वर्तमान समय में भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में औद्योगिक और तकनीकी विकास तेजी से बढ़ रहा है। इस विकास और बदलाव में इंजीनियर्स का बहुत बड़ा योगदान है। ये इंजीनियर ही विकासात्मक कार्यों की रुपरेखा बनाते हैं, उनको लागू करवाते हैं और तकनीकी क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटते हैं। इन तथ्यों से पता चलता है की इंजीनियरिंग एक बहुत बड़ा, प्रतिष्ठित और तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। इन्हीं बातों से आज हर कोई इंजीनियर बनना चाहता है, लेकिन ग्रामीण पृष्ठ्भूमि के कम ही छात्रों और अभिभावकों को पता होता है कि एक प्रतिष्ठित इंजीनियर बनने के लिए क्या करना चाहिए, कौन सी पढाई किस विषय से करनी चाहिए और इसके लिए कौन सा, सरकारी या प्राइवेट, सबसे अच्छा कॉलेज है?

यहाँ हमने इन्हीं अभिभावकों और छात्रों की समस्या के लिए चरणबद्ध तरीके से Engineer बनने की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई है। इस जानकारी को प्रामाणिक स्रोतों, प्रतिष्ठित कॉलेजों के शिक्षकों, करियर गाइड्स और इंजीनियरिंग के लिए प्रारम्भिक प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग विषेशज्ञों से हुई विशेष बातचीत के आधार पर लिखा है।

Engineer (अभियंता) क्या होता है?

एक इंजीनियर वह व्यक्ति होता है जो विभिन्न प्रकार के उद्योगों, कंपनियों में विकासात्मक योजनाओं, उत्पादों और प्रक्रियाओं को डिजाइन, विकसित और बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक और गणितीय सिद्धांतों को लागू करता है। ये आने वाली समस्याओं को हल करने, उद्योग एवं समाज को लाभ पहुंचाने वाले तंत्र को बनाने में अपनी विशेषज्ञता (Expertise) का उपयोग करते हैं। Engineers (अभियंता) कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं, जिसमें Civil (नागरिक) Mechanical (यांत्रिक) Electrical (विद्युत) Chemical (रासायनिक) और Software (संगणकीय विधा) इंजीनियरिंग शामिल हैं। ये अपने तकनीकी ज्ञान (Technical Knowledge) और कौशल का उपयोग विभिन्न प्रणालियों और प्रक्रियाओं पर शोध (Research), विकास (Development) , परीक्षण (Experimentation) और विश्लेषण (analysis) करने के लिए करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर नई या बेहतर सामग्री और उत्पाद बनाते हैं।

एक इंजीनियर ऐसे Project (परियोजना) पर काम करता है जो पुल, राजमार्ग और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण से लेकर रोबोटिक्स जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों से संबंधित सकता है। इस भूमिका में इंजीनियर अक्सर अन्य पेशेवरों, जैसे वैज्ञानिक, तकनीशियन, वास्तुकार, व्यवसायी और सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाएँ सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल है।

इंजीनियर कैसे बन सकते है?

आपने जान लिया की इंजीनियर क्या होता है, और सतही तौर पर आपने यह भी जाना कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्य कौन से हैं। अब आपको इंजीनयर्स के प्रकार जानने से पहले यह जानना चाहिए कि इंजीनियर कैसे बन सकते है? इंजीनियर बनने के लिए आपको सरकारी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों से बीटेक, बीआर्क,बीई, एमई या अन्य डिग्री करनी होगी। 

वर्तमान समय में सरकारी और निजी कॉलेजों दोनों से ही इंजीनियरिंग की ग्रेजुएशन पूरी की जा सकती है। मेरे विचार में निजी कॉलेजों से ग्रेजुएशन पूरी करने पर उतना फायदा नहीं मिल पाता, जितना भारत में प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी करने पर मिलता है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि भारत में निजी कॉलेजों से इंजीयरिंग की पढाई करना अत्यंत खर्चीला है। यहाँ प्रति सेमेस्टर विद्यार्थियों से अत्यधिक फीस वसूली जाती है, जो आम भारतीय या मध्यम वर्गीय ग्रामीण परिवारों के लिए वहनीय नहीं होता। इसलिए अभिभावक और बच्चे चाहते हैं कि, उन्हें इंजीनियरिंग की पढाई करने के लिए भारत की 23 प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेजों में से किसी एक में प्रवेश मिल जाये।

प्रतिष्ठित इंजीनियर कैसे बनें?

इंजीनियर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि छात्र ने कक्षा 10वीं के बाद मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या जीव विज्ञान (PCM/B) के साथ 12वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में पूरी की हो, क्योंकि साइंस स्ट्रीम के छात्र ही इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं। उच्च योग्यता प्राप्त इंजीनियर बनने के लिए आपको आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी जैसे प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना होगा। 

आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी आदि इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए छात्रों को JEE Main, JEE Advanced, GATE, UGET, BITSAT जैसी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। छात्रों को इन परीक्षाओं में से किसी एक परीक्षा में प्राप्त रैंक के अनुसार उन्हें कॉलेज आवंटित किया जाता है। कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों में अंग्रेजी, कंप्यूटर विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में भी अच्छे अंकों की आवश्यकता होती है। जो आपको JoSSA की कॉउंसलिंग प्रक्रिया में विस्तृत रूप से बताई जाती है। यह कॉउंसलिंग प्रक्रिया JEE Main और JEE Advanced परीक्षा पास करने वाले छात्रों के लिए अपनाई जाती है।

इंजीनियरिंग के लिए शीर्ष कॉलेज: NIRF Ranking

भारत दुनिया के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) का घर है। भारत में कुल 23 IIT हैं, जो देश भर में फैले हुए हैं। ये संस्थान विभिन्न स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) और डॉक्टरेट (PhD) पाठ्यक्रमों के लिए जाने जाते हैं। यदि छात्र इन प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के इच्छुक हैं, तो उनके लिए यह जानना आवश्यक है उनकी NIRF रैंक क्या है और वे कहां स्थित हैं (NIRF का अर्थ है राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क – जो भारत सरकार द्वारा शिक्षण, अनुसंधान, प्लेसमेंट और सुविधाओं जैसी चीजों के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को रैंक करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रणाली है)। NIRF रैंकिंग लिस्ट के आधार पर भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान निम्न है:

रैंकसंस्थान का नामशहर
1Indian Institute of Technology MadrasChennai
2Indian Institute of ScienceBengaluru
3Indian Institute of Technology BombayMumbai
4Indian Institute of Technology DelhiNew Delhi
5Indian Institute of Technology KanpurKanpur
6Indian Institute of Technology KharagpurKharagpur
7Indian Institute of Technology RoorkeeRoorkee
8All India Institute of Medical Sciences, DelhiNew Delhi
9Jawaharlal Nehru UniversityNew Delhi
10Banaras Hindu UniversityVaranasi
11Indian Institute of Technology GuwahatiGuwahati
12Indian Institute of Technology HyderabadHyderabad
13Jamia Millia IslamiaNew Delhi
14Manipal Academy of Higher Education-ManipalManipal
15University of DelhiDelhi
16Birla Institute of Technology & Science -PilaniPilani
17Amrita Vishwa VidyapeethamCoimbatore
18Jadavpur UniversityKolkata
19Aligarh Muslim University Aligarh
20Homi Bhabha National InstituteMumbai
21Vellore Institute of TechnologyVellore
22S.R.M. Institute of Science and TechnologyChennai
23Saveetha Institute of Medical and Technical SciencesChennai
24Indian Agricultural Research InstituteNew Delhi
25Siksha `O` AnusandhanBhubaneswar
26University of HyderabadHyderabad
27Kalinga Institute of Industrial TechnologyBhubaneswar
27Indian Institute of Technology IndoreIndore
29Anna UniversityChennai
30National Institute of Technology TiruchirappalliTiruchirappalli
31Indian Institute of Technology (Banaras Hindu University) VaranasiVaranasi
32Chandigarh UniversityMohali
33Post Graduate Institute of Medical Education and ResearchChandigarh
34National Institute of Technology RourkelaRourkela
35Indian Institute of Technology (Indian School of Mines)Dhanbad
36Indian Institute of Technology Patna Patna
37Amity UniversityGautam Budh Nagar
38JSS Academy of Higher Education and ResearchMysuru
39Indian Institute of Technology GandhinagarGandhinagar
40Symbiosis InternationalPune
41Andhra University, VisakhapatnamVisakhapatnam
42Kerala UniversityThiruvananthapuram
43Jawaharlal Institute of Post Graduate Medical Education & ResearchPuducherry
44Thapar Institute of Engineering and Technology (Deemed University)Patiala
45National Institute of Technology CalicutKozhikode
46Koneru Lakshmaiah Education Foundation University (K L College of Engineering)Vaddeswaram
47Calcutta UniversityKolkata
48Kalasalingam Academy of Research and EducationKrishnan Koil
49Lovely Professional UniversityPhagwara
50Cochin University of Science and TechnologyCochin

इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षा

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा वे परीक्षाएं हैं, जो इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती हैं। भारत में, सबसे प्रमुख राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा JEE Main है, जो JEE Advanced के माध्यम से IITs में प्रवेश के लिए भी एक पात्रता परीक्षा के रूप में कार्य करती है। इसके अतिरिक्त VITEEE, MHT CET, और WBJEE जैसी कई अन्य राष्ट्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं भी उपलब्ध हैं।

प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में प्रवेश लेने की प्रक्रिया

सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों और अभिभावकों को यह पता होना चाहिए कि उनके बच्चे को कौन सी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देनी चाहिए। IIT, IIIT, NIT जैसे सरकारी संस्थान में प्रवेश के लिए वर्ष में 2 बार JEE Main परीक्षा का आयोजन होता है, इस परीक्षा के शीर्ष 2,50,000 छात्र JEE Advanced परीक्षा के लिए पात्र होते है। JEE Advanced परीक्षा में छात्रों को उनकी रैंक और श्रेणी (Category) के आधार पर भारत के प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है। 

अर्द्धसरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया

देशभर के राज्यों के संस्थान, अर्द्धसरकारी और निजी संस्थान इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करवाते है, जो संक्षिप्त रूप में निम्न है;

क्रम संख्या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा
संचालक निकाय (Conducting Agency)
1.WBJEEपश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड (West Bengal)
2.BITSATबिट्स पिलानी 
3.MATEमणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन
4.COMEDK UETकंसॉर्टियम ऑफ मेडिकल, इंजीनियरिंग ऐंड डेंटल कॉलेजेज ऑफ कर्नाटक (COMEDK)
5.KIITEEकलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ( KIIT भुवनेश्वर, ओडिसा )
6.MHT CETस्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल, मुंबई (महाराष्ट्र)
7.VIETEEEविशाखा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, काकीनाडा (आंध्रप्रदेश)
8.AP EAMCETजवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, अनंतपुर (आंध्रप्रदेश)
9.SRMJEEESRM इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अमरावती (पहले SRM यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता था)

इंजीनियरिंग की प्रमुख शाखाएं (Branches) और पाठ्यक्रम (Course)

इंजीनियरिंग संस्थान विभिन्न स्तरों पर अलग – अलग पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जिनमें स्नातक (UG), परास्नातक (PG) और डॉक्टरेट (PhD) कार्यक्रम शामिल हैं। प्रमुख पाठ्यक्रमों में B.Tech, M.Tech, MBA, MSc, और PhD शामिल हैं। इंजीनियरिंग की कुछ टॉप ब्रांचें जिनमें, प्रत्येक छात्र प्रवेश लेना चाहता है।

शाखा (Branch)संचालित कोर्स की जानकारी 
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE)प्रोग्रामिंग, एल्गोरिदम, डेटाबेस, ओएस, नेटवर्किंग जैसे नए आधुनिक टेक्नोलॉजिकल कांसेप्ट को सीखना
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE)एनालॉग/डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमी कंडक्टर उपकरण, सिग्नल प्रोसेसिंग का अध्ययन करना
मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME)सीएडी/सीएएम, ऊर्जा रूपांतरण, मशीन डिजाइन, थर्मो-फ्लुइड्स, आदि का अध्ययन
सिविल इंजीनियरिंग (CE)संरचनात्मक विश्लेषण, निर्माण सामग्री, भूकंप इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE)इसमें विद्युत मशीनें, विद्युत उत्पादन, नियंत्रण प्रणालियां, संचरण शामिल हैं, जिनका गहन अध्ययन किया जाता है।

इसके अलावा, कुछ IIT में विशेष स्नातक कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जैसे:

  • सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDIT)
  • चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मास्टर (MMST)
  • बौद्धिक संपदा कानून में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDIPL)
  • समुद्री संचालन और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDMOM)
  • शहर नियोजन में मास्टर (MCP)
  • डिजाइन में मास्टर (MDes)

इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Engineers)

आपने ऊपर जाना कि एक सफल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं, उसके लिए क्या प्रक्रिया होती है, और कौनसी कॉलेज सबसे अच्छी कॉलेज है। अब जानते हैं कि इंजीनियर कितने प्रकार के होते है? यह प्रकार उनकी कार्यों के आधार पर बांटे गए है। देशभर कि कॉलेजों में कई प्रमुख इंजीनियरिंग ब्रांच हैं जिन्हे आप यहां से जान सकते हैं

  • सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) – सड़क, भवन, सुरंग, बाँध और पुल जैसे सार्वजनिक कार्यों का निर्माण और रखरखाव करते हैं।
  • मैकेनिकल इंजीनियर (Mechanical Engineer) – मशीनों और यांत्रिक प्रणालियों का डिज़ाइन, विकास, परीक्षण, निर्माण करते हैं।
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (Electrical Engineer) – विद्युत प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोप्रोसेसर और बिजली उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • केमिकल इंजीनियर (Chemical Engineer) – फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा, खाद्य उत्पादन आदि जैसे क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने के लिए रसायन विज्ञान के सिद्धांतों को लागू करते हैं।
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) – कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और एप्लिकेशन को डिज़ाइन, विकसित और परीक्षण करते हैं।
  • कंप्यूटर इंजीनियर (Computer Engineer)
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर (ECE Engineer)
  • एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace Engineer)
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियर (Automobile Engineer)
  • बायोमेडिकल इंजीनियर (Biomedical Engineer)
  • एनवायरनमेंटल इंजीनियर (Environmental Engineer)
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियर (Industrial Engineer)
  • मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियर (Mechatronics Engineer)
  • माइनिंग इंजीनियर (Mining Engineer)
  • पेट्रोलियम इंजीनियर (Petroleum Engineer)
  • एग्रीकल्चर इंजीनियर (Agricultural Engineer)
  • टेक्सटाइल इंजीनियर (Textile Engineer)
  • मरीन इंजीनियर (Marine Engineer)

इन शाखाओं में, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, समुद्री इंजीनियरिंग, परमाणु इंजीनियरिंग, ध्वनि इंजीनियरिंग और विशिष्ट उद्योगों की सेवा करने वाले सैकड़ों विशिष्ट इंजीनियरिंग क्षेत्र है जो निकट भविष्य में तेजी से आगे बढ़ेंगे।

सबसे बड़े इंजीनियरिंग क्षेत्र

नि:संदेह वर्तमान समय में इंजीनियरिंग को एक शानदार करियर माना जाता है, क्योंकि इनका कार्य सीधे तौर पर मानव के विकास से सम्बंधित है। आज इंजीनियरिंग के कई क्षेत्र और उप क्षेत्र बंटे हुए है। हमने मैट्रिक्स जेईई अकडेमी सीकर के विषेशज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर भविष्य में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले इंजीनियरिंग क्षेत्रों की पहचान की यह जानकारी उन सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को जाननी चाहिए,जो इंजीनियरिंग को अपना करियर बनाने की सोच रहें है।

कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग (CSE): कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग भविष्य में सबसे अधिक मांग वाली इंजीनियरिंग शाखा है। यह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का एक ऐसा उपक्षेत्र है, जो सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों का उपयोग करने वाली सूचना प्रणालियों के डिजाइन, निष्पादन और प्रबंधन पर केंद्रित है। एक कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियर कम्प्यूटेशनल सिद्धांत और कम्प्यूटेशनल प्रणालियों के डिजाइन का विशेषज्ञ होता है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों का मुख्य आधार कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग है। इससे पता चलता है कि CSE इंजीनियर्स का भविष्य उज्जवल है और कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग (CSE ) की डिग्री पूरी करने के बाद करियर के ढेरों अवसर उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है

  • सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Developer)
  • फुल स्टैक सॉफ्टवेयर डेवलपर (Full Stack Software Developer)
  • डेटा विश्लेषक (Data Annalist)
  • डेटा वैज्ञानिक (Data Scientist)
  • डेटाबेस प्रशासक (Database Administrator)
  • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ (Cyber ​​Security Expert)
  • डेटा इंजीनियर (Data Engineer)
  • मशीन लर्निंग इंजीनियर (Machine Learning Engineer)

मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME): यह सबसे विविध और बहुमुखी इंजीनियरिंग क्षेत्रों में से एक है और यह मानव जीवन के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण है। एक मैकेनिकल इंजीनियर एक आइडिया से शुरु करके, उसे एक कार्यात्मक प्रोटोटाइप बनाता है। वह उस प्रोटोटाइप का कई तरीकों से मूल्यांकन (संरचनात्मक, तापीय, कंपन, स्थैतिक, गतिशील आदि) करके उसे कार्य करने लायक उपकरण या मशीन में बदलता है। आज के समय में मैकेनिकल इंजीनियरों की भारी मांग है तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद भी करियर के कई विकल्प उपलब्ध हैं, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं

  • खनन इंजीनियर (Mining Engineer)
  • जल अभियंता (Water Engineer)
  • एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace Engineer)
  • यांत्रिक इंजीनियर (Mechanical Engineer)
  • ऑटोमोटिव इंजीनियर (Automotive Engineer)
  • परमाणु इंजीनियर (Nuclear Engineer)

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (AE): एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग का प्राथमिक क्षेत्र है, जो विमान, अंतरिक्ष यान और संबंधित उपकरणों व प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास, परीक्षण और निर्माण से संबंधित है। परंपरागत रूप से, यह क्षेत्र पृथ्वी के वायुमंडल और अंतरिक्ष उड़ान के मुद्दों पर केंद्रित रहा है, जिसकी दो प्रमुख और परस्पर जुड़ी शाखाएँ हैं: वैमानिकी और अंतरिक्ष यात्री इंजीनियरिंग। यह भी भविष्य में और तेजी से बढ़ने वाला इंजीनियरिंग का प्रमुख क्षेत्र है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद प्रमुख करियर अवसर इस प्रकार हो सकते हैं

  • विमान/अंतरिक्ष यान डिजाइनर (Aircraft/Spacecraft Designer)
  • डेटा प्रोसेसिंग प्रबंधक (Data Processing Manager)
  • सैन्य एयरोस्पेस इंजीनियर (Military Aerospace Engineer)
  • निरीक्षक और अनुपालन (Inspector and Compliance)

इनके अलावा भी इंजीनियरिंग के और भी महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिनमें छात्र अपना करियर बना सकतें है:

  • ओशनिक इंजीनियरिंग (Oscnic Engineering)
  • न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग (Nuclear Engineering)
  • बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड बायोकैमिकल इंजीनियरिंग (Biomedical Engineering and Biochemical Engineering)
  • एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering)

Skilled Engineer बनने के लिए Internship पूरी करना

आप सब जानते है कि आज के समय में किसी भी डिग्री की तब तक वैल्यू नहीं बनती जब तक आपने अपने फील्ड का कौशल न सीख़ लिया हो। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में Internship का बहुत बड़ा योगदान है। बड़ी बड़ी कम्पनिया इसी के बल पर इंजीनियर्स को जॉब प्लेसमेंट देती है, इसलिए एक सफल इंजीनियर बनने के लिए इंटर्नशिप करनी चाहिए। देशभर की इंजीनियरिंग कॉलेज समर और फाइनल सेमेस्टर की इंटर्नशिप की सुविधा देते हैं। व्यावहारिक उद्योग अनुभव प्राप्त करने के लिए उन्हें पूरा करना महत्वपूर्ण है।

इंजिनियर की नौकरी, कार्य और जिम्मेदारियां (Job Role and Responsibility)

इंजीनियर की नौकरी में एक इंजीनियर द्वारा विज्ञान और गणित के व्यावहारिक ज्ञान का उपयोग करके ऐसी मशीनें, इमारतें, सिस्टम या तकनीक डिज़ाइन करना और बनवाना शामिल है, जो लोगों की ज़िंदगी को आसान और सुरक्षित बनाएं। इंजीनियर का मुख्य काम समस्याओं को समझकर उनके लिए व्यावहारिक और सुरक्षित समाधान तैयार करना, परियोजना की योजना बनाना, डिज़ाइन बनाना, सही सामग्री चुनना और यह देखना होता है कि काम समय पर, बजट में और गुणवत्ता व सुरक्षा मानकों के अनुसार पूरा हो। इसके साथ ही उसे टीम के साथ मिलकर काम करना, साइट या ऑफिस पर काम की निगरानी करना, रिपोर्ट तैयार करना और ज़रूरत पड़ने पर डिज़ाइन या प्लान में सुधार करते रहना भी उसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में आता है। संक्षेप में एक इंजीनियर के सामान्य कर्तव्य निम्न होते है।

अनुसंधान एवं विकास इंजीनियर (Research and Development Engineers)

इन इंजीनियरों के कार्य किसी योजना के लिए गहन खोज और उसकी व्यवहारिकता को परिभाषित करना होता है। उनके कार्यों को हम निम्न बिंदुओं से समझ सकते है।

  • किसी परियोजना के दायरे के अनुसार उसके लिए अवधारणा बनाना और उनका व्यवहारिक रूप में काम में लेने से पहले परीक्षण करना।
  • किसी परियोजना की व्यवहारिकता जांचना की यह कितनी कार्यशील है अर्थार्त इसके संभावित उपयोग क्या है।
  • विकास पद्धत्ति, विभिन्न्न प्रकार के उपकरणों आदि को परिभाषित करना।
  • विभिन्न सलाहकारों, तकनीशियनों के बीच क्रॉस संवाद की कड़ी बनना, क्योंकि इन इंजीनियरों पर पूरी कार्य योजना की जिम्मेदारी होती है। ये कार्य की योजना बनाने से लेकर उसके पूरा होने तक की जवाबदेही तय करते है।

डिजाइन इंजीनियर (Design Engineers)

  • नए उत्पाद/सॉफ़्टवेयर की इंजीनियरिंग आवश्यकताओं का विश्लेषण करना।
  • विनिर्देश तैयार करना, प्रोटोटाइप/वर्कफ़्लो विकसित करना, मॉडल का प्रोटोटाइप तैयार करना।
  • किसी कार्य में आने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए असफल प्रोटोटाइप मॉडल्स का परीक्षण करना।
  • पायलट प्रोजेक्ट (इसके तहत कार्य का परीक्षण किया जाता है) बनाकर डिज़ाइन को मान्य करना उसको अंतिम अनुमति देना।

परियोजना इंजीनियर (Project Engineers)

इन इंजीनियरों का कार्य विभिन्न परियोजनाओं (Projects ) की सम्पूर्ण रुपरेखा तैयार करना होता है जिसमें निम्न कार्य सम्मिलित किये जा सकते है। 

  • परियोजना की आवश्यकताओं, प्रौद्योगिकी, लागत, समयसीमा आदि निर्धारित करना।
  • परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव, कार्यक्रम, बजट तैयार करन।
  • परियोजना के डिज़ाइन, खरीद, निर्माण, असेंबली आदि का समन्वय करना।
  • तकनीशियनों, ठेकेदारों की परियोजना टीमों का नेतृत्व करना और मार्गदर्शन प्रदान करना और समय पर कार्य पूरा करवाना आदि महत्वपूर्ण कार्य प्रोजेक्ट इंजीनियरों द्वारा किये जाते है।

निष्कर्ष

इंजीनियर बनने की प्रक्रिया में सिर्फ कोर्स या पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सही मानसिकता, अनुशासन और निरंतर सुधार की इच्छा सबसे अहम होती है। जैसा कि सीकर की बेस्ट कोचिंग “मैट्रिक्स” के संस्थापक कपिल जी ढाका जो खुद IITian रह चुके हैं ये बताते हैं, कि सफलता का रहस्य “लगातार सीखना, मेहनत करना, और असफलताओं से डरना छोड़ देना” है। कपिल जी ने अपनी तैयारी में गहराई से समझ, समय प्रबंधन और समस्या सुलझाने के तरीके अपनाये, वही उन्हें IIT की सफलता तक लेकर गए। इन उदाहरणों से समझा जा सकता है, कि छात्र को चाहिए कि वे पढ़ाई केवल परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वयं के विकास के लिए करे। असली इंजीनियर वह होता है, जो जिज्ञासा के साथ चीजों को देखे, हर सवाल का तार्किक उत्तर ढूंढे और अपने ज्ञान को प्रैक्टिकल रूप में लागू करने की कोशिश करे।

इंजीनियरिंग क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए नियमित अनुशासन, समय प्रबंधन और सकारात्मक मानसिकता का होना आवश्यक है, जो कई सफल इंजिनियरों ने अपनी सफलता की राह में अपनाई। आपकी तैयारी में यही आदतें शामिल हों, तो आप न केवल अपना लक्ष्य हासिल करेंगे, बल्कि एक सक्षम इंजीनियर और बेहतर इंसान भी बनेंगे। इसलिए स्कूली छात्रों और JEE की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह सलाह है कि वे चीजों को गहराई से समझने, रोज़ अभ्यास करने, गलतियों से सीखने, और धैर्य बनाये रखने की आदत विकसित करें। जीवन में सफल इंजीनियर बनने के लिए ये आदतें और मानसिकता ही सबसे महत्वपूर्ण आधार है।

FAQ’s

Engineer बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

इंजीनियर बनने के लिए, आपको सबसे पहले 12वीं कक्षा भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या विज्ञान जैसे विषयों के साथ उत्तीर्ण करनी होगी। इसके बाद, आपको JEE, BITSAT, या अन्य राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करके किसी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना होगा। फिर, आप बी.टेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) या बी.ई. (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) की 4 साल की डिग्री पूरी कर सकते हैं। इंजीनियर कैसे बने के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप हमारा ब्लॉग पढ़ सकते है।

क्या इंजीनियरिंग एक अच्छा करियर विकल्प है?

