अपने बच्चे को बोर्ड परीक्षा में 90% से अधिक अंक लाने में कैसे मदद करें?
बोर्ड परीक्षाएँ हर छात्र और उनके माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। यह न केवल शैक्षणिक सफलता का मापदंड है, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाती है। इन परीक्षाओ से बच्चे के सुनहरे भविष्य की नींव निर्धारित होती है इसलिए हर अभिभावक का सपना होता है, कि उनका बच्चा बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करे और 90% से अधिक अंक प्राप्त करे। लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल मेहनत ही काफी नहीं, बल्कि सही दिशा, रणनीति और समर्थन की भी आवश्यकता होती है।
यहाँ हम आपको उन प्रभावी तरीकों और सकारात्मक सुझावों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को बोर्ड परीक्षा में सफलता (90% से अधिक अंक) प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। चाहे बात समय प्रबंधन की हो,पढ़ाई की तकनीकों की हो या भावनात्मक समर्थन की हम हर पहलू को कवर करेंगे ताकि आपका बच्चा आत्मविश्वास के साथ अपनी मंजिल तक पहुंच सके।
1. अपनी भूमिका को समझें
अपने बच्चे को बोर्ड परीक्षा में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने में सहायता करने के लिए सबसे जरुरी चीज हैं अभिभावक अपनी भूमिका को समझें। यह हम आपको इसलिए बता रहें हैं क्योकि हमने पिछले वर्षो के Matrix High School और अन्य स्कूलों के Toppers एवं उनके अभिभावकों से हुई बातचीत में पाया की जिन बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में Top किया हैं उनके माता पिता और सहयोगियों ने उनके लिए एक सकारात्मक माहौल बनाया, उनकी पढाई में वो अभिभावक भी उतने ही जागरूक रहें जितने खुद बच्चे रहें हैं।
अनुभवी विशेषज्ञ भी बताते हैं कि अभिभावकों का सकारात्मक योगदान बच्चे की सफलता को 30-40% तक बढ़ा सकता है। लेकिन याद रखें, दबाव न डालें, प्रोत्साहन दें। इसके लिए आप निम्न तरीके अपनाकर अपनी भूमिका अदा कर सकतें हैं।
अध्यापकों से संपर्क
इसके बारे में हमें सीकर की प्रसिद्ध स्कुल Matrix High School की प्रिंसिपल श्रीमती राजश्री सिहाग ने बताया की अभिभावकों को PTM (parents Teacher Meeting) में नियमित रूप से भाग लेना चाहिए ताकि वे बच्चे के शिक्षकों से नियमित रूप से सम्पर्क में रहें। इससे उन्हें समय पर बच्चे की प्रगति के बारें में जानकारी मिलती हैं। उन्होंने बताया की बच्चों की सफलता के लिए अभिभावकों को जागरूक रहना चाहिए।और उन्हें बच्चे के लिए एक सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए।
तुलना न करें
कई अभिभावक अपने बच्चो की वास्तविक क्षमता जाने बिना जाने अनजाने में अन्य बच्चों से तुलना कर देते हैं। ऐसा करने पर बच्चों में आत्मविश्वास की कमी आ सकती हैं। अभिभावकों को इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दौर में अपने बच्चे को सकारात्मक उदाहरण देकर पढाई के साथ सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
आपका विश्वास
बोर्ड परीक्षाओ के विषेशज्ञों और सीकर के प्रसिद्ध शिक्षकों ने इस बात पर विशेष जोर दिया हैं कि अभिभावकों को बच्चे के परिणामों के प्रति विश्वास रखना चाहिए। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता हैं उन्हें बोर्ड परीक्षाओं का दबाव महसूस नहीं होता हैं और वे आपको अपना सहयोगी मानकर अपने प्रयासों को दोगुना करते हैं तथा लक्ष्य के प्रति अग्रसर होते हैं।
2. एक सकारात्मक और सहायक माहौल बनाएं
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को लगातार पढाई के साथ सबसे ज्यादा जरूरत जिसकी होती है वह है “सकारात्मक एवं सहायक माहौल का मिलना”। इसके लिए अभिभावकों को निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि बच्चा Board Exams को टॉप करके अपने सुनहरे भविष्य की नींव रख सके।
घर का वातावरण
अभिभावकों को अपने बच्चो के लिए पढाई को एक बोझ की तरह न दिखाकर उसे सीखने की प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए ताकि बच्चा सीखने के लिए आतुर हो।
