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12th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें? जाने 11 पॉइंट्स में

12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare: क्या आप अभी बारहवीं क्लास में पढ़ रहे हैं या वह पूरी होने वाली है और अब आपको इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए JEE की तैयारी करनी शुरू करनी है। यदि आपको लगता है कि अब बहुत देर हो चुकी है तो ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपने अपनी 11वीं और 12 वीं की क्लास में जो पढ़ाई की है और जो सिलेबस आपको पढ़ाया गया है, वही सिलेबस ही JEE का सिलेबस होता है।

बस आपको जो चीज़ अलग करनी है वह है ट्रिक्स को समझना। वह इसलिए क्योंकि JEE के एग्जाम में आपको निश्चित समय में ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के सही उत्तर देने होते हैं। ऐसे में किन फॉर्मूला या ट्रिक्स के जरिए आप उन प्रश्नों के सही और सटीक उत्तर जल्द से जल्द निकाल सकते हैं, वही JEE एग्जाम को क्रैक करने का तरीका होता है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको 12th के बाद JEE का एग्जाम किस तरह से क्रैक किया जा सकता (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है, इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं किन तकनीक के जरिए आप भी JEE का एग्जाम अच्छे स्कोर के साथ क्रैक कर सकते हैं।

12th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें?

बहुत से स्टूडेंट्स अपनी बारहवीं की पढ़ाई के बाद या उसके साथ ही JEE की तैयारी करना शुरू करते हैं। वह इसलिए क्योंकि उनका मुख्य लक्ष्य बारहवीं में उच्चतम स्कोर करने का होता है। इसके बाद वे JEE की तैयारी करने में अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।

ऐसे में यदि आप भी इसी कशमकश में हैं कि आखिरकार किन तकनीक के जरिए आप भी 12th के बाद JEE के एग्जाम में अच्छा स्कोर कर सकते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) हैं तो चलिए उसके बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं। यहाँ हम आपको एक-एक करके उन सभी तकनीक के बारे में बताएँगे जो आपके लिए जरुरी है।

#1. क्रैश कोर्स करें

जो स्टूडेंट्स 12th के बाद JEE का एग्जाम देना चाहते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं और वह भी उसी साल का तो उनके लिए सबसे बेस्ट टिप यही है कि उन्हें किसी अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से क्रैश कोर्स करना चाहिए। यह क्रैश कोर्स 1 से 3 महीने के बीच का होता है जिसे अधिकत्तर JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट करवाते हैं।

ऐसे में आपको अपने शहर में या आसपास के बड़े शहर में ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट बनानी चाहिए जो क्रैश कोर्स की सुविधा देते हैं। आपको वहाँ के रिजल्ट, टाइमिंग और फीस को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए। हालाँकि यदि आप भारत के कुछ टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ने का सोच रहे हैं तो उनमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम आता है।

#2. एक साल का ड्रॉप भी ले सकते हैं

इस मामले में यह जरुरी नहीं है कि पहली बार में ही JEE का एग्जाम क्रैक हो जाए या इतने अच्छे नंबर आ जाए कि आपको अपनी मनपसंद की फील्ड में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल जाए। ऐसे में आप कोशिश जरुर करें लेकिन यदि किसी कारणवश आपका सिलेक्शन नहीं होता है या अच्छे नंबर नहीं आते हैं तो निराश मत होइए और एक वर्ष का ड्रॉप ले लीजिए।

इस एक वर्ष के दौरान आपको अपनी तैयारी मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए आप अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लें क्योंकि वहीं से आपको सही गाइडेंस और स्टडी मटेरियल मिल पाएगा। इसमें से कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स, एलन, प्रिंस, कौटिल्य इत्यादि हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपके हिसाब से कौन सा कोचिंग सेंटर आपके लिए बेस्ट रहने वाला है।

#3. 11वीं और 12वीं का सिलेबस है ब्रह्मास्त्र

बहुत से स्टूडेंट्स इस बात से अनजान रहते हैं कि उन्हें JEE के एग्जाम की तैयारी करने के लिए (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) किसी अलग तरह के सिलेबस या बुक्स की जरुरत होती है। यदि आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो आज आप जान लीजिए कि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास में NCERT बुक्स के जरिए जो कुछ पढ़ाई की है, वही आपके JEE एग्जाम का सिलेबस होता है।

ऐसे में आपको अपनी NCERT की बुक्स को ही मुख्य बुक्स मानना चाहिए और उसके अनुसार ही तैयारी करनी चाहिए। इन दोनों क्लास की बुक ही JEE एग्जाम के लगभग हर टॉपिक को कवर कर लेती है। अब यह बुक्स तो आपने पहले ही पढ़ी हुई है तो आपको बस इनकी रिवीजन करने की जरुरत है। बाकी सब काम तो अपने आप होता चला जाएगा।

#4. टॉप JEE इंस्टीट्यूट से जुड़ें 

यह भी एक महत्वपूर्ण टिप है और इसका कारण हम आपको बता देते हैं। दरअसल आज JEE कोचिंग की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लगभग हर शहर में दर्जनों JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट खुल चुके हैं। बहुत से टीचर तो अपने घर पर ही JEE की कोचिंग देने लगे हैं और वो भी एक सब्जेक्ट की। तो यहाँ हम आपको बता दें कि केवल कहने भर से JEE की तैयारी नहीं होती है।

JEE की तैयारी आपको वहाँ से करनी चाहिए जहाँ पर इस फील्ड में स्पेशल टीचर या फैकल्टी को रखा जाता है। वह इसलिए क्योंकि जिन टीचर्स को JEE की तैयारी करवाने का अच्छा खासा अनुभव होता है, उन्हें लगभग सभी तरह की ट्रिक्स अच्छे से पता होती है और समझानी भी अच्छे से आती है। अब यह टीचर्स आपको मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस अकैडमी जैसी अकैडमी में ही देखने को मिलेंगे जो भारत की टॉप JEE अकैडमी है।

#5. JEE एग्जाम के पेपर समझें

आपको JEE एग्जाम के लगभग पिछले 10 वर्षों के पेपर्स और उनके पैटर्न को अच्छे से समझने की जरुरत है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपने JEE पेपर्स के टॉपिक्स को अच्छे से समझ लिया तो इससे आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा। उदाहरण के तौर पर इस पेपर में कौन से टॉपिक से कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, उनका पैटर्न कैसा है, उनकी मार्किंग कितनी है इत्यादि।

पेपर को अच्छे से समझ कर आप अपनी तैयारी भी वैसे ही कर पाते (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। इससे आपका समय भी बचता है और सही दिशा में तैयारी भी होती है। जो स्टूडेंट्स इस टिप को फॉलो करते हैं उन्हें JEE का एग्जाम क्रैक करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती है।

#6. जरुरी टॉपिक्स कवर करें

अब आपको 12th के बाद JEE का एग्जाम क्रैक करना है तो आपके पास समय की कमी होती है। समय कम होने के कारण आप सभी टॉपिक्स को तो कवर नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपको जो टॉपिक जरुरी लगते हैं या जो आपको आसानी से समझ में भी आते हैं, उन्हें सबसे पहले कवर करना जरुरी है।

अब JEE के एग्जाम में कुछ टॉपिक की मार्किंग ज्यादा होती है या उनमें से ज्यादा प्रश्न आने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यह तो आपको आसानी से पता चल जाएगा कि JEE एग्जाम में किन टॉपिक को ज्यादा महत्व दिया जाता है। तो वह टॉपिक आपको जल्दी कवर करने और अच्छे से समझने की जरुरत है। यह भी JEE एग्जाम को क्रैक करने में बहुत लाभदायक होता है।

#7. सारा सिलेबस नहीं है जरुरी

यह पॉइंट भी ऊपर वाले पॉइंट से थोड़ा मिलता जुलता है लेकिन इसे हमने किसी कारणवश अलग पॉइंट बनाया है। वह इसलिए क्योंकि बहुत से स्टूडेंट्स ऊपर वाला पॉइंट पढ़कर यह समझ लेते हैं कि उन्हें हर जरुरी टॉपिक को किसी भी हालत में कवर करने की जरुरत है लेकिन असलियत में हम यह नहीं कहना चाह रहे हैं। इसे एक उदाहरण से समझ लेते हैं।

मान लीजिए कि JEE एग्जाम में कुल 50 टॉपिक हैं और उसमें से 20 जरुरी हैं और 20 औसत स्तर के हैं और 10 कम जरुरी हैं। अब जो 20 जरुरी हैं, उसमें आपके लिए सभी को कवर करना भी जरुरी नहीं है क्योंकि आपके पास उसके लिए समय कम है। तो आप इन 20 में से उन टॉपिक को छोड़ सकते हैं जो आपको बहुत कठिन लगते हैं या उन्हें समझने में ज्यादा समय लगने वाला है या आपने पहले कभी उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है।

इस तरह से आपको एक रणनीति के तहत आगे बढ़ना होगा और अपने समय के अनुसार टॉपिक को कवर करने का एक टाइमटेबल बनाना होगा। तभी आप उसे फॉलो कर पाएंगे और सही तरीके से JEE एग्जाम की तैयारी कर पाएंगे।

#8. मॉक टेस्ट है बहुत जरुरी

जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक JEE एग्जाम की तैयारी करनी शुरू नहीं की (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो अवश्य ही उन्हें इस मॉक टेस्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी। तो यहाँ हम आपको बता दें कि मॉक टेस्ट एक तरह से आपकी तैयारी करवाने के लिए बनाए गए टेस्ट होते हैं। अब यह टेस्ट JEE एग्जाम के पैटर्न पर ही बनाए जाते हैं अर्थात इसमें प्रश्नों की संख्या, मार्किंग, इत्यादि सब JEE एग्जाम जैसा ही होता है।

ऐसे में आपको हर दिन कम से कम एक मॉक टेस्ट देने का नियम बना लेना चाहिए। साथ ही आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आप JEE एग्जाम के टाइमिंग में कितने प्रश्नों का उत्तर दे पाते हैं। अब आपको हर दिन अपने स्कोर को बढ़ाने की जरुरत है ताकि जब आपके हाथ में असली वाला JEE पेपर आए तो आप उसे आसानी से हल कर सकें।

#9. ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल करें

आपको ऑनलाइन मिल रही सुविधाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। आज के समय में हर टॉप JEE इंस्टीट्यूट के द्वारा अपने अपने चैनल पर वीडियोज डाली जाती है। इसमें स्टूडेंट्स को पढ़ाया तो जाता है ही बल्कि साथ ही उन्हें मोटीवेट भी किया जाता है। ऐसे में आप मैट्रिक्स अकैडमी का यूट्यूब चैनल फॉलो कर सकते हैं और अन्य इंस्टीट्यूट्स के चैनल्स को भी फॉलो किया जा सकता है।

इन चैनल्स को फॉलो करने से आपको एक लाभ यह मिलता है कि आपको सभी लेटेस्ट अपडेट मिलती रहती है। साथ ही आज के टाइम के हिसाब से आपको क्या ट्रिक्स फॉलो करनी चाहिए, उसके बारे में भी पता चलता है। इसलिए आपको बिना देर किए आज ही इन चैनल को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।

#10. अपनी स्ट्रेंथ को पहचाने

12th के बाद JEE का एग्जाम देना (12 Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके लिए आपको अपनी स्ट्रेंथ अर्थात काबिलियत अर्थात कौशल या स्किल को पहचानने की भी आवश्यकता है। यदि आप किसी के दबाव में आकर या अपने दोस्तों या आसपास के लोगों की देखा देखी ही JEE की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अंदर से मन नहीं है तो आप गलत कर रहे हैं। कई बार स्टूडेंट्स पारिवारिक दबाव में आकर या पीयर प्रेशर में भी इसकी तैयारी करने लग जाते हैं।

ऐसे में आप शांत मन से अकेले में बैठकर सोचें कि क्या वाकई में आप अपना भविष्य एक इंजीनियर के तौर पर बनाना चाहते हैं, क्या आपका इस फील्ड में इंटरेस्ट है या आप किसी दबाव में आकर ऐसा सोच रहे हैं, क्या आपको इस दिशा में आगे बढ़ने की जरुरत है या और फील्ड को एक्स्प्लोर करना चाहिए इत्यादि। यदि आपका इसमें सच में इंटरेस्ट है और आप आगे बढ़ना चाहते हैं तभी आप आगे बढ़ें।

#11. अपने डाउट्स को क्लियर करें

JEE एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए आपको अपने डाउट को अनसुलझे नहीं रहने देना चाहिए। आपको इन्हें जल्द से जल्द सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि यदि आप डाउट यूँ ही छोड़ते चले जाएंगे तो बाद में जाकर बहुत पछताना पड़ सकता है।

हमने बहुत से स्टूडेंट्स को कुछ नंबर से इसलिए पिछड़ते हुए देखा है क्योंकि उन्होंने समय रहते अपने डाउट नहीं सुलझाए और बाद में बहुत देर हो चुकी थी। इसलिए अपने डाउट सही समय पर या फिर यूँ कहें कि साथ के साथ सुलझा लेना ही बेस्ट रहता है।

निष्कर्ष

यहाँ पर हमने कुल 11 टिप्स के माध्यम से आपको बताया कि किस तरह से आप भी 12th के बाद JEE एग्जाम की तैयारी पक्की कर सकते (12th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) हैं। वैसे तो इसके लिए और भी बहुत तरीके हैं लेकिन हमने आपको 11 बेस्ट टिप्स दी है जो टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स के द्वारा आजमाई गई है।

इसी के साथ ही आप यह भी ध्यान रखें कि इस मामले में भारत के टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट आपकी बहुत सहायता कर सकते हैं। इसमें मैट्रिक्स अकैडमी सीकर और एलन इंस्टीट्यूट कोटा आपके लिए बहुत काम आ सकते हैं। इसलिए आपको बिना देर किए आज ही इनसे संपर्क करना चाहिए।

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प्रश्न: जेईई के लिए क्या पढ़ना चाहिए?

उत्तर: जेईई के लिए आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स को पढ़ना चाहिए। इसी के साथ ही कुछ स्पेशल ऑथर की बुक्स को पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं 12वीं के बाद जेईई कोचिंग ज्वाइन कर सकता हूं?

उत्तर: हां आप अपनी 12वीं के बाद जेईई की कोचिंग को ज्वाइन कर सकते हैं। इसके लिए लगभग सभी JEE इंस्टीट्यूट क्रैश कोर्स की सुविधा देते हैं।

प्रश्न: जेईई के लिए पढ़ाई कैसे शुरू करें?

उत्तर: जेईई के लिए पढ़ाई शुरू करनी है तो इसका सबसे बढ़िया तरीका है किसी अच्छे JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ना जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा।

प्रश्न: जेईई में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

उत्तर: जेईई में तीन सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम भौतिक विज्ञान (फिजिक्स), रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) व गणित होते हैं।

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घर पर JEE Mains की तैयारी कैसे करें? जाने स्टेप बाय स्टेप पूरा प्रोसेस

JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare: बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो बिना किसी कोचिंग के घर पर बैठकर ही JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं। हालाँकि ऐसा नहीं है कि इनमें से सभी स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जो कभी JEE Mains के लिए कोचिंग नहीं लगे होंगे। इनमें से बहुत ने पहले कभी JEE Mains की कोचिंग ली होगी जो अब पूरी हो गई होगी। इसके बाद उन्हें घर बैठ कर ही JEE Mains की तैयारी करनी होती है।

अब ज्यादातर स्टूडेंट्स जो अच्छे कोचिंग संस्थान से पढ़ चुके (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं, जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा, तो उन्हें तो कोचिंग अकैडमी के द्वारा ही पूरा मार्गदर्शन दे दिया जाता है। हालाँकि इनमें से कुछ कोचिंग संस्थान ऐसे भी होंगे जो घर पर JEE Mains की तैयारी किस तरह से की जा सकती है, इसके बारे में नहीं बताते हैं या आधी अधूरी जानकारी देते हैं।

ऐसे में आज का यह आर्टिकल उन सभी स्टूडेंट्स पर फोकस करके लिखा गया है जो घर बैठकर JEE Mains की तैयारी करने को इच्छुक हैं। आज हम आपको स्टेप बाय स्टेप JEE Mains की घर बैठकर तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं।

घर पर JEE Mains की तैयारी कैसे करें?

बहुत से स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि कोचिंग में तो उनका एक सही और स्ट्रिक्ट टाइमटेबल बना हुआ होता है लेकिन घर पर ऐसा संभव नहीं हो पाता (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हम आपको इससे संबंधित हर टिप्स देंगे।

घर पर रहकर भी JEE Mains की अच्छे से तैयारी की जा सकती है लेकिन उसके लिए आपको हमारी हरेक टिप को फॉलो करना होगा। तभी आप JEE Mains की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और उसमें अच्छे नंबर लाकर टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं, आइए जाने।

#1. डे टू डे का टाइम टेबल बनाएं 

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने लिए प्रतिदिन अर्थात डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना। घर पर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) करनी है तो यह सबसे पहला और जरुरी स्टेप हो जाता है। इसके लिए आप कितने घंटे सोने वाले हैं, कितने घंटे किस टॉपिक को पढ़ने वाले हैं, कितने समय का ब्रेक लेने वाले हैं, इत्यादि सब को कवर करना है।

एक तरह से आपके पूरे दिन का शेड्यूल इसमें होना चाहिए। अब आपको टाइम टेबल बनाकर बस उसे यूँ ही छोड़ नहीं देना है या इसे कुछ दिनों तक ही फॉलो नहीं करना है बल्कि आपको इसे हर दिन स्ट्रिक्ट रूप में फॉलो करना है। इससे ही आपकी निरंतरता बनी रहेगी और आप सही ट्रेक पर रहेंगे।

#2. अपनी कोचिंग से जुड़े रहें

अब जो स्टूडेंट्स पहले किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे, उन्हें उनसे जुड़े रहना चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब आपकी वहाँ से कोचिंग पूरी हो गई है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका वहाँ से अब कोई संपर्क नहीं रहा है। आज के समय में कुछ नए कोचिंग संस्थान खुल गए हैं जो अपने एक्स स्टूडेंट्स को कोई राय नहीं देते हैं या उनकी कोई मदद नहीं करते हैं।

वहीं यदि आप भारत के टॉप लेवल के JEE Mains के कोचिंग स्थान देखेंगे जिनमें मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा का नाम आता है, वे अपने अभी के और पुराने स्टूडेंट्स दोनों पर ही बराबर ध्यान देते हैं। वह इसलिए क्योंकि आप उनसे पहले जुड़ चुके हैं और आपका रिजल्ट उनके लिए बहुत मायने रखता है। वे समय-समय पर आपको उचित परामर्श देते रहते हैं।

#3. टॉप स्कोर करने वालो को फॉलो करें 

जो स्टूडेंट्स JEE Mains के एग्जाम में टॉप स्कोर करते हैं, उनके बारे में ऑनलाइन बहुत कुछ डाला जाता है। कई तरह के सोशल मीडिया चैनल पर उनके इंटरव्यू और टिप्स दी जाती है। ऐसे में यह आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा अगर आप उन्हें फॉलो करेंगे।

आपको कई तरह के टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स के ऑनलाइन प्लेटफार्म मिल जाएंगे जहाँ पर वे समय-समय पर कोई ना कोई टिप या अपना अनुभव शेयर करते हुए दिखाई देंगे। इसलिए आपको उन्हें फॉलो करना है ताकि आप उनकी बताई गई टिप्स को फॉलो करके JEE Mains की अच्छे से तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) कर सकें।

#4. डाउट को क्लियर करते रहें 

जब हम घर बैठ कर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो हमारे कई डाउट इकट्ठे होते चले जाते हैं। अब जो स्टूडेंट्स कोचिंग में जाकर JEE Mains की तैयारी कर रहे हैं, वे तो अपने डाउट अपने टीचर से पूछ लेते हैं और उन्हें सोल्व कर लेते हैं लेकिन घर रहकर इसकी सुविधा नहीं मिलती है।

ऐसे में आप अपने पुराने कोचिंग सेंटर और वहाँ की फैकल्टी के संपर्क में हैं तो आप उनसे अपने डाउट क्लियर करवा सकते हैं। या फिर आपके साथ कोई दोस्त या रिश्तेदार भी JEE Mains की तैयारी कर रहा है तो आप दोनों हर 3 से 4 दिन में 2 घंटे एक साथ बैठकर एक-दूसरे के डाउट सोल्व करने का काम कर सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपको ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह में अपने डाउट क्लियर कर लेने चाहिए।

