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देश की टॉप 10 IIT के नाम | Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise

Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise: भारत देश में जो भी स्टूडेंट इंजीनियरिंग या इससे संबंधित कोर्स को करना चाहता है तो उसका सपना होता है कि वह देश के टॉप से टॉप कॉलेज में पढ़े। अब कहने को तो देश के हर शहर और राज्य में सैकड़ों इंजीनियरिंग कॉलेज है जिसमें से कुछ प्राइवेट है तो कुछ सरकारी। हालाँकि हर स्टूडेंट का सपना होता है कि उसे इनमें से टॉप लेवल के कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने का मौका मिले।

तो यह बात तो सभी को ही पता होगी कि यदि हम देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज की बात करें तो उसमें सबसे पहला नाम IIT का ही आता है। IIT की फुल फॉर्म इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) होती है जिसे हिंदी में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान के नाम से जाना जाता है। अब यह तो आप सभी जानते हैं कि IIT को इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज माना जाता है लेकिन अब IIT भी तो एक नहीं बल्कि कई है।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि हमारे देश में IIT की कोई एक ब्रांच नहीं है बल्कि यह अलग-अलग राज्यों में कई ब्रांच के रूप में स्थित है। अब यह प्रश्न उठता है कि इनमें से कौन सा IIT टॉप पर आता है तो कौन सा उसके बाद। इसके लिए हम आपको देश की शीर्ष रैंकिंग संस्थान NIRF की मदद से देश की टॉप 10 IIT के नाम और उनकी जानकारी (Top 10 IIT Colleges in India 2024) देंगे।

देश की टॉप 10 IIT के नाम | Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि हमारे देश में कुल कितनी IIT खुली हुई है। तो यह IIT सरकारी कॉलेज होते हैं जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करते हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 1950 को ही हो गई थी और तब से देशभर में समय-समय पर कई IIT खोली जा चुकी है।

यदि हम आज के समय की बात करें तो देश में कुल 23 IIT खोली जा चुकी है जहाँ हजारों स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग और अन्य संबंधित कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं भारत सरकार ने वर्ष 2023 में विदेश में भी 2 IIT खोलने का प्रस्ताव रखा है जिसमें से एक अबू धाबी है तो एक तंज़ानिया।

ऐसे में आप सबसे पहले इन सभी IIT के नाम, उनके स्थापना वर्ष, किस राज्य में स्थित है, उनकी वेबसाइट का लिंक, स्टूडेंट्स और फैकल्टी का काउंट इत्यादि जान लीजिए। नीचे हम हर IIT के स्थापना वर्ष के क्रम के अनुसार उनके नाम व अन्य जानकारी (Best IIT Colleges in India) दे रहे हैं।

नंबर

IIT का नाम स्थापना वर्ष राज्य वेबसाइट लिंक फैकल्टी काउंट

स्टूडेंट काउंट

1 IIT खड़गपुर 1951 पश्चिम बंगाल www.iitkgp.ac.in 928 15,862
2 IIT बॉम्बे 1958 महाराष्ट्र www.iitb.ac.in 759 12,976
3 IIT मद्रास 1959 तमिलनाडु www.iitm.ac.in 674 10,238
4 IIT कानपुर 1959 उत्तर प्रदेश www.iitk.ac.in 655 8,346
5 IIT दिल्ली 1961 दिल्ली home.iitd.ac.in 687 12,543
6 IIT गुवाहाटी 1994 असम www.iitg.ac.in 539 7,849
7 IIT रुड़की 1847 उत्तराखंड www.iitr.ac.in 585 9,735
8 IIT रोपड़ 2008 पंजाब www.iitrpr.ac.in 179 2,768
9 IIT भुवनेश्वर 2008 ओडिशा www.iitbbs.ac.in 178 2,597
10 IIT गांधीनगर 2008 गुजरात www.iitgn.ac.in 143 2,010
11 IIT हैदराबाद 2008 तेलंगाना www.iith.ac.in 306 3,946
12 IIT जोधपुर 2008 राजस्थान www.iitj.ac.in 238 3,308
13 IIT पटना 2008 बिहार www.iitp.ac.in 166 2,883
14 IIT इंदौर 2009 मध्य प्रदेश www.iiti.ac.in 204 2,323
15 IIT मंडी 2009 हिमाचल प्रदेश www.iitmandi.ac.in 197 2,343
16 IIT (BHU) वाराणसी 1919 उत्तर प्रदेश www.iitbhu.ac.in 381 7,980
17 IIT पलक्कड़ 2015 केरल iitpkd.ac.in 127 972
18 IIT तिरुपति 2015 आंध्र प्रदेश www.iittp.ac.in 119 1,168
19 IIT (ISM) धनबाद 1926 झारखंड www.iitism.ac.in 414 6,660
20 IIT भिलई 2016 छत्तीसगढ़ www.iitbhilai.ac.in 71 806
21 IIT धारवाड़ 2016 कर्नाटक www.iitdh.ac.in 86 866
22 IIT जम्मू 2016 जम्मू और कश्मीर www.iitjammu.ac.in 116 1,178
23 IIT गोवा 2016 गोवा iitgoa.ac.in
24 IIT मद्रास – ज़ांज़ीबार 2023 ज़ांज़ीबार, तंज़ानिया www.iitmz.ac.in 50
25 IIT दिल्ली – अबू धाबी 2023 अबू धाबी, यूएई abudhabi.iitd.ac.in 52

इस तरह से आपने देश और विदेश में स्थित सभी IIT के नाम और उनके बारे में मूलभूत जानकारी ले ली है। अब हम आपके सामने देश की टॉप 10 IIT के नाम (Best IIT Colleges in India) और उनके बारे में कुछ अन्य जानकारी रखने जा रहे हैं। यह रैंकिंग देश की NIRF संस्था जारी करती है। आइए जाने इसके बारे में।

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2024 | Top 10 IIT Colleges in India 2024

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि देशभर की सभी IIT और उनकी रैंकिंग NIRF के द्वारा निकाली जाती है और यह कार्य हर वर्ष किया जाता है। इतना ही नहीं, NIRF के द्वारा देश में स्थित सभी अन्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी की भी रैंकिंग निकाली जाती है।

NIRF की फुल फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ़्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) होती है। ऐसे में आज हम NIRF के द्वारा वर्ष 2024 के लिए सेलेक्ट किए गए टॉप 10 IIT के नाम और उनके स्कोर आपके सामने रखने जा रहे हैं।

रैंक

संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 89.46
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 86.66
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 83.09
4 IIT कानपुर 82.79
5 IIT खड़गपुर 76.88
6 IIT रुड़की 76
7 IIT गुवाहाटी 71.86
8 IIT हैदराबाद 71.55
9 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 66.69
10 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद 64.83

इस तरह से इस लिस्ट में IIT मद्रास टॉप पर है और उसके बाद क्रमशः दिल्ली, बॉम्बे, कानपूर, खड्गपुर इत्यादि IIT के नाम आते हैं। अब NIRF के द्वारा तो हर वर्ष टॉप 10 IIT की लिस्ट जारी की जाती है। इस लिस्ट में कभी कोई IIT ऊपर आ जाती है तो कभी कोई नीचे चली जाती है।

हालाँकि अधिकतर यही 10 IIT ही इस लिस्ट में बनी रहती है और एक दो पायदान ऊपर या नाचे खिसकती रहती है। ऐसे में अब हम आपके सामने पिछले 3 वर्षों की रैंकिंग भी रख देते हैं ताकि आपको बेहतर आईडिया मिल सके।

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2023 | Top 10 IIT colleges in India 2023

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 89.79
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 87.09
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 80.74
4 IIT कानपुर 80.65
5 IIT रुड़की 75.64
6 IIT खड़गपुर 73.76
7 IIT गुवाहाटी 70.32
8 IIT हैदराबाद 70.28
9 IIT इंदौर 63.93
10 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 63.74

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2022 | Top 10 IIT colleges in India 2022

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 90.04
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 88.12
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 83.96
4 IIT कानपुर 82.56
5 IIT खड़गपुर 78.89
6 IIT रुड़की 76.7
7 IIT गुवाहाटी 72.98
8 IIT हैदराबाद 68.03
9 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 63.51
10 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद 63.5

टॉप 10 आईआईटी कॉलेज 2021 | Top 10 IIT colleges in India 2021

रैंक संस्थान का नाम

स्कोर

1 IIT मद्रास, चेन्नई 90.19
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 88.96
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 85.16
4 IIT कानपुर 83.22
5 IIT खड़गपुर 82.03
6 IIT रुड़की 78.08
7 IIT गुवाहाटी 73.84
8 IIT हैदराबाद 68.69
9 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद 64.07
10 IIT इंदौर 62.56

इस तरह से आज आपने लगभग 4 वर्षों (2021 से लेकर 2024) तक की टॉप 10 IIT कॉलेज की लिस्ट उनके स्कोर सहित देख ली है। इसमें आपने देखा होगा कि जहाँ एक ओर टॉप 2 से लेकर टॉप 10 की रैंकिंग में अधिकतर IIT वही बने हुए हैं लेकिन उनकी रैंकिंग ऊपर नीचे होती जा रही है तो शीर्ष पर IIT मद्रास ही टिकी हुई है।

इतना ही नहीं, IIT मद्रास पिछले कुछ वर्षों से ही नहीं बल्कि एक दशक से भी लंबे समय से टॉप 10 IIT में नंबर एक IIT बनी हुई है। ऐसे में आज हम आपको IIT मद्रास सहित कुछ एक टॉप IIT के बारे में मूलभूत जानकारी भी दे देते हैं।

IIT मद्रास – देश का टॉप IIT कॉलेज | Top 1 IIT Colleges in India

IIT मद्रास की स्थापना आज से लगभग 65 वर्ष पहले सन 1959 में हुई थी। इसका आदर्श वाक्य संस्कृत में “सिद्धिर्भवति कर्मजा” तो वहीं अंग्रेजी में “Success is born out of action” है। इसके लिए लगभग एक हज़ार करोड़ का बजट हर वर्ष भारत सरकार के द्वारा दिया जाता है।

वर्तमान में IIT मद्रास के चेयरमैन पवन कुमार गोयनका है तो वहीं डायरेक्टर वि कामकोटी है। अकेडमिक स्टाफ लगभग 674 टीचर्स का है तो वहीं स्टूडेंट्स की संख्या 10 हज़ार के आसपास है। यह भारत के दक्षिण में स्थित राज्य तमिलनाडु के चेन्नई प्रान्त में स्थित है।

इस संस्थान का कैंपस 620 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ पर बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल दोनों की ही सुविधा है। यहाँ पर लगभग सभी तरह के इंजीनियरिंग कोर्स और अन्य संबंधित डिग्री की पढ़ाई करवाई जाती है। इनमें से कुछ मुख्य कोर्स के नाम इस प्रकार है:

  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
  • एप्लाइड मैकेनिक्स और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
  • बायोटेक्नोलॉजी
  • केमिकल इंजीनियरिंग
  • केमिस्ट्री
  • सिविल इंजीनियरिंग
  • कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग
  • डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • इंजीनियरिंग डिज़ाइन
  • मानविकी और सामाजिक विज्ञान
  • मैनेजमेंट स्टडीज
  • गणित (MA)
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी
  • मेटलर्जिकल और मटेरियल्स इंजीनियरिंग
  • ओसियन इंजीनियरिंग
  • फिजिक्स

इसमें यदि आपको एडमिशन लेना है तो उसके लिए JEE का एग्जाम देना होता है। यह JEE का एग्जाम भी दो पार्ट में होता है जिसे JEE Main और JEE Advance के नाम से जाना जाता है। इसमें टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को ही IIT मद्रास (Top 1 IIT Colleges in India) या उसके नीचे वाली IIT में एडमिशन मिल पाता है। वह भी उनकी पसंदीदा फील्ड या कोर्स में।

टॉप IIT में एडमिशन कैसे लें?

अब यदि आप अपना सिलेक्शन इन टॉप IIT में करवाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हर वर्ष आयोजित होने वाले JEE एग्जाम की तैयारी करनी होती है। अब हर वर्ष लाखों स्टूडेंट्स के द्वारा JEE का एग्जाम दिया जाता है लेकिन उनमें से कुछ हज़ार का ही इसमें सिलेक्शन हो पाता है।

इन कुछ हज़ार में से भी टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स ही इन टॉप IIT में जा पाते हैं। ऐसे में आपको JEE की तैयारी किसी टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही करनी होगी तभी आगे चलकर आप टॉप लेवल का स्कोर कर पाएंगे।

अब यदि हम आपको भारत देश के टॉप JEE कोचिंग संस्थान के बारे में बताएं तो उसमें से कुछ नाम प्रमुख तौर पर सामने आते हैं। उनके नाम है:

  1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी, सीकर
  2. एलन इंस्टिट्यूट, कोटा
  3. आकाश इंस्टिट्यूट, दिल्ली
  4. प्रिंस अकैडमी, सीकर
  5. रेजोनेंस अकैडमी, दिल्ली

तो यह हैं देशभर की टॉप JEE अकैडमी जहाँ पढ़कर आपको हाई लेवल की एजुकेशन और ट्रेनिंग मिलेगी। इसमें भी मैट्रिक्स अकैडमी आज से ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से टॉप पर बनी हुई है। वजह है यहाँ JEE की करवाई जाने वाली ट्रेनिंग और यहाँ से लगातार टॉप IIT में सेलेक्ट होते स्टूडेंट्स का रेश्यो।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने देश भर के टॉप 10 IIT के नाम (Top 10 IIT Colleges in India Rank Wise) और उनके बारे में मूलभूत जानकारी ले ली है। इसी के साथ ही आपने यह भी जान लिया है कि यदि आपको इन टॉप लेवल के IIT में अपना सिलेक्शन करवाना है तो उसके लिए आपको JEE की तैयारी कहाँ से करनी होगी।

इस बात का मुख्य तौर पर ध्यान रखें कि सभी IIT अपने आप में बढ़िया है लेकिन जो स्टूडेंट्स टॉप लेवल के IIT से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर निकलते हैं, उन्हें उतनी ही अच्छी जॉब और हाई पैकेज मिलते हैं। अब इसके लिए टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से JEE की कोचिंग ली जानी भी उतनी ही जरुरी हो जाती है।

Related FAQs

प्रश्न: भारत में कौन सा नंबर 1 IIT है?

उत्तर: भारत में नंबर 1 IIT के तौर पर आईआईटी मद्रास का नाम लिया जाता है जो तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यह पिछले एक दशक से नंबर 1 IIT बना हुआ है।

प्रश्न: आईआईटी में कौन सा कॉलेज फर्स्ट रैंक है?

उत्तर: आईआईटी में मद्रास वाला कॉलेज फर्स्ट रैंक पर है, वह भी आज से नहीं बल्कि पिछले एक दशक से। NIRF के द्वारा इसे कई वर्षों से फर्स्ट रैंक दिया जा रहा है।

प्रश्न: आईआईटी मद्रास नंबर 1 क्यों है?

उत्तर: आईआईटी मद्रास के नंबर 1 होने के एक नहीं कई कारण है। इसमें वहाँ का अनुशासन, आसपास का वातावरण, सीनियर्स का सहयोग, टीचर्स का एक्सपीरियंस, कई तरह की फैसिलिटी व वहाँ होने वाला शोध इत्यादि शामिल है।

प्रश्न: क्या आईआईटी दिल्ली आईआईटी मद्रास से बेहतर है?

उत्तर: NIRF के द्वारा हर वर्ष सभी आईआईटी को रैंकिंग दी जाती है। इस वर्ष अर्थात वर्ष 2024 में आईआईटी मद्रास की रैंकिंग एक है तो वहीं आईआईटी दिल्ली की रैंकिंग पांच है।

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JEE 2025 एग्जाम पैटर्न व सिलेबस | JEE Exam Pattern and Syllabus 2025

JEE Exam Pattern and Syllabus 2025: हर वर्ष लाखों स्टूडेंट्स JEE के एग्जाम में बैठते हैं और इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। वैसे तो देशभर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाने के लिए हजारों सरकारी व प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी है लेकिन जो बात IIT जैसे टॉप सरकारी संस्थान में है, वैसी किसी और में नहीं है। वह इसलिए क्योंकि जिन स्टूडेंट्स का टॉप लेवल की IIT में सिलेक्शन हो जाता है, उन्हें 4 वर्ष के बाद अच्छी और हाई पैकेज वाली इंजीनियरिंग नौकरी मिलती है।

इतना ही नहीं, उनके करियर में ग्रोथ भी उसी के हिसाब से देखने को मिलती है। IIT से पढ़े हुए स्टूडेंट्स का विदेशों की बड़ी कंपनियों में सिलेक्शन होना या अपने ही देश की बड़ी से बड़ी कंपनियों में मोटे पैकेज लेकर नौकरी करना आम बात हो गई है। हालाँकि इसके लिए पहले स्टूडेंट को अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद JEE एग्जाम को अच्छे नंबर के साथ क्रैक करना जरुरी होता है।

ऐसे में यदि आप भी JEE 2025 एग्जाम पैटर्न और सिलेबस (JEE syllabus 2025 in Hindi) के बारे में विस्तार से जानकारी लेने को यहाँ आए हैं तो आज हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। चलिए JEE एग्जाम 2025 पैटर्न और सिलेबस के बारे में जान लेते हैं।

JEE 2025 एग्जाम पैटर्न | JEE Exam Pattern and Syllabus 2025

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि भारत सरकार के द्वारा जो JEE का एग्जाम कंडक्ट करवाया जाता है, वह सिर्फ इंजीनियरिंग के लिए ही नहीं होता है। कहने का मतलब यह हुआ कि JEE का एग्जाम स्टूडेंट्स केवल बी टेक या बीई करने के लिए ही नहीं देते हैं जिनकी फुल फॉर्म बैचलर और टेक्नोलॉजी और बैचलर और इंजीनियरिंग होती है।

JEE का एग्जाम कुल तीन तरह के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए करवाया जाता है। इसमें सबसे पहले नंबर पर तो बी टेक और BE ही आते हैं जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर बैचलर और आर्किटेक्चर व बैचलर ऑफ प्लानिंग भी आते हैं। इनकी शोर्ट फॉर्म B.Arch. व B.Plan. होती है। इस तरह से JEE में जिन तीन कोर्स के लिए एडमिशन लिया जाता है, उनके नाम है:

  • बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) / बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE)
  • बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.Arch)
  • बैचलर ऑफ प्लानिंग (B.Plan)

बहुत से स्टूडेंट्स को अभी भी यह लगता है कि JEE का एग्जाम केवल इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी में एडमिशन (Engineering Entrance Exams 2025) लेने के लिए होता है लेकिन ऐसा नहीं है। हालाँकि यह मुख्य तौर पर इसी नाम से जाना जाता है और इसका मुख्य एग्जाम जिसे हम पेपर 1 भी कहते हैं, वह इसी से ही जुड़ा हुआ होता है। वहीं इसका पेपर 2A आर्किटेक्चर से तो वहीं पेपर 2B प्लानिंग के कोर्स से जुड़ा हुआ होता है।

आइए अब हम JEE एग्जाम 2025 के पैटर्न को अच्छे से समझ लेते हैं ताकि आपको किसी तरह की शंका ना हो।

JEE एग्जाम पैटर्न 2025 | JEE Exam Pattern In Hindi 2025

यहाँ हम आपको टेबल के माध्यम से JEE एग्जाम 2025 के संपूर्ण पैटर्न की जानकारी देने जा रहे हैं। चलिए शुरू करते हैं:

विषय

जानकारी

एग्जाम का मोड ऑनलाइन मोड (कंप्यूटर पर लिया जाएगा, केवल आर्किटेक्चर के ड्राइंग सेक्शन को छोड़कर)
एग्जाम का समय कुल 3 घंटे
एग्जाम की भाषा एग्जाम कुल 13 भाषाओं में होगा (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली, आसामी, ओड़िया व उर्दू)
एग्जाम सेंटर अपने राज्य या देश के किसी भी सेंटर को भरा जा सकता है
प्रश्न के प्रकार कुछ प्रश्न MCQ होंगे तो कुछ नुमेरिकल होंगे तो ड्राइंग टेस्ट अलग से होगा।

  • इंजीनियरिंग में हर विषय से 20-20 प्रश्न MCQ होंगे तो वहीं 5-5 प्रश्न नुमेरिकल होंगे अर्थात उसमें एक संख्या आपको लिखनी होगी।
  • आर्किटेक्चर में ड्राइंग के दो प्रश्नों को छोड़कर बाकी सभी प्रश्न MCQ व नुमेरिकल में बंटे होंगे। इसमें नुमेरिकल सिर्फ मैथ्स विषय में होंगे और वह भी केवल 5
  • प्लानिंग में मैथ के 25 में से 5 नुमेरिकल होंगे जबकि बाकी सभी MCQ। अन्य विषयों में सभी MCQ होंगे।
कुल प्रश्न सभी 3 विषयों को लेकर अलग-अलग होंगे।