हाँ, इंजीनियरिंग आपके लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है क्योंकि, यह क्षेत्र वर्तमान समय में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कई उप क्षेत्र बंटे हुए है जैसे ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग का ही एक अलग भाग है जो निकट भविष्य में तेजी से आगे बढ़ने वाला सेक्टर है।

इंजीनियर बनने के लिए कौन-कौन से विषय जरूरी हैं?

11वीं और 12वीं में PCM/B (Physics, Chemistry, Maths, or Biology) लेना ज़रूरी होता है। हालाँकि कुछ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में कंप्यूटर विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में भी अच्छे अंकों की आवश्यकता होती है।

इंजीनियर बनने के लिए भारत में कौन-कौन सी प्रवेश परीक्षा आयोजित होती हैं?

भारत में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के रूप में JEE Mains, JEE Advanced, BITSAT, MATE जैसी परीक्षाएं कई सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। आप इनकी विस्तृत जानकारी ऊपर लिखित ब्लॉग में जान सकते है।

इंजीनियरिंग के कौन-कौन से ब्रांच होते हैं?

इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, केमिकल, सॉफ्टवेयर, आदि विभिन्न ब्रांचें होती है। आप अपनी पसंद के अनुसार इनमें से किसी एक को चुनकर अपने उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हो जहां करियर ग्रोथ की अपार संभावनाएं है।

मुझे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए JEE Main और Advanced परीक्षा की तैयारी कौनसी कोचिंग से करनी चाहिए?

एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए आपको JEE Main और Advanced परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करनी होगी इसके लिए आपको मैट्रिक्स, ऐलन, पीसीपी जैसी गुणवत्तापूर्ण कोचिंग से तैयारी करनी चाहिए क्योंकि, यहाँ से प्रतिवर्ष हजारों छात्रों को अच्छे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलता है।

India में सबसे अच्छा Olympiad कौनसा है, यह पूरी तरह व्यक्तिगत रूप से एक छात्र की रुचि और क्षमता पर निर्भर करता है।ओलंपियाड परीक्षाएँ स्कूली छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएँ है, जो उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रारंभिक मंच प्रदान करती है। ये परीक्षाएँ गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान सहित कई विषयों को शामिल करती है और स्कूल स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक, विभिन्न स्तरों पर आयोजित की जाती है। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों की शैक्षणिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होता है, उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है और कौशल क्षमताएँ विकसित होती है।

इस लेख में, हम भारत में स्कूली छात्रों के लिए उपलब्ध लगभग सभी ओलंपियाड परीक्षाओं पर चर्चा करेंगे। यहाँ प्रत्येक ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी, उसमें भाग लेने के लाभ और इन प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए छात्र कैसे तैयारी कर सकते है, जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।

Olympiad क्या है?

ओलंपियाड परीक्षा एक ऐसी प्रतियोगिता है जो बच्चों की तर्कशक्ति, अवधारणा की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता को परखने के लिए आयोजित की जाती है। यह मुख्य रूप से गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर जैसे विषयों में होती है और कक्षा 1 से 12 तक के छात्र इसमें भाग ले सकते हैं। इसमें छात्रों को वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्नों के माध्यम से सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाने का अवसर मिलता है। ओलंपियाड की तैयारी से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी कमजोरियों को पहचाने तथा सुधारने का मौका पाते है।

ओलंपियाड परीक्षा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आयोजित होती है, जो बच्चों को प्रतिस्पर्धा का अनुभव देती है और उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर छात्रवृत्ति, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार भी मिलते हैं, जो उनके शैक्षिक विकास में सहायक होते हैं। यही कारण है कि ओलंपियाड बच्चों के अंदर ज्ञान के प्रति उत्साह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करता है, जिससे वे शिक्षण और करियर दोनों में बेहतरीन प्रगति कर सकते हैं।

भारत के सबसे अच्छे Olympiad की सूचि (Best Olympiad in India)

स्कूली बच्चों के लिए समय समय पर भारत में कई ओलंपियाड परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इनकी अलग अलग विशेषताएं होती है। जैसे, कोई गणित के लिए सर्वश्रेष्ठ है, तो कोई विज्ञान या रसायन विज्ञान विषय के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न विषयों के लिए होने वाले सर्वश्रेष्ठ ओलंपियाड्स की यह सूची हमने मैट्रिक्स हाईं स्कूल सीकर जैसे प्रसिद्ध संस्थान के विशेषज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर बनाई है।

  1. विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड
  2. मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)
  3. राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)
  4. किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)
  5. भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)
  6. भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)
  7. भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)
  8. एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)
  9. सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाले सबसे प्रमुख संगठनों में से एक है । SOF विभिन्न विषयों जैसे गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी आदि के लिए ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करवाता है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की छुपी हुई प्रतिभा को देश दुनिया के सामने लाना है।

SOF ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी 

SOF ओलंपियाड शामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (NSO)विज्ञानकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IMO)गणित कक्षा 1 से 12 तकदो स्तर: स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (IEO)अंग्रेज़ीकक्षा 1 से 12 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान ओलंपियाड (IGKO)सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 10 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
राष्ट्रीय साइबर ओलंपियाड (NCO)कंप्यूटर विज्ञान/आईटीकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य ओलंपियाड (ICO)व्यापारकक्षा 11 और 12एक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय

SOF ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • संकल्पनात्मक (Conceptual) स्पष्टता: SOF ओलंपियाड संकल्पनात्मक समझ पर जोर देते है, जो छात्रों को विषय वस्तु का गहन ज्ञान विकसित करने में मदद करता है।
  • वैश्विक मान्यता: उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त होती है एवं उन्हें सम्मान प्राप्त होता है।
  • छात्रवृत्ति और पुरस्कार: SOF शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान करता है, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिलती है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad) को भारत में सबसे अच्छे ओलंपियाड में से एक कहा जा सकता है,  यह ओलंपियाड छात्रों के लिए मैट्रिक्स हाई स्कूल, सीकर द्वारा आयोजित करवाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के मुख्य शैक्षणिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान,अंग्रेजी की अवधारणात्मक समझ का परीक्षण करना है। यह सीकर या राजस्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करवाया जाता है जिसमें देशभर के स्कूली विद्यार्थी भाग लेकर अपनी क्षमताओं का परीक्षण करते है। 

मैट्रिक्स ओलंपियाड की विषेशताएं

मैट्रिक्स ओलंपियाड विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच है जो न केवल उनकी शैक्षणिक योग्यता को पहचानता है, बल्कि उन्हें कौशल और उनकी सोचने की क्षमता को भी विकसित करने में मदद करता है। यह ओलंपियाड छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के साथ-साथ उनकी सकारात्मक वृद्धि को भी बढ़ावा देता है। इस ओलम्पियाड की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं

  • यह गणित, विज्ञान और अन्य विषयों में छात्रों की समझ को परखता है, इस आधार पर उनकी समस्याओं को पहचानकर उनका समाधान किया जाता है।
  • परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार से बनाया जाता है की इससे छात्रों की सोचने की क्षमता और तर्क शक्ति को मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • यह प्रतियोगिता छात्रों के समय प्रबंधन और आत्मविश्वास विकसित करने में भी सहायक होती है।
  • इसमें भाग लेने वाले छात्रों के लिए नियमित मॉक टेस्ट और अभ्यास पत्र प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनकी आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर होती है।
  • यह छात्रों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • इस ओलम्पियाड में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स के किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने पर 5 से 100% तक की छात्रवृति दी जाती है।
  • नगद पुरस्कार स्वरूप बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कुल 31 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि नगद दी जाती है।
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड में समग्र रूप से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आठ टॉपर्स को निःशुल्क विदेश (दुबई, सिंगापुर की) यात्रा करवाई जाती है।
  • 11 – 12 वीं कक्षा वाले विद्यार्थियों को इस परीक्षा के आधार पर  सुझाव दिए जाते है की आगे उन्हें किस फील्ड में करियर बनाना चाहिए। (प्रदर्शन के आधार पर CLAT, NDA, JEE Advanced, JEE Main और NEET UG परीक्षा की तैयारी के सुझाव दिए जाते है।)
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड के शीर्ष 100 प्रतिभागियों को मैट्रिक्स कार्यशाला में शामिल किया जाता है, जहां उनको तैयारी करवाकर अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की जाती है।

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। NTSE कक्षा 10 के छात्रों के लिए दो चरणों में आयोजित किया जाता है, चरण 1 (राज्य स्तर) और चरण 2 (राष्ट्रीय स्तर)

NTSE परीक्षा की विस्तृत जानकारी

पहलूविवरण
पात्रताभारत के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा 10 के छात्र
चरणचरण 1 राज्य स्तर, चरण 2 राष्ट्रीय स्तर
शामिल किए गए विषयमानसिक क्षमता परीक्षण (MAT) और शैक्षिक योग्यता परीक्षण (SAT)
छात्रवृत्तिराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 1,000 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

NTSE के लाभ

  • छात्रवृत्ति: सफल छात्रों को भारत में डॉक्टरेट स्तर (PhD करने) तक छात्रवृत्ति मिलती है।
  • शैक्षणिक मान्यता: NTSE टॉप करने वाले छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मान्यता दी जाती है, जो उनको भविष्य में शैक्षणिक और करियर बनाने के लिए फायदा पहुंचाती है।
  • विश्लेषणात्मक कौशल (Analytical Skills) को बढ़ावा: परीक्षा विश्लेषणात्मक सोच, तार्किक तर्क और समस्या-समाधान कौशल पर जोर देकर उनमें सुधार के लिए प्रेरित करती है।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बुनियादी विज्ञान में अनुसंधान करियर बनाने के लिए प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने और प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक फेलोशिप योजना है। यह योजना छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उन्हें अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती है, जिसकी देखरेख मुख्य रूप से भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु करता है। KVPY परीक्षा कक्षा 11 और 12 के छात्रों के साथ-साथ बुनियादी विज्ञान पाठ्यक्रमों के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए भी उपलब्ध है।

KVPY परीक्षा की विस्तृत जानकारी

संकाय (Stream)पात्रताविषयछात्रवृत्ति
SAकक्षा 11 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SXकक्षा 12 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SBबुनियादी विज्ञान में प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति

KVPY के लाभ

  • अनुसंधान के अवसर: केवीपीवाई के छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों जैसे IISC (Indian Institute Of Science) और IISER (Indian Institute of Science Education and Research) में सीधे प्रवेश मिलता है।
  • वित्तीय सहायता: यह छात्रवृत्ति मूल विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • अनुसंधान का अनुभव: सर्वोच्च स्थान पाने वाले छात्रों को ग्रीष्मकालीन शिविरों और अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने का अवसर मिलता है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान के बारे में उनकी समझ बढ़ती है।

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) भारत में आयोजित होने वाली एक गणित ओलम्पियाड प्रतियोगिता है। जिसका आयोजन होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस ओलम्पियाड परीक्षा से अंतररास्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (IMO) के दूसरे चरण के प्रतिभागियों को चुना जाता है।

INMO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

  • INMO परीक्षा में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रारंभिक चरण की परीक्षा, क्षेत्रीय गणितीय ओलंपियाड (Regional Mathematics Olympiad) परीक्षा में प्रत्येक क्षेत्र के शीर्ष 30 विद्यार्थियों में आना आवश्यक है।
  • INMO परीक्षा में कुल 6 प्रश्न होते है, जिन्हें चार घंटे में पूरा करना होता है। पूरा प्रश्नपत्र 102 अंकों का होता है और सभी 6 प्रश्न समान अंक के होते है। ये छ प्रश्न बीजगणित, ज्यामिति, संख्या सिद्धांत, और संयोजन विज्ञान विषयों से होते है।

INMO परीक्षा के लाभ

  • परीक्षा में चयनित शीर्ष 30 उम्मीदवारों को अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड की तैयारी करने के लिए 1 महीने तक HBCSE (Homi Bhabha Centre for Science Education) सेंटर पर कोचिंग करने का मौका मिलता है।
  • इस प्रशिक्षण शिविर (HBCSE Training Centre) के बाद यहां से चयनित शीर्ष 6 विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है।
  • इस परीक्षा में सफल छात्रों को अत्यंत सम्मानजनक दृष्टिकोण से देखा जाता है, क्योंकि ये भारत के शीर्ष विद्यार्थी होते है जो गणित जैसे कठिन विषय में पारंगत है।

भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)

अंतरराष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड में भाग लेने के लिए, कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए एक प्रतियोगिता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के जीव विज्ञान ओलंपियाड कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए यह परीक्षा प्रतिवर्ष देशभर के 15 शहरों में आयोजित की जाती है।

INBO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

यह 3 घंटे की परीक्षा होती है, जिसमें दो भाग होते है, भाग 1जीव विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा और, भाग 2 रसायन विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा। इन दोनों परीक्षाओं की विस्तृत जानकारी निम्न है:

भाग 1 – जीव विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB)

भारत में उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए जीव विज्ञान की एक परीक्षा आयोजित की जाती है जिसे “राष्ट्रीय मानक जीव विज्ञान परीक्षा” (NSEB) कहा जाता है। भारतीय भौतिकी शिक्षक संघ और होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के सहयोग से, जैविक विज्ञान शिक्षक संघ इस परीक्षा का आयोजन आमतौर पर नवंबर के अंत में करता है। 12वीं कक्षा या उससे कम के 30,000 से ज़्यादा छात्र हर साल यह परीक्षा देते है। यह एक घंटे की परीक्षा है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते है। ये प्रश्न कक्षा 10+2 जीव विज्ञान पर आधारित होते है। अगले राउंड के लिए पात्र होने के लिए NSEB परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

भाग 2 – भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (INBO)

यह परीक्षा दो घंटे की अवधि की होती है इसमें पिछले वर्षों के समान INBO मानकों पर आधारित विस्तृत प्रश्न जाते है, अर्थात पैटर्न लगभग समान होता है। इस खंड का मूल्यांकन केवल किया जाएगा जब उम्मीदवार पहले भाग में उत्तीर्ण होगा। अगले दौर में शामिल करने के लिए, यानी ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप में चयन के लिए इस भाग के अंकों को आधार बनाया जाता है।

  • INBO परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए विद्यार्थियों को जीव विज्ञान राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB) उत्तीर्ण करना आवश्यक है। तथा वह 12 वीं या इससे पहले की कक्षा का विद्यार्थी होना चाहिए।
  • पिछले INBO परीक्षा पत्रों के अनुसार, यह परीक्षा 100 अंकों की होती है और इसमें दो खंड होते है, खंड A और खंड B। खंड A में 30 प्रश्न होते है, प्रत्येक 1 अंक का होता है, और खंड B में 22 प्रश्न होते है, प्रत्येक 50 अंक का होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंक दिए जाते है।

INBO परीक्षा के लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (IBO) में प्रवेश – INBO में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र OCSC (ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप) के लिए चुने जाते है, जहाँ से उन्हें INBO के लिए भारत की टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। अर्थार्त इन विद्यार्थियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है।
  • शैक्षणिक और करियर के अवसर जैसे – यह परीक्षा कॉलेज प्रवेश के लिए आपको एक अधिक प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बनाती है। तथा कुछ संस्थान INBO उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति या विशेष प्रवेश प्रदान करते है।
  • इस परीक्षा को पास करने पर विद्यार्थी को जीव विज्ञान में करियर बनाने के लिए आवश्यक आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान और प्रयोगशाला कौशल विकसित करने में मदद मिलती है।
  • नेटवर्किंग और अनुभव जैसे – यह देशभर के अन्य प्रतिभाशाली छात्रों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। INBO में भाग लेने पर विद्यार्थी विभिन्न देशों के छात्रों से भी जुड़ सकते है।

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (InChO ) उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आयोजित होने वाली एक वार्षिक प्रतियोगिता है जो उन्हें उनके पसंदीदा विषय, रसायन विज्ञान में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है। InChO की यह वार्षिक प्रतियोगिता होमी भाभा केंद्र द्वारा भारतीय रसायन विज्ञान शिक्षक संघ के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।

InChO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

भारत में रसायन विज्ञान ओलंपियाड के पांच अलग-अलग स्तर या चरण है, जो इस प्रकार है:

  • चरण 1: रसायन विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEC)
  • चरण 2: भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (INCho)
    • परीक्षा आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी के शुरू में आयोजित की जाती है।
    • इस परीक्षा का आयोजन एचबीसीएसई (होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र) के पास है।
    • यह व्यक्तिपरक प्रश्न पत्र का एक रूप है,और प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होते है जिनमें से विद्यार्थी को सही विकल्प चुनना होता है। इस परीक्षा में नकारात्मक अंकन भी लागू होता है। तथा प्रश्नों का प्रारूप विशिष्ट होता है, यह परीक्षा छात्र की याद करने की क्षमता के बजाय उसकी वैचारिक समझ का आंकलन करती है।
    • INChO का कोर्स NSEC परीक्षा से काफ़ी मिलता-जुलता है। हालाँकि, वर्तमान समय में इस परीक्षा का कठिनाई स्तर बढ़ गया है।
  • चरण 3: रसायन विज्ञान विषय में अभिविन्यास सह चयन शिविर (Orientation cum Selection Camp)
  • चरण 4: ICHO (International Chemistry Olympiad) के लिए प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण शिविर,
  • चरण 5: अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (ICHO) में भागीदारी लेने का मौका मिलना।

एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)

एकीकृत परिषद् (Unified Council) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाला एक और प्रमुख संगठन है। यह संगठन विद्यार्थियों के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों के लिए समय समय पर ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करता है।

एकीकृत परिषद द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तरों
राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा (NSTSE)विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत साइबर ओलंपियाड (UCO)कंप्यूटर विज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (UIEO)अंग्रेज़ीकक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय

एकीकृत परिषद ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • समग्र विकास: ये ओलंपियाड छात्रों के लिए इस प्रकार से आयोजित किये जाते है, जिससे इनमें भाग लेकर विद्यार्थी अपने प्रदर्शन के माध्यम से समग्र बौद्धिक विकास का आंकलन कर सकें।
  • बड़े स्तर पर तुलना: विद्यार्थी इन ओलम्पियाड में भाग लेकर अपने स्तर की तुलना देश भर के विद्यार्थियों के साथ कर सकते है। तथा अपने प्रदर्शन की बेंचमार्किंग कर सकते है, जिससे उन्हें सुधार के क्षेत्रों को पहचानकर उनमें सुधार करने में मदद मिलती है।
  • पुरस्कार और छात्रवृत्ति: शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न पुरस्कार, छात्रवृत्ति और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते है, जो उन्हें अकादमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा देते है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन स्कूली विद्यार्थियों में शैक्षणिक उत्कृष्ठता को बढ़ावा देने के लिए गणित,विज्ञान,अंग्रेजी,कंप्यूटर विज्ञान, आदि विषयों के लिए समय – समय पर ओलम्पियाड परीक्षाओं का आयोजन करवाता है। यह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर सरकारी संगठन है, जो विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने टेलेंट को प्रदर्शित करने के मौके देता है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IOM)केवल गणित के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (IOS)केवल विज्ञान के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सूचना विज्ञान ओलंपियाड (IIO)कंप्यूटरविज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा ओलंपियाड (IOEL)केवल अंग्रेज़ी के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक अध्ययन ओलंपियाड (ISSO)केवल सामाजिक अध्ययन के लिएकक्षा 3 से 10 तक के विद्यार्थीदो स्तर पर आयोजन 

सिल्वरज़ोन ओलंपियाड में भाग लेने के फायदे

  • बहु-स्तरीय प्रतियोगिताएं: ये ओलंपियाड कई स्तरों पर आयोजित किए जाते है, जो छात्रों को प्रगतिशील चुनौतियां और आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अनुभव: इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने, अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें अधिक से अधिक सिखने का मौका भी मिलता है।
  • व्यापक मूल्यांकन: इस ओलंपियाड का उद्देश्य विद्यार्थियों की अवधारणाओं की समझ, विश्लेषणात्मक कौशल और समस्या-समाधान क्षमताओं का मूल्यांकन करना है।
  • भागीदारी प्रमाण पत्र: परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को भागीदारी प्रमाण पत्र मिलता है, जिसका फायदा उन्हें अपनी उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजो में मिलता है।
  • विजेताओं के लिए पुरस्कार: शीर्ष छात्रों को छात्रवृत्ति, नकद पुरस्कार, पदक, लैपटॉप, टैबलेट और विदेश में शैक्षिक भ्रमण जैसे पुरस्कार मिल सकते है।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान: सफल विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है, तथा इन्हे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

ओलम्पियाड परीक्षाओं का महत्व (Importance of Olympiad Exam’s)

ओलम्पियाड परीक्षाओं को बेहद प्रतिष्ठित माना जाता है, इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों देश, विदेश और अपने क्षेत्र के साथियों से प्रतियोगिता कर खुद का आंकलन कर सकते है। इसके अलावा भी इनके कई फायदे है, जो निम्नलिखित है।

  • ओलम्पियाड में भाग लेने वाले छात्र, अवधारणाओं को अच्छी तरह से समझने के महत्व को समझते हैं,जो उनके आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएं मुख्य रूप से विश्लेषणात्मक (Analytical) और तार्किक तर्क (Logical Reasoning) पर केंद्रित होती है, जिससे विद्यार्थियों को अपने विषय के प्रति तार्किक कौशल को सुधारने का मौका मिलता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएँ किसी विशेष विद्यार्थी की खूबियों और कमज़ोरियों का विस्तृत आकलन प्रदान करती हैं। विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए अपने विषय के उन कमजोर भागों पर भी काम कर सकते हैं,और उन्हें सुधार सकते है।
  • इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, उन्हें विभिन्न छात्रवृतियों के माध्यम से समान शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती है।
  • ओलम्पियाड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है। इन विद्यार्थियों को उनके स्कूल और शहर में आगे बढ़ने के अतिरिक्त मौके भी मिलते है।

निष्कर्ष

ओलंपियाड परीक्षाएँ भारत में स्कूली विद्यार्थियों के लिए अपने ज्ञान का परीक्षण करने, आलोचनात्मक चिंतन कौशल विकसित करने और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का एक बेहतरीन तरीका हैं। चाहे विज्ञान हो, गणित हो, कंप्यूटर विज्ञान हो या सामान्य ज्ञान, ये परीक्षाएँ विद्यार्थियों को शैक्षिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने और भविष्य की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने का अवसर प्रदान करती हैं।

सीकर के मैट्रिक्स हाई स्कूल के विषेशज्ञों के अनुसार ओलंपियाड में भाग लेने से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनमें प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) भावना विकसित होती है, और उनकी समस्या – समाधान क्षमताओं (Problem Solving Abilities) को बेहतर बनाती हैं। यह आज के तेज़ी से बदलते प्रतियोगी परीक्षाओं के दौर में बेहद ज़रूरी कौशल हैं। एक विद्यार्थी के रूप में विभिन्न ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के तरीके को समझना, एक छात्र की शैक्षिक यात्रा को काफ़ी बेहतर बना सकता है। इसके लिए आप मैट्रिक्स स्कूल सीकर के शिक्षकों से भी सम्पर्क कर सकते है, क्योंकि वहां इन Olympiad’s की तैयारी स्कूल पाठ्यक्रम के साथ पूरी गुणवत्ता से करवाई जाती है।

अभिभावक अपने बच्चे के लिए सही ओलंपियाड का चयन करके और लगन से तैयारी करवाकर, न केवल अपने बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति, उन्नत शैक्षिक अवसरों और अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक आशाजनक भविष्य के द्वार भी खोल सकते हैं।

FAQ’s

India में सबसे अच्छा Olympiad कौन सा है?

भारत में कई अच्छे Olympiad है जिनमें से Science Olympiad Foundation (SOF), Matrix Olympiad और Indian Talent Olympiad ये सभी विश्वसनीय और लोकप्रिय Olympiad हैं, जो विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों में आयोजित होते हैं।

ओलंपियाड परीक्षाएं छात्रों के लिए कैसे लाभदायक हैं?

ओलंपियाड परीक्षाएँ छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, क्योंकि ये उनके बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देती हैं। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों को ढेरों अवसर मिलते हैं, जिनका अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो भविष्य में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स सीकर के किसी भी संस्थान (JEE/NEET Division) में प्रवेश लेने पर उनके वार्षिक शुल्क में छूट भी दी जाती है।

ओलंपियाड परीक्षाओं में छात्रों को रैंकिंग कैसी दी जाती है?

छात्रों को उनके परीक्षा स्कोर और व्यक्तिगत उपलब्धियों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। आयोजक संस्था द्वारा प्रत्येक छात्र को उसके प्रदर्शन की रिपोर्ट (Student Performance Report) भी दी जाती है। जिसका उपयोग छात्र विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश लेने, सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृतियों का लाभ लेने के लिए किया जा सकता है।

विभिन्न ओलंपियाड में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं?

वैसे तो प्रत्येक विषय के ओलम्पियाड में अलग अलग प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी ऊपर इस ब्लॉग में लिखी गई है लेकिन सामान्यतः ओलम्पियाड परीक्षाओं के प्रश्नों में समस्या-आधारित आकृतियाँ, श्रृंखला पूर्णता, विषम संख्या, कोडिंग-डिकोडिंग, दर्पण प्रतिबिम्ब, सन्निहित आकृतियाँ, सममिति और वर्णमाला परीक्षण आदि भागों के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।

क्या ओलंपियाड परीक्षाएँ कठिन होती हैं?

हाँ, कुछ ओलंपियाड, जैसे अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) बहुत कठिन होते हैं, इनमें विद्यार्थी को रचनात्मकता, तर्क और गहन सोच की आवश्यकता होती है। अगर आप भी ऐसे ओलम्पियाड की तैयारी कर रहें है? जो आपके लिए कठिन है, तो आपको मैट्रिक्स सीकर के विषय विषेशज्ञों से जुड़ना चाहिए, जो इन ओलम्पियाड की गुणवत्तापूर्ण तैयारी करवाते है।

IIT JEE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को कौनसे Olympiad की तैयारी करनी चाहिए?

