NEET

NEET Exam में होने वाली Common Mistakes जिन्हें प्रत्येक छात्र को Avoid करनी चाहिए।

NEET 2026 में होने वाली Common Mistakes

NEET UG भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है इसका आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा प्रतिवर्ष करवाया जाता हैं। परीक्षा में प्रतिवर्ष लगभग 25 लाख छात्र भाग लेते हैं| NEET की तैयारी करने के लिए छात्रों को सही कोचिंग संस्थान का चुनाव, सेल्फ स्टडी (स्वाध्याय) के लिए समय निकालना, परीक्षा तक समय प्रबंधन का ध्यान रखना आदि कार्य तब तक करने होते हैं जब तक वो अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाए। NEET की तैयारी के दौरान हजारों छात्र बहुत सामान्य गलतियां करते हैं जो उनके परिणाम और रैंक में बाधा डालती हैं, इसलिए छात्रों को परीक्षा देने से पहले उन सामान्य गलतियों का पता लगाना और उन्हें सुधारना अनिवार्य है। 

यहां हमने NEET UG की तैयारी करते समय छात्रों द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियां तथा कोचिंग संस्थानों द्वारा होने वाली गलतियों के बारे में पिछले वर्षों के टॉपर छात्रों और कोचिंग विशेषज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर बताया हैं। साथ ही उन टॉपर छात्रों की रणनीति भी बताई हैं, जिन्हें अपनाकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी में कम से कम गलतियां की और देशभर में टॉप किया है। 

NEET परीक्षा में छात्रों द्वारा की जाने वाली गलतियां (Common Mistakes) 

छात्रों द्वारा NEET UG की तैयारी में होने वाली सामान्य गलतियों की यह List नीट की तैयारी करने वाले छात्रों, विषय विशेषज्ञों और पिछले वर्षों के Topper छात्रों से हुई बातचीत और उनके अनुभवों के आधार पर बनाई गई है। तैयारी करने वाले छात्र इन गलतियों को समय पर सुधार के अपने परिणामों को बेहतर बना सकते हैं।

1. NEET पाठ्यक्रम (Syllabus) की स्पष्ट समझ का अभाव,

2. जरूरत से ज्यादा अध्ययन सामग्री (Study Material) रखना,

3. Notes बनाने का महत्व न समझना,

4. पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न न करना,

5. Mock Test परिणामों का विश्लेषण न करना,

6. नियमित अध्ययन न करना,

7. किसी विषय के लिए अति आत्मविश्वासी होना,

8. नकारात्मक अंक प्रणाली (Negative Marking) को न समझना ,

9. कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न करना।

1. NEET पाठ्यक्रम (Syllabus) की स्पष्ट समझ का अभाव

नीट की तैयारी के दौरान छात्र जो सबसे आम गलती करते हैं,उनमें सबसे पहले स्थान पर अपने पाठ्यक्रम को स्पष्ट रूप से न समझना है। हर साल नीट टॉपर्स, विशेषज्ञों, और Matrix, CLC, Gurukripa, Allen, PCP जैसे प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों की फैकल्टी द्वारा बार बार कहा जाता है कि NEET UG परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए छात्र को अपने पाठ्यक्रम का प्रत्येक टॉपिक अपने दिमाग में रखना चाहिए। पाठ्यक्रम को समझने के बाद ही छात्र को तैयारी में NCERT के महत्व का पता चलता हैं। पिछले वर्ष 2025 के All India Topper महेश कुमार और 2024 के All India Topper जतिन गोयल, पंकज बुरड़क जैसे छात्रों ने हमें बताया कि भविष्य में नीट 2026 की तैयारी करने वाले छात्र सबसे पहले NCERT की पुस्तकों से पाठ्यक्रम को पूरा करें और सभी विषयों के महत्वपूर्ण टॉपिक्स को अलग करें, इन टॉपिक्स की अवधारणाओं को गहन रूप से समझें। उसके बाद ही अन्य पुस्तकों का सहारा लें।

कैसे बचें?

