JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर है?
JEE Main or JEE Advanced: जो स्टूडेंट्स नॉन मेडिकल फील्ड से हैं और आगे चलकर इंजीनियरिंग में पढ़ाई करना चाहते हैं तो उनका सपना देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने का होता है। अब भारत सरकार के द्वारा इसके लिए हर वर्ष JEE का एग्जाम लिया जाता है लेकिन बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो JEE के इस एग्जाम के दो नाम सुनकर शंका में पड़ जाते हैं।
दरअसल JEE एग्जाम के दो हिस्से होते हैं जिन्हें हम JEE Main और JEE Advanced के नाम से जानते हैं। पहले के समय में इनके कुछ और नाम थे लेकिन आज के समय में इनके नाम JEE Main और JEE Advanced है। अब जो स्टूडेंट्स इंजीनियर बनना चाहते हैं और इसके लिए JEE का एग्जाम देना चाहते हैं वे अवश्य ही यह जानना चाहते हैं कि JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है।
ऐसे में आज हम आपकी इसी शंका का समाधान करने हेतु ही यहाँ आए हैं। आज के इस लेख में आपको ना केवल इन दोनों पेपर के बीच का समूचा अंतर जानने को मिलेगा बल्कि साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे कि JEE Main और JEE Advanced क्या है (JEE Main or JEE Advanced Kya Hai) और इनका क्या महत्व है। तो चलिए शुरू करते हैं।
JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर है?
सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह दोनों ही एग्जाम स्टूडेंट्स के देशभर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने के लिए लिए जाते हैं। बस एक छोटा लेवल है तो दूसरा थोड़ा बड़ा लेवल है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो JEE Main का एग्जाम होता है, वो फर्स्ट लेवल होता है तो वहीं JEE Advanced का लेवल आखिरी लेवल होता (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है।
अब कुछ स्टूडेंट्स तो IIT और JEE के बीच क्या अंतर होता है (IIT and JEE Difference in Hindi), इसके बारे में भी जानना चाहते हैं। वह इसलिए क्योंकि हम में से बहुत से JEE के एग्जाम को IIT का एग्जाम भी कह देते हैं जो कि गलत भी नहीं है। ऐसे में आर्टिकल के लास्ट में हम आपको इसके बारे में भी बताएँगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
#1. फुल फॉर्म और पुराने नाम
JEE Main और JEE Advanced के बीच के अंतर को समझने से पहले आप यह समझ लें कि इन दोनों की फुल फॉर्म क्या है और इनका पहले क्या नाम था। इनकी फुल फॉर्म और इनके पुराने नाम जानकर आपको दोनों के बीच का आधे से ज्यादा अंतर तो यहीं क्लियर हो जाएगा क्योंकि लोगों ने इनके पुराने नाम ही सुन रखे होते हैं।
तो JEE Main की फुल फॉर्म Joint Entrance Examination – Main होती है तो वहीं JEE Advanced की फुल फॉर्म Joint Entrance Examination – Advanced है। अब आप कहेंगे कि इससे हमें क्या ही पता चला क्योंकि दोनों में JEE की फुल फॉर्म तो एक जैसी ही है। ऐसे में आप इनका पुराना नाम सुन लें।
तो JEE Main को पहले AIEEE के नाम से जाना जाता था तो वहीं JEE Advanced को IIT – JEE के नाम से जाना जाता था। अब बहुत लोगों ने अवश्य ही AIEEE का नाम सुन रखा होगा। वह इसलिए क्योंकि AIEEE का एग्जाम देशभर की NIT में एडमिशन के लिए लिया जाता था तो वहीं IIT – JEE का एग्जाम IIT में एडमिशन के लिए लिया जाता था। आज भी वैसा ही होता है लेकिन कुछ परिवर्तनों के साथ।
#2. किस कॉलेज में एडमिशन मिलेगा
अब यह तो आप जान ही गए हैं कि JEE के यह दोनों ही एग्जाम स्टूडेंट्स को देश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने के उद्देश्य से कंडक्ट करवाए जाते हैं लेकिन किस एग्जाम से किस तरह के कॉलेज में एडमिशन मिलता है, यह जानना भी तो जरुरी है।
तो JEE Main के द्वारा आपको देशभर की 32 NITs (National Institutes of Technology), 26 IIITs (Indian Institutes of Information Technology) और 40 GFTIs (Government Funded Technical Institutes) में एडमिशन मिलता है। वहीं यदि आप JEE Advanced को क्लियर कर देते हैं तो आपको देशभर की 23 IITs (Indian Institutes of Technology) में एडमिशन मिलता है।
#3. एग्जाम कौन लेता है?
