India में सबसे अच्छा Olympiad कौनसा है, यह पूरी तरह व्यक्तिगत रूप से एक छात्र की रुचि और क्षमता पर निर्भर करता है।ओलंपियाड परीक्षाएँ स्कूली छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएँ है, जो उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रारंभिक मंच प्रदान करती है। ये परीक्षाएँ गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान सहित कई विषयों को शामिल करती है और स्कूल स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक, विभिन्न स्तरों पर आयोजित की जाती है। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों की शैक्षणिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होता है, उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है और कौशल क्षमताएँ विकसित होती है।

इस लेख में, हम भारत में स्कूली छात्रों के लिए उपलब्ध लगभग सभी ओलंपियाड परीक्षाओं पर चर्चा करेंगे। यहाँ प्रत्येक ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी, उसमें भाग लेने के लाभ और इन प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए छात्र कैसे तैयारी कर सकते है, जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।

Olympiad क्या है?

ओलंपियाड परीक्षा एक ऐसी प्रतियोगिता है जो बच्चों की तर्कशक्ति, अवधारणा की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता को परखने के लिए आयोजित की जाती है। यह मुख्य रूप से गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर जैसे विषयों में होती है और कक्षा 1 से 12 तक के छात्र इसमें भाग ले सकते हैं। इसमें छात्रों को वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्नों के माध्यम से सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाने का अवसर मिलता है। ओलंपियाड की तैयारी से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी कमजोरियों को पहचाने तथा सुधारने का मौका पाते है।

ओलंपियाड परीक्षा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आयोजित होती है, जो बच्चों को प्रतिस्पर्धा का अनुभव देती है और उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर छात्रवृत्ति, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार भी मिलते हैं, जो उनके शैक्षिक विकास में सहायक होते हैं। यही कारण है कि ओलंपियाड बच्चों के अंदर ज्ञान के प्रति उत्साह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करता है, जिससे वे शिक्षण और करियर दोनों में बेहतरीन प्रगति कर सकते हैं।

भारत के सबसे अच्छे Olympiad की सूचि (Best Olympiad in India)

स्कूली बच्चों के लिए समय समय पर भारत में कई ओलंपियाड परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इनकी अलग अलग विशेषताएं होती है। जैसे, कोई गणित के लिए सर्वश्रेष्ठ है, तो कोई विज्ञान या रसायन विज्ञान विषय के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न विषयों के लिए होने वाले सर्वश्रेष्ठ ओलंपियाड्स की यह सूची हमने मैट्रिक्स हाईं स्कूल सीकर जैसे प्रसिद्ध संस्थान के विशेषज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर बनाई है।

  1. विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड
  2. मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)
  3. राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)
  4. किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)
  5. भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)
  6. भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)
  7. भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)
  8. एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)
  9. सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) ओलम्पियाड

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाले सबसे प्रमुख संगठनों में से एक है । SOF विभिन्न विषयों जैसे गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी आदि के लिए ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करवाता है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की छुपी हुई प्रतिभा को देश दुनिया के सामने लाना है।

SOF ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी 

SOF ओलंपियाड शामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (NSO)विज्ञानकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IMO)गणित कक्षा 1 से 12 तकदो स्तर: स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (IEO)अंग्रेज़ीकक्षा 1 से 12 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान ओलंपियाड (IGKO)सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 10 तकएक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय
राष्ट्रीय साइबर ओलंपियाड (NCO)कंप्यूटर विज्ञान/आईटीकक्षा 1 से 12 तकदो स्तर:स्कूल और राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य ओलंपियाड (ICO)व्यापारकक्षा 11 और 12एक स्तर: अंतर्राष्ट्रीय

SOF ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • संकल्पनात्मक (Conceptual) स्पष्टता: SOF ओलंपियाड संकल्पनात्मक समझ पर जोर देते है, जो छात्रों को विषय वस्तु का गहन ज्ञान विकसित करने में मदद करता है।
  • वैश्विक मान्यता: उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त होती है एवं उन्हें सम्मान प्राप्त होता है।
  • छात्रवृत्ति और पुरस्कार: SOF शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान करता है, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिलती है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad)

मैट्रिक्स ओलंपियाड (Matrix Olympiad) को भारत में सबसे अच्छे ओलंपियाड में से एक कहा जा सकता है,  यह ओलंपियाड छात्रों के लिए मैट्रिक्स हाई स्कूल, सीकर द्वारा आयोजित करवाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के मुख्य शैक्षणिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान,अंग्रेजी की अवधारणात्मक समझ का परीक्षण करना है। यह सीकर या राजस्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करवाया जाता है जिसमें देशभर के स्कूली विद्यार्थी भाग लेकर अपनी क्षमताओं का परीक्षण करते है। 

मैट्रिक्स ओलंपियाड की विषेशताएं

मैट्रिक्स ओलंपियाड विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच है जो न केवल उनकी शैक्षणिक योग्यता को पहचानता है, बल्कि उन्हें कौशल और उनकी सोचने की क्षमता को भी विकसित करने में मदद करता है। यह ओलंपियाड छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के साथ-साथ उनकी सकारात्मक वृद्धि को भी बढ़ावा देता है। इस ओलम्पियाड की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं

  • यह गणित, विज्ञान और अन्य विषयों में छात्रों की समझ को परखता है, इस आधार पर उनकी समस्याओं को पहचानकर उनका समाधान किया जाता है।
  • परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार से बनाया जाता है की इससे छात्रों की सोचने की क्षमता और तर्क शक्ति को मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • यह प्रतियोगिता छात्रों के समय प्रबंधन और आत्मविश्वास विकसित करने में भी सहायक होती है।
  • इसमें भाग लेने वाले छात्रों के लिए नियमित मॉक टेस्ट और अभ्यास पत्र प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनकी आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर होती है।
  • यह छात्रों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है।

मैट्रिक्स ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • इस ओलम्पियाड में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स के किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने पर 5 से 100% तक की छात्रवृति दी जाती है।
  • नगद पुरस्कार स्वरूप बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कुल 31 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि नगद दी जाती है।
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड में समग्र रूप से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आठ टॉपर्स को निःशुल्क विदेश (दुबई, सिंगापुर की) यात्रा करवाई जाती है।
  • 11 – 12 वीं कक्षा वाले विद्यार्थियों को इस परीक्षा के आधार पर  सुझाव दिए जाते है की आगे उन्हें किस फील्ड में करियर बनाना चाहिए। (प्रदर्शन के आधार पर CLAT, NDA, JEE Advanced, JEE Main और NEET UG परीक्षा की तैयारी के सुझाव दिए जाते है।)
  • मैट्रिक्स ओलंपियाड के शीर्ष 100 प्रतिभागियों को मैट्रिक्स कार्यशाला में शामिल किया जाता है, जहां उनको तैयारी करवाकर अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की जाती है।

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE, National Talent Search Examination)

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। NTSE कक्षा 10 के छात्रों के लिए दो चरणों में आयोजित किया जाता है, चरण 1 (राज्य स्तर) और चरण 2 (राष्ट्रीय स्तर)

NTSE परीक्षा की विस्तृत जानकारी

पहलूविवरण
पात्रताभारत के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा 10 के छात्र
चरणचरण 1 राज्य स्तर, चरण 2 राष्ट्रीय स्तर
शामिल किए गए विषयमानसिक क्षमता परीक्षण (MAT) और शैक्षिक योग्यता परीक्षण (SAT)
छात्रवृत्तिराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 1,000 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

NTSE के लाभ

  • छात्रवृत्ति: सफल छात्रों को भारत में डॉक्टरेट स्तर (PhD करने) तक छात्रवृत्ति मिलती है।
  • शैक्षणिक मान्यता: NTSE टॉप करने वाले छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मान्यता दी जाती है, जो उनको भविष्य में शैक्षणिक और करियर बनाने के लिए फायदा पहुंचाती है।
  • विश्लेषणात्मक कौशल (Analytical Skills) को बढ़ावा: परीक्षा विश्लेषणात्मक सोच, तार्किक तर्क और समस्या-समाधान कौशल पर जोर देकर उनमें सुधार के लिए प्रेरित करती है।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY)

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बुनियादी विज्ञान में अनुसंधान करियर बनाने के लिए प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने और प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक फेलोशिप योजना है। यह योजना छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उन्हें अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती है, जिसकी देखरेख मुख्य रूप से भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु करता है। KVPY परीक्षा कक्षा 11 और 12 के छात्रों के साथ-साथ बुनियादी विज्ञान पाठ्यक्रमों के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए भी उपलब्ध है।

KVPY परीक्षा की विस्तृत जानकारी

संकाय (Stream)पात्रताविषयछात्रवृत्ति
SAकक्षा 11 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SXकक्षा 12 के छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति
SBबुनियादी विज्ञान में प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रभौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञानयूजी स्तर से प्री-पीएचडी स्तर तक मासिक छात्रवृत्ति

KVPY के लाभ

  • अनुसंधान के अवसर: केवीपीवाई के छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों जैसे IISC (Indian Institute Of Science) और IISER (Indian Institute of Science Education and Research) में सीधे प्रवेश मिलता है।
  • वित्तीय सहायता: यह छात्रवृत्ति मूल विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • अनुसंधान का अनुभव: सर्वोच्च स्थान पाने वाले छात्रों को ग्रीष्मकालीन शिविरों और अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने का अवसर मिलता है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान के बारे में उनकी समझ बढ़ती है।

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (Indian National Mathematics Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) भारत में आयोजित होने वाली एक गणित ओलम्पियाड प्रतियोगिता है। जिसका आयोजन होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस ओलम्पियाड परीक्षा से अंतररास्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड (IMO) के दूसरे चरण के प्रतिभागियों को चुना जाता है।

INMO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

  • INMO परीक्षा में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रारंभिक चरण की परीक्षा, क्षेत्रीय गणितीय ओलंपियाड (Regional Mathematics Olympiad) परीक्षा में प्रत्येक क्षेत्र के शीर्ष 30 विद्यार्थियों में आना आवश्यक है।
  • INMO परीक्षा में कुल 6 प्रश्न होते है, जिन्हें चार घंटे में पूरा करना होता है। पूरा प्रश्नपत्र 102 अंकों का होता है और सभी 6 प्रश्न समान अंक के होते है। ये छ प्रश्न बीजगणित, ज्यामिति, संख्या सिद्धांत, और संयोजन विज्ञान विषयों से होते है।

INMO परीक्षा के लाभ

  • परीक्षा में चयनित शीर्ष 30 उम्मीदवारों को अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड की तैयारी करने के लिए 1 महीने तक HBCSE (Homi Bhabha Centre for Science Education) सेंटर पर कोचिंग करने का मौका मिलता है।
  • इस प्रशिक्षण शिविर (HBCSE Training Centre) के बाद यहां से चयनित शीर्ष 6 विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है।
  • इस परीक्षा में सफल छात्रों को अत्यंत सम्मानजनक दृष्टिकोण से देखा जाता है, क्योंकि ये भारत के शीर्ष विद्यार्थी होते है जो गणित जैसे कठिन विषय में पारंगत है।

भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (Indian National Biology Olympiad)

अंतरराष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड में भाग लेने के लिए, कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए एक प्रतियोगिता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के जीव विज्ञान ओलंपियाड कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए यह परीक्षा प्रतिवर्ष देशभर के 15 शहरों में आयोजित की जाती है।

INBO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

यह 3 घंटे की परीक्षा होती है, जिसमें दो भाग होते है, भाग 1जीव विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा और, भाग 2 रसायन विज्ञान के लिए राष्ट्रीय मानक परीक्षा। इन दोनों परीक्षाओं की विस्तृत जानकारी निम्न है:

भाग 1 – जीव विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB)

भारत में उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए जीव विज्ञान की एक परीक्षा आयोजित की जाती है जिसे “राष्ट्रीय मानक जीव विज्ञान परीक्षा” (NSEB) कहा जाता है। भारतीय भौतिकी शिक्षक संघ और होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) के सहयोग से, जैविक विज्ञान शिक्षक संघ इस परीक्षा का आयोजन आमतौर पर नवंबर के अंत में करता है। 12वीं कक्षा या उससे कम के 30,000 से ज़्यादा छात्र हर साल यह परीक्षा देते है। यह एक घंटे की परीक्षा है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते है। ये प्रश्न कक्षा 10+2 जीव विज्ञान पर आधारित होते है। अगले राउंड के लिए पात्र होने के लिए NSEB परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

भाग 2 – भारतीय राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (INBO)

यह परीक्षा दो घंटे की अवधि की होती है इसमें पिछले वर्षों के समान INBO मानकों पर आधारित विस्तृत प्रश्न जाते है, अर्थात पैटर्न लगभग समान होता है। इस खंड का मूल्यांकन केवल किया जाएगा जब उम्मीदवार पहले भाग में उत्तीर्ण होगा। अगले दौर में शामिल करने के लिए, यानी ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप में चयन के लिए इस भाग के अंकों को आधार बनाया जाता है।

  • INBO परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए विद्यार्थियों को जीव विज्ञान राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEB) उत्तीर्ण करना आवश्यक है। तथा वह 12 वीं या इससे पहले की कक्षा का विद्यार्थी होना चाहिए।
  • पिछले INBO परीक्षा पत्रों के अनुसार, यह परीक्षा 100 अंकों की होती है और इसमें दो खंड होते है, खंड A और खंड B। खंड A में 30 प्रश्न होते है, प्रत्येक 1 अंक का होता है, और खंड B में 22 प्रश्न होते है, प्रत्येक 50 अंक का होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंक दिए जाते है।

INBO परीक्षा के लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय जीव विज्ञान ओलंपियाड (IBO) में प्रवेश – INBO में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र OCSC (ओरिएंटेशन-कम-सिलेक्शन कैंप) के लिए चुने जाते है, जहाँ से उन्हें INBO के लिए भारत की टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। अर्थार्त इन विद्यार्थियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है।
  • शैक्षणिक और करियर के अवसर जैसे – यह परीक्षा कॉलेज प्रवेश के लिए आपको एक अधिक प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बनाती है। तथा कुछ संस्थान INBO उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति या विशेष प्रवेश प्रदान करते है।
  • इस परीक्षा को पास करने पर विद्यार्थी को जीव विज्ञान में करियर बनाने के लिए आवश्यक आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान और प्रयोगशाला कौशल विकसित करने में मदद मिलती है।
  • नेटवर्किंग और अनुभव जैसे – यह देशभर के अन्य प्रतिभाशाली छात्रों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। INBO में भाग लेने पर विद्यार्थी विभिन्न देशों के छात्रों से भी जुड़ सकते है।

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (Indian National Chemistry Olympiad)

भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलम्पियाड (InChO ) उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आयोजित होने वाली एक वार्षिक प्रतियोगिता है जो उन्हें उनके पसंदीदा विषय, रसायन विज्ञान में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है। InChO की यह वार्षिक प्रतियोगिता होमी भाभा केंद्र द्वारा भारतीय रसायन विज्ञान शिक्षक संघ के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।

InChO परीक्षा की विस्तृत जानकारी

भारत में रसायन विज्ञान ओलंपियाड के पांच अलग-अलग स्तर या चरण है, जो इस प्रकार है:

  • चरण 1: रसायन विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (NSEC)
  • चरण 2: भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (INCho)
    • परीक्षा आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी के शुरू में आयोजित की जाती है।
    • इस परीक्षा का आयोजन एचबीसीएसई (होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र) के पास है।
    • यह व्यक्तिपरक प्रश्न पत्र का एक रूप है,और प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होते है जिनमें से विद्यार्थी को सही विकल्प चुनना होता है। इस परीक्षा में नकारात्मक अंकन भी लागू होता है। तथा प्रश्नों का प्रारूप विशिष्ट होता है, यह परीक्षा छात्र की याद करने की क्षमता के बजाय उसकी वैचारिक समझ का आंकलन करती है।
    • INChO का कोर्स NSEC परीक्षा से काफ़ी मिलता-जुलता है। हालाँकि, वर्तमान समय में इस परीक्षा का कठिनाई स्तर बढ़ गया है।
  • चरण 3: रसायन विज्ञान विषय में अभिविन्यास सह चयन शिविर (Orientation cum Selection Camp)
  • चरण 4: ICHO (International Chemistry Olympiad) के लिए प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण शिविर,
  • चरण 5: अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (ICHO) में भागीदारी लेने का मौका मिलना।

एकीकृत परिषद ओलंपियाड (Unified Council Olympiad)

एकीकृत परिषद् (Unified Council) भारत में ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करने वाला एक और प्रमुख संगठन है। यह संगठन विद्यार्थियों के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों के लिए समय समय पर ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करता है।

एकीकृत परिषद द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तरों
राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा (NSTSE)विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञानकक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत साइबर ओलंपियाड (UCO)कंप्यूटर विज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय 
एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड (UIEO)अंग्रेज़ीकक्षा 2 से 10 तक के विद्यार्थी एक स्तरीय

एकीकृत परिषद ओलंपियाड में भाग लेने के लाभ

  • समग्र विकास: ये ओलंपियाड छात्रों के लिए इस प्रकार से आयोजित किये जाते है, जिससे इनमें भाग लेकर विद्यार्थी अपने प्रदर्शन के माध्यम से समग्र बौद्धिक विकास का आंकलन कर सकें।
  • बड़े स्तर पर तुलना: विद्यार्थी इन ओलम्पियाड में भाग लेकर अपने स्तर की तुलना देश भर के विद्यार्थियों के साथ कर सकते है। तथा अपने प्रदर्शन की बेंचमार्किंग कर सकते है, जिससे उन्हें सुधार के क्षेत्रों को पहचानकर उनमें सुधार करने में मदद मिलती है।
  • पुरस्कार और छात्रवृत्ति: शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न पुरस्कार, छात्रवृत्ति और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते है, जो उन्हें अकादमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा देते है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन ओलंपियाड (Silverzone Foundation Olympiad)

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन स्कूली विद्यार्थियों में शैक्षणिक उत्कृष्ठता को बढ़ावा देने के लिए गणित,विज्ञान,अंग्रेजी,कंप्यूटर विज्ञान, आदि विषयों के लिए समय – समय पर ओलम्पियाड परीक्षाओं का आयोजन करवाता है। यह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर सरकारी संगठन है, जो विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने टेलेंट को प्रदर्शित करने के मौके देता है।

सिल्वरज़ोन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ओलंपियाड की समग्र जानकारी

ओलिंपियाडशामिल किए गए विषयपात्रतास्तर
अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (IOM)केवल गणित के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (IOS)केवल विज्ञान के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सूचना विज्ञान ओलंपियाड (IIO)कंप्यूटरविज्ञान/इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा ओलंपियाड (IOEL)केवल अंग्रेज़ी के लिए कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी तीन स्तर पर आयोजन 
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक अध्ययन ओलंपियाड (ISSO)केवल सामाजिक अध्ययन के लिएकक्षा 3 से 10 तक के विद्यार्थीदो स्तर पर आयोजन 

सिल्वरज़ोन ओलंपियाड में भाग लेने के फायदे

  • बहु-स्तरीय प्रतियोगिताएं: ये ओलंपियाड कई स्तरों पर आयोजित किए जाते है, जो छात्रों को प्रगतिशील चुनौतियां और आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अनुभव: इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने, अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें अधिक से अधिक सिखने का मौका भी मिलता है।
  • व्यापक मूल्यांकन: इस ओलंपियाड का उद्देश्य विद्यार्थियों की अवधारणाओं की समझ, विश्लेषणात्मक कौशल और समस्या-समाधान क्षमताओं का मूल्यांकन करना है।
  • भागीदारी प्रमाण पत्र: परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को भागीदारी प्रमाण पत्र मिलता है, जिसका फायदा उन्हें अपनी उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजो में मिलता है।
  • विजेताओं के लिए पुरस्कार: शीर्ष छात्रों को छात्रवृत्ति, नकद पुरस्कार, पदक, लैपटॉप, टैबलेट और विदेश में शैक्षिक भ्रमण जैसे पुरस्कार मिल सकते है।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान: सफल विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है, तथा इन्हे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

ओलम्पियाड परीक्षाओं का महत्व (Importance of Olympiad Exam’s)

ओलम्पियाड परीक्षाओं को बेहद प्रतिष्ठित माना जाता है, इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों देश, विदेश और अपने क्षेत्र के साथियों से प्रतियोगिता कर खुद का आंकलन कर सकते है। इसके अलावा भी इनके कई फायदे है, जो निम्नलिखित है।

  • ओलम्पियाड में भाग लेने वाले छात्र, अवधारणाओं को अच्छी तरह से समझने के महत्व को समझते हैं,जो उनके आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएं मुख्य रूप से विश्लेषणात्मक (Analytical) और तार्किक तर्क (Logical Reasoning) पर केंद्रित होती है, जिससे विद्यार्थियों को अपने विषय के प्रति तार्किक कौशल को सुधारने का मौका मिलता है।
  • ओलंपियाड परीक्षाएँ किसी विशेष विद्यार्थी की खूबियों और कमज़ोरियों का विस्तृत आकलन प्रदान करती हैं। विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए अपने विषय के उन कमजोर भागों पर भी काम कर सकते हैं,और उन्हें सुधार सकते है।
  • इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, उन्हें विभिन्न छात्रवृतियों के माध्यम से समान शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती है।
  • ओलम्पियाड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है। इन विद्यार्थियों को उनके स्कूल और शहर में आगे बढ़ने के अतिरिक्त मौके भी मिलते है।

निष्कर्ष

ओलंपियाड परीक्षाएँ भारत में स्कूली विद्यार्थियों के लिए अपने ज्ञान का परीक्षण करने, आलोचनात्मक चिंतन कौशल विकसित करने और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का एक बेहतरीन तरीका हैं। चाहे विज्ञान हो, गणित हो, कंप्यूटर विज्ञान हो या सामान्य ज्ञान, ये परीक्षाएँ विद्यार्थियों को शैक्षिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने और भविष्य की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने का अवसर प्रदान करती हैं।

सीकर के मैट्रिक्स हाई स्कूल के विषेशज्ञों के अनुसार ओलंपियाड में भाग लेने से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनमें प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) भावना विकसित होती है, और उनकी समस्या – समाधान क्षमताओं (Problem Solving Abilities) को बेहतर बनाती हैं। यह आज के तेज़ी से बदलते प्रतियोगी परीक्षाओं के दौर में बेहद ज़रूरी कौशल हैं। एक विद्यार्थी के रूप में विभिन्न ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के तरीके को समझना, एक छात्र की शैक्षिक यात्रा को काफ़ी बेहतर बना सकता है। इसके लिए आप मैट्रिक्स स्कूल सीकर के शिक्षकों से भी सम्पर्क कर सकते है, क्योंकि वहां इन Olympiad’s की तैयारी स्कूल पाठ्यक्रम के साथ पूरी गुणवत्ता से करवाई जाती है।

अभिभावक अपने बच्चे के लिए सही ओलंपियाड का चयन करके और लगन से तैयारी करवाकर, न केवल अपने बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति, उन्नत शैक्षिक अवसरों और अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक आशाजनक भविष्य के द्वार भी खोल सकते हैं।

FAQ’s

India में सबसे अच्छा Olympiad कौन सा है?

भारत में कई अच्छे Olympiad है जिनमें से Science Olympiad Foundation (SOF), Matrix Olympiad और Indian Talent Olympiad ये सभी विश्वसनीय और लोकप्रिय Olympiad हैं, जो विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों में आयोजित होते हैं।

ओलंपियाड परीक्षाएं छात्रों के लिए कैसे लाभदायक हैं?

ओलंपियाड परीक्षाएँ छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, क्योंकि ये उनके बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देती हैं। ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों को ढेरों अवसर मिलते हैं, जिनका अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो भविष्य में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मैट्रिक्स सीकर के किसी भी संस्थान (JEE/NEET Division) में प्रवेश लेने पर उनके वार्षिक शुल्क में छूट भी दी जाती है।

ओलंपियाड परीक्षाओं में छात्रों को रैंकिंग कैसी दी जाती है?

छात्रों को उनके परीक्षा स्कोर और व्यक्तिगत उपलब्धियों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। आयोजक संस्था द्वारा प्रत्येक छात्र को उसके प्रदर्शन की रिपोर्ट (Student Performance Report) भी दी जाती है। जिसका उपयोग छात्र विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश लेने, सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृतियों का लाभ लेने के लिए किया जा सकता है।

विभिन्न ओलंपियाड में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं?

वैसे तो प्रत्येक विषय के ओलम्पियाड में अलग अलग प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी ऊपर इस ब्लॉग में लिखी गई है लेकिन सामान्यतः ओलम्पियाड परीक्षाओं के प्रश्नों में समस्या-आधारित आकृतियाँ, श्रृंखला पूर्णता, विषम संख्या, कोडिंग-डिकोडिंग, दर्पण प्रतिबिम्ब, सन्निहित आकृतियाँ, सममिति और वर्णमाला परीक्षण आदि भागों के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।

क्या ओलंपियाड परीक्षाएँ कठिन होती हैं?

