छात्रों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

हम सभी को पता है कि इस दुनिया में एक ऐसी चीज है जो सबके पास बराबर है वह है, “समय” सबके पास दिन के 24 घंटे होते है यह न किसी के पास कम होते है और न ही किसी के पास ज्यादा। लेकिन इसमें छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जो है, वह है कि छात्र उन उपलब्ध 24 घंटों का उपयोग कैसे करते है, इस उपयोगी विभाजन को ही हम समय प्रबंधन (Time Management) कह सकते है।
विद्यार्थी जीवन में समय का प्रबंधन करना कभी कभी एक बोझ की तरह लगता है, जो कभी खत्म नहीं होता है। रोजमर्रा के कार्यों का दबाव उन्हें थका देता है और उन्हें आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। इसके लिए हमने समय प्रबंधन विशेषज्ञों, और एक्सपर्ट्स से राय ली। उन्होंने बताया कि यह समस्या तैयारी के दौरान प्रत्येक सीरियस विद्यार्थी के सामने आती है। उन्होंने हमें इस समस्या से बाहर निकलने का तरीका बताया जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को और सुधार सकता है। यह लेख छात्रों के लिए समय प्रबंधन कौशल (Time Management Skills) को बेहतर बनाने हेतु लिखा गया है, साथ ही इसमें छात्रों के लिए समय प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की गई है।
आईए पहले समय प्रबंधन को लेकर जो मूल बातें है, वो जान लें….
समय प्रबंधन क्या है? (What is Time Management?)
समय प्रबंधन का सीधा सरल अर्थ है “समय का उचित प्रबंधन और व्यवस्थित विभाजन करके समय को काम में लेने की कला सीखना” ताकि निर्धारित समय – सीमा के बीच कार्य पूरा हो सके। छात्र जीवन के इस कीमती समय को व्यवस्थित रूप से उपयोग में लेने पर यह निर्धारित हो जाता है कि अब आगे चलकर उनका जीवन कैसा होगा। यह सच्चाई कठिन प्रतिस्पर्धात्मक तैयारी करने वाले छात्रों के लिए और मायने रखती है जो NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है।
विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता होती है। छात्रों को अपना शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर करने का दबाव होता है जो उन्हें सिखाती है कि आपका समय प्रबंधन सबसे बेहतर होना चाहिए। जब कोई छात्र समय प्रबंधन की यात्रा में आगे बढ़ता है, तो वह स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने में सक्षम हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उनके किए गए कार्यों के आउटपुट बढ़ेंगे, उनका शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा, स्कूली छात्रों के ग्रेड बढ़ेंगे और वे समय पर पूरा कार्य करेंगे तो हर लिहाज से बेहतर छात्र बनेंगे।
छात्रों के लिए समय प्रबंधन क्यों जरूरी हैं?
समय हर विद्यार्थी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके बिना कोई भी छात्र प्रगति नहीं कर सकता। समय का सदुपयोग उन्हें एक उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है जो उन्हें शैक्षणिक उपलब्धियां पाने में मदद करता है। NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कभी कभी ऐसा लगता है कि समय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि, इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा होता है और परीक्षाएं नीयत समय पर पहले ही निर्धारित होती है। इन विद्यार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित करना चुनौती बन जाता है और वे समय प्रबंधन की कमी के चलते यह समझ पाने में असफल हो जाते है कि समय उनके अनुकूल क्यों नहीं है।
मैट्रिक्स संस्थान सीकर के विशेषज्ञों का कहना है कि विद्यार्थी को बिना सोचे समझे फैसले लेने से बचना चाहिए, समय बचाना और उसका प्रबंधन करना एक ऐसा कदम है, जिसका पालन छात्रों को स्वेच्छा से करना चाहिए। पल भर में लिए गए फैसलों या खराब परीक्षा परिणाम पर पछताने से बेहतर है कि आपके पास पर्याप्त चिंतन के लिए पर्याप्त समय और कौशल हो।