  • इंजीनियरिंग के लिए कुल 75 प्रश्न होंगे और सभी का उत्तर देना अनिवार्य होगा। पहले 90 प्रश्न आते थे जिनमें से 75 का उत्तर देना होता था।
  • आर्किटेक्चर में कुल 77 प्रश्न होंगे।
  • प्लानिंग में कुल 100 प्रश्न होंगे।
कुल विषय सभी 3 एग्जाम में 3-3 विषय होंगे जिनमें सिर्फ मैथ्स (गणित) ही कॉमन है जबकि अन्य दो विषय अलग है।

  • इंजीनियरिंग के तीन विषय मैथ्स, फिजिक्स व केमिस्ट्री
  • आर्किटेक्चर में मैथ्स, ड्राइंग व Aptitude
  • प्लानिंग में मैथ्स, प्लानिंग व Aptitude
किस विषय से कितने प्रश्न इसको लेकर भी तीनों एग्जाम में अलग-अलग मापदंड है।

  • इंजीनियरिंग में हर विषय से 25-25 प्रश्न
  • आर्किटेक्चर में मैथ्स से 25, ड्राइंग से 2 और Aptitude से 50 प्रश्न होंगे
  • प्लानिंग में मैथ्स से 25, Aptitude से 50 और प्लानिंग से 25 प्रश्न होंगे
पेपर में विषय अनुसार सेक्शन एग्जाम में एक सब्जेक्ट को दो सेक्शन में बांटा गया होगा लेकिन यह सब्जेक्ट के लिए नहीं। आइए जाने:

  • इंजीनियरिंग में सभी तीन विषयों को 2-2 सेक्शन में बांटा गया होगा जिनके नाम सेक्शन A व सेक्शन B होगा। सेक्शन A में हर विषय से 20-20 प्रश्न होंगे जो MCQ होंगे तो वहीं सेक्शन B में हर विषय से 5-5 प्रश्न होंगे जो नुमेरिक होंगे।
  • आर्किटेक्चर में सिर्फ मैथ्स को सेक्शन A और B में बांटा गया होगा जिसका प्रारूप इंजीनियरिंग की तरह ही होगा।
  • प्लानिंग में भी इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर की तरह बस मैथ्स को ही दो सेक्शन में बांटा गया होगा और बाकी सभी सब्जेक्ट एक ही सेक्शन में होंगे।
नेगेटिव मार्किंग जो नुमेरिक प्रश्न होंगे, उसमें किसी तरह की नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी जबकि MCQ वाले प्रश्न का गलत उत्तर देने पर एक नंबर काट लिया जाएगा
सही उत्तर के नंबर तीनों एग्जाम में हर प्रश्न (केवल ड्राइंग सब्जेक्ट को छोड़कर) का सही उत्तर देने पर 4 नंबर दिए जाएंगे। ड्राइंग वाले दोनों प्रश्नों के कुल 100 नंबर होंगे। इसके अनुसार ड्राइंग का एक प्रश्न 50 नंबर का होगा।
कुल नंबर इंजीनियरिंग का JEE एग्जाम कुल 300 नंबर का होगा जबकि आर्किटेक्चर और प्लानिंग के एग्जाम के कुल नंबर 400 होंगे।

इस तरह से ऊपर आपने JEE एग्जाम 2025 पैटर्न (JEE Exam Pattern and Syllabus 2025) के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। इसमें स्टूडेंट्स के द्वारा मुख्य तौर पर इंजीनियरिंग का एग्जाम दिया जाता है जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता भी होता है। ऐसे में हम JEE के इंजीनियरिंग एग्जाम के बारे में कुछ जरुरी पॉइंट्स आपके सामने रख देते हैं।

JEE इंजीनियरिंग 2025 एग्जाम पैटर्न

  1. यह एग्जाम कुल 3 घंटे का होगा जिसमें तीन सब्जेक्ट्स से प्रश्न पूछे जाएंगे।
  2. इन तीन सब्जेक्ट्स के नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स होंगे।
  3. तीनों विषयों से कुल 75 प्रश्न पूछे जाएंगे जिन्हें तीनों में समान भागों 25-25-25 में बांटा जाएगा।
  4. हर विषय को दो सेक्शन में बांटा जाएगा जिनके नाम सेक्शन A व सेक्शन B होंगे।
  5. प्रत्येक विषय के सेक्शन A में कुल 20-20 प्रश्न होंगे जो MCQ होंगे।
  6. प्रत्येक विषय के सेक्शन B में कुल 5-5 प्रश्न होंगे जिसमें सही उत्तर स्टूडेंट के द्वारा लिखा जाएगा जो कोई संख्या या अन्य उत्तर हो सकता है।
  7. प्रत्येक सही उत्तर पर स्टूडेंट को 4 नंबर दिए जाएंगे।
  8. अगर स्टूडेंट MCQ का गलत उत्तर देता है तो उसका एक नंबर काट लिया जाएगा जबकि नुमेरिक प्रश्न के गलत उत्तर पर कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं है।
  9. यदि स्टूडेंट उत्तर नहीं देता है और प्रश्न को खाली छोड़ देता है तो उसमें किसी भी तरह का अंक ना तो जोड़ा जाएगा और ना ही काटा जाएगा।
  10. JEE 2025 का एग्जाम कुल 13 भाषाओं में होगा। ऐसे में यदि वह हिंदी या अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य स्थानीय भाषा में एग्जाम देना चाहता है तो उसी भाषा के राज्य के अनुसार ही अपने सेंटर का चयन करें।

हमें आशा है कि आपको JEE 2025 एग्जाम पैटर्न (JEE Exam Pattern In Hindi 2025) को पूरी तरह से समझने में कोई समस्या नहीं हुई होगी। साथ ही आप यह भी जान लें कि यदि आप जल्द से जल्द और अच्छे नंबर के साथ JEE 2025 का एग्जाम क्रैक करने को इच्छुक हैं तो उसके लिए आपको भारत के टॉप लेवल की JEE अकैडमी से अपनी पढ़ाई करनी चाहिए।

यदि हम अपने देश के टॉप लेवल की JEE अकैडमी की बात करें तो उसमें सबसे पहला नाम सीकर की मैट्रिक्स JEE अकैडमी का आता है। इसके बाद रेजोनेंस अकैडमी, प्रिंस अकैडमी और एलन कोटा है। इसलिए आपको बिना देर किए इनमें से किसी एक अकैडमी को तुरंत ज्वाइन कर लेना चाहिए और अपनी JEE की तैयारी आज से ही शुरू कर देनी चाहिए।

JEE 2025 एग्जाम सिलेबस | JEE syllabus 2025 in Hindi

अब जब आपने JEE एग्जाम पैटर्न को समझ लिया है तो बारी आती है JEE 2025 एग्जाम सिलेबस के बारे में जानकारी लिए जाने की। तो चलिए एक-एक करके हम आपको उसके बारे में भी बता देते हैं।

यहाँ हम आपको सबसे पहले JEE के इंजीनियरिंग एग्जाम के तीनों सब्जेक्ट्स के सभी जरुरी टॉपिक्स के नाम देंगे। हम आपकी सुविधा के लिए यह नाम हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही देंगे।

#1. भौतिक विज्ञान (Physics)

विषय (Topic) महत्वपूर्ण शीर्षक (Key Subtopics)
यांत्रिकी (Mechanics) गति के नियम (Laws of Motion), कार्य, ऊर्जा और शक्ति (Work, Energy, and Power), गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) ऊष्मा (Heat), गैसों का गतिज सिद्धांत (Kinetic Theory of Gases)
विद्युतगतिकी (Electrodynamics) विद्युत धारा (Current Electricity), चुंबकीय प्रभाव (Magnetic Effects of Current), विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves)
आधुनिक भौतिकी (Modern Physics) पदार्थ की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Matter), परमाणु और नाभिक (Atoms and Nuclei)
उच्च महत्व वाले विषय घूर्णी गति (Rotational Motion), विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction), तरंग प्रकाशिकी (Wave Optics)

#2. रसायन विज्ञान (Chemistry)

विषय (Topic) महत्वपूर्ण शीर्षक (Key Subtopics)
भौतिक रसायन (Physical Chemistry) परमाणु संरचना (Atomic Structure), रासायनिक गतिकी (Chemical Kinetics), ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)
अकार्बनिक रसायन (Inorganic Chemistry) आवर्त सारणी (Periodic Table), समन्वय यौगिक (Coordination Compounds), रासायनिक बंध (Chemical Bonding)
कार्बनिक रसायन (Organic Chemistry) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbons), ऐल्कोहल्स, फिनोल्स और ईथर्स (Alcohols, Phenols, and Ethers), ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स और कार्बोक्सिलिक अम्ल (Aldehydes, Ketones, and Carboxylic Acids)
उच्च महत्व वाले विषय रासायनिक बंध (Chemical Bonding), समन्वय रसायन (Coordination Chemistry), p-ब्लॉक तत्व (p-Block Elements), ऑक्सीजन और नाइट्रोजन वाले कार्बनिक यौगिक (Organic Compounds containing Oxygen and Nitrogen)

#3. गणित (Mathematics)

विषय (Topic) महत्वपूर्ण शीर्षक (Key Subtopics)
बीजगणित (Algebra) सम्मिश्र संख्याएँ (Complex Numbers), द्विघात समीकरण (Quadratic Equations), मैट्रिक्स और संकल्पक (Matrices and Determinants)
कलन (Calculus) अवकलज (Differentiation), समाकलन (Integration), सीमाएँ और निरंतरता (Limits and Continuity)
निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry) सीधी रेखाएँ (Straight Lines), वृत्त (Circles), शंकु वर्ग (Conic Sections)

इस तरह से आपने JEE 2025 एग्जाम सिलेबस (JEE syllabus 2025 in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। अब हम आपको JEE के तहत होने वाले आर्किटेक्चर और प्लानिंग एग्जाम में आने वाले टॉपिक्स के बारे में भी जानकारी दे देते हैं। चलिए शुरू करते हैं।

JEE 2025 आर्किटेक्चर सिलेबस

  • गणित: यह भाग गणित की विस्तृत अवधारणाओं को कवर करता है, जैसे फ़ंक्शंस, मैट्रिक्स, वेक्टर, कैलकुलस, स्टेटिस्टिक्स, आदि।
  • सामान्य योग्यता: इसमें थ्री-डायमेंशनल ऑब्जेक्ट्स का कल्पना करना, वास्तुकला और पर्यावरण संबंधित वस्त्रों का ज्ञान, और तार्किक व मानसिक क्षमता पर आधारित प्रश्न शामिल होते हैं।
  • ड्राइंग: यह भाग छात्रों की ड्राइंग और कल्पना शक्ति पर केंद्रित है, जिसमें रचनात्मकता के साथ दो और तीन आयामों में डिजाइन और संरचना बनाने के प्रश्न होते हैं​।

JEE 2025 प्लानिंग सिलेबस

  • गणित: B.Arch के समान ही।
  • सामान्य योग्यता: B.Arch के समान ही।
  • प्लानिंग: इस भाग में सामान्य जागरूकता, सामाजिक विज्ञान (राजनीति, इतिहास, भूगोल), मानचित्र पढ़ने के कौशल, चार्ट और आँकड़ों की समझ जैसे विषय शामिल हैं​।

इस तरह से आज आपने JEE 2025 के एग्जाम पैटर्न के साथ-साथ उसके सभी तीनों एग्जाम के सिलेबस के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। आप चाहें तो JEE एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली NTA की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी इसके सिलेबस (Engineering Entrance Exams 2025) के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

निष्कर्ष

आज हमने आपको JEE 2025 एग्जाम पैटर्न (JEE Exam Pattern and Syllabus 2025) और सिलेबस के बारे में शुरू से अंत तक संपूर्ण जानकारी दी है। यह एग्जाम भारत सरकार के द्वारा हर वर्ष आयोजित करवाया जाता है और इसके तहत देश के सभी IIT और NIT कॉलेज में एडमिशन लिया जाता है।

ऐसे में यदि आप जल्द से जल्द और अच्छे नंबर के साथ JEE का एग्जाम क्रैक करना चाहते हैं तो उसमें एक अच्छी और टॉप लेवल की JEE अकैडमी ही आपकी मदद कर सकती है। ऐसे में देश की कुछ चुनिंदा टॉप JEE अकैडमी में से सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी और प्रिंस अकैडमी, कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की रेजोनेंस और आकाश इंस्टीट्यूट आते हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की अकैडमी को आगे की पढ़ाई के लिए चुनते हैं और JEE एग्जाम की तैयारी करते हैं। इसका अवश्य ध्यान रखिएगा कि आपने अभी जो निर्णय लिया है, वही आगे चलकर आपका भविष्य बनाने का काम करेगा।

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प्रश्न: जेईई में कौन-कौन से सब्जेक्ट आते हैं?

उत्तर: JEE में मुख्य रूप से तीन सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स होते हैं। वहीं आर्किटेक्चर वालों के लिए मैथ्स, Aptitude और ड्राइंग तो वहीं प्लानिंग वालों के लिए ड्राइंग की जगह प्लानिंग सब्जेक्ट होता है।

प्रश्न: Jee में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?

उत्तर: JEE में पास होने के लिए नंबर स्टूडेंट की जाति के आधार पर अलग-अलग होते हैं। वर्ष 2025 के लिए जनरल श्रेणी को 90, EWS को 80, ओबीसी को 76 तो वहीं एससी को 57 और एसटी को 46 नंबर चाहिए।

प्रश्न: कोई स्टूडेंट कितनी बार JEE का एग्जाम दे सकता है?

उत्तर: NTA हर वर्ष दो बार JEE का एग्जाम लेती है। उसके द्वारा हर स्टूडेंट को लगातार तीन वर्षों के लिए यह एग्जाम देने की अनुमति दी जाती है। इस तरह हर स्टूडेंट लगातार तीन वर्षों तक 6 बार JEE का एग्जाम दे सकता है।

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नीट 2025 एग्जाम पैटर्न व सिलेबस | NEET Exam Pattern 2025 & Syllabus

NEET Exam Pattern 2025: हर वर्ष देशभर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए NTA के द्वारा नीट का एग्जाम कंडक्ट करवाया जाता है। इसमें लाखों स्टूडेंट्स बैठते हैं लेकिन कुछ प्रतिशत ही चुने जाते हैं। जैसे कि आप वर्ष 2024 का ही example ले लें। 2024 की नीट परीक्षा के लिए 24 लाख स्टूडेंट्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था और उनमें से लगभग 50 हज़ार से एक लाख स्टूडेंट्स का चयन हो पाता है।

अब इनमें से कुछ स्टूडेंट्स को MBBS में एडमिशन मिलता है तो बाकियों को डॉक्टर के अलग-अलग कोर्स में। ऐसे में यदि आपका नीट क्लियर हो भी जाता है तो भी उसके बाद दुविधा खत्म नहीं होती है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपको अपनी मनपसंद डॉक्टर की डिग्री और टॉप लेवल का गवर्नमेंट कॉलेज चाहिए तो नीट में अच्छा स्कोर लिया जाना बहुत जरुरी हो जाता है।

ऐसे में यदि आप वर्ष 2025 के नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो उससे पहले आपको नीट 2025 के एग्जाम पैटर्न और सिलेबस (NEET Syllabus 2025 In Hindi) के बारे में सही से जानकारी ले लेना बहुत जरुरी हो जाता है। यही कारण है कि आज हम आपको साल 2025 के नीट एग्जाम सिलेबस और उसके पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। चलिए जानते हैं।

नीट 2025 एग्जाम पैटर्न | NEET Exam Pattern 2025

सबसे पहले हम वर्ष 2025 में होने वाले नीट एग्जाम के पैटर्न को समझ लेते हैं। इस पैटर्न को समझने के बाद ही आप उसके सिलेबस को अच्छे से समझ पाने में सक्षम होंगे। तो नीट की परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा ली जाती है। उसके द्वारा हर वर्ष या कुछ वर्षों में नीट एग्जाम पैटर्न या सिलेबस (NEET Syllabus In Hindi) में परिवर्तन कर दिया जाता है।

ऐसे में हम आपकी सुविधा के लिए लेटेस्ट अपडेट आपके सामने रखने जा रहे हैं। इसके लिए हम एक सूची के माध्यम से आपको नीट 2025 एग्जाम का पूरा पैटर्न समझाने जा रहे हैं ताकि आपको किसी तरह की शंका ना रहने पाए।

विषय

जानकारी

नीट एग्जाम मोड ऑफलाइन मोड (पेन-पेपर के द्वारा OMR शीट पर)
एग्जाम का कुल समय 3 घंटे व 20 मिनट
एग्जाम टाइमिंग दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 20 मिनट तक
एग्जाम सेंटर हर राज्य में सैकड़ों नीट एग्जाम सेंटर है जिसे आपको अपनी पसंद के अनुसार भरना होगा
प्रश्न का प्रकार सभी प्रश्न MCQ होंगे अर्थात हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए 4 विकल्प दिए गए होंगे
कुल प्रश्न 200 प्रश्न होंगे जिसमें से 180 प्रश्न का उत्तर देना होगा
कुल विषय 3 विषय होंगे जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी है, इसमें बायोलॉजी को दो भागों जूलॉजी और बॉटनी में बांटा गया है
किस विषय से कितने प्रश्न होंगे फिजिक्स से 50, केमिस्ट्री से 50 और बायोलॉजी से कुल 100 प्रश्न (बॉटनी से 50 और जूलॉजी से 50 प्रश्न)
पेपर में कितने सेक्शन होंगे हर विषय दो सेक्शन में बंटा होगा (सेक्शन A और सेक्शन B), इस तरह से कुल 8 सेक्शन होंगे।
पेपर के सेक्शन में प्रश्न हर विषय के सेक्शन A में 35 प्रश्न होंगे जो अनिवार्य होंगे जबकि सेक्शन B में 15 प्रश्न होंगे जिनमें से किन्हीं भी 10 का उत्तर देना अनिवार्य होगा
सही उत्तर के नंबर प्रत्येक सही उत्तर के 4 नंबर मिलेंगे
गलत उत्तर के नंबर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 नंबर काट लिया जाएगा
उत्तर नहीं देने पर यदि आप किसी प्रश्न को छोड़ देते हैं तो उसका नंबर ना तो जोड़ा जाएगा और ना काटा जाएगा
मैक्सिमम नंबर +720 (सभी 180 प्रश्नों का सही उत्तर देने पर)
मिनिमम नंबर -180 (सभी 180 प्रश्नों का गलत उत्तर देने पर)
एग्जाम की भाषा नीट एग्जाम कुल 13 भाषाओं में होगा (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली, आसामी, ओड़िया व उर्दू)

इस तरह ऊपर आपने नीट 2025 एग्जाम पैटर्न (NEET Exam Pattern 2025) के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। इसी के साथ ही आपको कुछ और जानकारी भी ले लेनी चाहिए ताकि बाद में चलकर किसी तरह की समस्या ना हो। जैसे कि:

  • नीट एग्जाम 2025 कुल 13 तरह की भाषाओं में लिया जाएगा। इसमें आप हिंदी व अंग्रेजी भाषा में नीट एग्जाम देना चाहते हैं तो यह आप भारत के किसी भी राज्य में दे सकते हैं।
  • हालाँकि यदि आप किसी अन्य भाषा में नीट एग्जाम देना चाहते हैं तो उसके लिए एग्जाम सेंटर भरने से पहले वहाँ नीट एग्जाम उस भाषा में लिया जाता है या नहीं, इसके बारे में अवश्य देख लें।
  • अधिकतर भाषाएँ क्षेत्र व राज्य की सीमाओं से जुड़ी हुई है। ऐसे में उस भाषा का एग्जाम उसी राज्य के एग्जाम सेंटर्स पर ही लिया जाता है।
  • उदाहरण के तौर पर तमिल में नीट एग्जाम केवल तमिलनाडु के एग्जाम सेंटर्स पर तो बंगाली में नीट एग्जाम केवल पश्चिम बंगाल के एग्जाम सेंटर्स पर ही दिया जा सकता है।
  • इसी के साथ ही आप नीट एग्जाम शुरू होने से लगभग 1 से 2 घंटे पहले ही एग्जाम सेंटर पहुँच जाएंगे तो बहुत सही रहेगा।
  • आपको नीट एग्जाम के लिए जो भी एडमिट कार्ड मिलता है, उसके साथ नीट एग्जाम देने की सभी जानकारी लिखी होती है। ऐसे में आप उक्त जानकारी का हरेक पॉइंट ध्यान से पढ़ें और उसका पालन करें।
  • यदि किसी प्रश्न का उत्तर देने में डाउट है या वह नहीं आता है तो उसका उत्तर ना दें। बहुत से स्टूडेंट्स गलत उत्तर देने के कारण मिली नेगेटिव मार्किंग से भी पिछड़ जाते हैं।
  • कुछ स्टूडेंट्स को यह भी गलतफहमी हो जाती है कि वे कुल 200 प्रश्नों में से किन्हीं भी 180 प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं या एक सब्जेक्ट के कुल 50 प्रश्नों में से किन्हीं 45 प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं।
  • ऐसे में वे सेक्शन A के कुछ प्रश्नों को छोड़ देते हैं जबकि सेक्शन B में 10 से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर दे देते हैं। ऐसे में हम आपको बता दें कि चाहे आप सेक्शन B में 10 से ज्यादा सही उत्तर दे दें लेकिन आपके 10 प्रश्न ही गिने जाएंगे। वहीं सेक्शन A में छोड़े गए प्रश्नों का नुकसान होगा वो अलग।

