12वीं के बाद क्या करें? जाने 12वीं के बाद करियर ऑप्शन

Best career options after 12th in Hindi

एक स्टूडेंट के जीवन का सबसे मुख्य हिस्सा दसवीं और बारहवीं क्लास के बाद आता है। दसवीं के बाद उसे 4 स्ट्रीम में से किसी एक स्ट्रीम को चुनना होता है। इन 4 स्ट्रीम को नॉन मेडिकल, मेडिकल, कॉमर्स व आर्ट्स के नाम से जाना जाता है।

फिर इसके बाद असली परीक्षा 12वीं के बाद आती (Best career options after 12th in Hindi) है। वह इसलिए क्योंकि 12 वीं के बाद लिया गया निर्णय ही उसके आगे के करियर को बनाने या बिगाड़ने दोनों का काम कर सकता है। पहले के समय में तो ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हुआ करती थी। इस कारण स्टूडेंटस वही कर लेते थे जैसा कि बाकी सब कहते थे।

हालाँकि आज समय वैसा नहीं रहा (12th ke baad kya kare) है। अब इन्टरनेट पर सारी जानकारी उपलब्ध है। ऐसे में स्टूडेंट भी अपनी क्षमता, लेवल, रुचि इत्यादि को ध्यान में रखकर ही 12 वीं के बाद सही करियर विकल्प चुनता है। एक सही करियर विकल्प का चुनाव करना आपको बहुत तेज गति से उन्नति के रास्ते पर लेकर जाता है।

आज का हमारा यह लेख इसी विषय पर आधारित है। चलिए जानते हैं बारहवीं के बाद आपके पास क्या कुछ करियर विकल्प होते हैं।

12वीं के बाद करियर ऑप्शन

मुख्य रूप से 12वीं के बाद का करियर विकल्प आपके द्वारा दसवीं क्लास के बाद चुनी गई स्ट्रीम पर तय होता है। अब आपने अपनी 11 वीं और 12 वीं क्लास की पढ़ाई चारों में से किस स्ट्रीम में की है, इस पर आपका बारहवीं के बाद का करियर विकल्प निर्भर करता है।

ऐसे में हम आपके सामने चारों तरह की स्ट्रीम के बाद किस-किस तरह के करियर विकल्प होते हैं, पहले उन्हें रख देते हैं। यहाँ हम आपके सामने चारों स्ट्रीम के मुख्य 10 करियर विकल्प (12th ke baad career option in Hindi) रखेंगे। चलिए जानते हैं:

#1. 12वीं के बाद साइंस में करियर

जिन स्टूडेंट्स ने अपनी बारहवीं की पढ़ाई नॉन मेडिकल से की है अर्थात जिनके मुख्य सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स थे, वे इन स्ट्रीम में से किसी एक को चुन सकते हैं:

  • बी.टेक (इंजीनियरिंग)
  • बी.आर्क (आर्किटेक्चर)
  • बीसीए (कंप्यूटर अनुप्रयोग)
  • एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी)
  • बी.एससी (भौतिकी, रसायन, गणित)
  • मर्चेंट नेवी
  • कमर्शियल पायलट
  • डाटा साइंस
  • रोबोटिक्स
  • एथिकल हैकिंग

इसमें से भी इंजीनियरिंग को मुख्य करियर विकल्प माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि इंजीनियरिंग में भी सब कैटेगरी होती है और वह भी कई सारी। जैसे कि कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, सिविल, मैकेनिकल, केमिकल इंजीनियरिंग इत्यादि।

#2. 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स

अब बात करते हैं उन स्टूडेंट्स की जिनके बारहवीं में मुख्य सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी थे। इसके तहत आप इनमें अपना करियर बना सकते हैं:

  • एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
  • बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
  • बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
  • बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
  • बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी)
  • बी.एससी नर्सिंग
  • फार्मेसी (बी.फार्म)
  • पशु चिकित्सा विज्ञान (बी.वी.एससी)
  • बीएमएलटी (मेडिकल लैब तकनीक में स्नातक)
  • बायोटेक्नोलॉजी

अब इसमें भी MBBS मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक प्रमुख करियर विकल्प है। इसके लिए आपको बहुत ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और तब जाकर आप एक सही डॉक्टर बन पाते हैं।