अगर आप IIT JEE की तैयारी कर रहे हैं तो, अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO), भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (ISO) सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इनकी तैयारी से आपको अपने लक्ष्य IIT क्रैक करने में भी मदद मिलेगी।

वर्तमान समय में सीकर शिक्षा का केंद्र बन गया है जिसके कारण सीकर को देशभर में “शिक्षा नगरी” के नाम से भी जाना जाने लगा है। यहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले प्रतिष्ठित संस्थान है। वर्तमान समय में सीकर, कोटा और देश के अन्य स्थानों को पीछे छोड़ते हुए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के मामले में तेजी से आगे बढ़ा है।

सीकर में इंजीनियरिंग के लिए उत्तरी भारत का सबसे विश्वनीय संस्थान Matrix JEE Academy तो है ही इसके साथ ही कड़ी प्रतिस्पर्धा में विभिन्न संस्थान जैसे CLC, Prince Eduhub, Allen Career Institute, Gurukripa Career Institute, Path Career Institute, जैसे अत्याधुनिक संस्थान कार्यरत है जो प्रतिस्पर्धा के लिए सकारात्मक माहौल बनाते है। अंततः इसका फायदा सीकर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलता है। हर साल यहां पढ़ने वाले हजारों छात्र IIT JEE परीक्षा पास कर देशभर की सर्वोच्च IITs में प्रवेश पाते है और अपने सपनों को पूरा करते है। आइए जानते है सीकर क्यों देशभर के विभिन्न स्थानों को पीछे छोड़कर अग्रणी बन रहा है!

सीकर की IIT कोचिंग देशभर में कैसे प्रसिद्ध हुई?

सीकर के IIT कोचिंग संस्थानों की देशभर में पहचान बनना कोई अचानक होने वाली बात नहीं है, इसके पीछे यहां के कई सफल टॉपर्स और खासतौर से Matrix कोचिंग जैसी संस्थाओं का बड़ा हाथ रहा है। जब सीकर के छात्रों ने जेईई एडवांस जैसी कठिन परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप रैंक हासिल की तो कोटा, दिल्ली तक के कोचिंग संस्थानों के लिए आश्चर्यजनक स्थिति बनी। यही कारण है की अब राजस्थान के छोटे शहर सीकर का नाम पूरे देश में फैलने लगा। Matrix, CLC, Gurukripa, Allen आदि कोचिंग्स के छात्रों ने पिछले कुछ सालों में 99.99 पर्सेंटाइल, 99.95 पर्सेंटाइल जैसे शीर्ष स्कोर हासिल किए और ऑल इंडिया टॉप 100 या 200 में कई बच्चों ने जगह बनाई। खास तौर पर Matrix कोचिंग के रिषभ मील (JEE Advanced 2025 AIR 70), भव्य मोदी, पियूष शर्मा, गौरव पारीक, सौरभ कुमार सोनी, प्रंशु भारिया जैसे छात्रों ने अपने रिजल्ट और मेहनत से सीकर को IIT कोचिंग हब के रूप में चमका दिया।

सीकर और आसपास के गांवों के बच्चों की सफलता की वजह यहां के कोचिंग सेंटरों की पढ़ाई का तरीका और अध्यापकों का सहयोग है। Matrix कोचिंग के एक छात्र ने तो JEE Main में 100 पर्सेंटाइल हासिल करके ऑल इंडिया ज्वायंट टॉपर बनकर पूरे शहर का नाम गर्व से ऊंचा किया। सीकर के स्कूल और कोचिंग मिलकर बच्चों को शहर और गांव दोनो तरह के संसाधन मुहैया कराते हैं जिससे वे बड़े शहरों की टक्कर आसानी से ले लेते हैं। Matrix के ही 8 से ज्यादा बच्चों ने 99.95% से ऊपर percentile प्राप्त किए, जो Sikar के लिए अब रिकॉर्ड हो गया है। ऐसे ही कुछ और नाम हैं जैसे, भुनेश भाडू (AIR 120, AIIMS New Delhi), भीम द्वारिका (JEE Main Topper), हैप्पी मेहता, सुमित कुमार जिन्हें देखकर देश भर के छात्र और उनके अभिभावक सीकर की कोचिंग्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस ब्लॉग में हम सीकर की कोचिंग्स और उनकी विशेषताओं की बात निम्नलिखित पॉइंट्स के आधार पर करेंगे:​

  • विषय विशेषज्ञ (Subject Experts),
  • व्यापक अध्ययन सामग्री (Comprehension study Material),
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षक (Qualified Teachers),
  • कोचिंगो का लचीलापन (Flexibility of Coachings),
  • नियमित मूल्यांकन की अवधारणा (Regular Evaluation),
  • सीकर में IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की सफलता दर (Success Ratio in Sikar),
  • सीकर में उपलब्ध संसाधन (Availability of Resources),
  • पूर्व छात्रों की प्रतिक्रियाएं

विषय विशेषज्ञ (Subject Experts)

सीकर में IIT JEE की तैयारी करवाने वाले संस्थानों में छात्रों के लिए अत्यधिक अनुभवी और विषय विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाती है। क्योंकि शिक्षकों की विशेषज्ञता और गुणवत्ता से ही विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकती है। सीकर में इंजीनियरिंग की तैयारी करवाने वाले संस्थानों में ऐसे शिक्षकों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाता है जो प्रत्येक विद्यार्थी पर ध्यान दे सकें, जिनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा हो, जिनकी योग्यताएं संबंधित क्षेत्रों में उनकी विशेषता दर्शाती है। इसके साथ ही ऐसे शिक्षकों द्वारा उच्च गुणवतापूर्ण तैयारी करवाई जाती है जो JEE पाठ्यक्रम (Syllabus) की गहरी समझ रखते है और प्रभावी एवं सरल शिक्षण पद्धतियों का उपयोग करते हों। ऐसे शिक्षक छात्रों को विषय के प्रति सम्पूर्ण समझ को बेहतर बनाते है और परीक्षा से पहले विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ाते है। इसमें सबसे आगे Matrix JEE Academy सीकर के शिक्षक है जैसे: Matrix के ही अनिल गौरा सर (AG Sir,IIT Kharagpur) जिन्हें 16 सालों से ज्यादा का अनुभव है पूर्व में गोरा सर ऐलन कोचिंग कोटा में वरिष्ठ गणितज्ञ रह चुके है इनसे पढ़कर हजारों छात्रों ने अपने सपनों की मंजिल प्राप्त की है। इसलिए हम कह सकते है कि सीकर की कोचिंगों ने कभी भी शिक्षकों की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया और अंततः इसका परिणाम सीकर को एक अलग पहचान दिलाने में रहा है।

व्यापक अध्ययन सामग्री (Comprehension study Material)

सीकर के संस्थान IIT JEE की तैयारी के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई व्यापक, सुव्यवस्थित, और नियमित रूप से पाठ्यक्रम के अनुसार अपडेट की गई अध्ययन सामग्री यहां के छात्रों को उपलब्ध करवाते है। सभी अध्ययन सामग्रियों में विषयों के आवश्यक तत्वों (पाठों) को गहराई से शामिल किया जाता है। इसके साथ ही NCERT के पैटर्न पर कोचिंग संस्थान अपनी पुस्तकें छात्रों को देते है।

परीक्षा जैसा ही अभ्यास करवाने के लिए प्रत्येक सप्ताह स्तरीय अभ्यास पत्रों (Question Papers) से नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है। इससे विद्यार्थियों को नवीनतम परीक्षा पैटर्न का पहले ही अनुभव हो जाता है और वास्तविक परीक्षा के दिन विद्यार्थी पर परीक्षा दबाव नहीं बनता है। देशभर में अन्य स्थानों पर इतना ध्यान प्रत्येक विद्यार्थी पर नहीं दिया जाता है जितना सीकर के कोचिंग संस्थान अपने विद्यार्थियों पर देते है। Matrix JEE Academy सीकर जैसे संस्थान तो वर्षभर विद्यार्थियों के शंका समाधान के लिए 24×7 खुले रहते है। इसी तरह सीकर के अन्य संस्थान भी विद्यार्थियों के लिए हर समय तत्पर खड़े रहते है।

सीकर में उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षक(Qualified Teachers)

सीकर, अब IIT JEE (मुख्य और एडवांस्ड) की तैयारी का प्रमुख केंद्र बन चुका है, जो कोटा और देशभर के विभिन्न संस्थाओं को कड़ी टक्कर दे रहा है। 2025 के JEE रिजल्ट्स के आधार पर, यहां के कोचिंग संस्थानों जैसे Matrix, एलन, CLC, PCP, गुरुकृपा और आकाश के शिक्षक अत्यधिक अनुभवी और प्रभावी साबित हुए है। ये ज्यादातर IIT/NIT के पूर्व छात्र है, जो कॉन्सेप्ट-बेस्ड टीचिंग, पर्सनल डाउट सेशन, मॉक टेस्ट और रणनीति बनाने पर फोकस करते है। छात्रों और पैरेंट्स की रिव्यूज में 90%+ संतुष्टि दर हमेशा रही है, खासकर छोटे बैच साइज (20-40 स्टूडेंट्स) के कारण व्यक्तिगत रूप से भी छात्रों के शंका समाधान करते है।

अनुभव

अधिकांश शिक्षक IIT ग्रेजुएट्स है, जो JEE पैटर्न को गहराई से समझते है; Matrix और Allen में IIT पृस्ठभूमि वाले शिक्षक 70% से भी अधिक है। जो बेहतर परिणामों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है। JEE Expert Teachers के रूप में प्रमुख रूप से Matrix JEE Academy के नरेंद्र कोक सर, राजेंद्र बुरडक और अनुपम अग्रवाल सर। CLC के सुखदेव चौधरी सर, राजेश कुमार सर, अंजलि शर्मा मैम। PCP के डॉ. राकेश रुहेला सर, चेतन रादव सर, अलका यादव मैम।

रिजल्ट्स

JEE मुख्य 2025 में सीकर ने कोटा से बेहतर टॉपर्स दिए; औसत 95%tile+ सिलेक्शन रेट 40 प्रतिशत से भी अधिक रहा है जो सीकर को लगातार इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में आगे बढ़ा रहा है। प्रमुख कोचिंग संस्थानों के परिणामों की बात करें तो Matrix JEE Academy के वर्ष 2025 में सबसे अधिक 231 छात्रों ने 99.50%tile से अधिक अंक प्राप्त किए, 6 छात्रों ने 99.95%tile से अधिक अंक प्राप्त किए। मैट्रिक एकेडमी के एक छात्र को 2024 में सीकर की सर्वोच्च रैंक AIR 31 प्राप्त हुई। CLC सीकर ने वर्ष 2025 के रिजल्ट्स में अच्छा प्रदर्शन किया इसके 7 छात्रों ने 99%tile से अधिक अंक प्राप्त किए। PCP सीकर के नतीजे भी काफी अच्छे रहे है यहां के भी कुछ विद्यार्थियों ने 99%tile से अधिक अंक प्राप्त किए है। इसके अलावा सीकर की अन्य कोचिंगों के परिणाम भी देशभर में आनुपातिक रूप से अधिक रहें है जो यह दर्शाता है की छोटे शहरों के संस्थान भी अब लगातार अच्छे परिणामों के लिए प्रयासरत है।

टीचिंग स्टाइल

बेसिक्स से एडवांस्ड तक, साप्ताहिक मॉक टेस्ट (Mock Tests) और वर्तमान फीडबैक के आधार पर; सीकर vs कोटा, सीकर बेहतर कार्य कर रहा है।

छात्रों की जरूरत के अनुसार कोचिंगो का लचीलापन (Flexibility of Coachings)

सीकर अब IIT JEE (Main और Advanced) की तैयारी का प्रमुख केंद्र है, जहां सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित है। पारंपरिक रूप से क्लासरूम-बेस्ड होने के बावजूद, 2025 में लचीलापन (जैसे हाइब्रिड मोड, ऑनलाइन क्लासेस, रिकॉर्डेड लेक्चर्स, पर्सनलाइज्ड मेंटरिंग, बैच टाइमिंग्स आदि) काफी बढ़ गया है। यह छात्रों को अपने समय अनुसार (Flexible Schedule) , रिमोट लर्निंग और अपने अनुसार क्लास लेने (Customised Classes) की सुविधा देता है, खासकर COVID-19 महामारी के बाद चीजें तेजी से बदली है और यहां की कोचिंग्स भी आधुनिक टेक्नोलॉजी में पीछे नहीं है । प्रमुख कोचिंग संस्थान जैसे Matrix, Allen, CLC और Gurukripa ने डिजिटल इंटीग्रेशन को मजबूत किया है।

कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों के नियमित मूल्यांकन की अवधारणा (Regular Evaluation)

सीकर में IIT JEE कोचिंगों की नियमित मूल्यांकन प्रणाली एक डेटा-आधारित दृष्टिकोण है, जो छात्रों को उनकी ताकत और कमजोरियों को समझने, समय प्रबंधन, और JEE की तैयारी में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करता है। यह प्रणाली न केवल शैक्षिक बल्कि मानसिक और रणनीतिक रूप से भी छात्रों को तैयार करती है।

सीकर IIT JEE की कोचिंग का केंद्र होने के नाते, कई प्रसिद्ध संस्थानों का घर है, जैसे Matrix, Allen, PCP, CLC और Gurukripa इन सभी कोचिंग संस्थानों में से Matrix JEE Academy IIT JEE के टेस्ट के परिणामों के आधार पर ऑल इंडिया रैंक (AIR) या बैच-स्तरीय रैंकिंग प्रदान करती है, जो छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाती है। टेस्ट में पिछले वर्षों के JEE प्रश्न, (Previous Year Question Papers) नए प्रश्न, और संभावित प्रश्नों के मिश्रण का उपयोग होता है, जो Matrix JEE Academy को सीकर में भी पहले स्थान पर रखता है।

सीकर में IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की सफलता दर (Success Ratio in Sikar)

यहां Matrix JEE Academy, Allen, PCP, CLC, Gurukripa जैसी संस्थाएं IIT JEE (मेन और एडवांस्ड) की तैयारी कराती है। 2025 के JEE रिजल्ट्स के आधार पर, सीकर के छात्रों की सफलता दर राष्ट्रीय औसत (JEE एडवांस्ड क्वालीफाई ~10%, IIT एडमिशन ~1-2%) से काफी ऊंची है। राजस्थान स्तर पर यह ~15-16% है, लेकिन सीकर के शीर्ष कोचिंग्स में यह 20-25% तक पहुंच जाती है। नीचे 2025 के प्रमुख आंकड़े और अनुमान दिए गए है

संस्था कुल नामांकन (अनुमानित)JEE main में 99%tile + JEE Advanced QualifiedIIT Selection (संभावितसफलता दर %
Matrix JEE Academy ~5000 (2025 Batch)2791219+670+~24%(अनुमानित )
PCP सीकर 1,49035020%
CLC सीकर ~2000 (अनुमानित )7~200 (अनुमानित )__20% (अनुमानित )
Allen सीकर ~3000 (अनुमानित )50~300 (अनुमानित )3 Top Ranks(>300)~20%

स्रोत नोट (Sources)

Matrix के आंकड़े आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए है। PCP का कुल नामांकन और क्वालीफायर्स उनके रिजल्ट पेज से। अन्य के लिए अनुमान 2024 ट्रेंड्स (2,056+ सीकर से Advanced Qualifiers ) और तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित है। वर्तमान सीकर में अनुमानित 20,000-30,000 JEE की तैयारी करने वाले विद्यार्थी है।

IIT की तैयारी करने के लिए सीकर में उपलब्ध संसाधन (Availability of Resources)

यह अकथनीय नहीं है कि सीकर JEE कोचिंग्स के लिए प्रसिद्ध होता जा रहा है। इसका कारण सैकड़ों संस्थाओं द्वारा गुणवतापूर्ण तैयारी करवाना तो है ही है इसके साथ सीकर के तेजी से बढ़ते ग्राफ के पीछे उपलब्ध संसाधन भी जिम्मेदार है। यहां कोचिंग संस्थान अपना खुद का स्टडी मैटेरियल तो उपलब्ध करवाते ही है इसके साथ ही Matrix JEE Academy, Allen, PCP, CLC, Prince Eduhub, Gurukripa जैसी संस्थाएं अपने खुद के आवासीय हॉस्टल और मैस जैसी सुविधाएं भी मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट के हिसाब से उपलब्ध करवा रहे है जिसकी वजह से यहां पढ़ने वाले हजारों छात्रों को रहने,खाने पीने जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अन्यत्र कही आना जाना नहीं पड़ता है। 

इसके अलावा ये संस्थान छात्रों को पढ़ने के लिए शान्त माहौल देने के लिए अत्याधुनिक लाइब्रेरी, पुस्तकालय भी उपलब्ध करवा रहे है। CLC जैसे संस्थान का छात्रों के लिए अलग से Study Space जैसा कांसेप्ट भी काम कर रहा है जहां छात्रों के पढ़ाई के दौरान आने वाले डाउट्स को क्लियर किया जाता है। Matrix जैसे संस्थान NCERT-बेस्ड मॉड्यूल, प्रैक्टिस पेपर, मॉक टेस्ट और एररलेस (बिना अशुद्धियों के) टेस्ट सीरीज प्रदान करता है। ये पेपर JEE पैटर्न के अनुसार अपडेटेड होते है, जिसमें 12-16 घंटे की स्टडी रूटीन भी शामिल होता है। इसके साथ ही सीकर में कोचिंग संस्थानों के बाहर रहने वाले छात्रों के लिए हजारों बजट फ्रेंडली PG भी उपलब्ध है जहां 3500 से 8 हजार रुपए प्रति महीने में छात्रों को रहने खाने के लिए कमरे मिल जाते है। उपरोक्त चीजों के साथ साथ यहां रहने वाले छात्रों की सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन कड़ी निगरानी करता है। इन सभी चीजों से लड़के और लड़कियों दोनों को सकारात्मक, सुरक्षित पढ़ाई करने लायक माहौल मिलता है। जिससे सीकर तेजी से शिक्षा के मामले में अग्रणी बनता जा रहा है।

पूर्व छात्रों की प्रतिक्रियाएं

सीकर कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है और तेजी से IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की पहली पसंद बना है। यहां Matrix JEE Academy, PCP, CLC, Allen जैसी संस्थाओं से निकले पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियां प्रेरणादायक है। इनकी प्रतिक्रियाएं मुख्य रूप से सकारात्मक है, जो कठिन परिश्रम, अनुभवी फैकल्टी, अनुशासित माहौल और व्यक्तिगत मार्गदर्शन पर जोर देती है। हालांकि, कुछ छात्रों ने सख्त रूटीन और प्रतिस्पर्धा को चुनौतीपूर्ण बताया है। नीचे प्रमुख कोचिंग संस्थाओं के टॉपर्स द्वारा बताई गई बातों के आधार पर संकलित प्रतिक्रियाएं दी गई है:

Matrix JEE Academy के मयंक सोनी (AIR 1, 2025, 100%tile)

2025 में Matrix JEE Academy के 279 छात्र 99%tile+ रहे है जो दर्शाता है कि Matrix अपने विजन के लिए सदैव प्रतिबद्ध है और लगातार छात्र हितों में कार्य कर रहा है। यहाँ के छात्रों ने Matrix JEE Academy के बारे में बताया कि Matrix की सम्पूर्ण फैकल्टी पूर्व IITians की है जिन्होंने डेली मॉक टेस्ट से सभी विषयों के कॉन्सेप्ट्स क्लियर करवाए। यहां के छोटे बैच से पर्सनल अटेंशन मिला, जो सफलता का राज था। कुछ ने कहा “प्रतिस्पर्धा तीव्र है, लेकिन मोटिवेशनल सेशन्स ने उनको सफलता प्राप्त करने में मदद की।”

PCP सीकर

यहां 2025 में JEE एडवांस्ड के लिए 350 छात्र क्वालिफाइड हुए। इन्होंने बताया PCP के अत्याधुनिक माहौल ने उनके IIT कॉलेज पाने के ड्रीम को पूरा किया। यहां का सिलेक्शन अनुपात थोड़ा कम रहा है जिसमें सुधार की आवश्यकता है।अगर वर्ष 2026 में PCP के परिणाम बेहतर होते है तो यह भी सीकर का तेजी से उभरता संस्थान बन जायेगा, जो यक़ीनन सीकर को शैक्षणिक ऊंचाइयों के एक नए आयाम पर लेकर जायेगा।

CLC सीकर

इस संस्थान के 2025 में अनुमानित 200 छात्र सफल हुए। इसके अलावा यहां हर साल टॉप रैंक्स में विद्यार्थी स्थान हासिल कर लेते है। संस्कारों के माहौल (हनुमान चालीसा पाठ) ने छात्रों को मानसिक मजबूती दी। फैकल्टी इनोवेटिव टीचिंग से कठिन टॉपिक्स आसान बनाते है। यहां के कई शिक्षकों का 30 वर्षों से अधिक का टीचिंग अनुभव छात्रों के लिए हमेशा कारगर साबित हुआ है। लेकिन फैकल्टी रिक्रूटमेंट में और बेहतर किया जा सकता है। 

Allen सीकर

इस संस्थान के 2025 में अनुमानित 300 छात्र IIT JEE में सफल हुए है। ब्रांड वैल्यू और ग्रुप काउंसलिंग ने छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। यहाँ 98%tile+ स्कोरर्स की संख्या हमेशा प्रभावशाली रही है। बड़े बैच में कभी-कभी छात्रों का क्राउड फील होता है, जिसमें सुधार करने की आवश्यकता है।

Gurukripa सीकर

इस संस्थान के वर्ष 2025 में IIT JEE के लिए अनुमानित 150 छात्र सफल हुए है जिसमें से 24 छात्रों ने 99%tile तक स्कोर किया। छात्रों ने बताया यहां की क्लासेज के वीडियो लेक्चर्स ने काफी मदद की है। इस संस्थान का मुख्य फोकस मेडिकल की तैयारी करवाने का रहा है जिससे लगता है इंजीनियरिंग (IIT JEE) के लिए और अधिक संसाधन विकसित करने चाहिए।

निष्कर्ष

सीकर ने अपनी किफायती, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासित माहौल के दम पर IIT JEE कोचिंग के लिए एक मजबूत पहचान बनाई है। Matrix, PCP, CLC, Allen और Gurukripa जैसे संस्थानों ने 2025 में प्रभावशाली परिणाम (20-25% JEE एडवांस्ड क्वालीफिकेशन दर) और टॉप रैंकर्स (जैसे Matrix JEE Academy के, मयंक सोनी ने AIR 1 हासिल की) के साथ सीकर को कोटा का एक सशक्त विकल्प बनाया है। छोटे बैच, अनुभवी IITian फैकल्टी, नियमित मॉक टेस्ट, और व्यक्तिगत मार्गदर्शन ने औसत छात्रों को भी IIT में जगह दिलाई है। इसके अलावा, किफायती फीस (₹80,000-1.6 लाख प्रति वर्ष), अच्छे हॉस्टल (₹3,500-8,000 प्रति माह), और तनावमुक्त माहौल (आध्यात्मिक गतिविधियों जैसे हनुमान चालीसा पाठ के साथ) सीकर को छात्रों के लिए आदर्श गंतव्य बनाते है।

अंत में, सीकर न केवल एक कोचिंग हब है, बल्कि सपनों को साकार करने वाली मिट्टी है—जहां कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन का संयोजन लाखों युवाओं को IIT की सीढ़ियां चढ़ने की ताकत देता है। यदि आप IIT JEE की तैयारी कर रहे है, तो सीकर को एक बार अवश्य चुनें; यह न सिर्फ सफलता का दरवाजा खोलेगा, बल्कि जीवन की अनमोल सीख भी देगा। आपका यहां आकर तैयारी करने के लिए स्वागत है।

FAQs

सीकर IIT JEE कोचिंग के लिए क्यों प्रसिद्ध हो रहा है?

सीकर छोटा शहर होने के बावजूद, यहां की कोचिंग्स जैसे, Matrix Academy, PCP, Allen और CLC Sikar ने 2024-25 के JEE परिणाम में सैकड़ों टॉप रैंक्स हासिल किए है। किफायती फीस, अनुभवी फैकल्टी और अनुशासित माहौल इसे कोटा का मजबूत विकल्प बनाते है।

JEE तैयारी के लिए सीकर vs कोटा, कौन सा शहर बेहतर है?

कोटा में भीड़ और उच्च खर्च (5-6 लाख/वर्ष) की समस्या है, जबकि सीकर में कम डिस्ट्रैक्शन, व्यक्तिगत ध्यान और 1-1.5 लाख की फीस के साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। अगर अनुशासन और रिजल्ट्स प्राथमिकता है, तो सीकर को चुनें।

सीकर की कोचिंग्स में IIT JEE के लिए फैकल्टी कैसी है?

350+ अनुभवी शिक्षक (IIT-NIT alumni), जो छात्र-शिक्षक अनुपात 60:1 रखते है। नियमित शंका समाधान केंद्र और मेंटरिंग सेशंस उपलब्ध। यह व्यक्तिगत ध्यान कोटा में कम मिलने वाली सुविधा है, क्योंकि वहां की अधिक भीड़ ने छात्रों के लिए इसे सुलभ नहीं रखा है।

सीकर में स्टडी कल्चर कैसा है?

शांत और अनुशासित – छोटे शहर की वजह से कम डिस्ट्रैक्शन। मॉडर्न लाइब्रेरी, स्टडी जोन और 24/7 हॉस्टल सुविधाएं पढ़ाई को बढ़ावा देती है। जिससे यहां पढ़ाई करने वाले छात्र फोकस्ड रह पाते है।

सीकर में कोचिंग के लिए एडमिशन प्रक्रिया क्या है?