ऐसी ही और भी कई बातें हैं जिनका ध्यान रखना जरुरी है। इसके लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें क्योंकि हम समय-समय पर नीट का एग्जाम देने और उसकी तैयारी करने की तरह-तरह की टिप्स स्टूडेंट्स के साथ शेयर करते रहते हैं।

इसी के साथ ही यदि आपको जल्द से जल्द नीट एग्जाम को क्रैक करना है तो उसके लिए टॉप लेवल के कोचिंग सेंटर से जुड़े रहना बहुत जरुरी होता है। जब हमने इसके बारे में रिसर्च की तो इसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी तो वहीं दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट टॉप पर आया। आप चाहें तो अभी इनसे संपर्क कर सकते हैं और अपनी नीट की तैयारी अभी से शुरू कर सकते हैं।

नीट 2025 एग्जाम सिलेबस | NEET Syllabus 2025 In Hindi

अभी तक आपने नीट एग्जाम के पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। अब बारी है नीट एग्जाम के सिलेबस को जानने की। तो यहाँ हम आपको एक बात पहले ही क्लियर कर दें कि नीट एग्जाम में जिन 3 सब्जेक्ट्स से प्रश्न पूछे जाते हैं, ये वही सब्जेक्ट्स होते हैं जो हर स्टूडेंट को उसकी 11 वीं और 12 वीं की क्लास में पढ़ाए गए होते हैं।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि नीट एग्जाम वही स्टूडेंट्स देते हैं जिन्होंने 11 वीं में मेडिकल को अपनी स्ट्रीम चुना होता है। ऐसे में उन्हें 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट्स को अनिवार्य तौर पर पढ़ाया जाता है। ऐसे में इन्हीं सब्जेक्ट्स में जो विषय पढ़ाए जाते हैं, उसी में से ही नीट 2025 एग्जाम का सिलेबस और उसके प्रश्न तैयार होते हैं।

नीट एग्जाम में मुख्य रूप से 3 सब्जेक्ट्स ही होते हैं जिन्हें हम फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के नाम से जानते हैं। हालाँकि बायोलॉजी को दो भागों में बांटा गया होता है लेकिन सब्जेक्ट्स और उनके प्रश्न एक दूसरे से मिले हुए होते हैं। ऐसे में आज हम आपको नीट 2025 एग्जाम सिलेबस (NEET 2025 Syllabus) के बारे में 3 भागों में बताने जा रहे हैं:

#1. Physics / भौतिक विज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Physical World and Measurement / भौतिक जगत और मापन
  • Kinematics / गति विज्ञान
  • Laws of Motion / गति के नियम
  • Work, Energy, and Power / कार्य, ऊर्जा और शक्ति
  • Motion of System of Particles / कणों की गति
  • Gravitation / गुरुत्वाकर्षण
  • Properties of Bulk Matter / ठोस पदार्थ के गुण
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Oscillations and Waves / दोलन और तरंगें
  • Behavior of Perfect Gas and Kinetic Theory / आदर्श गैस का व्यवहार

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Electrostatics / स्थिर वैद्युतिकी
  • Current Electricity / धारा वैद्युतिकी
  • Magnetic Effects of Current and Magnetism / धारा के चुंबकीय प्रभाव
  • Electromagnetic Induction / विद्युतचुंबकीय प्रेरण
  • Optics / प्रकाशिकी
  • Dual Nature of Matter and Radiation / पदार्थ और विकिरण की द्वैध प्रकृति
  • Atoms and Nuclei / परमाणु और नाभिक
  • Electronic Devices / इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

#2. Chemistry / रसायन विज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Some Basic Concepts of Chemistry / रसायन विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत
  • Structure of Atom / परमाणु की संरचना
  • Classification of Elements / तत्वों का वर्गीकरण
  • Chemical Bonding and Molecular Structure / रासायनिक बंध और अणु संरचना
  • States of Matter / पदार्थ की अवस्थाएँ
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Equilibrium / साम्य
  • Redox Reactions / रीडॉक्स अभिक्रियाएं
  • Hydrogen / हाइड्रोजन
  • s-Block and p-Block Elements / s-ब्लॉक और p-ब्लॉक तत्व
  • Environmental Chemistry / पर्यावरण रसायन

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Solid State / ठोस अवस्था
  • Solutions / विलयन
  • Electrochemistry / वैद्युत रसायन
  • Chemical Kinetics / रासायनिक गतिकी
  • Surface Chemistry / सतह रसायन
  • General Principles and Processes of Isolation of Elements / तत्वों का पृथक्करण
  • p-Block, d-Block, f-Block Elements / p-ब्लॉक, d-ब्लॉक, f-ब्लॉक तत्व
  • Coordination Compounds / समन्वय यौगिक
  • Organic Compounds Containing Nitrogen / नाइट्रोजन युक्त यौगिक
  • Biomolecules, Polymers, and Chemistry in Everyday Life / जैविक अणु, पॉलिमर, और दैनिक जीवन में रसायन

#3. Biology / जीवविज्ञान

क्लास 11 टॉपिक्स

  • Diversity in Living Organisms / सजीवों में विविधता
  • Structural Organisation in Animals and Plants / पौधों और जानवरों में संरचनात्मक संगठन
  • Cell Structure and Function / कोशिका संरचना और कार्य
  • Plant Physiology / पादप शरीरक्रिया विज्ञान
  • Human Physiology / मानव शरीरक्रिया विज्ञान

क्लास 12 टॉपिक्स

  • Reproduction / प्रजनन
  • Genetics and Evolution / आनुवंशिकी और विकास
  • Biology and Human Welfare / जीवविज्ञान और मानव कल्याण
  • Biotechnology and Its Applications / जैव प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोग
  • Ecology and Environment / पारिस्थितिकी और पर्यावरण

तो यह था नीट 2025 एग्जाम का सिलेबस (NEET Syllabus 2025 In Hindi) जो आपसे पूछा जाएगा। इसमें से प्रत्येक टॉपिक का महत्व और एग्जाम में मार्क्स की वेटेज अलग अलग होती है। इसलिए आपको नीट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इसके बारे में लेटेस्ट जानकारी लेते रहना चाहिए। इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

इसी के साथ ही हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक्स के बारे में भी बता देते हैं जो आपकी नीट एग्जाम को क्रैक करने मदद बहुत मदद करेंगे। ऐसे में उन टॉपिक्स के नाम हैं:

नीट 2025 एग्जाम हॉट टॉपिक्स

अगर आपको जल्द से जल्द नीट एग्जाम क्लियर करना है तो ऊपर बताए गए सभी टॉपिक्स की जमकर तैयारी तो करनी ही है लेकिन स्मार्ट स्टडी उसे कहा जाएगा जब वह कुछ जरुरी टॉपिक्स पर अलग से ध्यान लगाए। वह इसलिए क्योंकि नीट एग्जाम में जिन सब्जेक्ट्स के जिन जिन टॉपिक्स पर खास तौर पर प्रश्न पूछे जाते हैं, उनके नाम हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।

आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं ताकि आपकी तैयारी एकदम पक्की हो (NEET 2025 Syllabus) सके।

#1. Physics / भौतिकी

  • Electrostatics / स्थिर वैद्युतिकी
  • Current Electricity / धारा वैद्युतिकी
  • Optics / प्रकाशिकी
  • Thermodynamics / ऊष्मप्रवैगिकी
  • Modern Physics / आधुनिक भौतिकी

#2. Chemistry / रसायन विज्ञान

  • Organic Chemistry (Hydrocarbons, Carbonyl Compounds) / कार्बनिक रसायन (हाइड्रोकार्बन, कार्बोनिल यौगिक)
  • Chemical Bonding / रासायनिक बंधन
  • Coordination Compounds / समन्वय यौगिक
  • Thermodynamics and Equilibrium / ऊष्मप्रवैगिकी और साम्य
  • p-Block Elements / p-ब्लॉक तत्व

#3. Biology / जीवविज्ञान

  • Human Physiology / मानव शरीरक्रिया विज्ञान
  • Genetics and Evolution / आनुवंशिकी और विकास
  • Reproduction / प्रजनन
  • Ecology / पारिस्थितिकी
  • Cell Structure and Function / कोशिका संरचना और कार्य

इसलिए आपको इन टॉपिक्स (NEET 2025 Syllabus) पर खास ध्यान देने की जरुरत है। नीट एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए कुछ स्टूडेंट्स तो एक से दो साल का गैप भी ले लेते हैं जिन्हें हम ड्रापआउट स्टूडेंट्स भी कह सकते हैं। ऐसे में अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य क्या है और आप उसके तहत किस तरह की तैयारी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आपने यह जाना कि नीट 2025 एग्जाम पैटर्न (NEET Exam Pattern 2025) और उसका सिलेबस क्या है। साथ ही आपको किन-किन टॉपिक्स पर ध्यान देने की जरुरत है। यदि आप नीट एग्जाम के बारे में NTA के माध्यम से और जानकारी लेना चाहते हैं तो उनकी ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक भी हम आपको यहाँ दे रहे हैं।

इसी के साथ ही आखिर में हम आपको यही कहेंगे कि यदि आपको वाकई में नीट एग्जाम 2025 को जल्द से जल्द और अच्छे नंबर के साथ क्लियर करना है तो उसके लिए किसी टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ जुड़ना जरुरी है। इसमें आप जितनी देर करेंगे, उतना ही आपको भी देर होगी।

ऐसे में देश के कुछ टॉप नीट कोचिंग सेंटर्स में सीकर की मैट्रिक्स नीट अकैडमी, कोटा का एलन करियर इंस्टीट्यूट और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट आते हैं। आज के समय में सैकड़ों नीट अकैडमी खुल चुकी है लेकिन टॉप लेवल पर यही 3 इंस्टीट्यूट बने हुए हैं।

Related FAQs

प्रश्न: 2025 में नीट का पेपर कौन बनाएगा?

उत्तर: 2025 में नीट का पेपर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा ही बनाया जाएगा।

प्रश्न: नीट में कितने नंबर का पेपर आता है?

उत्तर: नीट में पेपर के कुल नंबर 720 होते हैं। इसमें कुल 180 प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक सही उत्तर के चार अंक मिलते हैं। इस तरह से नीट एग्जाम के कुल नंबर 720 होते हैं।

प्रश्न: Neet की तैयारी में कितना खर्च आता है?

उत्तर: यदि हम भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसे कि मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा, आकाश दिल्ली की बात करें तो नीट की तैयारी में एक से तीन लाख रुपए तक का खर्च आता है।

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ऑनलाइन कोचिंग बेस्ट है या ऑफलाइन? आइए जाने

चाहे आप JEE की तैयारी कर रहे हो या NEET की, उसके लिए आपको कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) की तो जरुरत पड़ेगी ही पड़ेगी। बिना कोचिंग के किसी स्टूडेंट की JEE और NEET के एग्जाम में अच्छी रैंक आ जाए, यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। ऐसे में चाहे स्टूडेंट कितना ही होशियार क्यों ना हो, उसे एक सही कोचिंग की जरुरत पड़ती ही है।

वह इसलिए क्योंकि कोचिंग से ही उसे एक्सपर्ट गाइडेंस, प्रॉपर नोट्स, लेटेस्ट अपडेट, बेहतर प्लानिंग इत्यादि चीज़ों में मदद मिलती है। ऐसी ही बहुत सी चीजें हैं जो स्टूडेंट्स को अच्छी रैंक लाने और टॉप कॉलेज लेने में मदद करती है। अब यहाँ सवाल कोचिंग का नहीं है बल्कि ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग का (Online Coaching Best Hai Ya Offline) है।

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, ठीक उसी तरह ऑनलाइन कोचिंग भी तेजी से विकसित हो रही है। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स अब ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन कोचिंग भी लेने लगे हैं। अब स्टूडेंट्स को यह जानना होगा कि उनके लिए ऑफलाइन कोचिंग लेना ज्यादा फायदेमंद होता है या फिर ऑनलाइन कोचिंग में पढ़ना। आइए इसके बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं।

ऑनलाइन कोचिंग बेस्ट है या ऑफलाइन?

सबसे पहले तो आप इस बात को नोट कर लीजिए कि कोई भी चीज़ ना तो पूरी तरह से अच्छी होती है और ना ही पूरी तरह से बुरी। हर चीज़ के अपने-अपने फायदे और नुकसान देखने को मिलते हैं। यही बात ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग पर भी लागू होती है। अब आप सोचेंगे कि अगर दोनों में ही फायदे और नुकसान हैं तो फिर आपके लिए क्या बेहतर रहेगा!!

इसका जवाब भी आपको इसी आर्टिकल में ही मिलेगा। दरअसल हर किसी के अपने फायदे और नुकसान तो होते हैं लेकिन आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है और कौन सा कितना नुकसानदायक है, यह पूर्ण रूप से आपकी स्थिति, रुचि, समझ, परिवार, फाइनेंशियल स्टेटस, लर्निंग पॉवर, इत्यादि कई चीज़ों पर निर्भर करता (Online Coaching Best Hai Ya Offline In Hindi) है।

ऐसे में हम इस आर्टिकल में स्टेप बाय स्टेप ऑनलाइन व ऑफलाइन कोचिंग के लगभग हर जरुरी फायदे और नुकसान के बारे में आपको बताएँगे। इससे आपको अपने लिए निर्णय लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। चलिए शुरूआत करते हैं ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बीच अंतर को जानने (Online Coaching Vs Offline Coaching) की।

ऑनलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान

जब से हम सभी ने वर्ष 2020 में कोरोना नामक महामारी को देखा है, तब से ही उसने पूरी दुनिया के लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है। इसमें एक बहुत बड़ा बदलाव है इंटरनेट में आई क्रांति का। पहले के समय की तुलना में हम अधिकतर काम ऑनलाइन ही करने लगे हैं और इसने हमारा घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया है।

सबसे बड़ा बदलाव तो स्टूडेंट्स की लाइफ में आया है क्योंकि उनके लिए सारा स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध होता है। वे जिस भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से JEE और NEET की तैयारी कर रहे होते हैं, उन्होंने अपने सभी लेक्चर, स्टडी मटेरियल इत्यादि को ऑनलाइन अपलोड किया हुआ होता है।

यहाँ तक कि कई कोचिंग इंस्टीट्यूट तो ऑनलाइन ही स्टूडेंट्स को पढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में आइए जाने ऑनलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान के बारे (Online Coaching Best Hai Ya Offline) में।

ऑनलाइन कोचिंग के फायदे

  • ऑनलाइन कोचिंग का सबसे बड़ा जो फायदा होता है वह है समय की पाबंदी का ना होना। कहने का मतलब यह हुआ कि अगर आप ऑनलाइन क्लासेज लेते हैं तो इसमें आप लेक्चर को कभी भी देख सकते हैं। ऐसे में आप दिन के किसी भी समय क्लास ले सकते हैं।
  • दूसरा फायदा यह मिलता है कि आप अच्छे से रिवीजन भी कर पाते हैं। वह इसलिए क्योंकि ऑनलाइन क्लास की वीडियो को आप किसी भी समय और कितनी भी बार देख सकते हैं। इससे आपको समझने में आसानी होगी।
  • ऑनलाइन कोचिंग में आपको तरह-तरह का मटेरियल ऑनलाइन मिलता है जिससे आपके पास पढ़ने के लिए कई तरह की वैराइटी आ जाती है।
  • इनमें आपको कई तरह के वीडियो लेक्चर, वो भी अलग अलग टीचर के, ई बुक्स, नोट्स इत्यादि कई तरह की अध्ययन सामग्री मिलती है।
  • ऑनलाइन क्लासेज को लगाने में आपको पैसे भी कम देने पड़ते हैं क्योंकि इसमें कोचिंग इंस्टीट्यूट का खर्चा बहुत कम आता है। वह एक ही वीडियो या लेक्चर को हजारों स्टूडेंट्स को दिखा सकता है।

ऑनलाइन कोचिंग के नुकसान

  • ऑनलाइन कोचिंग का सबसे बड़ा नुकसान ऑफलाइन कोचिंग ही है। कहने का अर्थ यह हुआ कि ऑफलाइन कोचिंग में आप रियल टाइम में किसी टॉपिक को समझ रहे होते हैं जबकि ऑनलाइन कोचिंग में अधिकतर रिकॉर्डेड वीडियो या सेशन को चलाया जाता है।
  • इसका दूसरा नुकसान अपने डाउट क्लियर करने में होता है। स्टूडेंट के डाउट समय पर क्लियर नहीं होते हैं तो उसकी तैयारी भी अधूरी रह जाती है।
  • कंप्यूटर या लैपटॉप पर पढ़ाई करने से ध्यान भटकने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में स्टूडेंट अपना बहुत सा समय अनुचित गतिविधियों में व्यर्थ कर देता है।
  • इंटरनेट की स्पीड भी इसका एक नुकसान है। इंटरनेट की स्पीड हमेशा एक जैसी नहीं रहती है या लाइट कट लगने की वजह से कंप्यूटर ही बंद पड़ जाता है।
  • ज्यादातर यह भी देखने में आता है कि ऑनलाइन कोचिंग वाले स्टूडेंट्स में अनुशासन की कमी देखने को मिलती है। इस कारण उनका फिक्स्ड टाइम टेबल भी नहीं बन पाता है।

ऑफलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान

अब हम बात करेंगे ऑफलाइन कोचिंग के बारे में। यह पारंपरिक कोचिंग है जो सदियों से चली आ रही है। आज भी स्टूडेंट्स को प्रॉपर तरीके से पढ़ाने में इसी को ही आधार माना जाता है। JEE और NEET के एग्जाम में सलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स ऑफलाइन कोचिंग ही ले रहे होते हैं।

हालाँकि समय में होते बदलाव को देखते हुए अब ऑफलाइन कोचिंग ने भी अपने आप को बहुत अपडेट कर लिया है। इसके लिए बड़े बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट में आधुनिक तकनीक की सहायता से पढ़ाया जाता है। स्टूडेंट्स की ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई जाती है और उन्हें सभी तरह का स्टडी मटेरियल ऑनलाइन भी उपलब्ध करवाया जाता है।

आइए अब हम ऑफलाइन कोचिंग के क्या कुछ फायदे होते हैं और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं, इसके बारे में जान लेते (Online Coaching Best Hai Ya Offline In Hindi) हैं।

ऑफलाइन कोचिंग के फायदे

  • ऑफलाइन कोचिंग में आप टीचर के सामने बैठकर किसी टॉपिक को समझते हैं। इससे आपको रियल टाइम में वह समझ में आता है और वो भी अच्छे से।
  • टीचर के सामने बैठकर कोचिंग लेने से आप बीच-बीच में उनसे अपने डाउट पूछ सकते हैं। अगर डाउट साथ के साथ क्लियर होते हैं तो स्टूडेंट कहीं पर भी अटकता नहीं है।
  • इस तरह की कोचिंग स्टूडेंट में अनुशासन की भावना को भी जागृत करती है। समय पर क्लास में आना, वहाँ पर अनुशासन में बैठना और टीचर का सम्मान करना, उसे एक सही दिशा में आगे ले जाता है।
  • ऑफलाइन पढ़ने से स्टूडेंट को टीचर का व्यक्तिगत मार्गदर्शन अर्थात पर्सनल गाइडेंस मिलती है। वह अपने सीनियर के साथ भी जुड़ता है और उसे कई तरह की एक्सपर्ट गाइडेंस भी मिलती है।
  • रेगुलर क्लास में जाकर वह अपने लिए एक सही माहौल बनाता है। इसे हम स्टूडेंट के लिए समर्पित अध्ययन माहौल भी कह सकते हैं जो JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करने के लिए बहुत जरुरी माना जाता है।
  • ऑफलाइन कोचिंग में स्टूडेंट क्लास में अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी संपर्क में आता है। इसका फायदा यह मिलता है कि वे ग्रुप स्टडी कर सकते हैं, आपस में अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

ऑफलाइन कोचिंग के नुकसान

  • इसका पहला नुकसान यह है कि इसमें आपको एक फिक्स टाइम में क्लास में जाना होता है। यदि आप टाइम पर नहीं पहुँचते हैं तो आप उस लेक्चर या टॉपिक को मिस कर देते हैं।
  • हालाँकि मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस सीकर जैसे बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट अपने सभी लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग स्टूडेंट्स को उपलब्ध करवाते हैं।
  • ऑफलाइन कोचिंग ऑनलाइन कोचिंग की तुलना में थोड़ी खर्चीली होती है। वह इसलिए क्योंकि ऑनलाइन कोचिंग तो आप अपने घर बैठे ले सकते हैं लेकन ऑफलाइन कोचिंग के लिए आपको इंस्टीट्यूट तक रोजाना आना जाना होता है।
  • वहीं आप दूसरे शहर में कोचिंग लेने जा रहे हैं तो वहाँ रहने, खाने-पीने, यात्रा करने इत्यादि का खर्चा भी उठाना पड़ता है। हालाँकि इससे आप अपने JEE और NEET के एग्जाम को और सीरियस लेकर पढ़ते हैं।

ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग: आपके लिए क्या है बेहतर?

