक है वह अवश्य ही इसमें सेलेक्ट होने के साथ-साथ टॉप स्कोर करने का सपना देखता है। अब आपने भी नीट एग्जाम के पैटर्न, सिलेबस और उसकी तैयारी करने को लेकर बहुत रिसर्च की होगी। किसी ने आपको ऑनलाइन पढ़ने को कहा होगा तो कोई आपको कोचिंग सेंटर जाकर पढ़ने को कह रहा होगा।

कोई आपको मेट्रो शहर में जाकर पढ़ने को कह रहा होगा तो कोई आपको अपने घर रहकर ही पढ़ने की सलाह दे रहा होगा। ऐसे में जितने मुहं उतनी बातें और यह सब आपको और भी दुविधा की स्थिति में लाकर खड़ी कर रही होगी। यदि आप भी किसी ऐसी ही कशमकश में हैं तो अब और ज्यादा घबराए नहीं और ना ही किसी बात की चिंता कीजिए।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपकी सभी तरह की चिंताओं का समाधान करने के लिए ही तो हम आपके लिए यह लेख लिख रहे (NEET Ki Taiyari Sabse Achi Kahan Hoti Hai) हैं। इसके लिए हमने भारत के लगभग सभी शहरों और कोचिंग संस्थानों की गहन पड़ताल की है और नीट एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स के पैटर्न को समझा है। उसके अनुसार ही आज हम आपको बताएँगे कि आप नीट की सबसे अच्छी तैयारी कहाँ से कर सकते हैं।

नीट की तैयारी सबसे अच्छी कहां होती है?

जब यह बात लोगों से पूछी जाती है तो वह अपने अनुसार एक झटके में इसका उत्तर दे देते हैं। हमने तो फलाना जगह से पढ़ाई की या मैं उसको जानता हूँ और उसने उस जगह से पढ़ाई की या ऐसे पढ़ाई की और अच्छा स्कोर किया। हालाँकि यह उसके लिए सही हो सकता है लेकिन क्या यह आपके लिए या सभी के लिए बेस्ट (NEET Ki Taiyari Sabse Acchi Kahan Hoti Hai) है!!

यहाँ हम व्यक्तिगत तौर पर किसी एक की नहीं बल्कि ओवरऑल की बात कर रहे हैं क्योंकि बेस्ट तो सभी में से ही चुनकर निकाला जाता है। इसलिए आज हम तीन भागों में आपको बताएँगे कि आपको नीट एग्जाम की तैयारी कहाँ से करनी चाहिए और उसके लिए क्या ऑप्शन आपके लिए सबसे बेस्ट रहने वाला (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट मोड

सबसे पहले हम बात करते हैं नीट की तैयारी करने के ऑप्शन या मोड या विकल्प के बारे में। आप सभी यह तो जानते होंगे कि वर्ष 2020 में एक वैश्विक महामारी आई थी जिसे कोरोना या कोविड 19 नाम दिया गया था। तो इसके बाद से ऑनलाइन कोचिंग का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है।

हालाँकि ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम पहले से भी थे लेकिन कोरोना के बाद जब लोगों के पास बाहर जाने का ऑप्शन नहीं था तब इस मोड में बहुत तेजी देखने को मिली। हालाँकि इसके एक से दो वर्ष में ही स्टूडेंट्स फिर से ऑफलाइन मोड में अर्थात कोचिंग सेंटर जाकर क्लास में पढ़ने लगे।

ऐसे समय में आज ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है। तो आज हम आपको बताएँगे कि आपके लिए नीट की तैयारी करना ऑनलाइन रूप से ज्यादा सही रहता है या फिर ऑफलाइन मोड (NEET Ki Taiyari Kahan Se Karen) में।

  • नीट की ऑनलाइन कोचिंग

सबसे पहले हम बात करते हैं नीट की ऑनलाइन कोचिंग लेने के बारे में। तो आज के समय में कुछ इंस्टीट्यूट या नीट कोचिंग संस्थान की स्थापना ही ऑनलाइन मोड में हुई है। इसमें तो आज के समय में कुछ फेमस भी हो चुके हैं। उदाहरण के तौर पर बायजू, फिजिक्स वल्लाह, अनअकैडमी, आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि। आपने भी यह सब नाम सुन रखे होंगे जो नीट की ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए प्रसिद्ध हैं।

हालाँकि अब इनमें से कुछ ऑफलाइन मोड में भी कोचिंग देने लगे हैं। अब क्या आपके लिए ऑनलाइन कोचिंग सही में लाभदायक है या यह केवल एक ट्रेंड बनकर रह गया है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ऑनलाइन कोचिंग कोरोना से पहले भी थी लेकिन कोरोना के बाद से इसमें अचानक से बूम देखने को मिला। वह इसलिए क्योंकि जो कोचिंग सेंटर ऑफलाइन भी पढ़ाते थे, वे भी अपने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन कोचिंग देने लगे थे ताकि उनकी पढ़ाई बीच में ना रुके।

हालाँकि जब कोरोना का प्रकोप कम हुआ और लोग फिर से बाहर निकलने लगे तब स्टूडेंट्स फिर से ऑनलाइन कोचिंग की बजाए ऑफलाइन को ज्यादा महत्व देने लेगे। ऐसे में ऑनलाइन कोचिंग में आपकी फीस कम लगेगी, आपको कहीं जाना नहीं होगा, आप अपने समय के अनुसार पढ़ पाएंगे लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपके अंदर वैसा अनुशासन, सीखने की लगन इत्यादि नहीं आ पाएगी जैसा ऑफलाइन मोड में होता है।

  • नीट की ऑफलाइन कोचिंग

अब बात करते हैं नीट की ऑफलाइन कोचिंग के बारे में अर्थात जो हम पारंपरिक रूप से करते आ रहे हैं। तो निश्चित रूप से आपके लिए ऑनलाइन की तुलना में ऑफलाइन कोचिंग ज्यादा लाभदायक रहने वाली है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आप जब क्लास में जाकर पढ़ते हैं तो आपका टीचर से आमने-सामने संपर्क होता है। आपका ध्यान भटकने की संभावना ना के बराबर होती है।

इसी के साथ ही जब आप क्लास अटेंड करते हैं तो आपका अपने साथ पढ़ रहे लोगों के साथ संपर्क बनता है। इससे आप एक अच्छा ग्रुप बना सकते हैं और उनके साथ मिलकर तैयारी कर सकते हैं। क्लास में जाकर पढ़ने से आपके अंदर अनुशासन भी बना रहता (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है।

वहीं यदि आप टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ते हैं तो वहाँ आपको ऑनलाइन भी बहुत सारा मटेरियल मिलता है। उदाहरण के तौर पर आप सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी को ही ले लीजिए। मैट्रिक्स अकैडमी हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाती है। ऐसे में कोई स्टूडेंट किसी कारणवश क्लास अटेंड नहीं कर पाता है तो वह बाद में उस वीडियो लेक्चर को देखकर उसे पढ़ सकता है।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट सिटी

अब जब आपने नीट की तैयारी के लिए ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बारे में जान लिया है तो अब बात करते हैं नीट के लिए कौन-सा शहर सबसे अच्छा रहेगा, उसके बारे में। जब भी नीट की कोचिंग की बात की जाती है तो उसके लिए कोटा शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता (NEET Ki Taiyari Sabse Acchi Kahan Hoti Hai) है। हालाँकि अब ऐसा नहीं है।

पिछले कुछ वर्षों में इस रैंकिंग में सीकर शहर टॉप पर आ रहा है। सीकर भी राजस्थान का ही एक शहर है और वह कोटा से भी ऊपर क्यों पहुँच गया है, वह हम आपको नीचे बताएँगे। नीचे हम आपको क्रमानुसार नीट की तैयारी करने के लिए टॉप 5 सिटीज के बारे में बताने वाले हैं।