छात्र सीधे कोचिंग की वेबसाइट या ऑफिस में आवेदन कर सकते है। कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट (जैसे Matrix का MST या Allen का ASAT) आयोजित करते है। 10वीं/12वीं के अंक भी मायने रखते है। इन अंकों के आधार पर कोचिंग संस्थान अपनी वार्षिक फीस में आवश्यक छूट देते है।

छात्रों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

हम सभी को पता है कि इस दुनिया में एक ऐसी चीज है जो सबके पास बराबर है वह है, “समय” सबके पास दिन के 24 घंटे होते है यह न किसी के पास कम होते है और न ही किसी के पास ज्यादा। लेकिन इसमें छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जो है, वह है कि छात्र उन उपलब्ध 24 घंटों का उपयोग कैसे करते है, इस उपयोगी विभाजन को ही हम समय प्रबंधन (Time Management) कह सकते है।

विद्यार्थी जीवन में समय का प्रबंधन करना कभी कभी एक बोझ की तरह लगता है, जो कभी खत्म नहीं होता है। रोजमर्रा के कार्यों का दबाव उन्हें थका देता है और उन्हें आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। इसके लिए हमने समय प्रबंधन विशेषज्ञों, और एक्सपर्ट्स से राय ली। उन्होंने बताया कि यह समस्या तैयारी के दौरान प्रत्येक सीरियस विद्यार्थी के सामने आती है। उन्होंने हमें इस समस्या से बाहर निकलने का तरीका बताया जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को और सुधार सकता है। यह लेख छात्रों के लिए समय प्रबंधन कौशल (Time Management Skills) को बेहतर बनाने हेतु लिखा गया है, साथ ही इसमें छात्रों के लिए समय प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की गई है। 

आईए पहले समय प्रबंधन को लेकर जो मूल बातें है, वो जान लें….

समय प्रबंधन क्या है? (What is Time Management?)

समय प्रबंधन का सीधा सरल अर्थ है “समय का उचित प्रबंधन और व्यवस्थित विभाजन करके समय को काम में लेने की कला सीखना” ताकि निर्धारित समय – सीमा के बीच कार्य पूरा हो सके। छात्र जीवन के इस कीमती समय को व्यवस्थित रूप से उपयोग में लेने पर यह निर्धारित हो जाता है कि अब आगे चलकर उनका जीवन कैसा होगा। यह सच्चाई कठिन प्रतिस्पर्धात्मक तैयारी करने वाले छात्रों के लिए और मायने रखती है जो NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है।

विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता होती है। छात्रों को अपना शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर करने का दबाव होता है जो उन्हें सिखाती है कि आपका समय प्रबंधन सबसे बेहतर होना चाहिए। जब कोई छात्र समय प्रबंधन की यात्रा में आगे बढ़ता है, तो वह स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने में सक्षम हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उनके किए गए कार्यों के आउटपुट बढ़ेंगे, उनका शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा, स्कूली छात्रों के ग्रेड बढ़ेंगे और वे समय पर पूरा कार्य करेंगे तो हर लिहाज से बेहतर छात्र बनेंगे।

छात्रों के लिए समय प्रबंधन क्यों जरूरी हैं?

समय हर विद्यार्थी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके बिना कोई भी छात्र प्रगति नहीं कर सकता। समय का सदुपयोग उन्हें एक उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है जो उन्हें शैक्षणिक उपलब्धियां पाने में मदद करता है। NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कभी कभी ऐसा लगता है कि समय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि, इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा होता है और परीक्षाएं नीयत समय पर पहले ही निर्धारित होती है। इन विद्यार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित करना चुनौती बन जाता है और वे समय प्रबंधन की कमी के चलते यह समझ पाने में असफल हो जाते है कि समय उनके अनुकूल क्यों नहीं है।

मैट्रिक्स संस्थान सीकर के विशेषज्ञों का कहना है कि विद्यार्थी को बिना सोचे समझे फैसले लेने से बचना चाहिए, समय बचाना और उसका प्रबंधन करना एक ऐसा कदम है, जिसका पालन छात्रों को स्वेच्छा से करना चाहिए। पल भर में लिए गए फैसलों या खराब परीक्षा परिणाम पर पछताने से बेहतर है कि आपके पास पर्याप्त चिंतन के लिए पर्याप्त समय और कौशल हो

छात्रों के लिए समय प्रबंधन करने के तरीक़े (Top Time Management Tips For Students)

NEET UG, JEE Main और Advanced, तथा अन्य कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र जाने माने विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और कोचिंग संस्थानों के प्रसिद्ध शिक्षकों के निम्न तरीकों को अपना सकते है। JEE या NEET का टाइम मैनेजमेंट अगर सही तारीख से किया जाए तो आप सफलता के एक कदम करीब जाते हैं। दिये गये तरीक़े निश्चित रूप से अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को सुधारने वाले छात्रों के लिए उपयोगी होंगे:

1. लक्ष्य निर्धारित करें

छात्र अपने समय का प्रबंधन करने से पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें। यह लक्ष्य अलग अलग विद्यार्थियों के लिए अलग अलग हो सकता है, जैसे किसी विद्यार्थी को NEET UG या JEE परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करना हो सकता है, किसी स्कूली विद्यार्थी को अपने स्कूल में शीर्ष ग्रेड पाना हो सकता है इत्यादि। अगर छात्र अपने लक्ष्यों का निर्धारण करके अपना समय प्रबंधन करता है तो उसे बीच – बीच में आने वाली भटकाव स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है। दैनिक दिनचर्या के कार्यों का निर्धारण करने से आप केंद्रित ध्यान से तैयारी कर सकते है।

वर्तमान समय में ऐसे कई ऐप हैं जिन्हें डाउनलोड करके छात्र अपने समय को व्यवस्थित कर सकते है और देख सकते है, कि किस जगह आपने अपना समय व्यतीत किया है। इसमें आपकी मदद मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शिक्षक भी कर सकते है।

2. समय सीमा का कैलेंडर रखें

वर्तमान समय में ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन का समय निश्चित होता है। NEET UG, JEE और CLAT जैसी परीक्षाएं भारत की प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से है। इन परीक्षाओं में छात्र शीर्ष रैंक हासिल करने के लिए प्रयासरत होता है। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम विशाल होता है जिससे इनका कठिनाई स्तर और बढ़ जाता है। इसके चलते इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दबाव और तनाव में होते है। लेकिन अगर आप समय प्रबंधन करने के सर्वोत्तम तरीकों का पालन कर रहे है तो ऐसा नहीं होगा।

एक नियमित कैलेंडर रखने से आपको अपने निर्धारित कार्यों की झलक पहले ही मिल जाती है। जिससे आप स्पष्ट प्राथमिकताओं के साथ पढ़ाई कर सकते है, और अपने दैनिक कार्यों के लिए समय निर्धारित कर सकते है। अगर छात्र एक सुव्यवस्थित कैलेंडर नहीं बनाते है तो इन परीक्षाओं में असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

3. अपने लिए रिमाइंडर सैट करें

छात्र कैलेंडर बनाने के बाद समय – समय पर अपने निर्धारित लक्ष्य खुद को याद दिलाते रहें, ताकि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित हो सकें। जैसे दिन की शुरुआत में आपको कोचिंग क्लास लेनी है?, प्रश्न हल करने है? या फिर NCERT पुस्तकों से थ्योरी पढ़नी है। सभी विषयों को तय समय पर पूरा करना जरूरी है, लेकिन पूरे हुए की, नहीं हुए जानना भी उतना ही जरूरी हैं। छात्र रिमाइंडर सैट करने के लिए डिजिटल उपकरणों की सहायता ले सकते है या फिर अपने कैलेंडर पर मार्कर से मार्क कर सकते है। यह रिमाइंडर आपको सोते समय दिनभर में हुई पढ़ाई के बारे में अवगत करवा देते है। जिससे छात्र दूसरे दिन की पढ़ाई को लेकर और अधिक उत्सुक होते है।

4. यथार्थवादी बनें (Stay Realistic)

कई तैयारी करने वाले छात्र कम समय में ही अपनी पूरी तैयारी करने की चाह रखते हैं, लेकिन याद रखें NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी परीक्षाओं में बारीक़ से बारीक़ अवधारणाओं को गहनता से सीखने की आवश्यकता होती है, इसलिए छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए ऐसी योजना बनानी चाहिए जो वास्तव में की जा सके। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए कि तैयारी शुरू करते समय आप तेजी से चीजों को कवर करने की कोशिश करे, और कुछ समय बाद ही ढीलें पड़ जाएं। आपको बेहतर परिणाम पाने के लिए धीरे धीरे लगातार प्रयासरत रहना होगा।

5. पढ़ाई के लिए समय सारणी बनाएं (Study Time Table)

परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय प्रबंधन के साथ सबसे जरूरी जो चीज है वह है, योजनाबद्ध तरीके से एक सुव्यवस्थित समय सारणी बनाकर उसका नियमित रूप से अनुसरण करना। छात्र इस प्रकार से अपनी एग्जाम के हिसाब से अपनी समय सारणी बना सकते है-

(क) अपने Syllabus (पाठ्यक्रम) को समझें

स्टडी टाइम टेबल बनाने से पहले जरूरी हैं कि छात्र अपनी एग्जाम के सिलेबस को अच्छी तरह से समझें। इसके लिए यह करें:

  • सभी विषयों की लिस्ट बनाएं,
  • अपने एग्जाम के कठिन और आसान टॉपिक्स अलग अलग करें,
  • उन विषयों पर अतिरिक्त ध्यान दें जिनमें आपकी पकड़ अच्छी नहीं है,
  • पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र देखें ताकि परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण टॉपिक्स को पहचान सकें।

(ख) अपने पढ़ाई के लक्ष्य तय करें

हर दिन के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करें। उदाहरण के लिए:

  • सुबह: गणित के कठिन अध्यायों को सीखने पर ध्यान दें।
  • दोपहर: विज्ञान या अन्य विषय को पढ़ें।
  • शाम: आपके एग्जाम का अन्य कोई विषय जिसको टाला न जा सकें।

(ग़) पढ़ाई का सही समय चुनें

हर विद्यार्थी का पढ़ने का तरीका अलग होता है,लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सुबह सुबह पढ़ना सबसे अच्छा होता है।

  • सुबह (4 AM – 7 AM): दिमाग फ्रेश रहता है, कठिन विषयों को पढ़ने के लिए सबसे अच्छा समय होगा।
  • दोपहर (2 PM – 5 PM): आसान विषयों के लिए या फिर स्कूल, कोचिंग में पढ़े हुए का रिवीजन करें।
  • शाम (8 PM – 10 PM): यह समय महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग कर उनके प्रश्न हल करने और शॉर्ट नोट्स बनाकर याद करने का सबसे अच्छा समय होता है।

(घ) 40 – 50 मिनट का स्टडी सैशन बनाएं

  • विशेषज्ञों के मुताबिक 3 – 4 घंटे लंबी पढ़ाई करना छात्रों को जल्दी थका सकता है। ऐसा करने के बजाय छात्रों को 40 – 50 मिनट का स्टडी सत्र बनाना चाहिए और प्रत्येक 50 मिनट बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। ऐसा करने पर छात्र की ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ जाती है।

IIT JEE और NEET की तैयारी करने वाले छात्र अपनी समय सारणी इस प्रकार से भी बना सकते है। यह उन छात्रों के लिए उपयुक्त है, जिन्होंने एकीकृत स्कूल + कोचिंग, या केवल कोचिंग करते हैं। इसके साथ ही यह समय-सारिणी IIT ड्रॉपर्स या NEET रिपीटर्स छात्रों के लिए भी बिल्कुल सटीक है।

समय गतिविधि/कार्यकार्य जो करने है 
सुबह 5 बजे सुबह के रोजमर्रा के काम5 से 6 बजे के बीच हर हाल में उठें।
सुबह 6:00 – 6:30 बजे उठने के बादहल्की-फुल्की गतिविधियाँ दैनिक रूप में करें ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम, हल्की स्ट्रेचिंग और योग करें।
सुबह 6:30 – 7:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 1पिछले दिन का पुनरावलोकन कर सकते हैं, संशोधित विषयों के संदेह और नोट्स नोट पढ़ सकते हैं, और दिन के किसी भी महत्वपूर्ण विषय को इस घंटे में पूरा कर सकते हैं।
सुबह 7:30 – 8:00 बजेनाश्तास्वस्थ आहार पर ध्यान दें, इससे ऊर्जा बढ़ेगी। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो सुस्ती पैदा करते हैं।
सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तकस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 2सुबह का समय नई अवधारणाओं को सीखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, और यह दिन का ज्यादा उत्पादक समय होता है। इस समय सैद्धांतिक अवधारणाओं वाले विषयों को अधिक से अधिक पढ़ें। 
सुबह 11:00 – 11:30 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंब्रेक का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक तरीके से करें। हल्की स्ट्रेचिंग करना, हल्का टहलना या दोस्तों से बातें करना।
सुबह 11:30 – दोपहर 1:30 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 3पहले जिस विषय की अवधारणाएं पढ़ी उसके अभ्यास प्रश्न करें, उस टॉपिक से संबंधित पिछले सालों के प्रश्नो को हल करें इसके अलावा अपनी कोचिंग द्वारा दिए गए अभ्यास प्रश्न भी कर सकते है।
दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तकदोपहर का भोजन (Lunch)दोपहर का भोजन करें। थोड़ी देर की झपकी लें (20-25 मिनट)। थोड़ी देर की झपकी पढ़ने की क्षमता बढ़ाएगी और दिमाग को आराम देती है।
दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तककोचिंग का समय या फिर Self Studyकक्षा में उपस्थित रहें, नोट्स बनाएँ और आवश्यक प्रश्न पूछें। कोचिंग के दौरान किए जा सकने वाले कार्यों को बाद के लिए न रखें,उन्हें उसी दिन पूरा करें। 
शाम 5:30 – 6:00 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंटहलने, खेलकूद या गेम खेलने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ करें। फ़िल्में देखने से बचें।
शाम 6:00 – 8:00 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 4अपनी कोचिंग में पढाई गई चीजों को पुरे ध्यान से याद करें और उन्हें दोहराएं। 
रात्रि 8:00 बजे से 8:30 बजे तकरात का खाना खाएं खानें के तुरंत बाद थोड़ी देर टहलें। 
रात्रि 8:30 – 10:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 5रात का समय ज़्यादा सुकून भरा होता है। यह अभ्यास प्रश्न करने, डीपीपी हल करने, टेस्ट और मॉक टेस्ट देने का सबसे अच्छा समय है। अगले दिन की कोचिंग क्लास में पूछे जा सकने वाले किसी भी प्रश्न या शंका को नोट कर लें।
रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तकअगले दिन की योजना बनाना आज की गलतियों का विश्लेषण करें। अगले दिन के कार्यों की योजना बनाएँ। 
रात के 11:00नींद लें अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। सोने से एक घंटा पहले फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें।

अगर छात्र इस प्रकार से अपने समय का सदुपयोग करता है तो वह उन चुंनिदा सफल छात्रों में शामिल हो सकता है, जिन्होंने पिछले सालों में अपनी परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। याद रखें ये समय प्रबंधन के टिप्स और यह Time Table आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है। 

6. जरूरत पड़ने पर नहीं कहना 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा तैयारी के दौरान अनावश्यक कार्यों के लिए ‘नहीं कहना” कहना अत्यंत जरूरी है। ऐसा करने पर छात्र अपने सबसे आवश्यक कार्य पढ़ाई करने पर अधिक ध्यान दे, सकते है। जब कोई छात्र अपने लक्ष्य से भटकाने वाली चीजों/कामों के लिए नहीं कहने में सफल हो जाता है तो वह अपने तैयारी जैसे काम में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाता है। जो उसके समय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।

7. उत्पादक घंटों (Productive Hours) के दौरान पढ़ाई करें

प्रत्येक छात्र के उत्पादक घंटे (Productiv Hour) हमेशा एक जैसे नहीं होते है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कोई छात्र शाम के समय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता तो तो उसे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ छात्र दोपहर को नहीं पढ़ पाते उन्हें शाम को देर तक पढ़ना चाहिए। कुछ छात्र सुबह,दोपहर, शाम के बीच निश्चित अंतराल देकर पढ़ते हैं। इसलिए छात्रों के लिए यह निर्धारित करना जरूरी हैं कि वो किस समय अपना बेस्ट दे सकते जहां मिनिमम इनपुट में मैक्सिमम आउटपुट मिल सकें।

8. डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें

वर्तमान समय में सुविधा देने वाले उपरकण बढ़े है जिनसे NEET UG, JEE, CLAT या फिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी अछूते नहीं है। तैयारी करने वाले छात्रों को इन संसाधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब अत्यंत आवश्यकता हो। क्योंकि एक बार इनको प्रयोग में लेने पर छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हटकर अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर जा सकता है। इसलिए इनका उपयोग सोच समझकर ही करना चाहिए।

9. विकर्षणों (Distraction) से बचें

जिस प्रकार से ऊपर हमने विशेषज्ञों से जाना कि वर्तमान समय में डिजिटल उपरकण और संसाधन बढ़े है और इनका अनावश्यक प्रयोग भी बढ़ा है। वर्तमान समय में इनके अलावा भी कई प्रकार के विकर्षण संसाधन बढ़े है जैसे वीडियो गेम्स के लिए साइबर कैफे जाना, अनावश्यक रूप से यू ट्यूब पर ब्लॉग्स देखना या अन्य ऐसा कार्य जिसमें समय का दुरुपयोग हो सकता है। पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने समय का प्रबंधन करने के लिए उपरोक्त विकृषणों से बचना चाहिए ताकि वो अपने मुख्य लक्ष्य पढ़ाई करने पर ध्यान दे सके।

10. स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) अपनाएं।

समय प्रबंधन में अप्रत्यक्ष रूप से स्वस्थ जीवनशैली का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि, पढ़ाई करने वाले छात्र स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो उनके बीमार होने के चांस कम से कम होंगे। इसके लिए छात्रों को स्वस्थ पौष्टिक खान – पान, योग – व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में बढ़ावा देना चाहिए। वरिष्ठ डॉक्टर्स का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। छात्र अगर स्वस्थ रहेगा तो वह पढ़ाई और अपनी तैयारी को सुचारू रूप से चला सकता है और अपने समय का समुचित प्रबंधन कर सकता है।

समय प्रबंधन की 2 सबसे प्रचलित तकनीक

प्रभावी समय प्रबंधन से पढ़ाई ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन में भी संतुलन लाना संभव है। लेख में वो 2 तकनीकी बताई गई है जिनकी बातें तो सब करते है, लेकिन विस्तृत रूप में कोई नहीं बताता है। इन्हें सीखने और अपनाने से न केवल छात्रों को Study Planning बनाने में मदद मिलती है बल्कि पढ़ाई में नियमितता और उत्पादकता (Productivity) भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है।

1. पोमोडोरो तकनीक (Pomodoro Technique)

पोमोडोरो तकनीक उद्यमी और लेखक फ्रांसिस्को सिरिलो द्वारा विकसित की गई थी। इस तकनीक से छात्र अपने दिन प्रतिदिन के कामों को अंतराल (भागों) में विभाजित कर सकते है। प्रत्येक अंतराल को पोमोडोरो कहा जाता है।

यह तकनीकी किस प्रकार काम करती है? सीखनें के लिए इन तरीकों को अपनाए:

  • वह कार्य चुनें जिसे आपको पूरा करना है जैसे छात्र को अपने एक दिन में कितनी पढ़ाई पूरी करनी है।
  • प्रत्येक विषय के लिए एक टाइमर सैट करें (जैसे आपको फिजिक्स 50 मिनट पढ़ना है, कैमेस्ट्री 50 मिनट पढ़नी है।)
  • जिस विषय को आप पढ़ रहें है उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।
  • जब टाइमर बज जाए तो अपनी समय सारणी में मार्क कर दीजिए।
  • थोड़ा ब्रेक लें ( छात्र 50 मिनट पढ़ने के बाद दिमाग को फ्रैश करने के लिए 10 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में टहल सकते है, चाय – कॉफी ले सकते है या फिर ऐसा कार्य करें जिसमें ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़े)

Pomodoro Technique न केवल छात्रों को समय प्रबंधन सिखाती है, बल्कि यह छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करना भी सिखाती है। छात्र इस तकनीक को अपनाकर अपनी पढ़ाई के दैनिक और सप्ताहिक टास्क बेहतर ढंग से पूरे कर सकते है। छात्रों की इस व्यवस्थित नियमितता से शत प्रतिशत प्रदर्शन सुधरने की संभावना है।

2. पेरेटो विश्लेषण तकनीक (Pareto Analysis Technique)

इसे 80/20 का नियम भी कहा जाता है। इसको विकसित करने का श्रेय महान इतालवी अर्थशास्त्री विल्फ्रेडो पेरेटो को जाता है। इस नियम के अनुसार 20% क्रियाएं 80% परिणामों के लिए जिम्मेदार होती है।

यह तकनीक किस प्रकार काम करती है, जानें:

  • छात्र अपनी मुख्य समस्याओं की सूची बनाएं। उदाहरण के लिए आपके किसी विषय के Mock में लगातार कम अंक आ रहे हो।
  • छात्र अपने दैनिक दिनचर्या की समस्याओं की वास्तविक जड़ खोजें। जैसे, Mock में कम अंक आने का कारण सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना हो, विषय को कमतर आंकना इत्यादि।
  • अब जो सबसे जरूरी काम करना है वह है प्रत्येक समस्या के लिए अंक निर्धारित करें। जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिता रहें और उसका दुष्प्रभाव पड़ रहा इसके लिए आप 10 में से 7 अंक निर्धारित करें।
  • छात्र को जो कार्य करने में असफलता मिली उस असफलता के पीछे बने सभी कारणों को एक जगह लिखें। जैसे, क्या आपके Mock में कम अंक केवल सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिताने से आए या अन्य कोई कारण रहा है?
  • प्रत्येक समूह को जोड़ें और अब जो सबसे जरूरी काम है वह है सबसे अधिक स्कोर जिस समस्या का आया है उसको अधिक से अधिक सुधारने पर ध्यान दें।

पेरेटो एनालिसिस तकनीक का उपयोग आजकल कई कोचिंग संस्थानों के एक्सपर्ट करते है। जैसे, सीकर की मैट्रिक्स जेईई एकेडमी के स्टूडेंट कॉउन्सलर्स द्वारा इस प्रणाली से विद्यार्थियों को उत्पन्न समय प्रबंधन संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

समय प्रबंधन में निपुणता आने से छात्र अपनी शैक्षिक योग्यताएं तो सिद्ध करते ही है, इसके अलावा उन्हें जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए भी यह प्रबंधन निपुणता पहले ही तैयार कर देती है। छात्र जीवन में समय प्रबंधन होने से बेहतर तैयारी करने में मदद मिलती है, और परीक्षा के दिन होने वाली अनावश्यक चिंताओं से बचने में सहायता मिलती है। सीकर के प्रसिद्ध संस्थान जैसे Matrix JEE Academy, CLC, Gurukripa, PCP, Allen आदि संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्रों को समय प्रबंधन (Time Management)  सिखाने के लिए विशेष तौर पर सैशन चलाए जाते है, जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपना समय प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

FAQ’s

Time Management क्या होता हैं?

Time Management का साधारण अर्थ है, अपने समय का इस तरह से उपयोग करना जिससे आपकी पढ़ाई और दैनिक दिनचर्या संतुलित दृष्टिकोण से पूरी हो जाएं ।

Time Management के लिए कौनसे Apps सबसे अच्छे हैं?

Google Calendar, Notion, Trello, Todoist जैसे App छात्रों के लिए Time Management Apps हो सकते है।

समय का दुरुपयोग हुआ है, मैं कैसे जान सकता हूं?

एक सप्ताह का समय व्यवस्थित रूप से लिखें, इसमें आप हर घंटे का रिकॉर्ड बनाएं और देखें कि कहा मैने गैर जरूरी कार्य किया जिससे समय ख़राब हुआ है।

NEET UG और JEE Main परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सबसे सरल Time Management कैसे शुरू करें?

इसके लिए छात्र रोज एक छोटी To – Do list बनाएं। इस लिस्ट में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कार्य को सबसे ऊपर रखें, और इसी अनुरूप अपना कार्य/ तैयारी करें। लेकिन याद रखें डिजिटल उपकरणों से होने वाले डिस्ट्रक्शन से दूरी बनाने के लिए फोन, लैपटॉप के नोटिफिकेशन ऑफ कर दें।

छात्रों की सफलता में समय प्रबंधन की क्या भूमिका है?

एक छात्र द्वारा सीखकर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए समय प्रबंधन की बड़ी भूमिका होती है। जब छात्र अपने समय का समुचित प्रबंधन कर लेते है तो उन्हें कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई करने पर कठिनाई महसूस नहीं होती है। जबकि इसके विपरीत उनके परिणाम बेहतरीन होते जाते है क्योंकि पढ़ाई में नियमितता आ जाती है।

जैसा कि आप जानते हैं कि JEE Main राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो भारत में इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाती हैं। इस प्रवेश परीक्षा के माध्यम से IIT, CFTI, NIT, IIIT और अन्य सरकारी कॉलेजों में प्रवेश टॉप रैंक के अनुसार लिए जाते हैं। इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले कई विद्यार्थी इस परीक्षा को अपने बोर्ड की परीक्षा के साथ भी देते है। दूसरी और ऐसे विद्यार्थी भी होते हैं, जिन्हे अपने प्रथम प्रयास में वांछित सफलता नहीं मिल पाती वे विद्यार्थी इस कठिन परीक्षा की तैयारी करने के लिए 1 साल का ड्रॉप लेते हैं। इस ड्रॉप वर्ष में वे पूरी तरह JEE परीक्षा की तैयारी में समर्पित होते है। इन्ही विद्यार्थियों को आमतौर पर ड्रॉपर कहा जाता है। किसी भी विद्यार्थी के लिए एक साल का पढाई संबंधित अंतराल लेना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता हैं इसलिए जरुरी हैं कि इस निर्णय के सभी कारकों पर चर्चा हो 

हमने प्रसिद्ध कोचिंग विशेषज्ञों, शिक्षकों और पिछले वर्षों के सफल ड्रॉपर्स से विस्तृत बातचीत की उन्होंने अपने अनुभवों से JEE परीक्षा में गैप ईयर लेने के फायदों और उससे होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में बताय। साथ ही आगे भविष्य में JEE परीक्षा के लिए ड्रॉप लेकर तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को अपनी पढाई और तैयारी संबंधित रणनीति भी हमसे साझा की हैं जो हमने आपके लिए इस ब्लॉग में सम्मिलित की हैं। 

JEE परीक्षा के लिए ड्रॉप (अंतराल) क्यों ले?

“Do Not Lose Hope, JEE Main Will be a Win.”

