CBSE बोर्ड में ग्रेडिंग सिस्टम क्या होता है? पूरी जानकारी
बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा नंबरों के बजाय ग्रेड दिए जाते हैं। विद्यार्थी को ग्रेड के आधार पर ही अपने नंबरों का अंदाजा लगाना होता हैं। CBSE बोर्ड द्वारा यह प्रणाली विद्यार्थियों पर अंकों के पड़ने वाले अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र के अंत में एक ही परीक्षा के बजाय पूरे वर्ष छोटी-छोटी परीक्षाएं लेकर निरन्तर मूल्यांकन होना सुनिश्चित किया जाता हैं।
अगर आप भी ग्रेड्स में छिपे अपने नंबरों के खेल को समझाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल खास तौर पर आपके लिए है। कभी कभी कॉलेजों और कोचिंग्स में एडमिशन लेने के लिए ग्रेड्स के बजाय नंबर मांग लिए जाते हैं इसलिए आपको ग्रेड्स के साथ नंबरों ओर परसेंटेज की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। तो हमनें यहां विशेषज्ञों की मदद से आपको CBSE बोर्ड में ग्रेडिंग सिस्टम की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।
CBSE में ग्रेडिंग प्रणाली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) विद्यार्थियों को ग्रेड देने के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग सिस्टम का पालन करता है। नए CBSE ग्रेडिंग सिस्टम के अनुसार विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में उनके अंकों के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं। CBSE कक्षा 10 की मूल्यांकन योजना में थ्योरी प्रश्न पत्रों के लिए 80 अंक और Internal/Practical Assignment (आंतरिक मूल्यांकन) के लिए 20 अंक निर्धारित करता है। इनके ओवरऑल जोड़ के बाद विद्यार्थियों को ग्रेड दिए जाते हैं। हालांकि 12वीं के छात्र अपने प्रदर्शन के अनुसार प्रतिशत भी निकाल सकते हैं।
CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली विद्यार्थियों के सीखने के स्तर और उनके प्रदर्शन को दर्शाती हैं। A1 (उच्चतम) से लेकर E (निम्नतम) तक के ग्रेड छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों में प्रवेश ओर सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृतियों के लिए महत्वपूर्ण होते है। इन ग्रेड्स के आधार पर विद्यार्थियों की खूबियों, सुधार के क्षेत्रों ओर ओवरऑल प्रयासों को पहचाने में मदद मिलती हैं।
कक्षा 10 के लिए CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 10 के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग स्केल का उपयोग करता है। जिसके द्वारा विद्यार्थी को उसके अंकों के आधार पर A1 से E तक ग्रेड दिए जाते हैं। यह प्रणाली देश भर के स्कूलों के लिए एक समान राष्ट्रीय स्तर की प्रणाली है। यह देश में समानता के मानक सुनिश्चित करती हैं।
CBSE विद्यार्थियों का ग्रेडिंग परिणाम निम्न दोहरी प्रणाली के अनुसार करता है।
- सैद्धांतिक परीक्षा (Theory Paper): 80 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assignment): 20 अंक
आंतरिक मूल्यांकन में शामिल हैं-
1. आवधिक टैस्ट (Periodic Tests) जोकि विद्यार्थियों की वैचारिक समझ ओर धारणा का आंकलन करने के लिए स्कूलों में समय समय पर लिए जाते हैं।
2. नोटबुक जमा करवाना (Notebook Submission) यह छात्रों के अनुशासन और नियमितता को प्रदर्शित करता है।
3. विषय संवर्धन (Subject Enrichment Activities) इसमें छात्रों के बनाए प्रोजेक्ट्स और पाठ्यक्रम शिक्षण का आंकलन किया जाता हैं।
Note:- विद्यार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए दोनों घटकों में न्यूनतम 33% अंक अर्जित करने अनिवार्य होते हैं।
अंको के अनुसार ग्रेडिंग प्रणाली तालिका
| मार्क्स रेंज | श्रेणी | ग्रेड बिंदु |
| 91-100 | ए 1 | 10 |
| 81-90 | ए2 | 9 |
| 71-80 | बी 1 | 8 |
| 61-70 | बी2 | 7 |
| 51-60 | सी 1 | 6 |
| 41-50 | सी2 | 5 |
| 33-40 | डी1 | 4 |
| 21-32 | डी2 | असफल |
| 0-20 | ई | असफल |
ग्रेड का क्या मतलब है?
