India में सबसे अच्छा Olympiad कौनसा है, यह पूरी तरह व्यक्तिगत रूप से एक छात्र की रुचि और क्षमता पर निर्भर करता है।ओलंपियाड परीक्षाएँ स्कूली छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएँ है, जो उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रारंभिक मंच प्रदान करती है। ये परीक्षाएँ गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान सहित कई विषयों को शामिल करती है और स्कूल स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक, विभिन्न स्तरों पर आयोजित की जाती है। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों की शैक्षणिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होता है, उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है और कौशल क्षमताएँ विकसित होती है।

इस लेख में, हम भारत में स्कूली छात्रों के लिए उपलब्ध लगभग सभी ओलंपियाड परीक्षाओं पर चर्चा करेंगे। यहाँ प्रत्येक ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी, उसमें भाग लेने के लाभ और इन प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए छात्र कैसे तैयारी कर सकते है, जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।

Olympiad क्या है?

ओलंपियाड परीक्षा एक ऐसी प्रतियोगिता है जो बच्चों की तर्कशक्ति, अवधारणा की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता को परखने के लिए आयोजित की जाती है। यह मुख्य रूप से गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर जैसे विषयों में होती है और कक्षा 1 से 12 तक के छात्र इसमें भाग ले सकते हैं। इसमें छात्रों को वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्नों के माध्यम से सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाने का अवसर मिलता है। ओलंपियाड की तैयारी से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी कमजोरियों को पहचाने तथा सुधारने का मौका पाते है।

ओलंपियाड परीक्षा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आयोजित होती है, जो बच्चों को प्रतिस्पर्धा का अनुभव देती है और उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर छात्रवृत्ति, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार भी मिलते हैं, जो उनके शैक्षिक विकास में सहायक होते हैं। यही कारण है कि ओलंपियाड बच्चों के अंदर ज्ञान के प्रति उत्साह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करता है, जिससे वे शिक्षण और करियर दोनों में बेहतरीन प्रगति कर सकते हैं।

भारत के सबसे अच्छे Olympiad की सूचि (Best Olympiad in India)

स्कूली बच्चों के लिए समय समय पर भारत में कई ओलंपियाड परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इनकी अलग अलग विशेषताएं होती है। जैसे, कोई गणित के लिए सर्वश्रेष्ठ है, तो कोई विज्ञान या रसायन विज्ञान विषय के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न विषयों के लिए होने वाले सर्वश्रेष्ठ ओलंपियाड्स की यह सूची हमने मैट्रिक्स हाईं स्कूल सीकर जैसे प्रसिद्ध संस्थान के विशेषज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर बनाई है।

  1. विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड
  2. मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)
  3. राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)
  4. किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)
  5. भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)
  6. भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)
  7. भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)
  8. एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)
  9. सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाले सबसे प्रमुख संगठनों में से एक है । SOF विभिन्न विषयों जैसे गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी आदि के लिए ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करवाता है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की छुपी हुई प्रतिभा को देश दुनिया के सामने लाना है।

SOF ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी 

SOF ओलंपियाड शामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (NSO)विज्ञानकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IMO)गणित कक्षा 1 से 12 तकदो स्तर: स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (IEO)अंग्रेज़ीकक्षा 1 से 12 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान ओलंपियाड (IGKO)सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 10 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
राष्ट्रीय साइबर ओलंपियाड (NCO)कंप्यूटर विज्ञान/आईटीकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य ओलंपियाड (ICO)व्यापारकक्षा 11 और 12एक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय

SOF ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • संकल्पनात्मक (Conceptual) स्पष्टता: SOF ओलंपियाड संकल्पनात्मक समझ पर जोर देते है, जो छात्रों को विषय वस्तु का गहन ज्ञान विकसित करने में मदद करता है।
  • वैश्विक मान्यता: उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त होती है एवं उन्हें सम्मान प्राप्त होता है।
  • छात्रवृत्ति और पुरस्कार: SOF शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान करता है, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिलती है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad) को भारत में सबसे अच्छे ओलंपियाड में से एक कहा जा सकता है,  यह ओलंपियाड छात्रों के लिए मैट्रिक्स हाई स्कूल, सीकर द्वारा आयोजित करवाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के मुख्य शैक्षणिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान,अंग्रेजी की अवधारणात्मक समझ का परीक्षण करना है। यह सीकर या राजस्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करवाया जाता है जिसमें देशभर के स्कूली विद्यार्थी भाग लेकर अपनी क्षमताओं का परीक्षण करते है। 

मैट्रिक्स ओलंपियाड की विषेशताएं

मैट्रिक्स ओलंपियाड विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच है जो न केवल उनकी शैक्षणिक योग्यता को पहचानता है, बल्कि उन्हें कौशल और उनकी सोचने की क्षमता को भी विकसित करने में मदद करता है। यह ओलंपियाड छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के साथ-साथ उनकी सकारात्मक वृद्धि को भी बढ़ावा देता है। इस ओलम्पियाड की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं

  • यह गणित, विज्ञान और अन्य विषयों में छात्रों की समझ को परखता है, इस आधार पर उनकी समस्याओं को पहचानकर उनका समाधान किया जाता है।
  • परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार से बनाया जाता है की इससे छात्रों की सोचने की क्षमता और तर्क शक्ति को मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • यह प्रतियोगिता छात्रों के समय प्रबंधन और आत्मविश्वास विकसित करने में भी सहायक होती है।
  • इसमें भाग लेने वाले छात्रों के लिए नियमित मॉक टेस्ट और अभ्यास पत्र प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनकी आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर होती है।
  • यह छात्रों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • इस ओलम्पियाड में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स के किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने पर 5 से 100% तक की छात्रवृति दी जाती है।
  • नगद पुरस्कार स्वरूप बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कुल 31 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि नगद दी जाती है।
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड में समग्र रूप से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आठ टॉपर्स को निःशुल्क विदेश (दुबई, सिंगापुर की) यात्रा करवाई जाती है।
  • 11 – 12 वीं कक्षा वाले विद्यार्थियों को इस परीक्षा के आधार पर  सुझाव दिए जाते है की आगे उन्हें किस फील्ड में करियर बनाना चाहिए। (प्रदर्शन के आधार पर CLAT, NDA, JEE Advanced, JEE Main और NEET UG परीक्षा की तैयारी के सुझाव दिए जाते है।)
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड के शीर्ष 100 प्रतिभागियों को मैट्रिक्स कार्यशाला में शामिल किया जाता है, जहां उनको तैयारी करवाकर अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की जाती है।

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। NTSE कक्षा 10 के छात्रों के लिए दो चरणों में आयोजित किया जाता है, चरण 1 (राज्य स्तर) और चरण 2 (राष्ट्रीय स्तर)

NTSE परीक्षा की विस्तृत जानकारी

पहलूविवरण
पात्रताभारत के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा 10 के छात्र
चरणचरण 1 राज्य स्तर, चरण 2 राष्ट्रीय स्तर
शामिल किए गए विषयमानसिक क्षमता परीक्षण (MAT) और शैक्षिक योग्यता परीक्षण (SAT)
छात्रवृत्तिराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 1,000 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

NTSE के लाभ

  • छात्रवृत्ति: सफल छात्रों को भारत में डॉक्टरेट स्तर (PhD करने) तक छात्रवृत्ति मिलती है।
  • शैक्षणिक मान्यता: NTSE टॉप करने वाले छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मान्यता दी जाती है, जो उनको भविष्य में शैक्षणिक और करियर बनाने के लिए फायदा पहुंचाती है।
  • विश्लेषणात्मक कौशल (Analytical Skills) को बढ़ावा: परीक्षा विश्लेषणात्मक सोच, तार्किक तर्क और समस्या-समाधान कौशल पर जोर देकर उनमें सुधार के लिए प्रेरित करती है।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बुनियादी विज्ञान में अनुसंधान करियर बनाने के लिए प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने और प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक फेलोशिप योजना है। यह योजना छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उन्हें अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती है, जिसकी देखरेख मुख्य रूप से भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु करता है। KVPY परीक्षा कक्षा 11 और 12 के छात्रों के साथ-साथ बुनियादी विज्ञान पाठ्यक्रमों के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए भी उपलब्ध है।

KVPY परीक्षा की विस्तृत जानकारी

संकाय (Stream)पात्रताविषयछात्रवृत्ति
SAकक्षा 11 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SXकक्षा 12 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SBबुनियादी विज्ञान में प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति

KVPY के लाभ

  • अनुसंधान के अवसर: केवीपीवाई के छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों जैसे IISC (Indian Institute Of Science) और IISER (Indian Institute of Science Education and Research) में सीधे प्रवेश मिलता है।
  • वित्तीय सहायता: यह छात्रवृत्ति मूल विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • अनुसंधान का अनुभव: सर्वोच्च स्थान पाने वाले छात्रों को ग्रीष्मकालीन शिविरों और अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने का अवसर मिलता है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान के बारे में उनकी समझ बढ़ती है।

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) भारत में आयोजित होने वाली एक गणित ओलम्पियाड प्रतियोगिता है। जिसका आयोजन होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस ओलम्पियाड परीक्षा से अंतररास्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (IMO) के दूसरे चरण के प्रतिभागियों को चुना जाता है।

INMO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

  • INMO परीक्षा में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रारंभिक चरण की परीक्षा, क्षेत्रीय गणितीय ओलंपियाड (Regional Mathematics Olympiad) परीक्षा में प्रत्येक क्षेत्र के शीर्ष 30 विद्यार्थियों में आना आवश्यक है।
  • INMO परीक्षा में कुल 6 प्रश्न होते है, जिन्हें चार घंटे में पूरा करना होता है। पूरा प्रश्नपत्र 102 अंकों का होता है और सभी 6 प्रश्न समान अंक के होते है। ये छ प्रश्न बीजगणित, ज्यामिति, संख्या सिद्धांत, और संयोजन विज्ञान विषयों से होते है।

INMO परीक्षा के लाभ

  • परीक्षा में चयनित शीर्ष 30 उम्मीदवारों को अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड की तैयारी करने के लिए 1 महीने तक HBCSE (Homi Bhabha Centre for Science Education) सेंटर पर कोचिंग करने का मौका मिलता है।
  • इस प्रशिक्षण शिविर (HBCSE Training Centre) के बाद यहां से चयनित शीर्ष 6 विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है।
  • इस परीक्षा में सफल छात्रों को अत्यंत सम्मानजनक दृष्टिकोण से देखा जाता है, क्योंकि ये भारत के शीर्ष विद्यार्थी होते है जो गणित जैसे कठिन विषय में पारंगत है।

भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)

अंतरराष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड में भाग लेने के लिए, कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए एक प्रतियोगिता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के जीव विज्ञान ओलंपियाड कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए यह परीक्षा प्रतिवर्ष देशभर के 15 शहरों में आयोजित की जाती है।

INBO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

यह 3 घंटे की परीक्षा होती है, जिसमें दो भाग होते है, भाग 1जीव विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा और, भाग 2 रसायन विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा। इन दोनों परीक्षाओं की विस्तृत जानकारी निम्न है:

भाग 1 – जीव विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB)

भारत में उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए जीव विज्ञान की एक परीक्षा आयोजित की जाती है जिसे “राष्ट्रीय मानक जीव विज्ञान परीक्षा” (NSEB) कहा जाता है। भारतीय भौतिकी शिक्षक संघ और होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के सहयोग से, जैविक विज्ञान शिक्षक संघ इस परीक्षा का आयोजन आमतौर पर नवंबर के अंत में करता है। 12वीं कक्षा या उससे कम के 30,000 से ज़्यादा छात्र हर साल यह परीक्षा देते है। यह एक घंटे की परीक्षा है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते है। ये प्रश्न कक्षा 10+2 जीव विज्ञान पर आधारित होते है। अगले राउंड के लिए पात्र होने के लिए NSEB परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

भाग 2 – भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (INBO)

यह परीक्षा दो घंटे की अवधि की होती है इसमें पिछले वर्षों के समान INBO मानकों पर आधारित विस्तृत प्रश्न जाते है, अर्थात पैटर्न लगभग समान होता है। इस खंड का मूल्यांकन केवल किया जाएगा जब उम्मीदवार पहले भाग में उत्तीर्ण होगा। अगले दौर में शामिल करने के लिए, यानी ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप में चयन के लिए इस भाग के अंकों को आधार बनाया जाता है।

  • INBO परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए विद्यार्थियों को जीव विज्ञान राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB) उत्तीर्ण करना आवश्यक है। तथा वह 12 वीं या इससे पहले की कक्षा का विद्यार्थी होना चाहिए।
  • पिछले INBO परीक्षा पत्रों के अनुसार, यह परीक्षा 100 अंकों की होती है और इसमें दो खंड होते है, खंड A और खंड B। खंड A में 30 प्रश्न होते है, प्रत्येक 1 अंक का होता है, और खंड B में 22 प्रश्न होते है, प्रत्येक 50 अंक का होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंक दिए जाते है।

INBO परीक्षा के लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (IBO) में प्रवेश – INBO में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र OCSC (ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप) के लिए चुने जाते है, जहाँ से उन्हें INBO के लिए भारत की टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। अर्थार्त इन विद्यार्थियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है।
  • शैक्षणिक और करियर के अवसर जैसे – यह परीक्षा कॉलेज प्रवेश के लिए आपको एक अधिक प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बनाती है। तथा कुछ संस्थान INBO उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति या विशेष प्रवेश प्रदान करते है।
  • इस परीक्षा को पास करने पर विद्यार्थी को जीव विज्ञान में करियर बनाने के लिए आवश्यक आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान और प्रयोगशाला कौशल विकसित करने में मदद मिलती है।
  • नेटवर्किंग और अनुभव जैसे – यह देशभर के अन्य प्रतिभाशाली छात्रों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। INBO में भाग लेने पर विद्यार्थी विभिन्न देशों के छात्रों से भी जुड़ सकते है।

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (InChO ) उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आयोजित होने वाली एक वार्षिक प्रतियोगिता है जो उन्हें उनके पसंदीदा विषय, रसायन विज्ञान में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है। InChO की यह वार्षिक प्रतियोगिता होमी भाभा केंद्र द्वारा भारतीय रसायन विज्ञान शिक्षक संघ के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।

InChO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

भारत में रसायन विज्ञान ओलंपियाड के पांच अलग-अलग स्तर या चरण है, जो इस प्रकार है:

  • चरण 1: रसायन विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEC)
  • चरण 2: भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (INCho)
    • परीक्षा आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी के शुरू में आयोजित की जाती है।
    • इस परीक्षा का आयोजन एचबीसीएसई (होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र) के पास है।
    • यह व्यक्तिपरक प्रश्न पत्र का एक रूप है,और प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होते है जिनमें से विद्यार्थी को सही विकल्प चुनना होता है। इस परीक्षा में नकारात्मक अंकन भी लागू होता है। तथा प्रश्नों का प्रारूप विशिष्ट होता है, यह परीक्षा छात्र की याद करने की क्षमता के बजाय उसकी वैचारिक समझ का आंकलन करती है।
    • INChO का कोर्स NSEC परीक्षा से काफ़ी मिलता-जुलता है। हालाँकि, वर्तमान समय में इस परीक्षा का कठिनाई स्तर बढ़ गया है।
  • चरण 3: रसायन विज्ञान विषय में अभिविन्यास सह चयन शिविर (Orientation cum Selection Camp)
  • चरण 4: ICHO (International Chemistry Olympiad) के लिए प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण शिविर,
  • चरण 5: अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (ICHO) में भागीदारी लेने का मौका मिलना।

एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)

एकीकृत परिषद् (Unified Council) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाला एक और प्रमुख संगठन है। यह संगठन विद्यार्थियों के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों के लिए समय समय पर ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करता है।

एकीकृत परिषद द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तरों
राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा (NSTSE)विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत साइबर ओलंपियाड (UCO)कंप्यूटर विज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (UIEO)अंग्रेज़ीकक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय

एकीकृत परिषद ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • समग्र विकास: ये ओलंपियाड छात्रों के लिए इस प्रकार से आयोजित किये जाते है, जिससे इनमें भाग लेकर विद्यार्थी अपने प्रदर्शन के माध्यम से समग्र बौद्धिक विकास का आंकलन कर सकें।
  • बड़े स्तर पर तुलना: विद्यार्थी इन ओलम्पियाड में भाग लेकर अपने स्तर की तुलना देश भर के विद्यार्थियों के साथ कर सकते है। तथा अपने प्रदर्शन की बेंचमार्किंग कर सकते है, जिससे उन्हें सुधार के क्षेत्रों को पहचानकर उनमें सुधार करने में मदद मिलती है।
  • पुरस्कार और छात्रवृत्ति: शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न पुरस्कार, छात्रवृत्ति और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते है, जो उन्हें अकादमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा देते है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन स्कूली विद्यार्थियों में शैक्षणिक उत्कृष्ठता को बढ़ावा देने के लिए गणित,विज्ञान,अंग्रेजी,कंप्यूटर विज्ञान, आदि विषयों के लिए समय – समय पर ओलम्पियाड परीक्षाओं का आयोजन करवाता है। यह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर सरकारी संगठन है, जो विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने टेलेंट को प्रदर्शित करने के मौके देता है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IOM)केवल गणित के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (IOS)केवल विज्ञान के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सूचना विज्ञान ओलंपियाड (IIO)कंप्यूटरविज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा ओलंपियाड (IOEL)केवल अंग्रेज़ी के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक अध्ययन ओलंपियाड (ISSO)केवल सामाजिक अध्ययन के लिएकक्षा 3 से 10 तक के विद्यार्थीदो स्तर पर आयोजन 

सिल्वरज़ोन ओलंपियाड में भाग लेने के फायदे

  • बहु-स्तरीय प्रतियोगिताएं: ये ओलंपियाड कई स्तरों पर आयोजित किए जाते है, जो छात्रों को प्रगतिशील चुनौतियां और आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अनुभव: इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने, अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें अधिक से अधिक सिखने का मौका भी मिलता है।
  • व्यापक मूल्यांकन: इस ओलंपियाड का उद्देश्य विद्यार्थियों की अवधारणाओं की समझ, विश्लेषणात्मक कौशल और समस्या-समाधान क्षमताओं का मूल्यांकन करना है।
  • भागीदारी प्रमाण पत्र: परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को भागीदारी प्रमाण पत्र मिलता है, जिसका फायदा उन्हें अपनी उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजो में मिलता है।
  • विजेताओं के लिए पुरस्कार: शीर्ष छात्रों को छात्रवृत्ति, नकद पुरस्कार, पदक, लैपटॉप, टैबलेट और विदेश में शैक्षिक भ्रमण जैसे पुरस्कार मिल सकते है।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान: सफल विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है, तथा इन्हे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

ओलम्पियाड परीक्षाओं का महत्व (Importance of Olympiad Exam’s)

ओलम्पियाड परीक्षाओं को बेहद प्रतिष्ठित माना जाता है, इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों देश, विदेश और अपने क्षेत्र के साथियों से प्रतियोगिता कर खुद का आंकलन कर सकते है। इसके अलावा भी इनके कई फायदे है, जो निम्नलिखित है।

  • ओलम्पियाड में भाग लेने वाले छात्र, अवधारणाओं को अच्छी तरह से समझने के महत्व को समझते हैं,जो उनके आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएं मुख्य रूप से विश्लेषणात्मक (Analytical) और तार्किक तर्क (Logical Reasoning) पर केंद्रित होती है, जिससे विद्यार्थियों को अपने विषय के प्रति तार्किक कौशल को सुधारने का मौका मिलता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएँ किसी विशेष विद्यार्थी की खूबियों और कमज़ोरियों का विस्तृत आकलन प्रदान करती हैं। विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए अपने विषय के उन कमजोर भागों पर भी काम कर सकते हैं,और उन्हें सुधार सकते है।
  • इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, उन्हें विभिन्न छात्रवृतियों के माध्यम से समान शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती है।
  • ओलम्पियाड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है। इन विद्यार्थियों को उनके स्कूल और शहर में आगे बढ़ने के अतिरिक्त मौके भी मिलते है।

निष्कर्ष

ओलंपियाड परीक्षाएँ भारत में स्कूली विद्यार्थियों के लिए अपने ज्ञान का परीक्षण करने, आलोचनात्मक चिंतन कौशल विकसित करने और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का एक बेहतरीन तरीका हैं। चाहे विज्ञान हो, गणित हो, कंप्यूटर विज्ञान हो या सामान्य ज्ञान, ये परीक्षाएँ विद्यार्थियों को शैक्षिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने और भविष्य की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने का अवसर प्रदान करती हैं।

सीकर के मैट्रिक्स हाई स्कूल के विषेशज्ञों के अनुसार ओलंपियाड में भाग लेने से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनमें प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) भावना विकसित होती है, और उनकी समस्या – समाधान क्षमताओं (Problem Solving Abilities) को बेहतर बनाती हैं। यह आज के तेज़ी से बदलते प्रतियोगी परीक्षाओं के दौर में बेहद ज़रूरी कौशल हैं। एक विद्यार्थी के रूप में विभिन्न ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के तरीके को समझना, एक छात्र की शैक्षिक यात्रा को काफ़ी बेहतर बना सकता है। इसके लिए आप मैट्रिक्स स्कूल सीकर के शिक्षकों से भी सम्पर्क कर सकते है, क्योंकि वहां इन Olympiad’s की तैयारी स्कूल पाठ्यक्रम के साथ पूरी गुणवत्ता से करवाई जाती है।

अभिभावक अपने बच्चे के लिए सही ओलंपियाड का चयन करके और लगन से तैयारी करवाकर, न केवल अपने बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति, उन्नत शैक्षिक अवसरों और अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक आशाजनक भविष्य के द्वार भी खोल सकते हैं।

FAQ’s

India में सबसे अच्छा Olympiad कौन सा है?

भारत में कई अच्छे Olympiad है जिनमें से Science Olympiad Foundation (SOF), Matrix Olympiad और Indian Talent Olympiad ये सभी विश्वसनीय और लोकप्रिय Olympiad हैं, जो विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों में आयोजित होते हैं।

ओलंपियाड परीक्षाएं छात्रों के लिए कैसे लाभदायक हैं?

ओलंपियाड परीक्षाएँ छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, क्योंकि ये उनके बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देती हैं। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों को ढेरों अवसर मिलते हैं, जिनका अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो भविष्य में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स सीकर के किसी भी संस्थान (JEE/NEET Division) में प्रवेश लेने पर उनके वार्षिक शुल्क में छूट भी दी जाती है।

ओलंपियाड परीक्षाओं में छात्रों को रैंकिंग कैसी दी जाती है?

छात्रों को उनके परीक्षा स्कोर और व्यक्तिगत उपलब्धियों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। आयोजक संस्था द्वारा प्रत्येक छात्र को उसके प्रदर्शन की रिपोर्ट (Student Performance Report) भी दी जाती है। जिसका उपयोग छात्र विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश लेने, सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृतियों का लाभ लेने के लिए किया जा सकता है।

विभिन्न ओलंपियाड में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं?

वैसे तो प्रत्येक विषय के ओलम्पियाड में अलग अलग प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी ऊपर इस ब्लॉग में लिखी गई है लेकिन सामान्यतः ओलम्पियाड परीक्षाओं के प्रश्नों में समस्या-आधारित आकृतियाँ, श्रृंखला पूर्णता, विषम संख्या, कोडिंग-डिकोडिंग, दर्पण प्रतिबिम्ब, सन्निहित आकृतियाँ, सममिति और वर्णमाला परीक्षण आदि भागों के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।

क्या ओलंपियाड परीक्षाएँ कठिन होती हैं?