  •  छात्र NTA की वेबसाइट से आधिकारिक NEET पाठ्यक्रम Download करके उसका गहन विश्लेषण करें
  • सभी विषयों की एक Checklist तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक विषय के सभी टॉपिक कवर कर लिए हैं।
  • NTA नीट का पेपर बनाते समय भौतिक (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और जीव विज्ञान (Biology) की NCERT पुस्तकों को हमेशा शीर्ष पर रखता है इसलिए छात्र इन्हें किसी भी हाल में अनदेखा न करें।

2. जरूरत से ज्यादा अध्ययन सामग्री (Study Material) रखना

नीट यूजी की तैयारी करने वाले लाखों छात्र हैं लेकिन सफल कुछ ही होते हैं। हजारों छात्रों की असफलता का कारण यह भी होता हैं कि वो अपने पाठ्यक्रम की निर्धारित अध्ययन सामग्री नहीं रखते हैं। एक ही विषय के लिए कई किताबें, नोट्स रखते हैं या फिर कई जगहों से क्लासेज लेते हैं जिससे वो बिना काम के Study Material के जाल में फंसकर अपना समय बर्बाद कर लेते हैं। इसके लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।

  • बेशक नीट की तैयारी के लिए NCERT आधारभूत सामग्री है तो सभी विषयों की NCERT पुस्तक जरूर पढ़ें
  • Matrix,CLC, Gurukripa, Allen या PCP जैसी किसी भी एक कोचिंग के नोट्स जरूर रखें।
  • अपने तय पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद अन्य किन्हीं पुस्तकों का सहारा ले सकते हैं जो आपकी तैयारी में मददगार साबित हो।

3. Notes बनाने का महत्व न समझना

नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को खुद के नोट्स बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कुछ छात्र लगातार कोचिंग क्लास लेते रहते हैं, कुछ छात्र आजकल ऑनलाइन वीडियो लेक्चर्स लेते रहते हैं लेकिन खुद के नोट्स नहीं बनाते हैं जो कि आगे चलकर उनकी असफलता का कारण बनता है। हमने कई विशेषज्ञों और कोचिंग संस्थानों के सफल बच्चों से पूछा “NEET UG की तैयारी के दौरान नोट्स बनाने का क्या महत्व है?” सभी विशेषज्ञों और सफल छात्रों ने हमें बताया कि खुद छात्र द्वारा बनाए गए नोट्स परीक्षा के समय रिवीजन करने में बहुत मददगार होते हैं। साथ ही ये विषय के कठिन अध्यायों को सीखने में सरल बनाते हैं। जब छात्र हाथ से नोट्स बनाता है तो दिमाग चीजों को ज्यादा तेजी से याद करता है। Revision के समय भी पढ़ने पर चीजों को बेहतर ढंग से समझते हैं। वो सबसे जरूरी हिस्से पर विशेष ध्यान देते है जिससे अनावश्यक चीजों को छोड़ने की कला भी सीख जाते है। रिवीजन के दौरान छात्र अपने लिखे नोट्स से पढ़ता है तो उसे पहले की तरह बड़ी बड़ी किताबें पढ़ने में अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़ता। उसको पता होता कि कौन सा टॉपिक किस जगह पर लिखा है।

छात्र तैयारी के दौरान निम्न तरीकों से नोट्स बना सकते हैं

  • लिखने से पहले अपनी मूल किताब NCERT से अध्याय को पढ़ें। अपने शिक्षक की बातें सुने। विषय को अच्छी जगह से समझने की कोशिश करें,समझने के बाद अपने सरल शब्दों में नोट्स बनाएं।
  • छात्रों को नोट्स बनाते समय किताब से पूरे के पूरे पैराग्राफ को न लिखे। जो मुख्य बात है उसको सरल शब्दों में लिखकर नोट्स बनाएं।
  • नोट्स बनाते समय नोट्स बुक में महत्वपूर्ण तथ्यों को रेखांकित या हाइलाइट करें, जिससे रिवीजन के दौरान आपका सीधा ध्यान मुख्य बात पर जाए।
  • नोट्स साफ और फ्लो चार्ट बनाते हुए बनाए ताकि पढ़ने में इंटरेस्टिंग लगें।

4. पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न न करना

NEET UG की तैयारी करने वाले छात्रों की एक कमी यह होती हैं कि वो पढ़ाई करने के बाद अभ्यास प्रश्न नहीं करते हैं। जबकि पिछले वर्ष के लगभग टॉपर्स ने हमें बताया कि हमने नीट की तैयारी के दौरान जितना पढ़ा उनका अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से नियमित रूप से किया है। कुछ छात्र केवल कोचिंग क्लास लेकर ही अपना समय व्यतीत कर देते हैं जबकि उन्हें पढ़े हुए को एग्जाम तक याद रखने के लिए अभ्यास जरूर करना चाहिए क्योंकि नीट परीक्षा Objective होती हैं, जिसमें वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं।