अब जब आपने ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) के बारे में इतना सब जान लिया है तो अब बात करते हैं आपकी। आपके लिए दोनों में से कौन सा बेहतर हो सकता है और किस तरह की कोचिंग लेने से आपकी JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करने की संभावना बढ़ जाएगी!!

दरअसल जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि आज के समय में ऑफलाइन कोचिंग भी बहुत आधुनिक हो गई है। कुछ कुछ टॉप लेवल के JEE और NEET इंस्टीट्यूट ने तो ऑफलाइन कोचिंग में भी ऑनलाइन कोचिंग के सभी फायदे डाल दिए हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो जो फायदे ऑनलाइन कोचिंग में देखने को मिलते हैं, या जो नुकसान ऑफलाइन कोचिंग के होते हैं, उन्हें दूर करने का काम किया है।

सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी हो या कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, इसमें सबसे आगे है। उसके बाद के कुछ इंस्टीट्यूट के नाम सीकर का प्रिंस व गुरुकृपा, दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि है। आइए जानते हैं कैसे यह सभी इंस्टीट्यूट ऑफलाइन कोचिंग को एक नई उड़ान दे रहे हैं।

  • ऑफलाइन कोचिंग ले रहे किसी स्टूडेंट का लेक्चर या क्लास मिस हो जाती है तो उसको टेंशन लेने की कोई जरुरत नहीं है। वह इसलिए क्योंकि लेक्चर की लाइव रिकॉर्डिंग की जाती है और फिर स्टूडेंट के साथ ऑनलाइन शेयर कर दी जाती है। इससे वह बाद में भी उस लेक्चर को सुन सकता है।
  • यह लाइव रिकॉर्डिंग सभी स्टूडेंट्स के साथ शेयर की जाती है। इससे जिन स्टूडेंट्स ने क्लास अटेंड भी की थी लेकिन उन्हें उस लेक्चर को फिर से सुनना है तो वह उस वीडियो को देख सकता है।
  • इस तरह से सभी स्टूडेंट्स की रिवीजन भी हो जाती है। कई बार ऐसा होता है कि कोई चीज़ पहली बार में नहीं समझ आती है, ऐसे में उसी चीज़ को दोबारा देखने पर वह क्लियर हो जाती है।
  • अब जो ज्यादा खर्चे का चक्कर था, वह भी इन संस्थानों ने कवर किया है। जब हमने सभी टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस की आपस में तुलना की तो मैट्रिक्स सीकर और आकाश दिल्ली सबसे सही निकले।
  • इन दोनों ही इंस्टीट्यूट में ली जा रही फीस दी जा रही फैसिलिटी की तुलना में बाकियों से बहुत कम थी। इतना ही नहीं, मैट्रिक्स तो बारहवीं में अच्छे नंबर लाने वाले या उनका इंटरनल एग्जाम अच्छे से पास करने वाले स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप भी ऑफर करता है।
  • इसी के साथ ही सभी टॉप इंस्टीट्यूट के द्वारा ऑनलाइन सभी तरह का मटेरियल उपलब्ध करवाया जाता है। जिस प्रकार ऑनलाइन कोचिंग के लिए स्टडी मटेरियल ऑनलाइन दिया जाता है, ठीक उसी तरह ये सभी ऑफलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट भी इसे ऑनलाइन उपलब्ध करवाते हैं।
  • इसी के साथ ही क्लासेज में भी लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है। इसके तहत तरह तरह के प्रॉप्स, प्रोजेक्टर, लाइव, एक्सपर्ट गाइडेंस, सलेक्टेड स्टूडेंट्स की तकनीक इत्यादि का सहारा लिया जाता है।

निष्कर्ष

हमने आपको ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। अब यदि आप इस बारे में हमारी राय पूछना चाहते हैं तो हमने तो यही निष्कर्ष निकाला है कि यदि किसी स्टूडेंट को जल्द से जल्द और अच्छी रैंक के साथ JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करना है तो उसके लिए ऑफलाइन कोचिंग ज्यादा बेहतर विकल्प है।

ऑनलाइन कोचिंग में अनुशासन, टाइमटेबल, अपडेट, डाउट क्लियर, एक्सपर्ट गाइडेंस इत्यादि का बहुत बड़ा गैप या अभाव देखने को मिलता है। वहीं ऑफलाइन कोचिंग आपको अनुशासन में रखेगी और टीचर व इंस्टीट्यूट के द्वारा आपको हर पल मॉनिटर किया जाएगा।

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JEE की तैयारी कैसे करें? जाने JEE की तैयारी के लिए टिप्स

आज के समय में यदि किसी को इंजीनियरिंग करनी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके पास एक नहीं बल्कि कई तरह के विकल्प होते हैं। इनमें से कुछ फेमस ऑप्शन सॉफ्टवेयर, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इत्यादि है। वैसे तो इसमें दर्जनों विकल्प होते हैं लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स के द्वारा इन्हीं चार से पांच इंजीनियरिंग का चुनाव किया जाता है।

अब यह स्टूडेंट की पसंद और स्किल्स पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की इंजीनियरिंग करना चाहता है। हालाँकि हर स्टूडेंट की पहली पसंद टॉप लेवल के IIT में एडमिशन लेना होता है। भारत देश में यदि हम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए IIT का नाम ही सबसे पहले लिया जाता है। उन IIT में से भी कुछ गिनी चुनी IIT के नाम पहले आते हैं जैसे कि दिल्ली, मद्रास, रुड़की, खड्गपुर इत्यादि के IIT संस्थान।

अब यदि आपको इंजीनियरिंग करने के लिए इन IIT में सिलेक्शन करवाना है तो उसके लिए आपको JEE की तैयारी करनी होगी। JEE की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (Joint Entrance Examination) होती है। इसके लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare In Hindi) करते हैं लेकिन सिलेक्शन कुछ हज़ार स्टूडेंट्स का ही हो पाता है। 

अब यदि आपको भी JEE की तैयारी करनी है तो आज हम आपकी पूरी मदद करेंगे। आज हम आपको बताएँगे कि JEE की तैयारी कैसे की जाती है और उसके लिए आपको अभी से ही क्या कुछ करने की जरुरत है। आइए जाने JEE की तैयारी करने की टिप्स।

JEE की तैयारी कैसे करें?

JEE का एग्जाम हर वर्ष एक बार ही आयोजित किया जाता है। इसके तहत देशभर की IIT में एडमिशन लिया जाता है। फिर वे सभी स्टूडेंट्स अगले 4 वर्ष के लिए अपनी स्पेसिफिक स्ट्रीम में इंजीनियरिंग पढ़ते हैं और अंत में उसकी डिग्री लेते हैं। ऐसे में यदि आपको IIT में एडमिशन लेना है तो उसके लिए अभी से ही JEE की तैयारी शुरू कर देनी होगी।

कुछ स्टूडेंट्स तो दसवीं के साथ ही या उसके बाद JEE की तैयारी में लग जाते हैं तो कुछ बारहवीं या उसके बाद इसकी तैयारी शुरू करते हैं। आप जितना जल्दी JEE की तैयारी शुरू करेंगे, उतना ही जल्दी सिलेक्शन भी होगा और वो भी अच्छे रैंक के साथ।

ऐसे में नीचे हम आपको एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 ऐसी टिप्स देने जा रहे हैं जो JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) करने और टॉप रैंक लाने में आपकी बहुत मदद करने वाली है। आइए जाने JEE की तैयारी कैसे की जा सकती है।

#1. JEE एग्जाम का पैटर्न समझें

सबसे पहले जो काम करने की जरुरत है वह है JEE के एग्जाम पैटर्न को समझने की। वैसे तो इसमें वही सब्जेक्ट्स होते हैं जो आपने अपनी बारहवीं की पढ़ाई के दौरान पढ़े थे। नॉन मेडिकल स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स को अपनी 11वीं और बारहवीं क्लास की पढ़ाई के दौरान फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स व इंग्लिश पढ़ाई जाती है। वही सब्जेक्ट्स JEE के एग्जाम में पूछे जाते हैं, सिर्फ इंग्लिश को छोड़कर।

हालाँकि फिर भी आपको JEE एग्जाम पैटर्न को समझने की जरुरत है। जैसे कि इसमें किन टॉपिक्स पर ज्यादा जोर दिया जाता है, किससे कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, वे प्रश्न किस तरह के होते हैं, उनके कितने नंबर मिलते हैं, गलत उत्तर देने पर कितने नंबर कटते हैं, इत्यादि। ऐसे ही आपको JEE एग्जाम के पूरे पैटर्न को समझने की जरुरत है ताकि बाद में चलकर कोई दिक्कत ना होने पाए।

#2. स्कूल टाइम से ही तैयारी करें

अगर आप स्कूल टाइम से ही JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Karen) करना शुरू कर देंगे तो इससे आपको बहुत मदद मिल जाएगी। अब तो टॉप लेवल के स्कूल भी अपने यहाँ पढ़ रहे स्टूडेंट्स को स्पेशल कोर्स के तहत JEE की तैयारी पहले से ही करवाने लग गए हैं। इससे स्टूडेंट्स को भी बहुत मदद मिली है।

अब आप चाहे सीकर के फेमस स्कूल मैट्रिक्स हाई स्कूल को ही ले लीजिए। वहाँ पर दसवीं क्लास से ही बच्चों को फाउंडेशन कोर्स की सुविधा दी जाती है। इसके तहत उन्हें दसवीं से लेकर बारहवीं क्लास तक नॉर्मल स्टडी तो करवाई ही जाती है, इसी के साथ ही उनका स्टडी मटेरियल कुछ इस तरह का होता है कि वे साथ के साथ JEE की तैयारी भी कर रहे होते हैं।

ऐसी ही सुविधा कुछ अन्य टॉप लेवल के स्कूल्स में भी दी जा रही है। इससे होता क्या है कि स्टूडेंट अपनी दसवीं से बारहवीं की पढ़ाई तो कर ही रहा होता है और साथ ही JEE की तैयारी भी होती चली जाती है। एक तरह से हम इसे एडवांस लर्निंग कह सकते हैं। इससे आगे चलकर उसका JEE में सिलेक्शन होने और अच्छी रैंक लाने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

#3. कमजोर सब्जेक्ट्स पर फोकस करें

JEE की तैयारी करनी है तो आपको अपने कमजोर सब्जेक्ट्स या टॉपिक्स पर ध्यान देने की जरुरत है। अब कोई स्टूडेंट फिजिक्स में तो अच्छा होता है लेकिन केमिस्ट्री के कॉन्सेप्ट उसे देर से क्लियर होते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स के साथ उल्टा होता है। अब यह भी जरुरी नहीं है कि किसी स्टूडेंट को फिजिक्स के सभी टॉपिक ही आसान लगते हो।

ऐसा भी हो सकता है कि किसी स्टूडेंट को फिजिक्स का कोई टॉपिक बहुत ही सरल लगता है तो दूसरा टॉपिक बहुत मुश्किल। इसलिए जो भी आपके कमजोर सब्जेक्ट या टॉपिक हैं, आपको उन पर मुख्य तौर पर ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा करके ही आप JEE की तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं।

#4. एक स्टडी प्लान जरुर बनाएं

यदि आप जल्द से जल्द JEE में अपना सिलेक्शन करवाना चाहते हैं तो उसके लिए एक मजबूत और प्रभावी स्टडी प्लान बनाए जाने की जरुरत है। इसके लिए आप अपने सीनियर, सेलेक्ट हो चुके स्टूडेंट्स, स्कूल इत्यादि की भी सहायता ले सकते हैं।

यहाँ स्टडी प्लान का मतलब हुआ, आप कब किस तरह के टॉपिक को पढ़ेंगे, उनकी कितनी बार रिवीजन करेंगे, उसके लिए कौन सी बुक पढ़ेंगे इत्यादि। बाजार में आपको अलग अलग ऑथर की अलग अलग बुक पढ़ने को मिल जाएगी। ऐसे में आप किसे चुनेंगे और क्यों, यह भी एक बड़ा प्रश्न है।

किसी स्टूडेंट को किसी ऑथर की बुक अच्छे से समझ में आती है तो किसी को दूसरे की। ऐसे में आपको ही यह निर्णय लेना है कि आपका स्टडी प्लान किस तरह का होगा और आप उस पर कैसे आगे बढ़ेंगे।

#5. JEE की कोचिंग लें

JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) करने के लिए सही कोचिंग का चुनाव किया जाना भी बहुत जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि एक सही कोचिंग सेंटर आपको अपडेटेड रखेगा, टॉप लेवल का स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवाएगा और इतना ही नहीं, वहाँ के टीचर्स भी अनुभवी और स्टूडेंट्स के साथ बेहतर संवाद करने वाले होंगे। इसी के साथ वे आपको टॉप लेवल की फैसिलिटी भी उपलब्ध करवाते हैं जो JEE में सिलेक्शन करवाने के लिए बहुत जरुरी होती है।

अब अगर हम देशभर में JEE के टॉप लेवल के कोचिंग सेंटर की बात करें तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी और प्रिंस इंस्टीट्यूट आते हैं। वहीं कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की रेजोनेंस अकैडमी भी अच्छे विकल्प हैं। हालाँकि आज के समय में मैट्रिक्स अकैडमी इस लिस्ट में टॉप पर बनी हुई है। वह इसलिए क्योंकि स्टूडेंट टीचर रेश्यो और सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट के रेश्यो के हिसाब से यह टॉप पर है।

कहने का मतलब यह हुआ कि मान लीजिए एलन में 5 हज़ार स्टूडेंट्स JEE की तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 500 स्टूडेंट्स सेलेक्ट होते हैं, वहीं मैट्रिक्स में 2 हज़ार स्टूडेंट्स इसकी तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 300 स्टूडेंट्स का सिलेक्शन होता है तो मैट्रिक्स का सक्सेस रेट एलन से कहीं ज्यादा बेहतर है। ऐसे में आपको अपने लिए बेहतर कोचिंग का चुनाव करना होगा जो आपका भविष्य बनाने में मददगार होगा।

#6. लगातार नोट्स बनाते रहें

अक्सर देखने में आता है कि उन स्टूडेंट्स का JEE में सिलेक्शन जल्दी हो जाता है जो हर दिन अपने नोट्स बनाते रहते हैं। वह इसलिए क्योंकि आखिरी समय में यही नोट्स ही आपकी मदद करते हैं। ऐसे में आप हर दिन जो कुछ भी पढ़ रहे हैं, उससे संबंधित नोट्स बनाना बिलकुल ना भूलें।

अब अगर आप सोचते हैं कि आप दूसरों के नोट्स को कॉपी करके काम चला लेंगे तो यह आपकी भूल है। हर स्टूडेंट के नोट्स अलग होते हैं और वह उसे अपनी तैयारी के अनुसार ही बनाता है। ऐसे में आपके नोट्स आपकी तैयारी को सही तरीके से करवाने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें बनाना बिल्कुल भी ना भूलें।

#7. पहले के प्रश्नपत्र सोल्व करें

JEE का एग्जाम आज से नहीं हो रहा है, बल्कि इसे तो कई दशक हो गए हैं। ऐसे में आपको JEE का एग्जाम देना है तो उसके लिए जरुरी है, पिछले और उससे पिछले वर्ष के JEE एग्जाम पेपर को देखना और उन्हें सोल्व करना। इससे आपको इस वर्ष के JEE एग्जाम के पैटर्न को समझने और उसके हिसाब से तैयारी करने में बहुत मदद मिलेगी।

इसके लिए आप पुराने JEE एग्जाम पेपर को तो सोल्व करे ही बल्कि साथ ही नए प्रश्न पत्रों को भी सोल्व करते रहें। आज के समय में हर टॉप लेवल का कोचिंग सेंटर अपने स्टूडेंट्स को मॉक टेस्ट की सुविधा देता है और वह भी हर सप्ताह और महीने। इसलिए आपको भी इन्हें समय-समय पर देते रहना चाहिए जिससे आपकी स्पीड और ज्यादा तेज होती जाए।

#8. अपने डाउट हमेशा क्लियर करें

JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare In Hindi) कर रहे स्टूडेंट्स को अपने डाउट भी हर दिन क्लियर करवाने चाहिए। अगर आपके डाउट पेंडिंग रहते हैं तो आप आगे की तैयारी सही से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में समय रहते डाउट को सोल्व करवा लिया जाए तो इससे आपको आगे तैयारी करने में मदद मिलती है।

मैट्रिक्स जैसे कोचिंग संस्थान इसके लिए अलग से डाउट सेंटर की सुविधा देते हैं। आप वहाँ जाकर कभी भी अपने डाउट क्लियर करवा सकते हैं। मैट्रिक्स अकैडमी का रिजल्ट अच्छा जाने का यह भी एक बहुत बड़ा कारण है। अगर स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ-साथ उनके डाउट भी जल्दी क्लियर करवा दिए जाते हैं तो इससे उनकी JEE की तैयारी और मजबूत होती है।

#9. मेंटल प्रेशर ना लें

यह एक ऐसा पॉइंट है जिस पर बहुत से स्टूडेंट्स ध्यान नहीं देते हैं। उन्हें लगता है कि वे जितना कम सोएंगे और ज्यादा समय पढ़ाई करने में लगाएंगे, उतनी जल्दी उनका सिलेक्शन होगा। दरअसल इससे होता क्या है कि स्टूडेंट इफेक्टिव तरीके से नहीं पढ़ पाता है और उसके कॉन्सेप्ट भी देरी से क्लियर होते हैं।

इसलिए आपको अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की जरुरत है। ऐसे में समय-समय पर करियर काउंसलिंग लेना, एक्सपर्ट गाइडेंस में रहना भी बहुत जरुरी होता है। मैट्रिक्स और रेजोनेंस अकैडमी में इस पर खासतौर पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए स्टूडेंट के समय-समय पर अलग से लेक्चर लिए जाते हैं, सलेक्टेड स्टूडेंट्स के सेशन लगवाए जाते हैं और टीचर्स का संवाद भी करवाया जाता है।

#10. प्रैक्टिस को कभी ना छोड़ें

मान लीजिए आप एक महिना बहुत जोरदार तरीके से पढ़ते हैं और फिर अगले महीने इसमें ढील बरत देते हैं, फिर अगले महीने और जोरदार तरीके से पढ़ते हैं। ऐसा करने से आप अपना ही नुकसान कर रहे होते हैं क्योंकि JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Karen) कभी भी ऐसे नहीं होती और ना ही इससे आपका सिलेक्शन हो पाएगा। हो भी गया तो आपकी अच्छी रैंक नहीं आएगी और आपको टॉप लेवल का IIT नहीं मिल पाएगा।

इसलिए अपनी पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करते रहने होगी, जो पहले पढ़ा हुआ है उसकी रिवीजन करनी होगी, इत्यादि। इससे आप जल्दी आगे बढ़ पाते हैं और अपनी तैयारी को मजबूत बनाते हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने JEE की तैयारी करने की टिप्स (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) जान ली है। इन सभी टिप्स में यह जान लें कि यदि आपने सही कोचिंग का चुनाव कर लिया तो आधा काम तो आपका ऐसे ही हो गया। बाकी का आधा काम आपकी अपनी सेल्फ स्टडी पर डिपेंड करेगा।

ऐसे में आपको टॉप लेवल की अकैडमी से JEE की कोचिंग लेनी चाहिए। एक सही JEE अकैडमी आपका भविष्य उज्जवल बना सकती है। इसलिए कोचिंग का चुनाव करते समय सावधानी बरतें और उसी के अनुसार ही आगे बढ़ें।

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नीट की तैयारी कैसे करें? जाने NEET की तैयारी के लिए टिप्स

क्या आप भविष्य में डॉक्टर बनना चाहते हैं? यदि ऐसा है तो उसके लिए अवश्य ही आपको अभी से ही टेंशन हो रही होगी कि अभी तो बहुत मेहनत करने की जरुरत (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। सबसे पहले तो बारहवीं में अच्छे नंबर लेकर आने हैं, फिर नीट की तैयारी भी करनी है और उसके बाद अच्छे सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेकर वहाँ से MBBS की पढ़ाई करनी है। फिर आगे भी स्पेशल कोर्स करने हैं ताकि आप एक एक्सपर्ट डॉक्टर के रूप में अपना करियर शुरू कर सकें।

ऐसे में आपको सभी चीज़ों के बारे में एक साथ टेंशन लेने की बजाए स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ना चाहिए। इससे आपका मार्ग भी आसान होगा और सफलता भी मिलती चली जाएगी। तो इसमें सबसे पहला स्टेप होता है नीट एग्जाम की तैयारी किया जाना (NEET Exam Ki Taiyari Kaise Kare) और साथ ही बारहवीं में अच्छे नंबर लेकर आना। जी हां, आपको दोनों के बारे में एक साथ सोचना होगा क्योंकि दोनों एक साथ ही चलते हैं।

इसमें भी नीट की तैयारी पर ज्यादा जोर देने की जरुरत है क्योंकि बारहवीं में अच्छे नंबर तो कम पढ़कर भी आ जाएंगे लेकिन नीट में आप चूक गए तो फिर से एक वर्ष मेहनत करनी पड़ेगी। ऐसे में आज हम आपको नीट की तैयारी कैसे करें (NEET Ki Taiyari Kaise Karen), इसके बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने नीट की तैयारी के लिए टिप्स।

नीट की तैयारी कैसे करें?