हाँ, कुछ ओलंपियाड, जैसे अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) बहुत कठिन होते हैं, इनमें विद्यार्थी को रचनात्मकता, तर्क और गहन सोच की आवश्यकता होती है। अगर आप भी ऐसे ओलम्पियाड की तैयारी कर रहें है? जो आपके लिए कठिन है, तो आपको मैट्रिक्स सीकर के विषय विषेशज्ञों से जुड़ना चाहिए, जो इन ओलम्पियाड की गुणवत्तापूर्ण तैयारी करवाते है।

IIT JEE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को कौनसे Olympiad की तैयारी करनी चाहिए?

अगर आप IIT JEE की तैयारी कर रहे हैं तो, अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO), भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (ISO) सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इनकी तैयारी से आपको अपने लक्ष्य IIT क्रैक करने में भी मदद मिलेगी।

वर्तमान समय में सीकर शिक्षा का केंद्र बन गया है जिसके कारण सीकर को देशभर में “शिक्षा नगरी” के नाम से भी जाना जाने लगा है। यहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले प्रतिष्ठित संस्थान है। वर्तमान समय में सीकर, कोटा और देश के अन्य स्थानों को पीछे छोड़ते हुए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के मामले में तेजी से आगे बढ़ा है।

सीकर में इंजीनियरिंग के लिए उत्तरी भारत का सबसे विश्वनीय संस्थान Matrix JEE Academy तो है ही इसके साथ ही कड़ी प्रतिस्पर्धा में विभिन्न संस्थान जैसे CLC, Prince Eduhub, Allen Career Institute, Gurukripa Career Institute, Path Career Institute, जैसे अत्याधुनिक संस्थान कार्यरत है जो प्रतिस्पर्धा के लिए सकारात्मक माहौल बनाते है। अंततः इसका फायदा सीकर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलता है। हर साल यहां पढ़ने वाले हजारों छात्र IIT JEE परीक्षा पास कर देशभर की सर्वोच्च IITs में प्रवेश पाते है और अपने सपनों को पूरा करते है। आइए जानते है सीकर क्यों देशभर के विभिन्न स्थानों को पीछे छोड़कर अग्रणी बन रहा है!

सीकर की IIT कोचिंग देशभर में कैसे प्रसिद्ध हुई?

सीकर के IIT कोचिंग संस्थानों की देशभर में पहचान बनना कोई अचानक होने वाली बात नहीं है, इसके पीछे यहां के कई सफल टॉपर्स और खासतौर से Matrix कोचिंग जैसी संस्थाओं का बड़ा हाथ रहा है। जब सीकर के छात्रों ने जेईई एडवांस जैसी कठिन परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप रैंक हासिल की तो कोटा, दिल्ली तक के कोचिंग संस्थानों के लिए आश्चर्यजनक स्थिति बनी। यही कारण है की अब राजस्थान के छोटे शहर सीकर का नाम पूरे देश में फैलने लगा। Matrix, CLC, Gurukripa, Allen आदि कोचिंग्स के छात्रों ने पिछले कुछ सालों में 99.99 पर्सेंटाइल, 99.95 पर्सेंटाइल जैसे शीर्ष स्कोर हासिल किए और ऑल इंडिया टॉप 100 या 200 में कई बच्चों ने जगह बनाई। खास तौर पर Matrix कोचिंग के रिषभ मील (JEE Advanced 2025 AIR 70), भव्य मोदी, पियूष शर्मा, गौरव पारीक, सौरभ कुमार सोनी, प्रंशु भारिया जैसे छात्रों ने अपने रिजल्ट और मेहनत से सीकर को IIT कोचिंग हब के रूप में चमका दिया।

सीकर और आसपास के गांवों के बच्चों की सफलता की वजह यहां के कोचिंग सेंटरों की पढ़ाई का तरीका और अध्यापकों का सहयोग है। Matrix कोचिंग के एक छात्र ने तो JEE Main में 100 पर्सेंटाइल हासिल करके ऑल इंडिया ज्वायंट टॉपर बनकर पूरे शहर का नाम गर्व से ऊंचा किया। सीकर के स्कूल और कोचिंग मिलकर बच्चों को शहर और गांव दोनो तरह के संसाधन मुहैया कराते हैं जिससे वे बड़े शहरों की टक्कर आसानी से ले लेते हैं। Matrix के ही 8 से ज्यादा बच्चों ने 99.95% से ऊपर percentile प्राप्त किए, जो Sikar के लिए अब रिकॉर्ड हो गया है। ऐसे ही कुछ और नाम हैं जैसे, भुनेश भाडू (AIR 120, AIIMS New Delhi), भीम द्वारिका (JEE Main Topper), हैप्पी मेहता, सुमित कुमार जिन्हें देखकर देश भर के छात्र और उनके अभिभावक सीकर की कोचिंग्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस ब्लॉग में हम सीकर की कोचिंग्स और उनकी विशेषताओं की बात निम्नलिखित पॉइंट्स के आधार पर करेंगे:​

  • विषय विशेषज्ञ (Subject Experts),
  • व्यापक अध्ययन सामग्री (Comprehension study Material),
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षक (Qualified Teachers),
  • कोचिंगो का लचीलापन (Flexibility of Coachings),
  • नियमित मूल्यांकन की अवधारणा (Regular Evaluation),
  • सीकर में IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की सफलता दर (Success Ratio in Sikar),
  • सीकर में उपलब्ध संसाधन (Availability of Resources),
  • पूर्व छात्रों की प्रतिक्रियाएं

विषय विशेषज्ञ (Subject Experts)

सीकर में IIT JEE की तैयारी करवाने वाले संस्थानों में छात्रों के लिए अत्यधिक अनुभवी और विषय विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाती है। क्योंकि शिक्षकों की विशेषज्ञता और गुणवत्ता से ही विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकती है। सीकर में इंजीनियरिंग की तैयारी करवाने वाले संस्थानों में ऐसे शिक्षकों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाता है जो प्रत्येक विद्यार्थी पर ध्यान दे सकें, जिनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा हो, जिनकी योग्यताएं संबंधित क्षेत्रों में उनकी विशेषता दर्शाती है। इसके साथ ही ऐसे शिक्षकों द्वारा उच्च गुणवतापूर्ण तैयारी करवाई जाती है जो JEE पाठ्यक्रम (Syllabus) की गहरी समझ रखते है और प्रभावी एवं सरल शिक्षण पद्धतियों का उपयोग करते हों। ऐसे शिक्षक छात्रों को विषय के प्रति सम्पूर्ण समझ को बेहतर बनाते है और परीक्षा से पहले विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ाते है। इसमें सबसे आगे Matrix JEE Academy सीकर के शिक्षक है जैसे: Matrix के ही अनिल गौरा सर (AG Sir,IIT Kharagpur) जिन्हें 16 सालों से ज्यादा का अनुभव है पूर्व में गोरा सर ऐलन कोचिंग कोटा में वरिष्ठ गणितज्ञ रह चुके है इनसे पढ़कर हजारों छात्रों ने अपने सपनों की मंजिल प्राप्त की है। इसलिए हम कह सकते है कि सीकर की कोचिंगों ने कभी भी शिक्षकों की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया और अंततः इसका परिणाम सीकर को एक अलग पहचान दिलाने में रहा है।

व्यापक अध्ययन सामग्री (Comprehension study Material)

सीकर के संस्थान IIT JEE की तैयारी के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई व्यापक, सुव्यवस्थित, और नियमित रूप से पाठ्यक्रम के अनुसार अपडेट की गई अध्ययन सामग्री यहां के छात्रों को उपलब्ध करवाते है। सभी अध्ययन सामग्रियों में विषयों के आवश्यक तत्वों (पाठों) को गहराई से शामिल किया जाता है। इसके साथ ही NCERT के पैटर्न पर कोचिंग संस्थान अपनी पुस्तकें छात्रों को देते है।

परीक्षा जैसा ही अभ्यास करवाने के लिए प्रत्येक सप्ताह स्तरीय अभ्यास पत्रों (Question Papers) से नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है। इससे विद्यार्थियों को नवीनतम परीक्षा पैटर्न का पहले ही अनुभव हो जाता है और वास्तविक परीक्षा के दिन विद्यार्थी पर परीक्षा दबाव नहीं बनता है। देशभर में अन्य स्थानों पर इतना ध्यान प्रत्येक विद्यार्थी पर नहीं दिया जाता है जितना सीकर के कोचिंग संस्थान अपने विद्यार्थियों पर देते है। Matrix JEE Academy सीकर जैसे संस्थान तो वर्षभर विद्यार्थियों के शंका समाधान के लिए 24×7 खुले रहते है। इसी तरह सीकर के अन्य संस्थान भी विद्यार्थियों के लिए हर समय तत्पर खड़े रहते है।

सीकर में उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षक(Qualified Teachers)

सीकर, अब IIT JEE (मुख्य और एडवांस्ड) की तैयारी का प्रमुख केंद्र बन चुका है, जो कोटा और देशभर के विभिन्न संस्थाओं को कड़ी टक्कर दे रहा है। 2025 के JEE रिजल्ट्स के आधार पर, यहां के कोचिंग संस्थानों जैसे Matrix, एलन, CLC, PCP, गुरुकृपा और आकाश के शिक्षक अत्यधिक अनुभवी और प्रभावी साबित हुए है। ये ज्यादातर IIT/NIT के पूर्व छात्र है, जो कॉन्सेप्ट-बेस्ड टीचिंग, पर्सनल डाउट सेशन, मॉक टेस्ट और रणनीति बनाने पर फोकस करते है। छात्रों और पैरेंट्स की रिव्यूज में 90%+ संतुष्टि दर हमेशा रही है, खासकर छोटे बैच साइज (20-40 स्टूडेंट्स) के कारण व्यक्तिगत रूप से भी छात्रों के शंका समाधान करते है।

अनुभव

अधिकांश शिक्षक IIT ग्रेजुएट्स है, जो JEE पैटर्न को गहराई से समझते है; Matrix और Allen में IIT पृस्ठभूमि वाले शिक्षक 70% से भी अधिक है। जो बेहतर परिणामों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है। JEE Expert Teachers के रूप में प्रमुख रूप से Matrix JEE Academy के नरेंद्र कोक सर, राजेंद्र बुरडक और अनुपम अग्रवाल सर। CLC के सुखदेव चौधरी सर, राजेश कुमार सर, अंजलि शर्मा मैम। PCP के डॉ. राकेश रुहेला सर, चेतन रादव सर, अलका यादव मैम।

रिजल्ट्स

JEE मुख्य 2025 में सीकर ने कोटा से बेहतर टॉपर्स दिए; औसत 95%tile+ सिलेक्शन रेट 40 प्रतिशत से भी अधिक रहा है जो सीकर को लगातार इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में आगे बढ़ा रहा है। प्रमुख कोचिंग संस्थानों के परिणामों की बात करें तो Matrix JEE Academy के वर्ष 2025 में सबसे अधिक 231 छात्रों ने 99.50%tile से अधिक अंक प्राप्त किए, 6 छात्रों ने 99.95%tile से अधिक अंक प्राप्त किए। मैट्रिक एकेडमी के एक छात्र को 2024 में सीकर की सर्वोच्च रैंक AIR 31 प्राप्त हुई। CLC सीकर ने वर्ष 2025 के रिजल्ट्स में अच्छा प्रदर्शन किया इसके 7 छात्रों ने 99%tile से अधिक अंक प्राप्त किए। PCP सीकर के नतीजे भी काफी अच्छे रहे है यहां के भी कुछ विद्यार्थियों ने 99%tile से अधिक अंक प्राप्त किए है। इसके अलावा सीकर की अन्य कोचिंगों के परिणाम भी देशभर में आनुपातिक रूप से अधिक रहें है जो यह दर्शाता है की छोटे शहरों के संस्थान भी अब लगातार अच्छे परिणामों के लिए प्रयासरत है।

टीचिंग स्टाइल

बेसिक्स से एडवांस्ड तक, साप्ताहिक मॉक टेस्ट (Mock Tests) और वर्तमान फीडबैक के आधार पर; सीकर vs कोटा, सीकर बेहतर कार्य कर रहा है।

छात्रों की जरूरत के अनुसार कोचिंगो का लचीलापन (Flexibility of Coachings)

सीकर अब IIT JEE (Main और Advanced) की तैयारी का प्रमुख केंद्र है, जहां सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित है। पारंपरिक रूप से क्लासरूम-बेस्ड होने के बावजूद, 2025 में लचीलापन (जैसे हाइब्रिड मोड, ऑनलाइन क्लासेस, रिकॉर्डेड लेक्चर्स, पर्सनलाइज्ड मेंटरिंग, बैच टाइमिंग्स आदि) काफी बढ़ गया है। यह छात्रों को अपने समय अनुसार (Flexible Schedule) , रिमोट लर्निंग और अपने अनुसार क्लास लेने (Customised Classes) की सुविधा देता है, खासकर COVID-19 महामारी के बाद चीजें तेजी से बदली है और यहां की कोचिंग्स भी आधुनिक टेक्नोलॉजी में पीछे नहीं है । प्रमुख कोचिंग संस्थान जैसे Matrix, Allen, CLC और Gurukripa ने डिजिटल इंटीग्रेशन को मजबूत किया है।

कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों के नियमित मूल्यांकन की अवधारणा (Regular Evaluation)

सीकर में IIT JEE कोचिंगों की नियमित मूल्यांकन प्रणाली एक डेटा-आधारित दृष्टिकोण है, जो छात्रों को उनकी ताकत और कमजोरियों को समझने, समय प्रबंधन, और JEE की तैयारी में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करता है। यह प्रणाली न केवल शैक्षिक बल्कि मानसिक और रणनीतिक रूप से भी छात्रों को तैयार करती है।

सीकर IIT JEE की कोचिंग का केंद्र होने के नाते, कई प्रसिद्ध संस्थानों का घर है, जैसे Matrix, Allen, PCP, CLC और Gurukripa इन सभी कोचिंग संस्थानों में से Matrix JEE Academy IIT JEE के टेस्ट के परिणामों के आधार पर ऑल इंडिया रैंक (AIR) या बैच-स्तरीय रैंकिंग प्रदान करती है, जो छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाती है। टेस्ट में पिछले वर्षों के JEE प्रश्न, (Previous Year Question Papers) नए प्रश्न, और संभावित प्रश्नों के मिश्रण का उपयोग होता है, जो Matrix JEE Academy को सीकर में भी पहले स्थान पर रखता है।

सीकर में IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की सफलता दर (Success Ratio in Sikar)

यहां Matrix JEE Academy, Allen, PCP, CLC, Gurukripa जैसी संस्थाएं IIT JEE (मेन और एडवांस्ड) की तैयारी कराती है। 2025 के JEE रिजल्ट्स के आधार पर, सीकर के छात्रों की सफलता दर राष्ट्रीय औसत (JEE एडवांस्ड क्वालीफाई ~10%, IIT एडमिशन ~1-2%) से काफी ऊंची है। राजस्थान स्तर पर यह ~15-16% है, लेकिन सीकर के शीर्ष कोचिंग्स में यह 20-25% तक पहुंच जाती है। नीचे 2025 के प्रमुख आंकड़े और अनुमान दिए गए है

संस्था कुल नामांकन (अनुमानित)JEE main में 99%tile + JEE Advanced QualifiedIIT Selection (संभावितसफलता दर %
Matrix JEE Academy ~5000 (2025 Batch)2791219+670+~24%(अनुमानित )
PCP सीकर 1,49035020%
CLC सीकर ~2000 (अनुमानित )7~200 (अनुमानित )__20% (अनुमानित )
Allen सीकर ~3000 (अनुमानित )50~300 (अनुमानित )3 Top Ranks(>300)~20%

स्रोत नोट (Sources)

Matrix के आंकड़े आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए है। PCP का कुल नामांकन और क्वालीफायर्स उनके रिजल्ट पेज से। अन्य के लिए अनुमान 2024 ट्रेंड्स (2,056+ सीकर से Advanced Qualifiers ) और तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित है। वर्तमान सीकर में अनुमानित 20,000-30,000 JEE की तैयारी करने वाले विद्यार्थी है।

IIT की तैयारी करने के लिए सीकर में उपलब्ध संसाधन (Availability of Resources)

यह अकथनीय नहीं है कि सीकर JEE कोचिंग्स के लिए प्रसिद्ध होता जा रहा है। इसका कारण सैकड़ों संस्थाओं द्वारा गुणवतापूर्ण तैयारी करवाना तो है ही है इसके साथ सीकर के तेजी से बढ़ते ग्राफ के पीछे उपलब्ध संसाधन भी जिम्मेदार है। यहां कोचिंग संस्थान अपना खुद का स्टडी मैटेरियल तो उपलब्ध करवाते ही है इसके साथ ही Matrix JEE Academy, Allen, PCP, CLC, Prince Eduhub, Gurukripa जैसी संस्थाएं अपने खुद के आवासीय हॉस्टल और मैस जैसी सुविधाएं भी मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट के हिसाब से उपलब्ध करवा रहे है जिसकी वजह से यहां पढ़ने वाले हजारों छात्रों को रहने,खाने पीने जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अन्यत्र कही आना जाना नहीं पड़ता है। 

इसके अलावा ये संस्थान छात्रों को पढ़ने के लिए शान्त माहौल देने के लिए अत्याधुनिक लाइब्रेरी, पुस्तकालय भी उपलब्ध करवा रहे है। CLC जैसे संस्थान का छात्रों के लिए अलग से Study Space जैसा कांसेप्ट भी काम कर रहा है जहां छात्रों के पढ़ाई के दौरान आने वाले डाउट्स को क्लियर किया जाता है। Matrix जैसे संस्थान NCERT-बेस्ड मॉड्यूल, प्रैक्टिस पेपर, मॉक टेस्ट और एररलेस (बिना अशुद्धियों के) टेस्ट सीरीज प्रदान करता है। ये पेपर JEE पैटर्न के अनुसार अपडेटेड होते है, जिसमें 12-16 घंटे की स्टडी रूटीन भी शामिल होता है। इसके साथ ही सीकर में कोचिंग संस्थानों के बाहर रहने वाले छात्रों के लिए हजारों बजट फ्रेंडली PG भी उपलब्ध है जहां 3500 से 8 हजार रुपए प्रति महीने में छात्रों को रहने खाने के लिए कमरे मिल जाते है। उपरोक्त चीजों के साथ साथ यहां रहने वाले छात्रों की सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन कड़ी निगरानी करता है। इन सभी चीजों से लड़के और लड़कियों दोनों को सकारात्मक, सुरक्षित पढ़ाई करने लायक माहौल मिलता है। जिससे सीकर तेजी से शिक्षा के मामले में अग्रणी बनता जा रहा है।

पूर्व छात्रों की प्रतिक्रियाएं

सीकर कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है और तेजी से IIT की तैयारी करने वाले छात्रों की पहली पसंद बना है। यहां Matrix JEE Academy, PCP, CLC, Allen जैसी संस्थाओं से निकले पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियां प्रेरणादायक है। इनकी प्रतिक्रियाएं मुख्य रूप से सकारात्मक है, जो कठिन परिश्रम, अनुभवी फैकल्टी, अनुशासित माहौल और व्यक्तिगत मार्गदर्शन पर जोर देती है। हालांकि, कुछ छात्रों ने सख्त रूटीन और प्रतिस्पर्धा को चुनौतीपूर्ण बताया है। नीचे प्रमुख कोचिंग संस्थाओं के टॉपर्स द्वारा बताई गई बातों के आधार पर संकलित प्रतिक्रियाएं दी गई है:

Matrix JEE Academy के मयंक सोनी (AIR 1, 2025, 100%tile)

2025 में Matrix JEE Academy के 279 छात्र 99%tile+ रहे है जो दर्शाता है कि Matrix अपने विजन के लिए सदैव प्रतिबद्ध है और लगातार छात्र हितों में कार्य कर रहा है। यहाँ के छात्रों ने Matrix JEE Academy के बारे में बताया कि Matrix की सम्पूर्ण फैकल्टी पूर्व IITians की है जिन्होंने डेली मॉक टेस्ट से सभी विषयों के कॉन्सेप्ट्स क्लियर करवाए। यहां के छोटे बैच से पर्सनल अटेंशन मिला, जो सफलता का राज था। कुछ ने कहा “प्रतिस्पर्धा तीव्र है, लेकिन मोटिवेशनल सेशन्स ने उनको सफलता प्राप्त करने में मदद की।”

PCP सीकर

यहां 2025 में JEE एडवांस्ड के लिए 350 छात्र क्वालिफाइड हुए। इन्होंने बताया PCP के अत्याधुनिक माहौल ने उनके IIT कॉलेज पाने के ड्रीम को पूरा किया। यहां का सिलेक्शन अनुपात थोड़ा कम रहा है जिसमें सुधार की आवश्यकता है।अगर वर्ष 2026 में PCP के परिणाम बेहतर होते है तो यह भी सीकर का तेजी से उभरता संस्थान बन जायेगा, जो यक़ीनन सीकर को शैक्षणिक ऊंचाइयों के एक नए आयाम पर लेकर जायेगा।

CLC सीकर

इस संस्थान के 2025 में अनुमानित 200 छात्र सफल हुए। इसके अलावा यहां हर साल टॉप रैंक्स में विद्यार्थी स्थान हासिल कर लेते है। संस्कारों के माहौल (हनुमान चालीसा पाठ) ने छात्रों को मानसिक मजबूती दी। फैकल्टी इनोवेटिव टीचिंग से कठिन टॉपिक्स आसान बनाते है। यहां के कई शिक्षकों का 30 वर्षों से अधिक का टीचिंग अनुभव छात्रों के लिए हमेशा कारगर साबित हुआ है। लेकिन फैकल्टी रिक्रूटमेंट में और बेहतर किया जा सकता है। 

Allen सीकर

इस संस्थान के 2025 में अनुमानित 300 छात्र IIT JEE में सफल हुए है। ब्रांड वैल्यू और ग्रुप काउंसलिंग ने छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। यहाँ 98%tile+ स्कोरर्स की संख्या हमेशा प्रभावशाली रही है। बड़े बैच में कभी-कभी छात्रों का क्राउड फील होता है, जिसमें सुधार करने की आवश्यकता है।

Gurukripa सीकर

इस संस्थान के वर्ष 2025 में IIT JEE के लिए अनुमानित 150 छात्र सफल हुए है जिसमें से 24 छात्रों ने 99%tile तक स्कोर किया। छात्रों ने बताया यहां की क्लासेज के वीडियो लेक्चर्स ने काफी मदद की है। इस संस्थान का मुख्य फोकस मेडिकल की तैयारी करवाने का रहा है जिससे लगता है इंजीनियरिंग (IIT JEE) के लिए और अधिक संसाधन विकसित करने चाहिए।

निष्कर्ष

सीकर ने अपनी किफायती, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासित माहौल के दम पर IIT JEE कोचिंग के लिए एक मजबूत पहचान बनाई है। Matrix, PCP, CLC, Allen और Gurukripa जैसे संस्थानों ने 2025 में प्रभावशाली परिणाम (20-25% JEE एडवांस्ड क्वालीफिकेशन दर) और टॉप रैंकर्स (जैसे Matrix JEE Academy के, मयंक सोनी ने AIR 1 हासिल की) के साथ सीकर को कोटा का एक सशक्त विकल्प बनाया है। छोटे बैच, अनुभवी IITian फैकल्टी, नियमित मॉक टेस्ट, और व्यक्तिगत मार्गदर्शन ने औसत छात्रों को भी IIT में जगह दिलाई है। इसके अलावा, किफायती फीस (₹80,000-1.6 लाख प्रति वर्ष), अच्छे हॉस्टल (₹3,500-8,000 प्रति माह), और तनावमुक्त माहौल (आध्यात्मिक गतिविधियों जैसे हनुमान चालीसा पाठ के साथ) सीकर को छात्रों के लिए आदर्श गंतव्य बनाते है।

अंत में, सीकर न केवल एक कोचिंग हब है, बल्कि सपनों को साकार करने वाली मिट्टी है—जहां कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन का संयोजन लाखों युवाओं को IIT की सीढ़ियां चढ़ने की ताकत देता है। यदि आप IIT JEE की तैयारी कर रहे है, तो सीकर को एक बार अवश्य चुनें; यह न सिर्फ सफलता का दरवाजा खोलेगा, बल्कि जीवन की अनमोल सीख भी देगा। आपका यहां आकर तैयारी करने के लिए स्वागत है।

FAQs

सीकर IIT JEE कोचिंग के लिए क्यों प्रसिद्ध हो रहा है?

