JEE की तैयारी कैसे करें? जाने JEE की तैयारी के लिए टिप्स
आज के समय में यदि किसी को इंजीनियरिंग करनी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) है तो उसके पास एक नहीं बल्कि कई तरह के विकल्प होते हैं। इनमें से कुछ फेमस ऑप्शन सॉफ्टवेयर, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इत्यादि है। वैसे तो इसमें दर्जनों विकल्प होते हैं लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स के द्वारा इन्हीं चार से पांच इंजीनियरिंग का चुनाव किया जाता है।
अब यह स्टूडेंट की पसंद और स्किल्स पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की इंजीनियरिंग करना चाहता है। हालाँकि हर स्टूडेंट की पहली पसंद टॉप लेवल के IIT में एडमिशन लेना होता है। भारत देश में यदि हम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए IIT का नाम ही सबसे पहले लिया जाता है। उन IIT में से भी कुछ गिनी चुनी IIT के नाम पहले आते हैं जैसे कि दिल्ली, मद्रास, रुड़की, खड्गपुर इत्यादि के IIT संस्थान।
अब यदि आपको इंजीनियरिंग करने के लिए इन IIT में सिलेक्शन करवाना है तो उसके लिए आपको JEE की तैयारी करनी होगी। JEE की फुल फॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (Joint Entrance Examination) होती है। इसके लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare In Hindi) करते हैं लेकिन सिलेक्शन कुछ हज़ार स्टूडेंट्स का ही हो पाता है।
अब यदि आपको भी JEE की तैयारी करनी है तो आज हम आपकी पूरी मदद करेंगे। आज हम आपको बताएँगे कि JEE की तैयारी कैसे की जाती है और उसके लिए आपको अभी से ही क्या कुछ करने की जरुरत है। आइए जाने JEE की तैयारी करने की टिप्स।
JEE की तैयारी कैसे करें?
JEE का एग्जाम हर वर्ष एक बार ही आयोजित किया जाता है। इसके तहत देशभर की IIT में एडमिशन लिया जाता है। फिर वे सभी स्टूडेंट्स अगले 4 वर्ष के लिए अपनी स्पेसिफिक स्ट्रीम में इंजीनियरिंग पढ़ते हैं और अंत में उसकी डिग्री लेते हैं। ऐसे में यदि आपको IIT में एडमिशन लेना है तो उसके लिए अभी से ही JEE की तैयारी शुरू कर देनी होगी।
कुछ स्टूडेंट्स तो दसवीं के साथ ही या उसके बाद JEE की तैयारी में लग जाते हैं तो कुछ बारहवीं या उसके बाद इसकी तैयारी शुरू करते हैं। आप जितना जल्दी JEE की तैयारी शुरू करेंगे, उतना ही जल्दी सिलेक्शन भी होगा और वो भी अच्छे रैंक के साथ।
ऐसे में नीचे हम आपको एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 ऐसी टिप्स देने जा रहे हैं जो JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) करने और टॉप रैंक लाने में आपकी बहुत मदद करने वाली है। आइए जाने JEE की तैयारी कैसे की जा सकती है।
#1. JEE एग्जाम का पैटर्न समझें
सबसे पहले जो काम करने की जरुरत है वह है JEE के एग्जाम पैटर्न को समझने की। वैसे तो इसमें वही सब्जेक्ट्स होते हैं जो आपने अपनी बारहवीं की पढ़ाई के दौरान पढ़े थे। नॉन मेडिकल स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स को अपनी 11वीं और बारहवीं क्लास की पढ़ाई के दौरान फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स व इंग्लिश पढ़ाई जाती है। वही सब्जेक्ट्स JEE के एग्जाम में पूछे जाते हैं, सिर्फ इंग्लिश को छोड़कर।
