Engineer बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
वर्तमान समय में भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में औद्योगिक और तकनीकी विकास तेजी से बढ़ रहा है। इस विकास और बदलाव में इंजीनियर्स का बहुत बड़ा योगदान है। ये इंजीनियर ही विकासात्मक कार्यों की रुपरेखा बनाते हैं, उनको लागू करवाते हैं और तकनीकी क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटते हैं। इन तथ्यों से पता चलता है की इंजीनियरिंग एक बहुत बड़ा, प्रतिष्ठित और तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। इन्हीं बातों से आज हर कोई इंजीनियर बनना चाहता है, लेकिन ग्रामीण पृष्ठ्भूमि के कम ही छात्रों और अभिभावकों को पता होता है कि एक प्रतिष्ठित इंजीनियर बनने के लिए क्या करना चाहिए, कौन सी पढाई किस विषय से करनी चाहिए और इसके लिए कौन सा, सरकारी या प्राइवेट, सबसे अच्छा कॉलेज है?
यहाँ हमने इन्हीं अभिभावकों और छात्रों की समस्या के लिए चरणबद्ध तरीके से Engineer बनने की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई है। इस जानकारी को प्रामाणिक स्रोतों, प्रतिष्ठित कॉलेजों के शिक्षकों, करियर गाइड्स और इंजीनियरिंग के लिए प्रारम्भिक प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग विषेशज्ञों से हुई विशेष बातचीत के आधार पर लिखा है।
Engineer (अभियंता) क्या होता है?
एक इंजीनियर वह व्यक्ति होता है जो विभिन्न प्रकार के उद्योगों, कंपनियों में विकासात्मक योजनाओं, उत्पादों और प्रक्रियाओं को डिजाइन, विकसित और बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक और गणितीय सिद्धांतों को लागू करता है। ये आने वाली समस्याओं को हल करने, उद्योग एवं समाज को लाभ पहुंचाने वाले तंत्र को बनाने में अपनी विशेषज्ञता (Expertise) का उपयोग करते हैं। Engineers (अभियंता) कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं, जिसमें Civil (नागरिक) Mechanical (यांत्रिक) Electrical (विद्युत) Chemical (रासायनिक) और Software (संगणकीय विधा) इंजीनियरिंग शामिल हैं। ये अपने तकनीकी ज्ञान (Technical Knowledge) और कौशल का उपयोग विभिन्न प्रणालियों और प्रक्रियाओं पर शोध (Research), विकास (Development) , परीक्षण (Experimentation) और विश्लेषण (analysis) करने के लिए करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर नई या बेहतर सामग्री और उत्पाद बनाते हैं।
एक इंजीनियर ऐसे Project (परियोजना) पर काम करता है जो पुल, राजमार्ग और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण से लेकर रोबोटिक्स जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों से संबंधित सकता है। इस भूमिका में इंजीनियर अक्सर अन्य पेशेवरों, जैसे वैज्ञानिक, तकनीशियन, वास्तुकार, व्यवसायी और सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाएँ सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल है।
इंजीनियर कैसे बन सकते है?
आपने जान लिया की इंजीनियर क्या होता है, और सतही तौर पर आपने यह भी जाना कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्य कौन से हैं। अब आपको इंजीनयर्स के प्रकार जानने से पहले यह जानना चाहिए कि इंजीनियर कैसे बन सकते है? इंजीनियर बनने के लिए आपको सरकारी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों से बीटेक, बीआर्क,बीई, एमई या अन्य डिग्री करनी होगी।
वर्तमान समय में सरकारी और निजी कॉलेजों दोनों से ही इंजीनियरिंग की ग्रेजुएशन पूरी की जा सकती है। मेरे विचार में निजी कॉलेजों से ग्रेजुएशन पूरी करने पर उतना फायदा नहीं मिल पाता, जितना भारत में प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी करने पर मिलता है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि भारत में निजी कॉलेजों से इंजीयरिंग की पढाई करना अत्यंत खर्चीला है। यहाँ प्रति सेमेस्टर विद्यार्थियों से अत्यधिक फीस वसूली जाती है, जो आम भारतीय या मध्यम वर्गीय ग्रामीण परिवारों के लिए वहनीय नहीं होता। इसलिए अभिभावक और बच्चे चाहते हैं कि, उन्हें इंजीनियरिंग की पढाई करने के लिए भारत की 23 प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेजों में से किसी एक में प्रवेश मिल जाये।
प्रतिष्ठित इंजीनियर कैसे बनें?