हाँ, कुछ ओलंपियाड, जैसे अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO) बहुत कठिन होते हैं, इनमें विद्यार्थी को रचनात्मकता, तर्क और गहन सोच की आवश्यकता होती है। अगर आप भी ऐसे ओलम्पियाड की तैयारी कर रहें है? जो आपके लिए कठिन है, तो आपको मैट्रिक्स सीकर के विषय विषेशज्ञों से जुड़ना चाहिए, जो इन ओलम्पियाड की गुणवत्तापूर्ण तैयारी करवाते है।

IIT JEE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को कौनसे Olympiad की तैयारी करनी चाहिए?

अगर आप IIT JEE की तैयारी कर रहे हैं तो, अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (IMO), भारतीय राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड (INMO) और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (ISO) सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इनकी तैयारी से आपको अपने लक्ष्य IIT क्रैक करने में भी मदद मिलेगी।

छात्रों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स

हम सभी को पता है कि इस दुनिया में एक ऐसी चीज है जो सबके पास बराबर है वह है, “समय” सबके पास दिन के 24 घंटे होते है यह न किसी के पास कम होते है और न ही किसी के पास ज्यादा। लेकिन इसमें छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जो है, वह है कि छात्र उन उपलब्ध 24 घंटों का उपयोग कैसे करते है, इस उपयोगी विभाजन को ही हम समय प्रबंधन (Time Management) कह सकते है।

विद्यार्थी जीवन में समय का प्रबंधन करना कभी कभी एक बोझ की तरह लगता है, जो कभी खत्म नहीं होता है। रोजमर्रा के कार्यों का दबाव उन्हें थका देता है और उन्हें आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। इसके लिए हमने समय प्रबंधन विशेषज्ञों, और एक्सपर्ट्स से राय ली। उन्होंने बताया कि यह समस्या तैयारी के दौरान प्रत्येक सीरियस विद्यार्थी के सामने आती है। उन्होंने हमें इस समस्या से बाहर निकलने का तरीका बताया जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को और सुधार सकता है। यह लेख छात्रों के लिए समय प्रबंधन कौशल (Time Management Skills) को बेहतर बनाने हेतु लिखा गया है, साथ ही इसमें छात्रों के लिए समय प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की गई है। 

आईए पहले समय प्रबंधन को लेकर जो मूल बातें है, वो जान लें….

समय प्रबंधन क्या है? (What is Time Management?)

समय प्रबंधन का सीधा सरल अर्थ है “समय का उचित प्रबंधन और व्यवस्थित विभाजन करके समय को काम में लेने की कला सीखना” ताकि निर्धारित समय – सीमा के बीच कार्य पूरा हो सके। छात्र जीवन के इस कीमती समय को व्यवस्थित रूप से उपयोग में लेने पर यह निर्धारित हो जाता है कि अब आगे चलकर उनका जीवन कैसा होगा। यह सच्चाई कठिन प्रतिस्पर्धात्मक तैयारी करने वाले छात्रों के लिए और मायने रखती है जो NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है।

विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता होती है। छात्रों को अपना शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर करने का दबाव होता है जो उन्हें सिखाती है कि आपका समय प्रबंधन सबसे बेहतर होना चाहिए। जब कोई छात्र समय प्रबंधन की यात्रा में आगे बढ़ता है, तो वह स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने में सक्षम हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उनके किए गए कार्यों के आउटपुट बढ़ेंगे, उनका शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा, स्कूली छात्रों के ग्रेड बढ़ेंगे और वे समय पर पूरा कार्य करेंगे तो हर लिहाज से बेहतर छात्र बनेंगे।

छात्रों के लिए समय प्रबंधन क्यों जरूरी हैं?

समय हर विद्यार्थी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके बिना कोई भी छात्र प्रगति नहीं कर सकता। समय का सदुपयोग उन्हें एक उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है जो उन्हें शैक्षणिक उपलब्धियां पाने में मदद करता है। NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कभी कभी ऐसा लगता है कि समय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि, इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा होता है और परीक्षाएं नीयत समय पर पहले ही निर्धारित होती है। इन विद्यार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित करना चुनौती बन जाता है और वे समय प्रबंधन की कमी के चलते यह समझ पाने में असफल हो जाते है कि समय उनके अनुकूल क्यों नहीं है।

मैट्रिक्स संस्थान सीकर के विशेषज्ञों का कहना है कि विद्यार्थी को बिना सोचे समझे फैसले लेने से बचना चाहिए, समय बचाना और उसका प्रबंधन करना एक ऐसा कदम है, जिसका पालन छात्रों को स्वेच्छा से करना चाहिए। पल भर में लिए गए फैसलों या खराब परीक्षा परिणाम पर पछताने से बेहतर है कि आपके पास पर्याप्त चिंतन के लिए पर्याप्त समय और कौशल हो

छात्रों के लिए समय प्रबंधन करने के तरीक़े (Top Time Management Tips For Students)

NEET UG, JEE Main और Advanced, तथा अन्य कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र जाने माने विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और कोचिंग संस्थानों के प्रसिद्ध शिक्षकों के निम्न तरीकों को अपना सकते है। JEE या NEET का टाइम मैनेजमेंट अगर सही तारीख से किया जाए तो आप सफलता के एक कदम करीब जाते हैं। दिये गये तरीक़े निश्चित रूप से अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को सुधारने वाले छात्रों के लिए उपयोगी होंगे:

1. लक्ष्य निर्धारित करें

छात्र अपने समय का प्रबंधन करने से पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें। यह लक्ष्य अलग अलग विद्यार्थियों के लिए अलग अलग हो सकता है, जैसे किसी विद्यार्थी को NEET UG या JEE परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करना हो सकता है, किसी स्कूली विद्यार्थी को अपने स्कूल में शीर्ष ग्रेड पाना हो सकता है इत्यादि। अगर छात्र अपने लक्ष्यों का निर्धारण करके अपना समय प्रबंधन करता है तो उसे बीच – बीच में आने वाली भटकाव स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है। दैनिक दिनचर्या के कार्यों का निर्धारण करने से आप केंद्रित ध्यान से तैयारी कर सकते है।

वर्तमान समय में ऐसे कई ऐप हैं जिन्हें डाउनलोड करके छात्र अपने समय को व्यवस्थित कर सकते है और देख सकते है, कि किस जगह आपने अपना समय व्यतीत किया है। इसमें आपकी मदद मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शिक्षक भी कर सकते है।

2. समय सीमा का कैलेंडर रखें

वर्तमान समय में ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन का समय निश्चित होता है। NEET UG, JEE और CLAT जैसी परीक्षाएं भारत की प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से है। इन परीक्षाओं में छात्र शीर्ष रैंक हासिल करने के लिए प्रयासरत होता है। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम विशाल होता है जिससे इनका कठिनाई स्तर और बढ़ जाता है। इसके चलते इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दबाव और तनाव में होते है। लेकिन अगर आप समय प्रबंधन करने के सर्वोत्तम तरीकों का पालन कर रहे है तो ऐसा नहीं होगा।

एक नियमित कैलेंडर रखने से आपको अपने निर्धारित कार्यों की झलक पहले ही मिल जाती है। जिससे आप स्पष्ट प्राथमिकताओं के साथ पढ़ाई कर सकते है, और अपने दैनिक कार्यों के लिए समय निर्धारित कर सकते है। अगर छात्र एक सुव्यवस्थित कैलेंडर नहीं बनाते है तो इन परीक्षाओं में असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

3. अपने लिए रिमाइंडर सैट करें

छात्र कैलेंडर बनाने के बाद समय – समय पर अपने निर्धारित लक्ष्य खुद को याद दिलाते रहें, ताकि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित हो सकें। जैसे दिन की शुरुआत में आपको कोचिंग क्लास लेनी है?, प्रश्न हल करने है? या फिर NCERT पुस्तकों से थ्योरी पढ़नी है। सभी विषयों को तय समय पर पूरा करना जरूरी है, लेकिन पूरे हुए की, नहीं हुए जानना भी उतना ही जरूरी हैं। छात्र रिमाइंडर सैट करने के लिए डिजिटल उपकरणों की सहायता ले सकते है या फिर अपने कैलेंडर पर मार्कर से मार्क कर सकते है। यह रिमाइंडर आपको सोते समय दिनभर में हुई पढ़ाई के बारे में अवगत करवा देते है। जिससे छात्र दूसरे दिन की पढ़ाई को लेकर और अधिक उत्सुक होते है।

4. यथार्थवादी बनें (Stay Realistic)

कई तैयारी करने वाले छात्र कम समय में ही अपनी पूरी तैयारी करने की चाह रखते हैं, लेकिन याद रखें NEET UG, JEE Main और Advanced जैसी परीक्षाओं में बारीक़ से बारीक़ अवधारणाओं को गहनता से सीखने की आवश्यकता होती है, इसलिए छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए ऐसी योजना बनानी चाहिए जो वास्तव में की जा सके। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए कि तैयारी शुरू करते समय आप तेजी से चीजों को कवर करने की कोशिश करे, और कुछ समय बाद ही ढीलें पड़ जाएं। आपको बेहतर परिणाम पाने के लिए धीरे धीरे लगातार प्रयासरत रहना होगा।

5. पढ़ाई के लिए समय सारणी बनाएं (Study Time Table)

परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय प्रबंधन के साथ सबसे जरूरी जो चीज है वह है, योजनाबद्ध तरीके से एक सुव्यवस्थित समय सारणी बनाकर उसका नियमित रूप से अनुसरण करना। छात्र इस प्रकार से अपनी एग्जाम के हिसाब से अपनी समय सारणी बना सकते है-

(क) अपने Syllabus (पाठ्यक्रम) को समझें

स्टडी टाइम टेबल बनाने से पहले जरूरी हैं कि छात्र अपनी एग्जाम के सिलेबस को अच्छी तरह से समझें। इसके लिए यह करें:

  • सभी विषयों की लिस्ट बनाएं,
  • अपने एग्जाम के कठिन और आसान टॉपिक्स अलग अलग करें,
  • उन विषयों पर अतिरिक्त ध्यान दें जिनमें आपकी पकड़ अच्छी नहीं है,
  • पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र देखें ताकि परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण टॉपिक्स को पहचान सकें।

(ख) अपने पढ़ाई के लक्ष्य तय करें

हर दिन के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करें। उदाहरण के लिए:

  • सुबह: गणित के कठिन अध्यायों को सीखने पर ध्यान दें।
  • दोपहर: विज्ञान या अन्य विषय को पढ़ें।
  • शाम: आपके एग्जाम का अन्य कोई विषय जिसको टाला न जा सकें।

(ग़) पढ़ाई का सही समय चुनें

हर विद्यार्थी का पढ़ने का तरीका अलग होता है,लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सुबह सुबह पढ़ना सबसे अच्छा होता है।

  • सुबह (4 AM – 7 AM): दिमाग फ्रेश रहता है, कठिन विषयों को पढ़ने के लिए सबसे अच्छा समय होगा।
  • दोपहर (2 PM – 5 PM): आसान विषयों के लिए या फिर स्कूल, कोचिंग में पढ़े हुए का रिवीजन करें।
  • शाम (8 PM – 10 PM): यह समय महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग कर उनके प्रश्न हल करने और शॉर्ट नोट्स बनाकर याद करने का सबसे अच्छा समय होता है।

(घ) 40 – 50 मिनट का स्टडी सैशन बनाएं

  • विशेषज्ञों के मुताबिक 3 – 4 घंटे लंबी पढ़ाई करना छात्रों को जल्दी थका सकता है। ऐसा करने के बजाय छात्रों को 40 – 50 मिनट का स्टडी सत्र बनाना चाहिए और प्रत्येक 50 मिनट बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। ऐसा करने पर छात्र की ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ जाती है।

IIT JEE और NEET की तैयारी करने वाले छात्र अपनी समय सारणी इस प्रकार से भी बना सकते है। यह उन छात्रों के लिए उपयुक्त है, जिन्होंने एकीकृत स्कूल + कोचिंग, या केवल कोचिंग करते हैं। इसके साथ ही यह समय-सारिणी IIT ड्रॉपर्स या NEET रिपीटर्स छात्रों के लिए भी बिल्कुल सटीक है।

समय गतिविधि/कार्यकार्य जो करने है 
सुबह 5 बजे सुबह के रोजमर्रा के काम5 से 6 बजे के बीच हर हाल में उठें।
सुबह 6:00 – 6:30 बजे उठने के बादहल्की-फुल्की गतिविधियाँ दैनिक रूप में करें ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम, हल्की स्ट्रेचिंग और योग करें।
सुबह 6:30 – 7:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 1पिछले दिन का पुनरावलोकन कर सकते हैं, संशोधित विषयों के संदेह और नोट्स नोट पढ़ सकते हैं, और दिन के किसी भी महत्वपूर्ण विषय को इस घंटे में पूरा कर सकते हैं।
सुबह 7:30 – 8:00 बजेनाश्तास्वस्थ आहार पर ध्यान दें, इससे ऊर्जा बढ़ेगी। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो सुस्ती पैदा करते हैं।
सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तकस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 2सुबह का समय नई अवधारणाओं को सीखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, और यह दिन का ज्यादा उत्पादक समय होता है। इस समय सैद्धांतिक अवधारणाओं वाले विषयों को अधिक से अधिक पढ़ें। 
सुबह 11:00 – 11:30 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंब्रेक का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक तरीके से करें। हल्की स्ट्रेचिंग करना, हल्का टहलना या दोस्तों से बातें करना।
सुबह 11:30 – दोपहर 1:30 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 3पहले जिस विषय की अवधारणाएं पढ़ी उसके अभ्यास प्रश्न करें, उस टॉपिक से संबंधित पिछले सालों के प्रश्नो को हल करें इसके अलावा अपनी कोचिंग द्वारा दिए गए अभ्यास प्रश्न भी कर सकते है।
दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तकदोपहर का भोजन (Lunch)दोपहर का भोजन करें। थोड़ी देर की झपकी लें (20-25 मिनट)। थोड़ी देर की झपकी पढ़ने की क्षमता बढ़ाएगी और दिमाग को आराम देती है।
दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तककोचिंग का समय या फिर Self Studyकक्षा में उपस्थित रहें, नोट्स बनाएँ और आवश्यक प्रश्न पूछें। कोचिंग के दौरान किए जा सकने वाले कार्यों को बाद के लिए न रखें,उन्हें उसी दिन पूरा करें। 
शाम 5:30 – 6:00 बजेपढाई के दौरान ब्रेक लेंटहलने, खेलकूद या गेम खेलने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ करें। फ़िल्में देखने से बचें।
शाम 6:00 – 8:00 बजेस्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 4अपनी कोचिंग में पढाई गई चीजों को पुरे ध्यान से याद करें और उन्हें दोहराएं। 
रात्रि 8:00 बजे से 8:30 बजे तकरात का खाना खाएं खानें के तुरंत बाद थोड़ी देर टहलें। 
रात्रि 8:30 – 10:30स्व-अध्ययन (Self-Study) स्लॉट 5रात का समय ज़्यादा सुकून भरा होता है। यह अभ्यास प्रश्न करने, डीपीपी हल करने, टेस्ट और मॉक टेस्ट देने का सबसे अच्छा समय है। अगले दिन की कोचिंग क्लास में पूछे जा सकने वाले किसी भी प्रश्न या शंका को नोट कर लें।
रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तकअगले दिन की योजना बनाना आज की गलतियों का विश्लेषण करें। अगले दिन के कार्यों की योजना बनाएँ। 
रात के 11:00नींद लें अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। सोने से एक घंटा पहले फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें।

अगर छात्र इस प्रकार से अपने समय का सदुपयोग करता है तो वह उन चुंनिदा सफल छात्रों में शामिल हो सकता है, जिन्होंने पिछले सालों में अपनी परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। याद रखें ये समय प्रबंधन के टिप्स और यह Time Table आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है। 

6. जरूरत पड़ने पर नहीं कहना 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा तैयारी के दौरान अनावश्यक कार्यों के लिए ‘नहीं कहना” कहना अत्यंत जरूरी है। ऐसा करने पर छात्र अपने सबसे आवश्यक कार्य पढ़ाई करने पर अधिक ध्यान दे, सकते है। जब कोई छात्र अपने लक्ष्य से भटकाने वाली चीजों/कामों के लिए नहीं कहने में सफल हो जाता है तो वह अपने तैयारी जैसे काम में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाता है। जो उसके समय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।

7. उत्पादक घंटों (Productive Hours) के दौरान पढ़ाई करें

प्रत्येक छात्र के उत्पादक घंटे (Productiv Hour) हमेशा एक जैसे नहीं होते है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कोई छात्र शाम के समय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता तो तो उसे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ छात्र दोपहर को नहीं पढ़ पाते उन्हें शाम को देर तक पढ़ना चाहिए। कुछ छात्र सुबह,दोपहर, शाम के बीच निश्चित अंतराल देकर पढ़ते हैं। इसलिए छात्रों के लिए यह निर्धारित करना जरूरी हैं कि वो किस समय अपना बेस्ट दे सकते जहां मिनिमम इनपुट में मैक्सिमम आउटपुट मिल सकें।

8. डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें

वर्तमान समय में सुविधा देने वाले उपरकण बढ़े है जिनसे NEET UG, JEE, CLAT या फिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी अछूते नहीं है। तैयारी करने वाले छात्रों को इन संसाधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब अत्यंत आवश्यकता हो। क्योंकि एक बार इनको प्रयोग में लेने पर छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हटकर अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर जा सकता है। इसलिए इनका उपयोग सोच समझकर ही करना चाहिए।

9. विकर्षणों (Distraction) से बचें

जिस प्रकार से ऊपर हमने विशेषज्ञों से जाना कि वर्तमान समय में डिजिटल उपरकण और संसाधन बढ़े है और इनका अनावश्यक प्रयोग भी बढ़ा है। वर्तमान समय में इनके अलावा भी कई प्रकार के विकर्षण संसाधन बढ़े है जैसे वीडियो गेम्स के लिए साइबर कैफे जाना, अनावश्यक रूप से यू ट्यूब पर ब्लॉग्स देखना या अन्य ऐसा कार्य जिसमें समय का दुरुपयोग हो सकता है। पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने समय का प्रबंधन करने के लिए उपरोक्त विकृषणों से बचना चाहिए ताकि वो अपने मुख्य लक्ष्य पढ़ाई करने पर ध्यान दे सके।

10. स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) अपनाएं।

समय प्रबंधन में अप्रत्यक्ष रूप से स्वस्थ जीवनशैली का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि, पढ़ाई करने वाले छात्र स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो उनके बीमार होने के चांस कम से कम होंगे। इसके लिए छात्रों को स्वस्थ पौष्टिक खान – पान, योग – व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में बढ़ावा देना चाहिए। वरिष्ठ डॉक्टर्स का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। छात्र अगर स्वस्थ रहेगा तो वह पढ़ाई और अपनी तैयारी को सुचारू रूप से चला सकता है और अपने समय का समुचित प्रबंधन कर सकता है।

समय प्रबंधन की 2 सबसे प्रचलित तकनीक

प्रभावी समय प्रबंधन से पढ़ाई ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन में भी संतुलन लाना संभव है। लेख में वो 2 तकनीकी बताई गई है जिनकी बातें तो सब करते है, लेकिन विस्तृत रूप में कोई नहीं बताता है। इन्हें सीखने और अपनाने से न केवल छात्रों को Study Planning बनाने में मदद मिलती है बल्कि पढ़ाई में नियमितता और उत्पादकता (Productivity) भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है।

1. पोमोडोरो तकनीक (Pomodoro Technique)

पोमोडोरो तकनीक उद्यमी और लेखक फ्रांसिस्को सिरिलो द्वारा विकसित की गई थी। इस तकनीक से छात्र अपने दिन प्रतिदिन के कामों को अंतराल (भागों) में विभाजित कर सकते है। प्रत्येक अंतराल को पोमोडोरो कहा जाता है।

यह तकनीकी किस प्रकार काम करती है? सीखनें के लिए इन तरीकों को अपनाए:

  • वह कार्य चुनें जिसे आपको पूरा करना है जैसे छात्र को अपने एक दिन में कितनी पढ़ाई पूरी करनी है।
  • प्रत्येक विषय के लिए एक टाइमर सैट करें (जैसे आपको फिजिक्स 50 मिनट पढ़ना है, कैमेस्ट्री 50 मिनट पढ़नी है।)
  • जिस विषय को आप पढ़ रहें है उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।
  • जब टाइमर बज जाए तो अपनी समय सारणी में मार्क कर दीजिए।
  • थोड़ा ब्रेक लें ( छात्र 50 मिनट पढ़ने के बाद दिमाग को फ्रैश करने के लिए 10 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में टहल सकते है, चाय – कॉफी ले सकते है या फिर ऐसा कार्य करें जिसमें ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़े)

Pomodoro Technique न केवल छात्रों को समय प्रबंधन सिखाती है, बल्कि यह छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करना भी सिखाती है। छात्र इस तकनीक को अपनाकर अपनी पढ़ाई के दैनिक और सप्ताहिक टास्क बेहतर ढंग से पूरे कर सकते है। छात्रों की इस व्यवस्थित नियमितता से शत प्रतिशत प्रदर्शन सुधरने की संभावना है।

2. पेरेटो विश्लेषण तकनीक (Pareto Analysis Technique)

इसे 80/20 का नियम भी कहा जाता है। इसको विकसित करने का श्रेय महान इतालवी अर्थशास्त्री विल्फ्रेडो पेरेटो को जाता है। इस नियम के अनुसार 20% क्रियाएं 80% परिणामों के लिए जिम्मेदार होती है।

यह तकनीक किस प्रकार काम करती है, जानें:

  • छात्र अपनी मुख्य समस्याओं की सूची बनाएं। उदाहरण के लिए आपके किसी विषय के Mock में लगातार कम अंक आ रहे हो।
  • छात्र अपने दैनिक दिनचर्या की समस्याओं की वास्तविक जड़ खोजें। जैसे, Mock में कम अंक आने का कारण सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना हो, विषय को कमतर आंकना इत्यादि।
  • अब जो सबसे जरूरी काम करना है वह है प्रत्येक समस्या के लिए अंक निर्धारित करें। जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिता रहें और उसका दुष्प्रभाव पड़ रहा इसके लिए आप 10 में से 7 अंक निर्धारित करें।
  • छात्र को जो कार्य करने में असफलता मिली उस असफलता के पीछे बने सभी कारणों को एक जगह लिखें। जैसे, क्या आपके Mock में कम अंक केवल सोशल मीडिया साइट्स पर अधिक समय बिताने से आए या अन्य कोई कारण रहा है?
  • प्रत्येक समूह को जोड़ें और अब जो सबसे जरूरी काम है वह है सबसे अधिक स्कोर जिस समस्या का आया है उसको अधिक से अधिक सुधारने पर ध्यान दें।

पेरेटो एनालिसिस तकनीक का उपयोग आजकल कई कोचिंग संस्थानों के एक्सपर्ट करते है। जैसे, सीकर की मैट्रिक्स जेईई एकेडमी के स्टूडेंट कॉउन्सलर्स द्वारा इस प्रणाली से विद्यार्थियों को उत्पन्न समय प्रबंधन संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

समय प्रबंधन में निपुणता आने से छात्र अपनी शैक्षिक योग्यताएं तो सिद्ध करते ही है, इसके अलावा उन्हें जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए भी यह प्रबंधन निपुणता पहले ही तैयार कर देती है। छात्र जीवन में समय प्रबंधन होने से बेहतर तैयारी करने में मदद मिलती है, और परीक्षा के दिन होने वाली अनावश्यक चिंताओं से बचने में सहायता मिलती है। सीकर के प्रसिद्ध संस्थान जैसे Matrix JEE Academy, CLC, Gurukripa, PCP, Allen आदि संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्रों को समय प्रबंधन (Time Management)  सिखाने के लिए विशेष तौर पर सैशन चलाए जाते है, जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपना समय प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

FAQ’s

Time Management क्या होता हैं?

Time Management का साधारण अर्थ है, अपने समय का इस तरह से उपयोग करना जिससे आपकी पढ़ाई और दैनिक दिनचर्या संतुलित दृष्टिकोण से पूरी हो जाएं ।

Time Management के लिए कौनसे Apps सबसे अच्छे हैं?

Google Calendar, Notion, Trello, Todoist जैसे App छात्रों के लिए Time Management Apps हो सकते है।

समय का दुरुपयोग हुआ है, मैं कैसे जान सकता हूं?

एक सप्ताह का समय व्यवस्थित रूप से लिखें, इसमें आप हर घंटे का रिकॉर्ड बनाएं और देखें कि कहा मैने गैर जरूरी कार्य किया जिससे समय ख़राब हुआ है।

NEET UG और JEE Main परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र सबसे सरल Time Management कैसे शुरू करें?

इसके लिए छात्र रोज एक छोटी To – Do list बनाएं। इस लिस्ट में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कार्य को सबसे ऊपर रखें, और इसी अनुरूप अपना कार्य/ तैयारी करें। लेकिन याद रखें डिजिटल उपकरणों से होने वाले डिस्ट्रक्शन से दूरी बनाने के लिए फोन, लैपटॉप के नोटिफिकेशन ऑफ कर दें।

छात्रों की सफलता में समय प्रबंधन की क्या भूमिका है?