सीकर छोटा शहर होने के बावजूद, यहां की कोचिंग्स जैसे, Matrix Academy, PCP, Allen और CLC Sikar ने 2024-25 के JEE परिणाम में सैकड़ों टॉप रैंक्स हासिल किए है। किफायती फीस, अनुभवी फैकल्टी और अनुशासित माहौल इसे कोटा का मजबूत विकल्प बनाते है।

JEE तैयारी के लिए सीकर vs कोटा, कौन सा शहर बेहतर है?

कोटा में भीड़ और उच्च खर्च (5-6 लाख/वर्ष) की समस्या है, जबकि सीकर में कम डिस्ट्रैक्शन, व्यक्तिगत ध्यान और 1-1.5 लाख की फीस के साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। अगर अनुशासन और रिजल्ट्स प्राथमिकता है, तो सीकर को चुनें।

सीकर की कोचिंग्स में IIT JEE के लिए फैकल्टी कैसी है?

350+ अनुभवी शिक्षक (IIT-NIT alumni), जो छात्र-शिक्षक अनुपात 60:1 रखते है। नियमित शंका समाधान केंद्र और मेंटरिंग सेशंस उपलब्ध। यह व्यक्तिगत ध्यान कोटा में कम मिलने वाली सुविधा है, क्योंकि वहां की अधिक भीड़ ने छात्रों के लिए इसे सुलभ नहीं रखा है।

सीकर में स्टडी कल्चर कैसा है?

शांत और अनुशासित – छोटे शहर की वजह से कम डिस्ट्रैक्शन। मॉडर्न लाइब्रेरी, स्टडी जोन और 24/7 हॉस्टल सुविधाएं पढ़ाई को बढ़ावा देती है। जिससे यहां पढ़ाई करने वाले छात्र फोकस्ड रह पाते है।

सीकर में कोचिंग के लिए एडमिशन प्रक्रिया क्या है?

छात्र सीधे कोचिंग की वेबसाइट या ऑफिस में आवेदन कर सकते है। कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट (जैसे Matrix का MST या Allen का ASAT) आयोजित करते है। 10वीं/12वीं के अंक भी मायने रखते है। इन अंकों के आधार पर कोचिंग संस्थान अपनी वार्षिक फीस में आवश्यक छूट देते है।

छात्रों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

हम सभी को पता है कि इस दुनिया में एक ऐसी चीज है जो सबके पास बराबर है वह है, “समय” सबके पास दिन के 24 घंटे होते है यह न किसी के पास कम होते है और न ही किसी के पास ज्यादा। लेकिन इसमें छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जो है, वह है कि छात्र उन उपलब्ध 24 घंटों का उपयोग कैसे करते है, इस उपयोगी विभाजन को ही हम समय प्रबंधन (Time Management) कह सकते है।

विद्यार्थी जीवन में समय का प्रबंधन करना कभी कभी एक बोझ की तरह लगता है, जो कभी खत्म नहीं होता है। रोजमर्रा के कार्यों का दबाव उन्हें थका देता है और उन्हें आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। इसके लिए हमने समय प्रबंधन विशेषज्ञों, और एक्सपर्ट्स से राय ली। उन्होंने बताया कि यह समस्या तैयारी के दौरान प्रत्येक सीरियस विद्यार्थी के सामने आती है। उन्होंने हमें इस समस्या से बाहर निकलने का तरीका बताया जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को और सुधार सकता है। यह लेख छात्रों के लिए समय प्रबंधन कौशल (Time Management Skills) को बेहतर बनाने हेतु लिखा गया है, साथ ही इसमें छात्रों के लिए समय प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की गई है। 

आईए पहले समय प्रबंधन को लेकर जो मूल बातें है, वो जान लें….

समय प्रबंधन क्या है? (What is Time Management?)

समय प्रबंधन का सीधा सरल अर्थ है “समय का उचित प्रबंधन और व्यवस्थित विभाजन करके समय को काम में लेने की कला सीखना” ताकि निर्धारित समय – सीमा के बीच कार्य पूरा हो सके। छात्र जीवन के इस कीमती समय को व्यवस्थित रूप से उपयोग में लेने पर यह निर्धारित हो जाता है कि अब आगे चलकर उनका जीवन कैसा होगा। यह सच्चाई कठिन प्रतिस्पर्धात्मक तैयारी करने वाले छात्रों के लिए और मायने रखती है जो NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है।

विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता होती है। छात्रों को अपना शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर करने का दबाव होता है जो उन्हें सिखाती है कि आपका समय प्रबंधन सबसे बेहतर होना चाहिए। जब कोई छात्र समय प्रबंधन की यात्रा में आगे बढ़ता है, तो वह स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने में सक्षम हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उनके किए गए कार्यों के आउटपुट बढ़ेंगे, उनका शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा, स्कूली छात्रों के ग्रेड बढ़ेंगे और वे समय पर पूरा कार्य करेंगे तो हर लिहाज से बेहतर छात्र बनेंगे।

छात्रों के लिए समय प्रबंधन क्यों जरूरी हैं?

समय हर विद्यार्थी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके बिना कोई भी छात्र प्रगति नहीं कर सकता। समय का सदुपयोग उन्हें एक उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है जो उन्हें शैक्षणिक उपलब्धियां पाने में मदद करता है। NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कभी कभी ऐसा लगता है कि समय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि, इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा होता है और परीक्षाएं नीयत समय पर पहले ही निर्धारित होती है। इन विद्यार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित करना चुनौती बन जाता है और वे समय प्रबंधन की कमी के चलते यह समझ पाने में असफल हो जाते है कि समय उनके अनुकूल क्यों नहीं है।

मैट्रिक्स संस्थान सीकर के विशेषज्ञों का कहना है कि विद्यार्थी को बिना सोचे समझे फैसले लेने से बचना चाहिए, समय बचाना और उसका प्रबंधन करना एक ऐसा कदम है, जिसका पालन छात्रों को स्वेच्छा से करना चाहिए। पल भर में लिए गए फैसलों या खराब परीक्षा परिणाम पर पछताने से बेहतर है कि आपके पास पर्याप्त चिंतन के लिए पर्याप्त समय और कौशल हो

छात्रों के लिए समय प्रबंधन करने के तरीक़े (Top Time Management Tips For Students)

NEET UG, JEE Main और Advanced, तथा अन्य कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र जाने माने विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और कोचिंग संस्थानों के प्रसिद्ध शिक्षकों के निम्न तरीकों को अपना सकते है। JEE या NEET का टाइम मैनेजमेंट अगर सही तारीख से किया जाए तो आप सफलता के एक कदम करीब जाते हैं। दिये गये तरीक़े निश्चित रूप से अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को सुधारने वाले छात्रों के लिए उपयोगी होंगे:

1. लक्ष्य निर्धारित करें

छात्र अपने समय का प्रबंधन करने से पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें। यह लक्ष्य अलग अलग विद्यार्थियों के लिए अलग अलग हो सकता है, जैसे किसी विद्यार्थी को NEET UG या JEE परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करना हो सकता है, किसी स्कूली विद्यार्थी को अपने स्कूल में शीर्ष ग्रेड पाना हो सकता है इत्यादि। अगर छात्र अपने लक्ष्यों का निर्धारण करके अपना समय प्रबंधन करता है तो उसे बीच – बीच में आने वाली भटकाव स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है। दैनिक दिनचर्या के कार्यों का निर्धारण करने से आप केंद्रित ध्यान से तैयारी कर सकते है।

वर्तमान समय में ऐसे कई ऐप हैं जिन्हें डाउनलोड करके छात्र अपने समय को व्यवस्थित कर सकते है और देख सकते है, कि किस जगह आपने अपना समय व्यतीत किया है। इसमें आपकी मदद मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शिक्षक भी कर सकते है।

2. समय सीमा का कैलेंडर रखें

वर्तमान समय में ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन का समय निश्चित होता है। NEET UG, JEE और CLAT जैसी परीक्षाएं भारत की प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से है। इन परीक्षाओं में छात्र शीर्ष रैंक हासिल करने के लिए प्रयासरत होता है। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम विशाल होता है जिससे इनका कठिनाई स्तर और बढ़ जाता है। इसके चलते इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दबाव और तनाव में होते है। लेकिन अगर आप समय प्रबंधन करने के सर्वोत्तम तरीकों का पालन कर रहे है तो ऐसा नहीं होगा।

एक नियमित कैलेंडर रखने से आपको अपने निर्धारित कार्यों की झलक पहले ही मिल जाती है। जिससे आप स्पष्ट प्राथमिकताओं के साथ पढ़ाई कर सकते है, और अपने दैनिक कार्यों के लिए समय निर्धारित कर सकते है। अगर छात्र एक सुव्यवस्थित कैलेंडर नहीं बनाते है तो इन परीक्षाओं में असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

3. अपने लिए रिमाइंडर सैट करें

छात्र कैलेंडर बनाने के बाद समय – समय पर अपने निर्धारित लक्ष्य खुद को याद दिलाते रहें, ताकि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित हो सकें। जैसे दिन की शुरुआत में आपको कोचिंग क्लास लेनी है?, प्रश्न हल करने है? या फिर NCERT पुस्तकों से थ्योरी पढ़नी है। सभी विषयों को तय समय पर पूरा करना जरूरी है, लेकिन पूरे हुए की, नहीं हुए जानना भी उतना ही जरूरी हैं। छात्र रिमाइंडर सैट करने के लिए डिजिटल उपकरणों की सहायता ले सकते है या फिर अपने कैलेंडर पर मार्कर से मार्क कर सकते है। यह रिमाइंडर आपको सोते समय दिनभर में हुई पढ़ाई के बारे में अवगत करवा देते है। जिससे छात्र दूसरे दिन की पढ़ाई को लेकर और अधिक उत्सुक होते है।

4. यथार्थवादी बनें (Stay Realistic)

कई तैयारी करने वाले छात्र कम समय में ही अपनी पूरी तैयारी करने की चाह रखते हैं, लेकिन याद रखें NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी परीक्षाओं में बारीक़ से बारीक़ अवधारणाओं को गहनता से सीखने की आवश्यकता होती है, इसलिए छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए ऐसी योजना बनानी चाहिए जो वास्तव में की जा सके। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए कि तैयारी शुरू करते समय आप तेजी से चीजों को कवर करने की कोशिश करे, और कुछ समय बाद ही ढीलें पड़ जाएं। आपको बेहतर परिणाम पाने के लिए धीरे धीरे लगातार प्रयासरत रहना होगा।

5. पढ़ाई के लिए समय सारणी बनाएं (Study Time Table)

परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय प्रबंधन के साथ सबसे जरूरी जो चीज है वह है, योजनाबद्ध तरीके से एक सुव्यवस्थित समय सारणी बनाकर उसका नियमित रूप से अनुसरण करना। छात्र इस प्रकार से अपनी एग्जाम के हिसाब से अपनी समय सारणी बना सकते है-

(क) अपने Syllabus (पाठ्यक्रम) को समझें

स्टडी टाइम टेबल बनाने से पहले जरूरी हैं कि छात्र अपनी एग्जाम के सिलेबस को अच्छी तरह से समझें। इसके लिए यह करें:

  • सभी विषयों की लिस्ट बनाएं,
  • अपने एग्जाम के कठिन और आसान टॉपिक्स अलग अलग करें,
  • उन विषयों पर अतिरिक्त ध्यान दें जिनमें आपकी पकड़ अच्छी नहीं है,
  • पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र देखें ताकि परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण टॉपिक्स को पहचान सकें।

(ख) अपने पढ़ाई के लक्ष्य तय करें

हर दिन के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करें। उदाहरण के लिए:

  • सुबह: गणित के कठिन अध्यायों को सीखने पर ध्यान दें।
  • दोपहर: विज्ञान या अन्य विषय को पढ़ें।
  • शाम: आपके एग्जाम का अन्य कोई विषय जिसको टाला न जा सकें।

(ग़) पढ़ाई का सही समय चुनें

हर विद्यार्थी का पढ़ने का तरीका अलग होता है,लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सुबह सुबह पढ़ना सबसे अच्छा होता है।

  • सुबह (4 AM – 7 AM): दिमाग फ्रेश रहता है, कठिन विषयों को पढ़ने के लिए सबसे अच्छा समय होगा।
  • दोपहर (2 PM – 5 PM): आसान विषयों के लिए या फिर स्कूल, कोचिंग में पढ़े हुए का रिवीजन करें।
  • शाम (8 PM – 10 PM): यह समय महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग कर उनके प्रश्न हल करने और शॉर्ट नोट्स बनाकर याद करने का सबसे अच्छा समय होता है।

(घ) 40 – 50 मिनट का स्टडी सैशन बनाएं

  • विशेषज्ञों के मुताबिक 3 – 4 घंटे लंबी पढ़ाई करना छात्रों को जल्दी थका सकता है। ऐसा करने के बजाय छात्रों को 40 – 50 मिनट का स्टडी सत्र बनाना चाहिए और प्रत्येक 50 मिनट बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। ऐसा करने पर छात्र की ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ जाती है।

IIT JEE और NEET की तैयारी करने वाले छात्र अपनी समय सारणी इस प्रकार से भी बना सकते है। यह उन छात्रों के लिए उपयुक्त है, जिन्होंने एकीकृत स्कूल + कोचिंग, या केवल कोचिंग करते हैं। इसके साथ ही यह समय-सारिणी IIT ड्रॉपर्स या NEET रिपीटर्स छात्रों के लिए भी बिल्कुल सटीक है।

समय गतिविधि/कार्यकार्य जो करने है 
सुबह 5 बजे सुबह के रोजमर्रा के काम5 से 6 बजे के बीच हर हाल में उठें।
सुबह 6:00 – 6:30 बजे उठने के बादहल्की-फुल्की गतिविधियाँ दैनिक रूप में करें ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम, हल्की स्ट्रेचिंग और योग करें।
सुबह 6:30 – 7:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 1पिछले दिन का पुनरावलोकन कर सकते हैं, संशोधित विषयों के संदेह और नोट्स नोट पढ़ सकते हैं, और दिन के किसी भी महत्वपूर्ण विषय को इस घंटे में पूरा कर सकते हैं।
सुबह 7:30 – 8:00 बजेनाश्तास्वस्थ आहार पर ध्यान दें, इससे ऊर्जा बढ़ेगी। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो सुस्ती पैदा करते हैं।
सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तकस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 2सुबह का समय नई अवधारणाओं को सीखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, और यह दिन का ज्यादा उत्पादक समय होता है। इस समय सैद्धांतिक अवधारणाओं वाले विषयों को अधिक से अधिक पढ़ें। 
सुबह 11:00 – 11:30 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंब्रेक का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक तरीके से करें। हल्की स्ट्रेचिंग करना, हल्का टहलना या दोस्तों से बातें करना।
सुबह 11:30 – दोपहर 1:30 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 3पहले जिस विषय की अवधारणाएं पढ़ी उसके अभ्यास प्रश्न करें, उस टॉपिक से संबंधित पिछले सालों के प्रश्नो को हल करें इसके अलावा अपनी कोचिंग द्वारा दिए गए अभ्यास प्रश्न भी कर सकते है।
दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तकदोपहर का भोजन (Lunch)दोपहर का भोजन करें। थोड़ी देर की झपकी लें (20-25 मिनट)। थोड़ी देर की झपकी पढ़ने की क्षमता बढ़ाएगी और दिमाग को आराम देती है।
दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तककोचिंग का समय या फिर Self Studyकक्षा में उपस्थित रहें, नोट्स बनाएँ और आवश्यक प्रश्न पूछें। कोचिंग के दौरान किए जा सकने वाले कार्यों को बाद के लिए न रखें,उन्हें उसी दिन पूरा करें। 
शाम 5:30 – 6:00 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंटहलने, खेलकूद या गेम खेलने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ करें। फ़िल्में देखने से बचें।
शाम 6:00 – 8:00 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 4अपनी कोचिंग में पढाई गई चीजों को पुरे ध्यान से याद करें और उन्हें दोहराएं। 
रात्रि 8:00 बजे से 8:30 बजे तकरात का खाना खाएं खानें के तुरंत बाद थोड़ी देर टहलें। 
रात्रि 8:30 – 10:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 5रात का समय ज़्यादा सुकून भरा होता है। यह अभ्यास प्रश्न करने, डीपीपी हल करने, टेस्ट और मॉक टेस्ट देने का सबसे अच्छा समय है। अगले दिन की कोचिंग क्लास में पूछे जा सकने वाले किसी भी प्रश्न या शंका को नोट कर लें।
रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तकअगले दिन की योजना बनाना आज की गलतियों का विश्लेषण करें। अगले दिन के कार्यों की योजना बनाएँ। 
रात के 11:00नींद लें अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। सोने से एक घंटा पहले फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें।

अगर छात्र इस प्रकार से अपने समय का सदुपयोग करता है तो वह उन चुंनिदा सफल छात्रों में शामिल हो सकता है, जिन्होंने पिछले सालों में अपनी परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। याद रखें ये समय प्रबंधन के टिप्स और यह Time Table आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है। 

6. जरूरत पड़ने पर नहीं कहना 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा तैयारी के दौरान अनावश्यक कार्यों के लिए ‘नहीं कहना” कहना अत्यंत जरूरी है। ऐसा करने पर छात्र अपने सबसे आवश्यक कार्य पढ़ाई करने पर अधिक ध्यान दे, सकते है। जब कोई छात्र अपने लक्ष्य से भटकाने वाली चीजों/कामों के लिए नहीं कहने में सफल हो जाता है तो वह अपने तैयारी जैसे काम में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाता है। जो उसके समय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।

7. उत्पादक घंटों (Productive Hours) के दौरान पढ़ाई करें

प्रत्येक छात्र के उत्पादक घंटे (Productiv Hour) हमेशा एक जैसे नहीं होते है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कोई छात्र शाम के समय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता तो तो उसे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ छात्र दोपहर को नहीं पढ़ पाते उन्हें शाम को देर तक पढ़ना चाहिए। कुछ छात्र सुबह,दोपहर, शाम के बीच निश्चित अंतराल देकर पढ़ते हैं। इसलिए छात्रों के लिए यह निर्धारित करना जरूरी हैं कि वो किस समय अपना बेस्ट दे सकते जहां मिनिमम इनपुट में मैक्सिमम आउटपुट मिल सकें।

8. डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें

वर्तमान समय में सुविधा देने वाले उपरकण बढ़े है जिनसे NEET UG, JEE, CLAT या फिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी अछूते नहीं है। तैयारी करने वाले छात्रों को इन संसाधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब अत्यंत आवश्यकता हो। क्योंकि एक बार इनको प्रयोग में लेने पर छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हटकर अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर जा सकता है। इसलिए इनका उपयोग सोच समझकर ही करना चाहिए।

9. विकर्षणों (Distraction) से बचें

जिस प्रकार से ऊपर हमने विशेषज्ञों से जाना कि वर्तमान समय में डिजिटल उपरकण और संसाधन बढ़े है और इनका अनावश्यक प्रयोग भी बढ़ा है। वर्तमान समय में इनके अलावा भी कई प्रकार के विकर्षण संसाधन बढ़े है जैसे वीडियो गेम्स के लिए साइबर कैफे जाना, अनावश्यक रूप से यू ट्यूब पर ब्लॉग्स देखना या अन्य ऐसा कार्य जिसमें समय का दुरुपयोग हो सकता है। पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने समय का प्रबंधन करने के लिए उपरोक्त विकृषणों से बचना चाहिए ताकि वो अपने मुख्य लक्ष्य पढ़ाई करने पर ध्यान दे सके।

10. स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) अपनाएं।

समय प्रबंधन में अप्रत्यक्ष रूप से स्वस्थ जीवनशैली का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि, पढ़ाई करने वाले छात्र स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो उनके बीमार होने के चांस कम से कम होंगे। इसके लिए छात्रों को स्वस्थ पौष्टिक खान – पान, योग – व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में बढ़ावा देना चाहिए। वरिष्ठ डॉक्टर्स का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। छात्र अगर स्वस्थ रहेगा तो वह पढ़ाई और अपनी तैयारी को सुचारू रूप से चला सकता है और अपने समय का समुचित प्रबंधन कर सकता है।

समय प्रबंधन की 2 सबसे प्रचलित तकनीक

प्रभावी समय प्रबंधन से पढ़ाई ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन में भी संतुलन लाना संभव है। लेख में वो 2 तकनीकी बताई गई है जिनकी बातें तो सब करते है, लेकिन विस्तृत रूप में कोई नहीं बताता है। इन्हें सीखने और अपनाने से न केवल छात्रों को Study Planning बनाने में मदद मिलती है बल्कि पढ़ाई में नियमितता और उत्पादकता (Productivity) भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है।

1. पोमोडोरो तकनीक (Pomodoro Technique)

पोमोडोरो तकनीक उद्यमी और लेखक फ्रांसिस्को सिरिलो द्वारा विकसित की गई थी। इस तकनीक से छात्र अपने दिन प्रतिदिन के कामों को अंतराल (भागों) में विभाजित कर सकते है। प्रत्येक अंतराल को पोमोडोरो कहा जाता है।

यह तकनीकी किस प्रकार काम करती है? सीखनें के लिए इन तरीकों को अपनाए:

  • वह कार्य चुनें जिसे आपको पूरा करना है जैसे छात्र को अपने एक दिन में कितनी पढ़ाई पूरी करनी है।
  • प्रत्येक विषय के लिए एक टाइमर सैट करें (जैसे आपको फिजिक्स 50 मिनट पढ़ना है, कैमेस्ट्री 50 मिनट पढ़नी है।)
  • जिस विषय को आप पढ़ रहें है उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।
  • जब टाइमर बज जाए तो अपनी समय सारणी में मार्क कर दीजिए।
  • थोड़ा ब्रेक लें ( छात्र 50 मिनट पढ़ने के बाद दिमाग को फ्रैश करने के लिए 10 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में टहल सकते है, चाय – कॉफी ले सकते है या फिर ऐसा कार्य करें जिसमें ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़े)

Pomodoro Technique न केवल छात्रों को समय प्रबंधन सिखाती है, बल्कि यह छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करना भी सिखाती है। छात्र इस तकनीक को अपनाकर अपनी पढ़ाई के दैनिक और सप्ताहिक टास्क बेहतर ढंग से पूरे कर सकते है। छात्रों की इस व्यवस्थित नियमितता से शत प्रतिशत प्रदर्शन सुधरने की संभावना है।

2. पेरेटो विश्लेषण तकनीक (Pareto Analysis Technique)

इसे 80/20 का नियम भी कहा जाता है। इसको विकसित करने का श्रेय महान इतालवी अर्थशास्त्री विल्फ्रेडो पेरेटो को जाता है। इस नियम के अनुसार 20% क्रियाएं 80% परिणामों के लिए जिम्मेदार होती है।

यह तकनीक किस प्रकार काम करती है, जानें:

  • छात्र अपनी मुख्य समस्याओं की सूची बनाएं। उदाहरण के लिए आपके किसी विषय के Mock में लगातार कम अंक आ रहे हो।
  • छात्र अपने दैनिक दिनचर्या की समस्याओं की वास्तविक जड़ खोजें। जैसे, Mock में कम अंक आने का कारण सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना हो, विषय को कमतर आंकना इत्यादि।
  • अब जो सबसे जरूरी काम करना है वह है प्रत्येक समस्या के लिए अंक निर्धारित करें। जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिता रहें और उसका दुष्प्रभाव पड़ रहा इसके लिए आप 10 में से 7 अंक निर्धारित करें।
  • छात्र को जो कार्य करने में असफलता मिली उस असफलता के पीछे बने सभी कारणों को एक जगह लिखें। जैसे, क्या आपके Mock में कम अंक केवल सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिताने से आए या अन्य कोई कारण रहा है?
  • प्रत्येक समूह को जोड़ें और अब जो सबसे जरूरी काम है वह है सबसे अधिक स्कोर जिस समस्या का आया है उसको अधिक से अधिक सुधारने पर ध्यान दें।

पेरेटो एनालिसिस तकनीक का उपयोग आजकल कई कोचिंग संस्थानों के एक्सपर्ट करते है। जैसे, सीकर की मैट्रिक्स जेईई एकेडमी के स्टूडेंट कॉउन्सलर्स द्वारा इस प्रणाली से विद्यार्थियों को उत्पन्न समय प्रबंधन संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

समय प्रबंधन में निपुणता आने से छात्र अपनी शैक्षिक योग्यताएं तो सिद्ध करते ही है, इसके अलावा उन्हें जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए भी यह प्रबंधन निपुणता पहले ही तैयार कर देती है। छात्र जीवन में समय प्रबंधन होने से बेहतर तैयारी करने में मदद मिलती है, और परीक्षा के दिन होने वाली अनावश्यक चिंताओं से बचने में सहायता मिलती है। सीकर के प्रसिद्ध संस्थान जैसे Matrix JEE Academy, CLC, Gurukripa, PCP, Allen आदि संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्रों को समय प्रबंधन (Time Management)  सिखाने के लिए विशेष तौर पर सैशन चलाए जाते है, जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपना समय प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

FAQ’s

Time Management क्या होता हैं?