#5. छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें 

घर बैठकर तैयारी करने वाले कुछ स्टूडेंट्स इस बात को भूल जाते हैं कि उन्हें समय-समय पर ब्रेक लेते रहने की भी जरुरत है। दरअसल कुछ स्टूडेंट्स JEE Mains की तैयारी करने को लेकर इतने सीरियस या यूँ कहें कि नर्वस हो जाते हैं कि वे हर समय दिन-रात पढ़ते ही रहते हैं। ऐसे में वे ना समय पर खाना खाते हैं, ना ही पूरी नींद लेते हैं और ना ही ब्रेक लेते हैं।

यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो जरा ठहरिए और सोचिए कि क्या आप सही तरीके से पढ़ पा रहे हैं या नहीं। वह इसलिए क्योंकि यदि आप बिना ब्रेक के तैयारी करते चले जाएंगे तो इससे आपकी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आप ना केवल सही से पढ़ पाते हैं बल्कि पढ़ी गई चीज़ों को ज्यादा देर तक याद भी नहीं रख पाते हैं। इसलिए कुछ-कुछ समय बाद रचनात्मक ब्रेक लेते रहें।

#6. मोटिवेटेड रहें

जब आप JEE Mains की कोचिंग में जाते हैं तो वहाँ आपका उत्साह बढ़ाने के लिए आपके टीचर होते हैं, साथ के दोस्त होते हैं लेकिन घर बैठकर पढ़ने से अक्सर स्टूडेंट अकेला महसूस करता है। इसी अकेलेपन में वह धीरे-धीरे करके हतोत्साहित हो जाता है जो उसकी मानसिक स्थिति व JEE Mains की तैयारी के लिए (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) बहुत ही गलत है।

ऐसे में आपको अपने आप को समय-समय पर मोटीवेट करते रहना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आप जो भी ब्रेक ले रहे हैं, उसमें कुछ रचनात्मक कार्य करें, सही लोगों के संपर्क में रहें, घर का वातावरण शुद्ध व सकारात्मक हो, योग व ध्यान करें, नींद पूरी लें इत्यादि। यह सब कार्य आपको मोटीवेट करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।

#7. डिस्ट्रैक्शन से बचें

ऊपर हमने आपको बताया कि आपको हर समय पढ़ते नहीं रहना है और समय-समय पर छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहना है लेकिन अब ऐसे भी कुछ स्टूडेंट्स होते हैं जो पढ़ते समय भी किसी दूसरी चीज़ में अपना ध्यान लगा रहे होते हैं। जो स्टूडेंट्स घर रहकर JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं उनका सबसे ज्यादा समय व्यर्थ इसी कारण होता है और वे अक्सर कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स से पिछड़ जाते हैं।

ऐसे में आपको पढ़ते समय अपने मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बनाकर रखनी होगी, दोस्तों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने से बचना होगा, घरवालों के साथ भी एक निश्चित समय तक ही बैठना होगा, टीवी पर कोई कार्यक्रम आ रहा है और वह आपका पसंदीदा है तो उसे अपने ब्रेक में देखें, ना कि पढ़ते हुए।

#8. कठिन टॉपिक्स पहले कवर करें

अब कई स्टूडेंट्स यह भी सोचते हैं कि यदि पहले वे सरल टॉपिक को कवर कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। कठिन टॉपिक को हाथ लगाने से वे झिझकते हैं क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा समय लगता है या फिर यूँ कहें कि वे इसे हाथ लगाने से भयभीत होते हैं। अब कोचिंग में तो टॉपिक फैकल्टी के द्वारा पढ़ाया जाता है और वह आपको उसी समय पढ़ना होता है लेकिन घर पर तो यह हमारे ही हाथ में है।

अब यदि आप भी ऐसी ही गलती कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही हानिकारक होने वाला है। आपको यदि JEE Mains की अच्छे से तैयारी करनी है तो उसके लिए कठिन टॉपिक को पहले हाथ लगाएं। फिर चाहे इसमें लगने वाला समय ज्यादा ही क्यों ना हो। यदि इसमें ज्यादा समय लग रहा है तो आप किसी अन्य की सहायता ले सकते हैं।

#9. डेली रिवीजन करें

यह आप अपने प्रतिदिन का नियम बना लें कि आपको घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Karen) करनी है तो उसके लिए हर दिन रिवीजन निश्चित रूप से की जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई ना बरती जाए अन्यथा यह आपके लिए बुरे परिणाम लेकर आ सकता है।

अब जो स्टूडेंट्स रोजाना JEE Mains की तैयारी करने के साथ-साथ रिवीजन भी करते हैं तो वे निश्चित रूप से अन्य स्टूडेंट्स की तुलना में बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहे होते हैं। इससे आपको फिर से वही कॉन्सेप्ट समझने में बहुत कम समय लगेगा और चीजें ज्यादा समय तक याद भी रहेंगी।

#10. हर हफ्ते 1 फुल मॉक टेस्ट दें

JEE Mains के एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए सीधा प्रश्न पत्र ही हल नहीं करना होता है। बल्कि उसके लिए बहुत पहले से ही मॉक टेस्ट देने की आदत अपनानी होती है। इससे होता क्या है कि जब असलियत में JEE Mains का पेपर आपके हाथ में आता है तो आप उसके लिए तैयार होते हैं।

ऐसे में आप हर सप्ताह का नियम बना लें कि आपको कम से कम एक मॉक टेस्ट तो देना ही है। वहीं जब एग्जाम में एक से दो महीने का समय बचा हुआ हो तो आप इसे सप्ताह में कम से कम 3 बार देने की आदत बना लें। इससे आपकी अच्छी प्रैक्टिस हो जाती है और एग्जाम क्लियर करने की संभावना भी बहुत बढ़ जाती है।

#11. गलतियों को एनालिसिस करें और सुधारें

जब कोई स्टूडेंट घर से ही JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Ghar Per Kaise Karen) कर रहा होता है तो उससे जाने अनजाने में कई तरह की गलतियाँ होती है। अब कोचिंग के दौरान तो यह गलतियाँ टीचर पकड़ लेते हैं और उसे सुधार भी देते हैं लेकिन घर पर हमें बोलने या रोकने टोकने वाला कोई नहीं होता है।

ऐसे में यदि आप भी गलतियाँ कर रहे हैं तो उसे अनदेखा ना करें। आप अपनी गलती को देखें, उसका एनालिसिस करें, उसे किस तरह से सुधारा जा सकता है इसे देखें और दोबारा उस गलती को करने से भी बचें। निश्चित रूप से यह टिप आपके बहुत काम आने वाली है।

#12. फॉर्मूला चार्ट बनाएं

अब जब हम JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) कर रहे होते हैं तो उसमें आने वाले तीनों सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में अनेक फॉर्मूला होते हैं। अब यदि आप इन फॉर्मूला का एक चार्ट बना लेंगे तो यह बहुत काम आता है। इसके लिए आप एक कॉपी को लेकर उसे तीन भागों में विभाजित कर दीजिए।

अब इस कॉपी में आप अपने तीनों सब्जेक्ट्स के सभी फॉर्मूला को क्रमानुसार लिख लीजिए। JEE Mains का जो एग्जाम होता है, उसमें ज्यादातर प्रश्न इन्हीं फॉर्मूला के बेसिस पर ही सोल्व किए जाते हैं। ऐसे में यदि आप इन्हें एक जगह लिख लेंगे तो यह बहुत ही सहायक होगा।

#13. हर चैप्टर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स के नोट्स बनाएं

आप जब JEE Mains की तैयारी कर रहे होते हैं तो आपको हर चैप्टर के स्पेशल पॉइंट्स को लिखते रहना चाहिए। इससे क्या होता है कि आपकी दिमागी क्षमता बढ़ती है और जो चीज़ लिखी जाती है, वह ज्यादा समय तक याद रहती है। इसी कारण हर कोचिंग संस्थान में नोट्स बनाने को प्राथमिकता दी जाती है।

साथ ही जब JEE Mains एग्जाम का समय पास आ रहा होता है, तब आप अपने बनाए गए नोट्स से बहुत जल्दी रिवीजन कर सकते हैं। एग्जाम सेंटर तक भी स्टूडेंट्स अपने बनाए इन्हीं नोट्स को ही लेकर आते हैं और आखिरी समय तक रिवीजन करते हुए देखे जाते हैं।

#14. टॉप कोचिंग के यूट्यूब चैनल फॉलो करें 

यह भी एक बहुत ही कारगर टिप है जो आपके लिए बहुत काम आएगी। दरअसल आज के समय में हर टॉप कोचिंग संस्थान के अपने यूट्यूब चैनल हैं जिन पर वे समय-समय पर JEE Mains एग्जाम से जुड़ी वीडियोज को डालते रहते हैं। अब इनमें से कुछ वीडियो स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने के लिए होती है तो कुछ के द्वारा JEE Mains की तैयारी करवाई जाती है।

इसलिए आप मैट्रिक्स सीकर के यूट्यूब चैनल को फॉलो कर सकते हैं जहाँ समय-समय पर इस तरह की वीडियोज डाली जाती है। इसके अलावा आप प्रिंस अकैडमी, आकाश इंस्टीट्यूट, एलन अकैडमी इत्यादि के चैनल को भी फॉलो कर सकते हैं।

#15. स्टडी टाइम को 2-3 घंटे के ब्लॉक में बांटें

आप एक साथ लंबा स्टडी टाइम ना बनाएं बल्कि इसे हर दो से तीन घंटे के ब्लॉक में बांटें। अब ब्लॉक का अर्थ हुआ आपको एक बारी में तीन घंटे से ज्यादा समय तक नहीं पढ़ना है। इसलिए आप जो भी सब्जेक्ट या टॉपिक पढ़ रहे हैं, उसके तीन घंटे बाद आपको कुछ और करना (Ghar Baithe JEE Ki Taiyari Kaise Karen) है।

अब आप चाहें तो उसके बाद ब्रेक ले सकते हैं, कहीं बाहर जा सकते हैं, कुछ खा सकते हैं या आपके हिसाब से आपको जो भी सही लगता है, वह कर सकते हैं। हालाँकि यह ब्रेक ज्यादा लंबा भी नहीं होना चाहिए। इसे आप अपने टाइमटेबल के अनुसार सेट कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि घर बैठकर JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Ki Taiyari Kaise Kare) किस तरह से की जा सकती है। यहाँ पर हमने आपको कुल 15 टिप दी है जो आपके बहुत काम आने वाली है। हालाँकि आप इस बात को कतई ना भूलें कि आपको किसी ना किसी कोचिंग संस्थान से जुड़े रहना होगा क्योंकि वही आपको समय-समय पर सही गाइडेंस दे सकते हैं और आपके डाउट भी वही क्लियर कर सकते हैं।

इसके लिए देश के टॉप JEE Mains कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ा जा सकता है जिनका नाम हमने आपको बता ही दिया है। इसी के साथ ही यदि आपके दिमाग में भी कोई अन्य टिप हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं।

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प्रश्न: बिना कोचिंग के jee mains की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: यदि आप बिना कोचिंग के JEE Mains की तैयारी करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल फॉलो करना होगा। इसके बारे में हमने आपको इस आर्टिकल में बताया है।

प्रश्न: मुझे जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करनी चाहिए?

उत्तर: आपको जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए डे टू डे का एक फिक्स टाइम टेबल बनाना होगा। इसके साथ ही हमारे द्वारा बताई गई सभी 15 टिप्स को फॉलो करना होगा।

प्रश्न: 1 महीने में jee mains कैसे क्रैक करें?

उत्तर: वैसे तो 1 महीने का समय JEE Mains को क्रैक करने के लिए कम होता है लेकिन इसके लिए आप किसी होशियार स्टूडेंट के नोट्स को फॉलो कर सकते हैं।

प्रश्न: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई कैसे करें?

उत्तर: बिना कोचिंग के जेईई मेन्स की पढ़ाई करने के लिए आपका मोटीवेट रहना और हर दिन रिवीजन करना बहुत जरुरी हो जाता है। इसके बारे में हमने इस लेख में बताया है।

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10th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें? जाने एक क्लिक में

10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare: अगर आप बारहवीं के बाद JEE जैसे कठिन एग्जाम को एक बारी में ही क्रैक करना चाहते हैं और वो भी अच्छे नंबर के साथ तो उसके लिए आपको अपनी दसवीं कक्षा के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। बहुत से स्टूडेंट्स 11 वीं या फिर बारहवीं के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं लेकिन जरा सोचिए, यदि आप 10 वीं के बाद से ही JEE एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर देंगे तो आप बाकी स्टूडेंट्स से कितना आगे निकल जाएंगे।

आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ इसी टॉपिक पर ही बात करने जा रहे (JEE Ki Taiyari Kab Se Kare) हैं। आज हम आपको बताएँगे कि आखिरकार आपको दसवीं क्लास के बाद JEE की तैयारी किस स्तर पर शुरू करनी चाहिए। साथ ही आपको इस दौरान किस तरह की स्ट्रेटेजी पर वर्क करना चाहिए। चलिए जानते हैं 10th के बाद JEE की तैयारी करने के बारे में।

10th के बाद JEE की तैयारी कैसे करें?

जिन स्टूडेंट्स को अपने आगे का लक्ष्य पता होता है, वे उसकी तैयारी बहुत पहले से ही शुरू कर देते हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि आज के समय में सभी तरह की चीज़ों के बारे में पहले ही पता चल जाता है। इसी के साथ ही हमारे आसपास सही गाइडेंस देने वाले लोग भी होते हैं। जैसे कि स्कूल के टीचर्स, हमारे सीनियर्स और परिवार और दोस्तों में अनुभवी लोग।

ऐसे में यदि आपका लक्ष्य आगे जाकर इंजीनियरिंग करना है और उसके लिए देश की टॉप यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन पाने का (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके लिए JEE एग्जाम से बेस्ट कुछ और नहीं है। वह इसलिए क्योंकि चाहे आपको IIT में एडमिशन लेना हो या फिर NIT, इसमें आपकी JEE एग्जाम ही मदद करने वाला है।

तो यहाँ हम आपके सामने एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 गोल्डन टिप्स रखने जा रहे (10th Ke Baad JEE Kaise Kare) हैं जो JEE का एग्जाम क्रैक करने में आपकी बहुत सहायता करने वाली है। आइए इनके बारे में एक एक करके जानते हैं।

#1. अपने लक्ष्य को पहचाने

यदि आपको JEE में सच में सफल होना है और उसकी तैयारी शुरू करनी है तो सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है अपने लक्ष्य को पहचानना। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज के समय में बहुत से दसवीं के स्टूडेंट्स केवल अपने दोस्तों की देखा देखी या आसपास के लोगों को देखकर या फिर अपने घरवालों के दबाव में आकर या फिर सोशल मीडिया में चल रहे ट्रेंड को देखकर कदम उठाने लगे हैं।

इसलिए आपको चाहे यह सोचने में दो दिन लगे या दो सप्ताह, आपको किसी चीज़ की जल्दबाजी नहीं करनी है। आपके द्वारा अभी लिया गया एक निर्णय आपके संपूर्ण भविष्य को प्रभावित करने वाला है। इसलिए आप पहले आत्म मंथन करें, अपने परिचितों से बात करें, अपने माता-पिता से परामर्श लें, अपने स्कूल के अध्यापकों से विमर्श करें, अपने बारे में जाने और उसके बाद ही कोई निर्णय लें।

#2. अपनी स्किल सेट करें

अब जब आपने अपना लक्ष्य चुन लिया है और वह आगे चलकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना है तो पहले तो आपको बहुत-बहुत बधाई। वह इसलिए क्योंकि जिन्हें अपना लक्ष्य स्पष्ट हो, वह भी दसवीं क्लास में ही तो वे स्टूडेंट्स सच में बधाई के पात्र हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आप ज्यादा केंद्रित होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ पाएंगे और उसमें सफलता अर्जित करेंगे। अब बारी है अपनी स्किल्स पर ध्यान देने की।

स्किल्स से अर्थ हुआ आपके अंदर का कौशल। अब यदि आपको आगे बढ़ना है और JEE की तैयारी में मजबूत बनना है तो उसके लिए अपने कौशल में निखार लाना अति आवश्यक हो जाता है। यहाँ पर हम यह नहीं कह रहे हैं कि यदि आपके अंदर कौशल नहीं है तो आप आगे नहीं बढ़ सकते (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। यहाँ पर बात हो रही है अपने लक्ष्यों के अनुसार अपने कौशल को नया आयाम देने और उसमें बहुत कुछ सीखने की।

JEE की तैयारी करनी है तो आपको चरणबद्ध तरीके से ना केवल आगे बढ़ना होता है बल्कि उसके लिए धैर्य का भी परिचय देना होता है। इसी के साथ ही आपको कई अन्य मापदंडों पर भी स्वयं को निखारना होगा। तभी आप आगे चलकर सही दिशा में बढ़ सकते हैं।

#3. JEE एग्जाम को अच्छे से समझें

किसी एग्जाम की तैयारी करनी है और यदि उसके लिए उस एग्जाम के पैटर्न को ही सही से ना समझा जाए तो यह बहुत ही गलत बात होती है। इसलिए ऊपर के दो कार्य करने के पश्चात आपको अगला और महत्वपूर्ण कार्य जो करना है वह है अपने JEE एग्जाम के पैटर्न को सही रूप में समझना।

यहाँ हम केवल सतही ज्ञान लेने को नहीं कह रहे हैं बल्कि आपको शुरू से अंत तक हरेक बारीकी और महत्वपूर्ण से लेकर कम जरुरी हर चीज़ को देखना (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) होगा।

यदि आप हरेक चीज़ को अच्छे से समझ लेंगे और JEE एग्जाम में कब क्या पूछा जाता है, किस विषय पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, उसका एग्जाम कब होता है, उसमें कितने प्रश्न आते हैं, किस प्रश्न के कितने अंक मिलते हैं और गलत उत्तर देने पर कितने अंक काटे जाते हैं, टॉप रैंक कितने नंबर पर आती है, किस नंबर पर कौनसा कॉलेज व ब्रांच मिल सकती है, इत्यादि को देख लेंगे तो आपका JEE एग्जाम को क्रैक करना सरल हो जाएगा। इसलिए आप JEE एग्जाम के ज्ञान को पूरा निचोड़ लें और उसके बाद ही आगे बढ़ें।

#4. सही गाइडेंस है जरुरी

यहाँ पर हम आपको पूरी जानकारी देने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन समय के साथ-साथ चीज़ें बहुत तेजी के साथ बदलती है। ऐसे में आपको नई चीज़ों के साथ अपडेटेड रहना और उन्हें लगातार सीखते रहना बहुत जरुरी है अन्यथा आप बाकी स्टूडेंट्स से पिछड़ सकते हैं। अब इसमें जो चीज़ आपकी मदद करेगी वह है आपको सही लोगों से मिला मार्गदर्शन।

इसे हम अंग्रेजी भाषा में गाइडेंस भी कह सकते हैं जो आजकल के स्टूडेंट्स के चलन में है। अब यह सही मार्गदर्शन आपको अपने आसपास के अनुभवी लोगों, अपने स्कूल के टीचर्स, अपने सीनियर्स या आपके घर या दोस्तों के किसी बड़े भाई या बहन ने JEE की तैयारी कर रखी हो और अब वह अच्छे कॉलेज में पढ़ रहा हो या पढ़ चुका हो, उनसे मिल सकती है। इसलिए सही गाइडेंस कहीं से भी मिले, उसे ले लेना चाहिए।

#5. कोचिंग हो सबसे बेस्ट

अब हम जो बात आपको बताने जा रहे हैं, वह आपके लिए इन सभी 10 टिप्स में से गोल्डन टिप है। वह इसलिए क्योंकि जिन स्टूडेंट्स ने यह काम सही से कर लिया, उनका मान लीजिए बारहवीं के बाद JEE के एग्जाम में ना केवल सिलेक्शन हो गया बल्कि उन्हें टॉप लेवल का कॉलेज भी मिल गया। वह है अपने लिए एक सही कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव किया जाना।

अब देखा जाए तो देश के हरेक शहर में कई JEE कोचिंग सेंटर खुले हुए (JEE Ki Taiyari Kab Se Kare) हैं और हर कोई अपने आप में बेस्ट होने की बात करता है। अब हर कोई तो बेस्ट हो नहीं सकता है। ऐसे में आपको देश के कुछ चुनिंदा JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में से एक में एडमिशन लेना चाहिए। अब यदि हम देश के टॉप लेवल के JEE इंस्टीट्यूट के बारे में बात करें तो उनमें टॉप 5 के नाम इस प्रकार हैं:

रैंक 1: मैट्रिक्स JEE अकैडमी, सीकर

रैंक 2: एलन इंस्टीट्यूट, कोटा

रैंक 3: आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली

रबक 4: प्रिंस अकैडमी, सीकर

रैंक 5: रेजोनेंस अकैडमी, जयपुर

तो इस सूची में यह पांच इंस्टीट्यूट ऐसे हैं जो हाल में देश में JEE की टॉप लेवल की कोचिंग दे रहे हैं। इसमें भी मैट्रिक्स सीकर व एलन कोटा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में तो मैट्रिक्स अकैडमी ने इतना शानदार प्रदर्शन किया है कि उसने देश की नंबर एक JEE अकैडमी एलन को भी पीछे छोड़ दिया है और खुद नंबर एक पर आ गई है।

#6. स्कूल के सिलेबस पर ध्यान दें 

बहुत से स्टूडेंट्स एक और गलती करते हैं और वह है, उन्हें लगता है कि JEE का सिलेबस अलग है और उसके लिए उन्हें अलग से तैयारी करने की जरुरत होगी। ऐसे में हम आपके इस डाउट को दूर कर देते हैं और इसे सरल भाषा में समझा भी देते (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। दरअसल जो आप अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में सिलेबस पढ़ते हैं, JEE एग्जाम में केवल उसी सिलेबस से ही सब टॉपिक्स आते हैं।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि जो टॉपिक आपकी इन दोनों क्लास में नहीं है, वह आपके JEE एग्जाम में भी नहीं आएगा। बस आपको कोचिंग इंस्टीट्यूट या अन्य बुक्स में JEE एग्जाम के बारे में जो पढ़ाया जाएगा, वह आपको इन्हीं टॉपिक्स को अच्छे से और विस्तार से पढ़ाया जाएगा और प्रश्नों को जल्दी से जल्दी कैसे सोल्व किया जाए, उसके बारे में पढ़ाया जाएगा।

#7. पूरे दिन का टाइमटेबल बनाएं

यदि आपने इस टिप पर काम कर लिया तो यह वाकई में आपकी बहुत सहायता करने वाली (10th Ke Baad JEE Kaise Kare) है। दरअसल होता क्या है कि बहुत से स्टूडेंट्स का लक्ष्य भी स्पष्ट होता है और वे JEE एग्जाम को क्रैक करने के लिए सीरियस भी होते हैं लेकिन एक सही टाइमटेबल ना होने के कारण उनके दिन का आधे से ज्यादा समय व्यर्थ चला जाता है या अव्यवस्था में ही रह जाता है।

ऐसे में यदि आप अपना एक निर्धारित टाइमटेबल या दिनचर्या सेट कर लेंगे और उसी के अनुसार ही चलेंगे तो यकीन मानिए आपकी अधिकतर समस्या का यहीं समाधान हो जाएगा। अब हर स्टूडेंट का टाइमटेबल अलग हो सकता है क्योंकि किसी को सुबह जल्दी उठकर पढ़ने में आनंद आता है तो किसी को दोपहर में तो किसी को देर रात तक जागकर। ऐसे में आपको अपने लिए जो भी दिनचर्या सही लगे, आप उसी का पालन करें और आगे बढ़ें।

#8. अपनी हेल्थ पर बराबर ध्यान दें

अब कई स्टूडेंट्स JEE की तैयारी करने को लेकर इतने ज्यादा गंभीर या सीरियस हो जाते हैं कि वे दिन रात केवल पढ़ते ही रहते हैं। इस दौरान उन्हें ना तो खाने पीने का ध्यान रहता है और ना ही बीच बीच में ब्रेक लेने का। अब धीरे धीरे करके इसका असर उनके स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगता है। उन्हें शुरुआत में तो लगता है कि वे बहुत तेज गति से तैयारी कर रहे हैं जो उन्हें सफल बनाएगा लेकिन होता इसके उलट है।

दरअसल सही खानपान नहीं लेने और ब्रेक नहीं लेने के कारण उनका दिमाग थक जाता है, वे मानसिक रूप से कमजोर बन जाते हैं, सोचने समझने की क्षमता कम होने लगती है और शरीर भी थक जाता है। ऐसे में उन्हें चीज़ें जल्दी से याद नहीं होती है या समझने में समय लगता है। साथ ही वे कॉन्सेप्ट को जल्दी भूलने भी लग जाते हैं। इसलिए पढ़ाई के साथ साथ अपनी हेल्थ का भी उतना ही ध्यान रखें।

#9. खाली टाइम रचनात्मकता में लगाएं

अब हमने आपको ऊपर वाली टिप में बताया कि आपको अपनी JEE की पढ़ाई के साथ-साथ बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) चाहिए। तो अब प्रश्न यह उठता है कि आप इस ब्रेक के दौरान क्या करेंगे। क्या आप इसे सोशल मीडिया पर बिताएंगे या दोस्तों के साथ मौज मस्ती करेंगे या कुछ और करेंगे। अब आप सोचेंगे कि हम आपको कहेंगे कि सोशल मीडिया गन्दी है या दोस्तों के साथ समय बिताना समय की बर्बादी है।

तो ऐसा कुछ नहीं है। आपको जिस चीज़ में आनंद आता है, आप वही करें लेकिन सही तरीके से। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको खाली समय में सोशल मीडिया देखनी है तो आप अपने काम के पेज को फॉलो करें, सही ग्रुप्स से जुड़ें। यदि आपको दोस्तों के साथ समय बिताना है तो दोस्त ऐसे चुने, जो आपको प्रोत्साहित करें और खुद भी वैसे ही हो। इसके अलावा आप चित्रकारी, प्रकृति के साथ समय बिताना, योग करना या कुछ अन्य रचनात्मक कार्य कर सकते हैं।

#10. इलेक्ट्रिक गैजेट्स का सदुपयोग करें

यह टिप भी कहीं ना कहीं ऊपर वाली टिप से जुड़ी हुई है लेकिन हमने इसे अलग से टिप में इसलिए शामिल किया क्योंकि आज के समय में यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। ऐसे में इसके बारे में अलग से बताया जाना और आपको सही मार्गदर्शन देना भी उचित हो जाता है। आपके पास भी कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट होंगे। फिर चाहे वह मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्ले स्टेशन, टीवी इत्यादि कुछ भी हो।

अब आपको करना क्या है कि आपको इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का सही रूप में उपयोग करना सीखना होगा। आप टीवी पर क्या देख रहे हैं, मोबाइल में क्या स्क्रॉल कर रहे हैं, कंप्यूटर में किस चीज़ पर क्लिक कर रहे हैं या लैपटॉप में क्या डाउनलोड करने में लगे हुए हैं, यह सब आपकी आगे की दिशा को तय करता है। वह इसलिए क्योंकि हम जैसा देखते, सुनते और बोलते हैं, वैसे ही बनते चले जाते हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 10वीं के बाद JEE को किस तरह से क्रैक (10th Ke Baad JEE Ki Taiyari Kaise Kare) किया जा सकता है, उसके बारे में हरेक जानकारी को विस्तार से देने का भरसक प्रयास किया है। इन सभी टिप्स में उस गोल्डन टिप को कतई ना भूलें कि आपको अपने लिए एक सही कोचिंग का चुनाव करना होगा।

अभी से ही यदि आपने मैट्रिक्स अकैडमी या एलन कोटा जैसे सही कोचिंग संस्थान का चुनाव अपनी JEE की तैयारी करने के लिए कर लिया तो यकीन मानिए बाकी सारा काम तो आपको कोचिंग से मिल रहे दिशा निर्देश और सही गाइडेंस से ही हो जाएगा।

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प्रश्न: क्या हम 10th के बाद jee का एग्जाम दे सकते हैं?

उत्तर: नहीं, आप 10th के बाद JEE का एग्जाम नहीं दे सकते हैं। इसके लिए आपको मान्यता प्राप्त विद्यालय से बारहवीं कक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

प्रश्न: क्या मैं 10th के बाद jee दे सकता हूं?

उत्तर: नहीं, आप किसी भी हालत में अपनी 10th के बाद JEE का एग्जाम नहीं दे सकते हैं। उसके लिए आपका बारहवीं क्लास को पास करना आवश्यक है।

प्रश्न: कक्षा 10 से जेईई की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: कक्षा 10 से जेईई की तैयारी शुरू करने के लिए हमने इस आर्टिकल में एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 गोल्डन टिप दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: 10वीं में jee के लिए कितने प्रतिशत चाहिए?

उत्तर: JEE की परीक्षा देने के लिए दसवीं कक्षा में मिले अंकों का कोई महत्व नहीं है। इसके लिए बारहवीं कक्षा में मिले अंकों को ही मान्य माना जाता है।

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1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक करें? जाने 10 गोल्डन टिप्स

JEE Mains Kaise Crack Kare: आज हम बात करने वाले हैं जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने के बारे में और वो भी बस एक महीने में। बहुत से स्टूडेंट्स हमें कई दिनों से मैसेज कर रहे थे कि हम उन्हें जल्द से जल्द JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की कुछ टिप्स दें। ऐसे में आज हम आप सभी के लिए एक महीने के अंदर JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक किया जा सकता है, उसके बारे में बात करने वाले हैं।

JEE Mains कोई ऐसा वैसा एग्जाम नहीं होता (JEE Mains Kaise Clear Kare) है बल्कि यह देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने का एकमात्र तरीका होता है। इसमें सेलेक्ट होने पर ही आप आगे चलकर NIT जैसे कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं और IIT में जाने के लिए JEE एडवांस्ड का एग्जाम देने को पात्र माने जाते हैं। ऐसे में अगर किसी स्टूडेंट ने JEE Mains एग्जाम को ही क्रैक नहीं किया तो उसकी टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने की संभावना भी समाप्त हो जाती है।

इसलिए आज हम आपको जल्द से जल्द JEE Mains का एग्जाम किस तरह से क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) किया जा सकता है और उसके लिए आप अभी से ही क्या कुछ तैयारी कर सकते हैं, इसके बारे में बात करने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं 1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक किया जाए।

1 महीने में JEE Mains कैसे क्रैक करें?

क्या आप जानते हैं कि बहुत से स्टूडेंट्स अपनी दसवीं क्लास से ही या उसे पास करते ही JEE Mains की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। अब जो स्टूडेंट्स इतनी जल्दी ही तैयारी शुरू कर देते हैं, उन्हें आप मात्र एक महीने में कैसे पछाड़ पाएंगे। अब आप यह सुनकर निराश मत हो जाइए क्योंकि यहाँ हम आपको कुछ चुनिंदा टिप्स देने वाले हैं जो JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने में बहुत मदद करेगी।

हमने बहुत रिसर्च की और JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने वाले कई टॉपर से भी बात की। उनसे मिली जानकारी के आधार पर हमने जाना कि किन चीज़ों ने उनकी JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने और उसे टॉप करने में मदद की। अब हम उन्हीं टिप्स को आपके साथ शेयर करने वाले हैं। इन्हें अपना कर आप भी JEE Mains को 1 महीने में क्रैक कर सकते हैं।

#1. टॉपर के नोट्स लें

यदि आपको 1 महीने में JEE Mains को क्रैक करना है तो उसमें आपकी सबसे ज्यादा सहायता किसी टॉपर के नोट्स ही करने वाले हैं। यहाँ पर टॉपर का अर्थ हुआ जो स्टूडेंट बहुत होशियार है और उसने टाइम टू टाइम अपनी हर क्लास को अटेंड किया है और अच्छे नोट्स बनाए हैं। ऐसे में आपको इसके लिए मेहनत जरुर करनी होगी क्योंकि पहले आपको किसी टॉपर को ढूँढना होगा और फिर उसे अपने नोट्स शेयर करने के लिए मनाना होगा।

अब यदि वह नोट्स शेयर करने को मान जाता है तो आपको उसके सभी नोट्स की फोटोकॉपी करवा लेनी चाहिए। अगर आपको एक से ज्यादा टॉपर के नोट्स भी मिलें तो आप उन सभी के नोट्स की कॉपी बनवा लीजिए। अब आप अगले एक महीने इन सभी नोट्स को अच्छे से स्टडी करें और उसके हर पहलु पर ध्यान दें। यह आपकी JEE Mains के एग्जाम में बहुत मदद करने वाले (JEE Mains Kaise Clear Kare) हैं।

#2. टॉप इंस्टीट्यूट से मदद लें

टॉपर के नोट्स के अलावा आपकी टॉप लेवल की अकैडमी भी बहुत मदद कर सकती है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल की अकैडमी में इस स्थिति से निपटने के लिए टॉप लेवल की रणनीति भी बनाई गई होती है। वहाँ आपको अनुभवी फैकल्टी से गाइडेंस मिलेगी और साथ ही सिलेबस के अनुसार नोट्स भी। अब अगर हम टॉप लेवल की अकैडमी की बात करें तो उसमें कई अकैडमी आती है।

इसमें जिस अकादमी का नंबर सबसे पहले आता है वह है सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी जिसे मैट्रिक्स JEE अकैडमी के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और उसके बाद सीकर की ही प्रिंस अकैडमी आती है। ऐसे में आपको इन अकैडमी से JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत मदद मिल जाएगी।

#3. स्ट्रोंग टॉपिक्स को कवर करें 

अब आपको यह देखना है कि JEE Mains के एग्जाम में किन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ टॉपिक्स ऐसे हैं जिनसे हर बार ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं और उनकी वेटऐज भी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि आपको 1 महीने से भी कम समय में JEE Mains की तैयारी (JEE Mains Kaise Kare) करनी है तो उसके लिए स्ट्रोंग टॉपिक्स की लिस्ट बनाकर उनकी तैयारी करनी चाहिए।

अब अगर हम कुछ स्ट्रोंग टॉपिक्स की बात करें तो उसमें फिजिक्स से केनेमेटिक्स, वर्क-पावर-एनर्जी, इलेक्ट्रोस्टैटिक्स और करंट इलेक्ट्रिसिटी व मॉडर्न फिजिक्स आती है। केमिस्ट्री से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री (GOC, IUPAC, रिएक्शन मैकेनिज्म), इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री (कोऑर्डिनेशन कंपाउंड, P-Block) और फिजिकल केमिस्ट्री (मोल कंसेप्ट, थर्मोडायनामिक्स) आती है। वहीं मैथ्स से कोऑर्डिनेट जियोमेट्री (सर्कल, पैराबोला), कैल्कुलस (डिफरेंशिएशन, इंटीग्रेशन) और एलजेब्रा (मैट्रिसेस, डिटरमिनेंट्स, प्रोग्रेशन) आती है।

#4. कमजोर टॉपिक्स पर ज्यादा टाइम ना लगाएं

आप ऊपर दिए गए कुछ टॉपिक्स या इसके अलावा कुछ टॉपिक्स को समझने में ज्यादा समय लेते होंगे। हालाँकि यह टॉपिक्स जरुरी हो सकते हैं लेकिन यदि आप सारा टाइम इन्हें ही समझने में लगा देंगे तो बाकी विषयों को कब पढ़ पाएंगे। इसलिए यह बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है कि आप अपना समय बचाकर रखें और उसे सभी में बराबर बांटें।

यदि कोई टॉपिक टाइम देने के बाद भी समझ में नहीं आ रहा है या उसमें बहुत ज्यादा समय लग रहा है तो बेहतर यही होगा कि आप उसे वहीं छोड़ दें और उसकी जगह अन्य टॉपिक्स को समझने में अपना ध्यान लगाएं। इससे आपका बहुत समय भी बचेगा और आप ज्यादा से ज्यादा टॉपिक्स को कवर कर पाएंगे।

#5. स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाएं

जल्द से जल्द JEE Mains को क्रैक (JEE Mains Kaise Crack Kare) करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल को भी फॉलो करने की जरुरत है। यदि आप अपने दिन का टाइम टेबल सेट नहीं करते हैं तो आपकी सारी की सारी मेहनत धरी की धरी रह जाएगी। एक सही टाइम टेबल के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है और अपनी योजना को धरातल पर उतारा जा सकता है। ऐसे में आप सबसे पहला काम अपना टाइम टेबल स्ट्रिक्ट बनाएं।

टाइम टेबल बनाने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप रात में देर तक पढ़ने की बजाए सुबह जल्दी उठकर पढ़ने पर ध्यान दें। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है। इस समय सूर्य की किरणें बहुत सकारात्मक होती है और इस समय जो पढ़ा जाता है, वह लंबे समय तक याद रहता है। इसलिए आप सुबह जल्दी उठकर अवश्य पढ़ें।

#6. मॉक टेस्ट देते रहें 

ऊपर हमने आपको मैट्रिक्स जैसी टॉप लेवल की अकैडमी से भी जुड़ने का सुझाव दिया था। वह इसलिए क्योंकि इस तरह की अकैडमी स्टूडेंट्स को JEE Mains का एग्जाम क्रैक करवाने में महारत रखती है। इन अकैडमी के द्वारा टॉप लेवल के मॉक टेस्ट भी सेट किए जाते हैं जो स्टूडेंट के लिए JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। इन्हीं मॉक टेस्ट की वजह से ही स्टूडेंट असली एग्जाम में प्रेशर फील नहीं करता है।

वह इसलिए क्योंकि वह कई समय पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देता है। आखिरी के एक महीने में तो इस तरह की अकैडमी हर दिन मॉक टेस्ट लेती है जिससे स्टूडेंट्स को उसकी आदत हो जाए। अब अगर आप भी एक महीने में JEE Mains को क्रैक करना चाहते हैं तो उसके लिए हर दिन मॉक टेस्ट देने का नियम बना लें।

#7. पुराने प्रश्न पत्र देखें

आपको कम से कम पिछले 10 वर्षों के JEE Mains के पेपर्स को स्टडी करना चाहिए। इससे आपको यह समझने में सहायता होगी कि आखिरकार JEE Mains के एग्जाम में किस तरह के टॉपिक्स पर किस तरह के सवाल जवाब पूछे जाते हैं और उनका पैटर्न क्या है। जब भी कभी किसी एग्जाम को जल्द से जल्द क्रैक करने की बात होती है तो हर कोई उसके पुराने प्रश्न पत्रों को देखने की ही सलाह देता है।

तो हमारी चुनी गई गोल्डन टिप्स में से एक टिप यही है कि आप JEE Mains के सभी और कम से कम पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहन अध्ययन करें। इससे आपको एग्जाम को अच्छे से समझने और उसे क्रैक (JEE Mains Kaise Nikale) करने में मदद मिलेगी। यह पेपर आपको किसी भी बुक्स की दूकान पर आसानी से मिल जाएंगे। आप इन्हें रोजाना हल करने का भी नियम बना लेंगे तो यह तो और भी बढ़िया बात होगी।

#8. शॉर्टकट ट्रिक्स सीखें

कम समय में JEE Mains जैसे एग्जाम को क्रैक करने के लिए शॉर्टकट का सहारा लेना ही पड़ता है। ऐसे में आप फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स जैसे सब्जेक्ट्स में हर टॉपिक को डिटेल में पढ़ने की बजाए उनकी ट्रिक्स को याद करें। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि कैसे किस प्रश्न को शॉर्टकट ट्रिक के जरिए जल्दी हल किया जा सकता है, इसके बारे में जाने।

अब मैथ्स में तो इसको लेकर कई तरह की ट्रिक्स होती है क्योंकि वहाँ सारा काम ही फार्मूला का है लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री भी कुछ ऐसी ही है। आपसे JEE Mains में जो भी प्रश्न पूछे जाएंगे उन सभी में शॉर्टकट ट्रिक्स जरुर लगती है। ऐसे में आपको इन ट्रिक्स का इस्तेमाल करना सीखना होगा और उसके अनुसार ही अपना पेपर सोल्व करना होगा।

#9. NCERT बुक को फॉलो करें 

वैसे तो अलग अलग इंस्टीट्यूट या ऑथर अपनी अपनी बुक को JEE Mains का एग्जाम क्रैक (JEE Mains Kaise Kare) करने के लिए बेस्ट बुक बताते हैं लेकिन जो बुक आपके लिए सबसे जरुरी है वह है आपकी 11 वीं और 12 वीं क्लास की NCERT की बुक्स। वह इसलिए क्योंकि JEE Mains का जो भी सिलेबस होता है, वह पूरा का पूरा इन्हीं बुक्स पर ही बेस्ड होता है। अब इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी सभी बुक्स बेकार हैं बल्कि वह बुक्स भी अच्छी होती है।

यहाँ हम आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं की NCERT की ही बुक्स पढ़ने को इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह आप पहले ही पढ़ चुके होंगे। ऐसे में आपको उनका बस रिवीजन ही करना होगा और उसी के आधार ही आपकी तैयारी हो जाएगी। इसलिए अपनी NCERT की बुक को खोलें और आज से ही उनकी रिविजन शुरू कर दें।

#10. पॉजिटिव बने रहें

जब किसी स्टूडेंट के पास एक महीने से भी कम का समय बचा होता है तो अक्सर यह देखा जाता है कि वह प्रेशर में आ जाता है। अब यही प्रेशर कब तनाव में बदल जाता है और वह नेगेटिव चीज़े सोचने लगता है, पता ही नहीं चलता। अब आप यह सोचिए कि क्या यह नकारात्मकता आपको JEE Mains का एग्जाम क्रैक करने में मदद करेगी या आपको और पीछे धकेलेगी।

इसलिए जितना हो सके, अपने माइंड को फ्रेश रखें, पॉजिटिव बने रहें और हर दिन अच्छे से अपनी स्टडी को करने पर ध्यान लगाएं। आप चाहें तो दिन में एक घंटा अलग से निकाल कर उस समय योग व प्राणायाम भी कर सकते हैं। यह आपको पॉजिटिव बनाए रखने में बहुत मदद करेगा। यदि आप पॉजिटिव रहते हैं तो चीज़े भी अच्छे से समझ में आती है और JEE Mains में सेलेक्ट (JEE Mains Kaise Clear Kare) होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 1 महीने में JEE Mains एग्जाम को क्रैक करने की 10 गोल्डन टिप्स (JEE Mains Kaise Crack Kare) के बारे में बता दिया है। वैसे हमारी बताई गई टिप्स आपकी बहुत मदद करेंगी लेकिन फिर भी यदि आप चूक जाते हैं और इस साल आपका JEE Mains में सिलेक्शन नहीं हो पाता है तो निराश मत होइए। आप एक साल और तैयारी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको बेस्ट अकैडमी की जरुरत पड़ेगी।

ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपका अगले साल के JEE Mains के एग्जाम में जरुर सिलेक्शन हो तो उसके लिए आपको मैट्रिक्स सीकर जैसी अकैडमी या एलन कोटा में एडमिशन लेना चाहिए। जहाँ एक ओर एलन का नाम वर्षों से चलता आ रहा है तो वहीं मैट्रिक्स अकैडमी ने पिछले कुछ वर्षों में टॉप लेवल का रिजल्ट दिया है।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 3 से 6 महीने चाहिए होते हैं। वहीं यदि इसकी अच्छे से तैयारी करनी है तो 6 महीने से 1 वर्ष का समय पर्याप्त होता है।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जी क्लियर कर सकता हूं?