एक छात्र द्वारा सीखकर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए समय प्रबंधन की बड़ी भूमिका होती है। जब छात्र अपने समय का समुचित प्रबंधन कर लेते है तो उन्हें कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई करने पर कठिनाई महसूस नहीं होती है। जबकि इसके विपरीत उनके परिणाम बेहतरीन होते जाते है क्योंकि पढ़ाई में नियमितता आ जाती है।

NEET UG 2026 की तैयारी कैसे करें

NEET UG 2026 :- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) मई 2026 में National Eligibility cum Entrance Test (NEET) परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार है। भारत की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा के रूप में NEET 2026 देशभर के सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थानों में MBBS, BDS, BVSC, और आयुष कार्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए आयोजित की जाती हैं जिसमें देशभर के 15 लाख से अधिक विद्यार्थी भाग लेते हैं।

मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के उत्सुक छात्रों के लिए NEET 2026 की तैयारी एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए केंद्रित तैयारी और बढ़ते competition में स्मार्ट प्लानिंग की अत्यंत आवश्यकता हैं। तैयारी करने वाले छात्र कोचिंग संस्थान के उचित मार्गदर्शन, परिमाण देय अध्ययन सामग्री, पाठ्यक्रम व एग्जाम पैटर्न की स्पष्ट समझ के साथ आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकते हैं। वर्ष 2026 में तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों और पिछले वर्षों के टॉपर छात्रों से हुई बातचीत के आधार पर हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं।

NEET UG 2026 की मुख्य विशेषताएं 

अगर आप NEET 2026 की तैयारी कर रहे हैं, तो परीक्षा से जुड़ी मूलभूत बातें जानना बेहद जरूरी है। नीचे दी गई तालिका में हमने NEET UG 2026 की मुख्य विशेषताओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया है:

विवरणविस्तृत जानकारी 
परीक्षा का नामराष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक 2026 (NEET UG 2026)
संचालन निकायराष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)
आधिकारिक वेबसाइटNEET.nta.nic.in
परीक्षा एक वर्ष में एक बार
परीक्षा का तरीकाOffline (पेन और कागज़ आधारित)
आवेदन शुल्क1700 रुपये
प्रस्तावित पाठ्यक्रमMBBS, BDS, Aayush, BVSC
पात्रता मापदंडभौतिकी(Physics), रसायन विज्ञान(Chemistry) और जीव विज्ञान(Biology) के साथ कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण 
परीक्षा अवधि3 घंटे
कुल अंक 720

Age Eligibility Criteria: 31 दिसंबर 2026 तक उम्मीदवारों की आयु कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कोई ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं है।

NEET UG 2026 की तैयारी शुरू करने से पहले हर छात्र और अभिभावक के जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें

NEET UG परीक्षा ऑफलाइन, यानी पैन और पेपर मोड में आयोजित की जाती है। यह परीक्षा देशभर में एक ही दिन में 13 मान्यता प्राप्त भाषाओं में आयोजित की जाती हैं जिसमें कक्षा 11वीं और 12वीं दोनों के भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और जीव विज्ञान (Biology) का NCERT आधारित सिलेबस आता है।

NEET कट ऑफ पार करने वाले पात्र उम्मीदवारों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए काउंसलिंग प्रकिया से गुजरना होता है। यह प्रक्रिया अलग अलग स्तर की कॉलेजों के लिए अलग अलग राउंड में पूरी की जाती हैं। सबसे पहले टॉप रैंक वाले छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है। उसके बाद बची हुई सीटें कम रैंक वाले उम्मीदवारों को दी जाती हैं। देशभर में MBBS, BDS, BVSC और Aayush की लगभग 1.25 लाख सीटें इस प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2026) एवम् प्रकिया से प्रतिवर्ष भरी जाती हैं।

NEET UG 2026 परीक्षा पैटर्न 

NEET UG 2026 के लिए नए पैटर्न की अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि 2025 में लागू हुआ पोस्ट-कोविड पैटर्न ही जारी रहेगा। परीक्षा पैन पेपर आधारित (Offline) होगी जिसमें उम्मीदवार को अपने उत्तर OMR शीट पर अंकित करने होंगे। इस परीक्षा में फिजिक्स (45 प्रश्न), केमेस्ट्री (45 प्रश्न) और जीव विज्ञान (90 प्रश्न जिनमें से 45 प्रश्न बॉटनी के और 45 प्रश्न जूलॉजी) के होंगे। सभी प्रश्नों बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।

परीक्षा की कुल अवधि 180 मिनट यानि 3 घंटे होंगे, जिसमें अतिरिक्त समय किसी भी हाल में नहीं दिया जायेगा। प्रत्येक सही उत्तर के विद्यार्थियों को 4 अंक दिए जाएंगे और गलत उत्तर देने पर 1 अंक काट लिया जायेगा, बिना हल किए प्रश्नों पर, न कोई अंक दिया जाएगा न ही नकारात्मक अंक काटा जाएगा। इस प्रकार नीट यूजी प्रवेश परीक्षा कुल 720 अंकों की होती हैं। 

NEET UG 2026 में विषयवार प्रश्न और अंक भार

विषयप्रश्नों की संख्याकुल अंक 
भौतिक विज्ञान45180
रसायन विज्ञान45180
जीवविज्ञान90360
कुल180720

NEET UG 2026 का Syllabus

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने अब तक NEET UG 2026 परीक्षा के लिए आधिकारिक Syllabus की घोषणा नहीं की है। वर्तमान में तैयारी करने वाले छात्र NEET 2025 के Syllabus अनुसार तैयारी कर रहें है, क्योंकि एकदम से पूरा सिलेबस नहीं बदला जाता हैं। जैसे इस बार के टॉपर छात्रों ने 2024 के सिलेबस को आधार बनाकर तैयारी शुरू कर दी थी और उन्होंने अंतिम परिणाम में शीर्ष रैंक हासिल की, इसलिए NEET 2026 की Syllabus में भी बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है तो आप भी समय रहते तैयारी शुरू कर सकते है। हमने मैट्रिक्स संस्थान सीकर के विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण हिस्सों को आपके लिए व्यवस्थित किया है जो नीचे सारणी में दिया गया है।

NEET पाठ्यक्रम 2026 – विषयवार विवरण

NEET UG 2026 की तैयारी शुरू करने से पहले उसके सिलेबस को अच्छी तरह समझना बेहद ज़रूरी है। सही रणनीति तभी बनती है जब आपको पता हो कि कौन-कौन से अध्याय और विषय परीक्षा में शामिल होते हैं। नीचे हम NEET 2026 का पूरा विषयवार पाठ्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं—Biology, Physics और Chemistry के महत्वपूर्ण टॉपिक्स एक ही जगह, ताकि आपकी तैयारी और भी आसान बन सके।

जीवविज्ञान (Biology)भौतिक विज्ञान (Physics)रसायन विज्ञान (Chemistry)
जीवों की विविधता में परिवर्तनभौतिकी और मापनरसायन विज्ञान की कुछ बुनियादी अवधारणाएँ
पौधों और जानवरों में संरचनात्मक संगठन में परिवर्तनगतिकीपरमाणु की संरचना
कोशिका संरचना और कार्य में कोई परिवर्तन नहींगति के नियमतत्वों का वर्गीकरण और गुणों में आवर्तिता
प्लांट फिज़ीआलजीकार्य, ऊर्जा और शक्तिरासायनिक बंधन और आणविक संरचना
मानव मनोविज्ञानघूर्णी गतिपदार्थ की अवस्थाएँ: गैसें और तरल पदार्थ
प्रजननआकर्षण-शक्तिऊष्मप्रवैगिकी
आनुवंशिकी और विकासठोस और द्रव के गुणसंतुलन
जीव विज्ञान और मानव कल्याणऊष्मप्रवैगिकीरेडॉक्स अभिक्रियाएँ
जैव प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगगैसों का गतिज सिद्धांततत्वों का वर्गीकरण और गुणों में आवर्तिता
पारिस्थितिकी और पर्यावरणदोलन और तरंगेंपी-ब्लॉक तत्व
इलेक्ट्रोस्टाटिक्सडी- और एफ-ब्लॉक तत्व
वर्तमान बिजलीसमन्वय यौगिक
धारा और चुंबकत्व के चुंबकीय प्रभावकार्बनिक यौगिकों का शुद्धिकरण और लक्षण वर्णन
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धाराएँकार्बनिक रसायन विज्ञान के कुछ बुनियादी सिद्धांत
विद्युत चुम्बकीय तरंगेंहाइड्रोकार्बन
प्रकाशिकीहैलोजन युक्त कार्बनिक यौगिक
पदार्थ और विकिरण की दोहरी प्रकृतिऑक्सीजन युक्त कार्बनिक यौगिक
परमाणु और नाभिकनाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणोंजैविक अणुओं
प्रयोगात्मक कौशलव्यावहारिक रसायन विज्ञान से संबंधित सिद्धांत

Note:- उपरोक्त टॉपिक्स में से NEET के High Weightage Topics के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 

NEET UG 2026 परीक्षा तिथि और परिणाम 

NEET UG 2026 परीक्षा प्रतिवर्ष मई माह के पहले रविवार को आयोजित की जाती है इस बार भी अगर यह परीक्षा मई के पहले रविवार को होगी तो यह तिथि संभावित रूप से 3 मई 2026 होगी। आप आधिकारिक जानकारी के लिए NTA की वेबसाइट देखते रहे।

NTA परीक्षा लेने के कुछ दिन बाद आधिकारिक उत्तर कुंजी जारी करता है। इसके बाद परिणाम ऑनलाइन घोषित किया जाएगा। परिणाम में उम्मीदवार के कुल प्राप्तांक (विषयवार) पर्सेंटाइल स्कोर ओर अखिल भारतीय रैंक (AIR) शामिल होते है। छात्र अपने परिणाम देखने के लिए रोल नंबर, जन्म दिनांक ओर अन्य आवश्यक जानकारी वेबसाइट पर डालकर देख सकते है। यह परिणाम देशभर की मेडिकल और डेंटल कॉलेज में काउंसलिंग और सीट आवंटन के लिए महत्वपूर्ण है। कट ऑफ पार करने वाले छात्र इस काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते है।

NEET 2026 महत्वपूर्ण तिथियां

आयोजनतिथि
NEET 2026 Exam 3 May 2026 (संभावित)
NEET 2026 एडमिट कार्डजल्द ही अपडेट किया जाएगा
NEET 2026 Answer Keyजल्द ही अपडेट किया जाएगा
NEET 2026 Score Cardजल्द ही अपडेट किया जाएगा
NEET 2026 Exam Resultजल्द ही अपडेट किया जाएगा

NEET 2026 परीक्षा के लिए अध्ययन योजना (Study planning)

NEET जैसी परीक्षा में सफलता हासिल करना वर्तमान समय में कठिन बनता जा रहा है। लेकिन डरिए मत आप अगर एक सुव्यवस्थित समय सारणी, पूर्ण रूप से समर्पित होकर कठिन मेहनत को अपना साथी बनाते है तो आपको इस परीक्षा में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपकी मदद के लिए हमने सीकर के सर्वश्रेष्ठ कोचिंग विशेषज्ञों, Matrix, Allen, CLC, Gurukripa, PCP, Path इत्यादि संस्थानों के टॉपर छात्रों और अन्य अनुभवी शिक्षकों से बातचीत की और उस आधार पर आपके लिए कारगर अध्ययन योजना, पढ़ाई के प्रति संतुलित दृष्टिकोण कैसे बनाया जा सकता है? आदि बातों का समग्र विवरण निम्न रूप में उपलब्ध करवाया है।

NEET UG परीक्षा का विश्लेषण (Analysis)

नीट परीक्षा का विश्लेषण करने से छात्रों को परीक्षा के पैटर्न, विषयवार अंक वितरण और परीक्षा के कठिनाई स्तर का आंकलन हो जाता है। वर्ष 2025 नीट परीक्षा पेपर आज तक का सबसे चुनौतीपूर्ण पेपर रहा है जिसमें जीव विज्ञान सबसे आसान भाग था तो रसायन विज्ञान संतुलित स्तर का था वहीं भौतिक विज्ञान वाला भाग सबसे कठिन था। इस तरह के विश्लेषण (Analysis) से छात्रों को परीक्षा के लिए स्ट्रैटजी बनाने में मदद मिलती है।

व्यवस्थित Time Table बनाए

नीट परीक्षा में सफल होने और अपनी तैयारी को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को एक समय सारणी (Time Table) अवश्य बनाना चाहिए। इसके लिए आप अपने कोचिंग संस्थान के शिक्षकों से मदद ले सकते है। पिछले वर्षों के NEET टॉपर्स के बनाए Time Table को फॉलो कर सकते है। बेशक टॉपर छात्रों का स्टडी टाइम टेबल कठिन होता है लेकिन इसको देखकर आपको घबराना नहीं है बल्कि उनकी स्ट्रैटजी को पूरी तरह से काम में लेना है। साथ ही साथ अपने सहपाठियों से तुलना करने और बदले पैटर्न में ढलने के लिए आप इसमें कुछ बदलवा भी कर सकते है। नीट परीक्षा में जीव विज्ञान (Biology) विषय का वेटेज अधिक है तो इसके अध्ययन के लिए आपको अतिरिक्त समय देना आवश्यक है। लेकिन इस परीक्षा में शीर्ष रैंक पाने के लिए प्रत्येक अंक महत्वपूर्ण है तो आप भौतिक विज्ञान (Physics) और रसायन विज्ञान (Chemistry) के सिलेबस को अनदेखा न करे या कम न आंके। सभी विषयों का संतुलित अध्ययन करना अति आवश्यक है। आप विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए इस टाइम टेबल को भी फॉलो कर सकते है।

  • सुबह जल्दी उठे और अपना अध्ययन जल्द से जल्द शुरू कर दें क्योंकि, सुबह आपका शरीर सबसे अधिक ऊर्जावान होता है। इस समय आप अपने कठिन विषय को पढ़ सकते है।
  • प्रत्येक दिन को तीन भागों में विभाजित करें और उसी अनुरूप नियमित पढ़ाई करें।
  • फिजिक्स और कैमेस्ट्री की शुरुआत महत्वपूर्ण टॉपिक्स से करें।
  • पढ़ाई के दौरान प्रत्येक 1 घंटे बाद 10 मिनट का ब्रेक ले इससे आपको अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है और चीजें लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है।
  • आपके दिनभर के लक्ष्य पूरे होने के बाद रात को सोते समय महत्वपूर्ण अवधारणाओं को दोहराने के लिए शॉर्ट नोट्स का इस्तेमाल करें।
  • रात को सोने से पहले अगले दिन के लक्ष्यों का निर्धारण करें ताकि सुबह किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति न बने और उठते ही पढ़ाई शुरू हो जाए।
  • नियमित रूप से जल्दी सोने की आदत डालें ताकि दूसरे दिन पढ़ाई के बीच नींद न आए और आपका पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित हो सके।

आपको नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए? जानने के लिए क्लिक करें। 

NEET 2026 के लिए विषयवार अध्ययन (Subject Wise Study)

  • भौतिकी (Physics) के लिए: फिजिक्स की बुनियादी बातें सीखने के लिए सबसे पहले NCERT पुस्तकों को पढ़ना शुरू करें उसके बाद ही किसी कोचिंग के नोट्स या मॉड्यूल्स पढ़ें। रेफरेंस बुक के तौर पर HC वर्मा पढ़ सकते है।
  • फिजिक्स के किसी टॉपिक में पूर्ण स्पष्टता और गहन समझ लाने के लिए जितने हो सके उतने प्रश्नों को हल करें। प्रश्न हल करते समय सरल से कठिन की और अपना स्तर लेकर जाए।
  • फिजिक्स में Conceptual (संकल्पनात्मक) प्रश्नों का अभ्यास जरूर करें। Theoretical Physics (सैद्धांतिक भौतिकी) के लिए दैनिक जीवन संबंधित प्रश्न हल करें। ऐसे प्रश्नों को हल करने से आपकी Analysis क्षमता का आंकलन होगा।
  • फिजिक्स के प्रश्नों को हल करते समय इकाइयों का ध्यान रखें (-ve और +ve) ऐसा करने से आप गणना संबंधित गलतियों से बच सकते है। तैयारी करने वाले छात्रों की यह सबसे बड़ी समस्या होती है।
  • रसायन विज्ञान (Chemistry) के लिए: रसायन विज्ञान के Concepts (अवधारणाएं) इकाइयों, रूपांतरण और परमाणुओं व अणुओं की परस्पर क्रिया को समझने पर आधारित होती है। मुख्य कॉन्सेप्ट्स को सीखने और समझने पर ध्यान केंद्रित करें, इससे अन्य चीजें याद रखने में आसानी होगी।
  • कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) में समझ विकसित करने के लिए आप सबसे पहले NCERT को प्राथमिकता दें, अपवाद आने पर उसकी क्रियाविधि को समझें। और ऐसे टॉपिक्स का अतिरिक्त अभ्यास जरूर करें।
  • Physical Chemistry (भौतिक रसायन विज्ञान) के लिए NCERT, कक्षा में बनाए गए नोट्स और मैट्रिक्स जैसी सीकर की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान के नोट्स काम में लें। कैमिस्ट्री के इस भाग के प्रश्नों को तुरंत हल करने के लिए विभिन्न समीकरणों को एक जगह अवश्य लिखें।
  • Inorganic Chemistry (अकार्बनिक रसायन विज्ञान) के लिए NCERT के बेसिक कॉन्सेप्ट्स जरूर पढ़ें और इसके प्रत्येक अध्याय के नोट्स जरूर बनाएं।
  • जीव विज्ञान (Biology) के लिए: NEET UG में बायोलॉजी का सबसे ज्यादा वेटेज होता है, इसलिए NCERT आपकी सबसे जरूरी किताब है। शुरुआत से एग्जाम तक हर दिन इसे पढ़ें। अध्यायों के आँकड़े, चित्र, वैज्ञानिकों के नाम और उनकी खोजें अच्छे से समझें। बायोलॉजी में कुछ भी अतिरिक्त पढ़ने से पहले NCERT को नीट की बाइबिल मानकर पूरा समय दें।
  • जब भी आप बायोलॉजी का टॉपिक किसी कोचिंग के मॉड्यूल्स या नोट्स से पढ़े तो अपनी नोटबुक में बायोलॉजी की महत्वपूर्ण अवधारणाओं को जरूर लिखें और प्रतिदिन रिवीजन करें।
  • बायोलॉजी को पढ़ने के लिए आपको कई रिसोर्स का उपयोग करना होगा, इसके लिए जहां से भी आपकी एग्जाम के लिए काम का कंटेंट मिले जरूर पढ़ें और पढ़कर छोड़े नहीं उनके नोट्स जरूर बनाएं।

NEET 2026 के लिए Mock Test

हर साल लाखों छात्र NEET परीक्षा देते हैं वो इसके लिए कोचिंग एवं अन्य माध्यमों से तैयारी भी करते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते है। आपको नीट 2026 में सफलता पाने के लिए तैयारी के साथ – साथ अध्ययन किए गए विषयों की तैयारी जानने के लिए प्रत्येक सप्ताह Mock Tests देने चाहिए। इनका अभ्यास करने से आपको परीक्षा पैटर्न को समझने और उसमें सफलता पाने में मदद मिलती है। Mock Test देने से छात्रों को अपने द्वारा होने वाली गलतियों का पता चलता है तथा उन्हें वास्तविक परीक्षा होने से पहले सुधार करने का मौका मिलता है। अच्छी कोचिंग के मॉक लगाने से छात्रों में आत्म विश्लेषणात्मक कौशल विकसित होता है और वास्तविक पेपर अटेम्प्ट करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ता है।

NEET UG 2026 की तैयारी के दौरान छात्र इन गलतियों से ज़रूर बचें

1. समय प्रबंधन न करना

आपको तैयारी शुरू करने से पहले एक व्यवस्थित समय सारणी बनाकर अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए। पढ़ाई के प्रति पूर्ण समर्पण रखना आवश्यक है। तैयारी के दिनों में आपको जब तक विशेष जरूरत न आए तब किसी भी तरह के सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपना समय नहीं गंवाना है।

2. NCERT पुस्तकों की उपेक्षा

विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ छात्र केवल कोचिंग क्लास, नोट्स या फिर मॉड्यूल्स के दम पर नीट में सक्सेस पाना चाहते है और वे NCERT जैसी जरुरी पुस्तकों को अनदेखा कर देते हैं। नीट की तैयारी कर रहे प्रत्येक छात्र को NCERT को प्राथमिकता में रखना चाहिए। इन पुस्तकों के आधार पर ही NTA पेपर बनाती है। इनकी बारीकियों को समझने पर ही आपको कॉन्सेप्ट्स की गहरी समझ आ सकती है।

3. समय पर Doubts (शंकाओं) का समाधान न करना

तैयारी करने वाले छात्र कई बार छोटी छोटी शंकाओं को ये सोचकर क्लास टीचर से नहीं पूछते हैं कि ऐसा प्रश्न पूछने पर मेरा मजाक बनेगा या ये तो सबसे बेसिक चीज है इसको क्यों ही समझना है। विशेषज्ञ बताते है कि नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को अपनी सबसे बेतुकी शंका भी अपने शिक्षक को पूछनी चाहिए। अगर छात्र अपनी शंका का समाधान जल्दी नहीं करते हैं, तो इससे टालमटोल की स्थिति पैदा हो जाती है और टॉपिक पूरी तरह कवर नहीं कर पाते है।

4. Mock Test में कम अंक आने पर निराश होना

Mock Test जरूरी क्यों है?
NEET के लिए Mock Test अत्यंत जरुरी हैं- यह सीखने के लिए, समय प्रबंधन के लिए, गलतियों को पुनः दोहराने से बचने के लिए और टॉपिक कितना समझ आया जांचने के लिए होते है। अगर आपने ईमानदारी और पूरी लगन से पढ़ाई की है तो इनमें प्राप्त अंकों से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इससे बचकर आपको जमकर मेहनत करनी चाहिए, आप धीरे धीरे बेहतर होते जाएंगे।

5. अनावश्यक गतिविधियों से ध्यान भटकना

नीट परीक्षा की तैयारी में आपके पूर्ण समर्पण की आवश्यकता होती है इसलिए आपको ऐसी चीजों से हमेशा बचना चाहिए जो आपका कीमती समय ले सकती है। वर्तमान समय में छात्रों की सबसे बड़ी समस्या डिजिटल उपरकण ओर सोशल मीडिया बना हुआ है। आपको तैयारी के दौरान इनको पूरी तरह त्याग देना चाहिए या फिर काम में लेने का एक नीयत समय निर्धारित करना चाहिए।

6. किसी भी विषय को महत्वहीन समझकर छोड़ना

नीट परीक्षा में तीनों मुख्य विषयों का महत्व है अगर आपने इनमें से किसी भी एक विषय को छोड़ा या कम पढ़ा तो इस बढ़ते कंपीटीशन में सफलता प्राप्त करने में मुश्किलें होगी। इस परीक्षा में प्रत्येक विषय का प्रत्येक टॉपिक अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि, पेपर में प्रश्न किसी भी टॉपिक से पूछा जा सकता है।

NEET UG 2026 की तैयारी के लिए सीकर के सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान

हमने इस ब्लॉग में नीट के लिए सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ तैयारी में काम आने वाले विशेषज्ञों के कीमती सुझाव भी दिए है जिन्हें अपनाकर आप एक व्यवस्थित तैयारी शुरू कर सकते है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धा के दौर में केवल रणनीति ही काम में नहीं आएगी इसके लिए आपको एक सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान की भी आवश्यकता होगी। हमने गहन विश्लेषण और खोज के बाद सीकर के प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान जो नीट की तैयारी करवाते है कि लिस्ट बनाई है। ये संस्थान मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को भी उसी स्तर की कोचिंग उपलब्ध करवाते है जो दिल्ली, कोटा जैसे बड़े शहरों के संस्थान करवाते है। (सीकर के Best संस्थानों के बारे में जानने के लिए यहाँ Click करें)

1. मैट्रिक्स नीट अकैडमी 

2. गुरुकृपा करियर इंस्टीट्यूट

3. प्रिंस

4. सीएलसी

5. ऐलन कैरियर इंस्टीट्यूट (सीकर)

उपरोक्त कोचिंग संस्थान नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को उच्च गुणवत्ता पूर्ण कोचिंग, आवासीय हॉस्टल एवं अन्य सभी संसाधन उपलब्ध करवाते है जिनसे नीट यूजी परीक्षा 2026 में सर्वोच्च रैंक प्राप्त की जा सकती है।

