JEE/NEET की तैयारी में स्ट्रेस से छुटकारा पाने के 13 प्रभावी उपाय
आज के समय में एक चीज़ बहुत कॉमन हो चली है और वह है स्टूडेंट का प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते-करते अचानक से सुसाइड कर लेना। अब आप ही सोचिए, उस बच्चे ने आखिरकार इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? अगर उसे सही समय पर सही गाइडेंस मिल जाती, मेंटर व प्रोफेशनल का साथ मिलता और पढ़ाई को अच्छे से मैनेज (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) करने के उपाय सुझाए जाते, तो क्या ऐसी नौबत आती!!
इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल बहुत ही सेंसिटिव टॉपिक पर है और वह है JEE और NEET की तैयारी करते समय स्ट्रेस मैनेजमेंट कैसे किया जाए। आज का यह टॉपिक उन सभी स्टूडेंट्स के लिए लिखा जा रहा है जो JEE और NEET की तैयारी (JEE NEET ki taiyari kaise kare) करते हुए खुद को बहुत ज्यादा दबाव में पा रहे हैं या धीरे-धीरे यह दबाव बढ़ता जा रहा है।
JEE और NEET की तैयारी के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट
हम आपको उदाहरण देते हैं। मान लीजिए दो कैंडिडेट हैं और दोनों को एक ही कंपनी में इंटरव्यू देने जाना है। अब पहले वाले कैंडिडेट ने रातभर जाग-जाग कर इंटरव्यू की सारी पढ़ाई की। इस दौरान उसने सिर्फ 2 से 3 घंटे की नींद ली। इंटरव्यू रूम में जाने से पहले भी वह बुक खोलकर रटे-रटाये उत्तर दोहरा रहा है।
वहीं दूसरा कैंडिडेट जिसे अपने मेंटर का सही मार्गदर्शन मिला। उसे उसके मेंटर ने बताया कि इंटरव्यू में रटे रटाये उत्तर देने की बजाए खुलकर बात करनी चाहिए लेकिन उसमें कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। अपनी कमजोरी बतानी चाहिए लेकिन उस कमजोरी को ताकत कैसे बनाया जा सकता है, वह भी जानना चाहिए।
अब जरा आप ही बताइए कि जो इंटरव्यू लेने वाला होगा, वह दोनों में से किसे सलेक्ट करेगा? आपका उत्तर होगा, दूसरे वाले को। लेकिन ऐसा क्यों? तैयारी तो पहले वाले ने ज्यादा की थी ना तो दूसरा वाला क्यों सलेक्ट होगा? तो इसका सीधा सा जवाब है कि दूसरे वाले ने स्मार्ट तरीके से तैयारी की जबकि पहले वाला बस रट्टा मारने में ही रह गया।
आशा है कि आपको हमारा आशय थोड़ा बहुत तो समझ आ गया (JEE NEET ki taiyari kaise kare) होगा। अब हम JEE और NEET की तैयारी करने में होने वाले स्ट्रेस पर वापस आते हैं। आइए इसके कारण, उपाय और अन्य चीज़ों के बारे में जान लेते हैं।
स्ट्रेस होने के कारण
JEE और NEET की तैयारी करते समय होने वाले स्ट्रेस के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ चुनिंदा कारणों को हम आपके सामने रख देते (Exam stress causes and effects in Hindi) हैं।
- आज के समय में कम्पटीशन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूछिए मत। हर किसी को एक दूसरे से आगे निकलना है और यही तनाव का मुख्य कारण भी है।
- सलेबस इतना ज्यादा है कि स्टूडेंट को समझ ही नहीं आता कि वह क्या पढ़े और क्या नहीं। 11वीं और 12वीं क्लास की बुक्स, तरह-तरह के नोट्स और अलग-अलग ऑथर की बुक्स इत्यादि की भरमार है।
- खुद की कैपबिलिटी से अधिक उम्मीदें रखना। हम यह नहीं कह रहे कि आप स्वयं को कम आंके लेकिन आप अपने से इतनी भी उम्मीद ना लगाएं, जो आपका विश्वास बढ़ाने की बजाए उल्टा उसे गिरा दे।