अब बात करते हैं JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली एजेंसी के बारे में। तो JEE Main का एग्जाम NTA अर्थात National Testing Agency के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है वर्ष 2018 तक तो यह एग्जाम Central Board of Secondary Education कंडक्ट करवा रही थी लेकिन 2019 से यह दायित्व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा निभाया जा रहा है।
वहीं यदि हम JEE Advanced एग्जाम की बात करें तो इसे आईआईटी ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (IIT Joint Admission Board) के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है। इसमें 23 IIT में से टॉप 7 IIT आती है जिनके नाम रुड़की, खड़गपुर, दिल्ली, कानपुर, बॉम्बे, हैदराबाद और गुवाहाटी आईआईटी है। अब यह रोटेशन के हिसाब से हरेक IIT के द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है।
#4. एग्जाम की शुरुआत
यह भी JEE Main और JEE Advanced के बीच का एक महत्वपूर्ण अंतर (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है। इसलिए आपका इसके बारे में भी जानना जरुरी हो जाता है। तो JEE Main एग्जाम की शुरुआत आज से लगभग 22 वर्ष पहले सन 2002 में हुई थी तो वहीं JEE Advanced की शुरुआत आज से 63 वर्ष पहले सन 1961 में ही हो गई थी। कहने का अर्थ यह हुआ कि JEE Main एग्जाम JEE Advanced से बहुत बाद में शुरू हुआ था।
#5. एग्जाम का स्तर
अब करते हैं JEE Main और JEE Advanced के स्तर की बात। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि इन दोनों एग्जाम में से कौन सा एग्जाम ज्यादा कठिन होता है और कौन सा ज्यादा सरल। तो यह तो सीधी सी बात है कि लेवल एक का एग्जाम लेवल दो वाले से सरल ही होगा। इस तरह से JEE Main का एग्जाम JEE Advanced की तुलना में थोड़ा सरल जरुर होता है लेकिन इतना भी नहीं। वह इसलिए क्योंकि हर वर्ष इसमें लाखों स्टूडेंट्स बैठते हैं लेकिन सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स बहुत कम होते हैं।
साथ ही स्टूडेंट्स को टॉप लेवल के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए स्कोर भी उसी लेवल का लाना होता है। ऐसे में उसे टॉप लेवल के कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना चाहिए अन्यथा वह JEE Main में ही सेलेक्ट नहीं हो पाएगा, JEE Advanced तो बहुत दूर की बात है। भारत के कुछ टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, दिल्ली आकाश इंस्टीट्यूट है।
#6. एक साल में कितनी बार
अब बात करते हैं कि यह JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम एक साल में कितनी बार कंडक्ट करवाया जाता है और कब-कब करवाया जाता है। तो JEE Main का एग्जाम एक साल में दो बार लिया जाता है। पहला पेपर जनवरी में होता है तो दूसरा पेपर अप्रैल के महीने में होता है। ऐसे में अगर आपका जनवरी वाला पेपर अच्छा नहीं गया है तो आप अप्रैल में वापस इसे दे सकते हैं।
वहीं JEE Advanced का एग्जाम साल में बस एक बार लिया जाता है और वह JEE Main के दोनों एग्जाम हो जाने के बाद उसके रिजल्ट के आधार पर लिया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिन स्टूडेंट्स ने JEE Main का एग्जाम पास कर लिया है और टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आए हैं, वे ही JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं। JEE Advanced का एग्जाम जून के महीने में लिया जाता है।
#7. एग्जाम का क्राइटेरिया
अब आपने यह तो जान लिया है कि JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम (JEE Main or JEE Advanced) साल में कितनी बार लिया जाता है लेकिन साथ में यह भी जान लें कि यह एग्जाम कितनी शिफ्ट में होता है। तो JEE Main का पेपर एक ही शिफ्ट में होगा जो 3 घंटे की होगी। इसमें आपसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के प्रश्न पूछे जाएंगे।
वहीं अगर हम JEE Advanced की बात करें तो इसमें एक ही दिन में दो शिफ्ट में पेपर होते हैं। हरेक शिफ्ट 3-3 घंटे की होती है और सब्जेक्ट्स वही रहते हैं। इस तरह से JEE Main का एग्जाम 3 घंटों का तो वहीं JEE Advanced का एग्जाम 6 घंटों का होता है।
