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12वीं के बाद साइंस में करियर विकल्प

आज हम बात करने जा रहे हैं 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम में उपलब्ध तरह-तरह के करियर विकल्प के बारे (12th ke baad kya kare science student) में। पहले स्टूडेंट्स के पास इतने विकल्प नहीं हुआ करते थे या फिर यूँ कहें कि उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता नहीं होता था। ऐसे में अधिकतर स्टूडेंट्स बस कुछ एक विकल्प को ही चुनते थे।

अब जब आज के समय में सोशल मीडिया, इंटरनेट इत्यादि सब आ चुका है तो स्टूडेंट्स को भी सब जानकारी आसानी से मिल जा रही है। अब आप हमारा यह आर्टिकल ही ले लीजिए।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बारहवीं के बाद साइंस स्ट्रीम में क्या कुछ करियर विकल्प हो सकते हैं, उसके बारे में समुचित जानकारी देने वाले (12th science ke baad course list) हैं। चलिए जानते हैं।

12वीं के बाद साइंस में करियर विकल्प

किसी भी स्टूडेंट के दौर में सबसे पहला महत्वपूर्ण पड़ाव आता है दसवीं के बाद। वह इसलिए क्योंकि दसवीं के बाद उसे 4 स्ट्रीम में से एक स्ट्रीम का चुनाव करना होता है। यह चार स्ट्रीम होती है मेडिकल, नॉन मेडिकल, कॉमर्स और आर्ट्स। अब कुछ स्टूडेंट किसी का चुनाव करते हैं तो कुछ किसी का। यह चुनाव स्टूडेंट की अपनी पसंद, उसके नंबर और फैमिली बैकग्राउंड इत्यादि पैरामीटर को ध्यान में रखकर किया जाता है।

अब इन चार स्ट्रीम में से दो स्ट्रीम को साइंस से जुड़ा माना जाता है। वह स्ट्रीम है मेडिकल और नॉन मेडिकल। ऐसे में जिन भी स्टूडेंट्स ने दसवीं के बाद मेडिकल या नॉन मेडिकल ली है और बारहवीं इसी में की है तो आज का यह आर्टिकल उनके लिए ही लिखा गया है।

यहाँ हम एक-एक करके आपको उन सभी करियर विकल्प के बारे में बताएँगे जिसे आप बारहवीं में साइंस स्ट्रीम को पास करने के बाद चुन सकते (12th ke baad kya kare science student) हैं। आइए शुरू करते हैं।

#1. मेडिकल स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स के लिए

सबसे पहले बात करते हैं 12वीं में साइंस स्ट्रीम के तौर पर बायोलॉजी को स्पेशल सब्जेक्ट चुनने वाले स्टूडेंट्स के बारे (12th Ke baad Kya Kare Science student PCB) में। दरअसल बारहवीं में मेडिकल और नॉन मेडिकल के स्टूडेंट्स में बस एक सब्जेक्ट का ही अंतर होता है और वह है बायोलॉजी या मैथ्स।

अब जो स्टूडेंट बायोलॉजी लेते हैं उन्हें मेडिकल स्टूडेंट कहा जाता है तो जो स्टूडेंटस मैथ्स लेते हैं उन्हें नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स कहा जाता है। बाकी सब्जेक्ट्स एक जैसे ही होते हैं जिन्हें हम फिजिक्स, केमिस्ट्री, इंग्लिश व एक एक्स्ट्रा सब्जेक्ट के तौर पर जानते हैं। ऐसे में मेडिकल स्ट्रीम वाले साइंस स्टूडेंट्स के लिए कुछ चुनिंदा करियर विकल्प इस प्रकार हैं:

  • MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी): डॉक्टर बनने का सबसे प्रसिद्ध करियर विकल्प।
  • BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी): डेंटिस्ट बनने का विकल्प।
  • BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी): आयुर्वेद में रुचि रखने वालों के लिए।
  • BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी): होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए।
  • BPT (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी): फिजियोथेरेपी में करियर।

मेडिकल फील्ड में जाने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स का आगे का लक्ष्य डॉक्टर बनने का ही होता है। इसके लिए मुख्य तौर पर नीट की तैयारी की जाती है। नीट एक सरकारी एग्जाम है जिसकी फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test) होती है। यह एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा आयोजित करवाया जाता है।