- ग्रेड A1 : विद्यार्थी को 91 से 100 के बीच अंक प्राप्त हुए हैं। इसका मतलब उसने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
- ग्रेड D : विद्यार्थी को 33 से 40 के बीच अंक प्राप्त हुए हैं। मतलब उसने न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों (33%) से परीक्षा पास की है। यह विद्यार्थी के अच्छे प्रदर्शन को नहीं दर्शाता हैं।
- ग्रेड E1 और E2 : विद्यार्थी को 33 से भी कम अंक प्राप्त हुए हैं यानि वह अनुत्तीर्ण होने को दर्शाता हैं।
कक्षा 12 के लिए CBSE की ग्रेडिंग प्रणाली
CBSE ने वर्ष 2025 में कक्षा 12 के विद्यार्थियों का ओवरऑल प्रदर्शन जांचने के लिए 9 बिंदु ग्रेडिंग सिस्टम को आधार बनाया है। अगर आप भी ग्रेड , ग्रेड के लिए अंको की सीमा, ग्रेड पॉइंट और प्रत्येक ग्रेड का क्या मतलब हैं जानना चाहते हैं तो,यह सारणी देख सकते हैं।
| कक्षा 12 के लिए सीबीएसई ग्रेडिंग प्रणाली 2025 | |||
| ग्रेड | अंको की सीमा | ग्रेड बिंदु | विवरण |
| ए 1 | शीर्ष 1/8 छात्र | 10 | बेहतरीन प्रदर्शन |
| ए 2 | अगला 1/8वां | 9 | उत्कृष्ट प्रदर्शन |
| बी 1 | अगला 1/8वां | 8 | बहुत अच्छा |
| बी 2 | अगला 1/8वां | 7 | अच्छा |
| सी 1 | अगला 1/8वां | 6 | गोरा |
| सी 2 | अगला 1/8वां | 5 | संतोषजनक |
| डी 1 | अगला 1/8वां | 4 | सीमांत |
| डी 2 | अगला 1/8वां | 3 | सुधार की जरूरत |
| ई | 33% से नीचे | – | असफल (आवश्यक दोहराव) |
CBSE ग्रेडिंग सिस्टम की मुख्य विशेषताएं
मैट्रिक्स सीबीएसई स्कूल सीकर के विशेषज्ञों के अनुसार केंदीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ग्रेडिंग सिस्टम की निम्न मुख्य विशेषताएं हैं जो देशभर के विद्यार्थियों में समानता को प्रदर्शित करती हैं।
- किसी छात्र के अन्य सहपाठियों या अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच तुलना करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा यह ग्रेड दिए जाते हैं। जो छात्रों के बीच स्वस्थ तुलना करने को बढ़ावा देता है।
- 9 बिंदु (ग्रेड A से E तक) आधारित ग्रेड स्केल जो देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक समान होता हैं।
- विद्यार्थियों के लिए प्रतिशत आधारित अंक वितरण का उपयोग किया जाता हैं। इस ग्रेड सिस्टम में किसी निश्चित अंक से ग्रेड निर्धारित नहीं किए जाते हैं।
- इस प्रणाली में A1 शीर्ष 1/8 विद्यार्थियों को दिया जाता हैं तथा E ग्रेड अनुत्तीर्ण विद्यार्थी को दर्शाता हैं।
- विद्यार्थियों के सभी विषयों के ओवरऑल प्रदर्शन को जांचने के लिए CGPA (Calculative Grade Point Average) जारी किए जाते हैं।
- CBSE की यह परिणाम प्रणाली विद्यार्थियों के लिए ओवरऑल शिक्षा को बढ़ावा देती हैं और परीक्षा के दबाव को कम करती हैं। इसमें देशभर के छात्र शामिल होते हैं अर्थात देशभर के विद्यार्थियों की प्रतिस्पर्धा स्पष्ट दिखाई देती हैं।
- यह प्रणाली 2020 की NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) का अनुसरण करती हैं जो देशभर के विद्यार्थियों के लिए समान रूप से एकरूपता रखती हैं।
CBSE बोर्ड में CGPA की गणना कैसे की जाती हैं?