#3. 12वीं के बाद कॉमर्स में करियर

जिन स्टूडेंट्स ने दसवीं के बाद कॉमर्स स्ट्रीम ली थी या जिनके सब्जेक्ट्स अकाउंट्स, बिज़नेस, मैथ्स इत्यादि थे, उनके लिए यह सब करियर विकल्प होते हैं:

  • बी.कॉम (बैचलर ऑफ कॉमर्स)
  • बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)
  • सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंसी)
  • सीएस (कंपनी सेक्रेटरी)
  • सीएमए (कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंसी)
  • बीएमएस (बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज)
  • बीएचएम (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट)
  • अर्थशास्त्र में स्नातक
  • Actuarial साइंस
  • डिजिटल मार्केटिंग

अब इसमें भी बीकॉम कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए पहली पसंद होती है। हालाँकि इसे करने के लिए इतनी प्रतिस्पर्धा देखने को नहीं मिलती है। फिर भी देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन के लिए तैयारी तो करनी पड़ती ही है। वहीं बहुत से कॉमर्स स्टूडेंट्स सीए या सीएस बनने की भी तैयारी करते हैं।

#4. 12वीं के बाद आर्ट्स में करियर

आखिरी स्ट्रीम बच गई आर्ट्स की। अब इसमें सब्जेक्ट्स या विषय स्टूडेंट की रुचि पर निर्भर करते हैं। हालाँकि कुछ सब्जेक्ट्स कम्पलसरी होते हैं, जैसे कि अंग्रेजी, हिंदी इत्यादि। अब इसके करियर विकल्प इस प्रकार हैं:

  • बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स)
  • पत्रकारिता और जनसंचार
  • फैशन डिजाइनिंग
  • होटल मैनेजमेंट
  • मनोविज्ञान
  • कानून (एलएलबी)
  • समाज कार्य (बीएसडब्ल्यू)
  • फाइन आर्ट्स
  • यात्रा और पर्यटन
  • एनीमेशन और मल्टीमीडिया

आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए भी बीए सबसे पहली पसंद होती है। हालाँकि आज के समय में स्टूडेंट्स बाकी के करियर विकल्प भी चुनने लगे हैं।

12वीं के बाद क्या करें?

ऊपर आपने जाना कि दसवीं के बाद आपके द्वारा चुनी गई स्ट्रीम के अनुसार आप कौन-कौन से करियर विकल्प चुन सकते (12th ke baad kya kare) हैं। अब हम आपको बताएँगे कि बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स के द्वारा कौन से करियर विकल्प प्रमुख तौर पर चुने जाते हैं और उनके लिए तैयारी कहाँ से और कैसे की जाती है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि हम आपको बताएँगे कि बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स के द्वारा देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए कौन कौन से कोचिंग सेंटर की मदद ली जा सकती है।

#1. इंजीनियरिंग के लिए JEE

सबसे पहले बात करते हैं इंजीनियरिंग की। तो देशभर में इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज IIT होते हैं जिसकी फुल फॉर्म भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) होती है। इसमें एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को JEE जैसी कठिन परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है। JEE की फुल फॉर्म संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Examination) होती है।

अब अगर किसी स्टूडेंट को JEE क्रेक करना है तो उसे दसवीं के बाद से ही इसकी तैयारी में लग जाना चाहिए। बहुत से स्टूडेंट तो बारहवीं के बाद भी एक से दो वर्ष का गैप लेते हैं ताकि उन्हें देश की टॉप IIT में चुन लिए जाए। ऐसे में अगर आपको जल्द से जल्द JEE क्रैक कर टॉप IIT में एडमिशन लेना है तो उसके लिए जरुरी है देश के टॉप JEE कोचिंग सेंटर से पढ़ाई करना। आइए जाने देश के टॉप 5 JEE कोचिंग सेंटर के नाम।

  • मैट्रिक्स JEE अकैडमी (सीकर, राजस्थान)
  • एलन करियर इंस्टीट्यूट (कोटा, राजस्थान)
  • रेज़ोनेंस (कोटा, राजस्थान)
  • आकाश इंस्टीट्यूट (नई दिल्ली)
  • FIITJEE (नई दिल्ली)

आज के समय में सीकर का मैट्रिक्स इंस्टीट्यूट और कोटा का एलन पहले दो स्थान पर है जहाँ स्टूडेंट्स को टॉप लेवल की JEE कोचिंग दी जा रही है। कुछ वर्षों पहले तक एलन टॉप पर था लेकिन लगातार आए मैट्रिक्स अकैडमी के रिजल्ट ने इसे टॉप पर ला दिया है।