छात्रों के लिए समय प्रबंधन करने के तरीक़े (Top Time Management Tips For Students)
NEET UG, JEE Main और Advanced, तथा अन्य कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र जाने माने विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और कोचिंग संस्थानों के प्रसिद्ध शिक्षकों के निम्न तरीकों को अपना सकते है। JEE या NEET का टाइम मैनेजमेंट अगर सही तारीख से किया जाए तो आप सफलता के एक कदम करीब जाते हैं। दिये गये तरीक़े निश्चित रूप से अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को सुधारने वाले छात्रों के लिए उपयोगी होंगे:
1. लक्ष्य निर्धारित करें
छात्र अपने समय का प्रबंधन करने से पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें। यह लक्ष्य अलग अलग विद्यार्थियों के लिए अलग अलग हो सकता है, जैसे किसी विद्यार्थी को NEET UG या JEE परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करना हो सकता है, किसी स्कूली विद्यार्थी को अपने स्कूल में शीर्ष ग्रेड पाना हो सकता है इत्यादि। अगर छात्र अपने लक्ष्यों का निर्धारण करके अपना समय प्रबंधन करता है तो उसे बीच – बीच में आने वाली भटकाव स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है। दैनिक दिनचर्या के कार्यों का निर्धारण करने से आप केंद्रित ध्यान से तैयारी कर सकते है।
वर्तमान समय में ऐसे कई ऐप हैं जिन्हें डाउनलोड करके छात्र अपने समय को व्यवस्थित कर सकते है और देख सकते है, कि किस जगह आपने अपना समय व्यतीत किया है। इसमें आपकी मदद मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शिक्षक भी कर सकते है।
2. समय सीमा का कैलेंडर रखें
वर्तमान समय में ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन का समय निश्चित होता है। NEET UG, JEE और CLAT जैसी परीक्षाएं भारत की प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से है। इन परीक्षाओं में छात्र शीर्ष रैंक हासिल करने के लिए प्रयासरत होता है। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम विशाल होता है जिससे इनका कठिनाई स्तर और बढ़ जाता है। इसके चलते इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दबाव और तनाव में होते है। लेकिन अगर आप समय प्रबंधन करने के सर्वोत्तम तरीकों का पालन कर रहे है तो ऐसा नहीं होगा।
एक नियमित कैलेंडर रखने से आपको अपने निर्धारित कार्यों की झलक पहले ही मिल जाती है। जिससे आप स्पष्ट प्राथमिकताओं के साथ पढ़ाई कर सकते है, और अपने दैनिक कार्यों के लिए समय निर्धारित कर सकते है। अगर छात्र एक सुव्यवस्थित कैलेंडर नहीं बनाते है तो इन परीक्षाओं में असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
3. अपने लिए रिमाइंडर सैट करें
छात्र कैलेंडर बनाने के बाद समय – समय पर अपने निर्धारित लक्ष्य खुद को याद दिलाते रहें, ताकि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित हो सकें। जैसे दिन की शुरुआत में आपको कोचिंग क्लास लेनी है?, प्रश्न हल करने है? या फिर NCERT पुस्तकों से थ्योरी पढ़नी है। सभी विषयों को तय समय पर पूरा करना जरूरी है, लेकिन पूरे हुए की, नहीं हुए जानना भी उतना ही जरूरी हैं। छात्र रिमाइंडर सैट करने के लिए डिजिटल उपकरणों की सहायता ले सकते है या फिर अपने कैलेंडर पर मार्कर से मार्क कर सकते है। यह रिमाइंडर आपको सोते समय दिनभर में हुई पढ़ाई के बारे में अवगत करवा देते है। जिससे छात्र दूसरे दिन की पढ़ाई को लेकर और अधिक उत्सुक होते है।
4. यथार्थवादी बनें (Stay Realistic)
कई तैयारी करने वाले छात्र कम समय में ही अपनी पूरी तैयारी करने की चाह रखते हैं, लेकिन याद रखें NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी परीक्षाओं में बारीक़ से बारीक़ अवधारणाओं को गहनता से सीखने की आवश्यकता होती है, इसलिए छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए ऐसी योजना बनानी चाहिए जो वास्तव में की जा सके। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए कि तैयारी शुरू करते समय आप तेजी से चीजों को कवर करने की कोशिश करे, और कुछ समय बाद ही ढीलें पड़ जाएं। आपको बेहतर परिणाम पाने के लिए धीरे धीरे लगातार प्रयासरत रहना होगा।