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा CGPA की गणना निम्न सरल तरीकों से की जाती हैं। इस तरीके से आप भी अपने 10वीं या 12वीं कक्षा के CGPA ज्ञात कर सकते हैं।
1. अपने प्रमुख पांच विषयों के ग्रेड नोट करें।
2. सभी ग्रेड अंक एक साथ जोड़ लें।
3. अपना CGPA (Calculative Grade Point Average) प्राप्त करने के लिए कुल ग्रेड अंकों के योग को 5 (कुल विषयों) से विभाजित करें अथार्त, सीजीपीए = सभी मुख्य विषयों में प्राप्त ग्रेड अंकों का योग/विषयों की कुल संख्या
4. अपना अनुमानित प्रतिशत जानने के लिए CGPA को 9.5 से गुणा करें।
उदाहरण के लिए:
ग्रेड अंक: 9+8+9+8+6
कुल = 40
CGPA = 40÷5 = 8.0
प्रतिशत जानने के लिए = 8.0 × 9.5 = 76% (अनुमानित)
CBSE परिणामों में CGPA और प्रतिशत अंकों के बीच मुख्य अंतर
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का विद्यार्थियों का परिणाम जारी करने के लिए दो अलग अलग तरीकों का उपयोग करता है।
- CGPA पांच मुख्य विषयों में प्राप्त ग्रेड प्वाइंट का औसत होता हैं इसे अधिकतम 10 प्वाइंट स्केल से दर्शाया जाता हैं। जबकि प्रतिशत 100 में से विद्यार्थी द्वारा कुल प्राप्त अंकों को दर्शाता है।
- CGPA का उपयोग स्कूलों के रिपोर्ट कार्ड में किया जाता हैं। इससे एक विद्यार्थी की क्षमता का आंकलन किया जाता हैं। फिर भी कई कोचिंग संस्थान और कॉलेज प्रवेश देने के लिए प्रतिशत अंक मांगते है। इसलिए प्रतिशत जानने के लिए CGPA को 9.5 से गुणा किया जाता हैं।
CBSE ग्रेडिंग System के लाभ
पारंपरिक अंक आधारित मूल्यांकन की तुलना में ग्रेडिंग सिस्टम के कई लाभ हैं। CBSE ग्रेडिंग सिस्टम के लाभ मुख्य रूप से छात्रों के समग्र विकास, तनाव कम करने और निष्पक्ष मूल्यांकन पर केंद्रित हैं। 2025 तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए रिलेटिव ग्रेडिंग (सापेक्ष ग्रेडिंग) सिस्टम लागू किया है। यह पुरानी 9-बिंदु स्केल को और बेहतर बनाता है। इस सिस्टम से बोर्ड विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड निर्धारित करता है। हमें Matrix High School सीकर और Prince CBSE School के विशेषज्ञों से गहन जानकारी निम्न रूपों में मिली।
1. विद्यार्थियों को निरंतर सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है
CBSE ग्रेडिंग सिस्टम से विद्यार्थियों को उनके ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर सीखने और सुधार करने के लिए प्रेरित करता है। इससे निरंतर वृद्धि ओर विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चे की शक्तियों और कमजोरियों को अच्छी तरह से पहचानने में मदद मिलती है।
2. अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करवाना लक्ष्य
यह प्रणाली विद्यार्थियों को केवल उत्तर रटने के बजाय अवधारणाओं को समझने के लिए बढ़ावा देती हैं। इसका मुख्य लक्ष्य कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित हैं।
3. सभी के लिए निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करना
इस ग्रेडिंग सिस्टम से विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देकर निष्पक्षता सुनिश्चित की जाती हैं। तथा बिना किन्हीं पूर्वाग्रहों के देशभर के विद्यार्थियों के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देती हैं।
4. विद्यार्थियों पर दबाव कम करती हैं
CBSE ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों को सटीक अंक देने के बजाय उनके ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं। जिसे सापेक्ष ग्रेड कहते हैं। उदाहरण के लिए किसी विषय के शीर्ष 1/8 विद्यार्थियों को A1,उसके बाद वालों को A2 आदि ग्रेड देती हैं। विद्यार्थियों को व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जाता हैं। इससे उन पर परीक्षा संबंधित दबाव कम होने में मदद मिलती हैं।
विद्यार्थियों को अपने Grade और CGPA में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
Matrix, Prince, Gurukripa जैसे सीकर के प्रसिद्ध CBSE स्कूलों के शिक्षकों और विशेषज्ञों से हुई हमारी बातचीत के आधार पर 2026 में CBSE बोर्ड की तैयारी कर रहें विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण अध्ययन सुझाव निम्न हैं। जिन्हें अपनाकर विद्यार्थी अपनी परीक्षा में टॉप ग्रेड पा सकते हैं।
