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JEE के लिए टाइम मैनेजमेंट कैसे करें? जाने टॉप 10 स्टेप्स

JEE Time Management

JEE Time Management: हम में से बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे आगे चलकर एक अच्छी नौकरी करें। अब अच्छी नौकरी करनी है तो उसके लिए अच्छे कॉलेज से पढ़ना होता है। अच्छे कॉलेज से पढ़ना है तो उसी तरह की तैयारी करनी होती है और उस कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए एग्जाम क्रैक करना होता है। अब एग्जाम क्रैक करना है तो उसके लिए अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेनी होती है।

यह सभी बातें तो हम सभी जानते ही हैं लेकिन अच्छी कोचिंग के साथ-साथ स्टूडेंट के लिए जो एक चीज़ सबसे ज्यादा जरुरी होती है, वह है टाइम मैनेजमेंट अर्थात समय प्रबंधन। अब यदि आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं और उसके लिए JEE की तैयारी कर रहे हैं तो आज हम इसी विषय पर ही बात करने वाले हैं।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि JEE की तैयारी करने के दौरान आप किन-किन तरीकों से टाइम मैनेजमेंट कर सकते (JEE Mains Time Management) हैं। चलिए शुरू करते हैं।

JEE के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

JEE एग्जाम की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन होती है जिसकी सहायता से आपका देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन होता (JEE Advanced Time Management) है। इसमें सबसे टॉप के कॉलेज IIT होते हैं और उसके बाद NIT आते हैं। ऐसे मे आपको टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में और वो भी अपनी मनपसंद की इंजीनियरिंग फील्ड में एडमिशन लेना है तो टाइम मैनेजमेंट की तकनीक समझना बहुत ही जरुरी हो जाता है।

अब यह तकनीक कोई एक या दो स्टेप में नहीं होती (JEE Time Management) है बल्कि आपकी हर एक्टिविटी पर निर्भर करती है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि किन तरीकों या उपायों के तहत आप भी JEE की तैयारी करने के दौरान टाइम मैनेजमेंट कर सकते हैं।

#1. सिलेबस को गहराई से समझें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझना। अब सिलेबस का मतलब यह नहीं कि आप उसे पूरा पढ़ने बैठ जाएं। आपको यह देखना है कि JEE के एग्जाम में किस-किस टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं और उसमें किस टॉपिक का कितना महत्व होता है। साथ ही जिस वर्ष जो IIT एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली है, उसका किस टॉपिक पर ज्यादा फोकस रहता है।

जिस स्टूडेंट को सिलेबस अच्छे से समझ में आ जाता है, उसके लिए टाइम मैनेजमेंट करना बहुत ही सरल हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि उसे यह पता होता है कि उसे किस टॉपिक पर कितना टाइम देना है और किस पर कितना। इसलिए आपको यही काम सबसे पहले करना है और अपने सिलेबस को पूरी तरह से समझना है।

#2. सब्जेक्ट्स को टॉपिक्स में बांटें 

अब जब आपने JEE के सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है तो आपको हरेक टॉपिक के बारे में अच्छे से जानकारी हो गई होगी। JEE में तीन तरह के सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स हैं। अब इन तीन सब्जेक्ट्स में भी कई तरह के टॉपिक होते हैं। ऐसे में आपको अब अगला काम यह करना होगा कि आपको हर सब्जेक्ट के मिलते जुलते टॉपिक को केटेगरी अनुसार बाँट देना है।

ऐसा करने से एक तरह से आपका टाइम मैनेजमेंट ही हो रहा होगा। वह इसलिए क्योंकि यदि आप एक ही दिन में दो बिलकुल विपरीत टॉपिक को पढ़ते हैं तो इसमें ज्यादा समय लगता है तो वहीं दो एक जैसे टॉपिक को पढ़ने से आप अपना बहुत टाइम बचा सकते हैं। इसलिए आप हर टॉपिक के अनुसार केटेगरी बना लें और एक जैसे टॉपिक को एक साथ में रखें।

#3. अपना एक टाइमटेबल बनाएं

अब तक आपने सिलेबस को अच्छे से समझ लिया है और उन्हें उनके टॉपिक के अनुसार कुछ चुनिंदा केटेगरी में भी बाँट दिया है। अब आपको अगला काम करना है, उन सभी के अनुसार अपने हर दिन का एक फिक्स टाइमटेबल तय करना। अब आप यह देखें कि आपका JEE का एग्जाम कितने दिनों में है और उसके अनुसार आपके पास कितना समय शेष बचा है।

ऐसे में बचे हुए दिन के अनुसार आपके सिलेबस और उसमें केटेगरी के अनुसार विषयों का चुनाव करें। इससे आपको उन्हें प्रायोरिटी देने और उसी के अनुसार ही अपना टाइम टेबल सेट करने में बहुत सहायता मिलेगी। 

यह एक तरह से टाइम मैनेजमेंट की बहुत सही तकनीक है जो बहुत ही कम स्टूडेंट्स को पता होती है। वह इसलिए क्योंकि अधिकतर स्टूडेंट इसके बारे में सोचते नहीं हैं और कम महत्वपूर्ण विषयों पर पहले का समय व्यर्थ कर देते हैं और महत्वपूर्ण विषय को कम समय दे पाते हैं।