5. Mock Test परिणामों का विश्लेषण न करना

छात्रों के लिए नीट परीक्षा की तैयारी करते समय सैंपल पेपर्स, पिछले वर्षों के NEET प्रश्नपत्रों (Previous Year Question Papers For NEET 2026) और मॉक टेस्ट के साथ साथ परीक्षा आधारित प्रश्नों का अभ्यास करना तैयारी का एक महत्वपूर्ण अंग है। कुछ छात्र केवल Mock Tests देने पर ही ध्यान देते हैं वे सप्ताह में 2 से 3 मॉक टेस्ट देते हैं लेकिन उनका विश्लेषण नहीं करते हैं,अपनी वास्तविक रैंक नहीं देखते और अपनी कमजोरियों को अनदेखा कर देते हैं जोकि परीक्षा में खराब प्रदर्शन होने का कारण बन जाता हैं। इस दृष्टिकोण से अंधेरे में तीर चलाने जैसा है,जिसके निशाने पर लगने की कोई गारंटी नहीं है।

मॉक टेस्ट का विश्लेषण किस प्रकार सहायक है

  • मॉक टेस्ट का विश्लेषण करने से छात्रों को अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने में मदद करता है।
  • विश्लेषण करने से परीक्षा में समय प्रबंधन करने में महारत हासिल होती हैं जिससे वास्तविक परीक्षा में प्रश्न छूटने की संभावना कम हो जाती हैं।
  • छात्रों को अपने द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियों का पता चल जाता है मॉक टेस्ट विश्लेषण में उन्हें पहचान कर सुधारा जा सकता है।

6. नियमित अध्ययन न करना

सफल छात्र इस परीक्षा की तैयारी करते समय सबसे पहले एक प्रभावी और नियमित अध्ययन योजना बनाते हैं लेकिन अधिकांश छात्र ऐसा नहीं करते हैं उनका कोई फिक्स शेड्यूल नहीं होता हैं,उनकी पढ़ाई में नियमितता नहीं होती और वे असफल हो जाते हैं इसलिए यह सबसे जरूरी है कि एक व्यावहारिक समय सारणी बनाकर नियमित रूप से अध्ययन किया जाए।

छात्रों को नियमित अध्ययन योजना बनाने के लिए कोचिंग संस्थानों के उन विशेषज्ञ शिक्षकों से सहायता लेनी चाहिए जो उनकी दैनिक दिनचर्या का विश्लेषण करते हैं और एक अध्ययन योजना बनाने में मदद करते हैं। नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को नियमित रूप से सभी विषयों का अध्ययन करना चाहिए। एक ही विषय को पढ़ने की प्रवृति मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों में देखी जाती हैं। हमें छात्रों से बातचीत करने पर पता चला कि अधिकांश छात्र जो नीट की तैयारी कर रहे हैं वो जीव विज्ञान विषय को सबसे ज्यादा पढ़ते है ऐसा करने पर उनके केवल उसी विषय में अच्छे नंबर आते हैं जबकि अन्य विषयों में नहीं। ऐसा होने पर वास्तविक परीक्षा में उनकी रैंक नहीं बन पाती और कई बार असफल भी हो जाते हैं।

7. किसी विषय के लिए अति आत्मविश्वासी होना

नीट यूजी परीक्षा में बैठने वाले छात्रों में से कुछ छात्र किसी एक विषय के लिए अति आत्मविश्वासी हो जाते हैं। वो सोचते हैं यह विषय तो मुझे आता है इसको आखिरी समय में पढ़ लेंगे या थोड़ा पढ़कर छोड़ देते हैं। ऐसा करने से उस छात्र को विषय में कम अंक प्राप्त होते हैं जो उसकी सफलता एवं कम रैंक आने का कारण बन जाता है।

नीट यूजी परीक्षा के शीर्ष कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों की मान्यता है कि नीट की तैयारी के दौरान कभी भी छात्र को अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। उसको हमेशा विषय की मूलभूत अवधारणाओं को सीखने, उसमें सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे परीक्षा में उस विषय के भाग में सामान्य गलतियां होने की संभावनाएं कम हो जाती है,और उन्हें नकारात्मक अंक के नुकसान से बचने में मदद मिलती हैं।