  • सीकर

नीट की कोचिंग लेने में आज के समय में जिस शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह है राजस्थान का सीकर शहर। वह इसलिए क्योंकि पिछले एक से दो दशक में सीकर शहर में नीट की तैयारी करवाने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान खुल चुके हैं। इनमें से कुछ के नाम मैट्रिक्स अकैडमी, प्रिंस, गुरुकृपा, एलन इत्यादि हैं। साथ ही यहाँ का माहौल भी बहुत सही है और पैसे भी बहुत ज्यादा नहीं लगते हैं।

  • कोटा

आप सोच रहे होंगे कि नीट कोचिंग की बेस्ट सिटी के तौर पर कोटा सीकर से क्यों पिछड़ गया है। इसका कारण है यहाँ का ओवर हाइप होना और लगातार ख़राब होता माहौल। आप भी पिछले कुछ वर्षों से कोटा शहर में स्टूडेंट्स के द्वारा प्रेशर में आकर सुसाइड करते हुए की खबर सुनते होंगे। ऐसे में सीकर शहर में नीट की कोचिंग तो अच्छी है ही लेकिन वहाँ कोटा के जैसे बहुत ज्यादा तनाव वाला माहौल नहीं है।

  • दिल्ली

अब इस सूची में तीसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली आती है। दिल्ली में भी देश के सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग सेंटर्स खुले हुए हैं और यहाँ पर एक से बढ़कर एक सुविधाएँ हैं। हालाँकि यहाँ का नुकसान यह है कि यहाँ पर सभी तरह की सुविधाएँ होने के कारण स्टूडेंट्स का ध्यान बहुत जल्दी भटक जाता है। साथ ही यह सिटी थोड़ी महँगी भी है।

  • जयपुर

नीट की बेस्ट सिटी के तौर पर राजस्थान राज्य की ही राजधानी जयपुर भी आती है। यह शहर भी सीकर की तरह शांत है और प्रेशर बहुत ज्यादा नहीं है। हालाँकि यह सीकर से कोचिंग की क्वालिटी के कारण पिछड़ जाती है।

  • चेन्नई

तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई इस लिस्ट में आखिरी और पांचवें नंबर पर है। चेन्नई ने भी पिछले कुछ वर्षों में ही अच्छा काम किया है लेकिन यहाँ की सबसे बड़ी समस्या भाषा है। यह भाषा की समस्या केवल उत्तर, पश्चिम, पूर्व व मध्य भारत के राज्यों के लिए ही नहीं अपितु दक्षिण भारत के राज्यों के लिए भी है। इस कारण यहाँ तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों के बहुत कम छात्र ही पढ़ने जाते हैं।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट इंस्टीट्यूट

ऊपर आपने जान लिया है कि नीट की तैयारी के लिए ऑफलाइन मोड ही सबसे बेस्ट होता है। साथ ही यह भी जाना कि इसके लिए सीकर शहर टॉप पर बना हुआ है लेकिन केवल इसी से ही तो काम नहीं चलने वाला है। आपको यदि नीट की कोचिंग लेनी है तो उसके लिए किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पढ़ना ही होगा।

ऐसे में अब हम आपके सामने नीट के बेस्ट कोचिंग सेंटर की एक लिस्ट रखने वाले हैं। हम आपको भारत के टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर और उनके बारे में कुछ मूलभूत जानकारी (NEET Ki Taiyari Sabse Achi Kahan Hoti Hai) देंगे। चलिए जानते हैं।

  • मैट्रिक्स अकैडमी, सीकर

क्या आपने सोचा है कि सीकर शहर ने नीट की कोचिंग देने में कोटा जैसे बहुत चर्चित शहर को किस कारण पीछे धकेल दिया है। उसके लिए सीकर शहर में खुले एक से बढ़कर एक नीट कोचिंग संस्थान तो हैं ही लेकिन सबसे बड़ा कारण यही मैट्रिक्स अकैडमी है। यदि आप पिछले कुछ वर्षों के रिजल्ट देखेंगे तो पाएंगे कि मैट्रिक्स अकैडमी के स्टूडेंट्स ने नीट में अपना परचम लहराया है।

इसका मुख्य कारण है मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ा रही टॉप क्लास की फैकल्टी, यहाँ मिल रही सभी तरह की फैसिलिटी, जगह-जगह डाउट क्लीयरिंग सेंटर्स, स्टूडेंट्स के लिए वर्ष के 365 दिनों तक खुले रहना, सामान्य फीस और ऑनलाइन उपस्थिति। यह सभी चीजें मिलाकर ही मैट्रिक्स को देश का टॉप लेवल का नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट बनाते हैं।

  • प्रिंस अकैडमी, सीकर

अब इस लिस्ट में सीकर की ही एक और अकादमी प्रिंस आती है। मैट्रिक्स अकैडमी की तरह ही प्रिंस अकैडमी ने भी बहुत काम किया है। इस कारण हर दिन के साथ प्रिंस अकैडमी भी आगे बढ़ती जा रही है। इसने हाल ही में कोटा की प्रसिद्ध एलन अकैडमी को पछाड़ कर दूसरी रैंक हासिल की है।

  • एलन अकैडमी, कोटा

एलन का नाम तो आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। एक समय था जब नीट की कोचिंग देने में एलन का एकछत्र राज हुआ करता था लेकिन अब वह वर्चस्व टूट चुका है। हालाँकि एलन अभी भी बहुत अच्छा कर रही है और भारत के कई शहरों में इसने अपनी ब्रांच खोल रखी है।

  • आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली

आकाश इंस्टीट्यूट का नाम हमने आपको ऊपर ही बता दिया है। इस इंस्टीट्यूट ने शुरुआत तो ऑनलाइन कोचिंग देने से की थी लेकिन आज के समय में भारत के कई शहरों में इसके ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स भी खुल चुके हैं। वैसे इसके सभी सेंटर्स में दिल्ली का कोचिंग सेंटर सबसे बेस्ट माना जाता है।

  • गुरुकृपा अकैडमी, सीकर

सीकर शहर को टॉप पर लाने में गुरुकृपा अकैडमी का नाम भी लिया जाता है। गुरुकृपा में शांत वातावरण है और यह अपने पढ़ाने के तरीके के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस कारण गुरुकृपा देश के बाकी सभी नीट कोचिंग संस्थान को पछाड़ कर टॉप 5 में जगह बना पाया है।

तो यह नीट के 5 सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान (NEET Ki Taiyari Kahan Se Karen) हैं। वैसे तो हर शहर में दर्जनों कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं लेकिन जिन पांच कोचिंग संस्थान के नाम हमने आपको बताए हैं, वह देश के टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर्स हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि यदि आपको नीट की सबसे बेस्ट कोचिंग लेनी (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है या उसकी अच्छे से तैयारी करनी है तो आपके लिए कौन-सा मोड, किस तरह की सिटी और कौन-से कोचिंग सेंटर्स परफेक्ट रहने वाले हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार क्या निर्णय लेते हैं। हालाँकि आप अभी जो निर्णय लेंगे वही आगे चलकर आपके भविष्य का निर्माण करेगा। जितनी देर करेंगे उतना ही आपको नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि कोई और स्टूडेंट सही निर्णय लेकर आपसे आगे निकल जाएगा। इसलिए समय ले लें लेकिन जो भी निर्णय लें, वह अच्छे से सोच-समझ कर ही लें।

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प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए सबसे अच्छा शहर कौन सा है?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सबसे अच्छा शहर राजस्थान का सीकर शहर है। इसके बाद कोटा, जयपुर व दिल्ली का नाम लिया जाता है।

प्रश्न: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: यदि हम नीट की सबसे अच्छी कोचिंग की बात करेंगे तो उसमें सबसे पहला नाम सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी का लिया जाएगा। इसके बाद कोटा की एलन अकैडमी का नाम आता है।

प्रश्न: नीट कोचिंग के लिए कौन सा शहर बेस्ट है?