इस एग्जाम के जरिए देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS या BDS जैसे कोर्स में एडमिशन लिया जाता है। ऐसे में आपको अगर डॉक्टर बनना है और उसके लिए देश के टॉप सरकारी कॉलेज में एडमिशन चाहिए तो उसके लिए नीट एग्जाम की तैयारी करना जरुरी होता है। देश के कुछ टॉप नीट कोचिंग सेंटर के नाम मैट्रिक्स नीट डिविजन सीकर, गुरुकृपा सीकर, आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि है।

इसके अलावा आप देश के प्राइवेट कॉलेज में भी एडमिशन ले सकते (12th Ke baad Kya Kare Science student PCB) हैं। यहाँ तक की कुछ स्टूडेंट्स तो विदेश में जाकर भी इसकी पढ़ाई करते हैं। हालाँकि देश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य सबसे उज्जवल माना जाता है। यही कारण है कि मेडिकल स्ट्रीम के अधिकतर स्टूडेंट्स के द्वारा नीट की तैयारी की जाती है।

#2. नॉन मेडिकल वाले स्टूडेंट्स के लिए

अब जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं में सब्जेक्ट्स के तौर पर मैथ को चुना था, उन्हें नॉन मेडिकल स्ट्रीम का कहा जाता (12th ke Baad Kya Kare Science student PCM) है। हालाँकि होते तो दोनों ही साइंस स्ट्रीम के हैं लेकिन मैथ वाले नॉन मेडिकल कहे जाते हैं। अब यह इसके नाम से ही पता चल जाता है कि यह मेडिकल की पढ़ाई ना होकर अलग पढ़ाई होती है।

नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स के द्वारा जिस स्ट्रीम को सबसे मुख्य तौर पर चुना जाता है, वह इंजीनियरिंग होता है। हालाँकि आज के समय में स्टूडेंट्स के पास और भी कई तरह के करियर विकल्प होते हैं जिनके बारे में पहले इतना पता नहीं होता था या जानकारी कम थी। ऐसे में आइए जाने बारहवीं के बाद नॉन मेडिकल के तौर पर आप किन-किन करियर विकल्प का चुनाव कर सकते हैं:

  • B.Tech (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी): इंजीनियरिंग की डिग्री जो सबसे लोकप्रिय विकल्प है।
  • B.Arch (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर): आर्किटेक्ट बनने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए।
  • B.Sc (बैचलर ऑफ साइंस): साइंस के विभिन्न विषयों में एक्सपर्ट बनना।
  • BCA (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन): आईटी क्षेत्र में करियर।
  • Commercial Pilot: पायलट बनने के लिए।

नॉन मेडिकल में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का मुख्य लक्ष्य किसी ना किसी विषय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना होता है। जिस प्रकार डॉक्टर बनने के लिए तरह तरह के कोर्स होते हैं और उसके तहत आप अलग-अलग फील्ड में डॉक्टर बनते हैं, ठीक उसी तरह इंजीनियरिंग में भी कई तरह के विकल्प होते हैं। आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं:

  • कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE)
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)
  • सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE)
  • इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)
  • केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering)
  • बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Biotechnology Engineering)
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)
  • एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (Agricultural Engineering)
  • इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग (Instrumentation Engineering)
  • पेट्रोलियम इंजीनियरिंग (Petroleum Engineering)
  • मरीन इंजीनियरिंग (Marine Engineering)
  • माइनिंग इंजीनियरिंग (Mining Engineering)
  • मटेरियल साइंस इंजीनियरिंग (Material Science Engineering)
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (Industrial Engineering)
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग (Automobile Engineering)
  • टेक्सटाइल इंजीनियरिंग (Textile Engineering)
  • प्रोडक्शन इंजीनियरिंग (Production Engineering)
  • एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering)

इस तरह से आपके पास इंजीनियरिंग में भी कई तरह के करियर विकल्प होते हैं। इनमें से हमने लगभग हर इंजीनियरिंग विकल्प को आपके सामने रख दिया है। अब इसके लिए स्टूडेंट्स की पहली पसंद IIT कॉलेज होते हैं जो देश के टॉप सरकारी कॉलेज होते हैं। इसमें एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को JEE एग्जाम की तैयारी करनी होती है।