निष्कर्ष 

MBBS, BDS और Aayush जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाकर अपना करियर मेडिकल क्षेत्र में बनाने वाले उम्मीदवारों के लिए नीट 2026 एक महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा है। उचित तैयारी, स्ट्रैटेजिक रिवीजन और समय प्रबंधन से NEET UG 2026 में सफलता प्राप्त करना संभव है। अगर आप भी वर्ष 2025 के All India Topper Rank 1, महेश कुमार जिन्होंने सीकर के संस्थान गुरुकृपा में पढ़कर सर्वोच्च रैंक प्राप्त की है, उनकी तरह आपको भी शीर्ष रैंक हासिल करनी है तो तैयारी के लिए सीकर के संस्थान मैट्रिक्स, गुरुकृपा, सीएलसी, प्रिंस जैसे संस्थान में प्रवेश लेकर तुरंत अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

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FAQ’s

Q. NEET UG Exam 2026 कब आयोजित किया जाएगा?

NTA द्वारा नीट 2026 का आयोजन 3 मई 2026 (मई के पहले रविवार) को ऑफलाइन मोड में आयोजित किए जाने की संभावना है।

Q. क्या NEET 2026 में नकारात्मक अंकन (Negative Marking) प्रणाली अपनाई जाएगी?

हां, नीट यूजी परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक अंक काटा जाता हैं। जबकि सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं और छोड़े गए प्रश्न के लिए न कोई अतिरिक्त अंक दिया जाता है न ही कोई अंक काटा जाता है।

Q. NEET UG 2026 के लिए आवेदन शुल्क कितना होगा?

नीट परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क जमा करवाना होता है। यह शुल्क विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग अलग होता है जैसे:- सामान्य श्रेणी (General) के लिए 1600 रुपए, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (OBC/EWS) के लिए 1500 रूपये, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ दिव्यांग (SC/ST/PwD) के लिए 1000 रुपए और भारत से बाहर के उम्मीदवारों के लिए 9500 रुपए आवेदन शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। आवेदन शुल्क का भुगतान NTA को ऑनलाइन किया जाता है।

Q. क्या NEET 2026 के लिए 12वीं में 75% अंक आवश्यक हैं?

नहीं, उम्मीदवारों को NEET 2026 के लिए कक्षा 12 वीं में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने आवश्यक हैं।

Q. क्या NEET UG 2026 के Syllabus में कोई बदलाव होगा?

NEET 2026 का Syllabus वर्ष 2025 के समान ही रहने की संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) प्रतिवर्ष बहुत बड़ा बदलाव नीट परीक्षा के पाठ्यक्रम में नहीं करता है।

NEET UG भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है इसका आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा प्रतिवर्ष करवाया जाता हैं। परीक्षा में प्रतिवर्ष लगभग 25 लाख छात्र भाग लेते हैं| NEET की तैयारी करने के लिए छात्रों को सही कोचिंग संस्थान का चुनाव, सेल्फ स्टडी (स्वाध्याय) के लिए समय निकालना, परीक्षा तक समय प्रबंधन का ध्यान रखना आदि कार्य तब तक करने होते हैं जब तक वो अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाए। NEET की तैयारी के दौरान हजारों छात्र बहुत सामान्य गलतियां करते हैं जो उनके परिणाम और रैंक में बाधा डालती हैं, इसलिए छात्रों को परीक्षा देने से पहले उन सामान्य गलतियों का पता लगाना और उन्हें सुधारना अनिवार्य है। 

यहां हमने NEET UG की तैयारी करते समय छात्रों द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियां तथा कोचिंग संस्थानों द्वारा होने वाली गलतियों के बारे में पिछले वर्षों के टॉपर छात्रों और कोचिंग विशेषज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर बताया हैं। साथ ही उन टॉपर छात्रों की रणनीति भी बताई हैं, जिन्हें अपनाकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी में कम से कम गलतियां की और देशभर में टॉप किया है। 

NEET परीक्षा में छात्रों द्वारा की जाने वाली गलतियां (Common Mistakes) 

छात्रों द्वारा NEET UG की तैयारी में होने वाली सामान्य गलतियों की यह List नीट की तैयारी करने वाले छात्रों, विषय विशेषज्ञों और पिछले वर्षों के Topper छात्रों से हुई बातचीत और उनके अनुभवों के आधार पर बनाई गई है। तैयारी करने वाले छात्र इन गलतियों को समय पर सुधार के अपने परिणामों को बेहतर बना सकते हैं।

1. NEET पाठ्यक्रम (Syllabus) की स्पष्ट समझ का अभाव,

2. जरूरत से ज्यादा अध्ययन सामग्री (Study Material) रखना,

3. Notes बनाने का महत्व न समझना,

4. पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न न करना,

5. Mock Test परिणामों का विश्लेषण न करना,

6. नियमित अध्ययन न करना,

7. किसी विषय के लिए अति आत्मविश्वासी होना,

8. नकारात्मक अंक प्रणाली (Negative Marking) को न समझना ,

9. कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न करना।

1. NEET पाठ्यक्रम (Syllabus) की स्पष्ट समझ का अभाव

नीट की तैयारी के दौरान छात्र जो सबसे आम गलती करते हैं,उनमें सबसे पहले स्थान पर अपने पाठ्यक्रम को स्पष्ट रूप से न समझना है। हर साल नीट टॉपर्स, विशेषज्ञों, और Matrix, CLC, Gurukripa, Allen, PCP जैसे प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों की फैकल्टी द्वारा बार बार कहा जाता है कि NEET UG परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए छात्र को अपने पाठ्यक्रम का प्रत्येक टॉपिक अपने दिमाग में रखना चाहिए। पाठ्यक्रम को समझने के बाद ही छात्र को तैयारी में NCERT के महत्व का पता चलता हैं। पिछले वर्ष 2025 के All India Topper महेश कुमार और 2024 के All India Topper जतिन गोयल, पंकज बुरड़क जैसे छात्रों ने हमें बताया कि भविष्य में नीट 2026 की तैयारी करने वाले छात्र सबसे पहले NCERT की पुस्तकों से पाठ्यक्रम को पूरा करें और सभी विषयों के महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग करें, इन टॉपिक्स की अवधारणाओं को गहन रूप से समझें। उसके बाद ही अन्य पुस्तकों का सहारा लें।

कैसे बचें?

  •  छात्र NTA की वेबसाइट से आधिकारिक NEET पाठ्यक्रम Download करके उसका गहन विश्लेषण करें
  • सभी विषयों की एक Checklist तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक विषय के सभी टॉपिक कवर कर लिए हैं।
  • NTA नीट का पेपर बनाते समय भौतिक (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और जीव विज्ञान (Biology) की NCERT पुस्तकों को हमेशा शीर्ष पर रखता है इसलिए छात्र इन्हें किसी भी हाल में अनदेखा न करें।

2. जरूरत से ज्यादा अध्ययन सामग्री (Study Material) रखना

नीट यूजी की तैयारी करने वाले लाखों छात्र हैं लेकिन सफल कुछ ही होते हैं। हजारों छात्रों की असफलता का कारण यह भी होता हैं कि वो अपने पाठ्यक्रम की निर्धारित अध्ययन सामग्री नहीं रखते हैं। एक ही विषय के लिए कई किताबें, नोट्स रखते हैं या फिर कई जगहों से क्लासेज लेते हैं जिससे वो बिना काम के Study Material के जाल में फंसकर अपना समय बर्बाद कर लेते हैं। इसके लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।

  • बेशक नीट की तैयारी के लिए NCERT आधारभूत सामग्री है तो सभी विषयों की NCERT पुस्तक जरूर पढ़ें
  • Matrix,CLC, Gurukripa, Allen या PCP जैसी किसी भी एक कोचिंग के नोट्स जरूर रखें।
  • अपने तय पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद अन्य किन्हीं पुस्तकों का सहारा ले सकते हैं जो आपकी तैयारी में मददगार साबित हो।

3. Notes बनाने का महत्व न समझना

नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को खुद के नोट्स बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कुछ छात्र लगातार कोचिंग क्लास लेते रहते हैं, कुछ छात्र आजकल ऑनलाइन वीडियो लेक्चर्स लेते रहते हैं लेकिन खुद के नोट्स नहीं बनाते हैं जो कि आगे चलकर उनकी असफलता का कारण बनता है। हमने कई विशेषज्ञों और कोचिंग संस्थानों के सफल बच्चों से पूछा “NEET UG की तैयारी के दौरान नोट्स बनाने का क्या महत्व है?” सभी विशेषज्ञों और सफल छात्रों ने हमें बताया कि खुद छात्र द्वारा बनाए गए नोट्स परीक्षा के समय रिवीजन करने में बहुत मददगार होते हैं। साथ ही ये विषय के कठिन अध्यायों को सीखने में सरल बनाते हैं। जब छात्र हाथ से नोट्स बनाता है तो दिमाग चीजों को ज्यादा तेजी से याद करता है। Revision के समय भी पढ़ने पर चीजों को बेहतर ढंग से समझते हैं। वो सबसे जरूरी हिस्से पर विशेष ध्यान देते है जिससे अनावश्यक चीजों को छोड़ने की कला भी सीख जाते है। रिवीजन के दौरान छात्र अपने लिखे नोट्स से पढ़ता है तो उसे पहले की तरह बड़ी बड़ी किताबें पढ़ने में अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़ता। उसको पता होता कि कौन सा टॉपिक किस जगह पर लिखा है।

छात्र तैयारी के दौरान निम्न तरीकों से नोट्स बना सकते हैं

  • लिखने से पहले अपनी मूल किताब NCERT से अध्याय को पढ़ें। अपने शिक्षक की बातें सुने। विषय को अच्छी जगह से समझने की कोशिश करें,समझने के बाद अपने सरल शब्दों में नोट्स बनाएं।
  • छात्रों को नोट्स बनाते समय किताब से पूरे के पूरे पैराग्राफ को न लिखे। जो मुख्य बात है उसको सरल शब्दों में लिखकर नोट्स बनाएं।
  • नोट्स बनाते समय नोट्स बुक में महत्वपूर्ण तथ्यों को रेखांकित या हाइलाइट करें, जिससे रिवीजन के दौरान आपका सीधा ध्यान मुख्य बात पर जाए।
  • नोट्स साफ और फ्लो चार्ट बनाते हुए बनाए ताकि पढ़ने में इंटरेस्टिंग लगें।

4. पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न न करना

NEET UG की तैयारी करने वाले छात्रों की एक कमी यह होती हैं कि वो पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न नहीं करते हैं। जबकि पिछले वर्ष के लगभग टॉपर्स ने हमें बताया कि हमने नीट की तैयारी के दौरान जितना पढ़ा उनका अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से नियमित रूप से किया है। कुछ छात्र केवल कोचिंग क्लास लेकर ही अपना समय व्यतीत कर देते हैं जबकि उन्हें पढ़े हुए को एग्जाम तक याद रखने के लिए अभ्यास जरूर करना चाहिए क्योंकि नीट परीक्षा Objective होती हैं, जिसमें वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं।

5. Mock Test परिणामों का विश्लेषण न करना

छात्रों के लिए नीट परीक्षा की तैयारी करते समय सैंपल पेपर्स, पिछले वर्षों के NEET प्रश्नपत्रों (Previous Year Question Papers For NEET 2026) और मॉक टेस्ट के साथ साथ परीक्षा आधारित प्रश्नों का अभ्यास करना तैयारी का एक महत्वपूर्ण अंग है। कुछ छात्र केवल Mock Tests देने पर ही ध्यान देते हैं वे सप्ताह में 2 से 3 मॉक टेस्ट देते हैं लेकिन उनका विश्लेषण नहीं करते हैं,अपनी वास्तविक रैंक नहीं देखते और अपनी कमजोरियों को अनदेखा कर देते हैं जोकि परीक्षा में खराब प्रदर्शन होने का कारण बन जाता हैं। इस दृष्टिकोण से अंधेरे में तीर चलाने जैसा है,जिसके निशाने पर लगने की कोई गारंटी नहीं है।

मॉक टेस्ट का विश्लेषण किस प्रकार सहायक है

  • मॉक टेस्ट का विश्लेषण करने से छात्रों को अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने में मदद करता है।
  • विश्लेषण करने से परीक्षा में समय प्रबंधन करने में महारत हासिल होती हैं जिससे वास्तविक परीक्षा में प्रश्न छूटने की संभावना कम हो जाती हैं।
  • छात्रों को अपने द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियों का पता चल जाता है मॉक टेस्ट विश्लेषण में उन्हें पहचान कर सुधारा जा सकता है।

6. नियमित अध्ययन न करना

सफल छात्र इस परीक्षा की तैयारी करते समय सबसे पहले एक प्रभावी और नियमित अध्ययन योजना बनाते हैं लेकिन अधिकांश छात्र ऐसा नहीं करते हैं उनका कोई फिक्स शेड्यूल नहीं होता हैं,उनकी पढ़ाई में नियमितता नहीं होती और वे असफल हो जाते हैं इसलिए यह सबसे जरूरी है कि एक व्यावहारिक समय सारणी बनाकर नियमित रूप से अध्ययन किया जाए।

छात्रों को नियमित अध्ययन योजना बनाने के लिए कोचिंग संस्थानों के उन विशेषज्ञ शिक्षकों से सहायता लेनी चाहिए जो उनकी दैनिक दिनचर्या का विश्लेषण करते हैं और एक अध्ययन योजना बनाने में मदद करते हैं। नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को नियमित रूप से सभी विषयों का अध्ययन करना चाहिए। एक ही विषय को पढ़ने की प्रवृति मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों में देखी जाती हैं। हमें छात्रों से बातचीत करने पर पता चला कि अधिकांश छात्र जो नीट की तैयारी कर रहे हैं वो जीव विज्ञान विषय को सबसे ज्यादा पढ़ते है ऐसा करने पर उनके केवल उसी विषय में अच्छे नंबर आते हैं जबकि अन्य विषयों में नहीं। ऐसा होने पर वास्तविक परीक्षा में उनकी रैंक नहीं बन पाती और कई बार असफल भी हो जाते हैं।

7. किसी विषय के लिए अति आत्मविश्वासी होना

नीट यूजी परीक्षा में बैठने वाले छात्रों में से कुछ छात्र किसी एक विषय के लिए अति आत्मविश्वासी हो जाते हैं। वो सोचते हैं यह विषय तो मुझे आता है इसको आखिरी समय में पढ़ लेंगे या थोड़ा पढ़कर छोड़ देते हैं। ऐसा करने से उस छात्र को विषय में कम अंक प्राप्त होते हैं जो उसकी सफलता एवं कम रैंक आने का कारण बन जाता है।

नीट यूजी परीक्षा के शीर्ष कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों की मान्यता है कि नीट की तैयारी के दौरान कभी भी छात्र को अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। उसको हमेशा विषय की मूलभूत अवधारणाओं को सीखने, उसमें सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे परीक्षा में उस विषय के भाग में सामान्य गलतियां होने की संभावनाएं कम हो जाती है,और उन्हें नकारात्मक अंक के नुकसान से बचने में मदद मिलती हैं।

8. नकारात्मक अंक प्रणाली (Negative Marking) को न समझना 

नीट यूजी की तैयारी करने वाले छात्रों को बार बार सलाह दी जाती है कि वे इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले नीट परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लें। इस पैटर्न के बारे में Matrix, CLC, Gurukripa, Allen, PCP, जैसे संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा भी छात्रों को समय समय पर बताया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के अनुसार छात्रों को परीक्षा में प्रत्येक सही प्रश्न के जवाब पर चार अंक दिए जाते हैं तथा प्रत्येक गलत उत्तर पर एक अंक काट लिया जाएगा। नीट परीक्षा में नकारात्मक अंक प्रणाली से इसका कठिनाई स्तर कई गुना बढ़ जाता हैं। इसलिए छात्रों को यह परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ स्मार्ट वर्क भी करना होगा। छात्रों को परीक्षा में अनुमानों के आधार पर सवालों का जवाब नहीं देना चाहिए इससे प्रश्न गलत होने की संभावना बढ़ जाती हैं और अंततः नकारात्मक अंक मिलते हैं।

9. कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न करना

नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में वो छात्र भी काफी संख्या में होते हैं जो 11वीं – 12वीं कक्षा के साथ ही तैयारी शुरू कर देते हैं। इनमें से कई छात्र 12th के साथ ही NEET UG में अच्छी रैंक सिक्योर कर लेते हैं। जिसकी वजह से इस तरह का प्रचलन बढ़ा है। इन छात्रों की सबसे बड़ी समस्या होती हैं कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न होना। इसके लिए छात्रों को निम्न तरीकों से अपने समय का प्रबंधन करना चाहिए।

• अपने स्कूल के समय का पूरा उपयोग करें

इसके लिए 12 वीं के साथ जिन छात्रों ने NEET UG 2025 में शानदार रैंक हासिल की उनका कहना है कि 11वीं 12वीं फाउंडेशन के साथ नीट की तैयारी करने वाले छात्र कक्षा में होने वाली पढ़ाई संबंधित चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लें, ऐसे नोट्स बनाएँ जो स्कूल परीक्षाओं और NEET दोनों में मददगार बने और खाली समय या ब्रेक का उपयोग कठिन विषयों जैसे जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की अवधारणाओं को दोहराने में करें। स्कूल के समय में ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचना चाहिए।

• समय-सीमा निर्धारित करें

12वीं के साथ शीर्ष स्थान हासिल करने वाले छात्रों और कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों ने इस बात पर बल दिया है कि स्कूल के साथ नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अलग-अलग कार्यों के लिए विशिष्ट समय निर्धारित करें। जैसे- सुबह स्कूल की पढ़ाई के लिए, दोपहर NEET के लिए और शाम को रिवीजन के लिए। यह निर्धारण करना अति आवश्यक है कुछ बच्चे ऐसा नहीं कर पाते और उनका समय व्यर्थ हो जाता है।

NEET कोचिंग्स की भूमिका 

नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करवाने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में सीकर ही नहीं बल्कि देशभर में प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान है जो छात्रों को लगातार मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं। पिछले कुछ समय में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ संस्थानों ने अपनी गुणवत्ता को छात्र हितों को ध्यान में रखकर बढ़ाया है जबकि कुछ ने समझौता किया है। जिसके परिणामस्वरूप कोचिंग संस्थानों से छात्रों का मोह भंग हुआ है। आप भी अगर नीट यूजी परीक्षा 2026 की तैयारी कर रहें हैं तो संस्थानों द्वारा होने वाली गलतियों के बारे में जानना चाहिए। वर्तमान में कुछ संस्थान निम्न गलतियां कर रहे हैं।

1. छात्रों पर पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाना,

2. अप्रभावी और अत्यधिक Mock Tests लेना,

3. Revision ना करवाना,

4. छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करना।

1. छात्रों पर पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाना

वर्तमान समय में NEET UG परीक्षा की कठिनता बढ़ी है और यही कारण है कि कोचिंगों की आपसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। इस प्रतिस्पर्धा में विद्यार्थियों पर पढ़ाई का दबाव भी बढ़ा है। बेशक यह कार्य तेजी से सीखने वाले छात्रों के लिए तो हित में होता है, लेकिन औसत छात्र के लिए यह हितकर नहीं है। NEET UG की तैयारी करने वाले छात्रों को ऐसे कोचिंग संस्थानों को पहचान कर उनसे बचना चाहिए।

सीकर में Matrix, CLC, Gurukripa, PCP जैसे संस्थान वास्तविक परिणाम देते हैं। ये प्रत्येक छात्र की क्षमता के अनुसार उनको व्यक्तिगत परामर्श देकर परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। छात्रों को परीक्षा उपयोगी अवधारणाओं को रटाने के बजाय सिखाने पर जोर देते हैं। इसलिए छात्रों के लिए जरुरी है कि उन्हें अपनी तैयारी करने के लिए एक सही, उचित गुणवत्तापूर्ण कोचिंग संस्थान में प्रवेश लें। 

2. अप्रभावी और अत्यधिक Mock Tests लेना

नीट यूजी की तैयारी के लिए कठिन मेहनत की आवश्यकता होती है। इस कठिन मेहनत और प्रयास से ही लाखों छात्रों से आज की बढ़ती प्रतिस्पर्धा में आगे निकला जा सकता है। तैयारी के दौरान विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री को काम में लिया जाता हैं। जिसमें अब Mock Tests का महत्व भी कम नहीं है लेकिन आजकल कई कोचिंग संस्थान अत्यधिक मॉक टेस्ट लेते हैं जैसे सप्ताह में 2 से अधिक मॉक टेस्ट लेना। या कुछ संस्थानों द्वारा मॉक टेस्ट का विश्लेषण नहीं करवाना। कोचिंग संस्थानों की इन कमियों के कारण छात्रों को तैयारी में वो बढ़त नहीं मिल पाती जिससे वो एक अच्छी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पा सकें।

सीकर की कोचिंग संस्थानों में यह प्रवृति बहुत ही कम है। यहां के कोचिंग संस्थान सबसे पहले छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा कराते हैं, उसके बाद NEET परीक्षा विशेषज्ञ कठिन टॉपिक को अलग छांटकर छात्रों को उनकी अवधारणाएं सिखाने पर जोर देते हैं। Matrix, CLC, Gurukripa, PCP जैसे संस्थान तो Mock Test परिणामों के आधार पर छात्रों की अलग अलग रैंक जारी करते हैं साथ ही छात्र को पाठ्यक्रम के किस हिस्से में कम अंक प्राप्त हुए उससे भी अवगत कराते हैं। ये संस्थान प्रत्येक Mock Test के बाद उनका विषय विशेषज्ञों से गहन विश्लेषण करवाते हैं क्योंकि इससे छात्रों की समझ विकसित होती हैं। छात्रों को ऐसे कोचिंग संस्थानों से कभी भी तैयारी नहीं करनी चाहिए जो छात्रों को डराने के लिए कठिन एवम् अप्रभावी अभ्यास प्रश्न करवाते हैं।

3. Revision ना करवाना

नीट यूजी की तैयारी करवाने वाले कई संस्थानों की सबसे बड़ी गलती यह होती हैं कि वो छात्रों के पाठ्यक्रम (Syllabus) को जल्दी से जल्दी पूरा करने पर ध्यान देते हैं। ऐसी कोचिंग संस्थानों की फैकल्टी कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों की वास्तविक समस्या पर ध्यान नहीं दे पाते।

नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को कोचिंग का चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद संस्थान के शिक्षक सभी विषयों का Multiple Revision करवाते हैं या नहीं क्योंकि, रिवीजन से ही छात्रों को चीजें लंबे समय तक याद रह पाती हैं। रिवीजन करवाने पर ही पाठ्यक्रम के छूटे हुए या कठिन हिस्से का पता लगाया जा सकता है। इसलिए बार बार परीक्षा तक तैयारी करवाने वाले संस्थान का चुनाव नीट परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र को करना चाहिए।

4. छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करना।

मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। कोचिंग संस्थानों में छात्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव रहता है। सुबह स्कूल, फिर घंटों की कोचिंग क्लासेज और फिर देर रात तक पढ़ाई यह दिनचर्या छात्रों को थका देती हैं। इससे शारीरिक थकान के साथ साथ मानसिक थकान भी आती हैं। आजकल कई कोचिंग संस्थान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं उन्हें केवल पढ़ाने से मतलब होता हैं। इसलिए छात्रों को Matrix NEET Division जैसी सीकर की संस्था में प्रवेश लेना चाहिए। यहां मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के द्वारा समय समय पर काउंसलर छात्रों की काउंसलिंग की जाती हैं। यहां के शिक्षकों का बच्चों से व्यवहार भी मित्रतापूर्ण किया जाता हैं। समय समय पर छात्रों को खेल – कूद और मनोरंजन जैसी क्रियाएं करवाई जाती हैं जिससे छात्रों में अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं नहीं होती।

इसलिए जरूरी है कि NEET UG प्रवेश परीक्षा की कोचिंग चुनते समय छात्र इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें।

निष्कर्ष

NEET का मतलब सिर्फ कठिन मेहनत और परिश्रम से पढ़ाई करना ही नहीं है- यह सही योजना,सोच और अनुशासन पर आधारित परीक्षा है। कई छात्र कड़ी मेहनत करते हैं,लेकिन फिर भी कुछ सामान्य गलतियाँ करते है जो उनकी प्रगति को धीमा करती हैं और आखिर में परिणाम अपेक्षाओं के अनुसार नहीं आता। अगर वर्ष 2026 की नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र इन गलतियों से बचेंगे तो उन्हें तैयारी में आसानी होगी। नीट की तैयारी इस बात पर तो निर्भर करती ही हैं कि आपने कितनी मेहनत की है लेकिन यह बात और महत्वपूर्ण हो जाती हैं कि आपने इसे कितनी समझदारी, Smart Work से की है। इसलिए सकारात्मक रहें और उन छोटी – छोटी चीजों में सुधार करें जहां अधिकांश छात्र गलतियां करते हैं।

याद रखें :-

  • देर से शुरू मत करो, अभी शुरू करो। एक ऐसी कोचिंग संस्थान में प्रवेश लें जहां, विस्तृत एवं निर्देशित बैच उपलब्ध हो और परीक्षा तक आपके सहयोगी बनें।
  • जो सिद्धांत आपने तैयारी के दौरान बनाए उनको व्यवहार के साथ संतुलित करें एवम् अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहें।
  • हर दिन एकरूपता बनाए रखें, नियमित अध्ययन को महत्व दें।
  • और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह जान लें कि आप यह सब क्यों कर रहे हैं आपका आखिरी सपना एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाकर समाज में अच्छा डॉक्टर बनना है।

FAQs

NEET परीक्षा की तैयारी में होने वाली सबसे आम गलतियाँ क्या हैं?