उत्तर: नीट कोचिंग के लिए राजस्थान राज्य का सीकर शहर सबसे बेस्ट है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ मैट्रिक्स, गुरुकृपा व प्रिंस जैसी अकैडमी ने बहुत अच्छा काम किया है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य कौन सा है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य राजस्थान है। वह इसलिए क्योंकि राजस्थान राज्य में सीकर, कोटा व जयपुर नीट के लिए बेस्ट शहर माने जाते हैं।

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NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe: नीट का एग्जाम एक ऐसा एग्जाम होता है जिसे पास करना बहुत स्टूडेंट्स के लिए किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं होता है। वहीं इसे केवल पास कर देने से ही काम नहीं चलता है। यदि आपको अच्छे मेडिकल कॉलेज में सीट चाहिए तो उसके लिए अच्छी रैंक भी लानी होती है। अच्छी रैंक लानी है तो उसके लिए टॉप स्कोर करना होता है। टॉप स्कोर करना है तो निश्चित रूप से पढ़ाई भी उसी तरह से करनी होती है।

अब ज्यादातर स्टूडेंट्स का यह प्रश्न होता है कि उन्हें नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए जिससे कि उनकी सही तैयारी हो सके। ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में ही बताने वाले हैं। नीट का एग्जाम बहुत ज्यादा मेहनत मांगता है और उसके लिए तैयारी भी वैसी ही की जानी चाहिए। तो चलिए जानते हैं नीट के लिए कितने घंटे पढ़ना सही रहता (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) है।

नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब कुछ स्टूडेंट्स दसवीं से ही नीट एग्जाम को लेकर सतर्क हो जाते हैं और पढ़ने लग जाते हैं तो कुछ स्टूडेंट्स अपनी 11 वीं या 12 वीं क्लास की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी करना शुरू करते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स 12 वीं के बाद या फिर एक वर्ष का ड्रॉप लेकर भी नीट की तैयारी करते (NEET Crack Karne Ke Liye Kitne Ghante Padhe) हैं। अब जिन स्टूडेंट्स का पहली बार में सिलेक्शन नहीं होता है या मनपसंद कॉलेज नहीं मिलता है तो फिर वे एक और वर्ष का ड्रॉप ले लेते हैं।

ऐसे में आज हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएँगे कि आपको अपनी दसवीं क्लास की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी कितनी देर करनी चाहिए, उसके बाद की क्लास में कितनी देर करनी चाहिए और नीट एग्जाम से पहले कितनी देर इसके लिए तैयारी करनी (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) चाहिए, आइए जाने।

#1. दसवीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

यदि आप दसवीं कक्षा में हैं और आप अभी से ही नीट की तैयारी शुरू करना चाहते हैं तो यकीन मानिए आप बाकी के 90 प्रतिशत स्टूडेंट्स से आगे चल रहे हैं। जो स्टूडेंट्स अपनी दसवीं क्लास से ही नीट एग्जाम को लेकर सतर्क हो जाते हैं तो उनका बारहवीं के बाद नीट में सिलेक्शन होना लगभग तय माना जाता है।

ऐसे में यदि आप दसवीं क्लास की पढ़ाई के साथ-साथ अलग से 2 से 3 घंटे नीट एग्जाम की तैयारी करने में लगाएंगे तो यह पर्याप्त है। ऐसे में आप चाहें तो इसके लिए कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन कर सकते हैं। यदि आप वीकेंड में एक साथ इसकी कोचिंग लेने को इच्छुक हैं तो वह भी किया जा सकता है।

#2. 11वीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जब आप 11 वीं क्लास में आ चुके हैं और अपने लिए मेडिकल स्ट्रीम का चुनाव कर चुके हैं तो नीट की तैयारी भी शुरू हो ही चुकी है। वह इसलिए क्योंकि आपकी 11 वीं और 12 वीं क्लास का सिलेबस ही नीट का भी सिलेबस होता है। ऐसे में एक तरह से आप नीट एग्जाम की ही तैयारी कर रहे होते हैं।

हालाँकि यदि इस एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए अलग से तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए। ऐसे में आप अपनी 11 वीं क्लास में 3 से 4 घंटे की सीटिंग देंगे तो वह नीट एग्जाम क्रैक करने के लिए पर्याप्त मानी जा सकती है। इसके लिए आपको अपने टीचर्स से गाइडेंस मिल जाएगी या आप मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा जैसे टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से भी जुड़ सकते हैं।

#3. 12वीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

बारहवीं क्लास बोर्ड की क्लास होती है। इस दौरान स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा तनाव में होते हैं क्योंकि उनके ऊपर नीट एग्जाम की तैयारी करने का भी प्रेशर होता है तो वहीं 12th बोर्ड में अच्छा स्कोर करने पर भी ध्यान देना होता है। ऐसे में दोनों के ही बीच संतुलन बनाकर चलना पड़ता है।

हालाँकि अब प्रेशर ज्यादा है तो मेहनत भी उसी हिसाब से ही करनी होती है। इसलिए आपको बारहवीं क्लास के बोर्ड एग्जाम को भी उतना ही महत्व देना है जितना आप नीट एग्जाम को दे रहे हैं या इसे आप उल्टा करके भी समझ सकते हैं। ऐसे में बारहवीं क्लास में 4 से 5 घंटे नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए (NEET Crack Karne Ke Liye Kitne Ghante Padhe) पर्याप्त माने जाते हैं।

#4. बोर्ड एग्जाम के बाद नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जब आपके बोर्ड एग्जाम समाप्त हो चुके हैं तो अब आप अपना पूरा ध्यान नीट एग्जाम की तैयारी में लगा सकते हैं। ऐसे में आपकी तैयारी के घंटे भी बारवीं क्लास की पढ़ाई की तुलना में बढ़कर दोगुने हो जाएंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप बारहवीं क्लास तक तो नीट एग्जाम की तैयारी में 4 से 5 घंटे का समय दे रहे थे लेकिन बोर्ड एग्जाम फिनिश होने के बाद आपको यह समय बढाकर 10 से 12 घंटों का करना होगा।

इस दौरान आपको जमकर नीट एग्जाम की तैयारी करनी होगी। यदि आप एक वर्ष का ड्रॉप भी ले रहे हैं तो भी आपको प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की सीटिंग देनी होगी तभी आगे जाकर आपका नीट एग्जाम अच्छे से क्लियर हो पाएगा।

#5. आखिरी दो महीने नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जैसे-जैसे नीट एग्जाम का समय पास आता जाता है, वैसे-वैसे ही सभी स्टूडेंट्स के अंदर घबराहट बढ़ती चली जाती है। हालाँकि इस घबराहट से उनका लाभ कम और नुकसान ज्यादा देखने को मिलता है। इसलिए आप इस बिना मतलब की घबराहट को पाले नहीं बल्कि इसे भगा दें।

आखिरी दो महीने नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दौरान आपको अपनी रिवीजन करने और मॉक टेस्ट देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अभी तक आपने जो पढ़ा है और जो भी नोट्स बनाए हैं, उसकी रिवीजन करना शुरू कर (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) दें। साथ ही आपको इस दौरान 12 से 15 घंटे की सीटिंग देनी शुरू कर देनी चाहिए तभी आप नीट में टॉप स्कोर कर पाएंगे।

नीट क्रैक करने के लिए जरुरी बातें 

अब जब हमने आपको विभिन्न परिस्थितियों या आपकी क्लास के अनुसार नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए घंटों की सीटिंग के बारे में बता दिया है तो इसके बाद का बताना भी जरुरी है। कहने का अर्थ यह हुआ कि केवल पढ़ने के घंटे तय कर लेने से कुछ नहीं होता है। आप इन घंटों का किस तरह से उपयोग कर रहे हैं, वह मायने रखता (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) है।

अब आप चाहे 10 घंटे पढ़ने बैठ जाएं लेकिन यदि आपका ध्यान दूसरी चीज़ों में है तो वह 10 घंटे कोई मायने नहीं रखते हैं। वहीं यदि आप ध्यान केंद्रित करके 5 घंटे भी अच्छे से पढ़ते हैं तो वह उन 10 घंटों के बराबर हैं जो आपने इधर-उधर का सोचने में व्यर्थ कर दिए। तो ऐसी कुछ टिप्स हम आपको नीचे दे रहे हैं, जिनका आपको पालन करना चाहिए।