#8. किस लैंग्वेज में होता है एग्जाम
JEE Main का एग्जाम हिंदी व अंग्रेजी सहित 13 भारतीय भाषाओं में लिया जाता है। यह 13 भाषाएँ हिंदी, अंग्रेजी, आसामी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू है। वहीं JEE Advanced का एग्जाम केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही लिया जाता है।
#9. एग्जाम फीस
अब यदि हम आपके साथ JEE Main और JEE Advanced को देने के लिए फीस की बात करें तो वह भी एक मुख्य अंतर है। वह इसलिए क्योंकि JEE Advanced की फीस JEE Main की तुलना में बहुत ज्यादा होती है। अब यह फीस भी स्टूडेंट्स की जातियों के अनुसार अलग-अलग होती है। JEE Main के लिए जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स को 1000 रुपए, जनरल EWS व OBC को 900 रुपए, SC, ST, विकलांग और थर्ड जेंडर के लिए 500 रुपए होती है।
वहीं JEE Advanced की फीस भारतीय नागरिकों के लिए 3200 से लेकर 1600 रुपए के बीच में होती है। वहीं यदि हम विदेशी नागरिकों की बात करें तो यह 100 से 200 डॉलर तक होती है जो भारतीय मुद्रा के अनुसार 9 से 20 हज़ार के बीच होती है।
#10. एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
अब करते हैं JEE Main और JEE Advanced के बीच मुख्य अंतर की बात। वह है JEE का एग्जाम कौन दे सकता है और कौन नहीं। तो इसके लिए वैसे तो कई मापदंड होते हैं लेकिन यहाँ हम आपको दोनों के बीच के अंतर वाले क्राइटेरिया को बताने जा रहे हैं। तो JEE Main एग्जाम को देने के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है जबकि JEE Advanced के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष (आरक्षित वर्ग के लिए 30 वर्ष) है।
JEE Main को लगातार तीन वर्षों तक अधिकतम 6 प्रयास के तहत दिया जा सकता है तो वहीं JEE Advanced के लिए अधिकतम 2 प्रयास और वह भी बारहवीं के साथ वाला वर्ष और उसका अगला वर्ष ही होता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई स्टूडेंट 2024 में अपनी बारहवीं का एग्जाम देता है तो वह वर्ष 2024 और 2025 का JEE Advanced का एग्जाम ही दे सकता है, 2026 या उसके बाद के वर्षों का नहीं।
JEE Main और JEE Advanced क्या है?
अब जब आपने JEE Main और JEE Advanced के बीच के सभी अंतर को जान लिया है तो बारी आती है इन दोनों के बीच क्या समानता है, इसके बारे में जानने की। कहने का मतलब यह हुआ कि भारत सरकार को यह दो एग्जाम क्यों लेने पड़ते हैं और JEE Main और JEE Advanced का आपस में क्या संबंध (JEE Main or JEE Advanced Kya Hai) है, इसके बारे में भी तो आपको जानना चाहिए।
तो सबसे पहले तो आप यह जान लें कि केवल वही स्टूडेंट्स JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं जिन्होंने JEE Main का एग्जाम दे रखा हो और वे टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आते हो। इस तरह से JEE Advanced का एग्जाम JEE Main एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर कंडक्ट करवाया जाता है। साथ ही JEE Main के तहत एलिजिबिलिटी के जो भी क्राइटेरिया हैं, वे अपने आप ही JEE Advanced के लिए मान्य होते हैं।
आइए सिलसिलेवार तरीके से जान लेते हैं:
- JEE Main का एग्जाम देशभर के सभी केंद्रीय व राज्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज (IIT को छोड़कर) में एडमिशन के लिए कंडक्ट करवाया जाता है।
- इसके लिए देश के मान्यता प्राप्त बोर्ड से पढ़ रहे स्टूडेंट को नॉन मेडिकल स्ट्रीम या फिर फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ सब्जेक्ट के साथ अपनी बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक (आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए 65 प्रतिशत) लाना अनिवार्य होता है।
- यदि कोई स्टूडेंट न्यूनतम प्रतिशत वाले क्राइटेरिया में फेल हो जाता है लेकिन यदि वह अपने बोर्ड के टॉप 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स में आता है तो भी वह JEE Main के एग्जाम में बैठ सकता है।
