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JEE/NEET की तैयारी के लिए सीकर क्यों बन रहा है स्टूडेंट्स की पहली पसंद!!

राजस्थान का सीकर शहर कोई ज्यादा बड़ा शहर नहीं है। पहले के समय में बहुत कम लोग ही इसके बारे में जानते थे। हालाँकि अब परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं। अब अगर आप किसी ऐसे स्टूडेंट से सीकर के बारे में पूछेंगे जो अभी दसवीं से बारहवीं में पढ़ रहा हो तो उसका कोई ना कोई जानकार सीकर में JEE और NEET की तैयारी करता हुआ पाया जाएगा।

इतना ही नहीं, उनमें से बहुत से स्टूडेंट तो खुद सीकर जाकर JEE और NEET की तैयारी (Sikar JEE NEET Coaching) करने का मन बना रहे होंगे। लेकिन ऐसा क्यों? कुछ साल पहले जब हम JEE और NEET की तैयारी करने वाले शहर की बात करते थे तो उसमें केवल एक ही नाम आता था और वह था राजस्थान का कोटा शहर। हालाँकि अब कोटा का वर्चस्व राजस्थान का ही दूसरा शहर सीकर तोड़ता जा रहा है।

अब सीकर शहर में ऐसा क्या है जो वह JEE और NEET की तैयारी करने और करवाने दोनों में स्टूडेंट्स और टीचर्स की पहली पसंद बनता जा रहा है? आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में ही बताने वाले हैं। चलिए जानते हैं आखिरकार क्यों है सीकर JEE और NEET की तैयारी करने के लिए स्टूडेंट्स की पहली पसंद।

JEE/NEET की तैयारी के लिए सीकर है स्टूडेंट्स की पहली पसंद

सीकर शहर स्टूडेंट्स की पहली पसंद ही नहीं बल्कि देश में भी JEE और NEET तैयारी करवाने के लिए नंबर वन (Sikar JEE NEET Coaching) बनता जा रहा है। इसके पीछे एक या दो नहीं बल्कि कई कारण हैं। उन्हीं में से 5 मुख्य कारण आज हम आपको बताएँगे।

#1. सीकर के JEE/NEET कोचिंग सेंटर्स

सीकर को JEE/NEET की तैयारी करवाने के लिए देश में नंबर वन लाने में जिसकी सबसे अहम भूमिका है, वह है सीकर शहर में खुले दर्जनों कोचिंग सेंटर्स। अब आप कहेंगे कि इस तरह के JEE/NEET कोचिंग सेंटर्स तो आज के समय में किस शहर में नहीं खुले हैं। हम देश के किसी भी शहर में चले जाएं, वहाँ दर्जनों JEE/NEET के कोचिंग सेंटर्स मिल जाएंगे।

ऐसे में आज हम आपको बता दें कि सीकर शहर के कुछ कोचिंग सेंटर्स ऐसे हैं जिन्होंने JEE/NEET की तैयारी करवाने में अपना परचम पूरे देश में लहरा दिया है। पहले हम आपको सीकर के टॉप 5 JEE/NEET के कोचिंग सेंटर्स की लिस्ट दे देते हैं:

अब इसमें मैट्रिक्स सीकर का नंबर वन कोचिंग सेंटर है तो उसके बाद एलन का नाम आता है। इसके बाद क्रमानुसार गुरुकृपा, कौटिल्य और प्रिंस अकादमी का नाम आता है।

अब इन कोचिंग सेंटर्स ने अपना JEE/NEET कोचिंग सेंटर खोलने से पहले कई वर्षों की रिसर्च की है। उन्होंने देखा कि ऐसा क्या है जो हम स्टूडेंट्स को JEE/NEET की तैयारी करवाने के लिए दे सकते हैं। इसके बाद ही उन्होंने देशभर में से ऐसे टीचर्स की खोज की जिनका ना केवल एक्सपीरियंस अच्छा हो बल्कि वे स्टूडेंट्स के नेचर और उनके सीखने की क्षमता का आंकलन कर उन्हें पढ़ा सकें।

इसी का परिणाम है कि आज सीकर शहर मुख्यतया इन्हीं पांच कोचिंग सेंटर्स की बदोलत देश का नंबर वन JEE/NEET कोचिंग शहर बनता जा रहा है। इसमें भी मैट्रिक्स और गुरुकृपा के द्वारा किया गया काम शानदार रहा है।