  • सुबह जल्दी उठकर पढ़ें

आजकल यह चलन चल पड़ा है कि अधिकतर स्टूडेंट्स देर रात तक जगकर पढ़ाई करते हैं और सुबह देर से उठते हैं। हालाँकि आपको अपने अनुसार जैसा सही लगता है, वैसा करना चाहिए लेकिन यह भी जान लें कि सुबह का समय कुछ करने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में आप रात को जल्दी सोकर और सुबह जल्दी उठकर पढ़ना शुरू करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव आपको कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा।

  • सही कोचिंग का चुनाव

नीट की तैयारी (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) करने में सही कोचिंग का चुनाव भी बहुत जरुरी हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के नीट कोचिंग संस्थान में दिया गया एक-एक घंटा लो लेवल के कोचिंग संस्थान के 10 घंटों के बराबर होता है। ऐसे में आपको भारत के कुछ टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी, गुरुकृपा, प्रिंस, आकाश इत्यादि में पढ़ना चाहिए।

  • कठिन चीजें सुबह हल करें

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि सुबह का समय किसी वरदान से कम नहीं है। ऐसे में आप सुबह के समय जो कुछ भी पढ़ते हैं, वह आपको जल्दी समझ में आता है और लंबे समय तक याद भी रहता है। ऐसे में आप इस समय का सदुपयोग कठिन टॉपिक्स को पढ़ने में करेंगे तो यह आपके लिए ही लाभदायक रहेगा। सुबह के समय में आप कठिन टॉपिक्स को समझने में कम समय लगाएंगे और इससे आपका उत्साह भी बढ़ेगा।

  • नींद पूरी लें

नीट की तैयारी के लिए अपने हर घंटे का समुचित उपयोग करना है तो उसके लिए जरुरी है कि आप 7 से 8 घंटे की नींद भी पूरी करें। यदि आप सोचते हैं कि कम सोकर आप उन घंटों को नीट की तैयारी में लगा देंगे तो इससे आपका ही नुकसान हो रहा होगा। वह इसलिए क्योंकि कम सोने से शरीर में थकान बनी रहती है और दिमाग भी धीरे काम करता है। वहीं पूरी नींद लेने से आप तेज गति से और अच्छे से पढ़ पाते हैं।

  • ध्यान लगाएं

अक्सर यह देखने में आता है कि जब हम पढ़ने बैठते हैं तो उसके कुछ ही समय बाद में हमारा ध्यान भटकने लगता है। हम पढ़ कुछ रहे होते हैं और ध्यान कहीं और होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके हाथ में कॉपी, बुक होती है, आखें भी उसी ओर होती है लेकिन मन कुछ और ही सोच रहा होता है। यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो आपको दिन में कम से कम 30 मिनट ध्यान लगाना चाहिए और योग करना शुरू कर देना चाहिए। इससे ध्यान केंद्रित करने में बहुत सहायता मिलती है।

  • हर दो घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें

लगातार कोई काम किया जाता है तो वह सही से नहीं होता है। अब यदि हम किसी मशीन को भी लगातार चालू रखते हैं तो वह भी गर्म हो जाती है, हम तो फिर भी मनुष्य हैं। ऐसे में यदि आप बिना रुके लगातार पढ़ते ही चले जाएंगे तो सोचने-समझने की शक्ति कम होती चली जाएगी। इससे आप पढ़ा हुआ कुछ ही दिनों में भूल जाएंगे। इसलिए आवश्यक है हर दो घंटे की पढ़ाई के बाद कम से कम 10 मिनट का ब्रेक ले लिया जाए।

  • मोबाइल दूर रखें

मोबाइल अपने आप में पूरी की पूरी दुनिया है। इसमें एक क्लिक में सब जानकारी उपलब्ध होती है। अब जो स्टूडेंट्स मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ते हैं, वे पढ़ने के साथ-साथ कहीं और भी ध्यान लगा रहे होते हैं। इसलिए ऑफलाइन स्टडी करें और उस दौरान मोबाइल को दूर रखें। वहीं किसी लेक्चर को ऑनलाइन करना ही है तो उसे डाउनलोड कर लें और पढ़ते समय इंटरनेट बंद कर दें।

  • एक बार में एक विषय पढ़ें

अब कुछ स्टूडेंट्स अपने आप को ज्यादा स्मार्ट समझते हैं और इस चक्कर में वे एक साथ कई टॉपिक्स और विषय को पढ़ रहे होते हैं। इससे उन्हें लगता है कि वे तेज गति से पढ़ रहे हैं लेकिन होता इसका उल्टा है। दरअसल एक साथ कई टॉपिक या सब्जेक्ट पढ़ने से आपका ध्यान एक ओर नहीं होता है और उलझन की स्थिति बनती है। वहीं आप एक बारी में एक टॉपिक पढ़ते हैं तो पूरा ध्यान उसी पर होता है जिससे वह अच्छे से समझ में आता है और लंबे समय तक ध्यान में रहता है।

तो यह थी कुछ टिप्स जो नीट की तैयारी करने में आपकी बहुत मदद (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) करेगी। सबसे जरुरी बात यह है कि आप नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए जितने भी घंटे दें लेकिन वह घंटे माइंडफुल स्टडी के होने चाहिए, ना कि इधर-उधर ध्यान भटकाने के लिए। 

अन्यथा आजकल कई स्टूडेंट्स कहने को या दिखाने को तो 10-10 घंटे की पढ़ाई कर रहे होते हैं लेकिन असलियत में उनकी पढ़ाई 2 से 3 घंटे की ही होती है क्योंकि वे अपना बाकी समय ध्यान ही नहीं लगा पा रहे होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको नीट की तैयारी करने में कितने घंटे लगाने होते (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) हैं, इस टॉपिक के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी दे दी है। इसी के साथ ही आप यह भी जान चुके हैं कि नीट की तैयारी में कोचिंग का कितना महत्व होता है। वह इसलिए क्योंकि जो स्टूडेंट्स नीट को लेकर सीरियस होते हैं, वे जल्द से जल्द एक सही कोचिंग का चुनाव कर लेते हैं।

अब मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस इंस्टीट्यूट जैसे सही कोचिंग संस्थान का चुनाव उनका भविष्य बना सकता है। वह इसलिए क्योंकि आपकी पढ़ाई के घंटे इसी कोचिंग पर ही निर्भर करेंगे और आप कितनी जल्दी चीज़ों को समझ पाते हैं, वह इन कोचिंग संस्थान में पढ़ा रही अनुभवी फैकल्टी पर निर्भर करेगा।

Related FAQs

प्रश्न: नीट की तैयारी कितने महीने में होती है?

उत्तर: नीट की तैयारी करने के लिए आपको कम से 12 महीने देने होते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स को 6 महीने तो किसी को 24 महीने भी लग जाते हैं।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 12 महीनो का समय चाहिए होता है। अब यह स्टूडेंट पर निर्भर करता है कि वह हर दिन कितने घंटे की सीटिंग देता है।

प्रश्न: नीट टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: नीट टॉपर्स हर दिन 7 से 8 घंटे सोते हैं। यदि किसी स्टूडेंट को नीट एग्जाम सही से क्रैक करना है तो उसे भी प्रतिदिन 7 घंटों की नींद लेना आवश्यक है।

प्रश्न: क्या टॉपर्स रात में पढ़ाई करते हैं?