ज्यादातर छात्रों की गलती NCERT के महत्व को न समझना, मॉक टेस्ट नहीं देना, रिवीजन नहीं करना और परीक्षा के दौरान घबरा जाना। आप अगर नीट परीक्षा देने वाले है तो व्यवस्थित अध्ययन योजना बनाकर और नियमित अभ्यास करके तैयारी कर सकते हैं।

NEET UG परीक्षा 2026 से पहले मुझे कितने मॉक टेस्ट देने चाहिए?

NEET परीक्षा से पहले विशेषज्ञों के अनुसार आपको कम से कम 50 से 60 मॉक टेस्ट देने चाहिए। जितने भी मॉक टेस्ट दे उनका विश्लेषण जरूर करें। उनमें होने वाली गलतियों पर ध्यान दें और कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करें।

NEET 2026 में सिलेबस में कोई बदलाव आएगा?

अभी तक NTA (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) ने कोई बदलाव नहीं बताया है। लेकिन आधिकारिक वेबसाइट (nta.ac.in) पर नजर रखें। अभी तैयारी के लिए पुराना सिलेबस ही फॉलो करें, लेकिन NCERT पर फोकस रखें।

NEET UG परीक्षा में Silly Mistakes को किस तरह रोक सकते हैं?

NEET परीक्षा में Silly Mistakes को रोकने के लिए प्रश्नों को ध्यानपुर्वक पढ़ना चाहिए, महत्वपूर्ण शब्दों को हाइलाइट कर लेना चाहिए और परीक्षा ध्यान केंद्रित करते हुए धैर्यपूर्वक देनी चाहिए।

NEET परीक्षा के लिए Revision की क्या रणनीति रखनी चाहिए?

छात्रों को NEET नीट परीक्षा की तैयारी करते समय नियमित रूप से शॉर्ट नोट्स, डायग्राम्स, फ्लो चार्ट के माध्यम से Revision करना चाहिए। इसके अतिरिक्त छात्रों को अपने कमजोर विषयों को अतिरिक्त समय देना चाहिए।

Best NEET Coaching State In India In Hindi: नीट का एग्जाम नेशनल लेवल का एग्जाम है जिसमें हर वर्ष हजारों लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स भाग लेते हैं। इसके लिए उनके द्वारा कड़ी मेहनत की जाती है ताकि किसी भी तरह से ना केवल उनका नीट एग्जाम में सिलेक्शन हो जाए बल्कि अच्छी रैंक भी आए ताकि उसके बलबूते उन्हें टॉप लेवल का सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल सके। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स अपनी 11 वीं क्लास से ही नीट की तैयारी करना शुरू कर देते हैं तो कुछ अपनी बारहवीं या उसे पास करने के बाद नीट की तैयारी करना शुरू करते हैं।

अब यह आर्टिकल उन सभी स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर लिखा जा रहा है जो नीट के लिए बेस्ट स्टेट की खोज में हैं अर्थात भारत का कौन सा राज्य नीट की सबसे बेस्ट कोचिंग देता है। अब नीट की तैयारी करवाने में राजस्थान, दिल्ली, तेलंगाना, बिहार जैसे राज्यों का नाम लिया जाता है। इनके भी कुछ एक शहर नीट की कोचिंग देने में टॉप पर आते हैं जैसे कि सीकर, कोटा, दिल्ली, हैदराबाद या पटना इत्यादि।

ऐसे में आपके लिए कौन सा राज्य नीट के लिए सबसे अच्छा रहने वाला है, यह एक अहम प्रश्न (Best State For NEET Preparation In India In Hindi) है। आज का हमारा यह आर्टिकल इसी विषय को ही ध्यान में रखकर लिखा गया है। तो चलिए जानते हैं भारत का कौन सा राज्य नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य है।

नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य कौन सा है?

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि भारत देश में कुछ चुनिंदा राज्य ही ऐसे राज्य हैं जहाँ नीट की टॉप लेवल की कोचिंग दी जाती है। वैसे तो नीट की कोचिंग भारत के हरेक राज्य के हरेक शहर में दी जाती (NEET Best Coaching State In India In Hindi) है। वहीं टॉप सिटी या मेट्रो जैसे शहरों में एक से बढ़कर एक नीट कोचिंग सेंटर्स खुले होते हैं। अब यदि इनमें से कुछ टॉप राज्यों के नाम हम आपके सामने रखें तो उनके नाम होंगे:

  • राजस्थान
  • दिल्ली
  • तेलंगाना
  • बिहार
  • तमिलनाडु

तो यह पांच राज्य नीट की कोचिंग देने के मामले में भारत के टॉप राज्यों में शामिल हैं। हालाँकि यहाँ बात सूची या किसी लिस्ट की नहीं हो रही है बल्कि बात हो रही है इन सभी में सबसे बेस्ट राज्य कौन सा है। तो यदि हम भारत के अंदर नीट के लिए सबसे अच्छे राज्य की बात करेंगे तो उसमें केवल और केवल एक ही नाम उभर कर सामने आता है और वह है राजस्थान।

आपने भी अक्सर नीट या फिर जेईई की कोचिंग लेने के लिए बार-बार इसी राज्य का ही नाम सुन रखा (Best NEET Coaching State In India In Hindi) होगा। इसके पीछे कई कारण हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।

नीट के लिए राजस्थान क्यों है सबसे अच्छा राज्य?

ऊपर हमने नीट के लिए सबसे अच्छे राज्यों की सूची तो दे दी है और साथ ही यह भी बता दिया है कि इन सभी में राजस्थान ही नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य माना जाता (Best State For NEET Preparation In India In Hindi) है लेकिन आपने अभी तक यह नहीं जाना है कि राजस्थान ही क्यों?

ऐसे में आपके लिए यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि राजस्थान राज्य में ही ऐसी क्या बात है जो इसे नीट की कोचिंग देने में बाकी सभी राज्यों से टॉप पर लाकर खड़ा करती है। इसको जानने से पहले यह जान लें कि किस राज्य के कौन-से शहर नीट की कोचिंग देने में सबसे आगे और बेस्ट हैं।

  • राजस्थान के सीकर, कोटा और जयपुर शहर
  • तेलंगाना का हैदराबाद शहर
  • बिहार का पटना शहर
  • तमिलनाडु का चेन्नई शहर

इस तरह से सीकर, कोटा, जयपुर, हैदराबाद, पटना और चेन्नई शहरों को नीट की कोचिंग देने में अग्रणी शहरों में गिना जाता है। अब हम जानेंगे कि बाकी राज्यों की तुलना में राजस्थान राज्य के शहरों में ही ऐसी क्या बात है जो इसे बाकी सभी राज्यों से अलग बनाती है। चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • महंगा रहन सहन

आपने ध्यान दिया होगा कि बाकी जितने भी राज्य हैं, वहाँ नीट की कोचिंग देने में वहाँ की राजधानी ही टॉप पर है। जैसे कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है तो बिहार की पटना, तमिलनाडु की चेन्नई है तो दिल्ली तो देश की ही राजधानी हो गई।

अब सभी राजधानी है तो अवश्य ही वहाँ लोग केवल कोचिंग लेने तो आएंगे नहीं। वहाँ जॉब करने वाले और बिज़नेस करने वाले भी आते हैं। ऐसे में वहाँ की लाइफ स्टाइल बहुत महँगी होती है। चाहे वह फ्लैट या पीजी में रहना हो या कहीं आना जाना। वहीं राजस्थान में जयपुर को छोड़कर बाकी दोनों शहर सामान्य श्रेणी में आते हैं।

  • व्यक्तिगत ध्यान की कमी

अब जो बड़े शहर होते हैं तो वहाँ स्टूडेंट्स भी बहुत ज्यादा संख्या में नीट की तैयारी करने के लिए आते हैं। ऐसे में एक-एक क्लासरूम में बहुत से स्टूडेंट्स को ले लिया जाता है जिस कारण टीचर्स हर किसी पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। उनका मुख्य ध्यान अपना लेक्चर देकर दूसरी क्लास में जाना होता है। ऐसे में स्टूडेंट्स के ऊपर व्यक्तिगत ध्यान की कमी भी एक मुख्य मुद्दा है जो राजस्थान में नहीं देखने को मिलता है।

  • ध्यान भटकना

मेट्रो सिटी में या राजधानियों में स्टूडेंट्स के लिए ध्यान भटकाने की बहुत सी चीजें होती रहती है। उदाहरण के तौर पर सरकारी या निजी कार्यक्रम होना, हर त्यौहार पर बड़े-बड़े फंक्शन होना, प्राइवेट पार्टीज होना इत्यादि। वहाँ मौज मस्ती के लिए लगभग सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स का ध्यान नीट की तैयारी से भटकने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है।

  • डिस्टर्बिंग एनवायरनमेंट

राजस्थान को छोड़कर बाकी सभी राज्यों का एनवायरनमेंट या यूँ कहें कि वहाँ का माहौल बहुत ही अशांत सा रहता है। कभी कोई प्रदर्शन हो रहा होता है तो कभी कहीं पर धरना होने लग जाता है। कभी लोग किसी चीज़ की मांग को लेकर सड़कों पर आ जाते हैं तो कभी कुछ। साथ ही राजनीतिक कार्यक्रमों की वजह से भी स्टूडेंट्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

तो यह कुछ कारण थे जो राजस्थान को बाकी सभी राज्यों से अलग लाकर खड़ा करते हैं। वहाँ की राजधानी जयपुर भी अन्य राज्यों की राजधानी की तुलना में बहुत शांत (Best NEET Coaching State In India In Hindi) है और रहने के लिए भी ज्यादा महँगी नहीं है। हालाँकि बिहार की राजधानी पटना भी ज्यादा महँगी नहीं है लेकिन वहाँ का माहौल बहुत ही डिस्टर्बिंग सा रहता है।

अब यदि हम राजस्थान के ही तीन शहरों का तुलनातमक अध्ययन करें तो उसमें सीकर शहर का नाम सबसे पहले नंबर पर लिया जाता है। आप यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गए होंगे कि इस सूची में कोटा पहले नंबर पर क्यों नहीं है। तो उसका कारण भी हम आपको नीचे बताने वाले हैं।

सीकर ही क्यों है नीट के लिए सबसे अच्छा शहर?

ऊपर आपने जाना कि भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जो सभी पहलुओं पर खरा उतरता है। राजस्थान राज्य में नीट की जिस तरह की कोचिंग दी जाती है, वह शायद ही किसी अन्य राज्य के शहर में दी जाती (Best State For NEET Preparation In India In Hindi) हो।

हालाँकि अब हम चर्चा करने वाले हैं राजस्थान के ही तीन मुख्य शहर सीकर, कोटा और जयपुर के बारे में। इन तीनो में से हमने आपको सीकर शहर को नीट की कोचिंग देने के लिए सबसे अच्छा शहर बताया है लेकिन ऐसा क्यों!! आइए उसके मुख्य कारणों का पता लगा लेते हैं।

  • कम दबाव

कोटा आज से नहीं बल्कि पिछले कुछ दशक से नीट की कोचिंग देने के मामले में पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। जो कोई भी नीट या फिर जेईई की कोचिंग लेने का इच्छुक होता है, उसके मन में कहीं ना कहीं कोटा का नाम अवश्य आता है। अब यही प्रसिद्धि उसके लिए गले की फांस बन गई है। वह इसलिए क्योंकि वहाँ का माहौल इतना तनावपूर्ण हो चुका है कि आए दिन स्टूडेंट्स आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगे हैं। वहीं जयपुर तो राजस्थान की राजधानी हो गई तो ऐसे में वहाँ भी सीकर की तुलना में अधिक दबाव देखने को मिलता है।

  • कम फीस

कोटा अपने नाम के कारण तो वहीं जयपुर राजधानी होने के कारण स्टूडेंट्स को नीट की कोचिंग देने के नाम पर ज्यादा फीस ऐंठते हैं जबकि सीकर शहर में ऐसा नहीं है। वहाँ आपको मध्यम या यूँ कहें कि मॉडरेट फीस में भी अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिल जाएगा। तो सीकर शहर में फीस भी कम है और साथ ही वहाँ स्टूडेंट्स को जरुरत से ज्यादा प्रेशर में भी नहीं लाया जाता है।

  • शांत वातावरण

कोटा में बहुत ज्यादा भीड़ हो गई है तो फिर वहाँ का माहौल शांत कैसे रह सकता है। अवश्य ही राजस्थान के तीनो शहर बाकी राज्यों की राजधानियों की तुलना में ज्यादा शांत है लेकिन जब हम राजस्थान के ही इन तीन शहरों की आपस में तुलना करेंगे तो पाएंगे कि सीकर शहर कोटा और जयपुर की तुलना में कहीं अधिक शांत है। वहाँ आपको माहौल उतना ही टेंस दिखेगा, जितना स्टूडेंट्स के लिए जरुरी हो, उससे ज्यादा (NEET Best Coaching State In India In Hindi) नहीं।

  • टॉप लेवल की नीट अकैडमी

सीकर शहर को कोटा और जयपुर से भी ऊपर लेकर जाने में एक मुख्य कारण वहाँ खुली एक से बढ़कर एक अकैडमी भी है। आज के समय में सीकर में नीट की कोचिंग देने के लिए दर्जनों अकैडमी है लेकिन उसमें से जिस एक अकैडमी का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह है मैट्रिक्स अकैडमी। मैट्रिक्स अकैडमी पहले केवल जेईई की ही कोचिंग देती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वहाँ नीट की भी कोचिंग दी जा रही है।

जब से मैट्रिक्स अकैडमी ने नीट की कोचिंग देनी शुरू की है तब से ही उसने ना केवल सीकर शहर में बल्कि पूरे राजस्थान में ही अपना परचम लहरा दिया है। इसके अलावा सीकर में आपको गुरुकृपा, प्रिंस, एलन जैसे अन्य प्रसिद्ध नीट कोचिंग संस्थान भी देखने को मिल जाएंगे।

अब एलन का नाम तो आप सभी ने सुन ही रखा होगा। तो एलन ने सीकर शहर की बढ़ती लोकप्रियता के कारण वहाँ भी अपनी एक ब्रांच खोल रखी है। एलन अपनी कोटा वाली ब्रांच को जितना महत्व देता है, उतना ही जोर वह अपनी सीकर वाली ब्रांच पर भी लगा रहा है। इतना ही नहीं, गुरुकृपा और प्रिंस भी नीट की कोचिंग देने में सीकर के प्रमुख अकैडमी में गिने जाते हैं।

  • बेहतर अनुशासन

सीकर शहर की जो एक बात हमें सबसे अच्छी लगी वह है, वहाँ का अनुशासन। हमने खुद अपने लोगों को भारत के विभिन्न राज्यों में भेजा ताकि वे वहाँ के स्टूडेंट्स और उनकी लाइफ स्टाइल को परख सकें। इसमें हमें सीकर शहर के स्टूडेंट्स का अनुशासन बहुत ही पसंद आया। वहाँ का एनवायरनमेंट, स्टडी टाइम, कोचिंग की टाइमिंग, हॉस्टल की फैसिलिटी सबकुछ इस तरह से मैनेज किया जाता है कि स्टूडेंट्स अनुशासित रहें।

तो यह कुछ बातें थी जो सीकर शहर को राजस्थान के टॉप शहरों में ले आती है जहाँ नीट की सबसे बेस्ट कोचिंग दी जाती है। इसमें भी मैट्रिक्स जैसी कुछ एक अकादमी ऐसी है जहाँ स्टूडेंट्स को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी के साथ नीट कोचिंग दी जाती है।

अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान

अब हम आपके सामने एक टेबल के माध्यम से भारत के टॉप शहरों के बीच में एक तुलनात्मक अध्ययन करने वाले (Best NEET Coaching State In India In Hindi) हैं। इसमें राजस्थान के दो शहर सीकर व कोटा, दिल्ली और बिहार का पटना शहर शामिल है। इन्हें हमने स्टूडेंट्स की भीड़, स्ट्रेस, फीस इत्यादि कई पहलुओं पर गौर करके बनाया है। चलिए जानते हैं।

मापदंड कोटा, राजस्थान दिल्ली पटना, बिहार सीकर, राजस्थान
तनाव ज्यादा ज्यादा मीडियम कम
भीड़ ज्यादा बहुत ज्यादा कम बहुत कम
फीस + खर्च ज्यादा बहुत ज्यादा मीडियम मीडियम
व्यक्तिगत ध्यान कम बहुत कम एवरेज ज्यादा
रिजल्ट रेश्यो ज्यादा मीडियम मीडियम ज्यादा

तो यह थे कुछ मापदंड जिनके आधार पर आप समझ सकते हैं कि आखिरकार राजस्थान और राजस्थान में भी सीकर शहर नीट के लिए सबसे बेस्ट विकल्प क्यों है। इनके अलावा भी बहुत से फैक्टर्स हैं जो राजस्थान को बाकियों से अलग करते हैं।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि भारत देश में नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य कौन सा (Best NEET Coaching State In India In Hindi) है। उस राज्य का नाम राजस्थान है। साथ ही हमने आपको यह भी बताया कि राजस्थान में कौन सा शहर नीट की कोचिंग देने में सर्वप्रसिद्ध है। तो उस शहर का नाम सीकर है। अंत में हमने आपको यह भी बता दिया है कि सीकर का कौन सा नीट कोचिंग संस्थान आपके लिए बेस्ट रहने वाला है जिसका नाम मैट्रिक्स अकैडमी है।

Related FAQs

प्रश्न: भारत में नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: भारत में नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग राजस्थान राज्य के सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी है। यहाँ आपको भारत की सबसे टॉप लेवल की नीट कोचिंग मिलेगी।

प्रश्न: भारत में नीट के लिए सबसे अच्छा कोचिंग संस्थान कौन सा है?

उत्तर: भारत में नीट के लिए सबसे अच्छा कोचिंग संस्थान मैट्रिक्स है। यह संस्थान राजस्थान के सीकर शहर में स्थित है। यहाँ से हर वर्ष सैकड़ों स्टूडेंट्स का नीट में सिलेक्शन होता है।

प्रश्न: भारत में नीट की तैयारी के लिए कौन सा राज्य सबसे अच्छा है?

उत्तर: भारत में नीट की तैयारी के लिए राजस्थान राज्य सबसे अच्छा है। राजस्थान में भी सीकर शहर नीट की तैयारी करने के लिए टॉप लेवल का शहर माना जाता है।

प्रश्न: कोटा में नीट की कोचिंग फीस कितनी होती है?

उत्तर: कोटा में नीट की कोचिंग फीस डेढ़ से दो लाख के बीच में होती है। वहीं कोटा के पास ही स्थित सीकर शहर में यह फीस एक से डेढ़ लाख के बीच में है।

इन्हें भी पढ़ें:

No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi: क्या आप डॉक्टर बनना चाहते हैं? क्या आप इसके लिए देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं? क्या आप इसके लिए नीट की तैयारी शुरू करने का सोच रहे हैं? क्या आपने नीट के विभिन्न कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए रिसर्च शुरू कर दी है? क्या अब आप उन सभी इंस्टीट्यूट को लेकर झंझट की स्थिति में हैं कि कौन सा नीट इंस्टीट्यूट देश का नंबर एक नीट इंस्टीट्यूट है?

किंतु इन सभी के बीच में क्या कभी आपने सोचा है कि आपके लिए इन सभी सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में से कौन सा नीट कोचिंग संस्थान बेस्ट रहने वाला है!! दरअसल होता यह है कि बहुत बार टॉप के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की पब्लिसिटी या स्टूडेंट्स का सिलेक्शन बहुत ज्यादा होता है लेकिन वह स्टूडेंट्स के रेश्यो के हिसाब से बहुत कम रहता है।

यही कारण है कि आज के इस आर्टिकल में हम आपको देश का टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं बल्कि नंबर 1 अर्थात आपके लिए नंबर 1 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट कौन सा हो सकता (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है, उसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। साथ ही हम अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ उसकी तुलना भी करेंगे ताकि आप नंबर 1 और टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बीच के महीन अंतर को समझ सकें।

भारत में नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर कौन सा है?

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि नीट के एग्जाम का लेवल कैसा होता है? तो यदि आप नीट को सरल एग्जाम या थोड़ी बहुत तैयारी करके पास किया जा सकने वाला एग्जाम समझते हैं तो आप बहुत गलतफहमी में हैं। नीट का एग्जाम आईएस, आईपीएस जितना ही कठिन एग्जाम होता है। इसके लिए भी स्टूडेंट्स 2 से 4 वर्ष तक का परिश्रम करते हैं और तब भी बहुत से स्टूडेंट्स इसमें सफल नहीं हो पाते (No 1 NEET Coaching In India In Hindi) हैं।

यहाँ हम आपका मोरल या यूँ कहें कि आत्म-विश्वास कम करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं बल्कि आपके सामने सच्चाई को रख रहे हैं। अब आप सच्चाई को जानेंगे तभी तो हम उसका हल भी आपके सामने रखेंगे। तो नीट का एग्जाम एक बहुत ही मुश्किल एग्जाम अवश्य होता है लेकिन यदि सही नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से सही से पढ़ लिया जाए तो आप उन स्टूडेंट्स में भी हो सकते हैं जो पहली बार में ही नीट का एग्जाम अच्छे स्कोर से पास कर लेते हैं।

इसलिए आपका सचेत व सही दिशा में होना अति आवश्यक हो जाता (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। कई स्टूडेंट्स होते तो होशियार हैं लेकिन उन्हें सही समय पर सही मार्गदर्शन या यूँ कहें कि सही कोचिंग नहीं मिलती जिस कारण वे साल दर साल बस नीट का एग्जाम ही देते रह जाते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो पढ़ने में तो एवरेज होते हैं लेकिन सही कोचिंग से जुड़कर और सही टीचर्स के मार्गदर्शन में वे पहली या दूसरी बार में ही नीट में अच्छा स्कोर कर लेते हैं।

भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट

सबसे पहले तो हम आपको भारत देश के उन नीट इंस्टीट्यूट के नाम बता देते हैं जो आजकल हर किसी को पता होंगे या उनके शहर में इन कोचिंग इंस्टीट्यूट की कोई ना कोई ब्रांच खुल रखी होगी। तो उनमें से कुछ चुनिंदा नाम हैं:

  • एलन
  • आकाश
  • रेजोनेंस
  • नारायण
  • अनअकैडमी
  • वेदान्तु
  • फिजिक्स वल्लाह

ऐसे ही और भी कई नाम हैं जो नीट की कोचिंग देने के लिए पूरे देशभर में प्रसिद्ध हैं। यहाँ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बहुत ज्यादा है और उस हिसाब से सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स की भी। इनमें से अधिकांश इंस्टीट्यूट ऑफलाइन नीट की कोचिंग देने के साथ-साथ ऑनलाइन कोचिंग भी देते हैं। कुछ की शुरुआत ही ऑनलाइन क्लासरूम से हुई थी जो धीरे-धीरे ऑफलाइन में भी परिवर्तित होती चली गई।

अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये सभी भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) हैं जिसमें वर्तमान समय में एलन और आकाश का नाम सबसे पहले लिया जाता है। किंतु इसके अलावा भी एक कोचिंग इंस्टीट्यूट ऐसा है जिसने हाल के ही कुछ वर्षों में नीट की कोचिंग देनी शुरू की है और अब वह इन्हें कड़ी टक्कर दे रहा है। चलिए उसके बारे में भी जान लेते हैं।

भारत का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर

ऊपर तो आपने उन नीट कोचिंग सेंटर्स के नाम जाने जो पूरे देशभर में अपने स्टूडेंट्स की संख्या और पब्लिसिटी के कारण प्रसिद्ध हैं। हालाँकि आपके लिए प्रसिद्धि मायने नहीं रखनी चाहिए क्योंकि नीट इंस्टीट्यूट की प्रसिद्धि आपको एग्जाम में पास नहीं करवाएगी। आपको पास करवाएगा सही कोचिंग इंस्टीट्यूट का चुनाव और वहाँ पढ़ा रहे टीचर्स का बेस्ट से भी बेस्ट मार्गदर्शन।

ऐसे में अब हम और सस्पेंस ना रखते हुए आपको उस इंस्टीट्यूट का नाम बता ही देते हैं। तो भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट का नाम है सीकर की प्रसिद्ध मैट्रिक्स अकैडमी जिसे मैट्रिक्स जेईई अकैडमी के नाम से भी जाना जाता है। आपमें से कई लोगों ने इस अकैडमी का नाम सुन रखा होगा तो कई ने नहीं। वह इसलिए क्योंकि मैट्रिक्स अकैडमी की ना तो अन्य शहरों में ब्रांच है और ना ही यह ऑनलाइन क्लासरूम के तहत डिजिटल स्टडी करवाता है।

हालाँकि मैट्रिक्स अकैडमी को ही हमने भारत में नीट के नंबर 1 कोचिंग सेंटर के रूप में मान्यता यूँ ही नहीं दे दी (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। इसके लिए हमने डीप रिसर्च की है और सभी तरह के आकंड़ों का विश्लेषण किया है। उसी के आधार पर ही हमने इसे भारत का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर घोषित किया है। आइए इसके पीछे के कारणों को भी जान लेते हैं।

मैट्रिक्स अकैडमी क्यों है देश का नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर?