घर में पढ़ाई के समय शांति बनाए रखें ताकि बच्चा बिना किसी रुकावट के ध्यान केंद्रित कर सके। बच्चे के प्रयासों की सराहना करें, भले ही परिणाम तुरंत न दिखे। उनकी छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न मनाएं।
3. पढ़ाई की सही रणनीति बनाने में मदद करें
हम जानते हैं कि बोर्ड परीक्षा के अंक बच्चे का भविष्य निर्धारित करते हैं इसलिए बच्चे भी इसे गंभीरता से लेते हैं और उन पर पढाई करने का अतिरिक्त दबाव बढ़ जाता हैं। सीकर की विख्यात स्कूल मैट्रिक्स हाई स्कूल के विशेषज्ञ इस पर विशेष ध्यान देते हैं। वे बच्चो के मानसिक विकास को ध्यान में रखकर प्रत्येक बच्चे के लिए एक अलग Time टेबल बनाने में बच्चों और अभिभावकों का सहयोग करते हैं। यह प्रयास सीकर की अन्य स्कूलें भी कर रही हैं। जो बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले बच्चों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। अभिभावकों को बच्चे की समय सारणी का स्वयं भी अवलोकन करना चाहिए।
समय सारणी (Time Table)
- आसान योजना: बच्चे की क्षमता और स्कूल के समय को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी समय सारणी बनाने में मदद करें जिसके अनुसार बच्चा वास्तव में पढाई कर सके। समय सारणी कभी भी ऐसी नहीं बनाये जो बच्चे को कठिन लगे।
- विषयों का संतुलन: अभिभावक बच्चे के लिए समय सारणी (Time Table) बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे कि सभी विषयों को पर्याप्त समय मिलें। हर विषय के लिए शुरूआती 2 से 4 महीनो के लिए 80-85% का लक्ष्य निर्धारित करें और उसी अनुरूप समय सारणी (Time Table) बनाएं।
- ब्रेक का महत्व: पढ़ाई के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक अवश्य शामिल करें ताकि बच्चा तरोताजा महसूस करे और पुनः पढाई के लिए बैठे तो एक नई ऊर्जा से पढ़ने के लिए बैठे।
अध्ययन सामग्री (Study Material)
बोर्ड परीक्षाओं के लिए जितना जरुरी लगातार पढ़ना हैं उससे भी ज्यादा जरुरी हैं कि बच्चे कौनसी अध्ययन सामग्री पढ़ें? इसके लिए अभिभावकों को जागरूक होकर ऐसी स्कूल का चयन करना चाहिए जो बच्चों के लिए अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने में अग्रणी हो। हमें पिछले वर्षों के टॉपर बच्चों ने बताया हैं कि यहाँ सीकर के स्कूल पेपर पैटर्न को ध्यान में रखकर खुद के मॉड्यूल्स बच्चों को उपलब्ध करवाते हैं जिससे हमें काफी मदद मिली और आसानी से बोर्ड परीक्षा में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने में सफलता मिली।
सीकर की मैट्रिक्स हाई स्कूल तो बोर्ड परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता की अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने के साथ साथ IIT JEE और NEET UG की सामग्री भी उपलब्ध करवाती हैं जिससे बच्चे की आगे की पढाई के लिए नींव मजबूत हो जाती हैं। अभिभावक और बच्चे बोर्ड परीक्षाओं के लिए निम्न अध्ययन सामग्री का होना सुनिश्चित करना न भूलें।
| प्राथमिकता | सामग्री प्रकार | महत्व |
| 1 | NCERT Book’s | मूलभूत अवधारणाएं और परीक्षा पैटर्न |
| 2 | Sample Papers | परीक्षा पैटर्न और प्रश्न प्रकार की समझ |
| 3 | Previous Year Papers | महत्वपूर्ण टॉपिक्स और अंक वितरण |
| 4 | Reference Book’s | गहन समझ और अतिरिक्त अभ्यास |
Note:- NCERT की किताबें बोर्ड परीक्षा की आधारशिला हैं। इन्हें पूरी तरह समझने के बाद ही अन्य सन्दर्भ पुस्तकों का सहारा ले।
नोट्स बनाना:
आप बच्चे को महत्वपूर्ण विषयों के सरल नोट्स (Short Notes) बनाने के लिए प्रेरित करें ये Short Notes बच्चों को परीक्षा के समय दोहराव (Revision) करने में काफी मददगार साबित होते हैं।
4. दोहराव (Revision) और अभ्यास का महत्व
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए दोहराव (Revision ) और अभ्यास (Practice) आत्मविश्वास बढ़ाने, अवधारणाओं (Concepts ) को मजबूत करने और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। दोहराव और अभ्यास से छात्र विषय की गहरी समझ विकसित करते हैं, लिखने की गति में सुधार करते है। और परीक्षा के पैटर्न से परिचित होते हैं, जिससे वे परीक्षा में शांत और आत्मविश्वासी बने रहते हैं। इसके लिए अभिभावक निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।