इंजीनियर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि छात्र ने कक्षा 10वीं के बाद मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या जीव विज्ञान (PCM/B) के साथ 12वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में पूरी की हो, क्योंकि साइंस स्ट्रीम के छात्र ही इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं। उच्च योग्यता प्राप्त इंजीनियर बनने के लिए आपको आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी जैसे प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना होगा।
आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी आदि इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए छात्रों को JEE Main, JEE Advanced, GATE, UGET, BITSAT जैसी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। छात्रों को इन परीक्षाओं में से किसी एक परीक्षा में प्राप्त रैंक के अनुसार उन्हें कॉलेज आवंटित किया जाता है। कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों में अंग्रेजी, कंप्यूटर विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में भी अच्छे अंकों की आवश्यकता होती है। जो आपको JoSSA की कॉउंसलिंग प्रक्रिया में विस्तृत रूप से बताई जाती है। यह कॉउंसलिंग प्रक्रिया JEE Main और JEE Advanced परीक्षा पास करने वाले छात्रों के लिए अपनाई जाती है।
इंजीनियरिंग के लिए शीर्ष कॉलेज: NIRF Ranking
भारत दुनिया के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) का घर है। भारत में कुल 23 IIT हैं, जो देश भर में फैले हुए हैं। ये संस्थान विभिन्न स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) और डॉक्टरेट (PhD) पाठ्यक्रमों के लिए जाने जाते हैं। यदि छात्र इन प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के इच्छुक हैं, तो उनके लिए यह जानना आवश्यक है उनकी NIRF रैंक क्या है और वे कहां स्थित हैं (NIRF का अर्थ है राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क – जो भारत सरकार द्वारा शिक्षण, अनुसंधान, प्लेसमेंट और सुविधाओं जैसी चीजों के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को रैंक करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रणाली है)। NIRF रैंकिंग लिस्ट के आधार पर भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान निम्न है:
| रैंक | संस्थान का नाम | शहर |
| 1 | Indian Institute of Technology Madras | Chennai |
| 2 | Indian Institute of Science | Bengaluru |
| 3 | Indian Institute of Technology Bombay | Mumbai |
| 4 | Indian Institute of Technology Delhi | New Delhi |
| 5 | Indian Institute of Technology Kanpur | Kanpur |
| 6 | Indian Institute of Technology Kharagpur | Kharagpur |
| 7 | Indian Institute of Technology Roorkee | Roorkee |
| 8 | All India Institute of Medical Sciences, Delhi | New Delhi |
| 9 | Jawaharlal Nehru University | New Delhi |
| 10 | Banaras Hindu University | Varanasi |
| 11 | Indian Institute of Technology Guwahati | Guwahati |
| 12 | Indian Institute of Technology Hyderabad | Hyderabad |
| 13 | Jamia Millia Islamia | New Delhi |
| 14 | Manipal Academy of Higher Education-Manipal | Manipal |
| 15 | University of Delhi | Delhi |
| 16 | Birla Institute of Technology & Science -Pilani | Pilani |
| 17 | Amrita Vishwa Vidyapeetham | Coimbatore |
| 18 | Jadavpur University | Kolkata |
| 19 | Aligarh Muslim University | Aligarh |
| 20 | Homi Bhabha National Institute | Mumbai |
| 21 | Vellore Institute of Technology | Vellore |
| 22 | S.R.M. Institute of Science and Technology | Chennai |
| 23 | Saveetha Institute of Medical and Technical Sciences | Chennai |
| 24 | Indian Agricultural Research Institute | New Delhi |
| 25 | Siksha `O` Anusandhan | Bhubaneswar |
| 26 | University of Hyderabad | Hyderabad |
| 27 | Kalinga Institute of Industrial Technology | Bhubaneswar |
| 27 | Indian Institute of Technology Indore | Indore |
