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ऑनलाइन कोचिंग बेस्ट है या ऑफलाइन? आइए जाने

चाहे आप JEE की तैयारी कर रहे हो या NEET की, उसके लिए आपको कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) की तो जरुरत पड़ेगी ही पड़ेगी। बिना कोचिंग के किसी स्टूडेंट की JEE और NEET के एग्जाम में अच्छी रैंक आ जाए, यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। ऐसे में चाहे स्टूडेंट कितना ही होशियार क्यों ना हो, उसे एक सही कोचिंग की जरुरत पड़ती ही है।

वह इसलिए क्योंकि कोचिंग से ही उसे एक्सपर्ट गाइडेंस, प्रॉपर नोट्स, लेटेस्ट अपडेट, बेहतर प्लानिंग इत्यादि चीज़ों में मदद मिलती है। ऐसी ही बहुत सी चीजें हैं जो स्टूडेंट्स को अच्छी रैंक लाने और टॉप कॉलेज लेने में मदद करती है। अब यहाँ सवाल कोचिंग का नहीं है बल्कि ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग का (Online Coaching Best Hai Ya Offline) है।

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, ठीक उसी तरह ऑनलाइन कोचिंग भी तेजी से विकसित हो रही है। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स अब ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन कोचिंग भी लेने लगे हैं। अब स्टूडेंट्स को यह जानना होगा कि उनके लिए ऑफलाइन कोचिंग लेना ज्यादा फायदेमंद होता है या फिर ऑनलाइन कोचिंग में पढ़ना। आइए इसके बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं।

ऑनलाइन कोचिंग बेस्ट है या ऑफलाइन?

सबसे पहले तो आप इस बात को नोट कर लीजिए कि कोई भी चीज़ ना तो पूरी तरह से अच्छी होती है और ना ही पूरी तरह से बुरी। हर चीज़ के अपने-अपने फायदे और नुकसान देखने को मिलते हैं। यही बात ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग पर भी लागू होती है। अब आप सोचेंगे कि अगर दोनों में ही फायदे और नुकसान हैं तो फिर आपके लिए क्या बेहतर रहेगा!!

इसका जवाब भी आपको इसी आर्टिकल में ही मिलेगा। दरअसल हर किसी के अपने फायदे और नुकसान तो होते हैं लेकिन आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है और कौन सा कितना नुकसानदायक है, यह पूर्ण रूप से आपकी स्थिति, रुचि, समझ, परिवार, फाइनेंशियल स्टेटस, लर्निंग पॉवर, इत्यादि कई चीज़ों पर निर्भर करता (Online Coaching Best Hai Ya Offline In Hindi) है।

ऐसे में हम इस आर्टिकल में स्टेप बाय स्टेप ऑनलाइन व ऑफलाइन कोचिंग के लगभग हर जरुरी फायदे और नुकसान के बारे में आपको बताएँगे। इससे आपको अपने लिए निर्णय लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। चलिए शुरूआत करते हैं ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बीच अंतर को जानने (Online Coaching Vs Offline Coaching) की।

ऑनलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान

जब से हम सभी ने वर्ष 2020 में कोरोना नामक महामारी को देखा है, तब से ही उसने पूरी दुनिया के लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है। इसमें एक बहुत बड़ा बदलाव है इंटरनेट में आई क्रांति का। पहले के समय की तुलना में हम अधिकतर काम ऑनलाइन ही करने लगे हैं और इसने हमारा घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया है।

सबसे बड़ा बदलाव तो स्टूडेंट्स की लाइफ में आया है क्योंकि उनके लिए सारा स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध होता है। वे जिस भी कोचिंग इंस्टीट्यूट से JEE और NEET की तैयारी कर रहे होते हैं, उन्होंने अपने सभी लेक्चर, स्टडी मटेरियल इत्यादि को ऑनलाइन अपलोड किया हुआ होता है।