नियमित दोहराव
अभिभावक अपने बच्चे के बोर्ड परीक्षाओं में प्रदर्शन को बेहतर करने और 90 % से अधिक अंक सुनिश्चित करने के लिए बच्चे की स्कूल से साप्ताहिक एवं मासिक Revision Schedule बनवा सकते हैं। इससे बच्चे को काफी मदद मिलेगी। रिवीजन शेडूअल बनवाते समय यह जरूर ध्यान रखें की सभी विषयों के लिए उचित समय रखा गया हैं की नहीं। क्योकि बोर्ड परीक्षाओं में सभी विषयों का अंक भार समान होता है। कई बार बच्चे रिवीजन शेडूअल बनाते समय अपने पसंदीदा विषय को अधिक समय दे देते हैं तो इसकी जाँच अभिभावकों को जरूर करनी चाहिए।
लिखावट पर ध्यान दें
अभिभावक अपने बच्चे के लिए 90% से अधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है यह कोई आसान काम नहीं है। एक भी अंक 89.9% और 90% में बहुत बड़ा अंतर ला सकता है,आप समझ रहें होंगे? इसलिए बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय हर गतिविधि मायने रखती हैं। अगर आपके बच्चे की लिखावट अच्छी नहीं है तो उस पर काम करे। इस बारे में बच्चे के शिक्षकों से भी सलाह लें। वे आपको इस बारे में सबसे अच्छी जानकारी देंगे क्योंकि उनको उत्तर पुस्तिका जाँचने का अनुभव है। बच्चे द्वारा उत्तर पुस्तिका में महत्वपूर्ण वाक्यांशों को रेखांकित (Underline) करना, गणित के मामले में उत्तर के चारों ओर बॉक्स बनाना,आदि वे कार्य जिनसे उत्तर पुस्तिका साफ एवं स्वच्छ दिखाई देती हैं करने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें।
मासिक अभ्यास
महीने के अंत में सभी पढ़े हुए विषयों का एक संक्षिप्त अभ्यास करने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने पर बच्चे की उपलब्धियों के लिए ख़ुशी मनाइये जिससे बच्चें में और अधिक पढ़ने का Motivation आये।
गलतियों से सीखें
Mock Test (अभ्यास ) के बाद गलत हुए प्रश्नो को दोबारा हल करवाए। अभ्यास में कमजोर Topics को चिन्हित करके बच्चे को अतिरिक्त मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र (Previous Year Question Papers)
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से परीक्षा के पैटर्न और महत्वपूर्ण प्रश्नों का अंदाजा लगता है।
समय प्रबंधन (Time Management)
समय प्रबंधन के लिए मॉडल पेपर (Model Paper) हल करवाने चाहिए, इससे बच्चे की लिखने की गति (Writing Speed ) बढ़ती है।और परीक्षा के दिन समय पर पेपर पूरा करने में मदद मिलती हैं।
5. स्वास्थ्य और पोषण का ध्यान रखें
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पोषण सबसे कठिन और तनावपूर्ण समस्याओं में से एक हैं। परीक्षा की तैयारी करने वाले दिनों से लेकर परीक्षा के दिन तक स्वास्थ्य एवं पोषण का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं।
चूँकि परीक्षा के दिनों में तनाव सबसे ज्यादा प्रभावी होता है, इसलिए छात्रों को अक्सर मतली और उल्टी जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इन अवांछित स्थितियों को उत्पन्न होने से रोकने के लिए बच्चों को बाहरी चीजें खाने के लिए नहीं दी जानी चाहिए। यहां हम बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम, संतुलित पोषण युक्त आहार और पानी के पर्याप्त सेवन जैसे सुझावों के बारे मे बात करेंगे।
शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य (Physical And Mental Health)
- खुलकर बातचीत करें: अपने बच्चे की चिंताओं और पढाई में आने वाली कठिनाइयों के सरल समाधान खोजने में मदद करें। बातचीत के माध्यम से उसका सहारा बने। छोटी छोटी असफलताओ से सीखने के लिए प्रेरित करें।
- पर्याप्त नींद: सुनिश्चित करें कि बच्चा हर रात 7-8 घंटे की नींद ले। नींद की कमी याददाश्त और एकाग्रता को प्रभावित करती है।
- नियमित व्यायाम: रोज हल्की-फुल्की कसरत एवं खेलकूद प्रतियोगिताओ में भाग लेने से बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता हैं।
- स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल, टीवी और अन्य डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग पढ़ाई से बच्चों का पढाई से ध्यान भटक सकता है।