| 29 | Anna University | Chennai |
| 30 | National Institute of Technology Tiruchirappalli | Tiruchirappalli |
| 31 | Indian Institute of Technology (Banaras Hindu University) Varanasi | Varanasi |
| 32 | Chandigarh University | Mohali |
| 33 | Post Graduate Institute of Medical Education and Research | Chandigarh |
| 34 | National Institute of Technology Rourkela | Rourkela |
| 35 | Indian Institute of Technology (Indian School of Mines) | Dhanbad |
| 36 | Indian Institute of Technology Patna | Patna |
| 37 | Amity University | Gautam Budh Nagar |
| 38 | JSS Academy of Higher Education and Research | Mysuru |
| 39 | Indian Institute of Technology Gandhinagar | Gandhinagar |
| 40 | Symbiosis International | Pune |
| 41 | Andhra University, Visakhapatnam | Visakhapatnam |
| 42 | Kerala University | Thiruvananthapuram |
| 43 | Jawaharlal Institute of Post Graduate Medical Education & Research | Puducherry |
| 44 | Thapar Institute of Engineering and Technology (Deemed University) | Patiala |
| 45 | National Institute of Technology Calicut | Kozhikode |
| 46 | Koneru Lakshmaiah Education Foundation University (K L College of Engineering) | Vaddeswaram |
| 47 | Calcutta University | Kolkata |
| 48 | Kalasalingam Academy of Research and Education | Krishnan Koil |
| 49 | Lovely Professional University | Phagwara |
| 50 | Cochin University of Science and Technology | Cochin |
इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षा
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा वे परीक्षाएं हैं, जो इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती हैं। भारत में, सबसे प्रमुख राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा JEE Main है, जो JEE Advanced के माध्यम से IITs में प्रवेश के लिए भी एक पात्रता परीक्षा के रूप में कार्य करती है। इसके अतिरिक्त VITEEE, MHT CET, और WBJEE जैसी कई अन्य राष्ट्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं भी उपलब्ध हैं।
प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में प्रवेश लेने की प्रक्रिया
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों और अभिभावकों को यह पता होना चाहिए कि उनके बच्चे को कौन सी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देनी चाहिए। IIT, IIIT, NIT जैसे सरकारी संस्थान में प्रवेश के लिए वर्ष में 2 बार JEE Main परीक्षा का आयोजन होता है, इस परीक्षा के शीर्ष 2,50,000 छात्र JEE Advanced परीक्षा के लिए पात्र होते है। JEE Advanced परीक्षा में छात्रों को उनकी रैंक और श्रेणी (Category) के आधार पर भारत के प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
अर्द्धसरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया
देशभर के राज्यों के संस्थान, अर्द्धसरकारी और निजी संस्थान इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करवाते है, जो संक्षिप्त रूप में निम्न है;
| क्रम संख्या | इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा | संचालक निकाय (Conducting Agency) |
| 1. | WBJEE | पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड (West Bengal) |
| 2. | BITSAT | बिट्स पिलानी |
| 3. | MATE | मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन |
| 4. | COMEDK UET | कंसॉर्टियम ऑफ मेडिकल, इंजीनियरिंग ऐंड डेंटल कॉलेजेज ऑफ कर्नाटक (COMEDK) |
| 5. | KIITEE | कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ( KIIT भुवनेश्वर, ओडिसा ) |
| 6. | MHT CET | स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल, मुंबई (महाराष्ट्र) |
| 7. | VIETEEE | विशाखा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, काकीनाडा (आंध्रप्रदेश) |
| 8. | AP EAMCET | जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, अनंतपुर (आंध्रप्रदेश) |
| 9. | SRMJEEE | SRM इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अमरावती (पहले SRM यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता था) |