JEE की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम होती है जिसे भारत सरकार के द्वारा आयोजित करवाया जाता है। आज के समय में इसमें बहुत ज्यादा कम्पटीशन होता है और इसके लिए स्टूडेंट्स के द्वारा बेहतर से बेहतर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई की जाती (12th ke Baad Kya Kare Science student PCM) है।

वह इसलिए क्योंकि उनका लक्ष्य ना केवल अपनी पसंद के IIT कॉलेज में एडमिशन लेना होता है बल्कि अपनी पसंद की इंजीनियरिंग स्ट्रीम का चुनाव करना भी होता है। ऐसे में देश के कुछ टॉप JEE कोचिंग सेंटर के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, एलन कोटा, रेजोनेंस अकैडमी इत्यादि है। वैसे तो हर शहर में दर्जनों कोचिंग इंस्टीट्यूट खुले हैं लेकिन टॉप कोचिंग संस्थान में आपको एक्सपर्ट गाइडेंस मिल सकती है।

#3. साइंस स्ट्रीम से जुड़े कुछ अन्य करियर विकल्प

अब बात करते हैं उन स्टूडेंट्स के बारे में जिन्होंने बारहवीं में साइंस स्ट्रीम के तौर पर मेडिकल और नॉन मेडिकल दोनों को ही चुना था। दरअसल सभी मेडिकल या नॉन मेडिकल के कॉमन सब्जेक्ट के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री और इंग्लिश को पढ़ना होता है। अब मेडिकल स्टूडेंट्स को बायोलॉजी और नॉन मेडिकल को मैथ लेनी होती है।

इनके अलावा पांचवें सब्जेक्ट के तौर पर ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है। इसमें कई तरह के ऑप्शन होते हैं जो बोर्ड या राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। अब इस एक्स्ट्रा सब्जेक्ट के तौर पर मेडिकल वाले मैथ भी ले सकते हैं तो वहीं नॉन मेडिकल वाले बायोलॉजी भी ले सकते हैं। ऐसे में वे स्टूडेंट्स ऊपर बताए गए सभी करियर ऑप्शन ले सकते हैं और उसके अलावा भी कुछ और करियर विकल्प उनके पास हैं। जैसे कि:

  • Pharmacy (B.Pharm): फार्मास्युटिकल क्षेत्र में करियर।
  • Forensic Science: फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनना।
  • Biotechnology: जैव इंजीनियरिंग में करियर।
  • Data Science: डाटा एनालिसिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में करियर।
  • Scientist: वैज्ञानिक के तौर पर किसी क्षेत्र में रिसर्च करना।
  • अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science): खगोलशास्त्र और अंतरिक्ष अन्वेषण में करियर।

अब यह एक ऐसी फील्ड है जिसे ज्यादातर सभी साइंस वाले स्टूडेंटस अपने करियर विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं। हालाँकि आपने अगर मेडिकल ली है तो फार्मेसी या फॉरेंसिक साइंस जैसे करियर विकल्प आपके लिए बेस्ट हो सकते हैं तो वहीं नॉन मेडिकल वालों के लिए डाटा साइंस या बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

आज के समय में बहुत से स्टूडेंट्स इनमें भी अपना करियर बना रहे हैं। इसके लिए डॉक्टर जैसी स्पेशल पढ़ाई करने या इतनी मेहनत किए जाने की भी जरुरत नहीं होती है। वहीं जो बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग है वह बाकी इंजीनियरिंग के जैसी ही होती है और इसके लिए आपको JEE एग्जाम की ही तैयारी करनी होती है।

#4. नॉन साइंस करियर विकल्प

अब बात करते हैं कुछ ऐसे करियर विकल्प की जिसमें आपको अपनी स्ट्रीम से हटकर कुछ ऑप्शन मिलते हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो बारहवीं में स्ट्रीम तो साइंस की लेते हैं लेकिन उसके बाद करियर विकल्प के तौर पर नॉन साइंस का चुनाव करते हैं।