नीट कोई छोटा मोटा एग्जाम नहीं होता है और ना ही यह वर्ष में दो बार होता है। हर वर्ष लाखों स्टूडेंटस नीट एग्जाम में बैठते हैं और उसमें से बहुत कम ही सेलेक्ट हो पाते हैं। सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सीट्स पर निर्भर करती है। ऐसे में यदि आप नीट एग्जाम में क्लियर हो भी जाते हैं तो भी आपको अच्छा कॉलेज मिलेगा, यह जरुरी नहीं है।

यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि नीट एग्जाम में देशभर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज आते हैं और उसमें से कुछ टॉप लेवल के होते हैं तो कुछ सामान्य स्तर के। ऐसे में यदि आपकी रैंक सही आती है तभी आपको अपनी पसंद का टॉप मेडिकल कॉलेज मिल पाएगा अन्यथा आपको सामान्य मेडिकल कॉलेज से ही काम चलाना पड़ेगा।

ऐसे में आपको अपनी दसवीं कक्षा के बाद से ही नीट की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कुछ स्टूडेंट्स बारहवीं के बाद नीट की तैयारी शुरू करते हैं, ऐसे में उन्हें ज्यादा समय लग जाता है। आइए एक-एक करके नीट की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) करने के ऊपर सभी जरुरी टिप्स को जान लेते हैं।

#1. अपनी स्किल्स को समझें

सबसे पहले तो आपको अपने आप को पहचानने की जरुरत है। हमने सबसे पहले अपने आप को जानने या अपनी स्किल्स का आंकलन करने वाला पॉइंट इसलिए रखा है क्योंकि ऐसा बहुत बार देखने में आता है कि स्टूडेंट्स नीट एग्जाम या डॉक्टर बनने की तैयारी तो करने लग जाते हैं लेकिन बाद में जाकर उन्हें यह अहसास होता है कि यह उनकी क्षमता से बाहर है या उनका इसमें इंटरेस्ट ही नहीं है।

ऐसा अक्सर उन स्टूडेंट्स में ज्यादा देखने को मिलता है जिनके माता, पिता या परिवार में से कोई और भी डॉक्टर होता है या फिर उनके पेरेंट्स के द्वारा उन पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया जाता है। या फिर कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो अपने दोस्तों या जानने वालों की देखा देखी इस राह पर आगे बढ़ जाते हैं और फिर बाद में पछताते फिरते हैं।

ऐसे में हम आपकी स्किल्स को या आपको कम नहीं आंक रहे हैं लेकिन आपको पहले ही सचेत कर रहे हैं कि एक बार आप अकेले में बैठकर आत्म चिंतन अवश्य कीजिए और स्वयं से पूछिए कि क्या आप वाकई में डॉक्टर बनने को इच्छुक हैं और उसके लिए नीट एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं। यदि आपका जवाब हां है तो इस लेख को आगे पढ़ें अन्यथा आप इसे यहीं पर छोड़ सकते हैं।

#2. नीट एग्जाम का सिलेबस जाने

अब जब आपने डॉक्टर बनने का सपना देख ही लिया है तो उसका पहला पड़ाव होता है नीट एग्जाम को क्लियर किया जाना और वह भी अच्छे नंबर के साथ। इसके लिए सबसे पहले जो काम आपको करना है, वह है नीट एग्जाम का सिलेबस, पैटर्न, सिलेक्शन, प्रोसेस इत्यादि के बारे में अच्छे से जानकारी लिया जाना।

उदाहरण के तौर पर नीट एग्जाम वर्ष में किस समय आयोजित होता है, उसके लिए क्या कुछ तैयारी करनी पड़ती है, कौन-कौन से विषय इसमें आते हैं, किस विषय से कौन से टॉपिक लिए जाते हैं और उन टॉपिक पर कितने और कैसे प्रश्न पूछे जाते हैं, नीट में कुल कितनी सीट होती है, किस रैंक पर कौन सा कॉलेज मिलता है, कुल कितने मेडिकल कॉलेज हैं, इत्यादि।

एक तरह से आपको नीट एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक छोटी से बड़ी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। इसमें भी नीट एग्जाम के सिलेबस को अच्छे से समझा जाना आवश्यक है। वह इसलिए क्योंकि आपको इसी सिलेबस की ही तैयारी करनी है जो आपको नीट एग्जाम क्लियर करवाने में सहायता करेगा।

#3. एक टाइमलाइन बनाएं

अब जब आपने नीट एग्जाम के पैटर्न और सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है तो अब बारी आती है अपनी टाइमलाइन बनाए जाने की। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने आप को कितने वर्षों में डॉक्टर बने हुए देखना चाहते हैं और उसके लिए आप कितना समय लेंगे। कुछ स्टूडेंट्स कड़ी मेहनत के दम पर बारहवीं के जस्ट बाद ही नीट क्लियर कर देते हैं तो कुछ एक या दो वर्ष ड्रॉप लेकर उसे क्लियर कर पाते हैं।

ज्यादातर स्टूडेंट्स तो दसवीं के बाद से ही नीट की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Karen) करने में जुट जाते हैं तो कुछ अपनी तैयारी बारहवीं में या उसके बाद भी शुरू करते हैं। ऐसे में यह आप पर निर्भर करता है कि आपकी समय सीमा क्या है और आप इस रास्ते पर किस तेजी के साथ आगे बढ़ने को इच्छुक हैं। इसी पर ही आपकी आगे की कार्य योजना और लक्ष्य निर्भर करेंगे।

#4. अपना लक्ष्य निर्धारित करें

अब जब आपने अपनी टाइमलाइन भी बना ली है तो उसी के साथ-साथ एक काम और करना है और वह है एक स्पष्ट लक्ष्य का होना। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप आगे चलकर अपने आप को किस रूप में देखते हैं। अब डॉक्टर बनना तो आपका सपना है ही लेकिन यह जरुरी नहीं कि नीट की तैयारी केवल MBBS का कोर्स करने के लिए ही की जाती है।

नीट एग्जाम (NEET Exam Ki Taiyari Kaise Kare) के तहत कई और भी कोर्स किए जाते हैं और उसके तहत डॉक्टर भी कई तरह के बनते हैं। उदाहरण के तौर पर आयुर्वेद के डॉक्टर, होम्योपैथिक डॉक्टर या डेंटिस्ट इत्यादि। ऐसे में आपका लक्ष्य क्या है, इस पर ध्यान दें। साथ ही इस लक्ष्य में कुछ सरकारी मेडिकल कॉलेज भी रखें।

अब यदि आप टॉप गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन लेने का लक्ष्य लेकर चलेंगे तभी आगे चलकर आपका सिलेक्शन उसमें हो पाएगा। इससे आपको प्रेरणा भी मिलती रहेगी जो अवश्य ही आपको सफल बनाएगी।

#5. सही कोचिंग का चुनाव करें

यह सबसे महत्वपूर्ण और जरुरी पॉइंट है। यदि आपने यहाँ पर किसी तरह की ढील बरती तो बाकी किसी भी चीज़ का कोई मतलब नहीं रह जाता है। यदि आप सोचते हैं कि आप घर पर पढ़कर ही या सेल्फ स्टडी करके ही नीट जैसे मुश्किल एग्जाम को पास कर लेंगे तो यह आपका भ्रम है। आज तक कुछ चुनिंदा मतलब लाखों में से इक्का दुक्का स्टूडेंट ही अकेले पढ़कर नीट एग्जाम को क्लियर कर पाए हैं।

इसलिए सही कोचिंग का चुनाव किया जाना बहुत जरुरी हो जाता है। अब नीट के कोचिंग सेंटर तो हर शहर में खुले हुए हैं लेकिन उससे फर्क नहीं पड़ेगा। सही शहर के सही कोचिंग सेंटर से पढ़कर आप जल्द से जल्द और अच्छी रैंक के साथ नीट एग्जाम को क्लियर कर पाएंगे। यदि हम देश के कुछ चुनिंदा कोचिंग सेंटर के नाम लें तो उसमें सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी और गुरुकृपा, कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की आकाश अकैडमी बेस्ट है।

हालाँकि दिल्ली में स्टूडेंटस मौज मस्ती में ज्यादा व्यस्त रहते हैं और कोटा में एग्जाम प्रेशर बहुत ज्यादा होता है तो हाल के वर्षों में सीकर शहर इस सूची में टॉप में आ गया है। खासतौर पर वहाँ मैट्रिक्स जैसे कोचिंग सेंटर ने टॉप लेवल का प्रदर्शन किया है जिस कारण वह इस लिस्ट में टॉप पर आ गया है। इसलिए अगर आप सही कोचिंग का चुनाव करते हैं तो आपके नीट एग्जाम क्लियर करने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।

#6. दिन का टाइमटेबल बनाएं

अब जब आपने एक सही कोचिंग का चुनाव कर लिया है तो उसी के साथ-साथ अपने पूरे दिन का सही टाइमटेबल बनाया जाना भी जरुरी हो जाता है। इसके तहत आपको कितने बजे सोना है, कब उठना है, कितनी देर पढ़ना है, कोचिंग का टाइम क्या है, सेल्फ स्टडी कितनी देर और कब से कब तक करनी है, आराम कब करना है, इत्यादि सब आना चाहिए।

अगर आपका टाइमटेबल सेट होगा और आप रोजाना उसी को फॉलो करेंगे तो यकीन मानिए आप अपने साथ के कई स्टूडेंट्स से आगे निकल जाएंगे। यह आपको अनुशासित करेगा और ध्यान भटकने से भी रोकेगा। इसलिए स्ट्रिक्ट टाइमटेबल बनाएं और उसे डेली फॉलो भी करें।

#7. अपने स्टडी डाउट क्लियर करें

अब जब आप नीट एग्जाम की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) कर रहे हैं तो हर दिन आपको कुछ ना कुछ डाउट होते होंगे। यह डाउट किसी टॉपिक को लेकर या किसी प्रश्न को हल करते हुए हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपने सभी तरह के डाउट नियमित रूप से सोल्व करवाने की जरुरत है अन्यथा यह यूँ के यूँ ही पड़े रह जाते हैं।

जो स्टूडेंट्स अपने सभी डाउट समय रहते सोल्व करवा लेते हैं उन्हें चीजें जल्दी क्लियर होती है। मैट्रिक्स सीकर और एलन कोटा में स्पेशल इसी चीज़ को ध्यान में रखकर अलग से डाउट सेंटर बनाए गए हैं। इन डाउट सेंटर में जाकर स्टूडेंट्स किसी भी समय अपने डाउट को क्लियर कर सकते हैं।

#8. टाइम मैनेजमेंट है बहुत जरुरी

टाइमटेबल बनाने के साथ ही टाइम मैनेजमेंट अर्थात समय का प्रबंधन किया जाना भी बहुत जरुरी होता है। यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि कुछ स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो पढ़ते-पढ़ते कहीं और ध्यान दे रहे होते हैं या कुछ और सोच रहे होते हैं और इस कारण उनका सारा टाइम इसी में ही निकल जाता है।

साथ ही वे एक चीज़ को करने में या समझने में बहुत समय लगा देते हैं जिस कारण टाइमटेबल भी बिगड़ता है और आपकी योजना भी धरी की धरी रह जाती है। यह आपके पूरे काम को बुरे तरीके से प्रभावित करता है। इसलिए टाइम का पूरा ध्यान रखें और अपना ध्यान भटकने से रोकें। दोस्तों के साथ मस्ती करना ठीक है लेकिन एक लिमिट तक अन्यथा उनका तो नुकसान हो ही रहा है, साथ में आपका भी।

#9. मॉक टेस्ट देते रहें

नीट एग्जाम जल्द से जल्द क्लियर करना है तो आपको समय-समय पर मॉक टेस्ट या प्रैक्टिस टेस्ट देते रहना चाहिए। इससे आप एग्जाम के लिए अच्छे से तैयार हो पाते हैं। हर टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट हर महीने और आखिर में तो हर सप्ताह मॉक टेस्ट लेता है ताकि स्टूडेंट्स की तैयारी में किसी तरह की कमी ना रहने पाए।

इसलिए आप जिस भी कोचिंग सेंटर में एडमिशन लेने जा रहे हैं, उसके बारे में अच्छे से रिसर्च अवश्य कर लें। आप वहाँ के ओल्ड स्टूडेंट्स से बात कर सकते हैं, नेट में उनके बारे में पढ़ सकते हैं, उनके रिव्यु देख सकते हैं, वहाँ के पहले के मॉक टेस्ट को पढ़ सकते हैं, अपने जानने वालों से पूछ सकते हैं।

#10. रिवीजन भी है बहुत जरुरी

यह एक ऐसा पॉइंट है या एक ऐसी चीज़ है जो आपकी बहुत मदद करेगी। दरअसल होता यह है कि स्टूडेंट ऊपर के सभी पॉइंट को फॉलो करता हुआ नीट की तैयारी करता रहता है लेकिन वह पुराना पढ़ा हुआ भूलता भी चला जाता है। अब इतना पढ़ने का क्या ही लाभ हुआ जब आप पुरानी पढ़ी हुई चीज़ को भूलते चले जाते हैं। इससे तो आपको आगे वही चीज़ फिर से पढ़नी पढ़ेगी।

तो इस स्थिति से बचने का सबसे सही उपाय है, समय रहते उनकी रिवीजन किया जाना। इसके लिए आप हर सप्ताह में एक दिन या हर दिन एक घंटा निर्धारित करें कि आप पुरानी पढ़ी हुई चीज़ की अच्छे से रिवीजन करेंगे। साथ ही हर महीने में भी एक दिन रिवीजन का जरुर रखें जब आप पूरे महीने की पढ़ाई का रिवीजन करेंगे।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख में आपने नीट एग्जाम की तैयारी (NEET Ki Taiyari Kaise Kare) करने के ऊपर पूरी जानकारी ले ली है। यहाँ हम एक बार फिर दोहरा दें कि एक सही कोचिंग का चुनाव आपकी नीट की तैयारियों को एक नई उड़ान दे सकता है, वहीं गलत कोचिंग का चुनाव आपको भ्रमित कर सकता है।

इसलिए टॉप लेवल के नीट कोचिंग सेंटर का ही चुनाव करें। इससे आपको तेज गति से तैयारी करने में बहुत मदद मिलेगी। सीकर का मैट्रिक्स नीट डिविजन या फिर कोटा का एलन इंस्टीट्यूट इसमें आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। मैट्रिक्स अकैडमी में तो करियर काउंसलिंग की सुविधा भी दी जाती है जो आपके लिए शुरूआती तौर पर बहुत जरुरी होती है।

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12वीं के बाद साइंस में करियर विकल्प

आज हम बात करने जा रहे हैं 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम में उपलब्ध तरह-तरह के करियर विकल्प के बारे (12th ke baad kya kare science student) में। पहले स्टूडेंट्स के पास इतने विकल्प नहीं हुआ करते थे या फिर यूँ कहें कि उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता नहीं होता था। ऐसे में अधिकतर स्टूडेंट्स बस कुछ एक विकल्प को ही चुनते थे।

अब जब आज के समय में सोशल मीडिया, इंटरनेट इत्यादि सब आ चुका है तो स्टूडेंट्स को भी सब जानकारी आसानी से मिल जा रही है। अब आप हमारा यह आर्टिकल ही ले लीजिए।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बारहवीं के बाद साइंस स्ट्रीम में क्या कुछ करियर विकल्प हो सकते हैं, उसके बारे में समुचित जानकारी देने वाले (12th science ke baad course list) हैं। चलिए जानते हैं।

12वीं के बाद साइंस में करियर विकल्प

किसी भी स्टूडेंट के दौर में सबसे पहला महत्वपूर्ण पड़ाव आता है दसवीं के बाद। वह इसलिए क्योंकि दसवीं के बाद उसे 4 स्ट्रीम में से एक स्ट्रीम का चुनाव करना होता है। यह चार स्ट्रीम होती है मेडिकल, नॉन मेडिकल, कॉमर्स और आर्ट्स। अब कुछ स्टूडेंट किसी का चुनाव करते हैं तो कुछ किसी का। यह चुनाव स्टूडेंट की अपनी पसंद, उसके नंबर और फैमिली बैकग्राउंड इत्यादि पैरामीटर को ध्यान में रखकर किया जाता है।

अब इन चार स्ट्रीम में से दो स्ट्रीम को साइंस से जुड़ा माना जाता है। वह स्ट्रीम है मेडिकल और नॉन मेडिकल। ऐसे में जिन भी स्टूडेंट्स ने दसवीं के बाद मेडिकल या नॉन मेडिकल ली है और बारहवीं इसी में की है तो आज का यह आर्टिकल उनके लिए ही लिखा गया है।

यहाँ हम एक-एक करके आपको उन सभी करियर विकल्प के बारे में बताएँगे जिसे आप बारहवीं में साइंस स्ट्रीम को पास करने के बाद चुन सकते (12th ke baad kya kare science student) हैं। आइए शुरू करते हैं।

#1. मेडिकल स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स के लिए

सबसे पहले बात करते हैं 12वीं में साइंस स्ट्रीम के तौर पर बायोलॉजी को स्पेशल सब्जेक्ट चुनने वाले स्टूडेंट्स के बारे (12th Ke baad Kya Kare Science student PCB) में। दरअसल बारहवीं में मेडिकल और नॉन मेडिकल के स्टूडेंट्स में बस एक सब्जेक्ट का ही अंतर होता है और वह है बायोलॉजी या मैथ्स।

अब जो स्टूडेंट बायोलॉजी लेते हैं उन्हें मेडिकल स्टूडेंट कहा जाता है तो जो स्टूडेंटस मैथ्स लेते हैं उन्हें नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स कहा जाता है। बाकी सब्जेक्ट्स एक जैसे ही होते हैं जिन्हें हम फिजिक्स, केमिस्ट्री, इंग्लिश व एक एक्स्ट्रा सब्जेक्ट के तौर पर जानते हैं। ऐसे में मेडिकल स्ट्रीम वाले साइंस स्टूडेंट्स के लिए कुछ चुनिंदा करियर विकल्प इस प्रकार हैं:

  • MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी): डॉक्टर बनने का सबसे प्रसिद्ध करियर विकल्प।
  • BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी): डेंटिस्ट बनने का विकल्प।
  • BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी): आयुर्वेद में रुचि रखने वालों के लिए।
  • BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी): होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए।
  • BPT (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी): फिजियोथेरेपी में करियर।