- अब वह स्टूडेंट हर वर्ष आयोजित होने वाली दोनों JEE Main में बैठ सकता है जो जनवरी और अप्रैल में होती है।
- अब यदि स्टूडेंट JEE Main को अच्छे स्कोर के साथ पास कर लेता है और टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आ जाता है तो वह JEE Advanced का एग्जाम दे सकता है।
- इसमें इस बात का ध्यान रखें कि यदि उस स्टूडेंट ने 2023 में JEE Main का एग्जाम दिया है और पहले 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आया है तो वह 2024 के JEE Advanced में नहीं बैठ सकता है।
- अब यदि स्टूडेंट ने साल में होने वाली दोनों JEE Main की परीक्षा दी है तो उसने जिस भी परीक्षा में अच्छा स्कोर किया है या बेस्ट स्कोर किया है तो वही मान्य होगा।
- इस तरह से JEE Main के सभी नियमों का पालन करते हुए और इस एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स ही JEE Advanced के एग्जाम में बैठ सकते हैं।
- JEE Advanced का एग्जाम एक ही दिन में दो शिफ्ट में होता है और इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या और अंक निर्धारित नहीं होते हैं।
- फिर कुछ ही दिनों में JEE Advanced का रिजल्ट आ जाता है और स्टूडेंट्स को उनके स्कोर के आधार पर IIT में एडमिशन मिलता है और बाकी स्टूडेंट्स अन्य कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
इस तरह से आपने जान लिया है कि यह JEE Main और JEE Advanced का एग्जाम (JEE Main or JEE Advanced) कितना मुश्किल होता है और इसमें आपको अच्छा स्कोर करना कितना जरुरी है। इसलिए आपको टॉप लेवल के JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ना होगा। इसमें कुछ एक नाम ही आते हैं जो मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा और आकाश दिल्ली है।
IIT और JEE में क्या अंतर है?
अब आप यह भी जान लें कि IIT और JEE में क्या अंतर (IIT and JEE Difference in Hindi) है। वैसे तो आपको अभी तक का आर्टिकल पढ़कर इसके बारे में समझ आ ही गया होगा। तो IIT का अर्थ तो केंद्रीय सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से होता है जबकि JEE का अर्थ देश की IIT सहित अन्य केंद्रीय सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए कंडक्ट करवाया जाने वाला एग्जाम होता है।
निष्कर्ष
इस तरह से आपने इस आर्टिकल को पढ़कर यह जान लिया है कि JEE Main और JEE Advanced के बीच क्या अंतर होता (JEE Main and JEE Advanced Difference in Hindi) है और दोनों में क्या संबंध है। आशा है कि अब आपके मन में JEE के इन दोनों एग्जाम को लेकर कोई शंका शेष नहीं रह गई होगी।
जिन स्टूडेंट्स को IIT में एडमिशन लेना होता है, उसे यह दोनों ही एग्जाम देने होते हैं तो जिन स्टूडेंट्स को IIT के अलावा अन्य टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में जाना होता है तो उसके लिए केवल JEE Main का एग्जाम देना ही सही रहता है।
Related FAQs
प्रश्न: जेईई मेंस और एडवांस में क्या फर्क है?
उत्तर: जेईई मेंस और एडवांस में इतना सा फर्क होता है कि JEE Main NIT, IIIT और अन्य सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए कंडक्ट करवाया जाता है तो वहीं JEE Advanced का एग्जाम IIT में एडमिशन करवाता है।
प्रश्न: 12 वीं के बाद jee एडवांस के लिए कितने प्रयास होते हैं?
उत्तर: 12 वीं के बाद jee एडवांस के लिए लगातार दो वर्षों तक दो प्रयास मिलते हैं।
प्रश्न: जेईई एडवांस का मतलब क्या होता है?
उत्तर: जेईई एडवांस का मतलब होता है देशभर के 23 IIT में एडमिशन करवाने के लिए लिया जाने वाला एग्जाम। इसके तहत स्टूडेंट्स को हर वर्ष IIT की इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन दिया जाता है।
प्रश्न: क्या हमें जेईई मेन और एडवांस दोनों देना है?
उत्तर: जो स्टूडेंट्स IIT से पढ़ना चाहते हैं उन्हें अवश्य ही यह दोनों एग्जाम देने होंगे। वहीं जो स्टूडेंट्स IIT के अलावा अन्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ना चाहते हैं वे बस जेईई मेन दे सकते हैं।
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