ऐसे में आप 12वीं में साइंस लेकर उसके बाद नॉन साइंस करियर में अपना भविष्य आजमाना चाहते हैं तो आपके पास कुछ इस तरह के करियर विकल्प हो सकते हैं:

  • Defence (NDA, CDS): सेना में करियर।
  • Animation & Multimedia: ग्राफिक्स, एनीमेशन, और मल्टीमीडिया।
  • साइबर सुरक्षा (Cyber Security): डाटा और इनफार्मेशन की सुरक्षा करना, खासकर डिजिटल मीडिया में।
  • डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing): ऑनलाइन मार्केटिंग और ब्रांडिंग का क्षेत्र जो मॉडर्न बिज़नस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • टीचर बनना: अपनी फील्ड के स्टूडेंट्स को पढ़ाना या किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट या कॉलेज को ज्वाइन करना।

यहां पर हमने कुछ ऐसे करियर विकल्प दिए हैं जो साइंस से जुड़े हुए हैं भी और नहीं भी। कहने का मतलब यह हुआ कि यह कुछ ऐसे करियर ऑप्शन है जो आपको प्रॉपर तौर पर साइंस स्ट्रीम में तो नहीं लेकर जाएंगे लेकिन इसमें आपकी पढ़ाई जरुर काम आएगी।

उदाहरण के तौर पर आपको अगर टीचर बनना है तो उसमें सब्जेक्ट का चुनाव आप अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं। अब अगर आपको साइंस में किसी एक सब्जेक्ट में ज्यादा इंटरेस्ट था तो आप उसी सब्जेक्ट को ही पढ़ाने का करियर विकल्प चुन सकते हैं। वहीं आप डिफेंस जैसे उच्च करियर विकल्प को भी चुन सकते हैं।

#5. गवर्नमेंट जॉब्स भी है एक करियर विकल्प

12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम से करियर विकल्प (12th science ke baad course list) के तौर पर सबसे आखिरी लेकिन अच्छा करियर विकल्प है गवर्नमेंट जॉब की तैयारी करना। आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन आज के समय में चाहे भारत सरकार की नौकरी हो या राज्य सरकार की नौकरी, वहाँ पर सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स में से आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स साइंस स्ट्रीम के ही हैं।

अब वह नौकरी चाहे आईएस की हो या आईएफएस की या फिर पटवारी या तहसीलदार की। हर तरह की सरकारी नौकरी में साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए आप चाहें तो आप भी इसमें अपना करियर बना सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको जमकर मेहनत करनी होगी। साथ ही किसी भी क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री भी लेनी होगी।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में हमने आपके सामने 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम के करियर विकल्प के तौर पर लगभग सभी तरह के विकल्प रख दिए हैं। इसमें हमने मेडिकल और नॉन मेडिकल के लिए अलग से करियर विकल्प दिए तो वहीं दोनों स्ट्रीम को लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी करियर विकल्प (12th ke baad kya kare science student) दिए। इसी के साथ ही आपको नॉन साइंस या पूरी तरह से अलग वाले करियर विकल्प भी पढ़ने को मिले।

साइंस स्ट्रीम वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स 12वीं के बाद और बहुत तो दसवीं के बाद ही अपने करियर पर ध्यान देने लग जाते हैं। इसके लिए वे नीट या JEE की कोचिंग लेते हैं क्योंकि गवर्नमेंट के टॉप मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए बहुत तगड़ा कम्पटीशन है। इसके लिए समय रहते कोचिंग ले ली जाए और उसके लिए सही कोचिंग का चुनाव कर लिया जाए तो यह आपके लिए ही सही रहता है।

अगर आप JEE या NEET की कोचिंग के लिए भारत के टॉप कोचिंग सेंटर के बारे में जानना चाहते हैं तो उनमें से कुछ चुनिंदा नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, आकाश इंस्टीट्यूट, रेजोनेंस अकैडमी, एलन कोटा, गुरुकृपा सीकर इत्यादि है। मैट्रिक्स और एलन जैसे कोचिंग सेंटर में तो 12वीं के बाद स्टूडेंट्स को सही करियर विकल्प चुनने के लिए एक्सपर्ट गाइडेंस और मेंटरशिप की सुविधा भी दी जाती है।

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