#2. डॉक्टर के लिए NEET

डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा दी जाती है। इसी के माध्यम से ही स्टूडेंट्स को देश के टॉप सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलता है। यदि सरकारी कॉलेज नहीं मिलता है तो फिर भारी भरकम फीस देकर प्राइवेट कॉलेज से MBBS की पढ़ाई करनी पड़ती है।

ऐसे में ज्यादातर मेडिकल स्टूडेंट्स का यही लक्ष्य होता है कि वे देश के टॉप गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लें। वहाँ भी उनका सिलेक्शन MBBS के लिए ही हो, यह भी एक चुनौती से कम नहीं है। अब इसके लिए भी हम आपको देश के टॉप 5 NEET कोचिंग सेंटर के नाम दे देते हैं:

  • मैट्रिक्स नीट डिविजन (सीकर, राजस्थान)
  • एलन करियर इंस्टीट्यूट (कोटा, राजस्थान)
  • आकाश इंस्टीट्यूट (नई दिल्ली)
  • फिजिक्स वाला (नोएडा)
  • नारायणा अकादमी (हैदराबाद)

JEE की कोचिंग की तरह ही नीट की कोचिंग देने में भी टॉप 2 नीट कोचिंग सेंटर में मैट्रिक्स और एलन का नाम सामने आता है। अब यदि आप आंकड़ों को निकाल कर देखेंगे तो अवश्य ही एलन के ज्यादा स्टूडेंट्स का नीट के एग्जाम में चयन हुआ है लेकिन अगर आप स्टूडेंट्स के कुल अनुपात में से चयनित होने वाले स्टूडेंट्स का अनुपात देखेंगे तो उसमें मैट्रिक्स बाजी मार जाता है।

#3. चार्टेड अकाउंटेंट के लिए

जो स्टूडेंट्स सीए बनना चाहते हैं, उनके लिए भी देशभर में कई कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं। हालाँकि अधिकतर स्टूडेंट्स घर पर रहकर ही ICAI (इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया) के जरिए अपनी सीए की तैयारी करते हैं। आइए हम आपको इसमें भी टॉप 5 कोचिंग सेंटर के नाम बता देते हैं:

  • चाणक्य अकैडमी फॉर सीए
  • अल्डाइन CA (देशभर में)
  • सुपरप्रोफ्स
  • विद्याश्री अकादमी
  • जेके शाह क्लासेज (मुंबई)

ऐसे में आप इनमें से किसी भी क्लासेज या अकैडमी को ज्वाइन कर सकते हैं और अपनी सीए की तैयारी कर सकते हैं। हालाँकि इसके लिए घर पर रहकर भी तैयारी की जा सकती है क्योंकि आपको किसी कॉलेज में एडमिशन के लिए तैयारी नहीं करनी होती है बल्कि सीधा सीए बनने की तैयारी करनी होती है।

#4. सरकारी नौकरी के लिए

अब बात करते हैं सरकारी नौकरी लेने की। पहली बात तो यह है कि सरकारी नौकरी पाने की तैयारी हर स्ट्रीम का स्टूडेंट कर सकता है और इसमें किसी तरह की रोकटोक नहीं है। ऐसे में देशभर में सरकारी नौकरी दिलवाने के लिए टॉप 5 कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम हैं:

  • टाइम्स IAS (दिल्ली)
  • पैरामाउंट (दिल्ली, देशभर में)
  • Career Power (Bankers Adda) (देशभर में)
  • केडी कैंपस (दिल्ली)
  • विजन आईएस

तो यह थे देशभर के टॉप 5 कोचिंग सेंटर्स की लिस्ट जो JEE, NEET, CA और गवर्नमेंट जॉब्स की तैयारी करवाते हैं। हालाँकि इनके अलावा भी सैकड़ों कोचिंग सेंटर्स हैं जहाँ इन सभी की तैयारी करवाई जाती है लेकिन अगर टॉप कोचिंग सेंटर्स की बात हो तो इन्हीं का ही नाम आता (12th ke baad career option in Hindi) है।

सही करियर विकल्प में कोचिंग का महत्व

अब हम आखिर में बात कर लेते हैं कि आखिर करियर को बनाने या उसे चुनने में कोचिंग का क्या महत्व होता है। क्या कोचिंग के जरिए ही स्टूडेंट्स का सिलेक्शन हो पाता है या इसमें उनका कोई अलग से योगदान भी है!! क्या कोचिंग इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को सही मार्गदर्शन दे पाते हैं या उनसे केवल भारी भरकम फीस ही लेते हैं!!