उत्तर: हां, आप 1 महीने में जी क्लियर कर सकते हैं। इसके लिए हमने 10 टिप्स इस आर्टिकल में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकता हूं?

उत्तर: यदि आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास में अच्छे से पढ़ाई की है तो अवश्य ही आप 1 महीने में जेईई मेन्स में 100 अंक प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: 1 महीने में जेईई मेन्स 2025 की तैयारी करने के लिए आपको एक स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाने, पॉजिटिव बने रहने और हर दिन मॉक टेस्ट देने की जरुरत है।

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JEE के लिए टाइम मैनेजमेंट कैसे करें? जाने टॉप 10 स्टेप्स

JEE Time Management: हम में से बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे आगे चलकर एक अच्छी नौकरी करें। अब अच्छी नौकरी करनी है तो उसके लिए अच्छे कॉलेज से पढ़ना होता है। अच्छे कॉलेज से पढ़ना है तो उसी तरह की तैयारी करनी होती है और उस कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए एग्जाम क्रैक करना होता है। अब एग्जाम क्रैक करना है तो उसके लिए अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेनी होती है।

यह सभी बातें तो हम सभी जानते ही हैं लेकिन अच्छी कोचिंग के साथ-साथ स्टूडेंट के लिए जो एक चीज़ सबसे ज्यादा जरुरी होती है, वह है टाइम मैनेजमेंट अर्थात समय प्रबंधन। अब यदि आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं और उसके लिए JEE की तैयारी कर रहे हैं तो आज हम इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि JEE की तैयारी करने के दौरान आप किन-किन तरीकों से टाइम मैनेजमेंट कर सकते (JEE Mains Time Management) हैं। चलिए शुरू करते हैं।

JEE के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

JEE एग्जाम की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन होती है जिसकी सहायता से आपका देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन होता (JEE Advanced Time Management) है। इसमें सबसे टॉप के कॉलेज IIT होते हैं और उसके बाद NIT आते हैं। ऐसे मे आपको टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में और वो भी अपनी मनपसंद की इंजीनियरिंग फील्ड में एडमिशन लेना है तो टाइम मैनेजमेंट की तकनीक समझना बहुत ही जरुरी हो जाता है।

अब यह तकनीक कोई एक या दो स्टेप में नहीं होती (JEE Time Management) है बल्कि आपकी हर एक्टिविटी पर निर्भर करती है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि किन तरीकों या उपायों के तहत आप भी JEE की तैयारी करने के दौरान टाइम मैनेजमेंट कर सकते हैं।

#1. सिलेबस को गहराई से समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझना। अब सिलेबस का मतलब यह नहीं कि आप उसे पूरा पढ़ने बैठ जाएं। आपको यह देखना है कि JEE के एग्जाम में किस-किस टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं और उसमें किस टॉपिक का कितना महत्व होता है। साथ ही जिस वर्ष जो IIT एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली है, उसका किस टॉपिक पर ज्यादा फोकस रहता है।

जिस स्टूडेंट को सिलेबस अच्छे से समझ में आ जाता है, उसके लिए टाइम मैनेजमेंट करना बहुत ही सरल हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि उसे यह पता होता है कि उसे किस टॉपिक पर कितना टाइम देना है और किस पर कितना। इसलिए आपको यही काम सबसे पहले करना है और अपने सिलेबस को पूरी तरह से समझना है।

#2. सब्जेक्ट्स को टॉपिक्स में बांटें 

अब जब आपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है तो आपको हरेक टॉपिक के बारे में अच्छे से जानकारी हो गई होगी। JEE में तीन तरह के सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स हैं। अब इन तीन सब्जेक्ट्स में भी कई तरह के टॉपिक होते हैं। ऐसे में आपको अब अगला काम यह करना होगा कि आपको हर सब्जेक्ट के मिलते जुलते टॉपिक को केटेगरी अनुसार बाँट देना है।

ऐसा करने से एक तरह से आपका टाइम मैनेजमेंट ही हो रहा होगा। वह इसलिए क्योंकि यदि आप एक ही दिन में दो बिलकुल विपरीत टॉपिक को पढ़ते हैं तो इसमें ज्यादा समय लगता है तो वहीं दो एक जैसे टॉपिक को पढ़ने से आप अपना बहुत टाइम बचा सकते हैं। इसलिए आप हर टॉपिक के अनुसार केटेगरी बना लें और एक जैसे टॉपिक को एक साथ में रखें।

#3. अपना एक टाइमटेबल बनाएं

अब तक आपने सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है और उन्हें उनके टॉपिक के अनुसार कुछ चुनिंदा केटेगरी में भी बाँट दिया है। अब आपको अगला काम करना है, उन सभी के अनुसार अपने हर दिन का एक फिक्स टाइमटेबल तय करना। अब आप यह देखें कि आपका JEE का एग्जाम कितने दिनों में है और उसके अनुसार आपके पास कितना समय शेष बचा है।

ऐसे में बचे हुए दिन के अनुसार आपके सिलेबस और उसमें केटेगरी के अनुसार विषयों का चुनाव करें। इससे आपको उन्हें प्रायोरिटी देने और उसी के अनुसार ही अपना टाइम टेबल सेट करने में बहुत सहायता मिलेगी। 

यह एक तरह से टाइम मैनेजमेंट की बहुत सही तकनीक है जो बहुत ही कम स्टूडेंट्स को पता होती है। वह इसलिए क्योंकि अधिकतर स्टूडेंट इसके बारे में सोचते नहीं हैं और कम महत्वपूर्ण विषयों पर पहले का समय व्यर्थ कर देते हैं और महत्वपूर्ण विषय को कम समय दे पाते हैं।

#4. डाउट वाली चीजें अलग से रखें

अब जब आप पढ़ने बैठेंगे या यूँ कहें कि JEE की तैयारी करने बैठेंगे तो अवश्य ही आपको रह-रह कर कई तरह के डाउट आएंगे। कभी किसी टॉपिक पर डाउट आ गया तो कभी कोई चीज़ ठीक से समझ नहीं आ रही होगी। कभी कोई प्रश्न सोल्व नहीं हो रहा होगा तो कभी कुछ और। ऐसे में स्टूडेंट क्या करते हैं कि वे उस चीज़ पर अटक कर रह जाते हैं या उसमें बहुत सा समय व्यर्थ कर देते हैं।

ऐसे में आपको यह गलती नहीं करनी है। यदि आप कहीं पर अटक जाते हैं तो उस पर कुछ मिनट के लिए ही ध्यान दें। यदि फिर भी वह सोल्व नहीं हो रही है तो उसे मार्क करके या कहीं और नोट डाउन करके रख लें। उसके बाद आप उससे आगे का पढ़ना शुरू कर दें।

इस तरह से दिन के अंत में आपके जो-जो भी डाउट थे, उन्हें फिर से देखें और सोल्व करें। कई बार क्या होता है कि किसी चीज़ में हमें उसी समय उत्तर नहीं मिलता है लेकिन कुछ समय बाद उसका आसानी से उत्तर मिल जाता है। यह भी एक परफेक्ट टाइम मैनेजमेंट तकनीक है।

#5. सही कोचिंग का चुनाव

जो स्टूडेंट्स जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना चाहते हैं और यदि उन्हें लगता है कि वे केवल अपने दम पर ही इसे क्रैक कर लेंगे तो वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि ऐसा करने वाले लाखों में से एक या दो स्टूडेंट ही होते हैं। अब यह आप ही तय कर लें कि क्या आप उन लाखों स्टूडेंट में से एक या दो स्टूडेंट हैं या नहीं।

इसलिए यदि आपको जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना है और वह भी अच्छे नंबर के साथ तो उसके लिए सही JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव किया जाना अत्यंत आवश्यक हो जाता (Top JEE Coaching in India) है। आज के समय में यदि हम देश के टॉप JEE कोचिंग संस्थान की बात करें तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। वह इसलिए क्योंकि वहाँ ना केवल टॉप लेवल की फैकल्टी पढ़ा रही है बल्कि JEE के लिए परफेक्ट स्टडी मटेरियल भी बनाया गया है।

इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट आता है। सीकर की ही प्रिंस अकैडमी और कौटिल्य भी इसमें बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में आपको किसी अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही JEE की कोचिंग लेनी चाहिए ताकि आपकी तैयारी में कोई कमी ना रहे और वहाँ से आप टाइम मैनेजमेंट की और भी बेहतर तकनीक सीख सकें।

#6. रिवीजन भी है जरुरी

अब बहुत से स्टूडेंट JEE की तैयारी करते समय एक और गलती करते हैं और वह है समय के साथ-साथ पढ़े गए टॉपिक की रिवीजन नहीं करना। यदि आप भी उन स्टूडेंट्स में से एक हैं तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती होगी। वह इसलिए क्योंकि आपने जिस टॉपिक को जितना टाइम लगाकर पढ़ा है और आप उसे अगले एक महीने तक फिर से नहीं पढ़ते हैं तो आपको फिर से उतना ही टाइम लगने वाला है।

ऐसे में आपकी पहले वाली सारी मेहनत बेकार चली जाएगी और समय व्यर्थ होगा वो अलग। इसलिए आप यह नियम बना लें कि आपने पूरे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, दिन के आखिर में एक या आधा घंटा उसकी रिवीजन करेंगे। इसी के साथ ही हर सप्ताह एक दिन पूरे सप्ताह का रिवीजन करेंगे। फिर अगले महीने में भी एक दिन पिछले महीने पढ़े गए सभी टॉपिक की एक बार रिवीजन करेंगे।

#7. सुबह जल्दी उठकर पढ़ें

स्टूडेंट्स के बीच आज के समय में यह चलन बना हुआ (JEE Advanced Time Management) है कि वे रात को देर तक पढ़ते हैं और सुबह देर से उठते हैं। अब पढ़ाई तो वे भी उतनी ही करते हैं लेकिन उसका पहले जैसा परिणाम नहीं मिलता है। हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि सुबह के समय जल्दी उठना चाहिए और जल्दी सो जाना चाहिए। ऐसे में आपको सोचना चाहिए कि वे ऐसा क्यों कहते थे या इसके पीछे क्या तर्क होता था।

तो यहाँ हम आपको बता दें कि सुबह के समय वातावरण अधिक सकारात्मक होता है, सूर्य की किरणें शक्तिशाली होती है जो दिमाग को एकाग्र करने और बुद्धि का विकास करने में सहायक होती है। ऐसे में सुबह सूर्य की किरणों के साथ पढ़ने से ना केवल आपको चीज़े लंबे समय तक याद रहेगी बल्कि आपका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।

#8. ब्रेक लेते रहें

अब आप सोचते हैं कि बिना आराम किए या बिना ब्रेक लिए लगातार पढ़ते रहेंगे तो इससे आप उन स्टूडेंट्स से आगे निकल जाएंगे जो आराम भी करते हैं या एंटरटेनमेंट के लिए कुछ समय निकालते हैं। तो यहाँ हम आपको बता दें कि आप बिलकुल भी सही नहीं कर रहे हैं या आपकी सोच गलत है। वह इसलिए क्योंकि लगातार पढ़ते रहने से दिमाग थक जाता है और वह चीज़ों को समझने में ज्यादा समय लगाता है।

इसलिए यदि आप पढ़ने के दौरान बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहेंगे तो इससे आपकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ेगी। यह आपको तेज गति से पढ़ने में भी सहायता करेगी। इसी के साथ ही आपको योग व प्राणायाम करना भी शुरू कर देना चाहिए क्योंकि यह भी आपकी बुद्धि को तीक्ष्ण करने में बहुत सहायक सिद्ध होगा।

#9. मन ना भटकने दें

ऊपर हमने आपको कहा कि आपको JEE की तैयारी के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए या कुछ ना कुछ एंटरटेनमेंट के साधन ढूंढ लेने चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप पूरा समय उसी में ही लगे रहें या अपना ध्यान भटकने दें। इसके लिए आप एक निश्चित समय निर्धारित करें और वह भी ज्यादा नहीं होना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर यदि आप एक दिन में 10 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं तो आप एक घंटा आराम कर सकते हैं या एंटरटेनमेंट कर सकते हैं। साथ ही जिस समय आप JEE की तैयारी कर रहे हो, उस समय आपको अपना ध्यान इधर-उधर नहीं भटकने देना चाहिए। आप जब पढ़ रहे हैं तो पूरी तरह से उस पर ध्यान केंद्रित करें और फिर जब ब्रेक का समय हो, तभी बाकी चीजें देखें।

#10. टेस्ट लेते रहें

बेहतर टाइम मैनेजमेंट के लिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट भी लेते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पर आप अपने पिछले महीने की परफॉरमेंस का आंकलन करें और देखें कि इस महीने आप उसकी तुलना में क्या कर रहे हैं। यदि आपको कोई सुधार नहीं दिखता है या बहुत ही कम परिवर्तन दिखता है तो फिर आपको अपनी स्ट्रेटेजी को बदलने की जरुरत है।

इसलिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट लेते रहना (JEE Mains Time Management) चाहिए। यह आपको अपनी स्ट्रेटेजी को और बेहतर बनाने और आपकी JEE की तैयारी को और अधिक मजबूत करने का ही काम करेगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में आपने JEE की तैयारी करने के लिए उचित समय प्रबंधन या टाइम मैनेजमेंट की तकनीक के बारे में पूरी जानकारी ले ली (JEE Time Management) है। आखिर में एक बात हम आपको फिर से बताना चाहेंगे कि यदि आप JEE का एग्जाम देने को लेकर सीरियस हैं और इसे अच्छे स्कोर के साथ क्रैक करना चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट के साथ-साथ एक अच्छा कोचिंग इंस्टीट्यूट इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है।

इसके लिए सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी बहुत ही सही अकैडमी (Top JEE Coaching in India) है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ स्टूडेंट्स के लिए डाउट सेंटर बनाए गए हैं जहाँ स्टूडेंट्स किसी भी समय जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। अब यदि समय रहते स्टूडेंट्स के डाउट क्लियर हो रहे हैं तो इससे उनका बहुत समय बच जाता है। इसके बाद के कुछ इंस्टीट्यूट के नाम प्रिंस अकैडमी, एलन, आकाश व रेजोनेंस हैं।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 4 से 8 महीने चाहिए। यदि आप मैट्रिक्स सीकर जैसे नंबर एक इंस्टिट्यूट से इसकी कोचिंग लेते हैं तो आपको इतने समय में पूरी तैयारी करवा दी जाएगी।

प्रश्न: क्या जेईई मेन के लिए 75% आवश्यक है?

उत्तर: जेईई मेन के लिए 75% अंक लाना पर्याप्त है। फिर जब आपको जेईई एडवांस देना होगा तो उससे पहले आपको जेईई मेन के एग्जाम को पास करना होगा।

प्रश्न: जेईई की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 6 महीने से लेकर एक वर्ष का समय पर्याप्त होता है। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी चीज़ों को समझ पाते हैं।

प्रश्न: जी टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: जी टॉपर्स सामान्य तौर पर 7 से 8 घंटे सोते हैं। यह आदर्श दिनचर्या और बेहतर स्टडी के लिए आवश्यक भी है।

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कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जॉब्स – जाने 15 तरह के करियर ऑप्शन के बारे में

Computer Science Engineering Jobs: अगर हम आज के समय की बात करें तो कंप्यूटर साइंस एक ऐसा करियर ऑप्शन है जिसमें सबसे ज्यादा और तेजी से विकसित होने वाले जॉब ऑप्शन हैं। अब हर चीज़ ऑनलाइन या यूँ कहें कि डिजिटल होती जा रही है। हम हर चीज़ अपने कंप्यूटर या मोबाइल के जरिए करने लगे हैं। फिर चाहे वह किसी ऐप के जरिए हो या सॉफ्टवेयर या वेबसाइट के जरिए।

ऐसे में इन सभी को हैंडल करने या बनाने के लिए कंप्यूटर साइंस की डिग्री लिए हुए इंजीनियर की ही जरुरत पड़ती है। यही कारण है कि बहुत से स्टूडेंट्स कंप्यूटर साइंस में ही अपना करियर बनाने में लगे हुए हैं। हालाँकि इसमें एक तरह का करियर ऑप्शन नहीं होता (Computer science me kya scope hai) है बल्कि कई तरह की टेक्नोलॉजी या प्लेटफॉर्म में करियर बनाने का मौका मिलता है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ इसी बात पर ही चर्चा करने वाले (Computer Science Career Options) हैं। इस लेख में हम एक-एक करके आपको सभी महत्वपूर्ण और टॉप करियर ऑप्शन बताएँगे जो आप कंप्यूटर साइंस के जरिए कर सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं।

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जॉब्स

कंप्यूटर साइंस का मतलब हुआ कंप्यूटर में महारत हासिल करना। फिर चाहे वह सॉफ्टवेयर की फील्ड में हो या हार्डवेयर की। अब इसमें भी अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी होती है। जैसे कि जावा, डिजाईन, एंगुलर, AI इत्यादि। साथ ही देश में कई तरह के इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जो कंप्यूटर साइंस में पढ़ाने और डिग्री देने का काम करते हैं। इसमें से IIT और NIT को टॉप लेवल का कॉलेज माना जाता है।

अगर आपको देश के इन टॉप कॉलेज में एडमिशन लेना है तो उसके लिए आपको JEE एग्जाम की तैयारी करनी होती है। इसके लिए आपको इन एग्जाम में अच्छा स्कोर लेना होता (Computer Science Me Career Options) है जिसमें आपकी मदद देश के टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट करते हैं। कुछ टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा, आकाश दिल्ली है। यहाँ से पढ़कर आपको JEE एग्जाम अच्छे स्कोर से क्रैक करने में बहुत मदद मिलती है।

इसके बाद आप आसानी से अच्छे सैलरी पैकेज पर देश और दुनिया की टॉप कंपनियों में अपना करियर बना सकते हैं। तो आइए जाने आप किस-किस फील्ड में कंप्यूटर साइंस के अंतर्गत जॉब (Computer Science Engineering Jobs) ले सकते हैं और अपने करियर को एक नई उड़ान दे सकते हैं।

#1. वेब डेवलपर

कंप्यूटर साइंस में जिस करियर ऑप्शन की सबसे पहले बात की जाती है वह है वेब डेवलपर की। इसमें विभिन्न तरह की वेबसाइट या ऐप को डिजाईन किया जाता है और उन्हें तरह-तरह की कोडिंग लैंग्वेज के तहत एक सुंदर रूप दिया जाता है। अब यह लैंग्वेज भी तरह-तरह की होती है। उदाहरण के तौर पर HTML, CSS, JavaScript, React, Angular इत्यादि।