इंजीनियरिंग की प्रमुख शाखाएं (Branches) और पाठ्यक्रम (Course)
इंजीनियरिंग संस्थान विभिन्न स्तरों पर अलग – अलग पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जिनमें स्नातक (UG), परास्नातक (PG) और डॉक्टरेट (PhD) कार्यक्रम शामिल हैं। प्रमुख पाठ्यक्रमों में B.Tech, M.Tech, MBA, MSc, और PhD शामिल हैं। इंजीनियरिंग की कुछ टॉप ब्रांचें जिनमें, प्रत्येक छात्र प्रवेश लेना चाहता है।
| शाखा (Branch) | संचालित कोर्स की जानकारी |
| कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) | प्रोग्रामिंग, एल्गोरिदम, डेटाबेस, ओएस, नेटवर्किंग जैसे नए आधुनिक टेक्नोलॉजिकल कांसेप्ट को सीखना |
| इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE) | एनालॉग/डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमी कंडक्टर उपकरण, सिग्नल प्रोसेसिंग का अध्ययन करना |
| मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME) | सीएडी/सीएएम, ऊर्जा रूपांतरण, मशीन डिजाइन, थर्मो-फ्लुइड्स, आदि का अध्ययन |
| सिविल इंजीनियरिंग (CE) | संरचनात्मक विश्लेषण, निर्माण सामग्री, भूकंप इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग |
| इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE) | इसमें विद्युत मशीनें, विद्युत उत्पादन, नियंत्रण प्रणालियां, संचरण शामिल हैं, जिनका गहन अध्ययन किया जाता है। |
इसके अलावा, कुछ IIT में विशेष स्नातक कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जैसे:
- सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDIT)
- चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मास्टर (MMST)
- बौद्धिक संपदा कानून में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDIPL)
- समुद्री संचालन और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGDMOM)
- शहर नियोजन में मास्टर (MCP)
- डिजाइन में मास्टर (MDes)
इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Engineers)
आपने ऊपर जाना कि एक सफल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं, उसके लिए क्या प्रक्रिया होती है, और कौनसी कॉलेज सबसे अच्छी कॉलेज है। अब जानते हैं कि इंजीनियर कितने प्रकार के होते है? यह प्रकार उनकी कार्यों के आधार पर बांटे गए है। देशभर कि कॉलेजों में कई प्रमुख इंजीनियरिंग ब्रांच हैं जिन्हे आप यहां से जान सकते हैं
- सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) – सड़क, भवन, सुरंग, बाँध और पुल जैसे सार्वजनिक कार्यों का निर्माण और रखरखाव करते हैं।
- मैकेनिकल इंजीनियर (Mechanical Engineer) – मशीनों और यांत्रिक प्रणालियों का डिज़ाइन, विकास, परीक्षण, निर्माण करते हैं।
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (Electrical Engineer) – विद्युत प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोप्रोसेसर और बिजली उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- केमिकल इंजीनियर (Chemical Engineer) – फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा, खाद्य उत्पादन आदि जैसे क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने के लिए रसायन विज्ञान के सिद्धांतों को लागू करते हैं।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) – कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और एप्लिकेशन को डिज़ाइन, विकसित और परीक्षण करते हैं।
- कंप्यूटर इंजीनियर (Computer Engineer)
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर (ECE Engineer)
- एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace Engineer)
- ऑटोमोबाइल इंजीनियर (Automobile Engineer)
- बायोमेडिकल इंजीनियर (Biomedical Engineer)
- एनवायरनमेंटल इंजीनियर (Environmental Engineer)
- इंडस्ट्रियल इंजीनियर (Industrial Engineer)
- मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियर (Mechatronics Engineer)
- माइनिंग इंजीनियर (Mining Engineer)
- पेट्रोलियम इंजीनियर (Petroleum Engineer)
- एग्रीकल्चर इंजीनियर (Agricultural Engineer)
- टेक्सटाइल इंजीनियर (Textile Engineer)