यहाँ तक कि कई कोचिंग इंस्टीट्यूट तो ऑनलाइन ही स्टूडेंट्स को पढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में आइए जाने ऑनलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान के बारे (Online Coaching Best Hai Ya Offline) में।

ऑनलाइन कोचिंग के फायदे

  • ऑनलाइन कोचिंग का सबसे बड़ा जो फायदा होता है वह है समय की पाबंदी का ना होना। कहने का मतलब यह हुआ कि अगर आप ऑनलाइन क्लासेज लेते हैं तो इसमें आप लेक्चर को कभी भी देख सकते हैं। ऐसे में आप दिन के किसी भी समय क्लास ले सकते हैं।
  • दूसरा फायदा यह मिलता है कि आप अच्छे से रिवीजन भी कर पाते हैं। वह इसलिए क्योंकि ऑनलाइन क्लास की वीडियो को आप किसी भी समय और कितनी भी बार देख सकते हैं। इससे आपको समझने में आसानी होगी।
  • ऑनलाइन कोचिंग में आपको तरह-तरह का मटेरियल ऑनलाइन मिलता है जिससे आपके पास पढ़ने के लिए कई तरह की वैराइटी आ जाती है।
  • इनमें आपको कई तरह के वीडियो लेक्चर, वो भी अलग अलग टीचर के, ई बुक्स, नोट्स इत्यादि कई तरह की अध्ययन सामग्री मिलती है।
  • ऑनलाइन क्लासेज को लगाने में आपको पैसे भी कम देने पड़ते हैं क्योंकि इसमें कोचिंग इंस्टीट्यूट का खर्चा बहुत कम आता है। वह एक ही वीडियो या लेक्चर को हजारों स्टूडेंट्स को दिखा सकता है।

ऑनलाइन कोचिंग के नुकसान

  • ऑनलाइन कोचिंग का सबसे बड़ा नुकसान ऑफलाइन कोचिंग ही है। कहने का अर्थ यह हुआ कि ऑफलाइन कोचिंग में आप रियल टाइम में किसी टॉपिक को समझ रहे होते हैं जबकि ऑनलाइन कोचिंग में अधिकतर रिकॉर्डेड वीडियो या सेशन को चलाया जाता है।
  • इसका दूसरा नुकसान अपने डाउट क्लियर करने में होता है। स्टूडेंट के डाउट समय पर क्लियर नहीं होते हैं तो उसकी तैयारी भी अधूरी रह जाती है।
  • कंप्यूटर या लैपटॉप पर पढ़ाई करने से ध्यान भटकने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में स्टूडेंट अपना बहुत सा समय अनुचित गतिविधियों में व्यर्थ कर देता है।
  • इंटरनेट की स्पीड भी इसका एक नुकसान है। इंटरनेट की स्पीड हमेशा एक जैसी नहीं रहती है या लाइट कट लगने की वजह से कंप्यूटर ही बंद पड़ जाता है।
  • ज्यादातर यह भी देखने में आता है कि ऑनलाइन कोचिंग वाले स्टूडेंट्स में अनुशासन की कमी देखने को मिलती है। इस कारण उनका फिक्स्ड टाइम टेबल भी नहीं बन पाता है।

ऑफलाइन कोचिंग के फायदे और नुकसान

अब हम बात करेंगे ऑफलाइन कोचिंग के बारे में। यह पारंपरिक कोचिंग है जो सदियों से चली आ रही है। आज भी स्टूडेंट्स को प्रॉपर तरीके से पढ़ाने में इसी को ही आधार माना जाता है। JEE और NEET के एग्जाम में सलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स ऑफलाइन कोचिंग ही ले रहे होते हैं।

हालाँकि समय में होते बदलाव को देखते हुए अब ऑफलाइन कोचिंग ने भी अपने आप को बहुत अपडेट कर लिया है। इसके लिए बड़े बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट में आधुनिक तकनीक की सहायता से पढ़ाया जाता है। स्टूडेंट्स की ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई जाती है और उन्हें सभी तरह का स्टडी मटेरियल ऑनलाइन भी उपलब्ध करवाया जाता है।