अब आप सोच रहे होंगे कि हमने इतने सारे नीट कोचिंग सेंटर्स में से मैट्रिक्स अकैडमी को ही भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर के रूप में क्यों चुना? आखिरकार इस अकैडमी में ऐसा क्या ख़ास है जो इसे सबसे अलग और हटकर बनाता है? तो चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • एक से बढ़कर एक फैकल्टी

सबसे पहली और मुख्य बात जो मैट्रिक्स अकैडमी को इस सूची में नंबर 1 पर लाकर खड़ा करती है, वह है यहाँ की अनुभवी फैकल्टी जो ना केवल भारत के टॉप इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज से पढ़ी हुई है बल्कि उन्हें स्टूडेंट्स को नीट की कोचिंग देने का भी बहुत अच्छा अनुभव है। अब स्टूडेंट्स को सफल बनाने में गुरु की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह उसका जीवन बिगाड़ भी सकता है तो वहीं बना भी सकता है।

ऐसे में मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ा रहे कई टॉप टीचर्स जैसे कि आईआईटी खड़गपुर से पढ़े कपिल ढाका व नरेंद्र कोक सर, आईआईटी कानपूर से पढ़े अनुपम अग्रवाल सर SIST यूनिवर्सिटी से पढ़े राजेंद्र बुरडक सर प्रसिद्ध है। इनके मार्गदर्शन में आज तक हजारों स्टूडेंट्स ने अपना नीट में सिलेक्शन पक्का करवाया है। इतना ही नहीं, उन्हें भारत के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन तक मिला है।

  • स्टूडेंट टीचर रेश्यो का बैलेंस

किसी भी इंस्टीट्यूट को आगे बढ़ने के लिए अपने यहाँ के क्लासरूम में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का सही से ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए जो फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण है वह है स्टूडेंट टीचर का रेश्यो। अब कई नीट के कोचिंग सेंटर ऐसा करते हैं कि वे एक ही क्लास में 80 से 100 स्टूडेंट्स को ले लेते हैं। ऐसे में टीचर के लिए सभी स्टूडेंट्स के साथ इंटरैक्ट करना या उनके डाउट को सोल्व करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

वहीं मैट्रिक्स अकैडमी को जब हमने विजिट किया तो पाया कि वहाँ सभी बैच में स्टूडेंट टीचर के रेश्यो का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। यदि स्टूडेंट्स ज्यादा हो जाते हैं तो उनके दो बैच कर दिए जाते हैं, फिर चाहे टीचर को एक घंटा ज्यादा ही क्यों ना पढ़ाना पड़े। लेकिन स्टूडेंट्स के करियर के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता है। यह एक ऐसी बात थी जो हमें बहुत ही ज्यादा पसंद आई।

  • जगह-जगह बने डाउट सेंटर्स

अब कई बार यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स क्लास में अपने डाउट नहीं पूछ पाते हैं या फिर वे जब सेल्फ स्टडी करते हैं तो डाउट आ जाते हैं। ऐसे में वे अपने डाउट किस से और कब पूछें, यह सबसे बड़ा सवाल होता है। मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स की इसी दिक्कत को समझा और तुरंत एक्शन उठाते हुए अपने कोचिंग सेंटर में जगह-जगह डाउट सेंटर की स्थापना कर (No 1 NEET Coaching In India In Hindi) दी।

अब डाउट सेंटर वे सेंटर होते हैं जहाँ पर उस सब्जेक्ट का टीचर बैठा होता है। ऐसे में स्टूडेंट अपनी क्लास के अलावा कभी भी वहाँ जा सकता है और उस टीचर के साथ अपने डाउट पर बात कर सकता है। अब स्टूडेंट्स को क्लासरूम के अलावा यह फैसिलिटी भी अलग से मिलेगी तो क्या ही कहना। समय रहते यदि स्टूडेंट्स के डाउट भी क्लियर हो जाते हैं तो उसे आगे पढ़ने में कोई समस्या नहीं होती है।

  • स्ट्रक्चर्ड कोर्स प्लान और टेस्ट सीरीज

हमने मैट्रिक्स अकैडमी सहित अन्य टॉप अकैडमी का कोर्स प्लान और टेस्ट सीरीज भी मंगवाई। चाहे इस पर हमारा खर्चा अधिक हो गया लेकिन हमें इन्हें भी जांच कर देखना था और आपको बेस्ट इंस्टीट्यूट सजेस्ट करना था। जब हमने सभी का कोर्स प्लान या यूँ कहें कि स्टडी मटेरियल देखा और उसे सही से जांचा परखा तो पाया कि मैट्रिक्स अकादमी में हर एक चीज़ को प्रॉपर स्ट्रक्चर करके बनाया गया है।

यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि वहाँ के स्टडी मटेरियल को बहुत ही ध्यान से और सटीक बनाया गया है। इसे आप इस उदाहरण से समझें। मान लीजिए कि आपको फिजिक्स में 30 चैप्टर पढ़ने हैं। अब मैट्रिक्स अकैडमी ने उन चैप्टर्स का क्रम भी इस तरह से सेट किया हुआ है कि आपका अभी का चैप्टर अगले चैप्टर को समझने में सहायता करेगा। ऐसे ही बहुत से उदाहरण हैं जो हमें मैट्रिक्स अकैडमी के कोर्स प्लान में देखने को मिले।

  • हर चीज़ ऑनलाइन

अब जरा सोचिए कि जब आप नीट की तैयारी करते हैं तो आपके लिए एक-एक क्लास को अटेंड करना कितना जरुरी होता है। यदि एक भी क्लास मिस हो जाती है तो अगली बार की क्लास में आपको टॉपिक को समझने या उस पर फिर से अपनी पकड़ मजबूत बनाने में टाइम लग जाता है। अब आप कोई रोबोट या भगवान तो हैं नहीं कि आपसे हर क्लास अटेंड हो जाएगी। क्या पता घर पर कोई इमरजेंसी आ गई हो या फिर आप कहीं फंस गए हो या भगवान ना करे आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई समस्या हो गई हो तो ऐसी स्थिति में क्लास मिस होगी ही।

मैट्रिक्स अकैडमी ने स्टूडेंट्स की इन परेशानियों को भी अपने संज्ञान में लिया और इसका भी हल निकाल लिया। दरअसल जो भी स्टूडेंट अपनी क्लास को मिस कर देता (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है, वह अपनी अगली क्लास में बाकी स्टूडेंट्स से पीछे ना रह जाए, उससे बचने के लिए उसे मिस की हुई क्लास की वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवाई जाती है। इससे स्टूडेंट अपने घर बैठे ही क्लास को अटेंड कर लेता है ताकि अगली क्लास में वह भी बाकी स्टूडेंट्स की तरह पूरी तैयारी के साथ आए।

भारत की नंबर 1 नीट अकैडमी बनाम टॉप नीट अकैडमी

अब हम आपको यह भी बता देते हैं कि आखिरकार मैट्रिक्स अकैडमी तुलनात्मक रूप से किस रूप में भारत के अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से अलग और ख़ास है। इसे हम कुछ पॉइंट्स की सहायता से आपको समझाने का प्रयास करेंगे। चलिए जानते (Number 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) हैं।

  • कम भीड़: यदि आप दिल्ली, कोटा जैसे शहरों में जाएंगे तो वहाँ आपको नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स का हुजूम दिखाई देगा। वहीं दूसरी ओर सीकर शहर एकदम शांत है और पढ़ाई के लिए अनुकूल भी और जब बात सीकर शहर में मैट्रिक्स अकैडमी की हो रही है तो वहाँ का माहौल तो और भी ज्यादा अच्छा है क्योंकि वहाँ हर क्लास को स्टूडेंट्स की संख्या और उनकी पसंद को ध्यान में रखकर डिजाईन किया गया है।
  • कम फीस: एक बात और है जो मैट्रिक्स अकैडमी को अन्य टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से अलग बनाती है और वह है इनका फीस स्ट्रक्चर। आमतौर पर उन नीट अकैडमी की फीस कम होती है जो ज्यादा अच्छी नहीं होती है या इतनी प्रसिद्ध नहीं होती है। किंतु मैट्रिक्स अकैडमी प्रसिद्ध व टॉप की अकैडमी होने के बाद भी अपने स्टूडेंट्स के लिए फीस मॉडरेट करके रखती है। वहीं यहाँ पर एग्जाम को देकर स्कॉलरशिप भी ली जा सकती है।
  • टॉप गाइडेंस: मैट्रिक्स अकैडमी सहित अन्य सभी अकादमी में स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन किया जाता है लेकिन मैट्रिक्स में इसे लेकर एक अलग से रणनीति बनाई गई है। यहाँ पर टीचर्स के साथ-साथ उन स्टूडेंट्स को भी बुलाया जाता है जो पहले मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ चुके हैं और अब देश के टॉप मेडिकल कॉलेज में स्टडी कर रहे हैं। इसी के साथ ही इसके लिए एक्सपर्ट सेशन भी आयोजित किए जाते हैं।
  • पेरेंट्स मॉनिटरिंग: कोचिंग सेंटर और टीचर अपने स्टूडेंट्स पर उतना ध्यान नहीं रख सकते हैं जितना कि पेरेंट्स। ऐसे में पेरेंट्स का समय-समय पर अपने बच्चे को मॉनिटर करना आवश्यक हो जाता है। मैट्रिक्स अकैडमी ने इसकी भी पूरी व्यवस्था कर रखी है ताकि कोई बच्चा हाथ से निकल ना जाए या फिर वह डिप्रेशन या किसी तरह के मानसिक दबाव में ना आने पाए।
  • सिलेक्शन रेश्यो: यह एक ऐसा फैक्टर है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इसे हम उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए कि एलन में 1000 स्टूडेंट्स नीट की तैयारी कर रहे हैं और उसमें से 100 स्टूडेंट्स नीट में सेलेक्ट होते हैं तो वहीं मैट्रिक्स में 500 में से 80 सेलेक्ट होते हैं तो अब जरा आप ही सोचिए कि बेहतर रिजल्ट किसने दिया? आशा है कि आप हमारे कहने का तात्पर्य समझ गए होंगे।

निष्कर्ष

आज हमने भारत के नंबर 1 नीट कोचिंग सेंटर के बारे में बहुत ही गहन रिसर्च करके उसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपके सम्मुख रखी (No 1 NEET Coaching Centre In India In Hindi) है। आशा है कि आपको हमारे द्वारा किया गया यह विश्लेषण पसंद आया होगा। अंत में हम आपको यही एक बात बोलना चाहेंगे कि आपका अभी लिया गया निर्णय ही आपके भविष्य की संभावनाओं की लकीर खींचेगा। इसलिए जो भी निर्णय लें, वह बहुत ही सोच-समझ कर और अपनों से विचार-विमर्श करने के बाद ही लें।

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प्रश्न: नीट के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे बेस्ट कोचिंग में सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी का नाम टॉप पर आता है। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट और दिल्ली की आकाश अकैडमी आती है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छी कोचिंग में सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी नंबर एक पर आती है। इसके बाद आप एलन, आकाश, रेजोनेंस अकैडमी को जोड़ सकते हैं।

प्रश्न: नीट के लिए कौन सा संस्थान बेस्ट है?

उत्तर: नीट के लिए सीकर शहर का मैट्रिक्स संस्थान सबसे बेस्ट है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पर स्टूडेंट्स के हिसाब से प्रॉपर स्टडी प्लान स्ट्रक्चर किया गया है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छी स्टडी मटेरियल किस संस्थान में है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छी स्टडी मटेरियल मैट्रिक्स संस्थान सीकर में है। जब हमने वहाँ के स्टडी मटेरियल के बारे में पढ़ा तो वह आश्चर्यजनक रूप से टॉप क्लास का निकला।

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Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare: क्या आप बिना कोचिंग के घर पर रहकर नीट की तैयारी करने के लिए इच्छुक हैं? वैसे तो नीट के एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स ने किसी ना किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होती है। इसमें भी लगभग 70 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने भारत के टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टडी की हुई होती है।

अब यदि हम भारत के कुछ शीर्ष नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की बात करेंगे तो उसमें मैट्रिक्स सीकर, गुरुकृपा सीकर, आकाश दिल्ली, प्रिंस सीकर और एलन कोटा का नाम आता है। हालाँकि ऐसा नहीं है कि घर पर नीट की तैयारी नहीं की जा सकती है। कई स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जिन्होंने बिना कोचिंग के घर बैठकर नीट की तैयारी की और उसमें सफल भी हुए।

ऐसे में आज हम आपके साथ इसी टॉपिक पर ही बात करने वाले (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। यहाँ हम आपको बताएँगे कि किस तरह से आप बिना कोचिंग के भी नीट एग्जाम में सेलेक्ट हो सकते हैं और मनचाहा मेडिकल कॉलेज पा सकते हैं, चलिए जानते हैं।

बिना कोचिंग के घर पर नीट की तैयारी कैसे करें?

पहली बात तो बिना कोचिंग के नीट एग्जाम में सेलेक्ट होना बहुत चुनौतीभरा काम हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने और अपने लक्ष्य पर अडिग रहने की जरुरत है जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में यदि आप वाकई में खुद पर भरोसा करते हैं और नीट एग्जाम को अच्छे से समझते हैं तभी आप बिना कोचिंग के इसमें सफल हो सकते हैं।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सामान्य छात्र बिना कोचिंग के नीट एग्जाम में सफल नहीं हो सकता (Bina Coaching Ke NEET Kaise Nikale) है या फिर इसके लिए उसे दो से तीन वर्षों का ड्रॉप लेना पड़ता है। वहीं जो स्टूडेंट्स एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी हैं अर्थात दूसरों से पढ़ाई में ज्यादा तेज हैं और कॉन्सेप्ट को जल्दी समझ लेते हैं तो वे अवश्य ही बिना कोचिंग के नीट में सेलेक्ट हो सकते हैं।

तो चलिए अब जान लेते हैं कि इसके लिए आपको किन किन ट्रिक्स को फॉलो करना (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) होगा।

#1. मॉडर्न तकनीक को फॉलो करें

आज के समय में वही स्टूडेंट आगे बढ़ सकता है जो जमाने के साथ खुद को ढाल लेता है। वहीं जो स्टूडेंट्स अभी भी पुराने तरीके या तकनीक से पढ़ रहे होते हैं, वे अक्सर पीछे रह जाते हैं। ऐसे में आप कोचिंग तो ले नहीं रहे हैं लेकिन यदि आप घर रहकर भी नीचे दी गई कुछ मॉडर्न तकनीक को फॉलो कर लेंगे तो बहुत सही (NEET Ki Taiyari Kaise Kare Ghar Par) रहेगा।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स

आपको डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सही तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए। वहाँ आपका ध्यान भटकाने के लिए भी बहुत मटेरियल उपलब्ध है तो वहीं आपको बहुत कुछ सीखाने के लिए भी। ऐसे में आपको बहुत ध्यान लगाकर ऐसी चीजें या प्लेटफार्म ढूंढने होंगे जो नीट की तैयारी में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए आपको उचित समय देना होगा।

  • ऑनलाइन स्टडी मटेरियल

अब आपको घर पर ही नीट एग्जाम की तैयारी करनी है तो उसके लिए स्टडी मटेरियल का होना भी बहुत जरुरी हो जाता है। ऐसे में आपके पास नोट बुक इत्यादि के माध्यम से तो स्टडी मटेरियल होगा ही लेकिन यदि आप घर रहकर पढ़ रहे हैं तो आपको इधर उधर जाना पड़ सकता है। ऐसे में आप अपने फोन में भी स्टडी मटेरियल रखेंगे तो आप वहाँ भी आसानी से पढ़ सकते हैं।

  • ग्राफिक्स, वीडियोज से समझें

ऑनलाइन स्टडी मटेरियल में आप ग्राफिक्स और वीडियोज को प्राथमिकता देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। बहुत सी चीजें शब्दों में धीरे समझ में आती है जबकि चित्रों या वीडियो के माध्यम से उसे जल्दी व प्रभावी तरीके से समझा जा सकता है। तो आप भी इन मॉडर्न तकनीक को आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें।

#2. बेस्ट को करें फॉलो

अब आपको नीट में बिना कोचिंग के सफल होना है या उसमें टॉप भी करना है!! अवश्य ही आपका उत्तर होगा कि आपको उसमें टॉप करना है। तो टॉप करना है तो टॉप वाली चीज़ों के साथ जुड़ना भी तो होगा। तभी तो आपके अंदर टॉपर की भावना जागृत हो पाएगी और आप वैसा सोचना शुरू करेंगे। इसके लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं।

  • टॉप कोचिंग को सब्सक्राइब

भारत के कुछ चुनिंदा और टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के नाम मैट्रिक्स अकैडमी सीकर, प्रिंस अकैडमी सीकर, गुरुकृपा अकैडमी सीकर, एलन इंस्टीट्यूट कोटा, आकाश इंस्टीट्यूट दिल्ली हैं। इन सभी के यूट्यूब चैनल बने हुए हैं जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार सब्सक्राइब कर सकते हैं। यह चैनल समय-समय पर स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने या कुछ सीखाने के उद्देश्य से वीडियो पोस्ट करते रहते हैं।

  • टॉपर्स को फॉलो करें

आपको पिछले लगभग कम से कम 5 वर्षों के नीट एग्जाम में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को भो फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए। इन स्टूडेंट्स की वीडियोज आपको ऊपर वाले टॉप इंस्टीट्यूटस के चैनल में भी मिल जाएगी क्योंकि यह तो हमने आपको पहले ही बता दिया है कि अधिकतर टॉपर्स टॉप लेवल के इंस्टीट्यूट से ही पढ़े हुए होते हैं। इन टॉपर्स की टिप्स आपके बहुत काम आने वाली है।

  • लेटेस्ट अपडेट पाएं

आपको नीट एग्जाम के बारे में हर अपडेट के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। अब यह टिप भी आपको इन्हीं कोचिंग इंस्टीट्यूट के चैनल से पता चल जाएगी। इसके अलावा आपको जिस भी अन्य माध्यम से एग्जाम के बारे में अपडेट मिले, वह ले लेनी चाहिए।

#3. टाइम मैनेजमेंट है जरुरी

बिना कोचिंग के घर पर रहकर ही नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें तीसरा फैक्टर है टाइम का मैनेजमेंट सही तरीके से किया जाना। इसे आसान भाषा में समझें तो समय का उचित प्रबंधन। अब यदि आप समय पर पकड़ बना लेंगे तो बहुत कुछ पा लेंगे। ऐसे में आइए जाने, यह काम आप किस तरह से कर सकते (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं।

  • स्टडी का स्ट्रिक्ट टाइमटेबल सेट करें

सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है अपने हर दिन का स्टडी का परफेक्ट और स्ट्रिक्ट टाइम टेबल सेट करना। आपको नियमित तौर पर हर दिन 10 से 12 घंटे नीट की तैयारी करनी चाहिए। ऐसे में आप उसके अनुसार ही अपने पूरे दिन का टाइमटेबल सेट कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

  • स्टडी एंड ब्रेक का संतुलन

ऊपर हमने आपको पूरे दिन का स्टडी टाइमटेबल बनाने को कहा है लेकिन कई स्टूडेंट्स इसमें भी गलती कर बैठते हैं। दरअसल स्टूडेंट्स करते क्या हैं कि वे एक साथ 10 से 12 घंटे पढ़ लेते हैं या उसके बीच में एक लंबा ब्रेक ले लेते हैं या ऐसी ही अन्य गलतियाँ। तो आपको ऐसा नहीं करना है। आपको हर 1:30 घंटे बाद 10 मिनट और हर 3 घंटे बाद आधे घंटे का ब्रेक लेना चाहिए। वहीं 6 घंटे बाद आप 1 घंटे का ब्रेक ले सकते हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं

आजकल यह चलन चल पड़ा है कि स्टूडेंट्स देर रात तक पढ़ते हैं और फिर देर से उठते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो भेड़चाल में चलने से आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं। सनातन धर्म के अनुसार जो व्यक्ति सुबह 4 बजे अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाता है, उससे ज्यादा सफल कोई और नहीं हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय बहुत ही सकारात्मक व शांत होता है। ऐसे में आप भी सुबह जल्दी उठकर पढ़ना शुरू करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा।

#4. आत्म-विश्वास ना डिगने दें

जब स्टूडेंट कोचिंग जाता है तो वह अपने जैसे अन्य लोगों के संपर्क में बना रहता है। साथ ही इंस्टीट्यूट के टीचर्स भी समय-समय पर उसे मोटीवेट करते रहते (Bina Coaching Ke NEET Kaise Nikale) हैं और अलग से सेशन भी आयोजित करवाते हैं। जबकि घर पर रहकर ऐसा हो पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में आप इन ट्रिक्स को फॉलो कर सकते हैं।

  • स्टडी रूम

जहाँ पर आप पढ़ाई करते हैं अर्थात जो आपका स्टडी रूम है, वह ऐसा ना हो कि वहाँ लोगों की आवाजाही बनी रहती हो। साथ ही वहाँ का माहौल भी सकारात्मक होना चाहिए। इसके लिए आप दीवारों पर स्टडी मटेरियल लगाने के साथ-साथ गीता के उपदेश लिखकर चिपका सकते हैं या ऐसी चीजें लगा सकते हैं जो आपका उत्साह बढ़ाती है।

  • परिवार व दोस्त

आपके परिवार में कोई रिश्तेदार या दोस्तों में कोई ऐसा है जो आपको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हतोत्साहित करता है या आपको कम करके आंकता है तो आपको उससे अभी से ही दूरी बना लेनी चाहिए। आपके आसपास ऐसे लोग होने चाहिए जो बुरी स्थिति में भी आपके उत्साह को बढ़ाने का काम करें और सही मार्गदर्शन दें।

  • खुद पर विश्वास

अब अंत में सबसे ज्यादा जरुरी है आपका खुद पर विश्वास बनाए रखना। यदि आपको अपने आप पर ही विश्वास नहीं होगा तो कोई और क्या ही कुछ कर लेगा। ऐसे में अवश्य ही नीट की तैयारी के दौरान बुरी स्थितियां या समय भी आएगा लेकिन यदि आपका खुद पर अडिग विश्वास है तो आप अवश्य ही उसी निरंतरता के साथ आगे बढ़ते चले जाएंगे।

#5. तन व मन को रखें स्वस्थ

कई स्टूडेंट्स को लगता है कि वे पागलों के जैसे दिन रात पढ़ेंगे और उस दौरान अपने खाने, पीने और मन पर ध्यान नहीं भी देंगे तो चल जाएगा, जबकि होता इसके उलट है। जो स्टूडेंट्स अपने तन व मन पर भी उतना ही ध्यान देते हैं तो उनकी तैयारी ना केवल अच्छे से होती है बल्कि तेज भी होती (NEET Ki Taiyari Kaise Kare Ghar Par) है। ऐसे में आपको भी अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

  • योग व ध्यान

योग एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो आपके मन को संतुलित करने का काम करता है। प्राणायाम व ध्यान दोनों योग के ही अंग हैं। यह आपका ध्यान केंद्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। आप योग का प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने लगेंगे क्योंकि इससे आपको पढ़ाई करते समय ध्यान भटकने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसी के साथ ही आप पहले से ज्यादा प्रभावी ढंग से तैयारी कर पाएंगे।

  • सही आहार

सही और उचित समय पर लिया गया आहार भी आपकी नीट की तैयारी को बहुत मजबूत बना सकता है। कई स्टूडेंट्स अक्सर यह गलती करते हुए देखे जाते हैं कि वे या तो पढ़ाई में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं कि समय पर भोजन ही नहीं करते हैं या बाहर का खाना ही खाते रहते हैं। ऐसे में आपको भोजन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

  • पर्याप्त नींद

यदि आप प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद ले रहे हैं तो यह आपके लिए एकदम सही है। वहीं यदि आप इससे कम या फिर ज्यादा सोते हैं तो यह बिलकुल भी सही नहीं है। 7 से 8 घंटे की नींद को सबसे परफेक्ट नींद माना जाता है। ऐसे में आप भी इतने समय सोने का नियम बना लें और वह भी बिना किसी रूकावट या टुकड़ों में।

निष्कर्ष

यहाँ हमने एक-एक करके आपको वह हर चीज़ बताने की कोशिश की है जो बिना कोचिंग के घर बैठे ही आपकी नीट की तैयारी को मजबूत करने में सहायक होती (Bina Coaching Ke NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। हालाँकि आपको नीट एग्जाम में सेलेक्ट होने के लिए कोचिंग के महत्व को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि कोचिंग से ही आपको सही मार्गदर्शन और उचित स्टडी मटेरियल मिल पाता है।

वहीं यदि कोचिंग भी टॉप नीट अकैडमी जैसे कि मैट्रिक्स सीकर या आकाश दिल्ली से ली जाए तो यह आपको तेज गति से आगे बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उस पर अच्छे से सोच विचार कर लेंगे तो यह आपके लिए ही लाभदायक रहेगा।

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प्रश्न: हिंदी मीडियम वाले नीट की तैयारी कैसे करें?