मेडिकल फील्ड में जाने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स का आगे का लक्ष्य डॉक्टर बनने का ही होता है। इसके लिए मुख्य तौर पर नीट की तैयारी की जाती है। नीट एक सरकारी एग्जाम है जिसकी फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test) होती है। यह एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा आयोजित करवाया जाता है।

इस एग्जाम के जरिए देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS या BDS जैसे कोर्स में एडमिशन लिया जाता है। ऐसे में आपको अगर डॉक्टर बनना है और उसके लिए देश के टॉप सरकारी कॉलेज में एडमिशन चाहिए तो उसके लिए नीट एग्जाम की तैयारी करना जरुरी होता है। देश के कुछ टॉप नीट कोचिंग सेंटर के नाम मैट्रिक्स नीट डिविजन सीकर, गुरुकृपा सीकर, आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि है।

इसके अलावा आप देश के प्राइवेट कॉलेज में भी एडमिशन ले सकते (12th Ke baad Kya Kare Science student PCB) हैं। यहाँ तक की कुछ स्टूडेंट्स तो विदेश में जाकर भी इसकी पढ़ाई करते हैं। हालाँकि देश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य सबसे उज्जवल माना जाता है। यही कारण है कि मेडिकल स्ट्रीम के अधिकतर स्टूडेंट्स के द्वारा नीट की तैयारी की जाती है।

#2. नॉन मेडिकल वाले स्टूडेंट्स के लिए

अब जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं में सब्जेक्ट्स के तौर पर मैथ को चुना था, उन्हें नॉन मेडिकल स्ट्रीम का कहा जाता (12th ke Baad Kya Kare Science student PCM) है। हालाँकि होते तो दोनों ही साइंस स्ट्रीम के हैं लेकिन मैथ वाले नॉन मेडिकल कहे जाते हैं। अब यह इसके नाम से ही पता चल जाता है कि यह मेडिकल की पढ़ाई ना होकर अलग पढ़ाई होती है।

नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स के द्वारा जिस स्ट्रीम को सबसे मुख्य तौर पर चुना जाता है, वह इंजीनियरिंग होता है। हालाँकि आज के समय में स्टूडेंट्स के पास और भी कई तरह के करियर विकल्प होते हैं जिनके बारे में पहले इतना पता नहीं होता था या जानकारी कम थी। ऐसे में आइए जाने बारहवीं के बाद नॉन मेडिकल के तौर पर आप किन-किन करियर विकल्प का चुनाव कर सकते हैं:

  • B.Tech (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी): इंजीनियरिंग की डिग्री जो सबसे लोकप्रिय विकल्प है।
  • B.Arch (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर): आर्किटेक्ट बनने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए।
  • B.Sc (बैचलर ऑफ साइंस): साइंस के विभिन्न विषयों में एक्सपर्ट बनना।
  • BCA (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन): आईटी क्षेत्र में करियर।
  • Commercial Pilot: पायलट बनने के लिए।

नॉन मेडिकल में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का मुख्य लक्ष्य किसी ना किसी विषय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना होता है। जिस प्रकार डॉक्टर बनने के लिए तरह तरह के कोर्स होते हैं और उसके तहत आप अलग-अलग फील्ड में डॉक्टर बनते हैं, ठीक उसी तरह इंजीनियरिंग में भी कई तरह के विकल्प होते हैं। आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं:

  • कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE)
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)
  • सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE)
  • इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)
  • केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering)
  • बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Biotechnology Engineering)
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)
  • एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (Agricultural Engineering)
  • इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग (Instrumentation Engineering)
  • पेट्रोलियम इंजीनियरिंग (Petroleum Engineering)
  • मरीन इंजीनियरिंग (Marine Engineering)
  • माइनिंग इंजीनियरिंग (Mining Engineering)
  • मटेरियल साइंस इंजीनियरिंग (Material Science Engineering)
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (Industrial Engineering)
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग (Automobile Engineering)
  • टेक्सटाइल इंजीनियरिंग (Textile Engineering)
  • प्रोडक्शन इंजीनियरिंग (Production Engineering)
  • एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering)

इस तरह से आपके पास इंजीनियरिंग में भी कई तरह के करियर विकल्प होते हैं। इनमें से हमने लगभग हर इंजीनियरिंग विकल्प को आपके सामने रख दिया है। अब इसके लिए स्टूडेंट्स की पहली पसंद IIT कॉलेज होते हैं जो देश के टॉप सरकारी कॉलेज होते हैं। इसमें एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को JEE एग्जाम की तैयारी करनी होती है।

JEE की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम होती है जिसे भारत सरकार के द्वारा आयोजित करवाया जाता है। आज के समय में इसमें बहुत ज्यादा कम्पटीशन होता है और इसके लिए स्टूडेंट्स के द्वारा बेहतर से बेहतर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई की जाती (12th ke Baad Kya Kare Science student PCM) है।

वह इसलिए क्योंकि उनका लक्ष्य ना केवल अपनी पसंद के IIT कॉलेज में एडमिशन लेना होता है बल्कि अपनी पसंद की इंजीनियरिंग स्ट्रीम का चुनाव करना भी होता है। ऐसे में देश के कुछ टॉप JEE कोचिंग सेंटर के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, एलन कोटा, रेजोनेंस अकैडमी इत्यादि है। वैसे तो हर शहर में दर्जनों कोचिंग इंस्टीट्यूट खुले हैं लेकिन टॉप कोचिंग संस्थान में आपको एक्सपर्ट गाइडेंस मिल सकती है।

#3. साइंस स्ट्रीम से जुड़े कुछ अन्य करियर विकल्प

अब बात करते हैं उन स्टूडेंट्स के बारे में जिन्होंने बारहवीं में साइंस स्ट्रीम के तौर पर मेडिकल और नॉन मेडिकल दोनों को ही चुना था। दरअसल सभी मेडिकल या नॉन मेडिकल के कॉमन सब्जेक्ट के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री और इंग्लिश को पढ़ना होता है। अब मेडिकल स्टूडेंट्स को बायोलॉजी और नॉन मेडिकल को मैथ लेनी होती है।

इनके अलावा पांचवें सब्जेक्ट के तौर पर ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है। इसमें कई तरह के ऑप्शन होते हैं जो बोर्ड या राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। अब इस एक्स्ट्रा सब्जेक्ट के तौर पर मेडिकल वाले मैथ भी ले सकते हैं तो वहीं नॉन मेडिकल वाले बायोलॉजी भी ले सकते हैं। ऐसे में वे स्टूडेंट्स ऊपर बताए गए सभी करियर ऑप्शन ले सकते हैं और उसके अलावा भी कुछ और करियर विकल्प उनके पास हैं। जैसे कि:

  • Pharmacy (B.Pharm): फार्मास्युटिकल क्षेत्र में करियर।
  • Forensic Science: फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनना।
  • Biotechnology: जैव इंजीनियरिंग में करियर।
  • Data Science: डाटा एनालिसिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में करियर।
  • Scientist: वैज्ञानिक के तौर पर किसी क्षेत्र में रिसर्च करना।
  • अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science): खगोलशास्त्र और अंतरिक्ष अन्वेषण में करियर।

अब यह एक ऐसी फील्ड है जिसे ज्यादातर सभी साइंस वाले स्टूडेंटस अपने करियर विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं। हालाँकि आपने अगर मेडिकल ली है तो फार्मेसी या फॉरेंसिक साइंस जैसे करियर विकल्प आपके लिए बेस्ट हो सकते हैं तो वहीं नॉन मेडिकल वालों के लिए डाटा साइंस या बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स इनमें भी अपना करियर बना रहे हैं। इसके लिए डॉक्टर जैसी स्पेशल पढ़ाई करने या इतनी मेहनत किए जाने की भी जरुरत नहीं होती है। वहीं जो बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग है वह बाकी इंजीनियरिंग के जैसी ही होती है और इसके लिए आपको JEE एग्जाम की ही तैयारी करनी होती है।

#4. नॉन साइंस करियर विकल्प

अब बात करते हैं कुछ ऐसे करियर विकल्प की जिसमें आपको अपनी स्ट्रीम से हटकर कुछ ऑप्शन मिलते हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो बारहवीं में स्ट्रीम तो साइंस की लेते हैं लेकिन उसके बाद करियर विकल्प के तौर पर नॉन साइंस का चुनाव करते हैं।

ऐसे में आप 12वीं में साइंस लेकर उसके बाद नॉन साइंस करियर में अपना भविष्य आजमाना चाहते हैं तो आपके पास कुछ इस तरह के करियर विकल्प हो सकते हैं:

  • Defence (NDA, CDS): सेना में करियर।
  • Animation & Multimedia: ग्राफिक्स, एनीमेशन, और मल्टीमीडिया।
  • साइबर सुरक्षा (Cyber Security): डाटा और इनफार्मेशन की सुरक्षा करना, खासकर डिजिटल मीडिया में।
  • डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing): ऑनलाइन मार्केटिंग और ब्रांडिंग का क्षेत्र जो मॉडर्न बिज़नस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • टीचर बनना: अपनी फील्ड के स्टूडेंट्स को पढ़ाना या किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट या कॉलेज को ज्वाइन करना।

यहां पर हमने कुछ ऐसे करियर विकल्प दिए हैं जो साइंस से जुड़े हुए हैं भी और नहीं भी। कहने का मतलब यह हुआ कि यह कुछ ऐसे करियर ऑप्शन है जो आपको प्रॉपर तौर पर साइंस स्ट्रीम में तो नहीं लेकर जाएंगे लेकिन इसमें आपकी पढ़ाई जरुर काम आएगी।

उदाहरण के तौर पर आपको अगर टीचर बनना है तो उसमें सब्जेक्ट का चुनाव आप अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं। अब अगर आपको साइंस में किसी एक सब्जेक्ट में ज्यादा इंटरेस्ट था तो आप उसी सब्जेक्ट को ही पढ़ाने का करियर विकल्प चुन सकते हैं। वहीं आप डिफेंस जैसे उच्च करियर विकल्प को भी चुन सकते हैं।

#5. गवर्नमेंट जॉब्स भी है एक करियर विकल्प

12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम से करियर विकल्प (12th science ke baad course list) के तौर पर सबसे आखिरी लेकिन अच्छा करियर विकल्प है गवर्नमेंट जॉब की तैयारी करना। आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन आज के समय में चाहे भारत सरकार की नौकरी हो या राज्य सरकार की नौकरी, वहाँ पर सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स में से आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स साइंस स्ट्रीम के ही हैं।

अब वह नौकरी चाहे आईएस की हो या आईएफएस की या फिर पटवारी या तहसीलदार की। हर तरह की सरकारी नौकरी में साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए आप चाहें तो आप भी इसमें अपना करियर बना सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको जमकर मेहनत करनी होगी। साथ ही किसी भी क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री भी लेनी होगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में हमने आपके सामने 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम के करियर विकल्प के तौर पर लगभग सभी तरह के विकल्प रख दिए हैं। इसमें हमने मेडिकल और नॉन मेडिकल के लिए अलग से करियर विकल्प दिए तो वहीं दोनों स्ट्रीम को लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी करियर विकल्प (12th ke baad kya kare science student) दिए। इसी के साथ ही आपको नॉन साइंस या पूरी तरह से अलग वाले करियर विकल्प भी पढ़ने को मिले।

साइंस स्ट्रीम वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स 12वीं के बाद और बहुत तो दसवीं के बाद ही अपने करियर पर ध्यान देने लग जाते हैं। इसके लिए वे नीट या JEE की कोचिंग लेते हैं क्योंकि गवर्नमेंट के टॉप मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए बहुत तगड़ा कम्पटीशन है। इसके लिए समय रहते कोचिंग ले ली जाए और उसके लिए सही कोचिंग का चुनाव कर लिया जाए तो यह आपके लिए ही सही रहता है।

अगर आप JEE या NEET की कोचिंग के लिए भारत के टॉप कोचिंग सेंटर के बारे में जानना चाहते हैं तो उनमें से कुछ चुनिंदा नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, आकाश इंस्टीट्यूट, रेजोनेंस अकैडमी, एलन कोटा, गुरुकृपा सीकर इत्यादि है। मैट्रिक्स और एलन जैसे कोचिंग सेंटर में तो 12वीं के बाद स्टूडेंट्स को सही करियर विकल्प चुनने के लिए एक्सपर्ट गाइडेंस और मेंटरशिप की सुविधा भी दी जाती है।

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सीकर में NEET कोचिंग फीस: आपके बजट में बेस्ट विकल्प

Sikar NEET Coaching Fees: क्या आप नीट की तैयारी करने को इच्छुक हैं और उसके लिए एक बेस्ट विकल्प की तलाश में हैं। देखने को तो सीकर शहर में नीट के दर्जनों कोचिंग इंस्टीट्यूट खुले हुए हैं लेकिन उनमें से कुछ एक ही बेहतर हैं। अब डॉक्टर बनने के लिए ना सिर्फ बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरुरत होती है बल्कि उसके लिए बहुत सारा पैसा भी बहाना पड़ता है।

इसे हम इस तरह से कहें कि डॉक्टर की पढ़ाई में पैसा पानी की तरह बहता है। यही कारण है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे नीट को जल्दी से जल्दी और अच्छे नंबर से क्रैक कर (NEET Coaching Fees Sikar) लें ताकि उनका गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन हो जाए। पहली बात तो गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की फीस प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की तुलना में बहुत कम होती है और दूसरा वहाँ की पढ़ाई भी टॉप लेवल की होती है।

अब यह तो हो गई बाद की बात। उससे पहले तो आपको नीट की तैयारी करनी होती है और उसके लिए किसी ना किसी कोचिंग सेंटर से जुड़ना होता (Sikar Coaching Fees For NEET) है। अब सीकर में नीट के कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस की बात की जाए तो इसको लेकर कई पेरेंट्स और यहाँ तक कि स्टूडेंट्स के माथे पर भी पसीना आ जाता है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम सीकर के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट और वहाँ के फीस स्ट्रक्चर का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे। इससे आप बेहतर तरीके से अपना निर्णय ले पाएंगे कि आपके लिए सीकर का कौन सा कोचिंग संस्थान बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

Sikar NEET Coaching Fees | सीकर में नीट कोचिंग फीस

यहाँ हम ना केवल सीकर के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच फीस को लेकर तुलनात्मक अध्ययन करेंगे बल्कि साथ ही आपको कई अन्य मापदंडों के आधार पर भी बताएँगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि मान लीजिए कि एक इंस्टीट्यूट कम फीस ले रहा हो और दूसरा ज्यादा लेकिन पहले वाला कम फीस के नाम पर सुविधाएँ भी नामात्र या घटिया क्वालिटी की दे रहा हो जबकि दूसरे वाला वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी तो आप किसे चुनेंगे?

आपका जवाब अवश्य ही दूसरे वाला होगा क्योंकि कम फीस देकर कुछ नहीं सीखने से बेहतर है ज्यादा फीस देकर अच्छा सीखना। वह इसलिए क्योंकि पहले वाले में आपके पैसे अवश्य ही कम लगेंगे लेकिन उसका क्या ही फायदा जब रिजल्ट ही अच्छा ना रहे। इससे आपका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद होंगे।

वहीं यहाँ पर एक बात पर और ध्यान देना जरुरी (Sikar Coaching Fees NEET) है। वह यह है कि एक इंस्टीट्यूट बहुत ज्यादा फीस ले रहा है लेकिन दूसरे वाला कम। अब पहले वाले में कहने के नाम पर अनावश्यक सुविधाएँ हैं जबकि दूसरे वाले में सब जरुरत वाली सुविधाएँ, तो आप अवश्य ही इसमें दूसरे वाला चुनेंगे।

तभी हम आपको टॉप नीट इंस्टीट्यूट के फीस स्ट्रक्चर के साथ-साथ वहाँ मिलने वाली अन्य सुविधाओं के आधार पर तुलना करके बताएँगे। ऐसे में पहले हम आपके सामने एक टेबल रखने जा रहे हैं जिससे आपको मोटे तौर पर सीकर के नीट फीस स्ट्रक्चर (Sikar NEET Coaching Fees) का आईडिया हो सके।

नीट इंस्टीट्यूट का नाम लगभग वार्षिक फीस बैच साइज एडमिशन प्रोसेस फैसिलिटी एक्स्ट्रा फैसिलिटी स्कॉलरशिप
Matrix Academy ₹85,000 – ₹1,20,000 70-90 स्टूडेंट्स का बैच मैरिट पर आधारित छोटे बैच, स्पेशल टेस्ट सीरीज़, डाउट सेंटर्स, 365 दिन खुला, स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन क्लासेज, मेंटरशिप पर्सनल गाइडेंस, टेस्ट रिव्यू, ऑनलाइन टेस्ट, मोबाइल ऐप सपोर्ट, डिजिटल लर्निंग हां, 90% तक
ALLEN Career Institute ₹1,00,000 – ₹1,50,000 100-120 स्टूडेंट्स का बैच टेस्ट पर आधारित स्टडी मटेरियल, टेस्ट सीरीज़, डाउट सेशन ऑनलाइन टेस्ट, मोबाइल ऐप सपोर्ट हां, 50% तक
Aakash Institute ₹90,000 – ₹1,30,000 80-100 स्टूडेंट्स का बैच प्रवेश परीक्षा या डायरेक्ट मॉक टेस्ट, स्टडी मटेरियल, कस्टमाइज्ड लर्निंग डिजिटल ट्यूटोरियल, वीडियो लेक्चर हां, 70% तक
Resonance ₹1,00,000 – ₹1,40,000 120 स्टूडेंट्स का बैच डायरेक्ट एडमिशन वीकली टेस्ट, स्टडी मटेरियल, मेंटरिंग डिजिटल लर्निंग, करियर काउंसलिंग हां, 50% तक
Toppers Academy ₹80,000 – ₹1,20,000 50-70 स्टूडेंट्स का बैच ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन क्लासेज, स्टडी मटेरियल पर्सनल गाइडेंस, लाइव सेशन हां, 30% तक

ऊपर हमने आपको सीकर के टॉप 5 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस और वहाँ मिल रही सुविधाओं के बीच में एक तुलनात्मक टेबल उपलब्ध करवा दी है। अब हम एक-एक करके इन कोचिंग सेंटर्स के बारे में आपको बता देते (Sikar Coaching Fees For NEET) हैं।

#1. मैट्रिक्स अकैडमी, सीकर

मैट्रिक्स अकैडमी में नीट के साथ-साथ IIT JEE की भी तैयारी करवाई जाती है। ऐसे में उनकी दोनों ब्रांच को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। मैट्रिक्स अकैडमी में नीट की तैयारी मैट्रिक्स नीट डिविजन (Matrix NEET Division) के तहत करवाई जाती है। अब मैट्रिक्स अकैडमी में जो कुछ सुख-सुविधाएँ हैं, वह इस प्रकार है:

  • मैट्रिक्स में लगभग सभी तरह की फैसिलिटी दी जाती है जो किसी स्टूडेंट को नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए जरुरी होती है।
  • इसमें कस्टमाइज्ड स्टडी मटेरियल के साथ-साथ डिटेल्ड स्टडी मटेरियल की जरुरत सबसे ज्यादा होती है जिसको मैट्रिक्स ने बेहतर रूप से तैयार किया हुआ है।
  • मैट्रिक्स की जो चीज़ इसे बाकियों से अलग बनाती है, वह है यहाँ के डाउट सेंटर्स और साल के हर दिन अपने स्टूडेंट्स के लिए खुला रहना।
  • मैट्रिक्स के डाउट सेंटर्स में स्टूडेंट्स कभी भी अपने डाउट ले जाकर पूछ सकते हैं। अगर स्टूडेंट्स के डाउट टाइम टू टाइम क्लियर होते रहते हैं तो उनकी तैयारी में कोई रूकावट नहीं आती है।
  • वहीं साल के हर दिन खुले रहना भी अपने आप में एक अनोखा प्रयोग है। एक तरह से हर छुट्टी, त्यौहार वाले दिन भी मैट्रिक्स अपने स्टूडेंट्स के लिए कभी बंद नहीं होता है।
  • मैट्रिक्स में स्टूडेंट्स के बैच भी बाकी नीट इंस्टीट्यूट की तुलना में छोटे रखे जाते हैं। इससे टीचर अपने स्टूडेंट्स पर बेहतर तरीके से ध्यान दे पाता है।
  • इसके अलावा मोबाइल ऐप पर हर अपडेट मिलना, डिजिटल लर्निंग, ऑनलाइन टेस्ट एंड सेशन इत्यादि हर जरुरी फैसिलिटी मैट्रिक्स नीट डिविजन के तहत दी जाती है।