ऐसे में आप इनमें से किसी भी एक या दो लैंग्वेज को चुन सकते हैं और उसमें महारत हासिल कर सकते हैं। उसके बाद आप कंप्यूटर साइंस के तहत किसी भी बड़ी कंपनी में वेब डेवलपर के तहत जॉब पा सकते हैं। इसमें आपको आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे।

#2. डाटा साइंटिस्ट

आज के समय में डाटा की बहुत ज्यादा डिमांड है। चाहे कोई बड़ी कंपनी हो या छोटी कंपनी, हर कोई अपनी पॉलिसी का निर्माण डाटा को आधार बनाकर ही कर रहा है। कहने का मतलब यह हुआ कि हर कंपनी के द्वारा कस्टमर की एक्टिविटी को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिए जा रहे हैं।

ऐसे में डाटा साइंटिस्ट की भूमिका बहुत अहम हो जाती है। इसके लिए आपके अंदर जिन-जिन स्किल्स का होना जरुरी है उनमें से कुछ स्किल्स के नाम Python, SQL, Machine Learning, Statistics हैं। ऐसे में आप डाटा साइंटिस्ट के रूप में कंप्यूटर साइंस के अंतर्गत अपना करियर बना सकते हैं।

#3. डाटा एडमिनिस्ट्रेटर

डाटा साइंटिस्ट की तरह ही कंप्यूटर साइंस में डाटा एडमिनिस्ट्रेटर की भी बहुत बड़ी भूमिका होती है। ये डाटा टूल्स को मैनेज करने का काम करते हैं। एक तरह से डाटा को किस तरीके से इस्तेमाल किया जाता है और कहाँ इस्तेमाल किया जाता है, यह देखने का जिम्मा इन्हीं डाटा एडमिनिस्ट्रेटर के पास ही होता है।

इसमें तरह-तरह के टूल्स के जरिए डाटा को नियंत्रित करना और उनकी रिपोर्ट्स बनाकर देना शामिल होता है। जैसे कि आप माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल या गूगल स्प्रेडशीट का इस्तेमाल कर सकते हैं और उसमें तरह-तरह की कोडिंग के तहत डाटा को मैनेज कर सकते हैं।

#4. सॉफ्टवेयर इंजीनियर

कंप्यूटर साइंस में डिग्री लेने के बाद जिस फील्ड में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स को जॉब दी जाती है, वह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के तहत ही दी जाती है। इसमें भी जूनियर, असिस्टेंट, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तहत जॉब दी जाती है। शुरू में तो आप जूनियर के तहत ही नौकरी पर लगते हैं लेकिन अगर आपने बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली है तो आप सीधे सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तहत भी काम कर सकते हैं।

इसमें आपको एंगुलर, जावा, एंड्राइड इत्यादि के तहत कोडिंग करने का काम दिया जाता है। वहीं अलग-अलग प्लेटफॉर्म की अलग-अलग लैंग्वेज में भी काम करने के मौके मिलते रहते हैं। इसलिए आपको शुरुआत में किसी काम को ना नहीं कहना चाहिए।

#5. सॉफ्टवेयर टेस्टर

जब भी किसी ऐप या सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है तो उसकी तरह-तरह की टेस्टिंग की जाती है। एक तरह से कोई भी कंपनी अपना प्रोडक्ट लॉन्च करने से पहले उसकी हर तरीके से जांच करवाना चाहती है और उसके बाद ही उसे यूजर या क्लाइंट के सामने दिखाती है।

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि फाइनल लॉन्च से पहले उसमें यह देख लिया जाए कि उसमें किसी तरह की कोई कमी ना रह जाए। अब यह जांचने का काम टेस्टर का होता है जो अलग-अलग डिवाइस पर उसकी हर तरीके से टेस्टिंग करता है। फिर जो जो कमी रह गई है, वह उन्हें नोट डाउन करके डेवलपर को भेज देता है।

#6. साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, वैसे-वैसे ही उसकी सुरक्षा करने के मापदंड भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में किसी भी कंपनी को अपने यहाँ साइबर सिक्योरिटी को हैंडल करने के लिए लोग रखने होते हैं। उन्हें किसी भी तरह के वायरस, अटैक या मैलवेयर से कंपनी के सिस्टम को बचाकर रखना होता है।

अब यह काम साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट के द्वारा ही किया जाता है। वे यह सुनिश्चित करने का काम करते हैं कि कंपनी की कोई भी जानकारी लीक ना होने पाए या डाटा किसी और के हाथ ना लग जाए।

#7. एथिकल हैकर

बहुत से लोग हैकिंग या हैकर का नाम सुनकर यह सोचते हैं कि वे गलत काम ही करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। कंप्यूटर साइंस में एक करियर ऑप्शन ये भी है लेकिन एथिकल हैकिंग के रूप में। यह एक तरह से साइबर सिक्योरिटी से मिलती जुलती ही फील्ड है लेकिन थोड़ी अलग।

इस तरह की जॉब में आपको किसी और कंपनी का सिस्टम हैक नहीं करना होता है बल्कि उसे दूसरे हैकर से बचाना होता है। अब आप सुनते होंगे कि फलाना देश के किसी हैकर ने अपने देश की कंपनी पर अटैक किया है और उसके सिस्टम को हैक कर लिया है। तो इसे ही बचाने का काम एथिकल हैकर करते हैं।

#8. मशीन लर्निंग इंजीनियर

अब बारी आती है मशीन को सिखाने वाले या उसे समझने वाले इंजीनियर की। आज के समय में अधिकतर काम मशीन की सहायता से ही किया जा रहा है। अब उस मशीन को इंस्ट्रक्शन देने या उसे समझने के लिए भी तो लोग चाहिए होंगे ना।

इसके तहत आपको कई तरह की स्किल्स में महारत हासिल करने की जरुरत होती है। उदाहरण के तौर पर कुछ स्किल्स के नाम Deep Learning, TensorFlow, PyTorch, Natural Language Processing हैं। इसके तहत आप मशीन लर्निंग इंजीनियर में अच्छा करियर बना सकते हैं।

#9. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या फिर AI का नाम आजकल बहुत चलन में है और आगे का दौर भी इसी AI का ही है। यह AI जितनी तेजी से विकसित हो रही है, उसे देखते हुए यह कहना बहुत मुश्किल है कि आगे यह क्या कुछ नहीं कर सकती है।

ऐसे में आज के समय में हरेक कंपनी में AI मॉडल पर काम करने वाले इंजीनियर की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है। यह एक तेजी से उभरती हुई करियर फील्ड है जिसमें आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसलिए यदि आप भविष्य को देखते हुए अपना करियर बनाने को इच्छुक हैं तो यह फील्ड आपके बहुत काम आने वाली है।

#10. UI/ UX डिज़ाइनर

यह एक तरह से ग्राफ़िक्स डिजाईन करने वाली फील्ड है। अब आप सोच रहे होंगे कि ग्राफ़िक्स डिजाईन का कंप्यूटर साइंस की फील्ड से क्या संबंध। तो आज आप यह जान लें कि ग्राफ़िक्स डिजाइनर का काम केवल सिंपल ग्राफ़िक्स बनाने का ही नहीं होता है बल्कि वेबसाइट में कोडिंग के तहत बनाए जाने वाले ग्राफ़िक्स भी आते हैं।

इनकी पोस्ट सिंपल ग्राफ़िक्स डिजाईन करने वालों से बहुत ऊपर होती है और उन्हें सैलरी भी ज्यादा मिलती है। ऐसे में आप UI डिज़ाइनर के तहत भी अपना करियर बना सकते हैं और इसमें एक अच्छी जॉब पा सकते हैं।

#11. हार्डवेयर इंजीनियर

कंप्यूटर साइंस में हार्डवेयर इंजीनियर का भी बहुत महत्व है। इसके तहत आपको कंप्यूटर के तरह-तरह के पार्ट्स की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उसमें किस तरह के पार्ट का क्या काम होता है, उसमें किस-किस तरह की कमी देखी जा सकती है और उनमें किस तरह से सुधार किया जा सकता है, यह सब इसके अंतर्गत आता है।

एक तरह से कंप्यूटर में आ रही दिक्कत को ठीक करना और उसे काम करने वाली हालत में लाना ही हार्डवेयर इंजीनियर का काम होता है। सॉफ्टवेयर कंपनियों में यदि किसी इंजीनियर का कंप्यूटर ठीक से काम नहीं कर रहा है या उसमें कोई गड़बड़ी दिखने के संकेत मिलते हैं तो हार्डवेयर इंजीनियर को ही बुलाया जाता है।

#12. टेक्निकल राइटर

यह राइटिंग से जुड़ी फील्ड हो जाती है लेकिन इसके लिए सामान्य राइटर को नहीं लिया जाता है। कहने का मतलब यह हुआ कि आपको टेक्नोलॉजी से जुड़े किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को समझने के लिए एक टेक्निकल डॉक्यूमेंट की जरुरत पड़ती है।

उस टेक्निकल डॉक्यूमेंट में सभी तरह की टर्म्स एंड कंडीशन दी गई होती है जो एक टेक्निकल राइटर ही लिख सकता है। ऐसे में इस तरह की फील्ड भी बहुत चलन में है जो लोगों को राइटिंग के साथ-साथ टेक्निकल में भी बेहतर एक्सपीरियंस देने का काम करती है।

#13. आईटी कंसलटेंट

हर कंपनी में कई तरह के आईटी कंसलटेंट को भी रखा जाता है जो उस कंपनी की पॉलिसी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक तरह से यह कंसलटेंट कई तरह की कंपनियों के लिए भी काम कर सकते हैं और उन्हें उनके द्वारा दी जा रही सर्विस के लिए समय-समय पर गाइड कर सकते हैं।

#14. प्रोजेक्ट मैनेजर

हर कंपनी में कई तरह के प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है और हर प्रोजेक्ट को हैंडल करने के लिए एक मैनेजर की जरुरत पड़ती है। उस मैनेजर का काम प्रोजेक्ट के अंतर्गत काम कर रहे सभी टेक्निकल पर्सन को इंस्ट्रक्शन देना और प्रोजेक्ट का सही से क्रियानव्यन करवाना होता है।

#15. टेक्निकल टीचिंग

आप चाहें तो कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करके टीचिंग की फील्ड में भी जा सकते हैं। अब यहाँ टीचर बनने का अर्थ यह नहीं कि आप केवल कॉलेज या यूनिवर्सिटी में ही पढ़ा सकते हैं बल्कि हर बड़ी कंपनी में भी इसके लिए हायरिंग की जाती है। अब कोई भी कंपनी जब किसी फ्रेशर को अपने यहाँ रखती है तो उसे 2 से 3 महीने के लिए ट्रेनिंग देती है। अब यह ट्रेनिंग देने का काम ही टेक्निकल टीचिंग स्टाफ का होता है।

इस तरह से आज आपने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जॉब्स के 15 तरह के ऑप्शन के बारे में पूरी जानकारी ले ली (Computer Science Career Options) है। इसके अलावा भी कई तरह की फील्ड होती है जिसमें आप अपना करियर बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • डिजिटल फोरेंसिक एक्सपर्ट
  • सिस्टम आर्किटेक्ट
  • क्वांटम कंप्यूटिंग रिसर्चर
  • कंप्यूटर विजन इंजीनियर
  • नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग स्पेशलिस्ट
  • VR/AR डेवलपर
  • DevOps इंजीनियर
  • आईओटी डेवलप
  • रोबोटिक्स इंजीनियर
  • गेम डेवलपर
  • ब्लॉकचेन डेवलपर
  • बिग डाटा इंजीनियर
  • क्लाउड आर्किटेक्ट
  • नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर
  • सिस्टम एनालिस्ट इत्यादि।

समय के साथ-साथ कंप्यूटर साइंस में और भी कई तरह के करियर ऑप्शन उभर कर सामने आते रहते हैं। ऐसे में आप हमेशा अपनी स्किल्स और इंटरेस्ट को पहचान कर ही आगे बढ़ें।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जान लिया है कि कंप्यूटर साइंस में आप किस-किस फील्ड में अपना करियर (Computer Science Engineering Jobs) बना सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। हालाँकि हम आपको यह भी बता दें कि यदि आप वाकई में इसे लेकर सीरियस हैं तो इसके लिए आपको एक अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने की जरुरत पड़ेगी। अब अच्छे कॉलेज में एडमिशन चाहिए तो उसके लिए टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से तैयारी करनी भी जरुरी होती है।

ऐसे में जब हमने जांच पड़ताल की तो पाया कि सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी इस लिस्ट में टॉप पर थी। मैट्रिक्स ने पिछले कुछ वर्षों से JEE में टॉप लेवल का रिजल्ट दिया है। इसके बाद एलन कोटा और आकाश दिल्ली का नाम आता है जिन्होंने JEE की अच्छी कोचिंग देने का काम किया है।

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प्रश्न: कंप्यूटर साइंस करने से कौन सी नौकरी मिलती है?

उत्तर: कंप्यूटर साइंस करने से कोडिंग या डेवलपमेंट की नौकरी मिलती है। इसमें आप डाटा, एंगुलर, एंड्राइड इत्यादि क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं।

प्रश्न: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की सैलरी शुरूआती तौर पर 20 हज़ार से 50 हज़ार के बीच में होती है जो आगे चलकर लाखों में हो जाती है

प्रश्न: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जॉब क्या हैं?

उत्तर: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जॉब में व्यक्ति को कई तरह की कोडिंग लैंग्वेज में काम करना होता है यह कोडिंग लैंग्वेज html, css, python, java इत्यादि कई तरह की हो सकती है

प्रश्न: कंप्यूटर साइंस लेने से क्या बन सकते हैं?

उत्तर: कंप्यूटर साइंस लेने से व्यक्ति इंजीनियर की डिग्री हासिल करता है इसके बाद वह कंपनी में सॉफ्टवेर इंजीनियर के तहत काम करता है

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JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर है?

JEE Main or JEE Advanced: जो स्टूडेंट्स नॉन मेडिकल फील्ड से हैं और आगे चलकर इंजीनियरिंग में पढ़ाई करना चाहते हैं तो उनका सपना देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने का होता है। अब भारत सरकार के द्वारा इसके लिए हर वर्ष JEE का एग्जाम लिया जाता है लेकिन बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो JEE के इस एग्जाम के दो नाम सुनकर शंका में पड़ जाते हैं।

दरअसल JEE एग्जाम के दो हिस्से होते हैं जिन्हें हम JEE Main और JEE Advanced के नाम से जानते हैं। पहले के समय में इनके कुछ और नाम थे लेकिन आज के समय में इनके नाम JEE Main और JEE Advanced है। अब जो स्टूडेंट्स इंजीनियर बनना चाहते हैं और इसके लिए JEE का एग्जाम देना चाहते हैं वे अवश्य ही यह जानना चाहते हैं कि JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है।

ऐसे में आज हम आपकी इसी शंका का समाधान करने हेतु ही यहाँ आए हैं। आज के इस लेख में आपको ना केवल इन दोनों पेपर के बीच का समूचा अंतर जानने को मिलेगा बल्कि साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे कि JEE Main और JEE Advanced क्या है (JEE Main or JEE Advanced Kya Hai) और इनका क्या महत्व है। तो चलिए शुरू करते हैं।

JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर है?

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह दोनों ही एग्जाम स्टूडेंट्स के देशभर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने के लिए लिए जाते हैं। बस एक छोटा लेवल है तो दूसरा थोड़ा बड़ा लेवल है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो JEE Main का एग्जाम होता है, वो फर्स्ट लेवल होता है तो वहीं JEE Advanced का लेवल आखिरी लेवल होता (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है।

अब कुछ स्टूडेंट्स तो IIT और JEE के बीच क्या अंतर होता है (IIT and JEE Difference in Hindi), इसके बारे में भी जानना चाहते हैं। वह इसलिए क्योंकि हम में से बहुत से JEE के एग्जाम को IIT का एग्जाम भी कह देते हैं जो कि गलत भी नहीं है। ऐसे में आर्टिकल के लास्ट में हम आपको इसके बारे में भी बताएँगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

#1. फुल फॉर्म और पुराने नाम

JEE Main और JEE Advanced के बीच के अंतर को समझने से पहले आप यह समझ लें कि इन दोनों की फुल फॉर्म क्या है और इनका पहले क्या नाम था। इनकी फुल फॉर्म और इनके पुराने नाम जानकर आपको दोनों के बीच का आधे से ज्यादा अंतर तो यहीं क्लियर हो जाएगा क्योंकि लोगों ने इनके पुराने नाम ही सुन रखे होते हैं।

तो JEE Main की फुल फॉर्म Joint Entrance Examination – Main होती है तो वहीं JEE Advanced की फुल फॉर्म Joint Entrance Examination – Advanced है। अब आप कहेंगे कि इससे हमें क्या ही पता चला क्योंकि दोनों में JEE की फुल फॉर्म तो एक जैसी ही है। ऐसे में आप इनका पुराना नाम सुन लें।

तो JEE Main को पहले AIEEE के नाम से जाना जाता था तो वहीं JEE Advanced को IIT – JEE के नाम से जाना जाता था। अब बहुत लोगों ने अवश्य ही AIEEE का नाम सुन रखा होगा। वह इसलिए क्योंकि AIEEE का एग्जाम देशभर की NIT में एडमिशन के लिए लिया जाता था तो वहीं IIT – JEE का एग्जाम IIT में एडमिशन के लिए लिया जाता था। आज भी वैसा ही होता है लेकिन कुछ परिवर्तनों के साथ।

#2. किस कॉलेज में एडमिशन मिलेगा

अब यह तो आप जान ही गए हैं कि JEE के यह दोनों ही एग्जाम स्टूडेंट्स को देश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने के उद्देश्य से कंडक्ट करवाए जाते हैं लेकिन किस एग्जाम से किस तरह के कॉलेज में एडमिशन मिलता है, यह जानना भी तो जरुरी है।

तो JEE Main के द्वारा आपको देशभर की 32 NITs (National Institutes of Technology), 26 IIITs (Indian Institutes of Information Technology) और 40 GFTIs (Government Funded Technical Institutes) में एडमिशन मिलता है। वहीं यदि आप JEE Advanced को क्लियर कर देते हैं तो आपको देशभर की 23 IITs (Indian Institutes of Technology) में एडमिशन मिलता है।

#3. एग्जाम कौन लेता है?