हालाँकि फिर भी आपको JEE एग्जाम पैटर्न को समझने की जरुरत है। जैसे कि इसमें किन टॉपिक्स पर ज्यादा जोर दिया जाता है, किससे कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, वे प्रश्न किस तरह के होते हैं, उनके कितने नंबर मिलते हैं, गलत उत्तर देने पर कितने नंबर कटते हैं, इत्यादि। ऐसे ही आपको JEE एग्जाम के पूरे पैटर्न को समझने की जरुरत है ताकि बाद में चलकर कोई दिक्कत ना होने पाए।
#2. स्कूल टाइम से ही तैयारी करें
अगर आप स्कूल टाइम से ही JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Karen) करना शुरू कर देंगे तो इससे आपको बहुत मदद मिल जाएगी। अब तो टॉप लेवल के स्कूल भी अपने यहाँ पढ़ रहे स्टूडेंट्स को स्पेशल कोर्स के तहत JEE की तैयारी पहले से ही करवाने लग गए हैं। इससे स्टूडेंट्स को भी बहुत मदद मिली है।
अब आप चाहे सीकर के फेमस स्कूल मैट्रिक्स हाई स्कूल को ही ले लीजिए। वहाँ पर दसवीं क्लास से ही बच्चों को फाउंडेशन कोर्स की सुविधा दी जाती है। इसके तहत उन्हें दसवीं से लेकर बारहवीं क्लास तक नॉर्मल स्टडी तो करवाई ही जाती है, इसी के साथ ही उनका स्टडी मटेरियल कुछ इस तरह का होता है कि वे साथ के साथ JEE की तैयारी भी कर रहे होते हैं।
ऐसी ही सुविधा कुछ अन्य टॉप लेवल के स्कूल्स में भी दी जा रही है। इससे होता क्या है कि स्टूडेंट अपनी दसवीं से बारहवीं की पढ़ाई तो कर ही रहा होता है और साथ ही JEE की तैयारी भी होती चली जाती है। एक तरह से हम इसे एडवांस लर्निंग कह सकते हैं। इससे आगे चलकर उसका JEE में सिलेक्शन होने और अच्छी रैंक लाने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
#3. कमजोर सब्जेक्ट्स पर फोकस करें
JEE की तैयारी करनी है तो आपको अपने कमजोर सब्जेक्ट्स या टॉपिक्स पर ध्यान देने की जरुरत है। अब कोई स्टूडेंट फिजिक्स में तो अच्छा होता है लेकिन केमिस्ट्री के कॉन्सेप्ट उसे देर से क्लियर होते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स के साथ उल्टा होता है। अब यह भी जरुरी नहीं है कि किसी स्टूडेंट को फिजिक्स के सभी टॉपिक ही आसान लगते हो।
ऐसा भी हो सकता है कि किसी स्टूडेंट को फिजिक्स का कोई टॉपिक बहुत ही सरल लगता है तो दूसरा टॉपिक बहुत मुश्किल। इसलिए जो भी आपके कमजोर सब्जेक्ट या टॉपिक हैं, आपको उन पर मुख्य तौर पर ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा करके ही आप JEE की तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं।
#4. एक स्टडी प्लान जरुर बनाएं
यदि आप जल्द से जल्द JEE में अपना सिलेक्शन करवाना चाहते हैं तो उसके लिए एक मजबूत और प्रभावी स्टडी प्लान बनाए जाने की जरुरत है। इसके लिए आप अपने सीनियर, सेलेक्ट हो चुके स्टूडेंट्स, स्कूल इत्यादि की भी सहायता ले सकते हैं।
यहाँ स्टडी प्लान का मतलब हुआ, आप कब किस तरह के टॉपिक को पढ़ेंगे, उनकी कितनी बार रिवीजन करेंगे, उसके लिए कौन सी बुक पढ़ेंगे इत्यादि। बाजार में आपको अलग अलग ऑथर की अलग अलग बुक पढ़ने को मिल जाएगी। ऐसे में आप किसे चुनेंगे और क्यों, यह भी एक बड़ा प्रश्न है।