उत्तर: टॉपर्स रात की बजाए दिन में जल्दी उठकर पढ़ना चुनते हैं। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय बहुत ही सकारात्मक होता है और उस दौरान पढ़ा गया लंबे समय के लिए याद रहता है।

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JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare: बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो बिना किसी कोचिंग के घर पर बैठकर ही JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं। हालाँकि ऐसा नहीं है कि इनमें से सभी स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जो कभी JEE Mains के लिए कोचिंग नहीं लगे होंगे। इनमें से बहुत ने पहले कभी JEE Mains की कोचिंग ली होगी जो अब पूरी हो गई होगी। इसके बाद उन्हें घर बैठ कर ही JEE Mains की तैयारी करनी होती है।

अब ज्यादातर स्टूडेंट्स जो अच्छे कोचिंग संस्थान से पढ़ चुके (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं, जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा, तो उन्हें तो कोचिंग अकैडमी के द्वारा ही पूरा मार्गदर्शन दे दिया जाता है। हालाँकि इनमें से कुछ कोचिंग संस्थान ऐसे भी होंगे जो घर पर JEE Mains की तैयारी किस तरह से की जा सकती है, इसके बारे में नहीं बताते हैं या आधी अधूरी जानकारी देते हैं।

ऐसे में आज का यह आर्टिकल उन सभी स्टूडेंट्स पर फोकस करके लिखा गया है जो घर बैठकर JEE Mains की तैयारी करने को इच्छुक हैं। आज हम आपको स्टेप बाय स्टेप JEE Mains की घर बैठकर तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं।

घर पर JEE Mains की तैयारी कैसे करें?

बहुत से स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि कोचिंग में तो उनका एक सही और स्ट्रिक्ट टाइमटेबल बना हुआ होता है लेकिन घर पर ऐसा संभव नहीं हो पाता (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हम आपको इससे संबंधित हर टिप्स देंगे।

घर पर रहकर भी JEE Mains की अच्छे से तैयारी की जा सकती है लेकिन उसके लिए आपको हमारी हरेक टिप को फॉलो करना होगा। तभी आप JEE Mains की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और उसमें अच्छे नंबर लाकर टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं, आइए जाने।

#1. डे टू डे का टाइम टेबल बनाएं 

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने लिए प्रतिदिन अर्थात डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना। घर पर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) करनी है तो यह सबसे पहला और जरुरी स्टेप हो जाता है। इसके लिए आप कितने घंटे सोने वाले हैं, कितने घंटे किस टॉपिक को पढ़ने वाले हैं, कितने समय का ब्रेक लेने वाले हैं, इत्यादि सब को कवर करना है।

एक तरह से आपके पूरे दिन का शेड्यूल इसमें होना चाहिए। अब आपको टाइम टेबल बनाकर बस उसे यूँ ही छोड़ नहीं देना है या इसे कुछ दिनों तक ही फॉलो नहीं करना है बल्कि आपको इसे हर दिन स्ट्रिक्ट रूप में फॉलो करना है। इससे ही आपकी निरंतरता बनी रहेगी और आप सही ट्रेक पर रहेंगे।

#2. अपनी कोचिंग से जुड़े रहें

अब जो स्टूडेंट्स पहले किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे, उन्हें उनसे जुड़े रहना चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब आपकी वहाँ से कोचिंग पूरी हो गई है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका वहाँ से अब कोई संपर्क नहीं रहा है। आज के समय में कुछ नए कोचिंग संस्थान खुल गए हैं जो अपने एक्स स्टूडेंट्स को कोई राय नहीं देते हैं या उनकी कोई मदद नहीं करते हैं।

वहीं यदि आप भारत के टॉप लेवल के JEE Mains के कोचिंग स्थान देखेंगे जिनमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम आता है, वे अपने अभी के और पुराने स्टूडेंट्स दोनों पर ही बराबर ध्यान देते हैं। वह इसलिए क्योंकि आप उनसे पहले जुड़ चुके हैं और आपका रिजल्ट उनके लिए बहुत मायने रखता है। वे समय-समय पर आपको उचित परामर्श देते रहते हैं।

#3. टॉप स्कोर करने वालो को फॉलो करें 

जो स्टूडेंट्स JEE Mains के एग्जाम में टॉप स्कोर करते हैं, उनके बारे में ऑनलाइन बहुत कुछ डाला जाता है। कई तरह के सोशल मीडिया चैनल पर उनके इंटरव्यू और टिप्स दी जाती है। ऐसे में यह आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा अगर आप उन्हें फॉलो करेंगे।

आपको कई तरह के टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स के ऑनलाइन प्लेटफार्म मिल जाएंगे जहाँ पर वे समय-समय पर कोई ना कोई टिप या अपना अनुभव शेयर करते हुए दिखाई देंगे। इसलिए आपको उन्हें फॉलो करना है ताकि आप उनकी बताई गई टिप्स को फॉलो करके JEE Mains की अच्छे से तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) कर सकें।

#4. डाउट को क्लियर करते रहें 

जब हम घर बैठ कर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो हमारे कई डाउट इकट्ठे होते चले जाते हैं। अब जो स्टूडेंट्स कोचिंग में जाकर JEE Mains की तैयारी कर रहे हैं, वे तो अपने डाउट अपने टीचर से पूछ लेते हैं और उन्हें सोल्व कर लेते हैं लेकिन घर रहकर इसकी सुविधा नहीं मिलती है।

ऐसे में आप अपने पुराने कोचिंग सेंटर और वहाँ की फैकल्टी के संपर्क में हैं तो आप उनसे अपने डाउट क्लियर करवा सकते हैं। या फिर आपके साथ कोई दोस्त या रिश्तेदार भी JEE Mains की तैयारी कर रहा है तो आप दोनों हर 3 से 4 दिन में 2 घंटे एक साथ बैठकर एक-दूसरे के डाउट सोल्व करने का काम कर सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपको ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह में अपने डाउट क्लियर कर लेने चाहिए।

#5. छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें 

घर बैठकर तैयारी करने वाले कुछ स्टूडेंट्स इस बात को भूल जाते हैं कि उन्हें समय-समय पर ब्रेक लेते रहने की भी जरुरत है। दरअसल कुछ स्टूडेंट्स JEE Mains की तैयारी करने को लेकर इतने सीरियस या यूँ कहें कि नर्वस हो जाते हैं कि वे हर समय दिन-रात पढ़ते ही रहते हैं। ऐसे में वे ना समय पर खाना खाते हैं, ना ही पूरी नींद लेते हैं और ना ही ब्रेक लेते हैं।

यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो जरा ठहरिए और सोचिए कि क्या आप सही तरीके से पढ़ पा रहे हैं या नहीं। वह इसलिए क्योंकि यदि आप बिना ब्रेक के तैयारी करते चले जाएंगे तो इससे आपकी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आप ना केवल सही से पढ़ पाते हैं बल्कि पढ़ी गई चीज़ों को ज्यादा देर तक याद भी नहीं रख पाते हैं। इसलिए कुछ-कुछ समय बाद रचनात्मक ब्रेक लेते रहें।

#6. मोटिवेटेड रहें

जब आप JEE Mains की कोचिंग में जाते हैं तो वहाँ आपका उत्साह बढ़ाने के लिए आपके टीचर होते हैं, साथ के दोस्त होते हैं लेकिन घर बैठकर पढ़ने से अक्सर स्टूडेंट अकेला महसूस करता है। इसी अकेलेपन में वह धीरे-धीरे करके हतोत्साहित हो जाता है जो उसकी मानसिक स्थिति व JEE Mains की तैयारी के लिए (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) बहुत ही गलत है।

ऐसे में आपको अपने आप को समय-समय पर मोटीवेट करते रहना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आप जो भी ब्रेक ले रहे हैं, उसमें कुछ रचनात्मक कार्य करें, सही लोगों के संपर्क में रहें, घर का वातावरण शुद्ध व सकारात्मक हो, योग व ध्यान करें, नींद पूरी लें इत्यादि। यह सब कार्य आपको मोटीवेट करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।

#7. डिस्ट्रैक्शन से बचें

ऊपर हमने आपको बताया कि आपको हर समय पढ़ते नहीं रहना है और समय-समय पर छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहना है लेकिन अब ऐसे भी कुछ स्टूडेंट्स होते हैं जो पढ़ते समय भी किसी दूसरी चीज़ में अपना ध्यान लगा रहे होते हैं। जो स्टूडेंट्स घर रहकर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं उनका सबसे ज्यादा समय व्यर्थ इसी कारण होता है और वे अक्सर कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स से पिछड़ जाते हैं।