- सामाजिक दबाव भी स्ट्रेस को बहुत ज्यादा बढ़ाता है। खासतौर पर स्टूडेंट के पेरेंट्स उससे बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाए रखते हैं और यह भी तनाव का मुख्य कारण है।
- कोचिंग क्लासेज और टीचर्स का स्टूडेंट के साथ कम इंटरेक्शन। बहुत से और खासतौर पर बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर्स ऐसे हैं जो अपने यहाँ भर-भर कर स्टूडेंट तो ले लेते हैं लेकिन उसके अनुपात में इतने टीचर्स नहीं होते।
- इसे हम स्टूडेंट टीचर रेश्यो के तहत भी ले सकते हैं। अब टीचर्स की संख्या स्टूडेंट्स की संख्या से बहुत कम होगी तो अवश्य ही वे स्टूडेंटस को कम टाइम दे पाएंगे। इससे स्टूडेंट का तनाव और बढ़ता चला जाता है।
- सिर्फ कम रेश्यो ही नहीं बल्कि टीचर का अनुभव कैसा है, यह भी बहुत मायने रखता है। JEE और NEET की तैयारी करते समय एक स्टूडेंट का सही मार्गदर्शन उसका टीचर ही कर सकता है। अब अगर वही अनुभवी नहीं है तो स्ट्रेस तो होगा ही।
- स्टूडेंट का गलत संगत में पड़ना या शहर की चकाचौंध में खो जाना। बहुत बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट चाहकर भी इतना पढ़ नहीं पाता या टाइम नहीं निकाल पाता।
- इसे हम अनुचित समय प्रबंधन या बैड टाइम मैनेजमेंट भी कह सकते हैं। जब टाइम ही सही से मैनेज नहीं किया गया तो पूरे दिन का शेड्यूल बिगड़ जाता है।
- बुरा ही सोचते रहना भी स्ट्रेस बढ़ने का कारण है। ऊपर हमने आपको बताया कि आप खुद से ज्यादा उम्मीदें ना लगाएं क्योंकि इससे स्ट्रेस बढ़ता है। अब वहीं कुछ ऐसे स्टूडेंट भी होते हैं जो हमेशा अपने आप को दूसरों से कमतर आंकते हैं तो इस कारण भी स्ट्रेस बढ़ता है।
ऊपर हमने आपको JEE और NEET की तैयारी करते समय स्ट्रेस बढ़ने के चुनिंदा 10 कारण बता दिए हैं। अब बारी आती है, स्ट्रेस मैनेजमेंट के उपाय जानने की। तो आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।
स्ट्रेस मैनेजमेंट के उपाय
वैसे तो स्ट्रेस मैनेजमेंट के भी कई तरह के उपाय हैं। हमने भी सभी तरह के उपाय देखे और पढ़े। साथ ही सफल होने वाले स्टूडेंट्स की कहानियां भी पढ़ी और जाना कि किन-किन तरीकों के कारण उनका स्ट्रेस कम हुआ।
इतना ही नहीं, उन्होंने ना केवल स्ट्रेस को कम किया बल्कि JEE और NEET में अच्छी रैंक भी हासिल की। तो चलिए ऐसे ही कुछ चुनिंदा उपायों (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) के बारे में जान लेते हैं।
#1. टाइम मैनेजमेंट है सबसे जरुरी
स्ट्रेस को मैनेज करना है तो उसके उपाय में अपना टाइम मैनेज करना सबसे पहले आता है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि जब दिन की शुरुआत ही बुरी हो तो पूरा दिन ही ख़राब जाता है। तो वही चीज़ JEE और NEET की तैयारी करने में भी लागू होती है।
अगर आपके दिन की शुरुआत ही आलस, कामचोरी या ऐसी ही किसी आदत में जाती है तो पुरे दिन का शेड्यूल ख़राब होता है। इसके लिए आप पूरे दिन का निर्धारित शेड्यूल बनाएं और उसी के अनुसार ही चलें। फिर देखिए कैसे आपकी तैयारी भी अच्छे से होती है और स्ट्रेस भी कम हो जाता है।
#2. खुद को पहचानना
आप चाहे JEE की तैयारी कर रहे हो या नीट के एग्जाम की, आपको पहले अपने आप का आंकलन करना जरुरी है। अपने आप को पहचानने का मतलब है कि आप खुद से पूछें कि क्या आप यह कर सकते हैं? अगर कर सकते हैं तो आपको इसमें कितना टाइम लगेगा? अब क्या आपके पास उतना टाइम है?