8. नकारात्मक अंक प्रणाली (Negative Marking) को न समझना 

नीट यूजी की तैयारी करने वाले छात्रों को बार बार सलाह दी जाती है कि वे इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले नीट परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लें। इस पैटर्न के बारे में Matrix, CLC, Gurukripa, Allen, PCP, जैसे संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा भी छात्रों को समय समय पर बताया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के अनुसार छात्रों को परीक्षा में प्रत्येक सही प्रश्न के जवाब पर चार अंक दिए जाते हैं तथा प्रत्येक गलत उत्तर पर एक अंक काट लिया जाएगा। नीट परीक्षा में नकारात्मक अंक प्रणाली से इसका कठिनाई स्तर कई गुना बढ़ जाता हैं। इसलिए छात्रों को यह परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ स्मार्ट वर्क भी करना होगा। छात्रों को परीक्षा में अनुमानों के आधार पर सवालों का जवाब नहीं देना चाहिए इससे प्रश्न गलत होने की संभावना बढ़ जाती हैं और अंततः नकारात्मक अंक मिलते हैं।

9. कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न करना

नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में वो छात्र भी काफी संख्या में होते हैं जो 11वीं – 12वीं कक्षा के साथ ही तैयारी शुरू कर देते हैं। इनमें से कई छात्र 12th के साथ ही NEET UG में अच्छी रैंक सिक्योर कर लेते हैं। जिसकी वजह से इस तरह का प्रचलन बढ़ा है। इन छात्रों की सबसे बड़ी समस्या होती हैं कोचिंग और स्कूल के समय का उचित प्रबंध न होना। इसके लिए छात्रों को निम्न तरीकों से अपने समय का प्रबंधन करना चाहिए।

• अपने स्कूल के समय का पूरा उपयोग करें

इसके लिए 12 वीं के साथ जिन छात्रों ने NEET UG 2025 में शानदार रैंक हासिल की उनका कहना है कि 11वीं 12वीं फाउंडेशन के साथ नीट की तैयारी करने वाले छात्र कक्षा में होने वाली पढ़ाई संबंधित चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लें, ऐसे नोट्स बनाएँ जो स्कूल परीक्षाओं और NEET दोनों में मददगार बने और खाली समय या ब्रेक का उपयोग कठिन विषयों जैसे जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की अवधारणाओं को दोहराने में करें। स्कूल के समय में ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचना चाहिए।

• समय-सीमा निर्धारित करें

12वीं के साथ शीर्ष स्थान हासिल करने वाले छात्रों और कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों ने इस बात पर बल दिया है कि स्कूल के साथ नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अलग-अलग कार्यों के लिए विशिष्ट समय निर्धारित करें। जैसे- सुबह स्कूल की पढ़ाई के लिए, दोपहर NEET के लिए और शाम को रिवीजन के लिए। यह निर्धारण करना अति आवश्यक है कुछ बच्चे ऐसा नहीं कर पाते और उनका समय व्यर्थ हो जाता है।

NEET कोचिंग्स की भूमिका 

नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करवाने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में सीकर ही नहीं बल्कि देशभर में प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान है जो छात्रों को लगातार मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं। पिछले कुछ समय में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ संस्थानों ने अपनी गुणवत्ता को छात्र हितों को ध्यान में रखकर बढ़ाया है जबकि कुछ ने समझौता किया है। जिसके परिणामस्वरूप कोचिंग संस्थानों से छात्रों का मोह भंग हुआ है। आप भी अगर नीट यूजी परीक्षा 2026 की तैयारी कर रहें हैं तो संस्थानों द्वारा होने वाली गलतियों के बारे में जानना चाहिए। वर्तमान में कुछ संस्थान निम्न गलतियां कर रहे हैं।

1. छात्रों पर पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाना,

2. अप्रभावी और अत्यधिक Mock Tests लेना,

3. Revision ना करवाना,

4. छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करना।

1. छात्रों पर पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाना

वर्तमान समय में NEET UG परीक्षा की कठिनता बढ़ी है और यही कारण है कि कोचिंगों की आपसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। इस प्रतिस्पर्धा में विद्यार्थियों पर पढ़ाई का दबाव भी बढ़ा है। बेशक यह कार्य तेजी से सीखने वाले छात्रों के लिए तो हित में होता है, लेकिन औसत छात्र के लिए यह हितकर नहीं है। NEET UG की तैयारी करने वाले छात्रों को ऐसे कोचिंग संस्थानों को पहचान कर उनसे बचना चाहिए।