5. पढ़ाई के लिए समय सारणी बनाएं (Study Time Table)
परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय प्रबंधन के साथ सबसे जरूरी जो चीज है वह है, योजनाबद्ध तरीके से एक सुव्यवस्थित समय सारणी बनाकर उसका नियमित रूप से अनुसरण करना। छात्र इस प्रकार से अपनी एग्जाम के हिसाब से अपनी समय सारणी बना सकते है-
(क) अपने Syllabus (पाठ्यक्रम) को समझें
स्टडी टाइम टेबल बनाने से पहले जरूरी हैं कि छात्र अपनी एग्जाम के सिलेबस को अच्छी तरह से समझें। इसके लिए यह करें:
- सभी विषयों की लिस्ट बनाएं,
- अपने एग्जाम के कठिन और आसान टॉपिक्स अलग अलग करें,
- उन विषयों पर अतिरिक्त ध्यान दें जिनमें आपकी पकड़ अच्छी नहीं है,
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र देखें ताकि परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण टॉपिक्स को पहचान सकें।
(ख) अपने पढ़ाई के लक्ष्य तय करें
हर दिन के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करें। उदाहरण के लिए:
- सुबह: गणित के कठिन अध्यायों को सीखने पर ध्यान दें।
- दोपहर: विज्ञान या अन्य विषय को पढ़ें।
- शाम: आपके एग्जाम का अन्य कोई विषय जिसको टाला न जा सकें।
(ग़) पढ़ाई का सही समय चुनें
हर विद्यार्थी का पढ़ने का तरीका अलग होता है,लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सुबह सुबह पढ़ना सबसे अच्छा होता है।
- सुबह (4 AM – 7 AM): दिमाग फ्रेश रहता है, कठिन विषयों को पढ़ने के लिए सबसे अच्छा समय होगा।
- दोपहर (2 PM – 5 PM): आसान विषयों के लिए या फिर स्कूल, कोचिंग में पढ़े हुए का रिवीजन करें।
- शाम (8 PM – 10 PM): यह समय महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग कर उनके प्रश्न हल करने और शॉर्ट नोट्स बनाकर याद करने का सबसे अच्छा समय होता है।
(घ) 40 – 50 मिनट का स्टडी सैशन बनाएं
- विशेषज्ञों के मुताबिक 3 – 4 घंटे लंबी पढ़ाई करना छात्रों को जल्दी थका सकता है। ऐसा करने के बजाय छात्रों को 40 – 50 मिनट का स्टडी सत्र बनाना चाहिए और प्रत्येक 50 मिनट बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। ऐसा करने पर छात्र की ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ जाती है।
IIT JEE और NEET की तैयारी करने वाले छात्र अपनी समय सारणी इस प्रकार से भी बना सकते है। यह उन छात्रों के लिए उपयुक्त है, जिन्होंने एकीकृत स्कूल + कोचिंग, या केवल कोचिंग करते हैं। इसके साथ ही यह समय-सारिणी IIT ड्रॉपर्स या NEET रिपीटर्स छात्रों के लिए भी बिल्कुल सटीक है।
| समय | गतिविधि/कार्य | कार्य जो करने है |
| सुबह 5 बजे | सुबह के रोजमर्रा के काम | 5 से 6 बजे के बीच हर हाल में उठें। |
| सुबह 6:00 – 6:30 बजे उठने के बाद | हल्की-फुल्की गतिविधियाँ दैनिक रूप में करें | ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम, हल्की स्ट्रेचिंग और योग करें। |
| सुबह 6:30 – 7:30 | स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 1 | पिछले दिन का पुनरावलोकन कर सकते हैं, संशोधित विषयों के संदेह और नोट्स नोट पढ़ सकते हैं, और दिन के किसी भी महत्वपूर्ण विषय को इस घंटे में पूरा कर सकते हैं। |
| सुबह 7:30 – 8:00 बजे | नाश्ता | स्वस्थ आहार पर ध्यान दें, इससे ऊर्जा बढ़ेगी। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो सुस्ती पैदा करते हैं। |
| सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक | स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 2 | सुबह का समय नई अवधारणाओं को सीखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, और यह दिन का ज्यादा उत्पादक समय होता है। इस समय सैद्धांतिक अवधारणाओं वाले विषयों को अधिक से अधिक पढ़ें। |