आइए अब हम ऑफलाइन कोचिंग के क्या कुछ फायदे होते हैं और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं, इसके बारे में जान लेते (Online Coaching Best Hai Ya Offline In Hindi) हैं।

ऑफलाइन कोचिंग के फायदे

  • ऑफलाइन कोचिंग में आप टीचर के सामने बैठकर किसी टॉपिक को समझते हैं। इससे आपको रियल टाइम में वह समझ में आता है और वो भी अच्छे से।
  • टीचर के सामने बैठकर कोचिंग लेने से आप बीच-बीच में उनसे अपने डाउट पूछ सकते हैं। अगर डाउट साथ के साथ क्लियर होते हैं तो स्टूडेंट कहीं पर भी अटकता नहीं है।
  • इस तरह की कोचिंग स्टूडेंट में अनुशासन की भावना को भी जागृत करती है। समय पर क्लास में आना, वहाँ पर अनुशासन में बैठना और टीचर का सम्मान करना, उसे एक सही दिशा में आगे ले जाता है।
  • ऑफलाइन पढ़ने से स्टूडेंट को टीचर का व्यक्तिगत मार्गदर्शन अर्थात पर्सनल गाइडेंस मिलती है। वह अपने सीनियर के साथ भी जुड़ता है और उसे कई तरह की एक्सपर्ट गाइडेंस भी मिलती है।
  • रेगुलर क्लास में जाकर वह अपने लिए एक सही माहौल बनाता है। इसे हम स्टूडेंट के लिए समर्पित अध्ययन माहौल भी कह सकते हैं जो JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करने के लिए बहुत जरुरी माना जाता है।
  • ऑफलाइन कोचिंग में स्टूडेंट क्लास में अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी संपर्क में आता है। इसका फायदा यह मिलता है कि वे ग्रुप स्टडी कर सकते हैं, आपस में अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

ऑफलाइन कोचिंग के नुकसान

  • इसका पहला नुकसान यह है कि इसमें आपको एक फिक्स टाइम में क्लास में जाना होता है। यदि आप टाइम पर नहीं पहुँचते हैं तो आप उस लेक्चर या टॉपिक को मिस कर देते हैं।
  • हालाँकि मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस सीकर जैसे बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट अपने सभी लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग स्टूडेंट्स को उपलब्ध करवाते हैं।
  • ऑफलाइन कोचिंग ऑनलाइन कोचिंग की तुलना में थोड़ी खर्चीली होती है। वह इसलिए क्योंकि ऑनलाइन कोचिंग तो आप अपने घर बैठे ले सकते हैं लेकन ऑफलाइन कोचिंग के लिए आपको इंस्टीट्यूट तक रोजाना आना जाना होता है।
  • वहीं आप दूसरे शहर में कोचिंग लेने जा रहे हैं तो वहाँ रहने, खाने-पीने, यात्रा करने इत्यादि का खर्चा भी उठाना पड़ता है। हालाँकि इससे आप अपने JEE और NEET के एग्जाम को और सीरियस लेकर पढ़ते हैं।

ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग: आपके लिए क्या है बेहतर?

अब जब आपने ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) के बारे में इतना सब जान लिया है तो अब बात करते हैं आपकी। आपके लिए दोनों में से कौन सा बेहतर हो सकता है और किस तरह की कोचिंग लेने से आपकी JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करने की संभावना बढ़ जाएगी!!