अब बात करते हैं JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली एजेंसी के बारे में। तो JEE Main का एग्जाम NTA अर्थात National Testing Agency के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है वर्ष 2018 तक तो यह एग्जाम Central Board of Secondary Education कंडक्ट करवा रही थी लेकिन 2019 से यह दायित्व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा निभाया जा रहा है।

वहीं यदि हम JEE Advanced एग्जाम की बात करें तो इसे आईआईटी ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (IIT Joint Admission Board) के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है। इसमें 23 IIT में से टॉप 7 IIT आती है जिनके नाम रुड़की, खड़गपुर, दिल्ली, कानपुर, बॉम्बे, हैदराबाद और गुवाहाटी आईआईटी है। अब यह रोटेशन के हिसाब से हरेक IIT के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है।

#4. एग्जाम की शुरुआत

यह भी JEE Main और JEE Advanced के बीच का एक महत्वपूर्ण अंतर (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है। इसलिए आपका इसके बारे में भी जानना जरुरी हो जाता है। तो JEE Main एग्जाम की शुरुआत आज से लगभग 22 वर्ष पहले सन 2002 में हुई थी तो वहीं JEE Advanced की शुरुआत आज से 63 वर्ष पहले सन 1961 में ही हो गई थी। कहने का अर्थ यह हुआ कि JEE Main एग्जाम JEE Advanced से बहुत बाद में शुरू हुआ था।

#5. एग्जाम का स्तर

अब करते हैं JEE Main और JEE Advanced के स्तर की बात। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि इन दोनों एग्जाम में से कौन सा एग्जाम ज्यादा कठिन होता है और कौन सा ज्यादा सरल। तो यह तो सीधी सी बात है कि लेवल एक का एग्जाम लेवल दो वाले से सरल ही होगा। इस तरह से JEE Main का एग्जाम JEE Advanced की तुलना में थोड़ा सरल जरुर होता है लेकिन इतना भी नहीं। वह इसलिए क्योंकि हर वर्ष इसमें लाखों स्टूडेंट्स बैठते हैं लेकिन सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स बहुत कम होते हैं।

साथ ही स्टूडेंट्स को टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए स्कोर भी उसी लेवल का लाना होता है। ऐसे में उसे टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना चाहिए अन्यथा वह JEE Main में ही सेलेक्ट नहीं हो पाएगा, JEE Advanced तो बहुत दूर की बात है। भारत के कुछ टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, दिल्ली आकाश इंस्टीट्यूट है।

#6. एक साल में कितनी बार

अब बात करते हैं कि यह JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम एक साल में कितनी बार कंडक्ट करवाया जाता है और कब-कब करवाया जाता है। तो JEE Main का एग्जाम एक साल में दो बार लिया जाता है। पहला पेपर जनवरी में होता है तो दूसरा पेपर अप्रैल के महीने में होता है। ऐसे में अगर आपका जनवरी वाला पेपर अच्छा नहीं गया है तो आप अप्रैल में वापस इसे दे सकते हैं।

वहीं JEE Advanced का एग्जाम साल में बस एक बार लिया जाता है और वह JEE Main के दोनों एग्जाम हो जाने के बाद उसके रिजल्ट के आधार पर लिया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिन स्टूडेंट्स ने JEE Main का एग्जाम पास कर लिया है और टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आए हैं, वे ही JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं। JEE Advanced का एग्जाम जून के महीने में लिया जाता है।

#7. एग्जाम का क्राइटेरिया

अब आपने यह तो जान लिया है कि JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम (JEE Main or JEE Advanced) साल में कितनी बार लिया जाता है लेकिन साथ में यह भी जान लें कि यह एग्जाम कितनी शिफ्ट में होता है। तो JEE Main का पेपर एक ही शिफ्ट में होगा जो 3 घंटे की होगी। इसमें आपसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के प्रश्न पूछे जाएंगे।

वहीं अगर हम JEE Advanced की बात करें तो इसमें एक ही दिन में दो शिफ्ट में पेपर होते हैं। हरेक शिफ्ट 3-3 घंटे की होती है और सब्जेक्ट्स वही रहते हैं। इस तरह से JEE Main का एग्जाम 3 घंटों का तो वहीं JEE Advanced का एग्जाम 6 घंटों का होता है।

#8. किस लैंग्वेज में होता है एग्जाम

JEE Main का एग्जाम हिंदी व अंग्रेजी सहित 13 भारतीय भाषाओं में लिया जाता है। यह 13 भाषाएँ हिंदी, अंग्रेजी, आसामी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू है। वहीं JEE Advanced का एग्जाम केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही लिया जाता है।

#9. एग्जाम फीस

अब यदि हम आपके साथ JEE Main और JEE Advanced को देने के लिए फीस की बात करें तो वह भी एक मुख्य अंतर है। वह इसलिए क्योंकि JEE Advanced की फीस JEE Main की तुलना में बहुत ज्यादा होती है। अब यह फीस भी स्टूडेंट्स की जातियों के अनुसार अलग-अलग होती है। JEE Main के लिए जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स को 1000 रुपए, जनरल EWS व OBC को 900 रुपए, SC, ST, विकलांग और थर्ड जेंडर के लिए 500 रुपए होती है।

वहीं JEE Advanced की फीस भारतीय नागरिकों के लिए 3200 से लेकर 1600 रुपए के बीच में होती है। वहीं यदि हम विदेशी नागरिकों की बात करें तो यह 100 से 200 डॉलर तक होती है जो भारतीय मुद्रा के अनुसार 9 से 20 हज़ार के बीच होती है।

#10. एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

अब करते हैं JEE Main और JEE Advanced के बीच मुख्य अंतर की बात। वह है JEE का एग्जाम कौन दे सकता है और कौन नहीं। तो इसके लिए वैसे तो कई मापदंड होते हैं लेकिन यहाँ हम आपको दोनों के बीच के अंतर वाले क्राइटेरिया को बताने जा रहे हैं। तो JEE Main एग्जाम को देने के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है जबकि JEE Advanced के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष (आरक्षित वर्ग के लिए 30 वर्ष) है।

JEE Main को लगातार तीन वर्षों तक अधिकतम 6 प्रयास के तहत दिया जा सकता है तो वहीं JEE Advanced के लिए अधिकतम 2 प्रयास और वह भी बारहवीं के साथ वाला वर्ष और उसका अगला वर्ष ही होता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई स्टूडेंट 2024 में अपनी बारहवीं का एग्जाम देता है तो वह वर्ष 2024 और 2025 का JEE Advanced का एग्जाम ही दे सकता है, 2026 या उसके बाद के वर्षों का नहीं।

JEE Main और JEE Advanced क्या है?

अब जब आपने JEE Main और JEE Advanced के बीच के सभी अंतर को जान लिया है तो बारी आती है इन दोनों के बीच क्या समानता है, इसके बारे में जानने की। कहने का मतलब यह हुआ कि भारत सरकार को यह दो एग्जाम क्यों लेने पड़ते हैं और JEE Main और JEE Advanced का आपस में क्या संबंध (JEE Main or JEE Advanced Kya Hai) है, इसके बारे में भी तो आपको जानना चाहिए।

तो सबसे पहले तो आप यह जान लें कि केवल वही स्टूडेंट्स JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं जिन्होंने JEE Main का एग्जाम दे रखा हो और वे टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आते हो। इस तरह से JEE Advanced का एग्जाम JEE Main एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर कंडक्ट करवाया जाता है। साथ ही JEE Main के तहत एलिजिबिलिटी के जो भी क्राइटेरिया हैं, वे अपने आप ही JEE Advanced के लिए मान्य होते हैं।

आइए सिलसिलेवार तरीके से जान लेते हैं:

  1. JEE Main का एग्जाम देशभर के सभी केंद्रीय व राज्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज (IIT को छोड़कर) में एडमिशन के लिए कंडक्ट करवाया जाता है।
  2. इसके लिए देश के मान्यता प्राप्त बोर्ड से पढ़ रहे स्टूडेंट को नॉन मेडिकल स्ट्रीम या फिर फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ सब्जेक्ट के साथ अपनी बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक (आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए 65 प्रतिशत) लाना अनिवार्य होता है।
  3. यदि कोई स्टूडेंट न्यूनतम प्रतिशत वाले क्राइटेरिया में फेल हो जाता है लेकिन यदि वह अपने बोर्ड के टॉप 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स में आता है तो भी वह JEE Main के एग्जाम में बैठ सकता है।
  4. अब वह स्टूडेंट हर वर्ष आयोजित होने वाली दोनों JEE Main में बैठ सकता है जो जनवरी और अप्रैल में होती है।
  5. अब यदि स्टूडेंट JEE Main को अच्छे स्कोर के साथ पास कर लेता है और टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आ जाता है तो वह JEE Advanced का एग्जाम दे सकता है।
  6. इसमें इस बात का ध्यान रखें कि यदि उस स्टूडेंट ने 2023 में JEE Main का एग्जाम दिया है और पहले 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आया है तो वह 2024 के JEE Advanced में नहीं बैठ सकता है।
  7. अब यदि स्टूडेंट ने साल में होने वाली दोनों JEE Main की परीक्षा दी है तो उसने जिस भी परीक्षा में अच्छा स्कोर किया है या बेस्ट स्कोर किया है तो वही मान्य होगा।
  8. इस तरह से JEE Main के सभी नियमों का पालन करते हुए और इस एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स ही JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं।
  9. JEE Advanced का एग्जाम एक ही दिन में दो शिफ्ट में होता है और इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या और अंक निर्धारित नहीं होते हैं।
  10. फिर कुछ ही दिनों में JEE Advanced का रिजल्ट आ जाता है और स्टूडेंट्स को उनके स्कोर के आधार पर IIT में एडमिशन मिलता है और बाकी स्टूडेंट्स अन्य कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

इस तरह से आपने जान लिया है कि यह JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम (JEE Main or JEE Advanced) कितना मुश्किल होता है और इसमें आपको अच्छा स्कोर करना कितना जरुरी है। इसलिए आपको टॉप लेवल के JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना होगा। इसमें कुछ एक नाम ही आते हैं जो मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा और आकाश दिल्ली है।

IIT और JEE में क्या अंतर है?

अब आप यह भी जान लें कि IIT और JEE में क्या अंतर (IIT and JEE Difference in Hindi) है। वैसे तो आपको अभी तक का आर्टिकल पढ़कर इसके बारे में समझ आ ही गया होगा। तो IIT का अर्थ तो केंद्रीय सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से होता है जबकि JEE का अर्थ देश की IIT सहित अन्य केंद्रीय सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए कंडक्ट करवाया जाने वाला एग्जाम होता है।

निष्कर्ष

इस तरह से आपने इस आर्टिकल को पढ़कर यह जान लिया है कि JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर होता (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है और दोनों में क्या संबंध है। आशा है कि अब आपके मन में JEE के इन दोनों एग्जाम को लेकर कोई शंका शेष नहीं रह गई होगी।

जिन स्टूडेंट्स को IIT में एडमिशन लेना होता है, उसे यह दोनों ही एग्जाम देने होते हैं तो जिन स्टूडेंट्स को IIT के अलावा अन्य टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में जाना होता है तो उसके लिए केवल JEE Main का एग्जाम देना ही सही रहता है।

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प्रश्न: जेईई मेंस और एडवांस में क्या फर्क है?

उत्तर: जेईई मेंस और एडवांस में इतना सा फर्क होता है कि JEE Main NIT, IIIT और अन्य सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए कंडक्ट करवाया जाता है तो वहीं JEE Advanced का एग्जाम IIT में एडमिशन करवाता है।

प्रश्न: 12 वीं के बाद jee एडवांस के लिए कितने प्रयास होते हैं?

उत्तर: 12 वीं के बाद jee एडवांस के लिए लगातार दो वर्षों तक दो प्रयास मिलते हैं।

प्रश्न: जेईई एडवांस का मतलब क्या होता है?

उत्तर: जेईई एडवांस का मतलब होता है देशभर के 23 IIT में एडमिशन करवाने के लिए लिया जाने वाला एग्जाम। इसके तहत स्टूडेंट्स को हर वर्ष IIT की इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन दिया जाता है।

प्रश्न: क्या हमें जेईई मेन और एडवांस दोनों देना है?

उत्तर: जो स्टूडेंट्स IIT से पढ़ना चाहते हैं उन्हें अवश्य ही यह दोनों एग्जाम देने होंगे। वहीं जो स्टूडेंट्स IIT के अलावा अन्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ना चाहते हैं वे बस जेईई मेन दे सकते हैं।

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IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत | IIT Ke Liye 12 Me Kitne Percentage Chahiye

बहुत से स्टूडेंट्स यह सोच-सोच कर परेशान रहते हैं कि IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत (IIT Ke Liye 12 Me Kitne Percentage Chahiye) कितने चाहिए होते हैं। दरअसल IIT में एडमिशन लेने के लिए क्राइटेरिया बहुत टफ होता है और उसका पालन किया जाना बहुत ही जरुरी होता है। अगर कोई भी स्टूडेंट किसी भी क्राइटेरिया में थोड़ा सा भी चूक जाता है तो उसका IIT में सिलेक्शन नहीं हो पाता है, फिर चाहे उसने JEE का एग्जाम क्लियर ही क्यों ना कर लिया हो।

इसलिए भारत के शिक्षा मंत्रालय व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो कि IIT JEE का पेपर लेती है, उसके द्वारा जो भी नियम बनाए जाते हैं, उसके बारे में आपको अवश्य ही जानकारी होनी चाहिए। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जो IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत के बारे में जानने को इच्छुक रहते हैं।

ऐसे में आज हम आपको IIT में एडमिशन लेने के लिए आपको बारहवीं में कुल कितने प्रतिशत अंक (IIT Ke Liye Kitne Percentage Chahiye) लाने होते हैं और यदि आपके उतने अंक नहीं आते हैं तो फिर क्या नियम हैं, इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं।

IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत | IIT Ke Liye 12 Me Kitne Percentage Chahiye

क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार के किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना हो तो वहाँ स्टूडेंट्स की जाति के आधार पर अलग-अलग स्टैण्डर्ड बनाए गए होते हैं। यह स्टैण्डर्ड एग्जाम फीस से लेकर उसमें सिलेक्शन से जुड़े होते हैं।

कहने का मतलब यह हुआ कि आपको चाहे JEE का एग्जाम देने के लिए फीस भरनी हो, उसमें आयु का क्राइटेरिया हो या 12 वीं में नंबर का या फिर टोटल एटेम्पट का या कोई और, हर किसी को जाति के आधार पर बांटा गया होता (JEE Main Ke Liye 12th Me Kitne Percentage Chahiye) है।

ऐसे में जो मापदंड जनरल कैटेगरी के लिए हैं, वह OBC, SC, ST के लिए भी हो, यह जरुरी नहीं है। ऐसे में IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत OBC के लिए अलग हो सकते (IIT Ke Liye Kitne Percentage Chahiye) हैं तो SC, ST के लिए अलग। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको स्टूडेंट्स को हरेक वर्ग या जाति के आधार पर IIT में एडमिशन लेने के लिए मिनिमम कितने नंबर चाहिए और उसके लिए क्या क्राइटेरिया होता है, उसके बारे में बताने वाले हैं।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत Open/ General

सबसे पहले बात करते हैं उन स्टूडेंट्स के बारे में जो जनरल कैटेगरी या यूँ कहें कि ओपन कैटेगरी में आते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो वे सभी स्टूडेंट्स जो OBC, SC, ST कैटेगरी में नहीं आते हैं और ना ही वे विकलांग हैं। साथ ही वे आर्थिक रूप से सक्षम भी हैं।

अब उन सभी स्टूडेंट्स को IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत के रूप में 75 प्रतिशत का स्कोर लेना जरुरी होता है। कहने का मतलब यह हुआ कि जिन जनरल स्टूडेंट्स के 12 वीं में 75 प्रतिशत से कम अंक आए हैं, वे JEE का एग्जाम नहीं दे सकते हैं।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत General EWS

अब बात करते हैं उन स्टूडेंट्स के बारे में जो हैं तो जनरल कैटेगरी में लेकिन वे आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं या निर्धन परिवार या कम आय की श्रेणी में आते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स को भी अपनी बारहवीं कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत का स्कोर करना जरुरी होता है अन्यथा वे भी IIT में प्रवेश नहीं ले सकते हैं।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत OBC

अब आती है बात OBC कैटेगरी के स्टूडेंट्स की। इसकी फुल फॉर्म होती है Other Backward Classes जो कई जातियों का समूह होता है। यह बहुत बड़ी कैटेगरी होती है और इन्हें ही सबसे ज्यादा रिजर्वेशन भी मिलता है जो कि 27 प्रतिशत के आसपास है।

हालाँकि भारत सरकार के द्वारा OBC कैटेगरी में आने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत का आंकड़ा 75 प्रतिशत ही रखा गया है। ऐसे में यदि आप OBC श्रेणी में आते हैं तो भी आपको 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अपनी बारहवीं कक्षा के बोर्ड में लाने होंगे।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत SC

अब यदि हम Schedule Caste की बात करें तो उन्हें भारत सरकार के द्वारा राहत दी गई है। इस श्रेणी में आने वाले सभी स्टूडेंट्स को बारहवीं क्लास में कम से कम 65 प्रतिशत अंक लाने होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो स्टूडेंट्स SC कैटेगरी में आते हैं, उन्हें IIT में एडमिशन लेने के लिए कम से कम 65 प्रतिशत अंक अपनी बारहवीं क्लास में लाने होंगे।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत ST

अब जो स्टूडेंट्स ST कैटेगरी में आते हैं, उन्हें भी SC कैटेगरी की तरह ही अपनी बारहवीं क्लास में न्यूनतम 65 प्रतिशत अंक स्कोर करने होते हैं तभी वे IIT में एडमिशन लेने के लिए एलिजिबल हो पाते हैं।

  • IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत PwD

अब वे सभी स्टूडेंट्स जो चाहे ऊपर दी गई किसी भी श्रेणी में आते हैं लेकिन यदि वे शारीरिक रूप से विकलांग हैं तो उन्हें भी भारत सरकार राहत प्रदान करती है। तो विकलांग की श्रेणी में आने वाले सभी तरह की जातियों के स्टूडेंट्स को 12 वीं क्लास में न्यूनतम 65 प्रतिशत अंक लाने होते हैं। यह सभी जाति के स्टूडेंट्स के लिए एक समान है फिर चाहे वह जनरल श्रेणी का हो या ST का।

न्यूनतम प्रतिशत के साथ बेस्ट कोचिंग का महत्व

अब आपने अपनी कैटेगरी के हिसाब से न्यूनतम प्रतिशत अंक प्राप्त कर लिए हैं या आपको विश्वास है कि इतने प्रतिशत तो आपके आ ही जाएंगे तो केवल इतना ही काफी नहीं होता है। वह इसलिए क्योंकि आप बारहवीं में न्यूनतम प्रतिशत अंक लेकर IIT के लिए होने वाले JEE के एग्जाम में बैठने के लिए तो एलिजिबल हो जाएंगे लेकिन तब क्या होगा जब आप एग्जाम ही ना क्लियर कर पाएं या इसमें टॉप स्टूडेंट्स में अपनी जगह ना बना पाएं।

इसलिए जितना ध्यान आपको अपनी बारहवीं क्लास के न्यूनतम प्रतिशत पर देने की जरुरत है, उतना ही ध्यान आपको JEE एग्जाम की तैयारी पर देने की भी है। इसके लिए आपको जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी से ही इस पर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए। यहाँ हम आपको JEE एग्जाम की तैयारी करने के लिए देश के कुछ चुनिंदा कोचिंग सेंटर्स के नाम देने जा रहे हैं जहाँ से आप अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हैं:

  1. मैट्रिक्स IIT अकैडमी, सीकर
  2. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  3. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  4. प्रिंस अकैडमी, सीकर
  5. कौटिल्य अकैडमी, सीकर

एक तरह से यह कुछ ऐसे इंस्टीट्यूट या JEE के कोचिंग सेंटर हैं जहाँ पढ़कर आप अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं। वह इसलिए क्योंकि टॉप और अच्छे कोचिंग सेंटर से आपको सही गाइडेंस मिलती है, एग्जाम को कैसे क्रैक किया जाता है, इसके सीक्रेट पता चलते हैं और समय पर आपके सभी डाउट सोल्व होते हैं।

मैट्रिक्स और एलन जैसे इंस्टीट्यूट इसमें बहुत अच्छा काम कर रहे हैं तो वहीं आकाश ने तो देशभर में अपनी ब्रांच खोल रखी है। मैट्रिक्स अकैडमी पिछले कुछ वर्षों से टॉप पर बनी हुई है क्योंकि वहाँ टोटल स्टूडेंट्स में से IIT में सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स का नंबर अन्य इंस्टीट्यूट की तुलना में बहुत बेहतर है।

IIT के लिए कौन-से बोर्ड हैं मान्य?

अब आप सोच रहे हैं कि आप जिस बोर्ड से हैं, क्या उस बोर्ड से भी आप IIT में बैठ सकते हैं या उसमें एडमिशन ले सकते हैं। तो यहाँ हम आपको एक चीज़ पहले ही क्लियर कर दें कि भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड से पढ़ने पर ही आपको JEE एग्जाम में बैठने दिया जाएगा या फिर यूँ कहें कि IIT में एडमिशन मिल पाएगा।

तो इसमें केंद्र सरकार के दोनों मुख्य बोर्ड जिन्हें हम सीबीएसई और ICSE के नाम से जानते हैं, वह आते हैं। इसके अलावा सभी राज्य के राज्य बोर्ड भी इसके अंतर्गत आते हैं। उदाहरण के तौर पर राजस्थान राज्य का राजस्थान बोर्ड, मिजोरम राज्य का मिजोरम बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य का छत्तीसगढ़ बोर्ड इत्यादि।

इस तरह से CBSE, ICSE और सभी राज्यों के स्टेट बोर्ड में पढ़ रहे सभी स्टूडेंट्स को IIT में प्रवेश पाने के लिए अपनी अपनी जाति के अनुसार न्यूनतम प्रतिशत का क्राइटेरिया पूरा करना होता है। इसके बाद जाकर वह IIT में एडमिशन ले सकता है।

शिक्षा मंत्रालय का एक नया नियम

अब यहाँ पर आप इस बात को ध्यान से पढ़ें क्योंकि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के द्वारा वर्ष 2023 में एक अधिसूचना जारी की गई थी और इसमें IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत (IIT Ke Liye 12 Me Kitne Percentage Chahiye) के नियम में थोड़ी ढील दी गई है। पहले वाले नियम के अनुसार सामान्य/ जनरल, OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को न्यूनतम 75 प्रतिशत तो वहीं SC, ST व विकलांग श्रेणी में आने वाले स्टूडेंट्स को न्यूनतम 65 प्रतिशत अंक बारहवीं कक्षा में लाने होते थे और तभी वे IIT के लिए एलिजिबल हो पाते थे।

हालाँकि बहुत वर्षों से यह प्रश्न उठाया जा रहा था कि कई स्टेट बोर्ड में मार्किंग बहुत ही हार्ड होती है, जैसे कि राजस्थान बोर्ड को ही ले लीजिए। ऐसे में कुछ स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स अपने बोर्ड में अच्छे परसेंटेज लाकर भी IIT के लिए न्यूनतम प्रतिशत का क्राइटेरिया पूरा नहीं कर पाते थे। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने पहले वाले नियम को तो रखा ही है लेकिन जो स्टूडेंट्स इस नियम में फेल हो जाते हैं, उन्हें कुछ राहत दी गई है।

नए नियम के अनुसार वे सभी स्टूडेंट्स भी IIT में एडमिशन लेने और JEE का एग्जाम देने के लिए सक्षम माने जाएंगे जो अपने-अपने बोर्ड में टॉप 20 परसेंट स्टूडेंट्स में आते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपने राजस्थान बोर्ड से बारहवीं का एग्जाम दिया है और आप जनरल श्रेणी के हैं लेकिन यदि आपके केवल 70 प्रतिशत आते हैं तो पहले वाले नियम के अनुसार आप IIT में नहीं बैठ पाएंगे।

लेकिन नए नियम के अनुसार यदि आप राजस्थान बोर्ड में चयनित होने वाले टोटल स्टूडेंट्स में से फर्स्ट 20 परसेंट में आते हैं तो फिर आप बारहवीं में 70 प्रतिशत होने के बावजूद भी IIT में बैठ सकते हैं और JEE का एग्जाम दे सकते हैं। यह नियम सभी जातियों के स्टूडेंट्स के लिए एक समान है।

IIT में एडमिशन कैसे मिलेगा?