| सुबह 11:00 – 11:30 बजे | पढाई के दौरान ब्रेक लें | ब्रेक का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक तरीके से करें। हल्की स्ट्रेचिंग करना, हल्का टहलना या दोस्तों से बातें करना। |
| सुबह 11:30 – दोपहर 1:30 बजे | स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 3 | पहले जिस विषय की अवधारणाएं पढ़ी उसके अभ्यास प्रश्न करें, उस टॉपिक से संबंधित पिछले सालों के प्रश्नो को हल करें इसके अलावा अपनी कोचिंग द्वारा दिए गए अभ्यास प्रश्न भी कर सकते है। |
| दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक | दोपहर का भोजन (Lunch) | दोपहर का भोजन करें। थोड़ी देर की झपकी लें (20-25 मिनट)। थोड़ी देर की झपकी पढ़ने की क्षमता बढ़ाएगी और दिमाग को आराम देती है। |
| दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक | कोचिंग का समय या फिर Self Study | कक्षा में उपस्थित रहें, नोट्स बनाएँ और आवश्यक प्रश्न पूछें। कोचिंग के दौरान किए जा सकने वाले कार्यों को बाद के लिए न रखें,उन्हें उसी दिन पूरा करें। |
| शाम 5:30 – 6:00 बजे | पढाई के दौरान ब्रेक लें | टहलने, खेलकूद या गेम खेलने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ करें। फ़िल्में देखने से बचें। |
| शाम 6:00 – 8:00 बजे | स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 4 | अपनी कोचिंग में पढाई गई चीजों को पुरे ध्यान से याद करें और उन्हें दोहराएं। |
| रात्रि 8:00 बजे से 8:30 बजे तक | रात का खाना खाएं | खानें के तुरंत बाद थोड़ी देर टहलें। |
| रात्रि 8:30 – 10:30 | स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 5 | रात का समय ज़्यादा सुकून भरा होता है। यह अभ्यास प्रश्न करने, डीपीपी हल करने, टेस्ट और मॉक टेस्ट देने का सबसे अच्छा समय है। अगले दिन की कोचिंग क्लास में पूछे जा सकने वाले किसी भी प्रश्न या शंका को नोट कर लें। |
| रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तक | अगले दिन की योजना बनाना | आज की गलतियों का विश्लेषण करें। अगले दिन के कार्यों की योजना बनाएँ। |
| रात के 11:00 | नींद लें | अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। सोने से एक घंटा पहले फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें। |
अगर छात्र इस प्रकार से अपने समय का सदुपयोग करता है तो वह उन चुंनिदा सफल छात्रों में शामिल हो सकता है, जिन्होंने पिछले सालों में अपनी परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। याद रखें ये समय प्रबंधन के टिप्स और यह Time Table आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है।
6. जरूरत पड़ने पर नहीं कहना
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा तैयारी के दौरान अनावश्यक कार्यों के लिए ‘नहीं कहना” कहना अत्यंत जरूरी है। ऐसा करने पर छात्र अपने सबसे आवश्यक कार्य पढ़ाई करने पर अधिक ध्यान दे, सकते है। जब कोई छात्र अपने लक्ष्य से भटकाने वाली चीजों/कामों के लिए नहीं कहने में सफल हो जाता है तो वह अपने तैयारी जैसे काम में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाता है। जो उसके समय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।
7. उत्पादक घंटों (Productive Hours) के दौरान पढ़ाई करें
प्रत्येक छात्र के उत्पादक घंटे (Productiv Hour) हमेशा एक जैसे नहीं होते है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कोई छात्र शाम के समय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता तो तो उसे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ छात्र दोपहर को नहीं पढ़ पाते उन्हें शाम को देर तक पढ़ना चाहिए। कुछ छात्र सुबह,दोपहर, शाम के बीच निश्चित अंतराल देकर पढ़ते हैं। इसलिए छात्रों के लिए यह निर्धारित करना जरूरी हैं कि वो किस समय अपना बेस्ट दे सकते जहां मिनिमम इनपुट में मैक्सिमम आउटपुट मिल सकें।
8. डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें
वर्तमान समय में सुविधा देने वाले उपरकण बढ़े है जिनसे NEET UG, JEE, CLAT या फिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी अछूते नहीं है। तैयारी करने वाले छात्रों को इन संसाधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब अत्यंत आवश्यकता हो। क्योंकि एक बार इनको प्रयोग में लेने पर छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हटकर अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर जा सकता है। इसलिए इनका उपयोग सोच समझकर ही करना चाहिए।
9. विकर्षणों (Distraction) से बचें
जिस प्रकार से ऊपर हमने विशेषज्ञों से जाना कि वर्तमान समय में डिजिटल उपरकण और संसाधन बढ़े है और इनका अनावश्यक प्रयोग भी बढ़ा है। वर्तमान समय में इनके अलावा भी कई प्रकार के विकर्षण संसाधन बढ़े है जैसे वीडियो गेम्स के लिए साइबर कैफे जाना, अनावश्यक रूप से यू ट्यूब पर ब्लॉग्स देखना या अन्य ऐसा कार्य जिसमें समय का दुरुपयोग हो सकता है। पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने समय का प्रबंधन करने के लिए उपरोक्त विकृषणों से बचना चाहिए ताकि वो अपने मुख्य लक्ष्य पढ़ाई करने पर ध्यान दे सके।
10. स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) अपनाएं।
समय प्रबंधन में अप्रत्यक्ष रूप से स्वस्थ जीवनशैली का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि, पढ़ाई करने वाले छात्र स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो उनके बीमार होने के चांस कम से कम होंगे। इसके लिए छात्रों को स्वस्थ पौष्टिक खान – पान, योग – व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में बढ़ावा देना चाहिए। वरिष्ठ डॉक्टर्स का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। छात्र अगर स्वस्थ रहेगा तो वह पढ़ाई और अपनी तैयारी को सुचारू रूप से चला सकता है और अपने समय का समुचित प्रबंधन कर सकता है।
समय प्रबंधन की 2 सबसे प्रचलित तकनीक
प्रभावी समय प्रबंधन से पढ़ाई ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन में भी संतुलन लाना संभव है। लेख में वो 2 तकनीकी बताई गई है जिनकी बातें तो सब करते है, लेकिन विस्तृत रूप में कोई नहीं बताता है। इन्हें सीखने और अपनाने से न केवल छात्रों को Study Planning बनाने में मदद मिलती है बल्कि पढ़ाई में नियमितता और उत्पादकता (Productivity) भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है।
1. पोमोडोरो तकनीक (Pomodoro Technique)
पोमोडोरो तकनीक उद्यमी और लेखक फ्रांसिस्को सिरिलो द्वारा विकसित की गई थी। इस तकनीक से छात्र अपने दिन प्रतिदिन के कामों को अंतराल (भागों) में विभाजित कर सकते है। प्रत्येक अंतराल को पोमोडोरो कहा जाता है।
यह तकनीकी किस प्रकार काम करती है? सीखनें के लिए इन तरीकों को अपनाए:
- वह कार्य चुनें जिसे आपको पूरा करना है जैसे छात्र को अपने एक दिन में कितनी पढ़ाई पूरी करनी है।
- प्रत्येक विषय के लिए एक टाइमर सैट करें (जैसे आपको फिजिक्स 50 मिनट पढ़ना है, कैमेस्ट्री 50 मिनट पढ़नी है।)
- जिस विषय को आप पढ़ रहें है उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।
- जब टाइमर बज जाए तो अपनी समय सारणी में मार्क कर दीजिए।
- थोड़ा ब्रेक लें ( छात्र 50 मिनट पढ़ने के बाद दिमाग को फ्रैश करने के लिए 10 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में टहल सकते है, चाय – कॉफी ले सकते है या फिर ऐसा कार्य करें जिसमें ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़े)