Time Management का साधारण अर्थ है, अपने समय का इस तरह से उपयोग करना जिससे आपकी पढ़ाई और दैनिक दिनचर्या संतुलित दृष्टिकोण से पूरी हो जाएं ।

Time Management के लिए कौनसे Apps सबसे अच्छे हैं?

Google Calendar, Notion, Trello, Todoist जैसे App छात्रों के लिए Time Management Apps हो सकते है।

समय का दुरुपयोग हुआ है, मैं कैसे जान सकता हूं?

एक सप्ताह का समय व्यवस्थित रूप से लिखें, इसमें आप हर घंटे का रिकॉर्ड बनाएं और देखें कि कहा मैने गैर जरूरी कार्य किया जिससे समय ख़राब हुआ है।

NEET UG और JEE Main परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सबसे सरल Time Management कैसे शुरू करें?

इसके लिए छात्र रोज एक छोटी To – Do list बनाएं। इस लिस्ट में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कार्य को सबसे ऊपर रखें, और इसी अनुरूप अपना कार्य/ तैयारी करें। लेकिन याद रखें डिजिटल उपकरणों से होने वाले डिस्ट्रक्शन से दूरी बनाने के लिए फोन, लैपटॉप के नोटिफिकेशन ऑफ कर दें।

छात्रों की सफलता में समय प्रबंधन की क्या भूमिका है?

एक छात्र द्वारा सीखकर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए समय प्रबंधन की बड़ी भूमिका होती है। जब छात्र अपने समय का समुचित प्रबंधन कर लेते है तो उन्हें कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई करने पर कठिनाई महसूस नहीं होती है। जबकि इसके विपरीत उनके परिणाम बेहतरीन होते जाते है क्योंकि पढ़ाई में नियमितता आ जाती है।

शिक्षा मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा मिलें। इसके चलते वो अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी स्कूल में प्रवेश दिलवाते हैं, लेकिन आज के समय में अधिकांश अभिभावक कार्यशील है, जिससे कई बच्चों के माता पिता का स्थानांतरण हो जाता हैं, कई बार पारिवारिक कारणों के चलते भी अभिभवकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करना पड़ता है। जिसकी वजह से बच्चों का स्कूल भी बदलना पड़ता हैं।

उपरोक्त परिस्थितियों के चलते अभिभावक अपने बच्चों का स्थानांतरण स्टेट बोर्ड से CBSE बोर्ड में करवाने का निर्णय लेते है। यह प्रकिया सरल एवं आसान होती है, लेकिन कब? जब आप CBSE गाइडलाइंड और प्रक्रियाओं का उचित पालन करते है। अगर आपके मन में भी ये सवाल है कि ट्रांसफर की प्रक्रिया क्या होगी, कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपके बच्चे का नया सफर बिना किसी परेशानी के शुरू हो सके। तो यह ब्लॉग आपके लिए है, यहाँ हमने विशेषज्ञों की राय के आधार पर आपके लिए स्टेप-बाय-स्टेप पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई हैं।

स्टेट बोर्ड से CBSE में ट्रांसफर करने के लिए पात्रता मानदंड

अभिभावक अपने बच्चे को राज्य स्तरीय बोर्ड (State Board) से सीबीएसई बोर्ड (School) में स्थानांतरित करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका बच्चा निम्न आवश्यक पात्रताओं को पूरा करता हैं या नहीं। यहां हमने स्कूल विशेषज्ञों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की गाइडलाइंस के अनुसार अलग अलग कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के नियम भी विस्तृत रूप से बताएं है जो आपको बच्चे का स्थानांतरण करवाने में काफी मददगार साबित होंगे।

CBSE के स्थानांतरण संबंधित सामान्य पात्रता मानदंड

  • आपके बच्चे ने पिछला शैक्षणिक वर्ष सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर लिया हो।
  • स्थानांतरण आमतौर पर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में स्वीकार किए जाएंगे। (कुछ विशेष परिस्थितियों में सत्र के मध्य में भी स्थानांतरण स्वीकार कर लिए जाते हैं जैसे किसी बच्चे के अभिभावक केंद्र सरकार में कोई विशिष्ट कर्मचारी हैं और उनका Transfer हो गया हो तब)
  • तब आप बच्चे को एक चालू सत्र में भी बोर्ड बदलवा सकते हो।
  • आपका बच्चा CBSE की विभिन्न कक्षाओं के लिए निर्दिष्ट आयु सीमा की पात्रता पूरी करता हो।
  • आवश्यक दस्तावेज जो स्थानांतरण के लिए जरूरी हैं (आगे विस्तृत रूप में) उपलब्ध करवाने जरूरी हैं।

CBSE बोर्ड में स्थानांतरण करवाने के अलग अलग कक्षाओं के लिए कुछ विशिष्ट पात्रता मानदंड

कक्षा 8 और 9 के लिए पात्रता मानदंड

  • कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को CBSE स्कूल में प्रवेश राज्य सरकार के साधारण नियमों द्वारा दिए जाते हैं।
  • कक्षा 9 में प्रवेश तब दिया जायेगा जब किसी विद्यार्थी ने कक्षा 8 CBSE बोर्ड या राज्य सरकार के अन्य किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से उत्तीर्ण कर ली हो। कक्षा 8 के अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों का CBSE बोर्ड की कक्षा 9 में प्रवेश नहीं हो सकता हैं।

कक्षा 10 के लिए पात्रता मानदंड

  • कक्षा 10 में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी को CBSE, ICSE या राज्यों के अन्य किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल से कक्षा 9 के पाठ्यक्रम को नियमित रूप से पूरा किया हुआ होना चाहिए।
  • विद्यार्थी को कक्षा 9 में उत्तीर्ण होना चाहिए। (न्यूनतम 33% अंक प्राप्त होने आवश्यक हैं)

कक्षा 11 के लिए पात्रता मानदंड

  • अगर विद्यार्थी कक्षा 11 में अपना स्थानांतरण करवाना चाहता हैं, तो उसे कक्षा 10वीं CBSE, ICSE या राज्यों के अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड (जैसे RBSE) से संबद्ध स्कूल से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होंगे। (CBSE में ग्रेडिंग सिस्टम का प्रारूप जानें)

कक्षा 12 के लिए पात्रता मानदंड

  • यदि कोई विद्यार्थी CBSE के अलावा किसी भी अन्य बोर्ड से है,तो कक्षा 12 में उसे स्थानांतरण के समय CBSE बोर्ड में प्रवेश नहीं दिया जा सकता हैं। (कुछ अत्यंत विशेष परिस्थितियों में प्रवेश दिया जा सकता है, लेकिन प्रामाणिक कारण प्रस्तुत करने पर ही)

2025 में CBSE स्कूल में प्रवेश लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

एक सफल स्थानांतरण के लिए आपके बच्चे के सभी दस्तावेज सही होना अत्यंत आवश्यक है। CBSE बोर्ड में स्थानांतरण (CBSE School) के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची नीचे दी गई हैं-

स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC)

यह जरूरी दस्तावेज आपके बच्चे की पिछली स्कूल द्वारा जारी किया जाता हैं,जिसमें बच्चे के नामांकन ओर शैक्षणिक विवरण का उल्लेख होता हैं।

पिछले स्कूल का रिपोर्ट कार्ड

इसमें आपके बच्चे की पूर्व कक्षाओं का सम्पूर्ण शैक्षणिक प्रदर्शन आधिकारिक आंकड़ों में लिखा जाता हैं। किसी भी CBSE स्कूल में प्रवेश लेने के लिए इस कार्ड को प्रदर्शन का आधार बनाया जाता हैं।

जन्म प्रमाण – पत्र

यह दस्तावेज आपके बच्चे के जन्म की तारीख का सत्यापन करता है। यह प्रमाण पत्र सीबीएसई के दिशा निर्देशों के अनुरूप होना आवश्यक है। सामान्यतः यह प्रमाण पत्र संबंधित सरकारी अधिकारी द्वारा जारी किया जाता हैं।

प्रवासन प्रमाण पत्र (Migration Certificate)

यह प्रमाण पत्र बच्चे के वर्तमान संबंधित राज्य बोर्ड, ICSE या अंतरराष्ट्रीय बोर्ड से CBSE में ट्रांसफर करवाने पर अत्यंत आवश्यक हैं।

जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)

यह दस्तावेज SC, ST, OBC कैटेगरी के उन बच्चों के लिए लागू होता हैं जिन्हें आरक्षण का लाभ चाहिए।

आधार कार्ड या पहचान प्रमाण पत्र

CBSE बोर्ड में स्थानांतरण करवाने वाले बच्चे एवं अभिभावक दोनों के पहचान संबंधित दस्तावेज होना अनिवार्य होगा। सामान्यतः आधार कार्ड को स्वीकार कर लिया जाता हैं।

चिकित्सा प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो तो)

कुछ स्कूल CBSE बोर्ड में प्रवेश देने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित प्रमाण पत्र मांग सकते है। इसको बनवाने के लिए आप किसी अधिकृत सरकारी डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं।

किस आधार पर स्थानांतरण करवाया जा रहा है उससे संबंधित प्रमाण पत्र

इस दस्तावेज के अंतर्गत वह प्रमाण पत्र सीबीएसई स्कूल को उपलब्ध करवाने अनिवार्य है, जिनके आधार पर आपका बच्चा स्टेट बोर्ड से CBSE बोर्ड में प्रवेश ले रहा है।

पासपोर्ट साइज़ फोटो

स्टेट बोर्ड से CBSE बोर्ड में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी की हाल ही की बनवाई हुई 3 से 5 फोटो अनिवार्य रूप से आवश्यक होती हैं।

वर्ष 2025 में State Board से CBSE Board में स्थानांतरण करवाने की प्रक्रिया

आज के समय में CBSE बोर्ड में स्थानांतरण (Transfer) करवाना कई छात्रों और अभिभावकों के लिए एक समझदारी भरा कदम है। वर्ष 2025 में CBSE शिक्षा प्रणाली और भी आधुनिक और छात्र-केंद्रित हो गई है, जिससे छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं (JEE, NEET आदि) की बेहतर तैयारी, और समान पाठ्यक्रम का लाभ मिलता है। यहाँ चरणबद्ध तरीके से पूरी प्रक्रिया आसान शब्दों में बताई गई हैं।

चरण 1

अपने स्थानीय क्षेत्र की CBSE माध्यम में संचालित स्कूलों की जानकारी इकठ्ठा करें। स्कूल चुनते समय आप निम्न महत्वपूर्ण कारकों का ध्यान रखें-

  • स्कूल की प्रतिष्ठा और Ranking
  • स्कूल में बच्चों के लिए उपलब्ध बुनियादी संसाधन
  • स्कूल की वार्षिक फीस
  • अध्ययन वर्ष के दौरान कौन कौनसी गतिविधियां बच्चों से करवाई जाएंगी
  • घर से स्कूल की दूरी और बच्चे के लिए आवागमन के साधन
  • बच्चे को स्कूल में प्रवेश (Admission) देने संबंधित नियम और शर्तें
  • एक वार्षिक सत्र की समय सीमा

चरण 2

जब आप अपने क्षेत्र की CBSE माध्यम की स्थानीय स्कूलों की सूची बना लें, तब प्रवेश सम्बन्धित जानकारी लेने के लिए कैंपस विजिट करें या फिर उस प्रतिष्ठित स्कूल की वेबसाइट देखें। कुछ स्कूल ऑनलाइन आवेदन स्वीकार कर लेते हैं जबकि कुछ स्कूलों में व्यक्तिगत परामर्श लेना होता हैं। स्कूल कैंपस विजिट करते समय निम्न बातों के बारे में चर्चा करें

  • कुछ स्कूलों में प्रवेश देने के लिए बच्चे से लिखित परीक्षा या साक्षात्कार (Interview) लिया जा सकता है, तो उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेना।
  • स्कूल की शुल्क संरचना (Fee Structure) शुल्क जमा करवाने की शर्ते।
  • आपका बच्चा जिस कक्षा में प्रवेश लेना चाहता हैं उस कक्षा में उपलब्ध सीटें कितनी हैं।
  • प्रवेश लेने के लिए आवेदन करने की समय सीमा।

चरण 3

स्टेट बोर्ड से सीबीएसई बोर्ड में स्थानांतरण करवाने के लिए निम्न दस्तावेजों को स्कूल के प्रवेश फॉर्म के साथ जमा करें।

  • बच्चे के पिछले स्कूल द्वारा जारी स्थानांतरण प्रमाण पत्र (Transfer Certificate)
  • पिछले वर्ष के समस्त शैक्षणिक रिकॉर्ड (सामान्यतः पिछली कक्षा की Marksheet)
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • प्रवासन प्रमाण पत्र (Migration Certificate)
  • स्कूल द्वारा मांगे जाने वाले आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, चिकित्सा प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, CBSE में ट्रांसफर करवाने का आधिकारिक कारण इत्यादि चयनित स्कूल के प्रवेश विभाग (Admission Department) को उपलब्ध करवाएं।

चरण 4

अभिभावक अपने बच्चे का स्थानांतरण करवाने के पश्चात् स्कूल का तय शुल्क जमा करवाएं और सीट मिली या नहीं इसकी पुष्टि ज़रूर करें।

Note:- एक बार बच्चे का स्थानांतरण करवा दें, तो प्रवेश शुल्क, वार्षिक शुल्क आदि की रसीद और अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज सुरक्षित रखें। ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सकें।

CBSE बोर्ड से स्कूली शिक्षा पूरी करने के फायदे

CBSE बोर्ड में पढ़ने वाले छात्रों को समान पाठ्यक्रम, कौशल-आधारित (Skill-Based) और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान का लाभ मिलता है। CBSE में विषयों की संरचना भी इस तरह से बनाई गई है कि छात्र केवल किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान (Practical Knowledge), समस्या-समाधान क्षमता (Problem Solving Skills) भी विकसित करें, जिससे उन्हें भविष्य में रोजगार मिलना सुनिश्चित होता हैं। आगे हम विस्तार से जानेंगे कि CBSE बोर्ड में विषय चुनने के कौन-कौन से प्रमुख लाभ हैं। इसके साथ ही, देश के लगभग हर राज्य और विदेशों में भी CBSE स्कूल मौजूद हैं, जिससे स्थानांतरण (Transfer) आसान हो जाता है।

एक समान पाठ्यक्रम (Syllabus) का होना

CBSE देशभर के विद्यार्थियों के लिए एक समान पाठ्यक्रम रखता हैं,जो भारत के सभी राज्यों के विद्यार्थियों के बीच एकरूपता और समानता सुनिश्चित करता है। इस बोर्ड से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाला बच्चा भले ही दक्षिणी भारत के किसी राज्य का निवासी हो या उत्तरी भारत के किसी राज्य का सबको एक समान पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुसार पाठ्यक्रम का होना

CBSE का स्कूली पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं, सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम के अनुरूप होता हैं, जिसके कारण इन विद्यार्थियों को अन्य लाखों विद्यार्थियों की तुलना में बढ़त मिलती हैं। जैसे: JEE और NEET प्रवेश परीक्षाओं का पाठ्यक्रम CBSE के स्कूली पाठ्यक्रम के समान ही है।

देशभर के साथ विदेशों में भी मान्यता प्राप्त

CBSE बोर्ड को पूरे देश की प्रतिष्ठित कॉलेजों के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कॉलेजों में भी उच्च शिक्षा के लिए स्वीकार कर लिया जाता हैं।

समग्र शिक्षा (Overall Education) को बढ़ावा

CBSE बोर्ड सैद्धांतिक ज्ञान (Theory Knowledge) के अलावा विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा, उद्यमिता, रचनात्मक कौशल आधारित (स्किल्स बेस्ड) शिक्षा पर जोर देता है। जिससे विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा मिलता हैं। जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के रोजगार उन्मुख शिक्षा के उद्देश्य को बढ़ावा देता है।

 आसानी से स्थानांतरण (Transfer) होना 

चूंकि CBSE बोर्ड पूरे देश में फैले हुए हैं, इसलिए एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरण करवाना अन्य बोर्ड्स की तुलना में आसान होता हैं।

सीकर के स्थानीय क्षेत्र में शीर्ष CBSE स्कूल

1. Matrix High School 

2. Daffodils World School

3. Euro International School

4. Prince School, Sikar

5. CLC International School

6. Sanskar International School

7. Bhartiya Public School

8. Navjeevan School, Sikar

9. Dundlod Public School

10. Mody School

निष्कर्ष

राज्य बोर्डों की लचर और परम्परागत शिक्षा प्रणाली को छोड़कर आजकल विद्यार्थी CBSE बोर्ड स्कूल्स को वरीयता देने लगें हैं। इसके अलावा CBSE बोर्ड की और भी ख़ास बातें हैं। जैसे, बोर्ड परीक्षाओं में ज्यादा अंक पाने, देशभर की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं JEE, NEET के अनुसार CBSE का पाठयक्रम होने, रोज़गार तथा कौशल आधारित शिक्षा के फायदों को देखते हुए वर्तमान समय में तेजी से विद्यार्थी और अभिभावक CBSE बोर्ड की ओर रुख़ कर रहें हैं। यह अभिभावकों ओर विद्यार्थियों दोनों का ही समझदारी भरा फैसला है, क्योंकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शैक्षिक नीति अपने विद्यार्थियों को देश के अन्य लाखों विद्यार्थियों से आगे बढ़त बनाने में मदद करती हैं।

आप भी अपने बच्चे का स्थानांतरण राज्य बोर्ड से CBSE बोर्ड में करवाना चाहते हो तो यह एक आसान प्रक्रिया हो सकती हैं। सावधानीपूर्वक योजना, उचित दस्तावेज और समय पर आवेदन करने से आपका बच्चा सीबीएसई स्कूल में प्रवेश पा सकता है। चूंकि CBSE स्कूल में प्रवेश अत्यधिक प्रतिस्पर्धी हैं, इसलिए समय सीमा ओर इस ब्लॉग में लिखी आवश्यक तत्वों के बारे मे जानकारी रखना महत्वपूर्ण है।

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FAQs

मुझे अपने बच्चे को राज्य बोर्ड से CBSE बोर्ड में स्थानांतरण क्यों करना चाहिए?

राज्य बोर्ड से CBSE में स्थानांतरण करवाने पर आपके बच्चे को राष्ट्रीय स्तर की व्यापक और कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सकता हैं। साथ ही CBSE बोर्ड को उच्च शिक्षा के लिए देशभर के सर्वोच्च विश्वविद्यालयों में स्वीकार कर लिया जाता हैं।

क्या मैं CBSE बोर्ड में कक्षा 12 में सीधे प्रवेश ले सकता हूं?

सीबीएसई की कक्षा 12 ने सीधे प्रवेश लेना आपके लिए सम्भव नहीं है। 12वीं बोर्ड में स्थानांतरण करवाने के लिए आपको कक्षा 11वीं में प्रवेश लेना होगा। जिन विद्यार्थियों के माता पिता राष्ट्रीय सेवाओं में कार्यरत हैं केवल उनके बच्चों को सीधे प्रवेश दिया जा सकता है, लेकिन उचित प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने पर।

क्या किसी विदेशी छात्र को भारत की CBSE स्कूल में प्रवेश दिया जा सकता है?

हां,लेकिन छात्र को CBSE से पात्रता प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा, पात्रता प्रमाण पत्र तभी जारी किया जाएगा जब विदेशी स्कूल का पाठयक्रम ओर परीक्षाएं सीबीएसई के पैटर्न अनुसार हो। साथ ही जिस सीबीएसई स्कूल में प्रवेश लिया जा रहा है,उसके प्रधानाचार्य को छात्र के सभी संबंधित दस्तावेज बोर्ड को प्रस्तुत करने होंगे।

क्या कोई छात्र चलते शैक्षणिक सत्र के दौरान स्कूल बदल सकता हैं?

नहीं, बोर्ड परीक्षा के लिए नाम सबमिट होने के बाद छात्र अपना स्कूल नहीं बदल सकते हैं। कुछ विशेष अपवाद स्वरूप परिस्थितियों में CBSE अध्यक्ष की अनुमति से चलते सत्र में भी स्कूल बदला जा सकता हैं लेकिन इस प्रकिया में भी बोर्ड नहीं बदला जाएगा।

मुझे CBSE स्कूल में स्थानांतरण करवाते समय किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता हैं?