किसी स्टूडेंट को किसी ऑथर की बुक अच्छे से समझ में आती है तो किसी को दूसरे की। ऐसे में आपको ही यह निर्णय लेना है कि आपका स्टडी प्लान किस तरह का होगा और आप उस पर कैसे आगे बढ़ेंगे।
#5. JEE की कोचिंग लें
JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) करने के लिए सही कोचिंग का चुनाव किया जाना भी बहुत जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि एक सही कोचिंग सेंटर आपको अपडेटेड रखेगा, टॉप लेवल का स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवाएगा और इतना ही नहीं, वहाँ के टीचर्स भी अनुभवी और स्टूडेंट्स के साथ बेहतर संवाद करने वाले होंगे। इसी के साथ वे आपको टॉप लेवल की फैसिलिटी भी उपलब्ध करवाते हैं जो JEE में सिलेक्शन करवाने के लिए बहुत जरुरी होती है।
अब अगर हम देशभर में JEE के टॉप लेवल के कोचिंग सेंटर की बात करें तो उसमें सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी और प्रिंस इंस्टीट्यूट आते हैं। वहीं कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की रेजोनेंस अकैडमी भी अच्छे विकल्प हैं। हालाँकि आज के समय में मैट्रिक्स अकैडमी इस लिस्ट में टॉप पर बनी हुई है। वह इसलिए क्योंकि स्टूडेंट टीचर रेश्यो और सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट के रेश्यो के हिसाब से यह टॉप पर है।
कहने का मतलब यह हुआ कि मान लीजिए एलन में 5 हज़ार स्टूडेंट्स JEE की तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 500 स्टूडेंट्स सेलेक्ट होते हैं, वहीं मैट्रिक्स में 2 हज़ार स्टूडेंट्स इसकी तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 300 स्टूडेंट्स का सिलेक्शन होता है तो मैट्रिक्स का सक्सेस रेट एलन से कहीं ज्यादा बेहतर है। ऐसे में आपको अपने लिए बेहतर कोचिंग का चुनाव करना होगा जो आपका भविष्य बनाने में मददगार होगा।
#6. लगातार नोट्स बनाते रहें
अक्सर देखने में आता है कि उन स्टूडेंट्स का JEE में सिलेक्शन जल्दी हो जाता है जो हर दिन अपने नोट्स बनाते रहते हैं। वह इसलिए क्योंकि आखिरी समय में यही नोट्स ही आपकी मदद करते हैं। ऐसे में आप हर दिन जो कुछ भी पढ़ रहे हैं, उससे संबंधित नोट्स बनाना बिलकुल ना भूलें।
अब अगर आप सोचते हैं कि आप दूसरों के नोट्स को कॉपी करके काम चला लेंगे तो यह आपकी भूल है। हर स्टूडेंट के नोट्स अलग होते हैं और वह उसे अपनी तैयारी के अनुसार ही बनाता है। ऐसे में आपके नोट्स आपकी तैयारी को सही तरीके से करवाने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें बनाना बिल्कुल भी ना भूलें।
#7. पहले के प्रश्नपत्र सोल्व करें
JEE का एग्जाम आज से नहीं हो रहा है, बल्कि इसे तो कई दशक हो गए हैं। ऐसे में आपको JEE का एग्जाम देना है तो उसके लिए जरुरी है, पिछले और उससे पिछले वर्ष के JEE एग्जाम पेपर को देखना और उन्हें सोल्व करना। इससे आपको इस वर्ष के JEE एग्जाम के पैटर्न को समझने और उसके हिसाब से तैयारी करने में बहुत मदद मिलेगी।
इसके लिए आप पुराने JEE एग्जाम पेपर को तो सोल्व करे ही बल्कि साथ ही नए प्रश्न पत्रों को भी सोल्व करते रहें। आज के समय में हर टॉप लेवल का कोचिंग सेंटर अपने स्टूडेंट्स को मॉक टेस्ट की सुविधा देता है और वह भी हर सप्ताह और महीने। इसलिए आपको भी इन्हें समय-समय पर देते रहना चाहिए जिससे आपकी स्पीड और ज्यादा तेज होती जाए।