#4. डाउट वाली चीजें अलग से रखें

अब जब आप पढ़ने बैठेंगे या यूँ कहें कि JEE की तैयारी करने बैठेंगे तो अवश्य ही आपको रह-रह कर कई तरह के डाउट आएंगे। कभी किसी टॉपिक पर डाउट आ गया तो कभी कोई चीज़ ठीक से समझ नहीं आ रही होगी। कभी कोई प्रश्न सोल्व नहीं हो रहा होगा तो कभी कुछ और। ऐसे में स्टूडेंट क्या करते हैं कि वे उस चीज़ पर अटक कर रह जाते हैं या उसमें बहुत सा समय व्यर्थ कर देते हैं।

ऐसे में आपको यह गलती नहीं करनी है। यदि आप कहीं पर अटक जाते हैं तो उस पर कुछ मिनट के लिए ही ध्यान दें। यदि फिर भी वह सोल्व नहीं हो रही है तो उसे मार्क करके या कहीं और नोट डाउन करके रख लें। उसके बाद आप उससे आगे का पढ़ना शुरू कर दें।

इस तरह से दिन के अंत में आपके जो-जो भी डाउट थे, उन्हें फिर से देखें और सोल्व करें। कई बार क्या होता है कि किसी चीज़ में हमें उसी समय उत्तर नहीं मिलता है लेकिन कुछ समय बाद उसका आसानी से उत्तर मिल जाता है। यह भी एक परफेक्ट टाइम मैनेजमेंट तकनीक है।

#5. सही कोचिंग का चुनाव

जो स्टूडेंट्स जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना चाहते हैं और यदि उन्हें लगता है कि वे केवल अपने दम पर ही इसे क्रैक कर लेंगे तो वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि ऐसा करने वाले लाखों में से एक या दो स्टूडेंट ही होते हैं। अब यह आप ही तय कर लें कि क्या आप उन लाखों स्टूडेंट में से एक या दो स्टूडेंट हैं या नहीं।

इसलिए यदि आपको जल्द से जल्द JEE का एग्जाम क्रैक करना है और वह भी अच्छे नंबर के साथ तो उसके लिए सही JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव किया जाना अत्यंत आवश्यक हो जाता (Top JEE Coaching in India) है। आज के समय में यदि हम देश के टॉप JEE कोचिंग संस्थान की बात करें तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले आता है। वह इसलिए क्योंकि वहाँ ना केवल टॉप लेवल की फैकल्टी पढ़ा रही है बल्कि JEE के लिए परफेक्ट स्टडी मटेरियल भी बनाया गया है।

इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट आता है। सीकर की ही प्रिंस अकैडमी और कौटिल्य भी इसमें बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में आपको किसी अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही JEE की कोचिंग लेनी चाहिए ताकि आपकी तैयारी में कोई कमी ना रहे और वहाँ से आप टाइम मैनेजमेंट की और भी बेहतर तकनीक सीख सकें।

#6. रिवीजन भी है जरुरी

अब बहुत से स्टूडेंट JEE की तैयारी करते समय एक और गलती करते हैं और वह है समय के साथ-साथ पढ़े गए टॉपिक की रिवीजन नहीं करना। यदि आप भी उन स्टूडेंट्स में से एक हैं तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती होगी। वह इसलिए क्योंकि आपने जिस टॉपिक को जितना टाइम लगाकर पढ़ा है और आप उसे अगले एक महीने तक फिर से नहीं पढ़ते हैं तो आपको फिर से उतना ही टाइम लगने वाला है।

ऐसे में आपकी पहले वाली सारी मेहनत बेकार चली जाएगी और समय व्यर्थ होगा वो अलग। इसलिए आप यह नियम बना लें कि आपने पूरे दिन में जो कुछ भी पढ़ा है, दिन के आखिर में एक या आधा घंटा उसकी रिवीजन करेंगे। इसी के साथ ही हर सप्ताह एक दिन पूरे सप्ताह का रिवीजन करेंगे। फिर अगले महीने में भी एक दिन पिछले महीने पढ़े गए सभी टॉपिक की एक बार रिवीजन करेंगे।

#7. सुबह जल्दी उठकर पढ़ें

स्टूडेंट्स के बीच आज के समय में यह चलन बना हुआ (JEE Advanced Time Management) है कि वे रात को देर तक पढ़ते हैं और सुबह देर से उठते हैं। अब पढ़ाई तो वे भी उतनी ही करते हैं लेकिन उसका पहले जैसा परिणाम नहीं मिलता है। हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि सुबह के समय जल्दी उठना चाहिए और जल्दी सो जाना चाहिए। ऐसे में आपको सोचना चाहिए कि वे ऐसा क्यों कहते थे या इसके पीछे क्या तर्क होता था।