सीकर में Matrix, CLC, Gurukripa, PCP जैसे संस्थान वास्तविक परिणाम देते हैं। ये प्रत्येक छात्र की क्षमता के अनुसार उनको व्यक्तिगत परामर्श देकर परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। छात्रों को परीक्षा उपयोगी अवधारणाओं को रटाने के बजाय सिखाने पर जोर देते हैं। इसलिए छात्रों के लिए जरुरी है कि उन्हें अपनी तैयारी करने के लिए एक सही, उचित गुणवत्तापूर्ण कोचिंग संस्थान में प्रवेश लें। 

2. अप्रभावी और अत्यधिक Mock Tests लेना

नीट यूजी की तैयारी के लिए कठिन मेहनत की आवश्यकता होती है। इस कठिन मेहनत और प्रयास से ही लाखों छात्रों से आज की बढ़ती प्रतिस्पर्धा में आगे निकला जा सकता है। तैयारी के दौरान विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री को काम में लिया जाता हैं। जिसमें अब Mock Tests का महत्व भी कम नहीं है लेकिन आजकल कई कोचिंग संस्थान अत्यधिक मॉक टेस्ट लेते हैं जैसे सप्ताह में 2 से अधिक मॉक टेस्ट लेना। या कुछ संस्थानों द्वारा मॉक टेस्ट का विश्लेषण नहीं करवाना। कोचिंग संस्थानों की इन कमियों के कारण छात्रों को तैयारी में वो बढ़त नहीं मिल पाती जिससे वो एक अच्छी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पा सकें।

सीकर की कोचिंग संस्थानों में यह प्रवृति बहुत ही कम है। यहां के कोचिंग संस्थान सबसे पहले छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा कराते हैं, उसके बाद NEET परीक्षा विशेषज्ञ कठिन टॉपिक को अलग छांटकर छात्रों को उनकी अवधारणाएं सिखाने पर जोर देते हैं। Matrix, CLC, Gurukripa, PCP जैसे संस्थान तो Mock Test परिणामों के आधार पर छात्रों की अलग अलग रैंक जारी करते हैं साथ ही छात्र को पाठ्यक्रम के किस हिस्से में कम अंक प्राप्त हुए उससे भी अवगत कराते हैं। ये संस्थान प्रत्येक Mock Test के बाद उनका विषय विशेषज्ञों से गहन विश्लेषण करवाते हैं क्योंकि इससे छात्रों की समझ विकसित होती हैं। छात्रों को ऐसे कोचिंग संस्थानों से कभी भी तैयारी नहीं करनी चाहिए जो छात्रों को डराने के लिए कठिन एवम् अप्रभावी अभ्यास प्रश्न करवाते हैं।

3. Revision ना करवाना

नीट यूजी की तैयारी करवाने वाले कई संस्थानों की सबसे बड़ी गलती यह होती हैं कि वो छात्रों के पाठ्यक्रम (Syllabus) को जल्दी से जल्दी पूरा करने पर ध्यान देते हैं। ऐसी कोचिंग संस्थानों की फैकल्टी कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों की वास्तविक समस्या पर ध्यान नहीं दे पाते।

नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को कोचिंग का चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद संस्थान के शिक्षक सभी विषयों का Multiple Revision करवाते हैं या नहीं क्योंकि, रिवीजन से ही छात्रों को चीजें लंबे समय तक याद रह पाती हैं। रिवीजन करवाने पर ही पाठ्यक्रम के छूटे हुए या कठिन हिस्से का पता लगाया जा सकता है। इसलिए बार बार परीक्षा तक तैयारी करवाने वाले संस्थान का चुनाव नीट परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र को करना चाहिए।

4. छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करना।

मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। कोचिंग संस्थानों में छात्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव रहता है। सुबह स्कूल, फिर घंटों की कोचिंग क्लासेज और फिर देर रात तक पढ़ाई यह दिनचर्या छात्रों को थका देती हैं। इससे शारीरिक थकान के साथ साथ मानसिक थकान भी आती हैं। आजकल कई कोचिंग संस्थान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं उन्हें केवल पढ़ाने से मतलब होता हैं। इसलिए छात्रों को Matrix NEET Division जैसी सीकर की संस्था में प्रवेश लेना चाहिए। यहां मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के द्वारा समय समय पर काउंसलर छात्रों की काउंसलिंग की जाती हैं। यहां के शिक्षकों का बच्चों से व्यवहार भी मित्रतापूर्ण किया जाता हैं। समय समय पर छात्रों को खेल – कूद और मनोरंजन जैसी क्रियाएं करवाई जाती हैं जिससे छात्रों में अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं नहीं होती।