CBSE स्कूल में स्थानांतरण करवाते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता हैं,जैसे आपके क्षेत्र में CBSE स्कूल न होना, दस्तावेज संबंधित समस्या आना, आपके वर्तमान बोर्ड की कार्यप्रणाली सीबीएसई बोर्ड से एकदम अलग होना। अन्य चुनौतियां जानने के लिए आप हमारा ब्लॉग पढ़ सकते हैं।

वार्षिक एवम् बोर्ड परीक्षा के पूर्व अर्द्ध वार्षिक परीक्षा हो या प्री बोर्ड परीक्षा हो, इनका होना आवश्यक होता है। इन परीक्षाओं से बच्चों को अपनी तैयारी का और शिक्षकों को अपने पढ़ाए गए पाठ्यक्रम का बच्चों ने कितना सीखा मुख्य परीक्षा से पहले जायजा मिल जाता है। बोर्ड परीक्षा वाले छात्रों को मुख्य परीक्षा से पहले प्रश्न पत्रों का पैटर्न समझ आ जाता है। साथ ही बच्चे वार्षिक परीक्षा के लिए भी तैयारी शुरू करते हैं। इसके अलावा अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंकों के माध्यम से स्कूलों में कक्षा 9 वीं और 11 वीं के बच्चों का परीक्षा परिणाम भी तैयार किया जाता हैं।

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में प्राप्त हुए अंकों के आधार पर बच्चों के स्तर का आंकलन हो जाता है कि बच्चे पढ़ाई के मामले में कितने गहरे पानी में हैं। इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों से बच्चों की कमियों और ताकत के बारे में पता चल जाता हैं। अर्द्ध वार्षिक परीक्षा बच्चों के लिए एक मित्र की तरह होती हैं, जो उन्हें सच्चाई का आइना दिखाती हैं। अतः अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंकों का अत्यंत महत्व है। हमने इस ब्लॉग में राजस्थान के प्रसिद्ध शिक्षकों के विचारों को विस्तृत रूप में लिखा है, जो आपके लिए उपयोगी होंगे।

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा और इसके अंकों का महत्व

स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चों को लगता हैं कि अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं अपने लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। कुछ बच्चे सोचते हैं कि ये परीक्षाएं तो केवल 10वीं और 12वीं बोर्ड वाले बच्चों के लिए ही महत्वपूर्ण हैं। जबकि विशेषज्ञों और स्कूल शिक्षकों के अनुसार ये परीक्षाएं और इनके अंक, स्कूल की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होते है।

हम सब जानते हैं कि बोर्ड कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए वास्तविक परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने का दबाव होता है इसलिए उनके पेपर पैटर्न को जानने के लिए अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं महत्वपूर्ण होती हैं। इन परीक्षाओं से शिक्षकों द्वारा पढ़ाई गई सामग्री से बच्चे कितने प्रश्न कर पा रहें है तथा बच्चे लिखते समय कैसा लिख रहे हैं इत्यादि महत्वपूर्ण बातों का पता चलता है। इन परीक्षाओं के अंक पूरे सत्र के ओवरलॉल रिजल्ट में औसतन 20 प्रतिशत का हिस्सा रखते हैं, इसलिए विद्यार्थी स्कूल की कोई भी कक्षा में हो उनको अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंकों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। CBSE और State Board में यह प्रणाली अलग हो सकती है इसलिए आपको CBSE और STATE BOARD के बीच का अंतर जान लेना चाहिए।

कक्षा के अंतिम परिणाम में भूमिका

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंक पूरे सत्र के अंतिम परिणाम में 20 से 30 प्रतिशत का योगदान रखते हैं, इसलिए इन परीक्षाओं के अंकों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

स्कूलों के आंतरिक मूल्यांकन में योगदान

स्कूल छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने और बोर्ड परिक्षाओं का मूल्यांकन करने के लिए अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंकों का उपयोग किया जाता है।

कमजोरियों की पहचान करने में भूमिका

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा बच्चों को उनकी कमजोरियों को पहचानने और उन्हें अंतिम परीक्षा तक अपनी ताकत में बदलने का अवसर प्रदान करती है।

वास्तविक परीक्षा के अभ्यास में भूमिका

अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं बच्चों को बोर्ड के वास्तविक परीक्षा पैटर्न, प्रश्न पत्र के प्रकार और उस समय पेपर अटेम्प्ट कैसे किया जाना चाहिए जैसी बातों से पहले ही अवगत करवा देती है।

आत्मविश्वास और प्रेरणा देने में भूमिका

नियमित मूल्यांकन से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। यह उनको अपनी कमजोरियों को सुधारने के लिए प्रेरित करता है और बच्चे अंतिम परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी कर पाते है।

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अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं में सफलता पाने के सुझाव

अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं वार्षिक स्कूल सत्र के बीच में आयोजित होती हैं। इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का आधा भाग प्रश्नों के माध्यम से पूछा जाता है। ये परीक्षाएं छात्रों की अनियमित पढ़ाई के चलते तनाव और चिंता का कारण बन जाती हैं। इसलिए हमने मैट्रिक्स हाईं स्कूल के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए सुझाव मांगे जो इस प्रकार हैं। ये सुझाव अपनाकर कोई भी विद्यार्थी अपनी अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकता हैं।

स्कूल परिसर में पढ़ाई

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र कभी भी अपनी क्लास मिस न करें, समय समय पर चलने वाले रिवीजन सत्रों को ध्यानपुर्वक अटैंड करें। रिवीजन सत्र के दौरान नोट्स बनाएं या ब्रेन मैप बनाएं और इनका उपयोग आप स्वाध्याय(Self Study) के समय करें। रिवीजन क्लास में बनाए शॉर्ट नोट्स को सुबह और रात में सोते समय दोहराने की आदत डालें, ताकि चीजें लंबे समय तक याद रखी जा सके।

कमज़ोर विषयों का अभ्यास करें

परीक्षा से पहले छात्र अपने कमज़ोर विषयों को मजबूत करने के लिए टीचर द्वारा दिए गए कार्य को पूरा करें, विषय के पाठों से प्रश्न हल करें, गलत होने पर अपने शिक्षक से सलाह लें। अगर कोई प्रश्न छूटता है तो उसे दोहराते समय ध्यान से पढ़ें। 

अध्ययन योजना (Time Table) बनाना

छात्र अपनी तैयारी करने के लिए एक सुव्यवस्थित एवम् उचित समय सारणी बनाएं। इसके अनुसार अपने दिन को फिक्स करें। जो समय जिस विषय या काम के लिए बांटा जाए उस समय वही कार्य करें ताकि समय प्रबंधन हो सके।

साप्ताहिक टेस्ट/ Mock Test में भाग ले 

छात्र स्कूल में होने वाले साप्तहिक टेस्ट और Mock Test में नियमित रूप से भाग लें। इससे छात्रों को अपनी पढाई का स्तर जानने का अवसर मिल जाता है। सप्ताह में पढ़ाये गए विषय में अगर कुछ समझ न आये तो इस टेस्ट के माध्यम से सुधार करने का मौका भी मिल जाता है। मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर के विषेशज्ञों के अनुसार नियमित टेस्ट देने से छात्रों में आत्मविश्वास और पढ़ने की ललक पैदा होती हैं। छात्र अपनी ही कक्षा के विद्यार्थियों से एक हेल्थी कॉम्पिटिशन करने लगता है, जो उनको अच्छे अंक लाने में मदद करता है। 

सभी विषयों का रिवीजन 

दोहराव (Revision) करना किसी भी परीक्षा में सफलता पाने की प्राथमिक कुंजी है। छात्रों को सामाजिक अध्ययन, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे सैद्धांतिक विषयों (Theory Subject’s) के रिवीजन की तो सबसे अधिक आवश्यकता होती है। रिवीजन करने से कठिन विषयों के कॉन्सेप्ट्स की गहरी समझ विकसित होती है और चीजें लंबे समय तक याद रहती है। इसी कारण से स्कूल शिक्षा विशेषज्ञ हमेशा कहते है स्कूल में प्रतिदिन पढ़ाए गए का प्रतिदिन रिवीजन जरूर करें।

निष्कर्ष

अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं छात्रों के स्कूली शिक्षा का एक अभिन्न अंग है जिसमें छात्र अपनी फाइनल एग्जाम से पहले अपनी तैयारी को जांच सकते हैं। इन परीक्षाओं में प्राप्त हुए अंकों के आधार पर वो अपने कमज़ोर हिस्सों को पहचानकर उनमें सुधार कर सकते है। इस परीक्षा के अंक 9वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट बनाने के काम आते है। इनसे शिक्षकों को पता चलता हैं कि बच्चों को विषय के किन हिस्सों में सुधार करवाना है चूंकि ये सत्र के मध्य में आयोजित की जाती है, तो सुधार करवाने के लिए समय भी मिल जाता है।

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FAQs

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना छात्रों के क्यों महत्वपूर्ण हैं?

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे छात्रों को अपनी ताकत और कमजोरियों का आंकलन करने,अपने प्रदर्शन से सीखने और दीर्घकालिक शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मज़बूत नींव रखने में मदद मिलती हैं।

अर्द्ध वार्षिक परीक्षा की तैयारी करने के लिए क्या करना चाहिए?

छात्रों को इन परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए एक सुव्यवस्थित समय सारणी बनाकर सभी विषयों को अच्छी तरह से कवर करना चाहिए। चूंकि इन परीक्षाओं में सिलेब्स का आधा भाग पूछा जाता हैं तो छात्रों पर पढ़ाई का बोझ भी अधिक नहीं होता है।

क्या अर्धवार्षिक परीक्षाओं में नंबर आखिरी रिजल्ट में जुड़ते हैं?

हां, अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं के अंक छात्रों के आखिरी परिणाम से 20 से 30 प्रतिशत तक हिस्सा रखते हैं। जैसे किसी कक्षा की आखिरी परीक्षा में 80 अंक का पूरे पाठ्यक्रम का पेपर लिया जाता हैं शेष 20 अंक के लिए अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं के अंक जोड़कर परिणाम जारी किया जाता है।

क्या अर्द्ध वार्षिक परीक्षा से पहले मुझे Mock Tests देने चाहिए?

हां, जरूर मॉक टेस्ट देने चाहिए इससे आपका समय प्रबंधन ठीक होगा और आपको अपने सिलेबस के कमजोर हिस्सों का पता चल जाएगा, जिनमें आप सुधार करके अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं।

क्या मैं अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में पूरे अंक प्राप्त कर सकता हूं?

हां, आप अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं में पूरे अंक प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको समय पर अपने पाठ्यक्रम का आधा हिस्सा एक समय सारणी बनाकर नियमित रूप से अध्ययन करते हुए पूरा करना है। परीक्षा के समय रिवीजन करने के लिए बनाए गए नोट्स पढ़ सकते है।

बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा नंबरों के बजाय ग्रेड दिए जाते हैं। विद्यार्थी को ग्रेड के आधार पर ही अपने नंबरों का अंदाजा लगाना होता हैं। CBSE बोर्ड द्वारा यह प्रणाली विद्यार्थियों पर अंकों के पड़ने वाले अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र के अंत में एक ही परीक्षा के बजाय पूरे वर्ष छोटी-छोटी परीक्षाएं लेकर निरन्तर मूल्यांकन होना सुनिश्चित किया जाता हैं।

अगर आप भी ग्रेड्स में छिपे अपने नंबरों के खेल को समझाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल खास तौर पर आपके लिए है। कभी कभी कॉलेजों और कोचिंग्स में एडमिशन लेने के लिए ग्रेड्स के बजाय नंबर मांग लिए जाते हैं इसलिए आपको ग्रेड्स के साथ नंबरों ओर परसेंटेज की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। तो हमनें यहां विशेषज्ञों की मदद से आपको CBSE बोर्ड में ग्रेडिंग सिस्टम की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।

CBSE में ग्रेडिंग प्रणाली

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) विद्यार्थियों को ग्रेड देने के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग सिस्टम का पालन करता है। नए CBSE ग्रेडिंग सिस्टम के अनुसार विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में उनके अंकों के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं। CBSE कक्षा 10 की मूल्यांकन योजना में थ्योरी प्रश्न पत्रों के लिए 80 अंक और Internal/Practical Assignment (आंतरिक मूल्यांकन) के लिए 20 अंक निर्धारित करता है। इनके ओवरऑल जोड़ के बाद विद्यार्थियों को ग्रेड दिए जाते हैं। हालांकि 12वीं के छात्र अपने प्रदर्शन के अनुसार प्रतिशत भी निकाल सकते हैं।

CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली विद्यार्थियों के सीखने के स्तर और उनके प्रदर्शन को दर्शाती हैं। A1 (उच्चतम) से लेकर E (निम्नतम) तक के ग्रेड छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों में प्रवेश ओर सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृतियों के लिए महत्वपूर्ण होते है। इन ग्रेड्स के आधार पर विद्यार्थियों की खूबियों, सुधार के क्षेत्रों ओर ओवरऑल प्रयासों को पहचाने में मदद मिलती हैं।

कक्षा 10 के लिए CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 10 के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग स्केल का उपयोग करता है। जिसके द्वारा विद्यार्थी को उसके अंकों के आधार पर A1 से E तक ग्रेड दिए जाते हैं। यह प्रणाली देश भर के स्कूलों के लिए एक समान राष्ट्रीय स्तर की प्रणाली है। यह देश में समानता के मानक सुनिश्चित करती हैं।

CBSE विद्यार्थियों का ग्रेडिंग परिणाम निम्न दोहरी प्रणाली के अनुसार करता है।

  • सैद्धांतिक परीक्षा (Theory Paper): 80 अंक
  • आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assignment): 20 अंक

आंतरिक मूल्यांकन में शामिल हैं-

1. आवधिक टैस्ट (Periodic Tests) जोकि विद्यार्थियों की वैचारिक समझ ओर धारणा का आंकलन करने के लिए स्कूलों में समय समय पर लिए जाते हैं।

2. नोटबुक जमा करवाना (Notebook Submission) यह छात्रों के अनुशासन और नियमितता को प्रदर्शित करता है।

3. विषय संवर्धन (Subject Enrichment Activities) इसमें छात्रों के बनाए प्रोजेक्ट्स और पाठ्यक्रम शिक्षण का आंकलन किया जाता हैं।

Note:- विद्यार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए दोनों घटकों में न्यूनतम 33% अंक अर्जित करने अनिवार्य होते हैं।

अंको के अनुसार ग्रेडिंग प्रणाली तालिका 

मार्क्स रेंजश्रेणी ग्रेड बिंदु
91-100ए 110
81-90ए29
71-80बी 18
61-70बी27
51-60सी 16
41-50सी25
33-40डी14
21-32डी2असफल
0-20असफल

ग्रेड का क्या मतलब है?

  • ग्रेड A1 : विद्यार्थी को 91 से 100 के बीच अंक प्राप्त हुए हैं। इसका मतलब उसने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
  • ग्रेड D : विद्यार्थी को 33 से 40 के बीच अंक प्राप्त हुए हैं। मतलब उसने न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों (33%) से परीक्षा पास की है। यह विद्यार्थी के अच्छे प्रदर्शन को नहीं दर्शाता हैं।
  • ग्रेड E1 और E2 : विद्यार्थी को 33 से भी कम अंक प्राप्त हुए हैं यानि वह अनुत्तीर्ण होने को दर्शाता हैं।

कक्षा 12 के लिए CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली 

CBSE ने वर्ष 2025 में कक्षा 12 के विद्यार्थियों का ओवरऑल प्रदर्शन जांचने के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग सिस्टम को आधार बनाया है। अगर आप भी ग्रेड , ग्रेड के लिए अंको की सीमा, ग्रेड पॉइंट और प्रत्येक ग्रेड का क्या मतलब हैं जानना चाहते हैं तो,यह सारणी देख सकते हैं। 

कक्षा 12 के लिए सीबीएसई ग्रेडिंग प्रणाली 2025
ग्रेड अंको की सीमाग्रेड बिंदुविवरण
ए 1शीर्ष 1/8 छात्र10बेहतरीन प्रदर्शन
ए 2अगला 1/8वां9उत्कृष्ट प्रदर्शन
बी 1अगला 1/8वां8बहुत अच्छा
बी 2अगला 1/8वां7अच्छा
सी 1अगला 1/8वां6गोरा
सी 2अगला 1/8वां5संतोषजनक
डी 1अगला 1/8वां4सीमांत
डी 2अगला 1/8वां3सुधार की जरूरत
33% से नीचेअसफल (आवश्यक दोहराव)

CBSE ग्रेडिंग सिस्टम की मुख्य विशेषताएं

मैट्रिक्स सीबीएसई स्कूल सीकर के विशेषज्ञों के अनुसार केंदीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ग्रेडिंग सिस्टम की निम्न मुख्य विशेषताएं हैं जो देशभर के विद्यार्थियों में समानता को प्रदर्शित करती हैं।

  • किसी छात्र के अन्य सहपाठियों या अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच तुलना करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा यह ग्रेड दिए जाते हैं। जो छात्रों के बीच स्वस्थ तुलना करने को बढ़ावा देता है।
  • 9 बिंदु (ग्रेड A से E तक) आधारित ग्रेड स्केल जो देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक समान होता हैं।
  • विद्यार्थियों के लिए प्रतिशत आधारित अंक वितरण का उपयोग किया जाता हैं। इस ग्रेड सिस्टम में किसी निश्चित अंक से ग्रेड निर्धारित नहीं किए जाते हैं।
  • इस प्रणाली में A1 शीर्ष 1/8 विद्यार्थियों को दिया जाता हैं तथा E ग्रेड अनुत्तीर्ण विद्यार्थी को दर्शाता हैं।
  • विद्यार्थियों के सभी विषयों के ओवरऑल प्रदर्शन को जांचने के लिए CGPA (Calculative Grade Point Average) जारी किए जाते हैं।
  • CBSE की यह परिणाम प्रणाली विद्यार्थियों के लिए ओवरऑल शिक्षा को बढ़ावा देती हैं और परीक्षा के दबाव को कम करती हैं। इसमें देशभर के छात्र शामिल होते हैं अर्थात देशभर के विद्यार्थियों की प्रतिस्पर्धा स्पष्ट दिखाई देती हैं।
  • यह प्रणाली 2020 की NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) का अनुसरण करती हैं जो देशभर के विद्यार्थियों के लिए समान रूप से एकरूपता रखती हैं।

CBSE बोर्ड में CGPA की गणना कैसे की जाती हैं?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा CGPA की गणना निम्न सरल तरीकों से की जाती हैं। इस तरीके से आप भी अपने 10वीं या 12वीं कक्षा के CGPA ज्ञात कर सकते हैं।

1. अपने प्रमुख पांच विषयों के ग्रेड नोट करें।

2. सभी ग्रेड अंक एक साथ जोड़ लें।

3. अपना CGPA (Calculative Grade Point Average) प्राप्त करने के लिए कुल ग्रेड अंकों के योग को 5 (कुल विषयों) से विभाजित करें अथार्त, सीजीपीए = सभी मुख्य विषयों में प्राप्त ग्रेड अंकों का योग/विषयों की कुल संख्या

4. अपना अनुमानित प्रतिशत जानने के लिए CGPA को 9.5 से गुणा करें।

उदाहरण के लिए:

ग्रेड अंक: 9+8+9+8+6

कुल = 40

CGPA = 40÷5 = 8.0

प्रतिशत जानने के लिए = 8.0 × 9.5 = 76% (अनुमानित)

CBSE परिणामों में CGPA और प्रतिशत अंकों के बीच मुख्य अंतर

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का विद्यार्थियों का परिणाम जारी करने के लिए दो अलग अलग तरीकों का उपयोग करता है।

  • CGPA पांच मुख्य विषयों में प्राप्त ग्रेड प्वाइंट का औसत होता हैं इसे अधिकतम 10 प्वाइंट स्केल से दर्शाया जाता हैं। जबकि प्रतिशत 100 में से विद्यार्थी द्वारा कुल प्राप्त अंकों को दर्शाता है।
  • CGPA का उपयोग स्कूलों के रिपोर्ट कार्ड में किया जाता हैं। इससे एक विद्यार्थी की क्षमता का आंकलन किया जाता हैं। फिर भी कई कोचिंग संस्थान और कॉलेज प्रवेश देने के लिए प्रतिशत अंक मांगते है। इसलिए प्रतिशत जानने के लिए CGPA को 9.5 से गुणा किया जाता हैं।

CBSE ग्रेडिंग System के लाभ

पारंपरिक अंक आधारित मूल्यांकन की तुलना में ग्रेडिंग सिस्टम के कई लाभ हैं। CBSE ग्रेडिंग सिस्टम के लाभ मुख्य रूप से छात्रों के समग्र विकास, तनाव कम करने और निष्पक्ष मूल्यांकन पर केंद्रित हैं। 2025 तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए रिलेटिव ग्रेडिंग (सापेक्ष ग्रेडिंग) सिस्टम लागू किया है। यह पुरानी 9-बिंदु स्केल को और बेहतर बनाता है। इस सिस्टम से बोर्ड विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड निर्धारित करता है। हमें Matrix High School सीकर और Prince CBSE School के विशेषज्ञों से गहन जानकारी निम्न रूपों में मिली।

1. विद्यार्थियों को निरंतर सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है

CBSE ग्रेडिंग सिस्टम से विद्यार्थियों को उनके ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर सीखने और सुधार करने के लिए प्रेरित करता है। इससे निरंतर वृद्धि ओर विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चे की शक्तियों और कमजोरियों को अच्छी तरह से पहचानने में मदद मिलती है।

2. अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करवाना लक्ष्य

यह प्रणाली विद्यार्थियों को केवल उत्तर रटने के बजाय अवधारणाओं को समझने के लिए बढ़ावा देती हैं। इसका मुख्य लक्ष्य कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित हैं।

3. सभी के लिए निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करना

इस ग्रेडिंग सिस्टम से विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देकर निष्पक्षता सुनिश्चित की जाती हैं। तथा बिना किन्हीं पूर्वाग्रहों के देशभर के विद्यार्थियों के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देती हैं।

4. विद्यार्थियों पर दबाव कम करती हैं

CBSE ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों को सटीक अंक देने के बजाय उनके ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं। जिसे सापेक्ष ग्रेड कहते हैं। उदाहरण के लिए किसी विषय के शीर्ष 1/8 विद्यार्थियों को A1,उसके बाद वालों को A2 आदि ग्रेड देती हैं। विद्यार्थियों को व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जाता हैं। इससे उन पर परीक्षा संबंधित दबाव कम होने में मदद मिलती हैं।

विद्यार्थियों को अपने Grade और CGPA में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

Matrix, Prince, Gurukripa जैसे सीकर के प्रसिद्ध CBSE स्कूलों के शिक्षकों और विशेषज्ञों से हुई हमारी बातचीत के आधार पर 2026 में CBSE बोर्ड की तैयारी कर रहें विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण अध्ययन सुझाव निम्न हैं। जिन्हें अपनाकर विद्यार्थी अपनी परीक्षा में टॉप ग्रेड पा सकते हैं।

Note:- हमने केवल शिक्षण संस्थाओं से ही इस संदर्भ में बातचीत नहीं की बल्कि Matrix High School सीकर की शीर्ष टॉपर छात्रा इशिता कुमारी जिन्होंने 10वीं में सर्वाधिक 99.00% अंक CBSE बोर्ड में प्राप्त किए थे। 12वीं की छात्रा गुनगुन जिन्होंने 98.20% अंक प्राप्त किए थे। इसके अलावा सीकर के Matrix, Prince और Gurukripa के 50+ छात्रों से बातचीत की जिन्होंने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए थे।

  • एक उचित अध्ययन समय सारणी बनाएं जो आपके समयानुसार हो,आपके कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करती हो तथा आपके उच्च अंक प्राप्त करने के लक्ष्यों के अनुरूप हो।
  • अपने ऊपर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए कठिन कार्यों को सरल कार्यों में विभाजित करके पढ़ाई करने पर जोर दें।
  • चीजों को ज्यादा से ज्यादा समझकर याद करने के लिए एक विशिष्ट समय रिवीजन (दोहराव) के लिए निर्धारित करें। उसी के अनुरूप बार बार चीजों को दोहराने पर ध्यान दें।
  • अपने ग्रेड को सुधारने के लिए कक्षा के विद्यार्थियों के साथ महत्वपूर्ण अध्यायों पर चर्चा करें और क्लासों में होने वाली ऐसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
  • पोमोडोरो तकनीक का उपयोग करके एक परिणाम देई प्रभावी समय प्रबंधन का अभ्यास करें और लंबे समय तक प्रेरित रहने के लिए नियमित रूप से पढ़ाई के दौरान ब्रेक लें।
  • कठिन विषयों को सरल बनाने के लिए माइंड मैप, शॉर्ट ट्रिक्स जैसे किन्हीं कठिन शब्दों के शॉर्ट टर्म याद रखना। संक्षिप्त नोट्स में सारणी बनाकर याद करने का प्रयास करें।
  • विषयों पर पकड़ बनाने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों (Previous Year Question Papers) को नियमित रूप से हल करें। इससे आपको आभास हो जाएगा कि विषय किस भाग से कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे।
  • NCERT पुस्तकों का कोई अन्य विकल्प न ढूंढे। क्योंकि, CBSE प्रश्न पत्र बनाने के लिए इन्हीं पुस्तकों को आधार बनाती हैं।
  • सकारात्मक रहें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाए और अच्छे परिणामों के लिए नकारात्मक लोगों से दूरी बनाए। ऐसे लोग आपको लक्ष्य से भटका सकते हैं।

निष्कर्ष

CBSE शिक्षा प्रणाली ने राष्ट्रीय एवं अंतरास्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए एक समान पाठ्यक्रम (Syllabus) और विशिष्ट ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली के साथ उच्च मानक स्थापित किए हैं। CBSE को देशभर में मान्यता एवम् स्वीकृति मिली हुई हैं। इसके सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की अवधारणा ने विद्यार्थियों को अवधारणाओं (Concepts) को रटने के बजाय सीखने पर बल दिया है। CBSE ने अपनी शिक्षा पद्धति में NEP 2020 के अनुसार कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया हैं। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को भविष्य में रोजगार की सुनिश्चितता करना है। इसने छात्रों को सक्रिय रूप से पढ़ाई संबंधित गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। आप भी मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर जैसे उच्च गुणवत्ता के स्कूल में प्रवेश लेकर अपने भविष्य को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। इस संस्थान में CBSE के समस्त मानदंडों का पालन किया जाता हैं जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता हैं।

FAQs

सीबीएसई विद्यार्थियों को ग्रेड कैसे प्रदान करता है?