इतने टाइम में आपका कितना खर्च होगा और क्या आपके पेरेंट्स उतना खर्चा उठा सकते हैं? क्या आपको लोन लेने की जरुरत है? आपके ऊपर कोई पारिवारिक दबाव तो नहीं है? इत्यादि। ऐसे ही कई प्रश्न अपने आप से पूछें और उसके बाद ही आगे का फैसला लें।
#3. सही शहर का चुनाव
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि कोचिंग लेने के लिए सही शहर का चुनाव किया जाना भी बहुत जरुरी हो जाता है। अब कहने को तो मेट्रो सिटी में हर तरह की फैसिलिटी मिलती है और बड़े से बड़े कोचिंग सेंटर भी वहाँ होते हैं लेकिन अगर हम पढ़ाई वाले माहौल की बात करें तो वह ना के बराबर होता है।
फिर चाहे आप दिल्ली को ले लीजिए या फिर मुंबई को। हर जगह बड़े से बड़े कोचिंग सेंटर तो हैं लेकिन ज्यादातर स्टूडेंट मौज मस्ती में ही रहते हैं। रही बात कोटा की तो वहाँ स्टूडेंट पर इतना ज्यादा प्रेशर बनाया जाता है कि वह ना चाहते हुए भी स्ट्रेस में आ जाता है। ऐसे में आप सीकर या जयपुर जैसे शहरों का चुनाव कर सकते हैं।
#4. सही कोचिंग का चुनाव
स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए जितना ध्यान सही शहर को चुनने में लगाना होता है, उससे ज्यादा ध्यान सही कोचिंग सेंटर को चुनने में लगाना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि एक कोचिंग सेंटर ही आपकी जिंदगी बना भी सकता है और उसे बिगाड़ भी सकता है।
एक अच्छे कोचिंग सेंटर में स्टूडेंट को सभी तरह की फैसिलिटी तो दी जाएगी ही लेकिन उसी के साथ ही वहाँ स्टूडेंट टीचर रेश्यो, टीचर्स का एक्सपीरियंस और स्टूडेंट से डील करने की तकनीक इत्यादि बहुत मायने रखती है।
ऊपर हमने दो शहर बताए जो कोचिंग के लिए सही हैं। जब हमने इन शहरों में खुले कोचिंग सेंटर के बारे में जांच पड़ताल की तो कुछ चुनिंदा कोचिंग सेंटर उभर कर सामने आए। इसमें सीकर का मैट्रिक्स कोचिंग सेंटर और कौटिल्य अच्छा लगा तो वहीं जयपुर का एलन कोचिंग सेंटर।
#5. हर दिन है नया
हमने इस पॉइंट को खासतौर पर इसलिए डाला है क्योंकि यह पिछले साल JEE में टॉप करने वाले कुछ स्टूडेंट्स ने हाईलाइट किया था। उनके अनुसार यह सिर्फ और सिर्फ स्टूडेंट की सोच पर निर्भर करता है।
कुछ स्टूडेंट अगला दिन आने पर यह सोचते हैं कि ओह्ह, तैयारी के लिए एक दिन और कम हो गया जबकि कुछ स्टूडेंट अगले दिन को एक नए दिन के तौर पर देखते हैं। इसलिए आप भी हर नए दिन को तैयारी के लिए एक और दिन के तौर पर देखें।
#6. जरुरी चीज़ों को हाईलाइट करें
जब एग्जाम पास आने लगते हैं तो देखने में आता है कि ज्यादातर स्टूडेंट हड़बड़ी में पढ़ते हैं या दूसरे स्टूडेंट्स से नोट्स मांगते फिरते हैं। ऐसे में आप पहले दिन से ही जरुरी चीज़ों के नोट्स बनाना शुरू कर देंगे तो बहुत हेल्प होगी।
इसके लिए आप बुक में भी जरुरी चीजों को मार्कर से हाईलाइट करें, कॉपी में नोट्स बनाएं ताकि एक क्विक रिविजन की जा सके।
#7. डाउट को छोड़े नहीं
अब ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि आप JEE और NEET की तैयारी कर रहे हो और आपके कोई भी डाउट ही ना हो। आपके जो भी डाउट हो, उन्हें नोट करके रख लें और फिर अगले दिन अपने टीचर से उन डाउट को क्लियर करवाएं।