उत्तर: हिंदी मीडियम वाले स्टूडेंट्स के लिए सीकर की मैट्रिक्स या प्रिंस जैसी अकैडमी में अलग से बैच की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में आप वहाँ से पढ़ सकते हैं।

प्रश्न: बिना पढ़े नीट कैसे पास करें?

उत्तर: बिना पढ़े नीट कैसे ही पास हो सकता है भला। शायद आपका प्रश्न बिना कोचिंग के नीट पास करने का होगा जिसके बारे में हमने इस लेख में बताया है।

प्रश्न: जीरो लेवल से नीट की तैयारी कैसे शुरू करें?

उत्तर: जीरो लेवल से नीट की तैयारी शुरू करनी है तो उसके लिए सबसे बेस्ट है एक अच्छे नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ना। इसमें मैट्रिक्स अकैडमी सीकर का नाम सबसे पहले लिया जाता है।

प्रश्न: NEET की तैयारी कब से शुरू करनी चाहिए?

उत्तर: NEET की तैयारी दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए। यह बहुत ही मुश्किल एग्जाम होता है और ऐसे में आप जितनी देर करेंगे, उतना ही नुकसान में रहेंगे।

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12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare: नीट एक ऐसा एग्जाम होता है जो भविष्य के डॉक्टर तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। इसी एग्जाम को क्रैक करके ही देश के टॉप मेडिकल सरकारी कॉलेज में प्रवेश लिया जाता है। साथ ही देश के टॉप प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी अपने यहाँ एडमिशन देने में नीट के स्कोर को आधार बनाते हैं। ऐसे में नीट का एग्जाम हर उस स्टूडेंट के लिए जरुरी हो जाता है जिसका सपना आगे चलकर एक अच्छा डॉक्टर बनने का है।

अब कुछ स्टूडेंट तो इसके लिए दसवीं क्लास से ही तैयारी करना शुरू कर देते हैं तो कुछ 12th के बाद इसकी तैयारी करना शुरू करते हैं। ऐसे में उन्हें अवश्य ही एक से दो वर्ष का ड्रॉप लेना पड़ता है तो वहीं कुछ स्टूडेंट्स का माइंड इतना शार्प होता है कि वे पहली बार में ही नीट का एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथ क्रैक कर देते हैं। ऐसे में क्या आप भी अपनी बारहवीं क्लास के बाद नीट का एग्जाम क्रैक करने का सोच रहे हैं!!

यदि आप भी इसी केटेगरी में हैं तो आज का यह आर्टिकल हमने उन सभी स्टूडेंट्स को आधार बनाकर लिखा है जो अपनी 12th के बाद नीट एग्जाम को क्रैक करना चाहते (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरेक उस चीज़ की जानकारी देंगे जो नीट का एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथ क्रैक करने में आपकी बहुत मदद करेगी।

12th के बाद NEET की तैयारी कैसे करें?

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया और आप में से बहुत स्टूडेंट्स को पता भी होगा कि नीट का एग्जाम बहुत मुश्किल एग्जाम माना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा एग्जाम में से एक है जिनका लेवल बहुत हाई होता है। अब एग्जाम का लेवल इतना हाई (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) है तो निश्चित तौर पर उसकी तैयारी भी उसी तरह की ही होनी चाहिए।

इसलिए यहाँ हम आपको 5 या 10 नहीं बल्कि कुल 20 टिप्स देने वाले हैं जो नीट एग्जाम को क्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और वो भी बारहवीं क्लास के होने के बाद। ऐसे में आइए जाने किन तरीकों के माध्यम से आप भी नीट का एग्जाम अच्छे से दे (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) पाएँगे।

#1. महत्वपूर्ण टॉपिक्स की लिस्ट बनाएं

सबसे पहला काम जो आपको करना चाहिए, वह है जरुरी टॉपिक्स की एक सूची तैयार करना। अब नीट के एग्जाम में तो कई तरह के टॉपिक्स आते हैं और लगभग हर टॉपिक का अपना महत्व है। किंतु उनमें से कुछ टॉपिक्स ऐसे भी होंगे जो अन्य टॉपिक्स की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण होंगे। ऐसे में आपको उनकी एक लिस्ट तैयार करने की जरुरत है ताकि आप उन पर अलग से और ज्यादा ध्यान दे सकें।

#2. पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें

नीट एग्जाम को क्रैक करना है तो उसके एग्जाम पैटर्न को समझना बहुत जरुरी हो जाता है। अब इस एग्जाम पैटर्न को समझने के लिए आपको पिछले लगभग 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को अच्छे से स्टडी करना होगा। जब आप इनका एनालिसिस करेंगे तो समझ पाएंगे कि नीट में किस तरह के टॉपिक से किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। ऐसे में आप अपनी तैयारी को एक नया आयाम दे सकते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

#3. टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ें

हमारे देश में नीट के हजारों कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जो कि हर शहर में खुले हुए हैं। हालाँकि क्या आपने सोचा है कि उन कोचिंग इंस्टीट्यूट का रिजल्ट कैसा रहता है या क्या हर कोचिंग इंस्टीट्यूट से स्टूडेंट्स नीट में सेलेक्ट होते हैं या कितने प्रतिशत सेलेक्ट होते हैं!! ऐसे में आपको यदि नीट एग्जाम को जल्द से जल्द क्रैक करना है तो आपका फोकस भारत के बेस्ट नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ने का होना चाहिए।

यदि हम भारत के सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट के बारे में आपको बताएँगे तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सीकर की मैट्रिक्स नीट डिविजन आती है जिसे शोर्ट में मैट्रिक्स अकैडमी भी बोल देते हैं। इसके बाद कोटा का एलन इंस्टीट्यूट, दिल्ली का आकाश इंस्टीट्यूट और सीकर के ही प्रिंस और गुरुकृपा अकैडमी प्रसिद्ध हैं।

#4. नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें

किसी एग्जाम को क्रैक करने में उस एग्जाम की पहले से कितनी तैयारी की गई है, यह बहुत मायने रखती है। यहाँ हम एग्जाम सिलेबस की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके प्रश्न पत्र को हल करने की बात कर रहे हैं। तो यदि नीट को क्रैक करना है तो उसके लिए आपको एक सप्ताह में कम से कम एक मॉक टेस्ट देने का नियम बना लेना चाहिए। वहीं जब नीट एग्जाम की तारीख पास आने लगे तब तो आपको हर दो दिन में मॉक टेस्ट देना चाहिए।

#5. कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान दें

हर स्टूडेंट के लिए टॉपिक्स का कठिन या सरल होना अलग अलग हो सकता (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। अब जो टॉपिक बाकियों को सरल लग रहा हो, वह आपके लिए कठिन हो सकता है या फिर इसका उल्टा भी हो सकता है। ऐसे में जिन टॉपिक्स पर आपकी पकड़ कमजोर है या आपको अच्छे से नहीं समझ आ रहे हैं तो आप उस पर अच्छे से फोकस करें और अच्छे से समझ लें।

#6. कॉन्सेप्ट को क्लियर करें

आपको अपने कॉन्सेप्ट क्लियर करके ही आगे बढ़ना चाहिए अन्यथा बाद में चलकर आपको ही दिक्कत आएगी। बहुत से स्टूडेंट्स कॉन्सेप्ट को आधा अधूरा छोड़कर ही आगे बढ़ जाते हैं और फिर बाद में जाकर पछताते हैं। इसलिए यदि आप पहले से ही कॉन्सेप्ट को एकदम क्लियर करके आगे बढ़ेंगे तो बाद में चलकर किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

#7. नोट्स बनाएं और रिवीजन करें

जब हम कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ते हैं तो वहाँ सबसे पहला काम जो किया जाता है वह है नोट्स को हर दिन बनाना। क्लास में टीचर जो कुछ भी पढ़ा रहा होता है, उसको सुनकर स्टूडेंट्स नोट्स भी बना रहे होते हैं। ऐसे में आप भी हर दिन जो भी पढ़ या समझ रहे हैं, आपको उसके नोट्स बनाते रहना चाहिए। साथ ही आपको हर सप्ताह कम से कम 2 से 3 घंटे रिवीजन भी करनी चाहिए।

#8. NCERT किताबों को प्राथमिकता दें

यह बात गाँठ बाँध लें कि आपके नीट के एग्जाम में जो भी टॉपिक (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) आएंगे या उसका जो भी सिलेबस है वह आपकी 11 वीं और 12 वीं की NCERT बुक्स में ही छिपा हुआ है। इसलिए आप अपनी इन दोनों क्लास की बुक्स को तो अच्छे से निचोड़ लें फिर चाहे वह फिजिक्स की हो या केमिस्ट्री या बायोलॉजी की। इसके बाद आप बाकी बुक्स को पढ़ने पर ध्यान दें।

#9. रूटीन में डिसिप्लिन बनाएं

अक्सर यह देखने में आता है कि स्टूडेंट्स शुरुआत में तो जोर शोर से नीट की तैयारी करना शुरू करते हैं लेकिन धीरे-धीरे उनके अंदर आलस आने लगता है और पहले जैसा रूटीन फॉलो ही नहीं हो पाता है। अब यदि आप सफल स्टूडेंट्स के बारे में देखेंगे और जानेंगे तो उनमें एक बात कॉमन मिलेगी और वह है हर दिन को पहले दिन के जैसे ही जोश से भर देना। बस यही काम आपको करना है।

#10. हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद लें

यदि आप जरुरत से ज्यादा पढ़ेंगे और पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो इसका प्रभाव आपकी पढ़ाई या स्टडी प्लान पर पड़ेगा। ऐसे में यह बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आप हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें। इसी के साथ ही आप बाहर का जंक फूड, घर का तला हुआ भोजन लेना बंद कर दें। अपनी डाइट में सब्जियां, फल, मेवे इत्यादि को शामिल करेंगे तो यह आपके दिमाग को और तेज करेगा और शरीर में भी ऊर्जा बनाए रखेगा।

#11. ग्रुप स्टडी का सहारा लें

कई बार कोई चीज़ हमें अकेले समझने में दिक्कत आती है लेकिन यदि उसे ग्रुप में पढ़ा जाए तो बहुत जल्दी समझ में आ जाती है। वह इसलिए क्योंकि ग्रुप में एक स्टूडेंट का दिमाग नहीं बल्कि एक साथ कई स्टूडेंट्स का दिमाग चल रहा होता है। ऐसे में कोई स्टूडेंट किसी बात को जल्दी कैच कर लेता है तो कोई दूसरी बात को। इसलिए कभी कभार ग्रुप स्टडी भी करें और अपने कठिन डाउट वहाँ सोल्व करें।

#12. पिछले टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ें

मैट्रिक्स अकैडमी जैसे नीट इंस्टीट्यूट समय-समय पर अपने यहाँ के टॉपर्स के इंटरव्यू पोस्ट करते रहते (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Karen) हैं। आप चाहें तो उनके यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं और टॉपर्स की दिनचर्या को फॉलो कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी स्टूडेंट्स को गाइड और मोटीवेट करने के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू पोस्ट करते हैं जो आपके बहुत काम आ सकते हैं।

#13. बायोलॉजी पर अधिक फोकस करें

चूँकि नीट एग्जाम का मुख्य फोकस बायोलॉजी पर होता है तो आपको भी इसी विषय पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अब कहने को तो फिजिक्स और केमिस्ट्री भी नीट एग्जाम में आती है लेकिन दोनों सब्जेक्ट के मार्क्स अकेली बायोलॉजी के बराबर होते हैं। इसलिए आप फिजिक्स और केमिस्ट्री पर मिलाकर जितना ध्यान दे रहे हैं, उतना अकेले ध्यान आपको बायोलॉजी सब्जेक्ट पर देना चाहिए।

#14. गलतियों से सीखें

आपको अपनी गलतियों से सीखने और उसे दोहराने से बचना चाहिए। 12th के बाद नीट एग्जाम की तैयारी करते समय आपसे कई तरह की गलतियाँ हो सकती है। अब वह गलतियाँ आपसे चाहे अनजाने में या किसी अन्य कारण से ही क्यों ना हुई हो लेकिन आप यह ध्यान रखें कि आपको उससे निराश होने की बजाए, कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए और उसे दोहराने से बचना चाहिए।

#15. अपने स्टडी एनवायरनमेंट को प्रोडक्टिव बनाएं

स्टडी एनवायरनमेंट से मतलब हुआ आपके स्टडी रूम का माहौल। आप जहाँ बैठकर पढ़ते हैं, वह कमरा कहाँ पर है, उसमें किस तरह की चीजें रखी हुई है, वहाँ कौन आता जाता रहता है इत्यादि। ऐसे में आपको अपने अनुसार अपने रूम को इस तरह से सेट करना चाहिए कि वह आपको प्रोत्साहित करने का काम करे और आपमें एक नई ऊर्जा को भर (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) दे।

#16. समय-समय पर सेल्फ-असेसमेंट करें

यहाँ पर सेल्फ असेसमेंट का मतलब हुआ अपनी तैयारी का समय-समय पर आंकलन करते रहना और उसके अनुसार आगे की रणनीति निर्धारित करना। अब आप अपनी तैयारी तो हर दिन कर रहे हैं लेकिन क्या वह आपके लिए लाभदायक है या आप सही दिशा में ही आगे बढ़ रहे हैं या इसमें कोई बदलाव करने की या सुधार लाने की आवश्यकता है। इसलिए हर एक महीने में अपना सेल्फ असेसमेंट कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

#17. ब्रेन एक्सरसाइज करें

नीट का एग्जाम क्रैक करना आपके दिमाग अर्थात ब्रेन पर ही निर्भर करता है। अब हर दिन पढ़ते रहने के कारण दिमाग थकता चला जाता है। ऐसे में उसे एक्टिव रखने के साथ साथ उसको तेज करने की भी जरुरत है। इसके लिए आपको करनी होगी ब्रेन की एक्सरसाइज अर्थात दिमागी कसरत। इसके लिए आप कई तरह के ऐसे गेम खेल सकते हैं जिससे दिमाग को तेज करने में मदद मिलती है।

#18. नेगेटिविटी से दूर रहें

12th के बाद जिन स्टूडेंट्स को नीट की तैयारी करनी होती (12 Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है, वे एग्जाम के प्रेशर में आकर नकारात्मकता से घिर जाते हैं। इतना ही नहीं, रही सही कसर आसपास के लोग या दोस्त मिलकर पूरी कर देते हैं। ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि नीट एग्जाम में सेलेक्ट होना या नहीं होना अलग बात है लेकिन यदि आप पहले ही नकारात्मकता को अपना दोस्त बना लेते हैं तो आप जंग पहले ही हार चुके हैं।

#19. क्वालिटी स्टडी मटेरियल का चुनाव करें

नीट के टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ने का एक और लाभ यह भी मिलता है कि आपको वहाँ का स्टडी मटेरियल भी टॉप क्लास का मिलता है जिसे हम क्वालिटी स्टडी मटेरियल भी कह सकते हैं। इसके जरिए ही स्टूडेंट्स सही से पढ़ पाते हैं और सही ट्रिक्स का उपयोग करना सीख पाते हैं। इसलिए आपको अपना स्टडी मटेरियल टॉप क्लास का रखना चाहिए।

#20. डिजिटल डिस्ट्रैक्शन से बचें

आज के समय में डिजिटल डिस्ट्रैक्शन अर्थात ध्यान भटकाने की ऑनलाइन चीजें एक नहीं बल्कि कई उपलब्ध हैं। इनसे दूर रहना एक चुनौती भरा काम हो सकता है लेकिन यदि आप नीट एग्जाम क्रैक करने को लेकर इतना सीरियस हैं तो आपको इतना त्याग तो करना ही पड़ेगा अन्यथा आप नीट एग्जाम को भूल ही जाएं तो ही अच्छा है। उसे पास नहीं बल्कि टॉप करना है तो या तो इनका इस्तेमाल छोड़ दें या बहुत ही कम इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष

यहाँ हमने एक-एक करके आपको कुल 20 टिप्स दे दी है जो 12th के बाद नीट एग्जाम को क्रैक करने में आपकी बहुत मदद करने वाली (12th Ke Baad NEET Ki Taiyari Kaise Kare) है। यदि आप हमारी दी गई इन टिप्स को सही से फॉलो कर लेते हैं तो भी आपको नीट एग्जाम क्रैक करने से कोई नहीं रोक सकता है। इतना ही नहीं, बल्कि आप उसमें टॉप स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स में से भी एक हो सकते हैं।

इसी के साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नीट एग्जाम को क्रैक करवाने में मैट्रिक्स अकैडमी, एलन कोटा, आकाश दिल्ली जैसे टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ से आपको अनुभवी टीचर्स, बेस्ट गाइडेंस और क्वालिटी स्टडी मटेरियल जो मिलता है।

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प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए क्या क्या पढ़ना पड़ता है?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री सब्जेक्ट्स में पढ़ाई करनी पड़ती है। इसमें बायोलॉजी के मार्क्स बाकी दोनों सब्जेक्ट्स के बराबर होते हैं।

प्रश्न: नीट में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

उत्तर: नीट में तीन सब्जेक्ट होते हैं जिनके नाम जीव विज्ञान (बायोलॉजी), भौतिक विज्ञान (फिजिक्स) व रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) होते हैं।

प्रश्न: Neet की तैयारी में कितना खर्च आता है?

उत्तर: Neet की तैयारी में एक से दो लाख प्रति वर्ष का खर्च आता है। हालाँकि यह इंस्टीट्यूट और शहर पर निर्भर करता है।

प्रश्न: नीट की कोचिंग कब से शुरू करें?

उत्तर: नीट की कोचिंग दसवीं क्लास से ही शुरू कर देनी चाहिए अन्यथा बारहवीं के बाद आपको एक से दो वर्ष का ड्रॉप भी लेना पड़ सकता है।

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NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare: जो स्टूडेंट नीट की तैयारी कर रहा है या शुरू करने को इच्छुक है वह अवश्य ही इसमें सेलेक्ट होने के साथ-साथ टॉप स्कोर करने का सपना देखता है। अब आपने भी नीट एग्जाम के पैटर्न, सिलेबस और उसकी तैयारी करने को लेकर बहुत रिसर्च की होगी। किसी ने आपको ऑनलाइन पढ़ने को कहा होगा तो कोई आपको कोचिंग सेंटर जाकर पढ़ने को कह रहा होगा।

कोई आपको मेट्रो शहर में जाकर पढ़ने को कह रहा होगा तो कोई आपको अपने घर रहकर ही पढ़ने की सलाह दे रहा होगा। ऐसे में जितने मुहं उतनी बातें और यह सब आपको और भी दुविधा की स्थिति में लाकर खड़ी कर रही होगी। यदि आप भी किसी ऐसी ही कशमकश में हैं तो अब और ज्यादा घबराए नहीं और ना ही किसी बात की चिंता कीजिए।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपकी सभी तरह की चिंताओं का समाधान करने के लिए ही तो हम आपके लिए यह लेख लिख रहे (NEET Ki Taiyari Sabse Achi Kahan Hoti Hai) हैं। इसके लिए हमने भारत के लगभग सभी शहरों और कोचिंग संस्थानों की गहन पड़ताल की है और नीट एग्जाम में सेलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स के पैटर्न को समझा है। उसके अनुसार ही आज हम आपको बताएँगे कि आप नीट की सबसे अच्छी तैयारी कहाँ से कर सकते हैं।

नीट की तैयारी सबसे अच्छी कहां होती है?

जब यह बात लोगों से पूछी जाती है तो वह अपने अनुसार एक झटके में इसका उत्तर दे देते हैं। हमने तो फलाना जगह से पढ़ाई की या मैं उसको जानता हूँ और उसने उस जगह से पढ़ाई की या ऐसे पढ़ाई की और अच्छा स्कोर किया। हालाँकि यह उसके लिए सही हो सकता है लेकिन क्या यह आपके लिए या सभी के लिए बेस्ट (NEET Ki Taiyari Sabse Acchi Kahan Hoti Hai) है!!

यहाँ हम व्यक्तिगत तौर पर किसी एक की नहीं बल्कि ओवरऑल की बात कर रहे हैं क्योंकि बेस्ट तो सभी में से ही चुनकर निकाला जाता है। इसलिए आज हम तीन भागों में आपको बताएँगे कि आपको नीट एग्जाम की तैयारी कहाँ से करनी चाहिए और उसके लिए क्या ऑप्शन आपके लिए सबसे बेस्ट रहने वाला (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट मोड

सबसे पहले हम बात करते हैं नीट की तैयारी करने के ऑप्शन या मोड या विकल्प के बारे में। आप सभी यह तो जानते होंगे कि वर्ष 2020 में एक वैश्विक महामारी आई थी जिसे कोरोना या कोविड 19 नाम दिया गया था। तो इसके बाद से ऑनलाइन कोचिंग का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है।

हालाँकि ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम पहले से भी थे लेकिन कोरोना के बाद जब लोगों के पास बाहर जाने का ऑप्शन नहीं था तब इस मोड में बहुत तेजी देखने को मिली। हालाँकि इसके एक से दो वर्ष में ही स्टूडेंट्स फिर से ऑफलाइन मोड में अर्थात कोचिंग सेंटर जाकर क्लास में पढ़ने लगे।

ऐसे समय में आज ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है। तो आज हम आपको बताएँगे कि आपके लिए नीट की तैयारी करना ऑनलाइन रूप से ज्यादा सही रहता है या फिर ऑफलाइन मोड (NEET Ki Taiyari Kahan Se Karen) में।

  • नीट की ऑनलाइन कोचिंग

सबसे पहले हम बात करते हैं नीट की ऑनलाइन कोचिंग लेने के बारे में। तो आज के समय में कुछ इंस्टीट्यूट या नीट कोचिंग संस्थान की स्थापना ही ऑनलाइन मोड में हुई है। इसमें तो आज के समय में कुछ फेमस भी हो चुके हैं। उदाहरण के तौर पर बायजू, फिजिक्स वल्लाह, अनअकैडमी, आकाश इंस्टीट्यूट इत्यादि। आपने भी यह सब नाम सुन रखे होंगे जो नीट की ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए प्रसिद्ध हैं।

हालाँकि अब इनमें से कुछ ऑफलाइन मोड में भी कोचिंग देने लगे हैं। अब क्या आपके लिए ऑनलाइन कोचिंग सही में लाभदायक है या यह केवल एक ट्रेंड बनकर रह गया है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ऑनलाइन कोचिंग कोरोना से पहले भी थी लेकिन कोरोना के बाद से इसमें अचानक से बूम देखने को मिला। वह इसलिए क्योंकि जो कोचिंग सेंटर ऑफलाइन भी पढ़ाते थे, वे भी अपने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन कोचिंग देने लगे थे ताकि उनकी पढ़ाई बीच में ना रुके।

हालाँकि जब कोरोना का प्रकोप कम हुआ और लोग फिर से बाहर निकलने लगे तब स्टूडेंट्स फिर से ऑनलाइन कोचिंग की बजाए ऑफलाइन को ज्यादा महत्व देने लेगे। ऐसे में ऑनलाइन कोचिंग में आपकी फीस कम लगेगी, आपको कहीं जाना नहीं होगा, आप अपने समय के अनुसार पढ़ पाएंगे लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपके अंदर वैसा अनुशासन, सीखने की लगन इत्यादि नहीं आ पाएगी जैसा ऑफलाइन मोड में होता है।

  • नीट की ऑफलाइन कोचिंग

अब बात करते हैं नीट की ऑफलाइन कोचिंग के बारे में अर्थात जो हम पारंपरिक रूप से करते आ रहे हैं। तो निश्चित रूप से आपके लिए ऑनलाइन की तुलना में ऑफलाइन कोचिंग ज्यादा लाभदायक रहने वाली है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आप जब क्लास में जाकर पढ़ते हैं तो आपका टीचर से आमने-सामने संपर्क होता है। आपका ध्यान भटकने की संभावना ना के बराबर होती है।

इसी के साथ ही जब आप क्लास अटेंड करते हैं तो आपका अपने साथ पढ़ रहे लोगों के साथ संपर्क बनता है। इससे आप एक अच्छा ग्रुप बना सकते हैं और उनके साथ मिलकर तैयारी कर सकते हैं। क्लास में जाकर पढ़ने से आपके अंदर अनुशासन भी बना रहता (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है।

वहीं यदि आप टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ते हैं तो वहाँ आपको ऑनलाइन भी बहुत सारा मटेरियल मिलता है। उदाहरण के तौर पर आप सीकर की मैट्रिक्स अकैडमी को ही ले लीजिए। मैट्रिक्स अकैडमी हर लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाती है। ऐसे में कोई स्टूडेंट किसी कारणवश क्लास अटेंड नहीं कर पाता है तो वह बाद में उस वीडियो लेक्चर को देखकर उसे पढ़ सकता है।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट सिटी

अब जब आपने नीट की तैयारी के लिए ऑनलाइन वर्सेज ऑफलाइन कोचिंग के बारे में जान लिया है तो अब बात करते हैं नीट के लिए कौन-सा शहर सबसे अच्छा रहेगा, उसके बारे में। जब भी नीट की कोचिंग की बात की जाती है तो उसके लिए कोटा शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता (NEET Ki Taiyari Sabse Acchi Kahan Hoti Hai) है। हालाँकि अब ऐसा नहीं है।