- मरीन इंजीनियर (Marine Engineer)
इन शाखाओं में, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, समुद्री इंजीनियरिंग, परमाणु इंजीनियरिंग, ध्वनि इंजीनियरिंग और विशिष्ट उद्योगों की सेवा करने वाले सैकड़ों विशिष्ट इंजीनियरिंग क्षेत्र है जो निकट भविष्य में तेजी से आगे बढ़ेंगे।
सबसे बड़े इंजीनियरिंग क्षेत्र
नि:संदेह वर्तमान समय में इंजीनियरिंग को एक शानदार करियर माना जाता है, क्योंकि इनका कार्य सीधे तौर पर मानव के विकास से सम्बंधित है। आज इंजीनियरिंग के कई क्षेत्र और उप क्षेत्र बंटे हुए है। हमने मैट्रिक्स जेईई अकडेमी सीकर के विषेशज्ञों से हुई बातचीत के आधार पर भविष्य में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले इंजीनियरिंग क्षेत्रों की पहचान की यह जानकारी उन सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को जाननी चाहिए,जो इंजीनियरिंग को अपना करियर बनाने की सोच रहें है।
कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग (CSE): कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग भविष्य में सबसे अधिक मांग वाली इंजीनियरिंग शाखा है। यह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का एक ऐसा उपक्षेत्र है, जो सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों का उपयोग करने वाली सूचना प्रणालियों के डिजाइन, निष्पादन और प्रबंधन पर केंद्रित है। एक कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियर कम्प्यूटेशनल सिद्धांत और कम्प्यूटेशनल प्रणालियों के डिजाइन का विशेषज्ञ होता है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों का मुख्य आधार कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग है। इससे पता चलता है कि CSE इंजीनियर्स का भविष्य उज्जवल है और कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग (CSE ) की डिग्री पूरी करने के बाद करियर के ढेरों अवसर उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है
- सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Developer)
- फुल स्टैक सॉफ्टवेयर डेवलपर (Full Stack Software Developer)
- डेटा विश्लेषक (Data Annalist)
- डेटा वैज्ञानिक (Data Scientist)
- डेटाबेस प्रशासक (Database Administrator)
- साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ (Cyber Security Expert)
- डेटा इंजीनियर (Data Engineer)
- मशीन लर्निंग इंजीनियर (Machine Learning Engineer)
मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME): यह सबसे विविध और बहुमुखी इंजीनियरिंग क्षेत्रों में से एक है और यह मानव जीवन के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण है। एक मैकेनिकल इंजीनियर एक आइडिया से शुरु करके, उसे एक कार्यात्मक प्रोटोटाइप बनाता है। वह उस प्रोटोटाइप का कई तरीकों से मूल्यांकन (संरचनात्मक, तापीय, कंपन, स्थैतिक, गतिशील आदि) करके उसे कार्य करने लायक उपकरण या मशीन में बदलता है। आज के समय में मैकेनिकल इंजीनियरों की भारी मांग है तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद भी करियर के कई विकल्प उपलब्ध हैं, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं
- खनन इंजीनियर (Mining Engineer)
- जल अभियंता (Water Engineer)
- एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace Engineer)
- यांत्रिक इंजीनियर (Mechanical Engineer)
- ऑटोमोटिव इंजीनियर (Automotive Engineer)
- परमाणु इंजीनियर (Nuclear Engineer)
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (AE): एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग का प्राथमिक क्षेत्र है, जो विमान, अंतरिक्ष यान और संबंधित उपकरणों व प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास, परीक्षण और निर्माण से संबंधित है। परंपरागत रूप से, यह क्षेत्र पृथ्वी के वायुमंडल और अंतरिक्ष उड़ान के मुद्दों पर केंद्रित रहा है, जिसकी दो प्रमुख और परस्पर जुड़ी शाखाएँ हैं: वैमानिकी और अंतरिक्ष यात्री इंजीनियरिंग। यह भी भविष्य में और तेजी से बढ़ने वाला इंजीनियरिंग का प्रमुख क्षेत्र है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद प्रमुख करियर अवसर इस प्रकार हो सकते हैं