इसलिए जरूरी है कि NEET UG प्रवेश परीक्षा की कोचिंग चुनते समय छात्र इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें।

निष्कर्ष

NEET का मतलब सिर्फ कठिन मेहनत और परिश्रम से पढ़ाई करना ही नहीं है- यह सही योजना,सोच और अनुशासन पर आधारित परीक्षा है। कई छात्र कड़ी मेहनत करते हैं,लेकिन फिर भी कुछ सामान्य गलतियाँ करते है जो उनकी प्रगति को धीमा करती हैं और आखिर में परिणाम अपेक्षाओं के अनुसार नहीं आता। अगर वर्ष 2026 की नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र इन गलतियों से बचेंगे तो उन्हें तैयारी में आसानी होगी। नीट की तैयारी इस बात पर तो निर्भर करती ही हैं कि आपने कितनी मेहनत की है लेकिन यह बात और महत्वपूर्ण हो जाती हैं कि आपने इसे कितनी समझदारी, Smart Work से की है। इसलिए सकारात्मक रहें और उन छोटी – छोटी चीजों में सुधार करें जहां अधिकांश छात्र गलतियां करते हैं।

याद रखें :-

  • देर से शुरू मत करो, अभी शुरू करो। एक ऐसी कोचिंग संस्थान में प्रवेश लें जहां, विस्तृत एवं निर्देशित बैच उपलब्ध हो और परीक्षा तक आपके सहयोगी बनें।
  • जो सिद्धांत आपने तैयारी के दौरान बनाए उनको व्यवहार के साथ संतुलित करें एवम् अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहें।
  • हर दिन एकरूपता बनाए रखें, नियमित अध्ययन को महत्व दें।
  • और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह जान लें कि आप यह सब क्यों कर रहे हैं आपका आखिरी सपना एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाकर समाज में अच्छा डॉक्टर बनना है।

FAQs

NEET परीक्षा की तैयारी में होने वाली सबसे आम गलतियाँ क्या हैं?

ज्यादातर छात्रों की गलती NCERT के महत्व को न समझना, मॉक टेस्ट नहीं देना, रिवीजन नहीं करना और परीक्षा के दौरान घबरा जाना। आप अगर नीट परीक्षा देने वाले है तो व्यवस्थित अध्ययन योजना बनाकर और नियमित अभ्यास करके तैयारी कर सकते हैं।

NEET UG परीक्षा 2026 से पहले मुझे कितने मॉक टेस्ट देने चाहिए?

NEET परीक्षा से पहले विशेषज्ञों के अनुसार आपको कम से कम 50 से 60 मॉक टेस्ट देने चाहिए। जितने भी मॉक टेस्ट दे उनका विश्लेषण जरूर करें। उनमें होने वाली गलतियों पर ध्यान दें और कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करें।

NEET 2026 में सिलेबस में कोई बदलाव आएगा?

अभी तक NTA (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) ने कोई बदलाव नहीं बताया है। लेकिन आधिकारिक वेबसाइट (nta.ac.in) पर नजर रखें। अभी तैयारी के लिए पुराना सिलेबस ही फॉलो करें, लेकिन NCERT पर फोकस रखें।

NEET UG परीक्षा में Silly Mistakes को किस तरह रोक सकते हैं?

NEET परीक्षा में Silly Mistakes को रोकने के लिए प्रश्नों को ध्यानपुर्वक पढ़ना चाहिए, महत्वपूर्ण शब्दों को हाइलाइट कर लेना चाहिए और परीक्षा ध्यान केंद्रित करते हुए धैर्यपूर्वक देनी चाहिए।

NEET परीक्षा के लिए Revision की क्या रणनीति रखनी चाहिए?

छात्रों को NEET नीट परीक्षा की तैयारी करते समय नियमित रूप से शॉर्ट नोट्स, डायग्राम्स, फ्लो चार्ट के माध्यम से Revision करना चाहिए। इसके अतिरिक्त छात्रों को अपने कमजोर विषयों को अतिरिक्त समय देना चाहिए।

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