JEE Main के लिए 1 साल का ड्रॉप लेना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, ऐसा करने के बाद आपको सफलता पाने के लिए अपने निर्णय के प्रति पूर्ण समर्पण रखना आवश्यक हैं। आपको अब नए दृष्टिकोण और रणनीति के साथ पुनः तैयारी शुरू करनी चाहिए। पूर्व में मिली असफलता से हुई निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है। नए उत्साह, मजबूत दृढ़ संकल्प और सकारत्मक सोच के साथ तैयारी करनी चाहिए। एक साल का अंतराल लेने का मतलब है कि आप एक साल पूरी तरह से JEE की तैयारी में झोंक दें। यह समय विद्यार्थियों को सीखने और बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर देता है। हमारी टीम ने इसके फायदों के बारे में जानने के लिए प्रसिद्ध कोचिंग विशेषज्ञों से बातचीत की जो इस प्रकार हैं-

सर्वश्रेष्ठ कॉलेज पाने का लक्ष्य

IIT JEE की तैयारी करने वाला प्रत्येक विद्यार्थी भारत की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेकर अपने इंजीनियर बनने का सपना पूरा करना चाहता है। JEE परीक्षा के कठिनाई स्तर और प्रदर्शन करने के दबाव को देखते हुए, पहली बार में ही अपनी पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश पाना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। हालांकि कई विद्यार्थी यह कार्य अपनी 12वीं कक्षा के साथ भी कर लेते हैं लेकिन जिनका पिछले साल अच्छे कॉलेज में प्रवेश नहीं हो पाया उन्हें कुछ एक ओर अतिरिक्त ड्रॉप वर्ष की आवश्यकता होती हैं। 

पूर्व में हुई गलतियों का विश्लेषण करने के लिए 

JEE परीक्षा के लिए एक साल का ड्रॉप लेने वाले विद्यार्थियों को सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होता हैं कि उन्हें खुद का विश्लेषण करने का मौका मिल जाता है। ड्रॉप वर्ष विद्यार्थी को अपनी तैयारी की रणनीति नए सिरे से बनाने और उसके कमजोर पक्षों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है। पूर्व में परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को अपनी प्रतियोगिता का अनुभव होता हैं। यह ज्ञान उन्हें कमजोर क्षेत्रों का पता लगाने में मदद करता हैं। उचित योजना और अध्ययन सामग्री के साथ विद्यार्थी JEE में अच्छे अंक प्राप्त कर सकतें है। और एक अच्छी एवं प्रतिष्ठित  सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाकर अपने सपनों को साकार कर सकता है।

एक अलग रणनीति बनाने के लिए

जब विद्यार्थियों को अपने दृष्टिकोण को बदलने की बात की जाती हैं तो हमेशा यही सलाह दी जाती हैं कि पहली बार तैयारी करते समय बनाई गई रणनीतियों को और तैयारी दृष्टिकोण में क्या बदलाव किये जा सकतें है। तैयारी कि नई रणनीति में उन सभी तत्वों को जरूर शामिल करना चाहिए जो पहली बार में आप से चूक गए थे। या जिनके प्रति आपने सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाया। इसके लिए आप सीकर की कोचिंग्स जैसे Matrix JEE Academy, Allen, PCP, CLC आदि के शिक्षकों एवं विशेषज्ञों से भी व्यक्तिगत सलाह ले सकतें हैं।

लक्ष्य उन्मुख तैयारी (Target Oriented Preparation)

एक ड्रॉप वर्ष, विद्यार्थी को उसके मज़बूत ओर कमजोर दोनों पक्षों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए निर्बाध समय देता हैं। स्कूल या अन्य किसी भी तरह का व्यवधान न होने का मतलब है कि विद्यार्थी अब अपनी पसंद के अनुसार अध्ययन योजना बना सकता है। इस समय गंभीर तैयारी करने वाले एवं अपने कैरियर को लेकर चिंतित रहने वाले विद्यार्थी अधिक ध्यान से अपनी तैयारी करते हैं क्योंकि वो ये मौका अब अपने हाथ से नहीं देना चाहेंगे।

अतिरिक्त तनाव व दबाव का कम होना

JEE Main जैसी कठिन परीक्षा का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा होता हैं। विद्यार्थियों पर इस विशाल Syllabus को पूरा करने का दबाव होता हैं। इसे कम समय में पूरा करने का लक्ष्य विद्यार्थी को मानसिक तनाव दे सकता हैं। विद्यार्थी के पास जब एक गैप वर्ष होता है, तो प्रत्येक विषय को गहराई से सीखने, कठिन विषयों की अवधारणाओं को रटने के बजाये समझने, सभी विषयों का Revision करने आदि के लिए पर्याप्त समय होता है। ऐसा होने पर विद्यार्थियों को मानसिक तनाव का सामना नहीं करना पड़ता और उसकी वास्तविक JEE परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

एक अतिरिक्त अवसर

इस अतिरिक्त मौके को भुनाने में सहयोग करने के लिए सीकर की कोचिंग्स काफी प्रसिद्ध हैं। जिनमें मुख्य नाम Matrix JEE Academy, Kautilya IIT Academy, PCP, Allen, CLC आदि नाम आते है। सीकर के ये संस्थान ड्रॉपर्स के लिए और भी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। इन संस्थानों में ऐसे विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं जो एक साल का अतिरिक्त अंतराल लेते हैं। यहां 2025 के परिणामों में लगभग 50 फीसदी वो विद्यार्थी थे, जिन्होंने एक वर्ष का ड्रॉप लिया था। अगर आप भी ड्रॉपर्स में शामिल हैं, तो सीकर के इस तरह की विशिष्ट गुणवत्ता वाला संस्थान चुन सकते हैं।

JEE में ड्रॉप लेने के नुकसान

आपने IIT JEE में एक साल का ड्रॉप लेने के फायदें जान लिए हैं, लेकिन इस एक साल में विद्यार्थियों को कई नुकसान भी होते है। विषेशज्ञों के अनुसार ड्रॉप ईयर आपको दुबारा तैयारी करके एक अच्छी IIT Collage में प्रवेश पाने का मौका तो देता है। लेकिन इस बार भी अनिश्चितत्ता बनी रहती हैं। विद्यार्थी को उतनी ही प्रतिस्पर्धा और तनाव का सामना करना पड़ता है, जितना पहले किया हैं। उसी तैयारी में एक और साल गंवाने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं। इसलिए एक साल का ड्रॉप लेने से पहले आपको निम्न संभावित चुनौतियों से अवगत रहना चाहिए। 

मानसिक दबाव

एक साल का गैप लेने वाले विद्यार्थियों पर पढ़ाई करने, सफलता पाने का बाहरी दबाव तो होता ही है। इसके साथ ही वो खुद पर भी मानसिक दबाव बना लेते हैं। पढ़ाई के दौरान ही सोचने लगते हैं कि भविष्य में कोई कॉलेज मिलेगा या नहीं मिलेगा,अबकी बार मुझे कौनसी रैंक मिलेगी इत्यादि ये विचार विद्यार्थी की चिंता का कारण बन जाते हैं,जिसका असर आगे चलकर उनके परिणामों पर पड़ता है। विद्यार्थियों को इनसे छुटकारा पाने के लिए सीकर की उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग में प्रवेश लेना चाहिए क्योंकि, वहां ऐसे विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान तो किया ही जाता हैं इसके साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत रूप से मनोचिकित्सक द्वारा काउंसलिंग भी की जाती हैं।

आर्थिक दबाव का सामना

हालांकि पढ़ाई करने वाले अधिकांश विद्यार्थियों को इस प्रकार की चिंता से मुक्त होना चाहिए और इसके लिए उनके अभिभावक हर संभव कोशिश भी करते हैं। लेकिन वर्तमान समय में कोचिंग लेना कोई आसान काम नहीं है। जिसका असर उन मध्यमवर्गीय परिवारों के विद्यार्थियों पर पड़ता है जो एक साल का अतिरिक्त ड्रॉप लेने वाले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे विद्यार्थी को कम संसाधनों में भी कठिन परिश्रम करना चाहिए, क्योंकि कठिन मेहनत और अथक प्रयासों का इस दुनियां में अन्य कोई विकल्प नहीं हैं। प्रतिवर्ष हम ऐसे विद्यार्थियों के उदाहरण भी देखते हैं जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी IIT JEE क्रैक करते हैं और अपने सपनों को पूरा करते हैं। मैट्रिक्स अकादमी,  सीएलसी, गुरुकृपा, प्रिंस जैसे सीकर के प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान कमजोर आर्थिक स्थिति वाले विद्यार्थियों के लिए समय समय पर स्कॉलरशिप टेस्ट भी आयोजित करवाते हैं। अगर कोई विद्यार्थी इस दबाव से मुक्त होकर अपने सपनो को नई ऊंचाई देना चाहता हैं तो MSAT, GSAT जैसी प्रतियोगिता में भाग ले सकता हैं। 

पिछड़ने का डर

IIT में एंट्री के समय विद्यार्थी एक साल बड़े हो जाते हैं। उनकी ग्रेजुएशन एक वर्ष देरी से पूरी होगी, जिसके चलते उन्हें जॉब/हायर स्टडीज में भी देरी होंगी। कुछ कंपनियां/स्कॉलरशिप्स में एज लिमिट होती है। जिसका नुकसान एक साल का ड्रॉप लेने वाले विद्यार्थियों को उठाना पड़ता हैं। इसके अतिरिक्त उनकी अपने सहपाठियों से पिछड़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। कुछ अन्य प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय कॉलेजों में भी उनके प्रवेश लेने के रास्ते बंद हो जाते हैं। एक साल का ड्रॉप लेने वाले विद्यार्थियों को इन सब चीजों का पता होना ही चाहिए।

एक साल ड्रॉप के लिए JEE तैयारी की रणनीतियां: Dropper’s Strategy

वर्तमान शिक्षा रुझानों का विश्लेषण करने के बाद, हमारे विशेषज्ञ कहते हैं कि JEE 2025 के लिए किसी भी ड्रॉपर की रणनीति में उचित कोचिंग सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन क्यों? क्योंकि ड्रॉपर विद्यार्थी बिना कोचिंग के शिक्षकों और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से वंचित रहते हैं। हालांकि ड्रॉपर स्वतंत्र रूप से तैयारी कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक स्वतंत्र विद्यार्थी एक उचित अध्ययन तालिका नहीं बना सकता जो उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाए।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, JEE के लिए विद्यार्थियों में प्रतिवर्ष प्रतिस्पर्धा बढ़ रही हैं और यह 2026 ओर अधिक बढ़ जायेगी। जिसके चलते चलते ड्रॉपर्स को ओर अधिक मुश्किलों का सामना करना पड सकता हैं। नया ज्ञान प्राप्त करने, सभी विषयों का रिवीजन करने, किसी विषय के टॉपिक की समझ को पूरा करने के लिए Self Learning काफी नहीं हो सकती। इसके लिए आपको मैट्रिक्स जेईई एकेडमी जैसे उच्च गुणवत्ता वाले कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेकर अपने 1 साल के ड्रॉप वर्ष का सदुपयोग करना चाहिए। विशेषज्ञों और कोचिंग शिक्षकों के अनुसार आप निम्न JEE महत्वपूर्ण रणनीति (Strategy For JEE) भी अपना सकतें हैं।

मूल्यांकन से शुरुआत करें

विद्यार्थी अपने पिछले प्रदर्शन में कमजोर रहे टॉपिक्स और गलतियों का सावधानी पूर्वक मूल्यांकन करें। यह समझें कि क्या आपका खराब प्रदर्शन समय प्रबंधन, कमजोर अवधारणाओं (कॉन्सेप्ट्स) या परीक्षा की चिंता के कारण हुआ? इन सभी गलतियों की पहचान कर इनके लिए विशेष रणनीति बनाए। विद्यार्थी अपनी आगे की तैयारी करने के लिए जो कोचिंग संस्थान चुनें, उसके शिक्षकों,ओर विषय विशेषज्ञों से सलाह लें।

सही संसाधनों/ गुणवत्तापूर्ण कोचिंग का चयन करें

JEE के लिए एक साल का ड्रॉप लेने वाले विद्यार्थियों को तैयारी करने के लिए सही गुणवतापूर्ण कोचिंग का चयन करना चाहिए। उन्हें एक ऐसी कोचिंग चुननी चाहिए जिसके शिक्षक आईआईटीयन रहें हो, पढ़ाने का अच्छा खासा अनुभव हो, उस कोचिंग की सफलता दर उच्च हो, वहां पढ़ाई के लिए उचित सामग्री जैसे NCERT बेस्ड पुस्तकें, DPP (Daily Practice Paper) ओर अभ्यास प्रश्न करवाने के लिए अलग से प्रैक्टिस सैशन लगते हो। संस्थान नियमित रूप से JEE Main परीक्षा के स्तर के Mock Tests लेती हो तथा उनका विश्लेषण भी करवाती हो। सीकर में ये व्यापक सुव्यवस्थित अध्ययन सामग्री और संसाधन उपलब्ध करवाने वाले कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जैसे Matrix JEE Academy, Kautilya IIT Academy, PCP, CLC, Allen, Gurukripa इत्यादि। इनमें भी मैट्रिक्स संस्थान ड्रॉपर्स के लिए काफी प्रसिद्ध संस्थान हैं। यहां पिछले वर्षों में कुल सफलता दर में से लगभग 40 फीसदी से अधिक वो विद्यार्थी थे, जो ड्रॉपर के तौर पर संस्थान से जुड़े थे।

व्यवस्थित अध्ययन योजना बनाएं

गैप वर्ष लेने वाले विद्यार्थियों को आगे की तैयारी के लिए एक व्यवस्थित अध्ययन योजना बनाने पर ध्यान देना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक विद्यार्थी को ऐसा संतुलित दैनिक ओर साप्ताहिक कार्यक्रम बनाना चाहिए जिसमें नियमित कोचिंग क्लासेज़, रिवीजन, Mock Tests और मानसिक स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधियों को शामिल किया गया हो। JEE की तैयारी में 1 साल का ड्रॉप लेकर तैयारी शुरू करने वाले विद्यार्थियों को आगे के भविष्य की चिंताओं (कौनसी IIT कॉलेज मिलेगी, मेरा अंतिम चयन होगा कि नहीं होगा आदि) से मुक्त रहकर अपनी परिणामदेई अध्ययन योजना पर कार्य करना चाहिए।

गैप ईयर में सफलता पाने वाले Droppers के सुझाव

हमने सीकर में एक ड्रॉप वर्ष के अंतराल में तैयारी कर रहें छात्रों, अभिभावकों ओर उनकी कोचिंग संस्थानों में बातचीत की तो उन सफल ड्रॉपर छात्रों ने अब आगे तैयारी कर रहें छात्रों के लिए निम्न महत्वपूर्ण सुझाव एवम् रणनीतियां बताई।

नियमित रिवीजन सफलता का आधार

उत्तरी भारत और शिक्षा नगरी सीकर की सर्वश्रेष्ठ JEE कोचिंग “मैट्रिक्स एकेडमी” के टॉपर छात्रों (गौरव पारीक AIR 238,  ऋषभ मील AIR 479) और अन्य छात्रों से हुई बातचीत के अनुसार ड्रॉप वर्ष लेकर तैयारी करने वाले छात्र अपनी तैयारी NCERT से शुरू करें। इन्होंने बताया कि JEE के विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण टॉपिक्स के संक्षिप्त नोट्स (Short Notes ) बनाकर उनका बार बार रिवीजन करे, इसके अलावा अपना कीमती समय बचाने के लिए अवधारणाओं और सूत्रों को दोहराने के लिए माइंड मैप्स, फ्लैशकार्ड्स का उपयोग करें। 

पीसीपी सीकर के छात्र त्रिवेंद्र सिंह (99.94%tile) ने बताया कि लगातार उबाऊ पढ़ाई से बचने के लिए विद्यार्थी शारीरिक गतिविधियों जैसे व्यायाम, योग,ध्यान आदि का नियमित रूप से अनुसरण करें। इन क्रियाओं से एक नई ऊर्जा का संचार होता हैं और चीजों को लंबे समय तक याद रखने में मस्तिष्क को सहायता मिलती हैं।

Mock Test अत्यंत उपयोगी

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अभ्यास का महत्व अत्यंत उपयोगी है। बिना अभ्यास के परीक्षा देना व्यर्थ साबित होता हैं और JEE परीक्षा के लिए तो यह और भी जरूरी है क्योंकि वहां कम समय में कठिन प्रश्न करने होंगे। ड्रॉप वर्ष लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी तैयारी में समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए वास्तविक परीक्षा जैसे माहौल में टेस्ट देने चाहिए। उन्हें टैस्ट देकर छोड़ना ही नहीं है,बल्कि टैस्ट में हुई गलतियों का बारीकी से विश्लेषण करना चाहिए। सीकर का मैट्रिक्स संस्थान इस मामले में पूरे उत्तरी भारत में शीर्ष पर है। वहां विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक Mock का विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से विश्लेषण करवाया जाता हैं।

केंद्रित और अनुशासित रहकर पढ़ाई करें

ड्रॉपर्स के लिए तैयारी के दौरान अपनी अध्ययन योजना पर अडिग रहकर कठिन परिश्रम से पढ़ाई करनी जरूरी हैं। इसके बारे में सीएलसी सीकर की छात्रा दिया सिनवार (99.9%tile) से हुई बातचीत में हमें बताया कि इन विद्यार्थियों को एक समर्पित, व्यवस्थित अध्ययन वातावरण बनाकर, मोबाइल जैसे विकर्षणों से दूर रहकर पढ़ाई करनी चाहिए।

समय प्रबंधन पर ध्यान दें

एक ओर महत्वपूर्ण तथ्य जिस पर विद्यार्थियों को ध्यान देना चाहिए वह है “Time Management Skills” JEE परीक्षा के सफल छात्रों ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि किसी भी एक प्रश्न के लिए अधिक समय खराब नहीं करना है। परीक्षा में कुछ प्रश्न ऐसे जरूर होते हैं जिनमें विद्यार्थी उलझ जाता हैं और वह उसे सॉल्व करने की जिद्द में फंस जाएगा। ऐसे प्रश्नों को छोड़कर उसे आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि, सीमित समय में कई प्रश्नों का जवाब देना होता हैं। विद्यार्थियों का सवाल होता हैं कि टाइम मैनेज कैसे करें? इसके लिए उन्हें पूर्व में हुई परीक्षाओं के पेपर तय समय में हल करने का परीक्षा से पहले ही अभ्यास करना चाहिए।

विद्यार्थी 1 साल के ड्रॉप ईयर में होने वाली निम्न गलतियों से बचें

  • विद्यार्थी अत्यधिक संसाधनों का उपयोग न करे इसके बजाय आप विश्वनीय पुस्तकों से पढ़ाई करें, बहुत ज्यादा अध्ययन सामग्री लाकर उनकी तुलना करने में समय खराब न करें।
  • समय समय पर अपनी प्रगति रिपोर्ट (Report Card) की तुलना करें लेकिन कक्षा के उन नकारात्मक विद्यार्थियों से बचे जो, आपके प्रदर्शन का मजाक बनाते हैं।
  • कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान दें लेकिन कोई एक विशेष टॉपिक जो आपको बिल्कुल न आए उसको छोड़ना सीखें।
  • गैप वर्ष वाले विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य कार्यों में संलग्न होकर अपने मुख्य लक्ष्य से न भटके।
  • ऐसे छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करें जिनको आप नियमित रूप से प्राप्त करते हो, केवल कागजी टाइम टेबल न बनाएं जिसका अनुसरण ही न किया जा सकें।

निष्कर्ष

अगर विद्यार्थी JEE में अच्छी रैंक से भारत की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो एक ड्रॉप वर्ष लेना आपके लिए मददगार साबित हो सकता हैं। पिछले कुछ वर्षों में JEE के पाठ्यक्रम में काफी बदलाव भी हुए हैं और कठिनता का स्तर भी बढ़ा है। ऐसे में उन छात्रों की संख्या बढ़ी है। जिन्होंने एक अतिरिक्त वर्ष तैयारी करके अपनी रैंक सिक्योर की है। लेकिन एक वर्ष का अंतराल लेने वाले विद्यार्थी यह जरूर सुनिश्चित करें कि आप समय का सदुपयोग कर रहे है और अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दे रहें हैं।

FAQs

क्या JEE/NEET के लिए एक साल का ड्रॉप लेना फायदेमंद हैं?

हां, अगर समझदारी से ड्रॉप ईयर को इस्तेमाल किया जाए तो यह आपकी तैयारी को बेहतर बना सकता है जिससे आपके सफल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

मैं अपने ड्रॉप वर्ष के दौरान कैसे केंद्रित रह सकता हूं?

आप एक सुव्यवस्थित समय सारणी (Time Table) बनाकर,ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहकर अपने ध्यान को पढ़ाई पर केंद्रित कर सकते हैं।

क्या मैं ड्रॉप वर्ष (Gap Year) के बाद JEE में सफल हो सकता हूं?

बिल्कुल! कई छात्र ड्रॉप वर्ष में समर्पित तैयारी करके बेहतरीन परिणाम प्राप्त करते हैं और अपने सपनों की IIT कॉलेज में प्रवेश लेते हैं।

प्रतिवर्ष कितने ड्रॉपर JEE Main परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं?

JEE Main को छोड़ना एक गंभीर निर्णय होता हैं। ड्रॉपर होने का एक फायदा यह है कि उन्हें स्कूल, टैस्ट या अन्य एग्जाम्स की चिंता नहीं करनी पड़ती है। उम्मीदवार पूरी तरह से जेईई मेन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यह पता लगाना मुश्किल है कि प्रतिवर्ष कितने ड्रॉपर JEE Main परीक्षा पास करते हैं लेकिन फिर भी यह आंकड़ा अनुमानित तौर पर 50% के आस पास होता हैं।

क्या NCERT की पाठ्यपुस्तकें JEE Main परीक्षा के ड्रॉपर के लिए महत्वपूर्ण है?

NCERT की पुस्तकें JEE Main परीक्षा के पाठ्यक्रम का आधार होती हैं। इन पुस्तकों में शामिल अधिकांश टॉपिक्स जेईई मेन एग्जाम में पूछे जाते हैं, इसलिए प्रत्येक जेईई अभ्यर्थी को अपनी एग्जाम की तैयारी के दौरान इन पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।

नमस्कार, जिज्ञासु विद्यार्थियों! अगर आप भी इंजीनियरिंग की ऊंचाइयों को छूने का सपना देख रहे हैं? तो IIT JEE 2026 आपका अगला बड़ा कदम हो सकता है। JEE Main और JEE Advanced के माध्यम से आप IITs, NITs, IIITs जैसे भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सफलता की राह में पहला पड़ाव है पात्रता मानदंडों (Eligibility Criteria) को समझना।

यह ब्लॉग आर्टिकल विशेष रूप से JEE 2026 के लिए तैयार किया गया है, जिसमें आयु सीमा, कक्षा 12वीं के अंकों की आवश्यकता, प्रयासों की संख्या, कक्षा 12 वीं में IIT JEE के लिए विषयों की आवश्यकता और अन्य महत्वपूर्ण नियम शामिल हैं। इन नियमों की जानकारी IIT JEE 2026 की तैयारी कर रहे छात्रों को तो होनी ही चाहिए इसके अलावा उन अभिभावकों के लिए भी ये जानकारियां आवश्यक रूप से उपयोगी होगी जो अपने बच्चों को एक प्रतिष्ठित IIT से उत्तीर्ण इंजीनियर बनाने का सपना देख रहें हैं। तो चलिए विस्तृत विवरण निम्न रूप से देखते हैं।

IIT JEE परीक्षा 2026 पात्रता मानदंड – मुख्य बातें

परीक्षा का नाम संयुक्त प्रवेश परीक्षा मुख्य (JEE Main)
संचालन निकाय राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)
उद्देश्य NIT, IIIT और CFTI का प्रवेश द्वार; JEE Advanced के लिए पात्रता परीक्षा
वर्ग राष्ट्रीय स्तर की स्नातक (UG) परीक्षा
परीक्षा का स्तर राष्ट्रीय की कठिन परीक्षाओ में से एक 
सत्रों की संख्या

पहला सत्र : 21 जनवरी से 30 जनवरी 2026 

दूसरा सत्र : 1 अप्रैल 2026 से 10 अप्रैल 2026 

परीक्षा का तरीका पेपर 1 (B.E/B.Tech) – कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) 

पेपर 2A (B.Arch) – कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) ड्राइंग टेस्ट को छोड़कर

 पेपर 2B (B.Plan) – कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT)

आवेदन का तरीका ऑनलाइन : अक्टुंबर 2025 के चौथे सप्ताह से शुरू (4th week of October 2025)
आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in और nta.ac.in

JEE Main 2026 के लिए परीक्षा मानदंड

IIT JEE 2026 के उम्मीदवारों को निम्नलिखित परीक्षाओं में से एक परीक्षा पास की हुई होनी चाहिए। 

  •  10+2 प्रणाली की अंतिम परीक्षा यानि भारत के किसी मान्यता प्राप्त केंद्रीय/राज्य बोर्डों जैसे CBSE,RBSE द्वारा उमीदवार का 12 वीं पास किया हुआ होना।
  •  किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट या दो वर्षीय प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा।
  •  राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के संयुक्त सेवा विंग के दो वर्षीय पाठ्यक्रम की अंतिम परीक्षा।
  •  राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परीक्षा, जिसमें न्यूनतम पांच विषय हों।
  •  भारत या विदेश में किसी भी पब्लिक स्कूल/बोर्ड/विश्वविद्यालय की परीक्षा जिसे भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIEU ) द्वारा 10+2 प्रणाली के समकक्ष मान्यता प्राप्त हो।
  •  अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE ) या राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त डिप्लोमा जिसकी अवधि कम से कम तीन वर्ष हो।
  •  कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा या जिनेवा स्थित इंटरनेशनल बैकलॉरिएट ऑफिस का इंटरनेशनल बैकलॉरियंट डिप्लोमा।

इन सभी पात्रताओं के अलावा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा तय की गई पात्रताओं को पूरा कर IIT JEE 2026 के लिए योग्य हो सकते हैं।

IIT JEE 2026 के लिए राष्ट्रीयता की आवश्यकता

IIT JEE 2026 के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास भारतीय नागरिकता होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त विदेशी नागरिक, साथ ही प्रवासी भारतीय नागरिक जो काम करने के लिए विदेश में रहते हो (NRI),भारतीय मूल के व्यक्ति जिन्होंने विदेश की नागरिकता ले ली हो (PIO) और भारत के प्रवासी नागरिक (OCI) भी आवेदन करने के पात्र हैं।