यही बात हमें सीकर के मैट्रिक्स कोचिंग की अच्छी लगी कि उन्होंने अपने कोचिंग सेंटर में जगह-जगह डाउट सेंटर बनाकर रखे हैं जहाँ स्टूडेंट्स कभी भी अपने डाउट लेकर आ सकते हैं। अब ऐसी ही फैसिलिटी अन्य कोचिंग सेंटर्स भी देने लगे हैं।
#8. पूरी नींद और उचित खानपान
अगर आप कम सोएंगे तो इसका मतलब यह नहीं कि आप ज्यादा तैयारी कर पाएंगे। इससे आप दिमागी तौर पर थक जाएंगे और स्ट्रेस भी बढ़ता चला जाएगा। इसलिए नींद पूरी लें, ना ही ज्यादा और ना ही कम।
साथ ही अपना खानपान भी सही रखें क्योंकि गलत खानपान भी स्ट्रेस को बढ़ाता है। ऐसे में आप बाहर का खाने से बचें। फ़ास्ट फूड, तला फला भी ना खाएं। रोजाना बादाम, चने, दाल, दूध, दही इत्यादि अवश्य लें।
#9. योग व प्राणायाम
स्ट्रेस को कम करने में योग बहुत ही प्रभावी रहता है। आप सुबह के समय जल्दी उठने की आदत डालें और कम से कम 30 मिनट के लिए योग व प्राणायाम करने का नियम बना लें। फिर देखिए आपका स्ट्रेस भी कम होता है और आप ध्यान लगाकर पढ़ पाते हैं।
#10. पेरेंट्स के साथ बातचीत करते रहना
आप चाहे दूसरे शहर में रहकर JEE और NEET की तैयारी कर रहे हो लेकिन हर दिन अपने पेरेंट्स से साथ बात जरुर करें। अगर रोजाना बात नहीं हो पाती है तो दो दिन में एक बार तो जरुर करें। इससे आपको भी घर के बारे में पता चलता रहेगा और पेरेंट्स को भी आपकी स्थिति का पता रहेगा।
#11. सीनियर के साथ कॉन्टेक्ट में रहना
आप जिस भी कोचिंग सेंटर में पढ़ते हो, वहाँ आपका सीनियर बैच भी होगा। आपको उनमें से कुछ सीनियर के साथ कॉन्टेक्ट बनाना चाहिए। ये सीनियर आपकी बहुत तरीके से मदद कर सकते हैं, खासतौर पर स्ट्रेस को कम करने में।
#12. सही फ्रेंड सर्कल बनाएं
आपका फ्रेंड सर्कल अर्थात दोस्तों की मंडली कैसी है, यह भी बहुत मायने रखती है। यदि यह अच्छा फ्रेंड सर्कल है तो आप दोगुनी गति से JEE और NEET की तैयारी कर पाते हैं और वहीं अगर यह बुरा है तो आपका जीवन बर्बाद कर देगा।
#13. बैकअप तैयार रखें
चाहे आपकी तैयारी कितनी ही मजबूत क्यों ना हो या आपको अपने आप पर कितना ही विश्वास क्यों ना हो लेकिन हमेशा एक बैकअप प्लान तैयार रखें। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आपका JEE और NEET में सलेक्शन नहीं होगा लेकिन हमेशा अपनी तैयारी पूरी करके ही चलना चाहिए।
अगर आपके पास बैकअप प्लान होगा तो आपका स्ट्रेस अपने आप ही कम हो जाएगा। हालाँकि इस बात का भी ध्यान रखें कि बैकअप प्लान के चक्कर में अपनी JEE और NEET की तैयारी को कमजोर ना पड़ने दें। बैकअप प्लान को एक आखिरी विकल्प के तौर पर ही रखें।
निष्कर्ष
इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि JEE और NEET की तैयारी (JEE NEET exam stress management tips in Hindi) करते समय स्ट्रेस होने के क्या कुछ कारण हो सकते हैं। वहीं स्ट्रेस मैनेज करने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आशा है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आप अपना फीडबैक नीचे कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं।
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