पिछले कुछ वर्षों में इस रैंकिंग में सीकर शहर टॉप पर आ रहा है। सीकर भी राजस्थान का ही एक शहर है और वह कोटा से भी ऊपर क्यों पहुँच गया है, वह हम आपको नीचे बताएँगे। नीचे हम आपको क्रमानुसार नीट की तैयारी करने के लिए टॉप 5 सिटीज के बारे में बताने वाले हैं।

  • सीकर

नीट की कोचिंग लेने में आज के समय में जिस शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, वह है राजस्थान का सीकर शहर। वह इसलिए क्योंकि पिछले एक से दो दशक में सीकर शहर में नीट की तैयारी करवाने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान खुल चुके हैं। इनमें से कुछ के नाम मैट्रिक्स अकैडमी, प्रिंस, गुरुकृपा, एलन इत्यादि हैं। साथ ही यहाँ का माहौल भी बहुत सही है और पैसे भी बहुत ज्यादा नहीं लगते हैं।

  • कोटा

आप सोच रहे होंगे कि नीट कोचिंग की बेस्ट सिटी के तौर पर कोटा सीकर से क्यों पिछड़ गया है। इसका कारण है यहाँ का ओवर हाइप होना और लगातार ख़राब होता माहौल। आप भी पिछले कुछ वर्षों से कोटा शहर में स्टूडेंट्स के द्वारा प्रेशर में आकर सुसाइड करते हुए की खबर सुनते होंगे। ऐसे में सीकर शहर में नीट की कोचिंग तो अच्छी है ही लेकिन वहाँ कोटा के जैसे बहुत ज्यादा तनाव वाला माहौल नहीं है।

  • दिल्ली

अब इस सूची में तीसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली आती है। दिल्ली में भी देश के सर्वश्रेष्ठ नीट कोचिंग सेंटर्स खुले हुए हैं और यहाँ पर एक से बढ़कर एक सुविधाएँ हैं। हालाँकि यहाँ का नुकसान यह है कि यहाँ पर सभी तरह की सुविधाएँ होने के कारण स्टूडेंट्स का ध्यान बहुत जल्दी भटक जाता है। साथ ही यह सिटी थोड़ी महँगी भी है।

  • जयपुर

नीट की बेस्ट सिटी के तौर पर राजस्थान राज्य की ही राजधानी जयपुर भी आती है। यह शहर भी सीकर की तरह शांत है और प्रेशर बहुत ज्यादा नहीं है। हालाँकि यह सीकर से कोचिंग की क्वालिटी के कारण पिछड़ जाती है।

  • चेन्नई

तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई इस लिस्ट में आखिरी और पांचवें नंबर पर है। चेन्नई ने भी पिछले कुछ वर्षों में ही अच्छा काम किया है लेकिन यहाँ की सबसे बड़ी समस्या भाषा है। यह भाषा की समस्या केवल उत्तर, पश्चिम, पूर्व व मध्य भारत के राज्यों के लिए ही नहीं अपितु दक्षिण भारत के राज्यों के लिए भी है। इस कारण यहाँ तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों के बहुत कम छात्र ही पढ़ने जाते हैं।

नीट की तैयारी के लिए बेस्ट इंस्टीट्यूट

ऊपर आपने जान लिया है कि नीट की तैयारी के लिए ऑफलाइन मोड ही सबसे बेस्ट होता है। साथ ही यह भी जाना कि इसके लिए सीकर शहर टॉप पर बना हुआ है लेकिन केवल इसी से ही तो काम नहीं चलने वाला है। आपको यदि नीट की कोचिंग लेनी है तो उसके लिए किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पढ़ना ही होगा।

ऐसे में अब हम आपके सामने नीट के बेस्ट कोचिंग सेंटर की एक लिस्ट रखने वाले हैं। हम आपको भारत के टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर और उनके बारे में कुछ मूलभूत जानकारी (NEET Ki Taiyari Sabse Achi Kahan Hoti Hai) देंगे। चलिए जानते हैं।

  • मैट्रिक्स अकैडमी, सीकर

क्या आपने सोचा है कि सीकर शहर ने नीट की कोचिंग देने में कोटा जैसे बहुत चर्चित शहर को किस कारण पीछे धकेल दिया है। उसके लिए सीकर शहर में खुले एक से बढ़कर एक नीट कोचिंग संस्थान तो हैं ही लेकिन सबसे बड़ा कारण यही मैट्रिक्स अकैडमी है। यदि आप पिछले कुछ वर्षों के रिजल्ट देखेंगे तो पाएंगे कि मैट्रिक्स अकैडमी के स्टूडेंट्स ने नीट में अपना परचम लहराया है।

इसका मुख्य कारण है मैट्रिक्स अकैडमी में पढ़ा रही टॉप क्लास की फैकल्टी, यहाँ मिल रही सभी तरह की फैसिलिटी, जगह-जगह डाउट क्लीयरिंग सेंटर्स, स्टूडेंट्स के लिए वर्ष के 365 दिनों तक खुले रहना, सामान्य फीस और ऑनलाइन उपस्थिति। यह सभी चीजें मिलाकर ही मैट्रिक्स को देश का टॉप लेवल का नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट बनाते हैं।

  • प्रिंस अकैडमी, सीकर

अब इस लिस्ट में सीकर की ही एक और अकादमी प्रिंस आती है। मैट्रिक्स अकैडमी की तरह ही प्रिंस अकैडमी ने भी बहुत काम किया है। इस कारण हर दिन के साथ प्रिंस अकैडमी भी आगे बढ़ती जा रही है। इसने हाल ही में कोटा की प्रसिद्ध एलन अकैडमी को पछाड़ कर दूसरी रैंक हासिल की है।

  • एलन अकैडमी, कोटा

एलन का नाम तो आपने अवश्य ही सुन रखा होगा। एक समय था जब नीट की कोचिंग देने में एलन का एकछत्र राज हुआ करता था लेकिन अब वह वर्चस्व टूट चुका है। हालाँकि एलन अभी भी बहुत अच्छा कर रही है और भारत के कई शहरों में इसने अपनी ब्रांच खोल रखी है।

  • आकाश इंस्टीट्यूट, दिल्ली

आकाश इंस्टीट्यूट का नाम हमने आपको ऊपर ही बता दिया है। इस इंस्टीट्यूट ने शुरुआत तो ऑनलाइन कोचिंग देने से की थी लेकिन आज के समय में भारत के कई शहरों में इसके ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स भी खुल चुके हैं। वैसे इसके सभी सेंटर्स में दिल्ली का कोचिंग सेंटर सबसे बेस्ट माना जाता है।

  • गुरुकृपा अकैडमी, सीकर

सीकर शहर को टॉप पर लाने में गुरुकृपा अकैडमी का नाम भी लिया जाता है। गुरुकृपा में शांत वातावरण है और यह अपने पढ़ाने के तरीके के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस कारण गुरुकृपा देश के बाकी सभी नीट कोचिंग संस्थान को पछाड़ कर टॉप 5 में जगह बना पाया है।

तो यह नीट के 5 सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान (NEET Ki Taiyari Kahan Se Karen) हैं। वैसे तो हर शहर में दर्जनों कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं लेकिन जिन पांच कोचिंग संस्थान के नाम हमने आपको बताए हैं, वह देश के टॉप 5 नीट कोचिंग सेंटर्स हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि यदि आपको नीट की सबसे बेस्ट कोचिंग लेनी (NEET Ki Taiyari Kaha Se Kare) है या उसकी अच्छे से तैयारी करनी है तो आपके लिए कौन-सा मोड, किस तरह की सिटी और कौन-से कोचिंग सेंटर्स परफेक्ट रहने वाले हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार क्या निर्णय लेते हैं। हालाँकि आप अभी जो निर्णय लेंगे वही आगे चलकर आपके भविष्य का निर्माण करेगा। जितनी देर करेंगे उतना ही आपको नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि कोई और स्टूडेंट सही निर्णय लेकर आपसे आगे निकल जाएगा। इसलिए समय ले लें लेकिन जो भी निर्णय लें, वह अच्छे से सोच-समझ कर ही लें।

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प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए सबसे अच्छा शहर कौन सा है?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सबसे अच्छा शहर राजस्थान का सीकर शहर है। इसके बाद कोटा, जयपुर व दिल्ली का नाम लिया जाता है।

प्रश्न: नीट की सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है?

उत्तर: यदि हम नीट की सबसे अच्छी कोचिंग की बात करेंगे तो उसमें सबसे पहला नाम सीकर शहर की मैट्रिक्स अकैडमी का लिया जाएगा। इसके बाद कोटा की एलन अकैडमी का नाम आता है।

प्रश्न: नीट कोचिंग के लिए कौन सा शहर बेस्ट है?

उत्तर: नीट कोचिंग के लिए राजस्थान राज्य का सीकर शहर सबसे बेस्ट है। वह इसलिए क्योंकि यहाँ मैट्रिक्स, गुरुकृपा व प्रिंस जैसी अकैडमी ने बहुत अच्छा काम किया है।

प्रश्न: नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य कौन सा है?

उत्तर: नीट के लिए सबसे अच्छा राज्य राजस्थान है। वह इसलिए क्योंकि राजस्थान राज्य में सीकर, कोटा व जयपुर नीट के लिए बेस्ट शहर माने जाते हैं।

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NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe: नीट का एग्जाम एक ऐसा एग्जाम होता है जिसे पास करना बहुत स्टूडेंट्स के लिए किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं होता है। वहीं इसे केवल पास कर देने से ही काम नहीं चलता है। यदि आपको अच्छे मेडिकल कॉलेज में सीट चाहिए तो उसके लिए अच्छी रैंक भी लानी होती है। अच्छी रैंक लानी है तो उसके लिए टॉप स्कोर करना होता है। टॉप स्कोर करना है तो निश्चित रूप से पढ़ाई भी उसी तरह से करनी होती है।

अब ज्यादातर स्टूडेंट्स का यह प्रश्न होता है कि उन्हें नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए जिससे कि उनकी सही तैयारी हो सके। ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में ही बताने वाले हैं। नीट का एग्जाम बहुत ज्यादा मेहनत मांगता है और उसके लिए तैयारी भी वैसी ही की जानी चाहिए। तो चलिए जानते हैं नीट के लिए कितने घंटे पढ़ना सही रहता (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) है।

नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब कुछ स्टूडेंट्स दसवीं से ही नीट एग्जाम को लेकर सतर्क हो जाते हैं और पढ़ने लग जाते हैं तो कुछ स्टूडेंट्स अपनी 11 वीं या 12 वीं क्लास की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी करना शुरू करते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स 12 वीं के बाद या फिर एक वर्ष का ड्रॉप लेकर भी नीट की तैयारी करते (NEET Crack Karne Ke Liye Kitne Ghante Padhe) हैं। अब जिन स्टूडेंट्स का पहली बार में सिलेक्शन नहीं होता है या मनपसंद कॉलेज नहीं मिलता है तो फिर वे एक और वर्ष का ड्रॉप ले लेते हैं।

ऐसे में आज हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएँगे कि आपको अपनी दसवीं क्लास की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी कितनी देर करनी चाहिए, उसके बाद की क्लास में कितनी देर करनी चाहिए और नीट एग्जाम से पहले कितनी देर इसके लिए तैयारी करनी (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) चाहिए, आइए जाने।

#1. दसवीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

यदि आप दसवीं कक्षा में हैं और आप अभी से ही नीट की तैयारी शुरू करना चाहते हैं तो यकीन मानिए आप बाकी के 90 प्रतिशत स्टूडेंट्स से आगे चल रहे हैं। जो स्टूडेंट्स अपनी दसवीं क्लास से ही नीट एग्जाम को लेकर सतर्क हो जाते हैं तो उनका बारहवीं के बाद नीट में सिलेक्शन होना लगभग तय माना जाता है।

ऐसे में यदि आप दसवीं क्लास की पढ़ाई के साथ-साथ अलग से 2 से 3 घंटे नीट एग्जाम की तैयारी करने में लगाएंगे तो यह पर्याप्त है। ऐसे में आप चाहें तो इसके लिए कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन कर सकते हैं। यदि आप वीकेंड में एक साथ इसकी कोचिंग लेने को इच्छुक हैं तो वह भी किया जा सकता है।

#2. 11वीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जब आप 11 वीं क्लास में आ चुके हैं और अपने लिए मेडिकल स्ट्रीम का चुनाव कर चुके हैं तो नीट की तैयारी भी शुरू हो ही चुकी है। वह इसलिए क्योंकि आपकी 11 वीं और 12 वीं क्लास का सिलेबस ही नीट का भी सिलेबस होता है। ऐसे में एक तरह से आप नीट एग्जाम की ही तैयारी कर रहे होते हैं।

हालाँकि यदि इस एग्जाम को क्लियर करना है तो उसके लिए अलग से तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए। ऐसे में आप अपनी 11 वीं क्लास में 3 से 4 घंटे की सीटिंग देंगे तो वह नीट एग्जाम क्रैक करने के लिए पर्याप्त मानी जा सकती है। इसके लिए आपको अपने टीचर्स से गाइडेंस मिल जाएगी या आप मैट्रिक्स सीकर या एलन कोटा जैसे टॉप नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट से भी जुड़ सकते हैं।

#3. 12वीं में नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

बारहवीं क्लास बोर्ड की क्लास होती है। इस दौरान स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा तनाव में होते हैं क्योंकि उनके ऊपर नीट एग्जाम की तैयारी करने का भी प्रेशर होता है तो वहीं 12th बोर्ड में अच्छा स्कोर करने पर भी ध्यान देना होता है। ऐसे में दोनों के ही बीच संतुलन बनाकर चलना पड़ता है।

हालाँकि अब प्रेशर ज्यादा है तो मेहनत भी उसी हिसाब से ही करनी होती है। इसलिए आपको बारहवीं क्लास के बोर्ड एग्जाम को भी उतना ही महत्व देना है जितना आप नीट एग्जाम को दे रहे हैं या इसे आप उल्टा करके भी समझ सकते हैं। ऐसे में बारहवीं क्लास में 4 से 5 घंटे नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए (NEET Crack Karne Ke Liye Kitne Ghante Padhe) पर्याप्त माने जाते हैं।

#4. बोर्ड एग्जाम के बाद नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जब आपके बोर्ड एग्जाम समाप्त हो चुके हैं तो अब आप अपना पूरा ध्यान नीट एग्जाम की तैयारी में लगा सकते हैं। ऐसे में आपकी तैयारी के घंटे भी बारवीं क्लास की पढ़ाई की तुलना में बढ़कर दोगुने हो जाएंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप बारहवीं क्लास तक तो नीट एग्जाम की तैयारी में 4 से 5 घंटे का समय दे रहे थे लेकिन बोर्ड एग्जाम फिनिश होने के बाद आपको यह समय बढाकर 10 से 12 घंटों का करना होगा।

इस दौरान आपको जमकर नीट एग्जाम की तैयारी करनी होगी। यदि आप एक वर्ष का ड्रॉप भी ले रहे हैं तो भी आपको प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की सीटिंग देनी होगी तभी आगे जाकर आपका नीट एग्जाम अच्छे से क्लियर हो पाएगा।

#5. आखिरी दो महीने नीट की तैयारी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

अब जैसे-जैसे नीट एग्जाम का समय पास आता जाता है, वैसे-वैसे ही सभी स्टूडेंट्स के अंदर घबराहट बढ़ती चली जाती है। हालाँकि इस घबराहट से उनका लाभ कम और नुकसान ज्यादा देखने को मिलता है। इसलिए आप इस बिना मतलब की घबराहट को पाले नहीं बल्कि इसे भगा दें।

आखिरी दो महीने नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दौरान आपको अपनी रिवीजन करने और मॉक टेस्ट देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अभी तक आपने जो पढ़ा है और जो भी नोट्स बनाए हैं, उसकी रिवीजन करना शुरू कर (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) दें। साथ ही आपको इस दौरान 12 से 15 घंटे की सीटिंग देनी शुरू कर देनी चाहिए तभी आप नीट में टॉप स्कोर कर पाएंगे।

नीट क्रैक करने के लिए जरुरी बातें 

अब जब हमने आपको विभिन्न परिस्थितियों या आपकी क्लास के अनुसार नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए घंटों की सीटिंग के बारे में बता दिया है तो इसके बाद का बताना भी जरुरी है। कहने का अर्थ यह हुआ कि केवल पढ़ने के घंटे तय कर लेने से कुछ नहीं होता है। आप इन घंटों का किस तरह से उपयोग कर रहे हैं, वह मायने रखता (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) है।

अब आप चाहे 10 घंटे पढ़ने बैठ जाएं लेकिन यदि आपका ध्यान दूसरी चीज़ों में है तो वह 10 घंटे कोई मायने नहीं रखते हैं। वहीं यदि आप ध्यान केंद्रित करके 5 घंटे भी अच्छे से पढ़ते हैं तो वह उन 10 घंटों के बराबर हैं जो आपने इधर-उधर का सोचने में व्यर्थ कर दिए। तो ऐसी कुछ टिप्स हम आपको नीचे दे रहे हैं, जिनका आपको पालन करना चाहिए।

  • सुबह जल्दी उठकर पढ़ें

आजकल यह चलन चल पड़ा है कि अधिकतर स्टूडेंट्स देर रात तक जगकर पढ़ाई करते हैं और सुबह देर से उठते हैं। हालाँकि आपको अपने अनुसार जैसा सही लगता है, वैसा करना चाहिए लेकिन यह भी जान लें कि सुबह का समय कुछ करने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में आप रात को जल्दी सोकर और सुबह जल्दी उठकर पढ़ना शुरू करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव आपको कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा।

  • सही कोचिंग का चुनाव

नीट की तैयारी (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) करने में सही कोचिंग का चुनाव भी बहुत जरुरी हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि टॉप लेवल के नीट कोचिंग संस्थान में दिया गया एक-एक घंटा लो लेवल के कोचिंग संस्थान के 10 घंटों के बराबर होता है। ऐसे में आपको भारत के कुछ टॉप लेवल के नीट कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसे कि मैट्रिक्स अकैडमी, गुरुकृपा, प्रिंस, आकाश इत्यादि में पढ़ना चाहिए।

  • कठिन चीजें सुबह हल करें

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि सुबह का समय किसी वरदान से कम नहीं है। ऐसे में आप सुबह के समय जो कुछ भी पढ़ते हैं, वह आपको जल्दी समझ में आता है और लंबे समय तक याद भी रहता है। ऐसे में आप इस समय का सदुपयोग कठिन टॉपिक्स को पढ़ने में करेंगे तो यह आपके लिए ही लाभदायक रहेगा। सुबह के समय में आप कठिन टॉपिक्स को समझने में कम समय लगाएंगे और इससे आपका उत्साह भी बढ़ेगा।

  • नींद पूरी लें

नीट की तैयारी के लिए अपने हर घंटे का समुचित उपयोग करना है तो उसके लिए जरुरी है कि आप 7 से 8 घंटे की नींद भी पूरी करें। यदि आप सोचते हैं कि कम सोकर आप उन घंटों को नीट की तैयारी में लगा देंगे तो इससे आपका ही नुकसान हो रहा होगा। वह इसलिए क्योंकि कम सोने से शरीर में थकान बनी रहती है और दिमाग भी धीरे काम करता है। वहीं पूरी नींद लेने से आप तेज गति से और अच्छे से पढ़ पाते हैं।

  • ध्यान लगाएं

अक्सर यह देखने में आता है कि जब हम पढ़ने बैठते हैं तो उसके कुछ ही समय बाद में हमारा ध्यान भटकने लगता है। हम पढ़ कुछ रहे होते हैं और ध्यान कहीं और होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके हाथ में कॉपी, बुक होती है, आखें भी उसी ओर होती है लेकिन मन कुछ और ही सोच रहा होता है। यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो आपको दिन में कम से कम 30 मिनट ध्यान लगाना चाहिए और योग करना शुरू कर देना चाहिए। इससे ध्यान केंद्रित करने में बहुत सहायता मिलती है।

  • हर दो घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें

लगातार कोई काम किया जाता है तो वह सही से नहीं होता है। अब यदि हम किसी मशीन को भी लगातार चालू रखते हैं तो वह भी गर्म हो जाती है, हम तो फिर भी मनुष्य हैं। ऐसे में यदि आप बिना रुके लगातार पढ़ते ही चले जाएंगे तो सोचने-समझने की शक्ति कम होती चली जाएगी। इससे आप पढ़ा हुआ कुछ ही दिनों में भूल जाएंगे। इसलिए आवश्यक है हर दो घंटे की पढ़ाई के बाद कम से कम 10 मिनट का ब्रेक ले लिया जाए।

  • मोबाइल दूर रखें

मोबाइल अपने आप में पूरी की पूरी दुनिया है। इसमें एक क्लिक में सब जानकारी उपलब्ध होती है। अब जो स्टूडेंट्स मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ते हैं, वे पढ़ने के साथ-साथ कहीं और भी ध्यान लगा रहे होते हैं। इसलिए ऑफलाइन स्टडी करें और उस दौरान मोबाइल को दूर रखें। वहीं किसी लेक्चर को ऑनलाइन करना ही है तो उसे डाउनलोड कर लें और पढ़ते समय इंटरनेट बंद कर दें।

  • एक बार में एक विषय पढ़ें

अब कुछ स्टूडेंट्स अपने आप को ज्यादा स्मार्ट समझते हैं और इस चक्कर में वे एक साथ कई टॉपिक्स और विषय को पढ़ रहे होते हैं। इससे उन्हें लगता है कि वे तेज गति से पढ़ रहे हैं लेकिन होता इसका उल्टा है। दरअसल एक साथ कई टॉपिक या सब्जेक्ट पढ़ने से आपका ध्यान एक ओर नहीं होता है और उलझन की स्थिति बनती है। वहीं आप एक बारी में एक टॉपिक पढ़ते हैं तो पूरा ध्यान उसी पर होता है जिससे वह अच्छे से समझ में आता है और लंबे समय तक ध्यान में रहता है।

तो यह थी कुछ टिप्स जो नीट की तैयारी करने में आपकी बहुत मदद (NEET Ki Taiyari Ke Liye Kitne Ghante Padhna Chahiye) करेगी। सबसे जरुरी बात यह है कि आप नीट एग्जाम की तैयारी करने के लिए जितने भी घंटे दें लेकिन वह घंटे माइंडफुल स्टडी के होने चाहिए, ना कि इधर-उधर ध्यान भटकाने के लिए। 

अन्यथा आजकल कई स्टूडेंट्स कहने को या दिखाने को तो 10-10 घंटे की पढ़ाई कर रहे होते हैं लेकिन असलियत में उनकी पढ़ाई 2 से 3 घंटे की ही होती है क्योंकि वे अपना बाकी समय ध्यान ही नहीं लगा पा रहे होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको नीट की तैयारी करने में कितने घंटे लगाने होते (NEET Ke Liye Kitne Ghante Padhe) हैं, इस टॉपिक के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी दे दी है। इसी के साथ ही आप यह भी जान चुके हैं कि नीट की तैयारी में कोचिंग का कितना महत्व होता है। वह इसलिए क्योंकि जो स्टूडेंट्स नीट को लेकर सीरियस होते हैं, वे जल्द से जल्द एक सही कोचिंग का चुनाव कर लेते हैं।

अब मैट्रिक्स सीकर या प्रिंस इंस्टीट्यूट जैसे सही कोचिंग संस्थान का चुनाव उनका भविष्य बना सकता है। वह इसलिए क्योंकि आपकी पढ़ाई के घंटे इसी कोचिंग पर ही निर्भर करेंगे और आप कितनी जल्दी चीज़ों को समझ पाते हैं, वह इन कोचिंग संस्थान में पढ़ा रही अनुभवी फैकल्टी पर निर्भर करेगा।

Related FAQs

प्रश्न: नीट की तैयारी कितने महीने में होती है?

उत्तर: नीट की तैयारी करने के लिए आपको कम से 12 महीने देने होते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स को 6 महीने तो किसी को 24 महीने भी लग जाते हैं।

प्रश्न: नीट की तैयारी के लिए कितने महीने चाहिए?

उत्तर: नीट की तैयारी के लिए सामान्य तौर पर 12 महीनो का समय चाहिए होता है। अब यह स्टूडेंट पर निर्भर करता है कि वह हर दिन कितने घंटे की सीटिंग देता है।

प्रश्न: नीट टॉपर्स कितने घंटे सोते हैं?

उत्तर: नीट टॉपर्स हर दिन 7 से 8 घंटे सोते हैं। यदि किसी स्टूडेंट को नीट एग्जाम सही से क्रैक करना है तो उसे भी प्रतिदिन 7 घंटों की नींद लेना आवश्यक है।

प्रश्न: क्या टॉपर्स रात में पढ़ाई करते हैं?

उत्तर: टॉपर्स रात की बजाए दिन में जल्दी उठकर पढ़ना चुनते हैं। वह इसलिए क्योंकि सुबह का समय बहुत ही सकारात्मक होता है और उस दौरान पढ़ा गया लंबे समय के लिए याद रहता है।

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