IIT JEE 2026 पात्रता मानदंड में आयु सीमा

IIT JEE Main 2026 में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए कोई विशिष्ट आयु सीमा नहीं है। वे व्यक्ति जिन्होंने 2024, 2025 में अपनी कक्षा 12 या समकक्ष परीक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है,या वर्तमान में नामांकित हैं और 2026 में इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं, उनकी उम्र चाहे जो भी हो, वे JEE Main 2026 परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र हैं।

हालाँकि JEE Main 2026 के टॉप 250000 (ढाई लाख उम्मीदवार ) JEE Advanced 2026 के लिए पात्र होंगे, उनके लिए निम्न आयु सीमा के प्रावधान लागु होंगे

  • सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग (GENERAL /OBC-NCL) के उम्मीदवारों का जन्म 1 अक्टुंबर 2001 के बाद हुआ होना चाहिए।
  • आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को आयु सीमा में 5 वर्षो की छूट प्राप्त है। जैसे SC,ST उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अक्टुंबर 1997 या उसके बाद की हो सकती हैं।

IIT JEE Main 2026 के लिए प्रयासों की संख्या

  • कुल 6 प्रयास लेकिन निम्न शर्तों के साथ
  • IIT JEE Main 2026 के इच्छुक उम्मीदवारों को प्रयासों की संख्या के लिए कुछ विशिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। जैसे जिन उम्मीदवारों ने 2024 या 2025 में अपनी 12वीं कक्षा पूरी कर ली है या जो वर्तमान में (2026 में) 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले हैं, वे IIT JEE Main 2026 में भाग लेने के लिए पात्र हैं। लेकिन जिन उम्मीदवारों ने 2024 से पहले (यानि 2023 में ) अपनी 12वीं कक्षा पूरी कर ली है या जो 2026 के बाद (2027 में) 12वीं कक्षा में बैठने वाले हैं, वे इस परीक्षा के लिए पात्र नहीं हैं। ध्यान रहे IIT JEE Main 2026 की परीक्षाएं जनवरी और अप्रैल माह में दो बार आयोजित की जाएगी।

IIT JEE Main 2026 के लिए अंक मानदंड

  • अंकों की पात्रता के संदर्भ में, सामान्य श्रेणी (General Category) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC-NCL) के अंतर्गत आने वाले उम्मीदवारों को IIT JEE Mains 2026 के लिए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 75% अंक प्राप्त करने होंगे या अपने बोर्ड की परीक्षा में शीर्ष 20 प्रतिशत में स्थान प्राप्त करना होगा।(हालाँकि, 2023 से यह आवश्यकता हटा दी गई है) यह मानदंड आईआईटी (IIT),एनआईटी (NIT),आईआईआईटी (IIIT) और अन्य सीएफटीआई (CFTI) में प्रवेश पाने के लिए आवश्यक है। 
  • आरक्षित श्रेणियों (SC/ST व अन्य ) के उम्मीदवारों के लिए,आईआईटी (IIT),एनआईटी (NIT), आईआईआईटी (IIIT) और अन्य सीएफटीआई (CFTI) के विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों (UG) में प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम 65% अंक आवश्यक हैं। इस प्रक्रिया से शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर एक निष्पक्ष और समावेशी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।

IIT JEE Main 2026 के लिए कक्षा 12 में विषय आवश्यकताएं

IIT JEE Main 2026 तीन अलग-अलग पाठ्यक्रमों – बी.टेक (B.Tech), बी.आर्क (B.Arch) और बी.प्लान (B.Plan) – के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनमें से प्रत्येक के लिए विशिष्ट विषय आवश्यकताएं हैं। जो निम्न हैं 

  • IIT JEE MAIN 2026 पेपर 1 (B.Tech.) के लिए

उम्मीदवारों के पास अनिवार्य विषयों के रूप में भौतिकी (Physics) गणित (Mathematics) रसायन विज्ञान (Chemistry) होना चाहिए। 

  • IIT JEE Main 2026 पेपर 2A (B.Arch.) के लिए

उम्मीदवारों को भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और गणित (Mathematics) के साथ कक्षा 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हुई होनी आवश्यक हैं। 

  • IIT JEE Main 2026 पेपर 2B (B.Plan) के लिए

उम्मीदवारों को कक्षा 12 वीं या समकक्ष परीक्षा में गणित विषय के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य हैं।

IIT JEE 2026 के लिए राज्य पात्रता मानदंड Code

  • IIT JEE MAIN 2026 में राज्य पात्रता कोड का संबंध इस बात से है कि उम्मीदवार जिस राज्य से संबंधित है तथा जहां से उसने कक्षा 12 वीं (या समकक्ष) परीक्षा उत्तीर्ण की है, वह उस राज्य कोड से IIT JEE MAIN 2026 परीक्षा में भाग ले सकता है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि राज्य पात्रता कोड उम्मीदवार के मूल स्थान या वर्तमान निवास स्थान पर निर्भर नहीं करता है। उदाहरण के लिए,यदि कोई उम्मीदवार कक्षा 12 की परीक्षा दिल्ली से उत्तीर्ण करता है लेकिन वह राजस्थान के झुन्झुनू या सीकर जिले में रहता है तो उसकी 12 वीं कक्षा का पात्रता कोड दिल्ली का होगा ना कि राजस्थान का। इसी प्रकार,ऐसे उम्मीदवार जो एक राज्य से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करते हैं लेकिन किसी अन्य राज्य से अपने अंक प्रतिशत में सुधार करते हैं,तो उसकी पात्रता का कोड उस राज्य द्वारा निर्धारित किया जाएगा जहां से उसने पहले 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। यह कार्य वह राज्य बोर्ड नहीं करेगा जहां से बाद में परीक्षा देकर अंकों में (प्रतिशत में) सुधार किया है।
  • जिन भारतीय नागरिकों ने नेपाल/भूटान में कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की है,उनकी पात्रता का राज्य कोड उनके पासपोर्ट में लिखित स्थाई निवास के आधार पर किया जायेगा। इसके अलावा भारत के प्रवासी नागरिकों (OCI) और भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) समय समय पर नियम लागू करती रहती हैं। सभी नियम विस्तृत जानने के लिए आप NTA की Official Website का अवलोकन कर सकते हैं।

IIT JEE Main के माध्यम से JEE Advanced में उपस्थित होने के लिए पात्रता मानदंड

  • JEE Main में भागीदारी

उम्मीदवारों को JEE Main में भाग लेना होगा तथा राष्ट्रीय परिक्षण एजेंसी (NTA ) द्वारा निर्धारित न्यूनतम कटऑफ अंक प्राप्त करने होंगे। सामान्यतः वर्तमान में 90 percentile कट ऑफ रहती हैं। 

  •  शीर्ष 2,50,000 रैंक

विद्यार्थयों को IIT JEE Advanced में पात्रता पाने के लिए JEE Mains परीक्षा में शीर्ष 2,50,000 (ढाई लाख ) प्रतिभागियों में स्थान हासिल करना होगा।

  •  IIT JEE 2026 में प्रयास सीमा

उम्मीदवारों को कक्षा 12 वीं (या समकक्ष) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के वर्ष के बाद लगातार दो वर्षों तक कुल 2 बार IIT JEE Advanced परीक्षा में बैठने की अनुमति होती हैं।

निष्कर्ष: सपनों की उड़ान भरने का समय आ गया है!

IIT JEE 2026 की पात्रता मानदंड—चाहे वह 12वीं कक्षा में न्यूनतम 75% अंक (SC/ST के लिए 65%) या टॉप 20 परसेंटाइल की आवश्यकता हो, कोई ऊपरी आयु सीमा न होना, JEE Main के लिए अधिकतम 3 वर्षों में 6 प्रयास, या JEE Advanced के लिए मात्र 2 प्रयास और 1 अक्टूबर 2001 के बाद जन्म—ये सभी नियम न केवल एक चुनौती हैं, बल्कि आपके दृढ़ संकल्प की परीक्षा भी हैं। ये मानदंड NTA और JoSAA द्वारा निर्धारित हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि केवल योग्य और समर्पित उम्मीदवार ही भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के द्वार पर पहुंचें।

याद रखें, पात्रता केवल एक प्रवेश द्वार है; असली सफलता तो आपकी तैयारी, रणनीति और निरंतर प्रयासों से आती है। यदि आप 2024, 2025 या 2026 में 12वीं पास करने वाले हैं, तो अभी से योजना बनाएं—सिलेबस पर फोकस करें, मॉक टेस्ट दें और कमजोरियों को मजबूत बनाएं। आज ही अपनी पढ़ाई की शुरुआत Matrix JEE Academy Sikar से करें क्योंकि, Matrix JEE Academy सीकर की ही नहीं अपितु सम्पूर्ण उत्तरी भारत की सर्वश्रेष्ठ IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने वाली संस्था हैं।

अधिक अपडेट्स के लिए NTA की आधिकारिक वेबसाइट (jeemain.nta.ac.in) पर नजर रखें।

शुभकामनाएं—आपका भविष्य उज्ज्वल हो!

FAQs

JEE Advanced 2026 के लिए JEE Main में न्यूनतम रैंक या अंक क्या चाहिए?

JEE Main 2026 (Paper 1) में टॉप 2,50,000 उम्मीदवारों में शामिल होना अनिवार्य। न्यूनतम कटऑफ NTA द्वारा तय की जाती है। (सामान्यतः 90+ percentile)

क्या JEE 2026 की पात्रता में बदलाव की संभावना है?

NTA/JEEB द्वारा नवंबर-दिसंबर 2025 में आधिकारिक अधिसूचना जारी होगी। पिछले वर्षों के पैटर्न के आधार पर अपेक्षित है की समान पात्रता रहेगी, लेकिन इसके लिए आप ऑफिशल वेबसाइट पर नवीत्तम अपडेट्स चेक करते रहें।

JEE 2026 आवेदन रद्द होने पर क्या करें?

पात्रता मानदंड न पूरा करने पर आवेदन रद्द हो सकता है। इसके लिए आप अपील NTA हेल्पलाइन पर करें, लेकिन दस्तावेज सत्यापन अनिवार्य होंगे।

JEE Advanced 2026 में प्रयासों की संख्या कितनी है?

अधिकतम 2 लगातार वर्षों में प्रयास (कक्षा 12वीं पास करने के वर्ष और अगले वर्ष)। पहले प्रयास के बाद दोबारा योग्य होने पर ही गिना जाता है।

JEE Main 2026 में आरक्षित वर्ग (SC/ST/PwD) के लिए कोई छूट है?

हां, JEE Main में आरक्षित वर्गों के लिए कक्षा 12वीं में 65% (SC/ST के लिए), JEE Advanced में आयु में 5 वर्ष छूट, और कटऑफ में छूट। PwD के लिए अतिरिक्त आरक्षण।

IIT Me 75 Percent Criteria: IIT भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। यहाँ पढ़ रहे स्टूडेंट्स लाखों करोड़ों के पैकेज लेकर निकलते हैं। इन्हें देश व विदेश की टॉप कंपनियां लेने को लालायित रहती है। इसका मुख्य कारण है, यहाँ का स्टडी एनवायरनमेंट, सरकार के द्वारा उपलब्ध सभी तरह की सुविधाएँ, टॉप क्लास की फैकल्टी, रिसर्च लैब व इसमें सलेक्ट होने के लिए कठिन परीक्षाएं व काउंसलिंग इत्यादि।

यदि कोई स्टूडेंट अपनी बारहवीं क्लास को पास कर चुका है तो वह IIT में एडमिशन पाने के लिए JEE का एग्जाम देता है। अब यह JEE एग्जाम भी एक नहीं बल्कि दो प्रारूप में होता है। इसमें से पहले प्रारूप का नाम JEE Main है तो वहीं दूसरे प्रारूप का नाम JEE एडवांस्ड होता है। फिर आता है JoSAA काउंसलिंग का नंबर। इसी में ही 75% का नियम है जिसे लेकर बहुत से स्टूडेंट्स कंफ्यूज रहते हैं।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको IIT के इसी 75% वाले नियम के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले (IIT Ke Liye 75 Percentage) हैं। इस आर्टिकल में आपको IIT में किस तरह से एडमिशन लिया जा सकता है अर्थात 2025 में IIT में एडमिशन के लिए जरुरी अपडेट क्या है, उसके बारे में भी जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं।

IIT में 75% का नियम क्या है?

सबसे पहले बात करते हैं IIT में एडमिशन लेने के लिए 75% वाले नियम के बारे में। तो आपने देखा होगा कि बहुत से स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से ही या उसके बाद से ही IIT की तैयारी करने लग जाते हैं। इसके लिए कुछ तो अपना शहर बदल लेते हैं और IIT की कोचिंग दे रहे टॉप शहर जैसे कि सीकर, कोटा या दिल्ली चले जाते हैं। वे वहाँ की टॉप IIT अकैडमी जैसे कि मैट्रिक्स सीकर, एलन कोटा या आकाश दिल्ली में पढ़ने लग जाते हैं।

ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जिनका पूरा ध्यान IIT पर ही होता (IIT Ke Liye Kitne Percentage Chahiye) है अर्थात वे अपने आप को पूरी तरह से IIT की कोचिंग में ही झोंक देते हैं और स्कूल की पढ़ाई को भूल जाते हैं। ऐसे में IIT ने इस बात को समझा और सभी स्टूडेंट्स के लिए अपनी बारहवीं क्लास में 75 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य कर (IIT Me 75 Percent Criteria) दिया।

कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि किसी स्टूडेंट ने अपनी बारहवीं क्लास में 75 प्रतिशत से कम अंक या नंबर लाए हैं तो वह IIT के लिए आयोजित होने वाले JEE एडवांस्ड एग्जाम को क्लियर करने के बाद भी उसमें एडमिशन नहीं ले पाएगा। अब केवल यही बात नहीं है बल्कि इसमें भी कई तरह के नियम हैं। अब यह नियम कौन-कौन से हैं, उन्हें हम एक-एक करके समझा देते हैं।

#1. किन सब्जेक्ट्स में चाहिए 75%

यहाँ यदि आप सोच रहे हैं कि आप किसी भी स्ट्रीम या सब्जेक्ट को ले लेंगे और बारहवीं क्लास में 75 प्रतिशत से अधिक अंक ले आएंगे तो आपको IIT में एडमिशन मिल जाएगा तो आप गलत (IIT Ke Liye 75 Percentage) हैं। इसके लिए आपके पास नॉन मेडिकल का होना या फिर इन 5 सब्जेक्ट्स का होना आवश्यक है:

  • फिजिक्स या भौतिक विज्ञान
  • केमिस्ट्री या रसायन विज्ञान
  • गणित या मैथ्स
  • अंग्रेजी भाषा या एक भाषाई विषय
  • ऊपर दिए गए चारों विषय के अलावा एक और विषय

ऐसे में यदि आपको IIT में एडमिशन चाहिए और उसके 75% वाले नियम को फॉलो करना है तो आपकी बारहवीं क्लास की पढ़ाई में ऊपर दिए गए पांच विषयों का होना अनिवार्य होता है। अब कुछ स्टूडेंट्स मेडिकल स्ट्रीम लेकर उसमें अतिरिक्त या पांचवें विषय के रूप में गणित को चुनकर भी इस नियम का पालन कर सकते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स नॉन मेडिकल में भी पांचवें विषय के रूप में बायोलॉजी या जीव विज्ञान को चुन लेते हैं।

कुल मिलाकर बात यह है कि आपको अपनी बारहवीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स में पढ़ाई करनी होगी। इसी के साथ ही बहुत से स्टूडेंट्स इस बात को लेकर भी संशय में रहते हैं कि क्या उन्हें केवल इन्हीं तीन विषयों में ही 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने हैं तो आप यहां गलत हैं। आपको अपनी बारहवीं क्लास के सभी विषयों में कुल मिलाकर 75% से अधिक अंक लाने हैं, ना कि किसी विशेष विषय या विषयों के ग्रुप में।

#2. स्टूडेंट्स की जाति के अनुसार 75% अंक का नियम

हमारे देश में सेना को छोड़कर हर एक सरकारी चीज़ में आरक्षण का प्रावधान है। फिर चाहे वह इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना हो या मेडिकल कॉलेज में, सरकारी नौकरी लेनी हो या प्रोमोशन पाना हो। वही कॉन्सेप्ट IIT में 75% वाले नियम में भी लागू होता है। इस तरह से यदि आप सामान्य अर्थात जनरल केटेगरी में आते हैं या फिर ओबीसी केटेगरी के हैं तो आपके लिए 75% वाला नियम ही लागू होगा।

वहीं यदि आप एससी या एसटी केटेगरी के स्टूडेंट्स हैं तो आपको न्यूनतम 75% अंक नहीं बल्कि 65% अंक ही लाने (IIT Ke Liye Kitne Percent Chahiye) होंगे। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आप एससी या एसटी वर्ग के छात्र हैं और आपके निर्धारित विषयों में बारहवीं क्लास में 65% से अधिक अंक आए हैं तो आप IIT में एडमिशन ले सकते हैं। वहीं विकलांग वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए भी 65% का नियम लागू होता है, फिर चाहे वे जनरल या ओबीसी केटेगरी के ही क्यों ना हो।

#3. राज्य बोर्ड के अनुसार टॉप 20% का नियम

भारत सरकार ने पहले तो यह नियम सीबीएसई सहित भारत के हरेक राज्यों के राज्य शिक्षा बोर्ड के लिए लागू किया था लेकिन फिर कुछ स्टूडेंट्स के द्वारा इस पर आपत्ति उठाई गई। वह इसलिए क्योंकि कुछ राज्य का पाठ्यक्रम बहुत कठिन होता है और उनकी बारहवीं की मार्किंग भी बहुत स्ट्रिक्ट अर्थात कठोर होती है। इसमें आप राजस्थान जैसे राज्य को भी जोड़ सकते हैं जहाँ की शिक्षा बहुत ही कठिन है।

इस समस्या को भारत सरकार ने समझा और इसके लिए हर बोर्ड के टॉप 20% वाले छात्रों का एक नियम बनाया। आइए इस 20% वाले नियम को भी समझ लेते हैं। मान लीजिए कि आपने सीबीएसई या अपने राज्य के बोर्ड में 12वीं में 75% से कम अंक प्राप्त किए हैं लेकिन यदि आप उस बोर्ड के टॉप 20% स्टूडेंट्स में आते हैं तो आपके ऊपर 20% वाला नियम लागू होगा और आप IIT में एडमिशन ले पाएंगे।

उदाहरण के तौर पर राजस्थान बोर्ड से नॉन मेडिकल में पढ़ रहे हृदयम छात्र के बारहवीं क्लास में 72 प्रतिशत अंक आते हैं लेकिन वह राजस्थान बोर्ड के टॉप 20% स्टूडेंट्स में नाम ले आता है तो उक्त प्रक्रिया के तहत हृदयम JEE की दोनों परीक्षा दे पाएगा और IIT में भी एडमिशन लेने के लिए योग्य माना जाएगा। इस नियम ने सभी राज्यों के बोर्ड और केंद्र बोर्ड को एक तराजू में लाकर खड़ा कर दिया है।

2025 में IIT में एडमिशन के लिए जरूरी अपडेट

अब जब आपने IIT के 75% वाले नियम को जान लिया है तो बारी आती है IIT में एडमिशन लेने के लिए और क्या कुछ नियम बनाए गए हैं यह जानने की। हालाँकि इन नियमों को आप IIT एडवांस्ड की वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं लेकिन हम आपको सीधे व स्पष्ट शब्दों में उसे बता देते हैं ताकि आपके मन में किसी भी तरह की शंका ना रहने पाए। चलिए स्टेप बाय स्टेप समझते (IIT Ke Liye Kitne Percent Chahiye) हैं।

  • JEE Main में सफलता

सबसे पहले तो आपको JEE Main एग्जाम को पास करना होगा। देशभर के IIT सहित सभी टॉप सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए IIT Main की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है। अब जो स्टूडेंट्स इस परीक्षा को पास कर लेते हैं उन्हें NIT व अन्य टॉप कॉलेज मिलते हैं लेकिन IIT में एडमिशन लेने के लिए उन्हें एक और पड़ाव पार करना होता है।

इसके लिए IIT एडवांस्ड की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है। यह परीक्षा टॉप 5 IIT में से कोई एक IIT क्रमानुसार आयोजित करवाती है। अब यदि आपने JEE Main एग्जाम पास कर लिया है तो उतना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि आपको शुरूआती 2.5 लाख स्टूडेंट्स में आना आवश्यक है। साथ ही इसमें स्टूडेंट्स की जाति के अनुसार उन्हें चुना जाता है।

इसमें OBC के लिए 27%, SC के लिए 15%, ST के लिए 7.5%, GEN-EWS के लिए 10% व शेष 40.5% सभी के लिए ओपन रखा गया है। इसी के साथ ही इन सभी जाति आधारित केटेगरी में 5-5% आरक्षण उस वर्ग के विकलांग स्टूडेंट्स के लिए भी आरक्षित किया गया है।

  • आयु सीमा

अब यदि आप वर्ष 2025 के लिए आयोजित होने वाली JEE एडवांस्ड की परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो उसके लिए आपका 1 अक्टूबर 2000 या उसके बाद पैदा होना आवश्यक है। जो भी स्टूडेंट्स 1 अक्टूबर 2000 से पहले जन्मे हैं, वे किसी भी स्थिति में IIT में एडमिशन नहीं ले सकते हैं।

हालाँकि इसमें भी आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स को छूट दी गई है। यदि आप एससी, एसटी या विकलांग (कोई भी वर्ग) से आते हैं तो आपको 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट दी गई है। इसके अनुसार आपका 1 अक्टूबर 1995 या उसके बाद पैदा होना अनिवार्य किया गया है। 

  • एग्जाम देने की संख्या

यह नियम हर वर्ष होने वाली JEE एडवांस्ड परीक्षा के लिए लागू होता है। इसमें आप अपनी बारहवीं क्लास पास करने के लगातार दो वर्ष तक ही JEE एडवांस्ड परीक्षा में बैठने को योग्य माने जाते हैं या फिर यूँ कहें कि IIT में एडमिशन ले सकते (IIT Ke Liye Kitne Percentage Chahiye) हैं।

इस तरह से यदि आप वर्ष 2025 के लिए IIT में एडमिशन पाना चाहते हैं तो आपने 2024 या 2025 में बारहवीं क्लास को पास किया होना चाहिए, ना कि उससे पहले। वहीं यदि आपने इसी वर्ष अर्थात 2025 में अपनी बारहवीं क्लास पास की है तो आपके पास अगले वर्ष IIT में प्रवेश पाने के लिए होने वाली JEE एडवांस्ड की परीक्षा में बैठने का भी अवसर है। वहीं वर्ष 2024 में बारहवीं पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह अंतिम अवसर है।

  • शिक्षा की योग्यता

जिन स्टूडेंट्स ने अपनी बारहवीं या उसके समकक्ष पढ़ाई को वर्ष 2024 या 2025 में फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित जैसे अनिवार्य विषयों के साथ उत्तीर्ण किया है, केवल वही स्टूडेंट्स ही IIT में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली IIT की परीक्षा में बैठ सकते हैं। जिन स्टूडेंट्स ने वर्ष 2023 या उससे पहले बारहवीं या उसके समकक्ष पढ़ाई की है, वे इस परीक्षा को नहीं दे सकते हैं।

  • बारहवीं में न्यूनतम अंक

इस नियम के बारे में तो हमने आपको ऊपर विस्तार से समझा ही दिया है। फिर भी एक बार शोर्ट में फिर से समझ लेते हैं। इसके तहत शिक्षा की योग्यता वाले नियम को ही आगे बढ़ाते हुए आपको अपनी बारहवीं क्लास या उसके समकक्ष पढ़ाई में या तो 75% से अधिक नंबर लाने (IIT Me 75 Percent Criteria) होंगे या अपने बोर्ड के टॉप 20% स्टूडेंट्स में नाम लाना होगा। एससी, एसटी व विकलांग वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए यह नियम 65% का है लेकिन 20% का नियम उनके लिए भी वही है।

बारहवीं में 75% व JEE एडवांस्ड कैसे क्लियर करें?

अब बहुत से स्टूडेंट्स इस बात को लेकर संशय में पड़ गए होंगे कि आखिरकार वे IIT के लिए आयोजित होने वाले JEE एडवांस्ड एग्जाम पर अपना फोकस करें या फिर बारहवीं में 75% नंबर लाने पर। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यह दोनों चीजें एक साथ भी हो सकती है। पहले के JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट मुख्य तौर पर IIT की ही तैयारी करवाते थे। इसी कारण IIT ने बारहवीं में 75% का नियम लागू किया ताकि स्टूडेंट्स अपनी स्कूल की पढ़ाई पर भी फोकस कर (IIT Ke Liye 75 Percentage) सके।

हालाँकि आज के समय में JEE की तैयारी करवाने वाले कुछ टॉप लेवल के कोचिंग संस्थानों ने इसके लिए भी बहुत मेहनत की है। इसी में एक नाम आता है सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का तो दूसरा नाम है सीकर की ही प्रिंस अकैडमी का। इन दोनों संस्थानों के ही सीकर में सीबीएसई व राजस्थान बोर्ड के स्कूल भी हैं और साथ ही JEE की तैयारी करवाने के लिए कोचिंग संस्थान भी।

मैट्रिक्स अकैडमी तो अपने स्कूल में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए अलग से फाउंडेशन कोर्स भी चलाती है। इस कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को दसवीं क्लास से ही उसके स्कूल के पाठ्यक्रम के साथ-साथ IIT की भी तैयारी शुरू करवा दी जाती है। इस तरह से स्टूडेंट अपनी क्लास में ही स्कूल और कोचिंग दोनों ले रहा होता है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों से मैट्रिक्स अकैडमी देश की नंबर 1 IIT अकैडमी बन गई है तो वहीं प्रिंस इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको IIT में 75% का नियम क्या (IIT Me 75 Percent Criteria) है, इसके बारे में पूरी जानकारी दे दी है। इसी के साथ ही इस नियम के साथ और कौन-से नियम जुड़े हुए हैं, उसके बारे में भी आपको सूचित करने का काम किया है। इतना ही नहीं, हमने आपको वर्ष 2025 में IIT के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा जिसे JEE एडवांस्ड कहा जाता है, उसके अन्य योग्यता संबंधित नियमों को बता दिया है।

ऐसे में यदि आप IIT में एडमिशन लेने को लेकर सीरियस हैं तो आपको अभी से ही बिना कुछ सोच विचार किए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। देश की कुछ टॉप JEE अकैडमी के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, एलन इंस्टीट्यूट कोटा, प्रिंस अकैडमी सीकर व आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली है।

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प्रश्न: क्या आईआईटी में प्रवेश के लिए 75% अंक आवश्यक हैं?