तो यहाँ हम आपको बता दें कि सुबह के समय वातावरण अधिक सकारात्मक होता है, सूर्य की किरणें शक्तिशाली होती है जो दिमाग को एकाग्र करने और बुद्धि का विकास करने में सहायक होती है। ऐसे में सुबह सूर्य की किरणों के साथ पढ़ने से ना केवल आपको चीज़े लंबे समय तक याद रहेगी बल्कि आपका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।

#8. ब्रेक लेते रहें

अब आप सोचते हैं कि बिना आराम किए या बिना ब्रेक लिए लगातार पढ़ते रहेंगे तो इससे आप उन स्टूडेंट्स से आगे निकल जाएंगे जो आराम भी करते हैं या एंटरटेनमेंट के लिए कुछ समय निकालते हैं। तो यहाँ हम आपको बता दें कि आप बिलकुल भी सही नहीं कर रहे हैं या आपकी सोच गलत है। वह इसलिए क्योंकि लगातार पढ़ते रहने से दिमाग थक जाता है और वह चीज़ों को समझने में ज्यादा समय लगाता है।

इसलिए यदि आप पढ़ने के दौरान बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहेंगे तो इससे आपकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ेगी। यह आपको तेज गति से पढ़ने में भी सहायता करेगी। इसी के साथ ही आपको योग व प्राणायाम करना भी शुरू कर देना चाहिए क्योंकि यह भी आपकी बुद्धि को तीक्ष्ण करने में बहुत सहायक सिद्ध होगा।

#9. मन ना भटकने दें

ऊपर हमने आपको कहा कि आपको JEE की तैयारी के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए या कुछ ना कुछ एंटरटेनमेंट के साधन ढूंढ लेने चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप पूरा समय उसी में ही लगे रहें या अपना ध्यान भटकने दें। इसके लिए आप एक निश्चित समय निर्धारित करें और वह भी ज्यादा नहीं होना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर यदि आप एक दिन में 10 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं तो आप एक घंटा आराम कर सकते हैं या एंटरटेनमेंट कर सकते हैं। साथ ही जिस समय आप JEE की तैयारी कर रहे हो, उस समय आपको अपना ध्यान इधर-उधर नहीं भटकने देना चाहिए। आप जब पढ़ रहे हैं तो पूरी तरह से उस पर ध्यान केंद्रित करें और फिर जब ब्रेक का समय हो, तभी बाकी चीजें देखें।

#10. टेस्ट लेते रहें

बेहतर टाइम मैनेजमेंट के लिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट भी लेते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पर आप अपने पिछले महीने की परफॉरमेंस का आंकलन करें और देखें कि इस महीने आप उसकी तुलना में क्या कर रहे हैं। यदि आपको कोई सुधार नहीं दिखता है या बहुत ही कम परिवर्तन दिखता है तो फिर आपको अपनी स्ट्रेटेजी को बदलने की जरुरत है।

इसलिए आपको समय-समय पर अपना टेस्ट लेते रहना (JEE Mains Time Management) चाहिए। यह आपको अपनी स्ट्रेटेजी को और बेहतर बनाने और आपकी JEE की तैयारी को और अधिक मजबूत करने का ही काम करेगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में आपने JEE की तैयारी करने के लिए उचित समय प्रबंधन या टाइम मैनेजमेंट की तकनीक के बारे में पूरी जानकारी ले ली (JEE Time Management) है। आखिर में एक बात हम आपको फिर से बताना चाहेंगे कि यदि आप JEE का एग्जाम देने को लेकर सीरियस हैं और इसे अच्छे स्कोर के साथ क्रैक करना चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट के साथ-साथ एक अच्छा कोचिंग इंस्टीट्यूट इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है।

इसके लिए सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी बहुत ही सही अकैडमी (Top JEE Coaching in India) है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ स्टूडेंट्स के लिए डाउट सेंटर बनाए गए हैं जहाँ स्टूडेंट्स किसी भी समय जाकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं। अब यदि समय रहते स्टूडेंट्स के डाउट क्लियर हो रहे हैं तो इससे उनका बहुत समय बच जाता है। इसके बाद के कुछ इंस्टीट्यूट के नाम प्रिंस अकैडमी, एलन, आकाश व रेजोनेंस हैं।

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प्रश्न: जेईई मेन की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई मेन की तैयारी के लिए 4 से 8 महीने चाहिए। यदि आप मैट्रिक्स सीकर जैसे नंबर एक इंस्टिट्यूट से इसकी कोचिंग लेते हैं तो आपको इतने समय में पूरी तैयारी करवा दी जाएगी।

प्रश्न: क्या जेईई मेन के लिए 75% आवश्यक है?

उत्तर: जेईई मेन के लिए 75% अंक लाना पर्याप्त है। फिर जब आपको जेईई एडवांस देना होगा तो उससे पहले आपको जेईई मेन के एग्जाम को पास करना होगा।

प्रश्न: जेईई की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: जेईई की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 6 महीने से लेकर एक वर्ष का समय पर्याप्त होता है। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी चीज़ों को समझ पाते हैं।

प्रश्न: जी टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: जी टॉपर्स सामान्य तौर पर 7 से 8 घंटे सोते हैं। यह आदर्श दिनचर्या और बेहतर स्टडी के लिए आवश्यक भी है।

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