ऐसे में आपको पढ़ते समय अपने मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बनाकर रखनी होगी, दोस्तों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने से बचना होगा, घरवालों के साथ भी एक निश्चित समय तक ही बैठना होगा, टीवी पर कोई कार्यक्रम आ रहा है और वह आपका पसंदीदा है तो उसे अपने ब्रेक में देखें, ना कि पढ़ते हुए।

#8. कठिन टॉपिक्स पहले कवर करें

अब कई स्टूडेंट्स यह भी सोचते हैं कि यदि पहले वे सरल टॉपिक को कवर कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। कठिन टॉपिक को हाथ लगाने से वे झिझकते हैं क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा समय लगता है या फिर यूँ कहें कि वे इसे हाथ लगाने से भयभीत होते हैं। अब कोचिंग में तो टॉपिक फैकल्टी के द्वारा पढ़ाया जाता है और वह आपको उसी समय पढ़ना होता है लेकिन घर पर तो यह हमारे ही हाथ में है।

अब यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही हानिकारक होने वाला है। आपको यदि JEE Mains की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए कठिन टॉपिक को पहले हाथ लगाएं। फिर चाहे इसमें लगने वाला समय ज्यादा ही क्यों ना हो। यदि इसमें ज्यादा समय लग रहा है तो आप किसी अन्य की सहायता ले सकते हैं।

#9. डेली रिवीजन करें

यह आप अपने प्रतिदिन का नियम बना लें कि आपको घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करनी है तो उसके लिए हर दिन रिवीजन निश्चित रूप से की जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई ना बरती जाए अन्यथा यह आपके लिए बुरे परिणाम लेकर आ सकता है।

अब जो स्टूडेंट्स रोजाना JEE Mains की तैयारी करने के साथ-साथ रिवीजन भी करते हैं तो वे निश्चित रूप से अन्य स्टूडेंट्स की तुलना में बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहे होते हैं। इससे आपको फिर से वही कॉन्सेप्ट समझने में बहुत कम समय लगेगा और चीजें ज्यादा समय तक याद भी रहेंगी।

#10. हर हफ्ते 1 फुल मॉक टेस्ट दें

JEE Mains के एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए सीधा प्रश्न पत्र ही हल नहीं करना होता है। बल्कि उसके लिए बहुत पहले से ही मॉक टेस्ट देने की आदत अपनानी होती है। इससे होता क्या है कि जब असलियत में JEE Mains का पेपर आपके हाथ में आता है तो आप उसके लिए तैयार होते हैं।

ऐसे में आप हर सप्ताह का नियम बना लें कि आपको कम से कम एक मॉक टेस्ट तो देना ही है। वहीं जब एग्जाम में एक से दो महीने का समय बचा हुआ हो तो आप इसे सप्ताह में कम से कम 3 बार देने की आदत बना लें। इससे आपकी अच्छी प्रैक्टिस हो जाती है और एग्जाम क्लियर करने की संभावना भी बहुत बढ़ जाती है।

#11. गलतियों को एनालिसिस करें और सुधारें

जब कोई स्टूडेंट घर से ही JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) कर रहा होता है तो उससे जाने अनजाने में कई तरह की गलतियाँ होती है। अब कोचिंग के दौरान तो यह गलतियाँ टीचर पकड़ लेते हैं और उसे सुधार भी देते हैं लेकिन घर पर हमें बोलने या रोकने टोकने वाला कोई नहीं होता है।

ऐसे में यदि आप भी गलतियाँ कर रहे हैं तो उसे अनदेखा ना करें। आप अपनी गलती को देखें, उसका एनालिसिस करें, उसे किस तरह से सुधारा जा सकता है इसे देखें और दोबारा उस गलती को करने से भी बचें। निश्चित रूप से यह टिप आपके बहुत काम आने वाली है।

#12. फॉर्मूला चार्ट बनाएं

अब जब हम JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) कर रहे होते हैं तो उसमें आने वाले तीनों सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में अनेक फॉर्मूला होते हैं। अब यदि आप इन फॉर्मूला का एक चार्ट बना लेंगे तो यह बहुत काम आता है। इसके लिए आप एक कॉपी को लेकर उसे तीन भागों में विभाजित कर दीजिए।

अब इस कॉपी में आप अपने तीनों सब्जेक्ट्स के सभी फॉर्मूला को क्रमानुसार लिख लीजिए। JEE Mains का जो एग्जाम होता है, उसमें ज्यादातर प्रश्न इन्हीं फॉर्मूला के बेसिस पर ही सोल्व किए जाते हैं। ऐसे में यदि आप इन्हें एक जगह लिख लेंगे तो यह बहुत ही सहायक होगा।

#13. हर चैप्टर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स के नोट्स बनाएं

आप जब JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो आपको हर चैप्टर के स्पेशल पॉइंट्स को लिखते रहना चाहिए। इससे क्या होता है कि आपकी दिमागी क्षमता बढ़ती है और जो चीज़ लिखी जाती है, वह ज्यादा समय तक याद रहती है। इसी कारण हर कोचिंग संस्थान में नोट्स बनाने को प्राथमिकता दी जाती है।

साथ ही जब JEE Mains एग्जाम का समय पास आ रहा होता है, तब आप अपने बनाए गए नोट्स से बहुत जल्दी रिवीजन कर सकते हैं। एग्जाम सेंटर तक भी स्टूडेंट्स अपने बनाए इन्हीं नोट्स को ही लेकर आते हैं और आखिरी समय तक रिवीजन करते हुए देखे जाते हैं।

#14. टॉप कोचिंग के यूट्यूब चैनल फॉलो करें 

यह भी एक बहुत ही कारगर टिप है जो आपके लिए बहुत काम आएगी। दरअसल आज के समय में हर टॉप कोचिंग संस्थान के अपने यूट्यूब चैनल हैं जिन पर वे समय-समय पर JEE Mains एग्जाम से जुड़ी वीडियोज को डालते रहते हैं। अब इनमें से कुछ वीडियो स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने के लिए होती है तो कुछ के द्वारा JEE Mains की तैयारी करवाई जाती है।

इसलिए आप मैट्रिक्स सीकर के यूट्यूब चैनल को फॉलो कर सकते हैं जहाँ समय-समय पर इस तरह की वीडियोज डाली जाती है। इसके अलावा आप प्रिंस अकैडमी, आकाश इंस्टीट्यूट, एलन अकैडमी इत्यादि के चैनल को भी फॉलो कर सकते हैं।

#15. स्टडी टाइम को 2-3 घंटे के ब्लॉक में बांटें

आप एक साथ लंबा स्टडी टाइम ना बनाएं बल्कि इसे हर दो से तीन घंटे के ब्लॉक में बांटें। अब ब्लॉक का अर्थ हुआ आपको एक बारी में तीन घंटे से ज्यादा समय तक नहीं पढ़ना है। इसलिए आप जो भी सब्जेक्ट या टॉपिक पढ़ रहे हैं, उसके तीन घंटे बाद आपको कुछ और करना (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) है।

अब आप चाहें तो उसके बाद ब्रेक ले सकते हैं, कहीं बाहर जा सकते हैं, कुछ खा सकते हैं या आपके हिसाब से आपको जो भी सही लगता है, वह कर सकते हैं। हालाँकि यह ब्रेक ज्यादा लंबा भी नहीं होना चाहिए। इसे आप अपने टाइमटेबल के अनुसार सेट कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) किस तरह से की जा सकती है। यहाँ पर हमने आपको कुल 15 टिप दी है जो आपके बहुत काम आने वाली है। हालाँकि आप इस बात को कतई ना भूलें कि आपको किसी ना किसी कोचिंग संस्थान से जुड़े रहना होगा क्योंकि वही आपको समय-समय पर सही गाइडेंस दे सकते हैं और आपके डाउट भी वही क्लियर कर सकते हैं।

इसके लिए देश के टॉप JEE Mains कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ा जा सकता है जिनका नाम हमने आपको बता ही दिया है। इसी के साथ ही यदि आपके दिमाग में भी कोई अन्य टिप हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं।

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प्रश्न: बिना कोचिंग के jee mains की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: यदि आप बिना कोचिंग के JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल फॉलो करना होगा। इसके बारे में हमने आपको इस आर्टिकल में बताया है।

प्रश्न: मुझे जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करनी चाहिए?