आइए आपके इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम आपको दे देते हैं। अब हम 10 पॉइंट्स में समझेंगे कि एक सही कोचिंग सेंटर स्टूडेंट की जिंदगी कैसे बना सकता (Best career options after 12th in Hindi) है।

  • एक्सपर्ट गाइडेंस: टॉप कोचिंग सेंटर में पढ़ा रहे टीचर्स का एक्सपीरियंस लेवल और स्टूडेंट्स के साथ व्यवहार भी कमाल का होता है। वे स्टूडेंट्स पर बारीकी से नज़र रखते हैं और उन्हें समय-समय पर सही गाइडेंस भी देते रहते हैं।
  • टाइम मैनेजमेंट: टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को टाइम मैनेजमेंट का हुनर भी सिखाते हैं। अगर जल्द से जल्द सिलेक्शन करवाना है तो उसमें टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी हो जाता है।
  • रेगुलर मॉक टेस्ट: कोचिंग सेंटर्स के द्वारा समय-समय पर टेस्ट लिए जाते हैं जिससे स्टूडेंट्स की प्रैक्टिस होती रहती है। ऐसे में वह रियल एग्जाम में घबराता नहीं है और जल्द से जल्द उसे सही तरीके से कर पाता है।
  • अपडेटेड इनफार्मेशन: इंस्टीट्यूट में पढ़कर स्टूडेंट को हर दिन अपडेटेड और लेटेस्ट इनफार्मेशन मिलती है जबकि घर पर रहकर या छोटे लेवल के कोचिंग सेंटर्स पुरानी इनफार्मेशन के साथ ही काम करते रहते हैं।
  • करियर काउंसलिंग: स्टूडेंट्स की समय-समय पर काउंसलिंग की जानी भी बहुत जरुरी होती है अन्यथा वह मेंटल प्रेशर में आ जाता है। यह सुविधा भी इन कोचिंग सेंटर्स के द्वारा दी जाती है।
  • डाउट सोल्विंग: कुछ इंस्टीट्यूट अलग से डाउट सोल्विंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं जैसे कि JEE और नीट के लिए मैट्रिक्स या सरकारी के लिए पैरामाउंट कोचिंग सेंटर। वहाँ पर स्टूडेंट किसी भी समय जाकर अपने डाउट पूछ सकता है।
  • अनुशासन: कोचिंग सेंटर में अनुशासन की भावना भी विकसित की जाती है। घर पर रहकर या ऐसे ही किसी कोचिंग सेंटर में अनुशासन की कमी प्रमुख तौर पर देखने को मिल जाती है।
  • कॉम्पिटिशन का माहौल: अगर स्टूडेंट अच्छे कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा है तो वहाँ का कम्पटीशन भी वैसा ही होता है। ऐसे में कम्पटीशन का माहौल बना रहता है तो यह स्टूडेंट के लिए बहुत सही रहता है।
  • सेंटर नोट्स: जितना बड़ा और अच्छे स्तर का इंस्टीट्यूट होता है, वहाँ के नोट्स भी उतने ही प्रभावी और पॉइंट टू पॉइंट होते हैं। ऐसे में यह नोट्स भी स्टूडेंट्स को तेज गति से आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
  • आत्म विश्वास बढ़ना: अच्छे कोचिंग सेंटर से कई स्टूडेंट्स का चयन बड़े-बड़े कॉलेज में होता रहता है और कुछ तो बड़े पदों पर भी पहुँच जाते हैं। ऐसे में वह कोचिंग सेंटर उन स्टूडेंट्स को अपने यहाँ स्पीच देने या अपना अनुभव शेयर करने के लिए बुलाते हैं जो करंट स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाने में सहायक होता है।

निष्कर्ष

इस तरह से आज आपने जाना कि 12वीं के बाद आपके पास क्या कुछ करियर विकल्प हो सकते (Best career options after 12th in Hindi) हैं और आपके लिए कौन से कोचिंग सेंटर बेस्ट हो सकते हैं। जहाँ JEE और NEET में मैट्रिक्स सबसे टॉप पर है तो वहीं सीए के लिए चाणक्य और सरकारी के लिए टाइम्स सबसे ऊपर है।

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