दरअसल जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि आज के समय में ऑफलाइन कोचिंग भी बहुत आधुनिक हो गई है। कुछ कुछ टॉप लेवल के JEE और NEET इंस्टीट्यूट ने तो ऑफलाइन कोचिंग में भी ऑनलाइन कोचिंग के सभी फायदे डाल दिए हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो जो फायदे ऑनलाइन कोचिंग में देखने को मिलते हैं, या जो नुकसान ऑफलाइन कोचिंग के होते हैं, उन्हें दूर करने का काम किया है।

सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी हो या कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, इसमें सबसे आगे है। उसके बाद के कुछ इंस्टीट्यूट के नाम सीकर का प्रिंस व गुरुकृपा, दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि है। आइए जानते हैं कैसे यह सभी इंस्टीट्यूट ऑफलाइन कोचिंग को एक नई उड़ान दे रहे हैं।

  • ऑफलाइन कोचिंग ले रहे किसी स्टूडेंट का लेक्चर या क्लास मिस हो जाती है तो उसको टेंशन लेने की कोई जरुरत नहीं है। वह इसलिए क्योंकि लेक्चर की लाइव रिकॉर्डिंग की जाती है और फिर स्टूडेंट के साथ ऑनलाइन शेयर कर दी जाती है। इससे वह बाद में भी उस लेक्चर को सुन सकता है।
  • यह लाइव रिकॉर्डिंग सभी स्टूडेंट्स के साथ शेयर की जाती है। इससे जिन स्टूडेंट्स ने क्लास अटेंड भी की थी लेकिन उन्हें उस लेक्चर को फिर से सुनना है तो वह उस वीडियो को देख सकता है।
  • इस तरह से सभी स्टूडेंट्स की रिवीजन भी हो जाती है। कई बार ऐसा होता है कि कोई चीज़ पहली बार में नहीं समझ आती है, ऐसे में उसी चीज़ को दोबारा देखने पर वह क्लियर हो जाती है।
  • अब जो ज्यादा खर्चे का चक्कर था, वह भी इन संस्थानों ने कवर किया है। जब हमने सभी टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट की फीस की आपस में तुलना की तो मैट्रिक्स सीकर और आकाश दिल्ली सबसे सही निकले।
  • इन दोनों ही इंस्टीट्यूट में ली जा रही फीस दी जा रही फैसिलिटी की तुलना में बाकियों से बहुत कम थी। इतना ही नहीं, मैट्रिक्स तो बारहवीं में अच्छे नंबर लाने वाले या उनका इंटरनल एग्जाम अच्छे से पास करने वाले स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप भी ऑफर करता है।
  • इसी के साथ ही सभी टॉप इंस्टीट्यूट के द्वारा ऑनलाइन सभी तरह का मटेरियल उपलब्ध करवाया जाता है। जिस प्रकार ऑनलाइन कोचिंग के लिए स्टडी मटेरियल ऑनलाइन दिया जाता है, ठीक उसी तरह ये सभी ऑफलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट भी इसे ऑनलाइन उपलब्ध करवाते हैं।
  • इसी के साथ ही क्लासेज में भी लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है। इसके तहत तरह तरह के प्रॉप्स, प्रोजेक्टर, लाइव, एक्सपर्ट गाइडेंस, सलेक्टेड स्टूडेंट्स की तकनीक इत्यादि का सहारा लिया जाता है।

निष्कर्ष

हमने आपको ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग (Online Coaching Vs Offline Coaching) के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। अब यदि आप इस बारे में हमारी राय पूछना चाहते हैं तो हमने तो यही निष्कर्ष निकाला है कि यदि किसी स्टूडेंट को जल्द से जल्द और अच्छी रैंक के साथ JEE और NEET का एग्जाम क्रैक करना है तो उसके लिए ऑफलाइन कोचिंग ज्यादा बेहतर विकल्प है।

ऑनलाइन कोचिंग में अनुशासन, टाइमटेबल, अपडेट, डाउट क्लियर, एक्सपर्ट गाइडेंस इत्यादि का बहुत बड़ा गैप या अभाव देखने को मिलता है। वहीं ऑफलाइन कोचिंग आपको अनुशासन में रखेगी और टीचर व इंस्टीट्यूट के द्वारा आपको हर पल मॉनिटर किया जाएगा।

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