अब हम आपको सीधे सीधे शब्दों में IIT में एडमिशन लेने की पूरी प्रक्रिया समझा देते हैं। इसके लिए आपको मुख्य तौर पर तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। इसमें पहला चरण बारहवीं में न्यूनतम प्रतिशत (IIT Ke Liye Kitne Percentage Chahiye) वाला है तो दूसरा और तीसरा चरण JEE के ही दो तरह के एग्जाम से जुड़ा हुआ है। चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • बारहवीं में न्यूनतम प्रतिशत या टॉप 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स

सबसे पहले तो आपको ऊपर बताए गए नियमों के अनुसार बारहवीं क्लास में न्यूनतम अंक लाने होंगे। IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत OBC, General, GEN-EWS स्टूडेंट्स के लिए 75 प्रतिशत तो वहीं SC, ST और विकलांग स्टूडेंट्स के लिए 65 प्रतिशत है।

वहीं जो स्टूडेंट्स अपने-अपने बोर्ड में पास होने वाले टॉप 20 परसेंट स्टूडेंट्स में आए तो वे भी IIT में बैठ सकते (JEE Main Ke Liye 12th Me Kitne Percentage Chahiye) हैं, फिर चाहे वे ऊपर वाले नियम में पास होते हो या फेल।

  • JEE Main में पहले 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आना

अब जिन स्टूडेंट्स ने ऊपर वाला नियम पास कर लिया है तो वे JEE Main एग्जाम में बैठने को एलिजिबल हो जाते हैं। यह एग्जाम वर्ष में दो बार (जनवरी और अप्रैल) आयोजित करवाया जाता है। इसमें लाखों स्टूडेंट्स बैठते हैं। ऐसे में यदि आप शुरूआती 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आते हैं तो आप आगे का एग्जाम देने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं।

  • JEE Advance की कट ऑफ क्लियर करना

अब जो स्टूडेंट्स JEE Main के शुरूआती 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आते हैं उनका मई-जून के महीने में JEE एडवांस का एग्जाम लिया जाता है। इसमें पास होने के लिए कट ऑफ को क्लियर करना जरुरी होता है जो हर वर्ष अलग-अलग हो सकती है।

इस कट ऑफ को क्लियर करने के बाद आपको अपनी पसंद के कॉलेज और स्ट्रीम के अनुसार आगे की तैयारी करनी होती है जो कि अलग प्रक्रिया है। इसी के बाद ही आपको IIT में प्रवेश मिल पाता है।

निष्कर्ष

इस तरह से आपने यह जान लिया है कि IIT के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत (IIT Ke Liye 12 Me Kitne Percentage Chahiye) कितने चाहिए होते हैं। आज के इस आर्टिकल में हमने आपको स्टूडेंट्स की कैटेगरी अर्थात जातियों के आधार पर यह बता दिया है कि किस स्टूडेंट को कितने प्रतिशत अंक चाहिए होते हैं ताकि वह IIT में एडमिशन पा सके।

साथ ही हमने आपको शिक्षा मंत्रालय के द्वारा स्टूडेंट्स को न्यूनतम प्रतिशत में दी गई राहत के बारे में भी बता दिया है जो वर्ष 2023 में दी गई थी। ऐसे में अब बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी बोर्ड मार्किंग बहुत टफ होती थी, उन्हें भी राहत मिलती है।

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प्रश्न: Jee में सिलेक्शन के लिए कितने मार्क्स चाहिए?

उत्तर: Jee में सिलेक्शन के लिए मार्क्स या यूँ कहें कि कट ऑफ हर वर्ष अलग-अलग निकलती है। ऐसे में आपको अधिक से अधिक स्कोर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

प्रश्न: आईआईटी का पेपर कितनी बार दे सकते हैं?

उत्तर: आईआईटी का पेपर अपनी बारहवीं कक्षा का एग्जाम देने वाले वर्ष और उसके अगले वर्ष तक ही दे सकते हैं। इस तरह से एक स्टूडेंट आईआईटी का पेपर अधिकतम 2 बार ही दे सकता है।

प्रश्न: आईआईटी का एग्जाम कौन सा स्टूडेंट दे सकता है?

उत्तर: आईआईटी का एग्जाम वह स्टूडेंट दे सकता है जिसने JEE Main का एग्जाम देने के सभी नियमों का पालन किया हो और उसका रिजल्ट टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में से हो।

प्रश्न: IIT में कितने चांस मिलते हैं?

उत्तर: IIT में हर स्टूडेंट को अधिकतम दो चांस मिलते हैं। यह चांस भी उसे बारहवीं कक्षा के एग्जाम वाले वर्ष और उसके अगले वर्ष तक ही मिलता है।

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12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स की पूरी लिस्ट | Engineering Courses List

Engineering Courses List: क्या आप 12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स के विकल्प देख रहे हैं? आज के समय में इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है जो लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। अब आप चाहे अपने परिवार की बात कर लें या फिर दोस्तों की, हर जगह आपको इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए स्टूडेंट्स या उसमें पढ़ाई पूरी करके नौकरी करते हुए जान पहचान के लोग मिल जाएंगे।

ऐसे में यदि आप भी आगे चलकर इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने को इच्छुक हैं तो उसके लिए आपको अभी से ही तैयारी करने की जरुरत है। हालाँकि हमारा आज का विषय इंजीनियरिंग करने या नहीं करने से नहीं जुड़ा हुआ है बल्कि इंजीनियरिंग में क्या कुछ किया जा सकता है, उससे जुड़ा हुआ है। वह इसलिए क्योंकि जब भी इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने की बात आती है तो ज्यादातर सभी को कुछ एक डिग्री के नाम ही पता होते हैं।

उदाहरण के तौर पर आपको कंप्यूटर साइंस, सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करने या बीटेक की डिग्री के बारे में पता होगा। लेकिन यदि हम आपको कहें कि मेडिकल की फील्ड में भी बीटेक की जाती है तो यह सुनकर आपको कैसा लगेगा!

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपके सामने लगभग सभी तरह की इंजीनियरिंग फील्ड और उनके बारे में बेसिक जानकारी (B Tech Branches List) रखने जा रहे हैं। आइए जाने बीटेक में कौन कौन सी ब्रांच होती है।

12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स | Engineering Courses List

अब ऊपर आपने इंजीनियरिंग की डिग्री से जुड़े जो भी नाम पढ़े, वह सबसे फेमस है। कहने का मतलब यह हुआ कि यह तीन से चार डिग्री इंजीनियरिंग या बीटेक में सबसे ज्यादा चुनी जाने वाली डिग्री होती है लेकिन इनके अलावा या इनके जैसी और भी डिग्री होती है जो स्टूडेंट्स की पसंद बनकर उभर रही (Engineering Courses List After 12th) है।

वहीं कुछ स्टूडेंट्स यह भी जानना चाहते हैं कि बीटेक में सबसे अच्छी ब्रांच कौन सी है या फिर इंजीनियरिंग में कौन सी ब्रांच अच्छी है!! तो आज हम आपको आपके इस प्रश्न का भी उत्तर देंगे। इसी के साथ ही आपको देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज अर्थात IIT में एडमिशन लेने के लिए किन टॉप इंस्टीट्यूट से पढ़ना चाहिए, इसके बारे में भी बताएँगे।

कुछ चुनिंदा इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली है। इसके बारे में हम आपको बाद में बताएँगे। इसलिए आर्टिकल को आखिर तक पढ़ना ना भूलें।

तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि बीटेक में कौन कौन सी ब्रांच होती है (B Tech Branches List) और उसमें क्या कुछ पढ़ाया जाता है या उससे आप भविष्य में क्या बन सकते हैं।

#1. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering)

आज के समय में जो इंजीनियरिंग ब्रांच सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है या जिसका सबसे ज्यादा बोलबाला है, वह यही कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग है। वह इसलिए क्योंकि हर जगह ऑनलाइन व डिजिटल प्लेटफार्म का दबदबा है। ऐसे में उसे हैंडल करने या उसे नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर साइंस इंजीनियर की ही जरुरत पड़ती है।

इस इंजीनियरिंग को करने वाले लोग सॉफ्टवेयर कंपनियों सहित अन्य उन सभी कंपनियों में काम करते हैं, जहाँ सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर इंजीनियर की जरुरत पड़ती है। अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के तहत किस तरह के कोर्स को करते हैं या किस चीज़ पर ज्यादा फोकस करते हैं।

वह इसलिए क्योंकि इंजीनियरिंग की इस फील्ड में अलग अलग लैंग्वेज सहित कई तरह के कोर्स होते हैं जो समय के साथ-साथ अपडेट भी होते हैं और बदलते भी रहते हैं। उदाहरण के तौर पर आज के समय में लोग इस फील्ड में AI या इससे संबंधित कोर्स को भी करने लगे हैं। इसमें आपको कोडिंग सिखाई जाती है और वही आगे चलकर आपका मुख्य काम होता है।

#2. इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Information Technology Engineering)

अब बात करते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में ही एक दूसरी मुख्य फील्ड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के बारे में। तो यह भी कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की तरह ही एक अन्य इंजीनियरिंग ब्रांच मानी जाती है। तो कुछ स्टूडेंट्स कंप्यूटर साइंस में पढ़ते हैं तो वहीं कुछ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में पढ़ते हैं।

इन दोनों में मूलभूत अंतर यही होता है कि जहाँ एक ओर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर दोनों की पढ़ाई करवाई जाती है तो वहीं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की इस फील्ड में आपको मुख्यतया सॉफ्टवेयर की ही पढ़ाई करवाई जाएगी। इस कोर्स को करके आप डाटा साइंटिस्ट, कंप्यूटर साइंस इंजीनियर, एनालिस्ट इत्यादि की नौकरी कर पाते हैं।

#3. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (Electronics and Communication Engineering)

यह वाली फील्ड भी कुछ हद्द तक ऊपर वाली दोनों फील्ड से मिलती जुलती ही है लेकिन इसका काम थोड़ा अलग होता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की पढ़ाई करवाई जाती है तो वहीं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी वाली इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर पर ध्यान रखा जाता है।

तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग वह होती है, जहाँ हार्डवेयर वाले पार्ट पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स वाले उपकरण किस तरह से काम करते हैं, उनमें क्या कुछ पार्ट्स होते हैं, वे आपस में किस तरह से कम्यूनिकेट करते हैं, इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है। इसे पढ़कर भी आपकी सॉफ्टवेयर कंपनियों सहित हार्डवेयर और टेलिकॉम कंपनियों में नौकरी लगती है।

#4. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)

जिस प्रकार कंप्यूटर साइंस और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिलती जुलती फील्ड मानी जाती है, ठीक उसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग भी मिलती जुलती इंजीनियरिंग फील्ड है। जहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में हार्डवेयर पर ज्यादा फोकस रखा जाता है और कुछ सॉफ्टवेयर वाला पार्ट भी पढ़ाया जाता है तो वहीं इलेक्ट्रिकल पूर्ण रूप से हार्डवेयर पर फोकस रखती है।

हालाँकि इस वाली इंजीनियरिंग फील्ड में आपको पॉवर अर्थात बिजली के बारे में ज्यादा पढ़ाया जाएगा। ऐसे में पॉवर को समझना और उसे हैंडल करने का काम ही इस इंजीनियरिंग फील्ड का मुख्य फोकस होता है।

#5. केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering)

यह पूरी तरह से एक अलग इंजीनियरिंग फील्ड हो जाती है। नॉन मेडिकल में जो केमिस्ट्री या रसायन विज्ञान पढ़ाया जाता है, बस उसी को ही एडवांस और उच्च स्तर पर इस इंजीनियरिंग फील्ड में पढ़ाया जाता है। तभी इसका नाम केमिकल इंजीनियरिंग रखा गया है अर्थात रसायन में इंजीनियरिंग।

इसमें आपको थर्मोडायनामिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स, केमिकल प्रोसेस डिज़ाइन इत्यादि सब्जेक्ट्स के बारे में पढ़ाया जाता है। वहीं यदि हम नौकरी की बात करें तो आपको फर्टिलाइजर इंडस्ट्री, पेट्रोकेमिकल कंपनियाँ, फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि में नौकरी मिल सकती है।

#6. सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)

अब हम जो भी कंस्ट्रक्शन का काम देखते हैं, फिर चाहे वह बड़े-बड़े भवन हो, सरकारी ऑफिस हो, पुल, ब्रिज, सड़क इत्यादि कुछ भी हो, वह सभी काम सिविल इंजीनियर ही करता है। एक तरह से जो भी निर्माण कार्य हो रहा है, वह सिविल इंजीनियरिंग के अंतर्गत ही पढ़ाया और सिखाया जाता है।

इसमें आपको मुख्य तौर पर फिजिक्स और उससे मिलते जुलते सब्जेक्ट्स के बारे में पढ़ाया जाएगा। वहीं यदि हम नौकरी लगने के बारे में बात करें तो इंजीनियरिंग की इस फील्ड में सरकारी नौकरियां भी अन्य इंजीनियरिंग फील्ड की तुलना में बहुत ज्यादा होती है। वहीं प्राइवेट काम भी इसमें बहुत अच्छा है।

#7. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)

ऊपर आपने जो इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बारे में पढ़ा तो वह तो बात थी इलेक्ट्रिकल उपकरण की सेटिंग करने की बात लेकिन यदि हम मशीन के डिजाईन की बात करें तो वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत आती है। कहने का मतलब आप ऐसे समझ सकते हैं कि बहुत हद्द तक इंजीनियरिंग की इन फ़ोनों फील्ड का काम एक दूसरे से जुड़ा हुआ भी होता है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग का काम किसी मशीन को डिजाईन करना, उसका प्रोटोटाइप बनाना, थर्मल एनर्जी में काम करना या मैन्युफैक्चरिंग में काम करना इत्यादि होता है। इस कारण ही इसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का नाम दिया गया है क्योंकि इसमें सब खेल मशीन से ही जुड़ा हुआ होता है।

#8. बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Biotechnology Engineering)

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि इंजीनियरिंग में सिर्फ कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि ब्रांच ही नहीं होती है। ऐसे में यदि आप 12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स (Engineering Courses List) देख रहे हैं तो उसमें एक ब्रांच मेडिकल फील्ड की भी है। मेडिकल फील्ड का नाम सुनते ही लोगों को लगता है कि इसमें सिर्फ डॉक्टर या फिर नर्स, फार्मा इत्यादि की पढ़ाई होती है तो आप गलत हैं।

बायोटेक्नोलॉजी या बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में आपको दवाइयों और उनके फार्मूला के बारे में पढ़ाया जाता है। अब आप या हम जब भी बीमार होते हैं तो डॉक्टर हमें दवाइयां लिख कर देता है। तो यह दवाइयां बनाने वाली कंपनियां भी तो अपने यहाँ रिसर्च करने और नई दवाइयां बनाने, अभी की दवाइयों की टेस्टिंग करने इत्यादि के लिए इंजीनियर रखती है। तो उसी की पढ़ाई इस ब्रांच में करवाई जाती है।

#9. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)

इस वाली फील्ड को हम प्रीमियम इंजीनियरिंग ब्रांच भी कह सकते हैं क्योंकि यह सभी तरह के कॉलेज में नहीं होती है। वह इसलिए क्योंकि इसकी पढ़ाई एकदम अलग और एडवांस होती है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह एयरोस्पेस से जुड़ी हुई इंजीनियरिंग फील्ड है जिसमें स्पेस क्राफ्ट्स, उनके पार्ट्स, इंजन, सिस्टम इत्यादि के बारे में बताया जाता है।

एक तरह से इस इंजीनियरिंग फील्ड में आपको स्पेस क्राफ्ट के डिजाईन और उसके विकास के बारे में बताया जाता है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पढ़कर आपको इसरो, नासा, डिफेंस जैसी फील्ड में नौकरी मिल सकती है।

#10. मरीन इंजीनियरिंग (Marine Engineering)

जहाजों और समुद्री उपकरणों के डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग के बारे में पढ़ने के लिए मरीन इंजीनियरिंग की जाती है। इसमें जहाजों के उपकरण और उसमें रहन-सहन इत्यादि के बारे में पढ़ाया जाता है। यह भी एक प्रीमियम इंजीनियरिंग फील्ड होती है जिसमें नौसेना में नौकरी मिलती है।

#11. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग (Automobile Engineering)

यह एक तरह से मैकेनिकल इंजीनियरिंग ही हो जाती है लेकिन इसमें मुख्यतया व्हीकल के निर्माण से संबंधित सिखाया और पढ़ाया जाता है। इसमें पढ़ाई करने के बाद आपको कार कंपनियों में नौकरी मिल सकती है।

#12. इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (Electrical and Electronics Engineering)

यह इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का मिला जुला रूप होता है। इसमें आपको दोनों तरह की इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाती है।

#13. रोबोटिक्स इंजीनियरिंग (Robotics Engineering)

पहले इस इंजीनियरिंग फील्ड का चलन कम था लेकिन आज के समय में और भविष्य को देखते हुए इस इंजीनियरिंग फील्ड में स्कोप बहुत बढ़ गया है। वह इसलिए क्योंकि आगे का जमाना रोबोट्स पर ही निर्धारित रहने वाला है और उसके लिए रोबोटिक्स इंजीनियरिंग करना बहुत जरुरी है।

#14. फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Food Technology Engineering)

आप जो भी खाना खाते हैं, उसकी क्वालिटी और उसकी शुद्धता मापने का काम फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियर का ही होता है। यहाँ हम सरकारी अधिकारी की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उन इंजीनियर की बात कर रहे हैं जिनकी सहायता से सरकारी अधिकारी इस क्षेत्र में काम करते हैं। तो खाने से जुड़ी हुई यह इंजीनियरिंग फील्ड भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

#15. अन्य इंजीनियरिंग कोर्स

ऊपर हमने आपको सभी मुख्य इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में बता दिया है। हालाँकि हमने आपको यह भी कहा था कि आज हम आपको छोटी से लेकर बड़ी इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में बताने वाले हैं। ऐसे में अब हम आपको अन्य इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में भी बता देते हैं।

  • नैनो टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Nanotechnology Engineering)
  • एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (Agricultural Engineering)
  • एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering)
  • माइनिंग इंजीनियरिंग (Mining Engineering)
  • पेट्रोलियम इंजीनियरिंग (Petroleum Engineering)
  • टेक्सटाइल इंजीनियरिंग (Textile Engineering)
  • मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग (Material Science and Engineering)
  • इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग (Industrial and Production Engineering)
  • सेरेमिक इंजीनियरिंग (Ceramic Engineering)
  • बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (Biomedical Engineering)
  • ऑप्टिकल इंजीनियरिंग (Optical Engineering)
  • मैटेरियल्स इंजीनियरिंग (Materials Engineering)
  • टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (Telecommunication Engineering)
  • इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग (Instrumentation Engineering)
  • पावर इंजीनियरिंग (Power Engineering)
  • साउंड इंजीनियरिंग (Sound Engineering)
  • गेमिंग इंजीनियरिंग (Gaming Engineering)
  • ओशन इंजीनियरिंग (Ocean Engineering)
  • रेलवे इंजीनियरिंग (Railway Engineering)
  • कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग (Construction Engineering)
  • फायर प्रोटेक्शन इंजीनियरिंग (Fire Protection Engineering)
  • फिजिक्स इंजीनियरिंग (Engineering Physics)
  • कंट्रोल सिस्टम इंजीनियरिंग (Control Systems Engineering)
  • डाटा इंजीनियरिंग (Data Engineering)

आशा है कि अब आपको यह समझ में आ गया होगा कि बीटेक में कौन कौन सी ब्रांच होती (Engineering Courses List After 12th) है। अब हम आपको यह भी बताने वाले हैं कि इंजीनियरिंग में कौन सी ब्रांच अच्छी है। तो आइए उसके बारे में भी जान लेते हैं।

बीटेक में सबसे अच्छी ब्रांच कौन सी है?