अब सबसे मजेदार बात यह है कि लगभग सभी तरह की फैसिलिटी देकर भी मैट्रिक्स की फीस ना तो बहुत ज्यादा है और ना ही एकदम कम। एक तरह से आपके बजट में बेस्ट विकल्प के तौर पर मैट्रिक्स ही सबसे पहले नंबर पर आता (Matrix Sikar NEET Fees) है। यही कारण है कि वह इस लिस्ट में भी टॉप पर बना हुआ है।

#2. एलन सीकर

एलन का नाम तो आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। वह इसलिए क्योंकि एलन अब से नहीं बल्कि कई वर्षों से नीट की कोचिंग दे रहा है। उसका यह नाम एक दिन में नहीं बल्कि कई वर्षों की मेहनत के बाद बना है। शुरुआत एलन कोटा से हुई थी लेकिन देखते ही देखते इसकी ब्रांच अन्य कई शहरों में भी खुलती चली गई। आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • एलन ने कई वर्षों की मेहनत से अपना स्टडी मटेरियल तैयार किया हुआ है जिसका कोई तोड़ नहीं है। एक तरह से इनका स्टडी मटेरियल बहुत अच्छा है।
  • एलन में भी मैट्रिक्स की तरह ही डाउट सेशन रखे जाते हैं जहाँ जाकर स्टूडेंट्स अपने डाउट क्लियर करते हैं।
  • यहाँ पर समय-समय पर टेस्ट लिए जाते रहते हैं। हालाँकि आज के समय में हर टॉप कोचिंग सेंटर टाइम टू टाइम टेस्ट लेता रहता है।
  • एलन की मोबाइल ऐप भी है जहाँ पर स्टूडेंट्स को हर तरह का अपडेट मिलता रहता है।
  • साथ ही यहाँ पर ऑनलाइन टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है।

वैसे तो एलन नीट की कोचिंग देने में एक बहुत बड़ा ब्रांड है लेकिन वहाँ की फीस अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट की तुलना में बहुत ज्यादा है। साथ ही ज्यादा नाम होने के कारण वहाँ स्टूडेंट्स भी बहुत ज्यादा होते हैं और टीचर कम। इस कारण वहाँ के एक-एक बैच में भर-भर कर स्टूडेंट्स को लिया जाता है।

#3. आकाश इंस्टीट्यूट, सीकर

एलन की तरह ही आकाश भी देशभर में अपनी ब्रांच के लिए जाना जाता है। इनकी ब्रांच भी आपको हर बड़े शहर में देखने को मिल जाएगी जहाँ हजारों स्टूडेंट्स तैयारी कर रहे होते हैं। ऐसे में आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • आकाश में अधिकतर स्टूडेंट्स को बिना किसी टेस्ट के डायरेक्ट ले लिया जाता है। एक तरह से यहाँ पर हर तरह का स्टूडेंट एडमिशन ले सकता है।
  • यहाँ की मुख्य सुविधा है सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध होना। कहने का मतलब यह हुआ कि आकाश का पूरा स्टडी मटेरियल, लेक्चर इत्यादि ऑनलाइन मिल जाएंगे।
  • ऐसे में आप एक साथ कई टीचर के लेक्चर और स्टडी मटेरियल ऑनलाइन देख सकते हैं और तैयारी कर सकते हैं।
  • यहाँ पर हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है ताकि अगर कोई स्टूडेंट अपनी क्लास मिस कर देता है तो बाद में उसे देखकर पढ़ सके।
  • यहाँ की स्टडी भी कस्टमाइज्ड तरीके से करवाई जाती है ताकि स्टूडेंट स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ सके।

आकाश की फीस तो मॉडरेट है लेकिन यहाँ भी एलन की तरह एक बैच में कई स्टूडेंट्स होते हैं। साथ ही आकाश इंस्टीट्यूट ऑनलाइन स्टडी पर ज्यादा फोकस करता है जिस कारण स्टूडेंट टीचर का ज्यादा संपर्क नहीं हो पाता है। इस कारण स्टूडेंट्स के डाउट पेंडिंग रह जाते हैं।

#4. रेजोनेंस अकैडमी, सीकर

रेजोनेंस भी एक जाना पहचाना नाम है जिसने हाल ही के वर्षों में अपना बहुत नाम कमाया है। इसका कारण है यहाँ का अच्छा रिजल्ट और स्टूडेंट्स का रेजोनेंस पर भरोसा।

  • रेजोनेंस अकैडमी में ज्यादातर डायरेक्ट एडमिशन ही होता है। इस कारण यहाँ भी कोई भी स्टूडेंट एडमिशन ले सकता है।
  • यहाँ पर स्टूडेंट्स का वीकली अर्थात साप्ताहिक तौर पर टेस्ट लिया जाता है जो उन्हें एग्जाम के लिए तैयार करता है।
  • यहाँ पर स्टूडेंट्स की टाइम टू टाइम मेंटरिंग की जाती है और पर्सनल गाइडेंस दी जाती है।

रेजोनेंस भी एक अच्छी अकैडमी है लेकिन यहाँ पर एक बैच में लगभग 120 या इससे भी ज्यादा स्टूडेंट्स होते हैं। साथ ही यहाँ की फीस भी अपेक्षाकृत थोड़ी ज्यादा है।

#5. टॉपर्स अकैडमी, सीकर

यह भी आकाश की तरह ही ऑनलाइन स्टडी पर ज्यादा ध्यान देती है। हालाँकि आज के समय में इसका नाम भी बहुत प्रचलन में आ गया है, आइए जाने।

  • यहाँ की फीस कुछ ज्यादा नहीं है। जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर होती है, वे अवश्य ही इस अकैडमी को चुनते हैं।
  • इस अकैडमी में स्टूडेंटस के बैच भी छोटे ही रखे जाते हैं जिस कारण टीचर अपने स्टूडेंट्स पर सही से ध्यान दे पाते हैं।
  • हालाँकि यहाँ मिलने वाली फैसिलिटी भी बहुत ही कम है। जहाँ अन्य 4 नीट इंस्टीट्यूट तरह-तरह की फैसिलिटी देते हैं तो वहीं टॉपर्स अकैडमी में इतनी फैसिलिटी नहीं है।

एक तरह से यहाँ आपको स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन सेशन, पर्सनल गाइडेंस इत्यादि दी जाती है जो लगभग हर टॉप नीट इंस्टीट्यूट दे देता है। हालाँकि यह अकैडमी सीकर की बाकी नीट अकैडमी से अच्छी है तभी यह टॉप 5 में आती है।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको सीकर में नीट कोचिंग फीस के स्ट्रक्चर (Sikar NEET Coaching Fees) और टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर्स के बीच में तुलनात्मक अध्ययन करके दे दिया है। अगर आप बजट के अंदर बेस्ट विकल्प ढूंढ रहे हैं तो उसमें मैट्रिक्स सबसे बेस्ट विकल्प रहने वाला है।

वहीं ब्रांड वैल्यू के हिसाब से एलन, सबसे कम पैसों के हिसाब से टॉपर्स, ऑनलाइन स्टडी के हिसाब से आकाश और डायरेक्ट एडमिशन के हिसाब से रेजोनेंस बेटर ऑप्शन है। हालाँकि इस बात का जरुर ध्यान रखें कि जिस इंस्टीट्यूट में बैच साइज़ छोटा होता है, वहाँ पर अक्सर स्टूडेंट्स का सिलेक्शन जल्दी होता है।

वह इसलिए क्योंकि बैच में कम स्टूडेंट्स होने से स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच में ज्यादा कनेक्शन होता (Sikar Coaching Fees For NEET) है। अब अगर स्टूडेंट टीचर के लगातार संपर्क में बना रहता है तो उसे एक्सपर्ट गाइडेंस मिलती है, नई तरह की चीज़ों से वह अपडेटेड रहता है और उसके कोई भी डाउट अधूरे नहीं रहते।

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12वीं के बाद क्या करें? जाने 12वीं के बाद करियर ऑप्शन

एक स्टूडेंट के जीवन का सबसे मुख्य हिस्सा दसवीं और बारहवीं क्लास के बाद आता है। दसवीं के बाद उसे 4 स्ट्रीम में से किसी एक स्ट्रीम को चुनना होता है। इन 4 स्ट्रीम को नॉन मेडिकल, मेडिकल, कॉमर्स व आर्ट्स के नाम से जाना जाता है।

फिर इसके बाद असली परीक्षा 12वीं के बाद आती (Best career options after 12th in Hindi) है। वह इसलिए क्योंकि 12 वीं के बाद लिया गया निर्णय ही उसके आगे के करियर को बनाने या बिगाड़ने दोनों का काम कर सकता है। पहले के समय में तो ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हुआ करती थी। इस कारण स्टूडेंटस वही कर लेते थे जैसा कि बाकी सब कहते थे।

हालाँकि आज समय वैसा नहीं रहा (12th ke baad kya kare) है। अब इन्टरनेट पर सारी जानकारी उपलब्ध है। ऐसे में स्टूडेंट भी अपनी क्षमता, लेवल, रुचि इत्यादि को ध्यान में रखकर ही 12 वीं के बाद सही करियर विकल्प चुनता है। एक सही करियर विकल्प का चुनाव करना आपको बहुत तेज गति से उन्नति के रास्ते पर लेकर जाता है।

आज का हमारा यह लेख इसी विषय पर आधारित है। चलिए जानते हैं बारहवीं के बाद आपके पास क्या कुछ करियर विकल्प होते हैं।

12वीं के बाद करियर ऑप्शन

मुख्य रूप से 12वीं के बाद का करियर विकल्प आपके द्वारा दसवीं क्लास के बाद चुनी गई स्ट्रीम पर तय होता है। अब आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई चारों में से किस स्ट्रीम में की है, इस पर आपका बारहवीं के बाद का करियर विकल्प निर्भर करता है।

ऐसे में हम आपके सामने चारों तरह की स्ट्रीम के बाद किस-किस तरह के करियर विकल्प होते हैं, पहले उन्हें रख देते हैं। यहाँ हम आपके सामने चारों स्ट्रीम के मुख्य 10 करियर विकल्प (12th ke baad career option in Hindi) रखेंगे। चलिए जानते हैं:

#1. 12वीं के बाद साइंस में करियर

जिन स्टूडेंट्स ने अपनी बारहवीं की पढ़ाई नॉन मेडिकल से की है अर्थात जिनके मुख्य सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स थे, वे इन स्ट्रीम में से किसी एक को चुन सकते हैं:

  • बी.टेक (इंजीनियरिंग)
  • बी.आर्क (आर्किटेक्चर)
  • बीसीए (कंप्यूटर अनुप्रयोग)
  • एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी)
  • बी.एससी (भौतिकी, रसायन, गणित)
  • मर्चेंट नेवी
  • कमर्शियल पायलट
  • डाटा साइंस
  • रोबोटिक्स
  • एथिकल हैकिंग

इसमें से भी इंजीनियरिंग को मुख्य करियर विकल्प माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि इंजीनियरिंग में भी सब कैटेगरी होती है और वह भी कई सारी। जैसे कि कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, सिविल, मैकेनिकल, केमिकल इंजीनियरिंग इत्यादि।

#2. 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स

अब बात करते हैं उन स्टूडेंट्स की जिनके बारहवीं में मुख्य सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी थे। इसके तहत आप इनमें अपना करियर बना सकते हैं:

  • एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
  • बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
  • बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
  • बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
  • बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी)
  • बी.एससी नर्सिंग
  • फार्मेसी (बी.फार्म)
  • पशु चिकित्सा विज्ञान (बी.वी.एससी)
  • बीएमएलटी (मेडिकल लैब तकनीक में स्नातक)
  • बायोटेक्नोलॉजी

अब इसमें भी MBBS मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक प्रमुख करियर विकल्प है। इसके लिए आपको बहुत ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और तब जाकर आप एक सही डॉक्टर बन पाते हैं।

#3. 12वीं के बाद कॉमर्स में करियर

जिन स्टूडेंट्स ने दसवीं के बाद कॉमर्स स्ट्रीम ली थी या जिनके सब्जेक्ट्स अकाउंट्स, बिज़नेस, मैथ्स इत्यादि थे, उनके लिए यह सब करियर विकल्प होते हैं:

  • बी.कॉम (बैचलर ऑफ कॉमर्स)
  • बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)
  • सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंसी)
  • सीएस (कंपनी सेक्रेटरी)
  • सीएमए (कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंसी)
  • बीएमएस (बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज)
  • बीएचएम (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट)
  • अर्थशास्त्र में स्नातक
  • Actuarial साइंस
  • डिजिटल मार्केटिंग

अब इसमें भी बीकॉम कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए पहली पसंद होती है। हालाँकि इसे करने के लिए इतनी प्रतिस्पर्धा देखने को नहीं मिलती है। फिर भी देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन के लिए तैयारी तो करनी पड़ती ही है। वहीं बहुत से कॉमर्स स्टूडेंट्स सीए या सीएस बनने की भी तैयारी करते हैं।

#4. 12वीं के बाद आर्ट्स में करियर

आखिरी स्ट्रीम बच गई आर्ट्स की। अब इसमें सब्जेक्ट्स या विषय स्टूडेंट की रुचि पर निर्भर करते हैं। हालाँकि कुछ सब्जेक्ट्स कम्पलसरी होते हैं, जैसे कि अंग्रेजी, हिंदी इत्यादि। अब इसके करियर विकल्प इस प्रकार हैं:

  • बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स)
  • पत्रकारिता और जनसंचार
  • फैशन डिजाइनिंग
  • होटल मैनेजमेंट
  • मनोविज्ञान
  • कानून (एलएलबी)
  • समाज कार्य (बीएसडब्ल्यू)
  • फाइन आर्ट्स
  • यात्रा और पर्यटन
  • एनीमेशन और मल्टीमीडिया

आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए भी बीए सबसे पहली पसंद होती है। हालाँकि आज के समय में स्टूडेंट्स बाकी के करियर विकल्प भी चुनने लगे हैं।

12वीं के बाद क्या करें?

ऊपर आपने जाना कि दसवीं के बाद आपके द्वारा चुनी गई स्ट्रीम के अनुसार आप कौन-कौन से करियर विकल्प चुन सकते (12th ke baad kya kare) हैं। अब हम आपको बताएँगे कि बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स के द्वारा कौन से करियर विकल्प प्रमुख तौर पर चुने जाते हैं और उनके लिए तैयारी कहाँ से और कैसे की जाती है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि हम आपको बताएँगे कि बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स के द्वारा देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए कौन कौन से कोचिंग सेंटर की मदद ली जा सकती है।

#1. इंजीनियरिंग के लिए JEE

सबसे पहले बात करते हैं इंजीनियरिंग की। तो देशभर में इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज IIT होते हैं जिसकी फुल फॉर्म भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) होती है। इसमें एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को JEE जैसी कठिन परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है। JEE की फुल फॉर्म संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Examination) होती है।

अब अगर किसी स्टूडेंट को JEE क्रेक करना है तो उसे दसवीं के बाद से ही इसकी तैयारी में लग जाना चाहिए। बहुत से स्टूडेंट तो बारहवीं के बाद भी एक से दो वर्ष का गैप लेते हैं ताकि उन्हें देश की टॉप IIT में चुन लिए जाए। ऐसे में अगर आपको जल्द से जल्द JEE क्रैक कर टॉप IIT में एडमिशन लेना है तो उसके लिए जरुरी है देश के टॉप JEE कोचिंग सेंटर से पढ़ाई करना। आइए जाने देश के टॉप 5 JEE कोचिंग सेंटर के नाम।

  • मैट्रिक्स JEE अकैडमी (सीकर, राजस्थान)
  • एलन करियर इंस्टीट्यूट (कोटा, राजस्थान)
  • रेज़ोनेंस (कोटा, राजस्थान)
  • आकाश इंस्टीट्यूट (नई दिल्ली)
  • FIITJEE (नई दिल्ली)

आज के समय में सीकर का मैट्रिक्स इंस्टीट्यूट और कोटा का एलन पहले दो स्थान पर है जहाँ स्टूडेंट्स को टॉप लेवल की JEE कोचिंग दी जा रही है। कुछ वर्षों पहले तक एलन टॉप पर था लेकिन लगातार आए मैट्रिक्स अकैडमी के रिजल्ट ने इसे टॉप पर ला दिया है।

#2. डॉक्टर के लिए NEET

डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा दी जाती है। इसी के माध्यम से ही स्टूडेंट्स को देश के टॉप सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलता है। यदि सरकारी कॉलेज नहीं मिलता है तो फिर भारी भरकम फीस देकर प्राइवेट कॉलेज से MBBS की पढ़ाई करनी पड़ती है।

ऐसे में ज्यादातर मेडिकल स्टूडेंट्स का यही लक्ष्य होता है कि वे देश के टॉप गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लें। वहाँ भी उनका सिलेक्शन MBBS के लिए ही हो, यह भी एक चुनौती से कम नहीं है। अब इसके लिए भी हम आपको देश के टॉप 5 NEET कोचिंग सेंटर के नाम दे देते हैं:

  • मैट्रिक्स नीट डिविजन (सीकर, राजस्थान)
  • एलन करियर इंस्टीट्यूट (कोटा, राजस्थान)
  • आकाश इंस्टीट्यूट (नई दिल्ली)
  • फिजिक्स वाला (नोएडा)
  • नारायणा अकादमी (हैदराबाद)

JEE की कोचिंग की तरह ही नीट की कोचिंग देने में भी टॉप 2 नीट कोचिंग सेंटर में मैट्रिक्स और एलन का नाम सामने आता है। अब यदि आप आंकड़ों को निकाल कर देखेंगे तो अवश्य ही एलन के ज्यादा स्टूडेंट्स का नीट के एग्जाम में चयन हुआ है लेकिन अगर आप स्टूडेंट्स के कुल अनुपात में से चयनित होने वाले स्टूडेंट्स का अनुपात देखेंगे तो उसमें मैट्रिक्स बाजी मार जाता है।

#3. चार्टेड अकाउंटेंट के लिए

जो स्टूडेंट्स सीए बनना चाहते हैं, उनके लिए भी देशभर में कई कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं। हालाँकि अधिकतर स्टूडेंट्स घर पर रहकर ही ICAI (इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया) के जरिए अपनी सीए की तैयारी करते हैं। आइए हम आपको इसमें भी टॉप 5 कोचिंग सेंटर के नाम बता देते हैं:

  • चाणक्य अकैडमी फॉर सीए
  • अल्डाइन CA (देशभर में)
  • सुपरप्रोफ्स
  • विद्याश्री अकादमी
  • जेके शाह क्लासेज (मुंबई)

ऐसे में आप इनमें से किसी भी क्लासेज या अकैडमी को ज्वाइन कर सकते हैं और अपनी सीए की तैयारी कर सकते हैं। हालाँकि इसके लिए घर पर रहकर भी तैयारी की जा सकती है क्योंकि आपको किसी कॉलेज में एडमिशन के लिए तैयारी नहीं करनी होती है बल्कि सीधा सीए बनने की तैयारी करनी होती है।

#4. सरकारी नौकरी के लिए

अब बात करते हैं सरकारी नौकरी लेने की। पहली बात तो यह है कि सरकारी नौकरी पाने की तैयारी हर स्ट्रीम का स्टूडेंट कर सकता है और इसमें किसी तरह की रोकटोक नहीं है। ऐसे में देशभर में सरकारी नौकरी दिलवाने के लिए टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम हैं:

  • टाइम्स IAS (दिल्ली)
  • पैरामाउंट (दिल्ली, देशभर में)
  • Career Power (Bankers Adda) (देशभर में)
  • केडी कैंपस (दिल्ली)
  • विजन आईएस

तो यह थे देशभर के टॉप 5 कोचिंग सेंटर्स की लिस्ट जो JEE, NEET, CA और गवर्नमेंट जॉब्स की तैयारी करवाते हैं। हालाँकि इनके अलावा भी सैकड़ों कोचिंग सेंटर्स हैं जहाँ इन सभी की तैयारी करवाई जाती है लेकिन अगर टॉप कोचिंग सेंटर्स की बात हो तो इन्हीं का ही नाम आता (12th ke baad career option in Hindi) है।

सही करियर विकल्प में कोचिंग का महत्व

अब हम आखिर में बात कर लेते हैं कि आखिर करियर को बनाने या उसे चुनने में कोचिंग का क्या महत्व होता है। क्या कोचिंग के जरिए ही स्टूडेंट्स का सिलेक्शन हो पाता है या इसमें उनका कोई अलग से योगदान भी है!! क्या कोचिंग इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को सही मार्गदर्शन दे पाते हैं या उनसे केवल भारी भरकम फीस ही लेते हैं!!