Pomodoro Technique न केवल छात्रों को समय प्रबंधन सिखाती है, बल्कि यह छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करना भी सिखाती है। छात्र इस तकनीक को अपनाकर अपनी पढ़ाई के दैनिक और सप्ताहिक टास्क बेहतर ढंग से पूरे कर सकते है। छात्रों की इस व्यवस्थित नियमितता से शत प्रतिशत प्रदर्शन सुधरने की संभावना है।
2. पेरेटो विश्लेषण तकनीक (Pareto Analysis Technique)
इसे 80/20 का नियम भी कहा जाता है। इसको विकसित करने का श्रेय महान इतालवी अर्थशास्त्री विल्फ्रेडो पेरेटो को जाता है। इस नियम के अनुसार 20% क्रियाएं 80% परिणामों के लिए जिम्मेदार होती है।
यह तकनीक किस प्रकार काम करती है, जानें:
- छात्र अपनी मुख्य समस्याओं की सूची बनाएं। उदाहरण के लिए आपके किसी विषय के Mock में लगातार कम अंक आ रहे हो।
- छात्र अपने दैनिक दिनचर्या की समस्याओं की वास्तविक जड़ खोजें। जैसे, Mock में कम अंक आने का कारण सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना हो, विषय को कमतर आंकना इत्यादि।
- अब जो सबसे जरूरी काम करना है वह है प्रत्येक समस्या के लिए अंक निर्धारित करें। जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिता रहें और उसका दुष्प्रभाव पड़ रहा इसके लिए आप 10 में से 7 अंक निर्धारित करें।
- छात्र को जो कार्य करने में असफलता मिली उस असफलता के पीछे बने सभी कारणों को एक जगह लिखें। जैसे, क्या आपके Mock में कम अंक केवल सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिताने से आए या अन्य कोई कारण रहा है?
- प्रत्येक समूह को जोड़ें और अब जो सबसे जरूरी काम है वह है सबसे अधिक स्कोर जिस समस्या का आया है उसको अधिक से अधिक सुधारने पर ध्यान दें।
पेरेटो एनालिसिस तकनीक का उपयोग आजकल कई कोचिंग संस्थानों के एक्सपर्ट करते है। जैसे, सीकर की मैट्रिक्स जेईई एकेडमी के स्टूडेंट कॉउन्सलर्स द्वारा इस प्रणाली से विद्यार्थियों को उत्पन्न समय प्रबंधन संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष
समय प्रबंधन में निपुणता आने से छात्र अपनी शैक्षिक योग्यताएं तो सिद्ध करते ही है, इसके अलावा उन्हें जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए भी यह प्रबंधन निपुणता पहले ही तैयार कर देती है। छात्र जीवन में समय प्रबंधन होने से बेहतर तैयारी करने में मदद मिलती है, और परीक्षा के दिन होने वाली अनावश्यक चिंताओं से बचने में सहायता मिलती है। सीकर के प्रसिद्ध संस्थान जैसे Matrix JEE Academy, CLC, Gurukripa, PCP, Allen आदि संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्रों को समय प्रबंधन (Time Management) सिखाने के लिए विशेष तौर पर सैशन चलाए जाते है, जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपना समय प्रबंधन करने में मदद मिलती है।
FAQ’s
Time Management का साधारण अर्थ है, अपने समय का इस तरह से उपयोग करना जिससे आपकी पढ़ाई और दैनिक दिनचर्या संतुलित दृष्टिकोण से पूरी हो जाएं ।
Google Calendar, Notion, Trello, Todoist जैसे App छात्रों के लिए Time Management Apps हो सकते है।
एक सप्ताह का समय व्यवस्थित रूप से लिखें, इसमें आप हर घंटे का रिकॉर्ड बनाएं और देखें कि कहा मैने गैर जरूरी कार्य किया जिससे समय ख़राब हुआ है।
इसके लिए छात्र रोज एक छोटी To – Do list बनाएं। इस लिस्ट में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कार्य को सबसे ऊपर रखें, और इसी अनुरूप अपना कार्य/ तैयारी करें। लेकिन याद रखें डिजिटल उपकरणों से होने वाले डिस्ट्रक्शन से दूरी बनाने के लिए फोन, लैपटॉप के नोटिफिकेशन ऑफ कर दें।
एक छात्र द्वारा सीखकर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए समय प्रबंधन की बड़ी भूमिका होती है। जब छात्र अपने समय का समुचित प्रबंधन कर लेते है तो उन्हें कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई करने पर कठिनाई महसूस नहीं होती है। जबकि इसके विपरीत उनके परिणाम बेहतरीन होते जाते है क्योंकि पढ़ाई में नियमितता आ जाती है।




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