उत्तर: आपको जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना होगा। इसके साथ ही हमारे द्वारा बताई गई सभी 15 टिप्स को फॉलो करना होगा।

प्रश्न: 1 महीने में jee mains कैसे क्रैक करें?

उत्तर: वैसे तो 1 महीने का समय JEE Mains को क्रैक करने के लिए कम होता है लेकिन इसके लिए आप किसी होशियार स्टूडेंट के नोट्स को फॉलो कर सकते हैं।

प्रश्न: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करें?

उत्तर: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए आपका मोटीवेट रहना और हर दिन रिवीजन करना बहुत जरुरी हो जाता है। इसके बारे में हमने इस लेख में बताया है।

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10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare: स्टूडेंट्स के लिए डॉक्टर बनना किसी सपने से कम नहीं होता है। यह एक ऐसी फील्ड है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाली है। डॉक्टर की जरुरत इतिहास में भी थी, वर्तमान में भी है और भविष्य में भी कभी खत्म नहीं होगी। साथ ही लोगों के लिए तो डॉक्टर उनके भगवान की तरह होता है क्योंकि वही उनकी जीवन रक्षा करने और बीमारी से उपचार करने का काम करता है।

हालाँकि बहुत से स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने का सपना तो देखते हैं लेकिन बन नहीं पाते हैं। वह इसलिए क्योंकि वे देश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए होने वाली नीट की परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स के माता-पिता के पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की भारी भरकम फीस देने के लिए पैसा होता है, वे नीट में सलेक्शन ना होने के बावजूद उन कॉलेज की फीस भर देते हैं।

हालाँकि यहाँ हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में केवल मध्यम या गरीब वर्ग के स्टूडेंट्स ही पढ़ते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। बल्कि यहाँ पर एडमिशन लेने का सपना तो हर मेडिकल स्टूडेंट का होता है क्योंकि यह देश के टॉप मेडिकल कॉलेज तो हैं ही और साथ ही सरकारी होने के कारण यहाँ की फीस भी प्राइवेट कॉलेज की तुलना में बहुत कम है।

ऐसे में यदि आप भी अपनी 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने को इच्छुक हैं तो यह बहुत ही उचित और सही समय पर उठाया गया कदम माना (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) जाएगा। ऐसे में आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

10th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें?

एक बात पहले ही समझ लें कि बारहवीं के बाद नीट एग्जाम में सलेक्ट होना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है लेकिन यह सपना पहले ही एटेम्पट में पूरा हो जाए, यह बहुत ही मुश्किल होता है। बहुत से स्टूडेंट्स तो इसके लिए बारहवीं के बाद भी एक से दो वर्ष का ड्रॉप लेते (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं ताकि उन्हें अपना मनचाहा मेडिकल कॉलेज मिल सके।

वहीं जो स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से ही नीट एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर देते हैं उनके सफल होने की संभावना उन स्टूडेंट्स से बहुत ज्यादा होती है जो 11 वीं या 12 वीं के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं। तभी हमने आपको पहले ही कहा कि यदि आप 10th के बाद ही नीट एग्जाम की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो इसे बहुत ही अच्छी बात माना जाएगा। तो चलिए जानते हैं इसके लिए आप क्या कुछ कर सकते हैं।

स्टडी का सही टाइम टेबल बनाएं

सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है एक सही टाइमटेबल का बनाया जाना। बहुत से स्टूडेंट्स टाइमटेबल के सही नहीं बना पाने के कारण बाकी स्टूडेंट्स से पीछे रह जाते हैं। ऐसे में हम आपको सुबह पांच बजे से लेकर रात के 9 बजे तक की पूरी दिनचर्या बताएँगे।

इस टाइमटेबल में आपके पढ़ने का समय, खाने और आराम करने का समय, नींद का समय इत्यादि सबकुछ निर्धारित रहेगा। ऐसे में आपको इस टाइमटेबल से बहुत सहायता मिल (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) जाएगी, चलिए जानते हैं।

समय क्या करें
सुबह 4 बजे उठ जाएं, शौच जाएं, ब्रश करें, योग व ध्यान करें, नहा लें
सुबह 5 से 8 बजे बायोलॉजी अर्थात जीव विज्ञान को पढ़ें
सुबह 8 से 9 बजे नाश्ता करें, आराम करें, समाचार पढ़ें, घरवालों से बात करें
सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक फिजिक्स अर्थात भौतिक विज्ञान पढ़ें
दोपहर 12 से 1 बजे दोपहर का भोजन करें, थोड़ा सो लें या अन्य रचनात्मक या पसंद का काम करें
दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक केमिस्ट्री अर्थात रसायन विज्ञान को पढ़ें
शाम 4 से 4:30 बजे चाय पिएं, हल्का भोजन करें व आराम करें
शाम 4:30 से 6:30 बजे तक मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्न पत्रों को हल करें
शाम 6:30 से 8 बजे तक सबसे पहले रात का भोजन करें, बाहर सैर पर जाएं, कुछ खेलें, दोस्तों से बात करें, अपनी पसंद का काम करें, दिमाग को आराम दें
रात 8 से 9 बजे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, उसकी रिवीजन करें
रात 9 से सुबह 4 बजे तक एक स्टूडेंट के लिए 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है। ऐसे में आप 9 से 4 बजे तक की 7 घंटों की नींद अवश्य लें।

तो यह थी नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए एक आदर्श दिनचर्या। अब यदि आप हमारी बताई गई दिनचर्या को फॉलो करेंगे तो अवश्य ही आपको बहुत मदद मिलेगी। हालाँकि हमने इसमें कोचिंग का समय नहीं जोड़ा है लेकिन यदि आपको कोचिंग से जुड़ना है तो हमारे बताए गए टाइमटेबल में थोड़ा बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।

वह इसलिए क्योंकि हर कोचिंग संस्थान का टाइम टेबल अलग-अलग होता है। ऐसे में स्टूडेंट को उसी के अनुसार ही आगे बढ़ना होता है। हमने ऊपर बताए गए टाइमटेबल में 9 घंटे तीन विषयों को पढ़ने के बारे में बताया है। तो आपको कोचिंग में उसी के अनुसार ही पढ़ना (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) होगा और आगे बढ़ना होगा।

नीट की तैयारी में कोचिंग का महत्व

अब बात करते हैं कि नीट एग्जाम की तैयारी करने में कोचिंग का कितना ज्यादा महत्व होता है। तो यहाँ आप यह बात गाँठ बाँध लें कि यदि नीट एग्जाम में 100 स्टूडेंट्स सलेक्ट हो रहे हैं तो उसमें 99 स्टूडेंट्स ने किसी ना किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग अवश्य ली हुई होगी। कोई एक या दो स्टूडेंट ही ऐसे होंगे जिन्होंने किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लिए बिना ही नीट एग्जाम को क्रैक किया होगा।

अब जो 99 स्टूडेंट्स नीट की कोचिंग लेकर उसमें सलेक्ट हुए हैं तो उन्होंने कहाँ से और किस कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है, यह अगला प्रश्न उभर कर सामने आता है। तो आप यह मानकर चलिए कि इन 99 में 60 से 70 स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जिन्होंने देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होगी और बाकी बचे स्टूडेंट्स ने अपने यहाँ के लोकल या कम प्रसिद्ध कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की होगी।

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि देश के टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम क्या (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं!! ऐसे में हमने इस बारे में भी बहुत गहन अध्ययन किया ताकि आप तक सही जानकारी पहुँच सके। ऐसे में हम देश के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट आपके सामने रखने जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है:

  1. मैट्रिक्स नीट डिविजन, सीकर
  2. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  3. गुरुकृपा इंस्टीट्यूट, सीकर
  4. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  5. प्रिंस अकैडमी, सीकर