अब यदि आप इंजीनियरिंग की सबसे अच्छी या टॉप मोस्ट ब्रांच की बात करें तो वह आज के समय में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग मानी जाती है। वह इसलिए क्योंकि आज के समय में सब काम ऑनलाइन होने लगा है। अब जब सब काम ऑनलाइन हो रहा है तो अवश्य ही उसे हैंडल करने या उसे बनाने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर चाहिए होते हैं।

अब वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करके ही हो पाता है। साथ ही कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के अंदर ही आपके पास कई तरह के विकल्प होते हैं। यहाँ हम आपको यह समझाना चाह रहे हैं कि आपको इसी इंजीनियरिंग फील्ड के अंतर्गत ही कई अन्य इंजीनियरिंग फील्ड या ऑप्शन मिलेंगे। जैसे कि:

  • डेटा साइंस (Data Science)
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI & Machine Learning)
  • साइबर सिक्योरिटी (Cybersecurity)
  • क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing)
  • सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (Software Development)
  • वेब डेवलपमेंट (Web Development)
  • नेटवर्किंग (Networking)

अब इसमें और भी कई फील्ड होती है जिसके बारे में हम आपको किसी अन्य आर्टिकल में विस्तार से बताएँगे। ऐसे में अगर आज के समय में बीटेक में सबसे अच्छी ब्रांच की बात हो तो वह कंप्यूटर साइंस इंजीनियर है। उसके बाद इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल व मैकेनिकल ब्रांच का नंबर आता है।

इंजीनियरिंग करने के लिए टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट

अब हम आपको यह भी बता दें कि यदि आपको इंजीनियरिंग या बीटेक करनी है तो उसके लिए भारत में सबसे बेस्ट कॉलेज IIT होते हैं और उसके बाद NIT का नंबर आता है। इसलिए यदि आपको इन कॉलेज में एडमिशन लेना है और वो भी अपनी मनपसंद की इंजीनियरिंग ब्रांच में तो उसके लिए आपको JEE का एग्जाम अच्छे स्कोर के साथ पास करना होता है।

इसके लिए आपको टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना होता है। ऐसे में भारत के कुछ टॉप इंजीनियरिंग कोचिंग सेंटर के नाम इस प्रकार हैं:

  1. मैट्रिक्स IIT अकैडमी, सीकर
  2. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  3. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  4. प्रिंस अकैडमी, सीकर
  5. कौटिल्य अकैडमी, सीकर

तो आप इनमें से किसी भी इंस्टीट्यूट से JEE की तैयारी कर सकते हैं। इनमें से मैट्रिक्स अकैडमी नंबर एक पर आती है क्योंकि वहाँ के स्टूडेंट्स का रिजल्ट पिछले कुछ वर्षों में टॉप लेवल का रहा है। वहाँ की सबसे मुख्य बात यह है कि वहाँ स्टूडेंट टीचर रेश्यो और स्टूडेंट्स के डाउट का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है। इसी कारण वहाँ का रिजल्ट भी टॉप लेवल का आ रहा है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने 12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स (Engineering Courses List) के सभी ऑप्शन के बारे में विस्तार से जानकारी ले ली है। इसी के साथ ही आपने उन सभी इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में थोड़ा बहुत जान भी लिया है। इतना ही नहीं, हमने आपको टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए कहाँ से तैयारी करनी चाहिए, इसके बारे में भी बता दिया है।

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प्रश्न: Engineering कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: Engineering कई प्रकार की होती है जिसमें से मुख्य इंजीनियरिंग ब्रांच कंप्यूटर साइंस, सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल इत्यादि है।

प्रश्न: इंजीनियर की सबसे बड़ी डिग्री कौन सी है?

उत्तर: इंजीनियर की सभी डिग्री अपने आप में बड़ी और मुख्य होती है। फिर भी कुछ प्रीमियम इंजीनियरिंग की डिग्री की बात की जाए तो उसमें एयरोस्पेस, मरीन इंजीनियरिंग की डिग्री आती है।

प्रश्न: भविष्य में कौन सी इंजीनियरिंग की मांग है?

उत्तर: भविष्य में AI, डाटा साइंस से संबंधित कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की मांग सबसे ज्यादा रहने वाली है।

प्रश्न: सरकारी नौकरी के लिए कौन सा इंजीनियर सबसे अच्छा है?

उत्तर: सरकारी नौकरी में सबसे ज्यादा सिविल इंजीनियर को लिया जाता है। इसके बाद इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल व कंप्यूटर साइंस इंजीनियर को लिया जाता है।

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देश की टॉप 10 IIT के नाम | Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise

Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise: भारत देश में जो भी स्टूडेंट इंजीनियरिंग या इससे संबंधित कोर्स को करना चाहता है तो उसका सपना होता है कि वह देश के टॉप से टॉप कॉलेज में पढ़े। अब कहने को तो देश के हर शहर और राज्य में सैकड़ों इंजीनियरिंग कॉलेज है जिसमें से कुछ प्राइवेट है तो कुछ सरकारी। हालाँकि हर स्टूडेंट का सपना होता है कि उसे इनमें से टॉप लेवल के कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने का मौका मिले।

तो यह बात तो सभी को ही पता होगी कि यदि हम देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज की बात करें तो उसमें सबसे पहला नाम IIT का ही आता है। IIT की फुल फॉर्म इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) होती है जिसे हिंदी में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान के नाम से जाना जाता है। अब यह तो आप सभी जानते हैं कि IIT को इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज माना जाता है लेकिन अब IIT भी तो एक नहीं बल्कि कई है।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि हमारे देश में IIT की कोई एक ब्रांच नहीं है बल्कि यह अलग-अलग राज्यों में कई ब्रांच के रूप में स्थित है। अब यह प्रश्न उठता है कि इनमें से कौन सा IIT टॉप पर आता है तो कौन सा उसके बाद। इसके लिए हम आपको देश की शीर्ष रैंकिंग संस्थान NIRF की मदद से देश की टॉप 10 IIT के नाम और उनकी जानकारी (Top 10 IIT Colleges in India 2024) देंगे।

देश की टॉप 10 IIT के नाम | Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि हमारे देश में कुल कितनी IIT खुली हुई है। तो यह IIT सरकारी कॉलेज होते हैं जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करते हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 1950 को ही हो गई थी और तब से देशभर में समय-समय पर कई IIT खोली जा चुकी है।

यदि हम आज के समय की बात करें तो देश में कुल 23 IIT खोली जा चुकी है जहाँ हजारों स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग और अन्य संबंधित कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं भारत सरकार ने वर्ष 2023 में विदेश में भी 2 IIT खोलने का प्रस्ताव रखा है जिसमें से एक अबू धाबी है तो एक तंज़ानिया।

ऐसे में आप सबसे पहले इन सभी IIT के नाम, उनके स्थापना वर्ष, किस राज्य में स्थित है, उनकी वेबसाइट का लिंक, स्टूडेंट्स और फैकल्टी का काउंट इत्यादि जान लीजिए। नीचे हम हर IIT के स्थापना वर्ष के क्रम के अनुसार उनके नाम व अन्य जानकारी (Best IIT Colleges in India) दे रहे हैं।

नंबर

IIT का नाम स्थापना वर्ष राज्य वेबसाइट लिंक फैकल्टी काउंट

स्टूडेंट काउंट

1 IIT खड़गपुर 1951 पश्चिम बंगाल www.iitkgp.ac.in 928 15,862
2 IIT बॉम्बे 1958 महाराष्ट्र www.iitb.ac.in 759 12,976
3 IIT मद्रास 1959 तमिलनाडु www.iitm.ac.in 674 10,238
4 IIT कानपुर 1959 उत्तर प्रदेश www.iitk.ac.in 655 8,346
5 IIT दिल्ली 1961 दिल्ली home.iitd.ac.in 687 12,543
6 IIT गुवाहाटी 1994 असम www.iitg.ac.in 539 7,849
7 IIT रुड़की 1847 उत्तराखंड www.iitr.ac.in 585 9,735
8 IIT रोपड़ 2008 पंजाब www.iitrpr.ac.in 179 2,768
9 IIT भुवनेश्वर 2008 ओडिशा www.iitbbs.ac.in 178 2,597
10 IIT गांधीनगर 2008 गुजरात www.iitgn.ac.in 143 2,010
11 IIT हैदराबाद 2008 तेलंगाना www.iith.ac.in 306 3,946
12 IIT जोधपुर 2008 राजस्थान www.iitj.ac.in 238 3,308
13 IIT पटना 2008 बिहार www.iitp.ac.in 166 2,883
14 IIT इंदौर 2009 मध्य प्रदेश www.iiti.ac.in 204 2,323
15 IIT मंडी 2009 हिमाचल प्रदेश www.iitmandi.ac.in 197 2,343
16 IIT (BHU) वाराणसी 1919 उत्तर प्रदेश www.iitbhu.ac.in 381 7,980
17 IIT पलक्कड़ 2015 केरल iitpkd.ac.in 127 972
18 IIT तिरुपति 2015 आंध्र प्रदेश www.iittp.ac.in 119 1,168
19 IIT (ISM) धनबाद 1926 झारखंड www.iitism.ac.in 414 6,660
20 IIT भिलई 2016 छत्तीसगढ़ www.iitbhilai.ac.in 71 806
21 IIT धारवाड़ 2016 कर्नाटक www.iitdh.ac.in 86 866
22 IIT जम्मू 2016 जम्मू और कश्मीर www.iitjammu.ac.in 116 1,178
23 IIT गोवा 2016 गोवा iitgoa.ac.in
24 IIT मद्रास – ज़ांज़ीबार 2023 ज़ांज़ीबार, तंज़ानिया www.iitmz.ac.in 50
25 IIT दिल्ली – अबू धाबी 2023 अबू धाबी, यूएई abudhabi.iitd.ac.in 52

इस तरह से आपने देश और विदेश में स्थित सभी IIT के नाम और उनके बारे में मूलभूत जानकारी ले ली है। अब हम आपके सामने देश की टॉप 10 IIT के नाम (Best IIT Colleges in India) और उनके बारे में कुछ अन्य जानकारी रखने जा रहे हैं। यह रैंकिंग देश की NIRF संस्था जारी करती है। आइए जाने इसके बारे में।

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2024 | Top 10 IIT Colleges in India 2024

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि देशभर की सभी IIT और उनकी रैंकिंग NIRF के द्वारा निकाली जाती है और यह कार्य हर वर्ष किया जाता है। इतना ही नहीं, NIRF के द्वारा देश में स्थित सभी अन्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी की भी रैंकिंग निकाली जाती है।

NIRF की फुल फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ़्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) होती है। ऐसे में आज हम NIRF के द्वारा वर्ष 2024 के लिए सेलेक्ट किए गए टॉप 10 IIT के नाम और उनके स्कोर आपके सामने रखने जा रहे हैं।

रैंक

संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 89.46
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 86.66
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 83.09
4 IIT कानपुर 82.79
5 IIT खड़गपुर 76.88
6 IIT रुड़की 76
7 IIT गुवाहाटी 71.86
8 IIT हैदराबाद 71.55
9 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 66.69
10 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद 64.83

इस तरह से इस लिस्ट में IIT मद्रास टॉप पर है और उसके बाद क्रमशः दिल्ली, बॉम्बे, कानपूर, खड्गपुर इत्यादि IIT के नाम आते हैं। अब NIRF के द्वारा तो हर वर्ष टॉप 10 IIT की लिस्ट जारी की जाती है। इस लिस्ट में कभी कोई IIT ऊपर आ जाती है तो कभी कोई नीचे चली जाती है।

हालाँकि अधिकतर यही 10 IIT ही इस लिस्ट में बनी रहती है और एक दो पायदान ऊपर या नाचे खिसकती रहती है। ऐसे में अब हम आपके सामने पिछले 3 वर्षों की रैंकिंग भी रख देते हैं ताकि आपको बेहतर आईडिया मिल सके।

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2023 | Top 10 IIT colleges in India 2023

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 89.79
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 87.09
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 80.74
4 IIT कानपुर 80.65
5 IIT रुड़की 75.64
6 IIT खड़गपुर 73.76
7 IIT गुवाहाटी 70.32
8 IIT हैदराबाद 70.28
9 IIT इंदौर 63.93
10 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 63.74

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2022 | Top 10 IIT colleges in India 2022

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 90.04
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 88.12
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 83.96
4 IIT कानपुर 82.56
5 IIT खड़गपुर 78.89
6 IIT रुड़की 76.7
7 IIT गुवाहाटी 72.98
8 IIT हैदराबाद 68.03
9 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 63.51
10 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद 63.5

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2021 | Top 10 IIT colleges in India 2021

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 90.19
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 88.96
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 85.16
4 IIT कानपुर 83.22
5 IIT खड़गपुर 82.03
6 IIT रुड़की 78.08
7 IIT गुवाहाटी 73.84
8 IIT हैदराबाद 68.69
9 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद 64.07
10 IIT इंदौर 62.56

इस तरह से आज आपने लगभग 4 वर्षों (2021 से लेकर 2024) तक की टॉप 10 IIT कॉलेज की लिस्ट उनके स्कोर सहित देख ली है। इसमें आपने देखा होगा कि जहाँ एक ओर टॉप 2 से लेकर टॉप 10 की रैंकिंग में अधिकतर IIT वही बने हुए हैं लेकिन उनकी रैंकिंग ऊपर नीचे होती जा रही है तो शीर्ष पर IIT मद्रास ही टिकी हुई है।

इतना ही नहीं, IIT मद्रास पिछले कुछ वर्षों से ही नहीं बल्कि एक दशक से भी लंबे समय से टॉप 10 IIT में नंबर एक IIT बनी हुई है। ऐसे में आज हम आपको IIT मद्रास सहित कुछ एक टॉप IIT के बारे में मूलभूत जानकारी भी दे देते हैं।

IIT मद्रास – देश का टॉप IIT कॉलेज | Top 1 IIT Colleges in India

IIT मद्रास की स्थापना आज से लगभग 65 वर्ष पहले सन 1959 में हुई थी। इसका आदर्श वाक्य संस्कृत में “सिद्धिर्भवति कर्मजा” तो वहीं अंग्रेजी में “Success is born out of action” है। इसके लिए लगभग एक हज़ार करोड़ का बजट हर वर्ष भारत सरकार के द्वारा दिया जाता है।

वर्तमान में IIT मद्रास के चेयरमैन पवन कुमार गोयनका है तो वहीं डायरेक्टर वि कामकोटी है। अकेडमिक स्टाफ लगभग 674 टीचर्स का है तो वहीं स्टूडेंट्स की संख्या 10 हज़ार के आसपास है। यह भारत के दक्षिण में स्थित राज्य तमिलनाडु के चेन्नई प्रान्त में स्थित है।

इस संस्थान का कैंपस 620 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ पर बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल दोनों की ही सुविधा है। यहाँ पर लगभग सभी तरह के इंजीनियरिंग कोर्स और अन्य संबंधित डिग्री की पढ़ाई करवाई जाती है। इनमें से कुछ मुख्य कोर्स के नाम इस प्रकार है:

  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
  • एप्लाइड मैकेनिक्स और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
  • बायोटेक्नोलॉजी
  • केमिकल इंजीनियरिंग
  • केमिस्ट्री
  • सिविल इंजीनियरिंग
  • कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग
  • डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • इंजीनियरिंग डिज़ाइन
  • मानविकी और सामाजिक विज्ञान
  • मैनेजमेंट स्टडीज
  • गणित (MA)
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी
  • मेटलर्जिकल और मटेरियल्स इंजीनियरिंग
  • ओसियन इंजीनियरिंग
  • फिजिक्स

इसमें यदि आपको एडमिशन लेना है तो उसके लिए JEE का एग्जाम देना होता है। यह JEE का एग्जाम भी दो पार्ट में होता है जिसे JEE Main और JEE Advance के नाम से जाना जाता है। इसमें टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को ही IIT मद्रास (Top 1 IIT Colleges in India) या उसके नीचे वाली IIT में एडमिशन मिल पाता है। वह भी उनकी पसंदीदा फील्ड या कोर्स में।

टॉप IIT में एडमिशन कैसे लें?

अब यदि आप अपना सिलेक्शन इन टॉप IIT में करवाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हर वर्ष आयोजित होने वाले JEE एग्जाम की तैयारी करनी होती है। अब हर वर्ष लाखों स्टूडेंट्स के द्वारा JEE का एग्जाम दिया जाता है लेकिन उनमें से कुछ हज़ार का ही इसमें सिलेक्शन हो पाता है।

इन कुछ हज़ार में से भी टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स ही इन टॉप IIT में जा पाते हैं। ऐसे में आपको JEE की तैयारी किसी टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही करनी होगी तभी आगे चलकर आप टॉप लेवल का स्कोर कर पाएंगे।

अब यदि हम आपको भारत देश के टॉप JEE कोचिंग संस्थान के बारे में बताएं तो उसमें से कुछ नाम प्रमुख तौर पर सामने आते हैं। उनके नाम है:

  1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी, सीकर
  2. एलन इंस्टिट्यूट, कोटा
  3. आकाश इंस्टिट्यूट, दिल्ली
  4. प्रिंस अकैडमी, सीकर
  5. रेजोनेंस अकैडमी, दिल्ली

तो यह हैं देशभर की टॉप JEE अकैडमी जहाँ पढ़कर आपको हाई लेवल की एजुकेशन और ट्रेनिंग मिलेगी। इसमें भी मैट्रिक्स अकैडमी आज से ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से टॉप पर बनी हुई है। वजह है यहाँ JEE की करवाई जाने वाली ट्रेनिंग और यहाँ से लगातार टॉप IIT में सेलेक्ट होते स्टूडेंट्स का रेश्यो।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने देश भर के टॉप 10 IIT के नाम (Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise) और उनके बारे में मूलभूत जानकारी ले ली है। इसी के साथ ही आपने यह भी जान लिया है कि यदि आपको इन टॉप लेवल के IIT में अपना सिलेक्शन करवाना है तो उसके लिए आपको JEE की तैयारी कहाँ से करनी होगी।

इस बात का मुख्य तौर पर ध्यान रखें कि सभी IIT अपने आप में बढ़िया है लेकिन जो स्टूडेंट्स टॉप लेवल के IIT से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर निकलते हैं, उन्हें उतनी ही अच्छी जॉब और हाई पैकेज मिलते हैं। अब इसके लिए टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से JEE की कोचिंग ली जानी भी उतनी ही जरुरी हो जाती है।

Related FAQs

प्रश्न: भारत में कौन सा नंबर 1 IIT है?

उत्तर: भारत में नंबर 1 IIT के तौर पर आईआईटी मद्रास का नाम लिया जाता है जो तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यह पिछले एक दशक से नंबर 1 IIT बना हुआ है।

प्रश्न: आईआईटी में कौन सा कॉलेज फर्स्ट रैंक है?

उत्तर: आईआईटी में मद्रास वाला कॉलेज फर्स्ट रैंक पर है, वह भी आज से नहीं बल्कि पिछले एक दशक से। NIRF के द्वारा इसे कई वर्षों से फर्स्ट रैंक दिया जा रहा है।

प्रश्न: आईआईटी मद्रास नंबर 1 क्यों है?

उत्तर: आईआईटी मद्रास के नंबर 1 होने के एक नहीं कई कारण है। इसमें वहाँ का अनुशासन, आसपास का वातावरण, सीनियर्स का सहयोग, टीचर्स का एक्सपीरियंस, कई तरह की फैसिलिटी व वहाँ होने वाला शोध इत्यादि शामिल है।

प्रश्न: क्या आईआईटी दिल्ली आईआईटी मद्रास से बेहतर है?

उत्तर: NIRF के द्वारा हर वर्ष सभी आईआईटी को रैंकिंग दी जाती है। इस वर्ष अर्थात वर्ष 2024 में आईआईटी मद्रास की रैंकिंग एक है तो वहीं आईआईटी दिल्ली की रैंकिंग पांच है।

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