#8. अपने डाउट हमेशा क्लियर करें
JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Kare In Hindi) कर रहे स्टूडेंट्स को अपने डाउट भी हर दिन क्लियर करवाने चाहिए। अगर आपके डाउट पेंडिंग रहते हैं तो आप आगे की तैयारी सही से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में समय रहते डाउट को सोल्व करवा लिया जाए तो इससे आपको आगे तैयारी करने में मदद मिलती है।
मैट्रिक्स जैसे कोचिंग संस्थान इसके लिए अलग से डाउट सेंटर की सुविधा देते हैं। आप वहाँ जाकर कभी भी अपने डाउट क्लियर करवा सकते हैं। मैट्रिक्स अकैडमी का रिजल्ट अच्छा जाने का यह भी एक बहुत बड़ा कारण है। अगर स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ-साथ उनके डाउट भी जल्दी क्लियर करवा दिए जाते हैं तो इससे उनकी JEE की तैयारी और मजबूत होती है।
#9. मेंटल प्रेशर ना लें
यह एक ऐसा पॉइंट है जिस पर बहुत से स्टूडेंट्स ध्यान नहीं देते हैं। उन्हें लगता है कि वे जितना कम सोएंगे और ज्यादा समय पढ़ाई करने में लगाएंगे, उतनी जल्दी उनका सिलेक्शन होगा। दरअसल इससे होता क्या है कि स्टूडेंट इफेक्टिव तरीके से नहीं पढ़ पाता है और उसके कॉन्सेप्ट भी देरी से क्लियर होते हैं।
इसलिए आपको अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की जरुरत है। ऐसे में समय-समय पर करियर काउंसलिंग लेना, एक्सपर्ट गाइडेंस में रहना भी बहुत जरुरी होता है। मैट्रिक्स और रेजोनेंस अकैडमी में इस पर खासतौर पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए स्टूडेंट के समय-समय पर अलग से लेक्चर लिए जाते हैं, सलेक्टेड स्टूडेंट्स के सेशन लगवाए जाते हैं और टीचर्स का संवाद भी करवाया जाता है।
#10. प्रैक्टिस को कभी ना छोड़ें
मान लीजिए आप एक महिना बहुत जोरदार तरीके से पढ़ते हैं और फिर अगले महीने इसमें ढील बरत देते हैं, फिर अगले महीने और जोरदार तरीके से पढ़ते हैं। ऐसा करने से आप अपना ही नुकसान कर रहे होते हैं क्योंकि JEE की तैयारी (JEE Ki Taiyari Kaise Karen) कभी भी ऐसे नहीं होती और ना ही इससे आपका सिलेक्शन हो पाएगा। हो भी गया तो आपकी अच्छी रैंक नहीं आएगी और आपको टॉप लेवल का IIT नहीं मिल पाएगा।
इसलिए अपनी पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करते रहने होगी, जो पहले पढ़ा हुआ है उसकी रिवीजन करनी होगी, इत्यादि। इससे आप जल्दी आगे बढ़ पाते हैं और अपनी तैयारी को मजबूत बनाते हैं।
निष्कर्ष
इस तरह से आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने JEE की तैयारी करने की टिप्स (JEE Ki Taiyari Kaise Kare) जान ली है। इन सभी टिप्स में यह जान लें कि यदि आपने सही कोचिंग का चुनाव कर लिया तो आधा काम तो आपका ऐसे ही हो गया। बाकी का आधा काम आपकी अपनी सेल्फ स्टडी पर डिपेंड करेगा।
ऐसे में आपको टॉप लेवल की अकैडमी से JEE की कोचिंग लेनी चाहिए। एक सही JEE अकैडमी आपका भविष्य उज्जवल बना सकती है। इसलिए कोचिंग का चुनाव करते समय सावधानी बरतें और उसी के अनुसार ही आगे बढ़ें।
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