CBSE विद्यार्थियों को ग्रेड प्रदान करने के लिए आंतरिक और बाह्य मूल्यांकन के आधार पर 9 बिंदु ग्रेडिंग स्केल का उपयोग करता हैं। इसमें विद्यार्थियों के सतत और व्यापक मूल्यांकन में विद्यार्थी के ओवरऑल प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता हैं।

विद्यार्थी अपना ओवरऑल CGPA कैसे ज्ञात कर सकते हैं?

ओवरऑल CGPA ज्ञात करने के लिए विद्यार्थी को अपने पांच मुख्य विषयों में प्राप्त अंकों को जोड़कर, पांच से भाग देना चाहिए।

CBSE में पास होने के लिए न्यूनतम कितने ग्रेड की आवश्यकता होती हैं?

CBSE में पास होने के लिए विद्यार्थी को प्रत्येक विषय में न्यूनतम D ग्रेड प्राप्त करना आवश्यक है। D ग्रेड से कम आने पर फैल माना जाएगा।

क्या CBSE ग्रेडिंग सिस्टम कॉलेज प्रवेश को प्रभावित कर सकता हैं?

हां, CBSE ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली कॉलेज प्रवेश को प्रभावित करती हैं क्योंकि कई कॉलेज CGPA या समकक्ष प्रतिशत स्वीकार करते हैं। कुछ कॉलेज Cut Off प्रतिशत में जारी करते हैं लेकिन कुछ प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।

क्या,CBSE मार्कशीट में CGPA का उल्लेख करता है?

हां, आमतौर पर सीबीएसई CGPA और ग्रेड का उल्लेख मार्कशीट पर करता है।

जब एक बच्चा इस दुनिया में आता है तो उसके पेरेंट्स के ऊपर उसकी पूरी जिम्मेदारी आ जाती है। उसके बाद उसका पूरा ध्यान रखना और उसे बेस्ट से बेस्ट चीज़ लाकर देना उसके पेरेंट्स का मुख्य लक्ष्य बन जाता (CBSE and state board difference in Hindi) है। जब तक बच्चा छोटा होता है और घर पर रहता है तो ज्यादा चिंता नहीं रहती है लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगता है, फिर जिम्मेदारियां भी बढ़ती चली जाती है।

इसी में एक सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है बच्चे का सही स्कूल में एडमिशन करवाना। अब बहुत से पेरेंट्स इस बात को लेकर टेंशन में रहते हैं कि उनके बच्चे के लिए सीबीएसई बोर्ड ज्यादा बेहतर रहेगा या स्टेट बोर्ड। ऐसी बात नहीं है कि बड़े बच्चों के पेरेंट्स को ही यह टेंशन रहती हो, अब तो छोटी क्लास में पढ़ रहे बच्चों के पेरेंट्स को भी इसकी टेंशन होने लगी है।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ इसी टॉपिक पर ही बात करने वाले (CBSE or state board mein kya antar hai) हैं। आज हम आपको बताएँगे कि सीबीएसई और स्टेट बोर्ड के बीच क्या कुछ अंतर होता है और आपके बच्चे के लिए दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर हो सकता है।

सीबीएसई और स्टेट बोर्ड के बीच अंतर

जब भी किसी से यह सवाल पूछा जाता है कि CBSE और State बोर्ड के बीच क्या कुछ अंतर होता है तो हर कोई यही बोलेगा कि CBSE स्कूल भारत सरकार के अंतर्गत आते हैं तो वहीं State बोर्ड के स्कूल राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। अब यह तो नाम से ही पता चल जाता है कि स्टेट बोर्ड वाला राज्य सरकार संभालती होगी तो वहीं CBSE को केंद्र सरकार संभालती (CBSE and state board difference in Hindi) है।

अब यदि आप उनसे इसके बारे में और पूछेंगे तो उन्हें ज्यादा पता नहीं होगा। कुछ लोग कह देंगे कि CBSE का मतलब इंग्लिश मीडियम होता है तो स्टेट बोर्ड में हिंदी में पढ़ाई करवाई जाती है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत हैं। वह इसलिए क्योंकि CBSE और स्टेट बोर्ड दोनों में ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों मीडियम में पढ़ाई करवाई जाती है।

कहने का मतलब यह हुआ कि सीबीएसई और स्टेट बोर्ड दोनों तरह के स्कूल में ही इंग्लिश मीडियम और हिंदी मीडियम होता है। फिर इन दोनों के बीच क्या कुछ अंतर है? आइए कुछ पॉइंट्स के जरिए जान लेते (CBSE vs state board) हैं।

#1. सरकार द्वारा संचालित

दोनों स्कूल के बीच सबसे बड़ा जो अंतर देखने को मिलता है, वह है सरकार का भिन्न होना। जहाँ CBSE स्कूल को भारत सरकार के द्वारा नियंत्रित किया जाता है तो वहीं स्टेट बोर्ड के स्कूल को उस राज्य की राज्य सरकार के द्वारा देखा जाता है।

इस तरह से सीबीएसई स्कूल को पूरे देश में एक साथ केंद्र सरकार के द्वारा नियंत्रित किया जाता है और उसके लिए नीति निर्धारण किया जाता है। वहीं स्टेट बोर्ड पर पूरी तरह से राज्य सरकार का नियंत्रण होने के कारण अलग अलग राज्यों में अलग अलग नीतियाँ देखने को मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर राजस्थान के लिए अलग तो हरियाणा के लिए अलग।

#2. भाषा का अंतर

ऊपर हमने आपको बताया कि CBSE और स्टेट बोर्ड दोनों में ही हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जाती है लेकिन हर जगह ऐसा होना जरुरी नहीं है। चिंता मत कीजिए क्योंकि आप यह लेख हिंदी में पढ़ रहे हैं तो आपके राज्य में तो हिंदी मीडियम होगा ही। चलिए हम स्पष्ट रूप से आपको बता देते हैं।

पूरे देश में सीबीएसई स्कूल की पढ़ाई हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यम में करवाई जाती है। वहीं स्टेट बोर्ड के स्कूल में उस राज्य की स्थानीय भाषा को प्राथमिकता दी जाती है। उदाहरण के तौर पर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्टेट बोर्ड स्कूल हिंदी मीडियम में होंगे तो वहीं गुजरात में गुजराती में तो वहीं उड़ीसा में ओड़िया भाषा में। इसलिए आप स्कूल में जाकर यह पता कर लें कि वह कौन सी भाषा में पढ़ाई करवाता है।

#3. सिलेबस का अंतर

अब मुख्य अंतर जो होता है वह होता है सिलेबस का। चूँकि सीबीएसई स्कूल को भारत सरकार के द्वारा संभाला जाता है तो उसके सभी स्कूल का सिलेबस एक जैसा होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि पूरे देश में जो भी सीबीएसई स्कूल है, फिर चाहे वह बंगाल में हो या तमिलनाडु में, हिंदी मीडियम हो या इंग्लिश मीडियम, उन सभी का सिलेबस एक जैसा ही होगा।

वहीं जो स्टेट बोर्ड के स्कूल होते हैं, उनका सिलेबस वहाँ की राज्य सरकार के द्वारा बनाया और बदला जाता है। ऐसे में सभी स्टेट बोर्ड के स्कूल का सिलेबस एक दूसरे से अलग होता है। हालाँकि मोटे तौर पर उन सभी का सिलेबस एक जैसा होता है लेकिन उसके टॉपिक, चैप्टर, पाठ्यक्रम इत्यादि भिन्न भाषा और लेखन शैली में होते हैं। उदाहरण के तौर पर आपको यही लेख विभिन्न वेबसाइट पर अलग अलग रूप में पढ़ने को मिल जाएगा।

#4. कम्पटीशन लेवल

इस बात को आप बहुत ध्यान से पढ़िए क्योंकि इसी पर ही आगे चलकर आपके बच्चे का भविष्य निर्भर करता है। वहीं यदि आप स्वयं स्टूडेंट हैं तो आपको यह बात अच्छे से समझ में आ जाएगी। जो सीबीएसई स्कूल होते हैं, उनका सिलेबस या लेवल कुछ इस तरह से डिजाईन किया जाता है कि यह राष्ट्रीय स्तर पर नौकरी करने या काम पाने के लिए उत्तम होता है।

वहीं स्टेट बोर्ड के स्कूल में उस तरह का लेवल रखा जाता है जिसे पढ़कर स्टूडेंट्स राज्य स्तर के काम कर सकें, उन्हें समझ सकें या सरकारी नौकरी पा सकें। कहने का अर्थ यह हुआ कि CBSE स्कूल में पढ़कर आप सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी की तैयारी कर सकते हैं जबकि स्टेट बोर्ड के स्कूल में पढ़कर आप स्टेट की सरकारी नौकरी की तैयारी कर पाते हैं।

#5. ज्यादा फोकस किस पर

ऊपर हमने जो पॉइंट आपके सामने रखा, यह वाला पॉइंट भी उससे जुड़ा ही हुआ है। इस पॉइंट के माध्यम से हम आपको यह समझाना चाह रहे हैं कि दोनों स्कूल में से कौन सा स्कूल किस चीज़ पर ज्यादा फोकस करता है। तो कुछ विषय जैसे कि साइंस और मैथ्स का लेवल और टॉपिक सभी स्टेट बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड में एक जैसे ही रहते हैं।

वहीं अब हम बात SST अर्थात सामाजिक विज्ञान की करें तो वह पूरी तरह से अलग हो सकता है। सीबीएसई स्कूल में भारत से संबंधित मुख्य विषयों के बारे में बताया जाता है जबकि स्टेट बोर्ड में वहाँ के इतिहास, भूगोल, संस्कृति पर ज्यादा फोकस किया जाता है। अब बच जाते हैं भाषा के सब्जेक्ट तो वह तो हमने आपको ऊपर बता ही दिया है कि यह राज्य के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं। CBSE में हिंदी, अंग्रेजी व एक तीसरी भाषा का विकल्प होता है।

#6. स्कूल चेंज करना

यदि आप CBSE बोर्ड में पढ़ रहे हैं तो आपको भारत के किसी भी राज्य के दूसरे CBSE स्कूल में जाने में कभी कोई समस्या नहीं होगी। उदाहरण के तौर पर आप आज राजस्थान के CBSE स्कूल में पढ़ रहे हैं लेकिन किसी कारणवश आपको जम्मू कश्मीर शिफ्ट होना पड़ता है तो आप वहाँ भी आसानी से ट्रान्सफर करवा पाएंगे।

हालाँकि यदि आप स्टेट बोर्ड में पढ़ रहे हैं और आपको दूसरे स्टेट के स्टेट बोर्ड या सीबीएसई में भी जाना है तो कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। सामान्य तौर पर सीबीएसई के स्कूल से स्टेट बोर्ड में कम बच्चे जाते हैं लेकिन स्टेट बोर्ड से सीबीएसई में जाने वाले ज्यादा होते हैं।

#7. आज के समय में महत्व

अब यदि हम आज के समय के अनुसार बात करें तो हर दिन के साथ स्टेट बोर्ड के स्कूल का महत्व कम होता जा रहा है जबकि CBSE स्कूल का लेवल बढ़ता जा रहा है। हालाँकि यह पूर्ण रूप से नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह व्यक्ति की स्थिति, उसकी प्राथमिकताओं और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। आइए अब हम उसके बारे में भी बात कर लेते हैं।

CBSE या State बोर्ड: आपके लिए कौन सा है बेहतर?

ऊपर हमने आपको दोनों तरह के स्कूल के बीच में कई तरह के अंतर बताए। अब हम आपको यह भी बता देते हैं कि आपके बच्चे या स्वयं आपके लिए दोनों में से कौन सा और किन परिस्थितियों में बेहतर हो सकता है।

  1. यदि आपको भारत सरकार की नौकरी की तैयारी करनी है जैसे कि आईएस, आईपीएस इत्यादि तो उसके लिए CBSE बोर्ड के स्कूल ज्यादा बेहतर विकल्प साबित होते हैं।
  2. यदि आप राज्य सरकार की नौकरी करना चाहते हैं और उसके लिए तैयारी कर रहे हैं तो फिर आपके लिए स्टेट बोर्ड से बेहतर स्कूल कोई और नहीं हो सकता है।
  3. उदाहरण के तौर पर यदि आपको राजस्थान में RAS या इसके जैसे अन्य एग्जाम देने हैं तो उसके लिए राजस्थान के स्टेट बोर्ड स्कूल ही सबसे बेहतर विकल्प होते हैं।
  4. सामान्य तौर पर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में कम्पटीशन बहुत ज्यादा होता है जबकि राज्य स्तर में कम कम्पटीशन देखने को मिलता है। ऐसे में स्टेट बोर्ड के स्कूल में पढ़कर राज्य की परीक्षा को जल्दी क्लियर किया जा सकता है।
  5. वहीं अगर हम सरकार नौकरी की बात ना करें और प्राइवेट सेक्टर की नौकरी की बात करें तो उसमें भी यदि आप अपने राज्य में रहकर ही नौकरी करने को इच्छुक हैं तो उसके लिए भी स्टेट बोर्ड एक बेहतर विकल्प होगा।
  6. वहीं CBSE बोर्ड के स्कूल आपको उन नौकरियों के लिए तैयार करते हैं जो मल्टी नेशनल या नेशनल कंपनियां होती है।
  7. वहीं यदि आप आगे चलकर मेडिकल या इंजीनियरिंग की तैयारी करना चाहते हैं तो उसमें दोनों ही अच्छे हैं। हालाँकि दोनों में से बेहतर की बात की जाए तो सीबीएसई बोर्ड को स्टेट बोर्ड से ज्यादा बेहतर कहा जा सकता है।
  8. अब इसमें भी हम सभी स्टेट बोर्ड को सीबीएसई से कमतर नहीं कह सकते हैं क्योंकि कुछ राज्यों के स्टेट बोर्ड भी सीबीएसई को टक्कर देते हैं।
  9. पैसों की बात की जाए तो सामान्य तौर पर सीबीएसई स्कूल में ज्यादा फीस लगती है तो वहीं स्टेट बोर्ड के स्कूल में शिक्षा कम पैसों में हासिल की जा सकती है।
  10. हर राज्य में स्टेट बोर्ड के स्कूल का सिलेबस अलग होता है। ऐसे में यदि आपका अलग-अलग राज्यों में ट्रांसफर होता रहता है तो आपको सीबीएसई स्कूल में ही एडमिशन लेना चाहिए।

टॉप CBSE स्कूल

अब यदि हम देश के टॉप 5 CBSE बोर्ड के स्कूल की बात करें तो उनकी लिस्ट इस प्रकार है:

  1. केंद्रीय विद्यालय
  2. नवोदय विद्यालय
  3. मैट्रिक्स हाई स्कूल, सीकर
  4. दून स्कूल, देहरादून
  5. श्रीराम स्कूल, नईदिल्ली

टॉप स्टेट बोर्ड स्कूल

अब स्टेट बोर्ड के टॉप स्कूल की बात की जाए तो यह हर राज्य के अनुसार अलग अलग हो सकते हैं। यहाँ हम कुछ चुनिंदा हिंदी राज्यों के टॉप स्टेट बोर्ड स्कूल आपके सामने रखने जा रहे हैं:

  1. मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल, सीकर (राजस्थान बोर्ड)
  2. कालीबाड़ी स्कूल, शिमला (हिमाचल प्रदेश बोर्ड)
  3. एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल, भोपाल (मध्य प्रदेश बोर्ड)
  4. जेवियर स्कूल, जयपुर (राजस्थान बोर्ड)
  5. नेतरहाट विद्यालय, झारखंड (झारखंड बोर्ड)

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने यह जान लिया (CBSE and state board difference in Hindi) है कि आपके राज्य के अनुसार कौन से बोर्ड का स्कूल आपके लिए या आपके बच्चों के लिए बेहतर हो सकता है। साथ ही हमने आपको दोनों बोर्ड के टॉप स्कूल के नाम भी दे दिए हैं।

स्टेट बोर्ड के मामले में तो हर राज्य के अलग स्कूल टॉप पर आते हैं लेकिन उन सभी में मैट्रिक्स स्कूल टॉप पर आता है। वहीं केंद्रीय और नवोदय विद्यालय तो भारत सरकार के स्कूल हैं जिनकी शाखाएं भारत के विभिन्न शहरों में होती है।

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जिस प्रकार केंद्र सरकार के द्वारा सीबीएसई बोर्ड चलाया जाता (Top 10 RBSE Schools In Sikar) है ठीक उसी तरह राजस्थान सरकार के अंतर्गत RBSE बोर्ड की सुविधा दी जाती है। अब आप यह मत समझिये कि आरबीएसई बोर्ड किसी भी मामले में सीबीएसई बोर्ड से कमतर है क्योंकि RBSE बोर्ड में भी आपके बच्चे को पूरी जानकारी मिलती है। इतना ही नहीं आरबीएसई बोर्ड से (Top RBSE School In Sikar) पढ़े हुए बच्चों ने राज्य ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया है।

ऐसे में यदि आप सीकर शहर या उसके आसपास रहते हैं और सीकर के टॉप आरबीएसई स्कूल के बारे में जानने को यहाँ आये (Best RBSE School In Sikar) हैं तो आज हम आपके साथ इसी के बारे में ही चर्चा करने वाले (Sikar Top School List) हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके या आपके बच्चे के लिए सीकर के बेस्ट आरबीएसई स्कूल कौन-कौन से हो सकते हैं, आइये जाने इसके बारे में।

सीकर के टॉप RBSE स्कूल

वैसे तो सीकर में कई तरह के आरबीएसई स्कूल खुले हुए हैं लेकिन अब हर आरबीएसई स्कूल आपके बच्चे के लिए अच्छा हो या उसे वहां बेस्ट फैसिलिटी मिले, यह जरुरी नही होता (Best RBSE School In Sikar) है। साथ ही यदि आप किसी स्कूल को बस इसलिए ही बेहतर मान लेते हैं कि उस स्कूल के बच्चे हमेशा ही टॉप करते हैं या पढ़ाई में आगे हैं तो भी आपका आंकलन गलत है।

वह इसलिए क्योंकि आज के समय में केवल बोर्ड में आया रिजल्ट ही मायने नहीं रखता है बल्कि उसी के साथ-साथ उस स्कूल के बच्चों ने अन्य competitive exams में किस तरह का प्रदर्शन किया है, यह भी बहुत मायने रखता है। इसी के साथ ही उस स्कूल के बच्चे स्पोर्ट्स में कैसे हैं, वहां उसके लिए क्या फैसिलिटी है, एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज पर कितना ध्यान दिया जाता है इत्यादि।

ऐसे में हमने जो आंकलन किया है और सीकर के विभिन्न RBSE स्कूल में पढ़ रहे बच्चों और उनके माता-पिता से बात की तो हमें यह जानने में मदद मिली (Top RBSE School In Sikar) कि ओवरऑल किस आरबीएसई स्कूल के द्वारा सीकर में बेस्ट काम किया जा रहा है। ऐसे में हमने आपके लिए सीकर के टॉप 10 RBSE स्कूल की लिस्ट (Sikar Top School List) तैयार की है, जिनके नाम हैं:

  1. मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल, सीकर (Matrix High School, Sikar)
  2. केवीएम आरबीएसई स्कूल, सीकर (KVM RBSE School, Sikar)
  3. प्रिंस स्कूल, सीकर (Prince School, Sikar)
  4. स्वामी केशवानंद स्कूल, सीकर (Swami Keshvanand School, Sikar)
  5. नवजीवन साइंस स्कूल, सीकर (Navjeevan Science School, Sikar)
  6. टैगोर पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल (Tagore Public Senior Secondary School)
  7. भारतीय पब्लिक स्कूल (Bhartiya Public School)
  8. विद्या भारती पब्लिक स्कूल (Vidya Bharti Public School)
  9. कृष्ण विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल (Krishna Vidya Mandir Public School)
  10. बीवीएन एजुकेशन हब (BVN Education Hub)

अब यदि आप सीकर शहर में रहते हैं तो आपने अवश्य ही मैट्रिक्स का नाम सुन रखा होगा क्योंकि इनके द्वारा ना केवल आरबीएसई बोर्ड की सुविधा दी जाती है बल्कि इनकी दूसरी शाखा जिसका नाम मैट्रिक्स हाई स्कूल है, वहां पर सीबीएसई बोर्ड में बच्चों का एडमिशन लिया जाता है। इसी के साथ ही JEE व NEET की तैयारी करवाने के लिए इनके कोचिंग सेंटर भी (Top RBSE School In Sikar) है।

प्रिंस के द्वारा भी सीबीएसई स्कूल व कोचिंग सेंटर की सुविधा दी जाती है। प्रिंस का सीबीएसई स्कूल प्रिंस अकैडमी के नाम से है। केवीएम स्कूल CLC की ही एक ब्रांच है जो बच्चों को RBSE बोर्ड में एडमिशन देती है। इसी तरह केशवानंद व नवजीवन स्कूल के दारा भी RBSE व CBSE दोनों ही बोर्ड की सुविधा दी जाती है।