- विमान/अंतरिक्ष यान डिजाइनर (Aircraft/Spacecraft Designer)
- डेटा प्रोसेसिंग प्रबंधक (Data Processing Manager)
- सैन्य एयरोस्पेस इंजीनियर (Military Aerospace Engineer)
- निरीक्षक और अनुपालन (Inspector and Compliance)
इनके अलावा भी इंजीनियरिंग के और भी महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिनमें छात्र अपना करियर बना सकतें है:
- ओशनिक इंजीनियरिंग (Oscnic Engineering)
- न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग (Nuclear Engineering)
- बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड बायोकैमिकल इंजीनियरिंग (Biomedical Engineering and Biochemical Engineering)
- एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग (Environmental Engineering)
Skilled Engineer बनने के लिए Internship पूरी करना
आप सब जानते है कि आज के समय में किसी भी डिग्री की तब तक वैल्यू नहीं बनती जब तक आपने अपने फील्ड का कौशल न सीख़ लिया हो। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में Internship का बहुत बड़ा योगदान है। बड़ी बड़ी कम्पनिया इसी के बल पर इंजीनियर्स को जॉब प्लेसमेंट देती है, इसलिए एक सफल इंजीनियर बनने के लिए इंटर्नशिप करनी चाहिए। देशभर की इंजीनियरिंग कॉलेज समर और फाइनल सेमेस्टर की इंटर्नशिप की सुविधा देते हैं। व्यावहारिक उद्योग अनुभव प्राप्त करने के लिए उन्हें पूरा करना महत्वपूर्ण है।
इंजिनियर की नौकरी, कार्य और जिम्मेदारियां (Job Role and Responsibility)
इंजीनियर की नौकरी में एक इंजीनियर द्वारा विज्ञान और गणित के व्यावहारिक ज्ञान का उपयोग करके ऐसी मशीनें, इमारतें, सिस्टम या तकनीक डिज़ाइन करना और बनवाना शामिल है, जो लोगों की ज़िंदगी को आसान और सुरक्षित बनाएं। इंजीनियर का मुख्य काम समस्याओं को समझकर उनके लिए व्यावहारिक और सुरक्षित समाधान तैयार करना, परियोजना की योजना बनाना, डिज़ाइन बनाना, सही सामग्री चुनना और यह देखना होता है कि काम समय पर, बजट में और गुणवत्ता व सुरक्षा मानकों के अनुसार पूरा हो। इसके साथ ही उसे टीम के साथ मिलकर काम करना, साइट या ऑफिस पर काम की निगरानी करना, रिपोर्ट तैयार करना और ज़रूरत पड़ने पर डिज़ाइन या प्लान में सुधार करते रहना भी उसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में आता है। संक्षेप में एक इंजीनियर के सामान्य कर्तव्य निम्न होते है।
अनुसंधान एवं विकास इंजीनियर (Research and Development Engineers)
इन इंजीनियरों के कार्य किसी योजना के लिए गहन खोज और उसकी व्यवहारिकता को परिभाषित करना होता है। उनके कार्यों को हम निम्न बिंदुओं से समझ सकते है।
- किसी परियोजना के दायरे के अनुसार उसके लिए अवधारणा बनाना और उनका व्यवहारिक रूप में काम में लेने से पहले परीक्षण करना।
- किसी परियोजना की व्यवहारिकता जांचना की यह कितनी कार्यशील है अर्थार्त इसके संभावित उपयोग क्या है।
- विकास पद्धत्ति, विभिन्न्न प्रकार के उपकरणों आदि को परिभाषित करना।
- विभिन्न सलाहकारों, तकनीशियनों के बीच क्रॉस संवाद की कड़ी बनना, क्योंकि इन इंजीनियरों पर पूरी कार्य योजना की जिम्मेदारी होती है। ये कार्य की योजना बनाने से लेकर उसके पूरा होने तक की जवाबदेही तय करते है।
डिजाइन इंजीनियर (Design Engineers)
- नए उत्पाद/सॉफ़्टवेयर की इंजीनियरिंग आवश्यकताओं का विश्लेषण करना।
- विनिर्देश तैयार करना, प्रोटोटाइप/वर्कफ़्लो विकसित करना, मॉडल का प्रोटोटाइप तैयार करना।
- किसी कार्य में आने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए असफल प्रोटोटाइप मॉडल्स का परीक्षण करना।
- पायलट प्रोजेक्ट (इसके तहत कार्य का परीक्षण किया जाता है) बनाकर डिज़ाइन को मान्य करना उसको अंतिम अनुमति देना।
परियोजना इंजीनियर (Project Engineers)
इन इंजीनियरों का कार्य विभिन्न परियोजनाओं (Projects ) की सम्पूर्ण रुपरेखा तैयार करना होता है जिसमें निम्न कार्य सम्मिलित किये जा सकते है।
- परियोजना की आवश्यकताओं, प्रौद्योगिकी, लागत, समयसीमा आदि निर्धारित करना।
- परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव, कार्यक्रम, बजट तैयार करन।
- परियोजना के डिज़ाइन, खरीद, निर्माण, असेंबली आदि का समन्वय करना।