#2. सीकर शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर

अब आपने सीकर के फेमस JEE/NEET कोचिंग सेंटर के बारे में तो जान लिया है लेकिन अब हम जानेंगे सीकर शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में। अब हमने ऊपर बात की कि JEE और NEET के कोचिंग सेंटर तो हर शहर में हैं लेकिन क्या आपके शहर में वैसा माहौल है? नहीं ना। बस यही चीज़ सीकर को बाकी शहरों से अलग करती है।

सीकर शहर में आपको कोचिंग सेंटर्स के अलावा दर्जनों लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स एरिया, किताबों की दुकाने, हॉस्टल, व अन्य फैसिलिटी आराम से मिल जाएगी। एक तरह से कहा जाए तो यह पूरा शहर ही कोचिंग सेंटर बनता जा रहा है। अब स्टूडेंट का JEE/NEET में सक्सेस रेट तब बढ़ जाता (Sikar NEET Coaching) है जब उसके आसपास का माहौल भी पढ़ने वाला हो।

आप आज ही सीकर शहर में निकल जाएं या फिर सीकर में रह रहे किसी स्टूडेंट या लोकल से पूछ लें कि वहाँ का माहौल और इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है। आप पाएंगे कि धीरे-धीरे सीकर शहर स्टूडेंट्स की कोचिंग के हिसाब से ढलता दिख रहा है।

साथी ही यहाँ के कोचिंग सेंटर्स ने भी इसमें बहुत बढ़िया काम किया है। खासतौर पर मैट्रिक्स और प्रिंस अकैडमी ने तो वर्ल्ड क्लास हॉस्टल की सुविधाएँ प्रदान की हुई हैं। उनके हॉस्टल भी कोचिंग सेंटर के पास ही हैं। ऐसे में बाहर से आकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को किसी तरह की समस्या नहीं होती है।

#3. कम लागत में बेहतर रिजल्ट

जो स्टूडेंट्स JEE/NEET की तैयारी करने जाते हैं, अभी तक उनकी बात हुई लेकिन अब हम बात करते हैं उनके पेरेंट्स की। दरअसल अपने बच्चे को दूसरे शहर में पढ़ने के लिए भेजना एक अलग बात है लेकिन साथ ही उसके लिए भारी भरकम फीस चुकाना एक अलग बात।

अब कोटा ले लीजिए या फिर अन्य बड़े शहर, जैसे कि दिल्ली, मुंबई, जयपुर इत्यादि। हर जगह आपको कोचिंग सेंटर की भारी भरकम फीस तो चुकानी ही होगी और साथ ही बच्चों के रहने के लिए हॉस्टल का खर्चा भी बहुत ज्यादा हो जाता है। इतना ही नहीं, बाकी सभी चीजें भी बहुत महँगी होती है, जैसे कि कामवाली का खर्चा ले लो या बाहर से कुछ खरीदना हो इत्यादि।

अब सीकर भारत की थर्ड टायर सिटी है। यह बड़े शहरों जैसी ना तो खर्चीली है और ना ही स्टूडेंट्स का मन भटकाती है। कहने का मतलब यह हुआ कि यहाँ के कोचिंग सेंटर्स की फीस भी बाकी शहरों की तुलना में कम है और साथ ही रहने, खाने-पीने का खर्चा भी बहुत कम है।

अब मजेदार बात यह है कि यह कम खर्चे में भी वह सभी फैसिलिटी प्रोवाइड कर रही है जो सभी बड़े शहर दोगुने पैसे लेकर करते हैं। यही कारण है कि स्टूडेंट्स के साथ ही पेरेंट्स के लिए भी सीकर शहर JEE और NEET की तैयारी करवाने के लिए पहली पसंद (Sikar JEE Coaching) बनता जा रहा है।

#4. स्टूडेंट्स पर ज्यादा फोकस

अब एक चीज़ और है जो सीकर शहर को JEE/NEET की तैयारी करवाने के लिए स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की फर्स्ट चॉइस बनाती है, वह है कम भीड़ के कारण स्टूडेंट्स पर ज्यादा फोकस। दरअसल अगर आप कोटा या दिल्ली जैसे शहर को देखेंगे तो वहाँ स्टूडेंट्स का हुजूम उमड़ता दिखाई देता है। ऐसे में वहाँ के कोचिंग सेंटर्स भी स्टूडेंट्स को भर-भरकर ले लेते हैं।

अब अगर आप उनके बैच में जाकर देखेंगे तो वहाँ के एक-एक बैच में 100 से 200 स्टूडेंट्स पढ़ते हुए दिखाई देते हैं। आखिरी पंक्ति में बैठे स्टूडेंट तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए टीचर्स माइक का इस्तेमाल करते हैं। अब जरा आप ही सोचकर देखिए कि जब टीचर को ही माइक से बोलना पड़ रहा है तो आखिर में बैठा वह स्टूडेंट अपने डाउट कैसे पूछ पाएगा?