सीकर के बेस्ट आरबीएसई स्कूलों की विशेषताएं

अब हमने इन्हीं पांच स्कूलों को सीकर के टॉप आरबीएसई स्कूल की लिस्ट में क्यों रखा? अब इसको लेकर भी कोई ना कोई वजह होगी तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसके लिए एक या दो नहीं बल्कि कई वजह (Features of Best RBSE School In Sikar) हैं लेकिन हम उनमे से कुछ मुख्य कारण ही आपसे सामने रखने जा रहे हैं।

इन्हें पढ़कर आपको पता चल जाएगा कि आखिरकार क्यों यही पांच स्कूल सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल है और इनमे से मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल ही टॉप पर क्यों आता है।

  • फाउंडेशन कोर्स

अब यदि हम अपने बच्चे को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं और उसका भविष्य सुनहरा बनाना चाहते हैं तो उसके लिए केवल कोर्स का सिलेबस ही पर्याप्त नहीं होता (Sikar School Foundation Course) है। कहने का मतलब यह हुआ कि आज का जमाना बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और ऐसे में यदि आपके बच्चे को उसमे आगे निकलना है तो उसे अभी से ही उसके लिए तैयारी शुरू कर देनी होगी।

ऐसे में सीकर के कुछ आरबीएसई स्कूल में फाउंडेशन कोर्स के द्वारा बच्चों को बहुत पहले से ही आगे के कॉम्पिटिशन के लिए तैयार किया जाता है। इसमें Matrix World School व प्रिंस स्कूल का नाम लिया जाता है क्योंकि इन्हीं दोनों स्कूलों में ही फाउंडेशन प्रोग्राम पर जोर दिया जाता है। इसमें भी Matrix World School के द्वारा इसकी शुरुआत सीकर में सबसे पहले की गयी थी और वहां इसके लिए क्लास 6 से ही तैयारी करवानी शुरू कर दी जाती है।

  • स्कूल की फैकल्टी

अब बच्चे को स्कूल में वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ मिले लेकिन उसे पढ़ाने वाले टीचर ही इतने अच्छे या अनुभवी नहीं हो तो बच्चा कैसे ही अपने टॉपिक को समझ (Sikar RBSE School Faculty) पायेगा। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे को बेस्ट से बेस्ट टीचर मिले तो आप आँख बंद करके उसका एडमिशन या तो Matrix World School में करवा दें या फिर केवीएम स्कूल में।

वह इसलिए क्योंकि इन दोनों स्कूलों में ही बच्चों को पढ़ाने के लिए बेस्ट फैकल्टी को उठाया गया है। यहाँ की कुछ-कुछ फैकल्टी तो देश के शीर्ष कॉलेज व यूनिवर्सिटी से पढ़ी हुई है जैसे कि IIT खड्गपुर, कानपुर, IIM अहमदाबाद इत्यादि। नवजीवन स्कूल की भी कुछ फैकल्टी बहुत अच्छी है।

  • स्कूल का डिजिटल होना

ज़माने के साथ-साथ जिस स्कूल ने खुद को मॉडिफाई या अपडेट कर लिया तो समझ जाइए कि उस स्कूल को अपने यहाँ पढ़ रहे बच्चों की कद्र है। वह इसलिए क्योंकि आज के समय में केवल किताबी ज्ञान ले लेना ही पर्याप्त नहीं होता (RBSE School Digitalization) है बल्कि उसी के साथ-साथ बच्चे को डिजिटल तरीके से पढ़ाया जाना भी जरुरी होता है ताकि वह तेज गति से समझ सके और बाकियों से बेहतर प्रदर्शन कर सके।

Matrix World School में बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग क्लास व हाई क्वालिटी की वीडियो लेक्चर उपलब्ध है। प्रिंस स्कूल के द्वारा भी इसके तहत ऑनलाइन टेस्ट सीरीज सहित अन्य ऑनलाइन सुविधाएँ दी जाती है। हालाँकि कुछ ही समय में केशवानंद स्कूल ने भी डिजिटल की दुनिया में बहुत तरक्की की है किन्तु अभी भी यह Matrix World School व प्रिंस से पीछे है।

  • स्पोर्ट्स प्रोग्राम

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि जिस स्कूल में केवल शिक्षा पर ही ध्यान दिया जाता हो और बच्चों के लिए स्पोर्ट्स की इतनी फैसिलिटी ना हो तो वह स्कूल बेस्ट होकर भी बेस्ट नहीं होता है। हमने Matrix World School को टॉप RBSE स्कूल इन सीकर में इसलिए ही रखा है क्योंकि वहां बच्चों की सुविधा को देखते हुए छोटे से छोटे खेल पर ध्यान दिया जाता (Sports Program in RBSE School Sikar) है।

वहां पर आपके बच्चे को 15 से भी ज्यादा खेलों के लिए अलग से प्लेग्राउंड मिलेंगे और उनके लिए नेशनल लेवल के कोच भी। केवीएम व नवजीवन स्कूल की स्पोर्ट्स फैसिलिटी भी बहुत अच्छी है लेकिन वहां पर Matrix World School की तुलना में स्पोर्ट्स की वैराइटी कम है।

  • अन्य सुविधाएँ

अब यदि हम सीकर के बेस्ट 10 RBSE स्कूल में मिलने वाली कुछ अन्य सुविधाओं की बात करें तो उसमें भी बहुत सारी चीजें ऐसी आती है जो आपको सोचने के लिए मजबूर कर देगी। जैसे कि सीकर का जो टॉप RBSE स्कूल है जिसका नाम Matrix World School है, वहां पर आपके बच्चे के लिए अलग से डाउट सेंटर बनाये गए हैं। अब इस डाउट सेंटर के जरिये बच्चा अपनी पढ़ाई से संबंधित किसी भी डाउट या प्रश्न को टीचर से अलग से पूछ सकता (Top RBSE School in Sikar Extra Facilities) है।

इसके साथ ही वहां पर आपके बच्चे के लिए काउंसलिंग की सुविधा है जहाँ उसे समय-समय पर आगे के लिए गाइड किया जाता है। अब इससे ज्यादा एक बच्चे को और क्या ही चाहिए। वहीं यदि हम केवीएम स्कूल की बात करें तो वहां बच्चों के लिए क्लासरूम इस तरह से डिजाईन किये गए हैं कि उन्हें पढ़ने में बहुत ही आनंद आता है।

प्रिंस स्कूल में स्पेस बहुत ज्यादा है और उनके द्वारा बच्चों के लिए बड़े-बड़े क्लासरूम व अन्य चीज़े बनायी गयी है। यहाँ पर आपको RBSE बोर्ड में इंग्लिश मीडियम व हिंदी मीडियम दोनों तरह का ही विकल्प मिलेगा लेकिन इनके द्वारा अपने सीबीएसई बोर्ड वाले स्कूल पर ज्यादा फोकस किया जाता है। अब यदि हम केशवानंद व नवजीवन स्कूल की बात करें तो वहां भी इसी तरह की सुविधाएँ हैं लेकिन ऊपर के तीनों स्कूलों से थोड़ी कम।

सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल के बारे में

अभी तक का लेख पढ़कर आपको यह तो समझ में आ ही गया होगा कि क्यों हमने सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल की लिस्ट में मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल को टॉप पर रखा (Best RBSE School In Sikar) है। फिर भी हम इसके बारे में कुछ अन्य चीज़े भी बता देते हैं जो आपके लिए जाननी जरुरी है। दरअसल मैट्रिक्स संस्थान सीकर में एक बहुत बड़ा संस्थान है जिनके RBSE के साथ ही CBSE स्कूल भी है जो मैट्रिक्स हाई स्कूल के नाम से प्रसिद्ध है। इसी के साथ ही IIT व NEET की तैयारी करवाने के लिए इनके अलग से कोचिंग संस्थान भी है।

ऐसे में इनके अन्य संस्थानों में जो फैकल्टी पढ़ा रही है, वे भी मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के बच्चों को गाइड करती है और ठीक उसी तरह मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की फैकल्टी अन्य संस्थानों के बच्चों को गाइड करती है। इसी के साथ ही मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के बच्चे मैट्रिक्स संस्थान के अन्य किसी इंस्टिट्यूट या स्कूल में मिल रही सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। अब बच्चे को एक ही शहर में सभी तरह की सुविधा मिल जाएगी तो इससे बढ़कर उसे और क्या ही चाहिए होगा।

इसके साथ ही यदि हम बोर्ड परीक्षाओं में बच्चों के रिजल्ट की बात करें तो पूरे सीकर शहर में मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के बच्चे ही टॉप करते हैं। एक दो वर्षों को छोड़ दे तो हमेशा इसी स्कूल के बच्चों ने ही टॉप किया है। इनके अलावा अन्य competitive exams में भी मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के बच्चे टॉप करते आ रहे हैं। ऐसे में मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल को सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल की सूची में पहले स्थान पर रखने के पीछे यही कुछ कारण है।

निष्कर्ष

लेख के अंत में हम आपको यही कहना चाहेंगे कि यदि आप अपने बच्चे के लिए सीकर का टॉप आरबीएसई स्कूल देख रहे हैं तो उसमें Matrix World School व केवीएम स्कूल ही टॉप पर आते हैं। इसके बाद जाकर प्रिंस, केशवानंद व नवजीवन स्कूल का नंबर आता (Sikar Ke Top RBSE School) है। वह इसलिए क्योंकि Matrix World School के बच्चों ने पिछले कुछ वर्षों से ना केवल बोर्ड की परीक्षाओं में बल्कि स्पोर्ट्स, एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज व competitive exams में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है जो पूरे सीकर शहर में सबसे बेहतर प्रदर्शन कहा जा सकता है।

वहीं केवीएम आरबीएसई स्कूल के बच्चे भी तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अब यदि हम प्रिंस स्कूल की बात करें तो प्रिंस स्कूल इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा (Sikar Best State Board School) है लेकिन वह अभी भी Matrix World School से बहुत पीछे है। वहीं केशवानंद व नवजीवन स्कूल सीकर के टॉप RBSE में से एक तो हैं लेकिन वे सीकर के अन्य आरबीएसई स्कूल की तुलना में बहुत बेहतर हैं, बजाये सीकर के टॉप 3 RBSE स्कूल को छोड़कर।

ऐसे में आपको बहुत सोच समझ कर ही अपने बच्चे का एडमिशन सीकर के किसी एक बेस्ट RBSE स्कूल में करवाना चाहिए ताकि उसका भविष्य सुनहरा बन सके। आपके द्वारा सोच समझ कर लिया गया निर्णय ही आपके बच्चे का भविष्य तय करेगा और उसे सफल बनाएगा।

इन्हें भी पढ़ें:

भारत के हर राज्य में वहां का स्थानीय शिक्षा बोर्ड होता (Matrix World School Sikar) है। अब केंद्र में तो सीबीएसई बोर्ड का ही डंका बजता है तो हरेक राज्य के अपने-अपने स्टेट बोर्ड का डंका वहीं बजता है। अंतर बस इतना है कि किसी-किसी राज्य का स्टेट बोर्ड सीबीएसई की तुलना में इतना प्रभावी नहीं होता (Top RBSE School In Sikar) है तो किसी का उसके बराबर होता है तो किसी-किसी का सीबीएसई से भी ज्यादा तगड़ा लेवल होता है। उसी में एक बोर्ड है राजस्थान बोर्ड जिसे हम RBSE के नाम से भी जानते हैं।

अब राजस्थान के लाखों बच्चे इसी RBSE बोर्ड में ही पढ़ाई करते हैं और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं। अब यदि आप सीकर शहर में रहते हैं और सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल के बारे में जानना चाह रहे हैं तो अब से आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं (MHS World School Sikar) है। वह इसलिए क्योंकि आज का यह लेख ही सीकर के टॉप RBSE स्कूल के बारे में जानकारी देने के लिए लिखा गया है।

सीकर में रहने वाले हरेक व्यक्ति ने जरुर ही मैट्रिक्स का नाम सुन रखा होगा क्योंकि उनके द्वारा ना केवल स्कूल बल्कि कोचिंग इंस्टिट्यूट भी चलाये जाते हैं जहाँ बच्चों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ दी जाती (Sikar Matrix) है। तो उसी मैट्रिक्स का Matrix World School सीकर का नंबर एक RBSE स्कूल है। ऐसे में आज हम आपके सामने मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की ही बात करने वाले हैं।

मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के बारे में जानकारी

Matrix World School को MHS वर्ल्ड स्कूल के नाम से भी जाना जाता है। कहने का मतलब यह हुआ कि अब आप चाहे इसे मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल बोल दें या फिर MHS World School, वह एक ही बात होगी। यहाँ MHS की फुल फॉर्म मैट्रिक्स हाई स्कूल है जो मैट्रिक्स की ही सीबीएसई स्कूल ब्रांच है। तो वहीं दूसरी ओर, जो बच्चे राजस्थान स्टेट बोर्ड या RBSE बोर्ड में पढ़ने को इच्छुक हैं, वे Matrix World School में एडमिशन ले सकते (Matrix World School Sikar) हैं।

Matrix High School Classroom

Matrix High School Classroom

तो सबसे पहले तो हम मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की बेसिक जानकारी ले लेते (Best RBSE School In Sikar Rajasthan) हैं जैसे कि यह स्कूल सीकर में कहाँ पर है, इनकी वेबसाइट का लिंक क्या है, Matrix World School का फोन नंबर क्या है, इत्यादि।

पता (MHS World School Sikar Address) मैट्रिक्स हाई स्कूल, पिपराली रोड, पेट्रोल पंप के सामने, जाट कॉलोनी, सीकर, राजस्थान (332001)
ईमेल आईडी (Matrix World School Sikar Email Address) school@matrixedu.in 
फोन नंबर (MHS World School Sikar Contact Number) 01572-242911
मोबाइल नंबर (MHS World School Sikar Mobile Number) 9783262999
वेबसाइट लिंक (MHS World School Sikar Website Link) https://mhsworldschool.org/ 
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मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की विशेषताएं

अब हमने आपको ऊपर बताया कि मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल सीकर का बेस्ट RBSE स्कूल है तो हमने यह बात हवा में ही नहीं (MHS World School Features) कही। दरअसल इसको लेकर कई ऐसी बातें (Sikar Best RBSE School) हैं जो सीकर में अन्य किसी भी RBSE बोर्ड के स्कूल से इसे ऊपर बनाती है। अब हम एक-एक करके आपके सामने मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की विशेषताएं ही रखने वाले हैं ताकि आप मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के मॉडल को अच्छे से समझ सकें।

  • मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल का फाउंडेशन कोर्स

आप में से कई लोगों को फाउंडेशन प्रोग्राम के बारे में पता नहीं होगा तो आज हम इसके बारे में बता दें कि यह आपके बच्चे को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में उठाया गया मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल का एक बहुत ही बढ़िया कदम (MHS World School Sikar Foundation Course) है। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है क्योंकि हर बीतते वर्ष के साथ मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के सैकड़ों बच्चे राज्य व देश के कई कॉम्पिटिशन में शीर्ष छात्रों की सूची में आ रहे हैं।

दरअसल Matrix World School Sikar में इस फाउंडेशन प्रोग्राम के जरिये बच्चों को उनकी क्लास की पढ़ाई के साथ-साथ आगे के Competitive Exams के लिए तैयार किया जाता है जैसे कि JEE, NEET, NTSE, STSE, KVPY, Olympiads इत्यादि।

  • मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की फैकल्टी

अब किसी भी स्कूल की पहचान उसके यहाँ पढ़ाने वाले शिक्षक ही होते हैं जिन्हें हम गुरूजी, टीचर, फैकल्टी, स्टाफ इत्यादि पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं। अब यदि स्कूल के गुरूजी ही अच्छे नहीं होंगे (MHS World School Sikar Faculty) तो आपका बच्चा चाहकर भी अच्छा नहीं कर पायेगा क्योंकि उसे कोई अच्छे से गाइड करने वाला ही नहीं होगा। तो इस क्षेत्र में भी मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल बाजी मार जाता है क्योंकि यहाँ स्टेट से लेकर नेशनल लेवल के टॉप कॉलेज व यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए लोगों को फैकल्टी टीम में लिया गया है।

उदाहरण के तौर पर कपिल ढाका सर IIT खड्गपुर व IIM अहमदाबाद से पढ़े हुए हैं तो वहीं अनुपम अग्रवाल सर IIT कानपुर से पढ़े हुए हैं। ऐसे ही अनिल गोरा, नरेन्द्र कोक सर भी IIT खड्गपुर से ही पढ़े हुए हैं। तो यह Matrix World School की वर्ल्ड क्लास फैकल्टी को दिखता है। अब बच्चों को जितने ज्यादा टैलेंटेड गुरूजी मिलेंगे, उनका भविष्य उतना ही सुनहरा बनेगा।

  • मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में स्टूडेंट्स की काउंसलिंग

आज के समय में बच्चों को सही तरीके से गाइड कर दिया जाए तो वे क्या से क्या कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें एक सही काउंसलर मिल जाए तो यह उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं होता (MHS World School Students Counselling) है। ऐसे में Matrix World School Sikar ने बच्चों की इस जरुरत को समझा और सभी बच्चों के लिए अनिवार्य रूप से समय-समय पर काउंसलिंग की जाती है जहाँ पर उनकी समस्याओं को ध्यान से केवल सुना ही नहीं जाता है बल्कि उसका सॉल्यूशन भी निकाला जाता है।

  • मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल के डाउट सेंटर्स

अब कई बार यह देखने में आता है कि बच्चा पूरी क्लास के सामने अपना डाउट पूछने में हिचकिचाता है और सोचता है कि बाकि बच्चे क्या सोचेंगे। ऐसे में बच्चों की मदद करने के लिए Matrix World School Sikar में जगह-जगह डाउट सेंटर बनाये गए (Sikar MHS World School Doubt Centers) हैं जहाँ पर संबंधित विषय के टीचर बैठते हैं और बच्चे बेझिझक उनसे अपने डाउट पूछ सकते हैं।

इससे होता क्या है कि एक तो बच्चा बिना किसी हिचकिचाहट के टीचर से पर्सनल में अपने डाउट पूछ सकता है और साथ ही फैकल्टी व स्टूडेंट की बोन्डिंग भी मजबूत होती है। यह बच्चों को तेज गति से आगे बढ़ने में बहुत मदद करती है।

  • मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम

आज के समय में सिर्फ किताबी शिक्षा ही बच्चों को दी जाए तो यह सरासर उनके साथ अन्याय होगा। आज का जमाना डिजिटल का जमाना है और बच्चों को भी उसी तरह से बेस्ट तरीके से पढ़ाया जा सकता (MHS World School Sikar Digital Learning Program) है। मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में आपको अपने बच्चे के लिए ऑनलाइन वीडियो लेक्चर और वो भी बेस्ट ऑडियो क्वालिटी के साथ देखने को मिलेंगे।

इतना ही नहीं क्लासरूम में टीचर के द्वारा भी वीडियो प्रेजेंटेशन के द्वारा मुश्किल से मुश्किल विषयों के बारे में आसानी से पढ़ाया व समझाया जाता है। उनके लिए ऑनलाइन टेस्ट सीरीज भी रखी जाती है ताकि बच्चा भविष्य के हिसाब से खुद को तैयार कर सके।

  • मैट्रिक्स सीकर ओलिंपियाड

आज के समय में ओलिंपियाड एग्जाम का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। वह इसलिए क्योंकि इससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चे अपनी तैयारी का आंकलन कर पाते हैं, उन्हें कहाँ ज्यादा मेहनत करने की जरुरत (Matrix Sikar Olympiad) है, उसका उन्हें पता चलता है और साथ के साथ उनका IQ लेवल भी बढ़ता है। यही कारण है कि आज हर शहर में ओलिंपियाड एग्जाम बच्चों के द्वारा दिया जा रहा है।

मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल ने समय की इसी जरुरत को समझा और अपने यहाँ ओलिंपियाड एग्जाम की तैयारी करने के लिए बेस्ट फैसिलिटी और फैकल्टी उपलब्ध करवायी (Matrix Sikar Olympiad) है। इसके लिए मैट्रिक्स स्कूल ने अपनी टॉप क्लास फैकल्टी को उतार दिया है और दूसरों स्कूल की तुलना में वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी भी अपने यहाँ पढ़ रहे बच्चों को दी है।

इसी के साथ ही उनके द्वारा क्लास 6 से ही बच्चों को प्री फाउंडेशन कोर्स की सुविधा दी जाती है। इस कोर्स को बच्चे अपनी क्लास के साथ ही करते हैं जहाँ उन्हें ओलिंपियाड सहित अन्य कई तरह के competitive exams की प्रिपरेशन करवायी जाती है। इससे बच्चा भविष्य के लिए पहले से ही तैयारी करने लग जाता है और जब उसका एग्जाम देने का समय आता है, तब तक तो वह उसमें एक्सपर्ट बन चुका होता है।

मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल सीकर में मिलने वाली सुविधाएँ

Sikar Best Sports School

Sikar Best Sports School

अब यदि आप अपने बच्चे को मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में पढ़ने के लिए भेज ही रहे हैं या इसके बारे में सोच रहे हैं तो हम मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में मिलने वाली कुछ अन्य फैसिलिटी के बारे में बताकर आपका मन पक्का कर देते (MHS World School Sikar Facilities) हैं। तो यहाँ पर बच्चों को जो अन्य तरह की सुविधाएँ देखने को मिलती हैं, वे हैं:

  • यहाँ पर किसी भी समय लाइट कट नहीं लगता है क्योंकि इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई 24*7 होती है।
  • Matrix World School के क्लासरूम से लेकर अन्य जगह का डिजाईन व इंफ्रास्ट्रक्चर इस तरह से किया गया है कि हरेक चीज़ बच्चों को कुछ ना कुछ सिखाकर जाती है।
  • यदि किसी कारणवश बच्चे को स्कूल में चोट लग जाती है तो उसके लिए मेडिकल की सभी फैसिलिटी स्कूल में ही उपलब्ध है।
  • बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कदम-कदम पर CCTV कैमरा लगे हुए हैं ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
  • बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले, उसके लिए RO वाटर प्लांट भी स्कूल में लगाया गया है।
  • क्लासरूम को इस तरह से डिजाईन किया गया है कि वहां प्रॉपर वेंटिलेशन हो और बच्चों को बैठने या आने-जाने के लिए भी खुला स्पेस मिले।
  • बच्चों को ऑनलाइन गैजेट्स के बारे में जानकारी देने और बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए ऑनलाइन लर्निंग लेबोरेटरी की सुविधा भी आपको Matrix World School में देखने को मिलेगी।

सीकर के मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की फीस

अब आती है मुख्य मुद्दे की बात और वह यह है कि Matrix World School में बच्चों को पढ़ाने के लिए फीस कितनी लगती है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि आप अपने बच्चे को सीकर के किसी अन्य RBSE स्कूल में पढ़ने को (MHS World School Fees) भेजेंगे तो या तो वहां की फीस मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की तुलना में ज्यादा होगी या फिर कम होगी तो वे इतनी सुविधाएँ नहीं देंगे जो आपके बच्चे का भविष्य सुनहरा बनाने के लिए जरुरी होती है।

ऐसे में Matrix World School के द्वारा सीकर में RBSE बोर्ड में पढ़ने के इच्छुक बच्चों के लिए उचित फीस ली जाती है और उस फीस के अंदर तमाम तरह की सुविधाएँ दी जाती है। यह फीस हर कक्षा के लिए अलग-अलग होती है जिसे आप एक साल में तीन इंस्टॉलमेंट में जमा करवा सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके ऊपर एक बारी में ही पूरी फीस भरने का दबाव नहीं होगा।

सीकर मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल की स्कॉलरशिप

अब हमने Matrix World School Sikar को ही सीकर का टॉप RBSE स्कूल इसलिए भी कहा है क्योंकि यहाँ पर टैलेंटेड बच्चों की पूरी क़द्र की जाती है और उन्हें उनकी परफॉरमेंस के आधार पर स्कॉलरशिप भी दी जाती है। आपका बच्चा तीन तरह से मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकता (Sikar MHS World School Fees) है। आइये इसके बारे में जान लेते हैं।

  • आपके बच्चे के मैट्रिक्स ओलिंपियाड में कितने अंक आये हैं, उसके आधार पर उसे स्कॉलरशिप मिलेगी।
  • बच्चों का स्कूल में प्रवेश करवाते समय, क्लास 4 से क्लास 12 वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल के द्वारा एक ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता है, जिसमे अच्छे अंक लाने पर उसे 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप मिल सकती है।
  • इसके अलावा आपके बच्चे के दसवीं की बोर्ड में कितने प्रतिशत अंक आये हैं, उसके आधार पर भी उसे 5 से 90 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप मिल सकती है।

मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में एडमिशन कैसे लें?