ऊपर हमने आपको देशभर के सभी नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम दे दिए हैं। अब हर वर्ष नीट एग्जाम में सलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स इन्हीं कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़े हुए होते हैं। आपको विश्वास नहीं है तो आप पिछले वर्षों के नीट टॉपर्स की लिस्ट देख लीजिए और वे कहाँ से पढ़े हैं, इसके बारे में रिसर्च कर लीजिए।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इन इंस्टीट्यूट में देशभर की सबसे अनुभवी फैकल्टी को ज्वाइन करवाया गया है। एक स्टूडेंट के सलेक्ट होने में उसको पढ़ा रहे टीचर का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि टीचर के कॉन्सेप्ट स्टूडेंट को क्लियर हो जाए और उसे अपने टीचर से सही समय पर सही गाइडेंस मिल जाए तो यह उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है।

अब यही चीज़ मैट्रिक्स या गुरुकृपा जैसी अकैडमी में देखने को मिलती है। आज से लगभग 5 वर्ष पहले इस लिस्ट में एलन इंस्टीट्यूट का एकछत्र राज था लेकिन मैट्रिक्स अकैडमी ने बहुत ही कम समय में जो काम किया है, वह वाकई में सराहनीय है। मैट्रिक्स अकैडमी के द्वारा लगातार की गई मेहनत का ही परिणाम है कि उसने देश की टॉप नीट अकैडमी को पछाड़ कर टॉप रैंक हासिल कर ली है। वहीं गुरुकृपा भी बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।

ऑफलाइन कोचिंग या ऑनलाइन?

अब बात आती है कोचिंग के प्रकार की। वह इसलिए क्योंकि जब से कोरोना नामक महामारी आई है, तब से ही ऑनलाइन कोचिंग का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। स्कूल की पढ़ाई से लेकर नीट की कोचिंग लेने तक, हर चीज़ ऑनलाइन हो चली है। इसलिए आज के समय में कई कोचिंग संस्थान ऐसे खुल चुके हैं जो या तो पूर्ण रूप से या फिर ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह की कोचिंग देते (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं।

आपने भी हाल के ही कुछ वर्षों में कई तरह के ऑनलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट का नाम सुना होगा। किंतु यहाँ बात हो रही है ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बारे में। तो यहाँ हम आपको बता दें कि तकनीक कितनी ही आगे क्यों ना बढ़ जाए, पढ़ाने के तरीके में कितनी ही आधुनिकता क्यों ना आ जाए लेकिन जो ज्ञान आपको आमने सामने बैठकर मिलेगा, वह ऑनलाइन नहीं मिल सकता है।

ऐसे में यदि आप हमसे सीधे और स्पष्ट शब्दों में पूछेंगे कि ऑनलाइन या ऑफलाइन नीट कोचिंग में से कौन सी कोचिंग आपकी तैयारी को ज्यादा प्रभावी बनाएगी, तो हमारा उत्तर स्पष्ट रूप से ऑफलाइन कोचिंग के पक्ष में होगा। वह इसलिए क्योंकि ऑफलाइन कोचिंग में जाने से आप एक अनुशासन में रहते हैं, आमने सामने से कॉन्सेप्ट समझते हैं, टीचर के संपर्क में बने रहते हैं और अपने साथ पढ़ रहे अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी रहते हैं।

इसी के साथ ही सबसे बेस्ट बात यह है कि जो भी टॉप लेवल के नीट कोचिंग संस्थान हैं जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी या एलन इंस्टीट्यूट, वे ऑफलाइन कोचिंग देने के साथ साथ अपने स्टूडेंट्स की जरुरत को ध्यान में रखते हुए हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाते हैं। वह इसलिए क्योंकि यदि किसी कारणवश कोई स्टूडेंट वह लेक्चर क्लास में अटेंड नहीं कर पाता है तो बाद में वह उसकी वीडियो देख सके।

कौन सी बुक्स रहेंगी बेस्ट?

अब बात करते हैं 10th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए आपको कौन-कौन सी बुक्स को ज्यादा महत्व देना चाहिए। अब आप जिस भी कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे होंगे, वहाँ से आपको नोट्स तो मिलेंगे ही लेकिन साथ ही वे आपको कोई स्पेसिफिक बुक भी पढ़ने को कहेंगे। अब हर कोचिंग के पढ़ाने का तरीका अलग-अलग होता है और इसमें कोई गलत बात नहीं है।

फिर भी कुछ कुछ बुक्स ऐसी हैं, जो आपकी नीट की तैयारी को और ज्यादा मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। ऐसे में ऐसी ही कुछ बुक्स की लिस्ट यहाँ हम आपके सामने रख रहे (10th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं।

बायोलॉजी के लिए

  • NCERT Biology (Class 11 & 12)
  • Trueman’s Biology
  • Objective Biology (Dinesh)

फिजिक्स के लिए

  • NCERT Physics (Class 11 & 12)
  • HC Verma (Concepts of Physics)
  • DC Pandey (Objective Physics)

केमिस्ट्री के लिए

  • NCERT Chemistry (Inorganic + Organic + Physical)
  • OP Tandon (Organic Chemistry)
  • RC Mukherjee (Physical Chemistry)

तो यहां हमने आपको तीनों सब्जेक्ट की तीन-तीन बुक्स की लिस्ट दे दी है। इस लिस्ट में आपने एक बुक कॉमन देखी होगी और वह है 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि आप जब नीट की तैयारी कर रहे होते हैं तो दसवीं के बाद मेडिकल स्ट्रीम को चुनते हैं। इस स्ट्रीम में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी सब्जेक्ट्स को प्रमुख तौर पर पढ़ाया जाता है।

अब यह जो तीन सब्जेक्ट हैं, इन्हीं सब्जेक्ट पर से ही नीट एग्जाम का पूरा पेपर सेट होता है। साथ ही जो भी टॉपिक नीट के एग्जाम में आएंगे, वह भी इसी बुक से ही आते हैं अर्थात जो टॉपिक आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT या सिलेबस में नहीं पढ़ाया जाएगा, वह टॉपिक नीट एग्जाम में भी नहीं आएगा। इसलिए यदि आपको नीट एग्जाम की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए NCERT की बुक सबसे बेस्ट है।

निष्कर्ष

ऊपर हमने आपको 10th के बाद नीट की तैयारी करने के ऊपर हरेक महत्वपूर्ण जानकारी दे दी (10 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। हमने आपको पूरे दिन की दिनचर्या किस तरह से सेट की जाए और आपको किस समय क्या कुछ करना है, उसके बारे में भी बता दिया है।

इसी के साथ ही नीट की तैयारी के लिए किस संस्थान से कोचिंग लेनी चाहिए, उसकी जानकारी भी आपको मिल गई है। इसमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम टॉप पर लिया जाता है। वहीं आपके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन में से कौन सी कोचिंग अच्छी रहेगी और आपको किन बुक्स से इसकी तैयारी करनी चाहिए, यह भी पता चल गया है।

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प्रश्न: 10वीं के बाद नीट की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: 10वीं के बाद नीट की तैयारी शुरू करनी है तो उसके लिए एक सही टाइमटेबल बनाना होता है। यहाँ हमने पूरा टाइमटेबल आपके लिए बनाया है जिसे आपको देखना चाहिए।

प्रश्न: NEET करने के लिए 10 में कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: NEET करने के लिए 10 में मिले परसेंट मायने नहीं रखते हैं। इसके लिए केवल 12 वीं क्लास में मिले नंबर को ही महत्व दिया जाता है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग कब से शुरू करें?

उत्तर: नीट की कोचिंग आपको अपनी दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए। वह इसलिए क्योंकि नीट का एग्जाम पास करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

प्रश्न: 10वीं में नीट के लिए कितने परसेंट चाहिए?

उत्तर: 10वीं में मिले नंबर या परसेंट नीट के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। ऐसे में आपको केवल अपनी बारहवीं क्लास में मिले परसेंट पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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