स्वस्थ आदतों के लिए प्रोत्साहित करें
अभिभावकों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहें बच्चों को स्वस्थ आदतों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। मनोवैज्ञानिकों का मानना हैं कि बच्चों के लिए व्यायाम (योग) और शारीरिक गतिविधियां (हल्की फुल्की कसरत या टहलना) अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि इससे उनमें एक नई ऊर्जा का संचार होता हैं। योग करने से मानसिक स्वास्थ्य मजबूत बनता है जिससे उन्हें बोर्ड परीक्षाओ के दबाव को कम करने में मदद मिलती हैं। प्रसिद्ध आहार विषेशज्ञों का मानना हैं पढाई करने वाले बच्चों को घर का तजा बना पोषणयुक्त भोजन करना चाहिए। अभिभावक बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें, उचित मात्रा में पानी पीने से बच्चे को एंजायटी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्यांए नहीं होगी।
6. परीक्षा के दिन के लिए तैयारी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए ये सबसे निर्णायक दिन होता है। इस दिन के लिए बच्चे और अभिभावक सालभर तैयारी करते हैं इसलिए इस दिन किसी भी प्रकार की गलती न हो एवं मानसिक परेशानियों से बचने के लिए आपको निम्न तैयारियां पहले ही कर लेनी चाहिए।
जरूरी सामान
परीक्षा से पहले ही पेन, पेंसिल, एडमिट कार्ड जैसी सभी जरूरी चीजें एक जगह रख लें।
समय पर पहुंचें
अभिभावक परीक्षा के दिन बच्चे को परीक्षा शुरू होने से पहले पहुंचने के लिए मदद करें, उस समय बच्चे को आपका साथ मिलना अत्यंत जरुरी हैं इससे बच्चे के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी जो परीक्षा के दबाव को कम करने में मदद करेगा।
शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें
परीक्षा के दिन बच्चे पर अतिरिक्त दबाव न डालें। ऐसा करने पर बच्चे का प्रदर्शन खराब हो सकता हैं। इसलिए उसे शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
निष्कर्ष
90% से अधिक अंक प्राप्त करना एक लक्ष्य है लेकिन बच्चे का सर्वांगीण विकास और उसका आत्मविश्वास सर्वोपरि है। यह केवल रटने का खेल नहीं हैं। यह नियमितता,सही रणनीति ,मेहनत और मानसिक संतुलन का साझा प्रयास है। आपका सहयोग और मार्गदर्शन आपके बच्चे के लिए सबसे बड़ी ताकत बन सकता है। उस पर विश्ववास रखें और सकारात्मक रहें। उपरोक्त सरल सुझावों का पालन करके, आप निश्चित रूप से अपने बच्चे को उसकी शैक्षणिक यात्रा में सफल होने में मदद कर सकते हैं।
बच्चे के छोटे – छोटे प्रयासों की प्रशंसा करें और असफलताओ को सीखने का अवसर बताये। नियमित Practice Test और Previous Year Question Papers (पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों ) से अभ्यास करवाएं ताकि वे परीक्षा के माहौल से परिचित हों। सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखने के लिए आस पास के सफल विद्यार्थियों के उदहारण साझा करें।
अपने बच्चे की दिनचर्या, रुचियों, और ऊर्जा स्तर को ध्यान में रखकर Time Table बनाएं। सुबह या शाम के समय को कठिन विषयों के लिए रखें जब बच्चा सबसे अधिक सतर्क एवं ऊर्जावान हो। प्रत्येक विषय के लिए समान समय तय करें और दोहराव (Revision) के लिए पर्याप्त समय रखें।
विश्वसनीय प्लेटफॉर्म जैसे NCERT वेबसाइट का उपयोग करें। YouTube पर Matrix High School के चैनल चुनें जहां से आप Smart Study कर सकें। यह जरूर सुनिश्चित करें कि बच्चा इन संसाधनों का उपयोग टाइमटेबल के अनुसार करता हो।
दोहराव (Revision) के लिए एक चरणबद्ध योजना बनाएं: पहले पूरे पाठ्यक्रम (Syllabus) को पूरा करें, फिर महत्वपूर्ण पाठों (Topics) पर ध्यान दें। नोट्स,फ्लैशकार्ड्स,और माइंड मैप्स का उपयोग करें। अंतिम सप्ताह में केवल अधिक अंक भार पाठों (High Weight Topics) और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों (Previous Year Question Papers) पर ध्यान दें।
हर छात्र की पढ़ने और सीखने की गति अलग होती है, लेकिन औसतन रोज़ 6-8 घंटे की शांत एवं एकाग्रचित होकर की गई पढाई काफी होती है,जिसमें दोहराव (Revision) और टेस्ट प्रैक्टिस शामिल हो।





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