चलो मान लीजिए कि आपका बच्चा पहली लाइन में बैठा है लेकिन क्या टीचर इतने स्टूडेंट्स के डाउट अपनी क्लास में सुन पाएगा और उनका जवाब दे पाएगा? नहीं ना, बस यही कारण है कि ये शहर JEE/NEET की तैयारी (Sikar NEET Coaching) करवाने में अब पिछड़ते जा रहे हैं और सीकर आगे बढ़ता जा रहा है।

सीकर में चाहे स्टूडेंट्स ज्यादा आ जाएं लेकिन वहाँ के टॉप कोचिंग सेंटर्स ने एक स्पष्ट नीति बना रखी है कि उनके एक बैच में मैक्सिमम 50 से 60 स्टूडेंट्स ही होंगे। इससे फायदा यह होता है कि टीचर्स अपने स्टूडेंट्स पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं और उन्हें सुन पाते हैं। वहीं मैट्रिक्स अकैडमी में तो बाकायदा अलग से डाउट सेंटर्स बना रखे हैं ताकि स्टूडेंट्स के डाउट क्लास के अलावा अलग से भी सोल्व करवाए जा सकें।

#5. लगातार बढ़ता रिजल्ट

अब हम कितनी ही बात कर लें लेकिन बात तो आखिर में JEE/NEET के एग्जाम रिजल्ट की ही आती है। शहर चाहे कितना ही अच्छा क्यों ना हो या कोचिंग सेंटर्स कैसी ही फैसिलिटी क्यों ना देते हो लेकिन जब तक स्टूडेंट्स वैसा रिजल्ट लेकर नहीं आते, तब तक वो बात नहीं बनती।

तो हमने इस बारे में भी बहुत रिसर्च की है और पाया है कि JEE/NEET में सलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स के परसेंटेज में सीकर में स्टडी कर रहे स्टूडेंट्स का रेश्यो बढ़ता जा रहा है। एक तरह से देखा जाए तो हर साल सीकर से सलेक्ट होने वाले स्टूडेंट बढ़ रहे हैं। सबसे मुख्य बात यह है सीकर में पढ़ रहे टोटल स्टूडेंट्स में से कितने परसेंटेज स्टूडेंट्स ने एग्जाम क्रैक किया।

आइए हम आपको आंकड़ों से समझा देते हैं। जहाँ देशभर में JEE/NEET की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स का सलेक्शन रेश्यो 1.3% है तो वहीं सीकर शहर का 7.48% है। अब आप खुद ही सोचिए कि नेशनल परसेंटेज की तुलना में सीकर शहर का सलेक्शन रेश्यो लगभग 6 गुना है। इसी से ही आप समझ सकते हैं कि सीकर में किस लेवल की कोचिंग दी जा रही है और वहाँ का रिजल्ट कैसा है।

वहीं अगर हम सीकर शहर में ही पढ़ रहे स्टूडेंट्स की ही बात करें तो वहाँ 2024 में JEE के एग्जाम में टॉप करने वाले स्टूडेंट का नाम मयंक सोनी (Sikar JEE Coaching) है जो मैट्रिक्स अकैडमी से पढ़े हुए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर एलन सीकर के कृष गुप्ता, तीसरे पर मैट्रिक्स के मोहित मोदी, चौथे पर मैट्रिक्स के अमन नेहरा और पांचवें पर मैट्रिक्स की ही आतिशी जी हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि सीकर शहर में ऐसी क्या चीजें हैं जो इसे कोटा या बाकी बड़े शहरों की तुलना में JEE/NEET की तैयारी करने के लिए स्टूडेंट्स की पहली पसंद बना रहा (Sikar JEE NEET Coaching) है।

इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो सीकर को टॉप पर ला रही हैं। जैसे कि वहाँ हो रहा विकास, स्टूडेंट्स को दी जा रही फैसिलिटी, स्कूलिंग स्ट्रक्चर, कोचिंग सेंटर्स का रवैया, टीचर्स का नेचर इत्यादि। हालाँकि हमने यहाँ पांच प्रमुख कारण आपके सामने रखे हैं ताकि आपको बेहतर आईडिया हो सके।

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