उत्तर: जी हां, यदि आपको आईआईटी में प्रवेश चाहिए तो उसके लिए 75% अंक लाना आवश्यक है। हालाँकि यदि आप एससी, एसटी या विकलांग वर्ग के छात्र हैं तो आपको 65% अंक ही लाने होंगे।

प्रश्न: अगर मुझे जेईई के लिए बोर्ड में 75 नहीं मिले तो क्या होगा?

उत्तर: यदि आपको जेईई के लिए अपनी बारहवीं के बोर्ड में 75% नहीं मिले तो दूसरे नियम के अनुसार आपको अपने बोर्ड में सफल होने वाले टॉप 20% स्टूडेंट्स में होना अनिवार्य हो जाता है।

प्रश्न: अगर मेरा 75 प्रतिशत से कम है तो क्या मैं jee mains दे सकता हूं?

उत्तर: यदि आपके बारहवीं क्लास में 75 प्रतिशत से कम अंक आते हैं तो भी आप JEE मेन्स दे सकते हैं लेकिन आपको IIT में एडमिशन नहीं मिल

प्रश्न: जेईई मेन्स में 75 प्रतिशत अंक लेने पर कौन सा कॉलेज मिल सकता है?

उत्तर: जेईई मेन्स में 75 प्रतिशत अंक लेने पर आपको देश के कई टॉप सरकारी कॉलेज मिल सकते हैं जैसे कि NIT। हालाँकि IIT में एडमिशन लेने के लिए आपको JEE एडवांस्ड की परीक्षा देनी होगी।

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Sabse Acchi IIT Kaun Si Hai: आज के समय में हमारे देश में कुल 23 IIT है। जो भी स्टूडेंट इंजीनियरिंग करने का इच्छुक होता है, उसका पहला लक्ष्य इन IIT में एडमिशन लेने का होता है। IIT का पूरा नाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी या भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान होता है। यह एक सरकारी यूनिवर्सिटी या संस्थान है जिसके तहत देशभर में कई तरह की IIT खोली गई है।

प्रथम IIT की स्थापना वर्ष 1951 में पश्चिम बंगाल के खड्गपुर में की गई थी। आपने भी IIT खड्गपुर का नाम सुन रखा होगा क्योंकि यह टॉप 5 IIT में आती है। हालाँकि आपका यहाँ पर प्रश्न है कि इन सभी IIT में से सबसे बेस्ट IIT कौन सी है जो अभी टॉप पर बनी हुई (Sabse Accha IIT College) है। ऐसे में आज हम आपके इसी प्रश्न का ही उत्तर देने वाले हैं।

आज के इस लेख में हम रैंकिंग के अनुसार टॉप IIT का नाम तो आपको बताएँगे ही साथ ही हम कुछ टॉप IIT की एक दूसरे के साथ तुलना भी करेंगे अर्थात किस तरह की IIT में कौन सी विशेषता है जो उसे बाकियों से अलग लाकर खड़ा करती है। इसी के साथ ही हम आपको इन IIT में एडमिशन लेने के लिए आपको क्या कुछ करना चाहिए, उसके बारे में भी जानकारी देंगे।

सबसे अच्छी IIT कौन सी है?

यदि आप सभी IIT में से कौन सी IIT सबसे अच्छी है, इसके बारे में जानना चाह रहे हैं तो आपको अलग-अलग वेबसाइट या लोगों के द्वारा उसके अलग-अलग नाम बताए जा सकते (Sabse Acchi IIT Kaun Si Hai) हैं। उदाहरण के तौर पर कोई खड्गपुर वाली IIT को सबसे बेस्ट बताएगा तो कोई मद्रास वाली को, कोई कानपूर IIT को बेस्ट बताएगा तो कोई मुंबई की IIT को। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि हम किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं।

ऐसे में आज हम आपको भारत सरकार के द्वारा अधिकृत रूप से सभी IIT की जो रैंकिंग निकाली जाती है, उसके बारे में बताने वाले हैं। दरअसल भारत सरकार ने इसके लिए एक संस्था बना रखी है जिसे हम NIRF के नाम से जानते हैं। इस NIRF की फुल फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ़्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) होती है।

इसके द्वारा हर वर्ष भारत में स्थित सभी IIT को उनके काम के अनुसार रैंकिंग दी जाती (Sabse Accha IIT Kaun Si Hai) है। इतना ही नहीं, यह देश के अन्य सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी रैंकिंग देने का काम करती है। ऐसे में NIRF के द्वारा हाल में जो रैंकिंग जारी की गई है, उसमें इंजीनियरिंग के लिए टॉप 10 कॉलेज या IIT के नाम इस प्रकार हैं:

रैंक संस्थान का नाम स्कोर
1 IIT मद्रास, चेन्नई 89.46
2 IIT दिल्ली, नई दिल्ली 86.66
3 IIT बॉम्बे, मुंबई 83.09
4 IIT कानपुर 82.79
5 IIT खड़गपुर 76.88
6 IIT रुड़की 76
7 IIT गुवाहाटी 71.86
8 IIT हैदराबाद 71.55
9 IIT (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी 66.69
10 IIT (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद 64.83

इस तरह से आज के समय में IIT मद्रास जो कि तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित है, उसे देश की सबसे बेस्ट IIT का दर्जा दिया गया है। वैसे यह आज से ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से देश की नंबर एक IIT बनी हुई है। इसके बाद कानपूर, दिल्ली, मुंबई व खड्गपुर IIT का नंबर आता (Sabse Acchi IIT Kaun Si Hai) है।

IIT Madras की प्रमुख जानकारी

  • स्थापना वर्ष: 1959
  • स्थान: चेन्नई, तमिलनाडु
  • कैंपस क्षेत्रफल: 620 एकड़ (हरियाली और आधुनिक सुविधाओं से भरपूर)
  • बजट: हर साल लगभग ₹1000 करोड़ भारत सरकार द्वारा
  • चेयरमैन: डॉ. पवन कुमार गोयनका
  • डायरेक्टर: प्रो. वी. कामकोटी
  • स्टाफ: 674+ फैकल्टी
  • छात्र संख्या: लगभग 10,000
  • वेबसाइट लिंक: www.iitkgp.ac.in

कौन-कौन से कोर्स ऑफर होते हैं?

IIT मद्रास में केवल इंजीनियरिंग ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट और साइंस के अनेक इंटर-डिसिप्लिनरी प्रोग्राम्स ऑफर किए जाते हैं:

  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
  • एप्लाइड मैकेनिक्स और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
  • बायोटेक्नोलॉजी
  • कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग
  • डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल, केमिकल इंजीनियरिंग
  • इंजीनियरिंग डिज़ाइन
  • मैनेजमेंट स्टडीज
  • फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथेमेटिक्स
  • मेटलर्जिकल और मटेरियल्स इंजीनियरिंग
  • ओसियन इंजीनियरिंग
  • मानविकी और सामाजिक विज्ञान
  • मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी

टॉप IIT की विशेषताएं

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि इस लेख में हम आपको केवल IIT की रैंकिंग देकर ही नहीं छोड़ देंगे बल्कि कौन सी IIT किस क्षेत्र या फील्ड में बेस्ट है, उसके बारे में भी जानकारी देंगे। तो अब हम आपके सामने कुछ चुनिंदा व टॉप IIT किस क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है या वह किस कारण प्रसिद्ध है, उसके बारे में जानकारी (Sabse Accha IIT College Kaun Sa Hai) देंगे।

इसी जानकारी को ध्यान में रखकर ही आपको अपने लिए किसी एक IIT का चयन करना चाहिए। क्या पता आपके लिए नंबर 1 IIT नहीं बल्कि नंबर 2 या 5 वाली IIT ज्यादा बेस्ट हो। इसलिए अब आपको नीचे दिए गए विश्लेषण को बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए।

  • IIT मद्रास

तो NIRF या भारत सरकार के द्वारा जिस IIT को लगातार कई वर्षों तक शीर्ष पर रखा गया है, वह यही चेन्नई में स्थित IIT मद्रास है। इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण हैं जो इसे लगातार नंबर एक IIT बनाए रखने में सहायता करते हैं। इसका सबसे पहला और मुख्य कारण है यहाँ पर हो रही लगातार रिसर्च और स्टूडेंट्स को मिलते करोड़ों के पैकेज। जो स्टूडेंट IIT मद्रास में पढ़ रहा होता है, अक्सर उसे देश ही नहीं बल्कि विदेश की भी शीर्ष कंपनियों से करोड़ों के पैकेज ऑफर किए जाते हैं।

इतना ही नहीं, यहाँ के सस्टेनेबिलिटी प्रोजेक्ट्स व इंडस्ट्रियल टाई-अप भी इसे टॉप पर बनाए रखने में बहुत सहायक सिद्ध हुए हैं। यदि हम यहाँ के बेस्ट कोर्स या इंजीनियरिंग फील्ड की बात (Sabse Acchi IIT Kaun Si Hai) करें तो उसमें कुछ चुनिंदा फील्ड के नाम मैकेनिकल, AI व एनवायरनमेंट है।

  • IIT दिल्ली

अब करते हैं IIT दिल्ली की बात जो भारत देश की राजधानी में स्थित है। यह IIT मद्रास वाली IIT के बाद दूसरे नंबर पर आती है। इस तरह से IIT दिल्ली को भी देश की टॉप IIT कहा जा सकता है। इसके पीछे का मुख्य कारण भी रिसर्च ही है जो यहाँ के स्टूडेंट्स के द्वारा की जाती रहती है। IIT दिल्ली ने देश को बहुत कुछ दिया है और इसरो भी इसका सहयोग लेती रहती है।

इसी के साथ ही IIT दिल्ली स्टार्टअप इन्क्यूबेशन में अग्रणी है और मुख्य भूमिका निभाती है। यदि हम यहाँ की इंजीनियरिंग फील्ड की बात करें तो उसमें टॉप फील्ड मशीन लर्निंग, सिविल व टेक्सटाइल है। ऐसे में यदि आपका इसमें इंटरेस्ट है तो आप IIT दिल्ली को कंसीडर कर सकते हैं।

  • IIT मुंबई

अब बात करते हैं सबसे अच्छी IIT में से नंबर तीन वाली IIT जो कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई नगरी में स्थित है। यह महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है। तो IIT मुंबई का नाम आपने कई बार न्यूज़ में सुन रखा होगा। अब शायद आपको याद नहीं आ रहा होगा कि क्यों, तो हम आपको याद दिला देते हैं।

दरअसल विश्व की शीर्ष कंपनियों जैसे कि गूगल, फेसबुक इत्यादि ने इस IIT के साथ टाई अप किया हुआ है और वे यहाँ के स्टूडेंट्स को अच्छे पैकेज पर लेती भी रहती है। इसका कारण है IIT मुंबई में कंप्यूटर साइंस व इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बेस्ट स्टडी करवाना। इसी के साथी ही यहाँ पर इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल की भी अच्छी तैयारी करवाई जाती है।

  • IIT कानपुर

अब बात करते हैं नंबर 4 की IIT कानपुर के बारे में। यह 4-5 IIT कुछ ऐसी IIT है जिनके नाम हर किसी ने सुन रखे होंगे जिसमें से एक IIT कानपुर वाली भी आती है। तो इस IIT के प्रसिद्ध होने का मुख्य कारण है यहाँ की लैब जो कि बहुत ही आधुनिक है। इस IIT में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल करने पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है और उन्हें भविष्य के अनुसार तैयार किया जाता है।

साथ ही जिन इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए यह IIT प्रसिद्ध है वह भी बहुत दमदार है। इनमें कुछ के नाम एयरोस्पेस, रोबोटिक्स व केमिकल है। अब आप इन इंजीनियरिंग ब्रांच के नाम से ही जान सकते हैं कि क्यों यह IIT प्रैक्टिकल करवाने पर इतना जोर देती है। इस IIT से पढ़े हुए स्टूडेंट्स इसरो व नासा में भी अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं।

  • IIT खड्गपुर

यह देश की सबसे पुरानी IIT है जिसकी स्थापना वर्ष 1951 में की गई थी। यह देश के पूर्वी हिस्से में स्थित पश्चिम बंगाल राज्य में है। एक समय पहले तक IIT खड्गपुर का नाम नंबर एक पर लिया जाता था लेकिन आज के समय में यह नंबर 5 की IIT है। हालाँकि यह लगातार अपनी रैंकिंग बनाए रखने में सफल हुई है।

इस IIT की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ का कैंपस बहुत ही बड़ा है और यहाँ पर इंजीनियरिंग व अन्य कोर्स करने के विकल्प भी बहुत ज्यादा हैं। अब यदि हम उन सभी कोर्स के बारे में चर्चा करें तो सबसे बेस्ट कोर्स लॉ, आर्किटेक्चर व एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग है।

  • IIT रुड़की

यह एक ऐसी IIT है जो कई तरह के कोर्स तो करवाती ही है लेकिन यह इनोवेशन व रिसर्च को भी बहुत बढ़ावा देती है। IIT खड्गपुर की तरह ही कभी यह IIT शीर्ष 2 में आती थी लेकिन आज के समय में यह नंबर छः की IIT बनी हुई है। आपको बता दें कि वैसे तो IIT खड्गपुर सबसे पुरानी IIT है लेकिन यह रुड़की वाला कैंपस उससे भी पुराना है। दरअसल इसकी स्थापना वर्ष 1847 में ही हो गई थी लेकिन इसे IIT में कन्वर्ट 2002 में किया गया था।

इस तरह से यह देश का ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप का भी सबसे पुराना कॉलेज संस्थान (Sabse Accha IIT Kaun Si Hai) है। यदि आप IIT रुड़की को अपनी पहली पसंद बनाने का सोच रहे हैं तो यहाँ पर सबसे अच्छी ब्रांच हाइड्रोलॉजी, सिविल व बायोटेक है।

  • IIT गुवाहाटी

बहुत से स्टूडेंट्स IIT गुवाहाटी इसलिए भी जाना चाहते हैं क्योंकि इसकी लोकेशन बहुत ही अद्भुत व शांत है। यह भारत के असम राज्य में स्थित है जहाँ का वातावरण बहुत ही शांत है। साथ ही यह अपने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण भी देशभर में प्रसिद्ध है।

अब यदि हम यहाँ की प्रसिद्ध इंजीनियरिंग फील्ड की बात करें तो उसमें डिजाइन, नैनो टेक्नोलॉजी व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आती है। ऐसे में यदि आप इस फील्ड में पढ़ने को इच्छुक हैं तो आप IIT गुवाहाटी को अपनी पहली पसंद बना सकते हैं।

  • IIT हैदराबाद

अब आखिर में बात करते हैं देश को लगभग दो दशक पहले मिली IIT हैदराबाद की। यह IIT जब से खुली है तब से ही इसने देश की टॉप IIT को टक्कर देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और इसी का परिणाम है कि यह देश की टॉप 10 IIT में अपना स्थान बना चुकी है। IIT हैदराबाद एक तेजी से उभरता हुआ संस्थान है और यह स्टार्ट अप फ्रेंडली भी है अर्थात इसमें पढ़ रहे स्टूडेंट्स अपना स्टार्ट अप खोलकर सफल भी हो चुके हैं।

अब यदि आप IIT हैदराबाद में कुछ चुनिंदा इंजीनियरिंग फील्ड या कोर्स को करने का सोच रहे हैं तो यहाँ से डाटा साइंस, AI व इंटरडिसिप्लिनरी में पढ़ना सबसे बेस्ट माना जाता है। इसलिए आप उसी के अनुसार ही निर्णय ले सकते (Sabse Accha IIT College) हैं।

कौन-सी IIT किसके लिए बेस्ट है?

अब हम बात करेंगे कि ऊपर बताई गई IIT में से कौन-सी IIT आपके लिए बेस्ट रहने वाली है। तो इसे हम 4 भागों में विभाजित करके आपको बता देते हैं।

  • सबसे बढ़िया सैलरी पैकेज चाहिए तो आपके लिए IIT मुंबई व IIT दिल्ली ही सबसे बेस्ट रहने वाली है। इन IIT में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को ही शीर्ष कंपनियों के द्वारा करोड़ों के पैकेज ऑफर किए जाते रहते हैं।
  • यदि आपको रिसर्च ओरिएंटेड करियर चाहिए और इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो उसके लिए IIT मद्रास और कानपुर से बेस्ट ऑप्शन कोई और नहीं हो सकता है। यह आपको देश या विश्व के लिए कुछ अच्छा करने को प्रेरित करती है और नाम कमाने को मिलता है, वह अलग।
  • यदि आपको अपना खुद का स्टार्ट अप या बिज़नस खोलना है या कुछ इनोवेशन करना है तो उसके लिए IIT दिल्ली व हैदराबाद को कंसीडर किया जा सकता है। यहाँ आपको नए-नए आइडियाज पर विचार करने और उसे आजमाने पर जोर दिया जाता है।
  • वहीं यदि आपको शांत वातावरण चाहिए और लक्ष्य पर फोकस करना है तो उसके लिए IIT रुड़की व गुवाहाटी बेस्ट विकल्प हो सकते हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की IIT को अपनी प्रेफेरेंस देते (Sabse Accha IIT College Kaun Sa Hai) हैं। हमने आपको लगभग सभी टॉप IIT की विशेषता भी बता दी है और उसी के साथ ही आपकी प्रेफेरेंस के अनुसार भी शीर्ष IIT के नाम बता दिए हैं।

IIT में एडमिशन कैसे लें?

अब करते हैं पते की बात। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपने यह तो जान लिया कि देश में कौन-कौन सी IIT किस-किस चीज़ में बेस्ट है लेकिन उसमें पढ़ना है तो एडमिशन भी तो लेना होगा। तो उसके लिए क्या किया जाना चाहिए? आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

तो इसके लिए आपको सबसे पहले तो JEE Main का एग्जाम देना होगा और उसे पास करना होगा। अब जो स्टूडेंट्स JEE मेन्स में अच्छा स्कोर करते हैं, उन्हें JEE एडवांस्ड का एग्जाम देने का अवसर मिलता है। फिर आपको JEE एडवांस्ड एग्जाम को ना केवल पास करना है बल्कि उसमें टॉप स्कोर भी करना है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपको टॉप की IIT चाहिए तो स्कोर भी वैसा ही करना होगा ना।

अब बात आती है कि इन दोनों मुश्किल एग्जाम में टॉप स्कोर कैसे किया जाए!! तो उसके लिए जरुरत है मजबूत व पक्की तैयारी की। अब यह तैयारी घर बैठे तो हो नहीं सकती है ना। इसके लिए आपको अच्छे व टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट से तैयारी करनी होगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको टॉप IIT में एडमिशन लेना है तो उसकी तैयारी भी टॉप JEE कोचिंग अकैडमी से ही लेनी होगी ना। ऐसे में देश में टॉप 5 JEE कोचिंग अकैडमी के नाम हैं:

  1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी, सीकर
  2. एलन इंस्टीट्यूट, कोटा
  3. आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली
  4. प्रिंस अकैडमी, सीकर
  5. रेजोनेंस अकैडमी, दिल्ली

इस लिस्ट में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम पहले नंबर पर आता है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से उसने बहुत ही अच्छा रिजल्ट लाकर दिया है। इसका मुख्य कारण है वहाँ पढ़ा रही टॉप क्लास की फैकल्टी और स्टूडेंट्स को मिल रही सभी तरह की फैसिलिटी। फिर एलन का नाम आता है जिसका नाम आपने पहले भी सुन रखा होगा। उसके बाद आकाश, प्रिंस व रेजोनेंस अकैडमी के नाम लिए जाते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ना केवल यह बताया है कि देश की सबसे अच्छी IIT कौन सी (Sabse Acchi IIT Kaun Si Hai) है बल्कि यह भी बता दिया है कि कौन-सी IIT किस क्षेत्र में दूसरे से बेहतर है। इसी के साथ ही हमने आपकी प्रेफरेंस, इंजीनियरिंग फील्ड व कुछ अन्य पहलुओं के आधार पर भी उनकी आपस में तुलना की है।

हालाँकि यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है कि यदि आपको इन IIT में एडमिशन चाहिए तो आपको कल या परसों से नहीं बल्कि आज से ही उसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इसके लिए एक-एक दिन मूल्यवान है और इसके बारे में आप जितना जल्दी समझ जाएंगे, उतना ही आपके लिए अच्छा है। साथ ही आप मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा जैसी टॉप क्लास की JEE अकैडमी से IIT की कोचिंग लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

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प्रश्न: भारत का नंबर वन IIT कौन सा है?

उत्तर: भारत का नंबर वन IIT मद्रास है। यह IIT भारत देश के तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित है। चेन्नई का पुराना नाम ही मद्रास है।

प्रश्न: IIT में सबसे अच्छी ब्रांच कौन सी है?

उत्तर: IIT में सभी तरह की ब्रांच अच्छी होती है। हालाँकि कौन-सी IIT में किस तरह की ब्रांच अच्छी है, यह पूछना व्यवहारिक रहेगा।

प्रश्न: किस IIT में 100% प्लेसमेंट है?

उत्तर: लगभग सभी तरह की IIT ही 100% प्लेसमेंट देती है। IIT में तो एक स्टूडेंट को लेने के लिए देश व विदेश की कई कंपनियों के ऑफर तक आते रहते हैं।

प्रश्न: भारत में कुल कितने IIT हैं?

उत्तर: वर्तमान में भारत में कुल 23 IIT खुले हुए हैं। हालाँकि भारत सरकार के द्वारा भविष्य में कुछ और IIT खोलने की भी योजना है ताकि अधिक से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

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Best City For IIT Coaching In India In Hindi: जो स्टूडेंट्स नॉन मेडिकल की पढ़ाई कर रहे होते हैं, उनमें से अधिकांश का सपना देश की टॉप आईआईटी में प्रवेश पाने का होता है। अब इंजीनियरिंग के वैसे तो देशभर में कई कॉलेज हैं और हर कॉलेज अपने आप में ख़ास है। जिसमें से कुछ कॉलेज तो बहुत अच्छी पढ़ाई करवाते हैं और वहाँ से स्टूडेंट्स भी अच्छा पैकेज लेकर निकलते हैं। लेकिन यदि हम भारत देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज की बात करें तो उसमें आईआईटी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है।

आईआईटी ही एकमात्र ऐसा संस्थान है जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाने में पूरे देश में टॉप पर आता है। अब आईआईटी भी कोई एक कॉलेज नहीं है बल्कि इसके अंतर्गत कई आईआईटी कॉलेज आते हैं। ऐसे में आपको यदि आईआईटी की कोचिंग लेनी है तो आज हम आपकी मदद करने वाले हैं। अब यदि आप आईआईटी कोचिंग के बारे में पता करेंगे तो आपको अपने शहर से लेकर भारत के हरेक शहर में आईआईटी की कोचिंग देने वाले दर्जनों इंस्टीट्यूट मिल जाएंगे।

आपके शहर में भी आईआईटी कोचिंग देने के कई सेंटर (Best City For IIT Preparation In India In Hindi) होंगे। वहीं यदि हम कुछ चुनिंदा शहरों के बारे में बात करें तो उसमें कोटा, सीकर, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई इत्यादि के नाम सामने आते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि इन सभी शहरों में से आईआईटी की कोचिंग सबसे बेस्ट कहां दी जाती है। ऐसे में आज हम इसी के बारे में ही जानने वाले हैं।

आईआईटी कोचिंग के लिए सबसे अच्छा शहर कौन सा है?