आइए आपके इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम आपको दे देते हैं। अब हम 10 पॉइंट्स में समझेंगे कि एक सही कोचिंग सेंटर स्टूडेंट की जिंदगी कैसे बना सकता (Best career options after 12th in Hindi) है।

  • एक्सपर्ट गाइडेंस: टॉप कोचिंग सेंटर में पढ़ा रहे टीचर्स का एक्सपीरियंस लेवल और स्टूडेंट्स के साथ व्यवहार भी कमाल का होता है। वे स्टूडेंट्स पर बारीकी से नज़र रखते हैं और उन्हें समय-समय पर सही गाइडेंस भी देते रहते हैं।
  • टाइम मैनेजमेंट: टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को टाइम मैनेजमेंट का हुनर भी सिखाते हैं। अगर जल्द से जल्द सिलेक्शन करवाना है तो उसमें टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी हो जाता है।
  • रेगुलर मॉक टेस्ट: कोचिंग सेंटर्स के द्वारा समय-समय पर टेस्ट लिए जाते हैं जिससे स्टूडेंट्स की प्रैक्टिस होती रहती है। ऐसे में वह रियल एग्जाम में घबराता नहीं है और जल्द से जल्द उसे सही तरीके से कर पाता है।
  • अपडेटेड इनफार्मेशन: इंस्टीट्यूट में पढ़कर स्टूडेंट को हर दिन अपडेटेड और लेटेस्ट इनफार्मेशन मिलती है जबकि घर पर रहकर या छोटे लेवल के कोचिंग सेंटर्स पुरानी इनफार्मेशन के साथ ही काम करते रहते हैं।
  • करियर काउंसलिंग: स्टूडेंट्स की समय-समय पर काउंसलिंग की जानी भी बहुत जरुरी होती है अन्यथा वह मेंटल प्रेशर में आ जाता है। यह सुविधा भी इन कोचिंग सेंटर्स के द्वारा दी जाती है।
  • डाउट सोल्विंग: कुछ इंस्टीट्यूट अलग से डाउट सोल्विंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं जैसे कि JEE और नीट के लिए मैट्रिक्स या सरकारी के लिए पैरामाउंट कोचिंग सेंटर। वहाँ पर स्टूडेंट किसी भी समय जाकर अपने डाउट पूछ सकता है।
  • अनुशासन: कोचिंग सेंटर में अनुशासन की भावना भी विकसित की जाती है। घर पर रहकर या ऐसे ही किसी कोचिंग सेंटर में अनुशासन की कमी प्रमुख तौर पर देखने को मिल जाती है।
  • कॉम्पिटिशन का माहौल: अगर स्टूडेंट अच्छे कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा है तो वहाँ का कम्पटीशन भी वैसा ही होता है। ऐसे में कम्पटीशन का माहौल बना रहता है तो यह स्टूडेंट के लिए बहुत सही रहता है।
  • सेंटर नोट्स: जितना बड़ा और अच्छे स्तर का इंस्टीट्यूट होता है, वहाँ के नोट्स भी उतने ही प्रभावी और पॉइंट टू पॉइंट होते हैं। ऐसे में यह नोट्स भी स्टूडेंट्स को तेज गति से आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
  • आत्म विश्वास बढ़ना: अच्छे कोचिंग सेंटर से कई स्टूडेंट्स का चयन बड़े-बड़े कॉलेज में होता रहता है और कुछ तो बड़े पदों पर भी पहुँच जाते हैं। ऐसे में वह कोचिंग सेंटर उन स्टूडेंट्स को अपने यहाँ स्पीच देने या अपना अनुभव शेयर करने के लिए बुलाते हैं जो करंट स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाने में सहायक होता है।

निष्कर्ष

इस तरह से आज आपने जाना कि 12वीं के बाद आपके पास क्या कुछ करियर विकल्प हो सकते (Best career options after 12th in Hindi) हैं और आपके लिए कौन से कोचिंग सेंटर बेस्ट हो सकते हैं। जहाँ JEE और NEET में मैट्रिक्स सबसे टॉप पर है तो वहीं सीए के लिए चाणक्य और सरकारी के लिए टाइम्स सबसे ऊपर है।

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JEE/NEET की तैयारी में स्ट्रेस से छुटकारा पाने के 13 प्रभावी उपाय

आज के समय में एक चीज़ बहुत कॉमन हो चली है और वह है स्टूडेंट का प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते-करते अचानक से सुसाइड कर लेना। अब आप ही सोचिए, उस बच्चे ने आखिरकार इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? अगर उसे सही समय पर सही गाइडेंस मिल जाती, मेंटर व प्रोफेशनल का साथ मिलता और पढ़ाई को अच्छे से मैनेज (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) करने के उपाय सुझाए जाते, तो क्या ऐसी नौबत आती!!

इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल बहुत ही सेंसिटिव टॉपिक पर है और वह है JEE और NEET की तैयारी करते समय स्ट्रेस मैनेजमेंट कैसे किया जाए। आज का यह टॉपिक उन सभी स्टूडेंट्स के लिए लिखा जा रहा है जो JEE और NEET की तैयारी (JEE NEET ki taiyari kaise kare) करते हुए खुद को बहुत ज्यादा दबाव में पा रहे हैं या धीरे-धीरे यह दबाव बढ़ता जा रहा है।

JEE और NEET की तैयारी के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट

हम आपको उदाहरण देते हैं। मान लीजिए दो कैंडिडेट हैं और दोनों को एक ही कंपनी में इंटरव्यू देने जाना है। अब पहले वाले कैंडिडेट ने रातभर जाग-जाग कर इंटरव्यू की सारी पढ़ाई की। इस दौरान उसने सिर्फ 2 से 3 घंटे की नींद ली। इंटरव्यू रूम में जाने से पहले भी वह बुक खोलकर रटे-रटाये उत्तर दोहरा रहा है।

वहीं दूसरा कैंडिडेट जिसे अपने मेंटर का सही मार्गदर्शन मिला। उसे उसके मेंटर ने बताया कि इंटरव्यू में रटे रटाये उत्तर देने की बजाए खुलकर बात करनी चाहिए लेकिन उसमें कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। अपनी कमजोरी बतानी चाहिए लेकिन उस कमजोरी को ताकत कैसे बनाया जा सकता है, वह भी जानना चाहिए।

अब जरा आप ही बताइए कि जो इंटरव्यू लेने वाला होगा, वह दोनों में से किसे सलेक्ट करेगा? आपका उत्तर होगा, दूसरे वाले को। लेकिन ऐसा क्यों? तैयारी तो पहले वाले ने ज्यादा की थी ना तो दूसरा वाला क्यों सलेक्ट होगा? तो इसका सीधा सा जवाब है कि दूसरे वाले ने स्मार्ट तरीके से तैयारी की जबकि पहले वाला बस रट्टा मारने में ही रह गया।

आशा है कि आपको हमारा आशय थोड़ा बहुत तो समझ आ गया (JEE NEET ki taiyari kaise kare) होगा। अब हम JEE और NEET की तैयारी करने में होने वाले स्ट्रेस पर वापस आते हैं। आइए इसके कारण, उपाय और अन्य चीज़ों के बारे में जान लेते हैं।

स्ट्रेस होने के कारण

JEE और NEET की तैयारी करते समय होने वाले स्ट्रेस के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ चुनिंदा कारणों को हम आपके सामने रख देते (Exam stress causes and effects in Hindi) हैं।

  1. आज के समय में कम्पटीशन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूछिए मत। हर किसी को एक दूसरे से आगे निकलना है और यही तनाव का मुख्य कारण भी है।
  2. सलेबस इतना ज्यादा है कि स्टूडेंट को समझ ही नहीं आता कि वह क्या पढ़े और क्या नहीं। 11वीं और 12वीं क्लास की बुक्स, तरह-तरह के नोट्स और अलग-अलग ऑथर की बुक्स इत्यादि की भरमार है।
  3. खुद की कैपबिलिटी से अधिक उम्मीदें रखना। हम यह नहीं कह रहे कि आप स्वयं को कम आंके लेकिन आप अपने से इतनी भी उम्मीद ना लगाएं, जो आपका विश्वास बढ़ाने की बजाए उल्टा उसे गिरा दे।
  4. सामाजिक दबाव भी स्ट्रेस को बहुत ज्यादा बढ़ाता है। खासतौर पर स्टूडेंट के पेरेंट्स उससे बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाए रखते हैं और यह भी तनाव का मुख्य कारण है।
  5. कोचिंग क्लासेज और टीचर्स का स्टूडेंट के साथ कम इंटरेक्शन। बहुत से और खासतौर पर बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर्स ऐसे हैं जो अपने यहाँ भर-भर कर स्टूडेंट तो ले लेते हैं लेकिन उसके अनुपात में इतने टीचर्स नहीं होते।
  6. इसे हम स्टूडेंट टीचर रेश्यो के तहत भी ले सकते हैं। अब टीचर्स की संख्या स्टूडेंट्स की संख्या से बहुत कम होगी तो अवश्य ही वे स्टूडेंटस को कम टाइम दे पाएंगे। इससे स्टूडेंट का तनाव और बढ़ता चला जाता है।
  7. सिर्फ कम रेश्यो ही नहीं बल्कि टीचर का अनुभव कैसा है, यह भी बहुत मायने रखता है। JEE और NEET की तैयारी करते समय एक स्टूडेंट का सही मार्गदर्शन उसका टीचर ही कर सकता है। अब अगर वही अनुभवी नहीं है तो स्ट्रेस तो होगा ही।
  8. स्टूडेंट का गलत संगत में पड़ना या शहर की चकाचौंध में खो जाना। बहुत बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट चाहकर भी इतना पढ़ नहीं पाता या टाइम नहीं निकाल पाता।
  9. इसे हम अनुचित समय प्रबंधन या बैड टाइम मैनेजमेंट भी कह सकते हैं। जब टाइम ही सही से मैनेज नहीं किया गया तो पूरे दिन का शेड्यूल बिगड़ जाता है।
  10. बुरा ही सोचते रहना भी स्ट्रेस बढ़ने का कारण है। ऊपर हमने आपको बताया कि आप खुद से ज्यादा उम्मीदें ना लगाएं क्योंकि इससे स्ट्रेस बढ़ता है। अब वहीं कुछ ऐसे स्टूडेंट भी होते हैं जो हमेशा अपने आप को दूसरों से कमतर आंकते हैं तो इस कारण भी स्ट्रेस बढ़ता है।

ऊपर हमने आपको JEE और NEET की तैयारी करते समय स्ट्रेस बढ़ने के चुनिंदा 10 कारण बता दिए हैं। अब बारी आती है, स्ट्रेस मैनेजमेंट के उपाय जानने की। तो आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

स्ट्रेस मैनेजमेंट के उपाय

वैसे तो स्ट्रेस मैनेजमेंट के भी कई तरह के उपाय हैं। हमने भी सभी तरह के उपाय देखे और पढ़े। साथ ही सफल होने वाले स्टूडेंट्स की कहानियां भी पढ़ी और जाना कि किन-किन तरीकों के कारण उनका स्ट्रेस कम हुआ।

इतना ही नहीं, उन्होंने ना केवल स्ट्रेस को कम किया बल्कि JEE और NEET में अच्छी रैंक भी हासिल की। तो चलिए ऐसे ही कुछ चुनिंदा उपायों (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) के बारे में जान लेते हैं।

#1. टाइम मैनेजमेंट है सबसे जरुरी

स्ट्रेस को मैनेज करना है तो उसके उपाय में अपना टाइम मैनेज करना सबसे पहले आता है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि जब दिन की शुरुआत ही बुरी हो तो पूरा दिन ही ख़राब जाता है। तो वही चीज़ JEE और NEET की तैयारी करने में भी लागू होती है।

अगर आपके दिन की शुरुआत ही आलस, कामचोरी या ऐसी ही किसी आदत में जाती है तो पुरे दिन का शेड्यूल ख़राब होता है। इसके लिए आप पूरे दिन का निर्धारित शेड्यूल बनाएं और उसी के अनुसार ही चलें। फिर देखिए कैसे आपकी तैयारी भी अच्छे से होती है और स्ट्रेस भी कम हो जाता है।

#2. खुद को पहचानना

आप चाहे JEE की तैयारी कर रहे हो या नीट के एग्जाम की, आपको पहले अपने आप का आंकलन करना जरुरी है। अपने आप को पहचानने का मतलब है कि आप खुद से पूछें कि क्या आप यह कर सकते हैं? अगर कर सकते हैं तो आपको इसमें कितना टाइम लगेगा? अब क्या आपके पास उतना टाइम है?

इतने टाइम में आपका कितना खर्च होगा और क्या आपके पेरेंट्स उतना खर्चा उठा सकते हैं? क्या आपको लोन लेने की जरुरत है? आपके ऊपर कोई पारिवारिक दबाव तो नहीं है? इत्यादि। ऐसे ही कई प्रश्न अपने आप से पूछें और उसके बाद ही आगे का फैसला लें।

#3. सही शहर का चुनाव

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि कोचिंग लेने के लिए सही शहर का चुनाव किया जाना भी बहुत जरुरी हो जाता है। अब कहने को तो मेट्रो सिटी में हर तरह की फैसिलिटी मिलती है और बड़े से बड़े कोचिंग सेंटर भी वहाँ होते हैं लेकिन अगर हम पढ़ाई वाले माहौल की बात करें तो वह ना के बराबर होता है।

फिर चाहे आप दिल्ली को ले लीजिए या फिर मुंबई को। हर जगह बड़े से बड़े कोचिंग सेंटर तो हैं लेकिन ज्यादातर स्टूडेंट मौज मस्ती में ही रहते हैं। रही बात कोटा की तो वहाँ स्टूडेंट पर इतना ज्यादा प्रेशर बनाया जाता है कि वह ना चाहते हुए भी स्ट्रेस में आ जाता है। ऐसे में आप सीकर या जयपुर जैसे शहरों का चुनाव कर सकते हैं।

#4. सही कोचिंग का चुनाव

स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए जितना ध्यान सही शहर को चुनने में लगाना होता है, उससे ज्यादा ध्यान सही कोचिंग सेंटर को चुनने में लगाना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि एक कोचिंग सेंटर ही आपकी जिंदगी बना भी सकता है और उसे बिगाड़ भी सकता है।

एक अच्छे कोचिंग सेंटर में स्टूडेंट को सभी तरह की फैसिलिटी तो दी जाएगी ही लेकिन उसी के साथ ही वहाँ स्टूडेंट टीचर रेश्यो, टीचर्स का एक्सपीरियंस और स्टूडेंट से डील करने की तकनीक इत्यादि बहुत मायने रखती है।

ऊपर हमने दो शहर बताए जो कोचिंग के लिए सही हैं। जब हमने इन शहरों में खुले कोचिंग सेंटर के बारे में जांच पड़ताल की तो कुछ चुनिंदा कोचिंग सेंटर उभर कर सामने आए। इसमें सीकर का मैट्रिक्स कोचिंग सेंटर और कौटिल्य अच्छा लगा तो वहीं जयपुर का एलन कोचिंग सेंटर।

#5. हर दिन है नया

हमने इस पॉइंट को खासतौर पर इसलिए डाला है क्योंकि यह पिछले साल JEE में टॉप करने वाले कुछ स्टूडेंट्स ने हाईलाइट किया था। उनके अनुसार यह सिर्फ और सिर्फ स्टूडेंट की सोच पर निर्भर करता है।

कुछ स्टूडेंट अगला दिन आने पर यह सोचते हैं कि ओह्ह, तैयारी के लिए एक दिन और कम हो गया जबकि कुछ स्टूडेंट अगले दिन को एक नए दिन के तौर पर देखते हैं। इसलिए आप भी हर नए दिन को तैयारी के लिए एक और दिन के तौर पर देखें।

#6. जरुरी चीज़ों को हाईलाइट करें

जब एग्जाम पास आने लगते हैं तो देखने में आता है कि ज्यादातर स्टूडेंट हड़बड़ी में पढ़ते हैं या दूसरे स्टूडेंट्स से नोट्स मांगते फिरते हैं। ऐसे में आप पहले दिन से ही जरुरी चीज़ों के नोट्स बनाना शुरू कर देंगे तो बहुत हेल्प होगी।

इसके लिए आप बुक में भी जरुरी चीजों को मार्कर से हाईलाइट करें, कॉपी में नोट्स बनाएं ताकि एक क्विक रिविजन की जा सके।

#7. डाउट को छोड़े नहीं

अब ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि आप JEE और NEET की तैयारी कर रहे हो और आपके कोई भी डाउट ही ना हो। आपके जो भी डाउट हो, उन्हें नोट करके रख लें और फिर अगले दिन अपने टीचर से उन डाउट को क्लियर करवाएं।

यही बात हमें सीकर के मैट्रिक्स कोचिंग की अच्छी लगी कि उन्होंने अपने कोचिंग सेंटर में जगह-जगह डाउट सेंटर बनाकर रखे हैं जहाँ स्टूडेंट्स कभी भी अपने डाउट लेकर आ सकते हैं। अब ऐसी ही फैसिलिटी अन्य कोचिंग सेंटर्स भी देने लगे हैं।

#8. पूरी नींद और उचित खानपान

अगर आप कम सोएंगे तो इसका मतलब यह नहीं कि आप ज्यादा तैयारी कर पाएंगे। इससे आप दिमागी तौर पर थक जाएंगे और स्ट्रेस भी बढ़ता चला जाएगा। इसलिए नींद पूरी लें, ना ही ज्यादा और ना ही कम।

साथ ही अपना खानपान भी सही रखें क्योंकि गलत खानपान भी स्ट्रेस को बढ़ाता है। ऐसे में आप बाहर का खाने से बचें। फ़ास्ट फूड, तला फला भी ना खाएं। रोजाना बादाम, चने, दाल, दूध, दही इत्यादि अवश्य लें।

#9. योग व प्राणायाम

स्ट्रेस को कम करने में योग बहुत ही प्रभावी रहता है। आप सुबह के समय जल्दी उठने की आदत डालें और कम से कम 30 मिनट के लिए योग व प्राणायाम करने का नियम बना लें। फिर देखिए आपका स्ट्रेस भी कम होता है और आप ध्यान लगाकर पढ़ पाते हैं।

#10. पेरेंट्स के साथ बातचीत करते रहना

आप चाहे दूसरे शहर में रहकर JEE और NEET की तैयारी कर रहे हो लेकिन हर दिन अपने पेरेंट्स से साथ बात जरुर करें। अगर रोजाना बात नहीं हो पाती है तो दो दिन में एक बार तो जरुर करें। इससे आपको भी घर के बारे में पता चलता रहेगा और पेरेंट्स को भी आपकी स्थिति का पता रहेगा।

#11. सीनियर के साथ कॉन्टेक्ट में रहना

आप जिस भी कोचिंग सेंटर में पढ़ते हो, वहाँ आपका सीनियर बैच भी होगा। आपको उनमें से कुछ सीनियर के साथ कॉन्टेक्ट बनाना चाहिए। ये सीनियर आपकी बहुत तरीके से मदद कर सकते हैं, खासतौर पर स्ट्रेस को कम करने में।

#12. सही फ्रेंड सर्कल बनाएं

आपका फ्रेंड सर्कल अर्थात दोस्तों की मंडली कैसी है, यह भी बहुत मायने रखती है। यदि यह अच्छा फ्रेंड सर्कल है तो आप दोगुनी गति से JEE और NEET की तैयारी कर पाते हैं और वहीं अगर यह बुरा है तो आपका जीवन बर्बाद कर देगा।

#13. बैकअप तैयार रखें

चाहे आपकी तैयारी कितनी ही मजबूत क्यों ना हो या आपको अपने आप पर कितना ही विश्वास क्यों ना हो लेकिन हमेशा एक बैकअप प्लान तैयार रखें। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आपका JEE और NEET में सलेक्शन नहीं होगा लेकिन हमेशा अपनी तैयारी पूरी करके ही चलना चाहिए।

अगर आपके पास बैकअप प्लान होगा तो आपका स्ट्रेस अपने आप ही कम हो जाएगा। हालाँकि इस बात का भी ध्यान रखें कि बैकअप प्लान के चक्कर में अपनी JEE और NEET की तैयारी को कमजोर ना पड़ने दें। बैकअप प्लान को एक आखिरी विकल्प के तौर पर ही रखें।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि JEE और NEET की तैयारी (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) करते समय स्ट्रेस होने के क्या कुछ कारण हो सकते हैं। वहीं स्ट्रेस मैनेज करने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आशा है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आप अपना फीडबैक नीचे कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं।

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