Note:- हमने केवल शिक्षण संस्थाओं से ही इस संदर्भ में बातचीत नहीं की बल्कि Matrix High School सीकर की शीर्ष टॉपर छात्रा इशिता कुमारी जिन्होंने 10वीं में सर्वाधिक 99.00% अंक CBSE बोर्ड में प्राप्त किए थे। 12वीं की छात्रा गुनगुन जिन्होंने 98.20% अंक प्राप्त किए थे। इसके अलावा सीकर के Matrix, Prince और Gurukripa के 50+ छात्रों से बातचीत की जिन्होंने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए थे।
- एक उचित अध्ययन समय सारणी बनाएं जो आपके समयानुसार हो,आपके कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करती हो तथा आपके उच्च अंक प्राप्त करने के लक्ष्यों के अनुरूप हो।
- अपने ऊपर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए कठिन कार्यों को सरल कार्यों में विभाजित करके पढ़ाई करने पर जोर दें।
- चीजों को ज्यादा से ज्यादा समझकर याद करने के लिए एक विशिष्ट समय रिवीजन (दोहराव) के लिए निर्धारित करें। उसी के अनुरूप बार बार चीजों को दोहराने पर ध्यान दें।
- अपने ग्रेड को सुधारने के लिए कक्षा के विद्यार्थियों के साथ महत्वपूर्ण अध्यायों पर चर्चा करें और क्लासों में होने वाली ऐसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
- पोमोडोरो तकनीक का उपयोग करके एक परिणाम देई प्रभावी समय प्रबंधन का अभ्यास करें और लंबे समय तक प्रेरित रहने के लिए नियमित रूप से पढ़ाई के दौरान ब्रेक लें।
- कठिन विषयों को सरल बनाने के लिए माइंड मैप, शॉर्ट ट्रिक्स जैसे किन्हीं कठिन शब्दों के शॉर्ट टर्म याद रखना। संक्षिप्त नोट्स में सारणी बनाकर याद करने का प्रयास करें।
- विषयों पर पकड़ बनाने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों (Previous Year Question Papers) को नियमित रूप से हल करें। इससे आपको आभास हो जाएगा कि विषय किस भाग से कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे।
- NCERT पुस्तकों का कोई अन्य विकल्प न ढूंढे। क्योंकि, CBSE प्रश्न पत्र बनाने के लिए इन्हीं पुस्तकों को आधार बनाती हैं।
- सकारात्मक रहें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाए और अच्छे परिणामों के लिए नकारात्मक लोगों से दूरी बनाए। ऐसे लोग आपको लक्ष्य से भटका सकते हैं।
निष्कर्ष
CBSE शिक्षा प्रणाली ने राष्ट्रीय एवं अंतरास्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए एक समान पाठ्यक्रम (Syllabus) और विशिष्ट ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली के साथ उच्च मानक स्थापित किए हैं। CBSE को देशभर में मान्यता एवम् स्वीकृति मिली हुई हैं। इसके सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की अवधारणा ने विद्यार्थियों को अवधारणाओं (Concepts) को रटने के बजाय सीखने पर बल दिया है। CBSE ने अपनी शिक्षा पद्धति में NEP 2020 के अनुसार कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया हैं। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को भविष्य में रोजगार की सुनिश्चितता करना है। इसने छात्रों को सक्रिय रूप से पढ़ाई संबंधित गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। आप भी मैट्रिक्स हाई स्कूल सीकर जैसे उच्च गुणवत्ता के स्कूल में प्रवेश लेकर अपने भविष्य को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। इस संस्थान में CBSE के समस्त मानदंडों का पालन किया जाता हैं जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता हैं।
FAQs
CBSE विद्यार्थियों को ग्रेड प्रदान करने के लिए आंतरिक और बाह्य मूल्यांकन के आधार पर 9 बिंदु ग्रेडिंग स्केल का उपयोग करता हैं। इसमें विद्यार्थियों के सतत और व्यापक मूल्यांकन में विद्यार्थी के ओवरऑल प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता हैं।
ओवरऑल CGPA ज्ञात करने के लिए विद्यार्थी को अपने पांच मुख्य विषयों में प्राप्त अंकों को जोड़कर, पांच से भाग देना चाहिए।
CBSE में पास होने के लिए विद्यार्थी को प्रत्येक विषय में न्यूनतम D ग्रेड प्राप्त करना आवश्यक है। D ग्रेड से कम आने पर फैल माना जाएगा।
हां, CBSE ग्रेडिंग सिस्टम प्रणाली कॉलेज प्रवेश को प्रभावित करती हैं क्योंकि कई कॉलेज CGPA या समकक्ष प्रतिशत स्वीकार करते हैं। कुछ कॉलेज Cut Off प्रतिशत में जारी करते हैं लेकिन कुछ प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
हां, आमतौर पर सीबीएसई CGPA और ग्रेड का उल्लेख मार्कशीट पर करता है।





Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!