अब यदि आप अपना या अपने बच्चे का एडमिशन सीकर के बेस्ट RBSE स्कूल अर्थात Matrix World School में करवाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको उनकी वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर आपको एडमिशन का पेज दिख जाएगा। आप चाहे तो इस लिंक पर क्लिक कर भी वहां जा सकते हैं या फिर आप पिपराली रोड पर स्थित सीधे Matrix World School Sikar ही अपने बच्चे के साथ चले जाएंगे तो बेस्ट रहेगा।

वही यदि आप अपने बच्चे को सीबीएसई बोर्ड में पढ़ाना चाहते (MHS World School Admission) हैं तो मैट्रिक्स की ही एक अन्य ब्रांच है जिसका नाम मैट्रिक्स हाई स्कूल है। यह स्कूल भी सीकर का टॉप सीबीएसई स्कूल है जहाँ बच्चों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा दी गयी है। ऐसे में सीबीएसई बोर्ड में एडमिशन करवाने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर मैट्रिक्स स्कूल से कांटेक्ट कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सभी बात की एक बात, यदि आपको अपने बच्चे को सीकर शहर में RBSE की तैयारी करवाने के लिए भेजना है तो उसके लिए मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल से बेस्ट स्कूल कोई और हो ही नहीं सकता है। अब आपको एक ही जगह पर टॉप क्लास की फैकल्टी और वर्ल्ड क्लास की फैसिलिटी मिल रही है तो फिर किसी और स्कूल के बारे में सोच-विचार ही क्यों करना है।

वही यदि आप किसी कारणवश अपना विचार बदल लेते हैं और अपने बच्चे को RBSE की बजाये CBSE में एडमिशन करवाने का निर्णय लेते हैं तो उसके लिए मैट्रिक्स की ही दूसरी शाखा मैट्रिक्स हाई स्कूल बेस्ट रहेगी। जिस तरह की फैकल्टी और फैसिलिटी मैट्रिक्स वर्ल्ड स्कूल में दी गयी है, ठीक उसी तरह की ही सभी सुविधाएँ मैट्रिक्स हाई स्कूल में भी दी गयी है।

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बहुत जगह यह देखने में आता है कि माता-पिता अपने बच्चे को बोर्डिंग स्कूल (Best Boarding School In Sikar) में भेजने को लेकर बहुत ज्यादा टेंशन में रहते हैं। वह इसलिए क्योंकि जो बच्चा अपने माता-पिता को जान से भी ज्यादा प्यारा होता है और अभी तक वह उनकी आँखों के आमने पला बड़ा होता है, उसे अब अपने से दूर किसी अनजान शहर में बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने भेजना कोई आसान निर्णय नहीं होता है किन्तु अब समय की जरुरत ही ऐसी है।

अब भारत देश में सभी लोग तो बड़े शहरों में रहते नहीं है और रहते भी हैं तो यह जरुरी नहीं है कि उनके यहाँ अपने बच्चे के लिए बेस्ट सुविधाएँ मिलती (Boarding Schools in Sikar) हो। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए उन्हें अपने से दूर किसी अच्छे स्कूल में ही भेजते हैं। अब यदि आप सीकर शहर के आसपास रहते हैं और आप सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूल के बारे में जानने के लिए यहाँ आये हैं तो आज हम आपको वही जानकारी देने वाले हैं।

अब सीकर में तो कई तरह के स्कूल हैं जो कई तरह की सुविधाएँ देते हैं लेकिन उनमे से बहुत कम स्कूल ही हॉस्टल की सुविधा देते हैं। अब इसमें भी अच्छे हॉस्टल की सुविधा बहुत ही कम स्कूलों के द्वारा दी जा रही है जहाँ आपके बच्चे को घर जैसा माहौल भी (Sikar Best School With Hostel) मिले और वह अच्छे से पढ़ाई करने के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग ले सके। तो आइये जाने सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूल कौन-कौन से हो सकते हैं।

सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूल

अब सीकर शहर बहुत बड़ा है और यहाँ हर बढ़ते दिन के साथ पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। यह भारत में कोटा के बाद दूसरी कोचिंग फैक्ट्री बन चुका है और देश भर से लोग अपने बच्चों को सीकर में पढ़ने के लिए भेज रहे (Best Boarding Schools in Sikar) हैं। इतना ही नहीं सीकर में स्कूल भी राष्ट्रीय स्तर के खुल रहे हैं जहाँ पर कई तरह की सुविधाएँ दी जा रही है।

ऐसे में इनमे से कौन से स्कूलों में हॉस्टल या रेजिडेंस की भी सुविधा दी जा रही है और उनमे से भी सीकर का बेस्ट रेजिडेंशियल स्कूल कौनसा होगा, यह पता लगाना सबसे बड़ी दुविधा रहती (Sikar Boarding School) है। ऐसे में आपके मन में कई तरह के प्रश्न होंगे जो इन विषयों से जुड़े होंगे।

  • हॉस्टल के कमरे कैसे होंगे?
  • हॉस्टल की सिक्योरिटी कैसी है?
  • हॉस्टल में बच्चे का मन लग पायेगा या नहीं?
  • हॉस्टल में खाने पीने का क्या सिस्टम है?
  • हॉस्टल में बच्चों के लिए क्या-क्या सुविधाएँ होंगी?
  • हॉस्टल का स्टाफ व वार्डन कैसा है?
  • हॉस्टल के साथ वह स्कूल किस तरह का है?

इनके अलावा भी कई तरह के प्रश्न आपके दिमाग में चल रहे होंगे और आप इन्हें लेकर चिंता में डूबे हुए होंगे। ऐसे में आपका चिंता करना स्वाभाविक है और हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए यह सोचते भी हैं जिसमे कोई बुरी बात नहीं है। आपकी इसी चिंता को ही तो ध्यान में रख कर हमने सीकर के सभी तरह के बोर्डिंग स्कूलों के ऊपर पूरी तरह से रिसर्च की है ताकि हम आपको सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूलों के बारे में बता सकें।

जब हमने सीकर के सभी बोर्डिंग स्कूलों के बारे पड़ताल की और उनके यहाँ रह रहे बच्चों और उनके माता-पिता से बातचीत की तो हमने उसी के आधार पर ही अपनी यह लिस्ट तैयार की। साथ ही हमने उनके हॉस्टल में मिल रही तमाम तरह की सुविधाओं को देखकर और उनका अच्छे से आंकलन कर यह सूची तैयार की है।

इस सूची में हमने सीकर के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूल रखे हैं जहाँ आप अपने बच्चे को बिना किसी चिंता के पढ़ने भेज सकते हैं। वह इसलिए क्योंकि ना केवल इन स्कूलों के हॉस्टलस में वर्ल्ड क्लास लेवल की सुविधाएँ हैं बल्कि यहाँ पढ़ाई का भी बहुत अच्छा वातावरण (Boarding Schools in Sikar) है। इतना ही नहीं यहां आपके बच्चे को कई तरह के स्पोर्ट्स खेलने का भी अवसर मिलेगा। आइये जाने सीकर के बेस्ट 5 बोर्डिंग स्कूलों की लिस्ट

#1. मैट्रिक्स हाई स्कूल, सीकर (Matrix High School, Sikar)

अब यदि हम सीकर शहर में बेस्ट बोर्डिंग स्कूल (Best Boarding School In Sikar) की बात कर रहे हैं तो उसमें मैट्रिक्स हाई स्कूल का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वह इसलिए क्योंकि ना केवल मैट्रिक्स हाई स्कूल में छात्रों के लिए बेस्ट हॉस्टल की सुविधा दी गयी है बल्कि वहां की शिक्षा का स्तर भी बहुत उन्नत है। अब पहले हम मैट्रिक्स स्कूल के हॉस्टल की बात कर लेते हैं।

तो मैट्रिक्स हाई स्कूल के हॉस्टल सभी तरह के सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हैं। वहां छात्रों के लिए फुल प्रूफ सिक्यूरिटी, सीसीटीवी कैमरा, लॉकर सिस्टम इत्यदि सभी है। इसी के साथ ही हॉस्टल के वार्डन व अन्य स्टाफ भी पूरी तरह से ट्रेन किये गए हैं जो छात्रों के लिए काउंसलर की भी भूमिका निभा लेते हैं। इन सभी के अलावा मैट्रिक्स के हॉस्टल में मल्टी पर्पस हॉल, मंदिर, प्रेयर रूम, हॉस्टल के बाहर प्ले ग्राउंड इत्यादि सभी तरह की सुविधाएँ हैं।

बच्चों को किसी कारणवश चोट लग जाती है तो उसके लिए हॉस्टल में ही फर्स्ट ऐड के लिए मेडिकल सर्विस (Sikar Best School With Hostel) है। सीरियस सिचुएशन के लिए इमरजेंसी में एक वाहन हमेशा खड़ा रहता है जो बच्चों को पास के अस्पताल लेकर जा सकता है। रही बात मैट्रिक्स हाई स्कूल में शिक्षा के स्तर की तो वहां फैकल्टी भारत के टॉप कॉलेज से पढ़ी हुई है और साथ के साथ छात्रों को छठी कक्षा से ही प्री फाउंडेशन कोर्स करने का भी विकल्प उपलब्ध है।

#2. भारतीय पब्लिक स्कूल, सीकर (Bhartiya Public School, Sikar)

सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में जिस स्कूल का नाम दूसरे नंबर पर आता है वह है भारतीय पब्लिक स्कूल। यहाँ भी मैट्रिक्स हाई स्कूल के हॉस्टल की तरह ही टॉप क्लास की फैसिलिटी दी गयी है। इसमें कुछ मुख्य सुविधाएँ हॉस्टल में ही लाइब्रेरी, जिम, ऑडियो विसुअल ऐड्स, कॉमन रूम इत्यादि की है। इसी के साथ ही यहाँ पर समय-समय पर बच्चों की आउटिंग भी करवायी जाती है।

हालाँकि यहाँ पर शिक्षा का स्तर मैट्रिक्स हाई स्कूल से नीचे है जिस कारण यह दूसरे स्थान पर आ जाता है। अब आपके बच्चे को हॉस्टल में तो सभी तरह की सुविधाएँ मिले लेकिन यदि वह शिक्षा में ही चूक जाएगा तो फिर उसे बोर्डिंग स्कूल में भेजने का क्या ही लाभ हुआ।

#3. प्रिंस स्कूल, सीकर (Prince School, Sikar)

सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में प्रिंस स्कूल का नाम तीसरे स्थान पर आता है। यहाँ के हॉस्टल को कॉलेज के हॉस्टल की तरह जूनियर, सीनियर इत्यादि की तरह से डिजाईन किया गया है। कहने का अर्थ यह हुआ कि प्रिंस स्कूल में छात्रों की कक्षा के आधार पर उन्हें अलग-अलग फ्लोर पर कमरे दिए गए हैं। इन्हें जूनियर, मिडिल और हाई स्कूल की श्रेणी में बांटा गया है।

वही प्रिंस स्कूल के तीसरे स्थान पर रहने का कारण यह है कि यहाँ पर मैट्रिक्स व भारतीय पब्लिक स्कूल की भांति वर्ल्ड क्लास हॉस्टल की सुविधाएँ तो दी गयी है लेकिन छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा गया है। यहाँ पर छात्रों की आउटिंग, कल्चरल एक्टिविटीज, प्रेयर हॉल इत्यादि पर इतना काम नहीं किया गया है।

#4. स्वामी केशवानंद स्कूल, सीकर (Swami Keshvanand School, Sikar)

अब इस सूची में स्वामी केशवानंद स्कूल चौथे स्थान पर आता है। यहाँ के हॉस्टल भी अच्छे हैं लेकिन इन्हें हम उत्तम दर्जे के हॉस्टल नहीं कह सकते हैं। इसी कारण यह सीकर के बोर्डिंग स्कूल में चौथे स्थान पर खिसक जाता है। हालाँकि यहाँ पर छात्रों के लिए मेडिकल फैसिलिटी पर पूरा ध्यान रखा गया है और समय-समय पर उनका हेल्थ चेकअप किया जाता रहता है।

#5. नवजीवन साइंस स्कूल, सीकर (Navjeevan Science School, Sikar)

अब सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में नवजीवन स्कूल का नाम पांचवें स्थान पर इसलिए आता है क्योंकि यहाँ के हॉस्टल तो अच्छे है लेकिन यहाँ की पढ़ाई का स्तर ऊपर बतये गए स्कूल से थोड़ा कम आँका गया है। ऐसे में हॉस्टल में सभी तरह की सुविधाएँ होने के बाद भी यह सीकर के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में पांचवें स्थान पर खिसक जाता है।

अब हमने इन्हीं स्कूलों को ही सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में टॉप पर क्यों रखा तो इसके बारे में हम अपने द्वारा किये गए आंकलन व एनालिसिस को भी आपके सामने रखेंगे। इसे पढ़ कर आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आखिरकार क्यों यही पांच स्कूल ही सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूलों में से एक गिने जाते हैं।

सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूलों की विशेषताएं

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि हमने बहुत रिसर्च किया और उसके बाद ही हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ऊपर बताये गए पांच स्कूल ही सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूल हैं जिसमे से मैट्रिक्स हाई स्कूल टॉप करता (Best Boarding School In Sikar) है।

तो ऐसे में मैट्रिक्स हाई स्कूल ही सीकर का बेस्ट बोर्डिंग स्कूल क्यों है और उसके बाद के भारतीय पब्लिक स्कूल या प्रिंस इत्यादि स्कूलों में ऐसा क्या ख़ास है जो उन्हें सीकर के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूल की सूची में स्थान देता है। तो आइये इसको लेकर हमारी रिसर्च को पढ़ें।

  • हॉस्टल कैंपस

सीकर के बोर्डिंग स्कूलों में से किस स्कूल का हॉस्टल कैंपस कैसा है, यह सबसे पहले जानना चाहिए। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ऊपर बताये गए सभी स्कूलों में छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल विंग की स्थापना की गयी है ताकि किसी को कोई दिक्कत ना हो। कहने का अर्थ यह हुआ कि छात्रों के लिए अलग हॉस्टल है तो वहीं छात्राओं के लिए अलग से हॉस्टल है।

इसी के साथ ही यदि हम मैट्रिक्स हाई स्कूल के हॉस्टल कैंपस की बात करें तो वहां स्कूल के साथ ही हॉस्टल की सुविधा दी गयी है और हॉस्टल के आसपास स्पोर्ट्स खेलने के लिए कई तरह के प्लेग्राउंड है। इससे होता क्या है कि जब बच्चा स्कूल से पढ़ कर हॉस्टल आता है तो वह शाम के समय में अपने दोस्तों के साथ स्पोर्ट्स खेल सकता है। कुछ इसी तरह की सुविधा प्रिंस स्कूल में दी गयी है।

  • हॉस्टल मेस

अब माता-पिता को जो चीज़ सबसे ज्यादा टेंशन देती है वह होती है कि परायी जगह जाकर मेरे बच्चे के खाने पीने का ध्यान कौन रखेगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ऊपर के सभी स्कूल बच्चों के खाने-पीने में किसी तरह की कोताही नहीं बरतते हैं। सभी पाँचों स्कूलों में बच्चों के लिए कुछ इस तरह का खाना तैयार किया जाता है कि उन्हें सभी तरह के पोषक तत्व मिल सके। अब बच्चा स्वस्थ रहेगा तो निश्चित तौर पर वह अच्छे से पढ़ पायेगा।

हालाँकि मैट्रिक्स हाई स्कूल की ख़ास बात यह है कि वहां पर हॉस्टल का स्टाफ व वार्डन भी बच्चों के साथ बैठ कर खाना खाते हैं और उन्हें खाने का शिष्टाचार सिखाते हैं। इसमें टेबल मैनर्स, खाने का स्टाइल, इत्यादि सब चीज़ों के बारे में बात की जाती है ताकि आपका बच्चा आगे अपना नाम बना सके। यही कारण है कि सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूलों में मैट्रिक्स हाई स्कूल का नाम सबसे ऊपर आता है।

  • हॉस्टल सिक्योरिटी

हॉस्टल वाले स्कूल में अपने बच्चे को भेजने में सिक्योरिटी भी एक महत्वपूर्ण एंगल है और हर माता-पिता को इसके बारे में जानने का अधिकार भी है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि मैट्रिक्स, भारतीय पब्लिक और प्रिंस स्कूल में सिक्योरिटी को लेकर कड़े मापदंड है और इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाती है।

यहाँ तक कि मैट्रिक्स हाई स्कूल में तो तीन स्तर की सिक्योरिटी है और यह हर माता-पिता को सन्तुष्ट करने के लिए पर्याप्त होती है। भारतीय पब्लिक स्कूल में बिना माता-पिता से बात किये बच्चे स्कूल या हॉस्टल के बाहर नहीं जा सकते हैं और मैट्रिक्स हाई स्कूल में तो बच्चों को मोबाइल फोन रखना भी मना है। इसके लिए कार्ड सिस्टम होता है जिससे बच्चे एक सीमित समय के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं या अपने माता-पिता से बात कर सकते हैं।

  • हॉस्टल रूम्स

अब यदि आपका बच्चा हॉस्टल में रहने जा रहा है तो उसके लिए जो चीज़ सबसे मायने रखेगी वह होगी उसका हॉस्टल रूम। कई स्कूल इसमें मात खा जाते हैं और ज्यादा बच्चे लेने की चाह में या फिर कम जगह के कारण बच्चों को छोटे रूम दे देते हैं किन्तु मैट्रिक्स हाई स्कूल व स्वामी केशवानंद स्कूल के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है।

वहां पर बच्चों के रूम्स के लिए प्रॉपर जगह दी गयी है ताकि उन्हें आराम से रहने की सुविधा मिले। मैट्रिक्स हाई स्कूल में तो बच्चों के बेड के साथ उनके पढ़ने के लिए प्रॉपर स्टडी टेबल, सामान रखने के लिए लॉक वाली अलमारी और खुली हवा के लिए खिड़कियों सहित रोशनदान की सुविधा दी गयी है। इससे बच्चा ना केवल रिफ्रेश फील करता है बल्कि अच्छे से पढ़ भी पाता है।

  • हॉस्टल स्टाफ

कई बार यह देखने में आता है कि ज्यादातर बोर्डिंग स्कूल बच्चों के लिए ऐसे वार्डन को ले लेते हैं जो बहुत ही कठोर होते हैं और बच्चों के साथ अच्छे से पेश नहीं आते हैं। अब वार्डन की जो पोस्ट होती है वह बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्ट होती है क्योंकि घर से दूर रह रहे बच्चों के लिए वही उनका माता-पिता होता है। अब ऐसे में वार्डन ही सख्त है या बच्चों की भावनाओं को नहीं समझ पाता है तो बच्चा उनसे बात करने से कतराता है या डर में रहता है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैट्रिक्स हाई स्कूल व नवजीवन स्कूल ने इस दिशा में बहुत बेहतर काम किया है। उन्होंने वार्डन के रूप में ऐसे लोगों को रखा है जो ना केवल बच्चों की हर गतिविधि पर सही से ध्यान रखते हैं बल्कि उनकी काउंसलिंग भी करते हैं। अब यदि किसी बच्चे को कोई परेशानी है तो वह अपने वार्डन या हॉस्टल के अन्य स्टाफ से खुल कर बात कर सकता है। यही एक अच्छे बोर्डिंग स्कूल की मुख्य पहचान होती है जो उसे बाकियों से श्रेष्ठ बनाती है।

  • हॉस्टल मेडिकल सर्विस

बच्चे हैं तो खेलंगे भी और धमाचौकड़ी भी करेंगे। ऐसे में उन्हें चोट लग सकती है या कोई अन्य मेडिकल इमरजेंसी आ सकती है। ऐसे में इन बोर्डिंग स्कूलों में मेडिकल को लेकर किस तरह की व्यवस्था है, यह बहुत मायने रखता है। अब ऊपर बताये गए सीकर के सभी पांच बोर्डिंग स्कूलों में मेडिकल की सुविधा है और आपका बच्चा वहां अपना सामान्य चेक अप करवा सकता है। अब यदि उसे खेलते-खेलते छोटी मोटी चोट लग जाती है तो उसका फर्स्ट ऐड वहां आराम से किया जा सकता है।

हालाँकि इसमें भी मैट्रिक्स हाई स्कूल के द्वारा विशेष सुविधा दी गयी है। उनके द्वारा ना केवल अपने हॉस्टल कैंपस में मेडिकल की सुविधा दी जाती है बल्कि इमरजेंसी की स्थिति में एक वाहन हमेशा तैयार रहता है जो बच्चों को पास के बड़े अस्पताल लेकर जाता है। प्रिंस स्कूल में भी इसी तरह की सुविधा दी गयी है और वहां भी एक वाहन मेडिकल इमरजेंसी के लिए स्टैंड बाय पर रखा गया है।

  • हॉस्टल की अन्य सुविधाएँ

ऊपर आपने सीकर के बोर्डिंग स्कूलों में मिल रही कई तरह की सुविधाओं के बारे में जाना और इससे आपको यह जानने में मदद मिली कि आखिरकार क्यों मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर का बेस्ट बोर्डिंग स्कूल है। इतना ही नहीं बाकि बोर्डिंग स्कूल भी सीकर के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूल में किस कारण से आते हैं। तो अब इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी ले लीजिये।

तो यहाँ हमने मैट्रिक्स हाई स्कूल को सीकर के बेस्ट बोर्डिंग स्कूल में टॉप पर इसलिए रखा है क्योंकि वहां पर कई अन्य तरह की सुविधाएँ भी बच्चों को दी जाती है। जैसे कि वहां बच्चों की कॉमन एक्टिविटीज को ध्यान में रख कर एक मल्टी पर्पज हॉल बनाया गया है जहाँ पर डाइनिंग हॉल, प्रेयर रूम और परफोर्मेंस रूम इत्यादि की सुविधा है। इसके साथ ही मैट्रिक्स हाई स्कूल के हॉस्टल के आसपास ही कई तरह के प्लेग्राउंड है जहाँ आपका बच्चा स्कूल खत्म होने के बाद बिना किसी रोकटोक के खेल सकता है।

प्रिंस स्कूल में भी बच्चों के खेलने के लिए हॉस्टल के बाहर ही स्पोर्ट्स प्लेग्राउंड की सुविधा दी गयी है। वहीं हर स्कूल में रात के समय में बच्चों के वार्डन के द्वारा attendance ली जाती है ताकि किसी तरह की अनहोनी से बचा जा (Sikar Boarding School) सके। इसके साथ ही हर स्कूल के हॉस्टल में कई तरह की सुविधाएँ दी जाती है जो इन्हें सीकर के टॉप बोर्डिंग स्कूल की लिस्ट में टॉप पर लाकर रखते हैं।

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