पहले के समय में अगर किसी से पूछा जाता था कि यदि उसे आईआईटी की कोचिंग लेनी है तो उसके लिए बेस्ट शहर कौन सा रहने वाला है तो उसका उत्तर होता (Best City For IIT Coaching In Hindi) था राजस्थान का कोटा शहर। हालाँकि पिछले कुछ वर्षों से परिस्थिति बिल्कुल बदल चुकी है। वह इसलिए क्योंकि राजस्थान का ही एक और शहर सीकर इस सूची में पहले नंबर पर आ गया है या यूँ कहें कि उसने कोटा को कड़ी टक्कर दी है।

सीकर आईआईटी की कोचिंग देने में इतना ज्यादा प्रसिद्ध हो चुका है कि आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स इसी असमंजस में रहते हैं कि उन्हें कोटा से आईआईटी की कोचिंग लेनी चाहिए या फिर सीकर से। ऐसे में आज हम आपकी यह दुविधा दूर कर देंगे। इसी के साथ ही भारत के कई अन्य शहर भी आईआईटी की कोचिंग देने में टॉप पर आते हैं जिनके नाम दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद इत्यादि हैं।

अब यह सभी शहर बहुत बड़े शहर हैं और भारत के विभिन्न राज्यों की राजधानियां भी हैं। ऐसे में राजस्थान का छोटा सा शहर सीकर आईआईटी की कोचिंग देने में इनसे आगे कैसे निकल सकता है? तो जरा आप ही सोचिए कि कोटा भी कोई ज्यादा बड़ा शहर नहीं है लेकिन फिर भी वह दशकों से आईआईटी की कोचिंग देने में सबसे आगे रहा है। ठीक उसी तरह अब सीकर कोटा को आईआईटी की कोचिंग देने में मात दे रहा है।

अब इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे (Best City For IIT Coaching In India In Hindi) हैं। आइए जानते हैं कि आखिरकार सीकर ही आईआईटी की कोचिंग देने में सबसे बेस्ट शहर क्यों है।

#1. सीकर का शांत माहौल

जहाँ एक ओर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई इत्यादि लोगों की अत्यधिक भीड़ से भरी रहती है तो वहीं कोटा स्टूडेंट्स के बोझ तले दब सी जाती है। मेट्रो शहरों में केवल स्टूडेंट्स ही नहीं आते बल्कि वहाँ जॉब करने वाले, बिज़नेस करने वाले, अन्य तरह की कोचिंग लेने वाले इत्यादि सभी तरह के लोग आते हैं। ऐसे में वहाँ का माहौल बहुत ही अशांत सा हो जाता है।

वहीं यदि हम कोटा की बात करें तो वहाँ आईआईटी और नीट की कोचिंग लेने के लिए स्टूडेंट्स का हुजूम उमड़ पड़ता है। ऐसे में अब कोटा शहर को भी समझ नहीं आ रहा है कि इतने सारे स्टूडेंट्स को संभाले तो संभाले कैसे। ऐसे में सीकर शहर का माहौल एकदम शांत रहता है। वहाँ स्टूडेंट्स ना तो बहुत ज्यादा हैं और ना ही कम। ऐसे वातावरण में स्टूडेंट भी शांति और एकाग्र मन के साथ पढ़ सकता है।

#2. मैट्रिक्स, कौटिल्य जैसी अकैडमी

सीकर ही आईआईटी की कोचिंग देने के मामले में भारत का नंबर 1 शहर इसलिए भी है क्योंकि वहाँ पर मैट्रिक्स, कौटिल्य, प्रिंस जैसी अकैडमी खुली हुई है। यह केवल नाम की ही अकैडमी नहीं है बल्कि इन्हीं अकैडमी के कारण ही सीकर ने कोटा जैसे शहर को भी आईआईटी की कोचिंग देने के मामले में कड़ी टक्कर दी हुई है। इसमें भी मैट्रिक्स अकैडमी ऐसी है जिसने पिछले कई वर्षों से पूरे सीकर शहर में नंबर 1 आईआईटी कोचिंग इंस्टीट्यूट पर कब्ज़ा जमाया हुआ है।

इसी के साथ ही सीकर में बहुचर्चित एलन अकैडमी ने भी अपनी एक ब्रांच खोल रखी (Best City For IIT Preparation In Hindi) है। एलन के द्वारा कोटा के बाद सीकर शहर पर ही ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि अब स्टूडेंट्स उस ओर जा रहे हैं। ऐसे में सीकर शहर आईआईटी की तैयारी करने आने वाले स्टूडेंट्स के लिए पहली पसंद बनकर सामने आ रहा है।

#3. उचित फीस

एक और बात है जो सीकर शहर को बाकी सभी शहरों की तुलना में आईआईटी की कोचिंग देने में सबसे आगे लाकर खड़ा करती है, वह है यहाँ का फीस स्ट्रक्चर। बाकी सभी शहरों में आईआईटी की कोचिंग देने के नाम पर भयंकर लूटपाट की जाती है। कोटा जैसे शहरों में आईआईटी की कोचिंग लेने में आपका डेढ़ से दो लाख तक का खर्चा हो जाता है और वहीं यदि हम दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों की बात करें तो यह आंकड़ा दो से तीन लाख तक भी पहुँच जाता है।

वहीं यदि हम सीकर शहर की बात करें तो यहाँ आपको आईआईटी की कोचिंग लेने के लिए एक से डेढ़ लाख तक का ही खर्चा करना पड़ेगा। वहीं मैट्रिक्स जैसी अकैडमी तो होनहार स्टूडेंट्स के लिए अलग से एक टेस्ट भी आयोजित करवाती है। इस टेस्ट में अच्छे नंबर लाने पर स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप तक ऑफर की जाती है जो अपने आप में अद्भुत है।

#4. सही लाइफ स्टाइल

एक बात और जो हमने नोटिस की वह यह है कि सीकर शहर में रहकर आईआईटी की कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स का लाइफ स्टाइल बाकी शहर में रहकर आईआईटी की कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स से एकदम अलग और अनुशासित था। दरअसल सीकर शहर ने अपना माहौल ही ऐसा बना रखा है कि स्टूडेंट्स की दिनचर्या एकदम फिक्स व तनाव रहित रहती है।

यहाँ आपको अधिकतर स्टूडेंट्स बिना किसी ज्यादा तनाव का शिकार हुए फोकस होकर अपनी पढ़ाई करते हुए मिल जाएंगे। वहीं यदि आप दिल्ली और मुंबई की बात करेंगे तो इन शहरों की चकाचौंध में स्टूडेंट्स भटक से जाते हैं तो वहीं कोटा में भी स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए उनके लिए मौज मस्ती के बहुत से साधन उपलब्ध हो चुके हैं। ऐसे में देर सबेर लाइफ स्टाइल बिगड़ ही जाता है।

#5. पढ़ाई पर ही पूरा फोकस

यह पॉइंट भी ऊपर वाले पॉइंट से कुछ-कुछ मिलता हुआ सा प्रतीत होता है लेकिन हम आपको बताएँगे कि क्यों हमने इसे एक अलग पॉइंट के रूप में रखा। दरअसल लाइफ स्टाइल का सही होना और पढ़ाई पर पूरा फोकस होना दो अलग-अलग चीजें है। यहाँ के इंस्टीट्यूट में कुछ इस तरह से पढ़ाई करवाई जाती है कि स्टूडेंट्स का फोकस अपनी पढ़ाई पर ही बना रहे।

इसके लिए बाकायदा कई इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग तक दी जाती (Best City For IIT Coaching In Hindi) है। मान लीजिए आप पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन पढ़ते-पढ़ते आप कुछ और सोचने लग जाते हैं तो वह समय आपका व्यर्थ ही हो रहा होता है। ऐसे में किस तरह से स्मार्ट स्टडी की जाए और अपने टाइम का पूरा इस्तेमाल किया जाए, इसके बारे में भी सीकर शहर बाजी मार जाता है।

#6. पेरेंट्स के साथ तालमेल

जब शहर सही होता है और वहाँ के इंस्टीट्यूट सही होते हैं तो पेरेंट्स को कोई चिंता नहीं रहती है। इस बात को सीकर शहर के अधिकतर आईआईटी कोचिंग संस्थान ने सीखा है और अपनाया भी है। आप सीकर शहर में आईआईटी की कोचिंग ले रहे किसी भी स्टूडेंट या उनके पेरेंट्स से बात करके देख लीजिए, आपको खुद ही पता चल जाएगा।

दरअसल वहाँ की अकैडमी के द्वारा लगभग सभी पेरेंट्स के साथ प्रॉपर तालमेल बिठाया जाता है। उन्हें स्टूडेंट्स की समय-समय पर रिपोर्ट दी जाती है। पेरेंट्स की भी काउंसलिंग की जाती है ताकि वे अपने बच्चे पर अनावश्यक दबाव डालने से बचें। अब इससे अच्छी बात और क्या ही होगी भला। पेरेंट्स और स्टूडेंट्स के बीच में अच्छा तालमेल बना रहे, इसके लिए सीकर के सभी संस्थान बहुत मेहनत करते हैं।

#7. शहर का सिस्टम

सीकर शहर का सिस्टम भी बहुत अच्छा है। इसमें इस शहर में रहने वाले लोगों का सराहनीय योगदान है। आपको शहर में एक से एक अच्छे हॉस्टल या पीजी मिल जाएंगे। खाने पीने की कोई समस्या नहीं होगी। सुरक्षा के मामले में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। लड़कियों के लिए भी यह शहर बहुत सुरक्षित माना जाता है। रात में पुलिस की पेट्रोलिंग होती रहती है।

कोचिंग सेंटर और हॉस्टल के आसपास सुरक्षा की अच्छी व्यवस्था की जाती है। शहर में नशे या अन्य आपराधिक गतिविधियाँ ना के बराबर है। ऐसे में यदि आप अपने बच्चे को आईआईटी की कोचिंग देना चाहते हैं लेकिन उसे बाहर भेजने से झिझक रहे हैं तो आपको बिना दूसरा विचार मन में लाए उसे सीकर शहर में भेज देना चाहिए।

अब आपने यह तो जान लिया है कि आईआईटी कोचिंग के लिए सबसे अच्छा शहर राजस्थान का सीकर है लेकिन वहाँ पर आपको किस इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना (Best City For IIT Coaching In India In Hindi) चाहिए!! यह अगला प्रश्न है। ऐसे में अब हम आपके सामने सीकर के टॉप आईआईटी कोचिंग संस्थान की एक लिस्ट रखने जा रहे हैं। इससे आपको और बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

सीकर की टॉप 10 आईआईटी कोचिंग

सीकर शहर का माहौल शांत है, पढ़ाई के लिए अनुकूल है, वहाँ सुरक्षा भी पूरी रहती है, फीस भी ज्यादा नहीं है लेकिन इन सभी के बाद प्रश्न उठता है कि वहाँ के कौन से इंस्टीट्यूट आईआईटी की कोचिंग लेने के लिए बेस्ट हैं। अब यदि आप सीकर शहर में आईआईटी की कोचिंग दे रहे संस्थान की लिस्ट देखेंगे तो उसमें दर्जनों इंस्टीट्यूट सामने आ जाएंगे।

इनमें भी हर कोई अपने आप में बेस्ट होने की बात करेगा। तो यदि आपने शहर का चुनाव सही कर लिया और कोचिंग गलत चुन ली तो बहुत ही गलत हो जाएगा। ऐसे में हम आपको आधी अधूरी जानकारी देकर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस कारण अब हम सीकर की टॉप 10 आईआईटी कोचिंग की लिस्ट आपके सामने रखने जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है:

रैंक 1. मैट्रिक्स JEE अकैडमी (Matrix IIT Sikar)

रैंक 2. एलन सीकर (Allen Sikar)

रैंक 3. कौटिल्य आईआईटी अकैडमी (Kautilya IIT Academy)

रैंक 4. पीसीपी सीकर या Prince Career Pioneer

रैंक 5. सीएलसी या Career Line Coaching

रैंक 6. जीसीआई या Gurukripa Career Institute

रैंक 7. आकाश इंस्टीट्यूट (Aakash Institute)

रैंक 8. मैक अकैडमी (Mach Academy)

रैंक 9. आयाम अकैडमी (Aayaam Academy)

रैंक 10. अन अकैडमी सेंटर सीकर (Unacademy Centre)

तो यह है सीकर के टॉप 10 आईआईटी कोचिंग संस्थान की लिस्ट। इस लिस्ट में मैट्रिक्स अकैडमी का नाम सबसे पहले नंबर पर आता है जिसके पीछे भी कई कारण हैं। दरअसल मैट्रिक्स अकैडमी ने अपने यहाँ स्टूडेंट्स की सुविधा को ध्यान में रखकर उनके लिए जगह-जगह डाउट सेंटर बनाए हुए हैं जहाँ वे किसी भी समय जाकर अपने डाउट पूछ सकते हैं।

इतना ही नहीं, अधिकतर इंस्टीट्यूट में यह देखने को मिलता है कि एक ही बैच में बहुत से स्टूडेंट्स को ले लिया जाता है जिस कारण टीचर्स हरेक स्टूडेंट पर अलग से ध्यान नहीं दे पाते हैं। वहीं मैट्रिक्स अकैडमी में एक बैच में 40 से 50 स्टूडेंट्स को ही लिया जाता (Best City For IIT Preparation In India In Hindi) है। वहाँ का इंफ्रास्ट्रक्चर भी वर्ल्ड क्लास का है और स्टडी मटेरियल का स्ट्रक्चर भी बहुत सही से किया हुआ है।

इसके बाद एलन इंस्टीट्यूट का नाम आता है जो कि आईआईटी की कोचिंग देने के लिए पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। हालाँकि एलन की कोटा वाली ब्रांच ज्यादा प्रसिद्ध है, ना कि सीकर की। फिर भी यह सीकर में नंबर दो आईआईटी कोचिंग संस्थान है। इनके अलावा प्रिंस, कौटिल्य और गुरुकृपा भी आईआईटी की कोचिंग देने में अव्वल है।

निष्कर्ष

आज हमने आपको बताया कि आखिरकार भारत का वह कौन सा शहर (Best City For IIT Coaching In India In Hindi) है जहाँ पर आईआईटी की सबसे बेस्ट कोचिंग दी जाती है। तो उस शहर का नाम सीकर है। साथ ही आपने उन फैक्टर्स के बारे में भी जान लिया है जो सीकर शहर को भारत की टॉप आईआईटी कोचिंग सिटी बनाते हैं।

इतना ही नहीं, हमने आपके सामने सीकर शहर के टॉप 10 आईआईटी कोचिंग संस्थान की लिस्ट भी रख दी है ताकि आप सही शहर के साथ-साथ सही कोचिंग इंस्टीट्यूट का भी चुनाव कर सकें। यदि आपके मन में अभी भी कोई डाउट या प्रश्न रह गया है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

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प्रश्न: आईआईटी के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: आईआईटी के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी है। यहाँ पर स्टूडेंट्स को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी के साथ-साथ टॉप क्लास फैकल्टी प्रोवाइड करवाई जाती है।

प्रश्न: आईआईटी की कोचिंग की फीस कितनी होती है?

उत्तर: आईआईटी की कोचिंग की फीस एक से तीन लाख के बीच में होती है। अब यह उस शहर पर निर्भर करता है जहाँ आप इसकी कोचिंग लेने को इच्छुक हैं। इसमें सीकर शहर बेस्ट विकल्प है।

प्रश्न: भारत का नंबर 1 कोचिंग संस्थान कौन सा है?

उत्तर: भारत का नंबर 1 कोचिंग संस्थान सीकर का मैट्रिक्स संस्थान है। यहाँ पर आईआईटी और नीट की कोचिंग दी जाती है।

प्रश्न: कौन सी कोचिंग सबसे ज्यादा आईआईटियंस देती है?

उत्तर: यदि हम स्टूडेंट के रेश्यो के हिसाब से उसमें सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स की बात करें तो उस हिसाब से सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी सबसे ज्यादा आईआईटियंस देती है।

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Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai: क्या आपने अपनी स्कूल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है और अब आप आगे JEE Main की परीक्षा देने को इच्छुक हैं!! ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स के मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या JEE Main का पेपर हिंदी में भी होता है या वह केवल अंग्रेजी भाषा में ही लिया जाता है। इसीलिए आज हम आपकी इस शंका का समाधान करते हुए बता दें कि JEE Main का एग्जाम हिंदी में भी आयोजित करवाया जाता है।

हालाँकि आपका केवल यह जान लेना कि JEE Main का एग्जाम हिंदी में भी होता है, पर्याप्त नहीं (JEE Main ka paper Hindi me hota hai ya English) है। आपको इसके अलावा और भी बहुत कुछ जानने की जरुरत है जो हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं। आज का यह लेख JEE Main एग्जाम के पैटर्न और उसकी भाषा के ऊपर ही लिखा गया है। आइए जानते हैं JEE Main पेपर की भाषा और अन्य चीज़ों के बारे में।

क्या JEE Main का पेपर हिंदी में होता है?

सबसे पहले तो हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर दे देते हैं कि क्या JEE Main का पेपर हिंदी में होता है या नहीं। तो इसका उत्तर है हां। भारत में JEE Main का एग्जाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित करवाया जाता है। ऐसे में आप JEE Main की परीक्षा देने को इच्छुक हैं तो उसका फॉर्म भरते समय इस बात का ध्यान रखें।

वह इसलिए क्योंकि जब आप JEE Main का फॉर्म भर रहे होंगे तो आपसे परीक्षा के लिए भाषा का चयन करने को पूछा जाएगा। यदि आपने यहाँ पर हिंदी को नहीं चुना तो फिर आपका पेपर हिंदी में नहीं आएगा। वैसे एक बात और भी जान लें कि JEE Main की परीक्षा केवल हिंदी या अंग्रेजी में ही नहीं अपितु भारतवर्ष की 12 राजकीय भाषाओं और एक विदेशी भाषा उर्दू में आयोजित की जाती है।

इसलिए सबसे पहले हम आपको इन भाषाओं की सूची दे देते (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) हैं, जिसके अंतर्गत आप JEE Main का एग्जाम दे सकते हैं।

  1. हिंदी
  2. अंग्रेजी
  3. तमिल
  4. तेलुगु
  5. मलयालम
  6. कन्नड़
  7. पंजाबी
  8. गुजराती
  9. मराठी
  10. बंगाली
  11. आसामी
  12. ओड़िया
  13. उर्दू

इस तरह से यदि आप JEE Main का एग्जाम देने को इच्छुक हैं तो आप ऊपर दी गई 13 भाषाओं में किसी भी एक भाषा का चयन कर सकते हैं। यहाँ आप यह भी जान लें कि इसमें हिंदी व अंग्रेजी भाषा तो भारत के हर राज्य में उपलब्ध है लेकिन अन्य  भाषाओं के लिए आपको उसके राज्य का ध्यान अवश्य रखना होगा। इसके बारे में हम आपको एक-एक करके नीचे बता देते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai ya English) हैं।

क्या JEE Main का एग्जाम हिंदी में कहीं भी दे सकते हैं?

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह एग्जाम भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवाती है। अब इस एजेंसी के द्वारा भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में JEE Main की परीक्षा को हिंदी व अंग्रेजी दोनों में देने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इसे आप इस तरह से समझें कि आप भारत के किसी भी राज्य में रहते हो या वहाँ के रहवासी हो, और उस राज्य में हिंदी ना भी बोली जाती हो, तो भी आपको वहाँ पर JEE Main का पेपर हिंदी में मिल जाएगा।

इस तरह से आपको JEE Main का एग्जाम हिंदी में देने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह एग्जाम आपको हिंदी में मणिपुर में भी मिलेगा तो वहीं महाराष्ट्र में भी इसकी सुविधा होगी। साथ ही यही सुविधा अंग्रेजी प्रश्न पत्र को लेकर भी दी गई (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) है।

JEE Main का पेपर अन्य भाषाओं में

अब आपने हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 11 अन्य भाषाएँ भी देखी। JEE Main का एग्जाम इन भाषाओं में भी आयोजित करवाया जाता है लेकिन भारत के हरेक राज्य में नहीं। अन्य 11 भाषाएँ जिस भी राज्य की आधिकारिक भाषा है या वहाँ पर यदि बहुतायत में बोली जाती है तो वहाँ उस भाषा में पेपर देने की अनुमति होगी।

उदाहरण के तौर पर यदि आपको JEE Main की परीक्षा मराठी में देनी है तो उसकी सुविधा केवल महाराष्ट्र में ही होगी, ना कि राजस्थान या हरियाणा में। उसी तरह यदि आपको यह पेपर मलयालम में देना है तो उसकी सुविधा केवल केरल या तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में होगी, अन्यत्र नहीं। इसलिए आप जिस भी राज्य से JEE Main का फॉर्म भर रहे हैं, आपको वहाँ की आधिकारिक भाषा, यदि वह इन 11 भाषा में है, तो उसमें देने की अनुमति होगी।

JEE Main का एग्जाम ऑनलाइन है या ऑफलाइन?

अब आप यह भी जान लें कि आप जिस भी भाषा में JEE Main का एग्जाम चुने, वह होगा ऑनलाइन ही। कहने का अर्थ यह हुआ कि JEE Main की परीक्षा ऑफलाइन नहीं ली जाती है और यह पूर्ण रूप से ऑनलाइन परीक्षा है। इसलिए आपका पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, तेलुगु में हो या बंगाली में, वह ऑनलाइन ही आयोजित किया (Kya JEE Ka Paper Hindi Me Hota Hai) जाएगा।

यह 3 घंटे की परीक्षा होती है जिसमें तीन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित विषय आते हैं जिन्हें आपको देना होता है। ऐसे में आपको अपनी तैयारी भी वैसी ही रखनी चाहिए ताकि आगे चलकर किसी तरह की परेशानी ना होने पाए।

JEE Main एग्जाम का सेंटर

जब आप JEE Main एग्जाम को देने के लिए फॉर्म को भर रहे होते हैं तो आपसे कई तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें आपसे भाषा का चयन करने को तो कहा ही जाता है लेकिन उसी के साथ ही आपको अपने राज्य या पसंदीदा सेंटर का चयन करना होगा। अब आप जिस भी राज्य से फॉर्म भर रहे हैं या आप अपनी पसंद में जिस भी राज्य को महत्व देते हैं, उसका चुनाव करने को आपको कहा जाएगा।

फिर जब आपका JEE Main एग्जाम का एडमिशन फॉर्म आएगा तो उसमें एग्जाम सेंटर उसी राज्य का दिया गया होगा, जिसे आपने अपने फॉर्म में भरा है। आप एग्जाम सेंटर नहीं चुन सकते हैं लेकिन आप अपना राज्य चुन सकते हैं। फिर एग्जाम सेंटर आपके उसी राज्य के अंतर्गत ही आता है।

क्या JEE Advanced का एग्जाम भी हिंदी में होता है?

अब जो स्टूडेंट्स अपनी JEE Main की परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो उनके लिए आगे के दरवाजे खुल जाते हैं। अब JEE Main को पास करने पर आपको NIT जैसे सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलता है जो देश के दूसरे नंबर के टॉप मोस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। हालाँकि यदि आपको देश के नंबर 1 इंजीनियरिंग कॉलेज अर्थात आईआईटी में प्रवेश लेना है तो उसके लिए आपको JEE Main के बाद दी जाने वाली JEE Advanced की परीक्षा को पास करना होगा।

अब यह JEE Advanced का एग्जाम एक बारी में नहीं बल्कि दो भागों में होता है। यह दो भाग एक ही दिन में आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स के मन में अब यह प्रश्न उठ रहा होगा कि क्या JEE Main की तरह ही JEE Advanced की परीक्षा भी हिंदी में होती होगी या नहीं। तो यहाँ हम आपकी इस शंका का भी समाधान कर देते हैं। JEE Main की तरह ही JEE Advanced के एग्जाम को भी हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित करवाया जाता (Kya JEE Ka Paper Hindi Me Hota Hai) है।

हालाँकि यहाँ आप इस बात का ध्यान रखें कि इसे केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही आयोजित करवाया जाता है, अन्य भारतीय भाषाओं में नहीं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि ऊपर आपने जो 13 भाषाओं की सूची देखी, जिसके अंतर्गत आपको JEE Main की परीक्षा देने की अनुमति थी, वैसी सुविधा आपको JEE Advanced के एग्जाम को लेकर नहीं मिलेगी। JEE Main के अंतर्गत आपको केवल दो ही भाषाएँ चयन के लिए मिलेगी जो हिंदी व अंग्रेजी होगी।

JEE Main पेपर में कितने प्रश्न आएंगे?

अब आपने यह तो जान लिया है कि आप JEE Main की परीक्षा को हिंदी में दे सकते हैं लेकिन आपके लिए यह जानना भी जरुरी हो जाता है कि इसमें आपसे कितने प्रश्न पूछे जाएंगे। तो यहाँ आप जान लें कि JEE Main के एग्जाम में कुल 75 प्रश्न आते हैं। इसमें से प्रत्येक विषय के 25-25 प्रश्न होते हैं जिनमें से 20-20 प्रश्न MCQs होते हैं तो वहीं 5-5 प्रश्न नुमेरिकल होते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai) हैं।

कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित से कुल 60 प्रश्न MCQs मिलेंगे। इसमें आपको 4 से 5 विकल्प दिए जाएंगे जिनमें से कोई एक सही उत्तर होगा। अब आपको इसे ही चुनना होगा। वहीं इन प्रत्येक विषय से कुल 15 प्रश्न संख्यात्मक आएंगे अर्थात आपको रफ वर्क करके उसका सही उत्तर निकाल कर एक संख्या भरनी होगी।

साथ ही हरेक प्रश्न का उत्तर देना अनिवार्य होगा अर्थात आपको उसका कोई विल्कल्प नहीं मिलेगा। पहले के समय में 90 प्रश्न आते थे जिनमें से 75 प्रश्न को हल करना होता था। अब 75 प्रश्न ही आते हैं और सभी का उत्तर देना अनिवार्य होता है। हालाँकि आपको जिसका उत्तर नहीं आता है या जिसमें आपको डाउट है तो आप उसे छोड़ भी सकते हैं।

JEE Main की हिंदी में तैयारी कहाँ से करें?

आज के समय में हर कोचिंग इंस्टीट्यूट JEE Main की तैयारी करवाने के लिए अंग्रेजी भाषा पर ही जोर देता है। आप चाहे अपने शहर के कोचिंग सेंटर ले लीजिए या मेट्रो सिटी के। अब जो कोचिंग सेंटर हिंदी में भी पढ़ा रहे हैं, वहाँ भी उस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।

ऐसे में जब हमने भारत के टॉप JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में रिसर्च की तो पाया कि उनमें से केवल मैट्रिक्स अकैडमी ही छात्रों को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में JEE Main की कोचिंग दे रही है। मैट्रिक्स अकैडमी राजस्थान के सीकर शहर में स्थित है और आज के समय में देश की टॉप मोस्ट कोचिंग अकैडमी है।

यहाँ पर स्टूडेंट्स के माध्यम के अनुसार हिंदी व अंग्रेजी के लिए अलग-अलग बैच बनाए जाते (JEE Main ka paper Hindi me hota hai) हैं ताकि छात्रों को किसी तरह की समस्या ना होने पाए। ऐसे में आपके लिए भी मैट्रिक्स अकैडमी बेस्ट रहेगी क्योंकि यहाँ से आपको अनुभवी फैकल्टी से JEE Main की तैयारी हिंदी में करने की सुविधा मिलेगी।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने यह तो जान ही लिया है कि आप अपनी JEE Main की परीक्षा को हिंदी में दे सकते (Kya JEE Main Ka Paper Hindi Me Hota Hai) हैं। इसी के साथ ही आपने JEE Main एग्जाम के बारे में और भी बहुत कुछ जान लिया है। वहीं आप JEE Main की हिंदी में तैयारी कहाँ से कर सकते हैं, उसके बारे में भी हमने बता दिया है।

यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न है या आप हम से कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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प्रश्न: क्या जी एडवांस का पेपर हिंदी में होता है?

उत्तर: जी हां, जी एडवांस का पेपर हिंदी में भी होता है। यह पेपर आप भारत के किसी भी राज्य में हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दे सकते हैं।

प्रश्न: JEE Advanced का पेपर किस भाषा में होता है?

उत्तर: JEE Advanced का पेपर दो भाषाओं में आयोजित करवाया जाता है। यह भाषाएँ हिंदी व अंग्रेजी है।

प्रश्न: क्या जेईई का पेपर हिंदी में होता है?

उत्तर: जी हां, भारत सरकार के द्वारा जेईई का पेपर हिंदी में देने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा यह अंग्रेजी सहित 11 अन्य भषाओं में भी आयोजित करवाया जाता है।

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