- तकनीशियनों, ठेकेदारों की परियोजना टीमों का नेतृत्व करना और मार्गदर्शन प्रदान करना और समय पर कार्य पूरा करवाना आदि महत्वपूर्ण कार्य प्रोजेक्ट इंजीनियरों द्वारा किये जाते है।
निष्कर्ष
इंजीनियर बनने की प्रक्रिया में सिर्फ कोर्स या पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सही मानसिकता, अनुशासन और निरंतर सुधार की इच्छा सबसे अहम होती है। जैसा कि सीकर की बेस्ट कोचिंग “मैट्रिक्स” के संस्थापक कपिल जी ढाका जो खुद IITian रह चुके हैं ये बताते हैं, कि सफलता का रहस्य “लगातार सीखना, मेहनत करना, और असफलताओं से डरना छोड़ देना” है। कपिल जी ने अपनी तैयारी में गहराई से समझ, समय प्रबंधन और समस्या सुलझाने के तरीके अपनाये, वही उन्हें IIT की सफलता तक लेकर गए। इन उदाहरणों से समझा जा सकता है, कि छात्र को चाहिए कि वे पढ़ाई केवल परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वयं के विकास के लिए करे। असली इंजीनियर वह होता है, जो जिज्ञासा के साथ चीजों को देखे, हर सवाल का तार्किक उत्तर ढूंढे और अपने ज्ञान को प्रैक्टिकल रूप में लागू करने की कोशिश करे।
इंजीनियरिंग क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए नियमित अनुशासन, समय प्रबंधन और सकारात्मक मानसिकता का होना आवश्यक है, जो कई सफल इंजिनियरों ने अपनी सफलता की राह में अपनाई। आपकी तैयारी में यही आदतें शामिल हों, तो आप न केवल अपना लक्ष्य हासिल करेंगे, बल्कि एक सक्षम इंजीनियर और बेहतर इंसान भी बनेंगे। इसलिए स्कूली छात्रों और JEE की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह सलाह है कि वे चीजों को गहराई से समझने, रोज़ अभ्यास करने, गलतियों से सीखने, और धैर्य बनाये रखने की आदत विकसित करें। जीवन में सफल इंजीनियर बनने के लिए ये आदतें और मानसिकता ही सबसे महत्वपूर्ण आधार है।
FAQ’s
इंजीनियर बनने के लिए, आपको सबसे पहले 12वीं कक्षा भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या विज्ञान जैसे विषयों के साथ उत्तीर्ण करनी होगी। इसके बाद, आपको JEE, BITSAT, या अन्य राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करके किसी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना होगा। फिर, आप बी.टेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) या बी.ई. (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) की 4 साल की डिग्री पूरी कर सकते हैं। इंजीनियर कैसे बने के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप हमारा ब्लॉग पढ़ सकते है।
हाँ, इंजीनियरिंग आपके लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है क्योंकि, यह क्षेत्र वर्तमान समय में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कई उप क्षेत्र बंटे हुए है जैसे ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग का ही एक अलग भाग है जो निकट भविष्य में तेजी से आगे बढ़ने वाला सेक्टर है।
11वीं और 12वीं में PCM/B (Physics, Chemistry, Maths, or Biology) लेना ज़रूरी होता है। हालाँकि कुछ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में कंप्यूटर विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में भी अच्छे अंकों की आवश्यकता होती है।
भारत में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के रूप में JEE Mains, JEE Advanced, BITSAT, MATE जैसी परीक्षाएं कई सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। आप इनकी विस्तृत जानकारी ऊपर लिखित ब्लॉग में जान सकते है।
इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, केमिकल, सॉफ्टवेयर, आदि विभिन्न ब्रांचें होती है। आप अपनी पसंद के अनुसार इनमें से किसी एक को चुनकर अपने उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हो जहां करियर ग्रोथ की अपार संभावनाएं है।
एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए आपको JEE Main और Advanced परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल करनी होगी इसके लिए आपको मैट्रिक्स, ऐलन, पीसीपी जैसी गुणवत्तापूर्ण कोचिंग से तैयारी करनी चाहिए क्योंकि, यहाँ से प्रतिवर्ष हजारों छात्रों को अच्छे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलता है।




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